
Dakhal News

इटावा । उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में स्थित सफारी पार्क में बब्बर शेरनी रूपा ने तीन शावकों को जन्म दिया है। नवजात तीनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ्य है। सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से शेरनी रूपा और नवजात शावकों के स्वास्थ्य एवं व्यवहार पर पशुपालन विभाग और सफारी पार्क के अधिकारी निगरानी रख रहे हैं। इटावा सफारी पार्क में बब्बर शेरो की संख्या 21 हो गई है।सफारी पार्क के निदेशक डॉक्टर अनिल पटेल ने सोमवार को बताया कि सफारी पार्क के बब्बर शेर प्रजनन केंद्र में बीते 26 जून 2019 को जन्मी बब्बर शेरनी रूपा ने आज तीसरी बार तीन शावकों जन्म दिया है। उन्होंने बताया कि बब्बर शेरनी रूपा की मीटिंग गुजरात से आए बब्बर शेर कान्हा से 5 जनवरी को हुई थी। उन्होंने बताया कि शेरनी रूपा के प्रसव की सम्भावित तिथि 17 से 21 अप्रैल होने के कारण सफारी प्रशासन उस नजर रख रहा था। शेरनी रूपा ने देर रात पहले शावक को 12.35 पर, दूसरे शावक काे 1.42 पर तथा तीसरे शावक को सुबह 5.59 मिनट पर जन्म दिया है। शेरनी रूपा और तीनों नवजात शावक स्वस्थ्य है। शेरनी रूपा शावकों की पूर्ण रूप से देखभाल की जा रही है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व 3 सितंबर 2023 को शेरनी रूपा ने एक शावक को जन्म दिया था, जिसे शेरनी के दूध न पिलाए जाने के कारण कीपर एवं वन्यजीव चिकित्सकों ने हैण्ड फीडिंग कराई गई थी, जो अब डेढ़ वर्ष का हो गया है। इससे पूर्व सफारी पार्क की एक अन्य शेरनी रूपा की मां जेसिका ने वर्ष 2016 में दो नर शावक सिम्बा व सुल्तान, वर्ष 2017 में नर शावक बाहुबली, वर्ष 2019 में दो मादा व एक नर शावक रूपा, सोना और भारत तथा वर्ष 2020 में दो मादा शावक गार्गी व नीरजा को जन्म दिया था। इसके अतिरिक्त सफारी पार्क की दिवंगत शेरनी जेनिफर जो 25 सितंबर 2020 को गुजरात से लाई गई थी तथा जिसकी मां जेसिका है, ने वर्ष 2020 में नर शावक केसरी तथा अगस्त 2022 में एक नर शावक विश्वा को जन्म दिया। निदेशक ने बताया कि यहां पर पैदा हुई बब्बर शेरनी नीरजा ने भी मार्च 2025 में तीन शावकों को जन्म दिया था। जो वर्तमान में एक माह से अधिक के हो चुके है। इस प्रकार सफारी में तीनों नवजात शावकों के अतिरिक्त कुल 16 शावकों ने जन्म लिया है। उन्होंने बताया कि तीनों नवजात शावकों और बब्बर शेरनी रूपा की विशेष देखभाल पशु चिकित्सकों की टीम के द्वारा की जा रही है। सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से शेरनी रूपा एवं नवजात तीनों शावकों के स्वास्थ्य एवं व्यवहार पर पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश के डॉक्टर आरके सिंह, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सफारी पार्क के वन्यजीव चिकित्सक डॉक्टर रॉबिन यादव और डॉक्टर शैलेन्द्र सिंह के द्वारा सतत निगरानी रखी जा रही है।
Dakhal News
आलीराजपुर/ सिंगराैली । मध्य प्रदेश में साेमवार का दिन सड़क हादसाें के नाम रहा। रायसेन और नीमच के बाद अलीराजपुर और सिंगराैली में हुए दाे अलग-अलग सड़क हादसाें में दाे लाेगाें की माैत हाे गई, जबकि करीब 20 लाेग घायल हुए हैं। आलीराजपुर में सड़क किनारे खड़ी ईको कार को एक क्रेटा कार ने टक्कर मार दी। हादसे में ईको कार सवार दो लोगों की मौत हो गई और छह लोग घायल हैं। वहीं सिंगराैली में छतकर्म गांव के पास बारातियों से भरी पिकअप गाड़ी पलट गई। हादसे में 14 लोग घायल हो गए। दाेनाें ही माममाें में पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार पहला मामला अलीराजपुर जिले का है। यहां धार जिले के आली गांव में रहने वाले कुछ लोग साेमवार सुबह शादी समारोह से लौट रहे थे। इस दाैरान सुबह करीब आठ बजे उमराली चौकी क्षेत्र में प्यास लगने पर उन्होंने अपनी ईको कार को सड़क किनारे रोका। इसी दौरान सामने से तेज गति से आ रही गुजरात नंबर की क्रेटा कार ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि ईको कार पलटकर खेत में जा गिरी। क्रेटा कार के भी परखच्चे उड़ गए। हादसे में 50 वर्षीय प्रताप नानला और 40 वर्षीय निर्मला अजय की माैत हाे गई। चौकी प्रभारी शिव तोमर ने घटना की सूचना मिलते ही 108 एंबुलेंस को बुलाया। सभी घायलों को आलीराजपुर के जिला अस्पताल भेजा। यहां उनका इलाज जारी है। मृतक और घायल सभी धार जिले की कुक्षी तहसील के रहने वाले हैं। बारातियों से भरी पिकअप पलटी, 14 लोग घायल वहीं दूसरा मामला सिंगरौली जिले का है। यहां सोमवार सुबह 11 बजे छतकर्म गांव के पास बारातियों से भरी पिकअप गाड़ी पलट गई। हादसे में 14 लोग घायल हो गए। माडा थाना प्रभारी शिवपूजन मिश्रा के अनुसार, करीब 30 बाराती करकोसा गांव से धनहरा गए थे। वापसी के दौरान वाहन अनियंत्रित हो गया, जिससे हादसा हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। सभी घायलों को एंबुलेंस और निजी वाहनों से बैढ़न के ट्रॉमा सेंटर भेजा। घायलों में से दो की स्थिति गंभीर है। अन्य घायलों का भी इलाज जारी है।
Dakhal News
रीवा । मध्य प्रदेश के रीवा जिले में सेमरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम हरदुआ में एक तेज रफ्तार बस बाइक को टक्कर मारने के बाद अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में बाइक सवार दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बस में सवार पांच यात्री घायल हो गए। सूचना मिलते पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य करते हुए बस में फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया है। जानकारी के अनुसार, रीवा से यात्रियों को लेकर बस सेमरिया जा रही थी। रविवार शाम करीब चार बजे ग्राम हरदुआ के पास ओवरटेक करने के चक्कर में बाइक को टक्कर मारने के बाद बस पलट गई और यह हादसा हो गया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर सेमरिया थाना पुलिस पहुंची। पुलिस ने बस में फंसे हुए यात्रियों को बाहर निकाला और घायलों को एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने बताया कि तेज रफ्तार के कारण यह हादसा हुआ। पुलिस ने बस चालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
Dakhal News
जबलपुर । भारतीय रेलवे के समर्पित लोको पायलट भारतीय रेल परिचालन व्यवस्था की रीढ़ हैं, जो देशभर में यात्री एवं मालगाड़ियों को सुरक्षित, समयबद्ध एवं कुशलता से उनके गंतव्य तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनके कार्य वातावरण को और अधिक सहज, सुरक्षित और सुविधा युक्त बनाने के उद्देश्य से रेलवे प्रशासन द्वारा अनेक पहलें की जा रही हैं, जिसमें पश्चिम मध्य रेलवे अग्रणी भूमिका निभा रहा है। रेलवे द्वारा लोकोमोटिव्स की केबिनों को एर्गोनोमिक सीटों और आधुनिक तकनीकों से युक्त कर उन्हें "क्रू फ्रेंडली" बनाया जा रहा है। पश्चिम मध्य रेलवे के तहत 858 लोकोमोटिव्स को क्रू-फ्रेंडली कैबिन के रूप में विकसित करने की दिशा में सतत कार्य जारी है। लोको पायलटों की दक्षता और प्रतिक्रिया समय को बेहतर बनाने के लिए सिम्युलेटर आधारित प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है। रनिंग स्टाफ के लिए विशेष सुरक्षा सेमिनार, परिवारों के साथ संवाद और परामर्श शिविर आयोजित किए जा रहे हैं ताकि उनके मानसिक स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और सतर्कता में सुधार हो सके।भारतीय रेलवे के सभी नए लोकोमोटिव्स में शौचालय की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है और पुराने इंजनों में रेट्रोफिटिंग के माध्यम से यह सुविधा जोड़ी जा रही है। डिज़ाइन में आवश्यक संशोधन कर इन्हें अधिक उपयोगी बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, भारी ट्रैफिक वाले मार्गों पर नए रनिंग रूम स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे रनिंग स्टाफ को विश्राम के लिए पर्याप्त समय मिल सके और उनकी कार्य अवधि में भी संतुलन बना रहे।वर्तमान तकनीकी प्रगति के अनुरूप, फॉग सेफ्टी उपकरण, ड्राइवर अलर्ट सिस्टम, ‘कवच’ तकनीक और उन्नत ब्रेकिंग सिस्टम जैसी सुविधाओं से लोको पायलटों को कोहरे या विषम परिस्थितियों में भी सुरक्षित संचालन में सहायता मिल रही है। इसके अलावा, ऑनबोर्ड सुविधाओं, वॉकी-टॉकी संचार व्यवस्था और स्टेशनों पर नाश्ते तथा टॉयलेट ब्रेक की सहूलियत ने लोको पायलटों की कार्य संतुष्टि में वृद्धि की है। विभिन्न श्रेणियों की ट्रेनों — जैसे मालगाड़ी, पैसेंजर, मेल,एक्सप्रेस एवं मेट्रो,सबअर्बन सेवाओं, में कार्यरत लोको पायलटों को शेड्यूल के अनुसार विश्राम और सुविधा का ध्यान रखा जाता है। स्टेशन पर ट्रेन के ठहराव के समय वे शौचालय एवं नाश्ते की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं और इस दौरान स्टेशन स्टाफ भी पूरा सहयोग प्रदान करता है।
Dakhal News
ग्वालियर । अक्षय तृतीया एवं अन्य मुहूर्त पर आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह एवं एकल विवाह समारोह में बाल विवाह रोकने एवं जागरूक करने तथा होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिये कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा उड़नदस्ते गठित किए हैं। उन्होंने रविवार को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत कानूनी कार्यवाही करने के उद्देश्य से विकासखण्ड स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक बाल विवाह रोको "उडन दस्तों" का गठन किया है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि उड़नदस्तों में शामिल अधिकारी एवं कर्मचारियों को पूरी गंभीरता के साथ सौंपे गए दायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश दिए हैं। ये सभी दल परस्पर समन्वय स्थापित कर संबंधित शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में आयोजित होने वाले एकल विवाह व सामूहिक विवाह साम्मेलनों में निगरानी करेगें। यदि बाल विवाह का कोई भी प्रकरण पाया जाता है तो तत्काल कार्यवाही कर विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। जिसकी एक प्रति जिला कार्यकम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को देना होगी। बाल विवाह रोको उडनदस्ता अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), तहसीलदार, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं महिला बाल विकास विभाग के संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक शामिल किए गए हैं। वहीं, ग्राम स्तर पर बाल विवाह रोकने के लिए गठित उड़नदस्ता में शासकीय हायर सेकेण्डरी व हाई स्कूल के प्राचार्य, माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक, ग्राम पंचायत के सरपंच, पंच व सचिव, आगनवाडी व कार्यकर्ता आशा कार्यकर्ता, स्वसहायता समूह व शौर्यादल के सदस्य एवं संबंधित क्षेत्र के पुलिस बीट प्रभारी शामिल किए गए हैं।
Dakhal News
रीवा में बाणसागर परियोजना के तहत कंप्यूटर ऑपरेटर की पोस्ट पर नियुक्त एक महिला की जगह उसका पति सालों से नौकरी कर रहा था... जिससे विभाग को 55 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ....जांच में घोटाला साबित होने पर पुलिस ने पति-पत्नी दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है... बाणसागर परियोजना के क्योंटी नहर संभाग में निविदा प्रणाली के माध्यम से दुर्गेश गुप्ता को कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नियुक्त किया गया था.... लेकिन दुर्गेश गुप्ता की जगह उसका पति संतोष गुप्ता सालों से विभाग में काम करता रहा था .... इस दौरान विभाग को करीब 55 लाख रुपए का नुकसान हुआ....जांच में पता चला कि मृत कर्मचारी गिरीश मिश्रा के खाते में 35 लाख रुपए ट्रांसफर करवाए गए.... वो रकम अपने निजी खाते में ट्रांसफर कराई गई... मामला अधिकारियों की नजर में आया....जिसके बाद रीवा कलेक्टर के आदेश पर जांच समिति का गठन किया गया... जांच में घोटाले की पुष्टि होने पर थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई... पुलिस ने संतोष गुप्ता और उसकी पत्नी दुर्गेश गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है... सीएसपी शिवाली चतुर्वेदी ने बताया कि नहर परियोजना और नईगढ़ी परियोजना के अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है....आरोपी संतोष गुप्ता और दुर्गेश गुप्ता दोनों ने लाखो रुपयो का गबन किया है ..
Dakhal News
भांडेर के पंडोखर धाम पर 29 वा वार्षिक महोत्सव चल रहा है... राजस्थानी कलाकार छोटू सिंह रावणा अपनी टीम के साथ धाम पहुंचे... उन्होंने अपने लोकप्रिय गीत तीन बाण के धारी की प्रस्तुति दी...जिसने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया... पंडोखर धाम के 29वें वार्षिक महोत्सव और श्रीराम महायज्ञ में राजस्थानी कलाकार छोटू सिंह रावणा और उनकी टीम ने प्रस्तुति दी....पंडोखर धाम ट्रस्ट के संस्थापक मुकेश गुप्ता ने बताया की....इस दौरान छोटू सिंह रावणा ने अपनी लोकप्रिय गीत तीन बाण के धारी तीनों बाण चलाओ की प्रस्तुति दी... जो श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर गई...वहा उपस्थित एक छोटी बच्ची ने जब छोटू सिंह से हनुमान चालीसा गाने का आग्रह किया... तो उन्होंने मंच पर से ही बच्ची के साथ मिलकर हनुमान चालीसा का वाचन किया...पंडोखर धाम में वार्षिक महोत्सव 30 अप्रैल तक चलने वाले है... महोत्सव में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस बल भी तैनात है...
Dakhal News
दतिया । दतिया से लगभग 20 किलोमीटर दूर ग्राम हिनोतिया, डंगरा कुआ के मोजा के खेत में शनिवार को गेंहू की फसल आग लगने से जलकर खाक हो गई। जिससे किसान को लाखों का नुकसान होने का अनुमान है। बताया जा रहा है जब हार्वेस्टर से फसल काटी जा रही थी, तभी अचानक आग लग गई। जिसने देखते ही देखते पूरे खेत में खड़ी गेंहू की फसल को अपनी चपेट में ले लिया। खेत में खड़ी फसल एवं कटी हुई फसल गेंहू दोनों पड़े थे। आग की सूचना प्रशासन को दी गई, परन्तु काफी समय बाद तक दमकल की कोई गाड़ी नहीं पहुँची। ऐसे में सब कुछ जलकर नष्ट हो गया। इस संबंध में उक्त किसान ने बताया कि करीब 200 बीघा फसल जलकर नष्ट हुई है। लाखों का नुकसान हो गया। आग का कारण हार्वेस्टर से चिंगारी निकलर आग लगना बताया जा रहा है। समय पर प्रशासन की व्यवस्था नहीं मिलने से नाराज किसान प्रशासन को कोस रहा है।
Dakhal News
जलवायु परिवर्तन का असर खेती किसानी पर साफ दिखाई देने लगा है। कहा जा रहा था कि 2024 की फरवरी सर्वाधिक गर्मी वाला माह रहा है पर 2025 में जनवरी में जिस तरह तापमान में बढ़ोतरी देखी गई है और फरवरी में ही देश के अधिकांश हिस्सों खासकर उत्तरी भारत में तापमान में लगातार तेजी देखी जा रही है वह चिंतनीय है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान सहित अनेक प्रदेशों में फरवरी में अधिकतम तापमान का आंकड़ा 30 डिग्री को छूने की तरफ अग्रसर है। देश के कई हिस्सों में दिन का तापमान 29 डिग्री को पार कर रहा है। यह कोई हमारे देश के ही हालात नहीं हैं अपितु दुनिया के अधिकांश देशों में जलवायु परिवर्तन का असर साफ-साफ दिखाई देने लगा है। बढ़ता तापमान बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। बढ़ते तापमान के कारण परिस्थिति तंत्र प्रभावित हो रहा है। बीमारियां तो फैल ही रही हैं, संपूर्ण तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। चिंता की बात यह है कि एक ओर हम निरंतर घटते भूजल स्तर से प्रभावित हो रहे हैं तो ग्लेसियरों के तेजी से पिघलने का असर दिखाई दे रहा है। असमय अतिवृष्टि, अनावृष्टि, तूफान, जंगलों में आग आदि के रूप में इसका सीधा असर दिखाई दे रहा है। जहां तक खेती-किसानी का प्रश्न है मौसम के अप्रत्याशित बदलाव से फसल चक्र पर नकारात्मक असर दिखने लगा है। फसल वपन का एक सिस्टम होता है। बुवाई से लेकर फसल के पक कर तैयार होने का चक्र होता है। दरअसल हो यह रहा है कि जिस समय फसल में फल-फूल आने का समय होता है उस समय तापमान बढ़ने से फल-फूल का विकास रुक जाता है और फसल पकने लगती है, इससे फसल में खराबी और उत्पादन में कमी स्वाभाविक है। दिसंबर, जनवरी की सर्दी और फरवरी में औसत तापमान से फसलों का सही ढंग से विकास संभव हो पाता है। एक अन्य चिंतनीय कारण यह भी बनता जा रहा है कि मावठ के समय मावठ नहीं होती, सर्दियों की बरसात के समय बरसात नहीं होती और जिस समय तापमान में बढ़ोतरी होनी चाहिए उस समय आंधी, तूफान और बरसात आकर फसल को चौपट करने में कोई कमी नहीं छोड़ती। इसका सीधा असर खाद्यान्न संकट के रुप में देखा जा सकता है। प्रायः देखा जाने लगा है कि जब फसल की कटाई का समय होता है उस समय आंधी-तूफान या ओला-बरसात होकर फसल को चौपट करने में कमी नहीं छोड़ती। इसी तरह से जनवरी-फरवरी में जब तापमान में गिरावट की आवश्यकता होती है उस समय तापमान में बढ़ोतरी चिंता का विषय बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जलवायु परिवर्तन के हालात यही रहे तो कुछ खाद्य वस्तुओं के भावों में कई गुणा तक बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। आलू, टमाटर, दालों, तिलहनों और अनाज के भावों में बढ़ोतरी साफ तौर से देखी जा सकती है। कृषि और आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को मानना है कि तापमान की असामयिक उतार-चढ़ाव के चलते कृषि पैदावार पर सीधा नकारात्मक असर पड़ रहा है। कृषि उत्पादन प्रभावित हो रहा है। कृषि उत्पादों की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इससे साफ हो जाता है कि खाद्य वस्तुओं के भाव बढ़ेंगे ही और उसका सीधा असर हमें महंगाई के रूप में देखने को मिलेगा। मजे की बात यह है कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया के देशों में तेजी से बंजर होती भूमि को लेकर चिंता तो जताई जा रही है पर अभी तक इन हालातों से निपटने का ठोस आधार तैयार नहीं किया जा सका है। आज दुनिया के देश आसन्न खाद्यान्न संकट को लेकर चिंतित है। इसके लिए बड़े सम्मेलनों में चिंतन मनन हो रहा है। विश्व खाद्य संगठन सहित दुनिया की संस्थाएं इससे आसन्न संकट को लेकर तो परेशान है ही उनकी चिंता का कारण यह भी होता जा रहा है कि पौष्टिक भोजन नहीं मिलने से करोड़ों लोग कुपोषण के शिकार हैं। खाद्यान्नों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। दुनिया के देश खेती किसानी के महत्व को कोरोना काल में अच्छी तरह से समझ चुके हैं। कोरोना में मानवता को संबल देने में खेती किसानी ने प्रमुख भूमिका निभाई और सबकुछ बंद होने पर खेती किसानी ही लोगों का पेट भरने में सहायक रही। जलवायु परिवर्तन का असर जब साफ साफ सामने आने लगा है तो उस हालात में मौसम विज्ञानियों और कृषि विज्ञानियों के सामने बड़ी चुनौती आ गई है। एक और जलवायु परिवर्तन को सर्वाधिक प्रभावित करने वाले कारकों का कोई ना कोई विकल्प खोजना ही होगा। होता यह है कि हम जिसे आज बेहतर विकल्प बताते हैं कुछ समय बाद ही उसमें भी खामियां नजर आने लगती है। जलवायु को नियंत्रित करने वाले जंगलों का स्थान कंक्रीट के जंगल लेते जा रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों व नई-नई खोजों ने हमारा जीवन आसान बनाया है पर उसके साइड इफेक्ट तेजी से असर दिखाने लगे हैं। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग ने भूमि की उर्वरा शक्ति को प्रभावित किया है। अत्यधिक जल दोहन से भूजल का स्तर साल दर साल नीचे जाता जा रहा है। भूक्षरण होने लगा है। भूमि तेजी से बंजर होती जा रही है। खैर हालात हमारे सामने हैं। ऐसे कृषि विज्ञानियों को ऐसी किस्में विकसित करनी होगी जो बदलते मौसम के अनुकूल हो। शुष्क भूमि में खेती की किस्में खोजनी होगी। इसी तरह से कम जल में विकसित होने वाली फसलों की किस्मों पर ध्यान देना होगा। कंजरवेशन खेती को बढ़ावा देना होगा। परंपरागत खेती को चरणबद्ध तरीके से अपनाना होगा। प्रयास यह करना होगा कि जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे मौसक चक्र के बदलाव के अनुकूल फसलों की किस्में तैयार हो। क्योंकि प्रकृति से छेड़छाड़ करने में हमने कोई कमी नहीं छोड़ी और उसका खामियाजा हमें आज भुगतना पड़ रहा है। तेज सर्दी के समय गर्मी से दो-चार होना पड़ रहा है। इस सबके साथ धरती के बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने के उपायों पर ध्यान देना होगा। हालात गंभीर चिंतनीय होते जा रहे हैं और यही हालात रहे तो विशेषज्ञ कहने लगे हैं कि कृषि उत्पादन में कमी का असर सारी दुनिया को भुगतना होगा। हालात और भी गंभीर हो उससे पहले ठोस प्रयास करने होंगे। बदलते हालात में खेती किसानी के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे नहीं तो महंगाई तो है ही, दुनिया के कई देशों में भुखमरी के गंभीर हालात होने से कोई नहीं रोक सकेगा।
Dakhal News
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर परीक्षाओं से पहले देश के परीक्षार्थी बच्चों, अध्यापकों और अभिभावकों से मन की बात के माध्यम से संवाद कायम कर मोटिवेट करने की बड़ी पहल की है। मन की बात में परीक्षा पर चर्चा के आठवें संस्करण का महत्व इसलिए महत्वपूर्ण और सामयिक हो जाता है कि आने वाले दिनों में सीबीएसई और राज्यों के बोर्डों की परीक्षाएं होने जा रही है। प्रधानमंत्री की संपूर्ण परीक्षा व्यवस्था और इसके साइड इफेक्ट को समझते हुए संवाद कायम करना अपने आप में महत्व रखता है। देश के लगभग सभी कोनों से तनाव, शिक्षकों और अभिभावकों की अति महत्वाकांक्षा के चलते बच्चों द्वारा डिप्रेशन में जाने और अपनी जीवनलीला समाप्त करने के समाचार आम होते जा रहे हैं। कोचिंग हब कोटा बच्चों की आत्महत्या के लिए बदनाम है पर कोटा से अधिक आत्महत्या देश के अन्य हिस्सों में भी हो रही है। कोटा को आत्महत्याओं के दाग को धोने के लिए सार्थक प्रयास करने होंगे। खैर, प्रधानमंत्री मोदी ने जिम्मेदार अभिभावक की भूमिका निभाते हुये ना केवल परीक्षार्थियों की हौसला अफजाई की है अपितु अध्यापकों को भी स्पष्ट संदेश दिया है। इसमें दो राय नहीं होनी चाहिए कि बच्चों के कोमल मन को प्रतिस्पर्धा के बोझ तले दबाने में आज घर, परिवार, समाज, शिक्षा केन्द्र और सोशल मीडिया प्रमुखता से नकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं। पता नहीं शिक्षा व्यवस्था में भी यह किस तरह का बदलाव है कि कुछ दशक पहले तक दसवीं पास करना बड़ी बात माना जाता था तो परीक्षा देने वाले लाखों बच्चों में से फर्स्ट डिविजन कुछ हजार तक रहते थे, उसके बाद लगभग दोगुने द्वितीय श्रेणी व बाकी तीसरी श्रेणी पाकर संतोष कर लेते थे। आज हालात यह है कि परीक्षा देने वाले अधिकांश बच्चों के मार्क्स तो 90 प्रतिशत या इससे अधिक ही होते हैं। यहां सवाल परीक्षा प्रणाली को लेकर हो जाता है तो दूसरी और प्रतिस्पर्धा की यह खिचड़ी 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चों और खासतौर से उनके पैरेंटस में होने लगी है। अब तो हो यह गया है कि पैरेंट्स की प्रतिष्ठा के लिए बच्चों की बलि चढ़ाई जाने लगी है। प्रधानमंत्री मोदी ने सही कहा है कि कूकर के प्रेशर की तरह बच्चों को प्रेशर में रखना ही अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका में आ गया है। अब अभिभावक दिशा देने वाले के स्थान पर अपनी कुंठा को बच्चों से पूरा कराने में जुटे हैं। यह वास्तविकता है। बच्चे की लगन किसी और दिशा में होती है और उससे अपेक्षा कुछ और करने या बनाने की होने लगती है। कुछ बच्चों का कोमल मन यह प्रेशर सहन नहीं कर पाता है और डिप्रेशन या मौत को गले लगा लेते हैं और फिर पैरेंट्स आंसू पूछते रह जाते हैं। परीक्षा पर चर्चा की अच्छी बात यह है कि देश के 3.30 करोड़ बच्चों, 20 लाख शिक्षकों और साढ़े पांच लाख से अधिक अभिभावक इससे जुड़े। मोदी जी ने बच्चों को मोटिवेट करते हुए क्रिकेट का उदाहरण देते हुए बैटिंग करने वाले खिलाड़ी की भूमिका निभाने का संदेश दिया तो टाइम मैेनेजमेंट पर फोकस करने, लिखने की आदत डालने, खुल कर अपनी बात कहने, मन को शांत रखने, केवल किताबी कीड़ा नहीं बनने, रोबोट नहीं इंसान बनने और पूरी नींद लेने के लिए मोटिवेट किया। सबसे खास बात यह कि बच्चों को स्वयं से प्रतिस्पर्धा करने का संदेश दिया। हमें दूसरे के स्थान पर स्वयं से प्रतिस्पर्धा करनी है। स्वयं से प्रतिस्पर्धा करेंगे तो आत्मविश्वास बढ़ेगा। दरअसल होता यह है कि दूसरे से प्रतिस्पर्धा के चक्कर में नकारात्मकता अधिक आती है। होना यह चाहिए कि अपनी कमियों को ही सबक बनाकर बहुत कुछ सीखा जा सकता है। आज बच्चों को खुला आसमान चाहिए। जहां वह अपनी क्षमता का बेहतर प्रदर्शन कर सकें। मोदीजी ने बच्चों को मोटिवेट करते हुए कहा है कि विफलताओं से निराश न होकर उससे सबक लेना चाहिए। जीवन में सफल होने के लिए बहुत कुछ होता है। मोदीजी ने मन की बात में बच्चों, परिजनों और टीचर्स तीनों को संदेश देने का प्रयास किया है। होता यह है कि जो बच्चे होशियार होते हैं या प्रभावशाली परिवार के हैं, उनपर टीचर्स का विशेष ध्यान होता है और जो बच्चे कमजोर होते उनके मामले में पीटी मीटिंग के माध्यम से पैरेंट्स को नीचा दिखा कर इतिश्री कर लेते हैं। बच्चों की नाकामी पर कभी किसी स्कूल या टीचर ने जिम्मेदारी ली हो, यह आज तो लगभग असंभव है। चाहे आप पढ़ाई के नाम पर स्कूल को कितनी ही फीस देते हो आप पर बच्चे को ट्यूशन कराने का दबाव आ ही जाता है। यदि शिक्षण संस्थानों में कमजोर और औसत बच्चों पर अधिक ध्यान दिया जाए तो तस्वीर बदल भी सकती है। इसी तरह से पैरेंट्स को भी नसीहत देने में मोदी जी पीछे नहीं रहे। पैरेंट्स को बच्चों की लगन, रुचि को समझना होगा। अपनी अपेक्षाएं उस पर लादने के स्थान पर दिशा देने के प्रयास करने होंगे। बच्चों के साथ बैठकर खुलकर बात करें। उनकी इच्छा, लगन और कोई परेशानी है तो उसे समझने का प्रयास करें। बच्चों में परस्पर तुलना कर बालक मन को कुंठित नहीं करना चाहिए। बच्चों को निराश करने के स्थान पर मोटिवेट करने के समग्र प्रयास की आवश्यकता है। बच्चों को मशीन नहीं बनाया जाना चाहिए। बच्चों को समझाया यह जाना चाहिए कि 24 घंटे का समय सभी के पास होता है, इस समय को किस प्रकार से उपयोग करना है इस पर फोकस हो तो निश्चित रूप से अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। कहने का अर्थ यह है कि बच्चों का मनोबल बढ़ाने उनमें सकारात्मकता विकसित करने की दिशा में हमें काम करना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षाओं से पहले अपने प्रधानमंत्री काल में 8 वीं बार परीक्षा पर चर्चा करते हुए बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों को संदेश देने का सार्थक प्रयास किया है। अब सबका दायित्व है कि इन सकारात्मक पक्षों को बच्चों तक पहुंचाया जाए। बच्चों को समझाना होगा कि बड़ी बात जीवन में सफल होना है।
Dakhal News
एआई यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास और उपयोग की दिशा में वैज्ञानिकों और तकनीकविदों ने कमाल की बढ़त हासिल की है और उनके अभियान का क्रम लगातार जारी है। एआई बड़ा संक्रामक है और देश-काल की सीमाओं को तोड़ते-फ़लांघते वह जल, थल और अंतरिक्ष हर कहीं मनुष्य की अप्रत्याशित रूप से त्वरित पहुँच का विस्तार करता जा रहा है। वैसे तो एआई भी एक नैसर्गिक यानी स्वाभाविक मानवीय बुद्धि का ही करिश्मा है परंतु आज जिस गति से सबकुछ में निर्बाध दखल देते हुए इसके ज़रिए जो बदलाव लाए जा रहे हैं वे दुनिया का नक़्शा ही बदल रहे हैं। निर्माण अपने निर्माता की नियति तय करता दिख रहा है। आज वर्चुअल और डिजिटल को इस तरह स्थापित किया जा रहा है कि उनके आगे सत्य और यथार्थ हिलने-काँपने लगा है। मनुष्य सत्य और असत्य (झूठ) पर भरोसा करता आ रहा है। सत्य अर्थात् वह जिसका अस्तित्व है (सत्) परन्तु अब नाना प्रकार के सत्य अस्तित्ववान हो रहे हैं जिनमे अपनी पसंद से चुनना होता है पर जिस भी संस्करण के सत्य उभर रहे हैं उनके पीछे आ आई का हाथ ज़रूर होता है। वैसे तो किसी भी तरह के चुनाव का आधार मुख्य नियामक होता है ताकि होड़ लेते विभिन्न सत्यों के कई प्रत्याशियों के बीच असली या उपयोगी सत्य को खोज कर पहचाना जा सके। सत्य के साथ स्थिरता, निरंतरता और सातत्य या फिर अपरिवर्तनशीलता और विश्वसनीयता जैसे मानक भी स्वाभाविक रूप से जोड़ दिए जाते रहे हैं। परम और नित्य सत्य की परिकल्पना हमें ईश्वर के क़रीब पहुँचा देती है।आज जब सत्य के निर्माण की छूट मिल रही है तो उसके कई परिणाम सामने आ रहे हैं। सारी क़ानूनी मशीनरी सत्य का बाजार चला रही है। वह प्रमाण और साक्ष्य के माध्यम से मुकदमा चलने के दौरान मुल्तबी सत्य को अपने बल पर सत्य के खाँचे में फिट कर देती है। वकील और गवाह मिल कर सत्य रचते और तय करते हैं और वह जज के सत्यबोध से मेल खा जाए तो वह सुच्चा या निखालिस सच बन जाता है। यह दृष्टि सत्य की अस्थिरता या सापेक्षिकता और अन्तत: बहुलता की तरफ़ ले जाती है जिसके अच्छे-बुरे दोनों तरह के परिणाम हैं।कृत्रिम बुद्धिमत्ता बहुत आगे जा रही है। वह वास्तविक बुद्धिमत्ता के उपयोग के अवसरों और अभ्यासों को जिस तरह बदल रही है उससे हमारी आदतें, व्यवहार शैली और जीने का अंदाज़ सबकुछ बदलता जा रहा है। इस तरह का व्यापक नवाचार हमारी अपने बारे में समझ को भी बदल रहा है। मनुष्यता के स्वभाव, बच्चों के पालन-पोषण, पढ़ाई-लिखाई आदि मनुष्य के रूप में निर्माण जैसे जरूरी उपायों के स्वरूप को प्रभावित कर रहा है। जीवन में एआई प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से हर तरफ़ उपस्थित है। पिछले कुछ दिनों में डीप फेक और साइबर अरेस्ट जैसी घटनाओं ने एआई के उपयोग के अतिरेक से पैदा हो रही तमाम मुश्किलों की ओर ध्यान आकर्षित किया है जिनका संबंध जीवन की गुणवत्ता से है। एआई की पहुंच का विस्तार या रेंज बढ़ता ही जा रहा है। निजी जीवन में उसकी दखल दुरभिसंधि, भयादोहन, अंतरराष्ट्रीय संघर्ष, आर्थिक घोटाले और व्यापार जगत सबको संत्रस्त करने वाला साबित हो रहा है।एआई के उपयोग से काम में सुभीता, शीघ्रता और मात्रा को ध्यान में रखते हुए आज विभिन्न देशों में अपनी एआई की क्षमता बढ़ाने के लिए होड़ मची हुई है। भारत भी इसमें शामिल हो रहा है। औद्योगिक क्रांति जैसी क्रांति का लाभ न पाकर हम अब यह सोच रहे हैं कि एआई क्रांति से बड़ी लम्बी छलांग लगा लेंगे-यह आकर्षक पर ख़तरनाक हो सकता है। कुछ दिन पहले भारतीय मूल के नोबल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक वेंकी रामकृष्णन ने जयपुर में बोलते हुए स्पष्ट रूप से एआई की संभावनाओं के साथ इससे जुड़े बड़े ख़तरों की ओर ध्यान खींचा, शायद उससे निपटने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता काफ़ी न होगी। उसके किए समानुभूति, इतिहास और संस्कृति की समझ की भी दरकार होगी। बिना उस व्यापक संदर्भ के हमारे समाधान छिछले, संकुचित और नुक़सानदेह हो सकते हैं। सबकुछ तकनीक विशारदों पर नहीं छोड़ा जा सकता। एआई के नैतिक और सामाजिक आयाम भी हैं। शिक्षा में वे मानविकी और विज्ञान परौद्योगिकी दोनों को महत्व देने की वकालत कर रहे थे। तकनीकी और मानविकी के बीच की खाई पाटी जानी चाहिए। एआई का नियंत्रित उपयोग वहां हितकारी हो सकता है वहां कार्य क्षमता, उत्पादकता आदि ज़रूरी हों। हमें पूरा सच देखना होगा। प्राचीन ऋषियों ने ऐसे ही नहीं कहा था कि स्वर्ण के ढक्कन से सत्य का मुख ढंका हुआ है- हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यासपिहितम् मुखम। अतीत से विच्छिन्न, मूलहीन सभ्यता की नई इबारत लिखने वाली सोच अधूरी है। उसके हिसाब से हम सब एक डाटा प्वाइंट होते जा रहे हैं। समाज और संस्कृति की स्मृति को मिटा देना बड़ी त्रासदी है। हमें इसके प्रति आगाह रहते हुए एआई के उपयोग को सीमित करना होगा। इसी में मनुष्य के भविष्य की गुंजाइश होगी।
Dakhal News
ग्वालियर में पड़ोसी के साथ बेटी के प्रेम विवाह से नाराज एक पिता के अपनी लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर सुसाइड करने के मामले में...मृतक की पत्नी अपने बच्चों के साथ जनसुनवाई में न्याय मांगने पहुंची...पीड़ित परिवार का आरोप है कि पड़ोसी युवक ने पहले उनकी बेटी छीनी.. सदमे में परिवार के मुखिया ने सुसाइड कर लिया अब हमें जान से मारने की धमकी दे रहा है... कुछ दिन पहले ग्वालियर शहर के नाका चंद्रवदनी पर रहने वाले ऋषिराज जायसवाल ने बेटी के प्रेम विवाह से नाराज होकर खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया था...इसी मामले को लेकर पुलिस जन सुनवाई में पहुंचे मृतक ऋषिराज के परिजनों ने उनकी बेटी के पति आनंद प्रजापति पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अब सभी को जान से मारने की धमकी दे रहा है.. लेकिन स्थानीय पुलिस आनंद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है..शिकायत पर वरिष्ठ अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी साथ ही दूसरे पक्ष को बुलवाकर उससे भी बातचीत की जाएगी...
Dakhal News
छतरपुर के अतरार गांव मे जमीनी विवाद पर दो दलित परिवारों मे विवाद हो गया...इस विवाद में जमकर लाठी डंडे चले और पथराव हुआ...घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है... वायरल हुई वीडियो मे दोनों पक्ष एक दूसरे पर पथराव कर रहे हैं...और एक दूसरे पर लाठी डंडों से हमले कर रहे हैं...दोनों पक्षों की महिलाओं और बच्चे भी लड़ाई में शामिल दिख रहे हैं....घटना में दो लोग घायल हो गए...सटई थाना पुलिस ने दोनों पक्षों पर मामला दर्ज कर लिया....
Dakhal News
ग्वालियर में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार हो गए....ठगों ने खुद को नासिक पुलिस का अधिकारी बताकर स्वामी जी को 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा स्वामी सुप्रदिप्तानंद से करीब ढाई करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई.... 17 मार्च को स्वामी को एक फोन कॉल आया जिसमें ठगों ने खुद को नासिक पुलिस का अफसर बताया और कहा कि स्वामी सुप्रदिप्तानंद का नाम नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल है...जिसके बाद डर और भ्रम फैलाकर उन्हें वीडियो कॉल पर रखा गया और लगातार दबाव बनाकर अलग-अलग बैंक खातों में करीब ढाई करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए...मामले में ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है...
Dakhal News
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य में 13 अप्रैल को राज्य सरकार तथा नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के मध्य सहकारिता अनुबंध हुआ। इससे प्रदेश के पशुपालकों को सीधा लाभ होगा। पशुपालकों द्वारा उत्पादित दूध एवं इससे जुड़े अन्य उत्पाद अब सीधे एनडीडीबी के माध्यम से खरीदे जायेंगे। इससे प्रदेश के पशुपालकों की माली हालत तेजी से सुधरेगी और वे आत्मनिर्भर हो सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद् की बैठक के पहले मंत्रीगण को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्री शाह ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के कुल दुग्ध उत्पादन की तुलना में दुग्ध संकलन बड़े पैमाने पर बढ़ाया जाये। साथ ही प्रदेश के शेष्ज्ञ आधे ग्रामों से दूध का संकलन करने की कार्रवाई में भी गति लायें। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पांच रुपये प्रति लीटर बोनस के रूप में प्रोत्साहन राशि देने सहित "डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना" का प्रचार-प्रसार एवं मप्र के दूध की प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक मार्केटिंग एंव ब्रांडिंग भी की जाये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एनडीबीबी द्वारा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति के लिए कॉम्प्रिहेंसिव प्लान म.प्र. सरकार के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा है। उन्होंने पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल को केन्द्रीय मंत्री से मिले निर्देशों में नये लक्ष्य शामिल कर एनडीडीबी के साथ हुये अनुबंध में आवश्यक संशोधन करने के लिये भी कहा। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाएं मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में अगले 5 साल में 2 करोड़ लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन क्षमता का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें। इस दिशा में एनडीडीबी से भी मार्गदर्शन लें। उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश के दुग्ध संघों द्वारा मात्र 10 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध संकलन किया जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में दूध उत्पादन और संकलन में तेजी से वृद्धि करने के निर्देश दिये। 16 अप्रैल को मंडला से होगी लाड़ली बहनों के खातों में राशि अंतरित मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 16 अप्रैल को मंडला जिले के ग्राम टिकरवारा से लाड़ली बहनों के खाते में राशि का अंतरित की जायेगी। उन्होंने कहा कि राशि अंतरण की तारीख में सदैव एकरूपता लाने के लिए अब राज्य सरकार द्वारा प्रतिमाह 15 तारीख के आसपास यह राशि लाड़ली बहनों के खाते में हस्तांतरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि 16 अप्रैल (बुधवार) को मंडला जिले से प्रदेश की एक करोड़ 27 लाख लाडली बहनाओं के खाते में 1552.38 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की जाएगी। प्रदेश को मिली 10 राजमार्गों की सौगात मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा 10 अप्रैल को प्रदेश को 10 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के भूमि-पूजन एवं लोकार्पण कर सौगात दी गई है। उन्होंने इस सौगात के लिए केन्द्रीय मंत्री गडकरी का आभार जताया। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्री गडकरी द्वारा 2330 करोड रुपये के कार्यों का भूमि-पूजन तथा 3502 करोड रुपए के कार्यों का लोकार्पण किया गया है। मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश को मिली इस सौगात के लिए मंत्रि-परिषद के सदस्यों को भी बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्री गडकरी द्वारा एनएचएआई के माध्यम से मध्य प्रदेश में अगले दो साल में राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल बिछाने की घोषणा की गई है। केन्द्रीय मंत्री द्वारा सिंहस्थ-2028 के सफल आयोजन के लिए श्रद्धालुओं के सहज और सरल आवागमन के लिये सभी आवश्यक राजमार्गों के उन्नयन की स्वीकृति देने की सहमति भी दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री गडकरी द्वारा धार के बदनावर से झाबुआ के थांदला से टिमकवाली तक 1900 करोड़ रुपए की लागत से 81 किलोमीटर लंबी फोरलेन रोड, उज्जैन से झालावाड़ तक 2500 करोड रुपए की लागत से 133 किलोमीटर लंबी फोर लेन रोड और 3500 करोड रुपए की लागत से 77 किलोमीटर लंबे इंदौर पूर्वी सिक्स लेन बायपास रोड की स्वीकृति देने की सहमति व्यक्त की गई है। अंबेडकर जयंती पर नई ट्रेन के लिए दी बधाई मुख्यमंत्री ने मंत्रि-परिषद को भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर 13 अप्रैल से डॉ. भीमराव अंबेडकर नगर (महू) से नई दिल्ली के मध्य सीधी रेल सेवा प्रारंभ होने की जानकारी देकर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे महू अब दिल्ली से हमेशा के लिए सीधी रेल सेवा से जुड़ गया है। डॉ. भीमराव अंबेडकर अभयारण्य बना सागर में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सागर जिले में आरक्षित वन के 258.64 वर्ग किलोमीटर वनक्षेत्र को अभयारण्य घोषित किया गया है। सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। यह प्रदेश का 25 वां अभयारण्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस नए अभयारण्य का नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर अभयारण्य रखे जाने की जानकारी देकर कहा कि यह बाबा साहेब को पर्यावरण संरक्षण के लिए उनके द्वारा किये गये कार्यों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि इस अभयारण्य के गठन से वन एवं वन्य प्राणियों का संरक्षण एवं संवर्धन होगा, साथ ही इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। विक्रमादित्य महानाट्य को सभी ने सराहा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रि-परिषद् को बताया कि विक्रमोत्सव-2025 अंतर्गत दिल्ली में सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य का 12 से 14 अप्रैल तक सफल मंचन किया गया। इस महामंचन में सम्राट विक्रमादित्य के शासनकाल को कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय से जीवंत किया। विक्रमादित्य महानाट्य का शुभारंभ उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने किया। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य महानाट्य को दिल्ली की जनता ने बड़े ही आनंद और जिज्ञासा के साथ देखा और मध्यप्रदेश सरकार के इस आयोजन की सराहना की। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी शुभकामना संदेश देकर इस आयोजन की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने मंत्रि-परिषद के सदस्यों को भी सरकार के इस सफल आयोजन की बधाई दी।
Dakhal News
भोपाल । मध्य प्रदेश की कैबिनेट बैठक में किसानों की आय बढ़ाने के लिए अन्नदाता मिशन को मंजूरी प्रदान करने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त किया गया है। कहा गया, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा लागू किए जा रहा अन्नदाता मिशन किसानों की आय बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।दरअसल, भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने भाजपा की ओर से कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा की डबल इंजन सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। हाल ही में नेशनल डेयरी डेवलमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के मध्य हुए अनुबंध से दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा, जिससे किसानों और पशुपालकों व गौपालकों की आय भी बढ़ेगी।अब किसानों की आय बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर कार्य करेगी सरकारइसके साथ ही चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर कार्य करेगी। प्रधानमंत्री मोदी की बताई चार जातियों गरीब, युवा, नारी और अन्नदाता के कल्याण और आर्थिक विकास के लिए भाजपा सरकार लगातार कार्य कर रही है। अन्नदाता मिशन में किसानों व कृषि से संबंधित विभागों जैसे कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, सहकारिता, खाद्य-प्रसंस्करण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों की किसानों से संबंधित योजनाओं को समेकित कर किसानों को लाभ दिलाने का कार्य किया जाएगा।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव और संबंधित विभाग के मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। इसी तरह की समिति जिलों में बनाई जाएगी, ताकि किसानों को उनसे जुड़ी किसी भी योजना का लाभ लेने में कोई परेशान न आए। अन्नदाता मिशन किसानों को अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ परंपरागत खेती को बढ़ावा मिलेगादर्शन सिंह चौधरी ने साथ ही कहा कि एनडीडीबी और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के मध्य हुए हुए एमओयू से मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बहुत बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. न यादव ने डॉ. अंबेडकर पशुधन योजना भी लागू की है, जिसमें गौशाला खोलने के लिए अनुदान मिलेगा, इससे गौशाला संचालित कर किसान दूध का उत्पादन भी करेंगे जिससे प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा ही किसानों की आय भी तेजी से बढ़ेगी। मध्यप्रदेश सरकार किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटा बिजली और पर्याप्त पानी की व्यवस्था कर रही है। साथ ही परंपरागत खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिए प्रदेश सरकार पहले से किसानों के लिए श्री अन्न के लिए बोनस दे रही है।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी लगातार कार्य कर रही है। भोपाल की गांधी मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक्स न्यूरोलॉजी की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में पहली बार बच्चों के न्यूरोलॉजी के इलाज की बेहतर सुविधा मिलेगी। सतना मेडिकल कॉलेज के लिए भी 383 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं। किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए मध्यप्रदेश की कैबिनेट द्वारा अन्नदाता मिशन को मंजूरी प्रदान करने के लिए मैं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का एक बार फिर आभार प्रकट करता हूं।
Dakhal News
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वनों के संरक्षण और पर्यावरण की सुरक्षा के लिये प्रदेश में निरंतर प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री की मंशानुसार विभिन्न विभागों द्वारा इस दिशा में सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं। वन विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी तकनीकों के उपयोग से वनों की सुरक्षा एवं संरक्षण में गतिशीलता लाने के लिये जीआईएस तकनीक का प्रयोग वन क्षेत्रों के नक्शों के निर्माण एवं संधारण के लिये किया जा रहा है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वन विभाग द्वारा वनों का वैज्ञानिक दृष्टि से इस तरह प्रबंधन करना, जिससे न सिर्फ ग्रामवासियों को वनों से जीविकोपार्जन का स्रोत निरंतर बना रहे, बल्कि प्रबंधन में भी उनकी भागीदारी सशक्त करने का सार्थक प्रयास है। साथ ही इससे यह भी सुनिश्चित करना है कि वन एक प्राकृतिक धरोहर के रूप में संवहनीय, संरक्षित एवं संवर्धित संसाधन के रूप में विकसित होता रहे। मध्यप्रदेश वन एवं वन्य-जीव संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में अपना स्थान रखता है।वनखण्डों के मानचित्रों का डिजिटाइजेशनजनसंपर्क अधिकारी के.के. जोशी ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि वन विभाग में वनखण्डों के मूल मानचित्रों एवं राजस्व विभाग के खसरेवार उपलब्ध जीआईएस डेटा का उपयोग कर नक्शे तैयार किये गये हैं। अभी तक 64 वन मण्डल में से 40 के परिष्कृत मानचित्र तैयार किये गये हैं एवं 23 वन मण्डलों के वन क्षेत्रों के मानचित्रों का सुधार कार्य प्रगति पर है, इसे शीघ्र पूर्ण किया जायेगा। मेप आईटी से अन्य शासकीय संस्थाओं को भी डेटा प्रदाय किया गया है। इससे वनों के संरक्षण में मदद मिल रही है।प्रदेश के सभी वन मण्डलों के फायर नक्शों का निर्माण सेटेलाइट डेटा के उपयोग से किया गया है, जिसे http://www.mpforest.gov.in/Publicdomain/atlas/FireAtlas.pdf पर उपलब्ध कराया गया है। सेटेलाइट डेटा कम्पाटमेंट में पिछले पांच वर्षों से कोई वन अग्नि की घटना नहीं होने को हरे रंग से दर्शाया गया है तथा वन अग्नि की घटनाओं वाले क्षेत्रों को लाल रंग से दर्शाया गया है। इससे जंगलों में अग्नि की घटनाओं में कमी आयी है।जल स्रोतों के मानचित्र का एटलसमध्यप्रदेश देश का टाइगर स्टेट है। हमारे वन विविध प्रकार के जीव-जंतुओं से परिपूर्ण हैं। ग्रीष्म ऋतु में वन्य-जीवों के लिये पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना वन्य-जीव प्रबंधन के लिये आवश्यक रहता है। इसके लिये सतही जल-स्रोतों की पहचान कर उनको सूचीबद्ध कर प्रबंधन योजना में सम्मिलित किया जाता है। सूचना प्रौद्योगिकी द्वारा मध्यप्रदेश के समस्त वन मण्डलों के सतही जल-स्रोतों का मानचित्रिकरण कर उन्हें http://www.mpforest.gov.in/publicdomain/atlas_MNDWI.pdf पर उपलब्ध कराया गया है। इन मानचित्रों को ग्रीष्म ऋतु के सेटेलाइट रिमोट सेंसिंग डेटा के उपयोग से बनाया गया है। इससे वनों में जल-स्रोतों में बढ़ोत्तरी हुई है।वनों के भीतर विभिन्न वानिकी गतिविधियों के लिये क्षेत्र चयन के लिये सूचना प्रौद्योगिकी शाखा द्वारा डिजिटल एलीवेशन मॉडल की आधुनिक तकनीक के उपयोग से विभिन्न संरक्षित क्षेत्रों तथा वन मण्डलों के थ्री-डी मानचित्रों /decision support system का निर्माण कर http://www.mpforest.gov.in/Public domain/atlas/index.html पर उपलब्ध कराया गया है।
Dakhal News
ग्वालियर की 90 फीसदी आबादी के लिए जल सप्लाई को लेकर खुशखबरी....प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने पानी संकट को लेकर बुलाई गई बैठक में फैसला लिया है....शहर में 1 मई से लोगो को रोज पानी सप्लाई होगा ... और भविष्य में पानी की किल्लत नही आएगी गर्मी शुरू होते ही ग्वालियर के कई इलाकों में पानी की किल्लत होने लगती है.... शहर में एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई हो रही है....जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है...लेकिन अब लोगों को पानी की समस्या से राहत मिलने वाली है...पिछले साल अच्छी बारिश होने के कारण तिघरा डैम का जलस्तर 739 फीट तक बढ़ गया था....जिसे स्टोर करके रखा गया....वो पानी अब लोगों को सप्लाई किया जायेगा... प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने पानी की क्राइसिस को लेकर बुलाई गई कलेक्ट्रेट की बैठक में फैसला लिया है की .... १ मई से रोज पानी की सप्लाई होगी और पानी संकट वाले इलाकों में 110 टैंकरों के जरिए पानी सप्लाई किया जाएगा... जिसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं....और ग्रामीण इलाकों में खनन के आदेश दिए गए हैं.... ताकि पानी की किल्लत दूर की जा सके....सिलावट ने कहा कि भविष्य में ग्वालियर जिले में पानी की किल्लत नही आने देंगे...
Dakhal News
गुना जिले में हनुमान जन्मोत्सव के जुलूस में डीजे बजाने पर पथराव और फायरिंग की गई... हिंसा में कई लोग घायल हुए साथ ही वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया...जुलूस के साथ वाले लोगों ने हनुमान चौराहे पर आकर चक्काजाम शुरू कर दिया... गुना में हनुमान जन्मोत्सव के जुलूस पर अचानक पथराव और फायरिंग की गई...जुलूस शाह के कोल्हू पुरा से निकलकर रपटा, हाट रोड तरफ आ रहा था...हालांकि जुलूस को परमिशन नहीं थी...बिना अनुमति के जुलूस निकाला जा रहा था...शाम लगभग 7:30 बजे जुलूस कर्नलगंज स्थित मस्जिद के सामने पहुंचा...यहां जुलूस को आगे बढ़ाने को लेकर एक पार्षद की किसी से कहासुनी हो गई। इसी दौरान जुलूस पर कहीं से पत्थर फेंका गया जिसके बाद भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया...जुलूस में शामिल वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया...घटना में कई लोग घायल हुए...मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया...साथ ही कई लोगों पर मामला दर्ज किया...प्रशासन ने जनता से अपील की है..... कि वे शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
Dakhal News
रीवा के समान थाना क्षेत्र स्थित सेंगर ट्रॉमा सेंटर में एक महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई...जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया...आक्रोशित परिजनों ने नर्सिंग होम में तोड़फोड़ और स्टाफ से मारपीट की कोशिश की... रीवा के बेला गांव निवासी सविता के फैक्चर पैर का सेंगर ट्रॉमा सेंटर में ऑपरेशन किया गया जिसके कुछ घंटों बाद ही महिला की तबीयत बिगड़ गई और सांस लेने में दिक्कत होने लगी..महिला के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची...पुलिस मामले की जांच कर रही है...
Dakhal News
ज्ञान की भारतीय परम्परा के स्रोत के रूप में संस्कृत भाषा और साहित्य प्रेरणा और गौरव का विषय है। ज्ञान की साधना को जीवन के क्लेशों से छुटकारा दिलाने के उपाय के रूप में स्थापित करते हुए पुरुषार्थों से मनुष्य जीवन को समग्रता में जीने का प्राविधान किया गया है। इसी से लिए ज्ञान को पवित्र माना गया है न कि दूसरों पर नियंत्रण का ज़रिया। संस्कृत विद्या के विस्तृत प्रांगण में सृष्टि और मनुष्य जीवन से जुड़े सभी पक्षों को शामिल किया गया है। वेद, वेदांग, उपनिषद, स्मृतियों, पुराणों, महाकाव्यों ही नहीं गणित, ज्योतिष, व्याकरण, योग, आयुर्वेद, वृक्षायुर्वेद, धातु विज्ञान तथा नाना विद्याओं जैसे व्यावहारिक विषयों का विकास विपरीत परिस्थितियों में भी होता रहा। इस ज्ञान-कोष को आक्रांताओं के विद्वेष का सामना करना पड़ा और नालंदा जैसे विश्वविख्यात ज्ञान केंद्र को नष्ट कर दिया गया। वाचिक पद्धति अध्ययन अध्यापन से बहुत कुछ बच गया और उसे अगली पीढ़ी अनेक विषयों के प्रतिपादन में संक्षिप्त, सांकेतिक तथा संयत सूत्र पद्धति का उपयोग किया गया। बादरायण का ब्रह्म सूत्र,आपस्तम्ब का धर्म सूत्र, वात्स्यायन का काम सूत्र, गौतम का न्याय सूत्र, पतंजलि का योग सूत्र और पाणिनिरचित व्याकरण का मानव मेधा का अप्रतिम प्रमाण ‘अष्टाध्यायी’ विविध विषयों का व्यवस्थित प्रतिपादन करते हैं। थोड़े से अक्षरों में निबद्ध सूत्र की विशद व्याख्या की जाती है। भाष्य और टीका की परम्परा शुरू हुई। पाणिनि के अष्टाध्यायी के सूत्रों पर कात्यायन ने वार्तिक लिखे। अष्टाध्यायी के अनेकानेक विस्तार हुए और वरदराजाचार्य की लघुकौमुदी, भट्टोजिदीक्षित की सिद्धांतकौमुदी, पतंजलि का महाभाष्य, भर्तृहरि का वाक्यपदीय, नागेश भट्ट का शब्देन्दुशेखर और परिभाषेन्दुशेखर आदि व्याख्या ग्रंथ रचे गए। विश्लेषण की गहनता और विचार की स्वाधीनता के ये निकष आज भी स्पृहणीय हैं।दुर्भाग्य से संस्कृत विद्या पर संकुंचित होने का आरोप लगाया जाता है। सत्य यह है भारत के विविध मतों की प्रचुरता है। वह वैचारिक उदारता और सहनशीलता का अनोखा उदाहरण है। अद्वैत, द्वैत, विशिष्टाद्वैत, द्वैताद्वैत, भेदाभेद, शुद्धाद्वैत, अचिंत्य भेदाभेद जैसे विभिन्न रूपों शंकराचार्य, निम्बार्काचार्य, मध्वाचार्य, रामानुजाचार्य और वल्लभाचार्य आदि के द्वारा वेदांत का प्रतिपादन सृष्टि, जीवन और जगत की समग्र विविध व्याख्याओं को उपस्थित करते हैं। भारतीय ज्ञान परम्परा के बौद्धिक परिवेश में प्रवेश करने पर ज्ञान के प्रति निश्छल उत्सुकता और अदम्य साहस के प्रमाण पग-पग पर मिलते हैं। इसमें आलोचना और परिष्कार का कार्य भी सतत होता रहा है । सैद्धांतिक अमूर्तन , खंडन-मण्डन की एक पारदर्शी एवं सार्वजनिक विमर्श की व्यवस्था को दर्शाती है । प्रत्येक शास्त्र की विषय वस्तु, उद्देश्य, प्रासंगिकता और इसके जिज्ञासु को सुनिश्चित किया गया था। ज्ञान अबाधित होना चाहिए और छल प्रपंच से रहित होना चाहिए । उसे प्रत्यक्ष, अनुमान, शब्द आदि विभिन्न स्वीकृत प्रमाणों पर जाँच परख कर स्वीकार करना चाहिए। ज्ञानार्जन में श्रवण, मनन और निदिध्यासन का अवलम्बन किया जाता है । संस्कृति के जीवित प्रवाह स्वरूप संस्कृत में उपलब्ध भारतीय मनीषा को प्रतिष्ठित करना मानव कल्याण के लिए आवश्यक है। दुर्भाग्य से संस्कृत को अनुष्ठानों के लिए आरक्षित कर जीवन- संस्कार, पूजन और उद्घाटन से जोड़ दिया गया। हम इस अमूल्य विरासत का मूल्य भूल गए। शिक्षा, परिवार, राज नय , व्यवसाय, वाणिज्य, स्वास्थ्य , प्रकृति, जीवन, जगत और ईश्वर को ले कर उपलब्ध चिन्तन बेमानी रहा । हम नाम तो सुनते रहे पर बिना श्रद्धा के क्योंकि मन में संदेह और दुविधा थी। पश्चिमी सांस्कृतिक और वैज्ञानिक घुसपैठ ने हमारी विश्व दृष्टि को ही बदलना शुरू किया। आज अतिशय भौतिकता और उपभोक्तावाद से सभी त्रस्त हो रहे हैं।भारत में अकादमिक समाजीकरण की जो धारा बही उसमें हमारी सोच परमुखापेक्षी होती गई और हमारे लिये ज्ञान का संदर्भविन्दु पश्चिमी चिन्तन होता गया। ज्ञान के लिये हम परोपजीवी होते गए । हम उन्हीं के सोच का अनुगमन करते रहे । ज्ञान की राजनीति से बेखबर हम नए उन्मेष से वंचित होते गए । पश्चिम के अनुधावन से मौलिकता जाती रही । भारत के शास्त्रीय चिन्तन को समझना और उसका उपयोग सैद्धांतिक विकास व्यावहारिक समाधान में लाभकारी होगा। योग और आयुर्वेद को ले कर ज़रूर उत्सुकता बढ़ी है पर अन्य क्षेत्र अभी भी उपेक्षित हैं। संस्कृत के लिये अवसर से न केवल ज्ञान के नए आयाम उभरेंगे बल्कि संस्कृति से अपरिचय काम होगा, भ्रम भागेगा और हम स्वयं को पहचान सकेंगे।
Dakhal News
ये बात सही है कि लोगों की जिंदगी में स्मार्टफोन क्या आया जैसे उनका संसार ही बदल गया। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके लिए ये सिर्फ फोन नहीं, उससे बढ़कर है। स्मार्टफोन से आप ना सिर्फ किसी से बात कर सकते हैं बल्कि इंटरनेट के संसार को उंगलियों में नचा सकते हैं। लेकिन तस्वीर का एक दूसरा पहलू भी है और वो ये है कि फोन में आने वाली अनचाही या अनजानी कॉल्स। जो वक्त बेवक्त कभी भी आकर आपको परेशान कर सकती हैं और आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते। आप फोन उठाने से पहले इतना भी नहीं जान पाते कि आपको ये फोन कॉल कौन कर रहा है। वक्त-बेवक्त मोबाइल फोन पर आने वाले अनचाहे कॉल्स सभी के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। टेलीमार्केटिंग यानी कॉल्स के जरिये सामान, बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड समेत अन्य उत्पाद खरीदने के लिए लोगों को दिन में कई बार किए जाने वाले कॉल्स से मध्य प्रदेश के बाशिंदे भी जूझ रहे हैं। अधिकतर मोबाइल फोन उपभोक्ता तो इन नंबरों को ब्लॉक कर देते हैं, पर टेलीमार्केटिंग कंपनियां अन्य नंबरों से फोन करती हैं। मोबाइल फोन पर अनचाही कॉल से परेशान लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिन उपभोक्ताओं ने डू नॉट कॉल में अपने फोन का नंबर रजिस्टर कराया है। अगर उनके फोन पर कोई कॉल आती है तो उस कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। तमाम कंपनियां अपने प्रोडक्ट के लिए जब चाहे कॉल करके लोगों को परेशान करती रहती हैं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर सरकार को कड़ा निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जिन उपभोक्ताओं ने अपने मोबाइल फोन नंबर को डू नॉट काल में रजिस्टर कराया है। उनके फोन पर कोई भी अनचाही कॉल नहीं आनी चाहिए। इसके साथ ही उन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा है जो टेलीसर्विस करती हैं। लेकिन उन्होंने संचार मंत्रालय में इसके लिए अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। अनचाही कॉल्स और मैसेज से परेशान लोग इन पर रोक लगने की उम्मीद को एक बार फिर अपने भीतर जिंदा कर सकते हैं। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इसे लेकर नए नियम बनाए हैं, जिनके मुताबिक किसी भी व्यावसायिक, टेलिमार्केटिंग या उनके लिए काम करने वाली कंपनी को कॉल या संदेश भेजने से पहले उपभोक्ता की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। टेलीफोन रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (ट्राई) की सख्ती के बाद भी लोगों के मोबाइल पर अनचाहे कॉल और एसएमएस धड़ल्ले से आ रहे हैं। ट्राई ने डू नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) सुविधा की शुरुआत 27 सितंबर 2011 से की थी। इसका उद्देश्य लोगों को अनचाहे कॉल और मैसेज से राहत दिलाना था। इसके बाद भी उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल रही है। इस सेवा के तहत लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इसके बाद भी कॉल कर उपभोक्ताओं को डिस्टर्ब करने का सिलसिला जारी है। टेलीकॉम अधिकारियों के अनुसार, सेवा शुरू होने से लोगों को थोड़ी राहत अवश्य मिली है। रजिस्ट्रेशन के बाद भी अनचाहे कॉल आ रहे हैं, तो इसकी शिकायत ट्राई से की जा सकती है। इसके बाद ट्राई मोबाइल कंपनियों से जुर्माना वसूल कर उसे ब्लैक लिस्ट कर सकती है। उपभोक्ताओं को अनचाहे कॉल या मैसेज आने की शिकायत हो, तो वे इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। आप अपने सेल फोन पर आने वाली अनचाही कॉल्स से परेशान हैं तो यह खबर आपको थोड़ा सुकून देगी। अंत्येष्टि कार्यक्रम के दौरान एक शख्स के पास लोन का कॉल पहुंचा, उपभोक्ता अदालत ने कंपनी और कॉलर को पीड़ितों को मुआवजा देने का फैसला सुनाया। वडोदरा के उपभोक्ता फोरम ने टेलीकॉलर कंपनी आई-क्यूब और कॉलर कन्हैयालाल ठक्कर को अनचाही कॉल कर ग्राहक को परेशान करने की एवज में 20,000 रुपये मुआवजा अदा करने का फैसला सुनाया है। कॉलर सिटी बैंक का क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन बेच रहा था। जब कॉलर फोन के जरिए लोन की पेशकश कर रहा था तब शिकायतकर्ता अपने रिश्तेदार की अंत्येष्टि में व्यस्त था। कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक, कंपनी और कॉलर, दोनों को 10-10 हजार रुपये का मुआवजा देना होगा। इतना ही नहीं, आई-क्यूब और वोडाफोन एस्सार गुजरात लिमिटेड को कन्ज्यूमर वेलफेयर फंड को 10,000 रुपयों की पेमेंट करने के लिए भी कहा गया क्योंकि शिकायतकर्ता ने टेलीकॉलर कंपनी के साथ उनका नाम, नंबर और व्यक्तिगत जानकारी शेयर करने का भी आरोप लगाया था, जो उनकी निजता का हनन है। मामला साल 2007 का है। सुनवाई के बाद कन्ज्यूमर कोर्ट ने आई-क्यूब और कॉलर ठक्कर को दोषी पाते हुए मुआवजे का फैसला सुनाया। मोबाइल फोन यूजर्स की एक बड़ी समस्या होती है अनचाहे और बेवक्त पर आए कॉल्स। ये कॉल कभी भी बिना अनुमति के आ जाते हैं। कभी आप जरूरी मीटिंग में हो, आराम कर रहे हो या फिर ड्राइविंग कर रहे हों। यह कॉल आपको परेशान कर देते हैं। वहीं नियमित अंतराल पर आने वाले यह कॉल खीझ भी पैदा करते हैं। कभी-कभार तो ट्रूकालर से आपको इस बारे में जानकारी मिल जाती है कि यह टेलीमार्केटिंग कॉल है लेकिन कभी यह बात पता नहीं चल पाती है। ऐसे में इन कॉल से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि इन्हें ब्लॉक करें। साथ ही डू नॉट डिस्टर्ब ऑप्शन का इस्तेमाल करें। भारतीय अदालतों और भारतीय रिजर्व बैंक ने टेलीमार्केटिंग कंपनियों को विज्ञापन, मार्केटिंग और उत्पादों की सीधी बिक्री विशेष रूप से क्रेडिट कार्ड और बैंक ऋण के लिए अवांछित कॉल करके व्यक्तियों की गोपनीयता पर आक्रमण करने से प्रतिबंधित कर दिया है। हालांकि, ये प्रतिबंध भारत में टेलीमार्केटिंग को समाप्त नहीं करेंगे क्योंकि कंपनियां संभावित ग्राहकों के साथ भी संचार करना जारी रखती हैं। संशोधित बैंकिंग लोकपाल योजना के तहत, एक पीड़ित ग्राहक क्रेडिट कार्ड पर आरबीआई के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए बैंक/एनबीएफसी के खिलाफ संबंधित लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कर सकता है। सरकार को टेलीमार्केटिंग को विनियमित करने के लिए एक कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणियों और उपभोक्ता अदालत के फैसले की भावना को पूरा करने की आवश्यकता है ताकि टेलीमार्केटर्स व्यक्तिगत गोपनीयता पर आक्रमण किए बिना और भारत के संविधान में निहित नागरिकों के मौलिक अधिकारों को प्रभावित किए बिना अपना व्यवसाय संचालित करें।
Dakhal News
आज पानी पाताल में जा रहा है और हम आसमान में। दुनिया पानी-पानी चिल्ला रही है और हम पानी की बरबादी कर रहे हैं। नतीजा सामने है। अब तो गले ही नहीं सूखे, धरती तक प्यासी है। वह चाहे बुंदेलखंड का कोई क्षेत्र हो या महाराष्ट्र का दुर्गम इलाका। बंजर खेत हकीकत बयां कर रहे हैं। एक समय उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के अधिकांश किसानों के खेत में कुआं होता था। किसान कुओं से सिंचाई करते थे। कुओं में पारंपरिक सिंचाई की विधि रेहट होती थी। इस रेहट को बैल खींचते थे। रेहट से निलकता पानी नालियों के माध्यम से खेतों को सींच देता था। आज अब न तो उस तरह के जीवट किसान रहे और न ही पुराने संसाधन। करीब चार दशक पहले रेहट में काफी बदलाव किए गए। लकड़ी की जगह लोहे के रेहट बाजार में आ गए। यहीं गच्चा खा गए लोग। सिंचाई के नवीन विज्ञान के ज्ञान ने श्रम की जल शक्ति को यंत्र की शक्ति ने मात दे दी है। पहले के रेहट में एक भी लोहे की कील नहीं लगती थी। मिट्टी के घड़े तथा जामुन की लकड़ी, छिवल (छियूल) की रस्सी का प्रयोग होता था। इसमें एक पैसे का खर्च नहीं था। सब प्राकृतिक था। अफसोस नवीन ज्ञान ने कुआं, तालाब, गांव के सामूहिक परंपरा जल स्रोत खत्म कर दिए। बाकी जो बचे हैं वो भी खत्म होने वाले हैं। अगर हम अभी नहीं चेते तो फिर पछताने के सिवा कुछ नहीं बचेगा। जल चर्चा, विचार गोष्ठी, पानी की पाठशाला, तालाब पूजन जैसे तमाम उपक्रमों के बावजूद सूखा जैसी विभीषिका का सामना करना चिंतानजक है। दरअसल जलक्रांति बिना जनांदोलन के असंभव है। आम आदमी चिंतित तो है पर वह भी क्या करे। शाम की दाल-रोटी का इंतजाम करने में ही सारा दिन खप जाता है। अगली सुबह यही सब फिर उसकी दिनचर्या का हिस्सा होता है। तीसरा विश्व युद्ध पानी को लेकर लड़े जाने की भविष्यवाणी तक हो चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने जल संकट से संभावित जिलों में जल कोष यात्रा शुरू कर नेक काम किया है। यह सबसे बड़ा अकाट्य सत्य है कि सब कुछ बनाया जा सकता है पर पानी बनाया नहीं जा सकता। उसे केवल बचाया जा सकता है। और हम वही नहीं कर पा रहे। जल के बिना सामाजिक आर्थिक ताना-बाना टूटता नजर आता है। जल का बाजारीकरण जल समस्या का समाधान नहीं है। अन्नदाता किसान ने यदि पानी के अभाव में खेती करना छोड़ दिया तो क्या होगा, यह सोचकर आत्मा रोने लगती है। आत्मनिर्भरता स्वावलंबी बने इस दिशा में जमीनी प्रयास होने चाहिए। सामुदायिक प्रयास भी जरूरी हैं। जिस तरह हम साल भर के लिए अपने घर का बजट बनाते हैं उसी प्रकार पानी का बजट भी बनाएं तो जल संकट से काफी हद तक बचा जा सकता है। जल में सिद्धि होती है। जल में समृद्धि है। जल में अमृत है। जल में ऊर्जा है। नदियों को तप से पृथ्वी पर लाया गया। जलाशय हमारे लिए सदैव पूजनीय हैं। इसलिए जल संरक्षण रचनात्मक और सामाजिक दायित्व है। यह कार्य अकेले नहीं होते। इसमें पूरे समुदाय और समाज का वर्षों का श्रम अनुभव समाहित होता है। सब कहते हैं जल जीवन का आधार है। जल ही जीवन है। जल अनमोल है। जल विलक्षण है। जल सर्वव्यापी है। जल असाधारण है। जल राष्ट्रीय संपदा है। जल परमेश्वर है। जल शिव है। जल शंकर है। जल अमृत है। जल शक्ति है। जल ऊर्जा है। धर्म के आधार पर केवल पानी ही पवित्र करता है। भारतीय संस्कृति पूजा प्रधान है। पूजा पवित्रता के लिए जल आवश्यक है। जल में आध्यात्मिक शक्तियां होती हैं। दुनिया की सभी पुरानी सभ्यताओं का जन्म जल के समीप अर्थात नदियों के किनारे हुआ है। दुनिया के जितने पुराने नगर हैं वे सब नदियों किनारे बसे हैं। जल पाने के मुख्यतः चार स्रोत हैं नदियां, झीलें, तालाब, कुआं। हर मर्ज की दवा पानी है। दुनिया के सामने जल संकट है। इस समस्या से कैसे निपटा जाए। क्या रणनीति बने। सबको सोचना होगा। मनुष्य को प्रतिदिन तीन लीटर पानी पीने के लिए चाहिए। जीव, जीवन और जल तीनों का आपस में अंतरंग गहरा संबंध है। जल चक्र को बनाए रखने के लिए कोहरे (ओला, बर्फ और पाला) की भूमिका महत्वपूर्ण है। पानी में यदि भाप बनने का गुण ना होता तो दुनिया को पानी ही ना मिलता। पानी को छोड़कर दुनिया की सभी चीजें सर्दी में सिकुड़ती है लेकिन सर्दी में पानी फैलता है। दुनिया के हर चीज का तापमान पानी के तापमान के मानक से नापा जाता है। दुनिया की अर्थव्यवस्था में जल का बहुत बड़ा योगदान है। पानी सदैव नीचे की ओर बहता है। वह अपना रास्ता बना स्वयं बना लेता है। हमारे वेदों और धर्म शास्त्रों में जल संरक्षण के बारे में पहले ही सचेत किया जा चुका है। पृथ्वी में जितने भी जीव हैं उनका जीवन जल पर निर्भर है। पेड़ में, फलों में, अनाज में, पत्तों में और जड़ों में जो स्वाद और रस है, वह सब जल के कारण है। यानी पानी के बिना सब सून है। गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने रामचरितमानस में कहा है-क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा, पांच तत्व मिल रचा शरीरा।। कबीर ने कहा है- पानी केरा बुदबुदा अस मानुस की जात।। रहीम कह गए हैं-रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून।। वेदों में कहा गया है कि जल देवता की भक्ति और सेवा से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। प्राचीन काल से हम स्तुति प्रार्थना करते चले आ रहे हैं। जल को स्वच्छ बनाए रखना भी जल देवता की पूजा है। जन्म से लेकर मृत्यु तक पानी का हमारे जीवन में सबसे बड़ा स्थान है। पानी में ही सारे देवता रहते हैं। इसलिए जब कोई धार्मिक अनुष्ठान होता है तब उसमें सबसे पहले कलश की पूजा होती है या कलश यात्रा निकलती है। हमारे पूर्वज, माता-पिता जब चारोंधाम की यात्रा अथवा गंगा-जमुना दर्शन जाते थे तो कुछ लाएं या ना लाएं लेकिन तीर्थ से जल जरूर लाते थे। आज भी ऐसा होता है। अर्थात जल सबसे पवित्र है। पानी को आदर देना होगा। सरकार के साथ हर व्यक्ति को अपने स्तर पर पानी बचाने की कोशिश करनी होगी। पानी को हम चाहे जो मानें मगर वह पानी ही है जिसकी पतली सी लकीर नई आशा की किरण देती है। प्रकृति ने जो पानी हमें मुफ्त में दिया है हमने उसे बाजार में बिक्री की चीज बना दिया है। हमने अपनी जल सभ्यता और जल संस्कृति का सत्यानाश कर दिया है।
Dakhal News
भारत की खाद्य संस्कृति वैश्वीकरण, शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के कारण बदल रही है। यह प्रमुख सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों का भी कारण बन रही है। भारत में युवा पीढ़ी तेजी से फास्ट फूड का सेवन कर रही है, जिसके कारण मोटापा, टाइप 2 मधुमेह और हृदय सम्बंधी विकार जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो रही हैं। फास्ट फूड में अक्सर बड़ी मात्रा में कैलोरी, चीनी, सोडियम और खराब वसा होती है, जो खराब खाने की आदतों और पोषण सम्बंधी कमियों को जन्म दे सकती है। इसका परिणाम एक गतिहीन जीवन शैली भी हो सकता है, जो किसी के स्वास्थ्य के लिए जोखिम बढ़ाएगा। फास्ट फूड का सेवन बच्चों के स्वास्थ्य और खाने की आदतों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। फास्ट फूड, जिसमें कैलोरी, चीनी और खराब वसा अधिक होती है, मधुमेह और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के विकास के जोखिम और वज़न बढ़ाता है। फास्ट फूड के लगातार सेवन से बच्चे स्वस्थ खाद्य पदार्थों की तुलना में प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे संतुलित आहार और पौष्टिक भोजन चुनने की उनकी संभावना कम हो जाती है। आजकल, बहुत से युवा फास्ट फूड पसंद करते हैं क्योंकि यह सुविधाजनक, स्वादिष्ट और जल्दी बनने वाला होता है। इसके नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जानते हुए भी वे इसे खाना जारी रखते हैं। व्यस्त जीवन शैली में, फास्ट फूड को जल्दी से जल्दी खाना सुविधाजनक है। वे भीड़ का अनुसरण करते हैं क्योंकि उनके दोस्त भी इसे पसंद कर सकते हैं। स्वाद के लिए स्वास्थ्य का जोखिमः फास्ट फूड जल्दी से जल्दी खाने और स्वाद के लिए बनाया जाता है और यह ज़्यादा पका हुआ, अत्यधिक प्रोसेस्ड होता है। मानव शरीर बिना प्रोसेस्ड, अत्यधिक रेशेदार और कम से कम पके हुए खाद्य पदार्थों के लिए बना है इसलिए वे पूरी तरह से अनुपयुक्त हैं। फास्ट फूड से शुगर स्पाइक्स इंसुलिन प्रतिरोध, वज़न बढ़ने, वसा संश्लेषण और मधुमेह में पैदा करते हैं। भारत में फैलते फास्ट फूड उद्योग में बर्गर, पिज्जा, पानी-पूरी व चाट मसाला कियोस्क और पावभाजी-समोसा के ठेले शामिल हैं। बढ़ता मोटापा, मधुमेह की समस्याः मोटापा और मधुमेह दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, जिसे मक्खन, दूध और अंडे जैसे खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है। हमारे शरीर को खराब कोलेस्ट्रॉल से नुकसान होता है। सड़क पर फास्ट फूड तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खाना पकाने के तेल में उच्च ट्राइग्लिसराइड (खराब कोलेस्ट्रॉल) सामग्री होती है, जिसे खाने से खतरनाक बीमारियाँ हो सकती हैं। सात्विक आहार जो हिंदू रीति-रिवाजों का प्रमुख हिस्सा है, उनकी जगह आधुनिक आहार ले रहे हैं। पारंपरिक खानपान की प्रथाएँ, पारिवारिक भोजन और सामाजिक बंधन सभी फास्ट-फ़ूड संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं। अकेले खाने और स्विगी और ज़ोमैटो जैसी ऑनलाइन भोजन वितरण सेवाओं के बढ़ने के परिणामस्वरूप लोगों के साथ मिलकर खाने का तरीक़ा बदल गया है। विज्ञापन का मायाजालः फास्ट फूड कंपनियाँ अपने उत्पादों को कूल और मनोरंजक दिखाने के लिए भ्रामक विज्ञापन का उपयोग करती हैं, जो इसके विस्तार की एक और वजह है लोगों और खासकर युवाओं को आकर्षित करने के लिए इसके प्रचार के लिए दुनिया के नामीगिरामी हस्तियों का चेहरा इस्तेमाल होता है और आकर्षक नारों व टैगलाइन का सम्मोहन अलग होता है। अपनी बुद्धिमत्ता और शिक्षा के बावजूद लोग कभी-कभी अपने स्वास्थ्य पर संभावित हानिकारक प्रभावों पर विचार करने के बजाय फास्ट फूड खाने को प्राथमिकता देते हैं। उन्हें भी पता है कि यह अच्छा विकल्प नहीं है लेकिन वे इसे चुनते हैं क्योंकि यह बहुत सरल और स्वादिष्ट है। चूँकि लोग घर के बने खाने की जगह सुविधाजनक भोजन चुन रहे हैं, इसलिए खानपान की आदतें बदल रही हैं। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का इस्तेमालः राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में युवा लोग ज़्यादा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खा रहे हैं। बाजरा जैसे पारंपरिक अनाज की जगह रिफ़ाइंड अनाज और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ ले रहे हैं। बाजरा की खपत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2023 में अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष की शुरुआत की थी। प्रोसेस्ड, उच्च वसा, उच्च चीनी वाले पश्चिमी आहार की बढ़ती संख्या पारंपरिक संतुलित भोजन की जगह ले रही है। मैकडॉनल्ड्स, केएफसी और डोमिनोज़ के तेज़ी से बढ़ने के कारण भारत में शहरी खानपान की आदतें बदल गई हैं।संकट में खानपान से जुड़ी हमारी विशिष्टताः वैश्वीकरण के कारण क्षेत्रीय व्यंजन अपनी विशिष्टता खो रहे हैं। पूर्वोत्तर भारत में किण्वन-आधारित आहार और अन्य पारंपरिक खाना पकाने की तकनीकें लोकप्रिय नहीं हो रही हैं। खानपान की बदलती आदतों के कारण त्योहारों और धर्मों से जुड़ी खास पाक परंपराएँ अपना महत्त्व खो रही हैं। पारंपरिक खानपान की प्रथाएँ, पारिवारिक भोजन और सामाजिक बंधन सभी फास्ट-फ़ूड संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं। वैश्विक खाद्य श्रृंखलाओं के कारण स्ट्रीट वेंडर और स्वदेशी खाद्य सामग्री के व्यापार चुनौतियों का सामना करते हैं। कुपोषण और स्वास्थ्य प्रभाव: अधिक प्रसंस्कृत भोजन खाने के परिणामस्वरूप हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे के शिकार लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। आहार सम्बंधी आदतों में आए इस बदलाव के कारण भारत में 101 मिलियन मधुमेह रोगी हो गए हैं। खपत के पैटर्न में बदलाव के कारण पारंपरिक फसलों की मांग में कमी आई है, जिसका असर किसानों के मुनाफे पर पड़ा है। नीति आयोग (2022) के अनुसार, ग्रामीण कृषि अर्थव्यवस्था बनाए रखने के लिए फ़सल विविधीकरण महत्त्वपूर्ण है। छोटे पैमाने के खाद्य व्यवसाय, पारंपरिक भोजनालय और पड़ोस के खाद्य विक्रेता सभी वैश्विक खाद्य श्रृंखलाओं से प्रभावित हैं। अपनी नींव को बनाए रखते हुए, भारत की विविध पाक संस्कृति को बदलना होगा। टिकाऊ खाद्य नीतियों, देशी फसलों के समर्थन और संतुलित आहार जागरूकता के कार्यान्वयन के माध्यम से आधुनिकीकरण द्वारा पारंपरिक खाद्य विविधता और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ाया जा सकता है। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि कभी-कभार फास्ट फूड खाने से आपके सामान्य स्वास्थ्य पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है। नियमित रूप से फास्ट फूड खाने से अंततः कई स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इसे सीमित करना लक्ष्य है।
Dakhal News
मानव जीवन को विज्ञान ने काफी आसान और सुविधाजनक बना दिया है। विज्ञान के प्रति युवाओं की कितनी रुचि है, इसी पर देश का भविष्य निर्भर करता है। युवाओं के साथ-साथ समाज के प्रत्येक वर्ग में विज्ञान के प्रति अधिकाधिक रुचि जागृत करने के लिए प्रतिवर्ष 28 फरवरी को ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ मनाया जाता है। दरअसल, इस दिवस के जरिये बच्चों को विज्ञान को बतौर कैरियर चुनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि देश की आने वाली पीढ़ी विज्ञान के क्षेत्र में अपना उल्लेखनीय योगदान दे सके और देश प्रगति के मार्ग पर निरन्तर अग्रसर रहे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार के लिए राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा भारत में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में नामित करने के लिए वर्ष 1986 में भारत सरकार को कहा गया था और सरकार द्वारा इसे स्वीकृति प्रदान किए जाने के बाद से 28 फरवरी 1987 से प्रतिवर्ष इसी दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता रहा है। यह दिवस भारत के महान वैज्ञानिक भौतिक शास्त्री सर सीवी रमन की खोज ‘रमन प्रभाव’ को सदैव याद रखने और विश्व पटल पर विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन करने वाले इस वैज्ञानिक की स्मृति में मनाया जाता है। सर सीवी रमन भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में पहले ऐसे भारतीय थे, जिन्होंने भारत में ऐसे आविष्कार पर शोध किया था। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस में 1907 से 1933 तक सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन ने कार्य किया था। उस दौरान उन्होंने भौतिकी के कई बिन्दुओं पर शोध किया था, जिसमें से ‘रमन प्रभाव’ (प्रकाश के फैलने पर प्रभाव, जब विभिन्न वस्तुओं द्वारा उसे गुजारा जाता है) उनकी महान खोज बनी, जो न केवल विज्ञान जगत में लोकप्रिय हुआ बल्कि पूरी दुनिया ने उनकी इस खोज को सराहा। सर सीवी रमन की यह खोज 28 फरवरी 1928 को दुनिया के सामने आई थी। उनके लिए वर्ष 1930 में उन्हें भौतिकी के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा माना जाने वाला ‘नोबेल पुरस्कार’ दिया गया था। वे एशिया के ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने का गौरव हासिल हुआ था। ‘रमन प्रभाव’ की खोज के लिए उन्हें अनेक दूसरे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के पश्चात् भारत लौटने पर उन्होंने कहा था कि ‘मेरे जैसे न जाने कितने रमन सुविधाओं और अवसरों के अभाव में यूं ही अपनी प्रतिभा गंवा देते हैं, जिससे केवल उनका ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष का नुकसान है, जिसे हमें रोकना होगा।’ वर्ष 2013 से अमेरिकन केमिकल सोसायटी द्वारा अंतरराष्ट्रीय ऐतिहासिक केमिकल लैंडमार्क के रूप में ‘रमन प्रभाव’ को नामित किया गया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रतिवर्ष एक निर्धारित थीम के तहत मनाया जाता है। 2025 के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम है ‘विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना।’ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का सबसे बड़ा उद्देश्य लोगों को हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न वैज्ञानिक आविष्कारों की महत्ता से परिचित कराना होता है, इसके अलावा वैज्ञानिक सोच रखने वाले लोगों को अवसर उपलब्ध कराना तथा उन्हें उनके कार्य के लिए प्रोत्साहित करना भी इसका अहम उद्देश्य है। विज्ञान के विकास के लिए नई तकनीकों को लागू कर विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने जैसे उद्देश्य राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के आयोजन में निहित हैं। विज्ञान के जरिये ही वैज्ञानिकों ने नई-नई तरह की तकनीकों का आविष्कार किया है और वैज्ञानिकों ने इन खोजों के जरिये मानव जीवन को निरंतर बेहतर बनाया है। इसी विज्ञान के जरिये हम रोबोट, कम्प्यूटर इत्यादि बनाने में सफलता प्राप्त करने के अलावा अंतरिक्ष तक में पहुंच गए हैं। असंभव दिखने वाले कार्यों को भी विज्ञान की मदद से ही संभव बनाते रहे हैं। विज्ञान की मदद से ही बनाई गई प्रतिदिन बहुत सारी तकनीकों और वस्तुओं का इस्तेमाल हम अपने दैनिक क्रियाकलापों में करते हैं। ऐसे में हम सभी के लिए हमारे जीवन में विज्ञान के महत्व को समझना जरूरी है। हमारा समाज 21वीं सदी में जिस प्रकार अंधविश्वासों के साये में जीता है, ऐसे में विज्ञान की महत्ता समझते हुए समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करते हुए इन अंधविश्वासों के निर्मूलन की जिम्मेदार हम सबकी है।
Dakhal News
हीरो मोटोकॉर्प ने गुरुवार 100CC सेगमेंट में अपनी पॉपुलर बाइक पैशन प्लस को अपडेटेड OBD2B कम्प्लायंट इंजन के साथ नए अवतार में लॉन्च कर दिया है। बाइक कम्बाइंड ब्रेकिंग सिस्टम के साथ के साथ आती है। 2025 हीरो पैशन प्लस की एक्स-शोरूम, कीमत 81,651 रुपए है, जो कि 2024 नॉन OBD2B वर्जन के मुकाबले 1750 रुपए ज्यादा है। 2024 हीरो पैशन प्लस की कीमत 79,901 रुपए थी। 2025 हीरो पैशन प्लस बाइक का मुकाबला होंडा शाइन 100, बजाज प्लेटिना 100, टीवीएस स्पोर्ट, हीरो स्प्लेंडर प्लस और HF डीलक्स से है। नई कम्यूटर बाइक के कलर ऑप्शन में बदलाव किए गए हैं, लेकिन इसके डायमेंशन पहले की तरह ही हैं ... 2025 हीरो पैशन के डिजाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसमें ब्लैक कलर के 18-इंच 5-स्पोक अलॉय व्हील्स और डुअल-टोन कलर थीम दी गई है। पैशन का मौजूदा मॉडल 4 कलर ऑप्शन के साथ आता था, जबकि 2025 मॉडल दो कलर ऑप्शन- ब्लैक नेक्सस ब्लू और ब्लैक हैवी ग्रे कलर में अवेलेबल है।
Dakhal News
रीवा नगर निगम में टैम्पो टैक्सी चालकों से अवैध वसूली की जा रही है। यहां नगर निगम के नाम पर प्राइवेट कर्मचारी वाहन चालकों से मनमाना पैसा वसूल रहे हैं...और उन्हें दी जा रही रसीदों में वसूली की राशि भी नहीं लिखी है... रीवा के अस्पताल चौराहे पर टैम्पो टैक्सी चालकों से अवैध वसूली की जा रही है...नगर निगम के नाम पर कुछ प्राइवेट कर्मचारी 5 की जगह 10₹ प्रति वाहन वसूल कर रहे हैं...रसीदों पर कोई पैसे दर्ज नहीं हैं...यहां कोई स्पष्टता नहीं है कि ये वसूली किस आधार पर की जा रही है...मीडिया का कैमरा देखते ही वसूली कर रहे युवक ने रसीद तुरंत निगम कर्मचारी मोहम्मद अहमद को सौंप दी... लेकिन जब सवाल किया गया, तो अहमद ने उस युवक को पहचानने से मना कर दिया...अब देखना होगा कि निगम प्रशासन खुलेआम हो रही इस अवैध वसूली पर क्या कदम उठाता है...
Dakhal News
परासिया जनपद की उमरेठ ग्राम पंचायत में ग्रामीणों को धमकाने का मामला सामने आया है... ग्रामीणों का आरोप है कि जब उन्होंने खराब सड़क की शिकायत की, तो सचिव तुलाराम साहू ने उन्हें धमकी दी कि राशन पानी बंद कर दिया जाएगा...धमकी के बाद ग्रामीणों ने परासिया जनपद पहुंचकर जनपद उपाध्यक्ष से शिकायत की... उमरेठ ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर एक, हेठी में सड़क की स्थिति बहुत ही खराब है। बरसात के मौसम में यहां के लोग दलदल जैसे कच्चे रास्तों से गुजरने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने पहले भी शिकायत की थी, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ, इसके बाद सचिव द्वारा दी गई धमकी ने मामला और गंभीर कर दिया। अब, परासिया जनपद उपाध्यक्ष जमील खान ने ग्रामीणों को सड़क निर्माण और भविष्य में ऐसी घटनाएं न होने का आश्वासन दिया...साथ ही सचिव को फटकार लगाई....
Dakhal News
तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में आने वाले भक्तों के लिए भोजन प्रसादलय के समय में विस्तार किया गया है..... ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर संस्थान के ओमकार भोजन प्रसादलय में अब सुबह से दोपहर तक और शाम से रात 9:00 बजे तक भोजन मिलेगा। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं एसडीएम शिवम प्रजापति ने भक्तों की सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से भोजन प्रसादी व्यवस्था के समय में अब विस्तार किया गया है.ज्योतिर्लिंग भगवान के दर्शन के लिए देश के विभिन्न प्रांतो से भक्त सुबह 5:00 बजे से मंदिर पहुंचने लगते हैं. दर्शन के बाद कई भक्त को निर्धारित समय के कारण प्रसाद नहीं मिल पता ... प्रजापति ने कहा कि भक्तों को सुगम सुविधा मंदिर संस्थान की ओर से मिले इसी उद्देश्य से ओमकार भोजन प्रसादालय की पूर्व में निर्धारित समय सारणी में बदलाव करते हुए अब भोजन का समय और अधिक बढ़ाया गया है।पहले दोपहर 12:30 से 3:00 तक भक्तों को भोजन मिलता था। साथ ही शाम का भोजन 7:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक रहता था.अब वक्त सुबह 10:00 बजे शाम 4:00 और शाम का भोजन शाम 5:00 बजे रात्रि 9:00 बजे तक ले सकेंगे। और इसी के साथ ओंकार भोजन प्रसादालय में मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा करके आने वाले भक्तों के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था और ठहरने की व्यवस्था भी संस्थान की ओर से रहेगी।
Dakhal News
सिंगरौली जिले के बंधा नार्थ कोल ब्लॉक को लेकर कलेक्टर के पचौर और अन्य संबंधित ग्रामों में लगाए गए भू अर्जन अधिनियम के विरुद्ध नामांकन और निर्माण पर प्रतिबंध को लेकर स्थानीय लोगों ने अपर कलेक्टर पी के सेन गुप्ता को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा... ज्ञापन में स्थानीय लोगों ने पचौर गांव की भूमि का मूल्यांकन कलेक्टर दर के बजाय वर्तमान बाजार दर के अनुसार करने की मांग की है, क्योंकि पचौर की भूमि की कलेक्टर दर 3 लाख 80 हजार प्रति एकड़ है, जबकि वर्तमान में इसे 56 लाख प्रति एकड़ के हिसाब से बेचा जा रहा है...इस ज्ञापन में जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार पाठक, जनपद अध्यक्ष सविता सिंह सहित सैकड़ों स्थानीय लोग शामिल हुए...अपर कलेक्टर ने इस मुद्दे को उचित मंच पर रखने का आश्वासन दिया...
Dakhal News
रुड़की के भगवानपुर थाना क्षेत्र में पुलिस की बदमाशों के साथ मुठभेड़ हो गई, जवाबी फायरिंग में एक बदमाश के पैर में गोली लग गई, जबकि उसका साथी मौके से फरार होने में कामयाब हो गया, पुलिस फरार बदमाश की तलाश कर रही है, वहीं घायल बदमाश को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है ... भगवानपुर थाना क्षेत्र के नन्हेड़ा गांव में फरवरी माह में लूट की घटना को अंजाम दिया गया था, पुलिस उसी समय से लूट में शामिल बदमाशों की तलाश कर रही थी, देर रात पुलिस को सूचना मिली कि नन्हेड़ा गांव में लूट की वारदात को अंजाम देने वाले दो बदमाश बाइक से फरार हो रहे है, इस सूचना पर भगवानपुर थाना प्रभारी निरीक्षक सूर्य भूषण नेगी ने तत्काल पुलिस टीम के साथ मिलकर बदमाशों की घेराबंदी करते हुए बदमाशों को रुकने के लिए कहा तो उन्होंने पुलिस पर गोली चला दी, जिस पर पुलिस ने भी बदमाशों के ऊपर जवाबी फायरिंग कर दी, इसी बीच एक बदमाश के पैर में गोली लग गई और वह घायल हो गया, जबकि उसका दूसरा साथी मौका पाकर फरार हो गया, वहीं पकड़े गए बदमाश ने अपना नाम अंशुल निवासी हरचंदपुर कोतवाली मंगलौर बताया है, इसी के साथ उसने मौके से फरार होने वाले अपने साथी का नाम शिवम बताया है ...
Dakhal News
अमरपाटन के एक व्यापारी के बेटे ने अपने सिर पर पिस्टल से अपने आप को गोली मार कर आत्महत्या करने का असफल प्रयास किया...घटना के बाद युवक की हालत गंभीर है जिसका इलाज बिरला हॉस्पिटल में चल रहा है... दरअसल मामला अमरपाटन थाना क्षेत्र के ग्राम लालपुर का हैं। जहाँ एक अनाज व्यापारी के बेटे शिवम गुप्ता ने अपने सर पर पिस्टल से फायर कर आत्महत्या करने की कोशिश की...जब परिजनों को जानकारी लग तो उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल अमरपाटन लेकर पहुंचे वहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे इलाज के लिए बिरला हॉस्पिटल सतना लेक जाया गया...यहां व्यापारी के बेटे के सिर का ऑपरेशन कर गोली निकाली गई...युवक का इलाज जारी है...
Dakhal News
अमरपाटन वन विभाग परिक्षेत्र के गोरसरी पहाड़ के जंगल में अज्ञात कारणों से भीषण आग लग गई...हवा के साथ फैली इस आग से लगभग 7 एकड़ का जंगल जलकर खाक हो गया... जंगल में लगी आग से वन सम्पदा जलकर खाक हो रही है...वहीं वनस्पति और सूखी घास के कारण आग लगातार विकराल रूप ले रही है...सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला मौके पर पहुँचा...जहाँ फायर ब्लोअर मशीन की मदद से आग बुझाने की कोशिश की जा रही है...
Dakhal News
सतवास तहसील में 18 करोड़ की लागत से बन रही नहर सिर्फ दो दिन में ही टूटने लगी है, जिससे घटिया निर्माण सामग्री के आरोप सामने आ रहे हैं। 81 किलोमीटर लंबी नहर की दीवारें उखड़ चुकी हैं, और सीमेंट की परतें भी झड़ने लगी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों को पहले ही चेताया गया था, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। वहीं, ठेकेदार के इंजीनियर का कहना है कि बड़े प्रोजेक्ट में थोड़ी बहुत समस्याएं आती हैं, लेकिन निर्माण में कोई कमी नहीं है।" देवास जिले की सतवास तहसील में 18 करोड़ की लागत से बनाई जा रही चंदकेशर डेम से जोड़ने वाली नहर, अब सवालों के घेरे में है...केवल दो दिन के अंदर ही नहर की दीवारें उखड़ गईं और गिट्टी-बजरी बाहर आ गई...स्थानीय किसानों का आरोप है कि निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ है...वहीं, ठेकेदार और अधिकारियों का कहना है कि निर्माण मापदंडों के अनुसार हो रहा है, और सुधार कार्य किया जा रहा है...लेकिन यह लापरवाही किसानों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है....
Dakhal News
इंदौर से नागपुर महाराष्ट्र हरदा जाने वाली माल वाहकों से हो रही चोरी की लगातार शिकायतों के बाद पुलिस ने एक बड़ी सफलता प्राप्त की...अज्ञात आरोपियों द्वारा ट्रकों पर चढ़कर सामान चोरी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है... आरोपी मोटरसाइकिलों से चलते हुए ट्रकों का पीछा कर उन पर चढ़कर तिरपाल काटकर ट्रक के अंदर रखा सामान चोरी करते थे...देवास पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से इन चोरों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और मुखबिर की सूचना पर आरोपियों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया...पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चोरी की गई शराब की पेटियां और हथियार भी बरामद किए हैं...पुलिस अब इनके अन्य साथियों की तलाश में जुटी है...
Dakhal News
ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में बड़ा विवाद सामने आया है...विश्वविद्यालय के प्रोफेसर साजन कुरियन मैथ्यु पर छात्राओं से छेड़छाड़ करने के आरोप में झांसी रोड थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है... छात्राओं के आरोपों के बाद विश्वविद्यालय में हंगामा और प्रदर्शन हुआ... जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी... राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में कुछ दिनों पहले छात्राओं ने आरोप लगाया था कि प्रोफेसर मैथ्यु अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं साथ ही रात में मोबाइल पर मैसेज भेजते हैं...इस आरोप के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध प्रदर्शन किया और एफआईआर की मांग की...शनिवार को छात्रों ने एसपी ऑफिस के बाहर भी धरना दिया। एबीवीपी के छात्रों के इस प्रदर्शन के बाद पुलिस ने प्रोफेसर मैथ्यू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है...अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा का कहना है कि प्रोफेसर मैथ्यु के खिलाफ छात्राओं से छेड़छाड़ करने को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली गई है....पुलिस मामले की जांच कर रही है।
Dakhal News
ग्वालियर में कई जगह अपराधियों ने घरों से ही शराब का अवैध कारोबार चला रखा है ... पुलिस ने ऐसे ही एक घर पर दविश दी और शराब का अवैध कारोबार करने वाले को पकड़ा ... पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के निर्देश पर ग्वालियर पुलिस द्वारा अवैध मादक पदार्थो, अवैध शराब तथा अवैध हथियार की खरीद-फरोख्त करने वालों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में हजीरा पुलिस टीम को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि लाइन नंबर 03 हजीरा में स्थित एक मकान में दो व्यक्ति मिलकर अवैध शराब का धंधा कर रहे हैं ... जिस पर से एडिशनल एसपी ने सीएसपी महाराजपुरा नागेन्द्र सिंह सिकरवार ने पुलिस टीम के साथ दविश दी ... तो एक व्यक्ति घर के गेट के पास बीयर की कैन का पैकेट लिये दिखा ... जो पुलिस को देखते ही डिब्बे को फैंककर घर के अंदर की तरफ भाग गया ... पुलिस टीम ने उसका पीछा किया तो उक्त व्यक्ति सीडियों से ऊपर चढ़कर मकान के पीछे की तरफ छत से कूदकर गलियों में फरार हो गया ... पुलिस टीम ने घर में रह रहे अन्य किरायेदारों से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि भागने वाले व्यक्ति को यह मकान उसके दोस्त ने शराब बेचने के लिये दे रखा है और उसने किचिन में अवैध शराब का भंडारण करके रखा हुआ है। पुलिस टीम ने किचिन में जाकर देखा उसमें तीन प्लास्टिक के कट्टे में 330 क्वाटर प्लेन देशी शराब के रखे मिले। किचिन में रखे फ्रिज को खोलकर देखा तो उसमें किंग फिशर के 25 कैन, बोल्ट बीयर के 56, ब्लैक फोर्ट बीयर की 21 कैन भरी हुई मिली तथा किचिन के पटिये पर अंग्रेजी शराब रायल चेलेंज शराब की बोतलें मिलीं ...
Dakhal News
सिंगरौली में तमाम सामाजिक संस्थाओं को पानी बचाने और स्वच्छता बनाये रखने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी गई ... सरकार इस समय प्रदेश में जल गंगा अभियान चलाये हुए है ... जिला पंचायत सभागार में समस्त सामाजिक संस्थाओं मप्र जन अभियान परिषद, आशा कार्यकर्ताओं एम एस डब्लू , बी एस डब्लू , नावांकुर संस्थाओं को बैठक में बुलाकर जल संरक्षण के साथ स्वच्छता बनाए रखने को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गई ... कार्यक्रम में लगभग सैकड़ो की संख्या में सिंगरौली देवसर चितरंगी से आकर लोग हुए शामिल ...
Dakhal News
छिंदवाड़ा में तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को लुटेरों को पकड़ने में कामयाबी मिली ... एक ग्रामीण इन लुटेरों के लिए रैकी किया करता था .. जिसके बाद लुटेरे वारदात को अंजाम देते थे ... पुलिस अधीक्षक अजय पांडे व आई.पी.एस. आयुष गुप्ता व अनुविभागीय अधिकारी जितेंद्र जाट के मार्गदर्शन पे लूट करने वाले आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा ... मामला उमरेठ थाने के अंतर्गत कुछ माह पहले ही एक लूट का था .. जिसमे लाखो रु एक युवक से लूट लिया गया था ... पुलिस को शिकायत मिलने पर सीसी टीवी फुटेज के जरिये कई माह से पुलिस ने कड़ी मेहनत कर हर एक फुटेज को खंगाला ... तब कुछ सुराग मिलने से धीरे धीरे आरोपियों को धर दबोचा गया ... लूट के लिए एक ग्रामीण व्यक्ति रेकी करते मिला ... पुलिस ने पांचो आरोपी को धर दबोचा और हिरासत मे लेकर जेल भेज दिया ...
Dakhal News
ग्वालियर में इन दोनों चाबी बनाने के नाम पर लोगों के घरों में चोरी करने वाली गैंग सक्रिय हैं… सरदार की वेशभूषा में घूमने वाले ये बदमाश अलमारी का लॉक ठीक करने के लिए गली-गली में आवाज लगाते हैं...ताजा मामला थाटीपुर क्षेत्र का है...जहां इन बदमाशों ने एक घर में लॉक ठीक करने के नाम पर अलमारी से 10 तोला सोना चुरा लिया... पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ चोरी का केस दर्ज कर लिया है...और आरोपियों की तलाश कर रही है सोना चुराने की वारदात थाटीपुर क्षेत्र के सिद्धार्थ नगर की है जहां राम प्रकाश अपने परिवार के साथ रहते हैं... इनके घर की अलमारी की चाबी खो गई थी... उनकी गली में सरदार वेश में दो लोग चाबी बनवाने की आवाज लगाते निकले....तो उन्होंने दोनों को अपने घर की अलमारी की चाबी बनवाने बुला लिया... उन्होंने चाबी बनाना शुरू कर दिया... एक सरदार चाबी बना रहा था तो दूसरा लॉक चेक कर रहा था... कुछ देर बाद एक सरदार ने रामप्रकाश को चाबी दी और गर्म कर लाने को कहा... रामप्रकाश चाबी गर्म करने के लिए चले गए और इसी बीच शातिर युवकों ने लॉकर में रखे सोने के गहने चोरी कर लिए... जब रामप्रकाश चाबी लेकर आए तो सरदार ने उसे अलमारी में लगा कर तोड़ दिया... जिससे उसका गेट जाम हो गया गेट जाम होने के बाद सरदार शाम को ड्रिल मशीन लाने की कहकर चले गए.... जब मिस्त्री ने अलमारी को खोला तो उनके पैरों तले जमीन निकल गई... क्योंकि लॉकर का गेट खुला हुआ था.... लॉकर में रखे गहनों के डिब्बे में से दस तोले की चूड़ी, दो सोने की चेन, सात अंगूठी, कान के बाले, झुमकी और पैंडल गायब थे
Dakhal News
मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल पूर्व राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल के अमरपाटन निवास पहुंचे... उन्होंने रामखेलावन पटेल के स्वर्गीय पिता भैया लाल पटेल के छाया चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देते हुए परिवारजन से मुलाकात की.... इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल में हो रहे मुस्लिम समाज के लोगों के विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा... धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा राष्ट्रहित में चुनौती पूर्ण निर्णय लेना सरकार की इच्छा शक्ति का परिचायक है... अमरपाटन पहुंचने पर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर हो रहे विरोध प्रदर्शन पर कहा कई उलझे हुए मामले मोदी सरकार ने सुलझाए हैं ...धारा 370 का विरोध हो रहा था... अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बना उसका भी विरोध हो रहा था....कई ऐसे मामले हैं जो देश के विकास के लिए देश के भविष्य के लिए बहुत जरूरी है....उसी कड़ी में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल सोझ समझ कर लाया गया हैं.... इसका यह परिणाम हैं कि लोकसभा और राज्यसभा में दोनो जगह सांसदों ने बहुमत से इसको पारित किया हैं....विरोध करने वाले इसका विरोध करेंगे लेकिन मोदी जी की सरकार इस प्रकार के दबाव में झुकेगी नहीं ...
Dakhal News
अमरपाटन में जनपद सदस्य और जनपद पंचायत सीईओ के बीच का झगड़ा अपने चरम पर है ... जहां एक तरफ जनपद सदस्यों ने हंगामा करते हुए सीईओ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर निंदा प्रस्ताव पारित कर सीईओ ओ पी अस्थाना की शिकायत कलेक्टर से की तो दूसरी तरफ इस मसले पर जनपद पंचायत सीईओ ओ पी अस्थाना सभी अधिकारी और कर्मचारियों के साथ मिलकर अमरपाटन थाने पहुँचें... जहां लिखित आवेदन देते हुए जनपद सदस्यों के पति और अध्यक्ष उपाध्यक्ष के खिलाफ अमरपाटन थाने में शासकीय कार्य में बाधा की शिकायत की ... अमरपाटन में जनपद सदस्यों और सीईओ ओ पी अस्थाना का मामला इतना तूल पकड़ गया कि... सीईओ ओ पी अस्थाना द्वारा जनपद की बैठक में अनाधिकृत तरीका से शामिल होने वाले जनपद सदस्यों के पति के खिलाफ.... शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने की और उनके साथ बदतमीजी करने की शिकायत थाने में दर्ज करवाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है.... और सभी जनपद सदस्यों के पतियों पर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने का मामला दर्ज करने की मांग की है....साथ ही जनपद सीईओ ने अपने आप को भी असुरक्षित बताया है ... अमरपाटन जनपद पंचायत सभाकक्ष में सामान्य सभा की मीटिंग चल रही थी... इस दौरान अचानक से नाराज जनपद सदस्य जनपद पंचायत सीईओ के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे... और नाराजगी जताते हुए गंभीर आरोप लगाए...हालांकि सीईओ ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है .. जनपद सदस्यों का आरोप है कि जनपद सीईओ ओपी अस्थाना के द्वारा महिलाओं और अध्यक्ष से अभद्रता की.... इतना नही बीच बैठक को छोड़कर सीईओ चले गए... जिससे बैठक में सीईओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित हुआ...
Dakhal News
जबलपुर । मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित केंद्रीय सुरक्षा संस्थान आयुध निर्माणी खमरिया से लगे रांझी क्षेत्र के आमा नाला में शुक्रवार सुबह सफाई के दौरान एक कुएं से भारी मात्रा में खाली कारतूस और हैंड ग्रेनेड के खोखे मिले हैं। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और कुएं से निकले सभी खाली खोखे और हैंड ग्रेनेड को जप्त कर लिया है। बड़ी मात्रा में कारतूस मिलने की वजह से पुलिस अधिकारियों को भी सूचना दी गई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। बता दें कि नगर निगम द्वारा गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले कुओं की सफाई करवाई जाती है। शुक्रवार को सुबह रांझी थाना क्षेत्र के आमा नाला में मजदूरों से कुएं की सफाई कराई जा रही थी। इसी दौरान कुएं से बड़ी संख्या में खाली कारतूस निकले। इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी जानकारी रांझी सीएसपी सतीश साहू को दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सभी कारतूसों को जप्त कर जांच शुरू की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि स्थानीय लोगों से कुएं में कारतूस होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद रांझी थाना पुलिस को मौके पर भेजा गया। जांच के दौरान करीब 50 खाली कारतूस और हैंड ग्रेनेड के खोखे बरामद किए गए हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये खोखे काफी पुराने हैं और संभवतः कबाड़ियों द्वारा बीनकर यहां तक लाए गए हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आसपास के लोगों से पूछताछ जारी है कि आखिर ये खोखे यहां तक कैसे पहुंचे।
Dakhal News
रीवा । मध्य प्रदेश के रीवा जिले में सगरा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक घर में अचानक आग लग गई। देखते ही देखने आग ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे गृहस्थी का सामान पूरी तरह जल गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दमकल की मदद से आग पर काबू पाया। पुलिस ने मामले को जांच में लिया है। जानकारी के अनुसार, ग्राम सगरा निवासी लवकुश मिश्रा के घर से शुक्रवार दोपहर में स्थानीय लोगों ने धुआं निकलते देखा। इसके बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने अपने-अपने घरों से बाल्टियां लाकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेजी से फैली कि पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। घटना की सूचना मिलते ही सगरा थाना प्रभारी अंकिता मिश्रा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचीं। उन्होंने तत्काल फायर ब्रिगेड को सूचना दी, लेकिन जब तक दमकल की टीम मौके पर पहुंची, तब तक घर में रखा गृहस्थी का सामान जल चुका था। थाना प्रभारी अंकिता मिश्रा ने बताया कि इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।
Dakhal News
ताहिर अली मध्यप्रदेश के धार जिले का छोटा सा कस्बा "बाग" केवल भौगोलिक पहचान नहीं, बल्कि एक समृद्ध हस्तकला का केंद्र है। यहां विकसित हुई "बाग प्रिंट" की कला सदियों पुरानी विरासत को जीवित रखते हुए वैश्विक मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। यह हस्तशिल्प कला प्राकृतिक रंगों और हाथ से तराशे गए लकड़ी के ब्लॉकों के माध्यम से कपड़ों पर एक अनोखी छाप छोड़ती है। इस कला को पुनर्जीवित करने और इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मोहम्मद यूसुफ खत्री और उनका परिवार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनके अथक प्रयासों ने बाग प्रिंट को भारत और वैश्विक मंच में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है। बाग प्रिंट: ऐतिहासिक धरोहर का पुनर्जागरण बाग प्रिंट की परंपरा सदियों पुरानी है और यह मूल रूप से खत्री समुदाय द्वारा संरक्षित और संवर्धित की गई। पहले यह कला केवल स्थानीय जरूरतों तक सीमित थी, लेकिन समय के साथ आधुनिक तकनीकों और मिलावट भरे रंगों के चलते इसकी पारंपरिक पहचान खतरे में पड़ने लगी। बाग प्रिंट को विलुप्त होने से बचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका स्वर्गीय इस्माईल खत्री की रही। उन्होंने इस कला को पुनर्जीवित करने के लिए परंपरागत तकनीकों में नवाचार किए और प्राकृतिक रंगों के उपयोग को बढ़ावा दिया। बाग प्रिंट के जनक स्वर्गीय इस्माईल खत्री द्वारा स्थापित इस कला की विरासत को आज भी उनके परिवार के सदस्य पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। बाग प्रिंट की इस समृद्ध परंपरा को जीवित रखने में मो. यूसुफ़ खत्री, स्व. मो. अब्दुल क़ादर खत्री, श्रीमती रशीदा बी खत्री, बिलाल खत्री, मो. रफ़ीक खत्री, उमर मो. फारूख खत्री, मो. काज़ीम खत्री, मो. आरिफ खत्री, अब्दुल करीम खत्री, गुलाम मो. खत्री, कासिम खत्री, अहमद खत्री और मोहम्मद अली खत्री जैसे शिल्पकारों का उल्लेखनीय योगदान है।यह परिवार कला, नवाचार और परंपरा के संतुलन को बनाए रखते हुए, बाग प्रिंट को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बाग प्रिंट को जीवंत रखने और वैश्विक पहचान दिलाने में खत्री परिवार दशकों से दे रहा है योगदान बाग प्रिंट को आज के दौर में जीवित रखने और आगे बढ़ाने में खत्री परिवार की कई पीढ़ियों का योगदान रहा है। उनके परिश्रम और समर्पण ने इस कला को एक नए मुकाम तक पहुंचाया है। एक समय था जब बाग प्रिंट की चमक धीरे-धीरे फीकी पड़ने लगी थी। आधुनिकता के प्रभाव में हस्तशिल्प उद्योग सिकुड़ने लगा था, लेकिन स्वर्गीय इस्माईल खत्री ने इसे पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया। उन्होंने पारंपरिक तकनीकों को संरक्षित रखते हुए, नए प्रयोग किए, जिससे बाग प्रिंट को नया जीवन मिला। स्वर्गीय अब्दुल कादर खत्री और मोहम्मद यूसुफ खत्री ने इस यात्रा को आगे बढ़ाया और इस कला को वैश्विक मंचों तक पहुंचाया। उनके प्रयासों से यह प्रिंटिंग तकनीक सिर्फ धार जिले तक सीमित नहीं रही, बल्कि भारत और विदेशों में भी प्रसिद्ध हो गई। कलाकारों का दृष्टिकोण - बाग प्रिंट को संजोने और वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में खत्री परिवार की कई पीढ़ियों का योगदान रहा है। जब इस कला के संरक्षण और भविष्य को लेकर खत्री परिवार के सदस्यों और अन्य कलाकारों से चर्चा की गई, तो उनके विचारों से पता चला कि यह केवल व्यवसाय नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन है। मो. यूसुफ़ खत्री का कहना है कि - "हमारे पिता ने हमें सिखाया कि कला केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि आत्मा की अभिव्यक्ति है। स्वर्गीय अब्दुल कादर भाई ने इस सीख को आत्मसात किया और बाग प्रिंट को नई ऊंचाइयों तक ले गए। हमें गर्व है कि हमारी कला आज एक पहचान बन चुकी है। हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भी इस कला को जीवित रखने में लगी हुई हैं।" श्री बिलाल खत्री (मो. यूसुफ़ खत्री के बेटे) कहते हैं: "पिता जी का सपना था कि बाग प्रिंट को एक ब्रांड के रूप में पहचाना जाए। आज, जब हम इसे वैश्विक स्तर पर देख रहे हैं, तो हमें गर्व महसूस होता है। लेकिन हमारी जिम्मेदारी यहीं खत्म नहीं होती, हमें इसे और आगे ले जाना है।" श्रीमती रशीदा बी खत्री (स्वर्गीय श्री अब्दुल कादर खत्री की पत्नी) कहती हैं कि: "हम सब इस कला के लिए एकजुट हैं। यह सिर्फ हमारा व्यवसाय नहीं, बल्कि हमारी परंपरा और पहचान है। जब हम किसी कपड़े पर हाथ से छपाई करते हैं, तो उसमें हमारी आत्मा झलकती है।" एक अमूल्य धरोहर की यात्रा बाग प्रिंट केवल एक हस्तशिल्प नहीं, बल्कि यह संस्कृति, परंपरा और आत्म-अभिव्यक्ति का संगम है। यह एक ऐसी कला है, जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है और आधुनिकता की चुनौतियों के बावजूद अपनी मौलिकता बनाए रखने में सफल रही है। इस यात्रा को करीब से देखने के बाद, यह स्पष्ट होता है कि बाग प्रिंट को जिंदा रखना केवल एक परिवार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। यह एक ऐसी धरोहर है, जिसे अगर समय रहते संरक्षित नहीं किया गया, तो यह केवल संग्रहालयों की वस्तु बनकर रह जाएगी। खत्री परिवार इस कला को जीवित रखने के लिए जिस जुनून और समर्पण के साथ काम कर रहे हैं, वह काबिले-तारीफ है। लेकिन यह भी जरूरी है कि सरकार और समाज मिलकर इस कला को और अधिक समर्थन दें। आर्ट फंडिंग, डिज़ाइन इनोवेशन और डिजिटल मार्केटिंग जैसी नई रणनीतियों को अपनाकर इसे और अधिक व्यापक रूप से प्रचारित किया जा सकता है। बाग प्रिंट को लेकर उनका क्या अनुभव रहा? श्री उमर फ़ारूख़ खत्री इस सवाल के जवाब में कहते हैं, "शुरुआत में लोगों को समझाना बहुत मुश्किल था कि यह केवल एक परंपरागत कला नहीं, बल्कि एक जीवंत धरोहर है। धीरे-धीरे जब हमारे डिज़ाइनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली, तो हमें लगा कि हम सही दिशा में जा रहे हैं। आज, जब विदेशों में लोग हमारे प्रिंट पहने हुए दिखते हैं, तो खुशी का अहसास होता है।" भविष्य की संभावनाएं बाग प्रिंट आज दुनिया के कई देशों में अपनी पहचान बना चुका है। स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, अमेरिका, कोलंबिया, थाईलैंड, रूस, चीन, अर्जेंटीना और बहरीन में इस कला का प्रदर्शन किया जा चुका है। श्री आरिफ़ खत्री कहते हैं: "हमारी अगली पीढ़ी को बाग प्रिंट को केवल संरक्षित नहीं, बल्कि इसे और अधिक वैश्विक बनाना होगा। नई तकनीकों और डिजाइनों से इसे आधुनिक फैशन उद्योग से जोड़ना हमारा लक्ष्य है। इससे न केवल इस कला को नया जीवन मिलेगा, बल्कि हमारे शिल्पकारों को भी अधिक अवसर प्राप्त होंगे।" यूसुफ खत्री भी इस बात पर सहमति जताते हैं। उनका मानना है कि बाग प्रिंट को सिर्फ पारंपरिक कपड़ों तक सीमित न रखते हुए, इसे होम डेकोर, एक्सेसरीज़ और आधुनिक फैशन ब्रांड्स के साथ जोड़ना होगा। श्री बिलाल खत्री इस दिशा में कई नवाचार कर रहे हैं। वे कहते हैं, "आज, जब दुनिया सस्टेनेबल फैशन और इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स की ओर बढ़ रही है, बाग प्रिंट की प्राकृतिक रंगाई और हस्तनिर्मित छपाई इसे एक अनोखी और टिकाऊ कला बनाती है। हमें इसे बड़े डिज़ाइन हाउस और फैशन ब्रांड्स तक पहुंचाने का प्रयास करना होगा।" युवा पीढ़ी की भूमिका बाग प्रिंट को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में युवा कलाकारों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। बिलाल खत्री जैसे युवा कलाकार अब इस कला को डिजिटल युग और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। "हमारी अगली पीढ़ी को बाग प्रिंट को केवल संरक्षित नहीं, बल्कि इसे और अधिक वैश्विक बनाना होगा। नई तकनीकों और डिजाइनों से इसे आधुनिक फैशन उद्योग से जोड़ना हमारा लक्ष्य है।" — श्री आरिफ खत्री (स्वर्गीय अब्दुल कादर खत्री के बेटे) हमारा लक्ष्य सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि हमारी परंपरा को जीवित रखना है यूसुफ खत्री और उनका परिवार इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। अगर इसी गति से नवाचार और विस्तार जारी रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब बाग प्रिंट वैश्विक फैशन और आर्ट इंडस्ट्री का अभिन्न हिस्सा बन जाएगा। स्वर्गीय श्री अब्दुल कादर खत्री कहते थे कि "हमारा लक्ष्य सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि हमारी परंपरा को जीवित रखना है। जब कोई युवा इसे सीखता है और अपनी आजीविका बनाता है, तो हमें सबसे ज्यादा खुशी होती है।" बाग प्रिंट सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा का प्रतिबिंब है। यह एक ऐसी विधा है, जिसने समय के साथ खुद को ढालते हुए भी अपनी मौलिकता नहीं खोई है। लेखक के रूप में इस यात्रा को समझने के बाद, यह स्पष्ट होता है कि बाग प्रिंट का भविष्य तभी उज्ज्वल रहेगा जब यह केवल एक पारंपरिक कला नहीं, बल्कि एक विकसित और व्यावसायिक रूप से सफल ब्रांड बने। इसके लिए सरकार, समाज, और शिल्पकारों को मिलकर काम करना होगा। परंपरागत बाग प्रिंट कार्य-विधि (संक्षिप्त विवरण) बाग प्रिंट की पूरी प्रक्रिया को विभिन्न चरणों में विभाजित किया जाता है, जिसमें कपड़े की तैयारी, रंगाई, छपाई, और अंतिम परिष्करण शामिल हैं। 1. खारा विधि - कपड़े को धोकर सुखाया जाता है और बकरी की मेंगनी व अरंडी तेल के घोल में डुबोया जाता है। फिर इसे भूमिगत तापमान पर रखा जाता है और बहते पानी में धोया जाता है। यह प्रक्रिया कपड़े को मुलायम बनाती है और रंगों को बेहतर अवशोषित करने में मदद करती है। 2. पीला विधि - कपड़े को हरड़ के घोल में डुबोकर धूप में सुखाया जाता है, जिससे यह पीले रंग का हो जाता है। इसे ही "बेस" कहा जाता है, जो छपाई के लिए कपड़े को तैयार करता है। 3. लाल और काला रंग निर्माण •लाल रंग: फिटकरी, गोंद और इमली के बीज से तैयार किया जाता है। •काला रंग: लोहे की जंग, गुड़, गेहूं का आटा और चूने के मिश्रण को 8-10 दिन तक सड़ाकर बनाया जाता है। 4. ब्लॉक प्रिंटिंग - लकड़ी के ब्लॉकों (भांतों) की मदद से हाथों से छपाई की जाती है। संतुलित दबाव और कोनों की सटीक छपाई से उत्कृष्ट डिज़ाइन उभरते हैं। 5. विछलियाँ विधि - छपे हुए कपड़े को नदी के बहते पानी में धोकर अतिरिक्त रंग हटाया जाता है। 6. भट्टी विधि -कपड़े को प्राकृतिक रंगों के घोल में उबाला जाता है, जिससे लाल, काले और सफेद रंगों में निखार आता है। 7. तपाई विधि -कपड़े को पत्थरों पर सुखाया जाता है, जिससे यह स्वाभाविक रूप से सफेद और चमकदार हो जाता है। 8. अन्य रंग निर्माण - •खाकी रंग: धावड़े के पत्तों और अनार के छिलकों से बनाया जाता है। •नीला रंग: इंडिगो पौधे के पत्तों से तैयार किया जाता है। •हरा रंग: इंडिगो से रंगे कपड़े को अनार के छिलकों या धावड़े के पत्तों के घोल में डुबोकर बनाया जाता है। बाग प्रिंट की यह पारंपरिक विधि पूरी तरह से प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल है, जो इसे एक अनोखी और टिकाऊ कला बनाती है। बाग प्रिंट में खत्री परिवार के प्रमुख शिल्पकारों का योगदान बाग प्रिंट भारत की एक प्राचीन हस्तकला है, जिसमें प्राकृतिक रंगों और हाथ से बने लकड़ी के ब्लॉकों का उपयोग कर कपड़ों पर सुंदर और जटिल डिज़ाइन उकेरे जाते हैं। मध्य प्रदेश के धार जिले के बाग कस्बे में इस कला को जीवित और विकसित करने में कई प्रमुख शिल्पकारों का योगदान रहा है। इनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं: श्री इसमाईल सुलेमानजी खत्री - श्री इसमाईल सुलेमानजी खत्री बाग प्रिंट ठप्पा छपाई कला के जनक और संरक्षक थे, जिन्होंने इस परंपरागत कला को वैश्विक पहचान दिलाई। मध्यप्रदेश के मनावर में जन्मे, उन्होंने अपने पिता से इस विरासत को अपनाया और इसके संरक्षण व विकास में जीवन समर्पित कर दिया। 1946 में गांधीवादी आंदोलन के दौरान हाथ की छपाई को बढ़ावा मिला, जिससे उन्होंने नान्दना प्रिंट और अलिजरीन प्रिंट जैसी नई तकनीकों को विकसित किया। उन्होंने आदिवासी और पारंपरिक लोक कलाओं को बाग प्रिंट में समाहित कर इसे नया आयाम दिया। 1977-78 में उन्हें राज्य स्तरीय पुरस्कार और 1984 में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। समाजसेवा की भावना से प्रेरित होकर, उन्होंने गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले 2500 से अधिक युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया, जिससे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित हुए। उनके शिष्य, विशेष रूप से मोहम्मद यूसुफ खत्री, इस कला को आगे बढ़ा रहे हैं और बाग प्रिंट को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। श्री इसमाईल सुलेमानजी खत्री का योगदान न केवल इस कला के संरक्षण में है बल्कि इसके भविष्य को भी सुनिश्चित करने में अहम रहा है। श्रीमती जैतून बी (पत्नी स्व. इस्माईल खत्री) - श्रीमती जैतून बी बाग प्रिंट की वयोवृद्ध शिल्पकार थीं, जिन्होंने इस परंपरा को आगे बढ़ाया। उनके पिता श्री इलियास खत्री ने गुजरात के दाहोद में इस कला को जीवित रखा था, जिससे उन्होंने इसे सीखा। विवाह के बाद वे मध्य प्रदेश आईं और अपने पति, स्व. इस्माईल खत्री, जो बाग प्रिंट के जनक माने जाते हैं, के साथ मिलकर इस कला को विकसित किया। उन्होंने गुजरात की लोक कला और मध्य प्रदेश की आदिवासी लोक कला को मिलाकर बाग प्रिंट को विशिष्ट पहचान दी। उनके प्रयासों से कई महिलाओं और युवाओं को प्रशिक्षण मिला, जिससे यह कला रोजगार का माध्यम बनी। स्व. अब्दुल कादिर खत्री - स्वर्गीय अब्दुल कादिर खत्री, इस्माईल खत्री के पुत्र, बाग प्रिंट के एक अनुभवी शिल्पकार थे, जिन्होंने इस हस्तकला को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया। उन्होंने पारंपरिक डिज़ाइनों में आधुनिकता जोड़ते हुए इसे नया रूप दिया और इसे व्यावसायिक रूप से स्थापित करने में मदद की। वे निफ्ट (नई दिल्ली, अहमदाबाद) जैसे प्रमुख फैशन संस्थानों में छात्रों को प्रशिक्षण देते थे। उन्हें भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार, यूनेस्को और वर्ल्ड क्राफ्ट्स काउंसिल द्वारा अंतरराष्ट्रीय अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस मिला। रशीदा बी खत्री (पत्नी स्व. अब्दुल कादिर खत्री) - रशीदा बी खत्री ने अपने ससुर इस्माईल खत्री और पति अब्दुल कादिर से बाग प्रिंट की कला सीखी और उनके निधन के बाद भी इसे आगे बढ़ाया। उन्होंने बैम्बू मैट, लैदर और जूट पर बाग प्रिंट के प्रयोग किए, जिससे इस कला का विस्तार हुआ। उन्हें राष्ट्रीय मेरिट पुरस्कार और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विशिष्ट राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शिल्प गुरु मोहम्मद युसूफ खत्री - मोहम्मद युसूफ खत्री बाग प्रिंट के शिल्प गुरु माने जाते हैं और उनके पास 47 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने नए वेजिटेबल डाई (प्राकृतिक रंग) विकसित किए, जिससे बाग प्रिंट की अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ी। वे दो राष्ट्रीय पुरस्कार, सात अंतरराष्ट्रीय यूनेस्को पुरस्कार और "शिल्प गुरु" पुरस्कार से सम्मानित हैं। उन्होंने सैकड़ों जनजातीय, पिछड़े वर्ग और निर्धन युवाओं को प्रशिक्षित किया और जर्मनी, फ्रांस, इटली, अमेरिका, स्पेन, अर्जेंटीना जैसे देशों में भारतीय शिल्प को बढ़ावा दिया। श्रीमती हसीना खत्री (पत्नी मोहम्मद युसूफ खत्री) - हसीना खत्री ने अपने पति और ससुराल में रहते हुए बाग प्रिंट सीखा और इस कला में योगदान दिया। उन्होंने परंपरागत तकनीकों को नई डिज़ाइनों के साथ जोड़कर विकसित किया और राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों में भाग लिया। उन्हें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा "विश्वकर्मा पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। श्री मोहम्मद रफीक खत्री - मोहम्मद रफीक खत्री, इस्माईल सुलेमानजी खत्री के पुत्र, बाग प्रिंट के कुशल शिल्पकारों में से एक हैं। उन्होंने बहुत कम उम्र में यह कला सीखी और नए डिज़ाइनों तथा रंग संयोजन का प्रयोग किया। वे स्पेन, पुर्तगाल, इजराइल जैसी जगहों पर अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भाग ले चुके हैं और कई राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। श्री मोहम्मद दाऊद खत्री - मोहम्मद दाऊद खत्री पारंपरिक बाग प्रिंट शिल्पी हैं, जिन्होंने बचपन में ही इस कला को सीख लिया था। वे मध्य प्रदेश सरकार के सिल्क फैडरेशन और खादी ग्रामोद्योग के लिए बाग प्रिंट की साड़ियों, सूट, दुपट्टे, स्टोल और अन्य कपड़ों की आपूर्ति कर चुके हैं। उन्होंने कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त किए हैं और बाग प्रिंट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है। श्री उमर फारूक खत्री - उमर फारूक खत्री, इस्माईल सुलेमानजी खत्री के पुत्र, बाग प्रिंट में नये प्रयोग करने वाले कलाकारों में से एक हैं। उन्होंने इंडिगो डाई (नील) के प्रयोग को पुनर्जीवित किया और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त किए। श्री मोहम्मद बिलाल खत्री - मोहम्मद बिलाल खत्री बाग प्रिंट की नई पीढ़ी के उभरते हुए कलाकारों में से एक हैं। उन्होंने पारंपरिक डिज़ाइनों में आधुनिक तकनीकों का समावेश किया और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भाग लेकर बाग प्रिंट को नई पहचान दिलाई। श्री अरिफ खत्री - अरिफ खत्री बाग प्रिंट के समर्पित शिल्पकारों में से एक हैं, जो इस कला को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में जुटे हैं। उन्होंने अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बाग प्रिंट में नवीन प्रयोग किए और प्राकृतिक रंगों के साथ आधुनिक डिज़ाइन विकसित किए। उनकी कलाकृतियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में खास पहचान बनाई है। वे युवा शिल्पकारों को प्रशिक्षित कर इस पारंपरिक कला को संजोने का कार्य कर रहे हैं। बाग प्रिंट कला को जीवित रखने और विकसित करने में इन शिल्पकारों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उनकी मेहनत और नवाचारों के कारण यह कला भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मान प्राप्त कर चुकी है। 1.स्व. श्री ईस्माइल खत्री बाग प्रिंट के जनक 2.स्व. श्रीमती जैतून बी खत्री बाग प्रिंट शिल्पी 3.स्व. श्री अब्बदुल कादर खत्री बाग प्रिंट शिल्पकार 4.श्रीमती राशीदा बी खत्री बाग प्रिंट शिल्पी 5.श्री युसूफ खत्री बाग प्रिंट शिल्पकार 6.श्रीमती हसीना खत्री बाग प्रिंट शिल्पी 7.श्री मोहम्मद रफीक खत्री बाग प्रिंट शिल्पकार 8.श्री मोहम्मद दाऊद खत्री बाग प्रिंट शिल्पकार 9.श्री उमर फारूख खत्री बाग प्रिंट शिल्पकार 10.श्री मोहम्मद बिलाल खत्री बाग प्रिंट शिल्पकार 11.श्री आरिफ खत्री बाग प्रिंट शिल्पकार प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भोपाल में बाग प्रिंट कला को सराहा खुद बाग प्रिंट का ठप्पा लगाकर पारंपरिक कला को किया प्रोत्साहित प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट भोपाल में एमपी पवेलियन का अवलोकन किया। जहां मध्यप्रदेश के हस्तशिल्प, टेक्सटाइल और स्थानीय उद्योगों का प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बाग प्रिंट के युवा शिल्पकार मोहम्मद आरिफ खत्री के स्टॉल का अवलोकन किया और खुद बाग प्रिंट का ठप्पा लगाकर इस पारंपरिक कला की महत्ता को रेखांकित किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे। भोपाल में आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 60 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें 13 राजदूत, 6 उच्चायुक्त और कई महावाणिज्यदूत मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि आरिफ खत्री, जो 15 वर्षों से इस कला में सक्रिय हैं, ने बाग प्रिंटिंग को आधुनिक डिजाइनों और तकनीकों से जोड़ते हुए इसे वैश्विक पहचान दिलाई है। उन्हें 2021 में यूनेस्को एवं विश्व शिल्प परिषद द्वारा अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार ने अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, जापान, रूस, स्पेन सहित कई देशों में बाग प्रिंट का प्रदर्शन कर भारत और मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया है। (लेखक सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक जनसम्पर्क हैं)
Dakhal News
रूड़की में पत्नी को तीन तलाक देना पति को भारी पड़ गया.... तीन तलाक के बाद पत्नी डिप्रेशन में आ गई और उसने गंगनहर में कूदकर आत्महत्या कर ली... अब पुलिस महिला की तलाश के लिए गंगनहर में सर्च अभियान चला रही है... पुलिस ने इस मामले में महिला के पति समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है जानकारी के मुताबिक रूड़की के सफ़रपुर गांव के खुशनूद युवक ने सहारनपुर की साजिया नाम की एक युवती को धोखा देकर 9 साल पूर्व निकाह किया था... आरोप है कि युवती का पति खुशनूद पहले से ही शादीशुदा था और इस बात की जानकारी खुशनूद ने साजिया से छिपाई थी...जब साजिया को इस बात की जानकारी लगी तो उसने इस बात का विरोध किया तो पति खुशनूद ने साजिया के साथ मारपीट कर उसे घर से निकाल कर तीन तलाक दे दिया... साजिया पति से तीन तलाक मिलने पर डिप्रेशन में आ गई और परेशान होकर गंगनहर में कूदकर आत्महत्या कर ली
Dakhal News
छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल की सराहनीय पहल देखने मिली...कलेक्टर जैसवाल उत्कृष्ट विद्यालय पहुंचे....जहां उन्होंने भविष्य से भेंट के कार्यक्रम में छात्र छात्राओं से बातचीत की...इस दौरान कलेक्टर ने उत्कृष्ट विद्यालय में कक्षा 12 के छात्र छात्राओं की क्लास भी ली कलेक्टर पार्थ जैसवाल का एक अलग और निराला अंदाज उस समय नजर आया जब वो उत्कृष्ट विद्यालय पहुंचे....जहां उन्होंने भविष्य से भेंट के कार्यक्रम में छात्र छात्राओं से बातचीत की...साथ ही कक्षा 12 के छात्र छात्राओं की क्लास भी ली...और विद्यार्थियों से भविष्य में हॉबी को लेकर जानकारी ली.... ओर लक्ष्य को भी जाना....वहीं विद्यार्थियों को सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह भी दी
Dakhal News
नया शिक्षण सत्र आरम्भ हो गया है और निजी विद्यालयों के सँछालक मनमानी पर उतर आये हैं .. परेशान अभिभावकों ने इस मामले में प्रशासन का दरवाजा खटखटाया है ... सुलभ शिक्षा अभियान संगठन के बैनर तले अभिभावको नें निजी विद्यालयों की मनमानी के विरोध में नारे बाजी करते हुए तहसील परिसर स्थित एसडीएम ऑफिस पहुंच कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप अधिकारी रविन्द्र जुवाठा को सौपा ... अभिभावकों का कहना है कि एक नए शैक्षिक सत्र प्रारंभ के साथ निजी विद्यालयों की मनमानी भी प्रारंभ हो गई है ... जहां सरकार द्वारा आदेशित किया गया है कि सभी विद्यालय एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करेंगे तथा कोई भी विद्यालय अभिभावकों पर यह दबाव नहीं बनाएगा की वह विद्यालय से या किसी चिन्हित दुकान से कापी किताबें स्टेशनरी व अन्य शैक्षिक सामग्री खरीदे ... उसके बावजूद निजी विद्यालयों ने मनमाने तरीके से स्कूल की फीस बढ़ा दी है और पाठ्यक्रम में परिवर्तन कर एनसीईआरटी के स्थान पर निजी प्रकाशकोण की पुस्तक लागू कर या तो विद्यालय से ही पुस्तक या शैक्षिक सामग्री दे रहे हैं ...
Dakhal News
कहने को एक अप्रेल से धर्मिक नगर ओंकारेश्वर शराबबंदी के साथ ही पॉलीथिन मुक्त हो गया है ... लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ नहीं हुआ है ... चोरी छुपे जम के शराब भी बिक रही है और जगह -जगह पॉलीथिन के कारण गंदगी के ढेर भी नजर आ रहे हैं ... बाबा ओंकारे की नगरी में शराबबंदी के पहले ही दिन शराबियों ने जमकर उत्पात मचाया और परिक्रमा मार्ग स्थित एक बाबा जी की कुटिया पर पत्थर बरसाए ... इससे बाबा बुरी तरह घायल हो गए ... वे थाने में एफआईआर दर्ज करने पहुंचे तो एक शराबी कुल्हाड़ी लेकर मारने आया ... खून से लथपथ लाल बाबा पुलिस थाने रिपोर्ट लिखाने पहुंचे ... पहले सुनिए इन बाबा जी की बात .. मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने ओंकारेश्वर समिति 17 तीर्थ स्थान पर 1 अप्रैल से शराबबंदी तो लागू कर दी ... लेकिन चोरी छुपे शराब की बिक्री चल रही है ... लोग भी जगह जगह नशे में नजर आ रहे हैं ... ये लोग भी मानते हैं शराब बंदी होना चाहिए .. परंतु धरातल पर आबकारी विभाग पुख्ता कार्रवाई नहीं कर रहा है ... वहीं थाना प्रभारी आलोक सिंधिया ने बताया की थाने में पुलिस बल की कमी होने के कारण और मंदिर में वीआईपी ड्यूटी होने के कारण हमारे पास पुलिस बल की कमी है और शराब बंद करवाना आबकारी विभाग का कार्य है ... मामला जो भी अभी तो इस धर्म नगरी में शराब जमकर बिक रही है ... तीर्थ नगरी ओमकारेश्वर को पॉलीथिन मुक्त भी कर दिया गया है ... लेकिन अब भी लोगों को सामान पॉलीथिन में दिया जा रहा है ... जगह जगह गंदगी के ढेर हैं जहाँ कचरे में पड़ी पन्नी की थैलियां सिस्टम को मुँह चिढ़ा रही हैं ... ओंकारेश्वर में सभी वार्डों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है नगर पंचायत कर्मचारी द्वारा सभी दुकानों पर जा जाकर यह बताया जा रहा है कि प्लास्टिक पन्नी का उपयोग नहीं करना है। .. लेकिन इसके बावजूद फिलहाल कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है ...
Dakhal News
बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री अब कट्टर हिन्दु बनाने का काम शुरू करेंगे ... इसके लिए उन्होंने हिन्दू क्रांति अभियान चलाने की घोषणा की ... बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र अभियान के तहत अब देशभर में हिंदू क्रांति अभियान चालाने की बात कही है ... उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाने से पहले हर घर और गांव-गांव में कट्टर हिंदू बनाने का काम शुरू होगा। अभियान इसी महीने से शुरू होगा। इस काम के लिए बागेश्वर धाम से टीमें रवाना हो गई हैं।,सोशल मीडिया पर बाबा बागेश्र्वर ने कहा, 'जहां बरसात नहीं होती है, वहां की फसलें खराब हो जाती हैं। जहां सनातन के संस्कार नहीं होते हैं, वो नस्लें खराब हो जाती हैं।
Dakhal News
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1992 में हर वर्ष 3 दिसम्बर को अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के रूप में मनाने घोषणा की गयी। इसका उद्देश्य समाज के सभी क्षेत्रों में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों को बढ़ावा देना और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में दिव्यांग लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। मगर आज भी लोगों को तो इस बात का भी पता ही नहीं होता है कि हमारे आस-पास कितने दिव्यांग रहते हैं। उन्हे समाज में बराबरी का अधिकार मिल रहा है कि नहीं। किसी को इस बात की कोई फिक्र नहीं है। समाज में दिव्यांगता को एक सामाजिक कलंक के रूप में देखा जाता है। जिसे सुधारने की आवश्यकता है। इस वर्ष का विषय "समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए विकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना" विकलांग व्यक्तियों को अपने भाग्य को आकार देने और समाज में योगदान देने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाने के महत्व को रेखांकित करता है। सरकार द्वारा देश में दिव्यांगों के लिए कई नीतियां बनायी गयी हैं। उन्हें सरकारी नौकरियों, अस्पताल, रेल, बस सभी जगह आरक्षण प्राप्त है। दिव्यांगों के लिए सरकार ने पेशन की योजना भी चला रखी है। लेकिन ये सभी सरकारी योजनाएं उन दिव्यांगों के लिए महज एक मजाक बनकर रह गयी हैं। जब इनके पास इन सुविधाओं को हासिल करने के लिए दिव्यांगता का प्रमाणपत्र ही नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि शारीरिक रूप से अशक्त लोगों के पास एक ‘दिव्य क्षमता’ है और उनके लिए ‘विकलांग’ शब्द की जगह दिव्यांग शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने विकलांगों को दिव्यांग कहने की अपील की थी। जिसके पीछे उनका तर्क था कि शरीर के किसी अंग से लाचार व्यक्तियों में ईश्वर प्रदत्त कुछ खास विशेषताएं होती हैं। विकलांग शब्द उन्हे हतोत्साहित करता है। प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर देश के लोगों ने विकलांगो को दिव्यांग तो कहना शुरू कर दिया लेकिन लोगों का उनके प्रति नजरिया आज भी नहीं बदल पाया है। आज भी समाज के लोगों द्धारा दिव्यांगों को दयनीय दृष्टि से ही देखा जाता है। भले ही देश में अनेको दिव्यांगों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया हो मगर लोगों का उनके प्रति वहीं पुराना नजरिया बरकरार है। दुनिया में अनेकों ऐसे उदाहरण मिलेंगे जो बताते हैं कि सही राह मिल जाये तो अभाव एक विशेषता बनकर सबको चमत्कृत कर देती है। भारत में दिव्यांगों की मदद के लिए बहुत सी सरकारी योजनाएं संचालित हो रही हैं। लेकिन इतने वर्षो बाद भी देश में आज तक आधे दिव्यांगों को ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र मुहैया कराया जा सका है। ऐसे में दिव्यांगों के लिए सरकारी सुविधाएं हासिल करना महज मजाक बनकर रह गया है। दुनिया में बहुत से ऐसे दिव्यांग हुए हैं जिन्होंने अपने साहस संकल्प और उत्साह से विश्व के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम लिखवाया है। तैमूरलंग हाथ और पैर से शक्तिहीन था। मेवाड़ के राणा सांगा तो बचपन में ही एक आंख गंवाने तथा युद्ध में एक हाथ एक पैर तथा 80 घावों के बावजूद कई युद्धों में विजेता रहे थे। सिख राज्य की स्थापना करने वाले महाराजा रणजीत सिंह की एक आंख बचपन से खराब थी। सुप्रसिद्ध नृत्यांगना सुधाचंद्रन का दायां पैर नहीं है। फिल्मी गीतकार कृष्ण चंद्र डे तथा संगीतकार रविंद्र जैन देख नहीं सकते थे। पूर्व क्रिकेटर अंजन भट्टाचार्य मूक-बधिर थे। वर्ल्ड पैरा चैम्पियनशिप खेलों में झुंझुनू जिले के दिव्यांग खिलाड़ी संदीप कुमार व जयपुर के सुन्दर गुर्जर ने भाला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर भारत का मान बढ़ाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार विश्व स्तर पर 15 प्रतिशत आबादी किसी न किसी प्रकार की विकलांगता के साथ रहती है। जबकि उसमें से 80 प्रतिशत से अधिक लोग निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। जबकि भारत में 140 करोड़ से अधिक लोग है। इस आबादी का 2.2 प्रतिशत से अधिक लोग किसी न किसी रूप में गंभीर मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित हैं। आज के प्रगतिशील युग में जहाँ सभी लोगों के एकीकरण और समावेशन पर सतत विकास के प्रवेश द्वार के रूप में जोर दिया जाता है। भारत में विकलांग लोगों को वर्गीकृत करने वाले मानदंडों की सूची को 2016 में नया रूप दिया गया था। 2016 के आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम पर आधारित संशोधित परिभाषा में एसिड हमलों से संबंधित शारीरिक विकृति और चोटों को विकलांगता के रूप में मान्यता देना भी शामिल है। जो इन पीड़ितों को विभिन्न प्रकार की सरकारी सहायता और समर्थन का हकदार बनाता है । दिव्यांगों के अधिकारों के लिए काम कर रहे संगठन नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर द राइटस ऑफ डिसएबल्ड ने प्रधानमंत्री मोदी के दिव्यांग शब्द पर उनको पत्र लिखकर कहा कि था कि केवल शब्द बदलने मात्र से ही विकलांगों के साथ होने वाले व्यवहार के तौर-तरीके में कोई बदलाव नहीं आएगा। सबसे बड़ी जरूरत है विकलांगों से जुड़े अपयश, भेदभाव और हाशिए पर डालने के मुद्दों पर ध्यान देने की है। ताकि वो देश की राजनीति के साथ साथ आर्थिक, सामाजिक विकास में बेहतर भागीदारी कर सकें। भारत में आज भी दिव्यांगता प्रमाण पत्र हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं है। सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों के कई दिनों तक चक्कर लगाने के बाद भी लोगों को मायूस होना पड़ता है। हालांकि सरकारी दावे कहते हैं कि इस प्रक्रिया को काफी सरल बनाया गया है, लेकिन हकीकत इससे काफी दूर नजर आती है। दिव्यांगता का प्रमाणपत्र जारी करने के सरकार ने जो मापदण्ड बनाये हैं। अधिकांश सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक उनके अनुसार दिव्यांगो को दिव्यांग होने का प्रमाण पत्र जारी ही नहीं करते है। जिसके चलते दिव्यांग व्यक्ति सरकारी सुविधाएं पाने से वंचित रह जाते हैं। देश में दिव्यांगों को दी जाने वाली सुविधाएं कागजों तक सिमटी हुई हैं। अन्य देशों की तुलना में हमारे यहां दिव्यांगों को एक चौथाई सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है। केन्द्र सरकार ने देशभर के दिव्यांग युवाओं को केन्द्र सरकार में सीधी भर्ती वाली सेवाओं के मामले में दृष्टि बाधित, बधिर और चलने-फिरने में दिव्यांगता या सेरेब्रल पल्सी के शिकार लोगों को उम्र में 10 साल की छूट देकर एक सकारात्मक कदम उठाया है। दिव्यांगता शारीरिक अथवा मानसिक हो सकती है किन्तु सबसे बड़ी दिव्यांगता हमारे समाज की उस सोच में है जो दिव्यांग जनों से हीन भाव रखती है। जिसके कारण एक असक्षम व्यक्ति असहज महसूस करता है। आधुनिक होने का दावा करने वाला हमारा समाज अब तक दिव्यांगों के प्रति अपनी बुनियादी सोच में कोई खास परिवर्तन नहीं ला पाया है। अधिकतर लोगों के मन में दिव्यांगों के प्रति तिरस्कार या दया भाव ही रहता है। ऐसे भाव दिव्यांगों के स्वाभिमान पर चोट करते हैं। भारत में दिव्यांगों की इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद इनकी परेशानियों को समझने और उन्हें जरूरी सहयोग देने में सरकार और समाज दोनों नाकाम दिखाई देते हैं। अब दिव्यांग लोगों के प्रति अपनी सोच को बदलने का समय आ गया है। दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में तभी शामिल किया जा सकता है जब समाज इन्हें अपना हिस्सा समझे। इसके लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान की जरूरत है। हाल के वर्षों में दिव्यांगों के प्रति सरकार की कोशिशों में तेजी आयी है। दिव्यांगों को कुछ न्यूनतम सुविधाएं देने के लिए प्रयास हो रहे हैं। हालांकि योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सरकार पर सवाल उठते रहे हैं। पिछले दिनों क्रियान्वयन की सुस्त चाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार भी लगायी थी। दिव्यांगों को शिक्षा से जोड़ना बहुत जरूरी है। मूक-बधिरों के लिए विशेष स्कूलों का अभाव है। जिसकी वजह से अधिकांश विकलांग ठीक से पढ़-लिखकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं बन पाते हैं।
Dakhal News
जब वैवाहिक कलह के कारण घरेलू विवाद उत्पन्न होते हैं, तो अक्सर पति के परिवार के सभी सदस्यों को फंसाने की कोशिश की जाती है। अदालतों को दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें सतर्क रहना होगा कि कहीं कानून का दुरुपयोग कर पति के रिश्तेदारों को फंसया तो नहीं जा रहा। अदालतों को निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाना चाहिए।पुरुषों के अधिकारों से तात्पर्य कानूनी और सामाजिक अधिकारों से है, जो ख़ासतौर पर पुरुषों के सामने आने वाली समस्याओं को सम्बोधित करते हैं। भारत में, जबकि महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना जरूरी है, पुरुषों की चुनौतियों पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है, जैसे धारा 498ए आईपीसी के तहत घरेलू हिंसा के मामलों में झूठे आरोप, मानसिक स्वास्थ्य सहायता की कमी और सीमित पैतृक अधिकार। साझा पालन-पोषण कानूनों के इर्द-गिर्द हाल की बहसें लैंगिक न्याय के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता को उजागर करती हैं। भारत में पुरुषों के अधिकारों को अक्सर लैंगिक समानता पर व्यापक चर्चा में कम ध्यान दिया जाता है। घरेलू दुर्व्यवहार के शिकार के रूप में पुरुषों को कानूनी मान्यता नहीं मिलती है, जिससे सुरक्षा की मांग करना या दुर्व्यवहार के मामलों की रिपोर्ट करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। जीवनसाथी द्वारा भावनात्मक, वित्तीय या शारीरिक शोषण के शिकार पुरुषों को सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है और घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005 जैसे मौजूदा ढाँचों के तहत कानूनी सहारा नहीं मिलता है। पुरुषों से भावनाओं को दबाने की सामाजिक अपेक्षाएँ उनके मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा करती हैं, जिससे आत्महत्या की दर और अनुपचारित मनोवैज्ञानिक समस्याएँ बढ़ती हैं। 2022 के एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि आत्महत्या के 72.5% मामले पुरुषों के हैं, जो लिंग-संवेदनशील मानसिक स्वास्थ्य नीतियों की आवश्यकता पर बल देता है। तलाक या अलगाव कानून मातृ हिरासत का पक्ष लेते हैं, पिता की भूमिका को हाशिए पर डालते हैं और बच्चे के पालन-पोषण में उन्हें समान अधिकारों से वंचित करते हैं। अभिभावक और वार्ड अधिनियम, 1890, मातृ हिरासत को प्राथमिकता देता है जब तक कि माँ को अयोग्य नहीं माना जाता है, जिससे माता-पिता की भागीदारी के लिए पिता के अवसर सीमित हो जाते हैं। धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न) जैसे लिंग-विशिष्ट कानूनों का कभी-कभी दुरुपयोग किया जाता है, जिससे निर्दोष पुरुषों को प्रतिष्ठा, वित्तीय और भावनात्मक नुक़सान होता है। राजेश शर्मा बनाम यूपी राज्य (2017) में, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 498ए के दुरुपयोग को नोट किया और झूठे आरोपों के खिलाफ सुरक्षा उपाय पेश किए। पुरुषों के पास शिकायतों को दूर करने के लिए समर्पित संस्थान या हेल्पलाइन का अभाव है सामाजिक रूढ़िवादिता पुरुषों को अपराधी के रूप में चित्रित करती है, संस्थागत दृष्टिकोण को प्रभावित करती है और कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार या यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में उचित उपचार को सीमित करती है। विशाखा दिशा-निर्देश केवल महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर उत्पीड़न को कवर करते हैं, जिससे पुरुष पीड़ितों को भारतीय कानून के तहत समान सुरक्षा नहीं मिलती है। यौन शोषण के वयस्क पुरुष उत्तरजीवी कानूनी ढांचे में अपरिचित रहते हैं, जिससे उन्हें वैधानिक उपचार या संस्थागत सहायता से वंचित रखा जाता है। उदाहरण के लिए, आईपीसी की धारा 375 बलात्कार को केवल एक महिला के दृष्टिकोण से परिभाषित करती है, जिससे यौन उत्पीड़न के पुरुष उत्तरजीवी बिना किसी सहारे के रह जाते हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम और आईपीसी की धारा 498ए जैसे मौजूदा कानूनों को संशोधित करके उन्हें लिंग-तटस्थ बनाया जाए, जिससे घरेलू हिंसा और झूठे आरोपों के खिलाफ पुरुषों के लिए समान सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। कनाडा और यूके जैसे देशों में घरेलू हिंसा कानून लिंग-तटस्थ हैं। साझा पालन-पोषण की अवधारणा ऑस्ट्रेलिया में अच्छी तरह से स्थापित है, जो हिरासत के निर्णयों में दोनों माता-पिता के लिए समान विचार को अनिवार्य बनाती है। जापान ने तनाव कम करने को लक्षित करते हुए कार्यस्थल मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिन्हें लिंग-विशिष्ट चिंताओं को शामिल करने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। केरल में पुलिस के लिए नियमित संवेदीकरण कार्यशालाओं के परिणामस्वरूप लिंग-आधारित शिकायतों का अधिक संतुलित संचालन हुआ है। संगठनों को समावेशी कार्यस्थल नीतियों को बाध्यकारी किया जा सकता है जो पितृत्व अवकाश, पुरुषों द्वारा सामना किए जाने वाले यौन उत्पीड़न और मानसिक स्वास्थ्य सहायता जैसे मुद्दों को सम्बोधित करती हैं। स्वीडन की पैतृक अवकाश नीति पिता को समान अवकाश प्रदान करती है, जो घर पर साझा पालन-पोषण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है। लैंगिक न्याय के लिए संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए पुरुषों के अधिकारों को समान ईमानदारी से सम्बोधित करने की आवश्यकता है। लैंगिक-तटस्थ कानून, मानसिक स्वास्थ्य सहायता में वृद्धि और सामाजिक रूढ़ियों को ख़त्म करने के लिए जागरूकता अभियान महत्त्वपूर्ण क़दम हैं। जैसा कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने कहा था, "किसी भी जगह अन्याय हर जगह न्याय के लिए ख़तरा है।"
Dakhal News
भारतीय नव वर्ष के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने पथ संचलन निकाला और नए वर्ष का स्वागत किया ... खटीमा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज में एकत्रित होकर पथ संचलन निकाला ... पथ संचलन विभिन्न चौराहे से होते हुए मुख्य चौराहे पर पहुंचा ... योग इत्यादि का आयोजन किया गया ... स्वयंसेवकों का कहना था की चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन से हमारा भारतीय नव वर्ष प्रारंभ होता है ... आने वाली जो पीढ़ियां भारत की संस्कृति को पहचाने इसीलिए यह पथ संचलन किया गया ...
Dakhal News
सिंगरौली में एक बार फिर नगर निगम का बुलडोजर चला ... अतिक्रमण हटाने की यह कार्यवाही नगर निगम के अदालत के आदेश पर की ... सिंगरौली के वार्ड 31 में जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए उच्च न्यायालय जबलपुर ने नगर निगम आयुक्त डीके शर्मा को निर्देशित किया गया था ... निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम के प्रावधान के अनुसार की ... यह इस सप्ताह में अतिक्रमण को लेकर दूसरी बड़ी कार्यवाही है ... जिला प्रशासन ,नगरपालिका निगम एवं पुलिस बल द्वारा अतिक्रमण हटाया गया। इसका नेतृत्व एसडीएम सृजन वर्मा, आयुक्त डी के शर्मा द्वारा किया गया।
Dakhal News
भारतीय नव वर्ष का धूमधाम से स्वागत किया गया ... इस अवसर पर एक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई जिसका जगह -जगह स्वागत किया गया ... हिंदू उत्सव समिति ने भारतीय नव वर्ष के अवसर पर एक शोभायात्रा निकाली ... इस अवसर पर समिति अध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव विशेष रूप से मौजूद रहे ... लोगों ने जगह-जगह पर हर फूल और साफा बांधकर शोभायात्रा में चल रहे अतिथितियों का स्वागत किया ... बैंड बाजे के साथ चैत्र नवरात्र गुड़ी पड़वा के शुभ अवसर पर इस शोभा यात्रा का आयोजन किया गया था ... शोभायात्रा बस स्टैंड दुर्गा मंदिर से प्रारंभ हो कर छोटा बाजार बड़ा बाजार हनुमान मंदिर , चमन चौराहा होते हुए वापस बस स्टैंड पर पहुंची जहां पर प्रसादी वितरण की गई ...
Dakhal News
मौसम विभाग ने कहा है पश्चिम बंगाल और गुजरात के बड़े हिस्से में अब लू चलेगी । वहीं महाराष्ट्र, गोवा, केरल समेत 6 राज्यों में तेज बारिश की संभावना है।नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों में भी बारिश होने का अनुमान है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के कुछ हिस्सों में हल्के बादल छाए रहेंगे। यहां 20-30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। इससे सुबह-शाम के वक्त तापमान में गिरावट हो सकती है। राजस्थान में 2 अप्रैल को 7 जिलों और 3 अप्रैल को 11 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। ओडिशा और वेस्ट बंगाल के कई इलाकों में गर्म हवा चली। रविवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार कर गया। हरियाणा के तापमान में 2.5 डिग्री का इजाफा देखा गया। 31 मार्च से 3 अप्रैल तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में आंधी के साथ हल्की बारिश का अनुमान है। इधर गुजरात और बिहार में गर्म हवाओं की वजह से 2-3 डिग्री सेल्सियस पारा बढ़ सकता है। Add reaction
Dakhal News
बहुत-सी सिजेरियन डिलीवरी, गर्भावस्था की कुछ जटिलताओं या अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण की जाती है। सी-सेक्शन प्रक्रिया ज़्यादातर महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण और अप्रिय हो सकती है और यह मानसिक और शारीरिक रूप से थका देने वाली हो सकती है। प्रक्रिया से उबरने के लिए माँ को भरपूर आराम और सख्त आहार की आवश्यकता होती है। सी-सेक्शन के बाद पहले कुछ हफ़्तों के दौरान, माँ की पूरी तरह से निगरानी की जानी चाहिए और प्रसव के तनाव से मानसिक और शारीरिक रूप से उबरने में उसकी सहायता की जानी चाहिए। इसलिए सी-सेक्शन के बाद उसे उचित भोजन दिया जाना चाहिए।चूंकि पहले कुछ महीनों के दौरान बच्चे के पोषण का मुख्य स्रोत स्तन का दूध होता है, इसलिए सीजेरियन सेक्शन के बाद माँ को अच्छा आहार लेना चाहिए। पर्याप्त आराम के साथ-साथ अच्छा आहार पेट की दीवार और गर्भाशय की उपचार प्रक्रिया को भी तेज कर सकता है, जो सी-सेक्शन के दौरान फट गए थे। उचित आहार माँ को गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए वज़न को कम करने में भी मदद कर सकता है। सिजेरियन सेक्शन के बाद सही भोजन कुछ कारणों से महत्त्वपूर्ण है-उपचार को बढ़ावा देता है: विटामिन, खनिज और प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार आपके शरीर को तेजी से ठीक होने और सर्जरी से उबरने में मदद करता है।रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: स्वस्थ आहार खाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है।ऊर्जा प्रदान करता है: सी-सेक्शन के बाद, आपके शरीर को ठीक होने और अपने नवजात शिशु की देखभाल करने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है। एक स्वस्थ आहार सुनिश्चित करता है कि आपके पास दोनों के लिए आवश्यक ऊर्जा है।स्तनपान में सहायता: उच्च गुणवत्ता वाला स्तन दूध उपलब्ध कराने के लिए स्वस्थ आहार आवश्यक है, जो आपके बच्चे के विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक है।जटिलताओं को कम करता है: एक अच्छा आहार वज़न को नियंत्रित करने, कब्ज के जोखिम को कम करने और बेहतर पाचन को बढ़ावा देने में मदद करता है, जो सर्जरी के बाद महत्त्वपूर्ण है।मनोदशा में सुधार: संतुलित भोजन से आपकी मनोदशा स्थिर रहती है और मानसिक स्पष्टता मिलती है, जिससे प्रसव के बाद भावनात्मक सुधार में सहायता मिलती है।ऊतकों की मरम्मत में सहायक: प्रोटीन, विटामिन-सी और जिंक जैसे पोषक तत्व ऊतकों की मरम्मत और पुनर्जनन के लिए आवश्यक हैं, जो आपके सर्जिकल घाव को अधिक प्रभावी ढंग से ठीक करने में मदद करते हैं।सिजेरियन के बाद क्या खाना चाहिए?सिजेरियन के बाद खाने योग्य खाद्य पदार्थों की सूची इस प्रकार है-प्रोटीन और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ: प्रोटीन नए ऊतक कोशिकाओं के निर्माण में मदद करते हैं, जिससे उपचार प्रक्रिया में तेजी आती है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ सर्जरी के बाद ऊतकों को ठीक करने और मांसपेशियों की शक्ति को बनाए रखने में मदद करे। दूसरी ओर, कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मज़बूत बनाता है, मांसपेशियों को आराम देता है, रक्त के थक्के को बढ़ावा देता है और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाता है। सी-सेक्शन के बाद अपने आहार में फलियाँ, अंडे आदि शामिल करें और ख़ुद को ठीक होते और मज़बूत होते देखें।साबुत अनाज: ब्राउन ब्रेड, पास्ता और ब्राउन राइस सहित साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि इनमें कार्ब्स की मात्रा अधिक होती है। यह ऊर्जा के रखरखाव और स्तन दूध उत्पादन में सहायता करता है। आयरन, फाइबर और फोलिक एसिड सभी शिशुओं के लिए उनके शुरुआती विकास चरणों में महत्त्वपूर्ण पोषक तत्व हैं।विटामिन और खनिज: विटामिन में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है और ये ऊतक की मरम्मत में सहायता करते हैं। इसलिए, सीजेरियन सेक्शन के बाद आहार में इनका बहुत अच्छा समावेश हो सकता है। ये शरीर को कोलेजन बनाने में मदद करते हैं, जो स्नायुबंधन, नए निशान ऊतकों और त्वचा के निर्माण में सहायता करता है। पालक, ब्रोकली और मेथी के पत्तों जैसी सब्ज़ियों में आहार कैल्शियम और आयरन के अलावा विटामिन ए और-सी की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा, संतरा, पपीता, तरबूज, स्ट्रॉबेरी और अंगूर जैसे फलों में विटामिन-सी की मात्रा अधिक होती है और-सी सेक्शन के बाद खाने के लिए ये सबसे अच्छा भोजन है। ये फल और सब्ज़ियाँ संक्रमण की रोकथाम और प्रतिरक्षा निर्माण में सहायता करती हैं।आयरन: आयरन प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक से काम करने में मदद करता है। आयरन युक्त खाद्य पदार्थों में अंडे की जर्दी, सीप, लाल मांस और सूखे मेवे शामिल हैं। लेकिन, यह सलाह दी जाती है कि अधिक आयरन न लें क्योंकि इससे कब्ज हो सकता है। इसलिए, आयरन के सेवन के बारे में हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।सब्जियाँ: सिजेरियन के बाद खाने के लिए सब्जियाँ एक बेहतरीन विकल्प हैं। हरी सब्जियाँ नई माताओं के लिए फायदेमंद होती हैं क्योंकि उनमें आयरन, विटामिन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। पालक, बीन्स, कमल के तने, ब्रोकली और मेथी जैसी हरी सब्जियाँ डाइट प्लान में शामिल की जानी चाहिए। आप मशरूम और गाजर से पर्याप्त प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं।सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद की अवधि जटिल और चुनौतीपूर्ण हो सकती है। उपचार में तेज़ी लाने के लिए भोजन पर नियंत्रण बनाए रखना महत्त्वपूर्ण है। सी-सेक्शन के बाद संतुलित आहार आपको सर्जरी से उबरने और आपको और आपके बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। डॉक्टर आमतौर पर सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद डाइट चार्ट तैयार करते हैं। डाइट चार्ट का सख्ती से पालन करने के अलावा, आपको अपने खाने की आदतों पर भी नज़र रखनी चाहिए। ऐसा करने से आपको सिजेरियन सेक्शन के बाद ठीक होने और पहले से ज़्यादा स्वस्थ बनने में मदद करेगी।
Dakhal News
प्रतिवर्ष 25 नवम्बर को महिलाओं पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए विश्वभर में ‘अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने के ज्यादा से ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता को रेखांकित करने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। तीन बहनों पैट्रिया मर्सिडीज मिराबैल, मारिया अर्जेंटीना मिनेर्वा मिराबैल तथा एंटोनिया मारिया टेरेसा मिराबैल द्वारा डोमिनिक शासक रैफेल ट्रुजिलो की तानाशाही का कड़ा विरोध किए जाने पर उस क्रूर शासक के आदेश पर 25 नवम्बर 1960 को उन तीनों की हत्या कर दी गई थी। वर्ष 1981 से उस दिन को महिला अधिकारों के समर्थक और कार्यकर्ता उन्हीं तीनों बहनों की मृत्यु की पुण्यतिथि के रूप में मनाते आए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 दिसम्बर 1999 को एकमत से हर साल 25 नवम्बर का दिन ही महिलाओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाने के लिए निर्धारित किया गया। सरकारों, निजी क्षेत्र और प्रबुद्ध समाज से यौन हिंसा और महिलाओं के उत्पीड़न के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाने का आग्रह करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस का कहना है कि महिलाओं के प्रति हिंसा विश्व में सबसे भयंकर, निरन्तर और व्यापक मानव अधिकार उल्लंघनों में शामिल है, जिसका दंश विश्व में हर तीन में से एक महिला को भोगना पड़ता है। महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ‘संयुक्त राष्ट्र महिला’ का गठन किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महिला के आंकड़ों के अनुसार विश्वभर में 15-19 आयु वर्ग की करीब डेढ़ करोड़ किशोर लडकियां जीवन में कभी न कभी यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं, करीब 35 फीसदी महिलाओं और लड़कियों को अपने जीवनकाल में शारीरिक एवं यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है, हिंसा की शिकार 50 फीसदी से अधिक महिलाओं की हत्या उनके परिजनों द्वारा ही की जाती है, वैश्विक स्तर पर मानव तस्करी के शिकार लोगों में 50 फीसदी व्यस्क महिलाएं हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन तीन में से एक महिला किसी न किसी प्रकार की शारीरिक हिंसा का शिकार होती है। महिलाओं को हिंसा और दुर्व्यवहार की भारी कीमत चुकानी पड़ती है, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी के अधिकार को बाधित करता है, उन्हें उनके बुनियादी अधिकारों और स्वतंत्रता से वंचित करता है। इससे आर्थिक सुधार और सतत विकास में खलल पड़ता है। भारत के संदर्भ में महिला हिंसा को लेकर आंकड़ों पर नजर डालें तो स्थिति काफी चिंताजनक है। हालांकि 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद देशभर में सड़कों पर महिलाओं के आत्मसम्मान के प्रति जिस तरह की जन-भावना और युवाओं का तीखा आक्रोश देखा गया था, यौन हिंसा रोकने के लिए जिस प्रकार कानून सख्त किए गए थे, उसके बाद लगने लगा था कि समाज में इससे संवदेनशीलता बढ़ेगी और ऐसे कृत्यों में लिप्त असामाजिक तत्वों के हौंसले पस्त होंगे किन्तु विड़म्बना है कि समूचे तंत्र को झकझोर देने वाले निर्भया कांड और उसके बाद के वर्षों में सामने आ चुके महिला अपराधों के कई अन्य जघन्य मामलों के बाद भी हालात यह हैं कि कोई दिन ऐसा नहीं बीतता, जब महिला हिंसा से जुड़े अपराधों के मामले देश के कोने-कोने से सामने न आते हों। होता सिर्फ यही है कि जब भी कोई बड़ा मामला सामने आता है तो हम पुलिस-प्रशासन को कोसते हुए संसद से लेकर सड़क तक कैंडल मार्च निकालकर या अन्य किसी प्रकार से विरोध प्रदर्शन कर रस्म अदायगी करके शांत हो जाते हैं और पुनः तभी जागते हैं, जब ऐसा ही कोई बड़ा मामला पुनः सुर्खियां बनता है, अन्यथा महिला हिंसा की छोटी-बड़ी घटनाएं तो बदस्तूर होती ही रहती हैं। ऐसे अधिकांश मामलों में प्रायः पुलिस-प्रशासन का भी गैरजिम्मेदाराना और लापरवाही भरा रवैया ही सामने आता रहा है। प्रश्न यही है कि निर्भया कांड के बाद कानूनों में सख्ती, महिला सुरक्षा के नाम पर कई तरह के कदम उठाने और समाज में आधी दुनिया के आत्मसम्मान को लेकर बढ़ती संवेदनशीलता के बावजूद आखिर ऐसे क्या कारण हैं कि बलात्कार के मामले हों या छेड़छाड़ अथवा मर्यादा हनन या फिर अपहरण अथवा क्रूरता, ‘आधी दुनिया’ के प्रति अपराधों का सिलसिला थम नहीं रहा है? इसका एक बड़ा कारण तो यही है कि कड़े कानूनों के बावजूद असामाजिक तत्वों पर वो कड़ी कार्रवाई नहीं होती, जिसके वे हकदार हैं और इसके अभाव में हम ऐसे अपराधियों के मन में भय पैदा करने में असफल हो रहे हैं। कोलकाता की महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और नृशंस हत्या का मामला हो या हैदराबाद की बेटी दिशा का या उन्नाव पीड़िता का अथवा हाथरस या बुलंदशहर की बेटियों का, लगातार सामने आते ऐसे तमाम मामलों से स्पष्ट है कि केवल कानून कड़े कर देने से ही महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध थमने वाले नहीं हैं। इसके लिए सबसे जरूरी है कि तमाम सरकारें प्रशासनिक मशीनरी को चुस्त-दुरूस्त करने के साथ ऐसे अपराधों के लिए प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित करें और ऐसे मामलों में कोताही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
Dakhal News
उच्च प्रदर्शन सामग्री के रूप में तकनीकी वस्त्र आयात पर निर्भरता को कम करके और स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ावा देकर रक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढाँचे जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक हैं। तकनीकी वस्त्र, जैसे कि जियो टेक्सटाइल, बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की स्थायित्व और दक्षता को बढ़ाने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं, खासकर प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त क्षेत्रों में। तकनीकी वस्त्र क्षेत्र एक नए युग का वस्त्र है, जिसका उपयोग अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में होता है। तकनीकी वस्त्र ऐसा कपड़ा उत्पाद है, जो गैर-सौंदर्य प्रयोजनों के लिए निर्मित होता है, जहाँ कार्य प्राथमिक मानदंड होता है।तकनीकी वस्त्रों में ऑटोमोटिव अनुप्रयोगों के लिए वस्त्र, चिकित्सा वस्त्र, भू-वस्त्र, कृषि-वस्त्र और सुरक्षात्मक कपड़े शामिल हैं। सरकार ने तकनीकी वस्त्रों और उनके अनुप्रयोगों में अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन भी शुरू किया है। पूर्वोत्तर भारत के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सड़कों को स्थिर करने के लिए जियो टेक्सटाइल का उपयोग किया जाता है, जिससे विदेशी समाधानों पर निर्भरता कम होती है। रक्षा और एयरोस्पेस के लिए उन्नत वस्त्र यह सुनिश्चित करते हैं कि भारत अपनी रणनीतिक आवश्यकताओं को स्वतंत्र रूप से पूरा करे।डीआरडीओ द्वारा सैन्य उपयोग के लिए स्वदेशी अरामिड-आधारित सुरक्षात्मक गियर विकसित किया गया था, जिससे महंगे आयात पर निर्भरता कम हुई। सर्जिकल मास्क, पीपीई और बायोडिग्रेडेबल मेडिकल फैब्रिक जैसे मेडिकल टेक्सटाइल स्वास्थ्य सेवा में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करते हैं, जो आपातकालीन प्रतिक्रियाओं के लिए महत्त्वपूर्ण है। महामारी के दौरान भारत ने पीपीई किट के घरेलू उत्पादन को बढ़ाया और कुछ ही महीनों में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली। एग्रोटेक फैब्रिक्स जैसे तकनीकी वस्त्र कृषि उत्पादकता में सुधार करते हैं, ग्रामीण विकास का समर्थन करते हैं और आयातित कृषि-समाधानों पर निर्भरता कम करते हैं। पॉलीहाउस कवर और फ़सल सुरक्षा जाल सालभर खेती के लिए नियंत्रित वातावरण बनाकर पैदावार बढ़ाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी वस्त्र इकाइयाँ स्थापित करने से रोजगार सर्जन को बढ़ावा मिल सकता है, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ने में मदद मिल सकती है और स्थायी आजीविका का समर्थन हो सकता है। ग्रामीण महाराष्ट्र में तकनीकी वस्त्र निर्माण के विकास ने स्थानीय समुदायों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान किया है। चूंकि तकनीकी वस्त्र आयात-निर्भर संसाधनों की आवश्यकता को कम करते हैं इसलिए वे भारत की अर्थव्यवस्था को जलवायु-संचालित वैश्विक आपूर्ति झटकों के प्रति कम संवेदनशील बनाते हैं।बायोडिग्रेडेबल टेक्सटाइल सामग्री का स्वदेशी उत्पादन पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है और आयात निर्भरता को कम करता है। स्मार्ट, टिकाऊ और मिश्रित वस्त्रों में अनुसंधान के लिए मिशन का वित्तपोषण ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देता है जो घरेलू स्तर पर क्षेत्र-विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। नमी सोखने वाले कपड़ों पर आईआईटी दिल्ली में शोध रक्षा कर्मियों के लिए सुरक्षात्मक गियर को बढ़ाता है। मिशन अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के बीच साझेदारी की सुविधा प्रदान करता है, जिससे नई तकनीकों के तेजी से व्यावसायीकरण को बढ़ावा मिलता है। उन्नत चिकित्सा वस्त्रों के उत्पादन के लिए एसएमई को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण ने घरेलू आपूर्ति शृंखला को मजबूत किया है। मानकों और गुणवत्ता में सुधार करके, मिशन वैश्विक बाजारों में उच्च मूल्य वाले तकनीकी वस्त्रों का निर्यात करने की भारत की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे आर्थिक विकास को समर्थन मिलता है। मिशन द्वारा समर्थित गुणवत्ता प्रमाणन के कारण यूरोप को भारत के तकनीकी वस्त्रों के निर्यात में वृद्धि हुई है। समर्पित परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना वैश्विक मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करती है, जिससे उत्पाद की विश्वसनीयता में सुधार होता है।दिल्ली में राष्ट्रीय वस्त्र परीक्षण प्रयोगशालाएँ यूरोपीय मानकों को पूरा करने वाले प्रमाणपत्र प्रदान करती हैं, जिससे निर्यात क्षमता में वृद्धि होती है। नए आईपीआर दिशा-निर्देश स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास और संरक्षण को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे भारत के तकनीकी वस्त्र क्षेत्र के बौद्धिक संपदा आधार को मजबूती मिलती है। स्मार्ट टेक्सटाइल के लिए आईआईटी मद्रास जैसे संस्थानों द्वारा दायर आईपीआर पेटेंट यह सुनिश्चित करते हैं कि मालिकाना तकनीक भारत के भीतर ही रहे। मिशन के तहत विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्नत वस्त्र निर्माण के लिए तकनीकी कौशल को बढ़ाते हैं, उत्पादकता और नवाचार को बढ़ाते हैं। कपड़ा क्षेत्र कौशल परिषद के साथ सहयोग ने तकनीकी वस्त्र उद्योग में हजारों लोगों को प्रशिक्षित किया है। राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक नवाचार को बढ़ावा देता है, जिससे आयात निर्भरता के खिलाफ भारत की लचीलापन बढ़ता है। मिशन के तहत अनुसंधान एवं विकास तथा कौशल निर्माण में निरंतर निवेश से उच्च प्रदर्शन वाले वस्त्रों में भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और मजबूत होगी।
Dakhal News
शिवसेना और भवानी सेना के कार्यकर्ताओं ने श्रीराम फाइनेंस के खिलाफ उप जिला अधिकारी खटीमा को जिला अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा...उनका कहना है कि खटीमा पीलीभीत मार्ग पर श्रीराम फाइनेंस कंपनी फर्स्ट फ्लोर पर स्थित है...ऑफिस में चढ़ने वाली सीढ़ियों पर श्रीराम फाइनेंस लिखा है जिससे हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंचती है... शिवसेना और भवानी सेना के कार्यकर्ताओं ने श्रीराम फाइनेंस कंपनी पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की... वहीं तहसीलदार वीरेंद्र सिंह सजवान का कहना है कि शिवसेना और भवानी सेवा ने श्रीराम फाइनेंस के द्वारा सीडियो में श्री राम लिखने में आपत्ति जताई है...जिस पर उचित कार्रवाई की जाएगी...वहीं श्रीराम फाइनेंस के प्रबंधक का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को इस पर आपत्ति है तो जो श्री राम लिखा है उस पर स्टीकर लगा दिया जाएगा...
Dakhal News
सिंगरौली के एनसीएल मुख्यालय के जयंत परियोजना में काम कर रहे कैलिबर माइनिंग एंड लॉजिस्टिक लिमिटेड कंपनी के सैकड़ों श्रमिकों ने कंपनी प्रबंधन पर शोषण के आरोप लगाया...श्रमिकों का कहना है कि छोटी-मोटी गलतियों के लिए उन्हें ड्यूटी से हटा दिया जाता है...इसके अलावा उन्हें लीव पेमेंट भी नहीं दिया जा रहा है और एक साल बीत जाने के बाद भी कई श्रमिकों का ए-फॉर्म नहीं भरा गया है... सैकड़ों श्रमिक कैलिबर माइनिंग एंड लॉजिस्टिक लिमिटेड के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे उनका कहना था कि कंपनी द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और विभिन्न समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। पूर्व विधायक राम लल्लू वैश्य ने श्रमिकों की समस्याओं को गंभीरता से लिया और अधिकारियों से इस मुद्दे पर शीघ्र बैठक का आश्वासन दिया।
Dakhal News
एन सी एल जयंत परियोजना सुरक्षा विभाग ने अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए दो निर्माणों को ध्वस्त कर दिया...सुरक्षा विभाग ने इन निर्माणों को तोड़ने के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है... एन सी एल जयंत परियोजना के सुरक्षा विभाग द्वारा की गई इस कार्यवाही में अवैध निर्माण को तुरंत तोड़ दिया गया...इनमें से पहला निर्माण जयंत गोलाई बस्ती जाने वाले मेन रोड के पास स्थित फारूक मटन दुकान के पीछे था...और दूसरा निर्माण जयंत मेन रोड यातायात के पास नया सी टाईप कॉलोनी के बगल में था...सुरक्षा विभाग ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है...
Dakhal News
सतवास से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां आपसी विवाद के चलते एक युवक ने अपनी पत्नी की लाठी-डंडों से पीट पीट कर बेरहमी से हत्या कर दी घटना के बाद मृतिका के परिजनों में भारी आक्रोश है... सतवास थाना अंतर्गत ग्राम बड़ौदा टप्पर में दरम्यानी रात सचिन नामक युवक ने अपनी 24 साल की पत्नी रिंकी को लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई...घटना की सूचना मिलते ही सतवास थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर शासकीय अस्पताल भेजा...वहां परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया...परिजनों ने आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की है...सतवास थाना प्रभारी बी.डी. बीरा ने बताया कि रिंकी और सचिन के बीच पहले भी विवाद होते रहते थे...इस बार आरोपी ने रिंकी पर इतनी बेरहमी से हमला किया कि रिंकी की मौत हो गई...पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है...उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया...पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी को जल्द से जल्द सख्त सजा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है....
Dakhal News
मध्य प्रदेश में 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम 28 मार्च यानि आज घोषित किए जाएंगे...राज्य शिक्षा केंद्र, स्कूल शिक्षा विभाग यह परिणाम शुक्रवार को दोपहर 1 बजे जारी करेंगे... विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक...राज्य शिक्षा केंद्र के आधिकारिक पोर्टल पर अपने रोल नंबर/समग्र आईडी के माध्यम से परिणाम देख सकेंगे...शिक्षकों और संस्था प्रमुखों के लिए शाला-स्तरीय परिणाम भी इसी पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे...
Dakhal News
रीवा नगर निगम की बजट बैठक में बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच जमकर हंगामा हो गया...महापुरुषों की प्रतिमा लगाने के मुद्दे पर दोनों दलों के पार्षद आपस में भिड़ गए...बीजेपी पार्षदों ने नाम के आगे सम्मानित संबोधन न होने का विरोध किया, जबकि महापौर का कहना था कि उचित शब्दों का उपयोग किया गया है.... रीवा नगर निगम की परिषद की बैठक विवादों में घिरी रही... बजट पर चर्चा के दौरान बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच शब्दों को लेकर बहस हो गई...दरअसल शहर में महापुरुषों की प्रतिमा लगनी है...लेकिन भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों का कहना था महापुरुषों के नाम के आगे सम्मानित उद्बोधन नहीं है...विवाद के बीच बीजेपी पार्षदों ने बजट की अर्थी निकाली तो वहीं कांग्रेस पार्षद सब पर गंगाजल का छिड़काव करने लगे...अंत में अध्यक्ष व महापौर ने हस्तक्षेप कर सभी को शांत कराया...और कार्यवाही एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई...
Dakhal News
ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब की मूर्ति लगाने का काम किया जा रहा हैं .... मूर्ति के समर्थन में सभी वकीलों ने मिलकर रजिस्ट्रार को ज्ञापन दिया और कहा कि हम बाबा साहब की इस मूर्ति के समर्थन में इस ऐतिहासिक फैसले के लिए आपकी सराहना करते हैं .... ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की मूर्ति लगाई जानी हैं .... यह मूर्ति 14 अप्रैल से पहले इस मूर्ति को स्थापित किया जाए और 14 अप्रैल तक इस मूर्ति का उद्घाटन भी कर लिया जाए इस मांग को लेकर 1500 से ज़्यादा वकीलों के हस्ताक्षर के साथ ज्ञापन रजिस्ट्रार के माध्यम से मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस के नाम दिया गया .... इस ज्ञापन के माध्यम से 1500 से ज़्यादा वकीलों ने एकमत होकर यह कहा कि हम बाबा साहब की इस मूर्ति के समर्थन में इस ऐतिहासिक फैसले के लिए आपकी सराहना करते हैं .... हाईकोर्ट चीफ जस्टिस महोदय को हम धन्यवाद ज्ञापित करते हैं और निवेदन करते हैं कि इस मूर्ति का काम और तेज गति से संचालित किया जाए और 14 अप्रैल तक इस मूर्ति का उद्घाटन भी कर लिया जाए .... चूंकि बाबा साहब देश में समानता के प्रतीक एवं संविधान निर्माता और देश के प्रथम कानून मंत्री के तौर पर प्रमुख भूमिका रखते हैं बाबा साहब ने जिस तरीके से इस देश के आधुनिक भारत निर्माण के लिए काम किया महिलाओं के उद्धार के लिए काम किया बेमनस्था के खिलाफ काम किया भाईचारे के लिए नफरत के खिलाफ काम किया इसलिए इस भाईचारे के लिए नफरत के खिलाफ समानता के प्रतीक और न्याय की भावना को जन जन तक स्थापित करने के उद्देश्य से यह जरूरी है ....
Dakhal News
सोनकच्छ में ब्राह्मण समाज ने कांग्रेस नेत्री रेखा जैन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया...भगवान परशुराम के प्रति अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में बजरंग चौराहे पर रेखा जैन का पुतला दहन किया गया...पूर्व अध्यक्ष राजेश शर्मा के नेतृत्व में रेखा जैन के खिलाफ नारेबाजी हुई... ब्राह्मण समाज ने कहा कि वे अपने आराध्य भगवान परशुराम के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे साथ ही कांग्रेस पार्टी से रेखा जैन को निष्कासित करने की मांग की... देवास जिले के सोनकच्छ में बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग बजरंग चौराहे पर इकट्ठे हुए और रेखा जैन के खिलाफ विरोध जताया...लोगों ने रेखा जैन मुर्दाबाद और 'रेखा जैन होश में आओ' के नारे लगाए...ब्राह्मण समाज के लोगों ने कहा कि उनकी विवादित टिप्पणी से ब्राह्मण समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है...उन्होंने रेखा जैन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की... साथ ही उम्मीद जताई कि भगवान परशुराम रेखा को सद्बुद्धि प्रदान करेंगे जिससे वे अपनी वाणी में संयम रखेंगी....
Dakhal News
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की कुलगुरु शुभ्रा तिवारी का माता सीता पर की गई टिप्पणी का लगातार विरोध हो रहा है....छतरपुर में हिंदू समाज ने सड़क पर उतरकर उनका विरोध प्रदर्शन किया और उन्हें पद से हटाने एवं मामला दर्ज करने की मांग की वहीं विश्वविद्यालय में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कुलगुरु की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया.... छतरपुर के महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की कुलगुरु शुभ्रा तिवारी 17 मार्च को ओरछा में माता सीता के ऊपर विवादित बयान दिया था जिसके बाद से लगातार उनका विरोध जारी है अब हिंदू समाज उनके विरोध में सड़कों पर उतर आई है...हिंदू समाज ने कुलगुरु के विरोध में प्रदर्शन किया साथ ही कलेक्टर कार्यालय में राज्यपाल के नाम आवेदन दिया...वहीं दूसरी तरफ विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के पास कुलगुरु की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ किया...
Dakhal News
शिवपुरी । शिवपुरी में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के महाराणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान का देशभर में विरोध हो रहा है। इसी क्रम में शिवपुरी में राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महाराणा प्रताप चौक पर एकत्र हुए और सांसद रामजी लाल सुमन के पुतले को चप्पलों से पीटा। प्रदर्शनकारियों ने राणा सांगा अमर रहें और रामजी लाल सुमन माफी मांगो के नारे लगाए। राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा के नेताओं ने सांसद के संसद से निष्कासन और सार्वजनिक माफी की मांग की। महासभा के वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि सांसद ने जल्द ही माफी नहीं मांगी तो विरोध प्रदर्शन और उग्र होगा।वक्ताओं ने कहा कि इतिहास के महान योद्धा का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में ऐसी बयानबाजी हुई तो बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई।
Dakhal News
भोपाल । मध्य प्रदेश में स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 का कार्य लगातार जारी है। इस संबंध में नगरीय निकायों को समय-समय पर निर्देश जारी किये जा रहे हैं। केन्द्रीय शहरी कार्य मंत्रालय स्वच्छता को लेकर नागरिकों से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म वोट फॉर योर सिटी वेब, वोट फॉर योर सिटी ऐप और स्वच्छता ऐप पर प्रतिक्रिया ले रहा है। यह प्रतिक्रियाएं स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के परिणामों एवं रैंकिंग को प्रभावित करेंगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय ने नगरीय निकायों को इस संबंध में जागरूक करने के लिये कहा है। नगरीय निकायों से अपने शहर में विभिन्न गतिविधियों को करने के लिये कहा गया है।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने मंगलवार को बताया कि जारी निर्देशों में कहा गया है कि व्हाटसएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आकर्षक बैनर, वीडियो और पोस्ट का उपयोग कर फीडबैक माध्यमों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। नगरीय निकाय के प्रयासों की जानकारी भी नागरिकों को दी जाये। व्हाटसएप ग्रुप पर नगरपालिका और अन्य नागरिक संगठनों के व्हाटसएप ग्रुप पर निकायों के प्रयास के साथ फीडबैक देने के लिये लिंक नागरिकों को दी जाये। सामुदायिक बैठक, सांस्कृतिक और अन्य आयोजन के दौरान नागरिकों को स्वच्छता पर जागरूक किया जाये और उन्हें सकारात्मक फीडबैक के बारे में प्रोत्साहित किया जाये।निर्देशों में कहा गया है कि नगरीय निकाय की टीम मोहल्लों के दौरे में प्रत्येक घर में जाकर स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 की जानकारी और प्रयासों के बारे में बताये। टीम में ब्राण्ड एम्बेसडर, स्वच्छताग्राही स्वयं सेवकों को भी शामिल किया जाये। सार्वजनिक स्थानों जैसे बाजार, स्कूल, अस्पताल, बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर लिंक क्यूआर कोड सहित पोस्टर प्रदर्शित किये जायें। नागरिकों को स्वच्छता के महत्व को प्रदर्शित करने वाले पर्चे वितरित किये जायें। सर्वेक्षण में नगरीय निकाय को शहर की जनसंख्या के कम से कम 10 प्रतिशत सिटीजन फीडबैक प्राप्त किया जाना अनिवार्य किया गया है। संचालनालय ने नगरीय निकायों द्वारा इस दिशा में किये गये प्रयासों की जानकारी भी नियमित रूप से भेजने के लिये कहा है।
Dakhal News
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लगातार अनुपस्थिति को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से शिकायत की थी कि विद्यालय के हेड मास्टर और अन्य शिक्षक नियमित रूप से विद्यालय नहीं आ रहे हैं... जिससे बच्चों का भविष्य संकट में पड़ रहा है...खंड शिक्षा अधिकारी ने इस पर संज्ञान लिया और तुरंत एक जांच टीम भेजी...जिसने हेड मास्टर की अनुपस्थिति की पुष्टि की... राजकीय प्राथमिक विद्यालय उलानी में कई मास्टर स्कूल से गायब रहते हैं ... ग्राम प्रधान प्रीति राना ने बताया कि यह घटना बच्चों के भविष्य के लिए बेहद चिंताजनक है...वहीं, हेड मास्टर सुरेंद्र कुमार ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि वे नियमित रूप से विद्यालय आते हैं पर कुछ लोग उनके खिलाफ व्यक्तिगत कारणों से शिकायत कर रहे हैं... लेकिन शिक्षा विभाग को ऐसे विद्यालयों में शिक्षकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके
Dakhal News
सिंगरौली जिले में भू अर्जन एक्ट को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया…ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना सही आदेश के, ड्रोन सर्वे और भवन निर्माण पर रोक लगाने का दबाव डाला है...ग्रामीणों का कहना है कि ये आदेश 2013 भू अर्जन एक्ट के तहत जारी नहीं किया गया और ना ही इसे सही तरीके से लागू किया गया है... ग्रामीणों के अनुसार, प्रशासन ने जबरदस्ती पुलिस की मदद से ड्रोन सर्वे के खिलाफ कार्रवाई की जो कि अवैध है...इस मामले में गांव वालों ने अपने जन प्रतिनिधियों से मदद की अपील की है... उनका कहना है कि अगर सांसद डॉ. राजेश मिश्रा और विधायक डॉ. राजेंद्र मेश्राम ने उनकी मदद नहीं की, तो वे दोनों नेताओं का क्षेत्र में बहिष्कार करेंगे...वहीं, कुछ पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह आदेश पूरी तरह से गलत है और ग्रामीणों को हाई कोर्ट में जाकर रिलीफ मिलेगा...
Dakhal News
खबर छतरपुर से है...जहां कुख्यात अपराधी लक्खू को पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर कर गिरफ्तार कर लिया है...आपको बता दें लक्खू ने 9 साल की बच्ची को गोली मारी थी...इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया था गौरिहार थाना इलाके में पुलिस ने 9 साल की बच्ची की गोली मारकर हत्या के आरोपी को शॉर्ट एनकाउंटर कर गिरफ्तार किया है...कुख्यात अपराधी लक्खू उर्फ महेश्वरी दीन राजपूत ने पैरोल पर छूटने के बाद बच्ची को गोली मारी थी...इलाज के दौरान बच्ची दम तोड़ दिया था...वहीं आरोपी लक्खू की तलाश में पहुंची पुलिस पर बदमाश ने फायरिंग कर दी...जिसके जवाब में पुलिस ने गोली चलाई तो बदमाश के दाए पैर में गोली लगने से वो गिर गया...पुलिस की टीम ने उसे हिरासत में लेकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया है...आपको बता दे कि कितपुरा निवासी लक्खू राजपूत पर हत्या और हत्या के प्रयास समेत 21 आपराधिक मामले दर्ज हैं...वह 15 दिन पहले ही जेल से जमानत पर बाहर आया था
Dakhal News
छतरपुर जिले के लवकुश नगर थाना क्षेत्र के ग्राम बेड़ी में दलित उत्पीड़न का मामला सामने आया है। दलित परिवार का आरोप है कि 12 साल के अंशु अहिरवार ने गांव के ही रामा शुक्ला को छू लिया तो उसने जाति सूचक गाली देते हुए मारपीट कर दी...घटना से आहत नाबालिग ने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली... मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने बयान नहीं लिखे और न ही कार्रवाई की... जबकि बच्चे के शरीर में गंभीर चोट के निशान हैं...परिजनों ने पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी कराने और निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की है...कार्रवाई की मांग को लेकर भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष संतोष रैदास, पूर्व विधायक आर डी प्रजापति सहित बड़ी संख्या में लोग छत्रसाल चौक पर एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया...सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे सीएसपी अमन मिश्रा ने आक्रोशित लोगों को कार्रवाई का आश्वासन और समझाइश देते हुए जाम खुलवाया...
Dakhal News
संसार प्रत्यक्ष है। संसार समझने के लिए प्रकृति-प्रदत्त पाँच इन्द्रियाँ हैं। आँख से देखते हैं, कानों से सुनते हैं। त्वचा से स्पर्श करते हैं। जीभ से स्वाद लेते हैं और नाक से सूंघते हैं। संक्षेप में रूप, रस, गंध, ध्वनि और स्वाद ही संसार समझने के उपकरण हैं। मन को इनका स्वामी बताया गया है। दृश्य पर मन न लगे तो देखना व्यर्थ हो जाता है। गीत-संगीत में मन न लगे तो सुनना बेकार। यही बात सभी इन्द्रियों पर लागू होती है। पढ़ता-सुनता आया हूँ कि इन्द्रियों से प्राप्त सूचना मस्तिष्क तक जाती है। मस्तिष्क निर्णय लेता है। मस्तिष्क में लाखों कोष हैं। इसमें अध्ययन-अनुभव के संग्रह हैं। प्रकृति सुंदर संरचना है। इसके रहस्य जटिल हैं। मनुष्य की आंतरिक संरचना और भी जटिल है। मैं विद्यार्थी की तरह सत्य जानने का प्रयास करता हूँ लेकिन निष्कर्षों के प्रति संशय बना रहता है। जीवन की लम्बाई व गहराई से अनुभव बढ़े हैं। लोभ घटे हैं। यश-लिप्सा बढ़ी है। राग बढ़ा है। द्वेष घटा है। क्या इसका कारण अनुभूतियाँ हैं? इसपर संशय है। मैं इस संशय का कारण जानना चाहता हूँ। प्रत्येक कार्य का कारण होता है। संशय का भी कारण होना चाहिए। संशय के कारण अनेक हैं लेकिन मुख्य कारण सत्य के अनुसंधान में संशय का सदुपयोग करना है। संभवतः बढ़ी उम्र के कारण जीवन-वीणा के सुर गहन हुए हैं। गीत-संगीत आकर्षित करते हैं। संसार के प्रति आसक्ति घटी है। सुखद स्मृतियाँ न सोने देती हैं, न जागने। मन ही मन अपनी ही वाह-वाह करते हैं। कुछ मित्र हमारे लेख की प्रशंसा करते हैं। हम आनंदित होते हैं। इस लिप्सा का कारण समझ में नहीं आता। लाखों बार छपने के बाद भी यह तृष्णा वैसी ही क्यों है? मैं संशयी हूँ। अपना मत प्रसारित करने की इच्छा सब लोगों में होती है। रेने डेकार्ट (1596-1650) प्रतिष्ठित बुद्धिवादी दार्शनिक थे। वे इन्द्रियों से प्राप्त अनुभव को वास्तविक ज्ञान नहीं मानते थे। उनके मतानुसार वास्तविक ज्ञान बुद्धि-प्रत्ययों (कंसेप्ट) से ही संभव है। मनुष्य की बुद्धि को कुछ सत्यों की जानकारी जन्म के साथ ही मिलती है। ऐसा कम या ज्यादा सभी मनुष्यों में होता है। जनचर्चा में इसे गॉड-गिफ्टेड कहा जाता है। डेकार्ट दर्शन में प्रभुत्व और परंपरा के विरोधी थे। उन्होंने दो धारणाओं की स्थापना की। पहली धारणा के अनुसार ”बुद्धि में यथार्थ-ज्ञान प्राप्त करने की अपूर्व क्षमता” है। दूसरी धारणा के अनुसार ”मनुष्य की बुद्धि में यथार्थ-ज्ञान को अयथार्थ से पृथक करने की कसौटी” भी है। उन्होंने बुद्धि की इन दोनों क्षमताओं को ”बुद्धि का स्वाभाविक प्रकाश” कहा है। डेकार्ट के अनुसार बुद्धि के दो कार्य हैं। उन्होंने पहले को ‘इन्ट्यूशन‘ कहा है। प्रयाग विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जगदीश श्रीवास्तव ने ‘इनट्यूशन‘ को हिन्दी में प्रतिभान कहा है। यह शब्द उचित भी है। भान आंतरिक अनुभव से प्राप्त ज्ञान है। उन्होंने प्रातिभान की परिभाषा भी की है, ”प्रतिभान से हमारा तात्पर्य इन्द्रियों के अस्थिर साक्ष्य से नहीं है और भ्रामक निर्णय से भी नहीं। प्रतिभान-धारणा विशुद्ध और सजग बुद्धि से प्राप्त होती है। तब संशय या अनिश्चितता नहीं रह जाती।” उन्होंने बुद्धि का दूसरा कार्य निगमन बताया है। बुद्धि द्वारा किसी विषय पर खण्डशः विचार-निगमन होता है। यह शुद्ध बुद्धि से ही संभव है। बुद्धि विभिन्न कारणों से दोषपूर्ण भी हो सकती है। अंधविश्वास में बुद्धि शुद्ध नहीं रहती, तब बुद्धि निगमन का कार्य नहीं कर पाती। डेकार्ट के अनुसार बुद्धि को शुद्ध रखना, भ्रमों और पूर्वाग्रहों से मुक्त रखना निगमन के लिए आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने ‘सुव्यवस्थित‘ संशय की जरूरत बताई है कि ”हमें अपने सभी मतों पर तब तक संशय करना चाहिए जब तक हम उनकी प्रामाणिकता के प्रति आश्वस्त न हों।” डेकार्ट का ‘संशय‘ ज्ञान का साधन है। ब्रिटिश दार्शनिक फ्रांसिस बेकन ने भी चिंतन को पूर्वाग्रहों से मुक्त रखने का विचार दिया है। अब मेरे मन में अपने संशय को लेकर भी संशय है कि विद्यार्थी-जीवन में ही मेरे चित्त में संशय का जन्म क्यों हुआ था? पाश्चात्य दर्शन में बुद्धिवाद है। भारतीय चिंतन में बुद्धि की महत्ता है। यहाँ बुद्धि, साध्य नहीं है, ज्ञान-प्राप्ति का साधन है। गीता (2.39) में श्रीकृष्ण, अर्जुन से कहते हैं, ”मैंने सांख्य (दर्शन) के अनुसार ज्ञान का विवेचन किया है, अब बुद्धि-योग बताता हूँ। सुनो। ऐसे ज्ञान से तुम कर्म बंधन से मुक्त हो जाओगे।” इस श्लोक में सांख्य का अर्थ ज्ञान-प्राप्ति की विश्लेषण पद्धति है। गीता का बुद्धियोग, डेकार्ट, स्पिनोजा आदि दार्शनिकों के बुद्धिवाद से उच्चतर है। गीता (10.10) में प्रसंग भक्ति का है। भक्ति में आस्था और विश्वास अपरिहार्य है। माना जाता है कि भक्ति की पूर्णता में आराध्य ईश्वर या भगवान की प्राप्ति संभव है। लेकिन गीता के इस श्लोक में प्रीतिपूर्वक सतत् भक्ति करने वाले को बुद्धि-योग की प्राप्ति होती है। ”सतत् युक्तानां भजतां प्रीतिपूर्वम्।” यह श्लोक काफी रोचक है। यहाँ भक्ति का परिणाम भगवान का दर्शन नहीं, बुद्धि-योग है और बुद्धि-योग की यात्रा में तर्क-संशय की उपयोगिता है। प्रकृति को ध्यान से देखने का अपना आनंद है लेकिन देखने और दर्शन करने में आधारभूत अंतर है। देखने का सामान्य उपकरण आँखें हैं। हम आँख से देखने के साथ सुनना, सूँघना, स्पर्श और स्वाद भी जोड़ सकते हैं लेकिन दर्शन में ज्ञान-मीमांसा है, बुद्धि है। सोच-विचार की आगमन-निगमन-प्रणाली है। विवेचन है। तर्क-पद्धति है। अनुभवों से प्राप्त सत्य है और तथ्य भी है। विज्ञान द्वारा खोजे गए सूत्र व आविष्कार हैं। वैज्ञानिक सत्य प्रयोगसिद्ध भी हैं। दर्शन और विज्ञान, जिज्ञासा और तर्क को महत्व देते हैं। भारत में तीर्थ-यात्राएँ होती हैं। मंदिर और मूर्तियों के दर्शन की परंपरा है। हम मूर्ति और मंदिर देखते हैं लेकिन इस आस्तिक कर्म को दर्शन करना कहते हैं। मूर्ति को देखने और दर्शन करने में अंतर है। देखने में मूर्ति पत्थर या धातु है। लेकिन मूर्ति के भीतर देव का दर्शन करते हैं। भौतिक विज्ञान के पास ऐसी आस्तिकता का औचित्य नहीं है। दर्शन में भी इसका उत्तर नहीं है। यह भक्तिभाव का प्रभाव है और यह प्रभाव कमजोर नहीं होता। कमजोर होता तो प्रभावित कैसे करता? संशयी विद्यार्थी ऐसे प्रभावों का भी विवेचन करते हैं। बुद्धि, ज्ञान का उपकरण है। बुद्धि के प्रयोग में समग्र दृष्टि का ही उपयोग है। ज्ञान-प्राप्ति के लिए अखण्ड और कुशाग्र बुद्धि जरूरी है। कुशाग्र का अर्थ कुश का अग्र या नुकीला भाग होता है। खंडित बुद्धि संसार को खण्डित, विभाजित देखती है। अखण्ड बुद्धि से प्राप्त ज्ञान भी अखण्ड होता है। अखण्ड और कुशाग्र बुद्धि के लिए गीता (2.41) में ‘व्यवसायात्मिका‘ और खण्डित बुद्धि के लिए ‘अव्यावसायिक‘ शब्द प्रयोग हुआ है, ”व्यवसाय-आत्मिक बुद्धि है। संसार में अनेक रूप हैं लेकिन अस्तित्व एक अखण्ड है। कुछ लोग रूपों में विभाजित अस्तित्व को विभक्त देखते हैं और शुद्ध बुद्धि वाले विभाजित प्रतीत होने वाले अस्तित्व को अखण्ड अविभाजित देखते हैं। गीता में अविभाजित देखने वाले को सही बताया गया है-यः पश्यति, सः पश्यति।
Dakhal News
जब वैवाहिक कलह के कारण घरेलू विवाद उत्पन्न होते हैं, तो अक्सर पति के परिवार के सभी सदस्यों को फंसाने की कोशिश की जाती है। अदालतों को दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें सतर्क रहना होगा कि कहीं कानून का दुरुपयोग कर पति के रिश्तेदारों को फंसया तो नहीं जा रहा। अदालतों को निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाना चाहिए।पुरुषों के अधिकारों से तात्पर्य कानूनी और सामाजिक अधिकारों से है, जो ख़ासतौर पर पुरुषों के सामने आने वाली समस्याओं को सम्बोधित करते हैं। भारत में, जबकि महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना जरूरी है, पुरुषों की चुनौतियों पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है, जैसे धारा 498ए आईपीसी के तहत घरेलू हिंसा के मामलों में झूठे आरोप, मानसिक स्वास्थ्य सहायता की कमी और सीमित पैतृक अधिकार। साझा पालन-पोषण कानूनों के इर्द-गिर्द हाल की बहसें लैंगिक न्याय के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता को उजागर करती हैं। भारत में पुरुषों के अधिकारों को अक्सर लैंगिक समानता पर व्यापक चर्चा में कम ध्यान दिया जाता है। घरेलू दुर्व्यवहार के शिकार के रूप में पुरुषों को कानूनी मान्यता नहीं मिलती है, जिससे सुरक्षा की मांग करना या दुर्व्यवहार के मामलों की रिपोर्ट करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। जीवनसाथी द्वारा भावनात्मक, वित्तीय या शारीरिक शोषण के शिकार पुरुषों को सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है और घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005 जैसे मौजूदा ढाँचों के तहत कानूनी सहारा नहीं मिलता है। पुरुषों से भावनाओं को दबाने की सामाजिक अपेक्षाएँ उनके मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा करती हैं, जिससे आत्महत्या की दर और अनुपचारित मनोवैज्ञानिक समस्याएँ बढ़ती हैं। 2022 के एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि आत्महत्या के 72.5% मामले पुरुषों के हैं, जो लिंग-संवेदनशील मानसिक स्वास्थ्य नीतियों की आवश्यकता पर बल देता है। तलाक या अलगाव कानून मातृ हिरासत का पक्ष लेते हैं, पिता की भूमिका को हाशिए पर डालते हैं और बच्चे के पालन-पोषण में उन्हें समान अधिकारों से वंचित करते हैं। अभिभावक और वार्ड अधिनियम, 1890, मातृ हिरासत को प्राथमिकता देता है जब तक कि माँ को अयोग्य नहीं माना जाता है, जिससे माता-पिता की भागीदारी के लिए पिता के अवसर सीमित हो जाते हैं। धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न) जैसे लिंग-विशिष्ट कानूनों का कभी-कभी दुरुपयोग किया जाता है, जिससे निर्दोष पुरुषों को प्रतिष्ठा, वित्तीय और भावनात्मक नुक़सान होता है। राजेश शर्मा बनाम यूपी राज्य (2017) में, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 498ए के दुरुपयोग को नोट किया और झूठे आरोपों के खिलाफ सुरक्षा उपाय पेश किए। पुरुषों के पास शिकायतों को दूर करने के लिए समर्पित संस्थान या हेल्पलाइन का अभाव है सामाजिक रूढ़िवादिता पुरुषों को अपराधी के रूप में चित्रित करती है, संस्थागत दृष्टिकोण को प्रभावित करती है और कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार या यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में उचित उपचार को सीमित करती है। विशाखा दिशा-निर्देश केवल महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर उत्पीड़न को कवर करते हैं, जिससे पुरुष पीड़ितों को भारतीय कानून के तहत समान सुरक्षा नहीं मिलती है। यौन शोषण के वयस्क पुरुष उत्तरजीवी कानूनी ढांचे में अपरिचित रहते हैं, जिससे उन्हें वैधानिक उपचार या संस्थागत सहायता से वंचित रखा जाता है। उदाहरण के लिए, आईपीसी की धारा 375 बलात्कार को केवल एक महिला के दृष्टिकोण से परिभाषित करती है, जिससे यौन उत्पीड़न के पुरुष उत्तरजीवी बिना किसी सहारे के रह जाते हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम और आईपीसी की धारा 498ए जैसे मौजूदा कानूनों को संशोधित करके उन्हें लिंग-तटस्थ बनाया जाए, जिससे घरेलू हिंसा और झूठे आरोपों के खिलाफ पुरुषों के लिए समान सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। कनाडा और यूके जैसे देशों में घरेलू हिंसा कानून लिंग-तटस्थ हैं। साझा पालन-पोषण की अवधारणा ऑस्ट्रेलिया में अच्छी तरह से स्थापित है, जो हिरासत के निर्णयों में दोनों माता-पिता के लिए समान विचार को अनिवार्य बनाती है। जापान ने तनाव कम करने को लक्षित करते हुए कार्यस्थल मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिन्हें लिंग-विशिष्ट चिंताओं को शामिल करने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। केरल में पुलिस के लिए नियमित संवेदीकरण कार्यशालाओं के परिणामस्वरूप लिंग-आधारित शिकायतों का अधिक संतुलित संचालन हुआ है। संगठनों को समावेशी कार्यस्थल नीतियों को बाध्यकारी किया जा सकता है जो पितृत्व अवकाश, पुरुषों द्वारा सामना किए जाने वाले यौन उत्पीड़न और मानसिक स्वास्थ्य सहायता जैसे मुद्दों को सम्बोधित करती हैं। स्वीडन की पैतृक अवकाश नीति पिता को समान अवकाश प्रदान करती है, जो घर पर साझा पालन-पोषण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है। लैंगिक न्याय के लिए संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए पुरुषों के अधिकारों को समान ईमानदारी से सम्बोधित करने की आवश्यकता है। लैंगिक-तटस्थ कानून, मानसिक स्वास्थ्य सहायता में वृद्धि और सामाजिक रूढ़ियों को ख़त्म करने के लिए जागरूकता अभियान महत्त्वपूर्ण क़दम हैं। जैसा कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने कहा था, "किसी भी जगह अन्याय हर जगह न्याय के लिए ख़तरा है।"
Dakhal News
महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन- वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे अर्थात दूसरों की पीड़ा समझने वाला ईश्वर के समान होता है- इसे भारत सही अर्थों में चरितार्थ कर रहा है। भारत हमेशा से विश्व बंधुत्व की भावना के सिद्धांत को अपनाकर उसी मार्ग पर चलाता आ रहा है। भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो हमेशा से सभी को साथ लेकर चलने का प्रयास करता रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कैसा भी संकट आया हो भारत उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा नजर आता है। इसी को कहते हैं विश्व बंधुत्व की भावना। वैश्विक परिवार दिवस यदि दुनिया का कोई देश सही मायने में मनाता है तो वह भारत ही हैं। भारत में आज भी अतिथि देवो भव की भावना जिंदा है। यहां के लोग स्वयं भूखे रहकर अतिथियों को भोजन करवाना अपना परम धर्म समझते रहे हैं। वैश्विक परिवार का अर्थ है वसुधैव कुटुम्बकम इसका मूल सिद्धांत यह है कि संपूर्ण मानवता एक परिवार है। इस विचारधारा के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी राष्ट्र, जाति, या धर्म से हो, एक ही व्यापक परिवार का हिस्सा है। इस सिद्धांत के अनुसार, विश्व में सभी का समान महत्व है और हर किसी को समान सम्मान मिलना चाहिए। दुनिया भर में लोग नए साल की पहली सुबह का आनंद उठाते हैं। लोग अपने दोस्तों, परिवार और करीबी लोगों के इस खास दिन का जश्न मनाते हैं। नए साल के साथ ही साल के पहले दिन यानी एक जनवरी को वैश्विक परिवार दिवस भी मनाया जाता है। हर साल एक जनवरी को मनाए जाने वाले इस दिवस के जरिए परिवारों के माध्यम से राष्ट्रों और संस्कृतियों में एकता, समुदाय और भाईचारे की भावना पैदा करता है। दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है कि एक परिवार का निर्माण हो। ताकि विश्व में शांति की स्थापना होने के साथ ही हिंसा भी कम की जा सकें। जब पूरी दुनिया नए साल का जश्न मनाती है। उसी दिन पूरे विश्व में वैश्विक परिवार दिवस मनाया जाता है। ताकि विश्व में रहने वाले सभी लोग एक परिवार की तरह रहें। इस तरह विश्व के सभी राष्ट्रों और समुदाय में भाईचारे की भावना पैदा हो सके। वैश्विक परिवार दिवस जिसे विश्व शांति दिवस के रूप में भी जाना जाता है। दुनिया में सद्भाव और एकता की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए हर साल मनाया जाता है। यह दुनिया के एक वैश्विक गांव के विचार पर जोर देता है। जिसमें नागरिकता, सीमा या नस्ल की परवाह किए बिना हम सभी एक परिवार हैं। एक खुशहाल परिवार वह परिवार नहीं है जिसमें हर कोई एक दूसरे के जैसा सोचता, काम करता, महसूस करता या व्यवहार करता हो। एक खुशहाल परिवार की एक पहचान यह है कि पूरा परिवार एक दूसरे को वैसे ही स्वीकार करता हैं। यह दिन पूरे विश्व को एक परिवार मानता है। वैश्विक परिवार दिवस को शांति और साझाकरण के वैश्विक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य बहुसंस्कृतिवाद, बहुलवाद को बढ़ावा देना और शांति और सद्भाव के साथ एक-दूसरे के साथ रहना सिखाना है। यह दिन विश्व के एक वैश्विक परिवार होने के विचार को बढ़ावा देता है। इसका उद्देश्य एकजुट होना और इस विचार को बढ़ावा देकर शांति का संदेश फैलाना है कि पृथ्वी एक वैश्विक परिवार है। ताकि दुनिया को सभी के लिए रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाया जा सके। वैश्विक परिवार दिवस की उत्पत्ति दो पुस्तकों में हुई थी। पहली 1996 में अमेरिकी लेखकों स्टीव डायमंड और रॉबर्ट एलन सिल्वरस्टीन द्वारा लिखित वन डे इन पीस 1 जनवरी 2000 नामक बच्चों की किताब थी। वहीं दूसरी किताब अमेरिकी शांति कार्यकर्ता और लेखक लिंडा ग्रोवर का 1998 का यूटोपियन उपन्यास ट्री आइलैंडरू ए नॉवेल फॉर द न्यू मिलेनियम थी। विशेष रूप से ग्रोवर ने 1 जनवरी को शांति के वैश्विक दिवस के रूप में स्थापित करने काफी अहम भूमिका निभाई थी। इन किताबों के विचारों के आधार पर ही 1997 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1 जनवरी को शांति का एक दिन मनाने की घोषणा की। बाद में 1999 में संयुक्त राष्ट्र और इसके सदस्य देशों ने पहली बार वैश्विक परिवार दिवस मनाया गया। इस दिवस की सफलता को देखते हुए साल 2001 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में स्थापित किया। इसके बाद से हर साल एक जनवरी को वैश्विक परिवार दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। नए साल की शुरुआत के साथ ही इस दिन को मनाने का मकसद एक ऐसे समाज की स्थापना करने का प्रयास है जहां सिर्फ शांति हो। हालांकि यह एक नई शांतिपूर्ण दुनिया की शुरुआत थी और 1999 में सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों को शांति निर्माण की दिशा में रणनीति विकसित करने के लिए उस विशेष वर्ष के पहले दिन को औपचारिक रूप से समर्पित करने का निमंत्रण मिला। इस दिन के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए 2001 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक परिवार दिवस को एक वार्षिक कार्यक्रम घोषित किया गया। पहला वैश्विक परिवार दिवस पहली बार वर्ष 2000 में एक जनवरी को देखा गया था। तब से हर साल नए साल के पहले दिन को वैश्विक परिवार दिवस के रूप में मनाया जाता है। नए साल के आगाज साथ ही वैश्विक परिवार दिवस भी मनाया जाता है। वैश्विक परिवार दिवस को हर साल एक जनवरी को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया के सभी देशों, धर्मों के बीच शांति की स्थापना करते हुए युद्ध और अहिंसा को टालना है। साथ ही यह भी कोशिश है कि आपसी मतभेदों को बात-चीत के जरिए से निपटाया जाए और एक शांतिपूर्ण समाज की स्थापना की जा सके। इस दिन के लिए परिवार को काफी अहम माना गया है। क्योंकि परिवार के जरिए ही विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है। वैश्विक परिवार दिवस मनाने का सबसे अच्छा तरीका अपने परिवार के साथ दिन बिताना है। इस दिन लोग एक साथ रात्रिभोज की योजना बनाते हैं और अन्य पारिवारिक गतिविधियों का आनंद लेते हैं जो उनके बंधन को मजबूत करते हैं और शांति को बढ़ावा देते हैं। परिवार के साथ मनोरंजक गतिविधियों में एक साथ शिविर लगाना या एक साथ खाना बनाना, पिकनिक पर जाना, ट्रेक और बहुत कुछ शामिल हो सकता है। इस दिन को समुदाय के हिस्से के रूप में मनाने के लिए आप उन संगठनों के लिए स्वयंसेवक बन सकते हैं जो समुदाय का निर्माण करते हैं, हिंसा को कम करते हैं और अपने परिवार के साथ सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं। आप वैश्विक शांति की दिशा में प्रयासों के बारे में कोई भी फिल्म देख सकते हैं। आज पूरी दुनिया में युद्ध का वातावरण है। कई देशों में युद्ध छिड़ा हुआ है तो कई देश युद्ध के मुहाने पर खड़े हुए हैं। तीसरे विश्व युद्ध की आशंका व्यक्त की जा रही है। लोग एक- दूसरे के दुश्मन बनते जा रहे हैं। जरा-सी बात पर लड़ाई झगड़ा होने लगता है। ऐसे में वैश्विक परिवार दिवस हमारे लिए आशा की एक नई किरण लेकर आता है। इस दिवस से हमें पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में बनाने की प्रेरणा मिलती है। यदि हम वैश्विक परिवार दिवस की अवधारणा के अनुरूप एक दूसरे के प्रति सहयोग की भावना अपना कर काम करे तो दुनिया शांति के पथ पर चलने लगेगी और सही मायने में इस दिवस की सार्थकता भी सिद्ध हो सकेगी।
Dakhal News
प्रियंका सौरभपृथ्वी की जलवायु को नियंत्रित करने वाला महत्त्वपूर्ण कारक ध्रुवीय क्षेत्रों में तैरती समुद्री बर्फ की मात्रा है। हालांकि, बदलते वायुमंडलीय पैटर्न और बढ़ते तापमान के कारण, यह घटकर 15-76 मिलियन वर्ग किमी के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर आ गया है। वैश्विक तापमान में वृद्धि हो रही है, समुद्री धाराएँ अशांत हो रही हैं तथा इस गिरावट के कारण चरम मौसम की घटनाएँ और भी बदतर हो गई हैं। दुनिया भर में चरम मौसम की घटनाएँ पृथ्वी की जलवायु में परिवर्तन से प्रभावित हो रही हैं। भीषण वन्य आग, वर्षों तक चलने वाला सूखा, भारी वर्षा, भयंकर बाढ़, भूमि और समुद्र में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की लहरें तथा तूफानों के दौरान व्यापक बाढ़ की आवृत्ति और तीव्रता सभी बढ़ रही है। औद्योगिक क्रांति के बाद से मानवीय गतिविधियों विशेष रूप से जीवाश्म ईंधनों के जलने के कारण ग्रीनहाउस गैसों की वायुमंडलीय सांद्रता में तीव्र वृद्धि हुई है। मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसें गर्मी को रोक लेती हैं और जैसे-जैसे उनकी सांद्रता बढ़ती है, पृथ्वी को गर्म करती हैं। परिणामस्वरूप पृथ्वी पर हवा और महासागर गर्म हो जाते हैं। भूमि पर बर्फ पिघलती है, मौसम का पैटर्न बदलता है तथा जलचक्र इस तापमान वृद्धि से प्रभावित होता है, जिससे चरम मौसम की स्थिति और खराब हो जाती है। जलवायु परिवर्तन हमारे समाज को अनेक तरीकों से प्रभावित करता है।सूखे से मानव स्वास्थ्य और खाद्य उत्पादन पर असर पड़ सकता है। बाढ़ से बुनियादी ढांचे और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँच सकता है और बीमारी फैल सकती है। खाद्य उपलब्धता में परिवर्तन और श्रमिक उत्पादकता को सीमित करने के अलावा सूखा, बाढ़ और अन्य मौसम सम्बंधी घटनाओं के कारण उत्पन्न मानव स्वास्थ्य समस्याएँ भी मृत्यु दर को बढ़ाती हैं। हमारी परिवहन और संचार प्रणालियों के भौतिक बुनियादी ढांचे में सड़कें, पुल, बंदरगाह, विद्युत ग्रिड, ब्रॉडबैंड इंटरनेट और अन्य घटक शामिल हैं, इन्हें अक्सर कई वर्षों तक चलने के लिए डिजाइन किया जाता है। खास बात यह है कि बुनियादी ढांचे का निर्माण जलवायु परिवर्तन पर विचार किए बिना किया गया था। वर्तमान बुनियादी ढांचा हवा, बर्फ, बाढ़, भारी बारिश या तापमान में उतार-चढ़ाव जैसी मौसम की गंभीर स्थितियों को संभालने में सक्षम नहीं हो सकता। इन घटनाओं के प्रभाव कई अलग-अलग रूप ले सकते हैं। उदाहरण के लिए, उच्च तापमान के कारण घर के अन्दर अधिक ठंडक की आवश्यकता होती है, जिससे ऊर्जा ग्रिड पर दबाव पड़ सकता है। अप्रत्याशित रूप से अत्यधिक वर्षा के कारण आने वाली बाढ़, जो तूफानी जल निकासी क्षमता से अधिक होती है, प्रमुख मार्गों, व्यवसायों और राजमार्गों को बंद कर सकती है।समुद्र स्तर में वृद्धि के कारण तटीय अवसंरचना, जैसे जल आपूर्ति, सड़कें, पुल और बहुत कुछ, खतरे में हैं। चूंकि बहुत-सी आबादी तटीय क्षेत्रों में रहती है, अतः इससे होने वाले जोखिम से लाखों लोग प्रभावित होते हैं। इसके अलावा, समुद्र स्तर में वृद्धि से तटीय कटाव और उच्च ज्वार के कारण बाढ़ आ सकती है। शोध से पता चलता है कि कुछ समुदाय वर्ष 2100 तक समुद्र तल पर या उससे नीचे पहुँच जाएंगे। अब यह उन पर निर्भर करेगा कि वे क्या करें। प्रबंधित वापसी नामक प्रक्रिया के दौरान, समुदाय संभवतः तटरेखा से दूर चले जाएंगे और अपने बुनियादी ढांचे में बदलाव करेंगे। समुद्री बर्फ में वैश्विक गिरावट के लिए मुख्य रूप से महासागरीय ऊष्मा परिवहन ज़िम्मेदार है। जब गर्म महासागरीय धाराएँ ध्रुवीय क्षेत्रों में प्रवेश करती हैं तो समुद्री बर्फ आधार पर तेजी से पिघलती है। अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (एएमओसी) द्वारा गर्म पानी आर्कटिक में लाया जाता है, जो बर्फ की स्थिरता को कम करता है। ये जलवायु पैटर्न समुद्री और वायुमंडलीय स्थितियों के साथ-साथ बर्फ के निर्माण और पिघलने की दर को भी प्रभावित करते हैं। 2015-2016 की अल नीनो घटना ने समुद्र के तापमान में वृद्धि करके अंटार्कटिका के समुद्री बर्फ को रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुँचा दिया। बड़े ज्वालामुखी विस्फोटों से एरोसोल निकलते हैं, जिनमें अस्थायी रूप से वायुमंडल को ठंडा करने की क्षमता होती है, लेकिन वे दीर्घकालिक रूप से महासागरों के गर्म होने में भी योगदान देने वाले कारक हो सकते हैं।2022 के हंगा टोंगा विस्फोट से जल वाष्प समताप मंडल में छोड़ा गया, जिससे समय के साथ वार्मिंग प्रभाव में संभावित रूप से वृद्धि हुई। अधिक शक्तिशाली तूफानों के कारण नाजुक समुद्री बर्फ टूट जाती है, जिससे पिघलने और समुद्री धाराओं के कारण उसके प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाती है। 2024 में बेरेंट्स और बेरिंग सागर में तूफानों के कारण बर्फ टूट जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप आर्कटिक सागर में बर्फ का आवरण रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुँच जाएगा। मीथेन और कार्बन डाईऑक्साइड वायुमंडल में ऊष्मा को रोकते हैं, जिससे वैश्विक तापमान बढ़ता है और ध्रुवीय बर्फ पिघलने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। औद्योगिक क्रांति के कारण कार्बन डाईऑक्साइड के स्तर में नाटकीय वृद्धि के कारण आर्कटिक समुद्री बर्फ 1981 से प्रति दशक 12-2% की दर से घट रही है। महासागर का अम्लीकरण और वायुमंडलीय तापमान में वृद्धि कोयला, तेल और गैस के जलने से निकलने वाले प्रदूषकों के कारण होती है। आर्कटिक प्रवर्धन वह प्रक्रिया है जिसके तहत औद्योगिक गतिविधियों से उत्पन्न ऊष्मा-अवशोषित उत्सर्जन के कारण आर्कटिक वैश्विक औसत से चार गुना अधिक तेजी से गर्म हो जाता है। जब वन नष्ट होते हैं तो कम कार्बन अवशोषित होता है और जब शहर बढ़ते हैं तो अधिक गर्मी बरकरार रहती है, जो वायुमंडलीय परिसंचरण को प्रभावित करती है। समुद्री बर्फ का क्षरण और वैश्विक तापमान वृद्धि अप्रत्यक्ष रूप से अमेज़न में वनों की कटाई के कारण होती है, जिससे कार्बन अवशोषण में कमी आती है। आर्कटिक क्षेत्र में ड्रिलिंग और बढ़ती समुद्री गतिविधियाँ समुद्री बर्फ के पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करती हैं और प्रदूषण तथा गर्मी पैदा करती हैं, जो स्थानीय तापमान में वृद्धि में योगदान करती हैं। इस क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की खोज के बाद आर्कटिक क्षेत्र में हुई तीव्र गति से इस तंत्र को और अधिक बल मिलने के परिणामस्वरूप ध्रुवीय बर्फ को अधिक क्षति पहुँची है।पृथ्वी पर समुद्री बर्फ कम होने पर महासागर अधिक गर्मी अवशोषित करते हैं, जिससे एल्बिडो या परावर्तकता कम हो जाती है, तथा तापमान और भी अधिक बढ़ जाता है। आर्कटिक के घटते एल्बिडो प्रभाव के कारण जलवायु परिवर्तन में तेजी आई है, जिसके कारण ध्रुवीय क्षेत्र शेष विश्व की तुलना में दोगुनी तेजी से गर्म हो रहे हैं। बर्फ पिघलने से निकलने वाला ताज़ा पानी लवणता को कम करता है और गहरे समुद्र में परिसंचरण को धीमा कर देता है, जिसका जलवायु विनियमन पर प्रभाव पड़ता है। कमजोर हो रहे अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (एएमओसी) से हिंद महासागर क्षेत्र, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में मौसम के पैटर्न में बदलाव आने की संभावना है। अप्रत्यक्ष रूप से, समुद्री बर्फ पिघलने से भूमि आधारित बर्फ की चादरों के पिघलने की गति बढ़ जाती है, जिससे दुनिया भर में समुद्र का स्तर बढ़ जाता है। जब सारी बर्फ पिघल जाएगी, तो ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर समुद्र के स्तर को लगभग 23 फीट तक बढ़ा देगी। तापमान में परिवर्तन के कारण तूफान, सूखा और गर्म लहरें बढ़ रही हैं, जिससे वायुमंडलीय परिसंचरण प्रभावित हो रहा है। जेट स्ट्रीम आर्कटिक बर्फ के पिघलने से प्रभावित होती है, जिसके कारण उत्तरी अमेरिका और यूरोप में लंबे समय तक गर्म लहरें चलती हैं। समुद्री बर्फ के पिघलने से खाद्य श्रृंखलाएँ गड़बड़ा जाती हैं, जिससे मत्स्य पालन और समुद्री जीवन खतरे में पड़ जाता है, जो ठंडे पानी के आवासों पर निर्भर रहते हैं। संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है, क्योंकि अंटार्कटिका में क्रिल की आबादी घट रही है तथा ध्रुवीय भालू और सील अपने शिकार के मैदान खो रहे हैं।जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए तैयारी का अभाव है। वैज्ञानिक इस बात पर शोध कर रहे हैं कि वर्तमान और भविष्य में जलवायु परिवर्तन से समुदायों पर किस प्रकार प्रभाव पड़ रहा है तथा वे सर्वोत्तम तरीकों का सुझाव दे सकते हैं। भविष्य में जलवायु सम्बंधी जोखिमों को झेल सकने वाले लचीले बुनियादी ढांचे में निवेश महत्त्वपूर्ण है। इसे लेकर सामाजिक जागरूकता जरूरी है। पर्यावरणीय शिक्षा के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सीख सकता है कि जलवायु परिवर्तन के लिए कैसे तैयार रहा जाए।
Dakhal News
योगेश कुमार गोयल मानव जीवन को विज्ञान ने काफी आसान और सुविधाजनक बना दिया है। विज्ञान के प्रति युवाओं की कितनी रुचि है, इसी पर देश का भविष्य निर्भर करता है। युवाओं के साथ-साथ समाज के प्रत्येक वर्ग में विज्ञान के प्रति अधिकाधिक रुचि जागृत करने के लिए प्रतिवर्ष 28 फरवरी को ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ मनाया जाता है। दरअसल, इस दिवस के जरिये बच्चों को विज्ञान को बतौर कैरियर चुनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि देश की आने वाली पीढ़ी विज्ञान के क्षेत्र में अपना उल्लेखनीय योगदान दे सके और देश प्रगति के मार्ग पर निरन्तर अग्रसर रहे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार के लिए राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा भारत में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में नामित करने के लिए वर्ष 1986 में भारत सरकार को कहा गया था और सरकार द्वारा इसे स्वीकृति प्रदान किए जाने के बाद से 28 फरवरी 1987 से प्रतिवर्ष इसी दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता रहा है। यह दिवस भारत के महान वैज्ञानिक भौतिक शास्त्री सर सीवी रमन की खोज ‘रमन प्रभाव’ को सदैव याद रखने और विश्व पटल पर विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन करने वाले इस वैज्ञानिक की स्मृति में मनाया जाता है। सर सीवी रमन भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में पहले ऐसे भारतीय थे, जिन्होंने भारत में ऐसे आविष्कार पर शोध किया था। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस में 1907 से 1933 तक सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन ने कार्य किया था। उस दौरान उन्होंने भौतिकी के कई बिन्दुओं पर शोध किया था, जिसमें से ‘रमन प्रभाव’ (प्रकाश के फैलने पर प्रभाव, जब विभिन्न वस्तुओं द्वारा उसे गुजारा जाता है) उनकी महान खोज बनी, जो न केवल विज्ञान जगत में लोकप्रिय हुआ बल्कि पूरी दुनिया ने उनकी इस खोज को सराहा। सर सीवी रमन की यह खोज 28 फरवरी 1928 को दुनिया के सामने आई थी। उनके लिए वर्ष 1930 में उन्हें भौतिकी के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा माना जाने वाला ‘नोबेल पुरस्कार’ दिया गया था। वे एशिया के ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने का गौरव हासिल हुआ था। ‘रमन प्रभाव’ की खोज के लिए उन्हें अनेक दूसरे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के पश्चात् भारत लौटने पर उन्होंने कहा था कि ‘मेरे जैसे न जाने कितने रमन सुविधाओं और अवसरों के अभाव में यूं ही अपनी प्रतिभा गंवा देते हैं, जिससे केवल उनका ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष का नुकसान है, जिसे हमें रोकना होगा।’ वर्ष 2013 से अमेरिकन केमिकल सोसायटी द्वारा अंतरराष्ट्रीय ऐतिहासिक केमिकल लैंडमार्क के रूप में ‘रमन प्रभाव’ को नामित किया गया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रतिवर्ष एक निर्धारित थीम के तहत मनाया जाता है। 2025 के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम है ‘विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना।’ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का सबसे बड़ा उद्देश्य लोगों को हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न वैज्ञानिक आविष्कारों की महत्ता से परिचित कराना होता है, इसके अलावा वैज्ञानिक सोच रखने वाले लोगों को अवसर उपलब्ध कराना तथा उन्हें उनके कार्य के लिए प्रोत्साहित करना भी इसका अहम उद्देश्य है। विज्ञान के विकास के लिए नई तकनीकों को लागू कर विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने जैसे उद्देश्य राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के आयोजन में निहित हैं। विज्ञान के जरिये ही वैज्ञानिकों ने नई-नई तरह की तकनीकों का आविष्कार किया है और वैज्ञानिकों ने इन खोजों के जरिये मानव जीवन को निरंतर बेहतर बनाया है। इसी विज्ञान के जरिये हम रोबोट, कम्प्यूटर इत्यादि बनाने में सफलता प्राप्त करने के अलावा अंतरिक्ष तक में पहुंच गए हैं। असंभव दिखने वाले कार्यों को भी विज्ञान की मदद से ही संभव बनाते रहे हैं। विज्ञान की मदद से ही बनाई गई प्रतिदिन बहुत सारी तकनीकों और वस्तुओं का इस्तेमाल हम अपने दैनिक क्रियाकलापों में करते हैं। ऐसे में हम सभी के लिए हमारे जीवन में विज्ञान के महत्व को समझना जरूरी है। हमारा समाज 21वीं सदी में जिस प्रकार अंधविश्वासों के साये में जीता है, ऐसे में विज्ञान की महत्ता समझते हुए समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करते हुए इन अंधविश्वासों के निर्मूलन की जिम्मेदार हम सबकी है।
Dakhal News
डॉ. सत्यवान सौरभदेश में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उदय परिवर्तनकारी रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में यूपीआई लेनदेन 11.5 बिलियन (( 26.9 लाख करोड़) से अधिक हो गया। दो थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स फोन-पे और गूगल-पे के बीच बाजार का संकेन्द्रण यूपीआई लेनदेन के 80 फीसद से अधिक को नियंत्रित करता है।यह चिंता का विषय है। निश्चिततौर पर यूपीआई के चलन ने डिजिटली भुगतान में क्रांति ला दी है। अगस्त 2024 में यूपीआई के माध्यम से 20.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ। यह भारत के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इसके व्यापक महत्व को दर्शाता है। इसकी खास बात यह है कि यूपीआई यूजर को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ा। यही बात इसके पक्ष में जाती है।यूपीआई का लागत मुक्त मॉडल ग्रामीण भारत तक पहुंच गया है। इसने छोटे विक्रेताओं, व्यवसायों और उद्यमियों को सशक्त बनाया है। स्ट्रीट वेंडर, छोटे व्यापारी और किराना स्टोर भी अब डिजिटली भुगतान स्वीकार करने के लिए यूपीआई का उपयोग करते हैं। यूपीआई ने पहले से बैंकिंग सेवाओं से वंचित आबादी को औपचारिक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में प्रभावी रूप से लाकर वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लाखों ग्रामीण और वंचित भारतीय यूपीआई के माध्यम से महत्वपूर्ण डिजिटली वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम हुए हैं। यूपीआई ने सरकारी सेवाओं के साथ एकीकृत एक सुरक्षित, विश्वसनीय और सुविधाजनक प्लेटफार्म प्रदान करके निश्चिततौर पर महत्वपूर्ण काम किया है पर दो थर्ड पार्टी ऐप प्रदाताओं के बीच बाजार एकाग्रता महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करती है। कुछ खिलाड़ियों की उच्च बाजार एकाग्रता महत्वपूर्ण प्रणालीगत जोखिम पैदा करती है।उदाहरण के लिए अगर फोन-पे या गूगल-पे में अचानक कोई तकनीकी खराबी आ जाती है तो इससे 80 फीसदी तक यूपीआई लेनदेन बाधित हो सकता है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर व्यवधान और घबराहट पैदा हो सकती है।दो प्रमुख खिलाड़ियों के वर्चस्व वाला बाजार स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में बाधा डालता है। यह नवाचार भुगतान सेवाओं के विकास को हतोत्साहित करता है। फोन-पे और गूगल-पे की बाजार में जबरदस्त मौजूदगी ने पेटीएम के छक्के छुड़ा दिए हैं।विदेशी स्वामित्व वाले टीपीएपी का प्रभुत्व डेटा सुरक्षा, उपयोगकर्ता गोपनीयता और भारतीय नागरिकों की संवेदनशील वित्तीय जानकारी तक संभावित पिछले दरवाजे से पहुंच से संबंधित जोखिम पेश करता है। वॉलमार्ट द्वारा फोन-पे और गूगल द्वारा गूगल-पे का विदेशी स्वामित्व व्यक्तिगत वित्तीय डेटा की सुरक्षा और विदेशी संस्थाओं की अनाधिकृत पहुंच की संभावना पर चिंता बढ़ाता है। क्षेत्रीय भाषाओं या स्थानीय व्यावसायिक जरूरतों के लिए तैयार किए गए यूपीआई ऐप अकसर गूगल-पे और फोन-पे जैसे स्थापित बाजार नेताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए संघर्ष करते हैं। पेटीएम और एक्सिस बैंक थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर के लिए बाजार हिस्सेदारी पर सीमा निर्धारित करने से बेहतर प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित हो सकती है और प्रणालीगत जोखिम कम हो सकते हैं। फोन-पे और गूगल-पे की बाजार हिस्सेदारी को 30 फीसद तक सीमित करने के भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के पहले के प्रयास बाजार प्रभुत्व को संतुलित कर सकते हैं। भारतीय स्वामित्व वाले पेटीएम और एक्सिस बैंक थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर का समर्थन करने से विदेशी खिलाड़ियों पर निर्भरता कम हो सकती है और नियामक निगरानी में सुधार हो सकता है। यूपीआई ऐप्स के लिए बैकअप सर्वर बनाने से आउटेज या तकनीकी कठिनाइयों के दौरान सेवा में रुकावट को रोका जा सकता है। छोटे खिलाड़ियों को अनुदान या सब्सिडी प्रदान करने से नए विचारों को बढ़ावा मिल सकता है और दी जाने वाली सेवाओं की सीमा बढ़ सकती है। सरकार के नेतृत्व वाली नवाचार चुनौतियां छोटे डेवलपर्स को नए भुगतान समाधान पेश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं। मजबूत डेटा गोपनीयता कानून लागू करने से उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को संभावित दुरुपयोग से बचाया जा सकेगा।
Dakhal News
खटीमा में भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष कमल जिंदल का जोरदार स्वागत किया गया...विकासखंड सभागार में आयोजित इस स्वागत कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाएं पहनाकर उन्हें सम्मानित किया...वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता भुवन भट्ट ने इस कार्यक्रम का संचालन किया... कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल जिंदल ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की...उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य वार्ड नंबर से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक भाजपा के प्रत्याशियों की जीत है...जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है, वे उसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाएंगे...इसके अलावा, मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए विभिन्न शिविरों का आयोजन किया जाएगा....
Dakhal News
खबर सिंगरौली से है...जहाँ एनटीपीसी विंध्याचल ने प्रेस मीट का आयोजन किया...जिसमे एनटीपीसी विंध्याचल के शानदार प्रदर्शन, पर्यावरण संरक्षण, और समाज कल्याण कार्यों को प्रमुखता से साझा किया गया एनटीपीसी विंध्याचल ने परियोजना के उमंग भवन सभागार में भव्य प्रेस मीट का आयोजन किया... जिसमें राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय मीडिया से जुड़े 80 पत्रकारों शामिल हुए...प्रेस मीट में एनटीपीसी विंध्याचल के शानदार प्रदर्शन, पर्यावरण संरक्षण, और समाज कल्याण कार्यों को प्रमुखता से साझा किया गया...इस दौरान एनटीपीसी के कार्बन-टू-मेथनॉल प्लांट पर एक प्रेरणादायक कॉर्पोरेट फिल्म और वीडियो भी दिखाई गई...महाप्रबंधक राजेशेखर पाला ने कहा कि ये प्रेस मीट एनटीपीसी विंध्याचल की पारदर्शिता को और सशक्त बनाते हुए, इसकी स्थिरता, संचालन उत्कृष्टता, और समाज कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को और दृढ़ करता है
Dakhal News
ग्वालियर में ऋषि सेवा समिति श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कर रही है...कथा का शुभारंभ करौली मंदिर नयाबाजार से भव्य कलश यात्रा से हुआ जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कथा स्थल माधव मंगलम गार्डन पहुंची...इस दौरान बैंडबाजों और 21 ढोल की धूम रही... कथा व्यास राघव ऋषि ने इस आयोजन की जानकारी दी और बताया कि इस साल ये 25वां आयोजन है...28 तारीख तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान अलग-अलग दिन विशेष कथाएं सुनाई जाएंगी...जैसे कि ध्रुव चरित्र, जड़ भरत, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव और गोवर्धन पूजा...कथा में बनारस से आए कथा व्यास राघव ऋषि के साथ कई अन्य प्रमुख लोग भी मौजूद रहेंगे...
Dakhal News
22 मार्च से इंडियन प्रीमियर लीग का 18वां सीजन शुरू हो रहा है। यह कई मायनों में अलग होगा। इस सीजन से प्लेयर्स को हर मुकाबले में फीस मिलेगी, जो नीलामी में मिली राशि से अलग होगी। IPL इतिहास में पहली बार प्लेयर्स को सैलरी के अलावा मैच फीस मिलने जा रही है। BCCI क्रिकेटर्स को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 17 साल के इतिहास में पहली बार मैच फीस देगा। भारत के साथ विदेशी प्लेयर्स को भी मैच खेलने की फीस दी जाएगी। मान लीजिये मुंबई इंडियंस ने रॉबिन मिंज को 65 लाख रुपए में खरीदा है। एक मैच खेलने के लिए 7.50 लाख रुपए मिलेंगे, अगर वे 14 मैच खेलते हैं तो मैच फीस से उनकी कमाई 1.05 करोड़ रुपए हो जाएगी। यानी एक सीजन के लिए उन्हें 1.70 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इस बार 5 टीमें नए कप्तान के साथ उतर रही हैं। 10 में से 9 के कप्तान भारतीय हैं। 2019 के बाद पहला मौका है, जब सिर्फ एक टीम का कप्तान विदेशी है। सिर्फ हैदराबाद की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस के पास है। बाकी 9 टीमों ने भारतीय कप्तान रखे हैं। 10 टीमों के कप्तानों की औसत उम्र 30 साल है। गुजरात टाइटंस के कप्तान शुभमन गिल (25 साल) सबसे युवा हैं, जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स के अजिंक्य रहाणे (36 साल) सबसे उम्रदराज कप्तान हैं।
Dakhal News
रीवा से दिल दुखाने वाली खबर सामने आई है...जहां दो बेटों ने अपने बूढ़े मां-बाप का साथ छोड़ दिया... जब बूढ़े मां बाप कमजोर और असहाय हो गए....तब उनके बेटों ने उन्हें भरण पोषण देने दे भी इंकार कर दिया ..जानकारी मिलते ही एसडीएम ने दोनों बेटों को सलाखों के पीछे भेज दिया ...जिसके बाद बेटों ने तुरंत अपने पिता के नाम 28-28 हजार रुपए का चेक दिया रीवा जिले के जनपद पंचायत सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायत महरी में श्रीनिवास द्विवेदी अपनी पत्नी के साथ गांव में ही रहते हैं... उनके बेटे विजय कुमार द्विवेदी और विनय द्विवेदी एवं उनकी बहू संध्या द्विवेदी उन्हें भरण पोषण नहीं दे रहे थे....दोनों बेटे को दो-दो हजार रुपये और बहु को 500 रुपये हर माह वृद्ध दंपति को भरण पोषण के लिए देना था... लेकिन तीनों लोगों के द्वारा आदेश की अवहेलना की गई थी...जिसकी शिकायत लेकर वृद्ध दंपत्ति एसडीएम आर के सिन्हा के पास पहुचें... वृद्ध दंपति की शिकायत सुनने के बाद आर के सिन्हा ने तत्काल दोनों बेटों को तलब किया और उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया...हालाकि इस दौरान दोनों बेटों ने 28 28 हजार रुपये के चेक एसडीएम को दिए हैं जो वृद्ध दंपति के भरण पोषण को दिया जाएगा... बहू को भी नोटिस जारी कर तलब किया गया है... वहीं एसडीएम सिरमौर ने वृद्ध श्रीनिवास द्विवेदी और उनकी पत्नी को धोती-कुर्ता, शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानपूर्वक विदा किया
Dakhal News
खबर छतरपुर से है... जहां पुलिस ने स्पा सेंटर पर ताबड़तोड़ छापे मारे है...पुलिस को स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट संचालित होने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं..जिसके बाद पुलिस ने ये कार्रवाई की है सिविल लाइन थाना पुलिस की टीम ने स्पा सेंटर में संदिग्ध गतिविधियां होने की शिकायत पर छतरपुर शहर के सागर रोड, देरी रोड और पन्ना रोड पर स्थित... 7 अलग अलग स्थानों पर एक के बाद एक छापे मारे... पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया और कुछ स्पा सेंटर संचालकों ने तो अपने स्पा सेंटर पर ताले भी लगा दिए... पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 4 लड़कियों और 2 लड़कों को पकड़ा है... जिनसे पूछताछ की जा रही है
Dakhal News
क्रिकेट में नो बॉल को एक पाप की तरह माना जाता है और टी20 क्रिकेट में तो ये और भी ज्यादा भारी पड़ता है...पर क्या आप जानते हैं आईपीएल के अभी तक के इतिहास में सबसे ज्यादा नो बॉल किस गेंदबाज ने फेंका है...नाम जानकर हैरान हो जाएंगे आप...चलिए बता देते हैं...इस शर्मनाक रिकॉर्ड बनाने वाले गेंदबाज का नाम है जसप्रीत बुमराह...जी हाँ बिलकुल सही सुना आपने ... बुमराह अभी तक आईपीएल के 133 मुकाबले खेल चुके हैं और इस दौरान वो 32 नो बॉल डाल चुके हैं.... इतने बड़े गेंदबाज से आप इस तरह की उम्मीद तो नहीं करते हैं...लेकिन अक्सर देखा जाता है कि तेज गेंदबाज ही नो बॉल ज्यादा डालते हैं... इस लिस्ट में दूसरा नंबर उमेश यादव का आता है...उमेश यादव ने 147 आईपीएल मैच खेलकर 24 नो बॉल डाली हैं...वहीं इशांत शर्मा अब तक 110 आईपीएल मैच खेलकर 23 नो बॉल डाल चुके हैं....एस श्रीसंत ने तो 44 आईपीएल मैच खेलकर ही 23 नो बॉल डाल दी हैं... स्पिनर अमित मिश्रा ने 162 आईपीएल मैच खेलकर 21 नो बॉल डाली हैं...महान गेंदबाज लसिथ मलिंगा भी ज्यादा पीछे नहीं हैं...मलिंगा ने 122 मैच खेलकर आईपीएल में 18 नो बॉल डाली हैं...इस लिस्ट को देखकर तो यही लगता है इस साल तो कम से कम जसप्रीत बुमराह का ये नो बॉल का रिकॉर्ड नहीं टूटने वाला...बुमराह के इस शर्मनाक रिकॉर्ड पर आपका क्या कहना है ज़रूर बताएं...
Dakhal News
सिंगरौली जिले में अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने कलेक्टर के प्रतिनिधि को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा...यह ज्ञापन ब्राह्मण नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा... ज्ञापन में प्रदेश में ब्राह्मणों पर हो रहे हमलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई... ज्ञापन सौंपने के दौरान अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के जिला अध्यक्ष आनंद चतुर्वेदी के नेतृत्व में सैकड़ों लोग उपस्थित रहे...ब्राह्मण नेताओं ने मऊगंज में हुई शनि द्विवेदी और एक एएसआई की हत्या का मामला उठाया, साथ ही प्रदेश सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की...ब्राह्मण समाज ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो वे प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे...
Dakhal News
रुड़की में तीन मार्च को नगर निगम बोर्ड बैठक के दौरान विधायक और मेयर की पत्रकारों के साथ की गई अभद्रता के विरोध में पत्रकारों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा...इस दौरान उन्होंने काली पट्टी बांधकर और तख्तियां लेकर जमकर नारेबाजी की... रुड़की में पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया...जिसमें उन्होंने विधायक प्रदीप बत्रा के खिलाफ नारेबाजी की और ज्ञापन सौंपा...इस प्रदर्शन में पत्रकारों ने मीडिया की स्वतंत्रता बनाए रखने और सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या के विरोध में भी आवाज उठाई...पत्रकारों का कहना था कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि वे अपने दायित्वों को बिना किसी डर के निभा सकें...ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा ने आश्वासन दिया कि उनका ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा और उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा...
Dakhal News
मऊगंज में डबल मर्डर की घटना के बाद रीवा सहित मऊगंज को बंद किया गया है व्यापारियों ने भी बंद का समर्थ किया जिसके चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा है और दुकानों में बड़े बड़े ताले लटक रहे हैं... लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था और हत्या जैसी घटनाओं के बाद अब लोग विरोध करने सड़क पर उतर आए हैं...रीवा और मऊगंज जिले को विभिन्न संगठनों ने बंद कराया है... दुकानों में ताला लग हुआ है और बाजारों में सन्नाटा फैला है...दरअसल हाल ही में मऊगंज में आदिवासियों ने एक युवक को बंधक बना कर पीट पीट कर उसकी हत्या कर दी और जब पुलिस उसे बचाने पहुंची तो उन्होंने पुलिस वालों पर भी हमला कर दिया जिसमें एक एएसआई की मौत हो गई और तहसीलदार सहित 10 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए...घटना के बाद से ही लोगों में आक्रोश है...विभिन्न संगठनों के लोग सड़कों पर उतर आए हैं और नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं...वहीं इस दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे और शांति व्यवस्था कायम रहे इसके लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाई है...लगातार पुलिस की टीम पूरे शहर में भ्रमण कर रही है।
Dakhal News
शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण का मामला सामने आया है...ग्रामीणों ने पुलिस सहित राजस्व विभाग से इसकी शिकायत की...लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ और शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा शुरू हो गया... रीवा में अतिक्रमणकारियों के हौसले कुछ इस कदर बुलंद हैं कि कभी शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लेते हैं तो कहीं अवैध रूप से घर का निर्माण कार्य शुरू हो जाता है... अभी शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर सिलपरा कुठुलिया में शासकीय सड़क पर मकान मालिक सड़क की तरफ छज्जा निकालकर मकान का निर्माण कर रहा है जिससे सैकड़ों लोगों का आवागमन बाधित हो जाएगा...जिसकी शिकायत पुलिस के साथ-साथ राजस्व विभाग से भी की गई...लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई...पहले पेट्रोल पंप संचालक ने शासकीय जमीन पर बाउंड्री बना दी जिससे रास्ता बंद हो गया...और अब जो रास्ता खाली है उस पर मकान बनाया जा रहा है...
Dakhal News
सिंगरौली जिले से धर्मांतरण के मामला सामने आया जिस पर कार्रवाई करते हुए माड़ा थाना प्रभारी शिव पूजन मिश्रा ने एक सरकारी स्कूल के शिक्षक समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया...आरोपियों पर लोगों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है... पुलिस को जानकारी मिली थी कि करसुआ राजा गांव में धार्मिक सभा का आयोजन करके लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा है...पुलिस जब कार्रवाई करने मौके पर पहुंची तो वहां 50 से ज्यादा लोग मौजूद थे...पुलिस ने मुख्य आरोपी सरकारी टीचर कमलेश साकेत और अरविंद साकेत को गिरफ्तार किया...साथ ही ईसाई धर्म से जुड़ा साहित्य भी जब्त किया... अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग कब तक कमलेश को बर्खास्त करने की कार्रवाई करता है...
Dakhal News
सिंगरौली भाजपा कार्यालय में होली का जश्न मनाया गया...इस अवसर पर बीजेपी जिला अध्यक्ष सुंदर शाह ने सिंगरौली की जनता को होली की शुभकामनाएं दी भाजपा जिला कार्यालय में होली का का जश्न धूमधाम से मनाया... बीजेपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की बधाई दी...इस अवसर पर जिले के कोने कोने से भाजपा नेता और कार्यकर्ता होली के जश्न में शामिल हुए...भाजपा जिला अध्यक्ष सुंदर शाह ने भी सिंगरौली की जनता को होली की बधाई और शुभकामनाएं दी
Dakhal News
गेहूं के खेतों में लगी आग बुझाने गई फायर ब्रिगेड खराब हो गई...इस दौरान फायर ब्रिगेड कर्मचारियों और ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया ... जिसके बाद दोनों तरफ से पुलिस में केस दर्ज करवाया गया है ... नेमावर के पास गुराड़िया में खेत में आग बुझाने गई फायर ब्रिगेड खराब हो गई ... इसके बाद फायर अमले और ग्रामीणों में भिडंत हो गई ...इस कार्रवाई से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्थानीय लोगों के साथ एसडीओपी आदित्य तिवारी को एसपी के नाम ज्ञापन सौंपा...जिसमें कहा गया कि ग्रामीण सिर्फ मदद करना चाहते थे...उन्होंने फायर ब्रिगेड को जलने से बचाने के लिए धक्का देकर बाहर निकाला था...कांग्रेसियों ने फायर ब्रिगेड की खराब फिटनेस नगर परिषद की बड़ी लापरवाही बताई...और ग्रामीणों पर दर्ज एफआईआर रद्द करने के साथ नगर परिषद सीएमओ और अध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग की...
Dakhal News
छतरपुर से हैरान परेशान करने वाली खबर सामने आई है...जहां एक युवक ने ऑनलाइन आर्डर देकर फोर सीजन होटल से खाना मंगाया...युवक ने खाना खाया उसी दौरान उस खाने में कॉकरोच निकल आया ...यह देख कर युवक की हालत बिगड़ गई है और उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा ... 34 वर्षीय राहुल बिंदुआ ने बताया कि उसने रविवार रात काे स्विगी एप के जरिए सागर रोड स्थित फोर सीजन होटल से खाना मंगवाया था...थाली में मिक्स वेज, दाल, चावल, रोटी, रायता और बटर पनीर शामिल था...आधा खाना खाने के बाद जब राहुल दाल-चावल खा रहा था तभी उसे दाल में कॉकरोच दिखा...खाने के बाद राहुल को घबराहट हुई और उल्टियां होने लगी...ज्यादा तबियत बिगड़ने पर राहुल को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है...जहाँ उसका इलाज चल रहा है...राहुल ने फोर सीजन होटल पर कार्रवाई की मांग की है
Dakhal News
छतरपुर के शिक्षा विभाग से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है...जहां विभाग ने एक दिवंगत प्राचार्य को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपी है...ये मामला विभाग के साथ-साथ पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है... अक्सर लापरवाही के लिए सुर्खियों में रहने वाले छतरपुर के शिक्षा विभाग ने एक दिवंगत प्राचार्य को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का जिम्मा सौंपा है...मामला उजागर होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने गलती स्वीकारते हुए दिवंगत प्राचार्य का नाम ड्यूटी से हटाने की बात कही है लेकिन इसका आदेश अभी तक सामने नहीं आया है...मामला सामने तब आया जब 2024 में दिवंगत हुए चंद्रप्रकाश तिवारी को प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया...वहीं प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी आर.पी. प्रजापति ने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में कितने शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है इसकी सही संख्या उन्हें नहीं पता पर एक दिवंगत प्राचार्य की ड्यूटी लगाए जाने का मामला संज्ञान में आया है...
Dakhal News
सिंगरौली से जबलपुर जा रही इंटरसिटी एक्सप्रेस दो हिस्सों में बंट गई... जिससे यात्रियों में हड़कंप मच गया...गनीमत रही कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुई हादसा सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर शहडोल जिले के ब्यौहारी रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर आगे एक रेलवे पुल पर हुआ...हादसे के दौरान ट्रेन के 5 से 6 डिब्बे इंजन के साथ रहे तो वहीँ थर्ड एसी के बाद के चार डिब्बे पीछे ही छूट गए... ट्रेन के अलग होते ही चालक दल ने तुरंत ट्रेन रोक दी जिससे यात्रियों को तेज झटका लगा... राहत की बात यह है कि ट्रेन में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं... हादसे के बाद ट्रेन के स्टाफ और ट्रेन में मौजूद गार्ड ने मिलकर इंजन वाले हिस्से को पीछे किया.... और पीछे छूटे डिब्बों को वापस जोड़ा जिसमें तकरीबन 30 मिनट का समय लगा...करीब 8 बजकर 15 मिनट पर ट्रेन वापस से रवाना हुई
Dakhal News
ग्वालियर में डीआरपी लाइन में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने जमकर होली खेली...इस दौरान ग्वालियर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, ग्वालियर रेंज के आईजी अरविंद सक्सेना सहित तमाम पुलिस अधिकारी और कर्मचारी होली के रंग में रंगे हुए नजर आए... ग्वालियर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान भी होली के रंग में रंगी नजर आईं...सभी ने एक दूसरे को रंग, गुलाल, अबीर लगाया और होली की शुभकामनाएं दी...ग्वालियर में होली का त्यौहार बड़े शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ...आपको बता दें कि शहर की होली खत्म होने के बाद पुलिस और प्रशासन की होली शुरू होती है...होली के दूसरे दिन डीआरपी लाइन में परंपरागत रूप से होली का त्यौहार मनाया जाता है...
Dakhal News
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना मध्यप्रदेश के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही...इस योजना के तहत मोहन सरकार से किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है...साथ ही किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से भी 6 हजार रूपये प्रति वर्ष की सहायता दी जाती है ....इस तरह प्रदेश से मध्यप्रदेश के किसानों को साल में 12 हजार रुपए प्राप्त हो रहे हैं ... मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हर हाल में किसानों की आमदानी दोगुना करने का बीड़ा उठाया है ... मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही किसान कल्याण योजना से प्रदेश के किसानों को आर्थिक मजबूती मिली है...किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है...साथ ही किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से भी 6 हजार रूपये प्रति वर्ष सीधे बैंक खाते में पहुंच रहे है...मुख्यमंत्री मोहन यादव किसानों और प्रदेश की जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है
Dakhal News
औरत-मर्द और बच्चे के एकल परिवारों के चलन ने समय के साथ विभिन्न सामाजिक समूहों को बेहद प्रभावित किया है। इसके साथ सामाजिक नैतिकता और भारतीय परिवारों की पारंपरिक मूल्य भी छिन्न-भिन्न हो रहे हैं। शहरीकरण, वित्तीय दबाव और व्यक्तिवादी जीवन शैली के कारण हुए इस बदलाव ने मूल्यों को हस्तांतरित करने के तरीके को बदल दिया है। हालांकि एकल परिवार स्वतंत्रता और निजी विकास को प्रोत्साहित करते हैं लेकिन उन्हें सांस्कृतिक और नैतिक मूल्य बनाए रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सामाजिक मूल्यों को विकसित कर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक उसे पहुंचाने में परिवार नामक संस्था की भूमिका सीमित कर दी गई है।पारंपरिक संयुक्त परिवारों में दादा-दादी, चाचा और चाची ने कहानी सुनाने, सलाह देने, पहचान देने और सामूहिक भावना जैसे मूल्यों को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। एकल परिवारों के साथ, यह अंतर-पीढ़ीगत सम्बंध कमजोर हो गया है, जिससे बच्चों के विभिन्न दृष्टिकोणों के संपर्क में आने पर रोक लग गई है। कन्फ्यूशियस ने सद्गुण की पहली क्षमता के रूप में अपने परिवार के सदस्यों पर जोर दिया। बहु-पीढ़ीगत जीवन की गिरावट भी इस नैतिक शिक्षा को कमजोर कर सकती है। एकल परिवारों में, माता-पिता मूल्यों की आपूर्ति का पूरा बोझ उठाते हैं, नियमित रूप से पेशेवर प्रतिबद्धताओं के साथ इसे जोड़ते हैं। इससे समय की कमी या तनाव के कारण कमी आ सकती है। शहरी एकल परिवार सहानुभूति या धैर्य की कोचिंग पर शैक्षिक पूर्ति को प्राथमिकता दे सकते हैं, जिससे बच्चों में व्यक्तिवादी दृष्टिकोण पैदा होता है।एकल परिवार स्वायत्तता, निर्णय लेने और व्यक्तिगत जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को बढ़ावा देते हैं, जो वर्तमान सामाजिक मांगों के साथ संरेखित होते हैं। जॉन स्टुअर्ट मिल ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को व्यक्तिगत और सामाजिक प्रगति के लिए आवश्यक गुणों के रूप में महत्त्व दिया, जिसे एकल परिवार प्रभावी रूप से बेचते हैं। एकल परिवार अक्सर अपने परिवार की ज़रूरतों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे निःस्संदेह सामूहिक मूल्यों जैसे साझा करना, त्याग करना और आपसी सहायता के प्रति जागरूकता कम हो जाती है, जो संयुक्त परिवार व्यवस्था के लिए आवश्यक थे। त्योहार, जो कभी संयुक्त परिवारों में सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करते थे, अब एकांत में मनाए जाने लगे हैं। जबकि पारंपरिक व्यवस्थाएँ कमजोर होती जा रही हैं, एकल परिवार शिक्षा के लिए स्कूलों, साथियों के समूहों और आभासी प्रणालियों पर अधिक से अधिक निर्भर होते जा रहे हैं।हालाँकि, निजी सलाह की कमी से नैतिक विकास में भी कमी आ सकती है। एकल परिवारों में, एक से अधिक पदों के मॉडल की अनुपस्थिति बच्चों की कई गुणों को देखने और उनका अध्ययन करने की क्षमता को भी सीमित कर सकती है। एकल परिवारों के बढ़ते जोर ने मूल्यों को विकसित करने में परिवार की स्थिति को नया रूप दिया है। स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए, यह अक्सर विस्तारित परिवारों द्वारा प्रदान की गई सामूहिक जानकारी और सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति जागरूकता को कम करता है। इस अंतर को पाटने के लिए एकल परिवारों को सुखद पालन-पोषण, नेटवर्क कनेक्शन को बढ़ावा देने और जिम्मेदारी से आधुनिक उपकरणों का लाभ उठाने पर जोर देते हुए सचेत रूप से अनुकूलन करना चाहिए। जैसा कि कन्फ्यूशियस ने कहा, "राज्य की ऊर्जा घर की अखंडता से प्राप्त होती है," इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि परिवार, चाहे किसी भी संरचना में हों, नैतिक नागरिकों को आकार देने के लिए मूल्यवान बने रहते हैं।एकल परिवार-परिवार प्राइमेट मानव समाज की "जैविक" घटना है। यह मानव विकास के विकासवादी संग्रह में एक अनुकूल रूप नहीं है और न ही आर्थिक समाज की उपयोगी चीज है। बल्कि यह मानव समय और सामाजिक स्थान में लगभग प्रथागत है। इसका केंद्र पति-पत्नी और माता-पिता-बच्चों की एक इकाई है। इसका सामान्य रूप अक्सर मृत्यु या परित्याग या संतान की हानि के कारण ग़लत हो जाता है, लेकिन इसका मॉडल रूप अधिकतम स्थिर होता है। सभी परिस्थितियों में परिवार के भीतर पति या पत्नी के बुज़ुर्ग माता-पिता और कभी-कभी अतिरिक्त दूरस्थ परिवार होने की प्रवृत्ति होती है, हालांकि वे अर्ध-बाहरी कारक किसी अन्य कारण से नहीं बल्कि आवश्यकता और पितृभक्ति से अधिक होते हैं। अलग-अलग सामाजिक परिस्थितियों में एकल परिवार "कुलों", जातियों, गांवों और सार्वजनिक विनियमन के माध्यम से विभिन्न तरीकों का उपयोग करके बाहरी समाज में एकजुट होते हैं।पश्चिमी समाज में परमाणु इकाई नैतिक प्रबंधन के लिए आध्यात्मिक नौकरशाही और शासन उद्देश्यों के लिए नागरिक विनियमन के लिए अधिक से अधिक कठिनाई बन गई है। रिश्तेदारों ने, प्रियजनों के अलावा, शक्ति खो दी है। इसने अपने स्वयं के परिवार को अत्यधिक नैतिकता के अपने पूर्व राज्य की तुलना में अधिक "तथ्यात्मक" बना दिया है। परिणामस्वरूप परमाणु परिवार कमजोर हो गया है क्योंकि यह काफ़ी हद तक धर्म का संगठन है और अब मुकदमेबाजी और सार्वजनिक विनियमन की सहायता से बहुत अधिक नियंत्रणीय नहीं है। इसलिए यह पश्चिमी देशों में ठीक से नहीं चल रहा है, जिससे मौलिक प्राइमेट मूल्यों को आम तौर पर नुक़सान होता है। यह परिवार निगमों के सुधार की ओर ले जाता है जो "सहज" नैतिक दबावों को फिर से तस्वीर में लाते हैं। परमाणु परिवार के परिवार का भाग्य, जिसे यहाँ "प्रतिक्रांति" कहा जाता है, संभवतः अगली पीढ़ी में रिश्तेदारों की सहायता से बढ़ती सहायता में से एक होगा।सामाजिक ढांचे में इतना अधिक परिवर्तन आ चुका है कि अब लिव इन रिलेशनशिप और वैवाहिक मामलों में थोड़ा बहुत ही अंतर रह गया होगा जिसके परिणामस्वरूप महिलाएं और पुरुष वैवाहिक संबंधों में रुचि ना लेकर एकल रहने को वरीयता देने लगे हैं। गलती इसमें किसी भी परिजन की ना होकर पश्चिमी मूल्यों को तरजीह दिए जाने की है। हम हिन्दुस्तानी अब ज़िम्मेदारियों को निभाने की तुलना में उससे अलग हो जाना बेहतर समझने लगे हैं। अब पश्चिम में अपने ही परिवार के लोग कई पीढ़ियों के छोटे अंतराल पर चक्रीय रूप से स्थानांतरित होने की प्रवृत्ति रखते हैं। 55,000 परिवारों का एक अध्ययन इस सुझाए गए उलटफेर को दर्शाता है।
Dakhal News
सामाजिक ताने-बाने में बदलाव को इस तरह से आसानी से समझा जा सकता है कि सोशियोट्रॉपी आज बीते जमाने की बात होती जा रही है। कोरोना के बाद तो हालात में और भी अधिक बदलाव आया है। आज की पीढ़ी में सामाजिकता का स्थान वैयक्तिकता लेती जा रही है। एक समय था जब सामाजिकता को वैयक्तिकता के स्थान पर अधिक तरजीह दी जाती थी। परिवार, मोहल्लों और आसपास कोई ना कोई ऐसे अवश्य मिल जाते थे जो जगत मामा तो कोई जगत काका तो कोई जगत दादा होते थे। छोटा हो या बड़ा, दादी हो या पोती, सास हो या बहू सब उन्हें प्रसिद्ध नाम से ही पुकारते थे। यह था एक तरह का अपनत्व। इस तरह के व्यक्तित्व वाले व्यक्ति सभी के चहेते होते थे तो जान-पहचान हो या ना हो, वे जरूरत के समय पहुंच जाते थे। सुख-दुख खासतौर से मुसीबत के समय ऐसे व्यक्ति आगे रहते थे। हालांकि आज इस तरह के व्यक्तित्व को ढूंढ़ना लगभग असंभव सा है। दरअसल, हमारी परंपरा व्यष्टि का ना होकर समष्टि की रही है। बच्चों को पहले सामाजिकता का पाठ पढ़ाया जाता था। बच्चे मोहल्ले के सभी घरों को अपना ही घर मानकर चलते थे तो मोहल्ले में रहने वाले किसी का भी बच्चा हो उसे अपने बच्चे जितना ही प्यार और दुलार देते थे। दुख-दर्द में पूरा मोहल्ला साथ हो जाता था। मोहल्ले में किसी घर में मौत हो जाती थी तो पड़ोसी उस परिवार को संभालने और देखभाल की जिम्मेदारी स्वयं अपने हाथ में ले लेते थे। शादी-विवाह में काम बंट जाता था, आज तो कैटरिंग का जमाना आ गया नहीं तो सैकड़ों लोगों को परिवार और मोहल्ले के युवा ही भोजन कराने की जिम्मेदारी निभा लेते थे। हलवाई के काम शुरू करते ही मोहल्ले के लोग बारी-बारी से देखरेख व सहयोग के लिए तैयार रहते थे। आज यह सब बदल गया है। गगनचुंबी इमारतों में कई परिवार रहते हैं और हालात यहां तक हो गए हैं कि एक ही कॉम्पलेक्स या अपार्टमेंट में रहने वाले एक-दूसरे को पहचानते नहीं। ऐसे में आपसी सहयोग और मेल-मिलाप की बात करना बेमानी होगा। सोशियोट्रापी मनोविज्ञान में प्रयोग होता है। इसे सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही अर्थाें में लिया जाता है। दूसरों को खुश रखने की खुशी में अपने खुशी को भूल जाना वाली मनोस्थिति को भी सोशियोट्रापी के रूप में देखा जाता है। यही कारण है कि इस एकांगिग अर्थ को लेने के चक्कर में सोशियोट्रोपी मानसिकता वाले लोगों के अवसादग्रस्त, तनाव पीड़ित और हमेशा चिंतित रहने की मनोदशा को साइड इफेक्ट के रूप में देखा जाता है। जबकि सोशियोट्रापी यहीं तक सीमित नहीं है। दूसरे के दुख-दर्द में भागीदार होना, आवश्यकता के समय निःस्वार्थ सहयोग व सहायता करना, दूसरे की परेशानी को समझना और उसे दूर करने में यथासंभव सहयोग करना यह सोशियोट्रापी का ही एक रूप है। हमारी परंपरा में जो व्यक्ति केवल अपने आप के बारे में सोचता है उसे एकलखोर या स्वार्थी कहा जाता रहा है। हमारी परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम की रही है। हमारी परंपरा में दूसरे की उन्नति देखकर प्रसन्न होने की भावना रही है। खुशी के मौके पर मिठाई बांटना खुशी में सभी को भागीदार बनाना है। इसी तरह से जरूरत के समय खड़े हो जाना जरूरतमंद के लिए संबल होता है। देखा जाए तो बदलते सामाजिक ताना-बाना से सबकुछ बदल कर रख दिया है। एकल परिवार की संस्कृति समाज में अपना प्रभुत्व जमा चुकी है। परिवार पति-पत्नी और बच्चों तक सीमित होता जा रहा है। जो भावनात्मकता संबंधों को तरोताजा रखती थी वह भावनात्मकता कहीं खो गई है। अवकाश के दिनों का उपयोग दादा-दादी या नाना-नानी के पास गुजारने के स्थान पर कहीं घूमने में जाया होने लगा है। एक समय था जब गांव से यात्रा पर भी जाते थे तो गांव के कई परिवार के लोग उस भ्रमण दल में होते थे। हालात तो यहां तक होने लगे हैं कि घर के बुजुर्ग सदस्य को जिसे साथ की अधिक आवश्यकता है, घर की देखभाल के लिए छोड़ना आज आम होता जा रहा है। खुशी के पल को साझा करने का तरीका भी बदल गया है। जिस तरह की प्राथमिकताएं बदली हैं वह पीपल प्लीजर के स्थान पर सेल्फ प्लेजर होती जा रही है। दरअसल सामाजिकता के जो मायने एक समय होते थे उसमें कोई क्या कहेगा महत्वपूर्ण होता था, सामाजिक प्रतिक्रिया का बड़ा भय होता था, आज हालात यह है कि मां-बाप क्या कहेंगे इसकी भी परवाह नहीं रही है। दरअसल न्यूक्लियर फैमेली के यह साइड इफैक्ट है जो लोगों को सोशियोट्रापी से दूर ले जाते हैं। पाश्चात्य देशों द्वारा अब इसकी अहमियत सामने आने लगी है। ब्रिटेन में पिछले दिनों एक अध्ययन में सामने आया है कि अब बच्चों का जब भी मौका मिलता है परिवार यानी दादा-दादी या नाना-नानी का साथ जरूरी माना जाने लगा है। क्योंकि सामाजिक ताना-बाना में बिखराव के कारण ही आज की पीढ़ी रिश्तों की अहमियत भूलती जा रही है। दादा-दादी या नाना-नानी में से एक तो पराया होता जा रहा है। जब खास रिश्तों के ही यह हालात होते जा रहे हैं, परिवार के मायने ही बदलते जा रहे हैं तो फिर अड़ोस-पड़ोस, मोहल्ले या शहर-गांव के रिश्तों की बात करना ही बेमानी होगा। आज की पीढ़ी के सामाजिकता से दूर होने के नकारात्मक प्रभाव समाज के सामने आने लगे हैं। पाश्चात्य देश अब रिश्तों की अहमियत को समझने की दिशा में आगे बढ़ने लगे हैं वहीं हम रिश्तों की अहमियत और सामाजिकता खोते जा रहे हैं। यह अपने आप में गंभीर चिंता का विषय है। समाज और समाज विज्ञानियों व मनो विज्ञानियों को हालात की गंभीरता को समझते हुए समय रहते हालात को सुधारने के प्रयास करने होंगे।
Dakhal News
प्रशस्ति और सम्मान स्वाभाविक इच्छा हैं। यश अभिलाषा स्वाभाविक ही है। यश स्मृति आनन्दित करती है। जीवन में अपमान और अपयश भी होते हैं लेकिन अपयश के प्रमाण पत्र या स्मृति ग्रंथ नहीं होते। यश सम्मान के प्रमाण पत्र होते हैं। ऐसे पदधारक प्रशस्ति पत्र या पुरस्कार प्रमाण पत्र अपने कमरे में सजाते हैं। चाहते हैं कि आगंतुक उन्हें देखें, पढ़ें, हमको प्रतिष्ठित जानें। सम्मान पत्र प्रायः इतने भर के लिए ही उपयोगी हैं। कुछ प्रतिष्ठित सम्मानीय उन्हें लौटा कर एक दफा और यश याचक हो जाते हैं। ऐसा कई दफा हुआ है। पुरस्कार, प्रशस्ति या सम्मान पत्र लोकहित के प्रेरक हैं। सर्जक पुरस्कार के लिए ही सृजन नहीं करते। वे अपनी मस्ती और अनुभूति में सृजन करते हैं। सम्बन्धित संस्थाएँ या राजव्यवस्थाएँ उन्हें पुरस्कृत करती हैं। बेशक खेल आदि के प्रतियोगी पुरस्कार या मेडल को ध्यान में रखकर भी तैयारी करते हैं लेकिन कवि, सर्जक या कला के अन्य क्षेत्रों में सक्रिय लोगों के मन में समाज को प्रेमपूर्ण बनाने की इच्छा होती है। ऐसी प्रवृत्ति स्पष्ट दिखाई पड़ती है। पुरस्कार और प्रशस्ति का सामाजिक महत्व है। ‘सर्वभूत हित‘ से जुड़े कर्म संस्कृति हैं। लोकमंगल सामूहिक अभिलाषा है। भारत का राष्ट्रभाव सांस्कृतिक है। लोकमंगल में सबको आश्वस्ति है। वैदिक परम्परा में स्वस्तिवाचन का महत्व है। इन्द्र से स्वस्ति की प्रार्थना है-स्वस्ति नो इन्द्रः। इन्द्र कल्याण करते हैं। इन्द्र सहित सारे देव कल्याण करते हैं। कल्याण करने वाले की प्रशस्ति स्वाभाविक है। यहाँ देव शब्द हटा दें तो समाज के सुख, स्वस्ति में कर्मरत मनुष्यों की प्रशंसा होनी चाहिए, होती रही है। लोकमंगल समाज की स्वाभाविक अभिलाषा है। सुख स्वस्ति मुद-मोद-प्रमोद देने वाले महानुभावों की प्रशस्ति सामाजिक कर्तव्य है। जल जीवन है। ऋग्वेद में जल की प्रशस्ति है, “जल में अमृत है, औषधियाँ हैं।“ ऋषि चाहते हैं कि देवों द्वारा भी जल की प्रशंसा हो। स्तुति है कि, “हे देवों जल की प्रशंसा के लिए उत्साही बनो।“ पृथ्वी माता है और आकाश पिता है। ऋषि स्तुति है कि, “दोनों प्रशस्ति सुनने के लिए हमारे पास आएँ।“ मुझे भारत का पद्मश्री सम्मान घोषित किया गया है। हजारों मित्र बुके लेकर आ रहे हैं। अपरिचित और परिचित मित्र फोन से बधाई दे रहे हैं। प्रशंसा सबको अच्छी लगती है। जान पड़ता है कि ऋग्वेद के देवता प्रशस्ति सुनते हैं लेकिन वे भी ‘द्यावा पृथ्वी‘ की प्रशंसा करते हैं। प्रशस्ति का क्षेत्र समाज है। प्रशंसा से मैं भी प्रसन्न होता हूँ। मेरे 5000 आलेख प्रकाशित हो चुके हैं और 2 दर्जन पुस्तकें भी। मेरा मुख्य कार्यक्षेत्र समाज है। मैंने अनजाने में ही अहैतुक आन्दोलन संगठित किए थे। संवेदनशीलता प्रेरित करती थी। प्रशंसा से उत्साह बढ़ता था। कवि होने की क्षमता होती तो विक्षुब्ध काव्य सृजन होता। मैं लिख सकता था, सो लिखा, लिखता रहा। जो किया सो लिखा और जो लिखा सो कर गुजरा। फिर राजनैतिक दलतन्त्र का भाग बना। राजनैतिक कार्यकर्ता के पुरस्कार दलतन्त्र की कोख से आते हैं। जनता ने तरुणाई में ही पुरस्कृत किया। मैं निर्दलीय विधायक चुना गया। दलतन्त्र में पुरस्कार और तिरस्कार साथ-साथ चलते हैं लेकिन स्तम्भकारिता के चलते अनेक सरकारी-गैरसरकारी प्रशस्ति पत्र, पुरस्कार मिले। मैंने भी कुछ पुरस्कारों के प्रमाणपत्र दीवार में टांग रखे हैं। लेकिन इधर कुछ वर्षों से यह काम बंद है। ऐसे अवसरों के चित्र भी हैं। एक युवा पत्रकार ने मेरे लिखे पर पीएचडी भी की। इस प्रशस्ति ने मुझे आत्ममुग्ध किया था लेकिन अब दीवार पर टंगे ऐसे चित्र उल्लास नहीं देते। कभी-कभी लगता है कि इन चित्रों में मैं स्वयं दीवार पर टंगा हूँ। व्यतीत। चुका हुआ। दिनांक सहित होकर भी दिनांक रहित। प्रशस्ति निःस्सन्देह प्रेरक है। यह आत्मनिरीक्षण का भी अवसर होती हैं। व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसके अपने कर्म का ही परिणाम नहीं होती। समाज के आदर्श और परम्परा व्यक्ति पर प्रभाव डालते हैं। सूर्य चन्द्र भी प्रसाद देते हैं। ऐसे सैकड़ों कारक तत्व हैं। मुझे घोषित सम्मान व्यक्तिगत प्रयत्नों का परिणाम नहीं है। सौभाग्यशाली अपने जीवनकाल में ही यश और प्रशंसा पाते हैं लेकिन अनेक महानुभाव जीवनकाल में प्रशंसा का सुख नहीं पाते। जीवन के बाद उन पर काव्य रचे जाते हैं, वे इतिहास का उल्लेखनीय भाग बनते हैं। तुलसी, वाल्मीकि आदि सर्जक जीवन न रहने के बाद यशस्वी हुए। सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘ प्रशंसा का सुख नहीं पा सके। मृत्यु के बाद वे अंतरराष्ट्रीय ख्याति के कवि जाने गए। मरणोपरांत सम्मान की भी परम्परा है। यहाँ प्रश्न उठता है कि हमारा समाज अपने समकालीन महानुभावों की गतिविधि का शिव तत्व देर में क्यों पहचानता है? लगता है कि प्रशस्ति में समाज का अपना स्वार्थ होता है। सर्जक प्रायः परिवर्तनकामी होते हैं। वे समाज के बड़े और शक्तिशाली हिस्से के निहित स्वार्थ निर्वस्त्र करते हैं। शक्तिशाली वर्ग उन्हें मान्यता नहीं देता। समय के साथ सामाजिक परिवर्तन आते हैं। सर्जक के कथन सही सिद्ध होते हैं। समाज उनकी प्रशस्ति करता है। गतिशील समाज प्रेरकों की गतिविधि की प्रशंसा करते हैं लेकिन बहुधा ऐसा नहीं होता। राजनीति में प्रशस्ति का चलन व्यापक है। हम राजनैतिक कार्यकर्ता के रूप में सम्मान कराने के लिए लम्बी यात्राएँ करते हैं। प्रशस्ति सुनते हैं, मुग्ध होते हैं। लेकिन जानता हूँ कि राजनैतिक कार्यकर्ता की प्रशस्ति अल्पकालिक होती है। पद गया तो प्रशस्ति भी गई। मंच, माला, माइक की स्मृतियाँ बचती हैं। सम्मान पत्र दीवार की जगह ही छेंकते हैं तो भी वास्तविक प्रशंसा की उपयोगिता है। वास्तविक प्रशंसा से समाज में सत्य, शिव और सुन्दर बढ़ता है। परिवार के भीतर भी ऐसी प्रशंसा का महत्व है। ऋग्वेद के एक मन्त्र में, “पत्नी की प्रशंसा‘ को सुन्दर बताया गया है। यहाँ पुत्र पिता का यश बढ़ाने वाला है।“ हरेक समाज अपनी सुगतिशीलता के लिए करणीय, अकरणीय और अनुकरणीय कार्यों की अलिखित सूची चलाता है। किए जाने योग्य स्वाभाविक कार्य ‘करणीय‘ होते हैं। समाज या व्यक्ति विरोधी कार्य अकरणीय कहे जाते हैं और ‘सर्वमंगल मांगल्ये‘ साधने वाले कार्य अनुकरणीय। अनुकरणीय प्रशंसनीय भी होते हैं। प्रशंसनीय कर्ता की प्रशंसा होती है। लोक उनका प्रशस्ति गायन करता है। समाज का सत्य, शिव और सुन्दर करणीय और अनुकरणीय कार्यों में ही खिलता है और बढ़ता है। गीता दर्शन ग्रन्थ है। गीता दर्शन के दूसरे अध्याय में विषादग्रस्त अर्जुन से श्रीकृष्ण ने कहा कि कर्तव्य पालन न करने से तुम अपना यश खो दोगे-‘कीर्ति च हित्वा‘। सम्मानित व्यक्ति के लिए अपयश तो मृत्यु से भी बड़ा है-‘अकीर्तिर्मरणात् अतिरिच्यते‘। यश सौभाग्य है। अपयश मृत्यु से भी भयंकर है। अध्यात्म विश्वासी चौकेंगे। श्रीकृष्ण ने यश को महत्वपूर्ण बताया है। यशस्वी के लिए कर्तव्य-पालन जरूरी है। कर्तव्यपालन से यश बढ़ता है। आशावादी सक्रिय रहते हैं। विपरीत परिस्थितियों में निराशा भी आती है। जैसे आशावादी और यशस्वी के लिए कर्तव्य निर्वहन जरूरी है, वैसे ही निराशा के दौरान भी कर्तव्य पालन की महत्ता है। निराशा के भी कर्तव्य हैं। निराशी को सक्रिय कर्म से अलग नहीं हटना चाहिए। एक काम में मन न लगे तो दूसरा, दूसरे में भी चित्त केन्द्रीभूत न हो तो तीसरा। सतत् सक्रियता या रजस गुण का ऊर्ध्वगमन सत् में होता है। सत् का स्वभाव सतत् खिलता है। जीवन रहस्यपूर्ण है। हरेक काल या मुहूर्त की कार्यविधि का ज्ञान या विश्लेषण अभी भी अधूरा है लेकिन कर्तव्यपालन में आत्मसन्तोष मिलता ही है। सम्मान, यश, प्रशस्ति के अपने सामाजिक उपयोग हैं।
Dakhal News
रंगों के त्योहार होली पर भला कौन ऐसा व्यक्ति होगा, जो आपसी द्वेषभाव भुलाकर रंग-बिरंगे रंगों में रंग जाना नहीं चाहेगा। लोग एक-दूसरे पर रंग डालकर, गुलाल लगाकर अपनी खुशी का इजहार करते हैं लेकिन होली के दिन प्राकृतिक रंगों के बजाय चटकीले रासायनिक रंगों का बढ़ता उपयोग चिंता का सबब बनने लगा है। ज्यादातर रंग अम्लीय अथवा क्षारीय होते हैं, जो व्यावसायिक उद्देश्य से ही तैयार किए जाते हैं और थोड़ी सी मात्रा में पानी में मिलाने पर भी बहुत चटक रंग देते हैं, जिससे होली पर इनका उपयोग अंधाधुंध होता है। ऐसे रंगों का त्वचा पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ता है। शुष्क त्वचा वाले लोगों और खासकर महिलाओं व बच्चों की कोमल त्वचा पर तो इन रंगों का सर्वाधिक दुष्प्रभाव पड़ता है। अम्ल तथा क्षार के प्रभाव से त्वचा पर खुजलाहट होने लगती है और कुछ समय बाद छोटे-छोटे सफेद रंग के दाने त्वचा पर उभरने शुरू हो जाते हैं, जिनमें मवाद भरा होता है। यदि तुरंत इसका सही उपचार कर लिया जाए तो ठीक, अन्यथा त्वचा संबंधी गंभीर बीमारियां भी पनप सकती हैं। घटिया क्वालिटी के बाजारू रंगों से एलर्जी, चर्म रोग, जलन, आंखों को नुकसान, सिरदर्द इत्यादि विभिन्न हानियां हो सकती हैं। कई बार होली पर बरती जाने वाली छोटी-छोटी असावधानियां भी जिंदगी भर का दर्द दे जाती हैं। इसलिए अगर आप अपनी होली को होली को खुशनुमा और यादगार बनाना चाहते हैं तो इन बातों पर अवश्य ध्यान दें-- रासायनिक रंगों के स्थान पर प्राकृतिक रंगों का ही इस्तेमाल करें। ज्यादातर बाजारू रंगों में इंजन ऑयल तथा विभिन्न घातक केमिकल मिले होते हैं, जिनका त्वचा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।- होली खेलने से पहले चेहरे तथा पूरे शरीर पर सरसों अथवा नारियल का तेल या कोल्ड क्रीम अथवा सनस्क्रीन क्रीम लगा लें ताकि रोम छिद्र बंद हो जाएं और रंग त्वचा के ऊपरी हिस्से पर ही रह जाएं। इससे होली खेलने के बाद त्वचा से रंग छुड़ाने में भी आसानी होगी।- होली खेलने से पहले बालों में अच्छी तरह तेल लगा लें और नाखूनों पर कैस्टर आयल लगाएं ताकि बाद में रंग आसानी से छुड़ाया जा सके।- होली खेलने जाने से पूर्व आंखों में गुलाब जल डालें और जहां तक संभव हो, आंखों पर चश्मा लगाकर होली खेलें ताकि रंगों का असर आंखों पर न पड़ सके।- महिलाएं होली खेलते समय मोटे और ढ़ीले सूती तथा गहरे रंग के वस्त्र पहनें। सफेद अथवा हल्के रंग के वस्त्र पानी में भीगकर शरीर से चिपक जाते हैं, जिससे सार्वजनिक रूप से महिला को शर्मिन्दगी का सामना करना पड़ सकता है।- आप ऐसा व्यवहार हरगिज न करें, जिससे आपके रिश्तेदारों, पति के मित्रों अथवा अन्य पुरुषों को आपसे छेड़छाड़ करने का अनुचित अवसर मिल सके। अपना व्यवहार पूर्णतः संयमित, शालीन और मर्यादित रखें और सामने वाले की कोई गलत हरकत देखने के बाद भी उस पर मौन साधकर उसे और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित न करें।- होली खेलने के तुरंत बाद स्नान अवश्य करें लेकिन त्वचा से रंग छुड़ाने के लिए कपड़े धोने के साबुन, मिट्टी के तेल, चूने के पानी, दही, हल्दी इत्यादि का प्रयोग हानिकारक है। चेहरे पर लगे गुलाल को सूखे कपड़े से अच्छी तरह पोंछ लें और रंग लगा हो तो नारियल तेल में रूई डुबोकर अथवा क्लींजिंग मिल्क से हल्के हाथ से त्वचा पर लगा रंग साफ करें। रंग छुड़ाने के लिए नहाने के पानी में थोड़ी सी फिटकरी डाल लें और ठंडे पानी से ही स्नान करें। गर्म पानी से रंग और भी पक्के हो जाते हैं। डिटर्जेंट साबुन के बजाय नहाने के अच्छी क्वालिटी के साबुन का उपयोग किया जा सकता है।- स्नान के बाद भी त्वचा पर खुजली या जलन महसूस हो तो गुलाब जल में ग्लीसरीन मिलाकर लगाएं।- बालों से रंग छुड़ाने के लिए बालों को शैम्पू करें।- स्नान के बाद आंखों में गुलाब जल डालें। होली खेलते समय यदि आंखों में रंग चला जाए अथवा आंखों में जलन महसूस हो तो आंखों को मलें नहीं बल्कि तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से मिलें।
Dakhal News
सोशल मीडिया आज संचार की दुनिया में एक बड़ी ताक़त के रूप में उभर रहा है। उसकी साक्रिय उपस्थिति से आबालबृद्ध सभी प्रभावित हो रहे हैं। उसकी अपरिहार्य, तीव्र और लुभावनी और सुगम उपस्थिति आज समाज में सबको अपने आगोश में लेती जा रही है। सूचना की दुनिया से आगे बढ़ कर सोशल मीडिया हमारी निजी उपस्थिति और उसकी सार्थकता के आशय और जीवन के सरोकार सबको प्रभावित कर रहा है। हमारी अस्मिता को रचता हुआ वह किसी दुनिया या सत्य का प्रतिनिधित्व या प्रस्तुति से आगे बढ़ कर अपनी एक स्वायत्त दुनिया बना चुका है। उसका अपना वजूद वास्तविक दुनिया को भी गढ़ रहा है। ख़ास तौर पर संचार प्रौद्योगिकी की दुनिया में ‘मोबाइल’ के ज़रिए सोशल मीडिया ने आम आदमी की ज़िंदगी में जिस तरह की ज़बरदस्त सेंधमारी की है उसका निकट इतिहास में कोई जोड़ नहीं दिखता। इसकी लोकप्रियता कितनी है इसका अंदाज़ा लगाना बेहद मुश्किल है। लोग जीवन में बिताए जाने वाले समय में घंटों इससे चिपके रहते हैं। सोते समय स्वोपन के मिथ्या जगत में तो हम रहते हैं परंतु आज की सच्चाई यह है कि जाग्रत अवस्था में वर्चुअल या आभासी दुनिया में हमारी आवाजाही वास्तविक दुनिया में जीने की तुलना में बढती जा रही है। आज सबके मन में अपने को रचने, प्रस्तुत करने और एक बड़े विस्तृत फलक पर उपस्थित करने की प्रबल इच्छा जाग रही है। दर्शक को प्रतिभागिता का अवसर देने वाली अंत:क्रियात्मक सोशल मीडिया दर्शक या पाठक को बेहिसाब शक्ति का अहसास कराती है। इसकी लोकप्रियता का गणित ऐसा है कि 'इंफलुएंसर ' (यू ट्यूबर!) गण देश के सामाजिक-सांस्कृतिक नेता की तरह अभिनंदित होते हैं और अच्छी ख़ासी आर्थिक कमाई भी करते हैं। यानी वर्चुअल दुनिया मुख्य होती जा रही है और वास्तविक दुनिया के दिलो-दिमाग को संचालित कर रही है। वह रंगीन, गतिशील और अत्यंत व्यापक है और इसलिए उसके स्पर्श में आकर आदमी आसानी से बदल जाता है। अब दैनिक जीवन के जीने के सामान्य अभ्यास में ‘स्क्रीन टाइम’ (संचार और संवाद के गैजेट से जुड़ा रहने में बिताने वाला समय) एक ख़ास मद हो गया है। यह आभासी दुनिया लोगों को अपने अनुभव-संसार को गढ़ने के लिए कई विकल्पों के साथ असीमित लगने वाली छूट दे रही है और वास्तविक दुनिया में होने वाली गतिविधियों को निर्धारित कर रही है। दर्शक को अपनी निजी स्वतंत्रता के विस्तार का अहसास होता है। इस तरह का यह आभासी दायरा अब इंटरनेट के सहयोग से अपरिमित-सा होता जा रहा है। यह अब मन मस्तिष्क पर छाता हुआ यह आभासी हस्तक्षेप हमारे भाव-जगत को आकार देने लगा है। इस तरह वह जाने अनजाने हमारे स्वभाव को भी बनाते-बिगाड़ते हुए प्रभावित कर रहा है। हमारा स्वाद बदल रहा है। हम क्या हैं और क्या होना चाहते हैं यह सबकुछ मीडिया पर टिकने लगा है। ठीक से कहें तो यह सबको अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। आदमी के मनो-जगत में प्रवेश कर यह चुपके-चुपके हमारी आकांक्षा, अभिरुचि, गतिविधि और व्यक्तित्व सबको गढ़ने वाला एक अचूक औंजार साबित हो रहा है।ताजा घटनाक्रम में एक महानगर की प्रतिष्ठित पृष्ठभूमि से आने वाले सुपठित युवा द्वारा की गई अश्लील प्रस्तुति चर्चा का विषय बनी है। वर्चुअल प्लेटफार्म पर अभद्रता की हदें पार करने की इस शिकायत पर सबकी नज़रें गई हैं। यह सब है तो पुराना धंधा परंतु इस बार बात सुप्रीम कोर्ट तक औपचारिक रूप से पहुंच गई। पहुँची ही नहीं बल्कि सर्वोच्च अदालत ने उसका तत्काल संज्ञान भी लिया और पेशी पर आरोपी को अच्छी तरह डांट भी लगाई। पर गौरतलब है कि इसके पहले भी उच्छृंखल रूप से सोशल मीडिया का दुरुपयोग जोर पकड़े हुए था और इसके बाद अभी भी चालू है। सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के रूप में ऐसे महानुभावों को आदर और धन संपदा भी मिलती है। वे रसूखदार लोगों में शुमार होते हैं। इस तरह सोशल मीडिया मनोरंजन, व्यापार, शिक्षा और संस्कार सबको प्रभावित कर रहा है।सोशल मीडिया में विशेष चिंता वाली उपस्थिति आज सेक्स और हिंसा की व्यापक उपस्थिति है। इसका एक से एक विद्रूप रूप मोबाइल में हर दिन हर घड़ी परोसा जा रहा है । अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र में मूल अधिकार है। परंतु इसके तहत कुछ भी करने की छूट लेने की आज़ादी अधिकार में नहीं है। इस समय सोशल मीडिया और ख़ासतौर पर ‘वेब सिरीज़’, ‘फ़ेसबुक पोस्ट’ और ‘रील’ आदि में आ रही बहुसंख्यक प्रस्तुतियों में भोंडे सेक्स के निर्लज्ज प्रचार का ही बाहुल्य है। इन तक पहुँच पर कोई रोक-छेंक न होने से जवान, बच्चे और बूढ़े सभी इसकी तरफ़ अपनी सुविधानुसार मुखातिब होते हैं। विविध प्रकार की पोर्नोग्राफ़ी का यह दुरन्त विस्तार हर आयु वर्ग, हर धर्म और जाति तथा प्रत्येक आय वर्ग के लोगों को लुभा रहा है। अब यह निजी और गोपनीय नहीं रहा। इसका नशा हर वर्ग में बढ़ रहा है। स्वतंत्रता की इस मुहिम में नग्न और अर्धनग्न, मांसल स्त्री (और पुरुष) शरीर को, छिपाने-दिखाने की सुनियोजित योजना के साथ, विज्ञापित और प्रदर्शित किया जा रहा है। यह अलग बात है कि इनमें कितने पात्र असली हैं और कितने डीपफ़ेक जैसी तकनीक के सौजन्य से बने हुए हैं। इनमें अवैध और अनैतिक देह-संबंध को खोजते-उघाड़ते और साझा करने की यात्रा शुरू हो गई है। पहले जिसे वेश्यावृत्ति कहते थे उसके नाना रूप उत्तेजक कहानियों और घटनाओं में पिरो कर प्रस्तुत करती प्रचुर सामग्री धड़ल्ले से फैलाए जा रहे हैं। पब्लिक डोमेन में डंप की जा रही इन सामग्रियों में रुपया-पैसा, वासना, सेक्स कारोबार और व्यापार आदि मसलों को जोड़-जाड़ कर एक आकर्षक और कामोत्तेजक दुनिया रच कर दिखाई जाती है। इनमें बहुत-सा बाहर के देशों से उठाई सामग्री भी होती है। वैध और नाजायज संबंधों की सारी हदों को पार करती इस कल्पित वर्चुअल दुनिया में कुछ भी संभव होता है। इनमें दर्शकों को लुभाने और उनको आकर्षित करने के हर नुस्खे आजमाये जाते हैं। यह क्षणिक सुख का आभास या अहसास करा देती है। इसके चलते लोग इसमें फँस जाते हैं। शब्द, भाषा और चित्रों के माध्यम से अश्लीलता का वीभत्स रूप बेरोक-टोक निर्द्वंद भाव से सब लोगों को मुहैया कराया जा रहा है। इन सबके सम्मिलित प्रभाव कार्य के प्रति अन्यमनस्कता, अव्यवस्थित काल-बोध और अमर्यादित सामाजिक आचरण में प्रतिफलित होता है। एक भयावह बीमारी की तरह इसकी लत लगने पर इसका परिणाम दुर्व्यसन (एडिक्शन) के मर्ज़ में भी तब्दील हो जाता है।सांस्कृतिक मर्यादाओं की सभी हदों को पार करते हुए विभिन्न प्रकार की प्रकट, सांकेतिक और अप्रत्यक्ष अश्लीलताओं को लगातार परोसते दृश्यों में बाँध कर हर किसी की उत्सुकता को जगाने के लिए प्रत्यक्ष और छद्म तरीकों से भरपूर सामग्री अनियंत्रित रूप से प्रस्तुत की जा रही है। उदारता का युग बाजार में आया, राजनीति में आया और अब घर की चारदीवारी में पहुँच कर लोगों के दिलो-दिमाग़ में खलबली मचा रहा है। इसने समाज की सोच या वैचारिकी में अनियंत्रित खुलेपन का न्योता दिया। इस तरह के बदलाव के पीछे नगरीकरण, सामाजिक गतिशीलता, नौकरी पेशे के जीवन की दुश्वारियाँ मुख्य रही हैं। इस परिवर्तन के केंद्र में भोग और राग की अतुलित बलवती इच्छा वेगवान होती गई। चरित्र, आचार-विचार , शील और सदाचार और इंद्रियों का निग्रह जैसे विचार दकियानूसी और प्रगति के मार्ग में रोड़े की तरह जाने समझे जाने लगे। इस रोग की लपेट में किशोर, युवा और प्रौढ़ सभी आ रहे हैं। “गर्लफ्रैंड “और “ब्वॉय फ्रैंड “अब एक स्वीकृत और प्रचलित प्रत्यय और सामाजिक अभ्यास हो चला है। इस तरह की मित्रता की सीमा और परिधि किस तरह चलेगी यह इसमें शामिल किरदारों की भलमनसाहत पर निर्भर करता है। इसमें क्या वर्जित और क्या विहित है, यह मित्रों की अपनी मर्जी पर निर्भर करता है। सेक्स जीवन में नवाचार अब सामाजिक जीवन का हिस्सा हो रहा है। लिव इन रिलेशनशिप और आपसी रजामंदी से प्रौढ़ जनों को सेक्स की वैधानिक स्वीकृति सामाजिक आचरण के नये मानदंड स्थापित कर रही है। सामाजिक जीवन की नई पैमाइश में व्यक्ति ही प्रथम और अंतिम निर्णायक होता जा रहा है। व्यक्ति की चेतना का उत्कर्ष सदा से वांछित रहा है। काम की गणना पुरुषार्थ में की गई है। श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं ‘मैं धर्म के अविरुद्ध काम हूँ।’ आज भी प्रश्न यही है कि जीवन में मर्यादा कैसे लाई जाए ? धर्म अर्थात् विवेकसम्मत और संतुलित आचरण का मार्ग कैसे प्रशस्त हो? इस दृष्टि से घर, स्कूल, मीडिया सभी को अपनी ज़िम्मेदारी पहचाननी और निभानी होगी। क़ानून दांव-पेंच का मामला है और वह अपना काम करेगा पर उसका परिणाम भी तभी मिलेगा जब हम मर्यादा में विश्वास करें, वह मर्यादा जो अपने और सबके हित को ध्यान में रख कर स्वीकार की जाती है। सोशल मीडिया को नियमित करने और अमर्यादित उपयोग को रोकना सरकार की वरीयताओं में आना चाहिए। इस तरह के अनर्गल संचार के नकारात्मक प्रभावों से समाज को बचाना आवश्यक है।
Dakhal News
रमेश सर्राफ धमोरा रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक थे। इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया। उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं। अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया। स्वामी रामकृष्ण मानवता के पुजारी थे। साधना के फलस्वरूप वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें कोई भिन्नता नहीं। वे ईश्वर तक पहुँचने के भिन्न-भिन्न साधन मात्र हैं। 19 वीं शताब्दी में श्री रामकृष्ण परमहंस एक रहस्यमयी और महान योगी पुरुष थे। जिन्होंने काफी सरल शब्दों में अध्यात्मिक बातों को सामान्य लोगों के सामने रखा। जिस समय हिन्दू धर्म बड़े संकट में फंसा हुआ था उस समय श्री रामकृष्ण परमहंस ने हिन्दू धर्मं में एक नयी उम्मीद जगाई। रामकृष्ण के जीवन में अनेक गुरु आये पर अन्तिम गुरुओं का उनके जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ा। एक थी भैरवी जिन्होंने उन्हें अपने कापालिक तंत्र की साधना करायी और दूसरे थे श्री तोतापुरी उनके अन्तिम गुरु। गंगा के तट पर दक्षिणेश्वर के प्रसिद्व मंदिर में रहकर रामकृष्ण मां काली की पूजा किया करते थे। गंगा नदी के दूसरे किनारे रहने वाली भैरवी को अनुभूति हुई कि एक महान संस्कारी व्यक्ति रामकृष्ण को उसकी दीक्षा की आवश्यकता है। गंगा पार कर वो रामकृष्ण के पास आयी तथा उन्हें कापालिक दीक्षा लेने को कहा। रामकृष्ण ने भैरवी द्वारा बतायी पद्धति से लगातार साधना कर मात्र तीन दिनों में ही सम्पूर्ण क्रिया में निपुण हो गये। रामकृष्ण के अन्तिम गुरु तोतापुरी थे जो सिद्ध तांत्रिक तथा हठ योगी थे। उन्होने रामकृष्ण को दीक्षा दी। रामकृष्ण को दीक्षा दी गई परमशिव के निराकार रुप के साथ पूर्ण संयोग की। पर आजीवन तो उन्होने मां काली की आराधना की थी। वे जब भी ध्यान करते तो मां काली उनके ध्यान में आ जाती और वे भावविभोर हो जाते। जिससे निराकार का ध्यान उनसे नहीं हो पाता था। तोतापुरी ध्यान सिद्ध योगी थे। उनको अनुभव हुआ कि रामकृष्ण के ध्यान में मां काली प्रतिष्ठित हैं। उन्होने शक्ति सम्पात के द्वारा रामकृष्ण को निराकार ध्यान में प्रतिष्ठित करने के लिये बगल में पड़े एक शीशे के टुकड़े को उठाया और उसका रामकृष्ण के आज्ञाचक्र पर आघात किया जिससे रामकृष्ण को अनुभव हुआ कि उनके ध्यान की मां काली चूर्ण-विचूर्ण हो गई हैं और वे निराकार परमशिव में पूरी तरह समाहित हो चुके हैं। वे समाधिस्थ हो गये। ये उनकी पहली समाधि थी जो तीन दिन चली। तोतापुरी ने रामकृष्ण की समाधी टूटने पर कहा। मैं पिछले 40 वर्षो से समाधि पर बैठा हूं पर इतनी लम्बी समाधी मुझे कभी नही लगी। श्री रामकृष्ण परमहंस का जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में कामारपुकुर नामक गांव में 18 फरवरी 1836 को एक निर्धन निष्ठावान ब्राहमण परिवार में हुआ था। इनके जन्म पर ही ज्योतिषियों ने रामकृष्ण के महान भविष्य की घोषणा कर दी थी। ज्योतिषियों की भविष्यवाणी सुन इनकी माता चन्द्रा देवी तथा पिता खुदिराम अत्यन्त प्रसन्न हुए। इनको बचपन में गदाधर नाम से पुकारा जाता था। पांच वर्ष की उम्र में ही वो अदभुत प्रतिभा और स्मरणशक्ति का परिचय देने लगे। अपने पूर्वजों के नाम व देवी- देवताओं की स्तुतियां, रामायण, महाभारत की कथायें इन्हे कंठस्थ याद हो गई थी। 1843 में इनके पिता का देहांत हो गया तो परिवार का पूरा भार इनके बड़े भाई रामकुमार पर आ पड़ा था। रामकृष्ण जब नौ वर्ष के हुए इनके यज्ञोपवीत संस्कार का समय निकट आया। उस समय एक विचित्र घटना हुई। ब्राह्मण परिवार की परम्परा थी कि नवदिक्षित को इस संस्कार के पश्चात अपने किसी सम्बंधी या किसी ब्राह्मण से पहली शिक्षा प्राप्त करनी होती थी। एक लुहारिन जिसने रामकृष्ण की जन्म से ही परिचर्या की थी। बहुत पहले ही उनसे प्रार्थना कर रखी थी कि वह अपनी पहली भिक्षा उसके पास से प्राप्त करे। लुहारिन के सच्चे प्रेम से प्रेरित हो बालक रामकृष्ण ने वचन दे दिया था। अतः यज्ञोपवीत के पश्चात घर वालों के लगातार विरोध के बावजूद इन्होंने ब्राह्मण परिवार में प्रचलित प्रथा का उल्लंघन कर अपना वचन पूरा किया और अपनी पहली भिक्षा उस लुहारिन से प्राप्त की। यह घटना सामान्य नहीं थी। सत्य के प्रति प्रेम तथा इतनी कम उम्र में सामाजिक प्रथा के इस प्रकार उपर उठ जाना रामकृष्ण की आध्यात्मिक क्षमता और दूरदर्शिता को ही प्रकट करता है। रामकृष्ण का मन पढ़ाई में न लगता देख इनके बड़े भाई इन्हे अपने साथ कलकत्ता ले आये और अपने पास दक्षिणेश्वर में रख लिया। यहां का शांत एवं सुरम्य वातावरण रामकृष्ण को अपने अनुकूल लगा। 1858 में इनका विवाह शारदा देवी नामक पांच वर्षीय कन्या के साथ सम्पन्न हुआ। जब शारदा देवी ने अपने अठारहवें वर्ष मे पदार्पण किया तब श्री रामकृष्ण ने दक्षिणेश्वर के अपने कमरे में उनकी षोड़शी देवी के रूप में आराधना की। यही शारदा देवी रामकृष्ण संघ में माताजी के नाम से परिचित हैं। रामकृष्ण परमहंस के पास जो कोई भी जाता वह उनकी सरलता, निश्चलता, भोलेपन और त्याग से इतना अभिभूत हो जाता कि अपना सारा पांडित्य भूलकर उनके पैरों पर गिर पड़ता था। गहन से गहन दार्शनिक सवालों के जवाब भी वे अपनी सरल भाषा में इस तरह देते कि सुनने वाला तत्काल ही उनका मुरीद हो जाता। इसलिए दुनियाभर की तमाम आधुनिक विद्या, विज्ञान और दर्शनशास्त्र पढ़े महान लोग भी जब दक्षिणेश्वर के इस निरक्षर परमहंस के पास आते तो अपनी सारी विद्वता भूलकर उसे अपना गुरू मान लेते थे।इनके प्रमुख शिष्यों में स्वामी विवेकानन्द, दुर्गाचरण नाग, स्वामी अद्भुतानंद, स्वामी ब्रह्मानंदन, स्वामी अद्यतानन्द, स्वामी शिवानन्द, स्वामी प्रेमानन्द, स्वामी योगानन्द थे। श्री रामकृष्ण के जीवन के अन्तिम वर्ष कारुण रस से भरे थे। 15 अगस्त 1886 को अपने भक्तों और स्नेहितों को दुख के सागर में डुबाकर वे इस लोक में महाप्रयाण कर गये। रामकृष्ण परमहंस महान योगी, उच्चकोटि के साधक व विचारक थे। सेवा पथ को ईश्वरीय, प्रशस्त मानकर अनेकता में एकता का दर्शन करते थे। सेवा से समाज की सुरक्षा चाहते थे। रामकृष्ण का सारा जीवन अध्यात्म-साधना के प्रयोगों में बीता। वे लगातार कई घंटों तक समाधि में लीन हो जाते थे। चौबीस घंटे में बीस-बीस घंटों तक वे उनसे मिलनेवाले लोगों का दुख-दर्द सुनते और उसका समाधान भी बताते। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के भोले प्रयोगवाद में वेदांत, इस्लाम और ईसाइयत सब एक रूप हो गए थे। निरक्षर और पागल तक कहे जाने वाले रामकृष्ण परमहंस ने अपने जीवन से दिखाया था कि धर्म किसी मंदिर, गिरजाघर, विचारधारा, ग्रंथ या पंथ का बंधक नहीं है। रामकृष्ण परमहंस मुख्यतः आध्यात्मिक आंदोलन के प्रणेता थे। जिन्होंने देश में राष्ट्रवाद की भावना को आगे बढ़ाया। उनकी शिक्षा जातिवाद एवं धार्मिक पक्षपात को नकारती हैं। विभिन्न धर्मों के माध्यम से रामकृष्ण के रहस्यमय अनुभवों ने उन्हें यह सिखाने के लिए प्रेरित किया कि विभिन्न धर्म पूर्ण ज्ञान और आनंद तक पहुँचने के अलग-अलग साधन हैं और विभिन्न धर्म पूर्ण सत्य की समग्रता को व्यक्त नहीं कर सकते हैं लेकिन इसके पहलुओं को व्यक्त कर सकते हैं। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिये उनके परम् शिष्य स्वामी विवेकानन्द ने एक मई 1897 को बेलुड़ में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इस मिशन की स्थापना के केंद्र में वेदान्त दर्शन का प्रचार-प्रसार है। रामकृष्ण मिशन के उद्देश्य मानवता के सर्वांगीण कल्याण के लिए काम करना, विशेष रूप से गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए।
Dakhal News
खबर सिंगरौली से है...जहां सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए परिवहन अधिकारी ...वाहन चालकों को लगातार जागरूक कर रहे हैं...इस दौरान नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है सिंगरौली परिवहन अधिकारी विक्रम सिंह राठौर और चेकप्वाइंट प्रभारी अनिमेष जैन सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए वाहन चालकों को लगातारजागरूक कर रहे हैं ...इस दौरान वाहन चालकों को अपना यूनिफार्म पहनने, वाहन में फर्स्ट एड बॉक्स रखने और क्षमता से ज्यादा सवारी न बिठालने के नियम का भी पालन करने के निर्देश दिए गए है ...वहीं नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी गई
Dakhal News
कांग्रेस का अनोखा प्रदर्शन सामने आया है....लोग शासन,प्रशासन,नेता,व्यवस्थापकों को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपते हैं लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता ज्ञापन सौंपने पहुंच गए बजरंगबली के चरणों में... जी हां...संजय गांधी हॉस्पिटल में व्याप्त अव्यवस्थाओं के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता रैली निकालते हुए संजय गांधी अस्पताल पहुंचे...जहां उन्होंने अस्पताल परिसर में बने मंदिर में बजरंगबली के चरणों में ज्ञापन सौंपते हुए जनता की रक्षा और अस्पताल की व्यवस्थाओं को दूर करने की मांग की...रीवा का संजय गांधी अस्पताल हमेशा सुर्खियों में रहता है जिसकी वजह अस्पताल के स्टाफ व चिकित्सकों द्वारा इलाज के लिए आने वाले मरीजों व परिजनों के साथ की जाने वाली अभद्रता एवं मारपीट है...यहां रीवा सहित अन्य जिले से मरीज ईलाज कराने आते हैं...लेकिन लचर व्यवस्था का शिकार हो जाते हैं...जिसके विरोध में कांग्रेसी इकट्ठे होकर अस्पताल पहुंचे... जहां उन्होंने बजरंगबली को ज्ञापन सौंपा...कार्यकर्ताओं ने कहा कि अस्पताल में अमानक दवाओं पर रोक लगे...मरीजों के साथ मारपीट और अभद्रता बंद हो...अवैध वसूली और मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में रेफर करना बंद किया जाए...उन्होंने जनता की सुरक्षा के लिए भगवान बजरंगबली को ज्ञापन सौंपा....
Dakhal News
कांटाफोड़ पुलिस ने 24 घंटे के अंदर एक अंधे कत्ल का पर्दाफाश किया...पुलिस ने जादू टोने की शंका में अपनी मौसी की हत्या करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया...पुलिस ने जांच के दौरान आरोपी मुकेश लोंगरे को गिरफ्तार किया... जिसने अपनी मौसी की हत्या की बात कबूल की... दरअसल 9 मार्च को कांटाफोड़ पुलिस को सूचना मिली थी कि कालापाठा के पास जंगल में एक महिला का शव सड़ी गली हालत में पड़ा है...पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव की शिनाख्त अमंता पति गोरेलाल के रूप में की... जांच में पता चला कि आरोपी मुकेश लोंगरे ने अपनी मौसी अमंता की हत्या करने की योजना बनाई थी...आरोपी अपनी पत्नी के साथ इंदौर में मजदूरी करता था...और संतान न होने के कारण उसे शक था कि उसकी मौसी ने कोई जादू टोना किया है...आरोपी ने अपनी मौसी को कालापाठा के जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर दी और शव को वहीं छुपा दिया...पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है...
Dakhal News
तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित पोलाची में तमिल समर्थकों ने 23 फरवरी को रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर हिन्दी में लिखे नाम पर कालिख पोतकर भाषा विवाद को और गरमा दिया। रेलवे सुरक्षा बल ने इन लोगों की पहचान कर मामला दर्ज किया है। सच पूछिए तो यह घटना एक बड़े विवाद का हिस्सा है, जिसमें तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के माध्यम से हिन्दी थोपने का आरोप लगाया है। द्रमुक इस आरोप से इनकार करते हुए भाजपा के साथ वाक युद्ध में लगी हुई है। तमिलनाडु में हिन्दी विरोध की जड़ें 20वीं सदी की शुरुआत से हैं। विरोध प्रदर्शन तमिल संस्कृति और भाषा की रक्षा की इच्छा से प्रेरित है। अधिकांश तमिल आज भी हिन्दी को अपनी पहचान के लिए खतरा मानते हैं। इतिहास के पन्ने को पलटने पर ज्ञात होता है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1937 में स्कूलों में अनिवार्य हिन्दी शिक्षण की शुरुआत की। तमिलनाडु में इसका व्यापक विरोध हआ। विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व पेरियार ई.वी. रामासामी और जस्टिस पार्टी ने किया। 1937-1940 के आंदोलन के दौरान 1,198 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया और 1,179 को दोषी ठहराया गया। सबसे बड़ा हिन्दी विरोधी आंदोलन 1948-1950 के बीच हुआ। इस दौरानहड़तालें हुईं। वर्ष 1965 में मदुरै में हिन्दी विरोधी दंगे भड़क उठे जिसके परिणामस्वरूप लगभग 70 लोग मारे गए। आज भी तमिलनाडु में हिंदी विरोध विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। द्रमुक और अन्य दल गैर-हिन्दी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का विरोध कर रहे हैं। जबकि भारत सरकार हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में बढ़ावा देने के प्रयास में लगी हुई है। वर्तमान विरोध ने यह स्वीकार करना आरंभ कर दिया है कि हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी भी आधिकारिक भाषा बनी रहे। वर्तमान विरोध सिर्फ राजनीतिक क्रियाकलाप है। वैसे, तमिलनाडु में हिन्दी विरोध की वास्तविकता जटिल है। इसमें राजनीतिक और सांस्कृतिक दोनों कारक शामिल हैं। कुछ लोग तर्क देते हैं कि वर्तमान विरोध तमिल संस्कृति और भाषा की रक्षा करने की वास्तविक इच्छा से प्रेरित है। बुद्धिजीवी और आम आदमी इसे राजनीतिक दलों द्वारा लाभ प्राप्त करने के साधन के रूप में देखता है। सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 18-25 आयु वर्ग के 71 प्रतिशत लोगो ने बिना समझे-बूझे हिन्दी थोपने का विरोध किया। यूगऊ के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 18-24 वर्ष की आयु के तमिलनाडु के 63 प्रतिशत निवासियों का मानना था कि स्कूलों में हिन्दी को जरूर पढ़ाया जाए लेकिन इसे अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए। कुछ लोग तर्क देते हैं कि हिन्दी जानने से नौकरी के अवसर बढ़ सकते हैं और व्यापार और व्यापार संबंधों को सुविधाजनक बनाया जा सकता है। तमिलनाडु में भी मनोरंजन की दुनिया का लुफ्त उठाने के लिए हिन्दी भाषा को व्यावसायिक भाषा माना जाता है। लेकिन राजनीतिक के संवर्ग के लोग इसे तमिल संस्कृति और भाषा के लिए खतरा मानते हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत की 60 फीसदी आबादी हिन्दी बोलती है। भाषा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान परिदृश्य में तमिलनाडु की 40 फीसद आबादी को हिन्दी का कुछ ज्ञान है और धीरे-धीरे लोग हिन्दी को सीख रहे हैं। तमिलनाडु के स्कूलों में हिन्दी पढ़ने की गति तेज हुई है। लोग प्रदेश से बाहर जाकर अपने व्यवसाय को बढ़ाना चाहते हैं और देशभर में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा हिन्दी का लाभ उठाना चाहते हैं। इस कार्य में दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा का बहुमूल्य योगदान है। सन् 1964 में सभा को संसद ने इसे 'राष्ट्रीय महत्व की संस्था' घोषित किया था। देखा जाए तो डुओलिंगो, इटालकी और प्रीप्ली जैसे कई ऐप और ऑनलाइन प्लेटफार्म हिन्दी भाषा के पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं और तमिलनाडु सहित भारत के तमाम हिस्सों में इन्हें काफी डाउनलोड और उपयोग किया गया है। इसके अतिरिक्त, लिंग और ड्रॉप्स जैसे कुछ ऐप हिन्दी सीखने के लिए इंटरैक्टिव और गेमीफाइड पाठ प्रदान करते हैं, जो तमिलनाडु की युवा आबादी को आकर्षित कर सकते हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार, दक्षिण भारत में लगभग 30 फीसद लोग हिन्दी गाने सुनते हैं। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि तमिलनाडु में लगभग 70 फीसद छात्र हिन्दी की अज्ञानता के कारण केंद्रीय नौकरी में नहीं जा पाते हैं। इन बातों को स्वीकार करते हुए तमिलनाडु सरकार ने 1968 में हिन्दी को एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया था। अंततः, तमिलनाडु पर हिन्दी थोपने या न थोपने का निर्णय एक जटिल मुद्दा है। इसमें कई कारक शामिल हैं। एक बात बहुत स्पष्ट है कि तमिलनाडु के लोग विशेष रूप से युवा पीढ़ी भाषा की राजनीति में रुचि नहीं रखती। वह हिन्दी सीखने के लिए उत्सुक हैं।
Dakhal News
भारत की खाद्य संस्कृति वैश्वीकरण, शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के कारण बदल रही है। यह प्रमुख सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों का भी कारण बन रही है। भारत में युवा पीढ़ी तेजी से फास्ट फूड का सेवन कर रही है, जिसके कारण मोटापा, टाइप 2 मधुमेह और हृदय सम्बंधी विकार जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो रही हैं। फास्ट फूड में अक्सर बड़ी मात्रा में कैलोरी, चीनी, सोडियम और खराब वसा होती है, जो खराब खाने की आदतों और पोषण सम्बंधी कमियों को जन्म दे सकती है। इसका परिणाम एक गतिहीन जीवन शैली भी हो सकता है, जो किसी के स्वास्थ्य के लिए जोखिम बढ़ाएगा। फास्ट फूड का सेवन बच्चों के स्वास्थ्य और खाने की आदतों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। फास्ट फूड, जिसमें कैलोरी, चीनी और खराब वसा अधिक होती है, मधुमेह और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के विकास के जोखिम और वज़न बढ़ाता है। फास्ट फूड के लगातार सेवन से बच्चे स्वस्थ खाद्य पदार्थों की तुलना में प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे संतुलित आहार और पौष्टिक भोजन चुनने की उनकी संभावना कम हो जाती है। आजकल, बहुत से युवा फास्ट फूड पसंद करते हैं क्योंकि यह सुविधाजनक, स्वादिष्ट और जल्दी बनने वाला होता है। इसके नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जानते हुए भी वे इसे खाना जारी रखते हैं। व्यस्त जीवन शैली में, फास्ट फूड को जल्दी से जल्दी खाना सुविधाजनक है। वे भीड़ का अनुसरण करते हैं क्योंकि उनके दोस्त भी इसे पसंद कर सकते हैं। स्वाद के लिए स्वास्थ्य का जोखिमः फास्ट फूड जल्दी से जल्दी खाने और स्वाद के लिए बनाया जाता है और यह ज़्यादा पका हुआ, अत्यधिक प्रोसेस्ड होता है। मानव शरीर बिना प्रोसेस्ड, अत्यधिक रेशेदार और कम से कम पके हुए खाद्य पदार्थों के लिए बना है इसलिए वे पूरी तरह से अनुपयुक्त हैं। फास्ट फूड से शुगर स्पाइक्स इंसुलिन प्रतिरोध, वज़न बढ़ने, वसा संश्लेषण और मधुमेह में पैदा करते हैं। भारत में फैलते फास्ट फूड उद्योग में बर्गर, पिज्जा, पानी-पूरी व चाट मसाला कियोस्क और पावभाजी-समोसा के ठेले शामिल हैं। बढ़ता मोटापा, मधुमेह की समस्याः मोटापा और मधुमेह दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, जिसे मक्खन, दूध और अंडे जैसे खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है। हमारे शरीर को खराब कोलेस्ट्रॉल से नुकसान होता है। सड़क पर फास्ट फूड तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खाना पकाने के तेल में उच्च ट्राइग्लिसराइड (खराब कोलेस्ट्रॉल) सामग्री होती है, जिसे खाने से खतरनाक बीमारियाँ हो सकती हैं। सात्विक आहार जो हिंदू रीति-रिवाजों का प्रमुख हिस्सा है, उनकी जगह आधुनिक आहार ले रहे हैं। पारंपरिक खानपान की प्रथाएँ, पारिवारिक भोजन और सामाजिक बंधन सभी फास्ट-फ़ूड संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं। अकेले खाने और स्विगी और ज़ोमैटो जैसी ऑनलाइन भोजन वितरण सेवाओं के बढ़ने के परिणामस्वरूप लोगों के साथ मिलकर खाने का तरीक़ा बदल गया है। विज्ञापन का मायाजालः फास्ट फूड कंपनियाँ अपने उत्पादों को कूल और मनोरंजक दिखाने के लिए भ्रामक विज्ञापन का उपयोग करती हैं, जो इसके विस्तार की एक और वजह है लोगों और खासकर युवाओं को आकर्षित करने के लिए इसके प्रचार के लिए दुनिया के नामीगिरामी हस्तियों का चेहरा इस्तेमाल होता है और आकर्षक नारों व टैगलाइन का सम्मोहन अलग होता है। अपनी बुद्धिमत्ता और शिक्षा के बावजूद लोग कभी-कभी अपने स्वास्थ्य पर संभावित हानिकारक प्रभावों पर विचार करने के बजाय फास्ट फूड खाने को प्राथमिकता देते हैं। उन्हें भी पता है कि यह अच्छा विकल्प नहीं है लेकिन वे इसे चुनते हैं क्योंकि यह बहुत सरल और स्वादिष्ट है। चूँकि लोग घर के बने खाने की जगह सुविधाजनक भोजन चुन रहे हैं, इसलिए खानपान की आदतें बदल रही हैं। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का इस्तेमालः राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में युवा लोग ज़्यादा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खा रहे हैं। बाजरा जैसे पारंपरिक अनाज की जगह रिफ़ाइंड अनाज और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ ले रहे हैं। बाजरा की खपत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2023 में अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष की शुरुआत की थी। प्रोसेस्ड, उच्च वसा, उच्च चीनी वाले पश्चिमी आहार की बढ़ती संख्या पारंपरिक संतुलित भोजन की जगह ले रही है। मैकडॉनल्ड्स, केएफसी और डोमिनोज़ के तेज़ी से बढ़ने के कारण भारत में शहरी खानपान की आदतें बदल गई हैं।संकट में खानपान से जुड़ी हमारी विशिष्टताः वैश्वीकरण के कारण क्षेत्रीय व्यंजन अपनी विशिष्टता खो रहे हैं। पूर्वोत्तर भारत में किण्वन-आधारित आहार और अन्य पारंपरिक खाना पकाने की तकनीकें लोकप्रिय नहीं हो रही हैं। खानपान की बदलती आदतों के कारण त्योहारों और धर्मों से जुड़ी खास पाक परंपराएँ अपना महत्त्व खो रही हैं। पारंपरिक खानपान की प्रथाएँ, पारिवारिक भोजन और सामाजिक बंधन सभी फास्ट-फ़ूड संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं। वैश्विक खाद्य श्रृंखलाओं के कारण स्ट्रीट वेंडर और स्वदेशी खाद्य सामग्री के व्यापार चुनौतियों का सामना करते हैं। कुपोषण और स्वास्थ्य प्रभाव: अधिक प्रसंस्कृत भोजन खाने के परिणामस्वरूप हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे के शिकार लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। आहार सम्बंधी आदतों में आए इस बदलाव के कारण भारत में 101 मिलियन मधुमेह रोगी हो गए हैं। खपत के पैटर्न में बदलाव के कारण पारंपरिक फसलों की मांग में कमी आई है, जिसका असर किसानों के मुनाफे पर पड़ा है। नीति आयोग (2022) के अनुसार, ग्रामीण कृषि अर्थव्यवस्था बनाए रखने के लिए फ़सल विविधीकरण महत्त्वपूर्ण है। छोटे पैमाने के खाद्य व्यवसाय, पारंपरिक भोजनालय और पड़ोस के खाद्य विक्रेता सभी वैश्विक खाद्य श्रृंखलाओं से प्रभावित हैं। अपनी नींव को बनाए रखते हुए, भारत की विविध पाक संस्कृति को बदलना होगा। टिकाऊ खाद्य नीतियों, देशी फसलों के समर्थन और संतुलित आहार जागरूकता के कार्यान्वयन के माध्यम से आधुनिकीकरण द्वारा पारंपरिक खाद्य विविधता और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ाया जा सकता है। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि कभी-कभार फास्ट फूड खाने से आपके सामान्य स्वास्थ्य पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है। नियमित रूप से फास्ट फूड खाने से अंततः कई स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इसे सीमित करना लक्ष्य है।
Dakhal News
भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में वर्षों से रैगिंग एक गंभीर बदमाशी और उत्पीड़न की समस्या रही है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर मनोवैज्ञानिक आघात, आत्महत्या और यहाँ तक कि हत्या जैसे हिंसक अपराध भी होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और 2009 से यूजीसी के एंटी-रैगिंग नियमों के बावजूद घटनाएँ जारी हैं। 2012 और 2023 के बीच रैगिंग के कारण 78 छात्रों की मौत इस समस्या के भयावह चेहरे को सामने रखती है। भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में मुख्य रूप से सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों की वजह से रैगिंग होती है। भारतीय सामाजिक संरचनाओं द्वारा सुदृढ़ कठोर पदानुक्रम में वरिष्ठ छात्र कनिष्ठों पर अपना प्रभुत्व जताते हैं। यह इंजीनियरिंग कॉलेजों में शक्ति-आधारित सामाजिक व्यवस्था को मज़बूत करता है जब वरिष्ठ जूनियर से अपमानजनक कार्य करवाते हैं। आक्रामकता का महिमामंडन करने वाली अति-पुरुषवादी संस्कृति छात्रों को रैगिंग की परंपराओं का पालन करने के लिए मजबूर करती है। मेडिकल संस्थानों में छात्रों को "लचीला बनाने" के नाम पर धीरज-आधारित असाइनमेंट पूरा करने के लिए मजबूर किया जाता है। कई उच्च शिक्षा संस्थान अत्यधिक हिंसा होने तक हस्तक्षेप को हतोत्साहित करते हैं क्योंकि वे रैगिंग को दीक्षा अनुष्ठान की तरह देखते हैं। साल 2023 में जादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग को "बॉन्डिंग प्रक्रिया" के रूप में लिखा गया था, जिसके परिणामस्वरूप एक छात्र की असामयिक मृत्यु हो गई। प्रतिशोध का डर, प्रभावी गवाह सुरक्षा की कमी और सामाजिक कलंक, पीड़ितों को रैगिंग की रिपोर्ट करने से अनिच्छुक बनाते हैं। रैगिंग को प्रभावी ढंग से खत्म करने के लिए सख्त और त्वरित दंड आवश्यक है। संभावित रैगर्स को हतोत्साहित करने के लिए सुनिश्चित करें कि तत्काल निष्कासन, कानूनी मुकदमा और उसे ब्लैकलिस्ट करने जैसी कार्रवाई की जाए। खुली निगरानी के साथ एक निजी ऑनलाइन शिकायत पोर्टल स्थापित करने की जरूरत है। पारदर्शी जवाबदेही के साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग हेल्पलाइन का नया संस्करण आवश्यक है क्योंकि वर्तमान हेल्पलाइन पर्याप्त तेज़ी से प्रतिक्रिया नहीं देती है। अनिवार्य कार्यशालाओं, संवेदनशीलता अभियानों और मेंटरशिप कार्यक्रमों को लागू करके सकारात्मक वरिष्ठ-जूनियर सम्बंधों को प्रोत्साहित करें। एम्स दिल्ली रैगिंग के मामलों को नियंत्रित रखता है और नए छात्रों को परामर्श सत्र देकर एक सहायक संस्कृति को बढ़ावा देता है। संभावित मुद्दों को अधिक गंभीर होने से पहले पहचानने के लिए व्यवहार ट्रैकिंग, सरप्राइज चेक और छात्रावासों में सीसीटीवी लगाने का उपयोग करें। आईआईटी मद्रास ने सीसीटीवी निगरानी और छात्र प्रोफ़ाइलिंग का उपयोग करके रैगिंग की घटनाओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी की है। रैगिंग की समस्या का कोई एकल, सार्वभौमिक रूप से लागू समाधान नहीं है। शैक्षणिक संस्थानों, छात्रों और बड़े पैमाने पर समाज के लिए एक सुरक्षित और देखभाल करने वाला वातावरण स्थापित करने के लिए मिलकर काम करना महत्त्वपूर्ण है। रैगिंग ख़त्म करने के लिए बहुआयामी रणनीति, कठोर कानूनी सुरक्षा और त्वरित दंडात्मक कार्रवाई की जरूरत है। संस्थागत जवाबदेही और प्रौद्योगिकी-संचालित निगरानी यह गारंटी देगी कि उच्च शिक्षा संस्थान भय के बजाय सुरक्षा, समावेशिता और समग्र विकास के स्थान हैं। यूजीसी को उन संस्थानों के खिलाफ खंड 9.4 का उपयोग करना चाहिए जो इससे संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन नहीं करते। अपराधियों को कड़ी सज़ा मिले, इसकी गारंटी के लिए फास्ट-ट्रैक ट्रायल और पुलिस सत्यापन ज़रूरी है। छात्रावासों में सीसीटीवी लगाए जाने चाहिए जो एआई-आधारित चेहरे की पहचान का उपयोग करते हैं। पीड़ितों की सुरक्षा के लिए एक डिजिटल आईडी-आधारित ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाना चाहिए। मनोवैज्ञानिक परामर्श और एंटी-रैगिंग कार्यशालाओं को लागू करना अनिवार्य होना चाहिए। छात्र मेंटरशिप कार्यक्रमों द्वारा एक समावेशी संस्कृति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। यूजीसी हेल्पलाइन की प्रतिक्रिया समय और पहुँच में सुधार की आवश्यकता है। ऐसे डिजिटल शिकायत पोर्टल होने चाहिए जो गुमनाम हों और सीधे पुलिस अलर्ट प्रदान करें।
Dakhal News
संजय गांधी अस्पताल से गुंडागर्दी का मामला सामने आया है जहां अपनी मां का इलाज कराने गए बेटे और बेटी को रेडियोलॉजी विभाग के एक्स-रे रूम में बंद करके उनके साथ अस्पताल कर्मचारियों ने जमकर मारपीट की...जिससे बेटे की हालत गंभीर हो गई...और बेटी को भी चोटें आई हैं.... वहीं विभागाध्यक्ष ने मारपीट करने वालो पर कार्रवाई करने की बात कही है... रीवा के संजय गांधी अस्पताल में अपनी बूढ़ी मां का पैर टूट जाने के बाद एक्सरे कराने गए एक युवक को मामूली विवाद के दौरान इस तरह पीटा गया कि उसकी हालत खराब हो गई...जिसके बाद घायल युवक को बेहोशी हालत में सिटी स्कैन के लिए भेजा गया...युवक की मां फूलमती शुक्ला ने बताया कि वह अपने बेटे देवेंद्र नाथ शुक्ला और बेटी शशि मिश्रा के साथ अस्पताल के एक्स-रे कराने आई थी...एक्सरे के बाद बेटे के एक्सरे रिपोर्ट मांगने पर विवाद हो गया जिसके बाद उसे अंदर खींचकर बंद दरवाजे के अंदर मारपीट की गई...अपने भाई को बचाने के लिए जब बहन दरवाजा पीट रही थी तो बहन के साथ भी मारपीट कर उसे बाहर कर दिया गया...वहीं इस पूरे मामले को लेकर रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर संजीव शर्मा ने कहा कि मारपीट की जानकारी मिली है एक कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच करेंगे और कार्रवाई करेंगे...
Dakhal News
खबर छतरपुर से है..जहाँ कोतवाली टीआई अरविंद कुजूर खुदकुशी मामले में पुलिस फरार चल रही टीआई की कथित प्रेमिका आशी सिंह और उसके साथी सोनू सिंह परमार को हिरासत में लेकर पूछताछ कर कर रही है...पुलिस ने कहा है ... सभी एंगल से इस मामले की जांच हो रही है टीआई अरविंद कुजूर खुदकुशी मामले में पुलिस ने फरार चल रही आशी सिंह और उसके सहयोगी सोनू सिंह परमार को हिरासत में ले लिया है...और लगातार पूछताछ कर रही है...सीएसपी अमन मिश्रा ने बताया कि कुजूर खुदकुशी मामले में अब तक दस से पंद्रह लोगों से पूछताछ हो चुकी है...अलग अलग टीम लगातार संदिग्धों से पूछताछ कर रही है...बहुत जल्द पुलिस मामले का खुलासा करेगी...गौरतलब है कि बीते 6 मार्च को कोतवाली टीआई अरविंद कुजूर ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी
Dakhal News
गुना के अभ्युदय हत्याकांड मामले में अब एक नया मोड़ आया है...पुलिस ने सबूतों के आधार अभ्युदय की मां को गिरफ्तार कर लिया है...पूछताछ में अभ्युदय की मां के बयानों में कई विरोधाभासी तथ्य सामने आये है गुना के चर्चित अभ्युदय हत्याकांड की गुत्थी और भी ज्यादा उलझ गई है...अब पुलिस ने अभ्युदय की मां अलका जैन को गिरफ्तार किया है ... थाना प्रभारी बृजमोहन सिंह भदौरिया का कहना है कि पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने अलका जैन को गिरफ्तार किया है...हालाँकि अभ्युदय की मां ने हत्या करने की बात नहीं स्वीकारी है...पूछताछ के दौरान अभ्युदय की मां के बयानों में काफी विरोधाभास देखने को मिले है...आपको बता दें कि चौधरन कॉलोनी में किराए के मकान में रहने वाले 15 साल के अभ्युदय जैन की लाश 14 फरवरी को बाथरूम में मिली थी...अभ्युदय का शव सबसे पहले उसकी मां अलका जैन ने ही देखा था
Dakhal News
छतरपुर कोतवाली में तैनात टीआई अरविंद कुजूर की आत्महत्या के मामले में पुलिस जांच मे जुटी है...मृतक टीआई की मौत के बाद उनका पोस्टमार्टम किया गया...जिसके बाद छतरपुर में उनको श्रद्धांजलि देकर उनका शव उनके गृहनगर सागर को रवाना कर दिया... छतरपुर कोतवाली में तैनात टीआई अरविंद कुजूर ने अपने आवास पर सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी...खबर पाते ही आलाधिकारियों ने उनके आवास पर जाकर जांच की...देर रात टीआई के परिजन सागर से छतरपुर आये...मृतक टीआई का जिला अस्पताल मे डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया जिसके बाद पुलिस लाइन मे डीआईजी ,एसपी ,विधायक सहित पुलिस के आलाधिकारी और आम नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी...इसके बाद मृतक टीआई का शव उनके परिजनों को सौंपकर गृहनगर सागर रवाना कर दिया...जहां उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा...टीआई की आत्महत्या को लेकर पुलिस गहनता से जांच कर रही है...
Dakhal News
देवास से एक संवेदनशील मामला सामने आया है...जहां नगर निगम की अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान गरीब परिवारों के आशियाने उजाड़ दिए गए...जब निगम का बुलडोज़र इन झुग्गियों को तोड़ रहा था, तब परिवार खाना खा रहे थे...घटना ने संवेदनशीलता और प्रशासन की कार्रवाई पर नई बहस छेड़ दी है... देवास शहर के उज्जैन रोड ब्रिज के नीचे और मुख्य मार्ग के पास की कई झुग्गी-झोपड़ियों को नगर निगम ने अवैध कब्जे के नाम पर तोड़ दिया...पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्हें पहले से कोई नोटिस नहीं दिया गया था और ना ही उनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था की गई... वहीं निगम अधिकारियों का कहना है कि ये कब्जे अवैध थे और पहले ही नोटिस जारी कर दिया गया था...इस कार्रवाई के बाद अब सवाल उठता है कि ये गरीब परिवार अब कहां रहेंगे...
Dakhal News
सिंगरौली में उस वक़्त हड़कंप मच गया जब एक 18 साल का स्कूल छात्र बिजली के पोल पर चढ़ गया और आत्महत्या कर लेने की धमकी देने लगा...ये देखकर वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया...यातायात पुलिस की कार्रवाई से नाराज होकर छात्र ने गुस्से में ये कदम उठाया सिंगरौली के जयंत चौकी क्षेत्र मुख्य मार्ग पर उस वक़्त हड़कंप मच गया जब...एक स्कूल छात्र बिजली के पोल में चढ़कर आत्महत्या की धमकी देने लगा... बताया जा रहा है की छात्र अपने भाई के साथ बाइक से स्कूल परीक्षा देने जा रहा था.... जब पुलिस ने उसे रोककर बाइक के कागज और लाइसेंस माँगा तब छात्र ने बताया कि उसके पास लाइसेंस नहीं है...उसने पुलिस से कहा कि वह सिर्फ परीक्षा देने जा रहा है... लेकिन जब पुलिस ने छात्र की बाइक जब्त कर ली तो वो बिजली के पोल में चढ़कर ड्रामा करने लगा और आत्महत्या की धमकी भी देने लगा ... पुलिस के बार बार समझाने के बाद छात्र पोल से नीचे उतरा
Dakhal News
नैनीताल जिले के लालकुआं कोतवाली में तैनात वरिष्ठ उपनिरीक्षक हरेंद्र सिंह नेगी को पदोन्नति मिलने के बाद एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने लालकुआँ पहुँकर उन्हें तीसरा स्टार लगाकर शुभकामनाएं दी… शासन ने प्रदेश भर में 27 उपनिरीक्षकों को पदोन्नत करते हुए इंस्पेक्टर बनाया है जिसके तहत हरेंद्र सिंह नेगी को एसपी सिटी ने तीसरा स्टार लगाकर शुभकामनाएं दी और कहा कि पदोन्नति होना अपने आप में एक गर्व का पल होता है इसलिए उन्होंने कोतवाली पहुंचकर हरेंद्र नेगी को स्टार लगाया..
Dakhal News
सिंगरौली नगर निगम क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई की गई…हाई कोर्ट के निर्देश पर नगर निगम ने कई बिल्डिंगों और दुकानों को ध्वस्त किया…कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों का विरोध भी सामने आया, लेकिन अभियान निर्विवाद रूप से संपन्न हुआ… सिंगरौली नगर निगम क्षेत्र में हाई कोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए कार्रवाई की...इस दौरान उपखंड अधिकारी सृजन वर्मा और नगर निगम आयुक्त दया किशन शर्मा के नेतृत्व में कई अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया...अभियान में शहर पुलिस भी तैनात रही...हालांकि, वार्ड पार्षद संतोष उर्फ ददोली साह ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों को बिल्डिंग परमिशन मिली हुई थी, फिर भी उनके निर्माणों को गिराया गया। इस मुद्दे पर उठे सवालों के बावजूद, अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई निर्विवाद पूरी हो गई....
Dakhal News
फ्लाई ऐश परिवहन करने वाले वाहनों में टू वे कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है ... कैमरे लगाने से इन वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी ... कलेक्टर चन्द्र शेखर शुक्ला कि अध्यक्षता में एनटीपीसी से फ्लाई ऐश का परिवहन करने वाले हाईवा वाहनो के संचालन के संबंध में आवश्यक बैठक आयोजित की गई ... बैठक में कलेक्टर ने सभी विंदुओं पर विस्तृत जानकारी लेने के पश्चात निर्देश दिए गए कि राखड़ का परिवहन करने वाले समस्त वाहनों पर सात दिवस के अंदर टू वे कैमरे लागए जाये ... साथ यह सुनिश्चित किया जाये वाहनों के आगे निर्धारित गति सीमा में एक स्कार्ट वाहन चले ताकि सड़क पर होने वाली आकस्मिक दुर्घटनाओं को शून्य किया जा सके।कलेक्टर ने निर्देश दिए कि राखड़ परिवहन करने वाले वाहन निर्धारित मार्गो से परिवहन कराना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि यदि वाहनो के द्वारा वैकल्पिक मार्गो का उपयोग किया जाता है तो उन मार्गो पर वन वे ट्राफिक के साथ साथ मार्गो के संभावित स्थलो का चौड़ीकरण कराये जाने के साथ मार्ग पर उचित प्रकाश व्यवस्था भी कराया जाना सुनिश्चित किया जायें। उन्होंने निर्देश दिए कि वैकल्पिक मार्गो में राखड़ परिवहन करने वाले वाहन दस-दस के कान्वाय के रूप में स्कार्ट वाहन के द्वारा निर्धारित गति सीमा पर वाहन को चलाया जायें तथा यह सुनिश्चित किया जाये कि वाहन की गति सीमा 20 किलोमीटर प्रति घण्टे से अधिक न हो ...
Dakhal News
जबलपुर । जैसे-जैसे मार्च क्लोजिंग आ रही है वैसे-वैसे जबलपुर नगर निगम की वसूली अभियान में तेजी आ रही है। न केवल नागरिकों से बल्कि सरकारी संस्थानों से भी वसूली का क्रम जारी है। इसी सिलसिले में शुक्रवार काे जबलपुर विकास प्राधिकरण से बकाया रकम वसूली गई। निगमायुक्त प्रीति यादव ने बताया कि आज जबलपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा संपत्तिकर बकाया राशि 68 लाख 33 हजार 2 सौ 90 रुपये का चेक निगम खजाने में जमा किया गया है। इसके लिए संभाग क्रमांक 13 मुख्यालय के राजस्व वसूली टीम के सदस्य अपर आयुक्त अंजू सिंह, राजस्व एवं संभागीय अधिकारी राकेश तिवारी की मेहनत रंग लाई है। टीम के सदस्यों को जबलपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक वैद्य के द्वारा उक्त धनराशि का चेक प्रदान किया गया। टीम के सदस्यों ने एक सप्ताह से बकाया करों की राशि की गणना की और उन्हें अवगत कराया तथा लगातार एक सप्ताह तक उनसे सम्पर्क स्थापित कर आज उक्त धनराशि का चेक निगम खजाने में जमा कराया। जबलपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ दीपक वैद्य के द्वारा धनराशि का चेक प्रदान किया गया।
Dakhal News
ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के मामले में लेकर एक नया मोड़ सामने आया है...उच्च न्यायालय ने सिंगल बेंच के आदेश को पलटते हुए कलेक्टर सिंगरौली द्वारा जारी कुर्की आदेश को निरस्त कर दिया...इस फैसले से कई लाभार्थियों को राहत मिली है... चित्रसेन और उनके रिश्तेदार दुर्गाशंकर के बीच भूमि मुआवजे को लेकर विवाद था, जिसके बाद सिंगल बेंच के आदेश पर कलेक्टर ने कुर्की का आदेश जारी किया गया था...लेकिन डबल बेंच के न्यायाधीशों ने इसे निरस्त करते हुए मामला उचित प्राधिकरण को सौंपने का निर्देश दिया... बेंच के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद कई प्रभावित लोगों को राहत मिली...
Dakhal News
परासिया विधानसभा में कोसमी सिद्ध मंदिर प्राचीन काल से हनुमान जी का मंदिर है...यहां राधेश्याम सिकंदरपुरे लोगों ने जमीन दान दी थी लेकिन अब जमीन के दाम बढ़ने से उनके मन में लालच आ गया और उन्होंने उस पर कब्जा कर लिया जिसका विश्व हिन्दू परिषद ने विरोध किया है... दानदाताओं के मन में लालच आने से वे मंदिर की खाली जमीन पे अपना अधिकार बताकर कब्जा करने लगे...इस कब्जे को हटाने के लिए कोसमी मंदिर समिति ने बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के साथ sdm पुष्पेंद्र निगम को इसके खिलाफ ज्ञापन सौंपा और जल्द से जल्द ऐसे लोगों पर कार्यवाही कर अतिक्रमण हटाए जाने की मांग की है...परिषद का कहना है कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो हिन्दू समाज सड़क पे उतरकर आंदोलन करेगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होंगी....
Dakhal News
भोपाल । मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में व्यवसाय और श्रम कार्य के लिये ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गरीब परिवारों को नगरीय एवं आवास विभाग द्वारा रियायती दर मात्र 5 रुपये में थाली उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश में संचालित दीनदयाल रसोई योजना का 3 चरणों में विस्तार किया गया है। योजना में अब तक 4 करोड़ से अधिक भोजन थाली जरूरतमंदों को उपलब्ध कराई जा चुकी है।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में 124 नगरीय निकायों में 191 रसोई केन्द्र संचालित हो रहे हैं। इनमें 166 स्थायी और 25 चलित रसोई केन्द्रों से शहरी जरूरतमंदों को भोजन थाली उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश के 16 नगर निगमों में 58 स्थायी रसोई केन्द्र, 99 नगरपालिका परिषद में 99 स्थायी रसोई केन्द्र और 9 नगर परिषदों में 9 स्थायी रसोई केन्द्र संचालित हो रहे हैं। प्रदेश में संचालित 25 चलित रसोई केन्द्र में से 16 नगर निगमों में 23 चलित रसोई केन्द्र और 2 नगरपालिका परिषद में 2 चलित रसोई केन्द्र संचालित हो रहे हैं। नगरीय निकायों में चलित रसोई केन्द्र की सुविधा इसलिये प्रारंभ की गई है कि जरूरतमंदों को उनके श्रम स्थान पर पहुंचकर ही भोजन थाली उपलब्ध कराई जा सके।संस्था को दी जाने वाली अनुदान राशिनगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा रसोई योजना संचालित करने वाली संस्था को विभाग द्वारा प्रति थाली 10 रुपये अनुदान राशि उपलब्ध करायी जा रही है। रसोई योजना का संचालन प्रतिदिन प्रात: 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक रसोई केन्द्र में स्वच्छता के साथ किये जाने की व्यवस्था की गयी है। व्यवस्था की निगरानी की जिम्मेदारी नगरीय निकायों के अमले को सौंपी गयी है। शहरी क्षेत्र में 25 चलित रसोई केन्द्रों के लिये सुसज्जित वाहन विभाग द्वारा नगरीय निकायों को दिये गये हैं। प्रदेश के 6 धार्मिक नगरों मैहर, चित्रकूट, ओंकारेश्वर, महेश्वर, ओरछा और अमरकंटक में भी रसोई केन्द्र की व्यवस्था की गयी है। इन धार्मिक नगरों में बड़ी संख्या में निर्धन वर्ग के श्रद्धालु इन स्थानों पर पहुंचते हैं। विभाग द्वारा योजना के विस्तार के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
Dakhal News
भोपाल । आगामी 8 मार्च, शनिवार को नेशनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण को आपसी समझौतो से निराकृत किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विद्युत अधिनियम 2003 धारा 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की है कि वे अप्रिय कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें।जनसंपर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने गुरुवार को बताया कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि धारा 135 के अंतर्गत अदालत में लंबित प्रकरणों का निराकरण करने के लिये निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्रकरणों में ही छूट दी जाएगी।प्रि-लिटिगेशन स्तर परकंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।लिटिगेशन स्तर परकंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।लोक अदालत में छूट नियम एवं शर्तों के तहत दी जाएगीआवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता व उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन व संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी व अनधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी व अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत व अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता व उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। नेशनल लोक अदालत में दी जा रही छूट आंकलित सिविल दायित्व राशि 10 लाख रूपये तक के प्रकरणों के लिए सीमित रहेगी। यह छूट मात्र नेशनल ‘‘लोक अदालत‘‘ 8 मार्च 2025 को समझौते करने के लिये ही लागू रहेगी।
Dakhal News
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने दुबई में हुए प्रैक्टिस सेशन में भाग नहीं लिया, हालांकि वह टीम के साथ मैदान पर मौजूद रहे। वहीं, वाइस कैप्टन शुभमन गिल की तबियत ठीक नहीं होने के कारण ग्राउंड पर नहीं आए। हालांकि, टीम इंडिया की ओर से रोहित और गिल को लेकर अभी तक कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है। भारत को चैंपियंस ट्रॉफी में आखिरी लीग मैच रविवार यानी 2 मार्च को दुबई के इंटरनेशनल स्टेडियम में खेलना है। टीम इंडिया ने बुधवार रात को ICC अकादमी में फ्लड लाइट में तीन घंटे अभ्यास किया। विराट कोहली ने नेट्स में जमकर प्रैक्टिस की, वहीं मोहम्मद शमी भी पूरी लय में गेंदबाजी करते नजर आए। रोहित शर्मा को 23 फरवरी को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए दूसरे लीग मैच में चोट लग गई थी। रोहित प्रैक्टिस सेशन के दौरान बाहर से अन्य खिलाड़ियों को बल्लेबाजी करते हुए देखते रहे। ऐसा माना जा रहा है कि वह सावधानी बरत रहे हैं, ताकि 2 मार्च को न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के तीसरे लीग मैच से पहले उनकी चोट और न बढ़ जाए। साथ ही वे 4 मार्च को सेमीफाइनल में खेल सकें। अगर भारत फाइनल में पहुंचता है तो इसमें भी खेल सकें।
Dakhal News
जब वैवाहिक कलह के कारण घरेलू विवाद उत्पन्न होते हैं, तो अक्सर पति के परिवार के सभी सदस्यों को फंसाने की कोशिश की जाती है। अदालतों को दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें सतर्क रहना होगा कि कहीं कानून का दुरुपयोग कर पति के रिश्तेदारों को फंसया तो नहीं जा रहा। अदालतों को निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाना चाहिए।पुरुषों के अधिकारों से तात्पर्य कानूनी और सामाजिक अधिकारों से है, जो ख़ासतौर पर पुरुषों के सामने आने वाली समस्याओं को सम्बोधित करते हैं। भारत में, जबकि महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना जरूरी है, पुरुषों की चुनौतियों पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है, जैसे धारा 498ए आईपीसी के तहत घरेलू हिंसा के मामलों में झूठे आरोप, मानसिक स्वास्थ्य सहायता की कमी और सीमित पैतृक अधिकार। साझा पालन-पोषण कानूनों के इर्द-गिर्द हाल की बहसें लैंगिक न्याय के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता को उजागर करती हैं। भारत में पुरुषों के अधिकारों को अक्सर लैंगिक समानता पर व्यापक चर्चा में कम ध्यान दिया जाता है। घरेलू दुर्व्यवहार के शिकार के रूप में पुरुषों को कानूनी मान्यता नहीं मिलती है, जिससे सुरक्षा की मांग करना या दुर्व्यवहार के मामलों की रिपोर्ट करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। जीवनसाथी द्वारा भावनात्मक, वित्तीय या शारीरिक शोषण के शिकार पुरुषों को सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है और घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005 जैसे मौजूदा ढाँचों के तहत कानूनी सहारा नहीं मिलता है। पुरुषों से भावनाओं को दबाने की सामाजिक अपेक्षाएँ उनके मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा करती हैं, जिससे आत्महत्या की दर और अनुपचारित मनोवैज्ञानिक समस्याएँ बढ़ती हैं। 2022 के एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि आत्महत्या के 72.5% मामले पुरुषों के हैं, जो लिंग-संवेदनशील मानसिक स्वास्थ्य नीतियों की आवश्यकता पर बल देता है। तलाक या अलगाव कानून मातृ हिरासत का पक्ष लेते हैं, पिता की भूमिका को हाशिए पर डालते हैं और बच्चे के पालन-पोषण में उन्हें समान अधिकारों से वंचित करते हैं। अभिभावक और वार्ड अधिनियम, 1890, मातृ हिरासत को प्राथमिकता देता है जब तक कि माँ को अयोग्य नहीं माना जाता है, जिससे माता-पिता की भागीदारी के लिए पिता के अवसर सीमित हो जाते हैं। धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न) जैसे लिंग-विशिष्ट कानूनों का कभी-कभी दुरुपयोग किया जाता है, जिससे निर्दोष पुरुषों को प्रतिष्ठा, वित्तीय और भावनात्मक नुक़सान होता है। राजेश शर्मा बनाम यूपी राज्य (2017) में, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 498ए के दुरुपयोग को नोट किया और झूठे आरोपों के खिलाफ सुरक्षा उपाय पेश किए। पुरुषों के पास शिकायतों को दूर करने के लिए समर्पित संस्थान या हेल्पलाइन का अभाव है सामाजिक रूढ़िवादिता पुरुषों को अपराधी के रूप में चित्रित करती है, संस्थागत दृष्टिकोण को प्रभावित करती है और कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार या यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में उचित उपचार को सीमित करती है। विशाखा दिशा-निर्देश केवल महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर उत्पीड़न को कवर करते हैं, जिससे पुरुष पीड़ितों को भारतीय कानून के तहत समान सुरक्षा नहीं मिलती है। यौन शोषण के वयस्क पुरुष उत्तरजीवी कानूनी ढांचे में अपरिचित रहते हैं, जिससे उन्हें वैधानिक उपचार या संस्थागत सहायता से वंचित रखा जाता है। उदाहरण के लिए, आईपीसी की धारा 375 बलात्कार को केवल एक महिला के दृष्टिकोण से परिभाषित करती है, जिससे यौन उत्पीड़न के पुरुष उत्तरजीवी बिना किसी सहारे के रह जाते हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम और आईपीसी की धारा 498ए जैसे मौजूदा कानूनों को संशोधित करके उन्हें लिंग-तटस्थ बनाया जाए, जिससे घरेलू हिंसा और झूठे आरोपों के खिलाफ पुरुषों के लिए समान सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। कनाडा और यूके जैसे देशों में घरेलू हिंसा कानून लिंग-तटस्थ हैं। साझा पालन-पोषण की अवधारणा ऑस्ट्रेलिया में अच्छी तरह से स्थापित है, जो हिरासत के निर्णयों में दोनों माता-पिता के लिए समान विचार को अनिवार्य बनाती है। जापान ने तनाव कम करने को लक्षित करते हुए कार्यस्थल मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिन्हें लिंग-विशिष्ट चिंताओं को शामिल करने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। केरल में पुलिस के लिए नियमित संवेदीकरण कार्यशालाओं के परिणामस्वरूप लिंग-आधारित शिकायतों का अधिक संतुलित संचालन हुआ है। संगठनों को समावेशी कार्यस्थल नीतियों को बाध्यकारी किया जा सकता है जो पितृत्व अवकाश, पुरुषों द्वारा सामना किए जाने वाले यौन उत्पीड़न और मानसिक स्वास्थ्य सहायता जैसे मुद्दों को सम्बोधित करती हैं। स्वीडन की पैतृक अवकाश नीति पिता को समान अवकाश प्रदान करती है, जो घर पर साझा पालन-पोषण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है। लैंगिक न्याय के लिए संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए पुरुषों के अधिकारों को समान ईमानदारी से सम्बोधित करने की आवश्यकता है। लैंगिक-तटस्थ कानून, मानसिक स्वास्थ्य सहायता में वृद्धि और सामाजिक रूढ़ियों को ख़त्म करने के लिए जागरूकता अभियान महत्त्वपूर्ण क़दम हैं। जैसा कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने कहा था, "किसी भी जगह अन्याय हर जगह न्याय के लिए ख़तरा है।"
Dakhal News
संसार प्रत्यक्ष है। संसार समझने के लिए प्रकृति-प्रदत्त पाँच इन्द्रियाँ हैं। आँख से देखते हैं, कानों से सुनते हैं। त्वचा से स्पर्श करते हैं। जीभ से स्वाद लेते हैं और नाक से सूंघते हैं। संक्षेप में रूप, रस, गंध, ध्वनि और स्वाद ही संसार समझने के उपकरण हैं। मन को इनका स्वामी बताया गया है। दृश्य पर मन न लगे तो देखना व्यर्थ हो जाता है। गीत-संगीत में मन न लगे तो सुनना बेकार। यही बात सभी इन्द्रियों पर लागू होती है। पढ़ता-सुनता आया हूँ कि इन्द्रियों से प्राप्त सूचना मस्तिष्क तक जाती है। मस्तिष्क निर्णय लेता है। मस्तिष्क में लाखों कोष हैं। इसमें अध्ययन-अनुभव के संग्रह हैं। प्रकृति सुंदर संरचना है। इसके रहस्य जटिल हैं। मनुष्य की आंतरिक संरचना और भी जटिल है। मैं विद्यार्थी की तरह सत्य जानने का प्रयास करता हूँ लेकिन निष्कर्षों के प्रति संशय बना रहता है। जीवन की लम्बाई व गहराई से अनुभव बढ़े हैं। लोभ घटे हैं। यश-लिप्सा बढ़ी है। राग बढ़ा है। द्वेष घटा है। क्या इसका कारण अनुभूतियाँ हैं? इसपर संशय है। मैं इस संशय का कारण जानना चाहता हूँ। प्रत्येक कार्य का कारण होता है। संशय का भी कारण होना चाहिए। संशय के कारण अनेक हैं लेकिन मुख्य कारण सत्य के अनुसंधान में संशय का सदुपयोग करना है। संभवतः बढ़ी उम्र के कारण जीवन-वीणा के सुर गहन हुए हैं। गीत-संगीत आकर्षित करते हैं। संसार के प्रति आसक्ति घटी है। सुखद स्मृतियाँ न सोने देती हैं, न जागने। मन ही मन अपनी ही वाह-वाह करते हैं। कुछ मित्र हमारे लेख की प्रशंसा करते हैं। हम आनंदित होते हैं। इस लिप्सा का कारण समझ में नहीं आता। लाखों बार छपने के बाद भी यह तृष्णा वैसी ही क्यों है? मैं संशयी हूँ। अपना मत प्रसारित करने की इच्छा सब लोगों में होती है। रेने डेकार्ट (1596-1650) प्रतिष्ठित बुद्धिवादी दार्शनिक थे। वे इन्द्रियों से प्राप्त अनुभव को वास्तविक ज्ञान नहीं मानते थे। उनके मतानुसार वास्तविक ज्ञान बुद्धि-प्रत्ययों (कंसेप्ट) से ही संभव है। मनुष्य की बुद्धि को कुछ सत्यों की जानकारी जन्म के साथ ही मिलती है। ऐसा कम या ज्यादा सभी मनुष्यों में होता है। जनचर्चा में इसे गॉड-गिफ्टेड कहा जाता है। डेकार्ट दर्शन में प्रभुत्व और परंपरा के विरोधी थे। उन्होंने दो धारणाओं की स्थापना की। पहली धारणा के अनुसार ”बुद्धि में यथार्थ-ज्ञान प्राप्त करने की अपूर्व क्षमता” है। दूसरी धारणा के अनुसार ”मनुष्य की बुद्धि में यथार्थ-ज्ञान को अयथार्थ से पृथक करने की कसौटी” भी है। उन्होंने बुद्धि की इन दोनों क्षमताओं को ”बुद्धि का स्वाभाविक प्रकाश” कहा है। डेकार्ट के अनुसार बुद्धि के दो कार्य हैं। उन्होंने पहले को ‘इन्ट्यूशन‘ कहा है। प्रयाग विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जगदीश श्रीवास्तव ने ‘इनट्यूशन‘ को हिन्दी में प्रतिभान कहा है। यह शब्द उचित भी है। भान आंतरिक अनुभव से प्राप्त ज्ञान है। उन्होंने प्रातिभान की परिभाषा भी की है, ”प्रतिभान से हमारा तात्पर्य इन्द्रियों के अस्थिर साक्ष्य से नहीं है और भ्रामक निर्णय से भी नहीं। प्रतिभान-धारणा विशुद्ध और सजग बुद्धि से प्राप्त होती है। तब संशय या अनिश्चितता नहीं रह जाती।” उन्होंने बुद्धि का दूसरा कार्य निगमन बताया है। बुद्धि द्वारा किसी विषय पर खण्डशः विचार-निगमन होता है। यह शुद्ध बुद्धि से ही संभव है। बुद्धि विभिन्न कारणों से दोषपूर्ण भी हो सकती है। अंधविश्वास में बुद्धि शुद्ध नहीं रहती, तब बुद्धि निगमन का कार्य नहीं कर पाती। डेकार्ट के अनुसार बुद्धि को शुद्ध रखना, भ्रमों और पूर्वाग्रहों से मुक्त रखना निगमन के लिए आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने ‘सुव्यवस्थित‘ संशय की जरूरत बताई है कि ”हमें अपने सभी मतों पर तब तक संशय करना चाहिए जब तक हम उनकी प्रामाणिकता के प्रति आश्वस्त न हों।” डेकार्ट का ‘संशय‘ ज्ञान का साधन है। ब्रिटिश दार्शनिक फ्रांसिस बेकन ने भी चिंतन को पूर्वाग्रहों से मुक्त रखने का विचार दिया है। अब मेरे मन में अपने संशय को लेकर भी संशय है कि विद्यार्थी-जीवन में ही मेरे चित्त में संशय का जन्म क्यों हुआ था? पाश्चात्य दर्शन में बुद्धिवाद है। भारतीय चिंतन में बुद्धि की महत्ता है। यहाँ बुद्धि, साध्य नहीं है, ज्ञान-प्राप्ति का साधन है। गीता (2.39) में श्रीकृष्ण, अर्जुन से कहते हैं, ”मैंने सांख्य (दर्शन) के अनुसार ज्ञान का विवेचन किया है, अब बुद्धि-योग बताता हूँ। सुनो। ऐसे ज्ञान से तुम कर्म बंधन से मुक्त हो जाओगे।” इस श्लोक में सांख्य का अर्थ ज्ञान-प्राप्ति की विश्लेषण पद्धति है। गीता का बुद्धियोग, डेकार्ट, स्पिनोजा आदि दार्शनिकों के बुद्धिवाद से उच्चतर है। गीता (10.10) में प्रसंग भक्ति का है। भक्ति में आस्था और विश्वास अपरिहार्य है। माना जाता है कि भक्ति की पूर्णता में आराध्य ईश्वर या भगवान की प्राप्ति संभव है। लेकिन गीता के इस श्लोक में प्रीतिपूर्वक सतत् भक्ति करने वाले को बुद्धि-योग की प्राप्ति होती है। ”सतत् युक्तानां भजतां प्रीतिपूर्वम्।” यह श्लोक काफी रोचक है। यहाँ भक्ति का परिणाम भगवान का दर्शन नहीं, बुद्धि-योग है और बुद्धि-योग की यात्रा में तर्क-संशय की उपयोगिता है। प्रकृति को ध्यान से देखने का अपना आनंद है लेकिन देखने और दर्शन करने में आधारभूत अंतर है। देखने का सामान्य उपकरण आँखें हैं। हम आँख से देखने के साथ सुनना, सूँघना, स्पर्श और स्वाद भी जोड़ सकते हैं लेकिन दर्शन में ज्ञान-मीमांसा है, बुद्धि है। सोच-विचार की आगमन-निगमन-प्रणाली है। विवेचन है। तर्क-पद्धति है। अनुभवों से प्राप्त सत्य है और तथ्य भी है। विज्ञान द्वारा खोजे गए सूत्र व आविष्कार हैं। वैज्ञानिक सत्य प्रयोगसिद्ध भी हैं। दर्शन और विज्ञान, जिज्ञासा और तर्क को महत्व देते हैं। भारत में तीर्थ-यात्राएँ होती हैं। मंदिर और मूर्तियों के दर्शन की परंपरा है। हम मूर्ति और मंदिर देखते हैं लेकिन इस आस्तिक कर्म को दर्शन करना कहते हैं। मूर्ति को देखने और दर्शन करने में अंतर है। देखने में मूर्ति पत्थर या धातु है। लेकिन मूर्ति के भीतर देव का दर्शन करते हैं। भौतिक विज्ञान के पास ऐसी आस्तिकता का औचित्य नहीं है। दर्शन में भी इसका उत्तर नहीं है। यह भक्तिभाव का प्रभाव है और यह प्रभाव कमजोर नहीं होता। कमजोर होता तो प्रभावित कैसे करता? संशयी विद्यार्थी ऐसे प्रभावों का भी विवेचन करते हैं। बुद्धि, ज्ञान का उपकरण है। बुद्धि के प्रयोग में समग्र दृष्टि का ही उपयोग है। ज्ञान-प्राप्ति के लिए अखण्ड और कुशाग्र बुद्धि जरूरी है। कुशाग्र का अर्थ कुश का अग्र या नुकीला भाग होता है। खंडित बुद्धि संसार को खण्डित, विभाजित देखती है। अखण्ड बुद्धि से प्राप्त ज्ञान भी अखण्ड होता है। अखण्ड और कुशाग्र बुद्धि के लिए गीता (2.41) में ‘व्यवसायात्मिका‘ और खण्डित बुद्धि के लिए ‘अव्यावसायिक‘ शब्द प्रयोग हुआ है, ”व्यवसाय-आत्मिक बुद्धि है। संसार में अनेक रूप हैं लेकिन अस्तित्व एक अखण्ड है। कुछ लोग रूपों में विभाजित अस्तित्व को विभक्त देखते हैं और शुद्ध बुद्धि वाले विभाजित प्रतीत होने वाले अस्तित्व को अखण्ड अविभाजित देखते हैं। गीता में अविभाजित देखने वाले को सही बताया गया है-यः पश्यति, सः पश्यति।
Dakhal News
ऊर्जा मंत्रालय के अधीनस्थ ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा ऊर्जा दक्षता तथा संरक्षण में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए प्रतिवर्ष 14 दिसम्बर को ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ का आयोजन विशेष थीम के साथ किया जाता है। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस की इस वर्ष की थीम है ‘स्थायित्व को बढ़ावा देना: हर वाट मायने रखता है।’ ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा वर्ष 2001 में देश में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम लागू किया गया था। दरअसल, दुनियाभर में पिछले कुछ दशकों में जनसंख्या तेजी से बढ़ी है और उसी के अनुरूप ऊर्जा की खपत भी निरन्तर बढ़ रही है लेकिन दूसरी ओर जिस तेजी से ऊर्जा की मांग बढ़ रही है, उससे भविष्य में परम्परागत ऊर्जा संसाधनों के नष्ट होने की आशंका बढ़ने लगी है। अगर ऐसा होता है तो मानव सभ्यता के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लग जाएगा। यही कारण है कि भविष्य में उपयोग हेतु ऊर्जा के स्रोतों को बचाने के लिए विश्वभर में ऊर्जा संरक्षण की ओर विशेष ध्यान देते हुए इसके प्रतिस्थापन के लिए अन्य संसाधनों को विकसित करने की जिम्मेदारी बढ़ गई है। ऊर्जा के अपव्यय को कम करने, ऊर्जा बचाने और इसके संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए ही देश में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। यह दिवस प्रतिवर्ष एक खास विषय के साथ कुछ लक्ष्यों तथा उद्देश्यों को मद्देनजर रखते हुए लोगों के बीच इन्हें अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए मनाया जाता है। वास्तव में इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग को न्यूनतम करते हुए लोगों को मानवता के सुखद भविष्य के लिए ऊर्जा की बचत के लिए प्रेरित करना ही है। विद्युत मंत्रालय द्वारा देश में ऊर्जा संरक्षण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए शुरू किया गया ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण अभियान’ एक राष्ट्रीय जागरूकता अभियान है। देश में ऊर्जा संरक्षण तथा कुशलता को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 1977 में केन्द्र सरकार द्वारा पैट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान एसोसिएशन का गठन किया गया था। ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में आम जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए वर्ष 2001 में एक अन्य संगठन ‘ऊर्जा दक्षता ब्यूरो’ स्थापित किया गया। ब्यूरो का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति छोटे-छोटे कदम उठाकर अपने घर अथवा कार्यालय में लाइट, पंखे, हीटर, कूलर, एसी तथा बिजली के अन्य किसी भी उपकरण के अनावश्यक उपयोग पर नियंत्रण करते हुए ऊर्जा की बचत कर सकता है। कुछ छोटे उपायों का उल्लेख किया जाए तो पुराने बल्वों के स्थान पर सीएफएल या एलईडी बल्वों का इस्तेमाल किया जाए। आईएसआई चिन्हित विद्युत उपकरणों का ही उपयोग करें। यथासंभव दिन के समय सूर्य की रोशनी का अधिकतम उपयोग किया जाए और जरूरत न होने पर लाइटें, पंखे, कूलर, एसी, हीटर, गीजर इत्यादि विद्युत उपकरण बंद रखें। खाना पकाने के लिए बिजली के उपकरणों के बजाय सोलर कुकर और पानी गर्म करने के लिए बिजली के गीजर के बजाय सोलर वाटर हीटर के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। भवन निर्माण के समय प्लाट के चारों ओर वृक्ष लगाए जाएं तो प्रचण्ड गर्मी में भी भवन गर्म होने से बचेंगे और कूलर, एसी इत्यादि की जरूरत कम होगी। मकानों या कार्यालयों में दीवारों पर हल्के रंगों के प्रयोग से कम रोशनी वाले बल्बों से भी कमरे में पर्याप्त रोशनी हो सकती है। इससे न केवल ऊर्जा संरक्षण अभियान में सहभागी बनकर हम भविष्य के लिए ऊर्जा बचाने में मददगार बनेंगे बल्कि अपना बिजली बिल भी सीमित रख सकेंगे। सार्वजनिक स्थानों पर सौर लाइटों की व्यवस्था होनी चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार कार्यस्थल पर दिन के समय प्राकृतिक रोशनी में कार्य करने वाले लोगों की कार्यकुशलता में वृद्धि होती है और ऊर्जा की खपत में अपेक्षित कमी आती है। वहीं, तेज कृत्रिम रोशनी वाले स्थानों पर काम करने से कर्मियों में तनाव, सिरदर्द, रक्तचाप, थकान जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखी जाती हैं और उनकी कार्यकुशलता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए ऑफिस में यदि पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी का व्यवस्था हो तो इससे ऊर्जा संरक्षण होने के साथ-साथ कर्मचारियों की कार्यक्षमता भी बढ़ती है। प्रतिवर्ष देश में हजारों गैलन पानी बर्बाद होता है, इसलिए ऊर्जा संरक्षण की बात करते समय जल की बर्बादी को रोकने पर पर्याप्त ध्यान दिया जाना भी बेहद जरूरी है। न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के समक्ष बिजली जैसी ऊर्जा की महत्वपूर्ण जरूरतें पूरी करने के लिए सीमित प्राकृतिक संसाधन हैं, साथ ही पर्यावरण असंतुलन और विस्थापन जैसी गंभीर चुनौतियां भी हैं। ऐसी गंभीर समस्याओं और चुनौतियों से निपटने के लिए अक्षय ऊर्जा ऐसा बेहतरीन विकल्प है, जो पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के साथ-साथ ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में भी कारगर साबित होगा लेकिन ऊर्जा के संसाधन गैर-अक्षय हों या अक्षय, हमें अपने जीवन में ऊर्जा के महत्व को समझते हुए ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक होना ही होगा।
Dakhal News
देश में दवाओं की कीमत सरकार नहीं डॉक्टर खुद तय कर रहे हैं। डॉक्टर अपने मुताबिक ब्रांड बनवाते हैं, कीमतें फिक्स करते हैं। 38 रुपए की दवा की एमआरपी 1200 रुपए कर दी जा रही है। यह महज उदाहरण है, तमाम दवाइयों में ऐसा किया जा रहा है। एक्सपर्ट मानते हैं कि 20 साल में 40 हजार करोड़ से दवा का कारोबार 2 लाख करोड़ के करीब पहुँच गया है। इसका बड़ा कारण वह एमआरपी में बड़े खेल को मानते हैं। 2005 से 2009 तक 50 प्रतिशत एमआरपी पर दवाएँ बिक रही थी। अगर 1200 रुपए की एमआरपी है तो डीलर को 600 रुपए में दी जाती थी। अब डॉक्टर अपने हिसाब से एमआरपी तय करवा रहे हैं। जबकि नियमों के अनुसार दवाओं की कीमतें डॉक्टर नहीं बल्कि दवा बनाने वाली कंपनियाँ तय करती हैं। दवाओं के रेट तय करने में कई कारक शामिल होते हैं। दवाओं पर व्यापारियों को खासा मुनाफा होता है। ब्रांडेड दवाओं पर रिटेलर ज्यादा से ज्यादा 20-25 प्रतिशत तक की छूट देते हैं। जेनेरिक दवाओं पर 50-70 प्रतिशत तक की छूट मिलती है। जेनेरिक दवाएँ सस्ती होती हैं क्योंकि उन्हें महंगी जांचों से नहीं गुजरना पड़ता। दवा खरीदते समय, दवा के रैपर पर क्यूआर कोड होना चाहिए। दवा के रैपर पर क्यूआर कोड से दवा का नाम, ब्रैंड का नाम, मैन्युफैक्चरर की जानकारी, मैन्युफैक्चरिंग की तारीख और एक्सपायरी की तारीख मिलती है। दवाओं या उनके अवयवों के बारे में जानकारी के लिए डॉक्टर या फार्मासिस्ट से पूछा जा सकता है। मगर जो दवाएँ सरकार के कंट्रोल से बाहर हैं, उनमें मनमानी दवा की क्वालिटी और एमआरपी की निगरानी के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइस अथॉरिटी काम करती है। सरकार ड्रग्स प्राइस कंट्रोल ऑर्डर के माध्यम से दवा की एमआरपी पर नियंत्रण रखती है। आवश्यक और जीवनरक्षक दवाओं के लिए अधिकतम मूल्य निर्धारित करने के साथ डीपीसीओ की जिम्मेदारी मरीजों के लिए दवाएँ सस्ती और सुलभ कराने की भी है। सरकार जिन दवा को डीपीसीओ के अंतर्गत लाती है, उनकी एमआरपी तो कंट्रोल में होती है लेकिन सैकड़ों फॉर्मूले की दवाएँ आज भी सरकार के कंट्रोल से बाहर हैं, जिसकी एमआरपी में मनमानी चल रही है। दवाओं की कीमतों में इजाफे को लेकर सरकार की गाइडलाइन है कि एक साल में 10 प्रतिशत ही एमआरपी बढ़ाई जा सकती है। लेकिन कंपनियाँ प्रोडक्ट्स का नाम बदल कर हर साल डॉक्टरों की डिमांड वाली एमआरपी बना रही हैं। कंपनियाँ अलग डिवीजन और ब्रांड बदल कर एमआरपी अपने हिसाब से फिक्स कर देती हैं। फार्मा फैक्ट्रियों से ही देश में दवाएँ सप्लाई की जाती हैं। कंपनियों और डॉक्टरों के इस खेल में कंपनियाँ अपने मुनाफे के लिए नियमों को ताक पर रखकर डॉक्टरों के हिसाब से न सिर्फ दवाएँ बनाने के लिए तैयार हो जाती हैं, बल्कि मनमानी कीमत तय कर देती हैं। तभी तो देशभर में डॉक्टर और हॉस्पिटल खुद अपनी दवाएँ बनवा रहे हैं और मनमाफिक मूल्य पर बेच रहे हैं। डॉक्टर और हॉस्पिटल खुद अपनी दवाएँ बनवा रहे हैं और माइक्रो पायलट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे ही एक्सपायरी निर्धारित होती है। अगर दवा में माइक्रो पायलट की क्वालिटी थोड़ी डाउन कर दी जाए तो मार्जिन बढ़ जाएगा लेकिन एक्सपायरी का समय कम हो जाएगा। इसके पीछे कारण यह कि मटेरियल और एक्सपायरी को लेकर सरकार की कोई गाइडलाइन नहीं है। एक्सपायरी की डेट भी कंपनियाँ तय करती हैं। सरकार के कंट्रोल में जो दवाएँ हैं, इसे लेकर थोड़ी सख्ती है। बाकी मेडिसिन पर कोई खास निगरानी नहीं है। ये गंभीर विषय है कि दवा का निर्माण, आयात या बिक्री करने वाली कंपनियाँ ही दवा की कीमतें निर्धारित करती हैं। नियमों में कहा गया है कि केवल प्रिस्क्रिप्शन वाली दवा और ओवर-द-काउंटर दवा के प्रकार जो केवल फार्मेसियों में बेचे जा सकते हैं, उन्हें सभी फार्मेसियों में बिल्कुल एक ही कीमत पर बेचा जाना चाहिए। इसलिए क्योंकि दवाओं की कीमतें फार्मेसियों के बीच उतार-चढ़ाव नहीं करती हैं, जिसका अर्थ है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अपना प्रिस्क्रिप्शन भरने के लिए किस फार्मेसी को चुनते हैं। यही नहीं, दवा बनाने वाली कंपनियों पर ये नियम सख्ती से लागू किये जाएं कि वह हर साल्ट का मूल्य भारत सरकार के नियमानुसार एक जैसा निर्धारित करे, चाहे ब्रांड कोई भी हो। मूल्य ब्रांड पर न होकर साल्ट पर हो ताकि डॉक्टरों और कंपनियों के काले धंधे पर लगाम लगे और मरीज को 300 रुपये का इंजेक्शन बारह सौ में न खरीदना पड़े। हर्बल दवाइयों और ओवर-द-काउंटर दवाइयों के प्रकार जो फार्मेसी के अलावा सुपरमार्केट और कियोस्क जैसी अन्य दुकानों में बेची जा सकती हैं, उनकी भी कीमतों में बदलाव की अनुमति सरकार की तरफ से हो। ये कीमतें पूरी तरह स्टोर द्वारा निर्धारित की जाती हैं इसलिए ग्राहक को एक स्टोर से दूसरे स्टोर में कीमतों में अंतर का अनुभव होता है।
Dakhal News
वैसे तो इस दौर में पूरी युवा पीढ़ी ही भयावह मानसिक व्याधि से विचलित है, इनमें विशेषत: छात्र विचलन गंभीर चिंता का विषय है। हमारे देश में प्रति 100 में 15 से अधिक छात्र अवसाद, चिंता और आत्मघात से पीड़ित पाए जा रहे हैं। कठिन प्रतिस्पर्धा और पढ़ाई-लिखाई में अनुशासन आदि को लेकर तनाव बढ़ रहा है, उससे न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था से जुड़े लोगों बल्कि पूरे समाज की चिंता बढ़ती गई है। पारिवारिक दबाव, शैक्षिक तनाव और पढ़ाई में अव्वल आने की महत्वाकांक्षा ने छात्रों के एक बड़े वर्ग को गहरे मानसिक अवसाद में डाल दिया है। अभिभावकों की उम्मीदों पर खरा नही उतर पाने वाले, परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले बच्चों को घर पर पिटना पड़ता है। परीक्षा और नतीजों के दबाव में छात्रों की आत्महत्याएँ आम होती जा रही हैं। छात्र आत्महत्याओं में बेतहाशा वृद्धि के पीछे मानसिक तनाव सबसे आम कारक बन चुका है। तनावग्रस्त छात्रों की आत्महत्याओं का ग्राफ बढ़ रहा है। जैसे-जैसे परीक्षा के दिन निकट आते हैं, छात्रों का तनाव हद से गुजरने लगता है। पूरी युवा पीढ़ी का परीक्षा के दिनों में ऐसे हालात से दो-चार होना देश और समाज, अभिभावकों और शिक्षाविदों, सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। शिक्षा क्षेत्र में दशकों से व्याप्त कई बुनियादी गंभीर समस्याओं और चुनौतियों पर अभी तक पार पाने में कामयाबी नहीं मिली है।व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं को अनिवार्य कर दिए जाने के बाद से छात्रों को प्रतिस्पर्धा करने और प्रदर्शन करने के लिए भारी तनाव का सामना करना पड़ता है। प्रदर्शन के दबाव को संभालने, माता-पिता की अपेक्षाओं को पूरा करने और आकांक्षाओं को प्राप्त करने में असमर्थता मनोवैज्ञानिक संकट और बाद में अवसाद का कारण बन सकती है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली में अकादमिक उत्कृष्टता की निरंतर खोज ने अनजाने में छात्रों के बीच तीव्र दबाव और प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा कर दिया है। शैक्षणिक उपलब्धियों पर अत्यधिक ध्यान देने के साथ-साथ सामाजिक अपेक्षाओं और असफलता के डर ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डाला है। इसने चिंता, अवसाद और तनाव की वृद्धि में योगदान दिया है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए कई बार छात्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने का लगातार दबाव रहता है। वे अपनी तुलना दूसरों से करते हैं। यह अंतर्निहित दबाव मानसिक परेशानी के विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकता है, जिसमें चिंता, विफलता का डर और कम आत्मसम्मान शामिल है। गंभीर मामलों में, मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएँ आत्म-नुकसान का कारण बन सकती हैं और यहाँ तक कि आत्महत्या के प्रयासों के विचार को भी जन्म दे सकती हैं।प्रतियोगी पाठ्यक्रम के भारी-भरकम बोझ से बच्चों का मानसिक विकास अवरुद्ध हो रहा है। इससे बच्चों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। बच्चों के जीवन में तनाव के पौध की बड़ी वजह यह भी है कि लंबे समय तक स्कूल के घंटों के बाद बच्चे घर लौटते ही होमवर्क निपटाने में जुट जाते हैं। इसके बाद ट्यूशन के लिए दौड़ पड़ते हैं। खाना-पीना, सोना, खेलकूद, सब हराम हो जाता है। आराम करने और अन्य पाठ्येतर गतिविधियाँ करने का उन्हें समय ही नहीं मिलता है। ऐसे में छात्रों के लिए कम नींद और अवसाद की स्थिति या गंभीर तनाव का सबब बनी रहती है। वर्तमान प्रतियोगी दौर में छात्रों की आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। परीक्षा केंद्रित शिक्षा से भारत में छात्रों की आत्महत्याओं में अंक, अध्ययन और प्रदर्शन के दबाव के साथ अकादमिक उत्कृष्टता की तुलना करना इस अवसाद के पीछे महत्त्वपूर्ण कारक हैं। भारत में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे किसी भी छात्र के साथ एक साधारण साक्षात्कार, चाहे वह जेईई, एनईईटी या सीएलएटी हो, यह प्रकट करेगा कि छात्रों के बीच मानसिक संकट का प्रमुख स्रोत उन पर दबाव की असहनीय मात्रा है जो लगभग हर एक द्वारा डाला जाता है। हर शिक्षक, हर रिश्तेदार कठिन अध्ययन और एक अच्छे कॉलेज में प्रवेश पाने के महत्त्व को दोहराते हैं। जबकि छात्र स्नातक होने के बाद क्या करने की आकांक्षा रखता है या जहाँ उसकी रुचियाँ हैं, उसके बारे में सहज पूछताछ बहुत कम की जाती है।इन सभी परीक्षाओं की अत्यधिक जटिल प्रकृति (सभी नहीं) का अनिवार्य रूप से मतलब है कि उन्हें पास करने के लिए माता-पिता को अपने बच्चों को प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटरों में दाखिला दिलाने का सपना पूरा करना होगा, इससे छात्र के लिए एक से अधिक तरीकों से समस्या बढ़ जाती है क्योंकि वह कोचिंग पर माता-पिता द्वारा खर्च किए गए पैसे को चुकाने के लिए अब परीक्षा को पास करने का दबाव बढ़ गया है और उसे कोचिंग संस्थान के अतिरिक्त दबावों का भी सामना करना पड़ता है। जब तक देश की परीक्षा संस्कृति से इस कुत्सित व्यवस्था को समाप्त नहीं किया जाता है, तब तक छात्रों में आत्महत्या की दर को रोकने के मामले में कोई प्रत्यक्ष परिवर्तन नहीं देखा जाएगा। सरकार को इस मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए, अगर वास्तव में हम सोचते है कि आज के बच्चे कल के भविष्य हैं। जबरन करियर विकल्प देने से कई छात्र बहुत अधिक मात्रा में दबाव के आगे झुक जाते हैं, खासकर उनके परिवार और शिक्षकों से उनके करियर विकल्पों और पढ़ाई के मामले में। शैक्षिक संस्थानों से समर्थन की कमी के चलते बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने के लिए सुसज्जित नहीं है और मार्गदर्शन और परामर्श के लिए केंद्रों और प्रशिक्षित मानव संसाधन की कमी है।ऐसे कठिन दौर में आज छात्रों में आत्महत्या की प्रकृति और प्रवृत्ति का नए सिरे से अध्ययन करने की भी बहुत जरूरत है, क्योंकि देश की पूरी युवा बौद्धिक संपदा दांव पर लगी हुई है, जिसके दूरगामी गंभीर नतीजे पूरे राष्ट्र के माथे पर गहरा शिकन ला सकते हैं। युवाओं के कंधे पर स्थापित विकासशील प्रगति का पूरा ढांचा ही भरभरा कर गिर सकता है। छात्रों को इसे चुनौती के रूप में लेते हुए पूरी क्षमता के साथ इसका सामना करना चाहिए। परीक्षा जीवन-मृत्यु का प्रश्न नहीं है। परीक्षा परिणामों को जीवन का अंतिम आधार न मानकर अपनी सफलता की राह स्वयं बनानी होती है। बिना श्रम के जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता नहीं मिलती। अभिभावकों को यह समझना है कि उन्हें अपने बच्चों के साथ कैसा बर्ताव करना है। छात्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की बढ़ती व्यापकता से निपटने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है जिसमें व्यक्ति, संस्थान और समग्र रूप से समाज शामिल हो। सफलता को फिर से परिभाषित करना और छात्रों को अपने जुनून और रुचियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना उनके मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। केवल शैक्षणिक उपलब्धियों पर आधारित सफलता की संकीर्ण परिभाषा से आगे बढ़ने से छात्रों को अपनी अद्वितीय प्रतिभा का पता लगाने और अपने चुने हुए रास्ते में पूर्णता पाने का मौका मिलता है।आत्महत्या के जोखिम कारकों को कम करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करना और परीक्षा के नवीन तरीकों को अपनाया जाना चाहिए। छात्रों की सराहना करने की आवश्यकता है और यह बदलना महत्त्वपूर्ण है कि भारतीय समाज शिक्षा को कैसे देखता है। प्रयासों का उत्सव होना चाहिए न कि अंकों का। छात्रों की चिंताओं, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों को दूर करने के लिए सभी स्कूलों/कॉलेजों/कोचिंग केंद्रों में प्रभावी परामर्श केंद्र स्थापित किए जाने चाहिए। बढ़ते संकट को दूर करने के लिए अतीत की विफलताओं से सीखना और छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों, संस्थानों और नीति निर्माताओं सभी हितधारकों को शामिल करने वाले तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
Dakhal News
देश में ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ का आज 17 संस्करण मनाया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण दिवस की शुरुआत केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा सन-2008 से हुई। इसी दिन यानी 24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी ने पहली बार बतौर प्रधानमंत्री कार्यभार संभाला था। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पूरे भारत में विभिन्न स्तरीय कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें ‘सेव द गर्ल चाइल्ड’, ‘चाइल्ड सेक्स रेशियो’ व ‘चाइल्ड क्राइम प्रोटेक्शन’ अभियानों के अलावा बालिकाओं के स्वास्थ्य और उन्हें सुरक्षित वातावरण देने सहित तमाम तरह की जागरूकता मुहिम चलाई जाती है। इसमें सामाजिक और सरकारी संस्थानों की भागीदारी होती है।अफसोस, ऐसी तमाम कोशिशों के बावजूद बालिकाओं के विरुद्ध होने वाले जुल्म और अपराध कम नहीं हो रहे। किशोरियों की तस्करी सबसे बड़ा चिंता का विषय है। कई राज्यों में बच्चियां अपने घरों में बंदिशों की बेड़ियों में जकड़ी हुई हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में संपन्न हुए संसद के शीतकालीन सत्र में आंकड़ा पेश कर बताया कि पूरे देश में अभी लाखों की संख्या में बच्चियों को उनके अभिभावक स्कूलों में नहीं भेजते। ये हाल तब है जब बच्चियों की शिक्षा पर केंद्र व राज्य सरकारें सजगता से लगी हुई हैं। यहां सरकारों को दोष नहीं दे सकते। बच्चियों से जुड़ी मौजूदा समय की सबसे विकराल समस्या ‘बाल तस्करी’ ही है। इस विकट समस्या का कैसे समाधान हो, इसे लेकर जनमानस कैसे जागरूक हों आदि विषय को ध्यान में रखकर ही सालाना 24 जनवरी को पूरे भारत में ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ मनाया जाता है।बेटियों के सम्मान में केंद्र सरकार का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा जबरदस्त सफल रहा है। इससे बालिका लिंगानुपात में भी इजाफा हुआ है। 2014 में बेटियों के जन्मानुपात का आंकड़ा 918 था, तो वहीं 2022-23 में 15 अंकों की छलांग लगाकर ये आंकड़ा 933 तक जा पहुंचा। इस आंकड़े में हरियाणा अभी भी पिछड़ा हुआ है। देश की तरक्की में बेटियों को उड़ने की आजादी मिलनी चाहिए। उनकी शिक्षा-दीक्षा में कोई कोर-कसर नहीं छोड़नी चाहिए। हालांकि किशोरियों के लिए जबसे माहौल बदला है, उन्होंने अपनी काबीलियत साबित कर दी है। रक्षा से लेकर खेल तक कोई ऐसा क्षेत्र नहीं हैं जहां बेटियां परचम न फहरा रही हों। लड़कियों के प्रति रुढ़िवादी सोच से लोग अब किनारा करने लगे हैं। कुछ लोग जो इस सोच से बाहर नहीं निकल रहे, वे अपनी लड़की को उनके अधिकारों से वंचित रखते हैं, इससे उनका करियर बन ही नहीं पाता। बच्चियों के भविष्य को अंधकार में धकेलने में परिवारों की भी बड़ी भूमिका होती हैं। परिवार ऐसा न करें, उनको समझाने के लिए ही आज का ये खास दिवस मनाया जाता है।बच्चियों पर जुल्म समाज का सबसे बड़ा कलंक माना जाता है। इस कलंक को मिलकर मिटाना होगा। एनसीआरबी की मानें तो भारत में सालाना हजारों की संख्या में बच्चियां लापता होती हैं, जिनमें से अधिकांश बच्चियों उम्र महज 8-10 वर्ष होती हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक, साल 2019 से 2021 में 13.13 लाख गायब महिलाओं में ज़्यादातर लड़कियां की संख्या रही। वहीं, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार बीते 5 सालों में 2.75 लाख बच्चे गुम हुए जिनमें से 2.12 लाख सिर्फ लड़कियां थीं। लापता बच्चों के मामले में पश्चिम बंगाल अव्वल है जहां साल-2022 में 12,546 लड़कियां गुम हुईं। मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है जहां 11,161 किशोरियां गायब हुईं। बाकी प्रदेशों के हाल भी अच्छे नहीं हैं। इसके अलावा बाल तस्करी, बाल विवाह और नाबालिगों के साथ यौन शोषण की घटनाएं भी कम होने के जगह बढ़ी हैं। इन्हें सामूहिक प्रयासों से रोकना होगा।निश्चित रूप से ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ समूचे भारत में बच्चियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों की शिनाख्त कर उन चुनौतियों से जूझने की तरफ ध्यान आकर्षित करता है। हमारी सामाजिक जिम्मेदारी ये बनती है कि बच्चियों के विरुद्ध घटित अपराधों और संभावित खतरों से मुंह नहीं फेरना चाहिए। सबसे पहले बालिकाओं की तस्करी पर अंकुश लगना चाहिए क्योंकि यह किसी भी देश के लिए घोर कलंक जैसा है।
Dakhal News
श्योपुर । रेत से भरे ट्रैक्टर ने एक बाइक सवार युवक को कुचला दिया, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर को लेकर मौके से फरार हो गया। सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर उसका अंत: परीक्षण करवाया और अज्ञात ट्रैक्टर चालक पर मामला दर्ज किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आकाश पुत्र पप्पू आदिवासी उम्र 18 साल निवासी गोवर्धा किसी काम से कराहल आया था। जब वह सोमवार की शाम 5 बजे अपनी बाइक से अपने गांव गोवर्धा जा रहा था, तभी गायत्री माता मंदिर के पास करियादेह तिराहा पर तेज रफ्तार में आ रहा रेत से भरा ट्रैक्टर ने बाइक सवार आकाश आदिवासी को कुचला दिया, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया, जहां अंत: परीक्षण करवाने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। इस मामले में कराहल थाना प्रभारी भारत सिंह गुर्जर का कहना है कि, पुलिस ने अज्ञात ट्रैक्टर चालक के खिलाफ दुर्घटना का मामला दर्ज कर लिया है और ट्रैक्टर चालक की तलाश शुरू कर दी है।
Dakhal News
राजगढ़ । ब्यावरा नगर के श्रीअंजनीलाल मंदिर धाम पर इस वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष आयोजन होने जा रहा है। जिसमें 51 हजार रूद्राक्ष से निर्मित 21 फीट ऊंचाई के शिवलिंग का विद्वान पंडितों द्वारा प्रातः रूद्राभिषेक किया जाएगा, साथ ही रात्रि को विशाल भजन संध्या का अयोजन होगा। महाशिवरात्रि के दूसरे दिन अभिमंत्रित रूद्राक्ष का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट परिवार ने बताया कि श्री अंजनीलाल मंदिर धाम पर महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष आयोजन होने जा रहा है। 26 फरवरी बुधवार को प्रातः 7.30 बजे 51 हजार रूद्राक्ष से निर्मित 21 फीट ऊंचाई के विशाल शिवलिंग का रूद्राभिषेक किया जाएगा। कार्यक्रम की व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है। मंदिर ट्रस्ट के अनुसार रूद्राभिषेक में आम भक्तजन श्रद्धाभाव के साथ अभिषेक में शामिल हो सकते है, जिसमें किसी को कोई सामग्री लाने की जरूरत नही है और न ही कोई शुल्क अपेक्षित है। आम श्रद्धालु अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ आयोजन में शामिल होकर रूद्राभिषेक का पुण्य लाभ ले सकता है। इस दिन सायंकाल को विशाल भजन संध्या का आयोजन होगा, जिसमें प्रख्यात भजन गायक शानू विश्वकर्मा, शाजापुर और बबलू राव, सारंगपुर की टीम द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। अगले दिन गुरूवार 27 तारीख को प्रातः 10 बजे से अभिमंत्रित रूद्राक्ष का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट परिवार ने सभी श्रद्धालुओं से आयोजन में शामिल होकर पुण्य लाभ लेने का आग्रह किया है।
Dakhal News
ग्वालियर । स्कूली बच्चों को सस्ती दर पर किताबें, यूनीफॉर्म व स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिये ग्वालियर में तीन दिवसीय मेला लगाया जायेगा। अगले माह यानि मार्च में लगने जा रहे इस मेले में जिले में संचालित सीबीएसई, आईएसई एवं एमपी बोर्ड से संबद्ध सभी प्रायवेट स्कूलों के पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तकें व यूनीफार्म उपलब्ध रहेंगीं। कलेक्टर रुचिका चौहान ने सोमवार को अंतरविभागीय समन्वय बैठक में इस मेले की तैयारियां करने के निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। कलेक्ट्रेट के सभागार में हुई बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी प्रायवेट स्कूलों से उनके पोर्टल पर निर्धारित शुल्क व पाठ्यक्रम अपलोड कराएं। साथ ही पाठ्यक्रम के अनुसार मेले में पुस्तकें लाने के लिये दुकानदारों को सूचित कर दें। उन्होंने मेला की तिथि व आयोजन स्थल जल्द से जल्द निर्धारित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी, समर्थन मूल्य पर गेहूँ व सरसों के उपार्जन के लिये किसानों का पंजीयन, जिला सड़क सुरक्षा व यातायात समितियों की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ब्लैक स्पॉट को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिये आवश्यक सुधार कार्य, हाईरिस्क गर्भवती माताओं के सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था, गौशालाओं की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराना, सीएम हैल्पलाइन, स्कूली बच्चों की अपार आईडी बनाने का काम, बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी, स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारी व वेट लैंड सर्वे सहित शासन के अन्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, अपर कलेक्टर कुमार सत्यम व टी एन सिंह सहित जिले के सभी एसडीएम व विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। हाईरिस्क गर्भवती माताओं को प्रसव से पाँच से छह दिन पहले भर्ती कराएँ कलेक्टर रुचिका चौहान ने बैठक में सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र के चिन्हित अस्पतालों में हाईरिस्क वाली गर्भवती माताओं की जाँच के लिये सुव्यवस्थित ढंग से क्लीनिक संचालित कराएँ। इस दौरान हाईरिस्क वाली गर्भवती माताओं का चिन्हांकन कराएँ। साथ ही उनकी सोनोग्राफी, हीमोग्लोबिन व यूरिन की जाँच भी कराई जाए। ज्ञात हो मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर माह 9 व 25 तारीख को चिन्हित अस्पतालों में एचआरपी क्लीनिक का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में 25 फरवरी को जिले के 23 अस्पतालों में एचआरपी क्लीनिक लगेंगे और हाईरिस्क गर्भवती माताओं की नि:शुल्क जाँचें की जायेंगीं। किसानों को बताएँ कि बिना पंजीयन के समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पायेंगे उपज कलेक्टर ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ व सरसों के उपार्जन के लिये किसानों के पंजीयन में तेजी लाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को बतायें कि वे अपना पंजीयन अवश्य करवा लें, यदि पंजीयन नहीं करायेंगे तो मंडी में भाव कम होने पर उपार्जन केन्द्र पर अपना अनाज नहीं बेच पायेंगे। जिले में किसानों के पंजीयन के लिये वर्तमान में 37 खरीदी सह केन्द्र संचालित हैं। कलेक्टर ने फार्मर आईडी व ईकेवायसी के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि सभी खरीदी केन्द्रों पर छाया, पेयजल व शौचालय इत्यादि की पुख्ता वयवस्था की जाए। जिले में चिन्हित हर ब्लैक स्पॉट को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिये करें पुख्ता उपाय कलेक्टर ने जिले के सभी सड़क मार्गों पर दुर्घटना के लिहाज से चिन्हित सभी ब्लैक स्पॉट को दुर्घटना मुक्त बनाने के लिये आवश्यक उपाय करने के निर्देश सड़क निर्माण से जुड़े विभागों को दिए। उन्होंने इस दिशा में अब तक हुए कार्य का प्रजेंटेशन देखा और अगली बैठक से पहले सभी ब्लैक स्पॉट पर आवश्यक कार्य कराकर फोटोग्राफ सहित प्रजेंटेशन देने के निर्देश दिए। गौशालाओं को चारागाह के लिये चरनोई भूमि उपलब्ध कराएँ बैठक में कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि गौशालाओं से जुड़ी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराएँ। यदि गौशाला के पास जमीन उपलब्ध न हो तो गाँव की चरनोई भूमि को गौशाला के चारागाह के लिये आवंटित करने की कार्रवाई की जाए। हर गाँव में कम से कम दो प्रतिशत जमीन चरनोई के लिये होना चाहिए।
Dakhal News
भोपाल । इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में 24 एवं 25 फरवरी को आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल हो रहे अतिथियों के वाहनों के लिये पहले ही पार्किंग की व्यापक व्यवस्था की गई है। साथ ही आयोजन स्थल से वाहनों के निकास की व्यवस्था भी दुरुस्त की गई है। वाहनों की पार्किंग जारी किए गए पास के मुताबिक की गई है। अतिथियों के वाहन पार्किंग में रोक दिए जाएंगे और वहां से आयोजन स्थल तक जाने के लिए ई-बस और कार की व्यवस्था की गई है। तीन प्रकार की ई-बस के अतिरिक्त 973 कार भी इसमें शामिल हैं। यह जानकारी रविवार को जनसंपर्क अधिकारी अलूने ने दी।पार्किंग व्यवस्था इस प्रकार होगी- गवर्नमेंट ऑफिशियल्स : स्मार्ट सिटी पार्किंग और वीआईपी पार्किंग नंबर 2 में व्यवस्था होगी। अधिकारी अपने वाहन से आयोजन स्थल तक जा सकेंगे।- गेस्ट ऑफ़ ऑनर (फाइव स्टार कैटेगरी) : वीआईपी पार्किंग नंबर वन। यहां से एमपीआईडीसी द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाएगी।- गेस्ट ऑफ़ ऑनर (अन्य): 23वीं बटालियन ग्राउंड। अपने वाहन से जा सकेंगे।- स्पेशल इनवाइटीः रीजनल कॉलेज, डेमोंसट्रेशन स्कूल और पुलिस रेडियो ग्राउंड (स्मार्ट सिटी पार्क के पास) यहां से ई-बस और ट्रैवलर से आयोजन स्थल तक पहुंचाया जाएगा।- मीडियाः पुलिस रेडियो ग्राउंड (स्मार्ट सिटी पार्क के पास) और मैरिज गार्डन (पुलिस रेडियो ग्राउंड के पास)। यहां से ई-बस और ट्रैवलर से आयोजन स्थल तक पहुंचाया जाएगा।- फॉरेन डेलीगेटः सैर सपाटा में पार्किंग, फिर यहां से एमपीआईडीसी द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाएगी।- एनआरआई/ओसीआई / पीआईओ / एमपी डायस्पोराः पुलिस रेडियो ग्राउंड (स्मार्ट सिटी पार्क के पास)। यहां से एमपीआईडीसी द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाएगी।- डेलिगेट्स (जो होटल में ठहरे हैं या स्थानीय) दशहरा मैदान की पार्किंग में परिवर्तन कर टीटी नगर मल्टी लेवल कार पार्किंग एवं राम मंदिर अटल पथ पर डेलीगेट्स के वाहनों की पार्किंग व्यवस्था की गयी है। यहां से ट्रैवलर एवं अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों द्वारा डेलिगेट्स को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट - (इंदिरा गाँधी मानव संग्रहालय) तक ले जाया जाएगा। डेलीगेट्स जो कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के लिये आमंत्रित हैं, उन्हें सुबह 8:30 बजे तक कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना होगा।- ऑर्गेनाइजर के लिए डीटीई पार्किंग, इवेंट टीम, सर्विस प्रोवाइडर और वॉलिंटियर के लिए दशहरा मैदान और स्मार्ट सिटी गवर्नमेंट हाउसिंग पार्किंग में व्यवस्था होगी।- सभी को पार्किंग में सुबह 6:30 बजे तक पहुंचना होगा, जहां से आयोजन स्थल तक पहुंचने के लिए सुबह 7:30 बजे तक का समय निर्धारित है।- प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के लिये मुख्य सभागार में गेस्ट ऑफ़ ऑनर (फाइव स्टार कैटेगरी) मुख्य हाल के द्वार क्रमांक 1 से प्रवेश करेंगे एवं अन्य गेस्ट ऑफ़ ऑनर, फॉरेन डेलीगेट, गवर्नमेंट आफिशियल्स एवं ऑर्गेनाइजर को द्वार क्रमांक-2 से प्रवेश दिया जायेगा।- स्पेशल इन्वाइटीस, मीडिया एवं एनआरआई (डायस्पोरा) के प्रवेश की व्यवस्था द्वार क्रमांक 3 एवं 4 से की गई है। डेलिगेट्स (सुबह 7:30 बजे ) के प्रवेश की व्यवस्था द्वार क्रमांक 5 एवं 6 से की गई है। सम्मानित अतिथिगणों से अनुरोध किया गया है कि उच्च सुरक्षा मानकों के अनुपालन में कृपया कम से कम सामान लेकर चलें। सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है।
Dakhal News
श्रीमद्भगवद गीता अनूठा आध्यात्मिक मार्गदर्शी ग्रंथ है। भगवद् गीता का प्रभाव पूरी दुनिया में फैल चुका है। भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य वचनों में सम्पूर्ण जीवन की व्याख्या है। संसार की समस्याओं और मनुष्य की व्यथाओं का समाधान है। “गीता” की महिमा का शाब्दिक वर्णन करना कठिन काम है। पाठकों के सुलभ संदर्भ के लिए श्रीमद्भगवद् गीता पर विश्व के महापुरुषों, महान वैज्ञानिकों, विद्वतजनों और दार्शनिकों के विचारों का संकलन प्रस्तुत किया गया है। “भगवान श्रीकृष्ण की कही हुई श्रीमद् भगवद् गीता के समान छोटे वपु (काया, शरीर) में इतना विपुल ज्ञानपूर्ण कोई दूसरा ग्रंथ नहीं है’’- महामना पं. मदनमोहन मालवीय। “जब कभी संदेह मुझे घेरते हैं और मेरे चेहरे पर निराशा छाने लगती है; मैं क्षितिज पर गीता रूपी एक ही उम्मीद की किरण देखता हूं। इसमें मुझे अवश्य ही एक छन्द मिल जाता है, जो मुझे सांत्वना देता है। तब मैं कष्टों के बीच मुस्कुराने लगता हूँ’’- महात्मा गांधी। “गीता हमारे ग्रंथों में अत्यन्त तेजस्वी और निर्मल हीरा है’’- लोकमान्य बालगंगाधर तिलक। मशहूर जर्मन कवि, उपन्यासकार और पेंटर हरमन हेस के जीवन पर भी गीता का विशेष प्रभाव था। उनकी कालजयी रचना 'सिद्धार्थ' में यह स्पष्ट होता है। उनका कहना था 'गीता की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि यह जीवन के सही मायनों को पूरी वास्तविकता के साथ सामने रखती है।' उन्नीसवीं सदी के मशहूर दर्शनशास्त्री और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अल्बर्ट श्विट्ज़र मानते थे - 'श्रीमद भगवद् गीता मनुष्य के जीवन पर बहुत गहरा असर डालती है। यह कर्मों के माध्यम से ईश्वर प्राप्ति का संदेश देती है।' स्विस मनोवैज्ञानिक कार्ल जुंग को विश्लेषणात्मक मनोविज्ञान के लिए जाना जाता है। वे न सिर्फ मनोविज्ञान बल्कि दर्शन, साहित्य और धार्मिक अध्ययन में भी विशेषज्ञता रखते थे। उनका मानना था कि “मनुष्य को उल्टे वृक्ष के रूप में प्रदर्शन की अवधारणा बहुत पहले से ही मौजूद थी, जिसे बाद में सामने लाया गया। अपने वक्तव्यों में कही गई प्लेटो की वह बात कि “मनुष्य सांसारिक नहीं बल्कि स्वर्गीय पौधा है, जो ब्रह्माण्ड से सिंचित होता है। यह वैदिक अवधारणा है और गीता के 15वें अध्याय में इसे स्पष्ट तौर पर कहा गया है।“ उन्नीसवीं सदी के ही मशहूर अंग्रेजी साहित्यकार आल्डस हक्सले ने कहा था – “मनुष्य में मानव मूल्यों की समझ पैदा करने के लिए गीता सर्वाधिक व्यवस्थित ग्रंथ है। शाश्वत दर्शन के विषय में यह अब तक की सबसे स्पष्ट और व्यापक प्रस्तुति है। यह सिर्फ भारत के लिए नहीं है बल्कि इसका जुड़ाव पूरी मानवता से है।’’ उन्नीसवीं सदी के विख्यात अमेरिकी निबंधकार और साहित्यिक हस्ती इमर्सन के जीवन पर गीता का बड़ा प्रभाव था। उनका मानना था, “श्रीमद भगवद् गीता के साथ मेरा दिन शानदार बीता। यह अपने तरह की पहली पुस्तक है। यह किसी और समय और परिस्थितियों में लिखी गई, लेकिन यह हमारे आज के सवालों और समस्याओं के भी जवाब पूरी स्पष्टता के साथ देती है।“ ऑस्ट्रियाई दार्शनिक और साहित्यकार रुडॉल्फ स्टीनर के जीवन को गीता ने व्यापक रूप से प्रभावित किया था। उनका मानना था कि भगवद् गीता जैसी अप्रतिम रचना को समझने के लिए बस हमें स्वयं को उसके साथ लय बिठाने की जरूरत है।' मशहूर अमेरिकी दार्शनिक और साहित्यकार हेनरी डेविड थोरो पर गीता का प्रभाव उनके साहित्य और सामाजिक कार्यों में परिलक्षित होता है। वे कहते थे कि "प्राचीन भारत की सभी स्मरणीय वस्तुओं में गीता से श्रेष्ठ कोई भी दूसरी वस्तु नहीं है। गीता में वर्णित ज्ञान ऐसा उत्तम व सर्वकालिक है, जिसकी उपयोगिता कभी भी कम नहीं हो सकती।" भारतीय मनीषियों के अलावा कई विदेशी विद्वानों ने भी गीता के महत्व को समझा और अपने जीवन में इसके सिद्धांतों को लागू किया। यह महान पवित्र ग्रंथ गीता का ही असर था कि ईसाई मत मानने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री मिस्टर पियर ट्रूडो गीता पढ़कर भारत आये। उन्होंने कहा था कि जीवन की शाम हो जाए और देह को दफनाया जाए, उससे पहले अज्ञानता को दफनाना जरूरी है। ओपेनहाइमर : भगवद् गीता से कैसे प्रभावित हुए? रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने परमाणु बम विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभाई थी, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध की दिशा बदल दी। ओपेनहाइमर ने संस्कृत भाषा सीखी और श्रीमद् भगवद गीता को अपनी पसंदीदा पुस्तकों में से एक माना। जब द क्रिश्चियन सेंचुरी के संपादकों ने उनसे पूछा कि वे कौन-सी किताबें हैं, जिन्होंने उनके दार्शनिक दृष्टिकोण को सबसे ज्यादा प्रभावित किया, तो चार्ल्स बौडेलेयर की पुस्तक "लेस फ्लेर्स डू माल" को पहला और “श्री भगवद गीता’’ को दूसरा स्थान मिला। सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी ओपेनहाइमर को बर्कले में संस्कृत के प्रोफेसर आर्थर डब्ल्यू राइडर ने संस्कृत से परिचित कराया था। उसके बाद उन्हें गीता से परिचित कराया गया था। जुलाई 1945 में न्यू मैक्सिको के रेगिस्तान में पहले परमाणु बम के विस्फोट से दो दिन पहले रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने गीता का एक श्लोक सुनाया। इतिहास बदलने वाली घटना से कुछ घंटे पहले, "परमाणु बम के जनक" ने संस्कृत से अनुवादित एक श्लोक को पढ़कर अपना तनाव दूर किया, जिसका हिंदी अनुवाद इस प्रकार है - "युद्ध में, जंगल में, पहाड़ों की चोटी पर अन्धकारमय महान सागर पर, भालों और बाणों के बीच, नींद में, उलझन में, शर्म की गहराई में, मनुष्य द्वारा पहले किये गए अच्छे कर्म ही उसकी रक्षा करते हैं।“ श्रीमद् भगवद् गीता ने पश्चिम की दुनिया को गहरा प्रभावित किया है। गीता दर्शन को जानने के बाद पश्चिम के विद्वानों ने गीता के जीवन दर्शन को अपनाने के लिए अपनी बौद्धिक ऊर्जा लगा दी। दरअसल वे किसी वैज्ञानिक उपलब्धि की खोज में नहीं थे। वे इससे भी आगे विकारों से रहित मानव मन और आत्मिक शांति की खोज में थे। इसका समाधान उन्होंने श्रीमद् भगवद् गीता में पाया। इन विद्वानों में दार्शनिक इमैन्युअल (1724-1804), हर्डर (1744-1805) फिटश (1762-1814), हीगल (1770-1831), श्लेगल (1772-1829) शिलर (1759-1805) और गोएथे (1749-1832) प्रमुख हैं। फ्रेडरिक वान श्लेगल ने गीता का अनुवाद किया। जर्मन के अग्रणी विद्वान बेरन विल्हेल्म ने 1821 में संस्कृत का अध्ययन शुरू किया। गीता पढ़ने के बाद उन्होंने भगवान का आभार माना कि उन्हें लंबा जीवन दिया, ताकि वे सर्वाधिक प्रेरणादायी पुस्तक को आत्मसात कर पाए। उन्होंने 1825 में अकादमी ऑफ सिएंस के समक्ष गीता पर अपना प्रसिद्ध व्याख्यान दिया था। वर्ष 1820 में ओ फ्रेंक विद्वान ने गीता का पहला लैटिन अनुवाद प्रकाशित किया। इसके बाद 1822 में ए.डब्ल्यू. वान श्लेगल ने पहली बार लैटिन में सम्पूर्ण अनुवाद प्रकाशित किया। सर विलियम जोन्स (1756-1794) भारत में 10 साल रहे। वे पहले अंग्रेज अधिकारी थे, जिन्हें संस्कृत का सम्पूर्ण ज्ञान था। उन्होंने गीता, रामायण, महाभारत और संस्कृत के अन्य क्लासिकल साहित्य जैसे कालिदास का अभिज्ञान शाकुंतलम, ऋतुसंहार और जयदेव के “गीत गोविंदम्” से इंग्लैंड के लोगों को परिचित कराया। वे एशियाटिक सोसाइटी के पहले अध्यक्ष बने और चार्ल्स विलकिंस को संस्कृत पढ़ने बनारस भेजा। उन्होंने चार्ल्स विलकिंस द्वारा अनुवादित गीता – “भगवद गीता - डायलॉग ऑफ श्रीकृष्णा एंड अर्जुन” का प्रकाशन कराया। इसकी भूमिका उन्होंने खुद लिखी थी। यह 1783 का वर्ष था। सर एडविन अर्नाल्ड ने 1885 में गीता का अनुवाद किया, जिसका शीर्षक था “द सॉन्ग सेलेशल”। इसी को पढ़कर महात्मा गांधी ने गीता के महत्व को समझा। पश्चिम के कई महान कवि लेखक भगवद् गीता से प्रेरित हुए हैं। इनमें एस टी कोलरिज, पी.बी. शैली, थॉमस कार्लाइल, अमेरिकन कवि एमर्सन, रॉबर्ट ब्राउनिंग, अलफ्रेड टेनिसन, विलियम ब्लैक, टी एस इलियट और डब्ल्यू.बी. यीटस और भी बहुत कवि दार्शनिक हैं, जिनकी एक लंबी सूची है। डॉ. एस. राधाकृष्णन ने गीता की व्याख्या कर स्टालिन का मन बदल दिया था। विनोबा भावे ने कहा था "गीता प्रवचन मेरी जीवन की गाथा है और वही मेरा संदेश है। (लेखक, मध्य प्रदेश शासन जनसम्पर्क विभाग में उप संचालक हैं।)
Dakhal News
भारत में वाहन पार्किंग की समस्या महत्त्वपूर्ण शहरी चुनौती है, जो न केवल यातायात के प्रवाह को प्रभावित करती है, बल्कि शहरी जीवन के मूल ढांचे को भी प्रभावित करती है। यह समस्या तेजी से बढ़ते शहरीकरण, बढ़ते वाहन स्वामित्व और पुराने शहरी नियोजन के घालमेल से पैदा होती है, जो महानगरीय क्षेत्रों में यातायात प्रबंधन के लिए जटिल दुविधा पैदा करती है। शहरों के विस्तार और वाहनों के स्वामित्व के अधिक सुलभ होने के साथ भारतीय शहरी केन्द्रों को वाहनों की बढ़ती संख्या को समायोजित करने में संघर्ष करना पड़ रहा है। पर्याप्त पार्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और आज के समय में वाहनों की संख्या के हिसाब से शहरों को डिज़ाइन न किए जाने के कारण बड़े पैमाने पर अवैध पार्किंग होती है। इससे न केवल सड़कें जाम होती हैं बल्कि पैदल चलने वालों के लिए बनी जगह भी कम पड़ जाती है। कई भारतीय शहरों की स्थापना प्राचीन या औपनिवेशिक काल में हुई थी और उनकी योजना आधुनिक यातायात की मांग को ध्यान में रखकर नहीं बनाई गई थी। संकरी गलियाँ और मिश्रित भूमि उपयोग के कारण पार्क किए गए और चलते वाहनों के भार से दबाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त, पार्किंग नियमों का ढीला-ढाला क्रियान्वयन तथा गैर-अनुपालन के प्रति सांस्कृतिक प्रवृत्ति स्थिति को और बिगाड़ देती है, जिससे शहरी स्थान अव्यवस्थित हो जाते हैं।पार्किंग की समस्या का सीधा कई क्षेत्रों पर पड़ता है। बेशुमार गाड़ियों के जाम से यात्रा का समय बढ़ जाता है, प्रदूषण स्तर बढ़ता है तथा शहरी जीवन की गुणवत्ता में गिरावट आती है। पैदल चलने वालों को विशेष रूप से परेशानी होती है क्योंकि पार्क किए गए वाहन अक्सर पैदल चलने के रास्तों पर अतिक्रमण कर लेते हैं। उन्हें मजबूरन सड़कों पर आना पड़ता है और उनकी सुरक्षा से समझौता होता है। आर्थिक दृष्टि से पार्किंग की कमी स्थानीय व्यवसायों को भी प्रभावित करती है क्योंकि भीड़भाड़ वाली सड़कें ग्राहकों को आकर्षित नहीं करती। पार्किंग स्थल की उच्च मांग से अचल संपत्ति की लागत भी बढ़ जाती है, जिससे हरित स्थलों की क़ीमत पर पार्किंग अवसंरचना के विकास को बढ़ावा मिलने से शहरी विस्तार और पर्यावरण क्षरण को बढ़ावा मिलता है। भारत में मोटर वाहनों से सम्बंधित मामले केंद्र और राज्य दोनों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। हालांकि भारत के शहरों के लिए वाहनों की बढ़ती भीड़ एक बड़ी समस्या है लेकिन ऑटोमोबाइल उद्योग पर प्रतिबंध लगने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि इसकी आर्थिक और रोज़गार देने की क्षमता काफ़ी ठीक है जो भारत के लिए महत्त्वपूर्ण है। सभी पांच शहरों की पार्किंग नीतियाँ कुछ महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर सहमत होती दिखती हैं। वे इस बात पर एकमत हैं कि पार्किंग मुफ़्त नहीं हो सकती और जहाँ भी सार्वजनिक स्थान का उपयोग किया जाता है, वहाँ शुल्क लिया जाना चाहिए क्योंकि 'मुफ़्त पार्किंग' की अवधारणा टिकाऊ नहीं है।पार्किंग समस्या के समाधान के लिए व्यापक रणनीति की आवश्यकता है जिसमें पर्याप्त पार्किंग अवसंरचना का विकास, स्मार्ट पार्किंग प्रौद्योगिकियों को अपनाना और पार्किंग विनियमों का प्रवर्तन शामिल हो। उदाहरण के लिए, पार्किंग क्षेत्रों को परिभाषित करना और वाहन पहचान सेंसर और स्वचालित लाइसेंस प्लेट पहचान जैसी तकनीक का उपयोग करके पार्किंग प्रबंधन को सुव्यवस्थित किया जा सकता है। इसके अलावा, भूमि मूल्य और भीड़भाड़ के आधार पर पार्किंग शुल्क को समायोजित करके भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अनावश्यक वाहन उपयोग को हतोत्साहित किया जा सकता है। बुनियादी ढांचे के समाधान के अलावा, सार्वजनिक परिवहन और टिकाऊ शहरी गतिशीलता प्रथाओं को बढ़ावा देने से पार्किंग दबाव कम हो सकता है। सार्वजनिक परिवहन, साइकिल और पैदल चलने के उपयोग को प्रोत्साहित करने से निजी वाहनों पर निर्भरता कम हो सकती है, जिससे पार्किंग स्थलों की मांग कम हो सकती है।यह जरूरी नहीं है कि अच्छा सार्वजनिक परिवहन यातायात की भीड़ को काफी कम कर दे। भीड़भाड़ की स्थिति में सुधार करने के लिए, शहरों को निजी कारों के स्वामित्व और उपयोग के कार्यात्मक, मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक मूल्यों को लक्षित करने वाली गतिविधियों के साथ ही अपनी सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों को बेहतर बनाने के प्रयासों को मिलाकर काम करना होगा।भारत में वाहन पार्किंग की समस्या जटिल मुद्दा है जिसके लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसमें शहरी नियोजन, नीति सुधार, तकनीकी नवाचार और सांस्कृतिक परिवर्तन शामिल हैं। इस चुनौती से सीधे निबटकर भारत अपनी शहरी गतिशीलता को बढ़ा सकता है, अपने नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है और टिकाऊ शहरी विकास के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है। आगे का रास्ता सरकार, निजी क्षेत्र और जनता के बीच बेहतर शहरी स्थानों की पुनर्कल्पना और पुनर्निर्माण के लिए सहयोगात्मक प्रयासों में निहित है।
Dakhal News
भारतीय संस्थानों से निकले एसटीईएम स्नातकों की एक बड़ी संख्या ऐसी है जिनमें आवश्यक कौशल का अभाव है। यह उद्योग और अनुसंधान प्रगति में बाधा डालता है। संस्थागत रैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान आउटपुट पर ध्यान केंद्रित करने से कई शिक्षण-केंद्रित संस्थानों ने अक्सर निम्न-गुणवत्ता वाले आउटलेट में प्रकाशन पत्र और पेटेंट को प्राथमिकता दी है, कई संस्थानों में संकाय पर अत्यधिक बोझ है, पेशेवर विकास के लिए बहुत कम समय या प्रोत्साहन है। संकाय भर्ती अक्सर स्थानीयकृत होती है, जिससे शैक्षणिक प्रदर्शन और दृष्टिकोण की विविधता सीमित हो जाती है। क्वांटम कंप्यूटिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी पहलों के लिए कुशल पेशेवरों की आवश्यकता होती है लेकिन सीमित योग्य कर्मियों और अपर्याप्त प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे के कारण इन पहलों का उपयोग कम होने का खतरा है। वर्तमान संरचना संसाधनों, पाठ्यक्रम या संकाय के आदान-प्रदान की सुविधा नहीं देती है, जिससे शिक्षा और अनुसंधान के बीच विभाजन मजबूत होता है, विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी में योगदान के अपने समृद्ध इतिहास के साथ, भारत अब एक ऐसे महत्त्वपूर्ण मोड़ पर है जहाँ देश में (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) शिक्षा के भविष्य को आकार देने में प्रौद्योगिकी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जैसे-जैसे दुनिया तेजी से डिजिटल होती जा रही है, शिक्षा में प्रौद्योगिकी का समावेश केवल चलन नहीं बल्कि एक आवश्यकता है।प्रौद्योगिकी छात्रों और शिक्षकों के बीच सहयोग को सुगम बनाती है। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और उपकरण परियोजनाओं पर वास्तविक समय में सहयोग को सक्षम करते हैं, टीमवर्क और संचार कौशल को प्रोत्साहित करते हैं। ये सहयोगात्मक अनुभव पेशेवर दुनिया में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति की सहयोगात्मक प्रकृति को दर्शाते हैं। शिक्षा में प्रौद्योगिकी का एकीकरण कई लाभ लाता है, यह चुनौतियों को भी सामने लाता है जिन्हें व्यापक परिवर्तन के लिए सम्बोधित करने की आवश्यकता है। डिजिटल डिवाइड एक महत्त्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है, जिसमें प्रौद्योगिकी और इंटरनेट तक पहुँच में असमानताएँ हैं। इस अंतर को पाटना यह सुनिश्चित करने के लिए महत्त्वपूर्ण है कि सभी छात्रों को, उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना, प्रौद्योगिकी के उपयोग से लाभ उठाने के समान अवसर मिलें। शिक्षकों को भी अपने शिक्षण विधियों में प्रौद्योगिकी को प्रभावी ढंग से एकीकृत करने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण की आवश्यकता है। शिक्षकों के लिए निरंतर व्यावसायिक विकास के अवसर प्रदान करना सुनिश्चित करता है कि वे प्रौद्योगिकी के उपयोग को समझने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं। इसके अतिरिक्त, शिक्षा में प्रौद्योगिकी के नैतिक उपयोग, जिसमें डेटा गोपनीयता और सुरक्षा शामिल है, जिसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए। छात्रों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपायों को लागू करना और शिक्षा प्रौद्योगिकी उपकरणों के विकास में नैतिक प्रथाओं को सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण कदम हैं।शिक्षण-केंद्रित संस्थानों के मूल्यांकन को अनुसंधान मेट्रिक्स से अलग करके, रैंकिंग अनुसंधान आउटपुट पर शिक्षण गुणवत्ता को प्रतिबिंबित कर सकती है, जिससे इन संस्थानों पर निम्न-गुणवत्ता वाले अनुसंधान को आगे बढ़ाने का दबाव कम हो सकता है। शिक्षण संस्थानों को मूलभूत कौशल को मज़बूत करने के लिए विशेष रूप से प्रारंभिक वर्षों में, अनुसंधान पर शिक्षाशास्त्र को प्राथमिकता देनी चाहिए। एक समर्पित "शिक्षण ट्रैक" शुरू किया जा सकता है, जिससे शिक्षाशास्त्र में रुचि रखने वाले संकाय सदस्यों को अकेले अनुसंधान आउटपुट के बजाय अपने शिक्षण कौशल के आधार पर आगे बढ़ने की अनुमति मिल सके। अनुसंधान संस्थान संयुक्त डिग्री कार्यक्रम बनाने के लिए शिक्षण संस्थानों के साथ साझेदारी कर सकते हैं, जिससे उच्च प्रदर्शन करने वाले छात्रों को अपना काम पूरा करने में मदद मिलेगी अनुसंधान-केंद्रित संस्थानों में अध्ययन। इस दृष्टिकोण का एक उदाहरण एनआईटी सूरत और आईआईटी बॉम्बे के बीच सहयोग है, जो छात्रों को एक प्रमुख संस्थान में उन्नत अध्ययन पूरा करने की अनुमति देता है। सरकारी फंडिंग को शिक्षण संस्थानों के भीतर शिक्षाशास्त्र में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की दिशा में निर्देशित किया जाना चाहिए। ये केंद्र शिक्षक प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम विकास और एसटीईएम शिक्षा में सर्वोत्तम प्रथाओं के केंद्र के रूप में काम करेंगे, जिससे बड़े अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता के बिना प्रणालीगत सुधार होंगे।भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों के सामने आने वाली चुनौतियाँ एक बहुआयामी दृष्टिकोण की मांग करती हैं जिसमें पाठ्यक्रम आधुनिकीकरण, अनुसंधान वित्त पोषण, संकाय विकास और विविधता पहल शामिल हैं। सरकार और उद्योग के सहयोग में वृद्धि से समर्थित नीतिगत सुधार, अधिक गतिशील, उद्योग-संरेखित और समावेशी एसटीईएम पारिस्थितिकी तंत्र बना सकते हैं। भारत में शिक्षा प्रणाली को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें शिक्षा तक असमान पहुँच, पुराना पाठ्यक्रम और अपर्याप्त धन शामिल है। हालाँकि, इन चुनौतियों के बावजूद, देश में सम्मानित विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है और सरकार ने शिक्षा प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है। शिक्षा में निरंतर निवेश के साथ भारत में सीखने और ज्ञान का एक अग्रणी केंद्र बनने और अपने सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की क्षमता है।
Dakhal News
कुछ लोग ह्यूमर के नाम पर समाज में गंदगी फैला रहे हैं। ऐसा कंटेट प्रसारित कर रहे हैं जो चिंता का विषय है। विवाद बढ़ने के बाद ये अश्लील इंफ्लूएंसर अपनी करतूत पर माफ़ी मांग लेते हैं। सवाल यह है कि क्या इनकी शर्मनाक हरकत पर इनका माफ़ी मांग लेना काफ़ी है या बड़ा एक्शन होना चाहिये? सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया की 'इंडियाज गॉट लैटेंट' पर 'आपत्तिजनक' टिप्पणियों की निंदा की। ऐसे लोगों को कानूनी तौर पर तो सजा मिलनी ही चाहिए, अगर जनता गंदगी परोसने वाले ऐसे चैनलों और मंचों का बहिष्कार करना शुरू कर दे तो यह उनके लिए सबसे बड़ी सजा होगी। गंदगी परोसने वाले ऐसे सारे कार्यक्रम जो ओटीटी, टीवी आदि पर हैं, सब बंद होना चाहिए। ऐसा वल्गर कंटेंट हमारे देश की संस्कृति को तबाह कर देगी। यह निंदनीय है और सभ्य समाज के लिए ग़लत भी। ऐसे लोग सनातन धर्म और हिंद संस्कृति का बेड़ागर्क कर रहे हैं। ऐसी घिनौनी मानसिकता वाले लोगों को देखना व सुनना, आज के समाज का भी कसूर है। ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने रणवीर इलाहाबादिया के शब्दों के पीछे छिपे गहरे मुद्दों को उजागर करते हुए इसे "उनके दिमाग़ की गंदगी" कहा। इलाहाबादिया के शब्दों की निंदा करते हुए कहा कि उसकी भाषा से माता-पिता और बहनों को शर्म आएगी। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, इलाहाबादिया की टिप्पणियों की विकृत प्रकृति से "पूरा समाज शर्मिंदा महसूस करेगा।" यह मामला डिजिटल युग में प्रभावशाली व्यक्तियों और सामग्री निर्माताओं की जिम्मेदारी के बारे में व्यापक चर्चा को जन्म देता है। वैसे भी सार्वजनिक हस्तियों को अपनी भाषा के प्रयोग के प्रति सचेत रहना चाहिए क्योंकि इससे सामाजिक मूल्यों पर असर पड़ता है। समाज पर ऐसे युवा प्रतीकों के प्रभाव को कम आंकना मूर्खतापूर्ण होगा, विशेषकर युवा मस्तिष्कों और स्वस्थ समाज की बुनियादी संस्कृति पर। क्या यह काफ़ी बड़ा नहीं है? यह पूछना कि शो का कोई प्रतियोगी किस चीज के लिए कितना शुल्क लेगा, क्या इससे युवाओं की एक पूरी पीढ़ी भ्रष्ट नहीं होगी? तर्कहीन ढंग से और समाज के प्रति किसी जिम्मेदारी के बिना कही गई बातें। क्या आपके बच्चे नहीं हैं और न ही आपको उनकी परवाह है। सच तो यह है कि 'मजाक' के माध्यम से ऐसी अश्लीलता को सामान्य बनाना उसी मानसिकता को बढ़ावा देता है जो वास्तविक अपराधों को बढ़ावा देती है। समाज रातोंरात नहीं तबाह होता -इसकी शुरुआत असहनीय को सहन करने, घृणित को "सिर्फ हास्य" के रूप में नजरअंदाज करने और धीरे-धीरे नैतिक सीमाओं को ख़त्म करने से होती है। कानूनी कार्यवाही का मतलब सिर्फ़ व्यक्तियों को दंडित करना नहीं है। इसका उद्देश्य एक मिसाल क़ायम करना है कि कुछ चीजें स्वीकार्य नहीं हैं, चाहे लोग उन्हें कितना भी हास्यपूर्ण बताने की कोशिश करें। यदि वे सचमुच समाज को बेहतर बनाने के बारे में चिंतित हैं, तो उन्हें यह समझना चाहिए कि सांस्कृतिक पतन से लड़ना भी बड़े अपराधों से निपटने जितना ही महत्त्वपूर्ण है। यदि आप सोचते हैं कि हमें ऐसे घृणित 'मजाक' को नजरअंदाज कर देना चाहिए और केवल 'वास्तविक अपराधों' पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, तो आप यह समझने में विफल हैं कि समाज कैसे काम करता है। विकृत और अपमानजनक हास्य को सामान्य मानने से नैतिक सीमाएँ कमजोर होती हैं और लोग अस्वीकार्य चीजों के प्रति असंवेदनशील हो जाते हैं। कॉमेडी में बिना किसी परिणाम के कुछ भी कहने की छूट नहीं है। खासकर तब जब यह बहुत ही विचलित करने वाले क्षेत्र में प्रवेश कर जाए। कानून गरिमा को बनाए रखने और बुनियादी शालीनता के क्षरण को रोकने के लिए मौजूद हैं। अगर आप 'यह सिर्फ़ एक मज़ाक है' के नाम पर इसका बचाव कर रहे हैं, तो शायद असली मुद्दा यह है कि आप इस तरह की सामग्री के प्रभाव के प्रति बेपरवाह हो गए हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई बहुत ज़रूरी है। आपका यह तर्क कि हमें 'मजाक के बजाय वास्तविक अपराधों और समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए' मूर्खतापूर्ण और अपरिपक्व दोनों है। हास्य में शक्ति होती है और शक्ति के साथ जिम्मेदारी भी आती है। 'मजाक' कहलाने वाली हर बात हानिरहित नहीं होती। कुछ हास्य हानिकारक व्यवहार को सामान्य बना देता है। यदि कोई मज़ाक अनादर, असंवेदनशीलता या नैतिक सीमाओं को लांघने पर आधारित है, तो यह सवाल उठाना उचित है कि क्या यह समाज का उत्थान करता है या पतन करता है। आलोचना का मतलब 'घटिया मानसिकता' रखना नहीं है; यह संस्कृति पर विषय-वस्तु के प्रभाव को पहचानने के बारे में है। यदि कॉमेडी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता तो फिर वास्तव में संवेदनशील कौन है? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ऐसी सामग्री का बचाव करना केवल यह साबित करता है कि समाज में क्या स्वीकार्य है, इसके प्रति लोग कितने असंवेदनशील हो गए हैं। स्वतंत्रता का अभिप्राय है, सही समय पर सही यानी नैतिक कार्य करने की स्वतंत्रता। इसी प्रकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अभिप्राय है-उचित समय पर उचित बात कहने की स्वतंत्रता। इसके विपरीत कुछ भी, कभी भी कह देने की स्वतंत्रता, स्वच्छंदता है। स्वच्छंदता को ही अराजकता कहा जाता है। अतः स्वतंत्रता एक कानूनी प्रक्रिया है, इसके विपरीत स्वच्छंदता गैरकानूनी है। अभिव्यक्ति की स्वच्छंदता को प्रश्रय, सोशल मीडिया की गुणवत्ता की जगह मात्रा को अहमियत देने की व्यवस्था ने दिया है। लोग ज़्यादा व्यूज के लिए सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं। लोग किसी भी तरह से पैसा और शोहरत हासिल करना चाहते हैं और इस तरह की उत्तेजना पैदा करने वाली बातें युवा वर्ग को आकर्षित करती हैं। इसलिए लोग भद्दी भाषा का प्रयोग करते हैं। अगर यूट्यूब, मात्रा की अपेक्षा गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करे तो ऐसे ओछे प्रयास बंद हो जायेंगे।
Dakhal News
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1992 में हर वर्ष 3 दिसम्बर को अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के रूप में मनाने घोषणा की गयी। इसका उद्देश्य समाज के सभी क्षेत्रों में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों को बढ़ावा देना और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में दिव्यांग लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। मगर आज भी लोगों को तो इस बात का भी पता ही नहीं होता है कि हमारे आस-पास कितने दिव्यांग रहते हैं। उन्हे समाज में बराबरी का अधिकार मिल रहा है कि नहीं। किसी को इस बात की कोई फिक्र नहीं है। समाज में दिव्यांगता को एक सामाजिक कलंक के रूप में देखा जाता है। जिसे सुधारने की आवश्यकता है। इस वर्ष का विषय "समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए विकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना" विकलांग व्यक्तियों को अपने भाग्य को आकार देने और समाज में योगदान देने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाने के महत्व को रेखांकित करता है। सरकार द्वारा देश में दिव्यांगों के लिए कई नीतियां बनायी गयी हैं। उन्हें सरकारी नौकरियों, अस्पताल, रेल, बस सभी जगह आरक्षण प्राप्त है। दिव्यांगों के लिए सरकार ने पेशन की योजना भी चला रखी है। लेकिन ये सभी सरकारी योजनाएं उन दिव्यांगों के लिए महज एक मजाक बनकर रह गयी हैं। जब इनके पास इन सुविधाओं को हासिल करने के लिए दिव्यांगता का प्रमाणपत्र ही नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि शारीरिक रूप से अशक्त लोगों के पास एक ‘दिव्य क्षमता’ है और उनके लिए ‘विकलांग’ शब्द की जगह दिव्यांग शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने विकलांगों को दिव्यांग कहने की अपील की थी। जिसके पीछे उनका तर्क था कि शरीर के किसी अंग से लाचार व्यक्तियों में ईश्वर प्रदत्त कुछ खास विशेषताएं होती हैं। विकलांग शब्द उन्हे हतोत्साहित करता है। प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर देश के लोगों ने विकलांगो को दिव्यांग तो कहना शुरू कर दिया लेकिन लोगों का उनके प्रति नजरिया आज भी नहीं बदल पाया है। आज भी समाज के लोगों द्धारा दिव्यांगों को दयनीय दृष्टि से ही देखा जाता है। भले ही देश में अनेको दिव्यांगों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया हो मगर लोगों का उनके प्रति वहीं पुराना नजरिया बरकरार है। दुनिया में अनेकों ऐसे उदाहरण मिलेंगे जो बताते हैं कि सही राह मिल जाये तो अभाव एक विशेषता बनकर सबको चमत्कृत कर देती है। भारत में दिव्यांगों की मदद के लिए बहुत सी सरकारी योजनाएं संचालित हो रही हैं। लेकिन इतने वर्षो बाद भी देश में आज तक आधे दिव्यांगों को ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र मुहैया कराया जा सका है। ऐसे में दिव्यांगों के लिए सरकारी सुविधाएं हासिल करना महज मजाक बनकर रह गया है। दुनिया में बहुत से ऐसे दिव्यांग हुए हैं जिन्होंने अपने साहस संकल्प और उत्साह से विश्व के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम लिखवाया है। तैमूरलंग हाथ और पैर से शक्तिहीन था। मेवाड़ के राणा सांगा तो बचपन में ही एक आंख गंवाने तथा युद्ध में एक हाथ एक पैर तथा 80 घावों के बावजूद कई युद्धों में विजेता रहे थे। सिख राज्य की स्थापना करने वाले महाराजा रणजीत सिंह की एक आंख बचपन से खराब थी। सुप्रसिद्ध नृत्यांगना सुधाचंद्रन का दायां पैर नहीं है। फिल्मी गीतकार कृष्ण चंद्र डे तथा संगीतकार रविंद्र जैन देख नहीं सकते थे। पूर्व क्रिकेटर अंजन भट्टाचार्य मूक-बधिर थे। वर्ल्ड पैरा चैम्पियनशिप खेलों में झुंझुनू जिले के दिव्यांग खिलाड़ी संदीप कुमार व जयपुर के सुन्दर गुर्जर ने भाला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर भारत का मान बढ़ाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार विश्व स्तर पर 15 प्रतिशत आबादी किसी न किसी प्रकार की विकलांगता के साथ रहती है। जबकि उसमें से 80 प्रतिशत से अधिक लोग निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। जबकि भारत में 140 करोड़ से अधिक लोग है। इस आबादी का 2.2 प्रतिशत से अधिक लोग किसी न किसी रूप में गंभीर मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित हैं। आज के प्रगतिशील युग में जहाँ सभी लोगों के एकीकरण और समावेशन पर सतत विकास के प्रवेश द्वार के रूप में जोर दिया जाता है। भारत में विकलांग लोगों को वर्गीकृत करने वाले मानदंडों की सूची को 2016 में नया रूप दिया गया था। 2016 के आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम पर आधारित संशोधित परिभाषा में एसिड हमलों से संबंधित शारीरिक विकृति और चोटों को विकलांगता के रूप में मान्यता देना भी शामिल है। जो इन पीड़ितों को विभिन्न प्रकार की सरकारी सहायता और समर्थन का हकदार बनाता है । दिव्यांगों के अधिकारों के लिए काम कर रहे संगठन नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर द राइटस ऑफ डिसएबल्ड ने प्रधानमंत्री मोदी के दिव्यांग शब्द पर उनको पत्र लिखकर कहा कि था कि केवल शब्द बदलने मात्र से ही विकलांगों के साथ होने वाले व्यवहार के तौर-तरीके में कोई बदलाव नहीं आएगा। सबसे बड़ी जरूरत है विकलांगों से जुड़े अपयश, भेदभाव और हाशिए पर डालने के मुद्दों पर ध्यान देने की है। ताकि वो देश की राजनीति के साथ साथ आर्थिक, सामाजिक विकास में बेहतर भागीदारी कर सकें। भारत में आज भी दिव्यांगता प्रमाण पत्र हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं है। सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों के कई दिनों तक चक्कर लगाने के बाद भी लोगों को मायूस होना पड़ता है। हालांकि सरकारी दावे कहते हैं कि इस प्रक्रिया को काफी सरल बनाया गया है, लेकिन हकीकत इससे काफी दूर नजर आती है। दिव्यांगता का प्रमाणपत्र जारी करने के सरकार ने जो मापदण्ड बनाये हैं। अधिकांश सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक उनके अनुसार दिव्यांगो को दिव्यांग होने का प्रमाण पत्र जारी ही नहीं करते है। जिसके चलते दिव्यांग व्यक्ति सरकारी सुविधाएं पाने से वंचित रह जाते हैं। देश में दिव्यांगों को दी जाने वाली सुविधाएं कागजों तक सिमटी हुई हैं। अन्य देशों की तुलना में हमारे यहां दिव्यांगों को एक चौथाई सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है। केन्द्र सरकार ने देशभर के दिव्यांग युवाओं को केन्द्र सरकार में सीधी भर्ती वाली सेवाओं के मामले में दृष्टि बाधित, बधिर और चलने-फिरने में दिव्यांगता या सेरेब्रल पल्सी के शिकार लोगों को उम्र में 10 साल की छूट देकर एक सकारात्मक कदम उठाया है। दिव्यांगता शारीरिक अथवा मानसिक हो सकती है किन्तु सबसे बड़ी दिव्यांगता हमारे समाज की उस सोच में है जो दिव्यांग जनों से हीन भाव रखती है। जिसके कारण एक असक्षम व्यक्ति असहज महसूस करता है। आधुनिक होने का दावा करने वाला हमारा समाज अब तक दिव्यांगों के प्रति अपनी बुनियादी सोच में कोई खास परिवर्तन नहीं ला पाया है। अधिकतर लोगों के मन में दिव्यांगों के प्रति तिरस्कार या दया भाव ही रहता है। ऐसे भाव दिव्यांगों के स्वाभिमान पर चोट करते हैं। भारत में दिव्यांगों की इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद इनकी परेशानियों को समझने और उन्हें जरूरी सहयोग देने में सरकार और समाज दोनों नाकाम दिखाई देते हैं। अब दिव्यांग लोगों के प्रति अपनी सोच को बदलने का समय आ गया है। दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में तभी शामिल किया जा सकता है जब समाज इन्हें अपना हिस्सा समझे। इसके लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान की जरूरत है। हाल के वर्षों में दिव्यांगों के प्रति सरकार की कोशिशों में तेजी आयी है। दिव्यांगों को कुछ न्यूनतम सुविधाएं देने के लिए प्रयास हो रहे हैं। हालांकि योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सरकार पर सवाल उठते रहे हैं। पिछले दिनों क्रियान्वयन की सुस्त चाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार भी लगायी थी। दिव्यांगों को शिक्षा से जोड़ना बहुत जरूरी है। मूक-बधिरों के लिए विशेष स्कूलों का अभाव है। जिसकी वजह से अधिकांश विकलांग ठीक से पढ़-लिखकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं बन पाते हैं।
Dakhal News
रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक थे। इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया। उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं। अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया। स्वामी रामकृष्ण मानवता के पुजारी थे। साधना के फलस्वरूप वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें कोई भिन्नता नहीं। वे ईश्वर तक पहुँचने के भिन्न-भिन्न साधन मात्र हैं। 19 वीं शताब्दी में श्री रामकृष्ण परमहंस एक रहस्यमयी और महान योगी पुरुष थे। जिन्होंने काफी सरल शब्दों में अध्यात्मिक बातों को सामान्य लोगों के सामने रखा। जिस समय हिन्दू धर्म बड़े संकट में फंसा हुआ था उस समय श्री रामकृष्ण परमहंस ने हिन्दू धर्मं में एक नयी उम्मीद जगाई। रामकृष्ण के जीवन में अनेक गुरु आये पर अन्तिम गुरुओं का उनके जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ा। एक थी भैरवी जिन्होंने उन्हें अपने कापालिक तंत्र की साधना करायी और दूसरे थे श्री तोतापुरी उनके अन्तिम गुरु। गंगा के तट पर दक्षिणेश्वर के प्रसिद्व मंदिर में रहकर रामकृष्ण मां काली की पूजा किया करते थे। गंगा नदी के दूसरे किनारे रहने वाली भैरवी को अनुभूति हुई कि एक महान संस्कारी व्यक्ति रामकृष्ण को उसकी दीक्षा की आवश्यकता है। गंगा पार कर वो रामकृष्ण के पास आयी तथा उन्हें कापालिक दीक्षा लेने को कहा। रामकृष्ण ने भैरवी द्वारा बतायी पद्धति से लगातार साधना कर मात्र तीन दिनों में ही सम्पूर्ण क्रिया में निपुण हो गये। रामकृष्ण के अन्तिम गुरु तोतापुरी थे जो सिद्ध तांत्रिक तथा हठ योगी थे। उन्होने रामकृष्ण को दीक्षा दी। रामकृष्ण को दीक्षा दी गई परमशिव के निराकार रुप के साथ पूर्ण संयोग की। पर आजीवन तो उन्होने मां काली की आराधना की थी। वे जब भी ध्यान करते तो मां काली उनके ध्यान में आ जाती और वे भावविभोर हो जाते। जिससे निराकार का ध्यान उनसे नहीं हो पाता था। तोतापुरी ध्यान सिद्ध योगी थे। उनको अनुभव हुआ कि रामकृष्ण के ध्यान में मां काली प्रतिष्ठित हैं। उन्होने शक्ति सम्पात के द्वारा रामकृष्ण को निराकार ध्यान में प्रतिष्ठित करने के लिये बगल में पड़े एक शीशे के टुकड़े को उठाया और उसका रामकृष्ण के आज्ञाचक्र पर आघात किया जिससे रामकृष्ण को अनुभव हुआ कि उनके ध्यान की मां काली चूर्ण-विचूर्ण हो गई हैं और वे निराकार परमशिव में पूरी तरह समाहित हो चुके हैं। वे समाधिस्थ हो गये। ये उनकी पहली समाधि थी जो तीन दिन चली। तोतापुरी ने रामकृष्ण की समाधी टूटने पर कहा। मैं पिछले 40 वर्षो से समाधि पर बैठा हूं पर इतनी लम्बी समाधी मुझे कभी नही लगी। श्री रामकृष्ण परमहंस का जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में कामारपुकुर नामक गांव में 18 फरवरी 1836 को एक निर्धन निष्ठावान ब्राहमण परिवार में हुआ था। इनके जन्म पर ही ज्योतिषियों ने रामकृष्ण के महान भविष्य की घोषणा कर दी थी। ज्योतिषियों की भविष्यवाणी सुन इनकी माता चन्द्रा देवी तथा पिता खुदिराम अत्यन्त प्रसन्न हुए। इनको बचपन में गदाधर नाम से पुकारा जाता था। पांच वर्ष की उम्र में ही वो अदभुत प्रतिभा और स्मरणशक्ति का परिचय देने लगे। अपने पूर्वजों के नाम व देवी- देवताओं की स्तुतियां, रामायण, महाभारत की कथायें इन्हे कंठस्थ याद हो गई थी। 1843 में इनके पिता का देहांत हो गया तो परिवार का पूरा भार इनके बड़े भाई रामकुमार पर आ पड़ा था। रामकृष्ण जब नौ वर्ष के हुए इनके यज्ञोपवीत संस्कार का समय निकट आया। उस समय एक विचित्र घटना हुई। ब्राह्मण परिवार की परम्परा थी कि नवदिक्षित को इस संस्कार के पश्चात अपने किसी सम्बंधी या किसी ब्राह्मण से पहली शिक्षा प्राप्त करनी होती थी। एक लुहारिन जिसने रामकृष्ण की जन्म से ही परिचर्या की थी। बहुत पहले ही उनसे प्रार्थना कर रखी थी कि वह अपनी पहली भिक्षा उसके पास से प्राप्त करे। लुहारिन के सच्चे प्रेम से प्रेरित हो बालक रामकृष्ण ने वचन दे दिया था। अतः यज्ञोपवीत के पश्चात घर वालों के लगातार विरोध के बावजूद इन्होंने ब्राह्मण परिवार में प्रचलित प्रथा का उल्लंघन कर अपना वचन पूरा किया और अपनी पहली भिक्षा उस लुहारिन से प्राप्त की। यह घटना सामान्य नहीं थी। सत्य के प्रति प्रेम तथा इतनी कम उम्र में सामाजिक प्रथा के इस प्रकार उपर उठ जाना रामकृष्ण की आध्यात्मिक क्षमता और दूरदर्शिता को ही प्रकट करता है। रामकृष्ण का मन पढ़ाई में न लगता देख इनके बड़े भाई इन्हे अपने साथ कलकत्ता ले आये और अपने पास दक्षिणेश्वर में रख लिया। यहां का शांत एवं सुरम्य वातावरण रामकृष्ण को अपने अनुकूल लगा। 1858 में इनका विवाह शारदा देवी नामक पांच वर्षीय कन्या के साथ सम्पन्न हुआ। जब शारदा देवी ने अपने अठारहवें वर्ष मे पदार्पण किया तब श्री रामकृष्ण ने दक्षिणेश्वर के अपने कमरे में उनकी षोड़शी देवी के रूप में आराधना की। यही शारदा देवी रामकृष्ण संघ में माताजी के नाम से परिचित हैं। रामकृष्ण परमहंस के पास जो कोई भी जाता वह उनकी सरलता, निश्चलता, भोलेपन और त्याग से इतना अभिभूत हो जाता कि अपना सारा पांडित्य भूलकर उनके पैरों पर गिर पड़ता था। गहन से गहन दार्शनिक सवालों के जवाब भी वे अपनी सरल भाषा में इस तरह देते कि सुनने वाला तत्काल ही उनका मुरीद हो जाता। इसलिए दुनियाभर की तमाम आधुनिक विद्या, विज्ञान और दर्शनशास्त्र पढ़े महान लोग भी जब दक्षिणेश्वर के इस निरक्षर परमहंस के पास आते तो अपनी सारी विद्वता भूलकर उसे अपना गुरू मान लेते थे।इनके प्रमुख शिष्यों में स्वामी विवेकानन्द, दुर्गाचरण नाग, स्वामी अद्भुतानंद, स्वामी ब्रह्मानंदन, स्वामी अद्यतानन्द, स्वामी शिवानन्द, स्वामी प्रेमानन्द, स्वामी योगानन्द थे। श्री रामकृष्ण के जीवन के अन्तिम वर्ष कारुण रस से भरे थे। 15 अगस्त 1886 को अपने भक्तों और स्नेहितों को दुख के सागर में डुबाकर वे इस लोक में महाप्रयाण कर गये। रामकृष्ण परमहंस महान योगी, उच्चकोटि के साधक व विचारक थे। सेवा पथ को ईश्वरीय, प्रशस्त मानकर अनेकता में एकता का दर्शन करते थे। सेवा से समाज की सुरक्षा चाहते थे। रामकृष्ण का सारा जीवन अध्यात्म-साधना के प्रयोगों में बीता। वे लगातार कई घंटों तक समाधि में लीन हो जाते थे। चौबीस घंटे में बीस-बीस घंटों तक वे उनसे मिलनेवाले लोगों का दुख-दर्द सुनते और उसका समाधान भी बताते। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के भोले प्रयोगवाद में वेदांत, इस्लाम और ईसाइयत सब एक रूप हो गए थे। निरक्षर और पागल तक कहे जाने वाले रामकृष्ण परमहंस ने अपने जीवन से दिखाया था कि धर्म किसी मंदिर, गिरजाघर, विचारधारा, ग्रंथ या पंथ का बंधक नहीं है। रामकृष्ण परमहंस मुख्यतः आध्यात्मिक आंदोलन के प्रणेता थे। जिन्होंने देश में राष्ट्रवाद की भावना को आगे बढ़ाया। उनकी शिक्षा जातिवाद एवं धार्मिक पक्षपात को नकारती हैं। विभिन्न धर्मों के माध्यम से रामकृष्ण के रहस्यमय अनुभवों ने उन्हें यह सिखाने के लिए प्रेरित किया कि विभिन्न धर्म पूर्ण ज्ञान और आनंद तक पहुँचने के अलग-अलग साधन हैं और विभिन्न धर्म पूर्ण सत्य की समग्रता को व्यक्त नहीं कर सकते हैं लेकिन इसके पहलुओं को व्यक्त कर सकते हैं। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिये उनके परम् शिष्य स्वामी विवेकानन्द ने एक मई 1897 को बेलुड़ में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इस मिशन की स्थापना के केंद्र में वेदान्त दर्शन का प्रचार-प्रसार है। रामकृष्ण मिशन के उद्देश्य मानवता के सर्वांगीण कल्याण के लिए काम करना, विशेष रूप से गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए।
Dakhal News
हृदयनारायण दीक्षित भारतीय संस्कृति अति प्राचीन है। यूरोप की सभ्यता पर यूनानी प्रभाव है। यूनान जर्मनी से पहले सभ्य हुआ। भारत यूनान से पहले। यूनानी दर्शन ईसा के 500-600 वर्ष पहले शुरू हुआ। इसके सैकड़ों बरस पहले भारत का वैदिक दर्शन प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका था। यूनानी सभ्यता की विकास भूमि क्रीट द्वीप है। क्रीट की कला के विश्लेषक रैनोल्ड हिगिंस के अनुसार ईसा के 2800 बरस पहले लघु एशिया के प्रवासी वहां सभ्यता ले गए। क्रीट के क्रोसोस नगर के प्रथम शासक मिनोस के नाम पर इसे ‘मिनोअन सभ्यता‘ कहा गया। मिकनी नगर यूनानी सभ्यता का केन्द्र बना। यह सभ्यता मखदूनिया, साइप्रस और इटली तक फैली। मिस्र से निकाले गए हुक्सोस मिकनी के शासक थे। टायनबी ने इन्हें आर्य व हिगिंस ने इन्हें भारतीय कहा। भाषा वैज्ञानिक वामपंथी विद्वान डॉ. रामविलास शर्मा ने बताया कि, ‘‘आर्य भाषा बोलने वाले भारतीय मिनोअन-मिकीनियन राज्यों के संस्थापक थे।‘‘ यूनानी सभ्यता, संस्कृति और दर्शन का विकास भारतीय सम्बंधों से हुआ। ऋग्वेद के मनु, मिस्र के प्रथम राजा मेनस और यूनान (क्रीट) के प्रथम शासक मिनोस भाषा की दृष्टि से संस्कृत के और संस्कृति की दृष्टि से भारतीय तत्व हैं। इंग्लैंड की सभ्यता यूनान से प्रेरित है। उन्होंने लैटिन, ग्रीक, मिस्र से संस्कृति और सभ्यता के तत्व पाए। भारतीय संपर्क से उन्हें पुष्ट किया। अंग्रेजी स्वयं में व्यवस्थित भाषा नहीं है। संस्कृत के तमाम शब्द अंग्रेजी में हैं। संस्कृत का दिव्य ही अंग्रेजी का डिवाइन है। अंग्रेजी का ब्रदर संस्कृत का भ्रात है, फादर संस्कृत का पितृ है और मदर संस्कृत की मातृ है। गोदाम अंग्रेजी में गोडाउन है। पी.जी. सुब्बाराव ने ‘इंडियन वर्ड्स इन इंग्लिश‘ में ऐसे सैकड़ों दिलचस्प शब्दों की सूची दी है। अंग्रेजों ने जर्मन, फ्रेंच से भाषा के संस्कार पाए, रोमन लिपि अपनाई। भाषा विज्ञानी अलब्राइट व लैम्बिडन ने सुमेरी को प्राचीनतम लिखित भाषा बताया। इनके मुताबिक पश्चिम को सुमेरी ने प्रभावित किया। उन्होंने बताया अंग्रेजी ‘ऐबिस‘ सुमेरी का अब्ज (पृथ्वी के नीचे का जल) है। यूनानी में वह अबुस्सास है। बेबीलोन में इसे अप्सु कहते हैं। लेकिन ऋग्वेद (1.23.19, 9.43.9 और 9.30.5 आदि) में जलवाची अप और अप्सु शब्द भरे पड़े हैं। मिस्त्री, सुमेरी और संस्कृत में भूतल जल पर एक शब्दावली है। ऋग्वेद पुराना है, जाहिर है कि संस्कृत ही सबसे पहले सृष्टि के आदि तत्व ‘जल‘ की बोली बनी। विलियम जोन्स ने कहा कि, ‘‘संस्कृत ग्रीक से अधिक निर्दोष, लैटिन से अधिक समृद्ध और इनमें किसी से भी अधिक उत्कृष्ट है। इसके बावजूद धातुओं और व्याकरणिक रूपों में यह इन दोनों से प्रगाढ़ सम्बंध रखती है, इतना प्रगाढ़ कि कोई भाषाविद् इनका एक ही स्रोत माने बिना छानबीन नहीं कर सकता।‘‘ संस्कृत जाने बिना विश्व भाषा विज्ञान, विश्व भाषा परिवार, सृष्टि संरचना और विश्व सांस्कृतिक सम्बंधों का अध्ययन विश्लेषण संभव नहीं। भारत सांस्कृतिक तत्वों का भी निर्यातक था। पश्चिम एशिया में रूद्र-शिव की उपासना थी। गूर्ने ने ‘दि हिटटाइटस‘ (पृष्ठ 134) में बताया कि वे हित्तियों के विशेष देवता थे, उनके अनेक रूप थे। सीरिया के शिल्प में वह परशु चलाते हुए बिजली कौँधने के प्रतीक हैं। यूनानी (मिनोअन) संस्कृति में भी परशु खास प्रतीक हैं। इबान्स के मुताबिक यह परशु मिनोअन देवी और उसके पुरुष देवता का चिन्ह था। इसी परशु का उल्लेख ऋग्वेद में है। पश्चिमी भारत से दक्षिणी यूरोप, फिर उत्तरी यूरोप होते हुए परशु नाम का देव प्रतीक इंग्लैंड तक पहुंचा। अंग्रेजी विद्वान सम्भवतः नहीं मानते कि रुद्र का शिवत्व प्रागैतिहासिक काल में भी है। ऋग्वेद में वे अरुण-रूद्र हैं। वे जटाधारी भी हैं। यजुर्वेद में वे नमः शम्भवाय-नमः शिवाय भी हैं। जैसे सीरिया में वे बिजली कौँधने के प्रतीक हैं वैसे ही उसके बहुत पहले ऋग्वेद (7.46.3) में वे आकाश से बिजली गिराते हैं। यहां उनसे अमृत्व की महामृत्युंजय स्तुति (7.59.12) है। सभ्यता, संस्कृति, देवतंत्र, दर्शन, भौतिकी और आधुनिक ज्ञान-विज्ञान का आदि केन्द्र भारत है। यूरोपीय विद्वान एच.एस. मेन ने लिखा था, ‘‘बीजगणित, अंकगणित में पश्चिमी सहायता के बिना ही ऊंचे दर्जे की दक्षता है। दशमलव प्रणाली के अविष्कार का हम पर ऋण है। अरबों ने अंक हिन्दुओं से पाए, यूरोप में फैलाए। यूरोपीय चिकित्सा पद्धति 17वीं सदी तक अरबी चिकित्सा थी।‘‘ विलियम हंटर ने लिखा था कि, ‘‘पश्चिम के विद्वान जब भाषा विज्ञान का विवेचन आकस्मिक समानताओं के आधार पर कर रहे थे, उस समय भारत में व्याकरण को मूल सिद्धांतों का रूप मिल चुका था।‘‘ सारा ज्ञान विज्ञान, संस्कृति दर्शन संस्कृत में है, हिन्दी में भी है। बावजूद इसके अंग्रेजी पर जोर है, अंग्रेजी का शोर है। सवाल यह है कि जो संस्कृत और हिन्दी काव्य, साहित्य, दर्शन, विज्ञान, प्रीति और प्रेम की सहज अभिव्यक्ति है, वही विज्ञान और व्यापार की सशक्त भाषा क्यों नहीं है? भारत प्राचीनतम व अद्वितीय राष्ट्र है। मैक्समूलर ने लिखा, ‘‘भारत के मानवी-मस्तिष्क ने कुछ सर्वोत्तम गुणों का पूर्ण विकास किया है। जीवन की बड़ी से बड़ी समस्याओं पर भारत द्वारा प्राप्त हल प्लेटो और कांट के दर्शन का अध्ययन किए हुए लोगों के लिए (भी) विचार करने योग्य है। यूनानी, रोमन और एक सेमेटिक जाति यहूदी के विचार मात्र पर पालित-पोषित यूरोप के हम लोग जीवन को अधिक परिपक्व, अधिक व्यापक, अधिक सार्वलौकिक, दरअसल सच्चे मानवीय बनाने के लिए भारत की ओर ही देखते हैं।‘‘ भारतीय संस्कृति दर्शन की ऐसी प्रतिष्ठा पर गर्व करना चाहिए। स्वाधीनता संग्राम की भाषा मातृभाषा हिंदी थी लेकिन नए प्रभुवर्ग अंग्रेजी को वरीयता देते रहे हैं। गांधीजी ने कहा था, ‘‘अंग्रेजी ने हिंदुस्तानी राजनीतिज्ञों के मन में घर कर लिया है। मैं इसे अपने देश और मनुष्यत्व के प्रति अपराध मानता हूं।‘‘ (संपूर्ण गांधी वांगमय 29-312) संस्कृति, सृजन और संवाद की भाषा हिंदी है। बावजूद इसके अंग्रेजी का मोह बढ़ा, अंग्रेजी स्कूल बढ़े, अंग्रेजी प्रभुवर्ग की भाषा बनी। हिंदी का अंग्रेजीकरण भी हुआ। टीवी सिनेमा ने नई ‘संकर भाषा‘ को गले लगाया। हिंदी सौंदर्य और कला में व्यक्त करने का माध्यम थी-है। अंग्रेजीकृत हिंदी-हिंगलिश-मिश्रित बोली ने भारतीय सौंदर्यबोध को विकृत किया। अंग्रेजी मिश्रित हिंदी शैंपू और दाद खाज की दवा बेचने का माध्यम हो सकती है लेकिन सृजन और संवाद की भाषा नहीं हो सकती। स्वभाषा के बिना संस्कृति निष्प्राण होती है। लॉर्ड मैकाले ने ब्रिटिश संसद में कहा था, ‘‘उच्चतर जीवन मूल्य और उत्कृष्ट क्षमताओं को देखते हुए भारतीयों पर तब तक विजय प्राप्त नहीं की जा सकती, जब तक वहां की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक परंपरा की सशक्त रीढ़ नहीं तोड़ी जाती। इसलिए मेरा प्रस्ताव है कि भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति, संस्कृति को विस्थापित करें कि भारतवासी विदेशी और अंग्रेजी को श्रेष्ठ समझते हुए स्वसंस्कृति और स्वाभिमान खोकर हमारी इच्छा अनुरूप शासित राष्ट्र हो जाएं।‘‘ वे असफल हुए। इसका कारण भारत की सांस्कृतिक निरंतरता है। (लेखक, उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हैं।)
Dakhal News
स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध एक वैश्विक बहस का विषय बन गया है। जबकि कुछ देशों ने स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, अन्य देशों ने इसके उपयोग को कानूनी दायरे में लाने का फैसला किया है। यूनेस्को की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग (जेम) टीम के अनुसार, कम से कम 79 शिक्षा प्रणालियों ने स्कूलों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो बच्चों के शिक्षा और गोपनीयता पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं।फ्रांस में वर्ष 2018 में स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जो छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षिक प्रदर्शन पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त करता था। इसी तरह, कुछ ऑस्ट्रेलियाई और ब्रिटिश स्कूलों ने भी स्कूल घंटों के दौरान स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो विचलित होने और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं।अन्य देशों ने भी स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाए हैं। चीन के झेंगझओए शहर में, माता-पिता को अपने बच्चों को प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में स्मार्टफोन का उपयोग करने के लिए लिखित सहमति देनी होती है। इसके अलावा, कुछ देशों ने गोपनीयता की चिंताओं के कारण शैक्षिक सेटिंग्स से विशिष्ट अनुप्रयोगों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। डेनमार्क और फ्रांस ने दोनों ने गूगल वर्कस्पेस पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि जर्मनी के कुछ राज्यों ने माइक्रोसॉफ्ट उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है।इसके विपरीत, कुछ देशों ने स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग को विनियमित करने का फैसला किया है, इसके बजाय प्रतिबंध लगाने के। यह दृष्टिकोण शैक्षिक सेटिंग्स में स्मार्टफोन के संभावित लाभों को स्वीकार करता है, जैसे कि ऑनलाइन संसाधनों तक पहुंच और छात्रों और शिक्षकों के बीच संचार को सुविधाजनक बनाने की क्षमता। भारत में, उदाहरण के लिए, सरकार ने स्कूलों में स्मार्टफोन के जिम्मेदार उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो शिक्षकों को इन उपकरणों को शिक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देने वाले तरीके से अपने शिक्षण प्रथाओं में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।सिंगापुर ने भी स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग को विनियमित करने के लिए कई पहल शुरू की हैं, जिनमें मोबाइल डिवाइस प्रबंधन सॉफ्टवेयर का उपयोग शामिल है ताकि स्मार्टफोन के उपयोग पर निगरानी और नियंत्रण किया जा सके। इसी तरह, कुछ कनाडाई स्कूलों ने स्कूल घंटों के दौरान स्मार्टफोन के उपयोग को विनियमित करने के लिए नीतियां लागू की हैं, जिनमें निर्दिष्ट "टेक-फ्री" क्षेत्रों का उपयोग शामिल है।स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने या इसके उपयोग को विनियमित करने का निर्णय शैक्षिक समुदाय की विशिष्ट आवश्यकताओं और चिंताओं सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। इसके बजाय एक समग्र प्रतिबंध लगाने के बजाय, स्कूलों और सरकारों को एक संतुलन खोजने का प्रयास करना चाहिए जो छात्रों को स्मार्टफोन के लाभों का लाभ उठाने की अनुमति देता है जबकि जोखिमों को कम करता है।स्पष्ट नीतियों को लागू करके, छात्रों और शिक्षकों को शिक्षित करके, और स्मार्टफोन के उपयोग पर निगरानी करके, स्कूल स्मार्टफोन के उपयोग को विनियमित करने में मदद कर सकते हैं जो शिक्षा, सुरक्षा और जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, स्कूल स्मार्टफोन की लत और संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए शारीरिक गतिविधि और आउटडोर प्ले को बढ़ावा दे सकते हैं।भारत सरकार ने स्कूली छात्रों में स्मार्टफोन की लत के मुद्दे को हल करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुख्य उपायों में से एक स्कूलों में जिम्मेदार स्मार्टफोन उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी करना है। ये दिशानिर्देश शिक्षकों को अपने शिक्षण प्रथाओं में स्मार्टफोन को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं जो शिक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं।स्मार्टफोन के उपयोग को विनियमित करने के लिए, कुछ भारतीय स्कूलों ने परिसर के आसपास मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। अन्य लोग दिन के विशिष्ट समय या स्कूल के क्षेत्रों में फोन के उपयोग को प्रतिबंधित करने की सिफारिश करते हैं। यह दृष्टिकोण विचलित होने को कम करता है और एक स्वस्थ शिक्षा वातावरण को बढ़ावा देता है।स्मार्टफोन की लत बच्चों पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिनमें ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी, साइबर बुलिंग का खतरा बढ़ना और शारीरिक गतिविधि में कमी शामिल है। इसके अलावा, अत्यधिक स्मार्टफोन के उपयोग को कई नकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य परिणामों से जोड़ा गया है, जिनमें चिंता, अवसाद और अकेलापन शामिल हैं। इन जोखिमों को कम करने के लिए, स्कूल और माता-पिता कई कदम उठा सकते हैं, जिनमें स्मार्टफोन के उपयोग पर सीमाएं निर्धारित करना, शारीरिक गतिविधि और आउटडोर प्ले को प्रोत्साहित करना और डिजिटल साक्षरता और जिम्मेदार प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना शामिल है।स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर बहस जटिल और बहुआयामी है। जबकि कुछ देशों ने स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, अन्य देशों ने इसके उपयोग को विनियमित करने का फैसला किया है। स्मार्टफोन के लाभों का लाभ उठाने की अनुमति देते हुए छात्रों को जोखिमों को कम करने के लिए एक संतुलन खोजने से, स्कूल और सरकारें छात्रों के लिए एक स्वस्थ और समर्थनकारी शिक्षा वातावरण बनाने में मदद कर सकती हैं।अंततः, स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने या इसके उपयोग को विनियमित करने का निर्णय कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें शैक्षिक समुदाय की विशिष्ट आवश्यकताओं और चिंताओं शामिल हैं। स्कूल, सरकारें और माता-पिता मिलकर काम करके यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि छात्र स्मार्टफोन का उपयोग शिक्षा, सुरक्षा और जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देने वाले तरीके से करते हैं।
Dakhal News
भोपाल । प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था में रिक्त पदों के विरूद्ध सत्र 2024-25 में अतिथि शिक्षकों की सेवाएं ली गई हैं। लोक शिक्षण संचालनालय ने इस शैक्षणिक वर्ष में विद्यालय में व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने के लिये अतिथि शिक्षकों की सेवाएं 30 अप्रैल 2025 तक बढ़ा दी हैं।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने गुरुवार को बताया कि इस संबंध में संचालनालय ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, संकूल प्राचार्य और शाला प्रभारियों को निर्देश जारी किये गये हैं।
Dakhal News
देवास । बिना रेलिंग के तालाब में एक कार गिरने की घटना सामने आई है...घटना के समय कार में एक दम्पत्ति सवार था...जिसने जैसे तैसे कार का गेट खोलकर लोगों की मदद से अपनी जान बचाई गाड़ी के जिस से एक बड़ा हादसा होते होते बच गया... खातेगांव में एक दंपति सवार कार मोड़ने के दौरान बिना रेलिंग के तालाब में जा गिरी...बड़ी मुश्किल से कार का गेट खोलकर लोगों की मदद से दम्पत्ति ने अपनी जान बचाई...जिस जगह वह तालाब है...उसके पास प्राइवेट अस्पताल और रेस्टोरेंट है...जहाँ अक्सर भीड़ देखी जाती है...बिना रेलिंग के तालाब में आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती है...फिलहाल हुई घटना में कोई जनहानि तो नहीं हुई...लेकिन तालाब में रेलिंग लगाने की आवाज उठी है...
Dakhal News
हल्द्वानी । नगर निगम मेयर गजराज सिंह बिष्ट लगातार ताबड़तोड़ एक्शन में जुटे हैं...गजराज बिष्ट ने नगर निगम की खाली पड़ी जमीनों का स्थलीय निरीक्षण किया...और जनहित के कार्यों को करने के निर्देश दिए...इस दौरान नगर आयुक्त ऋचा सिंह और सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट सहित नगर निगम की टीम मौजूद रही... मंगल पड़ाव, मछली बाजार और वर्कशॉप लाइन में नगर निगम क्षेत्र में खाली पड़ी जमीनों के निरीक्षण के दौरान नगर निगम मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने फड़ बाजार, पार्किंग और गोदाम सहित अन्य जनहित के कार्यों को करने के निर्देश दिए....उन्होंने बताया कि नगर निगम की आय बढ़ाने और जनता को सुविधा पहुंचाने की दृष्टि से लगातार निरीक्षण किए जा रहे हैं साथ ही हल्द्वानी को सुंदर और सुसज्जित बनाने के लिए अतिक्रमण हटाने का अभियान भी लगातार जारी है...
Dakhal News
ग्वालियर: ग्वालियर का 118 साल पुराना ऐतिहासिक व्यापार मेला इस साल अपेक्षाकृत कम सैलानियों के आने से मायूस नजर आ रहा है। जहां पहले सालों तक व्यापारियों के लिए यह मेला एक अच्छा अवसर बनता था, वहीं इस वर्ष दुकानदारों के चेहरे पर निराशा छाई हुई है। महाकुंभ को बताया कारण, लेकिन अन्य समस्याएं भी हैं कपड़े के दुकानदारों ने बताया कि पहले की तरह मेला इस साल नहीं चल पा रहा है। उनके मुताबिक, खर्च भी पूरा नहीं हो पा रहा है, और इसका मुख्य कारण प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ है। लेकिन यह केवल एक कारण नहीं है, बल्कि मेला परिसर की अन्य समस्याएं भी बड़ी वजह बन रही हैं। मेला दुकानदार कल्याण संघ के अध्यक्ष बलवीर सिंह ने बताया कि सैलानियों की कमी के अलावा, मेला परिसर में गंदगी, सुलभ शौचालयों की कमी और सड़क पर हाथ ठेले वाले फुटपाथी व्यापारियों की समस्याएं भी अहम कारण हैं। चाट व्यापारी ने कहा – घाटे में जा रही दुकानें चाट के व्यापारी ने भी अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष उनकी दुकान घाटे में जा रही है। उन्हें अपनी पूंजी वापस निकालने में भी कठिनाई हो रही है, क्योंकि सैलानी कम आने के कारण ग्राहक भी नहीं मिल रहे हैं।
Dakhal News
मध्य प्रदेश में गौ संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, लेकिन धरातल पर इन योजनाओं का प्रभाव नदारद है। सिंगरौली जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां सरकारी योजनाओं की असलियत उजागर हो रही है। गौशाला में भूसा और चारे की भारी कमी नगर पालिक निगम सिंगरौली देवरा में एक गौशाला संचालित की जा रही है, जिसमें लगभग 50 गोवंश मौजूद हैं। लेकिन यहां इन गायों को खिलाने के लिए आवश्यक भूसा और चारा उपलब्ध नहीं है। स्थिति इतनी गंभीर है कि पांच दिन से ज्यादा समय से गायें भूखी हैं। इस लापरवाही ने गौशाला के संचालन पर सवाल उठाए हैं और इसे जांच का विषय बना दिया है। लापरवाही पर उठे सवाल गायों के प्रति इस तरह की लापरवाही ने स्थानीय लोगों और पशुपालकों को चिंतित कर दिया है। जब गौशाला में भोजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, तो यह सरकारी नीतियों और योजनाओं की असफलता को दिखाता है। गायों के संरक्षण के लिए बनाई गई योजनाएं अगर कागजों तक सीमित रहती हैं और उनका पालन सही तरीके से नहीं होता, तो इसका नकारात्मक प्रभाव पूरे संरक्षण अभियान पर पड़ता है। क्या सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी? इस मामले में अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए गायों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए जरूरी कदम उठाते हैं या नहीं। फिलहाल, यह मामला स्थानीय प्रशासन के लिए एक चुनौती बन चुका है, और गौवंश की देखभाल में सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है।
Dakhal News
गुना, मध्य प्रदेश: गुना जिले के बजरंगगढ़ इलाके में एक युवक के साथ हुई अमानवीय घटना ने सभी को चौंका दिया है। पारदी गैंग के सदस्यों ने युवक का अपहरण कर उसे नग्न अवस्था में बेरहमी से पीटा। इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया गया है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना का विवरण यह मामला लगभग 24 दिन पुराना है, लेकिन हाल ही में सामने आए वीडियो ने इस घटना की बर्बरता को उजागर किया है। पीड़ित युवक का आरोप है कि पारदी गैंग के सदस्यों ने उसे जबरन अगवा किया और गढ़ला गांव ले जाकर उसके कपड़े उतरवाए। इसके बाद उसे जूते से पीटा गया और कड़ाकड़ाती सर्दी में उसके ऊपर ठंडा पानी भी डाला गया। पुलिस की कार्रवाई घटना के बाद, पीड़ित युवक किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहा और उसने अपने परिवार को इस घटना के बारे में बताया। इसके बाद पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। हालांकि, इस घटना में शामिल आरोपी अभी भी फरार हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या पुलिस अपराधियों को पकड़ने में सक्षम होगी। समाज पर प्रभाव इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि अपराधियों के हौंसले किस कदर बुलंद हैं। समाज में इस प्रकार की बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे अपराधियों को सख्त सजा मिल सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
Dakhal News
ग्वालियर, 12 फरवरी : ग्वालियर के डबरा शहर में एक मोमोज विक्रेता के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। घटना उस समय हुई जब विक्रेता ने अपने ग्राहकों से पैसे मांगे, जिसके बाद दो व्यक्तियों ने उसकी बर्बरता से पिटाई की। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। मोमोज विक्रेता के साथ मारपीट की घटनाग्वालियर के डबरा शहर में एक मोमोज विक्रेता के साथ दो लोगों ने पैसे मांगने के मुद्दे पर मारपीट की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज किया। पुलिस आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। व्यापार मेले में आग का तांडव, करोड़ों का नुकसानग्वालियर व्यापार मेले में एक अन्य गंभीर घटना घटी, जब छतरी नंबर 14 के पास भीषण आग लग गई। आग ने 8 से 10 दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की 8 से अधिक गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और एक घंटे के अंदर आग पर काबू पाया गया। हालांकि, व्यापारी अध्यक्ष ने प्रशासन की लापरवाही की ओर इशारा किया है और कहा कि आग लगने से पहले ही सुरक्षा इंतजामों को दुरुस्त किया जाना चाहिए था। आग लगने के बाद व्यापारी वर्ग में प्रशासन की ओर से लापरवाही को लेकर निराशा का माहौल है।
Dakhal News
सिंगरौली में 21.89 लाख रुपये की लागत से WBM सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया गया है, जिससे क्षेत्र के निवासियों को बरसात में राहत मिलेगी। इस सड़क का निर्माण बृजेश शुक्ला के घर से अरुण सिंह चंदेल और मारुति नगर मुख्य मार्ग तक किया जाएगा। सड़क निर्माण के साथ-साथ, सिंगरौली में किसानों के लिए एक पशुपालन शिविर का आयोजन भी किया गया है, जिसमें उन्हें पशुपालन योजनाओं की जानकारी दी गई। सिंगरौली के 38 तुलसी वार्ड ढोटी में इस सड़क का भूमि पूजन वार्ड पार्षद अनिल कुमार वैश्य ने किया। उन्होंने बताया कि यह सड़क बरसात के दौरान लोगों के लिए राहत का कारण बनेगी और बच्चों को स्कूल जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। सड़क और नाली की लगातार जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है ताकि वार्ड की सुविधाओं में सुधार हो सके। सिंगरौली के पशु चिकित्सालय में आयोजित शिविर में मुख्य अतिथि सीमा जायसवाल ने किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। डॉ. पंकज सिंह और डॉ. शिल्पा पटेल भी शिविर में शामिल हुए। इस शिविर का उद्देश्य किसानों को पशुपालन से जुड़े जानकारी और प्रशिक्षण देना था, ताकि उन्हें नए रोजगार के अवसर मिल सकें।
Dakhal News
छतरपुर से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। यह घटना हरपालपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, आरोपी युवक ने मासूम बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर अपने कमरे में बुलाया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। जब बच्ची ने अपने परिजनों को इस घटना के बारे में बताया, तो उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी विनोद अहिरवार के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने समाज में सुरक्षा के सवाल को एक बार फिर से उठाया है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। यह घटना न केवल पीड़िता के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें बच्चों की सुरक्षा के प्रति और अधिक सतर्क रहना होगा।
Dakhal News
देवास पुलिस ने इंदौर के खजराना क्षेत्र में ठगी करने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया है, जिसने पिछले दो वर्षों में 20 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है। आरोपी, शकील लौहार, छोटे-छोटे कियोस्क दुकानदारों को निशाना बनाकर ठगी की वारदातों को अंजाम देता था। वह दुकानदारों से कहता था कि "मैं आपको 2000 रुपये ऑनलाइन आपके मोबाइल नंबर पर भेज दूंगा, और आप मुझे 2000 रुपये नगद दे देना।" इसके बाद वह दुकानदारों से उनका मोबाइल नंबर लेकर गूगल पे ऐप के माध्यम से 2000 रुपये की रिक्वेस्ट भेजता था। दुकानदार, मैसेज का नोटिफिकेशन देखकर बिना पूरी जानकारी देखे, यह मान लेते थे कि पैसे उनके खाते में आ गए हैं और आरोपी को नगद राशि दे देते थे। इस प्रकार, आरोपी ने पिछले दो वर्षों में 20 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है। पुलिस ने इस मामले में "सेफ क्लिक अभियान" के तहत कार्रवाई की है। थाना प्रभारी शुभम परिहार ने बताया कि इस तरह की ठगी के मामलों को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है और लोगों को जागरूक करने का कार्य भी किया जा रहा है। वहीं, नेमावर में एक और गंभीर घटना सामने आई है, जहां जगदीश नामक युवक ने एक 11 साल की बच्ची को बहला-फुसलाकर लाल माई की कुटिया के पास ले जाकर उसके साथ छेड़छाड़ की। जब बच्ची ने विरोध किया, तो आरोपी ने आसपास के लोगों पर पत्थर फेंककर भागने की कोशिश की। पीड़िता की मां ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। यह घटना समाज में सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बनाती है।
Dakhal News
भोपाल/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे भव्य महाकुंभ मेला के कारण लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। इस दौरान प्रदेश के कुछ जिलों में भारी ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने श्रद्धालुओं से अगले कुछ दिनों तक प्रयागराज न जाने की अपील की है, ताकि यातायात व्यवस्था को सहज बनाया जा सके और जाम से बचा जा सके। भीषण ट्रैफिक जाम से प्रभावित रास्तेप्रयागराज महाकुंभ के मद्देनजर मध्य प्रदेश के कई जिलों जैसे जबलपुर, सिवनी, कटनी, मैहर, सतना, और रीवा में भारी ट्रैफिक जाम देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाहनों से प्रयागराज की ओर जा रहे हैं, जिसके कारण इन जिलों के प्रमुख रास्तों पर भारी दबाव बन रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "प्रयागराज से सटे राज्य के क्षेत्रों, खासकर रीवा जिले के आसपास यातायात दबाव बढ़ गया है, क्योंकि अन्य राज्यों से भी लोग इसी रास्ते से यात्रा कर रहे हैं। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि अगले कुछ दिन इस रास्ते पर आगे न बढ़ें।" प्रयागराज प्रशासन से संपर्क में सरकारसीएम मोहन यादव ने यह भी बताया कि राज्य सरकार प्रयागराज प्रशासन के संपर्क में है और वहां यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर खास ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हम सौभाग्यशाली हैं कि महाकुंभ के लिए इतने श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं, लेकिन साथ ही हम उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर चिंतित भी हैं। राज्य सरकार ने इन मार्गों पर तीर्थयात्रियों के लिए भोजन, पानी और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।" रास्ता साफ हो तभी बढ़ें आगेमुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे गूगल पर रास्ते की स्थिति चेक करें और यदि रास्ता साफ हो तभी आगे बढ़ें। यदि रास्ते में कोई व्यवधान हो, तो किसी उपयुक्त स्थान पर रुककर इंतजार करें। उन्होंने कहा, "कृपया रास्ते की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा करें।" सोशल मीडिया पर रीवा जिले की अंतरराज्यीय सीमा और अन्य जिलों में भारी ट्रैफिक जाम के कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें यातायात के दबाव को साफ देखा जा सकता है। 44 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया स्नानउत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 9 फरवरी तक 44 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया है। अकेले 10 फरवरी को सुबह 10 बजे तक 63 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
Dakhal News
धमौरा स्थित शासकीय विद्यालय में एक 8वीं कक्षा के छात्र के पास अवैध कट्टा मिलने से हड़कंप मच गया। छात्र ने स्कूल में कट्टा लेकर प्रवेश किया, जिसे प्रिंसिपल ने गंभीरता से लेते हुए तुरंत पुलिस को सूचित किया और हथियार को जब्त कराया। पुलिस ने किया छात्र को गिरफ्तार, जांच जारीसिविल लाइन थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कट्टा जब्त किया और छात्र को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि छात्र ने यह अवैध हथियार कहां से प्राप्त किया। यह घटना विद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है, और पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। स्कूल प्रशासन का तत्परता से कदमविद्यालय के प्रिंसिपल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्परता से कार्रवाई की, जिससे बड़ा हादसा टल गया। स्कूल में अवैध हथियारों के प्रवेश को लेकर शिक्षा विभाग और पुलिस प्रशासन से सख्त कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
Dakhal News
शिवपुरी जिले के रावनवाड़ा थाना क्षेत्र में अवैध कोयला तस्करी को रोकने की कोशिश कर रहे विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री गोलू सूर्यवंशी को धमकी दी गई है। आरोपी राजा कुरैशी ने गोलू सूर्यवंशी के घर जाकर उनके भाई को धमकाया और गोलू को जान से मारने की चेतावनी दी। यह घटना स्थानीय लोगों के बीच चिंता का विषय बन गई है और अब तक पुलिस प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का प्रशासन से कार्रवाई की मांगविश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इस घटना के खिलाफ प्रशासन से सख्त कार्रवाई की अपील की है। इन संगठनों ने इस मुद्दे पर प्रशासन को चेतावनी देते हुए ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने अवैध तस्करी और इस तरह की धमकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इन संगठनों का आरोप है कि अवैध कार्यों की बढ़ती संख्या इलाके में सुरक्षा की समस्या उत्पन्न कर रही है। अवैध कोयला तस्करी पर रोक की आवश्यकतागोलू सूर्यवंशी और उनके संगठन के सदस्य लंबे समय से अवैध कोयला तस्करी के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। यह तस्करी क्षेत्र में न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि इससे अपराधों में भी इजाफा हो रहा है। स्थानीय लोग अब प्रशासन से सख्त कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं ताकि इलाके में शांति और सुरक्षा बनी रहे। संगठनों द्वारा प्रशासन को चेतावनीविश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि अवैध तस्करी पर रोक नहीं लगाई गई और धमकियां देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
Dakhal News
प्रधानमंत्री PVTG मिशन योजना के तहत रोजगार के अवसरों पर चर्चा दतिया, मध्यप्रदेश: प्रधानमंत्री PVTG मिशन योजना के अंतर्गत वन विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें वन संपदा से जुड़े रोजगार के अवसरों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। इस कार्यशाला में जनजातीय समूह के लगभग 150 लोगों ने हिस्सा लिया और योजना के लाभों के बारे में जानकारी प्राप्त की। कार्यशाला में दतिया के जिला अधिकारी मोहम्मद माज और एसडीओ प्रीति शाक्य ने भाग लिया। उन्होंने वन संपदा पर आश्रित जनजातीय परिवारों को रोजगार और अत्याधुनिक मशीनरी के उपयोग से संबंधित जानकारी प्रदान की। इस योजना के जरिए जनजातीय समूहों को वन संपदा के संरक्षण और उपयोग से जुड़ी नई संभावनाओं और रोजगार के अवसरों का लाभ मिल सकेगा। कार्यशाला के दौरान, जनजातीय समूह ने प्रधानमंत्री PVTG मिशन योजना की सराहना की और कहा कि इस योजना से उन्हें नई दिशा और रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। साथ ही, उन्होंने प्रदेश और देश सरकार के प्रयासों की तारीफ भी की। एसडीओ प्रीति शाक्य ने योजना की महत्वपूर्ण भूमिका को स्पष्ट करते हुए इसे रोजगार के क्षेत्र में सहायक बताया। आशा और उम्मीद:इस कार्यक्रम के बाद, लगभग 150 जनजातीय लोग इस योजना से लाभान्वित होने की उम्मीद जताते हुए इसे एक सकारात्मक कदम माना। प्रधानमंत्री PVTG मिशन योजना से उन परिवारों को खासा लाभ मिलने की संभावना है जो वन संपदा पर निर्भर रहते हैं। इस कार्यशाला का आयोजन जनजातीय समूहों के जीवन स्तर में सुधार लाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकती है।
Dakhal News
नौगांव थाना क्षेत्र में एक दुकानदार को खाने-पीने के लिए ₹1000 ना देना महंगा पड़ गया। दबंग सद्दाम कुरैशी ने दुकानदार शरीफ अंसारी के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो में दबंग मारपीट करता हुआ दिख रहा है, और जब एक युवक ने वीडियो बनाने की कोशिश की तो दबंग ने उसका मोबाइल भी तोड़ दिया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यह घटना नौगांव थाना क्षेत्र में हुई। पीड़ित दुकानदार शरीफ अंसारी ने बताया कि दबंग सद्दाम कुरैशी उनके दुकान पर आया और खाना खाया। जब उसने पैसे मांगे तो वह गाली-गलौज करने लगा और मारपीट करने लगा। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग इसे देखकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
Dakhal News
दतिया में जनसुनवाई के दौरान अचानक बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं कलेक्टर के पास पहुंच गए। ये छात्र-छात्राएं खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों से थे, जिन्हें अपनी परीक्षा केंद्रों के स्थानांतरण के बाद बड़ी असुविधा हो रही थी। उनका कहना था कि उनके परीक्षा केंद्रों को दतिया स्थानांतरित कर दिया गया है, और इससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। ग्रामीण छात्रों का प्रशासन से आग्रह बडोनी और जिगना के हायर सेकंडरी विद्यालयों के परीक्षा केंद्रों को दतिया स्थानांतरित करने के बाद ग्रामीण विद्यार्थियों में नाराजगी फैल गई है। छात्रों ने प्रशासन से अपनी समस्या साझा करते हुए कलेक्टर से यह अनुरोध किया कि पुराने परीक्षा केंद्रों को यथावत रखा जाए, ताकि वे किसी प्रकार की असुविधा से बच सकें। परीक्षा केंद्र बदलने से होने वाली असुविधाएं ग्रामीण छात्रों का कहना था कि नए परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में उन्हें समय और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ सकता है। अधिकतर विद्यार्थियों के लिए दतिया तक का रास्ता लंबा और कठिन है, जो परीक्षा केंद्र बदलने से उनकी परेशानियों को और बढ़ा सकता है। छात्र-छात्राओं ने यह भी कहा कि पहले के परीक्षा केंद्रों में उन्हें परीक्षा देने में कोई कठिनाई नहीं होती थी, लेकिन अब स्थान परिवर्तन से उनकी तैयारियों पर असर पड़ सकता है। कलेक्टर को आवेदन इन समस्याओं को लेकर छात्र-छात्राएं सीधे कलेक्टर के पास पहुंचे और आवेदन दिया। उन्होंने कलेक्टर से मांग की कि प्रशासन उनके पुराने परीक्षा केंद्रों को फिर से बहाल करे, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी परीक्षा दे सकें। छात्रों का कहना था कि प्रशासन को उनकी समस्याओं का संज्ञान लेना चाहिए, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
Dakhal News
खटीमा तहसील में आयोजित तहसील दिवस के मौके पर जनता ने अपनी विभिन्न समस्याओं को उठाया, जिन्हें तत्काल समाधान किया गया। इस अवसर पर तहसीलदार वीरेंद्र सिंह सजवान ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि जनसमस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जाए। तहसील दिवस पर जनसमस्याओं का समाधान तहसील दिवस के दौरान, खटीमा तहसील सभागार में कई लोगों ने अपनी समस्याएं रखीं, जिनमें प्रमुख रूप से विभिन्न प्रमाण पत्रों, सड़क, सीसी मार्ग, बिजली जैसी समस्याएं शामिल थीं। इन शिकायतों पर तहसीलदार वीरेंद्र सिंह सजवान ने कार्रवाई की और 7 समस्याओं का मौके पर ही समाधान कर दिया। सरकार की प्राथमिकता: जनसमस्याओं का त्वरित निस्तारण तहसीलदार वीरेंद्र सिंह सजवान ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि लोगों की समस्याओं को त्वरित और प्रभावी तरीके से हल किया जाए। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि छोटी समस्याओं का समाधान उनके स्तर पर ही किया जाएगा, ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े। स्थानीय प्रशासन की सक्रियता तहसील दिवस पर जनसमस्याओं का समाधान करते हुए स्थानीय प्रशासन ने यह साबित कर दिया कि वे लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नागरिकों ने प्रशासन की इस सक्रियता की सराहना की और कहा कि इस तरह के कदम से आम जनता को सीधे लाभ मिलेगा।
Dakhal News
चितरंगी पुलिस ने अवैध शराब तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने 453 पेटी विदेशी शराब और एक वाहन को जब्त किया है, जो तस्करी के प्रयास में थे। गुप्त सूचना पर की गई कार्रवाईसिंगरौली पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री के निर्देश पर चितरंगी थाना प्रभारी सुरेन्द्र यादव ने अपनी टीम के साथ अवैध शराब तस्करी का पर्दाफाश किया। 31 जनवरी को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि एक टीपर वाहन में अवैध शराब की तस्करी की जा रही है। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए वाहन को पकड़ लिया। शराब की खेप का था अवैध ट्रांजिट परमिटजांच के दौरान यह पता चला कि वाहन में 36 पेटी शराब रखी थी, जो ट्रांजिट परमिट से मेल नहीं खा रही थी। शराब की पूरी खेप अलग-अलग बैच की थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह अवैध शराब तस्करी की जा रही थी। वाहन चालक की गिरफ्तारीवाहन चालक अंकित मल्लाह को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे न्यायालय में पेश किया गया है। पुलिस की इस कार्रवाई से अवैध शराब की तस्करी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है।
Dakhal News
छतरपुर: छतरपुर पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ चल रही निरंतर मुहिम के तहत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई थाना महाराजपुर पुलिस द्वारा की गई, जिसमें आरोपियों से अवैध हथियार बरामद किए गए। पहला आरोपी: आशीष अवस्थी पहले आरोपी आशीष अवस्थी को ग्राम कुसमा तालाब के किनारे से 315 बोर का देसी कट्टा और कारतूस के साथ पकड़ा गया। दूसरा आरोपी: धीरज यादव दूसरे आरोपी धीरज यादव को यात्री प्रतीक्षालय पुर तिराहा के पास से अवैध धारदार हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया। कानूनी कार्रवाई दोनों आरोपियों के खिलाफ आयुध अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है, और उन्हें न्यायालय में पेश किया जा रहा है। पुलिस की सक्रियता इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में एसडीओपी शशांक जैन और थाना प्रभारी निरीक्षक प्रशांत सेन की अहम भूमिका रही, जिन्होंने अवैध हथियारों के खिलाफ निरंतर अभियान में अपना योगदान दिया। पुलिस प्रशासन का यह कदम क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Dakhal News
दतिया के बड़ौनी कस्बे में एक बर्थडे पार्टी के दौरान युवकों का अवैध हथियार लहराते हुए नाचते-गाते हुए वीडियो सामने आया है। यह वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वीडियो में दिखी कानून की धज्जियांवायरल वीडियो में चार युवक फिल्मी गाने "शाम है धुंआ-धुंआ" पर नाचते हुए अवैध हथियारों के साथ डांस करते हुए नजर आ रहे हैं। इन युवकों ने अपनी हाथों में अवैध हथियार लिए हुए थे और वीडियो में सिगरेट के छल्ले उड़ाते हुए मस्ती करते दिख रहे हैं। यह वीडियो बड़ौनी कस्बे में आयोजित एक जन्मदिन पार्टी का बताया जा रहा है, जहां ये युवक खुलेआम कानून का उल्लंघन करते हुए नजर आ रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई शुरूमामले की गंभीरता को देखते हुए बड़ौनी थाना प्रभारी दिलीप समाधिया ने वीडियो की पुष्टि की और कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आ चुका है। उन्होंने बताया कि वीडियो की प्रामाणिकता जांचने और इसमें दिखाई दे रहे युवकों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस जल्द ही आरोपियों पर कार्रवाई करने के लिए कदम उठाएगी। यह घटना कानून व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है, और पुलिस द्वारा शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
Dakhal News
छतरपुर के चौक बाजार क्षेत्र में स्थित प्रभात ज्वेलर्स में दिनदहाड़े चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया। चोरी करने के लिए चोर ग्राहक बनकर दुकान में घुसे और दुकानदार की आंखों में धूल झोंकते हुए सोने के लॉकेट को चुरा कर फरार हो गए। घटना दोपहर के समय, जब चौक बाजार क्षेत्र काफी व्यस्त था, उस दौरान हुई। दुकान में मौजूद दोनों युवकों ने बड़ी ही चतुराई से 40 ग्राम सोने का ॐ नाम का लॉकेट चुरा लिया। इस पूरी घटना को दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे ने कैद कर लिया, जिससे अब पुलिस को आरोपियों की पहचान करने में मदद मिल रही है। पीड़ित दुकानदार ने इस चोरी की घटना की रिपोर्ट कोतवाली थाने में दर्ज कराई है, और पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। इस घटना से स्थानीय व्यापारियों में भी खलबली मच गई है, क्योंकि दिनदहाड़े चोरी जैसी वारदात ने सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। पुलिस अब इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर रही है और आरोपियों को जल्द पकड़े जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
Dakhal News
सिंगरौली नगर पालिक निगम द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें रिलायंस चौराहे के पास के अतिक्रमण को हटाया गया। इस कार्रवाई के दौरान निगम के अतिक्रमण दस्ते ने अवैध दुकानों और बस्तियों को हटाकर चौराहे को साफ किया, जिससे राहगीरों को हो रही परेशानियों का समाधान हुआ। रिलायंस चौराहे पर हाल के दिनों में अतिक्रमणकारियों ने खाली जगह पर दुकाने और अवैध बस्तियाँ बना ली थीं, जिससे सड़क पर आवाजाही करने वाले लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। सड़क पर गाड़ी और पैदल यात्रियों का निकलना मुश्किल हो गया था, जिससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही थी। निगम के अतिक्रमण अमले ने अवैध निर्माण को हटाने के साथ-साथ अतिक्रमणकारियों को एक अलग स्थान पर विस्थापित किया। इसके बाद, उन्हें यह सख्त हिदायत दी गई कि यदि भविष्य में वे फिर से अतिक्रमण करने की कोशिश करते हैं, तो उनके सामान को जब्त कर लिया जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान निगम के अधिकारी और कर्मचारी साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद थे, ताकि कार्रवाई शांति और सुरक्षा के साथ पूरी हो सके। इस कदम से न केवल चौराहे की सूरत बदली, बल्कि शहर की सफाई और व्यवस्था को भी बढ़ावा मिला। निगम द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर लोगों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, क्योंकि अब चौराहे पर सड़क और यातायात व्यवस्था में सुधार हुआ है।
Dakhal News
सिंगरौली, 30 जनवरी 2025 - सिंगरौली में यातायात व्यवस्था को सुचारू और दुर्घटना रहित बनाने के लिए थाना यातायात परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक बस एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और सीएसपी, विन्ध्यनगर के निर्देश पर थाना प्रभारी यातायात दीपेंद्र सिंह कुशवाह ने आयोजित की। बैठक का उद्देश्यबैठक का उद्देश्य शहर में यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करना, जाम की स्थिति से निपटना और दुर्घटनाओं की रोकथाम करना था। इस बैठक में बस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपनी समस्याएं पुलिस के समक्ष रखी, वहीं यातायात पुलिस ने बस संचालन से संबंधित आवश्यक निर्देश दिए। समस्याएं और समाधानबैठक में यह भी सामने आया कि शहर में अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसके अलावा ऑटो और रिक्शा चालकों के साथ बस संचालकों की बहसें होती रहती हैं, जिससे यातायात व्यवस्था में बाधाएं आती हैं। अब देखना होगा कि इस बैठक के बाद सिंगरौली में यातायात सुधार के लिए किस तरह के कदम उठाए जाते हैं और क्या परिणाम सामने आते हैं।
Dakhal News
छतरपुर, 30 जनवरी 2025 - प्रदेश में ऑनलाइन साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे आम जनता परेशान है और कई लोग इस ठगी के शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला छतरपुर से सामने आया है, जहां दो आरोपियों ने एक ग्रामीण को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की थी। पुलिस ने पकड़े दोनों आरोपियों कोपुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये आरोपी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी कर रहे थे। आरोपी ग्रामीण से अवैध तरीके से पैसे और निजी जानकारी निकालने की कोशिश कर रहे थे। आरोपियों से बरामदगीगिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपियों से 4 मोबाइल, सिम कार्ड, क्रेडिट कार्ड और नगद राशि बरामद की है। पुलिस का कहना है कि इन आरोपियों से और भी खुलासे हो सकते हैं और इस मामले में आगे जांच जारी है। यह घटना एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि ऑनलाइन ठगी के मामले कितने गंभीर होते जा रहे हैं और पुलिस साइबर अपराधियों पर कड़ी नजर रख रही है।
Dakhal News
छतरपुर, 30 जनवरी 2025 - प्रदेश में ऑनलाइन साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे आम जनता परेशान है और कई लोग इस ठगी के शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला छतरपुर से सामने आया है, जहां दो आरोपियों ने एक ग्रामीण को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की थी। पुलिस ने पकड़े दोनों आरोपियों कोपुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये आरोपी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी कर रहे थे। आरोपी ग्रामीण से अवैध तरीके से पैसे और निजी जानकारी निकालने की कोशिश कर रहे थे। आरोपियों से बरामदगीगिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपियों से 4 मोबाइल, सिम कार्ड, क्रेडिट कार्ड और नगद राशि बरामद की है। पुलिस का कहना है कि इन आरोपियों से और भी खुलासे हो सकते हैं और इस मामले में आगे जांच जारी है। यह घटना एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि ऑनलाइन ठगी के मामले कितने गंभीर होते जा रहे हैं और पुलिस साइबर अपराधियों पर कड़ी नजर रख रही है।
Dakhal News
छतरपुर, 30 जनवरी 2025 - छतरपुर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए पांच करोड़ रुपये की चोरी का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं। यह चोरी छतरपुर के लवकुश नगर स्थित चंद्रोदय सोनी ज्वेलर्स की दुकान में हुई थी। चोरी की घटना का खुलासाइस मामले का खुलासा करने के लिए एसपी ने 25 सदस्यीय एक विशेष टीम का गठन किया था। पुलिस ने कड़ी मेहनत और जांच के बाद आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की। गिरफ्तार आरोपियों के पास से करीब पौने दो करोड़ रुपये के सोने और चांदी के जेवरात बरामद किए गए हैं। ये आरोपी पहले ज्वेलरी की दुकानों की रेकी करते थे और फिर चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। आरोपी उत्तर प्रदेश के निवासीसभी आरोपी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, और पुलिस ने उनकी पहचान के बाद उन्हें गिरफ्तार किया। हालांकि, दो आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। सुरक्षात्मक कदम और पुलिस की सराहनाइस बड़ी सफलता को लेकर डीजीपी द्वारा पुलिस टीम को सम्मानित करने की घोषणा की गई है। पुलिस की इस मुस्तैदी और कड़ी मेहनत के चलते छतरपुर क्षेत्र में अपराधियों पर कड़ा प्रहार हुआ है। मामला लवकुशनगर थाना क्षेत्र कायह पूरा मामला लवकुशनगर थाना क्षेत्र का है, जहां ज्वेलरी की दुकान से चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए कई दिनों तक कड़ी जांच और निगरानी की थी। छतरपुर पुलिस की इस सफलता ने स्थानीय समुदाय में सुरक्षा का एक नया अहसास जागरूक किया है और यह दर्शाता है कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने में कितनी सक्षम है।
Dakhal News
ग्वालियर में आवारा और कटखने कुत्तों की बढ़ती समस्या ने शहरवासियों को परेशान कर दिया है। सड़कों पर स्वच्छंद घूमते ये कुत्ते राहगीरों के लिए खतरा बन गए हैं। हाल ही में एक 7 वर्षीय बच्चे पर कुत्तों के हमले की घटना ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। इसके बाद अब प्रशासन डॉग बाइट मामलों पर अंकुश लगाने के लिए शहर की हर विधानसभा क्षेत्र में एबीसी सेंटर (एबोर्ट, कैस्ट्रेट, और कैच) खोलने की योजना बना रहा है। कुत्तों के हमले की दिल दहलाने वाली घटना बीते दिन ग्वालियर के राम कृष्ण आश्रम में पढ़ाई कर रहे एलकेजी के छात्र, 7 वर्षीय रवि पर कुत्तों ने हमला कर दिया था। रवि के शरीर पर 17 गहरे जख्म थे और उसे बचाने के लिए डॉक्टर्स को 6 घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इलाज के दौरान रवि के जख्मों पर 107 टांके लगाए गए। इस दिल दहलाने वाली घटना ने न केवल परिवार को, बल्कि पूरे शहर को हिला दिया। सांसद का बयान और प्रशासन की प्रतिक्रिया इस मामले पर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने भी प्रशासन से त्वरित कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की बात की और कहा, "लोग छड़ी लेकर चलें, अपनी सुरक्षा अब अपने हाथ में है।" वहीं, ग्वालियर कलेक्टर ने कहा कि कुत्तों को पकड़ने और नसबंदी करने के लिए शहर के हर विधानसभा क्षेत्र में एबीसी सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
Dakhal News
छतरपुर जिले में पुलिस ने पांच युवतियों को अवैध रूप से चंदा वसूलने के आरोप में हिरासत में लिया है। ये पांचों युवतियां हाईवे पर राह चलते राहगीरों से अवैध रूप से चंदा वसूल रही थीं। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने इस गंभीर मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए युवतियों को गिरफ्तार किया। कौन थीं ये युवतियां? गिरफ्तार युवतियां गुजरात राज्य की रहने वाली हैं। वे बागेश्वर धाम दर्शन के लिए छतरपुर आई थीं। हालांकि, उनके यहां आने का उद्देश्य धार्मिक था, लेकिन वे अपने धार्मिक कर्तव्यों के बजाय हाईवे पर राहगीरों से अवैध चंदा वसूलने में जुटी हुई थीं। यह घटना तब उजागर हुई जब वसूली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले पर कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने शुरू की पूछताछ वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांचों युवतियों को हिरासत में लिया। अब पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है और इस मामले में आगे की कार्रवाई की योजना बना रही है। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि क्या ये युवतियां किसी बड़े गिरोह का हिस्सा हैं, या फिर व्यक्तिगत तौर पर वसूली कर रही थीं। फिलहाल क्या हो रहा है? पुलिस द्वारा की जा रही पूछताछ और वसूली से जुड़े अन्य तथ्यों की जांच के बाद युवतियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रशासन इस पूरे प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने में जुटा हुआ है।
Dakhal News
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा कर रही संसद की संयुक्त समिति (JPC) ने सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को सोमवार को स्वीकार कर लिया और विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया। समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने बैठक के बाद बताया कि समिति द्वारा स्वीकार किए गए संशोधनों से कानून बेहतर और प्रभावी होगा। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की निंदा की और पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ‘पलटने’ का आरोप लगाया।
Dakhal News
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पूर्व आरटीओ कांस्टबेल सौरभ शर्मा ने सरेंडर के लिए आवेदन दिया है। उन्होंने जिला कोर्ट में ये आवेदन दिया है। इसके बाद आज ही पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा ने सरेंडर कर दिया है। 17 दिसंबर को आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर पर लोकायुक्त की रेड पड़ी थी। सोने और चांदी के मिले थे बिस्किट सौरभ के घर और ऑफिस से करोड़ों रुपए की चांदी और सोने के बिस्किट सहित नगदी जब्त हुई थी। इसके साथ ही सुनसान जंगल से 54 किलोग्राम सोना और 10 करोड रुपए का कैश भी बरामद हुआ था। लोकायुक्त की छापेमारी के बाद से सौरभ शर्मा फरार चल रहा था।
Dakhal News
रीवा स्थित APS यूनिवर्सिटी की एक MBA छात्रा पर इंस्टाग्राम पर भड़काऊ रील पोस्ट करने का आरोप लगा है, जिससे समाज में तनाव और वैमनस्य फैलने का खतरा बढ़ गया। छात्रा ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता ओवैसी के भाई के भाषण पर आधारित एक रील बनाई, जिसे सोशल मीडिया पर साझा किया। इसके साथ ही, छात्रा ने अन्य जातिवाद फैलाने वाली रील्स भी पोस्ट की थीं। इन वीडियोज ने लोगों के बीच विवाद पैदा किया और मामला पुलिस तक पहुंच गया। हालांकि, वायरल होने के बाद छात्रा ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और विवादित पोस्ट को डिलीट कर दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नगर मंत्री हर्ष साहू ने इस मामले की शिकायत विश्वविद्यालय थाने में की और जांच की मांग की। फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन छात्रा के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की ओर से जांच जारी है।
Dakhal News
बॉलीवु़ड स्टार सैफ अली खान पर हुए हमले की कहानी लगातार उलझती जा रही है। पुलिस ने सैफ पर हमले के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उनके घर से मिले 19 फिंगरप्रिंट आरोपी के नहीं हैं। इसके बाद असली हमलावर को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। सैफ अली खान के घर में 15 जनवरी को देर रात एक व्यक्ति घुसा था, जिसकी मेड के साथ बहस हुई और सैफ कमरे में पहुंचे तो आरोपी ने उन पर चाकू से हमला कर दिया। इस हमले में सैफ को गंभीर चोटें आईं। डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद सैफ को घर भेज दिया है और एक सप्ताह तक बेड रेस्ट की सलाह दी है।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के इंदौर के जिला कोर्ट से शनिवार को एक हैरान करने वाला मामला सामने आया। दरअसल, इंदौर के सिमरोल में कुछ दिन पहले बीजेपी नेत्री से दुष्कर्म के आरोप में सरपंच के पति के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। आरोपी भी बीजेपी सदस्य है। शनिवार को सिमरोल पुलिस आरोपी लेखराज डाबी को इंदौर कोर्ट लेकर पहुंची। पीड़िता को इस बात की भनक लग गई और वो भी इंदौर जिला कोर्ट पहुंच गई। पीड़िता ने कोर्ट परिसर में पुलिसकर्मियों के बीच ही आरोपी की पिटाई कर दी।
Dakhal News
गणतंत्र दिवस पर कांग्रेस का विशेष आयोजन भोपाल में कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पर 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया गया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तिरंगा फहराया और देशवासियों को इस ऐतिहासिक दिन की शुभकामनाएं दीं। संविधान के प्रति आदर और सम्मान की अपीलइस मौके पर जीतू पटवारी ने कहा, "गणतंत्र दिवस हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है, क्योंकि इसी दिन हमारे संविधान का निर्माण हुआ था।" उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, संविधान के प्रति सम्मान और आदर की भावना को बनाए रखने की बात कही। देशवासियों को बधाई और प्रेरणा का संदेशप्रदेश अध्यक्ष ने अपने संबोधन में देशवासियों से संविधान की रक्षा और देश की एकता बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस दिन को हमें लोकतंत्र और संविधान की महत्ता को याद करने और उन्हें सुदृढ़ करने के रूप में मनाना चाहिए। मुख्य बिंदु: कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पर तिरंगा फहराया गया। जीतू पटवारी ने संविधान की अहमियत पर जोर दिया। बाबा साहब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का संदेश दिया। गणतंत्र दिवस पर कांग्रेस की अपीलकांग्रेस प्रदेश कार्यालय पर आयोजित इस कार्यक्रम ने संविधान, लोकतंत्र और देश की एकता को मजबूत करने का संदेश दिया। जीतू पटवारी ने इस मौके पर सभी भारतीयों से देश की प्रगति और संविधान के आदर्शों को अपनाने की अपील की।
Dakhal News
महेश्वर: मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने शराबबंदी के मुद्दे पर बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि राज्य में शराबबंदी की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। पहले चरण में मध्यप्रदेश के 17 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर पूर्ण शराबबंदी लागू की जाएगी। यह कदम महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है, और इसके बाद धीरे-धीरे राज्य के अन्य हिस्सों में भी शराबबंदी लागू करने का विचार है। शराबबंदी की दिशा में पहला कदम: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि यह निर्णय समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए लिया गया है और इस निर्णय से महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी की प्रक्रिया राज्यभर में धीरे-धीरे विस्तारित की जाएगी, जिससे मध्यप्रदेश शराबबंदी की दिशा में एक मजबूत कदम आगे बढ़ाएगा। भोपाल को मिलेगा नया ओवर ब्रिज: इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने भोपाल को एक नए ओवर ब्रिज की सौगात देने का भी ऐलान किया। यह ओवर ब्रिज बावड़िया कला में बनाया जाएगा और इसकी लागत लगभग 180 करोड़ रुपये होगी। यह परियोजना राजधानी भोपाल के यातायात सुधार में मदद करेगी और ट्रैफिक की समस्या को हल करने में अहम भूमिका निभाएगी। मध्यप्रदेश में बदलाव की उम्मीद: यह निर्णय मध्यप्रदेश में शराबबंदी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे राज्य में महिलाओं की स्थिति में सुधार और सामाजिक बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में इस पहल का राज्यभर में क्या असर पड़ता है।
Dakhal News
भोपाल, 24 जनवरी 2025: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सराहना करते हुए कहा कि वह साहसी नेता हैं और प्रदेश में पूरी तरह से शराबबंदी लागू करने का फैसला लेंगे। यह बयान उमा भारती ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शराबबंदी के मुद्दे पर बात करते हुए दिया। उमा भारती ने कहा, "भारत में गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां शराबबंदी पूरी तरह से सफलतापूर्वक लागू की गई है। हालांकि, वहां विशेष लाइसेंस के तहत कुछ लोगों को शराब लेने की अनुमति है।" इसके बाद, उन्होंने बिहार का उदाहरण भी दिया, जहां शराबबंदी लागू की गई थी, लेकिन कुछ मंत्री शराब पीते हुए पकड़े गए थे, जिससे नीतियों की गंभीरता पर सवाल उठे थे। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान, उमा भारती ने डॉ. मोहन यादव की तारीफ करते हुए कहा, "डॉ. मोहन यादव एक साहसी व्यक्ति हैं। उनके एक साल के कार्यकाल में उन्होंने कई साहसिक निर्णय लिए हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि वह मध्य प्रदेश में पूरी तरह से शराबबंदी लागू करने का फैसला लेंगे।" उमा भारती के इस बयान ने राज्य में शराबबंदी को लेकर होने वाली संभावित चर्चाओं को और भी तेज कर दिया है। उमा भारती खुद भी शराबबंदी के बड़े समर्थक रही हैं और उनके इस बयान से यह प्रतीत होता है कि वह मध्य प्रदेश में शराबबंदी की दिशा में मुख्यमंत्री यादव का समर्थन करती हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी कई बार शराबबंदी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है, और यह देखना होगा कि आगामी दिनों में इस दिशा में क्या कदम उठाए जाते हैं।
Dakhal News
ग्वालियर के जनकगंज थाना क्षेत्र में एक बार फिर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का मामला सामने आया है। इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़िता एक 32 वर्षीय महिला है, जिसके पति से साल 2021 से अनबन चल रही थी। इस दौरान उसके देवर ने सहानुभूति दिखाते हुए उसका विश्वास जीता और शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। कुछ समय बाद पीड़िता गर्भवती हुई और उसने एक बेटी को जन्म दिया। लेकिन बेटी के जन्म के बाद आरोपी शादी से मुकर गया और पीड़िता और उसकी बेटी को जान से मारने की धमकी देने लगा। पीड़िता ने जब इस मामले की शिकायत पुलिस में की तो पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश शुरू कर दी है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश की जा रही है।
Dakhal News
खातेगांव में इंदौर-बैतूल फोरलेन बायपास के निर्माण ने स्थानीय किसानों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। अपनी जमीन तक पहुंचने के लिए सर्विस रोड की मांग को लेकर किसान अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती, तो वे चक्का जाम और आमरण अनशन की शुरुआत करेंगे। किसानों की बढ़ती समस्याएं: इंदौर-बैतूल फोरलेन बायपास का निर्माण स्थानीय किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। पहले जो मार्ग उनके खेतों तक पहुंचने के लिए महज 1 किलोमीटर दूर था, अब वह बढ़कर 11 किलोमीटर दूर हो गया है। करीब 250 एकड़ भूमि के मालिक 40 किसान इससे प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, पाड़ियादेह, बरवई और भटासा के ग्रामीण भी इस रास्ते का उपयोग करते थे, जो अब काफी दूर हो गया है। सर्विस रोड का वादा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं: किसानों का आरोप है कि बाईपास निर्माण के दौरान उन्हें सर्विस रोड का वादा किया गया था, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जून 2022 से किसान लगातार इस मुद्दे को लेकर अधिकारियों से आवेदन कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। किसान अब इसे प्रशासन की अनदेखी मानते हुए आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे बाईपास पर चक्का जाम और आमरण अनशन करेंगे। किसानों की मांग: किसानों का कहना है कि उन्हें खेतों तक पहुंचने के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक रास्ता चाहिए। बिना सर्विस रोड के उनकी रोजमर्रा की ज़िन्दगी प्रभावित हो रही है, और उनकी कृषि कार्यों में भी कठिनाइयां बढ़ रही हैं। यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी गर्मा गया है, और अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो किसानों का आंदोलन और तेज हो सकता है।
Dakhal News
ग्वालियर: शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उमरी में रिश्वतखोरी का एक नया मामला सामने आया है, जहां ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने स्कूल के प्राचार्य उमाशंकर जोशी और उच्च माध्यमिक शिक्षक उमेश बैरागी को 2 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। कैसे हुआ खुलासा? मामला बाल दिवस कार्यक्रम के आयोजन से जुड़ा था। स्पोर्ट्स टीचर नवल किशोर कुशवाह ने कार्यक्रम के लिए आवश्यक सामान खरीदने और सफाई के काम में कुल 5 हजार रुपये खर्च किए थे। जब उन्होंने इन खर्चों का बिल पास कराने के लिए प्राचार्य उमाशंकर जोशी से संपर्क किया, तो उन्होंने आधे पैसे यानी 2500 रुपये की रिश्वत की मांग की। नवल किशोर ने इसकी शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त से की, और जैसे ही उन्हें प्राचार्य से पैसे देने का अवसर मिला, उन्होंने 2 हजार रुपये देने का तय किया। जब नवल किशोर ने यह राशि शिक्षक उमेश बैरागी को दी, तब लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त की कार्रवाई यह पूरी कार्रवाई लोकायुक्त निरीक्षक कवींद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में की गई। गिरफ्तारी के बाद अब मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
Dakhal News
अमरपाटन शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर तालाबंदी कर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान महाविद्यालय में घंटों तक ताला बंद रहा, जिससे छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी हुई। हालांकि, महाविद्यालय प्रशासन द्वारा समझाइश दिए जाने के बाद छात्रों ने प्रदर्शन समाप्त किया, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे फिर से आंदोलन करेंगे। 10 सूत्रीय मांगों में क्या है खास? ABVP के छात्र नेताओं का कहना है कि इस प्रदर्शन का कारण पिछले वर्ष के परीक्षा परिणामों में गलतियां थीं, जिनके लिए वे जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, महाविद्यालय में असामाजिक तत्वों के आना-जाना भी एक अन्य प्रमुख मुद्दा था, जिसे रोका जाने की आवश्यकता बताई गई। प्रदर्शन के बाद प्रशासन से मिला आश्वासन प्रदर्शन के दौरान, छात्रों ने महाविद्यालय प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें उनके 10 प्रमुख मुद्दे थे। ज्ञापन में प्रमुख तौर पर पिछली साल के परीक्षा परिणामों को फिर से सही करने, महाविद्यालय में असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को नियंत्रित करने, और छात्रवृत्ति से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने की मांग की गई। महाविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों ने छात्रों से बातचीत की और उन्हें जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद छात्रों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया। ABVP नेता की चेतावनी ABVP के नेता अमर सिंह बघेल ने कहा कि विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में यह आंदोलन किया गया है और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे एक बार फिर से सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य से जुड़ी इन मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा।
Dakhal News
छतरपुर, 22 जनवरी 2025: छतरपुर में भाजपा नेता समेत 150 से अधिक लोगों को काटने वाला खौफनाक कुत्ता आखिरकार नगर निगम की टीम द्वारा पकड़ा गया। इस कुत्ते ने शहर में काफी दहशत फैला रखी थी, और इसे पकड़ने के लिए नगर निगम की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। नगर निगम की टीम ने चौक बाजार के नजदीक इस खूंखार कुत्ते को फंदा लगाकर पकड़ा। टीम को तीन दिन से इस पागल कुत्ते की तलाश थी। इस पागल कुत्ते के कारण पूरे शहर में दहशत का माहौल था। नगर निगम की टीम ने अपनी कड़ी मेहनत और चौकसी से अंततः इस कुत्ते को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह वही पागल कुत्ता है जिसकी शहर में दहशत थी। हालांकि, नगर निगम की इस कार्रवाई ने स्थानीय लोगों को राहत पहुंचाई है और उनकी सुरक्षा की भावना को बढ़ावा दिया है।
Dakhal News
मैहर, 22 जनवरी 2025: मैहर पुलिस ने ताला थाना क्षेत्र में एक सप्ताह पहले हुई लूट की वारदात का सफलतापूर्वक खुलासा किया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने लूटी गई बाइक और नगदी भी बरामद कर ली है। पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल ने बताया कि 09 जनवरी को ताला निवासी तेजभान नट से बाइक और नगदी लूटी गई थी। घटना की जानकारी मिलते ही मुकुंदपुर चौकी में शिकायत दर्ज कराई गई और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई। वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस को बड़ी सफलता मिली। चेकिंग के दौरान तीन आरोपियों से लूटी गई बाइक बरामद की गई। पूछताछ में आरोपियों ने लूट की वारदात का खुलासा किया। इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। यह कार्रवाई पुलिस की सख्त चौकसी और प्रभावी जांच का परिणाम है, जो स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देती है।
Dakhal News
विश्व प्रसिद्ध ग्वालियर व्यापार मेले में श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड ने सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में ‘उड़ान रंगमंच’ के माध्यम से लोगों को यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। जिला न्यायाधीश ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर जिला न्यायाधीश आशीष दबांडे मौजूद थे, जिन्होंने सड़क सुरक्षा जागरूक सप्ताह के कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने लोगों को मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के बारे में बताया और जोर देते हुए कहा कि अगर वाहन चालकों द्वारा सावधानी बरती जाए और वे नियमों का पालन करें तो 50% दुर्घटनाओं को आसानी से रोका जा सकता है। नए कानून और प्रावधानों पर चर्चा कार्यक्रम में जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक ने नए मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन नए नियमों के लागू होने से सड़क पर सुरक्षा में सुधार होगा और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी। श्रीराम फाइनेंस की भूमिका श्रीराम फाइनेंस के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिन सिंह शेखावत ने कंपनी द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न वित्तीय सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा, उन्होंने अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कंपनी की ओर से सड़क सुरक्षा के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और उन्हें नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना था, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके और सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
Dakhal News
इंदौर में कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान एक युवक ने अपनी शिकायत का समाधान न होने पर शिकायत पत्र अपने शरीर पर चिपकाकर कलेक्टर आशीष सिंह से मुलाकात की। युवक ने कलेक्टर से अपनी सालों से लंबित समस्या का समाधान मांगा। दो साल से लंबित समस्या का समाधान नहीं हुआ इंदौर में एक शख्स पिछले दो साल से अपनी समस्या का समाधान नहीं होने से परेशान था। युवक का कहना है कि वह लगातार जनसुनवाई में अपनी शिकायत लेकर आता है, लेकिन हर बार उसकी समस्या का समाधान नहीं होता। वह हमेशा शिकायतों को व्यवस्थित फाइल में लेकर आता है, लेकिन वे ठंडे बस्ते में चली जाती हैं। इसलिए, युवक ने इस बार अपने शरीर पर शिकायतों का पुलिंदा चिपकाकर कलेक्टर से मुलाकात की, ताकि उसकी समस्या का समाधान हो सके।
Dakhal News
अमरपाटन: 43वें अखिल भारतीय स्व. कैप्टन लाल प्रताप सिंह फुटबॉल टूर्नामेंट का समापन अमरपाटन के कप्तान लाल प्रताप सिंह स्टेडियम में धूमधाम से हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार रहे। फाइनल मुकाबले में राजस्थान ने केरला को हराकर टूर्नामेंट जीत लिया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विजेता और उपविजेता टीमों को पुरस्कार प्रदान करते हुए उन्हें बधाई दी। इस मौके पर विधायक विक्रम सिंह, श्रीकांत चतुर्वेदी, सिद्धार्थ कुशवाहा, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रेमा सिंह और अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। उमंग सिंघार ने स्टेडियम के बेहतर निर्माण के लिए सभी विधायकों की ओर से पांच लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की। उन्होंने इस टूर्नामेंट के आयोजन को बेहद सफल बताते हुए कहा कि यह खेलों के प्रति युवाओं के उत्साह को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
Dakhal News
शल्यकर्णी, एक दुर्लभ औषधीय पौधा है, जिसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। यह पौधा खास तौर पर युद्ध के दौरान सैनिकों के घावों को जल्दी भरने के लिए उपयोग किया जाता था। इसके पत्तों और छाल का रस घावों पर लगाने से सैनिकों के घाव जल्दी ठीक हो जाते थे। आजकल यह पौधा केवल रीवा क्षेत्र में ही पाया जाता है, और इसके संरक्षण के लिए वन विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। आयुर्वेदिक ग्रंथों में शल्यकर्णी का उल्लेख मिलता है। विशेष रूप से चरक संहिता में इसे शल्यक्रिया में सहायक माना गया है। इस पौधे का उपयोग आयुर्वेद में भी औषधि के रूप में किया जाता था। हालांकि, समय के साथ यह पौधा लुप्त हो गया था, लेकिन अब वन विभाग इसके संरक्षण और पुनर्विकास पर काम कर रहा है, ताकि भविष्य में इसे औषधि के रूप में पुनः उपयोग किया जा सके। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शल्यकर्णी की पुन: उपस्थिति न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के लिए भी लाभकारी हो सकता है। इस पौधे की महत्ता को देखते हुए इसे संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। "शल्यकर्णी का आयुर्वेदिक महत्व बहुत ज्यादा है और इसके संरक्षण से हम पुरानी आयुर्वेदिक पद्धतियों को फिर से जीवन दे सकते हैं। इसके औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से अध्ययन किया जा सकता है।" वन विभाग के निरंतर प्रयासों से यह पौधा न केवल इतिहास को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि भविष्य में एक महत्वपूर्ण औषधि स्रोत के रूप में उभर सकता है।
Dakhal News
छतरपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना में पुरानी रंजिश ने एक युवक की जान ले ली। चार अज्ञात हमलावरों ने गढ़ीमलेहरा थाना क्षेत्र के पिड़पा गांव के पास एक बाइक सवार युवक को रास्ते में रोककर गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल युवक को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक युवक दो साल पहले हुए एक हत्याकांड का गवाह था। आरोप है कि हत्यारे युवक से अपनी गलती कबूल करवाना चाहते थे और इसी रंजिश को लेकर उन्होंने युवक की हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, "हमने हत्या के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। हम इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।" इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। स्थानीय लोगों ने पुलिस से आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।
Dakhal News
कटनी प्रवास पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का एक विवादित बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को लेकर तीखी टिप्पणी की। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के गुलाम अधिकारियों को RSS की चड्डी पहननी चाहिए। उनके इस बयान ने राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है। सिंघार ने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा नेताओं के गुलाम अधिकारी जनता के लिए निष्पक्ष होकर काम करने की बजाय उनके इशारों पर चलते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी केवल सरकार की नीतियों को ही नहीं, बल्कि उनकी दिशा को भी अनुसरण करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार की जन कल्याण योजनाओं पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि इन योजनाओं का लाभ सिर्फ मंत्रियों को मिल रहा है और सोने की तरह निकला जा रहा है।
Dakhal News
गुना जिले के चाचौड़ा तहसील में वन विभाग ने 900 बीघा वन भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया। मुख्यमंत्री मोहन यादव और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के सख्त निर्देशों पर यह अभियान भू-माफियाओं के खिलाफ चलाया गया। इस कार्रवाई में 60 बुलडोजर और 600 अधिकारियों तथा कर्मचारियों की टीम शामिल थी, जिन्होंने मिलकर यह कार्रवाई सफल बनाई। 60 बुलडोजर और 600 अधिकारियों की टीम ने की कार्रवाई गुरुवार को हुए इस अभियान में जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने मिलकर 900 बीघा वन भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त किया। 16 जनवरी को त्वरित कदम उठाते हुए, पुलिस ने 250 पुलिसकर्मियों के साथ वज्र वाहन, अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस और अश्रु गैस दल की तैनाती की। इसके अलावा, गुना, राजगढ़, ब्यावरा, सुठालिया, राघोगढ़ और राजस्थान के मनोहरथाना से मशीनरी और मानव संसाधन जुटाए गए, ताकि अवैध कब्जों को पूरी तरह से हटाया जा सके। भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई यह कार्रवाई भू-माफियाओं के खिलाफ एक बड़ी जीत मानी जा रही है, जिसमें वन भूमि पर अवैध कब्जे को समाप्त किया गया। इस अभियान को सफल बनाने में पुलिस, वन विभाग और प्रशासन की कड़ी मेहनत और सटीक योजना का अहम योगदान रहा। मुख्यमंत्री और सांसद के नेतृत्व में यह कार्रवाई राज्य की वन संपत्ति की सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।
Dakhal News
छतरपुर जिले के नौगांव से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कलेक्टर और एसपी के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन होता हुआ दिखाई दे रहा है। इस वीडियो में दो लाइसेंसी शस्त्र धारक एक घर में हो रहे कार्यक्रम के दौरान जमकर हर्ष फायरिंग करते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो इस घटना के दौरान शूट किया गया है, जब दो व्यक्ति बिना किसी रोक-टोक के लगातार फायरिंग कर रहे थे। फायरिंग के दौरान बच्चों और भीड़ की सुरक्षा की अनदेखी वायरल हुए वीडियो में साफ दिख रहा है कि दोनों बंदूकधारी लगातार गोली चला रहे हैं, और न तो पास खड़े छोटे बच्चों को कोई परवाह है, न ही आसपास मौजूद भीड़ की सुरक्षा की कोई चिंता है। वे बस धांय-धांय करते हुए फायरिंग कर रहे हैं। यह घटना तब हुई जब नौगांव में एक बच्चे के जन्म के बाद चौक समारोह आयोजित किया गया था। इसके बावजूद कलेक्टर और एसपी के आदेशों का उल्लंघन कर यह खतरनाक गतिविधि जारी रखी गई। कलेक्टर और एसपी के आदेशों का उल्लंघन, सवाल उठते हैं सुरक्षा पर इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब कलेक्टर और एसपी ने हर्ष फायरिंग पर रोक लगा दी है, तो फिर यह आदेश क्यों नहीं लागू हो रहे हैं। इस वीडियो ने अधिकारियों की कार्यवाही पर भी सवाल उठाए हैं, और अब तक कोई ठोस कदम उठाने की जानकारी सामने नहीं आई है। सुरक्षा के लिहाज से यह एक गंभीर मुद्दा बन चुका है।
Dakhal News
अमरपाटन के लाल प्रताप सिंह स्टेडियम में चल रहे फुटबॉल टूर्नामेंट में दर्शकों को रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। दूसरे मैच में दोनों टीमों ने गोल करने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन समय खत्म होने तक कोई भी टीम गोल करने में सफल नहीं हो पाई। इसके बाद पेनाल्टी शूट के दौरान बैंगलोर ने अपनी जीत दर्ज की, जबकि पहले मैच में नीमच ने श्रीनगर को 2-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह बनाई। टूर्नामेंट का पहला मैच नीमच और श्रीनगर के बीच हुआ, जिसमें नीमच की टीम ने श्रीनगर को 2-0 से हराया और क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। वहीं, दूसरे मैच में बालाघाट और बैंगलोर के बीच कड़ा मुकाबला हुआ, जिसमें पेनाल्टी शूट के दौरान बैंगलोर ने जीत हासिल कर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित की। इस रोमांचक टूर्नामेंट के दौरान मैच देखने के लिए हजारों दर्शक स्टेडियम में मौजूद थे, जिन्होंने हर पल का लुत्फ उठाया और खिलाड़ियों को उत्साहवर्धन किया।
Dakhal News
मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों ने अपनी लंबित पदोन्नतियों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि 9 साल से उनकी पदोन्नति नहीं हुई है, और अब सरकार सीधी भर्ती की तैयारी कर रही है, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी है। कर्मचारी नेताओं ने मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की और अपनी मांगें उठाई। कर्मचारी नेता सुधीर नायक ने कहा कि मध्यप्रदेश एकमात्र राज्य है जहां पिछले नौ वर्षों से पदोन्नतियां रुकी हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कर्मचारियों की वर्षों से लंबित पदोन्नतियों की बजाय सीधी भर्ती का प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसका सभी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों का यह विरोध प्रदर्शन सरकार की नीतियों के प्रति असंतोष को दर्शाता है, और वे अपनी लंबित पदोन्नतियों को लेकर सरकार से शीघ्र समाधान की मांग कर रहे हैं।
Dakhal News
राजनगर पुलिस ने हनी ट्रैप के आरोप में एक महिला को गिरफ्तार किया है, जो यूपी के चरखारी के एक युवक को फंसाकर उसे एफआईआर कराने की धमकी दे रही थी। महिला की पहचान सुंदरी उर्फ सोनाली रैकवार के रूप में हुई है, जो पहले भी इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों में शामिल रही है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया। इस महिला पर निवाड़ी जिले के ओरछा में भी इसी प्रकार के मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, महिला छतरपुर के ओरछा रोड थाना में भी एक झूठे गैंगरेप केस में पहले गिरफ्तार हो चुकी है। पुलिस अब उसके साथी पंकज शर्मा की तलाश कर रही है, जो फिलहाल फरार है। यह मामला एक बार फिर हनी ट्रैप जैसी धोखाधड़ी की घटनाओं की गंभीरता को उजागर करता है, और पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
Dakhal News
ग्वालियर: मध्य प्रदेश शासन द्वारा शराब की दुकानों के अंतर्गत अहातों के संचालन पर रोक लगाने के बाद भी ग्वालियर में इन निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। इस समय ग्वालियर में शराब की दुकानों के बगल में धड़ल्ले से अहातों का संचालन किया जा रहा है, जिससे शासन के आदेशों की कोई परवाह नहीं की जा रही। आबकारी विभाग की लापरवाहीग्वालियर में शराब की दुकानों के पास अहातों का संचालन आबकारी विभाग के संरक्षण में हो रहा है। यह गंभीर स्थिति तब उत्पन्न हो रही है जब प्रदेश शासन ने स्पष्ट आदेश दिए थे कि शराब की दुकानों के साथ किसी भी प्रकार के अहातों का संचालन नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके, ग्वालियर में शराबखोरी और अहातों की अवैध गतिविधियां बिना किसी रोक-टोक के चल रही हैं। इस पूरे मामले में आबकारी विभाग की लापरवाही साफ तौर पर नजर आ रही है, क्योंकि विभाग शराब ठेकेदारों से राजस्व वसूलने के चक्कर में इन उल्लंघनों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। नागरिकों और महिलाओं को हो रही परेशानीइस अव्यवस्था से न केवल नागरिकों बल्कि विशेष रूप से महिलाओं को भी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शराब के सेवन के बाद सड़कों पर हो रही सार्वजनिक शराबखोरी से आसपास के लोग प्रभावित हो रहे हैं। यह स्थिति ग्वालियर के शहरी क्षेत्र में लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे आम जनता में असंतोष और भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है। राजस्व के लिए नियमों की अनदेखीआबकारी विभाग का ध्यान केवल राजस्व एकत्रित करने पर है, जबकि जनता की सुरक्षा और नियमों का पालन सुनिश्चित करना विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए। ठेकेदारों द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने के बावजूद विभाग द्वारा कार्रवाई न करना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। यदि यही स्थिति बनी रही तो यह नगरवासियों के लिए और भी बड़े समस्याओं का कारण बन सकता है, और शासन के आदेशों की कोई अहमियत नहीं रह जाएगी।
Dakhal News
ग्वालियर में लखनऊ से बिजनेस टूर पर आए एक युवक की अचानक मौत हो गई। युवक मैक्सन होटल में ठहरा हुआ था, जहां उसकी हालत अचानक बिगड़ी और उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। युवक की हालत बिगड़ी, अस्पताल में हुई मौत लखनऊ का निवासी दिव्यांशु ग्वालियर में एक निजी कंपनी में अधिकारी था और बिजनेस टूर पर आया था। जानकारी के अनुसार, दिव्यांशु ने अपनी गर्लफ्रेंड को दिल्ली से ग्वालियर बुलाया था और दोनों मैक्सन होटल में ठहरे हुए थे। गर्लफ्रेंड के आने के कुछ देर बाद ही दिव्यांशु की तबियत अचानक बिगड़ने लगी। होटल स्टाफ ने तुरंत पुलिस और अस्पताल को सूचित किया। दिव्यांशु को पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। शराब और दवा के रैपर मिले मृतक के कमरे से शराब की बोतल और सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवा के रैपर भी मिले हैं। डॉक्टरों का कहना है कि नशे के साथ दवा का ओवरडोज युवक की मौत का कारण हो सकता है। पुलिस ने मृतक की गर्लफ्रेंड से भी पूछताछ की है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि मौत के सही कारण का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही किया जा सकेगा। पुलिस की जांच जारी पुलिस इस मामले में सभी पहलुओं की जांच कर रही है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है ताकि मौत के असली कारण का पता चल सके। इस घटना ने एक बार फिर नशे के खतरों और दवाओं के ओवरडोज के मुद्दे को उजागर किया है।
Dakhal News
रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में पुलिस के अमानवीय व्यवहार का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सिटी कोतवाली थाना के पुलिसकर्मियों ने सड़क पर बैठे एक बेजुबान कुत्ते पर गाड़ी चढ़ा दी। इस घटना में कुत्ता दर्द से कराहता रहा, लेकिन पुलिसकर्मी गाड़ी से नीचे नहीं उतरे और कुत्ते को रौंदते हुए आगे बढ़ गए। सीसीटीवी फुटेज में दिखी अमानवीयता यह घटना थाना क्षेत्र के दूध मंडी के पास की है, जहां सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस की गाड़ी कुत्ते के ऊपर चढ़ जाती है। गाड़ी के नीचे दबे कुत्ते को देख अन्य कुत्ते उसकी मदद के लिए पहुंचे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनकी मदद की बजाय बिना कोई मानवता दिखाए गाड़ी आगे बढ़ा दी। इस घटना के बाद कुत्ते का दर्दनाक कराहना और उसके साथी जानवरों का उसपर खड़े होना दृश्य को और भी दिल दहलाने वाला बना दिया। यह सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और पुलिस के अमानवीय रवैये की कड़ी आलोचना हो रही है। पुलिस की कड़ी आलोचना इस घटना ने पुलिस विभाग को कठघरे में खड़ा कर दिया है, जहां एक ओर कानून और मानवाधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी पुलिस पर होती है, वहीं दूसरी ओर इस तरह के अमानवीय कृत्य से सवाल उठने लगे हैं। नागरिकों और पशु प्रेमियों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अब देखना यह होगा कि रीवा पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या इस अमानवीय कार्रवाई के खिलाफ पुलिसकर्मियों पर कोई कार्यवाही होती है।
Dakhal News
कांग्रेस ने नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी डॉ अस्मिता मिश्रा के समर्थन में शक्ति प्रदर्शन करते हुए नगर में विशाल जुलूस निकाला। इस दौरान उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या समेत कई दिग्गज कांग्रेस नेता मौजूद रहे, जिन्होंने डॉ अस्मिता मिश्रा के पक्ष में मतदान की अपील की। नुक्कड़ सभा और शक्ति प्रदर्शन नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी डॉ अस्मिता मिश्रा ने लालकुआँ के वार्ड नंबर एक में नुक्कड़ सभा आयोजित की, जहां उन्होंने अपनी जीत के बाद की विकास योजनाओं को जनता के सामने रखा। इसके बाद, नगर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए एक भव्य जुलूस निकाला गया, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल जैसे दिग्गज नेताओं ने डॉ अस्मिता मिश्रा के पक्ष में मतदान करने की अपील की। पूर्व उपाध्यक्ष की कांग्रेस में प्रवेश जुलूस के दौरान पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष गीता शर्मा को कांग्रेस पार्टी में शामिल किया गया, जिसे कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस शक्ति प्रदर्शन से कांग्रेस पार्टी ने अपनी ताकत और संगठनात्मक एकता का प्रदर्शन किया और आगामी चुनावों में अपनी जीत का विश्वास जताया।
Dakhal News
पीतांबरा पीठ मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। मंदिर परिसर के अंदर मां धूमावती मंदिर के आंगन में एक लड़की ने मोबाइल से रील बनाई और इसे इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया। इस घटना के बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल दतिया स्थित पीतांबरा पीठ मंदिर में यह घटना उस समय हुई जब एक लड़की ने मां धूमावती मंदिर के आंगन में मोबाइल फोन से रील बनाई और उसे सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। हालांकि मंदिर प्रबंधन का दावा है कि प्रमुख स्थानों पर 8-8 घंटे की ड्यूटी पर सिक्योरिटी गार्ड और स्थानीय पुलिस बल तैनात रहते हैं। इसके अलावा, प्रमुख द्वारों पर दर्शनार्थियों से मोबाइल फोन जमा करने की व्यवस्था है, जिसके बदले उन्हें 5 रुपये दिए जाते हैं। सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही इसके बावजूद यह घटना सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही का ठोस प्रमाण है। यह रील चीची शर्मा नामक लड़की के इंस्टाग्राम पर अपलोड की गई थी। मंदिर प्रबंधन ने पहले ही सख्त हिदायत दी थी कि सुरक्षा में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा, लेकिन फिर भी इस प्रकार की चूक हुई है। यह घटना मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है और इसके बाद मंदिर प्रशासन को अपनी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
Dakhal News
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर नेमावर स्थित पेढ़ी घाट, सिद्धनाथ घाट और नागर घाट पर भक्तों का तांता लगा रहा। देवास, हरदा, सीहोर और आसपास के जिलों से आए श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। ठंड में भी श्रद्धालुओं का जोश कायम कड़कड़ाती ठंड के बावजूद, नेमावर में सुबह से लेकर शाम तक स्नान का सिलसिला जारी रहा। श्रद्धालुओं ने नाभि कुंड और सिद्धनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और साथ ही अनाज, कपड़े और अन्य सामग्रियों का दान किया। खासकर नदी किनारे बैठे बुजुर्गों को श्रद्धालुओं ने खिचड़ी परोसी, जो इस दिन का एक महत्वपूर्ण रिवाज है। इस अवसर पर पंडित मदन मोहन व्यास ने मकर संक्रांति के महत्व को बताते हुए कहा कि यह दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है, जो हमारे जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लाने वाला होता है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। घाटों पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत लगा दी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। इस प्रकार, मकर संक्रांति का पर्व नेमावर में धूमधाम से मनाया गया, जहां श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और श्रद्धा से इस पवित्र दिन को और भी विशेष बना दिया।
Dakhal News
ग्वालियर में मसाज पार्लर की आड़ में चल रहे देह व्यापार के धंधे में पुलिस की संलिप्तता का मामला सामने आया है। पुलिस की दबिश में पकड़े गए आरोपी पार्लर के मैनेजर ने खुलासा किया कि विश्वविद्यालय थाना का हवलदार हर महीने उससे 15 हजार रुपये की वसूली करता था। आरोपी ने यह भी बताया कि पुलिस की ओर से पैसे देने के बाद उन्हें अपने कारोबार के बारे में कोई चिंता नहीं होती थी, और पुलिस कभी उनके धंधे की ओर आंख उठाकर भी नहीं देखती थी। पार्लर के अलावा, आरोपी ने होटल और अन्य ठिकानों पर भी लड़कियों की सप्लाई का काम शुरू किया था। देह व्यापार में पुलिस की कथित सांठगांठ के सामने आने के बाद एसपी धर्मवीर सिंह यादव ने हवलदार मनोज शर्मा को सस्पेंड कर दिया है, साथ ही विश्वविद्यालय थाना प्रभारी उपेन्द्र छारी को लाइन हाजिर कर दिया है। विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। पुलिस की कार्रवाई में विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के पटेल नगर स्थित "द हीलिंग हैंड मसाज थेरेपी" नामक मसाज पार्लर को पकड़ा गया, जो दरअसल देह व्यापार का अड्डा था। पार्लर में 6 युवतियां और दो ग्राहक, जितेन्द्र राजपूत और संकेत बंसल, गिरफ्तार किए गए। इसके अलावा, पार्लर के मालिक प्रीतेश चौरसिया और मैनेजर देवेन्द्र शर्मा भी गिरफ्तार हुए। जब पुलिस ने पार्लर पर छापा मारा, तो आरोपी ने यह खुलासा किया कि मसाज का काम केवल एक ढोंग था, जबकि असली कारोबार वेश्यावृत्ति का था। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय थाने के हवलदार मनोज शर्मा ने उनसे हफ्ता वसूली शुरू की थी और हर महीने 15 हजार रुपये लेता था। यह राशि देने के बाद वे निश्चिंत रहते थे कि पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस खुलासे के बाद एसपी यादव ने हवलदार मनोज शर्मा को सस्पेंड और थाना प्रभारी उपेन्द्र छारी को लाइन हाजिर कर दिया। एएसपी श्रीकृष्ण लालचंदानी की जांच में हवलदार की सांठगांठ और थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है। अब पुलिस विभाग ने मामले की गहरी जांच शुरू कर दी है।
Dakhal News
छतरपुर जिले के खजुराहो में क्यूआर कोड बदलकर ठगी करने वाले एक शातिर आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी का नाम छोटू तिवारी है, जबकि इस घटना में शामिल दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। यह मामला व्यापारियों और दुकानदारों को क्यूआर कोड बदलकर ठगने वाले गैंग से जुड़ा है। गिरफ्तार आरोपी छोटू तिवारी ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि वह और उसके दो साथी यूपी के सहारनपुर में एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करते थे। वहीं पर उन्हें क्यूआर कोड से ठगी करने का आइडिया मिला। इसके बाद तीनों ने मिलकर खजुराहो में क्यूआर कोड स्कैनर बनवाए और उसे स्थानीय दुकानों और पेट्रोल पंपों पर लगा दिया। लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनका यह कदम उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा देगा। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तीनों आरोपियों की पहचान की और अब बैंक डिटेल्स के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि ठगी से कमाए गए पैसों का क्या हुआ। इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि ठगी और साइबर अपराध के मामलों में नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं, जिनसे बचाव के लिए लोगों को जागरूक रहना जरूरी है। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी है और ठगी के मामले में आगे की जांच कर रही है।
Dakhal News
छतरपुर पुलिस अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। एसपी अगम जैन के नेतृत्व में चल रही कॉम्बिंग गश्त के दौरान अब तक 175 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें स्थायी वारंट वाले अपराधी, अवैध हथियार तस्कर और इनामी बदमाश शामिल हैं। हाल ही में, एसपी ने बमीठा थाने का दौरा कर ज्वेलर्स की दुकान में हुई चोरी की घटना की जानकारी ली और थानों में जमानत पर चल रहे आरोपियों की परेड कराई। छात्रा ने लगाई छलांग, मौत छतरपुर में एक दुखद घटना में, एक बीएससी की छात्रा ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। राठ की रहने वाली दीक्षा गुप्ता छतरपुर में किराए के मकान में रहकर बीएससी की पढ़ाई कर रही थी। उसकी मां उससे मिलने आई थी, तभी उसने अज्ञात कारणों से यह कदम उठाया।
Dakhal News
छतरपुर में पुलिस अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। एसपी के नेतृत्व में चल रही कॉम्बिंग गश्त के दौरान 175 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें स्थायी वारंट वाले अपराधी, अवैध हथियार तस्कर और इनामी बदमाश शामिल हैं। यह पुलिस की सख्ती का एक उदाहरण है और इससे अपराधियों में खौफ का माहौल पैदा होगा। दूसरी ओर, छतरपुर में ही एक दुखद घटना में बीएससी की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। छात्रा ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है।
Dakhal News
खजुराहो, 14 जनवरी 2025: छतरपुर जिले के खजुराहो में ATM एक्सचेंज के बाद अब ऑनलाइन ठगी का एक नया मामला सामने आया है। यहां करीब आधा दर्जन व्यापारियों की दुकानों और संस्थानों के बाहर लगे ऑनलाइन पेमेंट स्कैनर्स को बदलकर ठगों ने ठगी को अंजाम दिया। ठगों की हरकत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। इन ठगों ने रातों-रात दुकानों और पेट्रोल पंप के बाहर लगे ऑनलाइन पेमेंट स्कैनर्स को बदल दिया, जिसके बाद दुकानदारों को किए जा रहे भुगतान ठगों के खातों में जाने लगे। इस घटना का खुलासा एक मेडिकल स्टोर की संचालक ओमवती गुप्ता की सतर्कता से हुआ। जब एक ग्राहक ने उनसे पूछा कि उनके क्यूआर स्कैन का नाम क्यों बदलकर "छोटू तिवारी" लिखा आ रहा है, तो उन्होंने तुरंत दूसरा कोड दिया और उस स्कैनर को हटा दिया। सीसीटीवी में जब उन्होंने घटना को देखा, तो यह जानकारी उन्होंने अन्य दुकानदारों को भी दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है।
Dakhal News
बरेली कचहरी में आज दिनदहाड़े एक वकील पर फायरिंग की घटना सामने आई है। इस घटना में वकील बाल-बाल बच गए। घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे अन्य वकीलों ने चार आरोपियों को दबोचकर उनकी जमकर पिटाई कर दी। सूचना मिलते ही एसपी सिटी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और आरोपियों को हिरासत में लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बरेली के सुभाष नगर निवासी वकील राजाराम सोलंकी अपने कचहरी स्थित चैंबर में बैठे थे। तभी मोटरसाइकिल सवार कुछ लोगों ने उन पर तमंचे से फायर कर दिया। गनीमत रही कि गोली वकील को नहीं लगी। गोली की आवाज सुनकर अन्य वकील उनके चैंबर में पहुंचे और चारों आरोपियों को पकड़कर उनकी पिटाई कर दी। एसपी सिटी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शायद अधिवक्ता के बेटे से फायरिंग करने वाले युवकों की पहले से कोई रंजिश चल रही थी। इसी रंजिश के चलते उन्होंने यह घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने मौके से एक तमंचा बरामद किया है। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इस घटना के बाद कचहरी में हड़कंप मच गया। वकीलों ने इस घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
Dakhal News
ग्वालियर, 14 जनवरी 2025: ग्वालियर शहर में हाल ही में हुए एटीएम लूट के मामले में पुलिस की कार्रवाई के दौरान बैंकों की लापरवाही और सुरक्षा संबंधी कमियां सामने आई हैं। बीते दिनों डबरा और बहोड़ापुर में बदमाशों ने एटीएम काटकर लाखों रुपए लूट लिए थे, जिसके बाद पुलिस ने अलग-अलग टीमें लगाकर जांच की। जांच के दौरान पता चला कि जिन एटीएम से चोरी की गई थी, उनकी सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां थीं। एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि बैंकों के अधिकारियों, सिक्योरिटी एजेंसी और एटीएम में कैश जमा करने वाली कंपनी के साथ एक बैठक की गई। इसमें एएसपी ने जानकारी दी कि जिस एटीएम में चोरी हुई थी, वहां पिछले दो साल से कैमरा बंद था और पिछले दो महीने से सुरक्षा सिस्टम भी काम नहीं कर रहे थे, जिसके कारण कोई अलर्ट नहीं हुआ। इसके अलावा, कैश वैन की सुरक्षा व्यवस्था भी कमजोर पाई गई, और गार्डों से इस मुद्दे पर बातचीत की गई। बैंक अधिकारियों ने एटीएम सिक्योरिटी सिस्टम का ठेका लेने वाली कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया है और उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
Dakhal News
सीहोर, 14 जनवरी 2025: स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर देशभर में युवा दिवस मनाया गया, और इस अवसर पर सीहोर के पीएम श्री शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिद्दीकगंज में सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कैबिनेट राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा की अध्यक्षता में सूर्य नमस्कार किया गया, और इसमें छात्रों, छात्राओं, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, समस्त स्टाफ सदस्य और छात्रों की सक्रिय भागीदारी रही। इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य गौरी शंकर वर्मा, सरपंच महेंद्र सिंह काजल सहित गांव के वरिष्ठ लोग भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल स्वामी विवेकानंद के विचारों और योगदान को सम्मानित करना था, बल्कि युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली और शारीरिक फिटनेस के महत्व के बारे में जागरूक करना भी था।
Dakhal News
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के युवाओं को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के पदों में वृद्धि करने का बड़ा संकल्प लिया है, ताकि युवा आत्मनिर्भर बन सकें और प्रदेश के विकास में योगदान दे सकें। नई दिशा में तेज़ी से काम शुरू मध्य प्रदेश सरकार ने युवा पीढ़ी के लिए एक नई दिशा तय की है, और इस दिशा में कार्य तेज़ी से शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि आगामी पांच वर्षों में राज्य सरकार दो लाख सत्तर हजार सरकारी पदों पर भर्ती करेगी। यह भर्ती प्रक्रिया प्रदेश के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर साबित होगी, क्योंकि इन पदों के लिए लगभग एक लाख विज्ञापन इस साल ही जारी किए जाएंगे। रोजगार और विकास के नए अवसर यह कदम न केवल रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा, बल्कि राज्य में युवा शक्ति को अपने हुनर को साबित करने का मौका भी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया से राज्य के युवाओं को अपनी क्षमताओं को निखारने और विकास में सक्रिय रूप से भाग लेने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में मिशन मोड में काम करते हुए विकास के नए आयाम तय किए हैं, जिससे हर युवा को आगे बढ़ने और अपनी क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के इस संकल्प से मध्य प्रदेश के युवाओं को उम्मीद की नई किरण मिली है, और वे अब आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक मजबूत कदम उठा सकते हैं।
Dakhal News
बीते एक साल में, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के विकास में लगातार योगदान दिया है। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए योजनाएं शुरू करने, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई अहम कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश चारों ओर से विकास की राह पर बढ़ रहा है। प्रदेशवासियों के लिए ऐतिहासिक कदम डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य के विकास के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इस एक वर्ष में, राज्य की आय में निरंतर वृद्धि देखने को मिली है, और ‘लाडली बहना योजना’ जैसी योजनाओं के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता मिल रही है। इसके अलावा, आहार योजना के माध्यम से जरूरतमंदों को भोजन की सुविधा दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार किए हैं, जहां सभी जिलों में पीएम एक्सीलेंस कॉलेज खोले गए हैं, और छात्रों को मात्र 1 रुपये में परिवहन सुविधा दी जा रही है, जिससे शिक्षा का विस्तार हो रहा है और छात्रों को सुविधाएं मिल रही हैं। उद्योग वर्ष और राज्य के अन्य महत्वपूर्ण कदम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्ष 2025 को ‘उद्योग वर्ष’ के रूप में मनाने का संकल्प लिया है। इसके तहत, उद्योगों को बढ़ावा देकर प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नदी जोड़ो अभियान के तहत 11 जिलों की तस्वीर बदलने का प्रयास किया जाएगा, जिससे जल संकट को हल किया जा सके। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में मेडिकल और साइबर थानों की स्थापना को बड़ी उपलब्धि मानते हुए, मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेश के सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम बताया। पशुपालन और एयर एंबुलेंस सेवा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए, मुख्यमंत्री ने किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसके साथ ही, प्रदेश में एयर एंबुलेंस सेवा को 24 घंटे चालू रखा गया है, जिससे मरीजों को बिना किसी शुल्क के त्वरित सहायता प्रदान की जा रही है। रातापानी टाइगर रिजर्व: भोपाल की नई पहचान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रातापानी टाइगर रिजर्व की स्थापना को भी प्रदेश की एक बड़ी उपलब्धि बताया। इसके बाद, भोपाल देश की एकमात्र ऐसी राजधानी बन गई है, जो टाइगर रिजर्व के इतने पास स्थित है, जिससे पर्यावरण और पर्यटन दोनों के क्षेत्र में एक नई दिशा मिली है। इन सभी कदमों के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के विकास को और गति दी है और प्रदेश को प्रगति की राह पर अग्रसर किया है।
Dakhal News
छतरपुर: छतरपुर जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहाँ एक प्राइवेट नर्सिंग होम में चिकित्सकीय लापरवाही के कारण एक महिला की जान चली गई। प्रेम रूपा नर्सिंग होम में डिलीवरी के दौरान डॉक्टर दंपति और अन्य कर्मचारियों की लापरवाही के कारण प्रसूता की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने नर्सिंग होम पर हंगामा किया। यह घटना छह महीने पहले की है, जब प्रसूता की डिलीवरी के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने नर्सिंग होम पर गंभीर आरोप लगाए और सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर दंपति, बहू और नर्स के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। वर्तमान में पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह घटना न केवल चिकित्सकीय लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करती है।
Dakhal News
रुड़की: नगर निकाय चुनाव को लेकर रुड़की में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े कदम उठाए हैं। एसपी देहात, शेखर सुयाल की अगुवाई में पुलिस टीम पूरी सक्रियता से क्षेत्र में काम कर रही है। फ्लैग मार्च के माध्यम से पुलिस उपद्रवियों पर कड़ी नजर रखे हुए है और पोलिंग बूथों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो। एसपी शेखर सुयाल ने बताया कि पुलिस प्रशासन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नगर निकाय चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न हो। इसके लिए सभी सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है और पूरी व्यवस्था को मजबूत किया गया है। फ्लैग मार्च और पोलिंग बूथों के निरीक्षण के जरिए पुलिस प्रशासन उपद्रवियों को हर कदम पर नियंत्रित करने के लिए तैयार है। इस कदम से न केवल चुनाव की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि मतदाताओं को भी यह विश्वास मिलेगा कि वे शांतिपूर्वक और सुरक्षित तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।
Dakhal News
दतिया: मध्य प्रदेश के दतिया जिले के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर में हुई चोरी का मामला अब राज्य स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। मंदिर से हुई इस चोरी ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है, और पुलिस इस मामले के खुलासे के लिए जुटी हुई है। पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र मिश्रा ने दखल न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि इस चोरी की जांच के लिए त्रिस्तरीय जांच टीम लगातार काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि अगले 4-5 दिनों में इस चोरी का खुलासा कर दिया जाएगा और दोषियों को पकड़ लिया जाएगा। पुलिस की पूरी टीम इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और इस पर उनकी पूरी नजर है। इस चोरी ने न केवल दतिया जिले, बल्कि राज्य भर में भी गंभीर चिंता पैदा की है। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले इस मंदिर की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं, और पुलिस प्रशासन ने इसे अपनी प्राथमिकता में रखा है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस मामले में सफलता मिल जाएगी और मंदिर से संबंधित सभी पहलुओं को स्पष्ट किया जाएगा।
Dakhal News
दतिया जिले में पुरानी रंजिश के चलते महिला उपाध्यक्ष को गोली मारने की सनसनीखेज घटना सामने आई है हमले में उपाध्यक्ष के पैर पर गोली लगी है उपाध्यक्ष को अस्पताल में भर्ती कराया गया पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है दतिया जिले के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र में बदमाशों की बेखौफ वारदात ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं रतनगढ़ मंदिर जा रही महिला उपाध्यक्ष नीतू पर पांच आरोपियों ने हमला किया हमले में उपाध्यक्ष को पैरो में गोली लगी है जिससे वह घायल हो गई जिसके बाद परिजनों ने तत्काल नीतू को अस्पताल पहुंचाया शुरुआती जांच में मामला पुरानी रंजिश का बताया जा रहा है दतिया पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है इस घटना ने दतिया जिले में लॉ एंड ऑर्डर पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
Dakhal News
सिंगरौली जिले के बरगवां थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें दो युवकों की जान चली गई। इन युवकों ने ठंड से बचने के लिए एक बंद कमरे में जलती हुई सिगड़ी रख ली थी, जिससे कमरे में फैलने वाली जहरीली गैस ने उनकी जान ले ली। सिगड़ी से फैलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड ने घेराघटना गोंद वाली में स्थित केजीएफ ढाबे पर काम करने वाले 16 वर्षीय बबुंदर बैगा और 18 वर्षीय मिथुन बैगा के साथ घटी। दोनों युवक रात को खाना खाने के बाद ढाबे की छत पर बने बंद कमरे में सोने चले गए। ठंड से बचने के लिए उन्होंने जलती हुई सिगड़ी कमरे में रख ली, जिससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस फैलने लगी। इस जहरीली गैस के प्रभाव से दोनों की दम घुटने से मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त कीपुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने बताया कि दोनों युवकों के शवों का पोस्टमार्टम कर लिया गया है, और मामले की जांच जारी है। पुलिस ने इस हादसे के कारणों का खुलासा किया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
Dakhal News
छतरपुर जिले के नौगांव में एक युवक का सरेआम अपहरण करने का मामला सामने आया है। घटना उस समय हुई जब युवक मेले में दुकान लगा रहा था। चार अज्ञात हमलावरों ने पैसे के लेनदेन को लेकर युवक को बंधक बना लिया और उसके साथ मारपीट की। पीड़ित युवक कुलदीप पटेरिया ने बताया कि हमलावरों ने उसे मेले के परिसर से जबरन उठा लिया और एक सुनसान जगह पर ले जाकर मारा पीटा। घटना की सूचना मिलते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और युवक को हमलावरों के चंगुल से छुड़ाया। पीड़ित और बजरंग दल के कार्यकर्ता तुरंत सिविल लाइन थाने पहुंचे। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर चार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बजरंग दल की भूमिका: बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने समय रहते पहुंचकर पीड़ित युवक को बचाया। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे ऐसे किसी भी अपराध के खिलाफ खड़े रहेंगे और पीड़ितों की मदद करेंगे। स्थानीय लोगों में दहशत: इस घटना से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। लोग प्रशासन से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
Dakhal News
झांसी रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक अन्तर्राज्यीय शराब तस्कर को गिरफ्तार किया गया। तस्कर हरियाणा से अवैध अंग्रेजी शराब लाकर झांसी में बेचने का काम कर रहा था। पुलिस ने तस्कर से शराब के कई बोतल बरामद किए हैं, जिनसे शराब तस्करी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। शराब तस्कर का पर्दाफाश और गिरफ्तारीझांसी रेलवे स्टेशन पर चेकिंग के दौरान पुलिस ने 6 फुल और 20 हाफ बोतल अंग्रेजी शराब बरामद की। गिरफ्तार तस्कर रविन्द्र कुशवाहा दतिया जिले के गोरा गांव का निवासी है। वह हरियाणा से शराब लाकर झांसी में बेचता था। तस्कर के खिलाफ धारा 63 आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस की आगे की जांचपुलिस अब इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी हुई है, ताकि शराब तस्करी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके और इसके अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सके। यह कार्रवाई झांसी में अवैध शराब व्यापार को रोकने और तस्करी के खिलाफ पुलिस की मुहिम को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
Dakhal News
मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस ने हाल ही में ‘यंग इंडिया के बोल’ कार्यक्रम के 5वें सीजन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम का पोस्टर लॉन्च किया और प्रदेश भर के युवाओं से कार्यक्रम में जुड़ने की अपील की। ‘यंग इंडिया के बोल’ का 5वां सीजन: प्रमुख मुद्दे और उद्देश्ययुवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह, ग्वालियर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, युवा कांग्रेस मीडिया चेयरमैन अभिज्ञान शुक्ला, और कार्यकारी जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष राघव कौशल ने मिलकर इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का पोस्टर जारी किया और इसके 5वें सीजन की शुरुआत की। इस अवसर पर मितेंद्र सिंह ने कहा कि इस वर्ष ‘यंग इंडिया के बोल’ कार्यक्रम का फोकस दो सबसे गंभीर और चिंताजनक समस्याओं पर रहेगा - बेरोजगारी की बढ़ती दर और नशे की अनियंत्रित समस्या। उन्होंने कहा, "बेरोजगारी और नशे की विकराल समस्या हमारे समाज की जड़ों को खोखला कर रही हैं। हमें इन चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए एकजुट होकर प्रयास करना होगा।" मितेंद्र सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि इन मुद्दों को लेकर युवाओं को जागरूक करना और उनके समाधान के लिए विचार-विमर्श करना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। युवाओं को एकजुट करने की पहल‘यंग इंडिया के बोल’ कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल बेरोजगारी और नशे की समस्या पर चर्चा करना है, बल्कि युवाओं को एकजुट करके समाज की चुनौतियों का समाधान ढूंढने का प्रयास भी है। युवा कांग्रेस ने प्रदेश के युवाओं को इस मंच पर आने और इन गंभीर मुद्दों पर अपने विचार साझा करने के लिए प्रेरित किया है। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश के युवा समुदाय के बीच जागरूकता फैलाने और उनकी आवाज़ को सही दिशा में लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में प्रगति हो सके
Dakhal News
सिंगरौली जिले से एक दुखद घटना सामने आई है, जहां दो नाबालिग किशोरों के शव ढाबे के बंद कमरे में मिले। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है, लेकिन मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल सकेगा। घटना का विवरण यह घटना सिंगरौली जिले के बरगवां थाना अंतर्गत गोंदवाली क्षेत्र में स्थित एक ढाबे की है। जानकारी के अनुसार, दो किशोर—18 वर्षीय मिथुन बैगा और 16 वर्षीय उसका साथी चितरंगी निवासी—ढाबे में काम करते थे। दोनों के शव ढाबे के एक बंद कमरे में पाए गए। दोनों रात को खाना खाने के बाद उसी कमरे में सो गए थे, जहां उनका शव मिला। पुलिस की कार्रवाई सूचना मिलने के बाद बरगवां निरीक्षक शिव पूजन मिश्रा ने अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने घटनास्थल से एक सिगड़ी भी बरामद की है, जो घटनास्थल से संबंधित हो सकती है। पुलिस फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि मौत के सही कारणों का पता चल सके। पुलिस की विवेचना जारी पुलिस का कहना है कि वे मामले की हर एंगल से जांच कर रहे हैं और जल्द ही मामले की पूरी जानकारी सामने आएगी।
Dakhal News
सिंगरौली जिले से एक दुखद घटना सामने आई है, जहां दो नाबालिग किशोरों के शव ढाबे के बंद कमरे में मिले। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है, लेकिन मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल सकेगा। घटना का विवरण यह घटना सिंगरौली जिले के बरगवां थाना अंतर्गत गोंदवाली क्षेत्र में स्थित एक ढाबे की है। जानकारी के अनुसार, दो किशोर—18 वर्षीय मिथुन बैगा और 16 वर्षीय उसका साथी चितरंगी निवासी—ढाबे में काम करते थे। दोनों के शव ढाबे के एक बंद कमरे में पाए गए। दोनों रात को खाना खाने के बाद उसी कमरे में सो गए थे, जहां उनका शव मिला। पुलिस की कार्रवाई सूचना मिलने के बाद बरगवां निरीक्षक शिव पूजन मिश्रा ने अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने घटनास्थल से एक सिगड़ी भी बरामद की है, जो घटनास्थल से संबंधित हो सकती है। पुलिस फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि मौत के सही कारणों का पता चल सके। पुलिस की विवेचना जारी पुलिस का कहना है कि वे मामले की हर एंगल से जांच कर रहे हैं और जल्द ही मामले की पूरी जानकारी सामने आएगी।
Dakhal News
छतरपुर और महोबा जिलों की सीमा से जुड़े थानों के बीच अब कोई सीमा विवाद नहीं होगा। दोनों क्षेत्रों के अधिकारियों ने मिलकर सड़क की नपाई कर सीमा का निर्धारण किया है, और अब जल्द ही इन सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में सीमा बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे विवादों से बचा जा सके। सीमा विवाद का इतिहास और समाधान हाल ही में छतरपुर जिले के हरपालपुर थाना और महोबा जिले के महोबकंठ थाना क्षेत्र के बीच सीमा विवाद ने एक सड़क हादसे के दौरान गंभीर रूप ले लिया था। इस हादसे में युवक का शव ढाई घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा, क्योंकि दोनों थाने इसे अपनी सीमा में नहीं मान रहे थे। घटना के बाद पुलिस के आलाधिकारियों के दखल के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। अब इस तरह की स्थिति से बचने के लिए छतरपुर एसपी और महोबा एसपी ने मिलकर यह निर्णय लिया कि भविष्य में ऐसी कोई समस्या नहीं होगी। इसके तहत हरपालपुर थाना पुलिस और नौगांव तहसील के राजस्व अमले ने झांसी-मिर्जापुर हाईवे पर सड़क की नपाई कर सीमा का निर्धारण किया है। जल्द ही इन सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में सीमा बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे इन क्षेत्रों की सीमाएं स्पष्ट रूप से चिन्हित हो सकेंगी और भविष्य में कोई विवाद न हो।
Dakhal News
फतेहपुर जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब कानपुर से प्रयागराज स्नान के लिए जा रहे श्रद्धालुओं से भरी डीसीएम गाड़ी का टायर फटने के कारण वह अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में 12 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। 12 से अधिक श्रद्धालु घायल घटना थरियांव इलाके की है, जहां 40 से अधिक श्रद्धालु वाहन में सवार थे। टायर फटने के बाद गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वह पलट गई। इस दुर्घटना में 12 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को त्वरित उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस की तत्परता घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया। साथ ही, दुर्घटना के कारण बाधित यातायात को भी शीघ्र बहाल किया गया। इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा की अहमियत को उजागर किया है, खासकर उन वाहनों में जो श्रद्धालुओं को यात्रा करवा रहे होते हैं।
Dakhal News
शहर में निर्माण कार्य के दौरान एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। विराशा हाइट दानिश कुंज पुल के पास सड़क निर्माण कार्य चल रहा था, तभी कोलार के दानिश कुंज फोर लेन निर्माण एजेंसी के जीएम पर बदमाशों ने हमला कर दिया। मामूली विवाद के चलते बदमाशों ने जीएम पर पत्थर से हमला कर दिया और उनके सिर को कुचलने की कोशिश की। यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह बदमाश बेरहमी से जीएम पर हमला कर रहे हैं। घटनास्थल पर तनाव का माहौल घटना के बाद मौके पर तनाव का माहौल हो गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल जीएम को अस्पताल पहुंचाया और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने क्या कहा? पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि, "हमें सूचना मिली थी कि विराशा हाइट दानिश कुंज पुल के पास निर्माण कार्य के दौरान एक जीएम पर हमला हुआ है। हमने मौके पर पहुंचकर घायल को अस्पताल पहुंचाया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। हम जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे।" क्षेत्र में बढ़ रही अपराध घटनाएं यह घटना एक बार फिर शहर में बढ़ रही अपराध घटनाओं की ओर इशारा करती है। हाल ही में इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें लोगों पर हमले और लूटपाट के मामले शामिल हैं। लोग सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
Dakhal News
ग्वालियर: ग्वालियर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां बीएसएफ का एक इंस्पेक्टर 32 दिन तक अपने ही घर में कैद रहा और इस दौरान उसे फर्जी साइबर और क्राइम ब्रांच अफसरों ने ठगकर 71.25 लाख रुपये की रकम हड़प ली। यह मामला अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला माना जा रहा है। फर्जी अफसरों ने किया ठगी: ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ में पदस्थ इंस्पेक्टर अवसार अहमद को खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच के अफसर बताने वाले बदमाशों ने ठग लिया। यह बदमाश उसे लगातार दबाव में डालते रहे और उसे विश्वास दिलाया कि वह किसी बड़े साइबर अपराध में फंसा हुआ है। इस डर और दबाव के कारण इंस्पेक्टर ने अपनी जमीन तक बेच दी और पैसे देने के लिए कई ट्रांजैक्शन किए। 2 दिसंबर 2024 से 2 जनवरी 2025 तक वह पूरी तरह से डिजिटल अरेस्ट रहा और बदमाशों के झांसे में आकर पैसे भेजता रहा। बेटे से हुई बात के बाद खुला सच: इंस्पेक्टर का बेटा जब उनसे संपर्क किया, तो उसने बताया कि उनके पिता साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसके बाद इंस्पेक्टर ने तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की और फिर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसएसपी धर्मवीर सिंह यादव से अपनी पूरी आपबीती सुनाई। पुलिस कार्रवाई: एसपी के निर्देश पर साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। अब पुलिस डिजिटल माध्यम से इस पूरे मामले की जांच कर रही है और ठगों को पकड़ने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। यह घटना डिजिटल ठगी की गंभीरता को उजागर करती है, जहां साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को शिकार बना रहे हैं। इंस्पेक्टर के मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की है, और उम्मीद जताई जा रही है कि आरोपियों को जल्द पकड़ा जाएगा।
Dakhal News
ग्वालियर: ग्वालियर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शादी के दौरान दूल्हे ने मंडप में सात फेरे लेने से पहले दहेज की मांग रख दी, जिससे पूरी शादी का माहौल बदल गया। दूल्हे ने शादी के दिन दस लाख रुपए और एक प्लॉट की मांग की, जिसे दुल्हन के परिवार के लिए पूरा करना संभव नहीं था। दहेज की यह मांग पूरी न होने पर दूल्हे ने शादी तोड़ दी और बिना फेरे लिए बारात वापस लेकर चला गया। दहेज की मांग और शादी का टूटना: ग्वालियर के थाटीपुर थाना क्षेत्र में यह अजीबो-गरीब घटना घटी, जहां डॉक्टर बने दूल्हे ने शादी के दिन अपने पक्ष से दहेज में दस लाख रुपए और एक प्लॉट की मांग की। दुल्हन के परिवार के लिए यह राशि और संपत्ति देना संभव नहीं था, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। मांग पूरी न होने पर दूल्हे ने बिना सात फेरे लिए बारात वापस ले ली, और शादी टूट गई। दुल्हन का महिला थाना में शिकायत दर्ज कराना: गुस्साई दुल्हन ने इस घटनाक्रम के बाद महिला थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों पक्षों की काउंसलिंग करने का प्रयास किया, लेकिन काउंसलिंग के बाद भी मामला सुलझा नहीं। अब पुलिस ने दूल्हे और उसके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यह घटना दहेज प्रथा की गंभीर समस्या को उजागर करती है, और पुलिस अब इस मामले में उचित कार्रवाई करने की दिशा में कदम उठा रही है।
Dakhal News
छतरपुर: छतरपुर जिले के चंदला थाना क्षेत्र में एक तेज रफ्तार बोलेरो वाहन ने ई रिक्शा को टक्कर मार दी, जिससे ई रिक्शा चालक की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे से गुस्साए मृतक के परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण चंदला-बछौन-खजुराहो रोड पर जाम लग गया। हादसा और विरोध प्रदर्शन: यह दर्दनाक घटना उस समय घटी जब तेज रफ्तार बोलेरो ने ई रिक्शा को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद ई रिक्शा चालक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने शव को सड़क पर रखकर चंदला-बछौन-खजुराहो रोड को जाम कर दिया। परिजनों ने बोलेरो चालक की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और न्याय की गुहार लगाई। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई: गुस्साए परिजनों को समझाने के लिए पुलिस बल मौके पर पहुंचा। दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने जाम खुलवाया। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया है और प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर रहा है। यह हादसा सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर करता है और साथ ही इस मामले में उचित कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
Dakhal News
बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। कुटरू-बेदरे रोड पर किए गए आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के 8 जवान शहीद हो गए, जबकि वाहन के ड्राइवर की भी मौत हो गई। यह हमला सुरक्षाबलों के सर्चिंग ऑपरेशन के बाद उनकी गाड़ी पर हुआ था। आईईडी ब्लास्ट में बख्तरबंद गाड़ी की चपेट में आई सुरक्षा बलों की वाहन बीजापुर जिले के कुटरू इलाके में सुरक्षाबलों की बख्तरबंद गाड़ी आईईडी ब्लास्ट के चपेट में आ गई। ब्लास्ट के कारण कई जवान गंभीर रूप से घायल हो गए, और कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। सुरक्षा बलों का दल बीजापुर, दंतेवाड़ा, कोंड़ागांव और जगदलपुर क्षेत्रों में सर्च अभियान चला रहा था। इस दौरान मुठभेड़ में 5 माओवादी ढेर हुए थे और एक जवान शहीद हो गया था। नक्सलियों का हमले के बाद सर्च ऑपरेशन पर हमला सर्च ऑपरेशन के बाद जब सुरक्षा बलों का दल वापस लौट रहा था, तब नक्सलियों ने सुरक्षा बलों की गाड़ी पर आईईडी ब्लास्ट कर दिया, जिससे यह बड़ा हमला हुआ। हमले की कड़ी निंदा, उच्च अधिकारियों की टीम घटनास्थल पर रवाना इस हमले के बाद राज्य सरकार और सुरक्षा बलों ने नक्सलियों की इस हरकत की कड़ी निंदा की है। घटनास्थल पर उच्च अधिकारियों की एक टीम रवाना की गई है ताकि मामले की गहन जांच की जा सके। साथ ही घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
Dakhal News
सिंगरौली में दखल न्यूज़ पर प्रसारित खबर का सकारात्मक असर देखने को मिला है। पिछले कई दिनों से विस्थापित एवं पीड़ित महेंद्र दुबे के रोजगार के संकट का मामला सुर्खियों में था। अब, इस खबर के प्रसारण के बाद महेंद्र दुबे को रोजगार मिल गया है और कई लोग उनकी मदद के लिए सामने आए हैं। सहयोग से रोजगार की पुन: प्राप्ति खबर प्रसारित होने के बाद एनटीपीसी विंध्याचल महाप्रबंधक मानव संसाधन और उप महाप्रबंधक मानव संसाधन ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने महेंद्र दुबे के मामले में सदाशयता दिखाई और समस्या का समाधान करने के लिए त्वरित कदम उठाए। साथ ही, सिंगरौली शिवसेना के जिला अध्यक्ष रामदयाल पांडेय और फौजी सेवा संगठन के अध्यक्ष सुरेश पांडेय ने भी महेंद्र दुबे के लिए मदद की पेशकश की। कुशवाहा इंटरप्राइजेज ने जिम्मेदारी उठाई कुशवाहा इंटरप्राइजेज ने इस मामले को गंभीरता से लिया और महेंद्र दुबे को वापस काम पर रखने की शर्त मान ली। अब, उन्हें फिर से रोजगार मिल गया है, जिससे उनके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आया है। यह घटना दर्शाती है कि मीडिया की भूमिका और समाज के सहयोग से लोगों की समस्याओं का समाधान संभव है
Dakhal News
मध्यप्रदेश की बालिका जूनियर कबड्डी टीम ने उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है। इस प्रतियोगिता का आयोजन 9 से 12 जनवरी तक होगा, और इसमें देश भर की उत्कृष्ट कबड्डी टीमें भाग लेंगी। खातेगांव में हुआ था राज्य स्तरीय चयन खातेगांव में 22 से 25 दिसंबर तक आयोजित मध्य प्रदेश बालिका जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करने वाले 13 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए किया गया था। इन खिलाड़ियों को हरिद्वार भेजा गया है, जहां वे अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। टीम को शुभकामनाएं और गाजे-बाजे के साथ रवाना किया गया खातेगांव से टीम को गाजे-बाजे के साथ रवाना किया गया। टीम को शुभकामनाएं दी गईं और उनके जीतने की अग्रिम बधाई दी गई। कबड्डी अकादमी देवास के अध्यक्ष दिनेश बिश्नोई ने टीम को प्रेरित किया और उत्साहवर्धन किया। टीम के कोच और मेंनेजर टीम के कोच राजेश बिश्नोई और मेंनेजर खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ब्लॉक समन्वयक रीमा बछानीया और योगिता साहू हैं। इसके अलावा, मध्यप्रदेश कबड्डी फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव जे सी शर्मा, उपाध्यक्ष राम जीवन गोदारा, चयन समिति के मंगल यादव और राष्ट्रीय अंपायर जगदीश शर्मा प्रतियोगिता के दौरान टीम के साथ मौजूद रहेंगे। इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश की टीम से सभी को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है और टीम के उत्साह के साथ राज्य का नाम रोशन करने की पूरी कोशिश की जाएगी।
Dakhal News
छतरपुर में तीन युवकों को सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन करना महंगा पड़ गया। इन युवकों ने सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ तस्वीरें और वीडियो पोस्ट कर अपनी दबंगई दिखाई थी, जिसके बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया और उनका सार्वजनिक रूप से जुलूस निकाला। तीनों युवकों को गिरफ्तार किया गया कोतवाली पुलिस ने इन तीनों युवकों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से दो अवैध कट्टे और एक चाकू बरामद किया गया। पुलिस ने इन युवकों की गिरफ्तारी के बाद उनका जुलूस कोतवाली थाना से महल रोड तक निकाला, जहां उन्हें सार्वजनिक रूप से शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। पुलिस का कड़ा संदेश पुलिस द्वारा यह कदम उठाने से यह साफ संदेश दिया गया कि सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन करना और कानून को चुनौती देना किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से समाज में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बढ़ी सतर्कता और सख्ती पुलिस अब ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई करने का मन बना चुकी है और सोशल मीडिया पर अवैध हथियारों के प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ निगरानी बढ़ा दी गई है। छतरपुर पुलिस की यह कार्रवाई अन्य युवकों के लिए एक चेतावनी है कि वे सोशल मीडिया का गलत उपयोग न करें और कानून का पालन करें। इस मामले में पुलिस की सक्रियता से यह भी जाहिर होता है कि अब सोशल मीडिया के माध्यम से अपराध को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Dakhal News
भारत के विभिन्न राज्यों में बीते कुछ समय से लोगों को एक के बाद एक भूकंप के झटकों का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण लोगों के बीच खौफ बढ़ता जा रहा है। अब भारत के बड़े राज्य महाराष्ट्र में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, सोमवार की सुबह में महाराष्ट्र राज्य के पालघर जिले में भूकंप के झटकों से धरती हिल उठी है। आइए जानते हैं कि कितनी रही है इस भूकंप की तीव्रता। कितनी थी भूकंप की तीव्रता? सोमवार की सुबह महाराष्ट्र के पालघर जिले में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई है। पालघर जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख ने सोमवार को आए भूकंप के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने आधिकारिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि जिले के डहाणू तालुका तड़के सुबह 4 बजकर 35 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नुकसान की सूचना नहीं अधिकारी ने बताया है कि पालघर के डहाणू तालुका में बोर्डी, दापचरी और तलासरी इलाकों के लोगों ने सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए हैं। अधिकारियों की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक, पालघर में आए भूकंप के कारण अब तक ने किसी के हताहत होने या किसी संपत्ति के नुकसान की कोई सूचना सामने नहीं आई है। क्यों आते हैं भूकंप? भारत समेत पूरी दुनिया में भूकंप की घटनाएं हाल के दिनों में काफी बढ़ गई हैं। दरअसल, हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं
Dakhal News
मध्यप्रदेश में मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। रविवार को प्रदेश में अच्छी खासी गर्मी महसूस की गई, जबकि मौसम में हो रहे इस बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। इस समय बदलाव के कारण कई लोग बुखार, सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। मौसम विभाग का पूर्वानुमान मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश से सटे क्षेत्रों में फॉग (कोहरा) रहने के साथ-साथ तेज ठंड पड़ने की संभावना है। वहीं, भोपाल में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री और अधिकतम तापमान 29 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। स्वास्थ्य संबंधी सलाह बदलते मौसम के दौरान लोगों को अपनी स्वास्थ्य का खास ख्याल रखने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में सर्दी, बुखार, और फ्लू जैसी बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए खुद को सुरक्षित रखने के लिए गर्म कपड़े पहनने और अच्छी खुराक लेने की जरूरत है। मौसम में इस बदलाव को देखते हुए लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए, ताकि वे किसी भी स्वास्थ्य समस्या से बच सकें।
Dakhal News
ग्वालियर: बिना पुलिस को जानकारी दिए विदेशी महिला को होटल में ठहराने का मामला सामने आया है। सिरोल थाना क्षेत्र के होटल साक्षी इन में रुकने वाली एक रूसी महिला के कारण होटल के मैनेजर और एक कर्मचारी पर कार्रवाई हुई है। क्या है मामला? पुलिस को सूचना मिली थी कि होटल साक्षी इन में एक विदेशी महिला ठहरी हुई है। इस सूचना पर पुलिस ने होटल में सर्च अभियान चलाया। सर्च के दौरान पुलिस को रूसी नागरिक लूलिया क्रुग्लाइक वहां ठहरी हुई मिली। नियमों का उल्लंघन जांच में पाया गया कि होटल प्रबंधन ने विदेशी महिला के ठहरने की जानकारी फॉर्म सी के माध्यम से पुलिस को नहीं दी थी। यह विदेशी विषयक अधिनियम का उल्लंघन है, जो भारत में विदेशी नागरिकों की निगरानी के लिए आवश्यक होता है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पुलिस ने होटल मैनेजर योगेश गुप्ता और कर्मचारी कुनाल घैघट के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। क्या है फॉर्म सी? फॉर्म सी एक ऐसा फॉर्म है जिसे विदेशी नागरिकों की जानकारी पुलिस और स्थानीय प्रशासन को देने के लिए भरा जाता है। इसे सुनिश्चित करने के लिए होटल प्रबंधन की जिम्मेदारी होती है कि उनके यहां रुकने वाले विदेशी नागरिकों की जानकारी समय पर अधिकारियों को दी जाए। आगे की कार्रवाई पुलिस अब होटल स्टाफ से इस मामले में विस्तृत पूछताछ कर रही है। यह भी जांच की जा रही है कि कहीं इस तरह के अन्य मामले तो नहीं हुए हैं। सावधानी की अपील पुलिस ने सभी होटल प्रबंधकों और स्टाफ से अपील की है कि वे विदेशी नागरिकों के रुकने की जानकारी समय पर पुलिस को दें, ताकि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। ग्वालियर पुलिस की इस कार्रवाई ने विदेशी नागरिकों को लेकर नियमों की अनदेखी पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Dakhal News
सिंगरौली जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां एक मकान के पीछे स्थित सेफ्टी टैंक से चार शव बरामद किए गए हैं। शुरुआती जांच में इन शवों की हत्या की आशंका जताई जा रही है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा हो गया है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है। सिंगरौली जिले के बरगवां क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। हिंडाल्को गेट नंबर 3 के पास, मुख्य सड़क के किनारे स्थित एक मकान के पीछे सेफ्टी टैंक से चार अज्ञात शव बरामद किए गए। इस घटना की सूचना पड़ोसी और रिश्तेदार बिहारी प्रजापति ने पुलिस को दी। इसके बाद बरगवां निरीक्षक शिव पूजन मिश्रा पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर उन्होंने आगे की कार्रवाई शुरू की। इस बड़ी घटना को लेकर प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, वहीं मुख्यालय से एफएसएल की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर बैढ़न भेज दिया है। पुलिस ने प्रथम दृष्टया हत्या मानते हुए जांच शुरू कर दी है। तीन शवों की पहचान करण शाह, पप्पू और सुरेश प्रजापति के रूप में की गई, जबकि चौथे शव की पहचान नहीं हो पाई है। सभी शव जयंत पुलिस चौकी क्षेत्र के निवासी बताए जा रहे हैं। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
Dakhal News
खजुराहो से धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है, जहां ठगों ने पुरातत्व विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी का एटीएम कार्ड बदलकर 40 हजार रुपये निकाल लिए। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें ठगों की करतूत साफ दिखाई दे रही है। पुरातत्व विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी हरिदास ढीमर के साथ यह धोखाधड़ी हुई। ठगों ने उनका एटीएम कार्ड बदलकर उनके खाते से 40 हजार रुपये निकाल लिए। धोखाधड़ी का पता चलते ही पीड़ित कर्मचारी ने खजुराहो थाने में घटना की लिखित शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
Dakhal News
सिंगरौली (4 जनवरी, 2025): सिंगरौली जिले में 63 जोड़ों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें ग्रामीण और शहरी इलाकों के दूल्हे-दुल्हन शामिल हुए। हालांकि, इस विवाह समारोह के बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश देखा जा रहा है। इन संगठनों का कहना है कि यह विवाह हिंदू मान्यताओं के खिलाफ है, क्योंकि खरमास में विवाह करना परंपरागत रूप से मना है। खरमास में विवाह पर सवालहिंदू धर्म में खरमास का महीना विशेष रूप से वर्जित माना जाता है, और इस दौरान शादी विवाह के आयोजन को निषेध समझा जाता है। यही कारण है कि 63 जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हिंदू संगठनों का मानना है कि यह विवाह हिंदू परंपराओं के खिलाफ है और इसके परिणामस्वरूप इन जोड़ों को परेशानियां हो सकती हैं। उनका कहना है कि इस समय किए गए विवाहों का भविष्य संदेहास्पद हो सकता है और इन जोड़ों का तलाक हो सकता है, जैसा कि उनके अनुसार इस तरह की गलत तारीखों पर विवाह तय करने का परिणाम हो सकता है। हिंदू संगठनों का आक्रोशहिंदू संगठनों का कहना है कि यह विवाह समारोह विशेष रूप से सनातनी मान्यताओं के खिलाफ था। संगठन यह सवाल उठाते हैं कि इस सामूहिक विवाह समारोह की तारीख जानबूझकर खरमास में क्यों तय की गई। कुछ का आरोप है कि यह काम कुछ बौद्ध धर्म से संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर किया गया। इसके अलावा, भाजपा के जनप्रतिनिधियों की इस कार्यक्रम में उपस्थिति पर भी सवाल उठाए गए हैं, क्योंकि इसे हिंदू परंपराओं पर कुठाराघात माना जा रहा है। आखिर क्या होगी कार्रवाई?अब यह देखना होगा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। हिंदू संगठनों और जनता के बीच बढ़ते आक्रोश को देखते हुए, मुख्यमंत्री के लिए यह एक महत्वपूर्ण निर्णय होगा कि वे इस विवाद पर किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं और जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं।
Dakhal News
मुस्तरा (ब्यूरो): मुस्तरा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां पांच साल के मासूम आर्यन का शव गांव के मंदिर के पीछे मिला है। गुरुवार शाम से लापता हुए बच्चे की हत्या की आशंका जताई जा रही है। क्या है पूरा मामला? मुस्तरा गांव निवासी मंगल सिंह राजपूत का पांच साल का बेटा आर्यन गुरुवार शाम से घर से लापता था। परिजन और ग्रामीण बच्चे की तलाश में जुटे हुए थे। शुक्रवार को बच्चे का शव गांव के मंदिर के पीछे मिला। बच्चे के गले पर चोट के निशान थे। पुलिस ने मामला दर्ज किया परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था। एसडीओपी कर्णिक श्रीवास्तव ने बताया कि प्रथम दृष्टया लग रहा है कि बच्चे की हत्या गला दबाकर की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारणों का स्पष्ट खुलासा होगा। ग्रामीणों में आक्रोश इस घटना से पूरे गांव में सनसनी
Dakhal News
पीथमपुर (ब्यूरो): भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने के सरकार के फैसले के खिलाफ लोगों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। इस मुद्दे पर दो लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। बढ़ते विरोध के मद्देनजर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आपात बैठक बुलाई और इस फैसले पर रोक लगाने का ऐलान किया है। क्या है पूरा मामला? भोपाल गैस त्रासदी के बाद से यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा एक बड़ी समस्या बना हुआ था। सरकार ने इस कचरे को निपटाने के लिए पीथमपुर में जलाने का फैसला किया था। लेकिन इस फैसले के खिलाफ पीथमपुर के लोगों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन और हिंसा प्रदर्शनकारियों ने गुडलक चौराहे पर चक्काजाम कर दिया, जिससे हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस दौरान दो युवकों ने आत्मदाह का प्रयास किया। सरकार का यू-टर्न बढ़ते विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रात को भोपाल में आपात बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार जनता के साथ है और जनता के हित में कोई भी निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को अदालत में ले जाया जाएगा और अदालत के आदेश के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। विभिन्न संगठनों का विरोध इस प्रदर्शन में पीथमपुर बचाओ समिति, पीथमपुर रक्षा मंच, कांग्रेस, भाजपा, राठौर समाज, क्षत्रिय समाज, सेन समाज, आदिवासी समाज और कई अन्य संगठनों ने भाग लिया। सभी संगठनों ने जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने के फैसले का विरोध किया।
Dakhal News
दतिया जिले के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर में अज्ञात चोरों ने बड़ी साज़िश को अंजाम देते हुए गर्भ गृह से भगवान का छत्र और गुल्लक से नकदी चुरा ली। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है। चोरी का खुलासा और स्थानीय आक्रोश स्थानीय लोगों का कहना है कि इस चोरी में चोरों ने करीब 3 से 4 किलो चांदी और लगभग 10 लाख रुपये की नकदी चुरा ली। दतिया कलेक्टर, जो मंदिर के अध्यक्ष भी हैं, ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जब स्थानीय लोगों ने सीसीटीवी कैमरों के खराब होने की शिकायत की थी, तो कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई। कलेक्टर की अनदेखी के कारण ही चोरों ने इस ऐतिहासिक सूर्य मंदिर को निशाना बनाया और चोरी की घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बाद आक्रोशित जनता ने सड़क पर जाम लगा दिया। लोगों का गुस्सा तब और बढ़ गया जब उनकी शिकायतों पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। हालांकि, पुलिस ने तीन दिन के अंदर इस चोरी का खुलासा करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद जनता ने जाम खोला। सीसीटीवी की अनदेखी और पुलिस की कार्यवाही सीसीटीवी कैमरे के खराब होने और प्रशासनिक अनदेखी के कारण इस चोरी की घटना ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अब देखना यह है कि पुलिस अपनी तीन दिनों की तय समयसीमा में इस मामले का खुलासा करती है या नहीं। यह घटना सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करती है और मंदिरों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत को उजागर करती है।
Dakhal News
सिंगरौली नगर निगम के वार्ड क्रमांक 20 के पिपरा लाल क्षेत्र में एनसीएल दुधिचुआ परियोजना की खाली पड़ी जमीन पर अवैध निर्माण का सिलसिला लगातार जारी है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि यह अवैध निर्माण नगर निगम और एनसीएल दुधिचुआ परियोजना के सुरक्षा विभाग की मिलीभगत से हो रहा है। शिकायत और कार्रवाई पिपरा लाल क्षेत्र के रहवासियों ने एनसीएल दुधिचुआ परियोजना और नगर निगम को लिखित शिकायत दी थी, जिसके बाद सुरक्षा विभाग ने एक दिन के लिए अवैध निर्माण पर रोक लगाई थी। हालांकि, स्थानीय लोगों के अनुसार, अवैध निर्माण करने वाले व्यक्ति और सुरक्षा विभाग के बीच लाखों रुपए का लेनदेन हुआ है, जिससे यह मामला और भी संदेहास्पद बन गया है। स्थानीय लोगों का गुस्सा स्थानीय रहवासी इस अवैध निर्माण पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और उनके मुताबिक सुरक्षा विभाग की मिलीभगत के बिना इस प्रकार के निर्माण संभव नहीं हो सकते। इस मामले ने एक गंभीर सवाल खड़ा किया है कि क्या स्थानीय प्रशासन और एनसीएल दुधिचुआ परियोजना के सुरक्षा विभाग के बीच कोई गहरी सांठगांठ है? यह मामला जांच और कार्रवाई की मांग कर रहा है, ताकि अवैध निर्माण की घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम हो सके और दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाए जा सकें।
Dakhal News
छतरपुर जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया, जहां तेज रफ्तार दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने टक्कर हो गई। इस हादसे में तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल जिला अस्पताल रेफर किया गया। हादसे का विवरण यह घटना बडामलेहरा थाना क्षेत्र के सड़वा गांव में घटी, जहां दो मोटरसाइकिल तेज रफ्तार से आ रही थीं और आपस में टकरा गईं। टक्कर इतनी जोरदार थी कि मौके पर ही तीन युवकों की मौत हो गई। मृतकों में से दो युवक धनगुंवा के निवासी थे, जबकि एक युवक दमोह का रहने वाला था। घायल दो युवकों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। यह दर्दनाक हादसा सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर करता है। स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
Dakhal News
इंदौर नगर निगम अब जलकर के बकायादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा। इसके लिए छह जनवरी से विशेष मुहिम शुरू की जा रही है। जिन बकायादारों ने बार-बार नोटिस देने के बावजूद जलकर जमा नहीं किया है, ऐसे बड़े बकायादारों की सूची भी तैयार कर ली गई है। अब इनके खिलाफ निगम पुलिस कार्रवाई करेगा। इंदौर निगम सीमा में करीब एक लाख 89 हजार जल कनेक्शन हैं। लगभग 60 हजार कनेक्शन ऐसे हैं जो अनियमित हैं। यानी इन कनेक्शनधारियों ने सालों से नगर निगम में जलकर जमा ही नहीं किया है। यही वजह है कि बकाया राशि करोड़ों रुपये में पहुंच गई। वन टाइम सेटलमेंट योजना लागू की थी इंदौर नगर निगम ने ऐसे कनेक्शनधारियों को राहत देते हुए वन टाइम सेटलमेंट योजना लागू की थी। इसके तहत बकायादारों को बकाया राशि का 50 प्रतिशत भुगतान करके अपना खाता नियमित करवाने की सुविधा दी गई थी। निगम को बकायादारों से जलकर के रूप में 400 करोड़ रुपये से ज्यादा वसूलने हैं। निगम को उम्मीद थी कि वन टाइम सेटलमेंट योजना को अच्छा प्रतिसाद मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सिर्फ 45 करोड़ रुपये ही निगम के खाते में पहुंचे। शिविर लगाकर जलकर जमा करवाएंगे इसके बाद भी निगम ने बकायादारों को कई अवसर दिए ताकि वे अपना जलकर खाता नियमित करवा सकें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब निगम ने सख्ती बरतते हुए जलकर बकायादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी कर ली है। निगम छह जनवरी से इसके लिए विशेष अभियान भी शुरू करेगा। नगर निगम अलग-अलग क्षेत्रों में शिविर लगाकर जलकर जमा कराएगा।
Dakhal News
सिंगरौली: भीषण ठंड को देखते हुए नगर निगम सिंगरौली के आयुक्त डी.के. शर्मा ने निगम के वाहन चालकों को ठंड से बचने के लिए ट्रैक सूट वितरित किए। इस पहल से वाहन चालकों में खुशी का माहौल देखा गया और उन्होंने इस कदम की सराहना की। सिंगरौली नगर पालिक निगम क्षेत्र में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए नगर निगम आयुक्त डी.के. शर्मा के नेतृत्व में, नए साल के पहले दिन लगभग 115 वाहन चालकों को ठंड से बचने के लिए ट्रैक सूट दिए गए। इस पहल ने वाहन चालकों को राहत प्रदान की और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभाने के लिए उत्साहित किया। कार्यक्रम के दौरान वाहन अधिकारी एस.एन. द्विवेदी, समाजसेवी अवनीश दुबे, उपयंत्री अमिताभ यादव, आशीष पांडेय और बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। यह कदम कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया, ताकि वे सर्दी के मौसम में भी अपनी ड्यूटी को पूरी निष्ठा से निभा सकें।
Dakhal News
छतरपुर जिले के किशनगढ़ थाना इलाके में नए साल के मौके पर एक अजीब और खौफनाक घटना सामने आई। खेत से लौट रहे बच्चों पर एक तेंदुए ने हमला कर दिया। हालांकि, बच्चों के शोर मचाने और भगदड़ मचने से तेंदुआ डर कर भाग निकला, लेकिन इस हमले में एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के अनुसार, कुछ बच्चे अपने खेत में नए साल का जश्न मना रहे थे और पार्टी के बाद घर लौट रहे थे। तभी एक तेंदुआ अचानक से उन पर हमला कर बैठा। तेंदुआ ने एक बच्चे को पकड़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन बच्चों ने शोर मचाया और एक-दूसरे की मदद से तेंदुए से भागने में सफल रहे। हालांकि, भागते वक्त एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे सिर और पैरों में चोटें आई हैं। घायल बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। यह घटना जंगलों से सटे इलाकों में जानवरों के हमलों की बढ़ती घटनाओं को उजागर करती है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि जंगलों से लगे इलाकों में सुरक्षा इंतजामों को और सख्त किया जाएगा ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
Dakhal News
छात्र उन विषयों और सिलेबस की जानकारी रखें। जिसकी प्रैक्टिकल परीक्षाएं आयोजित होने वाली है। बोर्ड ने छात्रों को सही समय पर प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल होने की सलाह दी है। सीबीएसई द्वारा उन्हें दूसरा कोई अवसर प्रदान नहीं किया जाएगा। यदि प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान छात्रों को किसी प्रकार की समस्या होती है तो वह स्कूल को संपर्क कर सकते हैं। बोर्ड में दिसंबर महीने की शुरुआत में ही सभी स्कूलों को सही समय पर प्रैक्टिकल परीक्षा का सिलेबस पूरा करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा तैयारी को लेकर भी कुछ गाइडलाइंस जारी की थी। स्कूलों से प्रायोगिक परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सूची ऑनलाइन प्रणाली से जाँचने की सलाह दी थी। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की ऑनलाइन प्रणाली में सही विषय और विद्यार्थियों की श्रेणी दिखाई गई है। कक्षा 12वीं के लिए प्रैक्टिकल परीक्षा बोर्ड द्वारा नियुक्त एक्सटर्नल परीक्षकों द्वारा आयोजित की जाएगी।
Dakhal News
वर्ष 2024 में भारतीय रिजर्व बैंकों 11 बैंकों लाइसेंस रद्द कर चुका है। अब इस लिस्ट में एक और बैंक शामिल हो चुका है। 27 दिसंबर के आदेश के तहतआरबीआई ने बिहार के वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक लिमिटेड हाजीपुर का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंकिंग व्यवसाय 30 दिसंबर से बंद करने का आदेश जारी गया है। आरबीआई ने बिहार से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परीसमापक नियुक्त करने से संबंधित आदेश जारी करने का अनुरोध भी किया है। लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक को न जमा स्वीकार करने और ना ही जमा का पुनर्भुगतान की अनुमति नहीं होगी। केंद्रीय बैंक ने बताया कि इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं है। ऐसे में बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं होता। बैंक का चालू रहना इसके जमाकर्ताओं के लिए हानिकारक है। अपनी स्थिति में वर्तमान जमाकर्ताओं को पुनर्भुगतान भी नहीं कर सकता। यदि इस कारोबार को आगे रखने की अनुमति दी जाती है तो इसका प्रभाव जनहित पर पड़ेगा।
Dakhal News
मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में 31 दिसंबर की रात होटल रायल ऑर्बिट पर यूटूबर और बिग बाॅस विजेता रहे एल्विश यादव का होना है, जिसका विरोध शुरू हो गया है। हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर एल्विश यादव के कार्यक्रम हुआ तो ठीक नहीं होगा। आरोप है कि एल्विश यादव की पार्टी में न सिर्फ जमकर शराब खोरी होगी, बल्कि अफीम और ड्रग्स का भी सेवन होगा। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर कार्यक्रम के रोक की मांग की है। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद की महाकौशल प्रांत कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति धनधारिया ने बताया कि एल्विश यादव कौन है ये सब जानते है, लोग इसे यू-टूयबर मानते है, पर असल में ये नशे का सौदागर है, और जब इसका कार्यक्रम होगा तो लोग न सिर्फ जमकर नशा करेंगे बल्कि जब घर जाएंगे तो दुर्घटना का अंदेशा भी रहेगा। प्रीति धनधारिया ने बताया कि जिस आर्बिट होटल में यह प्रोग्राम हो रहा है, वो नर्मदा तट से 5 किलोमीटर के दायरे में है, और इसी होटल में 31 तारीख की रात जमकर शराबखोरी भी होगी। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए ऑर्बिट होटल में शराब पार्टी की जा रही है। एल्विश यादव जिसे कि रेव पार्टियों के लिए एवं सांपो के जहर की सप्लाई केस में जेल जा चुका है। ऐसे व्यक्ति को संस्कारधानी में बुलाकर शराबखोरी करवाना सही नहीं है।
Dakhal News
छतरपुर के जानराय टौरिया स्थित धनुषधारी मंदिर के महंत को बिश्नोई गैंग के नाम पर धमकी मिलने का एक गंभीर मामला सामने आया है। महंत ने इस धमकी की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई है, जिसके आधार पर पुजारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। धनुषधारी मंदिर में विवाद जानराय टौरिया में स्थित धनुषधारी मंदिर में विवाद अब गहराता जा रहा है। महंत ने पुलिस को बताया कि पुजारी परमात्मा दास ने उन्हें बिश्नोई गैंग के नाम पर धमकी दी। शिकायत के अनुसार, पुजारी मंदिर की दुकान से 40 हजार रुपये और रजिस्टर लेकर फरार हो गया है। इस घटना से मंदिर परिसर में तनाव का माहौल पैदा हो गया है। पुलिस कार्रवाई पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और कोतवाली थाने में पुजारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है और पुलिस ने जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा जताया है। यह घटना मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है, और इसने मंदिर परिसर में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं। अब पुलिस की कार्रवाई पर सभी की नजरें हैं।
Dakhal News
नई साल के मौके पर छतरपुर पुलिस ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है, जिससे लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे। पुलिस ने गुम हुए मोबाइल फोन की तलाश कर उन्हें उनके असली मालिकों तक पहुंचाया। इस पहल से लोगों को ना केवल अपने खोए हुए मोबाइल मिले, बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास का एक मजबूत संदेश भी गया। 6 लाख रुपये मूल्य के मोबाइल मिले छतरपुर पुलिस ने गुम हुए मोबाइलों को खोजने की मुहिम में सफलता प्राप्त की और 6 लाख रुपये मूल्य के विभिन्न कंपनियों के मोबाइलों को ढूंढ निकाला। इन मोबाइलों को एसपी अगम जैन ने एक विशेष समारोह में प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में शिकायतकर्ताओं को लौटाए। एसपी अगम जैन ने बताया कि यह सफलता साइबर टीम की तत्परता और तकनीकी कुशलता से संभव हो पाई है। आभार और विश्वास का संदेश इस मौके पर एसपी और उनकी टीम का आभार व्यक्त करने के लिए कई राज्यों से लोग अपने खोए हुए मोबाइल लेने पहुंचे। खोई हुई चीज वापस मिलने पर सभी ने एसपी अगम जैन और उनकी टीम का धन्यवाद किया। एसपी ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य पुलिस और जनता के बीच विश्वास को और भी मजबूत करना है, ताकि भविष्य में भी लोग पुलिस से सहायक और समर्थ महसूस करें। यह कदम पुलिस द्वारा दिखाए गए ईमानदारी और सेवा की भावना को दर्शाता है, और यह साबित करता है कि जनता की सुरक्षा और सहायता के लिए पुलिस हर कदम पर तत्पर रहती है।
Dakhal News
रुड़की के मंगलौर कोतवाली क्षेत्र में स्थित एक जैन मंदिर में चोरों ने रात के अंधेरे में लाखों रुपये की चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। मंदिर के पुजारी ने सुबह मंदिर खोलने पर देखा कि मंदिर का ताला टूटा हुआ है और अंदर का सामान बिखरा पड़ा है। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। पुलिस के अनुसार, चोरों ने मंदिर से लगभग 40 से 50 लाख रुपये का सामान चुराया है। इसमें नकदी के साथ-साथ मंदिर में रखे कीमती जेवर और अन्य धार्मिक सामग्री शामिल है। पुलिस ने बताया कि वे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोरों की पहचान करने का प्रयास कर रहे हैं।
Dakhal News
सिंगरौली (ब्यूरो): सिंगरौली जिले के विंध्यनगर थाना क्षेत्र में हुई चार बड़ी चोरियों का पुलिस ने खुलासा किया है। इस मामले में दो नाबालिगों सहित चोर गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने बताया कि गहन जांच के बाद गिरोह के सरगना कादर उर्फ रोहित शाह और दो नाबालिग चोरों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 145 ग्राम सोने के जेवर और 1 किलो चांदी, जिसकी कीमत लगभग 11 लाख रुपए से ज्यादा है, बरामद हुई है। यह चोरियां 18 दिसंबर को हुई थीं जब सतीश प्रसाद के घर से सोने-चांदी के आभूषण चोरी हो गए थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों के आधार पर इस गिरोह का पर्दाफाश किया है। तीन आरोपी अभी भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
Dakhal News
रीवा में पुलिस की वर्दी पहनकर वसूली करने वाली दो नकली पुलिसवालियों को असली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को सूचना मिली थी कि दो महिला पुलिसकर्मी शहर में जबरन लोगों से पैसे वसूल रही हैं, जिसके बाद पुलिस ने स्पेशल टीम बनाकर इन आरोपियों को धर दबोचा। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के लाडली लक्ष्मी पथ पर यह घटना हुई, जहां इन फर्जी महिला पुलिसकर्मियों की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में पुलिस को जानकारी मिली। सूचना के आधार पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों महिलाओं को गिरफ्तार किया। इन महिलाओं ने पुलिस की ड्रेस पहनी हुई थी और इसी वर्दी का रौब झाड़ते हुए वे लोगों से वसूली कर रही थीं। बताया जा रहा है कि ये महिलाएं पिछले तीन-चार दिनों से शहर में घूम रही थीं। पुलिस अब इन महिलाओं से पूछताछ कर रही है। सिविल लाइन थाना में इन महिलाओं के खिलाफ बीएनएस (बदसलूकी और गैरकानूनी कार्यों) की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की पूरी जांच कर रही है और आरोपी महिलाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Dakhal News
रीवा में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां एक युवती के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने भीड़भाड़ वाले इलाके में एक मैजिक गाड़ी में युवती के साथ यह घिनौना कृत्य किया है। पुलिस के अनुसार, पीड़िता सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र की रहने वाली है और वह अपनी सहेली के साथ घूमने के लिए मुकुंदपुर गई थी। वहां उसकी मुलाकात मैजिक चालक राकेश रावत से हुई। राकेश ने युवती को अपनी मां को डॉक्टर दिखाने में मदद करने का झांसा दिया और उसे बुलाया। राकेश ने युवती को गुढ़ चौराहे के समीप सड़क किनारे खड़ी अपनी मैजिक गाड़ी में बैठा लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के विरोध करने पर आरोपी ने उसे धमकाया और फरार हो गया। डरी हुई युवती काफी दिनों तक थाने में शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। अंततः सोमवार को उसने बिछिया थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लेंगे। यह घटना समाज के लिए एक कलंक है। ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।
Dakhal News
देवास जिले के नेमावर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक युवती के साथ उसके ही चाचा, सौतेले भाई और एक 60 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति ने मिलकर दुष्कर्म किया। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने बताया कि आरोपी उसे लगातार परेशान करते थे और उसके साथ दुष्कर्म करते थे। आरोपियों ने पीड़िता को धमकाया था कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो उसे जान से मार देंगे। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों के खिलाफ एसटी एक्ट के तहत दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। यह घटना समाज के लिए एक कलंक है। ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।
Dakhal News
इंदौर के युग पुरुष धाम आश्रम की मान्यता को रद्द कर दिया गया है। यह फैसला उस समय लिया गया जब 6 महीने पहले इस आश्रम में 10 बच्चों की मौत हो गई थी और लगभग 60 से अधिक बच्चे बीमार हो गए थे। कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी दी कि इस मामले में आश्रम को पहले ही नोटिस जारी किया गया था और इसके बाद आश्रम की मान्यता को रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रबंधन में भी बदलाव किया गया था। गुरुवार को सहमति के बाद, आश्रम के 86 दिव्यांग बच्चों को उज्जैन स्थित सेवाधाम आश्रम में शिफ्ट कर दिया गया। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और देखभाल की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने पैसे की कमी के कारण ट्रेन के पहिए के पास बैठकर 250 किमी का सफर तय किया। यह घटना इटारसी से जबलपुर के बीच हुई, जिसकी दूरी करीब 250 किलोमीटर है। घटना का खुलासा तब हुआ जब ट्रेन जबलपुर स्टेशन के आउटर पर पहुंची। रेल कर्मचारी जब नियमित जांच कर रहे थे, तो उनकी नजर कोच के नीचे लेटे एक व्यक्ति पर पड़ी। पूछताछ में युवक ने बताया कि उसके पास सफर करने के लिए पैसे नहीं थे, इस कारण उसने यह जोखिम भरा कदम उठाया। इस अजीबोगरीब घटना ने रेल कर्मचारियों को भी चौंका दिया, क्योंकि ट्रेन के पहिए के पास बैठकर सफर करना बेहद खतरनाक था।
Dakhal News
खातेगांव मंडी, जो अब ए ग्रेड होने के साथ प्रदेश की हाईटेक मंडियों में शामिल है, किसानों के लिए कई सुविधाएं प्रदान कर रही है। यहां का मंडी स्टाफ 24 घंटे किसानों की सहायता के लिए तैयार रहता है, ताकि किसानों को मंडी प्रांगण में किसी भी प्रकार की तकलीफ या शिकायत का सामना न करना पड़े। अगर कोई शिकायत होती है, तो उसका तुरंत समाधान किया जाता है। मंडी सचिव रघुनाथ सिंह लोहिया ने बताया कि शीतलहर से बचने के लिए मंडी प्रांगण में अलाव की व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को ठंड से राहत मिल सके। इसके अलावा, मोबाइल चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट और स्मार्ट टीवी भी लगाए गए हैं। टोकन व्यवस्था के तहत किसान अपने निर्धारित स्थान टीन शेड में पहुंचकर ट्रैक्टर ट्राली लगा सकते हैं। मंडी में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। यहां किसानों की मदद के लिए किसान सहायता केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कक्ष भी स्थापित किए गए हैं। किसानों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है, और कैंटीन में मात्र 5 रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। अगर कोई किसान किसी भी प्रकार की शिकायत लेकर आता है, तो उसे तुरंत सुना जाता है और समाधान किया जाता है। मंडी सचिव ने यह भी बताया कि उपसंचालक महोदय उज्जैन, कलेक्टर देवास, एसडीएम खातेगांव और विधायक खातेगांव के निर्देशन में सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल रही हैं, जिससे किसानों को अधिकतम लाभ मिल रहा है।
Dakhal News
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने गृह जिले खटीमा पहुंचे, जहां उन्होंने जनता और जनप्रतिनिधियों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और उनके शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री का स्वागत और जनसंपर्क हल्द्वानी कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री देर शाम अपने गृह क्षेत्र खटीमा नगला स्थित आवास पहुंचे। यहां लोहिया हेड स्थित गेस्ट हाउस में एकत्र जनसमूह ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को समझा। समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दौरान समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को तत्काल निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा, ताकि उनके जीवन में सुधार लाया जा सके। मुख्यमंत्री धामी ने यह भी भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार हमेशा जनता के साथ खड़ी रहेगी और उनकी समस्याओं के समाधान में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
Dakhal News
उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी मिली है, और इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौलापार अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में पहुंचकर खेलों की मशाल और प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हल्द्वानी स्थित गौलापार अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में किया जाएगा। मुख्यमंत्री का संकल्प: "आम जनता के सहयोग से खेलों को उत्सव बनाएंगे" इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य के लिए एक बड़ा सम्मान है कि उसे 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी का अवसर मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन को एक उत्सव बनाने के लिए आम जनता का सहयोग जरूरी है। "संकल्प से शिखर तक" के मंत्र के तहत, उन्होंने कहा कि इस आयोजन में आम जनता की सक्रिय सहभागिता से ही इसे सफल बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी विश्वास जताया कि इन खेलों से उत्तराखंड के खिलाड़ियों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने में मदद मिलेगी। खेल मंत्री और विधायकगण का समर्थन इस मौके पर खेल मंत्री रेखा आर्य, लालकुआँ विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा और खेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इन सभी ने इस ऐतिहासिक अवसर को राज्य के लिए गर्व का क्षण बताया और खेलों के सफल आयोजन के लिए सहयोग देने का संकल्प लिया। राष्ट्रीय खेलों का महत्व 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी से उत्तराखंड के खिलाड़ियों को एक नई दिशा मिलेगी, और यह राज्य में खेलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करने के लिए मशाल को उनके हाथ में सौंपा, ताकि वे खेलों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में इंसान और हाथियों के बीच समन्वय स्थापित करने के उपायों पर मंथन किया गया। इस कार्यशाला में अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए, जो उन्होंने दक्षिण भारत के तमिलनाडु और कर्नाटक में हाथियों के प्रबंधन के विषय में सीखा। मानव हाथी द्वंद को रोकने की कवायदउमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आयोजित इस कार्यशाला में PCCF वाइल्ड लाइफ, शुभरंजन सेन ने बताया कि मध्य प्रदेश में हाथियों की आमद एक नया और महत्वपूर्ण मामला है, जिसे सही तरीके से समझने और प्रबंधित करने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। उनका उद्देश्य मानव और हाथी के बीच द्वंद को रोकना और हाथियों का संरक्षण एवं संवर्धन करना है। दक्षिण भारत से मिली अहम जानकारीशुभरंजन सेन ने बताया कि हाथियों के प्रबंधन के लिए एक दल को दक्षिण भारत भेजा गया था, जहां इन राज्यों में हाथियों की संख्या अधिक है और उनका प्रबंधन अच्छा किया जा रहा है। वहां के अनुभवों को मध्य प्रदेश में लागू करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला में हाथियों के व्यवहार को समझने पर ध्यान केंद्रित किया गयाकार्यशाला के दौरान, अधिकारियों ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश में आने वाले हाथियों और उनके इंसान के साथ रिश्तों को लेकर चर्चा की। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जंगली हाथियों के व्यवहार को समझना और उनका बेहतर प्रबंधन करना था ताकि भविष्य में जान-माल का नुकसान रोका जा सके।
Dakhal News
एक युवक ने रीवा पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है पीड़ित की माने तो बिना किसी मुकदमे व अपराध के पुलिस ने उसे घर से पकड़ा और थाने ले कर पिटाई लगाईं पुलिस वाले ने सिगरेट सेउनकी आंख तक जलाई पीड़ित ने बताया की पुलिस वाले उसे फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी भी दे रहे थे। जवा थाना क्षेत्र का है जहां के रहने वाले रोहित सिंह आज एसपी ऑफिस पहुंचे और जवा पुलिस की प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई पेशे से किसान पीड़ित ने बताया की 24 दिसम्बर की शाम पुलिस वाले घर पहुंचे और मुझे पकड़ कर जबरन पुलिस गाड़ी में बैठकर थाने ले गए और बिना किसी अपराध के वहां डंडा और बेल्ट से मारपीट करने लगे पीड़ित ने बताया की सुराज सिंह और वेद प्रकाश शर्मा दोनों पुलिस कर्मी गाली गलौच करते हुए फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी दे रहे थे उन्होंने सिगरेट से दाहिने आंख को भी जला दिया.
Dakhal News
उत्तराखंड के खटीमा में जामा मस्जिद की दुकानों के स्थानांतरण को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। शिकायतकर्ता सलीम रिज़वी ने आरोप लगाया है कि बिना वक्फ बोर्ड की अनुमति के तीन दुकानों को नियमों के खिलाफ स्थानांतरित कर दिया गया है, जिससे विवाद गहरा गया है। आरोप और प्रशासन की प्रतिक्रिया सलीम रिज़वी का कहना है कि वक्फ बोर्ड की मंजूरी के बिना दुकानों का हस्तांतरण किया गया, और इस पर प्रशासनिक कार्रवाई की आवश्यकता है। उनका आरोप है कि वर्तमान में कोई वक्फ बोर्ड कमेटी नहीं है, इसलिए प्रशासन को इस तरह के फैसले लेने का अधिकार नहीं था। उन्होंने इस मामले को लेकर एसडीएम के माध्यम से सहायक कार्यपालक वक्फ बोर्ड को ज्ञापन सौंपा है, ताकि मामले की जांच की जा सके। दूसरी ओर, खटीमा प्रशासन के कामिल खान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे निराधार बताया है। उनका कहना है कि ये आरोप गलत हैं और इस तरह की स्थिति पर प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं है।
Dakhal News
सिंगरौली (ब्यूरो)। सिंगरौली में हुई एक महिला की हत्या का रहस्य पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने इस मामले में मृतका के प्रेमी को गिरफ्तार किया है। बता दें कि एक महीने पहले पुलिस को झाड़ियों में एक अज्ञात महिला का शव मिला था। पुलिस ने मृतका की शिनाख्त रीता के रूप में की थी। रीता के पति ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में गहनता से जांच शुरू की। पुलिस और साइबर टीम की जांच में पता चला कि रीता दीपक नाम के व्यक्ति से लगातार संपर्क में थी। पुलिस ने दीपक को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में दीपक ने बताया कि वह पिछले एक साल से रीता के साथ प्रेम संबंध में था। रीता उस पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। एक दिन जब रीता उससे मिलने आई और उसे अपने साथ ले जाने की जिद करने लगी तो आरोपी ने गुस्से में आकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने दीपक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है।
Dakhal News
देवास के हरणगांव स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में बाउंड्री वाल के निर्माण का भूमि पूजन विधायक आशीष शर्मा ने किया। इस परियोजना के तहत 13 लाख 50 हजार की लागत से बाउंड्री वाल का निर्माण किया जाएगा, जो स्कूल परिसर की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा। भूमि पूजन के अवसर पर विधायक का संबोधन भूमि पूजन के मौके पर विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि यह राशि देवास जिला प्रशासन के खनिज मद से प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि बाउंड्री वाल बनने के बाद स्कूल परिसर में लगे पेड़-पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, साथ ही असामाजिक तत्वों का प्रवेश भी रुक सकेगा। विधायक ने प्रदेश सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में की जा रही महत्वपूर्ण पहल पर भी प्रकाश डाला और बच्चों से आगामी परीक्षाओं में पूरी मेहनत और मन लगाकर पढ़ाई करने की अपील की। इस परियोजना से स्कूल की सुरक्षा और बच्चों के लिए बेहतर वातावरण सुनिश्चित होगा, जिससे उनका शैक्षिक स्तर और भी ऊंचा होगा।
Dakhal News
बरेली फास्ट ट्रैक फर्स्ट कोर्ट ने 16 बीघा जमीन के विवाद में हत्या करने के आरोप में सगे भाई और भतीजे को फांसी की सजा सुनाई है। यह सजा 2014 में हुई एक हत्याकांड के मामले में सुनाई गई। सजा सुनाते वक्त जज ने रामचरित मानस का उदाहरण देते हुए फैसले को और भी प्रभावी बना दिया। हत्याकांड की पूरी कहानी नवंबर 2014 में जमीन के विवाद को लेकर एक भाई ने अपने बेटे के साथ मिलकर अपने ही भाई की गोली मारकर और गला काटकर हत्या कर दी थी। पहले इस हत्या के मामले में सौतेले भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। लेकिन बाद में जब परिवार के अन्य सदस्य को शक हुआ कि सौतेले भाई ने इस हत्याकांड को अंजाम नहीं दिया, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी और लिखित शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की पुनः जांच की, और सच सामने आया कि सगे भाई और भतीजे ने हत्या को अंजाम दिया था। जज ने रामचरित मानस का दिया उदाहरण इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। सजा सुनाते हुए जज ने रामचरित मानस का उल्लेख करते हुए कहा कि एक तरफ श्रीराम और उनके भाई भरत थे, जो प्रेम के कारण अपना राजपाट एक-दूसरे को देने के लिए तैयार थे, जबकि दूसरी ओर इन आरोपियों ने सिर्फ संपत्ति के लिए अपने ही भाई की हत्या कर दी। इस उदाहरण से जज ने परिवार में प्रेम और रिश्तों के महत्व को उजागर किया और अपराध की गंभीरता को रेखांकित किया।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के किसानों को आए दिन विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी खाद की कमी तो कभी बीमा की राशि न मिलने की समस्याएं। ऐसा ही एक मामला सिद्धि गंज क्षेत्र से सामने आया है, जहां किसानों की 2022 की खरीफ फसल की प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि अभी तक उनके खातों में नहीं पहुंची है। किसानों को नहीं मिली फसल बीमा राशि आष्टा के सिद्धि गंज क्षेत्र के किसानों के खातों में 2022 की प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि नहीं डाली गई। किसानों ने इस बारे में संबंधित बैंक और सेवा सहकारी समितियों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें बताया गया कि बीमा राशि अब तक जारी नहीं की गई है। इसके बाद जब किसान कृषि विभाग कार्यालय सीहोर पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि 23 अगस्त 2023 को उनके क्षेत्र की प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि किसानों के खातों में डाल दी गई थी। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि किसान जहां पर फसल बीमा करवाए थे, वहां जाकर पूछताछ करें। किसानों का कहना – "बीमा राशि कहां गई?" किसानों ने बताया कि 2022 की खरीफ फसल में सोयाबीन खराब हो गई थी, जिसके लिए उन्होंने सर्वे कराया था, लेकिन बीमा राशि के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई। किसानों ने 181 पर भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन फिर भी उनकी बीमा राशि का कोई पता नहीं चल रहा है। इस मामले को लेकर किसानों ने कलेक्टर सीहोर, एसडीएम आष्टा, क्षेत्रीय विधायक और इंजीनियर को भी आवेदन दिया है, लेकिन समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है।
Dakhal News
मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के द्वारा आज दमोह नाका से अपनी शौर्य यात्रा निकल रहे थे लेकिन उनकी यात्रा को हितकारिणी स्कूल में ही पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। करीब आधे घंटे तक पुलिस और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच बात चलती रही। पुलिस प्रशासन का कहना है कि जिस रोड पर शौर्य यात्रा निकली जा रही है उसकी अनुमति नहीं ली गई है वहीं बजरंग दल ने पुलिस प्रशासन के आदेश को मानने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि सालों से शौर्य यात्रा निकाली जा रही है लेकिन कभी अनुमति की जरूरत नहीं पड़ी। बता दें कि यात्रा को रोकने के लिए शहर और देहात से करीब एक दर्जन से अधिक थानों की पुलिस सहित तीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे। 12 दिनों पहले बजरंग दल ऑफिस हिंदू परिषद ने शौर्य यात्रा निकालने के लिए जिला प्रशासन से कही थी लेकिन किसी कारणवश उन्हें रोक दिया गया। कार्यक्रम में बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता हितकारिणी स्कूल शौर्य यात्रा के लिए निकले पर पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया। करीब आधे घंटे तक पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प हितकारिणी स्कूल के अंदर जैसे ही विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका तो, विवाद की स्थिति बन गई। कार्यकर्ताओं ने जबरन बैरिकेड को तोड़ते हुए बाहर निकलने की काफी कोशिश की मगर पुलिस ने उन्हें हठ पूर्वक रोक दिया। इस दौरान पुलिस व कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प भी हुई। कार्यकर्ता की जबरन शौर्य यात्रा निकालने की कोशिश कर रहे थे तो वही पुलिस होने बलपूर्वक रोकते रही। करीब आधे घंटे तक पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प होती रही। जानकारी लगते ही एसडीएम पंकज मिश्रा, एएसपी आनंद कलादगी, एएसपी सूर्यकांत शर्मा मौके पर पहुंचे और बजरंग दल के पदाधिकारी से बात की। चर्चा होने के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रूट बदलने को तैयार हुए और फिर पुलिस के साए में शौर्य यात्रा शुरू हुई।
Dakhal News
अमरपाटन थाना परिसर में पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार हर मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई में इस बार भी कई हितग्राहियों ने अपनी समस्याएं रखीं। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन ने नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया और दोनों पक्षों को समझाइश दी, जिससे शांति और न्याय सुनिश्चित किया जा सके। राजस्व से संबंधित शिकायतों का समाधान, सुशासन दिवस पर शपथ ग्रहण जनसुनवाई के दौरान, राजस्व से संबंधित कुछ शिकायतें भी आईं, जिन्हें अमरपाटन की SDM आरती यादव और तहसीलदार आर डी साकेत ने पुलिस स्टाफ के साथ मिलकर समाधान किया। इसके बाद, थाना परिसर में सुशासन दिवस के मौके पर सुशासन की शपथ भी ली गई। इस अवसर पर एसडीओपी शिव कुमार सिंह, थाना प्रभारी के पी त्रिपाठी और अन्य पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे।
Dakhal News
मैहर (ब्यूरो)। बदेरा थाना क्षेत्र में हुई एक नवयुवती की हत्या का रहस्य पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को राजकोट, गुजरात से गिरफ्तार किया है। बता दें कि कुछ दिन पहले बदेरा थाना क्षेत्र में एक किशोरी का शव मिला था। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि मृतिका आठ महीने की गर्भवती थी। शुरूआत में यह मामला आत्महत्या का लग रहा था, लेकिन पुलिस की गहनता से हुई जांच में कई अहम खुलासे हुए। पुलिस के अनुसार, मृतिका के आरोपी से संबंध थे। दोनों के बीच डेढ़ साल से प्रेम संबंध चल रहा था। मृतिका गर्भवती होने के बाद आरोपी पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। इसी बात से परेशान होकर आरोपी ने मृतिका की हत्या कर दी और उसके शव को पानी में फेंक दिया था। आरोपी ने मृतिका का मोबाइल भी नाले में फेंक दिया था। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को राजकोट से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
Dakhal News
रीवा रेंज के डीआईजी साकेत पांडेय ने हाल ही में अमरपाटन में स्थित SDOP कार्यालय का दौरा किया, जहां उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ लंबित अपराधों और CM हेल्पलाइन से संबंधित मामलों पर बैठक की। इस बैठक में डीआईजी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन प्रकरणों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए। पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में डीआईजी ने अपराध पर भी चर्चा की बैठक में एसपी मैहर सुधीर अग्रवाल, एडिशनल एसपी मुकेश वैश्य, CSP राजीव पाठक, SDOP शिव कुमार सिंह और थाना प्रभारी भी मौजूद रहे। डीआईजी ने न केवल लंबित मामलों के समाधान पर जोर दिया, बल्कि क्षेत्र में अपराधों के नियंत्रण और पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।
Dakhal News
23 दिसंबर को भोपाल के जीवीएन द ग्लोबल स्कूल में सतना जिले के पड़रौत गांव के युवा कवि दिनेश गुप्ता मकरंद की दूसरी पुस्तक 'रवि और कवि का प्रताप' का लोकार्पण हुआ। इस पुस्तक में 43 कविताएं और 93 मुक्तक हैं। यह दिनेश गुप्ता मकरंद का दूसरा काव्य संग्रह है, जो उनके साहित्यिक यात्रा की एक नई दिशा को दर्शाता है। लोकार्पण समारोह में प्रमुख साहित्यकारों की उपस्थिति, गोकुल सोनी और अशोक व्यग्र ने किया पुस्तक की समीक्षा लोकार्पण समारोह में महापौर मालती राय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं, जबकि वरिष्ठ साहित्यकार और व्यंग्यकार गोकुल सोनी और अशोक व्यग्र विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। गोकुल सोनी ने अपनी समीक्षा में कहा कि दिनेश गुप्ता मकरंद की कविताओं में धार्मिक आस्था, लोक मंगल का भाव और राष्ट्र चेतना की गहरी छाप देखने को मिलती है। वहीं, अशोक व्यग्र ने मातृभाषा की महत्वता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक संस्कार और संस्कृति है, जिसे दिनेश अपने लेखन के माध्यम से समाज में प्रसारित कर रहे हैं। दिनेश गुप्ता मकरंद के साहित्यिक योगदान को सराहा, आभार व्यक्त किया कार्यक्रम के अंत में, दिनेश गुप्ता मकरंद ने अपने सभी अतिथियों और साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने हाल ही में संपूर्ण श्रीरामचरितमानस का हस्तलेखन किया है और हिंदुस्तान चालीसा की तर्ज पर हनुमान चालीसा को मात्र तीन दिन में लिखा है। उनके इन साहित्यिक योगदानों को भी समारोह में विशेष रूप से सराहा गया।
Dakhal News
सिंगरौली से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां पिपरा झाँपी सरकारी स्कूल के 11 छात्र अचानक से बीमार हो गए। इन छात्रों को तुरंत इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्कूल में छात्रों के बीमार होने पर अधिकारियों ने लिया तत्काल एक्शन बीमार छात्रों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मौके पर एसडीएम सृजन वर्मा, आईएएस चंद्रशेखर शुक्ला और डीईओ एसबी सिंह स्कूल पहुंचे। उन्होंने अपनी गाड़ियों से छात्रों को अस्पताल भेजा, जबकि कुछ छात्रों को एम्बुलेंस द्वारा भी अस्पताल लाया गया। अस्पताल के ट्रामा विभाग में सभी छात्रों का इलाज जारी है। इस घटना से कुछ दिन पहले भी पिपरा झाँपी स्कूल के कई छात्र बीमार हो गए थे, जिससे स्कूल के स्वास्थ्य पर सवाल उठ रहे हैं।
Dakhal News
आज, रीवा से अमरपाटन पहुंचे चार विभागों के संयुक्त संचालकों ने सिविल अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल के डिलीवरी वार्ड से लेकर नवनिर्मित बिल्डिंग तक का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद, उन्होंने नगर परिषद के वार्ड नंबर 5 में आयोजित जनकल्याण शिविर में हिस्सा लिया। इस शिविर में चारों संयुक्त संचालकों ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वास्थ्य योजना समेत कई अन्य योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। शिविर के दौरान उन्होंने लाभार्थियों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही, जनकल्याण शिविर में कई योजनाओं के लाभार्थियों से फीडबैक लिया गया। इस आयोजन के बाद, सभी विभागों की एक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें योजनाओं की प्रगति और आने वाले कार्यों पर चर्चा की गई। इस औचक निरीक्षण और जनकल्याण शिविर ने क्षेत्रीय विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है और विभागीय योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ रही है।
Dakhal News
आज राष्ट्रीय किसान दिवस है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर ये दिन मनाया जाता है। ये दिन भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने और उनके योगदान के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। आज के दिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुभकामनाएं देते हुए लिखा है कि ‘पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, चौधरी चरण सिंह जी की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अन्नदाता भाई-बहनों को किसान दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। चौधरी जी ने किसानों, गरीबों एवं वंचितों के हितों के संरक्षण एवं उनके समग्र विकास हेतु अपना सर्वस्व जीवन समर्पित कर दिया। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपके समर्पण और किसान कल्याण व कृषि विकास के आपके प्रयास सदैव हमें प्रेरित करते रहेंगे।’ राष्ट्रीय किसान दिवस भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। लगभग 70% भारतीय किसान हैं जो खाद्य फसलों, तिलहन, और वाणिज्यिक फसलों का उत्पादन करते हैं। वे उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति भी करते हैं, जिससे वे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं। भारत गेहूं, चावल, दालें, गन्ना और कपास जैसी फ़सलों के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। राष्ट्रीय किसान दिवस हर साल 23 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति में किसानों की आवाज़ बनने वाले अग्रणी नेताओं में से एक थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन में किसानों की समस्याओं को समझा, उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ी और उनकी स्थिति को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण नीतियों और कार्यक्रमों की शुरुआत की। आज के दिन का महत्व ये दिन किसानों के योगदान को सराहने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है। किसान दिवस पर कृषि और किसानों की समस्याओं पर चर्चा की जाती है और उनकी बेहतरी के लिए समाधान ढूंढे जाते हैं। इस दिन किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, नई पद्धतियों और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाता है। किसान दिवस लोगों को यह याद दिलाने का अवसर है कि किसान न सिर्फ अन्नदाता हैं, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ बनाने में भी उनका अहम योगदान है।
Dakhal News
रुड़की: रुड़की के कई गांवों और आसपास के जंगलों में इन दिनों गुलदार (तेंदुए) का आतंक मचा हुआ है। इस गुलदार के डर से किसान अपने खेतों में जाने से भी कतराने लगे हैं। किसान लगातार वन विभाग को सूचना दे रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक इस गुलदार को पकड़ने के कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे किसानों में गुस्सा और डर का माहौल बना हुआ है। इस मुद्दे को लेकर भाकियू टिकैत के गढ़वाल मंडल उपाध्यक्ष सोमवीर सिंह के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने रुड़की वन विभाग के कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कई दिन पहले वन विभाग को जंगल में गुलदार की मौजूदगी के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन अब तक विभाग ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। किसानों का कहना है कि गुलदार का डर इतना बढ़ चुका है कि वे अपनी जान जोखिम में डालकर खेतों में काम नहीं कर पा रहे हैं। इस पर वन दरोगा नरेंद्र कुमार ने कहा कि गुलदार को पकड़ने के लिए शासन को लिखा गया है और जल्द ही पिंजरे लगाकर गुलदार को पकड़ने का प्रयास किया जाएगा। किसानों ने वन विभाग से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है, ताकि उनका जीवन सुरक्षित हो सके और वे अपने खेतों में काम कर सकें।
Dakhal News
सिंगरौली: तेज रफ्तार के कारण सड़क पर एक भीषण हादसा हो गया, जिसमें एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना सिंगरौली जिले के बरगवां थाना क्षेत्र के पास मुख्य सड़क पर हुई। हादसा उस समय हुआ जब कोयले से लोड एक भारी वाहन और एक मालवाहक वाहन की जोरदार भिड़ंत हो गई। घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों के अनुसार, तेज रफ्तार के चलते दोनों वाहनों की टक्कर इतनी जोरदार थी कि मालवाहक वाहन के चालक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, भारी वाहन चालक और एक अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उनका उपचार जारी है। यह हादसा सिंगरौली जिले के मुख्य मार्ग पर हुआ, जिससे सड़क पर यातायात प्रभावित हुआ। पुलिस मौके पर पहुंची और हादसे की जांच शुरू कर दी। घटनास्थल से दोनों वाहनों को हटाकर यातायात को सामान्य किया गया। सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, विशेषज्ञों का कहना है कि तेज रफ्तार पर कड़ी निगरानी और यातायात नियमों के पालन की आवश्यकता है ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।
Dakhal News
सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल बैढ़न में एनुअल स्पोर्ट्स मीट का आयोजन धूमधाम से किया गया, जिसमें बच्चों ने खेलकूद के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी शानदार प्रस्तुति दी। यह कार्यक्रम डॉक्टर अभिषेक सिंह के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ, जिनका विद्यालय परिवार ने गर्मजोशी से स्वागत किया। सांस्कृतिक और खेलकूद के कार्यक्रमों का आयोजन एनुअल स्पोर्ट्स मीट के दौरान बच्चों ने अपनी विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में खेलकूद के विभिन्न आयोजन भी हुए, जिनमें बच्चों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। मुख्य अतिथि डॉक्टर अभिषेक सिंह ने अपने उद्बोधन में विद्यालय के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि इस स्कूल से प्राप्त शिक्षा के कारण ही वह शासकीय चिकित्सालय में चिकित्सक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलकूद में भी भाग लेकर अपने माता-पिता, शिक्षकों, और समाज का नाम रोशन करें। मुख्य अतिथि ने दी बच्चों को प्रेरणा मुख्य अतिथि डॉक्टर अभिषेक सिंह ने बच्चों से यह भी कहा कि शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी सक्रिय रहना जरूरी है, ताकि वे जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें और समाज में अपना योगदान दे सकें। कार्यक्रम में विद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया।
Dakhal News
खातेगांव के सुषमा स्वराज स्टेडियम में जूनियर बालिका वर्ग की राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता 'अटल चैम्पियंस ट्रॉफी' का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों से 40 टीमों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। यह आयोजन कबड्डी के प्रति उत्साह को बढ़ावा देने और राज्य के युवाओं को अपनी खेल प्रतिभा दिखाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर रहा है। 550 से अधिक खिलाड़ी और अधिकारियों की भागीदारी मध्यप्रदेश एमेच्योर कबड्डी एसोसिएशन और देवास कबड्डी एसोसिएशन एकेडमी के सहयोग से आयोजित इस प्रतियोगिता में 550 से अधिक खिलाड़ी, कोच, रेफरी और अन्य अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। प्रतियोगिता के लिए स्टेडियम में तीन कोर्ट बनाए गए हैं ताकि खेलों का आयोजन सुचारू रूप से किया जा सके। विधायक आशीष शर्मा ने प्रतियोगिता के उद्घाटन के दौरान कहा कि 'अटल चैम्पियंस ट्रॉफी' में 40 टीमें भाग लेंगी, जिनमें 20 साल तक की आयु और 65 किलोग्राम वजन तक की बालिकाएं शामिल हो सकती हैं। विजेता टीम का नेशनल चैंपियन ट्रॉफी में होगा प्रतिनिधित्व विधायक आशीष शर्मा ने यह भी बताया कि इस प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ी जनवरी में हरिद्वार में होने वाली नेशनल चैंपियन ट्रॉफी में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह आयोजन प्रदेश के कबड्डी खेल को नई दिशा देने और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगियों को तैयार करने में मदद करेगा।
Dakhal News
खटीमा के मजगांव क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 65 वर्षीय शकुंतला देवी का शव जंगल में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। महिला जंगल में लकड़ी और कड़ी पत्ता लेने गई थी, लेकिन उसके बाद से वह लापता हो गई थी। परिजनों ने उसकी लगातार तलाश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला था। अब शव का मिलना पूरे इलाके में सनसनी का कारण बन गया है। पुलिस और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई मजगांव के धनुष पुल के पास महिला का शव जंगल में पाया गया। पुलिस और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वन विभाग की एसडीओ संचिता वर्मा ने बताया कि घटना स्थल पर ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए गश्त को भी बढ़ा दिया गया है। इस घटना के बाद वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अकेले जंगल में न जाएं और यदि कोई जंगली जानवर दिखे तो तुरंत सूचना दें। वन विभाग की सुरक्षा संबंधी अपील वन विभाग ने जंगल में अकेले जाने से बचने और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की सलाह दी है। इस घटना ने इलाके में भय का माहौल बना दिया है, और लोगों को आगाह किया गया है कि वे जंगल में सुरक्षित तरीके से जाएं और जंगली जानवरों से सतर्क रहें।
Dakhal News
नेमावर में प्रशासन ने रैन बसेरा और अस्पताल परिसर के आसपास अवैध कब्जों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कई सालों से चल रहे अवैध कब्जों को बुलडोजर से हटाया गया। यह कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई, और प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी भी प्रकार के व्यवधान से बचने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की थी। अतिक्रमण हटाने के दौरान गहमागहमी का माहौल नेमावर स्थित रैन बसेरा और अस्पताल परिसर के आसपास पिछले कई सालों से कच्ची और पक्की दुकानों का संचालन किया जा रहा था। प्रशासन ने इन दुकानों को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया। मौके पर पहुंचे तहसीलदार अरविंद दिवाकर ने बताया कि नगर परिषद से दुकानों का निर्माण कराया जाएगा और ये दुकानें नीलामी प्रक्रिया के तहत आवंटित की जाएंगी। हालांकि, अतिक्रमण हटाने के दौरान गहमागहमी का माहौल बना, लेकिन पुलिस बल की मौजूदगी के कारण कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हुआ। पीड़ितों का आरोप, बिना सूचना के हुई कार्रवाई इस कार्रवाई के बाद, अतिक्रमण हटाए गए दुकानदारों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हें पहले से कोई सूचना या पंचनामा नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा कि वे 15 साल से यहां रह रहे थे और अब प्रशासन द्वारा बिना पूर्व सूचना के उनकी दुकानों को हटाया गया है। इस मामले को लेकर अब स्थानीय लोग और पीड़ित इसकी कानूनी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।
Dakhal News
छतरपुर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए लुटेरी दुल्हन के गोरखधंधे का पर्दाफाश किया है और उसे गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी महिला ने शादी के नाम पर कई लोगों को ठगा, और अब तक आधा दर्जन से अधिक लोगों को अपने झांसे में लेकर उनकी संपत्ति हड़प ली थी। पुलिस ने उसे महोबा से गिरफ्तार किया, और साथ ही मामले में शामिल एक अन्य आरोपी को भी हिरासत में लिया। शादी के बहाने ठगी करने वाली दुल्हन का धोखा सूत्रों के अनुसार, लुटेरी दुल्हन ने नौगांव थाना क्षेत्र के एक युवक से शादी की थी। शादी के बाद सुहागरात के बहाने उसने दूल्हे को नशीला दूध पिलाया, जिसके बाद वह 25,000 रुपये नकद, 10 तोला सोने के जेवर और मोबाइल लेकर फरार हो गई। पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू की और साइबर सेल की मदद से आरोपी बिट्टू रैकवार को महोबा में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि इस महिला ने कई अन्य लोगों को भी इसी तरह से ठगा है। अभय प्रताप सिंह भी गिरफ्तार पुलिस ने इस मामले में साजिश रचने वाले अभय प्रताप सिंह को भी हिरासत में लिया है। छतरपुर पुलिस का कहना है कि इस लुटेरी दुल्हन के खिलाफ ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं, और अब वह कानून के शिकंजे में है। पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों का शिकार होते हैं।
Dakhal News
रुड़की में एक मांस व्यापारी की गाड़ी पर हमले से इलाके में सनसनी फैल गई है। हरोड़ा से मंगलौर जा रही गाड़ी को रोककर कुछ अज्ञात बदमाशों ने ड्राइवर और कंडक्टर से मारपीट की और नकदी छीनकर फरार हो गए। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि बदमाशों ने व्यापारी के कर्मचारियों के साथ मारपीट की। मांस व्यापारी शमशुल कुरैशी ने आरोप लगाया है कि इस हमले के पीछे एक कांग्रेस नेता और उनके पड़ोसी का हाथ है, जो उसकी जान के दुश्मन बने हुए हैं। व्यापारी ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, पुलिस अभी तक मामले की जांच कर रही है और कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
Dakhal News
सिंगरौली पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए पति की हत्या करने वाली मास्टरमाइंड पत्नी और उसके प्रेमी सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना सिंगरौली जिले के गढ़वा थाना क्षेत्र के बगदरा चौकी कसदा पुलिया के पास हुई, जहां पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। हत्या के बाद पत्नी ने अपनी करतूत छुपाने के लिए पति के शव को कसदा पुलिया के नीचे फेंक दिया। पुलिस को जब घटना की सूचना मिली, तो उन्होंने मामले की जांच शुरू की और सच्चाई का खुलासा हुआ। पुलिस ने बताया कि मृतक बिंदु सिंह गोड़ की पत्नी ने अपने अवैध संबंधों के कारण इस हत्या को अंजाम दिया। इस मामले में पुलिस ने पत्नी, उसके प्रेमी और दो नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
Dakhal News
देवास के नयापुरा इलाके में एक दुखद घटना सामने आई, जहां अज्ञात कारणों से एक घर में आग लग गई। आग ने परिवार की खुशियों को राख में बदल दिया, जिससे चार लोगों की जान चली गई। मृतकों में 35 वर्षीय दिनेश कारपेंटर, उनकी पत्नी गायत्री और उनके दो छोटे बच्चे, 10 साल की इशिका और 7 साल के चिराग शामिल हैं। घटना के बाद दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और परिवार के चारों सदस्य जलकर अपनी जान गवां चुके थे। पुलिस ने घटना की जानकारी मिलने के बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना नाहर दरवाजा थाना क्षेत्र के नयापुरा इलाके में हुई है, जहां स्थानीय लोग इस दुखद घटना से शोकसंतप्त हैं।
Dakhal News
मैहर जिले में भ्रष्टाचार को लेकर लोकायुक्त ने एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें नगर पालिका सीएमओ लाल जी ताम्रकार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। ठेकेदार शिवेंद्र सिंह ने शिकायत की थी कि बकाया बिलों के भुगतान के लिए सीएमओ ने 30000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिवेंद्र सिंह ने पहले 10000 रुपये की रकम दे दी थी, और बाकी 20000 रुपये की रिश्वत लेने पर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई की। प्रभारी पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में लोकायुक्त टीम ने सीएमओ को रंगे हाथ पकड़ लिया। इस मामले की आगे की जांच की जा रही है, और यह लोकायुक्त द्वारा हाल ही में की गई तीसरी कार्रवाई है।
Dakhal News
छतरपुर जिले के लवकुशनगर थाना क्षेत्र के ग्राम मुड़ेरी में एक बार फिर हिंसा की घटना सामने आई है। दिनदहाड़े पांच लोगों ने एक किसान पर हमला कर दिया और गोली मारकर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, किसान खेत में काम कर रहा था तभी हमलावरों ने उस पर हमला बोल दिया। हमलावरों ने किसान के साथ जमकर मारपीट की और फिर गोली चला दी। घायल किसान ने आरोप लगाया है कि अरविंद मिश्रा, शंकर मिश्रा, गणेश मिश्रा, भूरा सिंह और छुट्टी मिश्रा नामक लोगों ने मिलकर उस पर हमला किया। गोली किसान के पैर में लगी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल किसान को लवकुशनगर अस्पताल में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। चिकित्सकों के अनुसार, किसान की हालत अब स्थिर है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। यह घटना एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में बढ़ती हिंसा की ओर इशारा करती है। पुरानी रंजिश के चलते इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। प्रशासन को ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।
Dakhal News
भोपाल में आयकर विभाग की तीन दिन से चल रही बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान मेंडोरी के जंगल में गुरुवार देर रात एक कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए। सोने की कीमत करीब 40 करोड़ 47 लाख रुपये आंकी गई है, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह सोना और कैश किसका है। आयकर विभाग ने पूरी सावधानी बरतते हुए 100 पुलिसकर्मियों और 30 गाड़ियों के काफिले के साथ रेड की। सोने से लदी गाड़ी रात के समय में भागने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पहले ही उसे पकड़ लिया गया। अभी यह जांच की जा रही है कि यह सोना और कैश बिल्डर्स और RTO के एक पूर्व कॉन्स्टेबल से जुड़ा हुआ तो नहीं है। जानकारी के मुताबिक, यह सब एक पूर्व मुख्य सचिव और मंत्री के करीबी लोगों से भी जुड़ा हो सकता है।
Dakhal News
भोपाल में मेडी स्कैन सेंटर में जांच कराने आने वाली महिलाओं के कपड़े बदलते वक्त वीडियो बनाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सेंटर के संचालक महिलाओं को चेंजिंग रूम में भेजते थे, जहां फॉल सीलिंग में छिपाकर मोबाइल से वीडियो बनाए जाते थे। जब एक महिला के पति ने चेंजिंग रूम में मोबाइल देखा, तो उसने वीडियो में अपनी पत्नी और एक अन्य महिला को कपड़े बदलते हुए पाया। जब पीड़ित ने स्टाफ से पूछताछ की, तो उन्होंने गुंडागर्दी करते हुए मारपीट की और मोबाइल छीनने की कोशिश की। पुलिस को सूचना मिलने पर अरेरा हिल्स पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी युवक पिछले तीन महीनों से सेंटर में काम कर रहा था, और पुलिस ने उसके मोबाइल से कई वीडियो बरामद किए हैं। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
Dakhal News
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। एसोसिएशन का कहना है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा फीस अधिनियम के तहत जो फीस निर्धारित की गई है, उससे स्कूल संचालकों को लगातार नुकसान हो रहा है। अमरपाटन प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एसडीएम आरती यादव को ज्ञापन सौंपा और इन समस्याओं का समाधान करने की मांग की। संगठन का आरोप है कि गरीब बच्चों के लिए शासन की ओर से कोई सहायता राशि नहीं मिल रही है। एसोसिएशन ने राज्य सरकार से इन मुद्दों का समाधान शीघ्र करने की अपील की है, ताकि प्राइवेट स्कूलों को होने वाली आर्थिक कठिनाइयों का समाधान हो सके और विद्यार्थियों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़े।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पति से पत्नी को बेटी को खिलाने के लिए घी मांगना महंगा पड़ गया। घी मांगने पर पति ने पत्नी के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला (Husband Attacks Wife With Axe) कर घायल कर दिया। घायल पत्नी का आरोप है कि बेटी होने की वजह से पति उसे और उसकी 3 साल की बेटी को घी खाने के लिए नहीं देता और घी को ताले में बंद कर रखता है। पीड़ित महिला अपनी बेटी के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। घी के लिए पत्नी पर कुल्हाड़ी से हमला पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के किशनबाग में रहने वाली सीमा शाक्य अपने पति वीरेंद्र शाक्य के साथ रहती है। उनकी 3 साल की बेटी भी है। दोनों पति-पत्नी मजदूरी (Gwalior Crime News) करने का काम करते हैं। सीमा शाक्य घायल हालत में पुलिस अधीक्षक कार्यालय सिटी सेंटर पर पहुंची, जहां उसने पुलिस अधिकारियों से शिकायत कर पति के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस अधिकारी ने उसकी शिकायत पर जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है। पीड़ित महिला का क्या है आरोप? वहीं, इस पूरे मामले में पीड़ित महिला सीमा शाक्य का कहना है, "पति वीरेंद्र रात के वक्त घी से रोटी लगाकर खाना खा रहा था और खाना खाने के बाद उस घी के डिब्बे में ताला लगा कर रख दिया। जब मैंने अपनी 3 साल की बेटी को घी से रोटी खिलाने के लिए घी मांगा तो उसने गुस्से में आकर पहले गाली गलौज की फिर सिर में कुल्हाड़ी से हमला कर उसे घायल कर दिया। पति ताना मरता है कि घी अपने मायके से लेकर आई है क्या। बेटी होने की वजह से वह ऐसा अत्याचार उस पर और उसकी बेटी पर करता रहता है।" आरोपी पति के खिलाफ मामला दर्ज ASP ग्वालियर निरंजन शर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा, "घी को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ। आरोपी पति ने महिला के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। पति के अत्याचार से परेशान होकर महिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपनी फरियाद लेकर आई थी। पुलिस अधिकारी ने उसकी बात को सुनकर उसके पति के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आश्वासन उसे दिया है। फिलहाल इस पूरे मामले में आगामी तफ्तीश जारी है।"
Dakhal News
दमोह। दमोह शहर के पीजी कॉलेज में गुरुवार को एलएलबी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा देने एक मुन्ना भाई पहुंच गया। वह अपने दोस्त के नाम पर एग्जाम दे रहा था। एग्जाम के दौरान चेकिंग कर रही कॉलेज प्रबंधन की टीम को जब युवक पर संदेह हुआ तो उससे पूछताछ शुरू की। उसने अपना और पिता का नाम तो प्रवेश पत्र में देख कर बता दिया, लेकिन जैसे ही उससे मां का नाम पूछा, वह नहीं बता सका। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन में उसे पुलिस में देने की धमकी दी तो उसने पूरा राज खोल दिया। इसलिए दोस्त की जगह दे रहा था परीक्षा परीक्षा देने आए इस फर्जी छात्र हिमांशु नेमा ने बताया कि उसका दोस्त विपुल सिंघई एलएलबी में 3 साल से फेल हो रहा है। उसकी अंग्रेजी कमजोर है और मेरी अंग्रेजी बहुत अच्छी है इसलिए मैं उसकी एवज में यहां पर अंग्रेजी का पेपर हल करने के लिए आया था। केंद्र अध्यक्ष हरप्रीत कौर ने उस युवक को पुलिस के हवाले कर दिया और कोतवाली जाकर उसकी शिकायत (Damoh City News) दर्ज कराई है। अब कोतवाली में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने उस दूसरे छात्र को भी पकड़ लिया है जिसके नाम पर यह फर्जी छात्र परीक्षा दे रहा था। ऐसे पकड़ा गया मुन्ना भाई कॉलेज में सर्चिंग ड्यूटी कर रहे धर्मेंद्र राय ने बताया कि वह बाजू वाले कमरे में सर्चिंग कर रहे थे। तभी दूसरे कमरे से एक प्रोफेसर हरप्रीत कौर ने आवाज लगाकर बताया की एक छात्र संदिग्ध लग रहा है। पहले पूछताछ करने पर उसने खुद को विपुल सिंघई बताया। प्रवेश पत्र में देखकर पिता का नाम भी सही बताया। केंद्र अध्यक्ष पहले गढ़ाकोटा में रह चुकी है और विपुल सिंघई को कुछ हद तक जानती थी इसलिए उन्हें शक हुआ। जब उन्होंने उससे विपुल की मां का नाम पूछा तो वह नहीं बता पाया। पैसों के लालच में पकड़ा गया इस पर कॉलेज प्रबंधन ने उसे पुलिस में देने की धमकी दी तो डर के मारे उसने सब कुछ सच बता दिया। उसने बताया कि उसका नाम हिमांशु नेमा है और वह विपुल के नाम पर एग्जाम दे रहा है। उसने बताया कि मेरा दोस्त पहले तीन बार फेल हो चुका है इसलिए अंग्रेजी का पेपर देने मैं आ गया था। मुझे विपुल ने कुछ रुपए देने का भी वादा किया था। कॉलेज प्रबंधन से जुड़े धर्मेंद्र राय ने बताया कि असली छात्र को भी पुलिस ने पकड़ लिया है और दोनों को कोतवाली में ले जाया गया है। कॉलेज प्रबंधन की शिकायत (Damoh City News) पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है।
Dakhal News
इंदौर। शहर में फर्जी डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में एक ताजा मामला टीसीएस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर को तीन दिनों तक साइबर अपराधियों द्वारा डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से प्रताड़ित करने का मामला आया, जिसे पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मुक्त करवाया। तीन दिन से कर रहे डिजिटल अरेस्ट पूरा मामले में जानकारी देते हुए एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया द्वारा बताया गया कि थाने स्तर पर साइबर अपराध को रोकने के लिए टीम गठित की गई है और एक प्रभारी को नियुक्त किया गया है। इन्हीं के पास में फरियादी के परिचित वकील अक्षय तिवारी द्वारा फोन लगाया गया था कि उनके मित्र को ऑनलाइन अरेस्ट किया गया है। पीड़ित मोहित मौर्य को एक ऑनलाइन कॉल आया था, जिसमें उन्हें कहा गया था कि डिजिटल करियर में ड्रग्स और कई संदिग्ध वस्तुएं मिली हैं। इसके कारण आपको ऑनलाइन अरेस्ट किया जा रहा है। अब फरियादी का कॉल सीधे तौर पर बताया गया कि दिल्ली में साइबर क्राइम ट्रांसफर किया गया और इसी तरह पर कई घंटे तक उसे डराया-धमकाया जाता रहा। पुलिस की तत्परता से पीड़ित हुआ मुक्त इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची और फरियादी मोहित मौर्य को साइबर अपराधियों से मुक्त करवाया गया। पूरा मामले में बताया जा रहा है कि पुलिस पहुंचती जब तक साइबर अपराधी द्वारा फरियादी से एक लाख रुपए के करीब राशि वसूल चुके थे। फरियादी ने ऑनलाइन लॉन लेकर साइबर अपराधियों को यह राशि दी थी। साइबर अपराधियों ने फरियादी का ऑनलाइन दस्तावेज भी मंगवाए थे और तमाम जो बैंक अकाउंट हैं, उनको भी साइबर अपराधी खंगालते रहे। कहीं ना कहीं साइबर अपराधियों की जागरूकता ना होने के कारण 3 दिनों तक फरियादी को फर्जी तरीके से डिजिटल अरेस्ट किया गया। पूरा मामले में साइबर अपराधी पर पुलिस द्वारा 30, हजार रूपए का इनाम भी घोषित किया गया।
Dakhal News
पार्किंग को लेकर हुए विवाद में दो लोगों ने बाइक सवारों पर कुल्हाड़ी से हमला करने की कोशिश की। यह घटना शहर में तनाव का कारण बनी, लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। घटना उस समय हुई जब दो लोग पार्किंग को लेकर बाइक सवारों से भिड़ गए। विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने अपनी बाइक से उतर कर कुल्हाड़ी से हमला करने का प्रयास किया। इस हमले के दौरान बाइक सवारों ने अपनी जान बचाने के लिए भागने का प्रयास किया। हालांकि, वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपियों को पकड़ लिया। टीआई अरविंद कुजूर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने त्वरित कदम उठाया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा, "हमने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस तरह की घटना फिर से न हो।" सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में आरोपियों को बाइक सवारों पर हमला करते हुए देखा जा सकता है, जो मामले की गंभीरता को दर्शाता है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है, और आगे की जांच जारी है। यह घटना पार्किंग विवादों से संबंधित बढ़ते तनाव को उजागर करती है और पुलिस की तत्परता को भी दर्शाती है, जो इस मामले में त्वरित रूप से सक्रिय हुई।
Dakhal News
भोपाल: मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने लाडली लक्ष्मी बहन योजना की राशि बढ़ाने के संबंध में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा सकती है। मंत्री भूरिया ने कहा, "लाडली लक्ष्मी बहन योजना की राशि बढ़ाई जाएगी या नहीं, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह एक वैश्विक प्रश्न है, और जब भी कोई फैसला होगा, जनता को सूचित किया जाएगा।" इस दौरान उन्होंने राज्य में कुपोषण खत्म करने के प्रयासों पर भी बात की। मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा, "हमारा विभाग मध्य प्रदेश से कुपोषण खत्म करने की दिशा में पूरी तरह से प्रयासरत है, लेकिन इसके लिए जनता का सहयोग भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब तक लोग इस मिशन में साथ नहीं देंगे, कुपोषण का मुद्दा पूरी तरह से हल नहीं हो सकता।" मंत्री ने आगे कहा कि महिला विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले जर्जर भवनों को भी जल्द सुधारने और बनवाने का काम किया जाएगा, ताकि महिलाओं और बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। लाडली लक्ष्मी बहन योजना के तहत प्रदेश में लाखों बेटियों को सहायता दी जाती है, लेकिन योजना की राशि बढ़ाने को लेकर कोई निर्णायक कदम अब तक नहीं उठाया गया है। इससे जुड़ी चर्चा अब तक प्रदेश की राजनीति में सुर्खियों में रही है। कुपोषण की समस्या को लेकर मंत्री ने जो बयान दिया, वह राज्य में होने वाली सरकारी योजनाओं और उनके क्रियान्वयन को लेकर जनता से बेहतर सहयोग की अपील करता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार के तहत मध्य प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए कई प्रयास कर रही है, लेकिन कुपोषण जैसे जटिल मुद्दे पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। इस मुद्दे पर आगे क्या निर्णय लिया जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन कुपोषण और महिला कल्याण के मुद्दे पर चर्चा और प्रयास लगातार जारी रहने की उम्मीद है।
Dakhal News
खटीमा: नगर पालिका खटीमा के सफाई कर्मचारी पिछले दो दिनों से कार्य बहिष्कार पर हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वे 21 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार दो महीने से संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर रहे थे, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। इसके चलते सफाई कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है और अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। आज, सफाई कर्मचारियों को उपजिला अधिकारी खटीमा रविंद्र सिंह बिष्ट ने बातचीत के लिए बुलाया। बातचीत के दौरान सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संतोष गौरव ने बताया कि उनकी 21 सूत्रीय मांगों पर नगर पालिका प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। कर्मचारियों ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक नगर पालिका लिखित रूप से आश्वासन नहीं देती, वे काम पर नहीं लौटेंगे। संतोष गौरव ने कहा, "हमारी कई मांगें पूरी नहीं हो रही हैं, जिनमें वेतन में वृद्धि, कार्य की बेहतर स्थिति, और अन्य बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। हम अधिकारियों से बार-बार अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा।" उपजिला अधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "सफाई कर्मचारियों की मांगें जायज हैं, और उन्हें शीघ्र समाधान देने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। हम उनकी समस्याओं का समाधान जल्द ही करेंगे ताकि उनका काम बहाल हो सके।" सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वे केवल लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही काम पर लौटेंगे, अन्यथा अपनी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रहेगा। कर्मचारियों का यह आंदोलन नगर पालिका प्रशासन के लिए एक बड़ा चुनौती बन गया है, क्योंकि सफाई कर्मचारियों के बहिष्कार के चलते शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह तो आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा, लेकिन फिलहाल सफाई कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करना नगर पालिका प्रशासन के लिए अनिवार्य हो गया है।
Dakhal News
परासिया के दबक ग्राम पंचायत में ताला बंद रहने से ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सचिव और रोजगार सहायक की लापरवाही के कारण पंचायत कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सीईओ ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है। मध्यप्रदेश शासन ने ग्राम पंचायतों का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया है, लेकिन सचिव और रोजगार सहायक इस समय का पालन नहीं कर रहे हैं। नतीजतन, ग्रामीण पंचायत में कोई भी काम समय पर नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें समस्याओं का समाधान पाने के लिए बार-बार पंचायत के चक्कर लगाने पड़ते हैं। दबक ग्राम पंचायत में ताला लटकने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। परासिया जनपद के सीईओ ने इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है, जिससे उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा और पंचायत कार्य सुचारू रूप से चल सकेंगे।
Dakhal News
जिले के नंदकुमार सिंह चौहान जिला अस्पताल से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। दरअसल, यहां अस्पताल प्रबंधन को कंबल चोरी होने का डर सता रहा है। इससे सरकारी अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुलकर सामने आ गई। बता दें कि जिला अस्पताल में कंबलों को पलंग से बांध दिया गया। इस कारनामे के बाद अस्पताल प्रबंधन के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कंबल चोरी या फिर कुछ और मरीजों के परिजनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि चोरी के डर से अस्पताल प्रबंधन ने ऐसा कदम उठाया। लेकिन, यह पूरी तरह से अनुचित है। मरीज यहां इलाज कराने आते हैं, कंबल चोरी करने के लिए नहीं। इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी CMHO डॉ. राजेश सिसोदिया ने भी इसे गलत माना। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन से बात की जाएगी। जबकि, वार्डों में निगरानी के लिए सुरक्षा गॉर्ड, नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य कर्मचारियों की तैनाती की गई। यह है पूरा मामला ज्ञात हो कि जिला अस्पताल में मरीजों को ठंड से बचाव के लिए कंबल वितरण किए गए। अस्पताल प्रबंधन को सरकारी कंबल चोरी न हो जाएं, अब यह डर भी सता रहा है। इसलिए हर वार्ड में मरीजों को दिए गए कंबलों कों पलंग पर रस्सियों के सहारे बांधा गया। जिससे कि कोई मरीज एवं अटेंडर अपने साथ कंबल नहीं ले जा सके। कर्मचारियों का कहना है कि कई बार रात्रि के समय बेड से कंबल चोरी भी होते हैं। इसे रोकने के लिए इस साल अस्पताल प्रबंधन ने अजब-गजब तरीका अपनाया। अस्पताल के हर वार्ड में बेड पर मरीजों को कंबल तो दिए। साथ ही सभी कंबलों को रस्सियों के सहारे बांध दिया गया, ताकि कंबल को कोई अपने साथ नहीं ले जाए। मरीजों होती है परेशानी इस तरह से कंबलों को बांधने से कई बार मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए उन्हें अपने घर से भी अतिरिक्त कंबल या चादर लानी पड़ रही है। इस कंबल की लंबाई कम हो गई। ऐसे में मरीजों के शरीर खुला रहता है। इससे उन्हें ठंड का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए मरीज व अटेंडर साथ में अन्य गर्म कपड़े लाने को विवश हो गए।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के अनूपपुर में एक दामाद ने पीट-पीटकर सास की हत्या कर दी। वारदात के बाद से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी दामाद (Son-in-law Murder mother-in-law) मौके से फरार हो गया, लेकिन घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और तफ्तीश के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आखिर क्या है पूरा मामला दामाद ने सास को मौत के घाट क्यों उतार दिया आइए विस्तार से जानते हैं। जादू-टोना के शक में बुआ सास की हत्या पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र के ग्राम बेलगांव से बिजुरी थाना में सूचना मिली कि मंगल पाव उम्र- 35 वर्ष निवासी पतेरा टोला बेलागांव ने अपनी बुआ सास (Anuppur Woman Murder) बूटी बाई उम्र करीब 70 वर्ष की गला दबाकर हत्या कर दी। आरोपी ने जादू-टोना के शक में पैर से कुचल-कुचलकर अपनी सास की बेरहमी से हत्या कर दी। वारदात के बाद से आरोपी मौके से फरार हो गया। पुलिस की गिरफ्त में आरोपी बिजुरी थाना प्रभारी विकास सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि जादू टोना के शक में आरोपी ने अपनी बुआ सास की हत्या कर दी थी। वारदात के बाद से हत्या का आरोपी फरार चल रहा था। बुजुर्ग महिला की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध संख्या 302/24 धारा 103(1 ) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया। (मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक मोती उर्र रहमान ने विशेष टीम गठित कर आरोपी को जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करने का आदेश दिए। जिसके बाद आरोपी की तलाश में जुटी विशेष टीम ने 16 दिसंबर को लोहसरा बिजुरी के पास के नर्सरी जंगल से धर दबोचा। फिलहाल इस पूरे मामले में आगामी तफ्तीश जारी है।
Dakhal News
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने आगामी शैक्षिक सत्र के लिए 210 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की है, जो आर्थिक रूप से कमजोर, लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करेगी। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के कैंपस में दाखिला लेने वाले छात्र, जो चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) में उत्तीर्ण होंगे, वे इस छात्रवृत्ति का लाभ उठा सकते हैं। इस बजट में 170 करोड़ रुपये का आवंटन चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के मोहाली कैंपस के लिए है, जबकि 40 करोड़ रुपये का बजट लखनऊ कैंपस के लिए निर्धारित किया गया है। यह योजना आर्थिक रूप से वंचित छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करती है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए एक सुनहरा मौका चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का यह छात्रवृत्ति कार्यक्रम विशेष रूप से उन छात्रों के लिए है, जिनके पास उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं हैं। छात्रवृत्ति का मुख्य उद्देश्य उन विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है, जो उत्कृष्टता की ओर अग्रसर हैं, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के इस कदम से उन्हें अपनी पसंदीदा शैक्षिक धाराओं में प्रवेश और सफलता पाने का एक सुनहरा मौका मिलेगा, जिससे वे अपने सपनों को साकार कर सकेंगे। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर का संदेश चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर के सलाहकार, प्रोफेसर डॉ. आर एस बावा ने भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि "देश की सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त करना हर छात्र का सपना होता है, लेकिन कई बार आर्थिक संकट के कारण वे अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाते।" उन्होंने यह भी बताया कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का उद्देश्य ऐसे हजारों होनहार छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में अपने सपनों को साकार करने का अवसर प्रदान करना है। आगामी CUCET 2025 के माध्यम से 210 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति उन छात्रों तक पहुंचेगी, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, और उन्हें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी।
Dakhal News
पिरान कलियर: सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स और लाइक्स बढ़ाने की चाहत में कुछ युवाओं ने हदें पार कर दीं। अश्लील वीडियो और खतरनाक स्टंट के जरिए फॉलोवर जुटाने वाले इन युवाओं को अब हवालात की हवा खानी पड़ी है। पिरान कलियर पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए दो युवतियों समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। अश्लील वीडियो और खतरनाक स्टंट से फैलाया गलत संदेश इन युवाओं ने हाल ही में गंगनहर में अर्धनग्न होकर अश्लील वीडियो बनाए, जिससे उन्होंने 528K फॉलोवर तो जुटा लिए, लेकिन साथ ही अपनी जान को भी खतरे में डाल लिया और समाज में गलत संदेश फैलाया। एसएसपी हरिद्वार के निर्देशन में प्रचलित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के तहत पिरान कलियर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और इन युवाओं को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद, ये लोग माफी मांगते नजर आए, लेकिन पुलिस ने उन्हें कड़ा संदेश दिया कि ऐसे हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Dakhal News
बिन्दुखत्ता: शहीद मोहन नाथ गोस्वामी के नाम पर मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य 10 वर्षों बाद भी शुरू नहीं होने से लोग सरकार के खिलाफ आक्रोशित हैं। कांग्रेसियों ने इस मुद्दे पर तीन दिवसीय पदयात्रा निकालकर तत्काल स्टेडियम निर्माण की मांग की है। कांग्रेसियों ने निकाली तीन दिवसीय पदयात्रा 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अशोक चक्र विजेता लांस नायक शहीद मोहन नाथ गोस्वामी के नाम पर मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी। हालांकि, भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद 9 साल बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस देरी के खिलाफ कांग्रेसियों ने तीन दिवसीय पदयात्रा शुरू की, जिसमें स्थानीय पूर्व सैनिकों ने भी अपना समर्थन जताया। सभी ने एकजुट होकर मांग की कि शहीद गोस्वामी के सम्मान में मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाए।
Dakhal News
छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक दूल्हा लुटेरी दुल्हन का शिकार बन गया। यह घटना 13 दिसंबर को नौगांव थाना क्षेत्र के ग्राम कुलवारा में हुई, जहां एक युवक ने हिंदू रीति-रिवाज से शादी की थी, लेकिन शादी की रात ही उसकी पत्नी ने उसे नशीला दूध पिलाकर लाखों के जेवरात लूट लिए और फरार हो गई। किस तरह हुई घटना? दूल्हे राजदीप का विवाह नैगुवां निवासी सुकन पाठक के माध्यम से चरखारी उत्तर प्रदेश की खुशी तिवारी से तय हुआ था। शादी के बाद खुशी तिवारी ने दूल्हे को दूध में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया, जिससे दूल्हा बेहोश हो गया। इसके बाद खुशी तिवारी ने मौके का फायदा उठाते हुए दूल्हे के लाखों के जेवर, पैसे और उसका मोबाइल फोन लेकर चुपके से फरार हो गई। जब दूल्हे को होश आया, तो उसने खुद को लुटा हुआ पाया और घटना की जानकारी पुलिस को दी। पहले भी किए हैं कई शिकार? इस मामले में पुलिस का कहना है कि लुटेरी दुल्हन संभवतः एक गिरोह का हिस्सा हो सकती है, जो पहले भी कई युवकों को अपना शिकार बना चुका है। खबरों के मुताबिक, खुशी तिवारी ने अपने साथी के साथ मिलकर पहले भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया होगा। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपित महिला की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह घटना स्थानीय समाज में चर्चा का विषय बन गई है और पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
Dakhal News
सीहोर में 7वीं के छात्रा से रेप का मामला सामने आया है। एक युवक ने छात्रा को बहाने से अपने दोस्त के घर ले जाकर गलत काम किया। आरोपी का एक दोस्त निगरानी करता रहा और दूसरे ने इसका वीडियो बनाया। इसके बाद तीनों वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करने लगे। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना 2 नवंबर की है। दो दिन पहले आरोपियों ने ये वीडियो पीड़िता के चचेरे भाई को दिखा दिया। इसके बाद डरी सहमी छात्रा ने मां को पूरा घटनाक्रम बताया। बुधवार देर रात पीड़िता मां के साथ कोतवाली थाने पहुंची और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। धमकी दी- वीडियो वायरल कर देंगे पीड़िता ने पुलिस को बताया कि मैं 2 नवंबर को दोपहर करीब 1 बजे घर के पास बनी किराना दुकान पर चिप्स लेने गई थी। इसी समय तीनों आरोपी रास्ते में खड़े थे। उन्होंने मुझे इशारे से पास बुलाया और गली में ही अपने एक दोस्त के घर ले गए। यहां एक कमरे में मेरे साथ जबरन गलत काम किया। इसके बाद मुझे धमकी दी कि किसी को बताया तो ये वीडियो वायरल कर देंगे। मैं घर आ गई। लेकिन दो दिन पहले यह वीडियो रिश्ते में लगने वाले भाई को दिखा दिया। मैं बहुत डर और सहम गई थी। इसके बाद मैंने अपनी मां को पूरा घटनाक्रम बताया। तीन में से दो आरोपी नाबालिग कोतवाली थाना प्रभारी मनोज मालवीय ने बताया, गुरुवार दोपहर में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से वह मोबाइल भी बरामद हुआ है, जिसमें वीडियो रिकॉर्ड किया गया था। तीनों आरोपी पीड़िता के घर के पास रहने वाले हैं। सीएसपी निरंजन राजपूत के अनुसार, तीनों आरोपी भी स्कूल स्टूडेंट्स हैं और इनमें से दो नाबालिग हैं। मकान मालिक से भी होगी पूछताछ जानकारी के अनुसार, पुलिस पड़ताल कर रही है कि जिस मकान में गलत काम हुआ उसके मालिक को घटना के बारे में मालूम था या नहीं। इस आधार पर मकान मालिक को भी आरोपी बनाया जा सकता है।
Dakhal News
छतरपुर में लगातार फायरिंग की घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत पुलिस ने शस्त्र लाइसेंस की दुकानों की चेकिंग की और स्टॉक की जांच की। पुलिस ने दुकानों में मिली कमियों को ठीक करने के निर्देश भी दिए हैं। अभियान के दौरान पुलिस ने अवैध हथियारों और कारतूस की सुराग लगाने का काम शुरू किया है। पुलिस की टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है और जिले में पांच दिनों के भीतर 70 से ज्यादा अवैध कट्टे जब्त किए गए हैं। इस अभियान का उद्देश्य जिले में फायरिंग की घटनाओं को रोकना और अवैध हथियारों पर लगाम लगाना है। पुलिस के इस अभियान से स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है और पुलिस की तत्परता की सराहना की जा रही है। शस्त्र लाइसेंस की दुकानों की जांच और अवैध हथियारों की जब्ती से क्षेत्र में कानून व्यवस्था बेहतर होने की उम्मीद है। पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि इस तरह के अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे।
Dakhal News
देश में किस साल कितने नोट छापे जाएंगे इस बात का फैसला हमेशा भारत सरकार करती है। देश में चलने वाले नए सिक्के और नोट छापने का अधिकार आरबीआई के पास होता है। यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है जब आरबीआई द्वारा केंद्र सरकार को नोट और सिक्के छापने का प्रस्ताव दिया जाता है। इसके बाद केंद्र सरकार आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों और अर्थशास्त्रियों के साथ मिलकर निर्णय लेती है और सिक्के तथा नोट छापने का अधिकार आरबीआई को दे दिया जाता है। इसी तरह का प्रोसेस जब किसी नोट और सिक्के को बंद करना होता है, तब भी अपनाया जाता है। अब तक देश में कई बार यह देखने को मिला है, जब सिक्के और नोट बंद किए गए। साल 2016 में 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे। बीते साल 2000 के नोट भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बंद कर दिए गए। इसी तरह से 5 रुपए के सिक्के को लेकर भी बैंक ने बड़ा निर्णय लिया है। बंद हुए 5 के सिक्के भारत की करेंसी में हमेशा से ही नोट के साथ सिक्के का चलन रहा है। अभी भी 100, 200 और 500 के नोट के साथ 5, 10 और 20 के सिक्के चल रहे हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय में यह देखने में आया है की पांच के सिक्के मार्केट से गायब हो रहे हैं। पांच का सिक्का हम सभी ने उपयोग किया है और यह देखने में जरूर आया होगा कि यह अन्य सिक्कों से अलग मोटा हुआ करता था। हालांकि, अब यह सिक्के धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं और इनकी जगह 5 रुपए के पतले सुनहरे सिक्के ने ले ली है। मार्केट में अब वही पुराने सिक्के दिखाई दे रहे हैं जो रोटेट हो रहे हैं। इसके अलावा हर जगह सुनहरे पतले सिक्के दिख रहे हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आखिरकार ऐसा क्यों हुआ है और आरबीआई ने पुराने सिक्कों को क्यों बंद कर दिया है। अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिरकार इसके पीछे का कारण क्या है। सर्फेस वैल्यू से ज्यादा मैटल वैल्यू जो भी सिक्के बनते हैं उनकी दो तरह की वैल्यू होती है जिसमें से एक सरफेस वैल्यू कहलाती है और दूसरी मेटल वैल्यू कहलाती है। सिक्के पर जो 5 रुपए अंकित होता है, वह उसकी सरफेस वैल्यू होती है और जिस मेटल से उसे निर्मित किया जाता है वह पिघलाने पर आने वाली वैल्यू मेटल वैल्यू कहलाती है। 5 के पुराने सिक्के की मेटल वैल्यू सरफेस वैल्यू से ज्यादा आ रही थी, जिसका लोगों ने दुरुपयोग शुरू कर दिया था। यही कारण रहा कि आरबीआई ने पांच के पुराने सिक्के को बंद करने का फैसला किया और मार्केट में नए सिक्के लाए गए। बनाई जा रही थी ब्लेड 5 रूपये के पुराने सिक्के को बनाने में जिस मेटल का उपयोग होता था। उसी मेटल से दाढ़ी बनाने वाली ब्लेड बनाई जाती है। जब लोगों को इस बार में मालूम हुआ तो उन्होंने सिक्के पिघलाकर ब्लेड बनाना शुरू कर दिए। इन सिक्कों को अवैध रूप से बांग्लादेश भेजा जाने लगा। जहां एक सिक्के से 6 ब्लेड बनती थी। एक ब्लेड को 2 रुपए में बेचा जाता था। इस हिसाब से 5 रूपये के सिक्के से 12 रुपए कमाए जा रहे थे। RBI ने लिया निर्णय 5 रूपये के सिक्के के हो रहे अवैध इस्तेमाल के बारे में जब सरकार को पता चला उसके बाद जांच की गई। मामला पकड़ में आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 5 रुपए के सिक्के में बदलाव किया। इसके बाद पुराने सिक्के की धातु को बदलने के साथ इसकी मोटाई को भी कम कर दिया गया।
Dakhal News
सीहोर जिले के आष्टा में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ईडी की कार्यवाही से प्रताड़ित किए जाने के कारण दंपत्ति ने अपनी जीवन लीला समाप्त की है। इस बयान पर भाजपा विधायक भगवानदास सबनानी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर घटिया राजनीति करने का आरोप लगाया है। भगवानदास सबनानी ने कहा कि किसी की भी आत्महत्या या मृत्यु अत्यंत दुखद होती है और यह पीड़ित परिवार पर वज्रपात की तरह है। भारतीय जनता पार्टी इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार तथा बच्चों के साथ है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अपनी घृणित राजनीति के लिए किसी की मृत्यु या आपदा में अवसर तलाशती है और कूटरचित स्वांग रचती है, जो अत्यंत निंदनीय है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधते हुए सबनानी ने कहा कि पटवारी पीड़ित परिवार के भोले-भाले बच्चे को पहले अलग ले जाकर बरगलाते हैं और फिर उससे तथ्यहीन, सत्यहीन, अनर्गल आरोप लगवाते हैं। सबनानी ने कहा कि पटवारी का यह कृत्य कांग्रेस के नकारा नेतृत्व को छिपाने और सुर्खियां बटोरने के प्रयास के अलावा कुछ भी नहीं है। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
Dakhal News
कन्नौद में 8 दिसंबर की रात एक दिल दहला देने वाली लूट की घटना सामने आई, जब हरदा के एक परिवार की कार को सिया घाट पर पंचर कर लूटपाट और मारपीट की गई। घटना के तुरंत बाद कन्नौद पुलिस ने अपनी तत्परता दिखाते हुए महज 72 घंटे में इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। देवास एसपी पुनीत गहलोत ने बताया कि हरदा का एक परिवार आष्टा से अपने घर हरदा लौट रहा था, तभी यह घटना घटित हुई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। एसपी पुनीत गहलोत के नेतृत्व में एसडीओपी द्वारा पुलिस टीम का गठन किया गया, जो इस गिरोह को पकड़ने में सफल रही। टीम ने मौके पर पहुंचकर बदमाशों की घेराबंदी की और उन्हें गिरफ्तार किया। कन्नौद पुलिस ने अपराधियों से पंचर करने के औजार, तीन मोबाइल फोन, दो बैग, पर्स और 5000 रुपये नकद बरामद किए। इस कार्रवाई में कन्नौद पुलिस की भूमिका सराहनीय रही, जिसने कम समय में अपराधियों का पर्दाफाश किया। इस घटना के बाद पुलिस द्वारा किए गए त्वरित कार्यवाही की काफी सराहना की जा रही है। कन्नौद पुलिस की समर्पण और मेहनत ने यह साबित कर दिया कि कानून के हाथ अपराधियों तक जल्द ही पहुंचते हैं, चाहे वह कहीं भी हों। पुलिस की मुस्तैदी और तत्परता के कारण इलाके में लोगों का विश्वास और सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है।
Dakhal News
देवास में इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे 59ए पर नेमावर नर्मदा ब्रिज के पास एक गंभीर हादसा हो गया। इंदौर से छिंदवाड़ा जा रहा नमक से भरा ट्राला, गाय को बचाने की कोशिश में रिवर्स होकर नाले में गिर गया। इस दुर्घटना के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। हादसे की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर नाले में फंसे ट्राला के ड्राइवर को बाहर निकाला और उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, ड्राइवर घायल हो गया है लेकिन किसी अन्य को कोई चोट नहीं आई है। इस क्षेत्र में पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग और स्थानीय प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
Dakhal News
दिसंबर का महीना शुरू होते ही ठंड काफी ज्यादा बढ़ने लगती है। तापमान में भारी गिरावट के कारण कोहरे की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिस कारण विजिबिलिटी भी जीरो हो जाती है। इन दिनों पूरे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप जारी है, जिसे मद्देनजर रखते हुए मध्य प्रदेश के सतना जिले में प्रशासन द्वारा स्कूली बच्चों को राहत दी गई है। दरअसल, कलेक्टर ने गवर्नमेंट और प्राइवेट स्कूलों के संचालन समय में बदलाव कर दिया है। इससे छात्रों और शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। सतना कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अनुराग वर्मा ने बढ़ती ठंड को देखते हुए जिले के सभी स्कूलों के समय के संचालन में परिवर्तन किया है। बता दें कि जिले का तापमान काफी तेजी से गिरा है, जिसके कारण सर्द हवाओं का असर बढ़ रहा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इसका असर अधिक देखने को मिल रहा है। ऐसे में कलेक्टर द्वारा स्कूल के समय में परिवर्तन को लेकर आदेश जारी किया गया है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के तहत, सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के संचालन का समय बदलकर सुबह 9:00 बजे कर दिया गया है। जिसका पालन केंद्रीय विद्यालय, जवाहरलाल नवोदय विद्यालय, एमपी बोर्ड, आईसीएसई सहित सीबीएसई बोर्ड को करना है। यदि कोई बोर्ड इस आदेश का उल्लंघन करते हुए पाया गया, तो उचित कार्रवाई भी की जाएगी।
Dakhal News
छतरपुर में कुछ युवकों ने फिल्मी गानों पर अवैध हथियार के साथ रील बनाई, जिसमें वे फायर करते भी नजर आए। यह रील सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए युवकों को गिरफ्तार कर लिया। सिविल लाइन थाना पुलिस ने इस मामले में आरोपियों की चाल-ढाल बिगाड़ दी और उन्हें जेल भेज दिया। पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ युवक अवैध हथियार के साथ रील बना रहे हैं और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि युवकों का यह शौक उन्हें जेल पहुंचा दिया और अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस घटना ने समाज में अवैध हथियारों के उपयोग और सोशल मीडिया पर गैरकानूनी गतिविधियों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। पुलिस की इस सख्त कार्रवाई से यह संदेश गया है कि अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी।
Dakhal News
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज पहुंचकर संगम तट पर पूजा की। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ की 5,500 करोड़ की 167 विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं में हनुमान मंदिर, भरद्वाज आश्रम और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर, 29 मंदिरों के जीर्णोद्धार के साथ कई अन्य परियोजनाएं शामिल हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज आने से पहले एक्स पर लिखा कि आस्था के महाकुंभ को दिव्य-भव्य बनाने के साथ ही श्रद्धालुओं को हर सुविधा देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ से जुड़े विकास कार्यों का जायजा लेंगे और कई प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि महाकुंभ भारत की समेकित आस्था, सर्व समावेशी संस्कृति और अटूट एकता की जीवंत अभिव्यक्ति है. प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ की 5,500 करोड़ की 167 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया, जिसमें हनुमान मंदिर, भरद्वाज आश्रम और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर, 29 मंदिरों के जीर्णोद्धार के साथ कई अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ-2025 के भव्य-दिव्य आयोजन हेतु हम संकल्पित हैं और यह आयोजन स्वच्छ, सुरक्षित, सुव्यवस्थित और डिजिटल होगा.
Dakhal News
छतरपुर के बगौता क्षेत्र के पटवारी अभिषेक गोस्वामी को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। नामांतरण के प्रकरण को लेकर दो लोगों ने पटवारी के ऑफिस में झूमाझटकी की, जिसके बाद पटवारी ने सिविल लाइन थाने में लिखित आवेदन दिया। पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि इस घटना के बाद पटवारी की हत्या की सुपारी 20 लाख रुपए में दी गई थी। पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा सहित विभिन्न धाराओं में आरोपी आकाश दीक्षित और संतोष शुक्ला पर मामला दर्ज किया है। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग को सतर्क कर दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। इस घटना ने छतरपुर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों में भय का माहौल है और वे प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और आरोपियों को कब तक गिरफ्तार किया जाता है।
Dakhal News
सिंगरौली के कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने बड़ी दरियादिली दिखाते हुए एक पढ़ने के लिए परेशान बच्ची को आगे पढ़ाने का भरोसा दिलाया। बच्ची के परिजनों ने आर्थिक तंगी की वजह से उसे पढ़ाने से मना कर दिया था, जिसके बाद बच्ची रोते हुए मदद मांगने कलेक्टर के पास पहुंची थी। माड़ा तहसील के बधौरा गांव की इस लड़की ने कलेक्टर से मिलकर अपनी परेशानी बताई और जोर-जोर से रोने लगी। कलेक्टर ने जिले के प्रशासनिक मुखिया का फर्ज निभाते हुए परिजनों से बात की और उन्हें कलेक्ट्रेट बुलाया। उन्होंने परिजनों को भरोसा दिलाया कि बच्ची की पढ़ाई की पूरी व्यवस्था जिला प्रशासन करेगा। महिला तहसीलदार सविता यादव और महिला काउंसलर ने भी परिजनों को समझाया, जिसके बाद परिजन राजी हो गए। कलेक्टर ने छात्रा को गर्ल्स हॉस्टल भिजवाया और परिजनों ने खुशी-खुशी कलेक्टर को धन्यवाद दिया। तहसीलदार की गाड़ी से परिजनों को गांव तक छोड़ा गया। कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला की इस मानवीय पहल की चारों तरफ जमकर सराहना हो रही है। इस घटना ने प्रशासन की संवेदनशीलता और मानवता को उजागर किया है।
Dakhal News
मैहर में धान दराई के दौरान दो पक्षों के बीच विवाद हो गया, जिसमें दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे पर जानलेवा हमला कर दिया। इस दौरान एक युवती सहित दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया। घटना अमरपाटन थाना क्षेत्र के भीषमपुर में मंगलवार की देर रात की है, जब कुशवाहा परिवार के घर ट्रैक्टर में लगे मिल में धान से चावल निकालने का काम हो रहा था। इस दौरान धान की भूसी सड़क पर उड़ रही थी, जिससे कोल परिवार के कुछ लोग नाराज हो गए और हंगामा करने लगे। स्थिति विवाद में बदल गई और एक पक्ष ने मशीन चला रहे युवक पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। वही मशीन चला रहे अन्य कर्मचारी भी मारपीट पर उतर आए। इस घटना में बीच-बचाव करने आई युवती भी हमले का शिकार हो गई। इस संघर्ष में तीन लोग घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना ने इलाके में तनाव का माहौल बना दिया है और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
Dakhal News
मैहर के रामनगर थाने में रेत परिवहन विवाद को लेकर ब्यौहारी नगर पालिका अध्यक्ष राजन गुप्ता सहित कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इससे पहले दूसरे पक्ष की शिकायत पर भी एफआईआर दर्ज की गई थी। अमरपाटन में मैहर और शहडोल सीमा पर ब्यौहारी लोडिंग कंपनी और सहकार ग्लोबल कंपनी के बीच शनिवार को विवाद हुआ था। इस विवाद में अध्यक्ष राजन गुप्ता पर गोली चलाने और मारपीट करने का आरोप लगा था। महाकाल ग्लोबल कंपनी की शिकायत पर रामनगर थाना में 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद ब्यौहारी नगर पालिका अध्यक्ष राजन गुप्ता और ठेकेदार शिवेंद्र सिंह अपने गुर्गों के साथ ग्लोबल कंपनी में घुस कर मारपीट करते नजर आए। इसी साक्ष्य के आधार पर रामनगर थाना पुलिस ने महाकाल ठेका कंपनी के गुर्गों सहित राजन गुप्ता और अन्य कई लोगों पर मामला दर्ज किया। मैहर जिले में रेत का ठेका न होने के बावजूद भी कुबरी खदान से रेत निकाल कर परिवहन किया जाता है। इस घटना ने रेत माफिया और प्रशासन के बीच संघर्ष को उजागर किया है, जिससे कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब प्रशासन मामले की जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
Dakhal News
मध्यप्रदेश में एक बार फिर सरकारी बसें सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जनवरी 2025 से ही यात्री परिवहन सेवा की शुरुआत हो सकती है। बुधवार को इस मुद्दे पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने बस सेवा शुरू करने संबंधी प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत करने को कहा है। केबिनेट द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी के बाद जल्द ही सरकारी बसें चालू हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है। एमपी में 19 साल बाद फिर सरकारी बसें चलने की प्रक्रिया और तेज हो गई है। इस मुद्दे पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने वरिष्ठ अफसरों की बैठक ली। समत्व भवन में आयोजित इस बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन, परिवहन विभाग के एसीएस एसएनस मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों से प्रदेश में नई यात्री बस सेवा के संचालन में यात्री सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा। उन्होंने बस संचालन में ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों की आवश्यकता और इंटरसिटी मार्गों के महत्व को ध्यान में रखने की हिदायत दी। सीएम डॉ. मोहन यादव ने टिकट बुकिंग, बस ट्रैकिंग जैसे टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के लाभ यात्रियों को सरलता से प्राप्त हों, इसके निर्देश दिए। उन्होंने बस सेवा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए समयसीमा पर जोर दिया। सीएम ने नई परिवहन सेवा जल्द से जल्द शुरु करने को कहा। बता दें कि जून में कैबिनेट बैठक के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने सरकारी परिवहन सेवा दोबारा शुरू करने को लेकर रिपोर्ट बनाने को कहा था। प्रदेश में सन 2005 में सड़क परिवहन निगम को बंद कर दिया था। इस प्रकार करीब 19 साल बाद राज्य सरकार नए सिरे से यात्री परिवहन सेवा शुरू करने की कवायद कर रही है। शहरी, ग्रामीण परिवहन सेवा के साथ-साथ अंतर शहरी अन्तर्राज्यीय नई यात्री परिवहन सेवा का प्रबंधन राज्यस्तरीय होल्डिंग कंपनी द्वारा किया जाएगा। क्षेत्रीय स्तर पर कंपनियां होंगी और जिलास्तर पर निगरानी के लिए भी परिवहन समितियां बनेंगी। राज्यस्तरीय और संभागस्तरीय कंट्रोल और कमांड सेंटर स्थापित किए जाएंगे। नोटिफाईड रूटस पर निविदा प्रक्रिया से ऑपरेटर चुने जाएंगे। आईटी टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस का इस्तेमाल यात्रियों की सुविधा और बेहतर बस सेवा संचालन के लिए आईटी टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस का इस्तेमाल किया जाएगा। ई-टिकट, मोबाइल एप, बस ट्रैकिंग, ऑक्युपेंसी देखने और भुगतान की सरलतम सुविधा उपलब्ध होगी।
Dakhal News
एमपी के एक मुस्लिम विधायक दुर्गा मंदिर बनवाएंगे। भोपाल के विधायक आरिफ मसूद माता का मंदिर बनवाकर उसमें मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। भोपाल के हबीबगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार को माता मंदिर में हुई टूट फूट के बाद विधायक ने यह घोषणा की। यहां जो महिला मंदिर के देखरेख का काम करती है उसके बेटे ने पत्नी से झगड़े के दौरान माता की प्रतिमा को तोड़ दिया था। इसके बाद विधायक आरिफ मसूद मंदिर पहुंचे और यहां जयपुर से दुर्गाजी की नई मूर्ति मंगवाकर प्राण प्रतिष्ठा कराने की बात कही। राजधानी भोपाल के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सर्वधर्म समभाव की मिसाल पेश करते हुए टूटे दुर्गा मंदिर का पुनर्निर्माण का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि माता रानी की टूटी प्रतिमा के स्थान पर नई मूर्ति बुलवाकर बाकायदा प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। माता के मंदिर में पति-पत्नी के झगड़े के दौरान पति ने दुर्गा प्रतिमा को तोड़ दिया था। शराब के नशे में धुत्त युवक ने फिर शराब पीने के लिए पत्नी से पैसे मांगे। दोनों में झगड़ा हुए जिसमें युवक ने दुर्गा प्रतिमा तोड़ दी। मामले में आरोपी युवक विजय बाथम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस वारदात के बाद कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद मंदिर पहुंचे। उन्होंने घटना पर अफसोस जताते हुए मूर्ति को तोड़ने की निंदा की। विधायक आरिफ मसूद ने लोगों से बात की और कहा कि वे फिर से यहां माता रानी की प्राण प्रतिष्ठा करवाएंगे। इसके लिए जयपुर से मूर्ति मंगवाएंगे। भोपाल के वार्ड 45 स्थित दुर्गा मंदिर में शराब के नशे में जमकर लड़ाई के बाद आरोपी विजय बॉथम ने पत्थर से दुर्गा मूर्ति तोड़ दी थी। हबीबगंज पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
Dakhal News
छतरपुर: छतरपुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झमटुली में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। मृतक युवक की पहचान गयाप्रसाद उर्फ बॉस के रूप में हुई है। वह स्कूल के समीप ही रहता था। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, युवक ने आत्महत्या क्यों की, इसके कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। यह मामला बमीठा थाना क्षेत्र के झमटुली गांव का है।
Dakhal News
अमरपाटन थाने में जनसुनवाई के दौरान एक अनोखी घटना घटी जब बंदर जनसुनवाई में ही पहुंच गए। आपने बंदरों को लोगों से सामान लेते या छीनते देखा होगा, लेकिन इस बार बंदरों ने थाना प्रभारी की टेबल पर अपना कब्जा जमा लिया। इस मस्ती का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी थानों में जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। इसी कड़ी में अमरपाटन थाने में भी जनसुनवाई हो रही थी। इस दौरान दो बंदर थाना प्रभारी की टेबल पर आकर बैठ गए और मस्ती करने लगे। थाना प्रभारी केपी त्रिपाठी ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए केला मंगा कर बंदरों को खिलाया। करीब आधे घंटे तक बंदरों की मस्ती को पुलिसकर्मी और जनसुनवाई में पहुंचे फरियादी देखते रहे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे यह घटना चर्चा का विषय बन गई है।
Dakhal News
छतरपुर में लाइसेंसी हथियारों का प्रदर्शन करने वालों के लिए बुरी खबर है। लाइसेंसी हथियारों से फायरिंग और हथियारों का प्रदर्शन करने वालों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। छतरपुर एसपी अगम जैन ने सख्त रुख अपनाते हुए कलेक्टर को लाइसेंस निरस्त करने के प्रतिवेदन भेजे हैं। दरअसल, छतरपुर में प्रिंसिपल की छात्र द्वारा हत्या के मामले के बाद अवैध हथियारों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 48 घंटे में 40 अवैध हथियार जब्त किए गए और हथियार रखने वालों पर कार्यवाही की गई। लाइसेंसी हथियारों का प्रदर्शन करने वालों पर भी एसपी अगम जैन सख्त हो गए हैं। अब लाइसेंसी हथियारों से फायरिंग और उनका प्रदर्शन करने वालों के लाइसेंस निरस्त होंगे। इसके लिए कलेक्टर पार्थ जैसवाल को प्रतिवेदन भेजे गए हैं।
Dakhal News
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग का नया वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने अपने पिछले बयान को लेकर सफाई दी है। उनका कहना है कि उन्होंने जो पहले वीडियो जारी किया था, वह गलत था और उनका ऐसा कोई उद्देश्य नहीं था. बीती शाम शालिग्राम गर्ग ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने बागेश्वर बाबा से सभी पारिवारिक संबंध खत्म करने की बात कही थी और इसके बारे में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जानकारी देने का भी उल्लेख किया था. लेकिन अब, शालिग्राम ने एक नया वीडियो जारी कर अपने पहले वीडियो को गलत बताया और कहा कि उनका उद्देश्य बागेश्वर धाम और सनातन धर्म की छवि को नुकसान पहुंचाना नहीं था. सफाई देते हुए कहा कि यह वीडियो उन्होंने अपनी हरकतों से धाम की छवि को खराब होने से बचाने के लिए जारी किया था. अब सवाल यह उठता है कि ऐसा क्या हुआ रात भर में, जिससे शालिग्राम को अपने बयान से पलटना पड़ा.
Dakhal News
अमरपाटन के महाविद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें ABVP के छात्र-छात्राओं और एक प्रोफेसर के बीच तीखी बहस देखी जा सकती है। वीडियो में दिखाया गया है कि प्रोफेसर का गुस्सा एक छात्र के मोबाइल पर उतर गया और उन्होंने गुस्से में मोबाइल जमीन पर फेंक दिया। इस घटना की शुरुआत तब हुई जब अमरपाटन कॉलेज के खराब रिजल्ट को लेकर ABVP के छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने अपनी बात रखने के लिए ज्ञापन दिया और इस प्रक्रिया को वीडिओ में कैद कर रहे थे। तभी एक छात्र के हाथ से गुस्साए प्रोफेसर ने मोबाइल छीनकर जमीन पर फेंक दिया। इस घटना के बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
Dakhal News
हर साल की तरह इस साल भी बच्चों को सर्दी की छुट्टियों का बड़ी बेसब्री से इंतजार है। बता दें कि मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग ने अपने जारी आदेश में बतया है कि इस बार प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर से शुरू होंगे। सर्दियों की ये छुट्टी(School Holiday) 5 दिनों के लिए है लेकिन बच्चों को 6 दिन तक मौज-मस्ती करने का मौका मिलेगा। बता दें कि शिक्षा विभाग ने एमपी के स्कूलों में 31 दिसंबर से लेकर 4 जनवरी तक ठंडी की छुट्टी(School Holiday) घोषित की है। 31 दिसंबर को मंगलवार है और 4 जनवरी को शनिवार है। 5 जनवरी का दिन रविवार होने के चलते ये छुट्टियां(School Holiday) 5 नहीं बल्कि 6 दिन की हो गई हैं। बच्चों को रविवार का भी फायदा मिलेगा।
Dakhal News
सिंगरौली: साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और हालांकि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जागरूकता अभियान जारी हैं, फिर भी कुछ पढ़े-लिखे लोग भी ठगी का शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सिंगरौली जिले के डॉक्टर दंपति से सामने आया, जहां साइबर ठगों ने 4 लाख रुपये ठग लिए। हालांकि पुलिस की तत्परता से दंपत्ति को उनके पैसे वापस मिल गए। घटना विन्ध्यनगर पुलिस थाना क्षेत्र की है, जहां डॉक्टर राजीव चौधरी और उनकी पत्नी डॉक्टर हेमलता चौधरी को एक अनजान व्यक्ति ने कॉल किया। कॉल करने वाले ने खुद को सैनिक स्कूल का कैप्टन सतीश बताकर बताया कि उन्हें सैनिक स्कूल में प्रवेश से पहले 40 छात्रों का मेडिकल परीक्षण करना है। इस पर डील तय हो गई और साइबर ठग ने पेमेंट के लिए I-MOBILE ऐप का उपयोग करने की सलाह दी। जब डॉक्टर ने पेमेंट के लिए ऐप का इस्तेमाल किया, तो ठग ने कहा कि वे वीडियो कॉल पर उनके द्वारा बताए गए तरीके से कार्रवाई करने के लिए कह रहे थे। डॉक्टर ने ठग के कहे अनुसार काम किया और दो बार में उनके खाते से 4 लाख रुपये कट गए। इसके बाद डॉक्टर दंपत्ति को एहसास हुआ कि वे साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं। इस मामले की सूचना उन्होंने तुरंत पुलिस को दी, और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शिकायत दर्ज की और 1930 की हेल्पलाइन के माध्यम से डॉक्टर दंपत्ति के 4 लाख रुपये वापस कराए। डॉक्टर दंपत्ति ने सिंगरौली पुलिस की सराहना की और सभी से साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सतर्क रहने की अपील की।
Dakhal News
हल्द्वानी: जंगल के समीप स्थित ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के छात्र दिव्यांशु पांडे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। दिव्यांशु पांडे हल्दूचौड़ दौलिया निवासी थे। परिजनों ने पुलिस से इस मामले में हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर दी है। परिजनों का कहना है कि दिव्यांशु की हत्या की गई है, और इसे आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश की गई। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस क्षेत्राधिकारी नितिन लोहनी ने बताया कि युवक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पुलिस ने परिजनों को कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी दे दी है और जांच जारी है। यह मामला हल्द्वानी में एक नई चिंता का विषय बन गया है, जहां परिजनों का आरोप है कि दिव्यांशु की मौत सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या हो सकती है।
Dakhal News
खजुराहो फिल्म फेस्टिवल के आयोजक और प्रयास प्रोडक्शन के संस्थापक अभिनेता राजा बुंदेला अब विवादों में हैं। राजा बुंदेला पर 33 लाख रुपए डकारने का आरोप एक व्यापारी ने लगाया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस मामले को लेकर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी हंगामा हुआ। अभिनेता राजा बुंदेला के ऊपर खजुराहो थाने में शिकायत दर्ज हुई है। खजुराहो टूर्स एंड ट्रेवल्स कंपनी के मालिक साकेत गुप्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं। साकेत गुप्ता के मुताबिक, टिकट और ट्रांसपोर्टेशन का काम कराकर 33 लाख का भुगतान नहीं किया गया है। साकेत गुप्ता का कहना है कि पेमेंट मांगने पर राजा बुंदेला धमकी दे रहे हैं। पीड़ित ने कहा कि यदि भुगतान नहीं हुआ तो, 11 तारीख को सीएम के सामने आत्मदाह करेंगे। इस मामले में आयोजक राजा बुंदेला ने इनकार किया है। वहीं एसपी ने कहा कि शिकायत मिली है तो जांच कर रहे हैं। इस मामले को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की खजुराहो में प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी हंगामा हुआ। आरोप लगाने वाले व्यापारी का आरोप है कि रुपये मांगने पर राजा बुंदेला धमकी दे रहे हैं। व्यापारी ने मंत्री के सामने कहा कि यदि पेमेंट नहीं मिला तो 11 तारीख को सीएम के सामने आत्मदाह कर लेगा।
Dakhal News
सिंगरौली जिले के पिपरा झाँपी शासकीय विद्यालय में पढ़ाई कर रहे छात्रों की अचानक तबीयत बिगड़ गई। एक-एक कर 16 बच्चे बीमार हो गए, जिसके बाद उन्हें तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि कुछ बच्चों ने हाथ-पैर में दर्द होने की शिकायत की, जिसके बाद 16 बच्चों को फौरन इलाज के लिए जिला अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल में इन बच्चों का इलाज जारी है और डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों को कोई मनोवैज्ञानिक परेशानी हो गई है। हालांकि, फिलहाल बच्चे स्वस्थ हैं और कोई खतरा नहीं है। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला अस्पताल में कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला और विधायक राजेंद्र मेश्राम के साथ अन्य नेता भी पहुंचे। शिक्षकों और अभिभावकों ने डॉक्टरों के साथ मिलकर स्थिति की निगरानी की और सुनिश्चित किया कि बच्चों को सही समय पर उचित इलाज मिल सके। स्थानीय प्रशासन ने बच्चों के स्वास्थ्य पर नज़र बनाए रखने की बात कही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
Dakhal News
देवास जिले के नेमावर बेल्ट से लगी रेत खदानों पर खनिज विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। अवैध उत्खनन और परिवहन करते हुए पांच ट्रैक्टर ट्राली रेत जब्त की गई है। माइनिंग विभाग की इस कार्रवाई के बाद रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन करने वाले रेत माफिया में हड़कंप मच गया है। देवास में लंबे समय से नेमावर बेल्ट से लगी रेत खदानों पर धड़ल्ले से अवैध उत्खनन किया जा रहा था। खनिज विभाग को इसकी खबर मिली, जिसके बाद डीएम देवास ऋषभ गुप्ता और माइनिंग अधिकारी रश्मि पांडे के निर्देशन में कार्रवाई शुरू की गई। माइनिंग इंस्पेक्टर राजकुमार और खनिज टीम ने छापा मारकर पांच ट्रैक्टरों को जब्त कर नेमावर थाने में खड़ा कर दिया। माइनिंग विभाग की इस कार्रवाई से रेत माफिया में हड़कंप मच गया। कार्रवाई के दौरान रेत माफिया ट्रैक्टर लेकर इधर-उधर भागते नजर आए। माइनिंग इंस्पेक्टर राजकुमार बरेठा के अनुसार, खनिज विभाग के अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है। इस कार्रवाई से अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाने में मदद मिलेगी और क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बनाए रखने का संदेश जाएगा।
Dakhal News
अमरपाटन की एक ज्वेलरी शॉप पर चोरी का मामला सामने आया है। दुकान पर सामान खरीदने आई महिलाओं ने दिनदहाड़े चोरी की घटना को अंजाम दिया, जो पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मैहर जिले के अमरपाटन स्थित गायत्री ज्वैलरी की दुकान में दो महिलाएं ज्वैलरी की दुकान में पहुँचीं और दुकानदार से पायल दिखाने के लिए कहा। महिलाओं ने शातिर तरीके से चाँदी की 3-4 जोड़ी पायलों को पार कर दिया। जब दुकानदार को शक हुआ, तो उन्होंने सीसीटीवी फुटेज चेक किया, तब घटना का खुलासा हुआ। पूरे मामले को लेकर पीड़ित थाना अमरपाटन पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई। वहीं, पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर एक महिला को हिरासत में लिया और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के मैहर जिले के अमरपाटन में एक अज्ञात कारण से सब्जी व्यापारी की चलती बाइक में आग लग गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। यह घटना रामनगर रोड की है, जहां एक सब्जी व्यापारी सुबह अपने घर से मंडी के लिए निकला था। अचानक उसकी बाइक में आग लग गई। आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत आग बुझाने की कोशिश की और पानी डालकर आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि बाइक पूरी तरह से जलकर राख हो गई। घटना के दौरान किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन बाइक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है, और संबंधित अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने सुरक्षा के प्रति सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता को एक बार फिर से उजागर किया है।
Dakhal News
दिल्ली के शाहदरा इलाके से एक बेहद खौफनाक खबर आ रही है। शनिवार सुबह एक बर्तन के कारोबारी को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक, 52 वर्षीय सुनील जैन सुबह की सैर से लौट रहे थे, तभी फर्श बाजार इलाके में दो बाइक सवार बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। घटनास्थल से पुलिस ने 5-6 खोखे बरामद किए हैं। गंभीर रूप से घायल सुनील जैन को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश में जुट गई है। शुरुआती जांच में परिवार वालों ने किसी तरह की दुश्मनी या धमकी मिलने से इनकार किया है। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है
Dakhal News
छतरपुर जिले के धमोरा हायर सेकेंडरी स्कूल में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई है। स्कूल के ही एक 12वीं कक्षा के छात्र, सुरेंद्र यादव ने प्रिंसिपल एस के सक्सेना की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना स्कूल के बाथरूम में हुई जब प्रिंसिपल वहां गए थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रिंसिपल एस के सक्सेना स्कूल स्टाफ और छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थे। उन्हें एक अच्छे और मिलनसार व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। वह पिछले 5 साल से इस स्कूल में पदस्थ थे और उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। घटना की सूचना मिलते ही शिक्षा अधिकारी आर पी प्रजापति और एसपी अगम जाएं मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तुरंत घटनास्थल को घेर लिया और स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया। पुलिस अभी तक इस हत्या के कारणों का पता नहीं लगा पाई है और आरोपी छात्र सुरेंद्र यादव की तलाश में जुटी हुई है। क्या है इस घटना के पीछे का कारण? फिलहाल, इस घटना के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि आरोपी छात्र ने ऐसा क्यों किया। क्या कोई व्यक्तिगत दुश्मनी थी या फिर कोई और कारण था। शिक्षा जगत में छाया मातम इस घटना ने शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ा दी है। लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर शिक्षकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है
Dakhal News
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पथरिया थाना अंतर्गत एक नाबालिग से गैंगरेप का मामला सामने आया। घटना के बाद पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है। इस संबंध में दमोह जिले के पथरिया थाना प्रभारी सुधीर बेगी ने बताया कि गुरुवार की शाम को पीड़िता के पिता द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई कि उसकी नाबालिग बेटी के साथ गैंग रेप किया गया है। इसका वीडियो भी बनाया गया। जिसके बाद नाबालिक पीड़िता ने घर मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस पर पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर पोस्टमार्टम कराया गया है। पीड़िता के पिता ने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी से रवि सेन और राकेश कुर्मी उसे स्कूल से पहाड़ी के पास ले गए। जहां पर इन दोनों के अलावा दो अन्य लोगों द्वारा गैंगरेप किया गया। गैंगरेप के दौरान वीडियो भी बनाया गया। इस घटना के बाद वो काफी दुखी थी और उसने स्कूल जाना बंद कर दिया। जिस पर उसके पिता ने जब इस बात की जानकारी ली, तो पीड़िता की मां ने बताया कि उसके साथ ऐसी घटना घटित हो गई है। जब तक इस मामले में वह रिपोर्ट करते तब तक पीड़िता ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। पथरिया थाने में दो आरोपियों रवि सेन और राकेश कुर्मी के विरुद्ध पास्को एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Dakhal News
शहर में न्यूड वीडियो बनाकर वायरल करने के नाम पर पैसे की ठगी करने का मामला सामने आया है। उक्त मामले में कोतवाली थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी, जिस पर कोर्ट ने आपत्तिजनक वीडियो बनाकर रुपये की वसूली करने वाले दो जालसाजों को चार साल की सजा सुनाई है. जानकारी के अनुसार बिजेंद्र कुमार यादव (72 वर्ष), निवासी जूनापारा, वार्ड क्रमांक 19 ने तीन जुलाई 2023 को शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया था कि 21 मई 2023 की रात्रि आठ बजे मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया, जिसे उन्होंने परिचित का समझकर उठाया. वीडियो कॉल में एक युवती नग्न अवस्था में दिखी. प्रार्थी ने तुरंत कॉल बंद कर दिया, लेकिन इसके बाद उस युवती ने स्क्रीनशॉट लेकर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. युवती ने उनसे 50,000 रुपये की मांग की. प्रार्थी ने पैसे नहीं भेजे, परंतु बाद में अलग-अलग मोबाइल नंबरों से धमकी भरे कॉल और संदेश मिलने लगे.इन धमकियों से भयभीत होकर उसने कुल 31,24,514 रुपये विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित किए। रिपोर्ट पर थाना बैकुंठपुर में अपराध की धारा 388, 420 भा.द.वि. एवं धारा 66(ग) आईटी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया. केस की जांच के दौरान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आरोपियों की पहचान की गई. पुलिस ने आरोपी किशन कुमार (32 वर्ष), निवासी बल्लभगढ़, फरीदाबाद, हरियाणा और नीरज कुमार (34 वर्ष), निवासी लालकुआं, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश को 20 अगस्त 2023 को गिरफ्तार किया.दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया. मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और अभियोग पत्र के आधार पर न्यायालय ने 30 नवंबर 2024 को आरोपित किशन कुमार और नीरज कुमार को दोषी ठहराया है, जिसमे न्यायालय द्वारा आरोपियों को कारावास एवं अर्थदंड की सजा से दंडित किया गया है. यह मामला साइबर अपराध और ब्लैकमेलिंग के गंभीर परिणामों को उजागर करता है. एसपी सूरज सिंह परिहार ने आम जनता को धोखाधड़ी से सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना पुलिस को देने की अपील की है.
Dakhal News
30 नवंबर की देर रात दंपती को रोककर 50 हजार रुपये लूटने और व्यापारी को डंडे से पीटकर हत्या करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। व्यापारी की पत्नी ने ही उसे अपने प्रेमी से मरवा दिया, इसके बाद वारदात को लूट बताने की कोशिश की। पत्नी और अन्य लोगों के बयानों में अंतर से ये पकड़ में आ गए। व्यापारी की पत्नी ने प्रेमी और उसके चार साथियों के संग मिलकर अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से मौत के घाट उतार दिया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक जगदीश डावर ने मामले का खुलासा करने के लिए विशेष पुलिस टीम का गठन किया। थाना प्रभारी दिनेशसिंह कुशवाह को अज्ञात आरोपितों का पता कर शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। एसपी के दिशा निर्देश, एएसपी, एसडीओपी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी के नेतृत्व मे प्रकरण की विवेचना करते हुए घटना स्थल का बारिकी से निरीक्षण किया। व्यापरी की पत्नी के बयान और साक्षीगणों के कथन के आधार पर बताए गए क्रम में काफी विरोधाभास होने से परिस्थिति जन्य साक्ष्य, तकनीकी साक्ष्य एवं मनोवैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर फरियादिया सारिका भी संदेह के घेरे में होने से उससे पुन: सख्ती से पूछताछ की। सारिका ने स्वीकार कर लिया अपराध जिसमें सारिका ने अपराध स्वीकार किया। इस मामले का पर्दाफाश बुधवार दोपहर 12 बजे एसपी कार्यालय में एसपी डावर ने किया। इस दौरान एएसपी अनिल पाटीदार, एसडीओपी दिनेशसिंह चौहान, टीआई दिनेशसिंह कुशवाह सहित पुलिस अमला मौजूद रहा। आठ दिन पहले बनाई थी हत्या की योजना पुलिस पूछताछ में आरोपी सारिका ने बताया कि उसके पति मोहन काग को उसके और नवीन बर्फा के प्रेम संबंध के बारे मे पता चल गया था। इसके बाद नवीन को यह बात बताई और मोहन को रास्ते से हटाने के लिए आठ दिन पहले उसकी हत्या करने के लिए योजना बनाई। फिर 30 नवंबर की रात्रि उसने आशाग्राम रोड बायपास चौराहा के पास जहां अंधेरा रहता है, सारिका अपने पति मोहन के साथ बाइक पर बैठकर गई और फिर नवीन ने उसके साथियों को वहां बुलवाकर सारिका के पति मोहन की हत्या कर घटना को अंजाम दिया। दो आरोपितों की तलाश जारी उक्त प्रकरण में पुलिस ने व्यापारी की पत्नी सारिका सहित उसके प्रेमी आरोपित नवीन पुत्र सुरेश बर्फा निवासी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी बड़वानी और कपिल पुत्र देवसिंह डोडवे निवासी गोदडपुरा थाना गंधवानी धार, करण पुत्र प्रभात नर्गेश निवासी ग्राम मलहरा स्कूल पुरा थाना गंधवानी धार को गिरफ्तार किया। वहीं इस मामले में दो और आरोपितों की तलाश जारी है। अवैध संबंध के खुलासे के डर में हत्या की एसपी डावर ने बताया कि उक्त हत्याकांड के पीछे व्यापारी की पत्नी के प्रेमी से अवैध संबंध होना और उक्त अवैध संबंध के खुलासे के डर के चलते पत्नी ने ही अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए यह योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया। साथ ही उक्त घटना को लूट में परिवर्तित करने की कोशिश की। मृतक बायपास पर किराना दुकान संचालित करता था। जहां वो अपनी पत्नी व बच्चों के साथ रहता था। उसके पास ही धार जिले के गंधवानी का निवासी ने करीब डेढ़ वर्ष पूर्व बेकरी का व्यवसाय शुरू किया था और अपने गांव से मजदूरों को बुलाकर काम पर लगाया था। इस दौरान आरोपित का व्यापारी के परिवार में मेल मिलाप बढ़ता गया। इसके बाद आरोपित और व्यापारी की पत्नी को अवैध संबंध का डर सताने लगा। जिसके बाद दोनों ने मिलकर मजदूरों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम देकर उसे लूट की घटना में परिवर्तित कर प्रदर्शित करने की कोशिश की थी। पुलिस टीम को 10 हजार का इनाम एसपी ने उक्त मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस टीम को 10 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की। साथ ही फरार दो आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की बात कही। उक्त कार्रवाई में शहर टीआई दिनेशसिंह कुशवाह, वैज्ञानिक अधिकारी सुनिल मकवाना, उपनिरीक्षक रविन्द्र चौकले, रविन कन्नौज, राजीवसिंह ओसाल, ललिता चौहान, सहायक उपनिरीक्षक दीपक ठाकुर, निसार एहमद, प्रधान आरक्षक जगजोधसिंह चौहान, संदेश पांचाल, शैलेंद्रसिंह परिहार, भारतसिंह, सतीश पाटीदार आदि का सहयोग रहा।
Dakhal News
गढ़ीमलहरा, दिसंबर 2024— मध्य प्रदेश के गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र में शराब कंपनी के कर्मचारियों और अवैध शराब बेचने वालों के बीच मारपीट और फायरिंग की घटना सामने आई है। पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों पर मामला दर्ज किया है, जिनमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है और तीन फरार हैं। घटना के दौरान, शराब कंपनी के कर्मचारियों और अवैध शराब विक्रेताओं के बीच खुलेआम फायरिंग और मारपीट हुई। बताया जा रहा है कि घटना से पहले शराब कंपनी के गुंडों ने अवैध शराब बेचने वालों पर हमला किया था, जिसका बदला लेने के लिए यह हमला किया गया। पुलिस ने शराब कंपनी के कर्मचारियों की शिकायत पर मामला दर्ज किया है, लेकिन पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप भी लगाया जा रहा है। मीडिया से बात करते हुए एसपी ने कहा कि जांच अभी चल रही है और जितने भी लोग फरार हैं, उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा
Dakhal News
भोपाल, दिसंबर 2024— भोपाल में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल जल्द ही अपने दरवाजे खोलने जा रहा है। यह प्रतिष्ठित शिक्षा ब्रांड पहले से ही भारत के छह राज्यों में अपनी पहचान बना चुका है और अब भोपाल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रहा है। जयपुरिया ग्रुप के वाइस चेयरमैन श्रीवत्स जयपुरिया ने बताया कि सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल का उद्देश्य हमेशा से समग्र शिक्षा प्रदान करना रहा है, जिसमें छात्रों को जीवन जीने के लिए आवश्यक सभी कौशल सिखाए जाते हैं। उन्होंने कहा, "हम अपने स्कूल में जड़ों को मजबूती से पकड़कर, अंतरराष्ट्रीय मानसिकता को बढ़ावा देते हैं। आज के युग में यह महत्वपूर्ण है क्योंकि हम 21वीं सदी के विश्व स्तर पर जिम्मेदार नागरिक बनने वाले व्यक्तियों के साथ काम करते हैं।" जयपुरिया स्कूल नेटवर्क वर्तमान में उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, उत्तराखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश के 51 शहरों में 60 से अधिक स्कूलों का संचालन करता है। उनके स्कूलों को क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर 99% प्रथम श्रेणी के साथ भारत के शीर्ष 10 स्कूलों में गिना जाता है। भोपाल में इस नए स्कूल का उद्घाटन, शहर के शिक्षा जगत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करता है। सभी अभिभावकों और छात्रों को इस सम्मानित शिक्षा ब्रांड के हिस्से बनने के लिए आमंत्रित किया गया है।
Dakhal News
छतरपुर, दिसंबर 2024— छतरपुर में एक बड़ी चोरी की घटना सामने आई है, जिसमें लगभग 3 करोड़ रुपये के सोने और चांदी के आभूषण चोरी हो गए हैं। यह घटना नगर के प्रतिष्ठित बीजेपी नेता चंद्रोदय सोनी के प्रतिष्ठान नीलम ज्वेलर्स में हुई है। घटना के दौरान, चोरों ने घर के सदस्यों को बेडरूम में बंद कर दिया और सोने के कीमती आभूषणों को ले गए। इस बड़ी चोरी के बाद, पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर लिया है और एसपी के निर्देश पर चोरी के खुलासे के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। लवकुश नगर थाना पुलिस इस घटना की छानबीन में जुटी हुई है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, चोरी की यह घटना बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से की गई है, जिसमें चोरों ने दुकान के सुरक्षा उपायों को भी पार कर लिया। पुलिस की टीम इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही चोरों को पकड़ने का प्रयास कर रही है। इस घटना ने नगर के व्यापारियों और आम जनता के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है। सभी से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के देवास जिले में जल निगम द्वारा पाइप लाइन डालने के दौरान लापरवाही बरती जा रही है। सड़कों का डामर उखाड़ दिया गया है और शोल्डर की मिट्टी सड़कों पर फैला दी गई है, जिससे आये दिन हादसे हो रहे हैं। कन्नौद-खातेगांव क्षेत्र में जल निगम के द्वारा डाली जा रही पाइप लाइन में लापरवाही बरती जा रही है। ग्राम पंचायत गनोरा के सरपंच नरेन्द्र विश्वकर्मा ने बताया कि खुदाई में सड़कों का डामर उखाड़ दिया गया और शोल्डर की मिट्टी सड़कों पर फैला दी गई, जिससे आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। वहीं जनपद सदस्य गोलू तिवारी ने बताया कि पाइपलाइन सड़क से 6 फीट दूर खुदाई कर के डालना था, लेकिन ठेकेदार की मनमानी और जल निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से शोल्डर की मिट्टी हटाकर पाइप लाइन डाली जा रही है। जल निगम के अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। इस लापरवाही के चलते स्थानीय लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या ने लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय प्रशासन और जल निगम को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि जनहानि से बचा जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि निर्माण कार्यों में सावधानी और गुणवत्ता का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। प्रशासन को इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही और हादसों से बचा जा सके।
Dakhal News
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक बार फिर गूगल मैप की वजह से हादसा हो गया। गूगल मैप की वजह से एक कार नहर में गिर गई। हालांकि, इस हादसे में किसी को ज्यादा चोट नहीं आई। घटना बरेली के इज्जत नगर थाना क्षेत्र के पीलीभीत रोड पर हुई। बताया जा रहा है कि तीन युवक कानपुर से पीलीभीत जा रहे थे और रास्ता तलाशने के लिए गूगल मैप की मदद ली। लेकिन गूगल मैप के बताए निर्देश पर जा रही कार कलापुर की सूखी पड़ी नहर में पलट गई। एसपी सिटी लाल बहादुर ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से कार को नहर से बाहर निकाला गया। इस दुर्घटना में कोई भी जन हानि नहीं हुई है। पुलिस ने कहा कि भविष्य में इस तरह के हादसे न हों, इसके लिए सावधानी बरतने की जरूरत है।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के गढीमलहरा थाना क्षेत्र में एक बड़ा विवाद सामने आया है। यहां अवैध दारू बेचने को लेकर दो पक्षों के बीच मारपीट और फायरिंग हुई। जब यह घटना हुई, तो पुलिस भी वहां मौजूद थी। घटना निवारी के बस स्टॉप के सामने सागर-कानपुर नेशनल हाईवे पर हुई। बताया जा रहा है कि अवैध दारू बेचने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। एक पक्ष निवारी और आसपास के क्षेत्र में दारू बेचने वाला था, जबकि दूसरा पक्ष दारू कंपनी के गुंडे थे। विवाद के दौरान एक पक्ष ने पुलिस और डायल हंड्रेड की मौजूदगी में फायरिंग की और गाड़ी रोककर तोड़फोड़ भी की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे इस मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। लोग चाहते हैं कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले और अवैध दारू बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। इस विवाद ने एक बार फिर से अवैध दारू के कारोबार और उससे जुड़े अपराधों की गंभीरता को उजागर किया है। यह आवश्यक है कि प्रशासन और पुलिस मिलकर इस समस्या का समाधान करें और अवैध दारू के कारोबार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
Dakhal News
आजकल ठगों के पैंतरों के सामने पढ़े-लिखे और समझदार लोग भी हार रहे हैं। अधिकांश ठग सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग के अफसर बनकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। वहीं, कई बार ज्यादा मुनाफे के फेर में लोगों की जीवनभर की कमाई लूटी जा रही है। ऐसा ही एक मामला भोपाल के रिटायर्ड कर्नल डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ के साथ हुआ। शेयर बाजार में निवेश के लिए मुफ्त ट्रेनिंग का झांसा देकर उनसे 1.77 करोड़ रुपए ठग लिए गए। रिटायर्ड कर्नल की जुबानी ठगी की कहानी डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जीवन में मुफ्त में कुछ नहीं मिलता, कीमत चुकानी होती है। ठगों ने मुफ्त में शेयर बाजार की ट्रेनिंग देने की बात कही और वह झांसे में आ गए। जीवन के ढलते पड़ाव पर जब ज्यादा आर्थिक मजबूती की जरूरत थी, तब 1.77 करोड़ लुटा बैठे। रिटायरमेंट का पैसा गया, बचत पूंजी चली गई। झटके में सब बिखर गया। वह लोगों को जागरूक करना चाहते हैं, ताकि किसी और के साथ ऐसा न हो। पीड़ित की कहानी, उनकी ही जुबानी डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ ने बताया कि वह रिटायर होकर बेफिक्र थे। बच्चे अपने पैरों पर खड़े थे, इसलिए अपनी ऊर्जा समाज के लिए सकारात्मक कार्यों में लगाना चाहते थे। वक्त बहुत था, इसलिए शौकिया शेयर बाजार की दुनिया सीखना चाहते थे। यूट्यूब पर इससे जुड़े वीडियो देखते और अपनी समझ से शेयरों में छोटे-मोटे निवेश करते थे। 8 जुलाई 2024 का दिन था। फोन की घंटी बजी। अनजान नंबर से किसी शालिनी त्रिवेदी ने कहा, आप शेयर बाजार में अच्छा कर रहे हैं, एक्सपर्ट की क्लास लेंगे तो और बेहतर करेंगे। वह प्रभावित हुए। ट्रेनिंग के पैसे पूछे तो शालिनी ने कहा कि यह मुफ्त है। वह तैयार हो गए। अगले दिन से ट्रेनिंग शुरू हुई। देशभर से 80 लोगों का ग्रुप वीडियो कॉल पर ट्रेनिंग ले रहा था। ट्रेनिंग देने वाले का चेहरा नहीं था। कभी घरेलू काम से यदि वह कक्षा मिस कर देते तो शालिनी फोन लगाकर कहती थी कि आप बहुत अच्छा कर रहे हैं, लेकिन क्लास मत छोड़िए। उन्हें सही-गलत का पता नहीं चल रहा था। पहले दो लाख से निवेश शुरू हुआ। अच्छा मुनाफा मिला। निवेश और मुनाफा मिलाकर रकम 35 लाख हो गई। जब उन्होंने पैसे निकालने की बात कही तो ठगों ने और पैसा लगाने को कहा। जब उन्होंने कहा कि पैसे खत्म हो गए तो ठग लोन देने को तैयार हो गए। उन्होंने 30 लाख लोन लिए और शेयर बाजार में लगाया। लोन से पहले एफडी व जमा पूंजी 1.77 करोड़ रुपए ठगों के निजी खाते में डाले थे। जब जरूरत हुई और रुपए निकालने की कोशिश की तो ठग आनाकानी करने लगे। कई चार्ज और मेंबरशिप फीस मांगने लगे। तब उन्हें यकीन हो गया कि वह सब गंवा चुके हैं। अगस्त की शुरुआत में उन्हें अनजान कॉल आया। जलगांव से आए कॉल पर कहा गया कि आपसे ठगी हुई है। यह सुनते ही उनके सपने बिखर गए। वह डर गए कि जीवन कैसे गुजरेगा। ट्रेनिंग में वीडियो कॉल पर 80 का ग्रुप था। उसी से एक ने यह बताया। उसके भाई से भी ठगी हुई थी। उन्होंने साइबर क्राइम के हेल्पलाइन नंबर 1930 व थाने में शिकायत की।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में ठंड का कहर बढ़ता जा रहा है। रविवार-सोमवार की रात नौगांव के बाद राजगढ़ का तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जिससे यह प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा जिला बन गया। कड़ाके की ठंड के कारण कलेक्टर ने कक्षा पहली से आठवीं तक के स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से कर दिया है। जिले में पिछले तीन-चार दिनों से सर्द हवाएं चल रही हैं, जिससे न केवल दिन बल्कि रातें भी बेहद सर्द हो गई हैं।इस सीजन में दूसरी बार 8 डिग्री तक तापमान गिरा है। शनिवार-रविवार की रात सबसे कम 7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। हालांकि रविवार-सोमवार की दरमियानी रात तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी हुई, फिर भी सर्दी शबाब पर रही। इस बार राजगढ़ मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा जिला रहा है। प्रदेश में सबसे कम तापमान नौगांव में 7.8 डिग्री दर्ज किया गया, इसके बाद राजगढ़ का 8.0 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। राजधानी भोपाल में दो दिन से पारा 11.5 डिग्री के करीब ठहरा हुआ है। वहीं, सागर में भी दो दिन से न्यूनतम तापमान 11 डिग्री के पास ठहरा हुआ है। दिन और रात का तापमान सामान्य से कम होने के कारण ठंड का असर बढ़ गया है। दिन का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है, जो सामान्य से 2 डिग्री कम है। रात का पारा 11.5 डिग्री पर लुढ़ककर आया है, जो सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस कम है। पारे में गिरावट आने से दिन और रात के समय कंपकंपा देने वाली सर्दी पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में अगले 48 घंटों में मौसम में परिवर्तन आने का अनुमान है। कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो सकता है और बर्फीली हवाओं से पूरा प्रदेश ठिठुर सकता है। उत्तरी हिस्से में इसका ज्यादा असर देखने को मिलेगा। उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव है, जिसके कारण पहाड़ों में बर्फबारी होगी और उत्तरी हवाएं मध्य प्रदेश में तेजी से आएंगी। इससे प्रदेश में दिन और रात में ठंड बढ़ने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिक रितेश कुमार के मुताबिक, वर्तमान में तमिलनाडु में चक्रवात सक्रिय है, जिसके प्रभाव से आसमान पर हल्के बादल छाए हुए हैं। इससे तापमान में बढ़ोतरी होनी थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर में बारिश और बर्फबारी होने से उत्तरी हवाएं तेज हो गई हैं। इससे अगले तीन दिन तक तापमान में एक से दो डिग्री की मामूली गिरावट आएगी। इस ठंड के कारण लोगों को सावधान रहने की जरूरत है और ठंड से बचने के उपाय करने चाहिए। जैसे ही ठंड का प्रकोप बढ़ेगा, वैसे ही इससे बचने के लिए लोगों को अपने घरों में गर्म कपड़े पहनने और हीटर या अन्य साधनों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि वे सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
Dakhal News
मध्य प्रदेश के 2023 बैच के आईपीएस हर्षवर्धन की कर्नाटक में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। हर्षवर्धन अपना प्रशिक्षण समाप्त करने के बाद जिला प्रशिक्षण के लिए हसन जा रहे थे। घटना का विवरण हर्षवर्धन कर्नाटक पुलिस अकादमी में अपना प्रशिक्षण समाप्त करने के बाद जिला प्रशिक्षण के लिए हसन जा रहे थे, तभी दुर्घटना का शिकार हो गए। उनके वाहन के चालक ने नियंत्रण खो दिया और वाहन सड़क के किनारे एक घर में जा घुसा। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। ड्राइवर की भी हालत गंभीर है। हर्षवर्धन के पिता अखिलेश सिंह सिंगरौली जिले के देवसर उपखंड क्षेत्र में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। इस दुखद घटना ने पूरे पुलिस विभाग और हर्षवर्धन के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। हर्षवर्धन की असामयिक मृत्यु ने उनके सहकर्मियों और दोस्तों को भी स्तब्ध कर दिया है। उनके परिवार और दोस्तों को इस कठिन समय में संवेदनाएं और समर्थन की आवश्यकता है।
Dakhal News
दक्षिण राज्यों के बाद अब चक्रवात फेंगल का असर मध्य प्रदेश में भी दिखने वाला है। अगले 48 घंटों में राजधानी भोपाल समेत कई शहरों में बादल छाए रह सकते हैं और कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है। इस दौरान दिन के समय तापमान में वृद्धि होगी, लेकिन रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। आने वाले दिनों में राज्य के ज्यादातर जिलों में शीतलहर और घने कोहरे का असर देखने को मिलेगा। एमपी मौसम विभाग की भविष्यवाणी एमपी मौसम विभाग की मानें तो फेंगल तूफान के असर से हवाओं का रुख बदलेगा और बादलों की आवाजाही शुरू होगी। इस दौरान छिंदवाड़ा, सिवनी और बैतूल में हल्की बारिश होने के आसार हैं, जबकि ग्वालियर, चंबल और उज्जैन में बर्फीली हवा चलेगी। राज्य में अगले 48 घंटों में दिन-रात में ठंड बढ़ने का अनुमान है। हालांकि, न्यूनतम तापमान में मामूली कमी आ सकती है। दिसंबर में तापमान का अनुमान मौसम विभाग की मानें तो दिसंबर में रात का पारा 3 से 4 डिग्री तक पहुंच सकता है। कड़ाके की सर्दी की शुरुआत अगले सप्ताह से हो जाएगी। उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर से दिसंबर में प्रदेश में तापमान तेजी से गिरेगा और ठंड व कोहरे के साथ शीतलहर की स्थिति बनेगी। खासतौर से मालवा-निमाड़ क्षेत्र में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिलेगा। दिसंबर के अंत सप्ताह से लेकर जनवरी महीने में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। शीतलहर चलने के साथ मालवांचल के कई जिलों में पाला पड़ने के आसार रहेंगे। मौसम प्रणालियाँ और वर्तमान स्थिति वर्तमान में देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में जेट स्ट्रीम, पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ द्रोणिका के रूप में और हवाओं का रुख उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में बने गहरा अवदाब का क्षेत्र पुड्डूचेरी के आसपास टकराने के आसार हैं। इन सभी मौसम प्रणालियों के असर से कहीं-कहीं बादल छा रहे हैं और न्यूनतम तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने के आसार हैं। उधर, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी और वर्षा होने की भी संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने पर एक बार फिर तापमान में गिरावट होने की संभावना है। पिछले 24 घंटे का मौसम रविवार को शाजापुर में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि प्रदेश के दूसरे इलाकों में रात का तापमान 10 डिग्री से कम रहा। शाजापुर से जुड़े गिरवर में सबसे कम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। राजगढ़ में 7 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 7.2 डिग्री, शिवपुरी के पिपरसमा में 7.7 डिग्री, हिल स्टेशन पचमढ़ी में 8.2 डिग्री, रायसेन-टीकमगढ़ में 9 डिग्री सेल्सियस, खंडवा-खजुराहो में 9.4 डिग्री, उमरिया-बैतूल में 9.5 डिग्री और गुना में तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस रहा।
Dakhal News
सिंगरौली जिले के चितरंगी में पुरानी रंजिश को लेकर हुए खूनी संघर्ष में एक अधेड़ व्यक्ति की मौत हो गई। इस मामले में चितरंगी पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना में पुरानी दुश्मनी विशम्भर सिंह गोड़ को भारी पड़ी। उसके विरोधी दो लोगों ने उसे घेरकर मारपीट की। गंभीर अवस्था में विशम्भर को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चितरंगी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों रघुनाथ सिंह गोड़ और बसंतलाल सिंह गोड़ को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों से पूछताछ जारी है। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है और लोग इस प्रकार की हिंसा की निंदा कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
Dakhal News
देवास के सतवास वन परिक्षेत्र में वन विभाग ने वन्यजीव अपराध पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नीलगाय का शिकार करने वाले तीन शिकारियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई वन्यजीव संरक्षण के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। घटना का विवरण सतवास वन परिक्षेत्र में गश्ती के दौरान वन कर्मियों ने बाँईजगवाडा से नामनपुर मार्ग पर एक संदिग्ध मोटरसाइकिल सवार को खून से सने कट्टों के साथ जाते हुए देखा। वन कर्मियों ने तुरंत वाहन का पीछा किया, लेकिन आरोपी अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गए और अपनी मोटरसाइकिल छोड़ गए। जब्ती और जांच पुलिस ने मौके से लगभग 90 किलोग्राम नीलगाय के मांस से भरे कट्टे और एक कुल्हाड़ी जब्त की। यह तफ्तीश वन परिक्षेत्र अधिकारी विधि सिरोलिया के मार्गदर्शन में की गई थी। पुलिस ने जांच पड़ताल कर तीनों शिकारियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने नीलगाय के अवशेषों को लेकर अपराध स्वीकार किया है। न्यायिक प्रक्रिया आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि वन विभाग वन्यजीव अपराधों के प्रति सख्त है और ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
Dakhal News
अंबिकापुर- बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ग्राम गुमगा के पास रविवार की सुबह हुए सड़क हादसे में कार सवार पांच युवकों की मौत हो गई। युवक रायपुर के चंगोराभाटा के रहने वाले थे। स्कोडा रैपिड कार में सवार पांचों युवक मैनपाट जा रहे थे। इनके नाम दिनेश साहू, संजीव और राहुल हैं। युवकों की यु 25 से 30 वर्ष बताई जा रही है। दो युवकों के नाम का पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि उक्त तीनों युवक घर से जगदलपुर जाने के नाम पर निकले थे। रास्ते में कार में दो और युवक सवार हुए। उदयपुर से पहले गुमगा के पास सामने से आ रहे ट्रक से कार की जोरदार टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त होग गई। चार युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल एक युवक को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) उदयपुर में भर्ती कराया गया। यहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर रेफर किया गया था। अंबिकापुर पहुंचते ही चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे भी मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलते ही उदयपुर थाना प्रभारी कुमारी चंद्राकर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंची थी। कार इतनी क्षतिग्रस्त हो चुकी थी कि शवों को निकालने के लिए कटर का सहारा लेना पड़ा। हादसे के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। दो लोग गाड़ी में फंस गए थे। उन्हें मुश्किल से बाहर निकाला जा सका। मृतकों के स्वजन को सूचना दे दी गई है। उनके आने के बाद युवकों के संबंध में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। तेज गति को दुर्घटना का कारण बताया जा रहा है। घटना के बाद ट्रक का ड्राइवर वाहन छोड़कर भाग गया है। सुबह क्षेत्र में धुंध भी थी। जहां दुर्घटना हुई वहां मोड़ और ढलान है। दुर्घटनास्थल के अवलोकन के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि अंबिकापुर की ओर से जा रहे ट्रक सामने जा रहे किसी वाहन को ओवरटेक कर रहा होगा। ओवरटेक के दौरान ही सामने से आ रही कार की जोरदार टक्कर हो गई होगी।
Dakhal News
सिंगरौली का सरई बाजार लंबे समय से जाम की स्थिति से जूझ रहा था। इस समस्या को देखते हुए प्रशासन ने सख्त एक्शन लेते हुए बाजार को अतिक्रमण से मुक्त कर दिया। इस कार्यवाही का कुछ लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन प्रशासन ने जनहित में सभी अतिक्रमणों को हटा दिया। सरई बाजार में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए सड़कों और नालियों से अतिक्रमण हटाया। तहसीलदार चंद्रशेखर मिश्रा और सीएमओ सुरेंद्र सिंह उइके के नेतृत्व में चली इस कार्रवाई में पुलिस बल भी मौजूद रहा। अभियान के दौरान कई अतिक्रमणकारियों ने स्वेच्छा से अपने निर्माण हटा लिए, जबकि कुछ ने विरोध किया। हालांकि, प्रशासन की कड़ी कार्रवाई के बाद बाजार को जाम मुक्त कर दिया गया है, जिससे आम जनता ने राहत की सांस ली। संपूर्ण कार्यवाही में राजस्व अमला सरई, नगर परिषद के कर्मचारी और थाना सरई का पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। इस कार्रवाई से सरई बाजार में यातायात की स्थिति में सुधार हुआ है और लोगों को जाम की समस्या से निजात मिली है। प्रशासन की इस सख्त कार्यवाही से यह संदेश गया है कि जनहित में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसे हटाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
Dakhal News
अमरपाटन के नादन टोला ब्रिज के पास पुलिस ने एक ऑटो में लोड 6 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस इलाके में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है और पुलिस लगातार इस पर नज़र रख रही है। अमरपाटन थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे नंबर 30 के नादन टोला ब्रिज के पास पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक ऑटो में दो युवक अवैध तरीके से अंग्रेजी शराब रीवा से मैहर की ओर ले जा रहे हैं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इलाके की घेराबंदी की और तलाशी अभियान चलाया। इसी दौरान एक ऑटो को रोका गया और उसमें से 6 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की गई। पुलिस ने ऑटो चालक शुभम पटेल और एक अन्य आरोपी लवकेश पटेल को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अवैध शराब के इस कारोबार पर सख्ती से नज़र रखने और इसे रोकने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इस मामले में पुलिस की तेज़ कार्रवाई से अवैध शराब के कारोबारियों को एक बड़ा झटका लगा है और यह संदेश गया है कि कानून के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे इस प्रकार की किसी भी अवैध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके और समाज में शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहे। इस प्रकार की घटनाएं समाज को हानि पहुंचाती हैं और इन्हें रोकने के लिए समाज के हर व्यक्ति को सजग रहना आवश्यक है।
Dakhal News
इंदौर नगर निगम के पूर्व सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह का शुक्रवार को निधन हो गया। वे 2019 के चर्चित हनी ट्रैप मामले में प्रमुख आरोपी के रूप में चर्चा में आए थे। उनका निधन मध्य प्रदेश के रीवा जिले स्थित उनके पैतृक निवास पर हुआ, जहां वे बेहोशी की हालत में पाए गए थे। पड़ोसियों ने उन्हें घर में गिरा हुआ पाया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी मौत हार्ट अटैक से होने की आशंका जताई जा रही है। हरभजन सिंह वह शख्स थे जिन्होंने इंदौर में हनी ट्रैप मामले की पहली FIR दर्ज कराई थी। उनके द्वारा की गई शिकायत के बाद, यह मामला सामने आया था जिसमें कुछ महिलाएं उन्हें अश्लील वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर रही थीं। इस मामले ने न केवल इंदौर बल्कि पूरे देश में सुर्खियां बटोरीं, और कई गिरफ्तारियां भी हुईं। हालांकि, हनी ट्रैप मामले के बाद हरभजन सिंह के खिलाफ एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप भी लगाया था। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया और उनका तबादला रीवा कर दिया गया था। रीवा पुलिस इस समय उनके निधन से संबंधित मामलों की जांच कर रही है, और यह मामला पुलिस के ध्यान में है। हरभजन सिंह के निधन ने हनी ट्रैप मामले से जुड़ी कई चर्चाओं को फिर से ताजगी दे दी है, और अब इस घटना की जांच जारी है।
Dakhal News
रीवा में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां महिलाओं के एक गिरोह ने नकली किन्नर बनकर लोगों के घरों में घुसकर चोरी की वारदातें कीं। असली किन्नर समुदाय ने इन नकली किन्नरों को रंगे हाथों पकड़ा और उनकी जमकर पिटाई कर दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। यह घटना न केवल किन्नर समुदाय के लिए अपमानजनक है, बल्कि यह समाज में व्याप्त भेदभाव और अपराध को भी दर्शाती है। नकली किन्नरों के कारण किन्नर समुदाय की छवि खराब होती है और उन्हें अपराधियों के रूप में देखा जाता है। इस घटना से कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठते हैं: सामाजिक कलंक: किन्नर समुदाय को अभी भी समाज में बहुत सम्मान नहीं मिलता है। नकली किन्नरों के कारण किन्नर समुदाय की छवि खराब होती है और उन्हें अपराधियों के रूप में देखा जाता है। कानून और व्यवस्था: इन महिलाओं को नकली किन्नर बनकर अपराध करने में आसानी हो गई, जो कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को दर्शाता है। पीड़ितों का शोषण: इन अपराधों के शिकार अक्सर बुजुर्ग व्यक्ति या महिलाएं होते हैं, जो इस तरह के अनुभव से काफी आहत होते हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस तरह की आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और कमजोर समुदायों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। इसके अलावा, लोगों को किन्नर समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूक करना चाहिए और सहानुभूति और समझ को बढ़ावा देना चाहिए। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमें एक समावेशी, करुणामय और भेदभाव मुक्त समाज बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
Dakhal News
अमरपाटन नगर परिषद में एक गंभीर मुद्दा उभरा है। बसपा की एक महिला पार्षद, वार्ड नंबर 5 की प्रतिनिधि, पिछले तीन दिनों से धरने पर हैं। उनका आरोप है कि उनके वार्ड में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं और नगर परिषद के अधिकारी जातिगत भेदभाव कर रहे हैं। पार्षद का वार्ड मुख्य रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों का निवास स्थान है। यहां पानी की किल्लत, सफाई की समस्या और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने इन समस्याओं के समाधान के लिए कई बार नगर परिषद अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीएमओ) को लिखित शिकायतें दी हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसके अलावा, पार्षद ने सीएमओ पर जातिगत टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि नगर परिषद के अधिकारी एससी और एसटी समुदाय के लोगों के विकास में बाधा डाल रहे हैं। स्थानीय लोग पार्षद के साथ खड़े हैं और नगर परिषद से मांग कर रहे हैं कि वे वार्ड में विकास कार्य शुरू करें। उनका मानना है कि सभी वार्डों का समान विकास होना चाहिए और किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। यह मामला कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाता है। सबसे पहले, यह विकास की असमानता को उजागर करता है। कुछ वार्डों में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं, जबकि अन्य वार्डों में विकास की गति बहुत धीमी है। दूसरा, यह जातिगत भेदभाव का एक गंभीर मामला है, जो भारतीय संविधान के विरुद्ध है। नगर परिषद को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और पार्षद की मांगों पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें वार्ड में विकास कार्य शुरू करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। साथ ही, उन्हें जातिगत भेदभाव के आरोपों की जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यह मामला न केवल अमरपाटन के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक सबक है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी लोगों को समान अधिकार और अवसर मिलें, चाहे उनकी जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो।
Dakhal News
अमरपाटन: अमरपाटन थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर चौकी अंतर्गत एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जहां जगन्नाथ मंदिर के पास रहने वाले मोहन यादव के कच्चे मकान में भीषण आग लग गई। इस आग में परिवार की पूरी गृहस्थी और करीब 10 बकरियां जलकर राख हो गईं। जानकारी के मुताबिक, शॉर्ट सर्किट के कारण देर रात आग लग गई। जब तक परिवार के लोग आग पर काबू पाते, तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। कच्चे मकान होने के कारण आग तेजी से फैली और पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। घर में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। पीड़ित परिवार ने बताया कि वे सभी लोग दूसरे कमरे में सो रहे थे। जब उन्हें आग की लपटें दिखीं तो वे घर से बाहर निकल आए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आग ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया था कि कुछ बचा पाना संभव नहीं था। ग्रामीणों ने मिलकर आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। बताया जा रहा है कि इस घटना में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। प्रशासन की मदद: घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को राहत राशि देने की भी घोषणा की है। आग लगने के कारण: प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। हालांकि, पुलिस मामले की जांच कर रही है। कच्चे मकानों का खतरा: यह घटना एक बार फिर कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों के लिए खतरे की घंटी है। कच्चे मकान आग लगने की घटनाओं के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। ऐसे में लोगों को पक्के मकान बनाने की दिशा में प्रयास करने चाहिए। सुरक्षा के उपाय: घर में बिजली के उपकरणों का सही तरीके से उपयोग करें। घर में लकड़ी या अन्य ज्वलनशील पदार्थों को न रखें। घर में फायर एक्सटिंग्विशर रखें। आग लगने की स्थिति में तुरंत दमकल विभाग को सूचित करें। निष्कर्ष: यह घटना एक दुखद घटना है। इस घटना से हमें सतर्क रहने और आग से बचाव के उपायों को अपनाने की जरूरत है। प्रशासन को भी लोगों को जागरूक करने के लिए कदम उठाने चाहिए। मुख्य बिंदु: अमरपाटन थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर में भीषण आग मोहन यादव के कच्चे मकान में लगी आग परिवार की पूरी गृहस्थी और 10 बकरियां जलकर राख शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग प्रशासन ने पीड़ित परिवार को मदद का आश्वासन दिया
Dakhal News
ग्वालियर, 1 दिसंबर: ग्वालियर के जीवाजी क्लब में 1 दिसंबर को एक निशुल्क हृदय रोग शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राहुल अरोड़ा अपनी टीम के साथ हृदय रोगियों की जांच करेंगे। यह शिविर विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं या जिनमें इसका खतरा बढ़ सकता है। शिविर का आयोजन फेलिक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर शैलेंद्र सिंह राठौड़ के द्वारा किया गया है। शिविर का उद्देश्य और सेवाएंइस शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्वालियर में हृदय रोगों के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों को सही समय पर जांच और उपचार की सुविधा प्रदान करना है। शिविर में उपस्थित डॉक्टर राहुल अरोड़ा और उनकी टीम हृदय रोगियों की पूरी जांच करेंगे। शिविर में शामिल होने वाले लोगों के लिए ब्लड प्रेशर, शुगर और ईसीजी की जांच निशुल्क रखी गई है। दिल की बीमारियों से बढ़ती मौतों का खतराडॉक्टर शैलेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि, "आजकल की खराब जीवनशैली, अनियमित खानपान, तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण दिल की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यह केवल पुरुषों के लिए ही नहीं, बल्कि महिलाओं और युवाओं के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।" स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, दिल की बीमारियों के कारण हर साल देश में 28% मौतें होती हैं। यह आंकड़ा चिंताजनक है और इस समस्या से निपटने के लिए ऐसे शिविरों का आयोजन महत्वपूर्ण है। शिविर में भाग लेने के लिए प्रक्रियाशिविर में भाग लेने के लिए किसी प्रकार की पूर्व पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है। लोगों को सिर्फ शिविर स्थल पर पहुंचकर अपनी जांच करानी है। डॉक्टर राहुल अरोड़ा और उनकी टीम सभी हृदय रोगियों की निशुल्क जांच करेंगे और उन्हें उचित सलाह देंगे।
Dakhal News
सिंगरौली जिले में रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज एक और सड़क हादसे में दो लोग दुर्घटना का शिकार हुए, जिसमें से एक की मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दुर्घटना से जुड़ी घटनाओं की बढ़ती संख्या ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़ा कर दिया है। नागरिकों का कहना है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर गंभीरता से कदम नहीं उठा रहा है और समस्या का समाधान अब तक नहीं हो पाया है। हादसे की जानकारीहादसा कोतवाली थाना क्षेत्र के हिर्वाह इलाके में हुआ, जब तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं, बरगवां थाना क्षेत्र के तेलदह इलाके में एक और दर्दनाक हादसा हुआ, जब एक राखड़ वाहन ने एक व्यक्ति को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में उस व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने सड़क पर जाम लगा कर मुआवजे की मांग की। उनका आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रशासन पर सवालपरिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन इस समस्या पर ध्यान देता और सही कदम उठाता तो शायद यह हादसा टल सकता था। उनका मानना है कि सड़क निर्माण, सुधार और सही ट्रैफिक नियमों का पालन करने से इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। लेकिन नेताओं और अधिकारियों की नजर इस गंभीर समस्या पर नहीं जा रही है। सवाल यह उठता है कि जब सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है, तो क्या प्रशासन इस पर कार्रवाई करेगा और कब तक इस समस्या को नजरअंदाज किया जाएगा? सिंगरौली जिले के लोग अब इस मुद्दे पर प्रशासन से ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
Dakhal News
राज्य ब्यूरो, दखल भोपाल:- कुछ दिनों से बड़ी संख्या में मंत्रालयीन अधिकारियों, कर्मचारियों के मोबाइल नंबरों पर फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल आ रहे हैं। इनमें मोबाइल सेवाएं बंद कर देने अन्यथा कोई लिंक का उपयोग करने की बात कही जा रही है।मंत्रालय सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है और मामले में जांच कराने की मांग की है। जिन नंबरों पर उक्त कॉल आए हैं, उनकी सूची भी शासन को सौंपी गई है। शासन के पास सुरक्षित डाटा में सेंध लगना (यदि ऐसा हुआ है तो) गंभीर विषय है। उल्लेखनीय है कि ऐसे संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय कॉल केवल उन नंबरों पर आ रहे हैं जो नंबर सामान्य प्रशासन विभाग के पास रजिस्टर्ड हैं। जिन कर्मचारियों-अधिकारियों के पास एक से अधिक नंबर हैं, उनके केवल उस नंबर पर कॉल आए हैं जो नंबर शासन को दे रखा है। नायक ने कहा कि ऐसा संदेह होता है कि कहीं शासन के पास सुरक्षित अधिकारियों कर्मचारियों का डाटा फर्जीवाड़ा करने वालों को लीक तो नहीं हो गया है। प्रदेश में संगठित अपराध पर नियंत्रण और कार्रवाई के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में स्वीकृत बल के 25 प्रतिशत भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं हैं। यहां के लिए कुल 390 अधिकारी-कर्मचारियों के पद स्वीकृत किए गए थे, पर अभी मात्र 87 ही पदस्थ हैं। एसटीएफ में एक तो पहले से ही बल की कमी थी। उसमें भी पहले से पदस्थ कुछ कर्मचारी-अधिकारी जिनमें आरक्षक से लेकर उप पुलिस अधीक्षक तक शामिल हैं, दूसरी जगह चले गए। उनकी जगह नए बहुत कम आए। इस कारण 87 ही बचे हैं। बल कम होने का एक कारण यह भी है कि जिला पुलिस बल से कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर एसटीएफ में आने के इच्छुक भी नहीं हैं।बल कम होने से संगठित अपराधों में अपराधियों को पकड़ने, प्रकरण की विवेचना, विश्लेषण आदि काम प्रभावित हो रहे हैं। एसटीएफ के गठन से लेकर अब तक करीब 25 हजार अपराध पंजीकृत किए गए हैं। व्यापम फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ ने की थी। इसके बाद ड्रग्स तस्करी, अवैध हथियार, मापदंडों की अनदेखी कर बीएड कालेजों की मान्यता, सतना में शस्त्र लाइसेंस देने में गड़बड़ी जैसे मामले एसटीएफ के पास हैं। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यालय से लेकर सातों जोन में बल की कमी है।विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के तीन-तीन नए जोन और बन रहे हैं, परंतु बल कम होने के कारण एसटीएफ के नए जोन का गठन नहीं हो पा रहा है। यही स्थित ईओडब्ल्यू की है। यहां स्वीकृत बल की तुलना में 40 प्रतिशत स्टाफ ही है। इस कारण शिकायतों की जांच और अभियोजन में देरी होती है।
Dakhal News
ऑडी ने अपनी एक लग्जरी एसयूवी Audi Q7 का फेसलिफ्ट वर्शन भारत में लॉन्च कर दिया है। इस नई ऑडी Q7 में आकर्षक डिज़ाइन, नई फीचर्स और दमदार इंजन के साथ कई अपडेट्स हैं। इसकी शुरुआत एक्स-शोरूम कीमत ₹88.66 लाख से हो रही है। इस नई एसयूवी के डिज़ाइन में कई बदलाव किए गए हैं, जिनमें वर्टिकल क्रोम ग्रिल, अपग्रेडेड एचडी मैट्रिक्स एलईडी हैडलाइट्स, और नई 19-इंच एलॉय व्हील्स शामिल हैं, जो इसे और भी स्टाइलिश बनाते हैं। इसे कुल पांच रंगों में उपलब्ध किया गया है - सखिर गोल्ड, वेटोमो ब्लू, माइथॉस ब्लैक, समुराई ग्रे और ग्लेशियर व्हाइट। इंटीरियर्स की बात करें तो इसमें ऑल-ब्लैक थीम के साथ ब्लैक लेदर सीट अपहोल्स्ट्री, और दो कलर ऑप्शन, सीडर ब्राउन और सैगा बेज दिए गए हैं। इसके साथ ही 10.1-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, 12.3-इंच डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले और 19-स्पीकर बैंग एंड ओल्फसेन ऑडियो सिस्टम जैसे उन्नत फीचर्स भी शामिल हैं। पावर की बात करें तो इसमें 3.0-लीटर ट्विन-टर्बो V6 पेट्रोल इंजन है, जो 340 हॉर्सपावर और 500 Nm टॉर्क जनरेट करता है। यह एसयूवी सिर्फ 5.6 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है और इसकी टॉप स्पीड 250 किमी/घंटा है। ऑडी Q7 फेसलिफ्ट दो वेरिएंट्स में उपलब्ध है - प्रीमियम प्लस और टेक्नोलॉजी, जिनकी कीमत क्रमशः ₹88.66 लाख और ₹97.81 लाख (एक्स-शोरूम) है। इस लग्जरी एसयूवी का मुकाबला BMW X5, Mercedes GLE, और Volvo XC90 जैसी प्रीमियम एसयूवीज़ से है। ऑडी Q7 अपने स्टाइलिश लुक, दमदार इंजन और अत्याधुनिक फीचर्स के कारण इन सभी को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। कुल मिलाकर, नई ऑडी Q7 एक शानदार और प्रीमियम ड्राइविंग अनुभव देने के लिए बनी है, जो उन ग्राहकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो लक्जरी और परफॉर्मेंस दोनों चाहते हैं।
Dakhal News
छोला मंदिर थाना पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर उसके रिश्ते के देवर के खिलाफ घर में घुसकर ज्यादती करने का प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। छोला मंदिर थाना पुलिस के मुताबिक, क्षेत्र में रहने वाली 28 वर्षीय महिला गृहिणी है। उसका पति एक निजी फर्म में नौकरी करता है। महिला के घर के पास ही रहने वाला युवक रिश्ते में देवर लगता है। महिला ने शिकायत में पुलिस को बताया कि रोजाना की तरह 20 नवंबर को सुबह पति दफ्तर चले गए थे। दोपहर में देवर घर पहुंचा और डरा-धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म कर दिया। साथ ही घटना के बारे में किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी दे दी। भयभीत होने के कारण महिला ने घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। उधर देवर ने दोबारा संबंध बनाने के लिए दबाव बनाना शुरू किया तो महिला मानसिक रूप से परेशान हो गई। उसने पति को घटना की पूरी जानकारी दी और थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करा दी। रातीबड़ इलाके के बड़झिरी में एक युवक का शव पेड़ पर फंदे पर लटका मिला। शुरुआती जांच में पुलिस ने पाया है कि युवक मानसिक रूप से बीमार था। पुलिस के अनुसार 25 वर्षीय जगदीश सिंह बड़झिरी में अपने ताऊ के घर में मां और छोटी बहन के साथ रहता था। सोमवार को वह किसी काम से घर से निकला था, लेकिन देर रात तक नहीं पहुंचा। स्वजन ने उसकी आसपास खोजबीन भी की, लेकिन उसका पता नहीं चला। अगले दिन मंगलवार को जगदीश का शव घर के पीछे लगे आम के पेड़ पर मफलर से बनाए गए फंदे पर लटका मिला। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे फोरलेन पर ग्राम छोटी हरदा के पास हार्वेस्टर और ट्रक की भीषण टक्कर हो गई, जिसमें ट्रक सामने से क्षतिग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब 1 बजे इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे पर ग्राम छोटी हरदा के पास बैतूल की ओर से इंदौर की ओर जा रहे हार्वेस्टर ने चालक ने अचानक ब्रेक लगा दिया। इसी दौरान पीछे से तेज गति से आ रहे ट्रक क्रमांक एमपी 13 जेडपी 7357 हार्वेस्टर से टकरा गया। ट्रक का सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि दोनों वाहनों के चालक सुरक्षित हैं।
Dakhal News
बागसेवनिया इलाके में रहने वाले एक पुजारी से एजुकेशन काउंसलरों ने 20 लाख की धोखाधड़ी की है। उन्होंने पुजारी की बेटी को रूस की एक यूनिवर्सिटी से एमबीए करवाने के नाम पर 30 लाख रुपये ऐंठ लिए, लेकिन वहां सिर्फ 10 लाख ही जमा किए बाकि 20 लाख की राशि हड़प ली। पुजारी ने रुपयों की मांग की तो काउंसलरों ने धमकाना शुरू कर दिया। जिसके बाद उन्होंने बागसेवनिया पुलिस थाने पहुंचकर मामले की शिकायत की। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू की है। पुलिस के अनुसार राजबहादुर द्विवेदी रेलवे कालोनी में परिवार के साथ रहते हैं। उनकी बेटी एमबीबीएस करना चाहती थी, लेकिन उसका नीट में चयन नहीं हो सका था। जिसके बाद 2022 में राजबहादुर के परिचित एजुकेशन काउंसलर मो. नदीम खान और इरफान खान ने रूस की मारी यूनिवर्सिटी से उनकी बेटी को एमबीए करने की सलाह दी। उन्होंने एमबीए की पूरी पढ़ाई का खर्च 30 लाख रुपये बताया। राजबहादुर ने अलग-अलग किश्तों में उन्हें 30 लाख रुपये दिए, लेकिन नदीम और इरफान ने यूनिवर्सिटी में केवल 10 लाख रुपये ही जमा किए और बाकी 20 लाख हड़प लिए। यूनिवर्सिटी ने जब पुजारी और उनकी बेटी को फीस जमा करने का नोटिस दिया तब उन्हें धोखाधड़ी की जानकारी हुई। राजबहादुर ने एजुकेशन काउंसलरों से संपर्क कर फीस जमा करने की बात कही तो नदीम और इरफान ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया।
Dakhal News
मध्य प्रदेश में सक्रिय लगभग 75 नक्सलियों में 40 प्रतिशत महिलाएं हैं। यह जानकारी पुलिस की खुफिया रिपोर्ट में सामने आई है। ये सभी अलग-अलग समूह में पुरुषों के साथ काम कर रही हैं। यह भी पता चला है कि कुछ नक्सली प्रेमी-प्रेमिका की तरह रह रहे हैं। गांव के लोगों के साथ संवाद करने, उनकी समस्याएं जानने, पर्चा बांटने, लोगों को बरगलाने या किसी तरह की सहायता मांगने के लिए नक्सली महिलाओं को ही आगे करते हैं। महिलाएं गांव के लोगों के बीच आसानी से घुल-मिल जाती हैं। इससे उन्हें गांव में प्रशासनिक गतिविधियों की जानकारी भी मिलती रहती है। पुरुषों की तरह महिलाएं भी छत्तीसगढ़ या महाराष्ट्र से ही हैं। अधिकतर महिलाओं की उम्र 25 से 40 वर्ष की है। अभी तक ऐसा होता रहा कि नक्सली मुठभेड़ के दौरान अपने मांगों से जुड़ा पर्चा फेंक कर जाते थे। पिछले दिनों बालाघाट में हुई मुठभेड़ में उन्होंने ऐसा नहीं किया था। यह जरूर पता चला है कि इसके पहले कुछ गांवों में उन्होंने तेंदूपत्ता की राशि बढ़ाने, बांस कटाई की दर बढ़ाने और मजदूरी बढ़ाने के लिए पर्चे फेंके थे। गांव के लोगों का समर्थन पाने के लिए वह ऐसी मांग रखते हैं। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि हम उनकी मांग के हिसाब से नहीं बल्कि अन्य विभाग और एजेंसियों से मिलकर विकास की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देते रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र में संचार सुविधाएं बढ़ाने के लिए मोबाइल टावर का निर्माण, सड़क निर्माण, सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए विशेष शिविर लगाने का काम करते हैं। निजी कंपनियों से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) से भी काम कराए जा रहे हैं।
Dakhal News
छतरपुर जिले के कालापानी में नकली खाद की तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में एक ट्रक से 460 बोरी डीएपी जब्त की गई, जिसे जांच के बाद नकली पाया गया। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर तस्करी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। घटना का विवरणदेर रात प्रशासन को सूचना मिली कि एक ट्रक से नकली डीएपी खाद की तस्करी की जा रही है। एसडीएम अखिल राठौर और कृषि विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ट्रक को रोका और जांच की। जांच में पाया गया कि ट्रक में लाया गया डीएपी नकली था। यह खाद उत्तर प्रदेश से लाया गया था। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाईपुलिस ने इस मामले में नरेंद्र कुमार (अलीगढ़), प्रेमपाल जाट (अलीगढ़), सचिन गुप्ता, वीरेंद्र गुप्ता और पांडे बंधु सहित अन्य तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई ओरछा रोड थाने के अंतर्गत की गई। खाद की कमी और तस्करीछतरपुर में हाल के दिनों में खाद की कमी की समस्या बनी हुई है। ऐसे में नकली खाद की तस्करी का यह मामला किसानों के लिए और भी चिंता का विषय बन गया है। प्रशासन ने नकली खाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है और किसानों को सतर्क रहने की अपील की है। प्रशासन का सख्त रुखएसडीएम अखिल राठौर ने कहा कि नकली खाद की तस्करी से किसानों को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। कृषि विभाग ने भी किसानों को जागरूक करने और नकली खाद की पहचान करने में मदद करने का वादा किया है। इस छापेमारी ने नकली खाद के कारोबार पर कड़ा प्रहार किया है और प्रशासन की तत्परता का परिचय दिया है।
Dakhal News
खातेगांव के न्यायालय परिसर में संविधान दिवस के अवसर पर विधिक सेवा समिति द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया और उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षणकार्यक्रम में जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल और न्यायिक मजिस्ट्रेट राजू पन्द्रे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने विधिक साक्षरता शिविर के माध्यम से लोगों को कानूनी जानकारी दी और भारतीय संविधान के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। संविधान के प्रति जागरूकतासंविधान दिवस के इस आयोजन का उद्देश्य आम नागरिकों को भारतीय संविधान के प्रति जागरूक करना और इसके महत्व को समझाना था। इस दौरान संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया, जिससे संविधान में निहित मूलभूत अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाई गई। यह आयोजन संविधान के प्रति सम्मान प्रकट करने और लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का एक सफल प्रयास साबित हुआ।
Dakhal News
22 नवंबर को मध्य प्रदेश के देवास जिले के कन्नौद में हुए निसार अली के ब्लाइंड मर्डर का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में पता चला कि इस हत्या की साजिश निसार अली की पत्नी रुकसाना और बेटी सिमरन ने रची थी। मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें रुकसाना और सिमरन भी शामिल हैं। घटना का विवरणनिसार अली को उनके घर के सामने सतवास रोड पर अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मारी थी। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच का खुलासापुलिस ने महज चार दिनों में हत्या के आरोपियों का पता लगा लिया। तकनीकी साक्ष्यों और साइबर सेल की मदद से पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया 12 बोर का कट्टा, एक खाली खोखा और मोबाइल फोन बरामद किया है। घरेलू विवाद बना हत्या की वजहपुलिस के अनुसार, इस हत्या की मुख्य साजिशकर्ता निसार अली की पत्नी रुकसाना और बेटी सिमरन थीं। इसे घरेलू विवाद से जुड़ा मामला बताया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पारिवारिक कलह के चलते यह हत्या की गई। पुलिस और साइबर सेल की भूमिकाइस मामले को सुलझाने में कन्नौद थाना प्रभारी तहजीब काजी और उनकी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। साइबर सेल की सहायता से तकनीकी सबूत जुटाए गए, जो आरोपियों को पकड़ने में निर्णायक साबित हुए। यह घटना पारिवारिक विवादों के गंभीर परिणामों को उजागर करती है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की कुशलता का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
Dakhal News
रीवा: रीवा जिले में खाद वितरण केंद्रों पर भारी अव्यवस्था देखने को मिली है, जिससे किसान निराश होकर लौटने पर मजबूर हो गए हैं। कलेक्टर के आदेश के बावजूद रविवार को खाद वितरण केंद्र बंद मिले, जिससे किसानों को खाद प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों का कहना है कि कलेक्टर के आदेश के बाद उन्हें उम्मीद थी कि रविवार को भी खाद वितरण केंद्र खुले रहेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। खड्डा के शीतला प्रसाद पांडेय ने बताया कि वह 40 किलोमीटर दूर से आए थे, लेकिन केंद्र बंद होने के कारण उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा। मोहरवा के किसान विकास पांडेय ने भी बताया कि उन्होंने गांव से ऑटो बुक कर करहिया मंडी पहुंचे, लेकिन खाद वितरण केंद्र बंद मिला। रीवा के रितिक सिंह ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली थी कि कलेक्टर का आदेश है कि किसानों को खाद उपलब्ध करवाई जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, सहायक कर्मचारी रामभजन कुशवाहा ने बताया कि वह खाद वितरण केंद्र में सहायक कर्मचारी हैं और पर्चियों के अनुसार खाद वितरण करते हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को खाद वितरण नहीं हो रहा है और इस बारे में वरिष्ठ अधिकारी ही सही जानकारी दे सकते हैं। इस अव्यवस्था के कारण किसान भारी परेशानी में हैं और उनका यह सवाल है कि कलेक्टर के आदेश के बावजूद खाद वितरण केंद्र क्यों बंद थे, और किस कारण से उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है।
Dakhal News
लालकुआँ: सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल के स्थाई श्रमिकों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा निकालते हुए जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरू ने भी श्रमिकों का समर्थन किया और उनकी समस्याओं को उठाया। श्रमिकों ने बताया कि सेंचुरी मिल प्रबंधन ने फरवरी महीने में किए जाने वाले एग्रीमेंट को अब तक पूरा नहीं किया है, जिससे उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं। इस असंतोष के चलते श्रमिकों ने प्रबंधन के खिलाफ विरोध जताया और नारेबाजी की। श्रमिकों का कहना है कि सेंचुरी प्रबंधन और यूनियन के बीच मिलीभगत के कारण उनका लगातार शोषण हो रहा है। स्टाफ वर्ग के कर्मचारियों का सालाना वेतन ₹6,000 बढ़ा दिया गया है, जबकि स्थाई श्रमिकों का वेतन तीन वर्षों में केवल ₹3,700 बढ़ाया गया है, जो उनके मुताबिक पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। स्थाई श्रमिकों का कहना है कि वे सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं और उनकी जान को सबसे ज्यादा खतरा रहता है, फिर भी उन्हें सही वेतन और सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। स्थाई श्रमिकों ने चेतावनी दी है कि अगर 30 नवंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे एक विशाल प्रदर्शन करेंगे।
Dakhal News
सिंगरौली: सिंगरौली के सरई थाना प्रभारी शेष मणि पटेल के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए हैं। आरोप है कि वे मध्य प्रदेश शासन के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं और अपनी मनमर्जी से थाना संचालन कर रहे हैं। खासकर, शासन द्वारा प्रत्येक मंगलवार को निर्धारित जनसुनवाई के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे क्षेत्रवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, शेष मणि पटेल समय पर थाने नहीं पहुंचते, और मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में देरी होती है। यह भी बताया जा रहा है कि थाना क्षेत्र में अवैध ट्रैक्टरों का संचालन हो रहा है, जिनसे प्रतिदिन ₹3000 की वसूली की जा रही है। इन अवैध गतिविधियों के बारे में स्थानीय लोगों ने शिकायत की है, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब देखना होगा कि नवागत पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या उचित कार्रवाई होती है। इस स्थिति ने स्थानीय लोगों में असंतोष और आक्रोश पैदा किया है।
Dakhal News
युवती ने बताया कि गांव का शुभम उसे लंबे समय से परेशान कर रहा है। उसने यह बात अपने परिवार को बताई, इससे पहले भी उसके खिलाफ केस दर्ज करवा चुके हैं। लेकिन उसने थाने में आकर युवती के परिवार से समझौता कर लिया था। थाने में उसने कहा था कि अब मैं कभी परेशान नहीं करूंगा। गांव का होने के नाते हमने उस समय उसे माफ कर दिया था। युवती ने बताया कि गांव का शुभम उसे लंबे समय से परेशान कर रहा है। उसने यह बात अपने परिवार को बताई, इससे पहले भी उसके खिलाफ केस दर्ज करवा चुके हैं। लेकिन उसने थाने में आकर युवती के परिवार से समझौता कर लिया था। थाने में उसने कहा था कि अब मैं कभी परेशान नहीं करूंगा। गांव का होने के नाते हमने उस समय उसे माफ कर दिया था। युवती के अनुसार उसकी मंगनी 12 अप्रैल को हुई थी। उसके बाद से शुभम उसे ज्यादा परेशान करने लगा। फोन पर धमकियां देता है। उसके फोटो सोशल मीडिया पर डाल रहा है। रात में कभी भी फोन लगाकर घर वालों को भी धमकाता है। युवती की शादी फरवरी माह में होना है। उसे अब डर सताने लगा है कि शुभम की इन हरकतों के कारण शादी में खलल न पड़ जाए। वो साफ तौर पर कह रहा है कि तेरी शादी नहीं होने दूंगा। युवती के मंगेतर को भी जान से मारने की धमकी दे रहा है। युवती की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपित मोबाइल पर युवती को धमकियां दे रहा है। आरोपित की तलाश जारी है। फिलहाल वो गांव में नहीं है। जल्द ही उसे गिरफ्तार करेंगे। - राधेश्याम मालवीय, जांच अधिकारी, थाना मूंदी
Dakhal News
बुरहानपुर: बुरहानपुर जिले का जंबूपानी गांव अब एक नई पहचान बना चुका है। यह आदिवासी बाहुल्य गांव ऐसा पहला गांव बन गया है, जहां ना कोई शराब बेचता है और ना ही इसका सेवन करता है। पंचायत ने शराब बिक्री पर 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है, जिससे गांव में शराब का कारोबार समाप्त करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है। कुछ समय पहले तक, जंबूपानी ग्राम पंचायत के अधिकांश गांवों में कच्ची शराब बनाने का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा था। खासकर महुआ से कच्ची शराब बनाई जाती थी, और अवैध रूप से विदेशी शराब की बिक्री भी हो रही थी। इस स्थिति को बदलने के लिए पंचायत ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। पंचायत ने शराब कारोबार में लिप्त लोगों के घरों की तलाशी ली और शराब बनाने के लिए रखे गए महुआ और अन्य सामान को नष्ट कर दिया। इसके साथ ही, सभी शराब बनाने वालों को चेतावनी दी गई कि यदि भविष्य में कोई शराब बनाता या बेचता हुआ पाया गया, तो उस पर 21 हजार रुपये का जुर्माना और पुलिस कार्रवाई की जाएगी। इस निर्णय के बाद गांव की महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनका कहना है कि अब परिवार में शराब के कारण होने वाले विवादों में कमी आई है, जिससे पारिवारिक जीवन में सुधार हुआ है। इस पूरे मामले पर शाहपुर थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने सरपंच लाल सिंह पटेल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि "यह कदम न केवल शराब के अवैध कारोबार को समाप्त करने में मदद करेगा, बल्कि यह नशामुक्ति के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहल है।" पुलिस विभाग ने नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान भी चलाया है, जिससे गांव के लोग नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। जंबूपानी गांव की यह पहल अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन सकती है, जिससे समाज में शराब की समस्या को खत्म करने में मदद मिलेगी।
Dakhal News
सूर्यनगरी: मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज सूर्यनगरी बालाजी धाम में भगवान सूर्य के दर्शन किए। इस अवसर पर उन्होंने महाराष्ट्र चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे "एक रहेंगे, सेफ रहेंगे" को जीत का आधार बताया। डॉ मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा की जीत उन लोगों के लिए एक सख्त संदेश है जो बाटने वाले और तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा, "यह जीत एकता और सुरक्षा की जीत है," और यह दर्शाती है कि जनता एकजुटता और विकास के मार्ग को पसंद कर रही है। मिश्रा ने इस जीत को एक नई शुरुआत के रूप में देखा और आशा जताई कि यह न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में सकारात्मक बदलाव लाएगी। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को भी इस सफलता के लिए बधाई दी और आगामी चुनावों में और अधिक मेहनत करने का आह्वान किया। डॉ नरोत्तम मिश्रा का यह दौरा उनके धार्मिक आस्था के साथ-साथ राजनीतिक दृष्टिकोण को भी दर्शाता है, जहां उन्होंने एकता और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए भाजपा की नीतियों को बढ़ावा दिया।
Dakhal News
मध्यप्रदेश में तेज रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। ताजा मामला शाजापुर जिले से सामने आया है, जहां एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए हैं। घायलों को सारंगपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, कार सवार लोग भोपाल से आगर की ओर जा रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। सड़क हादसे की सूचना मिलने के बाद, 108 एंबुलेंस की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे में कार के चालक की मौत हो गई, जबकि अन्य घायल व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार के बाद सारंगपुर से शाजापुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। यह हादसा तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण हुआ, जिससे एक व्यक्ति की जान चली गई और अन्य घायल हुए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
Dakhal News
मध्यप्रदेश सरकार जहां स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक मध्याह्न भोजन देने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं देवास जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सतवास के शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को दूषित भोजन परोसा जा रहा है। यह मामला कई दिनों से चल रहा है और बार-बार शिकायतें की जाने के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बच्चों ने बताया कि भोजन में बाल और कीड़े निकलते हैं। इसके अलावा, बच्चों का यह भी कहना है कि भोजन परोसने वाले लोग पाउच खाकर भोजन परोसते हैं, जिससे साफ-सफाई पर सवाल उठते हैं। विद्यालय के स्टाफ ने भी इसकी पुष्टि की है और बताया कि कई बार घटिया भोजन दिया जा रहा है, जिसमें रोटी-चावल कच्चे आते हैं और मेन्यू के अनुसार भोजन भी नहीं दिया जा रहा है। इंस्पेक्शन के दौरान जांच दल ने पाया कि चावल कच्चे थे और कड़ी में बदबू आ रही थी। इसके बाद, जिला पंचायत सीईओ ने दूषित भोजन के सैंपल को जांच के लिए भेजने का आदेश दिया है। वहीं, पालकों और पार्षदों ने चेतावनी दी है कि यदि सीईओ ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो वे मंगलवार को जनसुनवाई में जाकर अपनी शिकायत जिलाधीश महोदय के सामने रखेंगे।
Dakhal News
इंदौर के संकट मोचन हनुमान मंदिर, छोटा अखाड़ा में 26 नवंबर से श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। इस कथा का समापन 3 दिसंबर को विशाल भंडारे के साथ होगा। इस धार्मिक आयोजन की शुरुआत 26 नवंबर को भव्य कलश यात्रा के साथ होगी, जो शहर के विभिन्न सिद्ध स्थलों से होती हुई हनुमान मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद, श्रीमद भागवत कथा का उद्घाटन होगा। 2 दिसंबर को विशेष हवन पूजन के साथ आस्था के साथ कार्यक्रम की आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कार्यक्रम की सम्पूर्ण जानकारी संकट मोचन हनुमान मंदिर के महंत पूज्य गंगा शरण महाराज ने प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस धार्मिक आयोजन का उद्देश्य भगवान श्रीराम और भगवान कृष्ण के उपदेशों को जन-जन तक पहुँचाना है। साथ ही, यह आयोजन मंदिर के श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आस्था और धार्मिक समागम होगा। 3 दिसंबर को कथा के समापन के बाद एक विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।
Dakhal News
अज्ञात व्यक्ति ने 45 वर्षीय दुकान संचालक को गोली मारकर हत्या कर दी जिसके बाद घटनास्थल पर भीड़ लग गई पुलिस घटना की जांच में जुटी हुई है हत्यारा मौके से फरार हो गया देवास जिले के कन्नौद में एक इलेक्ट्रिक वर्कशॉप के संचालक को अज्ञात व्यक्ति ने गोली मार दी जिसके बाद परिजनों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया घटना के बाद मृतक के निवास और अस्पताल के बाहर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई मृतक की पहचान निसार अली के रूप में हुई है...निसार अली के परिजनों ने पुलिस को घटना की सूचना दी जिसके बाद कन्नौद थाना प्रभारी ने मामले की प्रारंभिक जांच की पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली रही है.
Dakhal News
रानी माजरा: जबकि सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षा को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है, वहीं रानी माजरा गांव के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं। यहां छात्राओं से नॉनवेज भोजन बनवाने के साथ-साथ उन्हें झूठे बर्तन भी धुलवाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की सच्चाई सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक वीडियो में छात्राएं चिकन को साफ करते हुए नजर आ रही हैं। जब दखल न्यूज की टीम ने इस मामले की पड़ताल के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का दौरा किया, तो वहां की वास्तविकता सामने आई। छात्राओं ने कैमरे के सामने अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि उन्हें विद्यालय में नॉनवेज भोजन बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, साथ ही उनसे बर्तन भी धुलवाए जा रहे हैं। वार्डन का बयान जब वायरल वीडियो पर विद्यालय की वार्डन तन्नू चौहान से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने शुरू में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। बाद में कैमरे से बचते हुए उन्होंने कहा कि उनके विद्यालय में कोई चिकन नहीं बना, बल्कि पहले से बना हुआ चिकन मंगाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि यहां सिर्फ चिकन को गर्म किया गया है, जिसे वीडियो में देखा जा सकता है। वार्डन का कहना था कि बच्चों ने चिकन खाने के लिए कहा था, जिस पर उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी से अनुमति ली थी। छात्राओं की परेशानियां हालांकि, छात्राओं ने अपनी सच्चाई बताने की कोशिश की, लेकिन वार्डन ने उन्हें कैमरे के सामने से हटा दिया और कुछ भी बोलने से मना कर दिया। यह घटनाक्रम स्कूल के बदहाल हालात और छात्राओं की परेशानियों को उजागर करता है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर करने के सरकार के दावों के बीच इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। छात्राओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
Dakhal News
दतिया: दतिया में चोरों ने एक बार फिर से पुलिस को चुनौती देते हुए चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। पुलिस की गश्त के बावजूद चोरों के हौसले बुलंद हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में डर और चिंता फैल गई है। रातभर चली चोरी की घटनाएं बीती रात दतिया के बडोनी नगर पंचायत में चोरों ने डॉक्टर के क्लिनिक, मेडिकल स्टोर, और कीटनाशक तथा खाद की दुकानों के ताले तोड़ दिए। सूचना मिलते ही बडोनी पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल की जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस ने एक अज्ञात पल्सर बाइक भी जब्त की, जो चोरों द्वारा उपयोग की गई हो सकती है। स्थानीय लोगों की चिंताएं स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुलिस गश्त में लापरवाही बरत रही है, जिसके कारण चोरों को खुली छूट मिल रही है। लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि वे अपनी गश्त को सख्त करें और चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाएं। दतिया में बढ़ती चोरी की घटनाएं न केवल पुलिस की कार्यक्षमता पर सवाल उठाती हैं, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा को भी चुनौती देती हैं। पुलिस प्रशासन को इस समस्या का समाधान करने के लिए जल्द ही कार्रवाई करनी होगी, ताकि स्थानीय लोगों का भरोसा पुनः स्थापित हो सके।
Dakhal News
हिरखेड़ी में बुधवार रात एक महिला ने जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की। महिला को सूदखोर प्रताड़ित कर रहा था। 15 प्रतिशत ब्याज की मांग कर महिला और उसके बेटे को धमकाता था। बेटे के नाम से मोबाइल, एसी और वाटर प्यूरीफायर फायनेंस करवा लिए थे। द्वारकापुरी पुलिस के मुताबिक सुनंदा देवकुमार पाटिल ने बताया कि 3 महीने पहले छावनी के निलेश सिलावट से 3 लाख रुपये उधार लिए थे। कर्जा देते समय तय हुआ था कि 5 प्रतिशत ब्याज लेगा। एक महीने बाद ही निलेश ने 15 प्रतिशत ब्याज कर दिया। उन्होंने आगे जानकारी दि कि हमने जैसे-तैसे एक लाख रुपये की व्यवस्था करवा दी। निलेश ने धमका कर मेरे बेटे विवेक के नाम से एसी, प्यूरीफायर और मोबाइल फायनेंस करवा लिया। पिछले महीने निलेश बदमाशों के साथ घर पहुंचा। उसने गुंडागर्दी करते हुए जबरदस्ती मकान की लिखापढ़ी अपने नाम से करवा ली। सूदखोर निलेश की इस प्रताड़ना से तंग आकर सुनंदा ने जहरीला पदार्थ खा लिया। महिला को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
Dakhal News
भोपाल में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) का 76वां स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से शौर्य स्मारक पर मनाया गया। इस खास मौके पर भारत माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और सलामी दी गई, जिससे कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मंत्री ने बच्चों से किया संवाद कार्यक्रम के दौरान, प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने NCC कैडेट्स को संबोधित करते हुए उनके योगदान और मेहनत की सराहना की। मंत्री ने कहा कि ये बच्चे बहुत भाग्यशाली हैं, क्योंकि उन्हें अपने माता-पिता और समाज का भरपूर सहयोग मिल रहा है। उनका मानना था कि इन बच्चों का NCC में भाग लेना उनके लिए एक अद्वितीय अनुभव है, जो उन्हें जीवन में नई दिशा और साहस देता है। रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भोपाल में आयोजित इस कार्यक्रम में कई आकर्षक और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जो उपस्थित दर्शकों का मन मोह गए। इनमें गार्ड ऑफ ऑनर, समूह गान, बैंड प्रदर्शन और NCC गीत जैसे कार्यक्रम शामिल थे। इन आयोजनों ने न केवल NCC कैडेट्स की शारीरिक और मानसिक दृढ़ता को दर्शाया, बल्कि उनके संस्कार, कर्तव्यनिष्ठा और समाज के प्रति योगदान को भी उजागर किया। NCC का महत्व और बच्चों के प्रति सम्मान मंत्री उदय प्रताप सिंह ने आगे कहा कि NCC कार्यक्रम बच्चों को अनुशासन, एकता और राष्ट्र सेवा की भावना से लैस करता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्लेटफॉर्म बच्चों को अपने हुनर को निखारने का अवसर देता है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए उन्हें प्रेरित करता है।
Dakhal News
हल्द्वानी में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स), पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने मिलकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने कमलुवागांजा गणपति विहार इलाके में छापेमारी कर नकली शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया और एक तस्कर को गिरफ्तार किया। मुखबिर की सूचना पर छापेमारी मुखबिर की सूचना पर पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने गणपति विहार के एक घर में छापेमारी की। यहां से नकली शराब बनाने का सामान और बड़ी मात्रा में नकली शराब बरामद की गई। टीम ने मौके से एल्कोमीटर, होलोग्राम, और अन्य सामग्री जब्त की, जो नकली शराब तैयार करने में उपयोग की जाती थीं। गिरफ्तार आरोपी की पहचान इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान विशाल मंडल के रूप में हुई है। आरोपी पहले भी ऐसे मामलों में संलिप्त रहा है और जेल जा चुका है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है। एसटीएफ और पुलिस की बड़ी सफलता यह छापेमारी एसटीएफ और पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि नकली शराब का कारोबार इलाके में एक गंभीर समस्या बन चुका था। नकली शराब की बिक्री से न केवल स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह अवैध व्यापार संगठित अपराधों को भी बढ़ावा देता है। आगे की कार्रवाई आबकारी विभाग और पुलिस ने यह भी बताया कि वे इस अवैध कारोबार से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह के कारोबार को जड़ से समाप्त किया जाए। विभाग अब यह पता लगाने में जुटा हुआ है कि यह नकली शराब किस तरीके से बाजार में सप्लाई की जा रही थी, और इस गैंग के अन्य सदस्य कौन-कौन हो सकते हैं।
Dakhal News
मऊगंज, रीवा में अतिक्रमण हटाने को लेकर एक बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया। भाजपा विधायक प्रदीप पटेल अपने कार्यकर्ताओं के साथ जेसीबी मशीन लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंचे, लेकिन जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, माहौल हिंसक हो गया। दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी और नारेबाजी होने से तीन लोग घायल हो गए। घटना का विवरण मऊगंज के खटखरी चौकी क्षेत्र स्थित देवरा महादेव मंदिर के पास जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने अपनी टीम के साथ खुद कार्रवाई की। इस दौरान विशेष समुदाय के लोगों के साथ संघर्ष हुआ, जिसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर बड़ी संख्या में बल तैनात किया। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई कलेक्टर अजय श्रीवास्तव और एसपी रचना ठाकुर ने मौके पर पहुंचकर हालात को संभालने की कोशिश की और धारा 163 लागू कर दी। प्रशासन का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया नियमानुसार ही चलेगी, लेकिन भाजपा विधायक प्रदीप पटेल तत्काल कार्रवाई पर अड़े हुए थे। इसके बाद पुलिस ने विधायक को जबरन वाहन में बैठाकर मऊगंज भेज दिया। स्थिति घटनास्थल पर स्थिति तनावपूर्ण बनी रही, लेकिन पुलिस ने समय रहते नियंत्रण स्थापित किया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
Dakhal News
भोपाल में एक व्यक्ति को फर्जी पुलिसकर्मी बनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी का नाम आनंद सेन है, जिसे पुलिस ने एमपी नगर थाने में पकड़ा। कोर्ट में पेश किए जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। घटना का विवरण आनंद सेन पर आरोप है कि वह नकली पुलिसकर्मी बनकर शहर में घूम रहा था और लोगों को डरा-धमका कर पैसे की मांग करता था। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने इस मामले की जांच की पुष्टि की और बताया कि आरोपी ने खुद कबूल किया है कि वह असल में फर्जी पुलिस वाला था। जानकारी के अनुसार, छतरपुर में भी इस आरोपी के खिलाफ शिकायतें आई थीं, जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की। आरोपी के पास मिलीं कई पुलिस वर्दियां आरोपी के पास कई पुलिस वर्दियां मिली हैं, जिससे उसकी नकल करने की कोशिश और भी स्पष्ट हो गई है। वह अक्सर पुलिस की गाड़ी देखकर उसके आसपास खड़ा होकर फोटो खिंचवाता था और लोगों को यह बताकर धमकाता था कि वह पुलिसकर्मी है। इसके बाद वह उनसे पैसे की मांग करता था। पुलिस अब आरोपी के खातों की जांच भी कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने और कौन-कौन से अपराध किए हैं। आरोपी अशोका गार्डन क्षेत्र में रह रहा था, और उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। यह मामला पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था की अहमियत को उजागर करता है, जहां एक व्यक्ति ने फर्जी तरीके से पुलिस की वर्दी पहनकर आम जनता को परेशान किया।
Dakhal News
भोपाल पुलिस ने एक साइबर ठगी के गैंग के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों को जेल भेज दिया गया है, और गैंग के सरगना शशिकांत कुमार उर्फ मनीष को 20 नवंबर तक रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस के मुताबिक, उसके मोबाइल से कई संदिग्ध ऐप्स मिले हैं, जिनका इस्तेमाल अपराध में किया जाता था। पूछताछ में आरोपियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस कमिश्नर का बयान भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि यह गिरोह फर्जी तरीके से बैंक खाते खोलकर उन्हें बेचता था और साइबर ठगी करता था। आरोपी सबसे पहले नाबालिग लड़के-लड़कियों के आधार कार्ड हासिल करते थे। फिर इन्हें एडिट कर उनकी तस्वीरें बदलते थे और उम्र बढ़ाकर लिख देते थे। इसके बाद इन फर्जी आधार कार्डों की मदद से पैन कार्ड बनवाया जाता था। इस पैन कार्ड और आधार कार्ड का इस्तेमाल करके आरोपी बैंक खाते खुलवाते थे। गिरोह की गतिविधियाँ गिरोह के सात आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। ये आरोपियों का गिरोह बिहार का अंतरराज्यीय नेटवर्क है, जो भोपाल में किराए के मकान पर रहकर फर्जी दस्तावेज बनाते थे। पुलिस ने इब्राहिमपुरा में एक कमरे में कॉल सेंटर भी पकड़ा, जहां से ये लोग दस्तावेज तैयार करते थे। फर्जी दस्तावेज बनाने का नेटवर्क पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने देश के छह अलग-अलग शहरों में फर्जी दस्तावेज बनाने का काम किया। इनमें इंदौर, भोपाल, लखनऊ, मुंबई, अहमदाबाद जैसे बड़े शहर शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से कई संदिग्ध दस्तावेज और उपकरण भी बरामद किए हैं। यह गिरफ्तारी साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, और पुलिस को उम्मीद है कि इससे देशभर में साइबर ठगी के मामलों में कमी आएगी।
Dakhal News
मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर बड़े दावे कर रही है, लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। रीवा शहर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शिक्षक शराब के नशे में स्कूल पहुंचे और टीम द्वारा जांच के दौरान सोते हुए पाए गए। जांच टीम को शराब के नशे में मिला शिक्षक रीवा के प्राथमिक पाठशाला पोखरी टोला में जांच के दौरान शिक्षक रमाकांत वर्मा शराब के नशे में सोते हुए मिले। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें छात्र भी आरोप लगा रहे हैं कि शिक्षक पढ़ाने के बजाय क्लास में सोते रहते हैं। शहर के स्कूल में ऐसे हाल, तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या होगा? यह घटना शहर के बीचों-बीच स्थित सरकारी स्कूल की है, जो शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाती है। अगर शहर के स्कूल में ऐसी स्थिति है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का हाल क्या होगा, इस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
Dakhal News
आष्टा क्षेत्र के किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है, जिससे वे परेशान हैं। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग ने इस साल रामपुरा डैम की नहर से केवल दो बार पानी छोड़ा जाएगा, जो उनकी फसलों के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके परिणामस्वरूप किसानों की फसल सूखने का खतरा है। कर्ज लेकर खरीदी थी बीज, अब संकट में किसान किसानों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर गेहूं और चना की बुवाई के लिए बीज खरीदा था, लेकिन सिंचाई के लिए पानी न मिलने से उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है। रामपुरा डैम में पर्याप्त पानी होने के बावजूद फसलों के लिए पानी नहीं छोड़ा जा रहा, जिससे किसानों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। किसानों का मुख्यमंत्री से समाधान की मांग इस समस्या को लेकर क्षेत्र के किसान भारी संख्या में रामपुरा डैम पहुंचे और ‘हमारा हक हम लेकर रहेंगे’ जैसे नारे लगाए। किसानों ने यह भी बताया कि वे मंगलवार को जनसुनवाई में मुख्यमंत्री के पास अपनी समस्या का समाधान मांगने के लिए पहुंचेंगे।
Dakhal News
खजुराहो में पश्चिमी मंदिर समूह के स्मारकों की साइड सीन करते समय एक विदेशी पर्यटक को अचानक हार्ट अटैक आ गया। 59 वर्षीय पोलिश नागरिक पीटर डिजिकन, जो टूरिस्ट ग्रुप के साथ खजुराहो आया था, लक्ष्मण टेम्पल परिसर में चक्कर खाकर गिर गया और बेहोश हो गया। तत्काल इलाज और अस्पताल रेफर घटना के बाद, पीटर को तुरंत ई-रिक्शा से एग्जिट गेट पर लाया गया, जहां से उसे एंबुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खजुराहो पहुंचाया गया। यहां डॉक्टरों ने त्वरित प्राथमिक उपचार दिया और उसे गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय छतरपुर रेफर कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, पीटर को हार्ट अटैक आया था और उसे पहले से कई बीमारियां थीं। खजुराहो पहुंचने पर पीटर का ब्लड प्रेशर बहुत कम था और उसे सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी। इलाज जारी अभी बीमार पर्यटक का इलाज जारी है, और डॉक्टरों की टीम उसकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
Dakhal News
भोपाल के गुलाब उद्यान में बोनसाई एसोसिएशन द्वारा तीन दिवसीय बोनसाई प्रदर्शनी और कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस अनूठी प्रदर्शनी में 400 से अधिक बोनसाई पौधों की सुंदर और आकर्षक कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बोनसाई केवल पौधों की कला नहीं है, बल्कि यह प्रकृति से जोड़कर नई कलाकृतियां सृजित करने का प्रतीक है। मंत्री ने बोनसाई को सृजन का संदेश देने वाला और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को प्रेरित करने वाला बताया। कार्यशाला में देश-विदेश के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिनमें इंडोनेशिया के ययात हिदायत और अधित्य आजी पमुनगकास, नई दिल्ली के सौमिक दास, बेंगलुरु की अनुपमा वडेचला, और हैदराबाद के गोविंद राज शामिल थे। इन विशेषज्ञों ने बोनसाई की बारीकियों और तकनीकों को साझा किया।
Dakhal News
छतरपुर में पुलिस और प्रशासन ने खाद की कालाबाजारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईशानगर में एक व्यापारी के गोदाम पर छापा मारकर 1500 बोरी अवैध खाद बरामद की गई। एसडीएम की टीम ने मौके पर पहुंचकर गोदाम को सील कर दिया। यह खाद ब्लैक में बेचने के लिए जमा की गई थी। छतरपुर में खाद की कालाबाजारी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा घटना में ईशानगर के व्यापारी संतोष अग्रवाल के गोदाम पर पुलिस प्रशासन ने छापा मारा, जहां से 1500 बोरी अवैध खाद बरामद हुई। व्यापारी के पास खाद बेचने का कोई लाइसेंस नहीं था। एसडीएम अखिल राठौर ने मौके पर पहुंचकर गोदाम की जांच की और उसे सील कर दिया। यह सवाल उठता है कि जब किसान खाद की बोरी के लिए परेशान हैं, तो व्यापारी इतनी बड़ी मात्रा में खाद का भंडारण कैसे कर रहा था? और यह खाद आखिरकार कहां से आई?
Dakhal News
छतरपुर में शराब के नशे में धुत एक महिला ने कलेक्टर बंगले के सामने जमकर हंगामा किया। उसने सड़क पर गाड़ियों को रोकने, गाली-गलौज करने और तमाशा करने जैसी हरकतें की, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। महिला की हरकतों से सड़क पर अफरा-तफरी फैल गई। सूचना मिलने पर सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन महिला इतनी नशे में थी कि उसे संभालना मुश्किल हो गया। अंततः पुलिस ने थाने की टीम को बुलाया, जिसने महिला को टीआई की गाड़ी में बैठाकर वहां से ले जाया। महिला को जिला अस्पताल लाया गया, जहां मेडिकल परीक्षण के दौरान भी उसने डॉक्टरों और नर्सों को परेशान करना जारी रखा। एक घंटे तक चले इस हाईवोल्टेज ड्रामे ने पूरे शहर में हलचल मचा दी।
Dakhal News
मैहर में खाद की कालाबाजारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए खाद विभाग की टीम ने दो दुकानों से 700 बोरे अवैध खाद जब्त किए। इस कार्रवाई के बाद से दोनों दुकानों के मालिक फरार हो गए हैं। अवैध व्यापार पर कार्रवाई मैहर में लंबे समय से खाद की कमी की शिकायतें मिल रही थीं। प्रशासन को किसानों से लगातार खाद की कालाबाजारी की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इन शिकायतों के आधार पर खाद विभाग ने पवन ट्रेडर्स और न्यू चंचल ट्रेडर्स पर छापा मारा। मैहर रेस्ट हाउस के पास स्थित इन दुकानों से 700 बोरे अवैध खाद बरामद किए गए। इस कार्रवाई के दौरान पाया गया कि दुकानदार बिना वैध प्रक्रिया के अधिक कीमत पर खाद बेचने की कोशिश कर रहे थे। किसान की शिकायत बनी कार्रवाई का आधार एक किसान ने शिकायत की थी कि पवन ट्रेडर्स ने उससे 1500 रुपए प्रति बोरे के हिसाब से तीन बोरे का पैसा ले लिया, लेकिन खाद देने में आनाकानी कर रहा था। इस शिकायत के बाद खाद विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से संग्रहित खाद जब्त की। दुकानदार फरार, जांच जारी कार्रवाई के बाद पवन ट्रेडर्स और न्यू चंचल ट्रेडर्स के मालिक फरार हो गए। पुलिस और प्रशासन अब इन दुकानदारों की तलाश कर रहे हैं। खाद विभाग यह भी जांच कर रहा है कि इस अवैध व्यापार में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। किसानों को राहत की उम्मीद मैहर में इस कार्रवाई के बाद किसानों को उम्मीद है कि खाद की किल्लत पर जल्द काबू पाया जाएगा। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे अवैध गतिविधियों की सूचना तुरंत विभाग को दें। यह कार्रवाई मैहर में खाद की कालाबाजारी पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और किसानों के हितों की रक्षा के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है।
Dakhal News
रीवा जिले में नशे के बढ़ते कारोबार पर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बैकुंठपुर क्षेत्र से 19 वर्षीय युवती को 146 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया है। युवती से पूछताछ के दौरान नशे की तस्करी से जुड़े अन्य पहलुओं का खुलासा करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस की कार्रवाई और जब्ती बैकुंठपुर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर युवती को रिमांड पर लिया है। एसडीओपी सिरमौर उमेश प्रजापति के अनुसार, जब्त ब्राउन शुगर और अन्य नशीले पदार्थों की कीमत करीब 4 लाख 39 हजार रुपए आंकी गई है। युवती के पास से अन्य नशीला पदार्थ भी बरामद हुआ है, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। साथियों की तलाश जारी इस मामले में पकड़ी गई युवती सोनम तिवारी के दो साथी मौके से फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है और नशे के इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए प्रयासरत है। रीवा में बढ़ता नशे का खतरा रीवा में कोरेक्स, गांजे के बाद अब ब्राउन शुगर और अन्य ड्रग्स का नशा भी तेजी से पैर पसार रहा है। खासकर ग्रामीण इलाकों में यह युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। इस मामले ने नशे के अवैध कारोबार को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। पुलिस की सख्ती और अपील पुलिस ने नशे के इस बढ़ते खतरे पर कार्रवाई तेज कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि नशे के इस जाल को तोड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। यह घटना रीवा में नशे के अवैध कारोबार के तेजी से बढ़ते प्रभाव को उजागर करती है और इस पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
Dakhal News
छतरपुर जिले के बिजावर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एयरगन से निकला छर्रा 16 वर्षीय नाबालिग की जान ले गया। यह घटना बिजावर के जेल मोहल्ला में तालाब किनारे हुई, जहां दो युवक बगुलों का शिकार करने गए थे। बगुलों का शिकार बना नाबालिग तालाब के किनारे बैठे दो युवक एयरगन से बगुलों को मारने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान उनकी एयरगन से निकला छर्रा पास में बैठे एक नाबालिग के पेट में जा लगा। गंभीर रूप से घायल नाबालिग को तुरंत बिजावर के उप-स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन प्राथमिक इलाज के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सही इलाज के अभाव में मौत जिला अस्पताल से भी नाबालिग को एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। इस दौरान लगभग पांच घंटे तक उसे सही इलाज नहीं मिल सका, जिससे उसकी हालत बिगड़ती गई और अंततः उसकी मौत हो गई। पुलिस जांच में जुटी घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि घटना महज एक हादसा थी या इसमें किसी प्रकार की लापरवाही भी शामिल थी। परिवार में शोक की लहर इस घटना से मृतक के परिवार और इलाके में शोक का माहौल है। एक मासूम की जान जाने से लोग गहरे सदमे में हैं और इस घटना ने सुरक्षा उपायों और लापरवाह शिकार की ओर ध्यान आकर्षित किया है। यह हादसा असावधानी और लापरवाही के परिणामों को उजागर करता है और सभी के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि ऐसी गतिविधियों में अधिक सतर्कता बरती जाए।
Dakhal News
जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दिन को खास बनाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। बिरसा मुंडा जयंती पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनजातीय गौरव दिवस मनाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ बिहार-झारखंड की धरती पर खड़े होकर हमारे समाज का प्रबल प्रतिरोध स्थापित किया। उनके नेतृत्व में आदिवासी अंचल से जो आंदोलन शुरू हुआ, उसने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भगवान बिरसा मुंडा अपने संघर्षों के कारण जीते जी भगवान का दर्जा प्राप्त कर गए। ऐसे महान नेता की जयंती को मध्यप्रदेश सरकार भी श्रद्धा और गौरव के साथ मना रही है।
Dakhal News
महाराजा छत्रसाल रेलवे स्टेशन की पार्किंग का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में ठेकेदार एक युवक के साथ मारपीट करते नजर आ रहा है। छतरपुर में ठेकेदार की गुंडागर्दी का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो महाराजा छत्रसाल रेलवे स्टेशन की पार्किंग का बताया जा रहा है। वीडियो में ठेकेदार रिक्शा चालक चालक के साथ मारपीट करते नजर आ रहा है। दरअसल पूरा मामला यह है कि- ई रिक्शा चालक ने पार्किंग के दौरान ठेकेदार से सही रसीद मांग ली। जिससे ठेकेदार ने गुस्से में आकर ई रिक्शा चालक को बेरहमी से मारपीट की। यह मामला सिविल लाईन थाना का है।
Dakhal News
दतिया: बदलते मौसम में संक्रमित बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। इस कड़ी में, दतिया जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उनाव बालाजी में कोविड मॉकड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने की संक्रमण रोकने की तैयारीइस मॉकड्रिल में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कोविड संक्रमित व्यक्ति को उपचार देने की प्रक्रिया का अभ्यास किया। यह मॉकड्रिल खास तौर पर यह सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की गई थी कि स्वास्थ्य कर्मचारी आपात स्थिति में सही तरीके से संक्रमित मरीजों का इलाज कर सकें और संक्रमण फैलने से बचा जा सके। डॉक्टरों की अपील- बदलते मौसम में रखें स्वास्थ्य का ध्यानकार्यक्रम के दौरान डॉक्टरों ने लोगों से अपील की कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें। डॉक्टरों ने कहा कि बदलते मौसम में वायरस के संक्रमण की रफ्तार बढ़ जाती है, जिससे लोग जल्दी संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा, डॉक्टरों ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग निरंतर इस तरह की तैयारियों में लगा हुआ है ताकि किसी भी संभावित संकट से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। यह मॉकड्रिल कार्यक्रम यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य विभाग कोविड के संभावित पुनरुत्थान से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
Dakhal News
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में तंत्र-मन्त्र के जरिए खजाना दिलाने के नाम पर एक बुजुर्ग दम्पति से पांच लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। कथित तांत्रिकों ने पहले बुजुर्ग दम्पति से दोस्ती की और फिर उन्हें खजाना दिलाने का झांसा देकर उनकी तामझाम से पूजा शुरू की। तंत्र-मन्त्र का लालच देकर शुरू किया धोखाधड़ी का खेलतांत्रिकों ने बुजुर्ग दम्पति को विश्वास में लिया और उन्हें बताया कि उनके घर के पास जमीन में खजाना दबा हुआ है। जब दम्पति खजाने के लालच में आ गए, तो तांत्रिकों ने पूजा-पाठ शुरू करने की बात की। इसके बाद शातिर तांत्रिकों ने इस पूजा के लिए जो सामान आवश्यक होगा, उसका खर्च पांच लाख रुपये से ज्यादा होने की बात कही। बुजुर्ग दम्पति जब इसके लिए तैयार हो गए, तो तांत्रिकों ने एक मिट्टी की हांडी में पांच लाख रुपये रखवाए और पूजा शुरू करने के लिए गहरा गड्डा खोदने का नाटक किया। बेहोश करने के बाद ठग फरारपुजा आरंभ करने के बाद, तांत्रिकों ने बुजुर्ग दम्पति पर सुगंधित पदार्थ डालकर उन्हें बेहोश कर दिया। इस बीच, तांत्रिकों ने मौके का फायदा उठाते हुए पांच लाख रुपये लेकर फरार हो गए। जब कुछ समय बाद दम्पति को होश आया, तो उन्हें अपनी ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तारमामला पुलिस तक पहुंचा और भमोरा पुलिस ने इस मामले में दो तांत्रिकों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 50 हजार रुपये भी बरामद किए हैं। पुलिस अब इस मामले की आगे जांच कर रही है और आरोपियों से पूछताछ जारी है। यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि तंत्र-मन्त्र के नाम पर लोग अक्सर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। पुलिस ने इस ठगी मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी तांत्रिकों को गिरफ्तार किया है।
Dakhal News
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय पढ़ाई की बजाए लड़ाई का अखाड़ा बन गया है। हाल ही में यहाँ दो छात्राओं के बीच मारपीट का मामला सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। छतरपुर में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में दो छात्राओं के बीच मारपीट हुई। वायरल वीडियो में दोनों छात्राएं एक दूसरे के साथ जमकर मारपीट करती नजर आ रही हैं। इससे पहले भी विश्वविद्यालय में कई बार मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि, इन लड़कियों के बीच मारामारी के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
Dakhal News
छतरपुर में अवैध रेत के कारोबार में लगे एक ट्रक के ड्राइवर की रेत में दबकर मौत हो गई। दुर्घटना के बाद जब लोगों ने ट्रक से रेत चुराई, तो ड्राइवर का शव रेत के नीचे दबा मिला। इस मामले में समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो ड्राइवर की जान बचाई जा सकती थी। पुलिस की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। अवैध रूप से रेत के कारोबार में लगा ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया, लेकिन हादसे के बाद ट्रक का ड्राइवर नहीं मिला। पुलिस ने उसकी खोजबीन भी नहीं की, जबकि ट्रक ड्राइवर दो दिन तक रेत के नीचे दबा रहा और जिंदगी की जंग हार गया। पुलिस और प्रशासन ने दो दिन तक सिर्फ तमाशबीन बने रहे, जबकि रेत चोर दो दिन तक वहाँ से रेत चुराते रहे। अचानक ड्राइवर का शव रेत के नीचे दबा मिलने पर भगदड़ मच गई। ट्रक ड्राइवर का शव मिलने पर उसके परिजनों ने चक्का जाम किया, तब जाकर पुलिस की नींद टूटी और कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। अब पुलिस मामले की लीपापोती कर रही है। एक अन्य सड़क हादसे में, छतरपुर में अटरा सरकार मंदिर के सामने दो मोटरसाइकिल आमने-सामने तेज रफ्तार से टकरा गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, और 13 वर्षीय एक बालिका समेत तीन पुरुष घायल हो गए। मौके पर उपस्थित राहगीरों ने एंबुलेंस की मदद से घायलों को जिला अस्पताल भेजा। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक पुरुष की हालत गंभीर होने पर उसे ग्वालियर रेफर किया गया।
Dakhal News
भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित सीएम राइज कांसेप्ट स्कूल में गर्ल्स और बॉयज टॉयलेट एक साथ बनाए जाने का मामला सामने आया है। इस निर्माण की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, और इसे लेकर प्रदेश की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। लोग इस मामले को लेकर कह रहे हैं कि "एमपी अजब है, सबसे गजब है।" वायरल तस्वीर के बारे में जानकारी देते हुए सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य के. डी. श्रीवास्तव ने सफाई दी है। उन्होंने बताया कि शासकीय कन्या सीएम राइज कांसेप्ट स्कूल पहले संस्कृत विद्यालय और हॉस्टल के भवन में था, और 2022-23 में नए भवन का कब्जा मिला है। दूसरी मंजिल में बने लेडीज टॉयलेट को बालकों को आवंटित किया गया है, जिसके ऊपर ही जेंट्स टॉयलेट बनाया गया है। प्राचार्य के अनुसार, यह अस्थायी व्यवस्था है और चालू सत्र में बिना पुराने निर्माण को तोड़े टेम्परेरी टॉयलेट बनाए गए हैं। जल्द ही नए सिरे से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि यह अजीब निर्माण कार्य अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत का परिणाम है।
Dakhal News
छिंदवाड़ा। वेकोलि पेंच क्षेत्र के विजय साइडिंग और शिवपुरी के मुख्य मार्गों पर गड्ढों के कारण लोगों को आवागमन में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन दुर्घटनाओं का भय बना रहता है, क्योंकि इन सड़कों पर बड़े ट्रक कोयला लेकर गुजरते हैं, और इसी मार्ग से मोटरसाइकिल से लोग भी सफर करते हैं। परासिया के पूर्व जनपद अध्यक्ष रहीस खान और रावनवाड़ा के सरपंच अरुण नैवेध ने स्थानीय तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि 7 दिनों के अंदर सड़क के गड्ढों की मरम्मत की जाए। उन्होंने कहा कि यदि यह काम समय पर नहीं हुआ, तो वे जनता के साथ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
Dakhal News
इंदौर में तुकोगंज थाना इलाके में रेसकोर्स रोड के करीब एक इमारत की पार्किंग में लूट की बड़ी वारदात हो गई। यहां पारिवारिक कार्यक्रम के दौरान बिजनेसमैन और उनके भतीजे सहित पड़ोसी के साथ लूट की वारदात हो गई। बदमाशों ने चाकू दिखाकर इनसे सोने की चेन और ब्रेसलेट उतरवा लिया। पड़ोसी वहां आए तो उन्हें भी बदमाशों ने लूट लिया। इसके बाद वे बाइक से भाग निकले। अब पुलिस आस-पास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरे के जरिए इनकी तलाश कर रही है। शहर के सबसे पॉश इलाकों में शुमार रेसकोर्स रोड पर लूट की बड़ी वारदात की घटना सामने आई है। दो बदमाशों ने यहां चाकू अड़ाकर लोगों से सोने के आभूषण लूट लिए। वारदात बिल्डर कमलेश अग्रवाल, सहित उनके रिश्तेदार दिशांत अग्रवाल और पास रहने वाले पिकेश शाह के साथ हुई।बदमाशों ने पहले कमलेश अग्रवाल और दिशांत को निशाना बनाया और उनकी सोने की चेन और ब्रेसलेट और अंगूठी छीन लिए। पड़ोसी पिकेश वहां पहुंचे तो उन्हें भी लूट लिया। सोने के आभूषण लाखों रुपये कीमत के बताए जा रहे हैं। सूचना मिलने के बाद तुकोगंज थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। पुलिस अब इस मामले में सीसीटीवी कैमरे खंगालकर बदमाशों की तलाश में जुट गई है। व्यस्त इलाके में इस तरह की घटना से कई सवाल खड़े होने लगे हैं। बदमाश लोगों को धमका रहे थे कि अगर वे गहने नहीं देते तो उन्हें चाकू मार देंगे। घबराए लोगों ने अपने गहने उतारकर उन्हें दे दिए। जिसे लेकर वे फरार हो गए। रात्रि गश्त और नाकाबंदी के बाद भी नकाबपोश बदमाश सूने घरों में घुस गए। पाश कॉलोनियों से चोर लाखों रुपये कीमती आभूषण, नकदी, लेपटाप व अन्य सामान चुराकर ले गए। सीसीटीवी फुटेज में चोर अलग-अलग घरों में दस्तक देते नजर आ रहे हैं। वारदात की शुरुआत राऊ थाना अंतर्गत साईं रायल पाल्म कालोनी में हुई है। फरियादी राशी सोलंकी सात नवंबर को रात करीब आठ बजे पति नवनीतसिंह सोलंकी के साथ पैतृक निवास सुदामा नगर गई थीं। शनिवार सुबह सवा आठ बजे पड़ोसी जेके सोनी ने कॉल कर बताया घर का दरवाजा खुला हुआ है। राशी और नवनीत घर आए तो पता चला घर में चोरी हुई है। पांच अलमारियों के ताले टूटे हुए थे। चोर सोने के आभूषण,नकदी और महंगी शराब की बोतलें चुरा कर ले गए। राशी और नवनीत सरकारी शिक्षक हैं। उन्होंने थाने में शिकायत की। सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक एक्सपर्ट पहुंचे और चोरों के फिंगर प्रिंट जुटाए। पुलिस ने कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो चार चोर नजर आए दो दो-दो की टुकड़ी बनाकर चोरी कर रहे थे। चोरों ने कई घरों के दरवाजों पर दस्तक दी थी। जिन घरों में ताले नहीं लगे उनको छोड़ दिया। सीसीटीवी की जांच कर रहे हैं।
Dakhal News
सीबीआई और हाई कोर्ट द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति के परीक्षण में भले ही लगभग 175 नर्सिंग कॉलेज मान्यता के योग्य पाए गए हैं, पर सख्ती के चलते कई कॉलेज संचालक हाथ खींच रहे हैं। उन्होंने मान्यता के लिए आवेदन ही नहीं किया है, मान्यता नवीनीकरण के लिए लगभग 300 आवेदन आए थे, जिनमें 125 के करीब ही मान्यता योग्य बताए जा रहे हैं। सीटों की बात करें तो इन 125 कॉलेजों में जीएनएम (डिप्लोमा पाठ्यक्रम) और बीएससी (नर्सिंग) मिलाकर लगभग छह हजार सीटें ही हैं, जबकि वर्ष 2020 के बाद एक समय ऐसी स्थिति थी कि प्रदेश में 670 नर्सिंग कॉलेजों में 45 हजार तक सीटें थीं। यह कॉलेजों और सीटों की अब तक की सर्वाधिक संख्या रही। सीटें कम होने का बड़ा नुकसान नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश की तैयारी कर रहे युवक-युवतियों का होगा। कोई नया कॉलेज नहीं खोला जाएगा मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों ने बताया कि एक-दो दिन के भीतर मान्यता जारी होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने तय किया है वर्ष 2023 की तरह इस वर्ष भी कोई नया कॉलेज नहीं खोला जाएगा, सिर्फ पहले से संचालित कॉलेजों को ही मान्यता दी जाएगी। नवीनीकरण के लिए कॉलेजों से आवेदन मांगे गए थे, जिनके परीक्षण का काम लगभग पूरा हो गया है। मान्यता नवीनीकरण सूची जारी होने के बाद एमपी ऑनलाइन से प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। प्रवेश के लिए कर्मचारी चयन मंडल पहले ही प्रवेश परीक्षा आयोजित कर चुका है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर में प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। बंद हो जाएंगे 350 कॉलेज बता दें, लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने नर्सिंग कॉलेजों के संचालन में मापदंड को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। कुछ कॉलेजों का फर्जीवाड़ा मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने पकड़ा। हाई कोर्ट ने अपात्र कॉलेजों को बंद करने के निर्देश दिए। इस तरह लगभग 200 कॉलेज बंद हो गए। अभी 485 कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें लगभग 350 बंद हो जाएंगे क्योंकि वे मान्यता के लिए जरूरी सुविधाओं के पैमाने पर खरे नहीं उतर रहे। आगे भी यही स्थिति रही तो प्रदेश की आवश्यकता के अनुसार नर्सिंग कर्मचारी निजी एवं सरकारी अस्पतालों को नहीं मिल पाएंगे।
Dakhal News
डबरा के इस्लामपुर में दहेज की मांग पूरी न होने पर बहन के ससुराल वालों ने जानलेवा हमला कर दिया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। नीरज सेंगर अपनी बहन विनीता के निमंत्रण पर उनके घर पहुंचे थे। उनके साथ उनकी बहन विनीता सेंगर, नीलम, जूली राजोरिया, इंद्रजीत सेंगर और संजय जाटव भी थे। इस दौरान विनीता के ससुराल वालों ने दहेज को लेकर अपनी मांग रखी, लेकिन नीरज और उनके परिवार ने देने में असमर्थता जताई। इससे नाराज होकर विनीता के ससुराल वालों ने लाठी और फरसों से उन पर हमला कर दिया। इस हमले में नीलम गंभीर रूप से घायल हो गईं और उनका न्यूरोलॉजी में इलाज चल रहा है। नीलम की हालत नाजुक बताई जा रही है। यह मामला पुलिस तक भी पहुंचा, लेकिन डबरा थाना प्रभारी ने इसे दोनों पक्षों का झगड़ा बताया और क्रॉस केस दर्ज करने की बात कही।
Dakhal News
अमरपाटन सिविल अस्पताल को 10 डी फ्रीजर की सौगात मिली है। डॉक्टरों की मौजूदगी में पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह ने ब्लॉक के अलग-अलग सीएचसी को यह फ्रीज सौंपे। मैहर जिले के अमरपाटन में मृत शवों को अंतिम संस्कार के लिए ज्यादा समय तक रखने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को देखते हुए अमरपाटन विधायक व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन और रामनगर ब्लॉक को 10 डी फ्रीजर की सौगात दी। डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मृत शवों को अधिक समय तक सुरक्षित रखने में कई कठिनाइयाँ आ रही थीं। अमरपाटन सीएचसी में पहले एक ही डी फ्रीजर था, जिससे शवों को रखने की समस्या उत्पन्न हो रही थी। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, सभी डॉक्टरों की मौजूदगी में अमरपाटन और रामनगर ब्लॉक को 5-5 डी फ्रीजर की सौगात दी गई है। अब इस सुविधा से क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी, और शवों को अंतिम संस्कार से पहले सुरक्षित रखने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी।
Dakhal News
देवास जिले के ग्राम बड़ी चुरलाय में अवैध रूप से शराब का धंधा चलने की सूचना पर आबकारी विभाग की टीम ने दविश दी, जिसके दौरान टीम पर हमला किया गया। आबकारी उप निरीक्षक निधि शर्मा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की जा रही थी। लेकिन, अवैध धंधे में लिप्त परिवारों ने टीम का विरोध किया और उन पर हमला कर दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें महिलाओं द्वारा उप निरीक्षक पर हमला होते देखा जा सकता है। इस हमले में उप निरीक्षक का मोबाइल तोड़ दिया गया और उनकी ड्रेस भी फाड़ दी गई। इस दौरान कुछ लोग अवैध शराब लेकर भागने का भी प्रयास करते दिखाई दिए। गांव वालों ने इस अवैध शराब कारोबार से परेशान होकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद कार्रवाई की जा रही थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस फोर्स भी मौके पर बुलाई गई। फिलहाल, पुलिस इस मामले की तफ्तीश कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
Dakhal News
पाकिस्तान के क्वेटा रेलवे स्टेशन पर बड़ा बम धमाका हुआ है। इसमें 20 लोगों की मौत की खबर है। विस्फोट में 30 लोग घायल बताए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हताहतों की संख्या बढ़ भी सकती है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिस वक्त धमके को अंजाम दिया गया, स्टेशन पर काफी भीड़ थी। एक ट्रेन पेशावर के लिए रवाना होने वाली थी। इसके अलावा भारी संख्या में यात्री दूसरी पैसेंजर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। धमाके के बाद क्वेटा रेलवे स्टेशन पर सनसनी फैल गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। स्टेशन पर अफरा तफरी मच गई। बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। टीम घटनास्थल पर युद्धस्तर पर काम कर रही है। बम निरोधक दस्तों को भी मौके पर जांच करने के लिए बुलाया गया है। पूरे मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि क्वेटा में एक के बाद एक दो बम धमाके हुए। पहले धमाके में चार लोगों की मौत हुई, जबकि दूसरे में करीब 15 से 26 लोगों की मौत हो गई। धमाकों में इससे कहीं ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। फिलहाल इसकी जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि विस्फोट रेलवे स्टेशन के बुकिंग कार्यालय में ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने से ठीक पहले हुआ। रेलवे अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि जाफर एक्सप्रेस सुबह 9 बजे पेशावर के लिए रवाना होने वाली थी। विस्फोट के समय ट्रेन अभी प्लेटफॉर्म पर नहीं पहुंची थी। स्टेशन पर हमेशा की तरह भीड़भाड़ को देखते हुए, बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की आशंका है।
Dakhal News
बैरागढ़ में एक कपडे की दूकान में आग लग गई बताया जा रहा है आगजनी की यह घटना शार्ट सर्किट के कारण हुई है समय रहते फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया बैरागढ़ की एक कपड़ा एक दुकान में आज सुबह तड़के आग लग गई बताया जा रहा है कि मोहिनी टेक्सटाइल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग भड़क गई और उसने विकराल रूप ले लिया मॉर्निंग वॉक पर निकले व्यक्ति ने इसकी सूचना बैरागढ़ थाने में दी सूचना मिलते ही पुलिस ने दमकल की गाड़ियों को इस बारे में जानकारी दी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तत्काल मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया इस इलाके में तमाम सारी कपडे की दुकानें हैं अगर समय रहते इस आग पर काबू नहीं पाया जाता तो यहाँ बड़ा हादसा हो सकता था.
Dakhal News
दतिया जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद के चलते दो पक्षों के बीच तनाव बढ़ते-बढ़ते फायरिंग तक पहुंच गया, जिसमें दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना खैरी माता मंदिर के पास हुई, जहां भाई दूज के दिन शुरू हुई कहासुनी ने बाद में हिंसक रूप ले लिया। मामले की जानकारी के अनुसार, पहले गुर्जर पक्ष ने राय परिवार के साथ मारपीट की थी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि दोनों पक्षों में जमकर फायरिंग हुई, जिसमें दो युवक गोली लगने से घायल हो गए। स्थानीय पुलिस को घटना की सूचना मिलते ही वे तुरंत मौके पर पहुंची और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। दतिया में इस तरह की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है और घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
Dakhal News
छतरपुर जिले के बक्सवाहा थाना क्षेत्र में एक भीषण सड़क हादसे में एक युवक की जान चली गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक तेज़ रफ्तार ट्रक ने एक चार पहिया वाहन को टक्कर मार दी, जिससे कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भेजा। घायल युवक को प्राथमिक उपचार के लिए दमोह के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। मृतक युवक की पहचान अभी नहीं हो पाई है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और यातायात नियमों की अनदेखी से होने वाली दुर्घटनाओं पर एक बार फिर सवाल खड़ा किया है। पुलिस द्वारा हादसे की जांच की जा रही है कि आखिर दुर्घटना किन कारणों से हुई।
Dakhal News
छतरपुर में आपसी विवाद के बाद पति पत्नी ने आत्मघाती कदम उठाया और जहरीला पदार्थ खा कर दोनों ने जान दे दी वहीँ एक अन्य घटना में पत्थर खदान में डूबने से 16 वर्षीय किशोर की मौत हो गई. पति -पत्नी मे विवाद के बाद दोनो ने जहरीला पदार्थ खा लिया जिससे पति -पत्नी दोनो की मौत हो गई विवाद का कारण पति की शराब और जुआं खेलने की लत थी पति घर पर रखे पैसे शराब और जुए में उडाना चाहता था इसी वजह से दोनों में विवाद हुआ पुलिस इस मामले की जांच मे जुटी है ये घटना लवकुशनगर थाना के मिढ़का गांव की है. जिले की सबसे बड़ी मंडी क्रेशर से पत्थर का उत्खनन होता है लेकिन इन खदानों में कोई भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं है उत्खनन करने के बाद खदानों को इसी तरह से छोड़ दिया जाता है इस खदान के पास से 16 वर्षीय महेश प्रजापति घर से खेत पर जा रहा था तभी पैर फिसलने से वह खदान में गिर गया और उसकी मौत हो गई.
Dakhal News
गुड़ा ग्राम में जंगली हाथी के बच्चे का रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ। जिसमें करीब 100 वन कर्मी शामिल थे। रेस्क्यू के बाद हाथी के बच्चे को बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान ले जाया गया । कटनी जिले के ग्राम गुड़ा से जंगली हाथी के बच्चे का रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ। इस ऑपरेशन के वक्त जंगली हाथियों का दल खेत में मौजूद था। वही हाथी के बच्चे को खेत से निकलने के लिए करीब 100 वन कर्मी खेत में मौजूद रहे। यह बचाव कार्य रात भर चला । तब कही जाकर वन कर्मियों ने हाथी शावक को पिकअप वाहन के माध्यम से बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान ले गए । इस ऑपरेशन में कटनी और उमरिया जिले के वन कर्मी शामिल हुए थे।
Dakhal News
चेकिंग के दौरान यातायात प्रभारी ने ओवरलोड टैक्सी चालक के साथ चलानी कार्यवाही करने के बजाए मारपीट शुरू कर दी इस मारपीट की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. छतरपुर में यातायात प्रभारी बृहस्पति साकेत ने वर्दी का रौब दिखाया यातायात प्रभारी ने चेकिंग के दौरान ओवरलोड टैक्सी चालक की कॉलर पकड़कर मारपीट की जबकि उन्हें तत्काल टैक्सी चालक का चालान काटना चाइये था जिसका वीडियो सोशल मीडिया मे वायरल हो गया है वीडियो में यातायात प्रभारी चेकिंग मे ओवरलोड टैक्सी का चालान करने की जगह मारपीट करते नजर आए।
Dakhal News
छतरपुर में एक बहु ने नया काण्ड कर दिया और अपने आशिक के साथ मिलकर सास की जघन्य हत्या कर दी पुलिस ने हत्यारी बहू और उसके आशिक को गिरफ्तार कर लिया है. छतरपुर के कुडेरी गांव से बेहद गंभीर मामला सामने आया है जहा पर एक बहु ने आशिक के साथ मिलकर सास की हत्या कर दी दरअसल बहु के पड़ोसी के साथ अवैध संबंध थे सास ने दोनों को रंगे हाथो पकड़ा लिया तो बहु ने सास को ईंटों और पत्थरों से पीटपीट कर मार डाला पुलिस ने हत्यारी बहू और उसके आशिक को गिरफ्तार कर लिया है यह मामला जुझार नगर थाना क्षेत्र का है.
Dakhal News
खातेगांव मंडी में शुभ मुहूर्त में नीलामी कार्य प्रारंभ हुआ। जिसमें कर्मचारियों, व्यापारी और किसानों ने उत्साह के साथ भाग लिया। साथ ही किसानो से गुजारिश की गई की किसान अपनी फसलों को साफ और स्वच्छ करके मंडी मे बेचने लाये । कृषि उपज मंडी समिति एवं व्यापारियो ने संयुक्त रूप से शुभ मुहूर्त में नालामी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि पुरुषोत्तम व्यास, मंडी सचिव रघुनाथ सिंह , लेखपाल गुरप्रीत सिंह और मंडी के सभी कर्मचारी के साथ समस्त मंडी व्यापारि मौजूद रहे। फसल नीलामी का कार्यक्रम शुभ मुहूर्त पर मंडी में मौजूद बालाजी मंदिर में पूजा अर्चना कर की गई । व्यापारियों ने किसानो, कर्मचारियों, हम्मालो, तुलावटियों के लिए नास्ते की व्यवस्था कराई । उसके बाद व्यापारियो को शॉल श्रीफल और साफा बांधकर मंडी कर्मचारियों ने सम्मानित किया। जिसके बाद कृषि उपज की नीलामी प्रारंभ हुई । साथ ही सचिव रघुनाथ सिंह लोहिया ने किसानो को व्यापारियों, हम्मालों तुलावटियों को आभार व्यक्त कर मंडी की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालन रूप से करने की बात कही और किसान भाइयों से अपील की है कि वे अपनी फसलों को साफ और स्वच्छ करके मंडी मे विक्रय हेतु लावें।
Dakhal News
ड्राइवरो की समस्या को लेकर डाइवर संघ ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे वाहन चालको की मौजूदगी में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन हुआ। अपनी समस्याओं को लेकर सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सैकड़ो की तादाद में वाहन चालक मौजूद रहें। मैहर में सरकार के बनाये गए वाहन संबंधी नियमों में बदलाव करवाने के लिये वाहन चालक कल्याण संघ ने कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सभी ड्राइवरों को जागरूक करने का काम किया गया है। आपको बता दे कि, अमरपाटन के ग्राम पढहा में आयोजित कार्यक्रम में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन किया गया। जिसमें सभी ड्राइवरो को जागरूक कर उनको संघ से जोड़ने और उनकी समस्याऐ सुनी गई । कार्यक्रम के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि- वाहन चालक सड़क दुर्घटना का शिकार होते हैं, तो उनके परिवार को किसी भी तरह का मुआवजा नही दिया जाता है। इसके साथ ही जगह जगह एंट्री के नाम पर लूट और भ्रष्टाचार किया जाता है। इन तमाम बिंदु को सरकार के सामने रखने के लिये सभी ड्राइवरों को एकजुट किया जा रहा है। सभी चालक एकत्रित होकर अपनी मांगो को पूरा करने का अनुरोध सरकार से करेंगे।
Dakhal News
देवास: देवास के खातेगांव में विधिक सेवा सप्ताह का शुभारंभ हो गया है। इस अवसर पर द्वितीय जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर बाइक रैली को रवाना किया। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 4 से 9 नवंबर तक विधिक सेवा सप्ताह का सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास और तहसील विधिक सेवा समितियों ने बाईक रैली निकाली। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने तेगांव में न्याय संकल्प यात्रा के तहत बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई। बाइक रैली न्यायालय परिसर से रवाना होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई न्यायालय परिसर में ही रैली का समापन हुआ। रैली में अधिवक्ता, न्यायिक कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी के साथ ही बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता दी। विधिक सेवा सप्ताह के इस आयोजन का उद्देश्य समाज में कानूनी जागरूकता फैलाना और लोगों को न्याय से जुड़े अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। 9 नवंबर तक यह कार्यक्रम विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
Dakhal News
देवास: देवास के खातेगांव में विधिक सेवा सप्ताह का शुभारंभ हो गया है। इस अवसर पर द्वितीय जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर बाइक रैली को रवाना किया। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 4 से 9 नवंबर तक विधिक सेवा सप्ताह का सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास और तहसील विधिक सेवा समितियों ने बाईक रैली निकाली। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने तेगांव में न्याय संकल्प यात्रा के तहत बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई। बाइक रैली न्यायालय परिसर से रवाना होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई न्यायालय परिसर में ही रैली का समापन हुआ। रैली में अधिवक्ता, न्यायिक कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी के साथ ही बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता दी। विधिक सेवा सप्ताह के इस आयोजन का उद्देश्य समाज में कानूनी जागरूकता फैलाना और लोगों को न्याय से जुड़े अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। 9 नवंबर तक यह कार्यक्रम विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
Dakhal News
देवास: देवास के खातेगांव में विधिक सेवा सप्ताह का शुभारंभ हो गया है। इस अवसर पर द्वितीय जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर बाइक रैली को रवाना किया। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार 4 से 9 नवंबर तक विधिक सेवा सप्ताह का सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजन किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवास और तहसील विधिक सेवा समितियों ने बाईक रैली निकाली। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सुशील कुमार अग्रवाल ने तेगांव में न्याय संकल्प यात्रा के तहत बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई। बाइक रैली न्यायालय परिसर से रवाना होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई न्यायालय परिसर में ही रैली का समापन हुआ। रैली में अधिवक्ता, न्यायिक कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी के साथ ही बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता दी। विधिक सेवा सप्ताह के इस आयोजन का उद्देश्य समाज में कानूनी जागरूकता फैलाना और लोगों को न्याय से जुड़े अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। 9 नवंबर तक यह कार्यक्रम विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
Dakhal News
ड्राइवरो की समस्या को लेकर डाइवर संघ ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे वाहन चालको की मौजूदगी में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन हुआ। अपनी समस्याओं को लेकर सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सैकड़ो की तादाद में वाहन चालक मौजूद रहें। मैहर में सरकार के बनाये गए वाहन संबंधी नियमों में बदलाव करवाने के लिये वाहन चालक कल्याण संघ ने कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सभी ड्राइवरों को जागरूक करने का काम किया गया है। आपको बता दे कि, अमरपाटन के ग्राम पढहा में आयोजित कार्यक्रम में वाहन चालक कल्याण संगठन का गठन किया गया। जिसमें सभी ड्राइवरो को जागरूक कर उनको संघ से जोड़ने और उनकी समस्याऐ सुनी गई । कार्यक्रम के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि- वाहन चालक सड़क दुर्घटना का शिकार होते हैं, तो उनके परिवार को किसी भी तरह का मुआवजा नही दिया जाता है। इसके साथ ही जगह जगह एंट्री के नाम पर लूट और भ्रष्टाचार किया जाता है। इन तमाम बिंदु को सरकार के सामने रखने के लिये सभी ड्राइवरों को एकजुट किया जा रहा है। सभी चालक एकत्रित होकर अपनी मांगो को पूरा करने का अनुरोध सरकार से करेंगे।
Dakhal News
ओरछा रोड थाना क्षेत्र में एक बदमाश और पुलिस के बीच फायरिंग हो गई फायरिंग करते हुए बदमाश पुलिस को चकमा देकर जंगल की ओर भाग गया पुलिस आरोपी के पीछे तलाश में जुटी हुई. ओरछा रोड थाना क्षेत्र ग्राम देरी में एक बदमाश और पुलिस के बीच फायरिंग हो गई। पुलिस 10 हजार के इनामी बदमाश रविंद्र सिंह का पीछा कर रही थी पीछा करने के दौरान पुलिस पर फायरिंग की गई। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए फायर किया। फायरिंग करते हुए आरोपी पुलिस को चकमा देकर जंगल की ओर भाग गया। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसपी अगम जैन ने टीम बनाई थी। सीएसपी का कहना है कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिये पांच थानों की पुलिस लगी है ,आरोपी के ऊपर 11 मामले दर्ज है। पुलिस आरोपी के पीछे तलाश में जुटी हुई है.
Dakhal News
दतिया में गोली चलने का सिलसिला लगातार जारी है बीती रात को दतिया में मातन के पहरे पर गोलीबारी के साथ पत्थर बाजी हुई पुलिस मामले की जांच कर रही है दतिया में आपसी रंजिश के चलते 2 गुटों में जमकर विवाद हो गया विवाद में ताबड़तोड़ फायरिंग की गई गोली चलने का सिलसिला यही खतम नही हुआ इसके बाद बीती आधी रात को गोलीबारी के साथ पत्थर बाजी भी की गई करीब 20 मिनट तक बीच सड़क पर तांडव हुआ इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया मौके पर कोतवाली पुलिस घटना स्थल पर पहुची और मामले की पड़ताल शुरू की.
Dakhal News
परासिया रेलवे पुल के नीचे एक बस का ब्रेक फेल हो गया। घटना स्थल पर मौजूद लोगो ने एम्बुलेंस बुलाई और घायलों को शासकीय अस्पताल ले जाया गया। छिंदवाड़ा के परासिया रेलवे पुल के नीचे एक बस का ब्रेक फेल हो गया। जिसमें 4 लोग घायल हो गये। इसकी खबर घटना स्थल पर मौजूद लोगो ने एम्बुलेंस को की। एम्बुलेंस से घायलों को शासकीय अस्पताल ले जाया गया। इसके पहले भी कुछ माह पहले इसी तरह घटना हुई थी। जिसमें वाहन का ब्रेक फेल होने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी।
Dakhal News
रिसोर्ट मे काम करने वाले कर्मचारी ने रिसोर्ट में ही फांसी लगा ली आत्महत्या की वजह पारिवारिक विवाद को बताया जा रहा है नौगांव के मनोआस रिसोर्ट मे काम करने वाले कर्मचारी ने फांसी लगा ली। रिसोर्ट के कमरा नंबर 10 मे कर्मचारी संदीप सोनी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। रिसोर्ट के कमरे से सुबह कर्मचारी नही निकला, तो रिसोर्ट के स्टाफ ने कमरा खोला तो कर्मचारी फांसी से लटका हुआ मिला। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव का पंचनामा बनाया पुलिस का कहना है कि पारिवारिक विवाद की वजह से मृतक ने फांसी लगाई है.
Dakhal News
दतिया के इंदरगढ़ में पानी के विवाद पर एक पड़ौसी ने दूसरे की पिटाई लगा दी. घायल लोग पुलिस के पास पहुंचे तो कुछ पुलिस वालों ने मामला दर्ज करने के लिए रुपयों की मांग कर दी मार पीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. दतिया के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम मुरगुवा में दो पक्षों में जमकर लाठी डंडे से मारपीट हुई. मारपीट में भूता जाटव और उनके बेटे मुरारी जाटव, इंद्रपाल जाटव घायल हो गये पीड़ित घायल अवस्था में ही थाने पहुंचेपीड़ितों का कहना है कि पुलिस ने उनकी सही रिपोर्ट नहीं लिखी और रुपए भी मांग रहे थे महिला भूता जाटव ने रिपोर्ट लिखवाई की पड़ोस में रहने वाले सोनू कमरिया घर के बाहर पानी फैला रहा था. मना करने पर जातिगत गालियां देने लगा. तभी विनोद जाटव, छोटू जाटव, सूरज जाटव भी आ गए उन्होंने लाठी डंडे से मारपीट चालू कर दी मुझे बचाने आए मेरे बेटे मुरारी जाटव, इंद्रपाल जाटव के साथ भी लाठी डंडों से मारपीट की गई वही पीड़ित पक्ष ने कार्रवाई को लेकर इंदरगढ़ पुलिस पर पक्षपात एवं रुपए मांगने का आरोप लगाया हालांकि उक्त मामले पर पुलिस ने मेडिकल करा कर मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है.
Dakhal News
इन दिनों बुंदेलखंड इलाके में मोनिया नृत्य की धूम मची हुई है मोनिया नृत्य के आयोजन दीपावली के बाद किये जाते हैं इस लोक नृत्य में नर्तक हाथ में मोर पंख लेकर मोनिया नृत्य करते हैं. बुंदेलखंड इलाके में मोनिया नृत्य की परम्परा सदियों पुरानी है इस लोक नृत्य में नर्तक हाथ में मोर पंख लेकर मोनिया नृत्य करते हैं इन नृत्य दीपावली पर्व के पश्चात किया जाता है मोनिया नृत्य के माध्यम से सुख सम्रद्धि को लेकर कामना की जाती है इस बार खजुराहो में मोनिया नृत्य की धूम रही मतंगेश्वर मंदिर में मोनिया नृत्य देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे.
Dakhal News
इंदौर के छत्रीपुरा इलाके में पटाखा फोड़ने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया। दोपहर में कुछ बच्चे पटाखे फोड़ रहे थे, जिसे पास खड़े युवकों ने रोका। इस पर विवाद बढ़ा और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों में पथराव भी हुआ। पथराव के दौरान एक दर्जन लोगों को चोट भी आई। लोगों ने चार से पांच वाहनों को पलट दिया और आग लगा दी। पुलिस बल छत्रीपुरा क्षेत्र में जमा रहा और इलाके को छावनी के रुप में तब्दील किया गया है।यह घटना छत्रीपुरा थाने से महज डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर हुई। विवाद बढ़ने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी, हालात को संभालने के लिए आसपास के चार थानों का बल भी बुलाया गया, जिससे स्थिति को नियंत्रित किया जा सका। लोग नारेबाजी कर रहे थे। तस्वीरों में देख सकते हैं, विवाद के दौरान पथराव में कई गाड़ियों के सीसे फूट गए, तो कुछ को पलटा दिया गया। एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। आग से गाड़ी पूरी तरह जल गई, हालांकि इस दौरान आस-पास आग को फैलने से रोक दिया गया।कई बाइक भी सड़क पर देख सकते हैं। विवाद के दौरान लोग नारेबाजी करने लगे। पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की।शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे छत्रीपुरा क्षेत्र में बच्चों द्वारा पटाखा फोड़ने पर दो पक्षों में विवाद हुआ। लोगों ने कुछ महिलाओं से अभद्रता की शिकायत भी की है। स्थानीय ने कहा कि, लोग आपस में मिल रहे थे, बच्चे पटाखे फोड़ रहे थे घरों के आगे, इस दौरान सामने कुछ मुस्लिम परिवार थे, जिन्होंने बच्चों को अपशब्द कहे और बच्ची का हाथ भी खीचा। इसका विरोध करने पर बच्चों के परिवार वालों के साथ भी मारपीट की और पथराव किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रविदासपुरा गली में दो अलग-अलग समुदाय के पड़ोसियों में आपस में विवाद हुआ, जिसमें बाद में कुछ और घरों के लोग भी शामिल हुए। अभी कई थानों के प्रभारी इलाकें में हैं, पूरी तरह शांति है, किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। पथराव की पुष्टि की है।
Dakhal News
लहार में घर में खाना बनाते समय युवक का मोबाइल गर्म तेल की कढ़ाही में गिर गया। युवक कढ़ाही से मोबाइल निकालने का प्रयास कर रहा था, तभी मोबाइल की बैटरी में ब्लास्ट हो गया। इससे युवक गंभीर रूप से झुलस गया। स्वजन तत्काल उपचार के लिए लहार सिविल अस्तपाल ले गए। यहां उपचार के बाद ग्वालियर रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में जाम लगने से एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिला। इससे युवक की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार लहार के वार्ड एक निवासी 40 वर्षीय चंद्रप्रकाश दौहरे बुधवार रात करीब आठ बजे घर में खाना बना रहे थे। उनका मोबाइल शर्ट की ऊपर की जेब में रखा था। चंद्रप्रकाश के झुकते ही मोबाइल गर्म तेल की कढ़ाही में गिर गया। चंद्रप्रकाश ने कढ़ाही से मोबाइल निकालने का प्रयास कर रहा था, तभी बैटरी तेज आवाज के साथ फट गई। इससे चंद्रप्रकाश गर्म तेल से बुरी तरह से झुलस गया। स्वजन उपचार के लिए अस्पताल ले गए। डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया। स्वजन एंबुलेंस से चंद्रप्रकाश को ग्वालियर ले जा रहे थे। मौ-सेंवढ़ा के बीच सिंध नदी पर टूटे पुल पर जब एंबुलेंस पहुंची तो वहां जाम लगा हुआ था। इसके बाद एंबुलेंस को थरेट, इंदरगढ़, डबरा होते हुए करीब 80 किलोमीटर घुमाकर ग्वालियर ले गए। इससे एंबुलेंस को दो घंटे अस्पताल पहुंचने में लग गए। इस दौरान युवक की मौत हो गई।स्वजनों का कहना है, कि समय रहते प्रकाश ग्वालियर के अस्पताल पहुंच जाता तो उसकी जान बच जाती। जिस समय हादसा हुआ, तब उसकी चंद्रप्रकाश की पत्नी भैंस को चारा खिला रही थी। उशके दो भाई है। चंद्रकाश लहार के बुद्धपुरा के पास पंचर की दुकान है। इसी से उसके परिवार का भरण पोषण कर रहा था। मृतक की 18 साल पहले शादी हुई थी। मृतक अपने पीछे एक बेटा 14 और 8 साल का बेटा छोड़ गया है।
Dakhal News
नूराबाद थाना क्षेत्र के बित्तौली पुरा गांव में शुक्रवार की सुबह खेत जोतने गए एक ही परिवार के पांच लोगों पर लभनपुरा गांव के दूसरे पक्ष ने ताबड़तोड़ फायर की, इसके बाद कुल्हाड़ी फरसों से हमला कर दिया। इस हमले में तीन लोगों गोली लगी, वहीं दो कुल्हाड़ी-फरसे के हमले में घायल हो गए। गोली लगने से एक बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई, अन्य घायलों को इलाज के लिए ग्वालियर अस्पताल ले जाया गया है। विवाद के पीछे बित्तौलीपुरा व लभनपुरा गांव के बीच में स्थित पांच बीघा जमीन है। जिसको लेकर दोनों पक्षों में पूर्व से कहासुनी चली आ रही थी। पुलिस अब आरोपितों की तलाश में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक बित्तौलीपुरा निवासी श्रीकृष्णा गुर्जर के परिवार का लभनपुरा के पूर्व सरपंच बुलाखी गुर्जर के परिवार से दोनों गांव के बीच स्थित पांच बीघा जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था। अब बोवनी का समय है, तो फिर से यह विवाद गर्मा गया और दो दिन से कहासुनी भी हो रही थी। शुक्रवार की सुबह आठ बजे श्रीकृष्णा गुर्जर उसके परिवार के देशराज गुर्जर , करतार सिंह , अंकुर, विशंभर सिंह इस खेत को जोतने के लिए गए थे। इसी बीच वहां बुलाखी गुर्जर अपने परिजनों के साथ लाठी फरसे और बंदूकों से लैस होकर मौके पर पहुंच गए। श्रीकृष्णा गुर्जर व उसके स्वजन को खेत जोतता देख बुलाखी व उसके स्वजन ने ताबड़ताेड़ फायरिंग कर दीं। गोलीबारी में एक गोली श्रीकृष्णा गुर्जर के सीने में लगी, देशराम के बांये कंधे पर लगी और अंकुर गुर्जर की पीठ में गोली लगी। वहीं करतार व विशंभर फरसों के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए। गोली लगने से श्रीकृष्णा गुर्जर ने मौके पर दम तोड़ दिया। बाकी घायलों को सीधे ही ग्वालियर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वारदात की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन में जुट गई। पुलिस अभी इस मामले में आरोपितों पर मामला दर्ज कर रही है। बागचीनी थाना क्षेत्र के घुर्रा गांव में गुरूवार की शाम को विवाद के चलते एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में चार लोग घायल हुए। जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारी के मुताबिक घुर्रा गांव निवासी शाहरूख खान का गांव के ही जफर खान से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इसी कहासुनी पर जफर व उसके स्वजन ने शाहरूख पर हमला कर दिया। बचाव में शाहरूख के स्वजन इंतो खां, साबिर व उम्मेद खान आए तो उन पर भी आरोपितों ने धारदार हथियार से हमला कर घायल कर दिया। पुलिस ने इस मामले में शाहरूख की फरियाद पर आरोपित जफर खान, हनीफ, पप्पन व सागीर खान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। BY सुमित गिरी
Dakhal News
चार दिवसीय मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह की शुरुवात भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की उन्होंने कहा मध्यप्रदेश अब मोदी के नेतृत्व में विकास के नए आयाम लिख कर उन्नति कर रहा है. भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर मध्य प्रदेश का 69 वां स्थापना दिवस धूमधाम से आरम्भ हुआ मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस समारोह 4 दिनों तक चलेगा आपको बता दें कि मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस 1 नवंबर को मनाया जाता है इस मौके पर मध्य प्रदेश के 69 वे स्थापना दिवस की सीएम डॉ मोहन यादव ने सभी को बधाई दी है उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश उन्नति कर रहा है उन्होंने कहा कि- 5 दिन दिवाली का उत्सव और चार दिन का मध्य प्रदेश स्थापना दिवस का महोत्सव साथ में मनाया जाएगा, यह एक गौरव की बात है यह उत्सव 30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक मनाया जाएगा.
Dakhal News
रेत के मामले में अब भी गुंडागर्दी चल रही है रेट ठेकेदार सहकार ग्लोबल के कर्मचारियों के साथ कुछ दबंगों ने मारपीट की पीड़ित लोगों की शिकायत पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है. सिंगरौली जिले में सहकार ग्लोबल के कर्मचारियों से दबंगों ने मारपीट की जिनके खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ है गुंडागर्दी करने वाले दबंगो के नाम अशोक सिंह परिहार व विक्रांत सिंह परिहार है सहकार ग्लोबल कंपनी को जिले में रेत का ठेका मिला जो जिले में रेत का व्यापार कर रही है इस कंपनी के कर्मचारी अजय कुमार जायसवाल व उनके साथियों के साथ मामूली कहा सुनी के बाद अशोक सिंह परिहार व विक्रांत सिंह परिहार ने मारपीट की पीड़ित ने बताया कि उसे इतनी चोट लगी है कि उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती होना पड़ा.
Dakhal News
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वोकल फ़ॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए छोटे कामगारों को प्रोत्साहन की बात कही दीपोत्सव पर इन गरीब लोगों से तहबाजारी वसूल न करने की बात कही लेकिन इसके बावजूद अधिकारी अपनी से बाज नहीं आये लाइट की चकाचौंध में अब दीपावली की दीयों की पहले सी बिक्री भी नहीं रही है. दीवाली के पर्व मिट्टी के दीपक जलाने से सुख-समृद्धि आती है, लेकिन आधुनिकता के दौर में अधिकांश लोग मिट्टी के दीये के स्थान पर लाइट और मोमबत्तियां का प्रयोग कर रहे हीं अब सिर्फ पूजन के लिए गिनती के मिट्टी के दीये खरीदकर लोग शगुन कर लेते हैं अमरपाटन में दीपक बनाने वाले सोनू प्रजापति ने बताया कि पहले की तुलना में मिट्टी के दीये लोग कम खरीदते हैं पहले लोग पूजा-पाठ करने के साथ ही पूरे घर आंगन को रोशन करने के लिए मिट्टी के दीये खरीदा करते थे, लेकिन अब मिट्टी के दीयों में वो बात नहीं रह गई इसकी बिक्री कम हो गई है इस बार उन्होंने पिछले साल की आपेक्षा काफी कम दीये तैयार किये और उनकी भी बिक्री कम हुई प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने वोकल फ़ॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में प्रोत्साहन की बात कही , साथ ही मिट्टी के दिए बेचने बनाने वालों को करो से मुक्त करते हुए बैठकी शुक्ल से मुक्त किया परंतु अमरपाटन में इसके विपरीत हैं यहाँ मुख्यमंत्री का आदेश भी नही चलता नगर परिषद के ठेकेदार ने बैठकी शुल्क सबसे वसूल लिए और शुक्ल नहीं देने पर दीपक बेचने वाली महिलाओं को बैठने न देने व भगाने की धमकी तक दे दी.
Dakhal News
छतरपुर की एक मस्जिद में बम रखे होने की सूचना पुलिस को मिली जिसके बाद मस्जिद में बम की तलाश की गई लेकिन बम नहीं मिला बम की सूचना अफवाह निकली सिविल लाइन थाना के सुल्तानुल हिन्द मस्जिद में बम होने का खत मिला इसके बाद मस्जिद में बम होने की सूचना से हड़कंप मच गया अज्ञात ने मस्जिद में बम होने की सूचना का पत्र छोड़ा था इसके बाद बम निरोधक दस्ता मस्जिद परिसर में बम की तलाश में जुटा डॉग स्क्वायड की टीम भी बम खोजने में लगी रही बम की सूचना अफवाह निकली.
Dakhal News
एक झोलाछाप डॉक्टर का इलाज किसान पर भारी पड़ गया और किसानकी जान चली गई. इस घटना के बाद डॉक्टर अपना क्लिनिक बंद जार फरार हो गया है. मुरैना की पोरसा तहसील में झोलाछाप डाक्टर के इलाज से किसान की मौत हो गई, डॉक्टर ने किसान के पैर में दर्द होने पर दवा देने के साथ उसे इंजेक्शन लगाया. जिससे उसे खून की उल्टियां होने लगीं. किसान को पोरसा के शासकीय चिकित्सालय में ले जाने के दौरान मौत हो गई. धौर्रा गांव निवासी अनंगपाल सिंह तोमर पैर दर्द की दवा लेनेपहुंचे थे और गलत इलाज क कारण उनकी जान चली गई बताते हैं पोरसा सब्जी मण्डी में डाक्टर बघेल बिना डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहा था किसान के परिजनों ने आरोप लगाया की डॉक्टर के इंग्जेक्शन लगाते ही किसान अनंगपाल की हालत बिगड़ गई इसके बाद डाक्टर क्लीनिक बंद कर फरार हो गया है.
Dakhal News
राशन दुकान आवंटन के दौरान मामूली विवाद इतना बढ़ गया कि एक पक्ष के साथ आये बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को पकड़ा है. लालकुआँ कोतवाली के हल्दूचौड़ पुलिस चौकी क्षेत्र में दिनदहाड़े फायरिंग से क्षेत्र में हड़कंप मच गया सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पांच युवको को हिरासत में लिया है वही सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल हो रहा है दौलीया गांव में खाद्य पूर्ति निरीक्षक मोहित कठैत की अध्यक्षता में सरकारी सस्ता गल्ला दुकान के आवंटन को लेकर मीटिंग चल रही थी इस दौरान मामूली विवाद पर कुछ युवकों ने पूर्व सैनिक कैलाश चंद्र बिरखानी पर तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी गनीमत रही की घटना में किसी की जान नही गई सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कारतूस के खोखे बरामद करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने हल्दूचौड़ चौकी पहुंचकर आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है.
Dakhal News
डोंगरगढ़ ब्लॉक के ग्राम अंडी में प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने देश में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से लोगों की आवास की समस्या का समाधान हुआ है। “भरत वर्मा ने इस कार्यक्रम के माध्यम से स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में इसी उद्देश्य के तहत कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को आवास मुहैया कराकर उनकी जीवनस्तर में सुधार लाना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। यह कदम न केवल सामाजिक समृद्धि के लिए आवश्यक है, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिए एक नई उम्मीद भी प्रदान करता है।”
Dakhal News
बजाज ऑटो लिमिटेड ने दिवाली के मौके पर मार्केट में नई पल्सर एन125 लॉन्च की है, जो कि फर्स्ट टाइम बाइक खरीदारों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह बाइक नए इंजन और चेसिस के साथ आई है, जिसमें आधुनिक स्टाइल और फीचर्स शामिल हैं। पल्सर एन125 दो वेरिएंट—एलईडी डिस्क ब्लूटूथ और एलईडी डिस्क—में उपलब्ध है, जिनकी एक्स शोरूम कीमत क्रमशः 98,707 रुपये और 94,707 रुपये है। इस नई बाइक को लाइट स्पोर्ट कैटिगरी में रखा गया है और इसका डिजाइन बिल्कुल नया है। पल्सर सीरीज में पहले से मौजूद पल्सर 125 क्लासिक और पल्सर एनएस125 की तुलना में, एन125 में नई तकनीक और आकर्षक लुक शामिल हैं। इसके एंगुलर बॉडीवर्क और स्पोर्टी अपील इसे युवा बाइकर्स के लिए और भी आकर्षक बनाते हैं। बजाज ने पल्सर एन125 के डिज़ाइन में हेडलैंप, फ्रंट फॉर्क्स के चारों ओर प्लास्टिक पार्ट्स, स्कल्पटेड फ्यूल टैंक, स्प्लिट सीट, और आकर्षक रियर व्यू मिरर्स का समावेश किया है। इसमें 17 इंच के टायर और 198 मिमी का ग्राउंड क्लियरेंस भी है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। इंजन की बात करें तो नई पल्सर एन125 में 124.58 सीसी का एयर-कूल्ड सिंगल सिलेंडर इंजन है, जो 12 पीएस की पावर और 11 न्यूटन मीटर का टॉर्क उत्पन्न करता है। कंपनी का दावा है कि यह बाइक एक लीटर पेट्रोल में 60 किलोमीटर (हाइवे) और 55 किलोमीटर (शहर) तक चल सकती है। इसकी टॉप स्पीड 97 किमी/घंटा है और 0-60 किमी/घंटा की स्पीड हासिल करने में इसे केवल 6 सेकंड लगते हैं। एक विशेषता है इसका आयडल स्टार्ट स्टॉप सिस्टम, जो ट्रैफिक में इंजन को ऑटोमैटिकली ऑफ कर देता है, जिससे माइलेज में सुधार होता है। बाइक में 5 स्पीड गियरबॉक्स, टेलिस्कोपिक फ्रंट फॉर्क और प्री-लोडेड अडजस्टेबल मोनोशॉक रियर सस्पेंशन है। ब्रेक्स के लिए फ्रंट में 240 मिमी का डिस्क और रियर में 130 मिमी का सीबीएस ड्रम ब्रेक दिया गया है। राइडिंग एक्सपीरियंस के बारे में बात करें तो एन125 की हैंडलिंग अच्छी है। ट्रैक और भारी ट्रैफिक में इसे चलाने में कोई परेशानी नहीं होती। इसकी सीट की ऊँचाई और डिज़ाइन इसे विभिन्न ऊँचाइयों के राइडर्स के लिए उपयुक्त बनाता है। बजाज ने इस बाइक में NVH (नॉइज़, वाइब्रेशंस और हार्शनेस) पर भी ध्यान दिया है। यह बाइक चलाने के दौरान शांति और आराम प्रदान करती है। पावर के साथ-साथ इसके फीचर्स और आरामदायक सीटिंग इसे एक बेहतरीन राइडिंग अनुभव प्रदान करते हैं। अंत में, अगर आप एक ऐसी बाइक की तलाश में हैं जो लुक, परफॉर्मेंस और मूल्य में संतुलन बनाए रखती हो, तो बजाज पल्सर एन125 एक अच्छा विकल्प है। यह टीवीएस रेडर और हीरो एक्सट्रीम 125आर जैसी बाइक्स को टक्कर दे सकती है और निश्चित रूप से पहली बार बाइक खरीदने वालों के लिए एक आकर्षक विकल्प है। दिवाली के इस मौके पर, नई पल्सर एन125 आपके लिए एक उत्कृष्ट चुनाव हो सकती है।
Dakhal News
जय गुरुदेव के अनुयायियों ने सिंगरौली में रैली निकली और कहा हम जयदेव के बच्चे हैं और सतयुग लाकर ही दम लेंगे रैली में बाबा उमाकांत ने कहा कहना है शाकाहारी रहकर नशे से दूर रहना है क्योंकि नशे से कई पीढ़ियां बर्बाद होती हैं. सिंगरौली हम जय गुरुदेव के बच्चे हैं सतयुग लाकर दम लेंगे नारों के साथ बैढ़न के माजन मोड़ से विंध्यनगर तक जय गुरुदेव के अनुयायियों द्वारा रैली निकाली गई बाबा उमाकांत का कहना है शाकाहारी रहना है लोग शाकाहार अपनाएं अपना जीवन बचाएं बाबा जी ने कहा है कि लोग किसी जीव की हत्या नहीं करें क्योंकि हम भी जीव हैं किसी जीव की हत्या होती है तो उसको कितना कष्ट होता है। जैसे अपने को छोटा सा कांटा भी लग जाता है तो कितना दर्द होता है ऐसे ही व्यक्ति दूसरे जीव की खाने के लिए यदि हत्या करता है तो उसे जीव के ऊपर कैसी गुजरती होगी.
Dakhal News
कांटाफोड़ पुलिस द्वारा ग्राम गोदना मे हुई डकैती के 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर बडी घटना का खुलासा किया है. थाना प्रभारी हिना डाबर के नेतृत्व मे गठित टीम द्वारा विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर संतोष राठौर के घर 10 अक्टूबर की रात्रि हुई डकैती की घटना का खुलासा किया डकैती की घटना को अंजाम देने वाले 6 आरोपियों को अलग अलग राज्यों से पुलिस ने गिरफ्तार किया है अन्य आरोपियों की तलाश भी पुलिस द्वारा की जा रही है घटना मे देवास सहित अन्य जिलो के आरोपी पकडे गए है तथा उनसे डकैती का माल भी बरामद हुआ है.
Dakhal News
कुछ शरारती तत्वों ने कचरे के ढेर में आग लगा दीटचिंग ग्राउंड की यह आग भड़क गई जिसे बुझाने में समय लगेगा प्रशासन आग लगाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाएगा. हल्द्वानी के टचिंग ग्राउंड में रखें लाखों टन कूड़े में आग लग गई अज्ञात लोगों द्वारा आग लगाने के बाद पूरे इलाके में दुर्गंध और धुआं ही धुआं हो गया. जिससे कि आसपास के इलाकों में सांस लेना दूभर हो गया घटना की जानकारी नगर आयुक्त को मिलते ही वे मौके पर पहुंचे नगर आयुक्त ने आग बुझाने के लिए नगर निगम के वाहनों के अलावा फायर ब्रिगेड से भी मदद मांगी ली हल्द्वानी मुख्य नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने बताया कि जिन लोगों ने भी टचिंग ग्राउंड में आग लगाई है उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा इस आग पर काबू पाने में थोड़ा समय लगेगा.
Dakhal News
आइआईटी रुड़की के राधा कृष्ण मेस मे चूहे निकलने से आइआईटी प्रशासन मे हड़कम्प मच गया. इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम आईआईटी रुड़की पहुंची और मेस के अंदर खाने और अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे. आईआईटी रुड़की के राधा कृष्ण भवन की मेस में खाने के सामान में चूहों के वायरल वीडियो के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग हरकत में आ गया खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम आईआईटी रुड़की पहुंची टीम ने मेस के अंदर खाने और अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल लिए और साथ ही सैंपल को जांच के लिए लैब भेज दिया इसके अलावा टीम ने संस्थान को चूहों से निपटने के लिए निर्देश दिए हैं IIT रुड़की के राधा-कृष्ण भवन की मेस में दोपहर का खाना बना हुआ था इस दौरान छात्र खाना खाने के लिए मेस पहुंचे थे तो उन्होंने किचन में जाकर देखा तो चूहे खाने में उछल-कूद कर रहे थे, इस दौरान छात्रों ने इसका वीडियो भी बना लिया और हंगामा शुरू कर दिया था छात्रों ने संस्थान के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की इस दौरान छात्रों की खाने बनाने वाले कर्मचारियो के साथ जमकर बहस हुई.
Dakhal News
अवैध रूप से रिहाइशी इलाकों में फटाके का भण्डार कर लोगों को मुसीबत डालने वाले व्यक्ति पर प्रशासन ने कार्यवाही की है और आतिशबाजी के अवैध भंडारण पर छापा मारा पटाखों को जप्त किया गया. सिविल लाइन थाना क्षेत्र के छत्रसाल नगर में प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही की और आतिशबाजी के अवैध भंडारण पर छापा मारा यहाँ रिहायशी इलाके में अवैध रूप से पटाखों का भंडारण कर लोगों को जोखिम में डालने का काम किया जा रहा था. यहाँ से लाखों की कीमत के पटाखे जप्त किये गए दीपावली को लेकर अवैध पटाखों का भंडारण किया गया था.
Dakhal News
राजगढ़: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में डेंगू और अन्य गंभीर बीमारी के मरीज निकलने के बाद एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दी है. जिसकी पुष्टि जिला अस्पताल के एमडी मेडिसिन डॉक्टर सुधीर कलावत ने की है. साथ ही उन्होंने कहा कि, ''कोरोना की जांच पूरे एमपी में बंद है, लेकिन सीटी स्कैन के माध्यम से इसकी पुष्टि की गई है.'' आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दी है. बीते वर्षों में दुनिया भर में तबाही मचा रहे कोरोना का एक बार फिर से डरावना रूप नजर आ रहा है. कोरोना जांच मध्यप्रदेश में बंद मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में डेंगू, चिकनगुनिया के बीच एक मरीज में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. पेशेंट का जिला अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है. डॉक्टर के मुताबिक कोरोना जांच मध्यप्रदेश में कहीं पर भी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से कोविड है. वहीं राजगढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों की जांच की बात भी सामने आई है. युवक में मिले कोविड के लक्ष्ण राजगढ़ जिला चिकित्सालय में पदस्थ एमडी मेडिसिन डॉक्टर सुधीर कलावत ने कहा कि, ''राजगढ़ में निवास करने वाला एक मरीज लगभग दो दिन पहले आया था. उस समय वह ज्यादा गंभीर नहीं था, लेकिन उसके लंग्स में लगातार इंफेक्शन बढ़ रहा था. सीटी स्कैन के माध्यम से मरीज में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है. फिलहाल मरीज राजगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती है, लेकिन आगामी दिनों में उसे भोपाल या इंदौर के किसी बड़े अस्पताल में रेफर किया जा सकता है.'' कोरोना के पेशेन्ट मिलने से स्वास्थ महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
Dakhal News
शहर के होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में गंदगी के बीच भोजन बनाया जा रहा है। यह खुलासा लगातार खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम द्वारा किए जा रहे निरीक्षण के दौरान हो रहा है। टीम ने शुक्रवार को आईएसबीटी परिसर में स्थित फ्रेशरूम कैफे एंड रेस्टारेंट के रसोईघर का निरीक्षण किया तो पाया कि गंदगी के बीच खाना बनाया जा रहा था। साथ ही रसोईघर में खाद्य सामग्रियों के आसपास कॉकरोच घूम रहे थे। इसके बाद प्रशासन ने रेस्टोरेंट का खाद्य लाइसेंस निलंबित कर दिया है। खाद्य सुरक्षा प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार होटल, ढाबों, रेस्टोरेंट में स्वच्छता के बीच भोजन निर्माण किया जाना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभाग की टीम ने शुक्रवार को आईएसबीटी स्थित छह रेस्टोरेंट का निरीक्षण किया। इस दौरान फ्रेशरूम रेस्टोरेंट के रसोईघर सहित अन्य क्षेत्रों में कॉकरोच मिले थे। इस वजह से रेस्टोरेंट का खाद्य लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। वहीं अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट से बेसन का नमूना लेकर जांच के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है। नमकीन निर्माण व विक्रय केंद्रों का किया निरीक्षण दीपावली के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम ने शुक्रवार को नमकीन कारखानों व विक्रय केंद्रों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान काली परेड स्थित कुंदन नमकीन, गणेश नमकीन बरखेड़ा पठानी, न्यू कबाड़खाना स्थित डीएसपी नमकीन पर पहुंचकर स्वच्छता सहित अन्य व्यवस्थाएं देखी। खाद्य निरीक्षक देवेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि कारखानों में उपयोग होने वाले घटक पदार्थों व उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए बेसन, खाद्य तेल, मसाले और नमकीनों के कुल 22 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हनुमानगंज में पकड़ाया डेढ़ क्विंटल चीज एनालॉग निकला शुद्ध उधर, हनुमानगंज थाना क्षेत्र में बीते शनिवार पकड़ाया डेढ़ क्विंटल चीज एनालॉग शुद्ध (पनीर का विकल्प) शुद्ध निकला है। खाद्य सुरक्ष प्रशासन ने बीते शुक्रवार और शनिवार को डेढ़- डेढ़ क्विंटल पनीर जब्त किया था। दरअसल दोनों ही पनीर का विकल्प चीज एनालॉग था लेकिन शुक्रवार को जो नमूने लिए गए थे, वे पनीर के नाम से लिए गए थे। बुधवार को आई जांच रिपोर्ट में यह अमानक साबित हुए थे। जबकि शनिवार को नमूने चीज एनालॉग के नाम से लिए गए थे, जांच भी इसके पैरामीटर से की गई, जिसमें यह पास हो गए हैं। अब जल्द ही व्यापारियों को यह चीज एनालॉग वापस किया जाएगा।
Dakhal News
बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष और छतरपुर विधायक ललिता यादव ने बुंदेलखंडी दशहरे की दस दिनी परम्परा निभाती नजर आईं. ललिता यादव कार्यकर्ताओं के साथ बाजार मे पान लेकर निकलीं और सभी को पान खिलाया. बुंदेलखंड की परंपरा में दशहरा का त्यौहार दस दिन तक मनाया जाता है ,ऐसी परंपरा का निर्वाह करने बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष और छतरपुर विधायक ललिता यादव निकल पडी बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बाजार मे उनके हाथ मे था बुंदेलखंड का प्रसिद्ध पान जिसे उन्होंने दशहरा के उपलक्ष्य मे व्यापारियों और आम आदमियों को खिलाकर उनका मुंह मीठा करवाया ऐसा वह बषोँ से कर रही है. उनका कहना है ऐसा करने से लोगो को अपने जनप्रतिनिधि को अपने बीच पाकर ख़ुशी होती
Dakhal News
एक बच्ची को बचाने में एक बस दुर्घटना ग्रस्त हो गई. इस हादसे के बाद बच्ची सुरक्षित है लेकिन बस के पेड़ से टकरा जाने के कारण कई बस में सवार लोग घायल हो गए. महोबा से नौगांव आ रही थी शिवकुमार ट्रेवल्स की बस एक बच्ची को बचाने के चक्कर में अनियंत्रित हो कर पेड़ से टकरा गई. इस घटना में बस में सवार यात्रियों को चोटें आई है. मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन ने एंबुलेंस की सहायता से घायलों को नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया. ये हादसा जीसीएम कॉन्वेंट स्कूल के पास बच्ची को बचाने के चक्कर में हुआ. बस में 55 यात्री सवार थे.
Dakhal News
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दुर्गा विसर्जन के दौरान डीजे की धुन पर नाच रहा एक 13 वर्षीय बालक अचानक बेसुध होकर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। घटना 14 अक्टूबर, सोमवार शाम की बताई जा रही है। बालक की पहचान समर बिल्लौरे के रूप में हुई है। वह सेंट जोसफ स्कूल में पांचवीं का छात्र था। बताया जा रहा है कि समर डीजे पर बज रहे गाने की धुन पर नाच रहा था। डीजे के तीव्र साउंड में डांस करते-करते अचानक वह बेसुध होकर गिर पड़ा। स्वजन तुरंत उसे नर्मदा अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने चेक करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मां चिल्लाती रही, किसी ने नहीं सुना बच्चे के स्वजन ने पीएम करवाए बिना अगले दिन उसका अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में उन्होंने दावा किया कि समर की मौत डीजे की तेज आवाज से हुई है। उनका कहना है कि डीजे की आवाज पहले कम थी। जैसे ही उसका साउंड तेज हुआ, समर बेहोश हो गया। यह देख मां मदद के लिए चिल्लाती रही, लेकिन डीजे वाले ने साउंड कम नहीं किया। स्वजन बच्चे को नजदीकी अस्पताल लेकर गए, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। समर के बड़े भाई अमर बिल्लौरे का कहना है कि उस दौरान डीजे में करंट फैलने की शिकायत भी आई थी। पुलिस तक नहीं पहुंचा मामला बहरहाल पुलिस ने बताया कि उन्हें अस्पताल और परिवार की ओर से बच्चे की मौत की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई थी। वहीं इस मामले में डॉक्टर का कहना है कि बच्चे को जब अस्पताल लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। परिवार वालों ने पोस्टमार्टम नहीं कराया है। इसलिए इस मामले में कुछ कहा नहीं जा सकता। मृतक की मां क्षमा बिल्लौरे का कहना है कि बच्चे को हृदय संबंधी समस्या थी, लेकिन फिलहाल वह पूरी तरह स्वस्थ था। डीजे की तेज आवाज की वजह से उसकी जान गई है।
Dakhal News
पुलिसकर्मि से मारपीट के मामले ने तूल पकड़ा लिया है, चौरसिया समाज ने निष्पक्ष जांच को लेकर एसपी को ज्ञापन सौपा है. पुलिसकर्मी पर नशे में होने का आरोप लगाया गया है. आपको बता दे की मैंहर में बीते दिनों चल समारोह के दौरान पुलिसकर्मी के साथ भाजपा नेता ने मारपीट की थी. जिसके बाद से पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूरे शहर में परेड निकाला था. आज इसी मामले पर निष्पक्ष जांच की मांग की लेकर मैहर के चौरसिया समाज ने आरोपी अरुण चौरसिया के पक्ष में मैहर एसपी सुधीर अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। लोगो ने बताया कि पुलिसकर्मी नशे की हालत में धुत्त था. सामने से आमजन को गाली गलौज कर रहा था. जिस वजह से वहां हाथापाई हुई इस मामले पर निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पुलिस वाले पर भी कार्यवाही की मांग की है।
Dakhal News
मंगलवार शाम को निशातपुरा रेलवे स्टेशन पर एक यात्री ने शराब के नशे में आकर चिल्लाना शुरू कर दिया कि "ट्रेन में बम है," जिससे हड़कंप मच गया। सिवनी से फिरोजपुर कैंट जंक्शन जाने वाली 14623 पातालकोट एक्सप्रेस में इस सूचना के बाद सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई की। यात्री की सूचना के बाद जीआरपी ने ट्रेन को रोका और पूरे ट्रेन की जांच की, लेकिन कोई विस्फोटक नहीं मिला। बताया गया है कि यह यात्री शराब के नशे में था और अचानक बम की बात करने लगा। पातालकोट एक्सप्रेस प्रतिदिन शाम 6:10 बजे भोपाल स्टेशन पर पहुंचती है और मंगलवार को यह 6:19 बजे निशातपुरा स्टेशन पर पहुंची थी। जब टीसी को बम की सूचना मिली, तो उन्होंने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचित किया और ट्रेन को रोक दिया। आरपीएफ की टीम के साथ मिलकर पूरी ट्रेन की सघन जांच की गई, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। जांच के बाद ट्रेन को भोपाल की ओर आगे बढ़ने की अनुमति दी गई, जिससे यात्रियों ने राहत की सांस ली। इस घटना के चलते निशातपुरा से गुजरने वाली लगभग 19 ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ। इनमें डॉ. आंबेडकर नगर प्रयागराज एक्सप्रेस 10 मिनट, दक्षिण सुपरफास्ट एक्सप्रेस 31 मिनट, मुंबई एलटीटी अयोध्या एक्सप्रेस 75 मिनट, डॉ. आंबेडकर नगर श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा स्पेशल 15 मिनट, भोपाल जोधपुर एक्सप्रेस 60 मिनट, और जन साधारण एक्सप्रेस 92 मिनट लेट हुईं। आरपीएफ ने अफवाह फैलाने वाले यात्री को हिरासत में ले लिया है।
Dakhal News
अतिथि विद्वान शिक्षक अब अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं. सरकार से उनकी एक ही मांग है कि सरकार उन्हें नियमित करें. इसी भाजपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि विद्वानों से महापंचायत लगाकर यह वादा किया था कि उन्हें नियमित किया जाएगा. अपनी नियमिति कारण की मांग को लेकर अतिथि विद्वान लगातार सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.इसी कड़ी में आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन भोपाल के नीलम पार्क में किया गया. अतिथि विद्वान शिक्षकों के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह भदोरिया ने बताया कि.हमारी केवल एक मांग है कि हमें नियमित किया जाए और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमसे पंचायत में है वादा किया था कि वह हमें नियमित कारण करेंगे. आज दिनांक तक हमें नियमित नहीं किया गया है. धरना प्रदर्शन कर हम सरकार को उनका वादा याद दिला रहे हैं.सुरजीत सिंह भदोरिया ने कहा कि अतिथि विद्वानों से सरकार ने वादा खिलाफी की है.अतः सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमें नियमित करें क्योंकि मध्य प्रदेश के अतिथि विद्वानों का भविष्य अंधकार में है.
Dakhal News
एम पुजारी हनुमान जी की मूर्ति लेकर जनसुनवाई में पहुँच गए. पुजारी ने प्रशासन को बताया की मंदिर की जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है. मंदिर की जमीन को कब्जे से मुक्त करवाया जाए. छतरपुर मे जनसुनवाई मे उस समय अजीब स्थिति बन गई ,जब एक पुजारी गोदी मे हनुमानजी की मूतिँ लेकर पहुंच गया. एसपी और कलेक्टर के पास आवेदन देकर उसने बताया कि नौगांव तहसील के कुलवारा गांव के मंदिर की जमीन पर दबंग लोग कब्जा करे है ,इसके लिये उसने सिविल न्यायालय मे कैस दायर किया ,जिसका फैसला 2022 मे आया था तब से अब तक सिविल न्यायालय के फैसला उसके पक्ष मे आने के बाद उसे उस जमीन पर कब्जा नही मिल पाया है. जिस मंदिर पर हनुमानजी की मूतिँ बिराजना है, इस लिये वह हनुमानजी को साथ लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है, पुजारी के आवेदन पर एडीएम ने संबधित एसडीएम से बात कर इस मामले को तत्काल निराकरण करने का आदेश दिया है.
Dakhal News
छतरपुर से अपराध जगत से जुडी दो खबरे हैं. एक तो गुंडे बदमाश दहशत पैदा करने के लिए अवैध हथियारों के साथ वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं . ऐसा ही एक वीडियो फिर सामने आया है. दूसरा दबंगों ने अपने रसूख की दम पर कुछ लोगों की लाठी डंडों से पिटाई लगाईं. पुलिस दोनों मामलों में जांच कर रही है . छतरपुर मे अवैध हथियारों के साथ एक युवक का वीडियो सोशल मीडिया मे जमकर वायरल हो रहा है. लोगो में दहशत फैलाने की मंशा से युवक सोशल मीडिया पर अवैध हथियार के साथ वीडियो पोस्ट कर लोगो में दहशत फैला रहा है. महाराजपुर क्षेत्र का युवक अवैध देशी कट्टा के साथ दिखाई दे रहा है छोटू पटैरिया नाम के युवक ने यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेट फार्म इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है. वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने जांच के आदेश दे दिये हैं. पुरानी रंजिश को लेकर लवकुश नगर थाना क्षेत्र के परसानिया में लाठी डंडे चले. हाथ में लाठी डंडा लिए मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है. पांच लोगों के साथ दबंगों ने जमकर मारपीट की. मारपीट करने वालों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. मारपीट में तीन लोगों की हालत गंभीर हो गई है. दबंगो पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए पीड़ितों ने एसपी को आवेदन दिया है
Dakhal News
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम का हिस्सा नहीं होंगे. भारतीय टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा ने तेज गेंदबाज की फिटनेस पर बड़ा अपडेट दिया है. रोहित ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट से पहले बेंगलुरु में कहा कि वे चोटिल शमी को ऑस्ट्रेलिया नहीं ले जा सकते हैं. 37 साल के भारतीय कप्तान ने शमी की फिटनेस पर पूछे गए सवाल पर कहा- 'ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए शमी को लेकर फैसला करना मुश्किल है. उनके घुटनों में सूजन है, जिसके कारण वे थोड़ा पिछड़ गए हैं और उन्हें दोबारा शुरू करना होगा. हम शमी को ऑस्ट्रेलिया नहीं ले जाना चाहते. भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा, जिसे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के नाम से भी जाना जाता है, 22 नवंबर से शुरू हो रहा है. टीम इंडिया को इस बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है. मोहम्मद शमी पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित वनडे वर्ल्ड कप 2023 के दौरान चोटिल हुए थे. उन्होंने आखिरी इंटरनेशनल मैच अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. यह वर्ल्ड कप कप फाइनल मुकाबला था.
Dakhal News
भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष और पार्षद पति अरुण चौरसिया ने नशे की हालत में एक पुलिस वाले से मारपीट की और पुलिस को सबक सिखाने की धमकी दी. इसके बाद पुलिस ने भाजपा नेता की हेकड़ी निकल दी और उसका जुलूस निकाल दिया. मध्य प्रदेश के मैहर में एक बार फिर खादी के आगे खाकी शर्म सार हो गई है. एक पार्षद पति व भाजपा मंडल उपाध्यक्ष अरुण चौरसिया की गुंडागर्दी का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जो भाजपा की रीती नीति से मेल ही नहीं खाता है. बताते हैं नशे में धुत्त पार्षद पति और बी जे पी मंडल के उपाध्यक्ष ने पुलिस कर्मी पर ही हांथ साफ कर दिया. दरसल मामला दुर्गा प्रतिमा के चल समारोह के दौरान का है. जब वार्ड नंबर 12 की निर्दलीय पार्षद अर्चना चौरसिया के पति को उस समय गुस्सा आ गया जब वो चल समारोह में मदहोश होकर नाच रहे थे तभी ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी गुड्डू यादव ने उन्हें चल समारोह आगे बढ़ाने को कहा तो पार्षद पति को यह बात नागवार लगी और वो भड़क गया उसने पुलिस कर्मी को थप्पड़ रसीद कर दिया. पूरे घटना क्रम पर पुलिस ने 24 घंटे बाद तब संज्ञान लिया जब घटना क्रम का वीडियो शोसल मीडिया पर वायरल हुआ. हालाकि पुलिस ने आनन फानन में आरोपी पार्षद पति एवम बी जे पी मंडल के उपाध्यक्ष अरुण चौरसिया को गिरफ्तार कर उसका जुलूस भी निकाला. इस घटना क्रम ने साबित कर दिया है कि मध्य प्रदेश में खादी के आगे जब खाकी अपनी सुरक्षा नहीं कर पा रही तो ऐसे नेता आम लोगों का क्या हाल करते होंगे.
Dakhal News
छतरपुर में एक पाइप बनाने वाले कारखाने पर लीगल एक्शन लिया गया. बताते हैं इस कम्पनी पर बड़े ब्रांड के पाइप का डुप्लीकेट पाइप बनाने का आरोप है पीवीसी पाईप बनाने की फैक्ट्री पर एक बड़े ब्रांड की कंपनी की लीगल टीम ने कार्यवाही की कोर्ट के आदेश पर यह कार्यवाही की गई. ब्रांडेड कंपनी के हुबहू पाईप बनाने पर कोर्ट ने रोक लगाईं है. फैक्ट्री मालिक का आरोप किसी तरह का कोई डुप्लीकेट पाईप नहीं बनाया जा रहा. मेरे पास पाईप बनाने के पूरे है दस्तावेज है. जबकि ब्रांडेड कंपनी की लीगल टीम ने कोर्ट के आदेश पर कथित पाईप बनाने पर रोक लगाईं है और स्टाक को भी सील करवा दिया है.
Dakhal News
यह खबर मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला को जरूर देखना चाहिए क्योंकि मध्यप्रदेश में गरीबों को मुक्त इलाज देने के सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. मात्र 5 रुपए नहीं होने पर एक बीमार माँ - बेटी को अस्पताल से बिना इलाज के लौटना पड़ा. राजेंद्र शुक्ला जी आप स्वास्थ्य मंत्री होने के साथ मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री भी हैं इसलिए गरीब गुरबों से जुड़ी ये खबर आपको समर्पित है. गरीब आदिवासी वर्ग के लोगों को सरकारी अस्पतालों में निशुल्क इलाज देने का दावा करने वाली आपकी सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. पर्ची बनवाने के बाद 5 रूपए कम होने पर एक मां बेटी को बगैर इलाज अस्पताल से वापस घर लौटना पड़ा. मंत्री जी आप और आपके जिम्मेदार लोग जांच कराने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं और स्वास्थ्य सेवाएं भगवान् भरोसे नजर आती हैं. यह मामला देवास जिले के नेमावर आयुष्मान आरोग्य केंद्र का है. जहां एक मां उसका ओर उसकी मासूम बेटी का इलाज करने के लिए 20 रूपए लेकर घर से सरकारी अस्पताल पहुंची थी. जहां मां ने अपनी ओर बेटी के नाम पर इलाज के लिए पर्ची काउंटर पर लाइन मैं लगकर पर्ची बनवाली, जब पैसे देने का नंबर आया तो उनके पास मात्र 15 रूपए ही निकले, ₹5 का सिक्का रास्ते में कहीं गिर गया था. 5 रूपए कम होने की बात पर काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों ने गरीबों का मजाक उड़ाते हुए मां को खरी खोटी बातें सुना कर उसको अपमानित किया. जिसके चलते मां अपनी बेटी के साथ सरकारी अस्पताल से वापस घर लौट गई. मंत्री जी आपके विभाग के क्या हाल है ये आप अच्छे से जानते हैं इस संबंध में जब अस्पताल के डॉ राहुल से बात की तो उनका कहना था कि पर्ची वाला मामला उनके संज्ञान में भी आया है. मंत्री जी आपके सरकारी अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति के नाम पर पर्ची का खेल लंबे समय से चल रहा है जिस पर सरकार के नुमाइंदों का भी कोई ध्यान नहीं. जिसके चलते गरीब ,ग्रामीण आदिवासी लोगों को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ₹10 देकर इलाज करवाना पड़ रहा है. पैसे के अभाव में कई गरीब लोगों को बगैर इलाज ही अस्पताल से वापस घर भेज दिया जाता है.
Dakhal News
जबलपुर के कटंगी थाना क्षेत्र में एक युवक की हत्या के पीछे उसके गांव का एक अन्य युवक था, जिसने हत्या के लिए दोस्ती करके धोखे से युवक को मौत के घाट उतार दिया। आठ दिन तक खोजबीन करता रहा। पूछताछ करने पर आरोपित ने किया जुर्म कबूल पुलिस ने मोबाइल लोकेशन और काल डिटेल की मदद से आरोपित की पहचान कर ली। पूछताछ करने पर आरोपित ने जुर्म भी कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपित युवक ने बताया कि बहन पर बुरी नजर रखने की वजह से ही उसने हत्या को अंजाम दिया। तालाब में अरूण लोधी 20 साल की लाश मिली थी कटंगी के थूहा पड़रिया गांव में 9 अक्टूबर को तालाब में अरूण लोधी 20 साल की लाश मिली थी। अरूण पिछले एक अक्टूबर से लापता था। पुलिस ने इस मामले में आनंद सिंह 19 साल को गिरफ्तार किया है। आनंद और अरूण दोस्त थे। दोस्ती कर ली तो वह उसके साथ घुल मिल गया आरोपित ने बताया कि अरूण लोधी उसकी बहन पर बुरी नजर रखता था। यह बात उसे पता लगी तो वह इसका बदला लेने के इरादे से अरूण लोधी से दोस्ती कर ली। वह उसके साथ घुल मिल गया। फ्री फायर गेम खेला, तीनों गांव में घूमने निकल गए एक अक्टूबर को फ्री फायर गेम खेलने के बहान आनंद ने अरूण को बुलाया। करीब आधा घंटा गेम खेलने के बाद तीन दोस्त आनंद, अरुण और राघवेंद्र रोज की तरह गांव के चबूतरे पर बैठे थे। आधा घंटा फ्री फायर गेम खेला। इसके बाद तीनों गांव में घूमने निकल गए। जबलपुर में गर्लफ्रेंड से फोन पर कुछ देर बात की रात 9.30 बजे तीनों उसी चबूतरे पर लौटे। राघवेंद्र और अरुण घर चले गए। जबकि आनंद ने जबलपुर निवासी अपनी गर्लफ्रेंड से फोन पर कुछ देर बात की। फिर अरुण को फोन किया। कहा- एक बार और फ्री फायर गेम खेल लेते हैं। रात 10 बजे चुके थे। सिर पर लोहे का पाना मारा, तालाब में धक्का दे दिया गेम खेलने के बाद दोनों टहलते हुए तालाब के पास पहुंचे। आसपास घना अंधेरा था। इसका फायदा उठाते हुए आनंद ने अचानक अरुण के सिर पर लोहे का पाना मार दिया। यह पाना आनंद ने पहले ही अपने पास रखा था। हमले के बाद उसे तालाब में धक्का दे दिया। हत्या करने के बाद आनंद घर आकर सो गया घटना के दूसरे दिन अरूण के स्वजन ने कटंगी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। आनंद भी स्वजन के साथ अपने दोस्त की तलाश में जुटा रहा। आठ दिन बाद 9 अक्टूबर को तालाब में अरूण का शव मिला। अरूण के गायब होने के बाद माेबाइल भी बंद पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि अरूण के गायब होने के बाद से उसका माेबाइल भी बंद है। पुलिस ने लोकेशन और काल डिटेल निकलवाई। जिसमें आनंद और अरूण के बीच बातचीत होना पाया गया। बहन के आने-जाने पर पीछा किया करता था पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपित टूट गया और उसने जुर्म कबूल कर लिया। आनंद ने बताया कि उसकी छोटी बहन पर अरूण की नजर थी वह उसके आने-जाने पर पीछा किया करता था। इस बात से नाराज होकर आनंद ने अरूण को ठिकाने लगाने का मन बनाया।
Dakhal News
कंचन नदी में दुर्गा प्रतिमा मूर्ति विसर्जन के दौरान हादसा हो गया इस हादसे में एक युवक की पानी में डूबने से मौत हो गई. मौके पर पहुंचे विधायक राजेंद्र मेश्राम ने पीड़ित परिवार को हर सम्भव मदद का भरोसा दिया है. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक युवक के पानी में डूबने की जानकारी देवसर विधानसभा के विधायक राजेंद्र मेश्राम को मिली तो उन्होंने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाई, देवरी में कंचन नदी में मूर्ति विसर्जन के दौरान चंद्रकांत दुबे अचानक पानी में डूब गया. विधायक ने एसपी सिंगरौली से आनन फानन में हर संभव मदद की बात कही. पुलिस एनडीआरएफ की टीम एवं विधायक देवसर तत्काल मौके पर पहुंचे. तब तक युवक की पानी में डूबने से हुई मौत हो गई थी. ऐसे में विधायक राजेंद्र मेश्राम पीड़ित परिजनों के साथ खड़े नहर आये और उन्हें हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया.
Dakhal News
मैंहर में धारदार हथियार से एक युवक ने अपना ही गला रेत कर आत्महत्या करने की कोशिश की. ये युवक घरेलू विवाद से परेशान बताया जा रहा था. अमरपाटन थाना क्षेत्र में घरेलू कारणों से यूवक ने चाकू से अपना गला रेत लिया. आत्महत्या की कोशिश के बाद परीजन गंभीर अवस्था में युवक को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे. घटना की जानकारी लगते ही सिविल अस्पताल पुलिस ने युवक से पूछताछ की युवक हालाँकि अभी ज्याद कुछ नहीं बता पाया है ,लेकिन वो घरेलू विवादों से परेशान था.
Dakhal News
विमेंस टी-20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 9 रन से हरा दिया. इसी के साथ टीम इंडिया के सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें लगभग खत्म हो गईं. टीम 4 में से 2 ही मैच जीत सकी है. अब अगर पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड को बड़े अंतर से हरा दिया, तभी टीम इंडिया सेमीफाइनल खेल पाएगी. शारजाह में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी. ऑस्ट्रेलिया ने 20 ओवर में 8 विकेट खोकर 151 रन बनाए. टीम से ताहलिया मैक्ग्रा ने 40 रन बनाए. जवाब में टीम इंडिया 9 विकेट खोकर 142 रन ही बना सकी. कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 47 गेंद पर 54 रन बनाए. बाकी बैटर्स कुछ खास नहीं कर सकीं. हरमनप्रीत कौर 20वें ओवर तक नॉटआउट रहीं, लेकिन वे टीम को जीत नहीं दिला सकीं. आखिरी ओवर में भारत 14 रन चाहिए थे, टीम 6 गेंद पर 4 ही रन बना सकी और 4 विकेट गंवा दिए. एनाबेल सदरलैंड ने 2 विकेट लिए, जबकि 2 बैटर्स रनआउट हुईं. यहां दूसरी गेंद पर पूजा वस्त्राकर को एनाबेल सदरलैंड ने बोल्ड कर दिया. तीसरी गेंद पर अरुंधति रेड्डी रनआउट हो गईं. पांचवीं बॉल वाइड रही, इस पर श्रेयांका पाटिल रनआउट हो गईं. अगली बॉल पर राधा यादव LBW हो गईं. वस्त्राकर ने 9 रन बनाए, जबकि बाकी 3 बैटर्स खाता भी नहीं खोल सकी.
Dakhal News
सिंगरौली में जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की मौजूदगी में रामलीला के मंचन के साथ रावण का वध किया गया. इसके बाद बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया गया. सिंगरौली में प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राजमाता चुनकुमारी स्टेडियम में भगवान राम की पूजा अर्चना के बाद 45 फिट के रावण के पुतले का दहन किया गया. ऐसे में जय श्री राम के नारे से पूरा स्टेडियम गूंज उठा रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद शर्मा जो पेशे से एक पुलिस कर्मी है रावण का किरदार निभाने के लिए उन्होंने स्पेशली छुट्टी लेकर रावण का किरदार निभाया. उन्होंने जनता जनार्दन का आभार व्यक्त किया. संयुक्त व्यापार मंडल अध्यक्ष राजाराम केशरी ने जिला प्रशासन नगर निगम और यहाँ की जनता को आभार व्यक्त किया की सबने इस आयोजन में अपना योगदान दिया.
Dakhal News
छतरपुर के बडामलेहरा मे काग्रेस नेता के होटल में युवक की संदिग्ध मौत पर बबाल मच गया. यह युवक किसी युवती के साथ होटल में ठहरा था. युवक के परिजनों ने युवक की ह्त्या किये जाने का आरोप लगाया है. ब्लॉक कॉंग्रेस अध्यक्ष राजकुमार सिंह टिंकू चौहान के आयुष होटल में युवती के साथ ठहरे शादीशुदा युवक की संदिग्ध हालत मे मौत हो गई, जिसको लेकर मृतक के परिजनों ने हत्या के आरोप लगाते हुये लगभग दो घण्टे जाम भी लगाया. ग्राम सिरोंज निवासी अरविंद सिंह एक युवती के साथ बड़ामलहरा ब्लॉक कॉंग्रेस अध्यक्ष राजकुमार सिंह टिंकू चौहान के आयुष होटल के कमरा नंबर 3 में ठहरा था. जहाँ उसकी संदिग्ध हालत में मौत हो गयी. जिसे राजकुमार सिंह ने अस्पताल भेजा और वहाँ से भाग खड़ा हुआ. मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी लगते ही टिंकू चौहान की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों ने अस्पताल के बाहर मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया. पुलिस ने मर्ग कायम कर युवती के बयान पर मामले की तहकीकात शरू कर दी है.
Dakhal News
स्पा सेंटर के दो मैनजर पैसे के लेनदेन को लेकर आपस में भीड़ गए. इनका झगड़ा इतना बढ़ गया कि एक मैनेजर ने दूसरे को तवे से मार मार कर उसकी जान ले ली. पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया है. बिलौंजी स्पा सेंटर में 12 घंटे पहले हुई मैनेजर की हत्या का पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने किया खुलासा कर दिया है. उन्होंने बताया मृतक व आरोपी दोनों अंजली स्पा सेंटर के अलग अलग सेंटरों बैढ़न व विंध्य नगर के मैनेजर है. अंजलि स्पा सेंटर के संचालक का फोन आया उसी बात को लेकर दोनों मैनेजरों के बीच पैसे के हिसाब किताब को लेकर विवाद इतना बढ़ा की आरोपी शिवम मिश्रा ने मृतक सिकंदर रविदास के ऊपर रोटी बनाने वाले तवे से ताबड़तोड़ प्रहार कर दिया. इस दौरान अंजलि स्पा सेंटर बिलौजी में कार्य कर रही लड़की ने बीच बचाव किया लेकिन आरोपी लगातार प्रहार करता रहा जिससे सिकंदर रविदास की मौत हो गई. इसके बाद आरोपी शिवम मिश्रा एक ऑटो से बैठकर बरगवां तरफ भागा जैसे ही पुलिस को सूचना मिली पुलिस ने चारों तरफ घेराबंदी की वही बरगवां से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
Dakhal News
अंततः खैरागढ़ रियासत के दिवंगत राजा देवव्रत सिह की पत्नी की मांग को छतीसगढ़ सरकार ने मान लिया और दशहरे से पूर्व उनके पति देवव्रत सिह की प्रतिमा का अनावरण करवा दिया. खैरागढ़ रियासत के राजा देवव्रत सिंह की प्रतिमा अनावरण के विवादित मामले को सरकार ने सुलझा दिया. दिवंगत राजा देवव्रत सिंह की पत्नी विभा सिंह ने मौजूदा सरकार से उनकी प्रतिमा की अनावरण की मांग की थी. अंतत सरकार ने उनकी मांग को मान लिया और दशहरा के पहले स्वर्गीय देवव्रत सिंह की मूर्ति का अनावरण किया गया. जिले के प्रभारी कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने राजा देवव्रत सिह की प्रतिमा का अनावरण किया ..इस दौरान सांसद संतोष पांडे एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मौजूद थे. विभा सिंह ने इस बात की खुशी जताई की उन्हें इस कार्यक्रम में सम्मान पूर्वक आमंत्रित किया गया। साथ ही उनकी बातों को महत्व देते हुए मौजूदा सरकार के द्वारा स्वर्गीय देवव्रत सिंह की मूर्ति का अनावरण किया गया.
Dakhal News
सिंगरौली पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने जयंत चौकी प्रभारी अभिषेक पांडे का दो महीने में ही तबादला कर दिया जिसकी खूब चर्चा है. एसपी का कहना है शिकायत के आधार पर एक्शन लिया गया है .लेकिन यह बात किसी के गले नहीं उतर रही. पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने दो महीने में ही जयंत चौकी प्रभारी अभिषेक सिंह पांडे को हटा दिया. सोशल मीडिया में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग तरह-तरह के सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर क्या वजह है जो पुलिस अधीक्षक ने इतनी जल्दी अभिषेक पांडे को जयंत चौकी से लाइन हाजिर कर दिया. इस बारे में पुलिस अधीक्षक से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत थी. जन अन्य पुलिसवालों की शिकायत पर उनसे सवाल किया गया तो उनका कहना था. सबको हटाकर सभी थानों को थाना प्रभारी विहीन कर दें.
Dakhal News
छतरपुर में अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. एक बच्ची की कुए में फेंक कर ह्त्या कर दी गई. वहीँ पुलिस ने भेष बदलकर जुए की फड़ पर छापामार कार्यवाही कर जुआरियों को पकड़ा और शराब बनाने के एक अड्डे का भी खुलासा किया. छतरपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहाँ 9 साल की नाबालिग बच्ची को गांव के ही एक व्यक्ति ने कुएं में फेंका कर उस पर तब तक पत्थर बरसाए जब तक बच्ची की मौत न हो गई. ये घटना राजनगर थाना क्षेत्र के देव कुलिया गांव की है. पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है. बच्ची नवरात्रि के मौके पर अपने चचेरे भाई के साथ देवी मंदिर दिया रखने जा रही थी. तब इस घटना को अंजाम दिया गाया. बच्ची के भाई ने आरोपी फांसी देने की मांग की है. इस वारदात के आरोपी गोवर्धन पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. छतरपुर जिले की नौगांव पुलिस ने जुआ की फड़ पर छापा मारा और आधा दर्जन से अधिक जुआरियों को गिरफ्तार किया. जानकारी के अनुसार झांसी खजुराहो नेशनल हाईवे पर भड़ार नदी के पुल के समीप एक जुआ के फड़ की सूचना पुलिस को मिली. पुलिस ने भेष बदलकर इस जुआ के फड़ की चारों तरफ से घेराबंदी की और दबिश दी. जहाँ 114000 नगद एक आल्टो कार दो मोटरसाइकिल समेत 6 लाख से अधिक का सामान जब्त कर पुलिस ने है 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया. बिजावर ब्लाक के ग्राम कंजरपुर, भरगावा में चल रहे शराब के अड्डे पर आबकारी पुलिस ने छापा मारा यहाँ से कच्ची शराब बनाने का जखीरा बरामद किया गया. 4000 kg महुआ लाहन और मदिरा निर्माण की भट्ठियों को मौके पर नष्ट किया गया. मदिरा निर्माण सामग्री की कीमत चार लाख रूपये से अधिक बताई गई है. यहाँ से कुछ शाराब तस्कर गायब हो गए और कुछ को पकड़ लिया गया है.
Dakhal News
नवरात्र में जगह-जगह पर विराजमान दुर्गा जी की प्रतिमाओं और पंडालों में श्रधालुओं की भीड़ है और जगह से माँ के जयकारे सुनाई दे रहे हैं. सिंगरौली विधायक राम निवास शाह दुर्गा पंडालो में पहुंचकर पूजा अर्चना की और सभी जिले वासियों से नवरात्रि पर्व की बधाई दी. विधायक शाह ने दुर्गा जी के प्रतिमा के समक्ष पहुंच कर पूजा अर्चना की तत्पश्चात प्रसाद वितरण का हुआ आयोजन हुआ. मां के दरबार में भंडारे का भी आयोजन किया गया.
Dakhal News
रॉयल एनफील्ड क्लासिक 650 को इसके लॉन्च से पहले कई बार देखा जा चुका है, और अब यह बाजार में आने के लिए तैयार है। इसे नवंबर 2024 में लॉन्च किया जा सकता है। इसका डिजाइन रेट्रो स्टाइल का होगा, जो इसे रॉयल एनफील्ड 650 ट्विन्स लाइनअप में एक नया सदस्य बनाता है। आइए जानते हैं कि Royal Enfield Classic 650 किन फीचर्स के साथ आ सकती है। Royal Enfield Classic 650: डिजाइन Classic 650 का डिज़ाइन काफी हद तक Classic 350 से मिलता-जुलता हो सकता है। इसमें गोल एलईडी हेडलाइट, टियरड्रॉप आकार का फ्यूल टैंक, त्रिकोणीय साइड पैनल और घुमावदार फेंडर शामिल होंगे। Royal Enfield Classic 650: कलर ऑप्शन रिपोर्ट्स के अनुसार, रॉयल एनफील्ड क्लासिक 650 को दो कलर ऑप्शन में पेश किया जा सकता है: मैरून और क्रीम डुअल-टोन। ये कलर इसके विंटेज लुक को और भी बढ़ाएंगे। इसके अलावा, यह बाइक वायर स्पोक और अलॉय व्हील दोनों ऑप्शन में उपलब्ध हो सकती है, जो रेट्रो और आधुनिक डिजाइन का खूबसूरत संयोजन पेश करेंगे, जिसके लिए रॉयल एनफील्ड जानी जाती है।
Dakhal News
बीवाईडी ने 6 और 7 सीटर वर्जन के साथ नई इलेक्ट्रिक कार ईमैक्स 7 को लॉन्च कर दिया है. इंडिया में यह इलेक्ट्रिक कार दो वेरिएंट्स में खरीदने के लिए मिलेगी. परफॉर्मेंस की बात करें तो eMAX 7 महज 10.1 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है. यहां जानें कि इसके स्पेसिफिकेशंस और फीचर्स कैसे हैं. वाईडी ने इंडिया में अपनी इलेक्ट्रिक कार लाइनअप को और मजबूत करते हुए eMAX 7 को लॉन्च किया है. यह एक नई इलेक्ट्रिक MPV कार है, जो खासतौर पर e6 का अपग्रेडेशन है. बीवाईडी ने लेटेस्ट इलेक्ट्रिक कार को दो वेरिएंट्स- प्रीमियम और सुपीरियर में पेश किया है. अगर आपकी फैमिली बड़ी है, तो ये इलेक्ट्रिक कार अच्छा ऑप्शन हो सकती है. इसमें 6 और 7 सीटर ऑप्शन मिलेंगे. eMAX 7 की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 26.9 लाख रुपये है, और इसकी सिंगल चार्ज 530 किलोमीटर है. भारत में इलेक्ट्रिक कार तो बहुत हैं, लेकिन eMAX 7 ज्यादा सीटों के साथ आती है. बिग फैमिली और ज्यादा पैसेंजर कैपेसिटी के साथ यह उन लोगों के लिए बेहतर ऑप्शन साबित हो सकती है, जो 5 से ज्यादा सीटों वाली इलेक्ट्रिक कार चाहते हैं. eMAX 7 इलेक्ट्रिक के फीचर्स, बैटरी और रेंज आदि के लिए जानकारी यहां पढ़ें. BYD eMAX 7: फीचर्स ईमैक्स7 एक थ्री-रो इलेक्ट्रिक एमपीवी है जिसे 6 या 7 सीटर ऑप्शन के साथ लॉन्च किया गया है. इसमें 12.8 इंच के इंफोटेनमेंट टचस्क्रीन के अलावा दो वायरलेस फोन चार्जिंग पैड, वेंटिलेटेड फीचर्स के साथ लेदरेट सीटें, नया ड्राइव नॉब, इलेक्ट्रिकली पावर्ड टेलगेट और 360 डिग्री कैमरा जैसे फीचर्स मिलते हैं. कार में हवा की बेहतर आवाजाही के के लिए पीछे की सीटों पर रूफ-माउंटेड वेंट्स हैं. BYD eMAX 7: बैटरी और रेंज eMAX7 दो बैटरी पैक ऑप्शन – 55.4 kWh और 71.8 kWh के साथ आती है. 71.8 kWh बैटरी पैक से लैस इलेक्ट्रिक कार एक बार फुल चार्ज होने पर 530 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इसमें डुअल मोटर सेट-अप है. 55.4 kWh बैटरी पैक वर्जन थोड़ा सस्ता है, जो एक बार फुल चार्ज होने पर 420 किलोमीटर की रेंज देगा. BYD eMAX 7: कीमत बीवाईडी ईमैक्स 7 इलेक्ट्रिक कार 8.6 सेकेंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पकड़ सकती है. भारत में इस इलेक्ट्रिक कार की किसी दूसरी इलेक्ट्रिक कार से सीधा मुकाबला नहीं है. इसकी एक्स-शोरूम कीमत 26.9 लाख रुपये से शुरू होती है. ईमैक्स 7 के सबसे महंगे वर्जन की एक्स-शोरूम कीमत 29.9 लाख रुपये है.
Dakhal News
भोपाल: यूं तो पति-पत्नी में विवाद चल रहा है। यह विवाद इस कदर बढ़ा कि दोनों ने अलग-अलग होने के लिए कोर्ट में तलाक का केस लगा दिया। तलाक होता इससे पहले हुए एक कांड ने सनसनी फैला दी। यह मामला एमपी की राजधानी भोपाल से सामने आया है। भोपाल के अशोका गार्डन में एक पति ने अपनी ही पत्नी के साथ बलात्कार किया। जबकि दोनों के बीच तलाक का केस कोर्ट में चल रहा था। यही नहीं उसने पीड़िता को धमकाकर कई बार उसका शोषण भी किया। पुलिस ने एक्शन लेते हुए पति को पकड़ लिया है। हवसी पति ने नहीं छोड़ा पीछा घटना के बाद पीड़िता ने अशोका गार्डन पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। 31 साल की पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह अपने पति से अलग रह रही थी। पर वहां भी हवस के नशे में चूर उसके पति ने पीड़िता का पीछा नहीं छोड़ा। घर में अकेली थी उस दौरान आया हैवान 27 सितंबर को जब वह अपने घर में अकेली थी, तभी उसका पति अचानक आ धमका और उसे जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने आगे बताया कि आरोपी पति ने उसके साथ कई बार जबरदस्ती की और लगातार उसका शारीरिक शोषण करता रहा। पुलिस आरोपी को पहुंचाया जेल महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी के आपराधिक इतिहास के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।
Dakhal News
मैंहर में बिजली विभाग के अधिकारी को उपभोक्ता को धमकाना महंगा पड़ गया. जिसके बाद विभाग ने अधिकारी को निलंबित कर दिया गया. अधिकारी के निलंबन की वजह उपभोक्ता के साथ अभद्रता बताई जा रही है. जिले के अमरपाटन बिजली विभाग में पदस्थ अधिकारी प्रकाश चंद्र निगम का उपभोक्ता के साथ धमकी देने और गाली गलौज करने का एक ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. जिसके बाद विवादित अधिकारी को बिजली विभाग ने निलंबित कर दिया. आपको बता दे कि उपभोक्ता ने बिजली का बिल कम करने के लिए 10 हज़ार रूपए दिए थे. जब काम नहीं हुआ. तो उपभोक्ता बात करने पहुचा जिसके बाद साहब भड़क गए और धमकी सहित गाली दे लगे. हालांकि अब गालीबाज़ जेई को निलंबित कर दिया गया है. गौरतलब है. कि पहले भी जेई प्रकाश चंद्र निगम को वर्ष 2023 में लोकायुक्त ने 15 हज़ार की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा था.
Dakhal News
भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए न्यूजीलैंड की टीम का ऐलान कर दिया है. 3 मैचों की सीरीज के लिए टॉम लैथम को कप्तान बनाया गया है. वे फुल टाइम कैप्टन बनने के बाद पहली बार टीम की कप्तानी करेंगे. टीम में मार्क चैपमैन को मौका दिया गया है, जबकि ईश सोढ़ी की दूसरे और तीसरे टेस्ट के लिए वापसी हुई है. वहीं, पूर्व कप्तान केन विलियमसन को चोटिल होने के बावजूद भी स्क्वॉड में शामिल किया गया है. इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच 3 टेस्ट की सीरीज 16 अक्टूबर से शुरू हो रही है. पहला मुकाबला बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा. गैरी स्टीड न्यूजीलैंड के कोचिंग स्टॉफ को लीड करेंगे. ल्यूक रोंची बैटिंग, जैकब ओरम बॉलिंग और रंगना हेराथ स्पिन बॉलिंग कोच हैं. ऑलराउंडर माइकल ब्रेसवेल को बेंगलुरु में 16 अक्टूबर से होने जा रहे पहले टेस्ट के लिए टीम का हिस्सा बनाया गया है.
Dakhal News
भारतीय बाजार में वाहनों की बिक्री में हर महीने उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे है और बीता सितंबर महीना अच्छा नहीं रहा। इसके बावजूद इस वित्त वर्ष, यानी 2024-25 की पहली छमाही में अप्रैल से लेकर सितंबर 2024 के दौरान वाहनों की बिक्री में ओवरऑव 6 फीसदी से ज्यादा की बिक्री हुई है। देश में वाहनों की खुदरा बिक्री सितंबर में कमजोर रहने के बावजूद मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 6 महीने में इसमें 6.55 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दरअसल, भारत के टियर 2 और टियर 3 सिटीज के साथ ही ग्रामीण इलाकों में वाहनों की मजबूत डिमांड की वजह से वाहनों की बिक्री में बीते 6 महीने में तेजी दिखी है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) की हालिया रिपोर्ट देखें तो इस साल सितंबर में वाहनों की ओवरऑल बिक्री पिछले साल के समान महीने की तुलना में 9.26 फीसदी कम रही। सितंबर 2023 में कुल 18.99 लाख वाहन बिके थे, जबकि सितंबर 2024 में यह संख्या घटकर 17,23,330 यूनिट हो गई। बीते सितंबर में यात्री वाहनों में 18.81 फीसदी, कॉमर्शियल वाहनों में 10.45 फीसदी और दोपहिया वाहनों में 8.51 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। अप्रैल-सितंबर की अवधि में टू-व्हीलर्स की बिक्री में 9.08 फीसदी, थ्री-व्हीलर में 7.58 फीसदी और पैसेंजर वीइकल सेगमेंट 1.07 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि, वाणिज्यिक वाहनों (CV) और ट्रैक्टर्स की बिक्री में क्रमशः 0.65 फीसदी और 8.82 फीसदी की गिरावट आई है। FADA के नए प्रेजिडेंट सी. एस. विग्नेश्वर का कहना है कि पितृपक्ष ने बिक्री को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया, जिससे अलग-अलग सेगमेंट में रिटेल सेल में सालाना रूप से गिरावट आई। उन्होंने कहा कि डिमांड बढ़ाने के लिए अलग-अलग सेगमेंट में डिस्काउंट और ऑफर पेश किए गए हैं, लेकिन इनसे बिक्री में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है। आपको बता दें कि मॉनसून के दौरान सामान्य से 8 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जिससे कई क्षेत्रों में वाहनों की खुदरा बिक्री प्रभावित हुई। इसका मांग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। फाडा की मानें तो ऑटोमोबाइल के खुदरा कारोबार के लिए आने वाला समय अच्छा है, क्योंकि नवरात्र और दिवाली दोनों एक ही महीने में पड़ते हैं और इससे वाहनों की बिक्री में तेजी की संभावना है। फेस्टिवल सीजन में दोपहिया, यात्री वाहनों, और ट्रैक्टरों की बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है। फाडा की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि डीलरशिप पर गाड़ियों का स्टॉक ज्यादा होने की वजह से पैसेंजर वीइकल सेगमेंट एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। अगर अक्टूबर में बिक्री उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ती है तो डीलरों पर गोदामों में जमा हुए बिना बिके स्टॉक से वित्तीय दबाव बढ़ जाएगा। हालांकि डीलर और ओईएम त्योहार के मौसम में बिक्री तेज गोने की उम्मीद में हैं।
Dakhal News
आर्टिकल 34: भारतीय संविधान का सुरक्षा कवच भारत का संविधान विभिन्न आर्टिकल्स से बना है, जिनमें से आर्टिकल 34 महत्वपूर्ण है। यह आर्टिकल विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और जनकल्याण से संबंधित है। "अगर कोई व्यक्ति किसी अधिनियम के अंतर्गत, किसी संवैधानिक या कानूनी प्रावधान के अनुसार, भारत के खिलाफ युद्ध करने या देश के किसी अन्य व्यक्ति के साथ घातक संलिप्तता में लिप्त होता है, तो उसे बिना किसी न्यायालय द्वारा बिना सुनवाई के मुआवजे के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।" आर्टिकल 34 का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। यह ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की अनुमति देता है, जहां समय की कमी होती है और तत्काल निर्णय आवश्यक होता है। इस आर्टिकल के तहत, सरकार आपातकालीन स्थितियों में कार्रवाई कर सकती है, जिससे जनहित सुरक्षित रहता है। यह आतंकवाद, दंगा या किसी अन्य आपातकालीन स्थिति में लागू किया जा सकता है। हालांकि, आर्टिकल 34 की आलोचना भी होती है। कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन मानते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि इस प्रावधान का उपयोग केवल जनहित में किया जाए, न कि दुरुपयोग के लिए। आर्टिकल 34 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और जनकल्याण की दृष्टि से आवश्यक है। इसका सही उपयोग ही इसे प्रभावी बनाता है।
Dakhal News
डॉ. आनंद सिंह राणा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की चर्चित मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम जाली नोट छाप जाने के मामले में जांच के दायरे में है। जांच के क्रम में मदरसा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मदरसे में छापेमारी के दौरान पुलिस टीमों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी कई किताबें मिली हैं। मदरसे के प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन के कमरे में आरएसएस पर लिखी गई आपत्तिजनक किताबें और तस्वीरें मिलने पर मामला गंभीर हो गया है। मदरसे के प्रिंसिपल के कमरे से उर्दू भाषा में भड़काऊ साहित्य पाया गया। बरामद उर्दू साहित्य के अनुसार आरएसएस मुल्क में सबसे दहशतगर्द तंजीम है और बरामद किताब में आरएसएस के खिलाफ कई भड़काऊ लेख हैं, आरएसएस को किताब मे आतंकी संगठन बताया गया है। देश में हुए कई आतंकी घटनाओं का भी किताब में जिक्र किया गया है। महाराष्ट्र पुलिस के रिटायर्ड मुस्लिम पुलिस आधिकारी ने इस भड़काऊ किताब को लिखा है। जांच एजेंसियां उर्दू साहित्य से जुड़ी किताब की भी पड़ताल कर रही हैं। इन किताबों के जरिए मदरसे के बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता था। यूपी में मदरसों के आतंकी कनेक्शन को लेकर अक्सर आरोप लगाते रहते हैं, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज के एक मदरसे से ऐसा सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जो हैरान कर देने वाला है। यह मदरसा नकली नोट छापने का कारखाना बना हुआ था। प्रयागराज पुलिस ने मदरसे से संचालित होने वाले नकली नोट छापने के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था। नकली नोट छापने का कारखाना बना यह मदरसा प्रयागराज शहर के अतरसुइया इलाके में स्थित है, मदरसे का नाम जामिया हबीबिया है,यहां बड़ी संख्या में छात्र तालीम हासिल करते हैं, मदरसे के एक हिस्से में मस्जिद भी है। दरअसल, मदरसे में 28 अगस्त को पुलिस ने छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए, छापेमारी के दौरान पुलिस को सिर्फ जाली नोट और जाली नोट छापने की मशीन ही नहीं मिली थी, बल्कि पुलिस को कुछ आपत्तिजनक किताबें भी मिली हैं, न्यूज़ एजेंसियो को पुलिस छापेमारी के दौरान की एक्सक्लूसिव तस्वीरें मिली हैं।ऐसी ही एक किताब इस मदरसे में मिली, जिसमें आरएसएस के विरुद्ध बातें लिखी हुई हैं। ये किताब महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसएम मुशर्रफ द्वारा लिखी गई है,जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र के रिटायर्ड आईजी मुशर्रफ ने मुंबई 26/11 को लेकर भी कई आपत्तिजनक किताबें लिखीं थीं, ये सभी किताबें ऑनलाइन भी बिक रही हैं। अब प्रश्न उठता है कि संघ को आतंकी संगठन बताते हुए लिखी इस किताब का मकसद क्या था? इसकी पुलिस जांच कर रही है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस मदरसे में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के नौजवान पढ़ने के लिए आते थे। ऐसे में संघ के विरुद्ध जहर घोलने वाले किताब की मदरसे से बरामदगी और मदरसे में जाली नोट की फैक्टरी का क्या कनेक्शन है, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, पुलिस ये जांच भी कर रही है कि क्या मदरसे में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के दिमाग में संघ के विरुद्ध जहर तो नहीं भरा जा रहा था। पुलिस आरोपितों पर एनएसए लगाने की तैयारी में है। (लेखक, इतिहास के प्राध्यापक एवं इतिहास संकलन समिति के पदाधिकारी हैं।)
Dakhal News
इसे आप एक संयोग ही मान सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कहते हैं, "सुप्रीम कोर्ट ने सदैव राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है, यह भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की यात्रा है। इस यात्रा में संविधान निर्माताओं और न्यायपालिका के अनकों मनीषियों का महत्वपूर्ण योगदान है। इसमें उन करोड़ों देशवासियों का भी योगदान है, जिन्होंने हर परिस्थिति में न्यायपालिका पर अपना भरोसा अडिग रखा, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के यह 75 वर्ष मदर ऑफ डेमोक्रेसी के गौरव को और बढ़ाते हैं। इसलिए इस अवसर में भी गर्व और प्रेरणा भी है। एक तरफ पीएम मोदी का यह उद्बोधन भारत के संविधान के प्रति विश्वास और अपनी न्यायप्रणाली विशेषकर उच्चतम न्यायालय एवं अन्य न्यायालयों के प्रति विश्वास व्यक्त कर रहा था तो दूसरी ओर बहुत समय बाद यह देखने में आया कि न्यायालय ने केंद्र की भाजपा सरकार के पिछले 10 वर्षों से किए जा रहे प्रयासों एवं मध्यप्रदेश सरकार समेत बाघ संरक्षण के लिये कार्य कर रहे अन्य राज्यों के प्रयासों और सफलता के लिये खुलकर उनकी सराहना की है। कहना होगा कि विश्व के 75 प्रतिशत बाघ भारत में हैं। देश में बाघों की संख्या वर्ष 2014 में 2226 से बढ़कर अब 3682 हो गई है। इसमें मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। बीच में जब बाघों की संख्या घट रही थी तो यह ना सिर्फ भारत के पर्यावरणविदों के लिए बल्कि दुनिया भर में जैव विविधता के प्रेमी और वैज्ञानिकों के लिए भी चिंता का विषय बन गया था। उसके बाद जब 2014 में केंद्र में भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार आई, तब जिस तरह से विदेशी जैव वैज्ञानिकों के साथ भारत के वैज्ञानिकों ने मिलकर कार्य किया और वहीं राज्यों के स्तर पर जो कार्य वन विभागों के साथ मिलकर राज्यों के अन्य विभागों ने किया, यह उसी का परिणाम है जो आज एक अच्छी-खासी संख्या में भारत में बाघों की संख्या बढ़ सकी है। प्रधानमंत्री आज जब यह बोल रहे थे कि ‘‘आजादी के अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है- विकसित भारत, नया भारत। नया भारत यानी- सोच और संकल्प से एक आधुनिक भारत।’’ तब निश्चित ही उनके इस कथन में सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था, राजनीतिक तंत्र या प्रशासनिक व्यवस्था नहीं आती है। उसमें समग्रत से भारत का वह सभी कुछ समाहित हो जाता है, जिसके होने से भारत, भारत है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और पी वी संजय कुमार की बैंच का धन्यवाद है कि उन्होंने केन्द्र सरकार की सराहना करते हुए जैव विविधता की दृष्टि से बाघ संरक्षण, विकास और उनकी वृद्धि को "अच्छा कार्य" बताया है। वस्तुत: यह किसी सी छिपा नहीं है कि बाघों की पुनर्स्थापना का काम एक अत्यंत कठिन काम है, जोकि देश के अनेक राज्यों के बीच मध्य प्रदेश ने दिन-रात की मेहनत से किया जा रहा है । डॉ. मोहन यादव की सरकार इसके लिए हर संभव मदद अपने कर्मचारियों को उपलब्ध करा रही है। यदि महंगे से महंगे पशु चिकित्सक, बाघ विशेषज्ञ की जहां आवश्यकता होती है, उन्हें सरकार वहां पहुंचाने में जरा भी देरी नहीं करती। कहीं भी बाघ पर कोई संकट आता दिखता है, पूरा वन अमला उसकी सुरक्षा में जुटा हुआ दिखाई देता है । यही कारण है जो वर्ष 2006 से बाघों की संख्या का आंकड़ा बढ़ता दिखा, आगे यही वर्ष 2010 में बाघों की संख्या 257 तक पहुंच गया था । इसे बढ़ाने के लिए बाघों के उच्च स्तरीय संरक्षण और संवदेनशील प्रयास जरूरी थे। जिसके लिए मध्य प्रदेश में मानव और वन्यप्राणी संघर्ष के प्रभावी प्रबंधन के लिए 16 रीजनल रेस्क्यू स्क्वाड और हर जिले में जिला स्तरीय रेस्क्यू स्क्वाड बनाए गए। वन्यप्राणी अपराधों की जांच के लिए वन्यप्राणी अपराध की खोज में विशेषज्ञ 16 श्वान दलों का गठन किया गया। राज्य स्तरीय स्ट्राइक फोर्स ने पिछले आठ वर्षों में वन्यप्राणी अपराध करने वाले 550 अपराधियों को 14 राज्यों से गिरफ्तार किया गया । संरक्षित क्षेत्र के बाहर वन्यप्राणी प्रबंधन के लिए बजट की व्यवस्था की गई। वन्य प्राणी पर्यटन से होने वाली आय की स्थानीय समुदाय के साथ साझेदारी की एक नई शुरूआत हुई। प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ाने में राष्ट्रीय उदयानों के बेहतर प्रबंधन की मुख्य भूमिका है। राज्य शासन की सहायता से 50 से अधिक गाँवों का विस्थापन किया जाकर बहुत बड़ा भू-भाग जैविक दबाव से मुक्त कराया गया है। संरक्षित क्षेत्रों से गाँवों के विस्थापन के फलस्वरूप वन्य-प्राणियों के रहवास क्षेत्र का विस्तार हुआ है। कान्हा, पेंच, और कूनो पालपुर के कोर क्षेत्र से सभी गाँवों को विस्थापित किया जा चुका है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का 90 प्रतिशत से अधिक कोर क्षेत्र भी जैविक दबाव से मुक्त हो चुका है। मध्यप्रदेश ने टाइगर राज्य का दर्जा हासिल करने के साथ ही राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों के प्रभावी प्रबंधन में भी देश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। सतपुडा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल किया गया है। वस्तुत: इस राज्य में बाघ प्रदेश बनने के चार मुख्य कारण आज ध्यान में आते हैं। पहला ग्रामों का वैज्ञानिक विस्थापन। वर्ष 2010 से 2022 तक टाइगर रिजर्व में बसे छोटे-छोटे 200 गांव को विस्थापित किया गया। सर्वाधिक 75 गांव सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से बाहर किए गए। दूसरा है ट्रांसलोकेशन। कान्हा के बारहसिंगा, बायसन और वाइल्ड बोर का ट्रांसलोकेशन कर दूसरे टाइगर रिजर्व में उन्हें बसाया गया। इससे बाघ के लिए भोजन आधार बढ़ा। तीसरा है हैबिटेट विकास। जंगल के बीच में जो गांव और खेत खाली हुए वहां घास के मैदान और तालाब विकसित किए गए जिससे शाकाहारी जानवरों की संख्या बढ़ी और बाघ के लिए आहार भी उपलब्ध हुआ। सुरक्षा व्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव हुआ। पन्ना टाईगर रिज़र्व में ड्रोन से सर्वेक्षण और निगरानी रखी गई। वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल कर अवैध शिकार को पूरी तरह से रोका गया। क्राइम इन्वेस्टीगेशन और पेट्रोलिंग में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ाया गया। इसका सबसे अच्छा उदाहरण पन्ना टाइगर रिजर्व है जिसका अपना ड्रोन स्क्वाड है। हर महीने इसके संचालन की मासिक कार्ययोजना तैयार की जाती है। इससे वन्य जीवों की लोकेशन खोजने, उनके बचाव करने, जंगल की आग का स्रोत पता लगाने और उसके प्रभाव की तत्काल जानकारी जुटाने, संभावित मानव और पशु संघर्ष के खतरे को टालने, वन्य जीव संरक्षण कानून का पालन करने में मदद मिल रही है। भारत सरकार की टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन की प्रभावशीलता मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार पेंच टाइगर रिजर्व ने देश में सर्वोच्च रैंक हासिल की है। बांधवगढ़, कान्हा, संजय और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन वाले टाइगर रिजर्व माना गया है। इन राष्ट्रीय उद्यानों में अनुपम प्रबंधन योजनाओं और नवाचारी तरीकों को अपनाया गया है। अब यहां बाघ वृद्धि का सकारात्मक दृष्य देखकर कहना यही होगा कि देश के अन्य राज्यों के बीच मध्य प्रदेश के लिए सबसे अधिक खुशी की बात यह है कि यहां टाइगर रिजर्व के बाहर भी बाघों की संख्या बढ़ रही है और यह संख्या 526 से बढ़कर 785 तक जा पहुंची है जोकि देश के किसी भी राज्य की तुलना में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश के बाद कर्नाटक में 524 बाघों की संख्या है, वहीं, आज उत्तराखंड 442 बाघों के साथ तीसरे नंबर पर है । प्रदेश में चार-पांच सालों में 259 बाघ बढ़े हैं। इसके लिए पूर्व में मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान का तो धन्यवाद है ही साथ ही सबसे अधिक आभार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का है, जिन्होंने पर्यावरण एवं जैववैविध्य को अपने अन्य कार्यों की प्राथमिकता की सूची में प्रमुखता से रखा है।
Dakhal News
फेमिनिस्टों और एमआरए (मेन्स राइट्स एक्टिविस्ट्स) के बीच टकराव विचारधाराओं के संघर्ष के कारण ही नहीं, बल्कि उचित कानूनों की कमी के कारण भी है। भारत में मैरिटल रेप (वैवाहिक-दुष्कर्म) के मुद्दे से ज्यादा इस बात को कोई और नहीं उजागर करता। मैरिटल रेप एक हकीकत हैं। पत्नी का पति द्वारा यौन-शोषण किया जा सकता है। क्या विवाह का मतलब पूर्ण और बिना शर्त सहमति है? नहीं। और ‘नहीं’ का मतलब हमेशा ‘नहीं’ होता है। विवाह सेक्स के लिए अनुबंध नहीं है। महिलाएं अपने पतियों की जागीर नहीं हैं, बल्कि कानून के तहत वे उन्हीं के समान एक स्वतंत्र-व्यक्ति हैं। यही कारण है कि जबरन बनाए जाने वाले शारीरिक सम्बंध दुष्कर्म की श्रेणी में आते हैं। वे सहमति के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं। क्या मैरिटल रेप कानून से परिवारों में टूट उत्पन्न हो जाएगी? नहीं। उलटे, एब्यूज़ से परिवार टूटते हैं, कानूनों से नहीं। फिर क्या कारण है कि सरकार मैरिटल रेप के अपराधीकरण को ‘अत्यधिक कठोर’ करार दे रही है? ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे कानून जेंडर-न्यूट्रल नहीं होते। कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता कि सत्ता की डायनैमिक्स स्वाभाविक रूप से महिलाओं के खिलाफ है, जिसका श्रेय हजारों सालों की पितृसत्ता को जाता है। जब महिलाओं को पुरुषों के हाथों हिंसा का सामना करना पड़ता है, तो वे इसका प्रतिकार करती हैं। लेकिन मुट्ठी भर महिलाओं ने अपनी सुरक्षा के लिए बनाए कानूनों का दुरुपयोग करके इस बात को बहुत आगे तक बढ़ा दिया है। ये 1% महिलाएं अन्य 99% को नुकसान पहुंचा रही हैं। इन 1% महिलाओं द्वारा कानूनी ब्लैकमेलिंग और झूठे मामलों के कारण, मैरिटल रेप जैसे कानूनों को दुर्भाग्य से ऐसा विशेषाधिकार माना जाने लगा है, जिन्हें महिलाएं अब गंवा चुकी हैं। फेमिनिस्टों का मानना है कि अगर कानून जेंडर-न्यूट्रल बनाए गए तो पुरुष इसका दुरुपयोग करेंगे। वहीं पुरुषों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक्टिविस्टों का मानना है कि अगर कानून महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए तो महिलाएं इसका दुरुपयोग करेंगी। दोनों अपने तरीके से सही हैं। यही कारण है कि हिंसा और एब्यूज़ को सभी के लिए मुद्दा माना जाना चाहिए, न कि केवल महिलाओं के लिए। कानूनों की पक्षपातपूर्ण व्याख्या (जैसे दहेज या घरेलू हिंसा कानून) को समाप्त किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनों को सुरक्षा-उपायों की आवश्यकता है कि आरोपों का इस्तेमाल व्यक्तिगत हिसाब बराबर करने के लिए न किया जाए। दुर्व्यवहार के मामलों में पुरुष-पीड़ितों की कानूनी मान्यता की कमी को समाप्त किया जाना चाहिए। पुरुषों को गलत तरीके से निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए या पर्याप्त सबूतों के बिना दोषी नहीं माना जाना चाहिए। उचित प्रक्रिया और कानूनी-तंत्र को महिलाओं और पुरुषों को गलत आरोपों से बचाना चाहिए। एक जेंडर को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के बजाय हमारा लक्ष्य निष्पक्षता, कानूनों के दुरुपयोग को रोकना और जेंडर-न्यूट्रल सुरक्षा की वकालत करना हो। जब तक कानून समानतापूर्ण नहीं होंगे- कि हां, महिलाएं भी धोखा दे सकती हैं, झूठे आरोप लगा सकती हैं, हिंसा कर सकती हैं- हमारे देश के लोग समान नहीं हो सकते। ये सच है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा पीड़ित हैं- लेकिन यह समानतापूर्ण कानूनों के विरोध में दिया जाने वाला तर्क नहीं हो सकता। दुनिया के केवल 36 देश ऐसे हैं, जो मैरिटल रेप को अपराध नहीं मानते, और भारत उनमें से एक है। दुनिया की रेप-कैपिटल के रूप में पहले ही बदनाम भारत की प्रतिष्ठा को इससे मदद नहीं मिलती। इसमें आगे बढ़ने के लिए हम क्या कर सकते हैं? हर चीज का दस्तावेजीकरण करें। गलत संदेशों का स्क्रीनशॉट लें। अनुचित बातचीत का ऑडियो या वीडियो रिकॉर्ड करें। सीसीटीवी लगाएं। चाहे यौन उत्पीड़न हो या मैरिटल रेप, आपको अपने केस को मजबूत बनाना होगा। सबूत होंगे तो आपके पास न्याय के लिए लड़ने का मौका होगा। यह न भूलें कि यौन-हिंसा पहले ही घरेलू-हिंसा के अंतर्गत आती है। याद रखें , पुरुष और महिला एक-दूसरे के दुश्मन नहीं हैं। महिलाओं और पुरुषों- दोनों की लड़ाई पितृसत्ता से है, जो महिला-पुरुष दोनों के साथ अन्याय करती है। हमें इसी के लिए लड़ना चाहिए, मिलकर लड़ेंगे तो मजबूत बनेंगे।
Dakhal News
उत्तर प्रदेश में दुकानदारों के लिए मालिक का नाम लिखने को अनिवार्य क्या बना दिया गया, सेकुलर जमातों के बदन में आग लग गई। तरह-तरह के अनर्गल प्रलाप किए जाने लगे हैं। कोई यह कह रहा है कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिन्दू-मुसलमान में विभेद पैदा करने की कोशिश है तो कोई यह कह रहा है कि योगी हिटलर के नाजीवाद की तरह हिन्दूवाद फैला रहे हैं। गोया यह कि पहली बार कोई देश में मुसलमानों को पहचान बताने के लिए कह रहा है। राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक। स्कूल से लेकर नौकरी तक हर जगह देश के नागरिक को अपना नाम और धर्म के बारे में लिखना अनिवार्य है। यह कानूनी बाध्यता भी है और सभी धर्मों में प्रचलन भी। जिस उत्तर प्रदेश की बात हो रही है उसी प्रदेश में मुसलमानों की बस्तियां और उनके संस्थानों के नाम भी मुस्लिम हैं। केवल प्रदेश के मुसलमान ही नहीं, पूरे भारत के मुसलमान अपनी पहचान को आगे रख कर तब हमेशा चलते हैं, जब उनको लाभ लेना होता है, जब उनको वोट देना होता है, जब उनको सरकार या समाज के खिलाफ आंदोलन या प्रदर्शन करना होता है। और छोड़िए, देश के किसी भी कोने में चले जाइए। सुबह हो शाम, मुहल्ले में हो बाजार में, अधिकतर मुसलमान अपनी पहचान जताने के लिए सिर पर गोल टोपी धारण किए हुए दिखते हैं। हां, कुछ सालों में कुछ मुसलमानों ने तब अपनी पहचान छुपाई, जब उनको कोई अपराध करना होता है। जब स्कूल-काॅलेज गोइंग लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फांसना होता है। कुछ मुसलमान तब अपना नाम बताने से गुरेज करते हैं जब उनको हिन्दू के मोहल्ले में जाकर सब्जियां, फल या कपड़े बेचने होते हैं। कुछ मुसलमान तब भी अपनी पहचान छिपाते हैं, जब उनको किसी हिन्दू लड़की से दूसरी या तीसरी शादी करनी होती है। ये कुछ उदाहरण नहीं हैं। बल्कि पिछले दिनों कई बार टेलीविजन स्क्रीन पर दिखाया जा चुका है कि किस तरह कोई मुसलिम रसोइया हिन्दू की शादियों या त्योहारों में खाना बनाने के बाद उसमें थूकते हैं। जावेद हबीब जैसे पढ़े-लिखे मशहूर लोग किसी के बाल संवारते वक्त उसके सिर में थूक की लेप लगाते हैं। ऐसा उत्तर प्रदेश में भी हुआ और देश के अन्य हिस्सों में। अब जो सेकुलर जमाती यह कह रहे हैं कि मुस्लिम दुकानदारों के नाम उजागर कर के उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा पाप कर दिया है, क्या वे लोग इससे इनकार कर सकते हैं कि दुनिया का कोई भी मुसलमान अपने मजहब या अपने पैगंबर के अलावा किसी और को दिल से नहीं मानता। उसके लिए पवित्रता या श्रद्धा सिर्फ उसके मजहब तक ही सीमित है किसी भी और धर्म या मजहब के लिए सेवा या श्रद्धा भाव ऊपरी मन या स्थानीय दबाव के अलावा कुछ नहीं होता। क्या कोई बड़ा सेकुलर वि़द्वान यह बता सकता है कि कब किसी मुसलमान ने मंदिर में आकर तिलक लगाया है, या कब किसी मुस्लिम ने किसी मंदिर में श्रद्धा के दीपक जलाए हैं। यह संभव ही नहीं है, क्योंकि इस्लाम उन्हें इस बात की इजाजत ही नहीं देता कि वह ऐसा कर सके। यदि इस सच्चाई के बाद कोई सरकार यह इंतजाम करती है कि कांवड़ तीर्थयात्रियों की भक्ति में विघ्न ना पड़े, उनके व्रत का खंडन न हो या फिर उनके प्रति कोई शैतानी न कर सके तो इसमें गलत क्या है। जिस मनोयोग से शिवभक्त उपासक कांवड़ लेकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर शिव मंदिर में जल चढ़ाने जाते हैं, सोचिए (सोचना ही होगा), यदि उन्हें यह पता चलता है कि उनकी भक्ति दूषित हो गई है, उन्हें उन्हीं बर्तनों में किसी ने खाना खिला दिया है, जिन बर्तनों में वे हमेशा मांस पकाते या परोसते रहे हैं, तो उन पर क्या बीतेगी। यदि यही बात उन्हें कांवड़ के समय पता चलती है तो फिर माहौल क्या होगा। कांवड़ के दौरान दंगे-फसाद इसी उत्तर प्रदेश ने खूब देखे हैं, जिसे मुसलमान यूपी कहकर पुकारते हैं। हाय-तौबा मचा रहे सेकुलर जमातियों से यह सवाल जरूर पूछा जाना चाहिए कि यदि दुकानदार अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखते हैं तो यह उनके व्यवसाय पर हमला कैसे हो गया? उनके साथ यह भेदभाव कैसे हो गया? जिन लोगों को उनके यहां खाना हो या जिनके यहां से फल या सब्जी लेना हो उनको कौन रोकेगा। स्थानीय मुस्लिम होटल या हिन्दू होटल के बारे में लोगों को आमतौर पर पहले ही पता होता है। ज्यादातर होटलों के अपने बंधे-बंधाए ग्राहक भी होते हैं। अरे, सेकुलरवादियो बताओ भी, फिर नाम लिखने से उनका धंधा कैसे चौपट हो जाएगा? यह सावधानी तो सिर्फ उनके लिए बरती जाएगी, जो स्थानीय नहीं है। वर्ष में एक या दो बार ये कांवड़ तीर्थयात्री उस क्षेत्र से होकर गुजरते हैं। हरिद्वार से कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु केवल यूपी के नहीं होते, हरियाणा और राजस्थान के भी होते हैं। जो ज्यादातर सात्विक भोजन करने वाले होते हैं। उनको यूपी में पतित करने वालों से बचाने में किसी छिपे एजेंडे का काम कैसे हो सकता है। भारत में मुसलमानों की संख्या किसी भी मुस्लिम देश की जनसंख्या से ज्यादा है। इंडोनेशिया को छोड़ दें तो भारत में सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं। इतनी बड़ी जनसंख्या को किसी हिन्दू त्यौहार से खतरा हो जाए यह संभव नहीं है। यह भी संभव नहीं है कि किसी के कहने से देश के हिन्दू मुसलमानों के साथ कारोबार करने से इनकार कर दे। उनके साथ व्यापारिक लेनदेन बंद कर दें। उत्तर प्रदेश का हर शहर मुसलमान व्यापारियों से पटा पड़ा है। अधिकतर कारीगर मुस्लिम हैं। ये खूब फल-फूल भी रहे हैं। किसी हिन्दू के यहां ना इनका आना जाना रुक सकता है और ना इनसे कोई सामान लेने से इनकार कर सकता है। फिर यह तर्क क्यों दिया जा रहा है कि मुसलमानों के रोजगार को टारगेट करने के लिए दुकानदारों के नाम लिखवाए जा रहे है। ऐसा हरगिज नहीं है। इसे इस तरह समझिए। जैसे मुसलमान साल के एक महीने पूरी तरह रोजा रखते हैं। उसमें किसी तरह की कोई कोताही या कोई चूक नहीं होने देना चाहते। वह इस पाक महीने में इस्लामिक नियमों का तसल्ली से पालन करते हैं। वे किसी और की दखल बर्दाश्त नहीं करते, उसी तरह हिन्दुओं के लिए भी सावन का एक ही महीना आता है जब वह सड़कों पर होते हैं। नये रूट से अपने मंदिरों की ओर जल भरकर लौटते हैं। उनको यह अधिकार है कि वह यह जानें कि वह जो भोजन कर रहे हैं, उनकी आस्था के अनुरूप है, जिनसे वह प्रसाद या पूजा की सामग्री खरीद रहे हैं, वह उन्हें उनकी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है और उसका आदर करता है। यह भाव कोई हिन्दू दीपावली या होली में उतना आग्रह से नहीं रखता। उसे मालूम हो या ना हो कि दीपावली का दिया बेचने वाला उसके धर्म का है कि नहीं, वह खरीदता ही है। मगर शिव साधना या गायत्री पूजन में यह लापरवाही नहीं करना चाहता। सेकुलर जमातों को यह समझ में आना चाहिए।
Dakhal News
देश एक साथ चुनाव कराने की दिशा की ओर सार्थक कदम बढ़ा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय समिति के अपनी रिपोर्ट सौपने के बाद अब केंद्र सरकार एक साथ चुनाव कराने के अभियान को गति देने का प्रयास कर रही है। इस समिति ने इस आधार पर एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है, क्योंकि इसके लिए अधिकांश राजनीतिक दलों की राय एक साथ चुनाव कराने को लेकर सकारात्मक रही। राजनीतिक विद्वानों का मानना रहा कि एक साथ चुनाव से देश में विकास की धारा को गति मिलेगी। इसका मूल कारण यही है कि देश में चुनाव की प्रक्रिया बहुत जटिल-सी दिखाई देने लगी है। राजनीतिक दल हर समय किसी न किसी चुनाव की तैयारी में व्यस्त रहते हैं। बार-बार चुनाव होने के कारण सभी राजनीतिक दलों के नेता और प्रशासनिक अधिकारी जनता के काम करने में सीधा सरोकार नहीं रखते। जिसके कारण जन सामान्य के जुड़े ऐसे कार्य भी प्रभावित होते हैं, जो बहुत जरूरी होते हैं। ऐसे में एक साथ चुनाव कराया जाना एक सार्थक पहल कही जा सकती है। इससे बार-बार चुनाव में लगने वाले समय में कमी आएगी और आवश्यक कार्यों को तय समय सीमा में पूरा किया जा सकेगा। यह बात स्मरण करने वाली है कि वर्तमान केंद्र सरकार ने देश में कई परियोजनाओं को तय समय से पहले ही पूर्ण किया है। एक साथ चुनाव होने से इसमें और गति आएगी, यह तय है। वर्तमान में भारत में ऐसे कई कारण हैं, जो राष्ट्रीय विकास में बाधक बन रहे हैं। इसमें एक अति प्रमुख कारण बार-बार चुनाव होना है। देश में होने वाले चुनावों के दौरान लगने वाली आचार संहिता के चलते सरकार का कामकाज भी प्रभावित होता है। हमारे देश में किसी न किसी राज्य में हर वर्ष चुनाव के प्रक्रिया चलती रहती है। चुनाव के दौरान संबंधित सरकार कोई बड़ा निर्णय नहीं ले सकती। चुनाव होने के कारण राजनीतिक दल हर साल केवल चुनाव जीतने की योजना ही बनाते रहते हैं। इस कारण देश के उत्थान के बारे में योजना बनाने या सोचने का उतना समय भी नहीं मिल पाता, जितना सरकार का कार्यकाल होता है। इसलिए वर्तमान में जिस प्रकार से एक साथ चुनाव कराने की योजना पर मंथन चल रहा है, वह देश को उत्थान के मार्ग पर ले जाने का एक अभूतपूर्व कदम है। केंद्र सरकार ने इस बारे आवश्यक प्रावधान बनाने की दिशा में भी कार्य प्रारंभ कर दिया है। इससे पूर्व एक साथ चुनाव कराने क़े लिए बनाई गई समिति ने सभी से रायशुमारी की। अधिकांश राजनीतिक दलों ने एक साथ चुनाव का समर्थन किया। राजनीतिक दलों का यह सोच राष्ट्रीय दिशा की तस्वीर को और अधिक स्पष्ट करता है। इसे इसी दृष्टिकोण से देखेंगे तो हर किसी को यह कदम अच्छा ही लगेगा। प्रायः देखा जाता है कि देश में सरकार के हर कदम का विरोध करना फैशन बन गया है। कमी देखने में बुराई नहीं है लेकिन कुछ अच्छा भी होता है, उसे भी बिना राजनीति के देखने के प्रयास किए जाने चाहिए। एक साथ चुनाव कराना भी ऐसा ही कदम है। अगर इसे राष्ट्रीय राजनीति के तौर पर देखेंगे तो यह अच्छा दिखाई देगा। क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की इस बारे में राय अलग हो सकती है, क्योंकि उनको चुनाव के लिए एक या दो राज्यों तक ही सीमित रहना होता है। हालांकि उनको भी विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में भाग लेना होता है। एक साथ चुनाव कराए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के नेतृत्व में समिति बनाई थी। उन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए एक बार अपने अभिभाषण में भी एक साथ चुनाव कराए जाने पर जोर दिया था। पूर्व राष्ट्रपति ने स्पष्ट कहा था कि बार-बार होने वाले चुनावों से विकास में बाधा आती है, ऐसे में देश के सभी राजनीतिक दलों को एक साथ चुनाव कराने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। सच कहा जाए तो एक साथ चुनाव कराया जाना राष्ट्रीय चिंता का विषय है, जिसे सभी दलों को सकारात्मक दृष्टि से लेना होगा। हम यह भी जानते हैं कि देश के स्वतंत्र होने के पश्चात लम्बे समय तक एक साथ चुनाव की प्रक्रिया चली लेकिन कालांतर में कई राज्यों की सरकारें अपने कार्यकाल की अवधि को पूरा नहीं कर पाने के कारण हुए मध्यावधि चुनाव के बाद यह क्रम बिगड़ता चला गया और चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे। एक साथ चुनाव होने से देश में विकास की गति को समुचित दिशा मिलेगी, जो बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि देश में बार-बार चुनाव होने से जहां राजनीतिक लय बाधित होती है, वहीं देश को आर्थिक बोझ भी झेलना पड़ता है। दुनिया के कई देशों ने भी इस प्रकार की नीतियां बनाई हैं, जिसके अंतर्गत एक साथ चुनाव कराए जाते हैं और वे देश विकास के पथ पर निरंतर रूप से आगे बढ़ते जा रहे हैं, तब भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकता। जब से देश में नरेन्द्र मोदी की सरकार आई है, राष्ट्रीय हित की दिशा में अनेक काम किए जा रहे हैं। इन कामों का वास्तविक स्वरूप भविष्य में सामने आएगा क्योंकि देश में लम्बे समय से एक मानसिकता बन गई थी कि अब भारत से समस्याओं का निदान संभव नहीं है। उस समय सरकारों के संकल्प में कमी दिखाई देती थी। सरकारें हमेशा इसी उधेड़बुन में लगी रहती थी कि हमारी सरकार कैसे बचे या हमारी सरकार कैसे फिर से बने। इसी कारण कई निर्णय ऐसे भी किए जाते रहे हैं, जिससे देश की विकास की गति बाधित होती गई और स्वतंत्रता के बाद देश को जिस रास्ते पर जाना चाहिए था, उस रास्ते पर न जाकर केवल स्वार्थी राजनीति के रास्ते पर चला गया। एक साथ चुनाव देश को सही रास्ते पर लाने की कड़ी का हिस्सा कहा जा सकता है। जनहित के साथ राष्ट्रीय हितों के प्रति सबको समर्थन देना ही चाहिए, क्योंकि राष्ट्रीय हित से बड़ा कुछ हो ही नहीं सकता।
Dakhal News
वैश्विक तनाव, रूस-यूक्रेन, इजराइल-हमास, सूडान गृहयुद्ध, दो अरब की भुखमरी और पर्यावरण असंतुलन की मार से संयुक्त राष्ट्रसंघ इन दिनों कैमरे में बंद है, इसके संरक्षक, मुखिया और चाहने वाले हाल-बेहाल हैं। ‘यूक्रेन-रूस’ युद्ध पर पश्चिमी तंज पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इतने क्रुद्ध हैं कि उनके राजनयिक प्रतिनिधि ने सुरक्षा परिषद में धमकी दे डाली कि ‘इस परम्परागत युद्ध में एक ने भी लंबी दूरी के प्रेक्षापास्त्र का प्रयोग किया तो उसके परिणाम घातक होंगे।‘ इधर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहु ने संयुक्त राष्ट्र में कड़े तेवर अपनाते हुए युद्ध विराम को नकारा और अपने कमांडरों का आह्वान किया कि युद्ध की गति को बढ़ा दें। इसके एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र में इस्लामिक देशों ने दो तिहाई देशों के साथ मिलकर इजराइल पर दबाव बनाने की पहल की थी। इसका त्वरित असर यह हुआ कि इजराइली वायुसेना ने चंद घंटों बाद लेबनान के दक्षिण में ईरान के ‘छद्म फ़्रंट’ हेज़्बुल्लाह ठिकानों को निशाना बना कर पाँच सौ से अधिक फ्रंट समर्थकों को ढेर कर दिया और हजारों को घायल कर दिया। इसके चंद दिन पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र में ‘युद्ध नहीं, शांति’ और विश्व बंधुत्व के संदेश की अनसुनी कर डाली। इज़राइल और फ़िलिस्तीन के दशकों से चले आ रहे ख़ूनी संघर्ष में भारत ‘दो राष्ट्र सिद्धांत’ को प्रश्रय देता आया है। इसके बावजूद अमेरिकी कंधे पर सवार इजराइल के कमांडो ने घने अंधेरे में हेलीकॉप्टर से उड़ान भरते हुए शुक्रवार को सीरिया के उत्तर पश्चिम में आधुनिकतम प्रेक्षापास्त्र शोध केंद्र’ को ध्वस्त किया है, एक चौंकाने वाली घटना है। यही नहीं, शनिवार रात इजराइल ने हिज्बुल्लाह के मुखिया हसन नसरुल्लाह को मार गिराने में बड़ी सफलता हासिल की है। हेज्बुल्लाह के बड़े कमांडरों में अब गिनती के कमांडर रह गये हैं। ग्लोबल फ़ायरपावर इंडेक्स की माने तो इजराइल और ईरान असल में बराबरी की टक्कर में हैं। ईरान 14वें नंबर पर है तो इजराइल 17वें पायदान पर है। ईरान के पास 551 तो इजराइल के पास 612 विमान हैं। ईरान के पास 186 लड़ाकू विमान हैं तो इजराइल के पास 241 लड़ाकू विमान हैं। टैंकों की स्थिति में ईरान आगे है। इजराइल का लक्ष्य ईरान क्यों है?: न्यूयॉर्क टाइम्स की मानें तो यह सीरियाई केंद्र ईरान की मदद से हिज्बुल्लाह संचालित कर रहा था। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इजराइल का लक्ष्य सीधे-सीधे ईरान को युद्ध में लपेटना है। ऐसा अगले चंद दिनों में संभव है। यहाँ हमास के हमसफ़र हिज्बुल्लाह ने इजराइल के उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्र में एक साथ सैकड़ों रॉकेट लांचर से हमला किया, इजराइली आयरन डोम से हमला विफल हो गया, प्रशासन को आनन-फानन में अपने करीब पच्चास हजार यहूदियों को सुरक्षित क्षेत्र में पुनर्वासित करना पड़ा। अब इजराइली पैदल सेना गाजा पट्टी की तरह लेबनान में घुसेगी और भयंकर तबाही मचेगी तो यह युद्ध विकराल रूप लेता हुआ दिनों नहीं, महीनों और वर्षों तक चलेगा। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट है कि ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर मसूद पेजेशकियन ने संयुक्त राष्ट्र में अपने उद्बोधन में पश्चमी देशों के प्रतिबंधों से मुक्ति और मित्रता का हाथ बढ़ाए जाने की घोषणा जरूर की है, उसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ईरान के साये में पल रहे हिज्बुल्लाह, हमास और हैती संगठनों से निजात पाना संभव नहीं है। गत जुलाई में सत्तारूढ़ डॉक्टर पेजेशकियन ने यह भी कहा है, ‘हिज्बुल्लाह अकेले दम इजराइल से टक्कर लेने की स्थिति में नहीं है।‘ यह भी एक सच्चाई है, अमेरिका में लाखों यहूदी (12 %) व्यवसायी हैं, टेक्नोक्रेट और अधिकारी हैं। इन दिनों चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है, डेमोक्रेट जो बाइडन हों या रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप, यहूदियों की अनदेखी नहीं कर पा रहे हैं। एक दिन पहले ही राष्ट्रपति बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के शुभारंभ पर अपने अंतिम संबोधन में दलील दी थी, ‘हमास सभी बंधक छोड़े फिर गाजा पट्टी से मुँह मोड़ कर चल दे, इससे युद्ध विराम और शांति का मार्ग प्रशस्त होगा।‘ ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में विजयी होते हैं तो निःसंदेह खाड़ी में युद्ध विकराल रूप लेगा। पुतिन और उनके हमसफर चीन के राष्ट्रपति शी चिन्फ़िंग तो न्यूयॉर्क पहुँचे नहीं, नाटो के द्वार पर रूसी दुंदुभि से हताश निराश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के क़द्दावर, स्थायी सदस्य इंग्लैंड और फ़्रांस भी व्लोडोमीयर जेलेंस्की के स्वर में स्वर मिला रहे हैं, लेकिन जेलेंस्की के इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं हैं कि उन्हें रूस के अंदरूनी हिस्सों में मार करने के लिए लंबी दूरी के प्रेक्षापास्त्र दिये जाएँ। यहाँ इंग्लैंड की नई सरकार के तेवर, ख़ासकर उसके विदेश मंत्री ने यूक्रेन-रूस युद्ध में पुतिन की हठधर्मिता को कोसते हुए माफिया कह डाला। जेलेंस्की लगे रहे कि रूस पर युद्ध विराम और शांति के लिए विवश किया जाए। वह न्यूयॉर्क स्थित ट्रंप टावर में डोनाल्ड ट्रंप से मिले। ट्रंप भी उन्हें पुतिन से अपनी दोस्ती और एक दिन में युद्ध समाप्ति किए जाने की घुट्टी पिलाते रहे। इस ऊहापोह में संयुक्त राष्ट्र भले 190 देशों और पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद की सीमाओं में बंधा हुआ है, सुरक्षा परिषद के विस्तार में अमेरिकी प्रस्ताव पर इंग्लैंड, फ़्रांस सहित अन्यान्य देश भारत, जर्मनी और ब्राज़ील सहित एक अफ़्रीकी देश को जोड़ने के लिए आगे आए हैं, लेकिन क्या इस प्रस्ताव को चीन स्वीकार करेगा? नरेन्द्र मोदी के शांति मार्ग के भी बहुत दीवाने हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र मंच से मोदी जब कहते हैं, ‘’युद्ध नहीं, शांति ही एकमात्र विकल्प है तो यूरोपीय देशों के साथ-साथ एशियाई और अफ्रीकी देश भी भारतीय दर्शन ‘विश्व बंधुत्व’ के तर्क से सम्मोहित हैं। संयुक्त राष्ट्र एक प्लेटफार्म है, साल में एक बार राष्ट्र नेता विश्व मंच पर अपनी-अपनी बात कहने न्यूयॉर्क आते हैं, दो विश्वयुद्ध की विभीषका के बाद 79 वर्ष पूर्व गठित इस साझा मंच पर अपनी व्यथा दोहराते हैं और फिर संयुक्त राष्ट्र की परिसीमाओं पर रोना रोकर चले जाते हैं। भारतीय दृष्टि से एक अच्छी बात यह कही जा सकती है कि यूक्रेन के युवा राष्ट्रपति ने मोदी को, जो पुतिन और बाइडन दोनों के मित्र भी हैं, स्वत: एक शांति दूत माना और साथ में आशीर्वाद भी लिया। मोदी दो महीने में दूसरी बार जेलेंस्की से मिले हैं, उन्होंने अपने रूस दौरे में दया अथवा दबाव में पुतिन को ‘अनुज’ रूप में यही संदेश दिया था, ‘युद्ध नहीं, शांति’ एकमात्र विकल्प है। उन्होंने यही संदेश संयुक्त राष्ट्र पहुँचे फ़िलिस्तीन के राष्ट्रपति को भी देते हुए कहा, ‘विश्व एक परिवार है, विश्व बंधुत्व भारतीय पहचान है। ईरानी राजनीति में ‘कठमुल्लेपन’ से हटकर राष्ट्रपति डाक्टर मसूद पेजेशकियन ने कहा, ‘वह पश्चिम से मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहते हैं,’ उनके इस कथन का देश में ईरानी युवाओं ने जमकर स्वागत किया, पर देश की मिलिट्री पर कुंडली जमाए धर्मगुरु अयातुल्ला खुमाइनी ने सहज लिया होगा, जो पहले से आणविक शक्ति बनने के स्वप्न देख रहे हैं?
Dakhal News
गांधीजी का जन्म उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में हुआ था, आधी बीसवीं सदी तक के दौरान वे भारतीय समाज और राजनीति की धुरी बन गए और अब इक्कीसवीं सदी में हम सब उनके मिथक से रूबरू हो रहे हैं। विश्वव्यापी अंग्रेजी साम्राज्य से अहिंसक लड़ाई के साथ उनका स्वाधीन भारत का स्वप्न सत्य हुआ। देश में रचनात्मक बदलाव के लिए वे सबको साथ ले कर चलते रहे। उनकी स्वीकार्यता का दायरा आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक यानी जीवन के सभी क्षेत्रों में निरंतर बढ़ता गया। संयम और आत्म-बल के साथ कर्मवीर गांधी ने जो ठाना उसे पूरा करने के लिए सर्वस्व लगा दिया। समाज के स्तर पर मानव कर्तृत्व की विरल गाथा बना उनका निजी जीवन पीड़ा, संघर्ष और अनिश्चय से भरा था। देश के लिए समर्पण की मिसाल बने गांधीजी अंतिम जन की मानवीय गरिमा की रक्षा के लिए की मोर्चों पर डटे रहे। वे देश के विभाजन और आजादी के साथ शुरू हुई हिंसा से क्षुब्ध और दुखी थे। बंगाल में नोआखाली से लौट दिल्ली में दंगापीड़ितों की सेवा सुश्रूशा में जुट गए। विभाजन की विभीषिका बड़ी दारुण थी और विचलित तथा हताश गांधीजी ने स्वतंत्र भारत में अपने पहले जन्मदिन यानी 2 अक्टूबर 1947 को दुखी हो कर कहा था कि वे अब जीना नहीं चाहते और विधि का विधान यह हुआ कि वह सचमुच उनका आखिरी जन्मदिन सिद्ध हुआ। पांच बार की असफल कोशिशों के बाद 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस में उनकी हत्या हो गई। गौरतलब है कि गांधीजी स्वतंत्र भारत में करीब पांच महीने जीवित रहे थे और इस बीच यह बूढ़ा सेनानी स्वप्न-भंग से गुज़र रहा था। अब कोई उनकी सुन नहीं रहा था। ये दिन उनके लिए बड़े तकलीफ़देह थे। गांधीजी ने अपने जीवन की कथा को पारदर्शी बनाए रखा। ‘सत्य’ और ‘नैतिकता’ से जूझती इस कथा को उन्होंने ‘एक खुली किताब’ कहा। उनका साहस ही था कि वह कह सके कि ‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।’ प्रिय-अप्रिय, अच्छे-बुरे हर पहलू को वह सबसे साझा किए। वे सही अर्थों में सत्य के पुजारी थे और जो भी है वह सत्य है इसलिए उसे झूठ के सहारे छिपाना अपराध ही होता। सत्य पर उनका भरोसा बढ़ता गया और वे कथनी और करनी में एका लाने में लागातार जुटे रहे। तभी वह पहनावा, खानपान और मेलमिलाप आदि सब में सरल भारतीय जीवन शैली को अपना सके। वे प्रामाणिकता की कसौटी पर खरे उतरते रहे। विचार को कर्म में तब्दील करने पर जोर देने वाले गांधीजी परिवर्तन चाहने वाले को खुद अपने में बदलाव लाने के लिए कहते हैं। यह खुद उनकी अपनी जिन्दगी की सीख थी। बहुत हद तक प्रयासपूर्वक संयमित जीवन जीते हुए वह जगत की नियमबद्धता में प्रकट हो रहे परमात्मा में आस्था और विश्वास रखते थे। चूँकि नज़रिए स्वाभाविक रूप से भिन्न होते हैं विविधता सहज संभाव्य होती है। गैर-जानकारी में लोग अपने से अलग दूसरी दृष्टियों को ग़लत या हीन ठहराने लगते हैं। गांधीजी अपनी प्रार्थंना सभा में सभी प्रमुख धर्मों की प्रार्थनाओं को शामिल करते थे। वे मानते थे सभी एक ही तत्व से बने हैं इसलिए कोई अछूत नहीं और किसी का भी स्वामित्व नहीं। सभी ट्रस्टी हैं इसलिए (अपना हक़ न जमाते हुए) त्यागपूर्वक भोग करना चाहिए। गांधीजी धैर्य और दृढ़ता के साथ सत्य (ईश्वर), अहिंसा (प्रेम) और अपरिग्रह (जरूरत भर संग्रह) जैसे विचारों को अमली जामा पहनाते रहे और दैनन्दिन जीवन में शामिल करते रहे। इस दृष्टि से उनकी उर्वर मानसिकता और सृजनशीलता असंदिग्ध है। भारत और विदेश में हो रहे अनुभवों को समेटते और पचाते हुए गांधीजी खुले मन से मानवीय चेतना के आत्म-बोध को रचते रहे। वे कई अर्थों में समकालीनों से अलग हट कर गांधीजी ने अपना रास्ता बनाया और उस पर चलने की तैयारी की थी और जोखिम उठाकर भी उस पर चलते रहे। गांधीजी देश के लम्बे स्वतंत्रता-संग्राम में दो दशकों तक केंद्र-बिन्दु रहे। इसके पहले दाक्षिण अफ़्रीका में के दो दशक की अवधि में सामाजिक–राजनैतिक कार्यकलाप में बीती थी जिनमें नस्लवाद और साम्राज्यवाद का तीव्र विरोध शामिल था। वे भारतीय समुदाय के साथ काम करते हुए संघर्ष की शक्ति को जाना पहचाना। आत्मविश्वास से भरे गांधीजी ने अखबार निकालने के साथ सामाजिक चेतना के लिए प्रयास किए। उनका निजी अध्यवसाय भी चलता रहा और मानव स्वभाव की गहनता को समझते रहे। 1915 में भारत लौटने पर वे एक सजग-सशक्त सत्याग्रही और नेतृत्व के लिए प्रस्तुत थे। स्थानीयता पर जोर देते हुए वैश्विक मानव-बोध के पक्षधर गांधी जी अपनी सभ्यता की खूबियों के साथ उसकी कमियों को भी स्वीकार करते हैं। वे स्वदेश, स्वभाषा और स्वराज के ख़ास तौर पर हिमायती हैं। वे ऐसे स्वराज की कल्पना करते हैं जिसमें समाज के अंतिम जन की आवाज भी मायने रखती है। गांधीजी के सपनों के भारत में यहाँ का पूरा लोक-जीवन समाया था। उनकी सोच में एक विकेन्द्रीकृत सत्ता संरचना वाला भारत था। वे गावों को समर्थ और समृद्ध बनाने के लिए चिंतित थे। इसलिए वे स्थानीय स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और आर्थिक जीवन को सशक्त बनाने के पक्षधर थे। वे एक आदर्शवादी व्यावहारिक देश-सेवक की हैसियत से एक सर्वसमावेशी व्यवस्था को विकल्प के रूप में आगे बढ़ा रहे थे। गांधी होने का वास्तविक अर्थ आचरण और विचार का एक गतिशील पुंज है जो आज भी अंधेरे में दीपक की भाँति रोशनी बिखेरता है ।
Dakhal News
भारतीय पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। इनसे हमें ज्ञात होता है कि हमारी प्राचीन संस्कृति कितनी विशाल, संपन्न एवं समृद्ध है। यदि नवरात्रि की बात करें तो यह पर्व भी भारतीय संस्कृति की महानता को दर्शाता है। विगत कुछ दशकों से देश में महिला सशक्तीकरण की बात हो रही है। कुछ लोग विदेशों के उदाहरण देते हैं कि वहां की महिलाएं सशक्त हैं तथा उन्हें बहुत से अधिकार प्राप्त हैं। किंतु ये लोग अपने देश के इतिहास पर चिंतन एवं मनन नहीं करते हैं। वास्तव में भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है, जहां महिलाओं को पुरुषों के समान माना गया है। उदाहरण के लिए भारत में देवियों की पूजा-अर्चना की जाती है। यहां पर उन्हें भी देवताओं के समान ही पूजा जाता है, अपितु देवियों का स्थान देवता से पहले आता है जैसे राधा-कृष्ण, सीता-राम आदि। भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की भी पूजा की जाती है। भगवान राम के साथ देवी सीता की पूजा की जाती है। हमारी मान्यता के अनुसार शक्ति की देवी दुर्गा है। धन एवं समृद्धि की देवी लक्ष्मी है तथा ज्ञान की देवी सरस्वती है। कहने का अभिप्राय यह है कि मनुष्य को जीवन में जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है, वह सब उन्हें इन देवियों से ही तो प्राप्त होती हैं। मानव जीवन को अनुशासन में रखने एवं आदर्श जीवन को स्थापित करने के लिए भगवान हमारे विश्वास और श्रद्धा के केंद्र है। नवरात्रि देवी दुर्गा को समर्पित महत्वपूर्ण पर्व है। नवरात्रि का पर्व वर्ष में चार बार आता है अर्थात चैत्र, आषाढ़, अश्विन, माघ। इनमें से चैत्र एवं आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। माघ एवं आषाढ़ माह में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है, क्योंकि इनमें कोई सार्वजनिक उत्सव का आयोजन नहीं किया जाता है। आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इसका आरंभ अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि से होता है। इस दिवस पर शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना की जाती है। नवरात्रि में नौ दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी। तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।। पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च। सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।। नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:। उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।। अर्थात देवी पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी एवं नौवीं देवी सिद्धिदात्री है। शैलपुत्री नवरात्रि के प्रथम दिन देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए उन्हें सफेद मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। यह प्रसाद गाय के शुद्ध घी से बनाया जाता है। सफेद रंग पवित्रता एवं शांति का प्रतीक माना जाता है। जीवन में सर्वाधिक पवित्रता एवं शांति का ही महत्व है। इनके बिना सब व्यर्थ है। देवी की साधना से सुख एवं समृद्धि में वृद्धि होती है। ब्रह्मचारिणी नवरात्रि के दूसरे दिन देवी देवी दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर एवं पंचामृत का भोग लगाया जाता है। शक्कर जीवन में मिठास का प्रतीक है। जिस प्रकार भोजन में मिष्ठान का महत्व है, उसी प्रकार जीवन में मधुर वाणी का महत्व है। मृदु भाषी व्यक्ति सबका मन मोह लेते हैं। देवी की साधना से भाग्य में वृद्धि होती है तथा आयु भी लम्बी होती है। चंद्रघंटा नवरात्रि के तीसरे दिन देवी दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। मां चंद्रघंटा को दुग्ध से बने मिष्ठान एवं खीर का भोग लगाया जाता है। खीर भी दुग्ध से बनाई जाती है। दुग्ध समृद्धि एवं अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। देवी की साधना से व्यक्ति बुरी शक्तियों से सुरक्षित रहता है। कुष्मांडा नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कुष्मांडा को मालपुये का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से मनुष्य की समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं। स्कंदमाता नवरात्रि के पांचवें दिन देवी दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है। स्कंदमाता को फल विशेषकर केला अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें केले का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से सुख एवं एश्वर्य में वृद्धि होती है। कात्यायनी नवरात्रि के छठे दिन देवी दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कात्यायनी को मीठे पान एवं मधु का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से दुखों का नाश होता है तथा जीवन में सुख का आगमन होता है। कालरात्रि नवरात्रि के सातवें दिन देवी दुर्गा के सातवे स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कालरात्रि को गुड़ अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें गुड़ से बने व्यंजन का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से समस्त नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है तथा सकारात्मकता में वृद्धि होती है। जीवन सुखी हो जाता है। महागौरी नवरात्रि के आठवें दिन देवी दुर्गा के आठवे स्वरूप मां महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां महागौरी को नारियल अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें नारियल का भोग लगाया जाता है अर्थात नारियल अर्पित किया जाता है। देवी की साधना से व्यक्ति के रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं। सिद्धिदात्री नवरात्रि के अंतिम दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन कन्या पूजन का विधान है। कन्याओं की पूजा की जाती है। उन्हें भोजन ग्रहण कराया जाता है। इसके पश्चात उनके चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। कन्याओं को प्रसाद के साथ उपहार भेंट किए जाते हैं। तदुपरांत देवी को काले चने, हलवा पूड़ी एवं खीर का भोग लगाया जाता है। देवी की साधना से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है तथा उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। वास्तव में नवरात्रि का पर्व नारी शक्ति का उत्सव है। प्राचीन काल से ही यह पर्व भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति का प्रतीक रहा है। कन्या पूजन इस बात को सिद्ध करता है कि भारतीय समाज में कन्या का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। कन्या भ्रूण हत्या तथा नवजात कन्याओं का वध कर देने जैसी बुराइयां हमारे समाज में कब और कैसे सम्मिलित हो गईं, ज्ञात ही नहीं हो पाया। निरंतर घटता लिंगानुपात अत्यंत चिंता का विषय बना हुआ है। विदेशों में भारत की जिन बुराइयों का उल्लेख कुछ लोग बड़े गर्व के साथ करते हैं, वे बुराइयों तो हमारे समाज में कभी नहीं थीं। जिस समय विश्व के अधिकांश देश अशिक्षित एवं असभ्य थे, उस समय हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी था। पुरुष ही नहीं, अपितु महिलाएं भी शिक्षित थीं। वे शास्त्रार्थ करती थीं, अस्त्र-शस्त्र चलाती थीं। देवियों ने कितने ही राक्षसों का अकेले वध किया है। नारी को ईश्वर ने श्रेष्ठ बनाया है। अनेक मामलों में वह पुरुष से उच्च स्थान पर है। वह जन्मदात्री है। जिस प्रकार एक स्त्री अपने बालकों का पालन-पोषण कर लेती है, उस प्रकार एक पुरुष उनका पालन-पोषण नहीं कर पाता। स्त्री पूरे परिवार का संचालन सुंदर तरीके से करती है। नारी संस्कार की जननी है उसके अंदर ममता, स्नेह, उदारता,आत्मीयता ,प्यार ,दुलार आदि गुण जीवन का हिस्सा है । ईश्वर ने नारी को अत्यंत सबल बनाया है। नारी प्रत्येक क्षेत्र में अपनी योग्यता एवं प्रतिभा का सफल प्रदर्शन कर रही है।
Dakhal News
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान के माध्यम से सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित, स्वस्थ और पोषक भोजन सुनिश्चित करने के लिए देश की खाद्य प्रणाली को बदलने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास शुरू किया है। खाने-पीने के शौकीन अथवा महानगरों में नौकरी आदि के चलते कम मूल्य लागत वाला भोजन तलाशने वाले भारतीयों के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि स्वाद एवं सस्ते के चक्कर में न पड़कर स्वच्छता मानकों एवं साफ-सफाई को अपनी सेहत के दृष्टिगत स्वच्छ एवं पौष्टिक भोजन को अपनी प्राथमिकता में रखें। भारत में बढ़ती आबादी के कारण और मांग एवं आपूर्ति में अंतर के चलते प्राय: खाद्य वस्तुओं की किल्लत और दामों में बढ़ोत्तरी होती ही रहती है और इसी किल्लत का फायदा जमाखोरों की टोलियां उठाने से नहीं चूकती हैं, तो वहीं घटिया एवं मिलावटी चीजें बेचने वालों की पौ-बारह हो जाती है। भारत में इन दोनों तिरुमला तिरुपति देवस्थानम द्वारा श्रद्धालुओं को दिए जाने वाले लड्डुओं को मिलावटी देसी घी से बनाने से भक्तों की धार्मिक आस्था आहत होने का मुद्दा चर्चा में है। देवस्थानम को देसी घी की आपूर्तिकर्ता कंपनी एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड से खाद्य नियामक ने पूछा है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियमन 2011 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए उसका केंद्रीय लाइसेंस निलंबित क्यों न कर दिया जाए? आज भारत में मिलावट का कारोबार उस स्तर को पार कर चुका है जहां खाद्य उत्पादों में सस्ते और घटिया पदार्थ मिलाकर बेईमान व्यापारी व विक्रेता सामान की मात्रा को बढ़ा देते हैं और भारतीयों की जान की कीमत पर भारी मुनाफा कमाते हैं। ऐसा अनुमान है कि 60 करोड़ लोग अर्थात विश्व में लगभग 10 में से 1 व्यक्ति हर वर्ष दूषित भोजन खाने के कारण बीमार पड़ते हैं तथा 420000 लोग मरते हैं। भारत में दूध और डेयरी उत्पाद, वसा और तेल, फल और सब्जियां, अनाज, कॉफी, चाय, शहद और मसाले सहित लगभग हर खाद्य सामग्री में मिलावट का प्रतिशत अत्यधिक बढ़ गया है और स्वच्छता मानकों की बुरी तरह से अनदेखी हो रही है। इतना ही नहीं, भारत के कई क्षेत्रों से ऐसे भी वीडियो की सोशल मीडिया में भरमार है जिसमें समोसे, चाट, ब्रेड, कुल्फी, प्लास्टिक के चावल और गुलाब जामुन से भरी कड़ाही में पेशाब करते युवक और गोलगप्पे वाले जलजीरा पानी से ही हाथ मुंह धोने, गंदे हाथ व पैरों से आलू और आटा गूंथने जैसे कृत्यों द्वारा गंदगी से परिपूर्ण खाद्य सामग्री आम लोगों को परोसी जा रही है। ऐसे कृत्य न केवल निंदनीय हैं अपितु दोषी लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग भी करते हैं। सवाल उठता है कि आखिर ऐसी गतिविधियों में संलिप्त लोगों को तत्काल जेल की सलाखों के पीछे क्यों नहीं डाला जाता है? विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या रासायनिक पदार्थों से युक्त असुरक्षित भोजन 200 से अधिक बीमारियों का कारण बनता है जिसमें डायरिया से लेकर कैंसर तक शामिल हैं। निम्न और मध्यम आय वाले देशों में असुरक्षित भोजन के कारण चिकित्सा व्यय में हर साल 110 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक डा. कू डोंग्यू के अनुसार, ‘हमें अपने भोजन की पहचान, गुणवत्ता और सुरक्षा पर एक आम समझ की जरूरत है। लेकिन भारत में दूध में पानी मिलाने, नकली दूध, घी में केमिकल, दाल में सिंथेटिक रंग और वैक्स कोटिंग, सब्जियों में हॉर्मोन के इंजेक्शन तथा सिंथेटिक रंग, हर्बल उत्पादों में एलोपैथिक दवाइयां तथा केमिकल्स, सौंदर्य प्रसाधनों में और देसी घी बनाने में पशुओं की चर्बी होने की जानकारी किसी से छुपी हुई नहीं है। खाद्य अपमिश्रण से आखों की रोशनी जाना, हृदय संबंधित रोग, लीवर खराब होना, कुष्ठ रोग, आहार तंत्र के रोग, पक्षाघात व कैंसर जैसे असाध्य रोग हो सकते हैं। मिलावटी और बासी खाद्य पदार्थों से निपटने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से 37 लाख रुपे की मोबाइल फूड सेफ्टी वैन भी मिली है। खाद्य अपमिश्रण के परीक्षण के लिए मैसूर, पुणे, गाजियाबाद एवं कोलकाता में भारत सरकार द्वारा चार केन्द्रीय प्रयोगशालाएं व्यवस्थित रूप से स्थापित की गई हैं। खाद्य अपमिश्रण एवं रेहड़ी फड़ी वालों द्वारा लोगों को गंदा और घटिया खाने-पीने की वस्तुएं बेचने से आगाह करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा ‘ईट राइट इंडिया मूवमेंट’ की पहल की गई है। ईट राइट मूवमेंट अभियान तीन प्रमुख विषयों पर आधारित है- सुरक्षित खाएं, व्यक्तिगत और आसपास की स्वच्छता सुनिश्चित करें, स्वस्थ खाएं, आहार विविधता और संतुलित आहार को बढ़ावा दें एवं स्थानीय और मौसमी सब्जियों/भोजन को बढ़ावा दें, भोजन के नुकसान को रोकें। खाने-पीने के शौकीन अथवा महानगरों में नौकरी आदि के चलते कम मूल्य लागत वाला भोजन तलाशने वाले भारतीयों के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि स्वाद एवं सस्ते के चक्कर में न पड़कर स्वच्छता मानकों एवं साफ-सफाई को अपनी सेहत के दृष्टिगत स्वच्छ एवं पौष्टिक भोजन को अपनी प्राथमिकता में रखें। केवल अतिरिक्त सतर्कता और जागरूकता का पालन करने से ही हम अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित बना सकते हैं और अपमिश्रित एवं गंदी खाद्य सामग्री बेचने वालों के कुत्सित इरादों को परास्त कर सकते हैं।
Dakhal News
देश की समृद्धि के लिए अंत्योदय अत्यंत आवश्यक है। अंत्योदय का अर्थ है- समाज के अंतिम व्यक्ति का उदय। दूसरे शब्दों में- समाज के सबसे निचले स्तर के लोगों का विकास करना ही अंत्योदय है। अंत्योदय के बिना देश उन्नति नहीं कर सकता, क्योंकि जब तक देश के अति निर्धन वर्ग का उत्थान नहीं होता, तब तक वह मुख्यधारा में सम्मिलित नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति में देश भी समृद्ध नहीं हो पाएगा। इसलिए अंत्योदय आवश्यक है। जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय का नारा दिया था। अंत्योदय उनका सपना था। वे कहते थे कि आर्थिक योजनाओं तथा आर्थिक प्रगति का माप समाज के ऊपर की सीढ़ी पर पहुंचे हुए व्यक्ति नहीं, बल्कि सबसे नीचे के स्तर पर विद्यमान व्यक्ति से होगा। अंत्योदय के माध्यम से केवल भारत ही नहीं, अपितु समग्र विश्व का विकास हो सकता है। इसके सुनियोजित योजना एवं उत्तरदायित्व आवश्यक है। विश्व के बहुत से विकसित राष्ट्र हालांकि किसी भी योजना के बिना ही वर्तमान आर्थिक विकास की दर प्राप्त करने में सफल रहे हैं, जिससे कुछ लोगों को यह अनुभव हो रहा है कि योजनाएं न केवल अनावश्यक हैं, अपितु निहायत अवांछनीय भी हैं। इसके बावजूद आम सहमति इस बात पर भी है कि यदि अविकसित राष्ट्र थोड़े समय में वही हासिल करना चाहते हैं, जो विकसित देशों ने लगभग एक शताब्दी में प्राप्त किया है तो विकास को अपनी प्राकृतिक गति पर नहीं छोड़ा जा सकता। विकास की प्रक्रिया शुरू करने के लिए भी एक प्रयास करना पड़ेगा और यह प्रयास नियोजित ढंग से होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 98वीं जयंती के अवसर पर अंत्योदय दिवस की घोषणा की थी, तभी से यह दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का प्रकाश पहुंचाना है, ताकि वे भी प्रगति करके समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित हो सकें। आर्थिक उन्नति के साथ-साथ यह दिवस समाज में व्याप्त असमानताओं के उन्मूलन के लिए कार्य करने की प्रोत्साहित करता है। इसके अतिरिक्त यह दिवस विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देता है, जिससे निर्धनों एवं वंचित वर्गों के लोगों को उनके कल्याण के लिए संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त हो सके तथा वे इसका लाभ उठा सकें। सरकार इन वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। दीनदयाल अंत्योदय योजना के कई घटक हैं, जिन्हें अलग-अलग समय पर प्रारंभ किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना भी प्रारंभ की। इसका उद्देश्य निर्धन ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम पारिश्रमिक के समान या उससे अधिक मासिक पारिश्रमिक प्रदान करना है। यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की क्रियान्वित की जा रही है। इससे पूर्व 24 सितंबर, 2013 को राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन प्रारंभ किया गया था। इसके अंतर्गत शहरी निर्धनों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने एवं उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जाता है। इससे पूर्व 25 सितंबर, 2004 को दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना प्रारंभ की गई थी। इस योजना के अंतर्गत निर्धन रोगियों को एंबुलेंस की सुविधा प्रदान की जाती है। उल्लेखनीय है कि सरकार अंत्योदय अन्न योजना संचालित कर रही है। यह योजना 25 दिसंबर 2000 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रारंभ की गई थी। इसे केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय द्वारा लागू किया गया था। इसका उद्देश्य सार्वजनिक वितरण परमाली द्वारा देश के सबसे निर्धन लोगों को रियायती दरों पर भोजन उपलब्ध करवाना है। इस योजना के अंतर्गत निर्धन परिवारों को 35 किलो राशन प्रदान किया जाता है। इसमें 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल सम्मिलित होता है। इसके अंतर्गत गेहूं तीन रुपये प्रति किलोग्राम और चावल दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिया जाता है। इसे सबसे पहले राजस्थान में लागू किया गया था। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि कच्ची नौकरियों में निर्धन परिवारों के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें वे परिवार सम्मिलित हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है। कोरोना काल से यह राशन नि:शुल्क कर दिया गया। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र एवं राज्य सरकारें अंत्योदय के सिद्धांत को लेकर शासन कर रही हैं। भाजपा के अनुसार एकात्म मानववाद और अंत्योदय का दर्शन पार्टी के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है। इस सिद्धांत को हम सबका साथ सबका विकास के साथ मिला हुआ देख सकते हैं जो गरीब, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा तय की गई नीतियों में भी नजर आता है। दीनदयाल जी और उनकी आर्थिक नीतियों ने हमेशा गरीबों की भलाई पर जोर देने की बात की है। उनके आर्थिक विचार में पंक्ति के अंतिम पड़ाव पर खड़ा व्यक्ति शामिल रहा है। उन्होंने कहा था कि ‘आर्थिक नीति निर्धारण और प्रगति की सफलता का पैमाना यह नहीं है कि समाज के सबसे शीर्ष पर मौजूद व्यक्ति को उससे कितना फायदा मिल रहा है बल्कि यह है कि समाज पर जो लोग सबसे नीचे हैं उन्हें उन नीतियों का कितना फायदा मिला है। अंत्योदय का मतलब समाज के सबसे निचले स्तर पर मौजूद व्यक्ति का कल्याण है। उन्होंने यह भी कहा था कि यह हमारी सोच और हमारे सिद्धांत हैं कि ये गरीब और अशिक्षित लोग हमारे ईश्वर हैं, यही हमारा सामाजिक और मानवीय धर्म है। उनके इसी अंत्योदय के विचार से प्रेरित होकर केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मौजूद एनडीए सरकार और तमाम प्रदेशों में शासन करने वाली भाजपा सरकारें अंत्योदय के रास्ते पर बढ़ने की ओर अग्रसर हैं तथा गरीब, ग्रामीण एवं किसानों के लिए और समाज के सबसे शोषित वर्ग से आने वाले युवाओं और महिलाओं के कल्याण की ओर प्रतिबद्ध हैं। गरीब को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए औसत जीवन स्तर में बढ़ोतरी हुई है। मुद्रा, जनधन, उज्जवला, स्वच्छता मिशन, शौचालयों का निर्माण, दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना, आवास योजना, सस्ती दवाएं और इलाज, इन सभी योजनाओं पर कार्य को आगे बढ़ा दिया गया है। तकनीक के प्रयोग से कृषि में सुधार किया जा रहा है एवं किसानों की आय दुगनी करने के इरादे से सिंचाई तकनीकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। केंद्रीय बजट की सहायता से गांवों में भी कई निवेश किए जा रहे हैं। दीनदयाल जी के विचारों से प्रेरित भाजपा सरकार देश के संसाधनों का उपयोग केवल देश की उन्नति के लिए करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए यह सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने, कालाधन रोकने और जनता की कमाई की लूट रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत का रास्ता गरीबी दूर करके ही मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अंत्योदय व सेवा के संकल्प को पूर्ण कर विकसित भारत के निर्माण के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि मां भारती की सेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का व्यक्तित्व और कृतित्व देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा। वास्तव में दीनदयाल अंत्योदय योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि करती है। इसके अंतर्गत कृषि और गैर-कृषि दोनों प्रकार की आजीविकाओं में सहायता मिलती है। इससे महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सहायता मिलती है। महिला स्वयं सहायता समूहों को उनकी आजीविका बढ़ाने में सहायता मिलती है। इसके अंतर्गत महिलाओं को बैंकिंग संवाददाता सखियों के रूप में प्रशिक्षण दिया जाता है।
Dakhal News
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB -PMJAY) की छठी वर्षगांठ गर्व और चिंतन का क्षण है। सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू की गई एबी-पीएमजेएवाई आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना में से एक बन चुकी है। यह योजना इस सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि सभी नागरिकों, विशेष रूप से सबसे कमजोर वर्गों, के लिए समान स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाए। पिछले छह वर्षों में इस महत्वाकांक्षी योजना ने लाखों जिंदगियों को छुआ है, उन्हें आशा, उपचार और कई मामलों में जीवनरक्षक उपचार प्रदान किया है। एबी-पीएमजेएवाई की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि एक राष्ट्र जब अपने लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ एकजुट होता है तो क्या कुछ हासिल कर सकता है। आयुष्मान भारत का मुख्य मिशन यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी भारतीय अपनी वित्तीय स्थिति के कारण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल देखभाल को कवर करने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये के वार्षिक कवरेज के साथ, एबी-पीएमजेएवाई ने आर्थिक रूप से वंचित परिवारों को देश के कुछ सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में मुफ्त में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने का साधन प्रदान किया है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के आय वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एबी-पीएमजेएवाई के लाभों का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है, जो हमारे देश में बदलते जनसांख्यिकीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पहले, हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जैसे आशा बहनों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायकों के परिवारों को योजना के दायरे में लाया गया था। 55 करोड़ से अधिक लोग योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आज पात्र हैं। अभी तक 7.5 करोड़ से अधिक सफल उपचार प्रदान किए गए हैं जिस पर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च हुआ है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। जो परिवार स्वास्थ्य खर्च के कारण गरीबी में धकेल दिए जाते थे, उनके लिए अब यह योजना वित्तीय ढाल साबित हो रही है। योजना के तहत लाभार्थी किसानों से लेकर दैनिक मजदूरों तक के कथन इस बात का प्रमाण है कि यह योजना उन्हें आर्थिक परेशानी से बचा रही है। इस मायने में, आयुष्मान भारत ने वास्तव में अपने वादे को पूरा किया है। इस योजना में उपचार का दायरा बहुत व्यापक है, जो 1900 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाओं को कवर करता है, जिनमें हृदय बाईपास या ज्वाइंट रिप्लेसमेंट जैसी जटिल सर्जरी से लेकर कैंसर और गुर्दे की बीमारियों के उपचार तक शामिल हैं। ये ऐसे उपचार हैं जो पहले तमाम लोगों के लिए पहुंच से बाहर थे, लेकिन अब एबी-पीएमजेएवाई ने उन्हें सुलभ, किफायती और सभी के लिए उपलब्ध बना दिया है। विस्तृत नेटवर्क और मजबूत सिस्टम एबी-पीएमजेएवाई की एक विशेषता इसका मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता नेटवर्क तैयार करने की क्षमता रही है। आज, भारत भर के 29,000 से अधिक अस्पताल, जिनमें 13,000 से अधिक निजी अस्पताल शामिल हैं, योजना के तहत सूचीबद्ध हैं। यह नेटवर्क ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देश के सबसे दूरस्थ हिस्सों में रहने वाले लोग भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकें। योजना की अद्वितीय पोर्टेबिलिटी सुविधा ने यह सुनिश्चित किया है कि लाभार्थी अपने राज्य के अलावा देश भर के अस्पतालों में इलाज करवा सकते हैं। इस विशाल नेटवर्क को एक मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित किया गया है जो दावों के निपटान में पारदर्शिता, दक्षता और गति सुनिश्चित करता है। आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन और पेपरलेस क्लेम प्रोसेसिंग के कार्यान्वयन ने धोखाधड़ी और अक्षमता को काफी हद तक कम किया है, जो अक्सर ऐसी बड़ी सार्वजनिक कल्याण योजनाओं में एक बड़ी चुनौती होती है। आयुष्मान भारत की सफलता ने स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य हिस्सों में भी सुधार को उत्प्रेरित किया है। योजना के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पर जोर ने सार्वजनिक और निजी दोनों अस्पतालों को अपने बुनियादी ढांचे और सेवाओं को उन्नत करने के लिए प्रेरित किया है। इसके अतिरिक्त, इसने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण विकसित किया है, जो प्रदाताओं को रोगी कल्याण को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। समग्र स्वास्थ्य सेवा आयुष्मान भारत सिर्फ माध्यमिक और तृतीयक स्तरीय अस्पताल चिकित्सा के बारे में नहीं है। एबी-पीएमजेएवाई के साथ-साथ, सरकार आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) के निर्माण के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर भी काम कर रही है। ये स्वास्थ्य केंद्र सुरक्षात्मक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य जनसंख्या में कुल रोगों के भार को कम करना है। अब तक, पूरे भारत में 1.73 लाख से अधिक AAM स्थापित किए जा चुके हैं, जो सामान्य बीमारियों और मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी चिरकालिक परिस्थितियों के लिए मुफ्त स्क्रीनिंग, निदान और दवाएं प्रदान कर रहे हैं। ये केंद्र व्यापक और समग्र स्वास्थ्य देखभाल मॉडल की ओर हमारे प्रयास के केंद्र में हैं। कल्याण (वेलनेस) और प्रारंभिक निदान को बढ़ावा देकर, हम अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता को कम करने और स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को लंबे समय में और अधिक स्थाई बनाने की उम्मीद करते हैं। चुनौतियों को पार करके आगे बढ़ना आयुष्मान भारत की उपलब्धियों का हर्ष मनाते हुए हमें आगे आने वाली चुनौतियों को भी स्वीकार करना चाहिए। योजना का पैमाना विशाल है और इसके साथ इसे लगातार अनुकूलित, परिष्कृत और सुधारने की जिम्मेदारी आती है। हम योजना की पहुंच को बढ़ाने, अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और हर लाभार्थी को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। आगे बढ़ते हुए, हम आयुष्मान भारत को मजबूत करना जारी रखेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह भारत की समग्र, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की यात्रा में सबसे आगे बना रहे। हम योजना के तहत कवर किए गए उपचारों की सूची का विस्तार करने, सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या बढ़ाने और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के सफल निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्वस्थ भारत का सपना केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मेरा दृढ़ विश्वास है कि किसी भी राष्ट्र का स्वास्थ्य उसकी समृद्धि की नींव है। स्वस्थ जनता देश के विकास, उत्पादकता और नवाचार में योगदान करने में सक्षम होती है। आयुष्मान भारत इस स्वस्थ, मजबूत और विकसित भारत की संकल्पना का केंद्र है। अब तक की योजना की सफलता सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और लोगों के बीच की गई कड़ी मेहनत, समर्पण और सहयोग को दर्शाती है। हम प्रत्येक नागरिक के कल्याण और स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की छठी वर्षगांठ पर आइए हम सभी नागरिकों के लिए एक समावेशी, सुलभ और सहानुभूतिपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ भारत के निर्माण की यात्रा को जारी रखेंगे।
Dakhal News
अमेरिका में बसे लाखों भारतीय डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हैं या कमला हैरिस के पक्ष में? अगर मीडिया पर आ रही खबरों पर यकीन करें तो कमला हैरिस को आज के दिन अधिक लोकप्रिय बताया जा रहा है। कमला की लोकप्रियता प्रतिदिन बढ़ती जा रही बताते हैं। भारत सरकार किसे विजयी देखना चाहती है? यह तय है कि जो भी जीतेगा भारत सरकार उसके साथ तालमेल बिठा कर काम करेगी ही! यह बात भारत-अमेरिका के गहरे द्विपक्षीय संबंधों की रोशनी में कही जा सकती है, जो लगातार मजबूत हो रहे हैं। एक बात जान लें कि अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के एकमुश्त वोट कमला हैरिस को नहीं मिलेंगे, कुछ वोट तो बटेंगे ही! कुछ वोट ट्रम्प के खाते में भी जाएंगे। पर कमला हैरिस को भारतीय अपना तो मानते हैं। कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन, तमिलनाडु के एक कुलीन ब्राह्मण परिवार से थीं। यह समाज अपनी बेटियों की शिक्षा पर बहुत ध्यान देता है। इसलिए इस परिवार ने श्यामला गोपालन को अपने सपनों को पूरा करने के लिए नई दिल्ली जाने की अनुमति दी। जहां उन्होंने दिल्ली युनिवर्सिटी में पढ़ाई की। श्यामला के पिता पीवी गोपालन सरकारी सेवा में ही थे और मां सफल गृहणी थीं। गोपालन जी सरकारी दफ़्तर में टाइपिस्ट थे और अपनी लगन और ईमानदारी के सहारे पदोन्नति पाते रहे। वह अपनी नौकरी के सिलसिले में मद्रास, नई दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में रहे। डीयू से 19 साल की उम्र में डिग्री लेने के बाद कमला हैरिस की मां श्यामला ने उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए अमेरिका का रुख किया। उन्होंने अमेरिका में एक अफ्रीकी मूल के शख्स से शादी की, जिसका परिवार कैरिबियाई देश जमैका में बस गया था। इस लिहाज से देखा जाए तो कमला हैरिस को भारतीय और अफ्रीकी कहीं ना कहीं अपने से जुड़ा मानते हैं। उधर, ट्रम्प का भी अपना ख़ास जनाधार है। वह 2016-2020 के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति रहे हैं। ट्रम्प वह व्यक्ति भी हैं जिन्होंने यूक्रेन और गाजा में संघर्षों को समाप्त करने का वादा किया है, जो लेबनान तक फैल गया है। वह इसे लेकर कितने गंभीर हैं या वे इसमें कितना सफल होंगे, यह अनुमान का विषय है लेकिन कम से कम उन्होंने वादा तो किया ही है। राष्ट्रपति जो बाइडेन के विदेश मंत्री एंथोनी ब्लिंकन भी गाजा में चल रहे संघर्ष को खत्म करने के लिए अपने ढंग से कुछ काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि इससे डेमोक्रेटिक पार्टी को मदद मिलेगी। लेकिन न तो बाइडेन और न ही कमला हैरिस ने अब तक गाजा में शांति लाने का कोई ठोस इरादा दिखाया है। ऐसे में क्या ट्रम्प की जीत विश्व शांति के लिए भी मतदाता अच्छी मानेंगें? भारत-अमेरिका संबंध अब जरा बात भारत-अमेरिका संबंधों की। ज़्यादातर राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इससे भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा कि व्हाइट हाऊस में ट्रम्प पहुंचते हैं या कमला हैरिस। भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध बेहतर होते रहेंगे, यही अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विश्लेषक मानते हैं। दोनों देशों के संबंध उस दायरे से कहीं आगे जाते हैं, जब सत्ता परिवर्तन का असर संबंधों पर होता है। इन संबंधों में किसी पर्सनेल्टी का असर नहीं हो सकता। हां, दोनों देशों के नेताओं के निजी संबंधों से स्थिति और बेहतर हो सकती है। यह हमने नरेन्द्र मोदी और बराक ओबामा, फिर मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प और उसके बाद मोदी और बाइडेन के समय देखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह से अमेरिका के दो पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक अलग पर्सनल केमिस्ट्री विकसित की थी, वैसी ही केमिस्ट्री उनकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ भी बनी। कुछ अस्वस्थ होने के बावजूद पिछले साल बाइडेन जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने नई दिल्ली आए। उसके बाद से उनकी भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से आपसी और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर अक्सर बातचीत होती रहती है। एक बात और। अगर ट्रम्प फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाते हैं तो संसार के इस्लामिक देशों के साथ वे किस तरह का संबंध बनाकर रखना चाहेंगे? वह पहली बार जब राट्रपति का चुनाव जीते थे तब सारा इस्लामिक संसार दुखी था। वह अपनी कैंपेन के दौरान बार-बार इस्लाम को लेकर बयान दे रहे थे। उन्होंने इस्लाम को अमेरिका विरोधी बताते हुए उनके अपने देश में प्रवेश पर पाबंदी लगाने की मांग तक दोहराई थी। हालाकि उन्होंने कहा था कि उनकी लड़ाई कट्टरपंथी मुसलमानों से है। लेकिन, इस बार वह संभल कर चल रहे हैं। डोनाल्ड ट्रम्प आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के पनपने के लिए बराक ओबामा और हिलेरी क्लिंटन को जिम्मेदार मानते हैं। ट्रम्प के इस तरह के बयानों पर उन्हें अमेरिका के गैर-मुसलमानों का समर्थन मिला। ट्रम्प के इस दावे से सनसनी पैदा हो गई थी कि 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद दुनिया भर के मुसलमान जश्न मनाने के लिए 'सड़कों पर उतर' आए थे। उन्होंने कहा था कि अरब और अमेरिकी मुसलमानों ने आतंकी हमलों का जश्न मनाया था। ट्रम्प ने अपने देश में मुसलमानों की निगरानी करने के लिए डाटा बेस बनाने का भी वादा किया था। ट्रम्प ने यह भी कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए अमेरिका के मुस्लिमों पर तगड़ी निगरानी जरूरी होगी। तब अमेरिकी मीडिया ने उनकी तीखी आलोचना की थी लेकिन ट्रम्प अपने रुख पर कायम रहे थे। यह सच है कि अमेरिका में 9/11 की घटना के बाद औसत अमेरिकी मुसलमानों से डरने और सतर्क रहने लगा था। हालांकि 9/11 की घटना के बाद दुनिया बहुत बदल चुकी है। फिलहाल यह देखने वाली बात है कि अमेरिका का नया राष्ट्रपति कौन बनता है।
Dakhal News
वन्य जीव प्रकृति का उपहार ही नहीं, अमूल्य धरोहर से बढ़कर हैं। अफसोस कि वन्य जीवों की विभिन्न प्रजातियां दिनों दिन लुप्तप्राय हो रही हैं। हजारों प्रजातियों का तो अबतक नामोनिशान मिट चुका है। जंगल के बेजुबान जानवरों की संख्या विलुप्त होने से कैसे बचे, उनका संरक्षण कैसे किया जाए, इन्हीं को ध्यान में रखकर हर साल 4 सितंबर को पूरे देश में ‘राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस का प्रचलन वर्ष 2005 में ‘कोलीन पैगे’ नामक एक वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ व परोपकारी व्यक्ति द्वारा की गई थी। वहीं, अगले साल यानी 2006 में वन्यजीव संरक्षणवादी ‘स्टीव इरविन’ के निधन के बाद उनकी स्मृति में यह खास दिवस मनाया जाता है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 48.5 फीसदी वन्य प्रजातियों की आबादी में कमी आ चुकी है। इन प्रजातियों की कुल संख्या 16,150 है जिनमें पक्षियों की 5412 प्रजातियां, उभयचरों की 3135, मछलियों की 2631 प्रजातियां, स्तनधारियों की 1885 और कीटों की 1622 प्रजातियां शामिल हैं। जबकि, सरीसृपों की 1465 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। वन्यजीवों की संख्या घटने के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। अव्वल, वनों का तेजी से कटना। दूसरा, उनके भोजन की उपलब्धता में कमी आना, जिस कारण उनका वनों से बाहर आना और शिकारियों द्वारा शिकार हो जाना। उचित आवास का न होना, अत्यधिक वन संपदा का दोहन, जंगलों में बढ़ता प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग की मार भी जंगली जीव झेल रहे हैं। पशु तस्कर अब चुन-चुनकर जंगली जानवरों का शिकार करने लगे हैं क्योंकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जंगली जानवरों की खाल, दांत या उनके अन्य अंगों की भारी डिमांड है। ग्राहक तस्करों को मुंहमांगी कीमत देते हैं जिस कारण तस्कर वन्य जीवों का शिकार करने पर आमादा रहते हैं। लुप्तप्राय जीवों और उनके संरक्षण के लिए चल रहे प्रयासों में और तेजी लाना ही आज के खास दिन का मकसद है। वन्य जीव प्रजातियों के महत्व और उनकी रक्षा-सुरक्षा के लिए सभी को भागीदार होना चाहिए। आज पशुओं की सुंदरता और उनके मूल्यों को पहचानने का दिन है। कार्यक्रमों के जरिए जनमानस को याद दिलाना होता है कि मानव जीवन में वन प्रजातियों की क्या भूमिका होती है। दुख इस बात का है कि लाख कोशिशों के बावजूद मानवीय गतिविधियां नहीं रुकती और पर्यावरण में होते नित नए परिवर्तन ने भी वन्य पशु-पक्षियों का जीना मुहाल किया हुआ है। राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस का उद्देश्य व्यक्तिगत प्रयासों से लेकर वैश्विक पहलों तक, वन्यजीवों के संरक्षण में मदद करने वाले कार्यों को प्रोत्साहित करना होता है। ये दिन हमें अपने प्राकृतिक परिवेश के प्रति अपनी जिम्मेदारी की भी याद दिलाता है। वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों में भागीदारी को प्रोत्साहित करना और चिड़ियाघरों, अभयारण्यों और वन्यजीव संरक्षण के लिए समर्पित संगठनों के काम का समर्थन भी आज का दिन करता है। ‘राष्ट्रीय वन्यजीव दिवस’ के अलावा 3 मार्च को मनाया जाने वाला ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ भी जंगली जानवरों की रक्षा के लिए लोगों को आह्वान करता है कि भावी पीढ़ियां पृथ्वी की जैव विविधता का आनंद ले सके, इसलिए वन्य जीवों को संरक्षित करना होगा। आज के खास दिन का मकसद, वैश्विक स्तर पर वन्यजीवों के सामने आने वाली प्राकृतिक आपदाएं, बीमारियों व अन्य गंभीर समस्याओं के प्रति जागरूकता को बढ़ाना भी होता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मानवीय गतिविधियां वन्य जीवों के लिए मौजूदा वक्त में सबसे बड़ा खतरा हैं। सरकारी स्तर पर जैव विविधता के महत्व और प्राकृतिक वन्य जीव संरक्षण पर अब और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
Dakhal News
अभी कुछ दिन पहले एक खबर मीडिया की सुर्खियों में थी कि भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई अब एशिया की 'अरबपतियों की राजधानी' बन गई है। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 के अनुसार, मुंबई में चीन के राजधानी शहर बीजिंग से भी ज़्यादा अरबपति व्यक्ति रहने लगे हैं। भारत में मुंबई के बाद सबसे ज्यादा अरबपति अब दो और महानगरों नई दिल्ली और हैदराबाद में रहते हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि देश में अरबपतियों की तादाद देश में विकास की रफ़्तार के साथ बढ़ती ही रहेगी। अरबपति छोटे शहरों और कस्बों में भी बने। पर भारत को फिलहाल सैकड़ों-हजारों दानवीर भी चाहिए। भारत, अपने युवा और विविध जनसंख्या के बावजूद , दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हालांकि, फ़िलहाल इसकी समृद्धि असमान रूप से वितरित है। लाखों लोग गरीबी, भुखमरी, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक की पहुँच से वंचित हैं। इस असमानता को कम करने और भारत को एक समृद्ध और न्यायपूर्ण राष्ट्र बनाने के लिए अधिक से अधिक दानवीरों की आवश्यकता है। हमें इस तरह के दानवीर चाहिए जो हर साल बड़ी राशि स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में खर्च करें। यह संतोष का विषय है कि बिल गेट्स ने अपनी समृद्धि का उपयोग मानवता की सेवा में किया है। उनके द्वारा स्थापित बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया है। भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में बड़ी चुनौतियाँ हैं, जिसमें गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सीमित है। बेशक, दानवीर स्वास्थ्य सेवा में निवेश करके, नई तकनीकों और दवाओं को विकसित करने में मदद कर सकते हैं। वे गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुँच को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों और क्लिनिकों का निर्माण कर सकते हैं। भारत में शिक्षा प्रणाली में भी सुधार की बड़ी आवश्यकता है। इस क्षेत्र में बहुत सारे दानवीरों को निवेश करना चाहिए। वे शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करके, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। समृद्ध दानवीर शिक्षकों के प्रशिक्षण, स्कूलों का आधुनिकीकरण और नए शिक्षण उपकरणों का विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। यह कोई नहीं कह रहा है कि हमारे यहां दानवीर शिक्षा या हेल्थ सेक्टर में निवेश नहीं करते। पर इन दोनों क्षेत्रों में शत प्रतिशत सरकार के भरोसे भी तो नहीं रहा जा सकता। सरकार की भी अपनी सीमाएं हैं। इसके साथ ही भारत में गरीबी और असमानता को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर चहुँमुखी सामाजिक विकास की आवश्यकता है। दानवीर गरीबों को रोजगार के अवसर प्रदान करने और उनकी आय बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। वे ग्रामीण विकास, कृषि, स्वरोजगार और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जूझ रहा है। इस स्थिति का सामना करने के लिए हमारे दानवीर नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को विकसित करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए नवाचारों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जल संरक्षण और ज़्यादा पानी अवशोषित करने वाले गेहूँ, धान और गन्ना के उत्पादन छोड़ कर या कम करके परंपरागत मोटे और छोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने का अभियान चला सकते हैं। एक किलो धान के उत्पादन में जहाँ 8000 लीटर , एक किलो गेहूँ उत्पादन में 10,000 लीटर पानी और एक किलो चीनी के उत्पादन में 28,000 लीटर पानी का व्यय होता है, वहीं एक किलो छोटे अनाज कोदो, कँगनी, कुटकी , साँवा और हरा सावाँ के उत्पादन में मात्र 100 से लेकर 300 तक ही पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसी प्रकार, हर तरह के दूरगामी और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए भी दानवीर अरबपति पर्यावरणीय संगठनों को समर्थन दे सकते हैं। मैं अपना ख़ुद का उदाहरण देना चाहूँगा। मैं 1966 से लेकर 1975 में स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा लगायी गई इमरजेंसी के पूर्व तक उस समय भारतवर्ष के दो बड़े मीडिया संस्थानों में से एक में विशेष संवाददाता था। तनख़्वाह थी मात्र 230 रुपए प्रतिमाह। संपादकीय पृष्ठ पर एक लेख लिखने पर प्रति लेख 10 रुपए अलग से मिल जाते थे। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रेरणा और आशीर्वाद से भूतपूर्व सैनिकों के पुनर्वास के लिये एक छोटा-सा सेवामूलक कार्य शुरू किया और तीन लाख भूतपूर्व सैनिकों और बेरोज़गार युवक-युवतियाँ को रोज़गार दिया। आज उन संस्थाओं का वार्षिक कारोबार लगभग 13,000 करोड़ का है। संतोषप्रद लाभ भी है। लेकिन, मैं अपने लाभाँश का लगभग 95% अपने पूज्य माता और पिताजी की स्मृति में स्थापित “अवसर ट्रस्ट“ के माध्यम से ज़रूरतमंद लोगों की शिक्षा, चिकित्सा, बिना दहेज विवाह, किसी भी तरह की समाज सेवा करने वाली संस्थाओं की सहायता में खर्च करता हूँ। इससे जो आत्मीय संतुष्टि मिलती है, उसका वर्णन करना संभव नहीं है। धन की गति या तो व्यभिचार के लिये होगी या सद्कार्यों के लिये! अरबपतियों को एक ही रास्ता चुनना होगा। नोटों की गड्डी पर न तो आज तक कोई जला है, न जलेगा। तब बुद्धिमत्तापूर्वक सबको यह सोचना चाहिये कि संचित धन का सदुपयोग करना है या दुरुपयोग ? नए-नए करोड़पतियों और अरबपतियों को अनुसंधान और विकास में भी निवेश करना चाहिए। ये दानवीर वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी नवाचार और नए क्षेत्रों में निवेश करके, भारत को वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में नेता बनने में मदद कर सकते हैं। वे नए उद्यमों को शुरू करने और भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए निवेश कर सकते हैं। इंफोसिस टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत दान देते हैं। उन्होंने कुछ समय पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) बॉम्बे को 315 करोड़ रुपए दान किये। इससे पहले भी, उन्होंने आईआईटी बॉम्बे को 85 करोड़ रुपए दान किया था। यानी अब तक वो आईआईटी बॉम्बे को करीब 400 करोड़ रुपये का दान कर चुके हैं। दरअसल देश के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्लायों के सफल छात्रों को अपने शिक्षण संस्थानों की आर्थिक मदद करनी चाहिए। इन संस्थानों को सरकार की मदद के सहारे पर नहीं छोड़ा जा सकता है। अमेरिका में पूर्व छात्र अपने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की भरपूर मदद करते हैं। पूर्व छात्रों की मदद से ही उनके शिक्षण संस्थानों में रिसर्च और दूसरी सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं। नीलकेणी की सबसे बड़ी कामयाबी आधारकार्ड है। देश के हर नागरिक को एक विशिष्ठ पहचान संख्या या यूनिक आइडेंटिफिकेशन नम्बर को उपलब्ध करवाने का विचार उन्होंने ही सफलतापूर्वक चलाया था। इसमें दो राय नहीं कि भारत में नंदन नीलकेणी जैसे दानवीरों की संख्या को बढ़ाना होगा। अजीम प्रेमजी और शिव नाडर जैसे अरबपति दानवीर भी देश के युवाओं को सामाजिक उद्यमिता, सामुदायिक विकास और सामाजिक बदलाव के लिए प्रेरित कर सकते हैं। वे भारत के संसाधनों का प्रभावी उपयोग करके, गरीबी को दूर करने और मानवता की सेवा करने के लिए सहायता भी कर सकते हैं। कभी-कभी मन उदास हो जाता है कि भारत में दानवीरों की काफी कमी हैं। देखिए भारत में अब भी धनी लोग समाज के लिए धन देने से कतराते हैं। उन्हें लगता है कि उनका टैक्स देना ही काफी है। यह सोच बदलनी होगी। फिर भारत में भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिससे लोगों को दान करने के लिए प्रेरित करने में कठिनाई होती है। उन्हें डर लगता है कि उनके दान का गलत उपयोग किया जाएगा। कई मामलों में यह होता भी है। फिर कई लोग दान के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं या वे यह नहीं जानते कि वे दान कैसे कर सकते हैं। इस बीच, यह कहना सही नहीं है कि यूरोप और अमेरिका में भारत से ज़्यादा दानवीर हैं। दानवीरता किसी भी देश या संस्कृति तक सीमित नहीं है। हर जगह अच्छे दिल वाले लोग होते हैं जो दूसरों की मदद करने को तैयार रहते हैं। हर देश के अपने-अपने दान करने के तरीके हैं और हर व्यक्ति की अपनी ज़रूरतें और सीमाएँ होती हैं। दानवीरता किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत पसंद और क्षमता पर निर्भर करती है, न कि किसी देश या संस्कृति पर। हमारे यहां बहुत से लोग मशहूर खिलाड़ियों और फिल्मी सितारों से शिकायत करते रहते हैं कि वे चैरिटी नहीं करते। हालांकि सच यह है कि कई सेलिब्रिटी अपने दानों के बारे में सार्वजनिक नहीं होने देना चाहते। उनका मानना हो सकता है कि दान करना निजी मामला है और इसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने की जरूरत नहीं है। कुछ सेलिब्रिटी किसी विशिष्ट कारण के प्रति सहानुभूति महसूस नहीं करते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी सेलिब्रिटी एक समान नहीं होते हैं। कुछ बहुत दानवीर होते हैं, जबकि कुछ नहीं भी करते हैं। इसलिए, यह मान लेना गलत होगा कि सभी सेलिब्रिटी दान नहीं करते हैं।
Dakhal News
एन. रघुरामन स्ना तकोत्तर के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को इस हफ्ते संबोधित करते हुए मैंने उनसे एक गोल शीट बनाने के लिए कहा, जिसमें उन्हें यह बताना था कि यूनिवर्सिटी से अगले दो साल का कोर्स करने के बाद वे खुद को किस रूप में और कहां देखते हैं। मैंने उनकी शीट जमा कीं और उनमें कुछ लोगों के लक्ष्य थोड़ा तेज आवाज में पढ़े और उन्हें यह सलाह देते हुए रास्ता दिखाने में मदद की कि वे लक्ष्य तक कैसे पहुंच सकते हैं और इन दो सालों में अकादमिक लिखाई-पढ़ाई के अलावा यूनिवर्सिटी कैंपस में उन्हें क्या-क्या करना चाहिए। उन 45 विद्यार्थियों की शीट में से एक शीट ने मेरा ध्यान खींचा और मैं इसे जोर से नहीं पढ़ सका क्योंकि मुझे यकीन था कि पूरी क्लास की इसे सुनकर हंसी छूट पड़ती और वे शायद असहज हो सकते थे। उसने लिखा, ‘मैं कुछ नहीं करना चाहता हूं, पर पैसे कमाना चाहता हूं!’ मालूम चला कि उस लड़के ने दबाव में इस कोर्स में दाखिला ले लिया था क्योंकि उसके कॉलेज के ज्यादातर मित्रों ने ऐसा किया था। इससे मुझे एक किताब याद आ गई, जो कि मैंने इस साल की गर्मियों में अपने अमेरिका प्रवास के दौरान खरीदी थी। जनवरी 2024 में रिलीज हुई ‘रेंटल पर्सन हू डज़ नथिंग’ शीर्षक की यह किताब एक जापानी, शोजी मोरिमोटो की आत्मकथा है और डॉन नॉटिंग ने अंग्रेजी में इसका अनुवाद किया है। जीवन जीने के लिए शोजी जो करते हैं, वह जानना दिलचस्प है। वह वाकई कुछ नहीं करते हैं। यहां इसका उदाहरण है। कल्पना करें, आप किसी ऐसे सामाजिक कार्यक्रम में हैं, जहां जाना टाल नहीं सकते थे, लेकिन अब कुछ कारणों से उस जगह से जाना चाहते हैं- एक कारण ये हो सकता है कि आप वहां असहज हों। आप आयोजक से एक झूठ बोलते हैं कि मुझे लेने कोई आया है, क्योंकि दफ्तर में कोई जरूरी काम निपटाना है। आयोजक सहमत हो जाते हैं और वह आपको बाहर तक छोड़ने आते हैं और अगर वे पूछते हैं कि वो आदमी कहां है, तब आप वह आदमी कैसे दिखाएंगे? अगर आप जापान मेें हैं और बिल्कुल एेसा ही झूठ बोल रहे हैं, तो आप शोजी को बुला सकते हैं और वह वहां इंतजार करेगा, वो भी आपके बताए किसी भी नाम से। आप अपने मित्र, पड़ोसी या सहकर्मी के रूप में उसका परिचय दे सकते हैं और उस जगह से छुटकारा पा सकते हैं। शोजी मोरिमोटो, खुद को एक फोकट इंसान के रूप में किराए पर देते हैं, जो केवल आसान-से काम करेगा और कोई राय नहीं देगा। एक्स पर अपनी पोस्ट में उन्होंने अपनी किताब का हवाला दिया है, जिसमें पेशेवर खाली व्यक्ति के रूप में बनने की अपनी पिछले पांच साल की यात्रा का वर्णन है, एक्स पर उनके चार लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और अच्छा-खासा पैसा कमाते हैं। शोजी अक्सर एक थैरेपिस्ट की भूमिका में रहते हैं, जैसे कि एक क्लाइंट ने माना कि उसे किसी का खून करने के लिए किशोरवस्था में जेल हो गई थी। इस तरह की स्थिति में वह सिर्फ ‘हम्मम्म्म...’ या ‘अच्छा’ में सिर हिलाते या बुदबुदाते हैं। लेकिन क्लाइंट्स के लिए यह भी काफी होता है, जो सिर्फ यह चाहते हैं कि कोई तटस्थ व्यक्ति उन्हें सुने। शोजी लिखते हैं कि ‘बातचीत में गहराई व रिश्तों में गहराई हमेशा से ही एक-दूसरे से नहीं जुड़ी होती। वह लिखते हैं, ‘सच में, निकटता अक्सर लोगों को उनके मुंह बंद रखने के लिए मजबूर करती है।’ शोजी अजनबी को नीचे रहने वाले पड़ोसी से बात करने में मदद करते हैं, ताकि छोड़ी गई लॉन्ड्री गुम होने से बच सके। वह किसी ऐसे के साथ स्टारबक्स फ्रैपुचीनो बांट लेते हैं, जिसे लगता है कि वह इसे अकेला खत्म नहीं कर पाएगा/ पाएगी। वह बैठते हैं और किसी को नॉवेल लिखते हुए देखते हैं। वह किसी के साथ अपॉइंटमेंट करते हैं, ताकि वे लोग झूठ पकड़ाए/ बोले बिना उस रिलेशनशिप से बाहर निकल सकें। फंडा यह है कि अगर आप कुछ नहीं करना चाहते, तो ठीक है, करिए, क्योंकि आपकी जिंदगी है। पर याद रखें, कुछ नहीं करने के लिए भी आपके पास प्लान होना चाहिए, ऐसा प्लेटफॉर्म बनाएं, लक्ष्य तय करें और लाखों फॉलोअर्स बनाएं। फिर खाने और किराए की जगह के पैसे कमाएं।
Dakhal News
थॉमस एल. फ्रीडमैन ‘वैसे में आप क्या करते?’ 7 अक्टूबर के बाद से इजराइल की सरकार ने दुनिया से बार-बार यही सवाल पूछा है। यह कि अगर हमास के आतंकवादी आपकी पश्चिमी सीमा पार करके सैकड़ों इजराइलियों को मार डालें, उनका अपहरण कर लें और अगले दिन उनके हिजबुल्ला सहयोगी आपकी उत्तरी सीमा पर रॉकेट दाग दें- और ईरान इसका समर्थन करे तो आप वैसी स्थिति में क्या करते? यह एक जरूरी सवाल है और इसे इजराइल के आलोचक अक्सर टालते रहते हैं। लेकिन वे अकेले नहीं हैं, जो इसे टालते हैं। बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली यह इजराइली सरकार चाहती है कि आप और मैं और हर इजराइली और इजराइल के सभी मित्र- यहां तक कि दुश्मन भी- इस पर विश्वास कर लें कि इस प्रश्न का हमेशा केवल एक ही सही उत्तर था : गाजा पर हमला बोलकर हमास को खत्म कर देना, इस प्रक्रिया में हताहत होने वाले नागरिकों से विचलित न होना, फिर लेबनान में हिजबुल्ला पर धावा बोलकर यही सब फिर से दोहराना- और युद्ध के इन दोनों मोर्चों में से किसी से भी बाहर निकलने की रणनीति बनाने में समय बर्बाद न करना। यह एक जाल है, और बाइडेन प्रशासन इजराइल को इसमें फंसने से रोकने के लिए पर्याप्त दृढ़ नहीं था। अब हालात संगीन हो चुके हैं। इजराइल का यहूदी-राष्ट्र गंभीर खतरे में है। और उसे यह खतरा ईरान के साथ ही उसके वर्तमान इजराइली सत्तातंत्र दोनों से है। मुझे इस युद्ध के प्रमुख कारणों के बारे में कभी कोई भ्रम नहीं रहा। यह यहूदी राष्ट्र को धीरे-धीरे नष्ट करने, अमेरिका के अरब सहयोगियों को कमजोर करने और क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव को कम करने की भव्य ईरानी रणनीति का खुलासा है। इसकी एक अन्य उपकथा है, इजराइल को ईरान की परमाणु-फेसिलिटीज़ पर हमला करने से रोकना और प्रॉक्सी का उपयोग करना। ईरान-हमास की रणनीति इजराइल के चारों ओर एक आग का घेरा बनाने की थी, जिसमें हमास, हिजबुल्ला, हूतियों, इराक की शिया मिलिशिया और वेस्ट-बैंक में जॉर्डन के माध्यम से तस्करी किए गए हथियारों से लैस उग्रवादियों का इस्तेमाल किया गया था। ईरान के अपने हितों के दृष्टिकोण से यह एक बेहतरीन रणनीति है : कि इजराइल को नुकसान पहुंचाने के लिए चाहे जितने फिलिस्तीनियों और लेबनानी लोगों की कुर्बानी देनी पड़े, लेकिन एक भी ईरानी जिंदगी जोखिम में न आए। इजराइल को खत्म करने के लिए ईरान हरेक लेबनानी, फिलिस्तीनी, सीरियाई और यमनी की जान को जोखिम में डालने से हिचकने नहीं वाला है। इससे वह ईरानी हुकूमत द्वारा अपने ही लोगों के साथ की जा रही ज्यादतियों और लेबनान, यमन, इराक और सीरिया पर अपने नियंत्रण से भी दुनिया का ध्यान हटा सकेगा। इजराइलियों और यहूदी लोगों के लिए समस्या यह है कि नेतन्याहू सरकार ने युद्ध को उस तरीके से संचालित करने से इनकार कर दिया, जिससे सफलता की उम्मीद की जा सकती थी- क्योंकि वह रणनीति प्रधानमंत्री के राजनीतिक हितों के विपरीत थी। इजराइल को बाहर से अस्तित्व का खतरा है, और उसके प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी अपने राजनीतिक और वैचारिक हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने हाल ही में इजराइल के सर्वोच्च न्यायालय को कुचलने के लिए न्यायिक तख्तापलट के प्रयासों को फिर से शुरू कर दिया है- जबकि इजराइल अपने अस्तित्व के लिए युद्ध लड़ रहा है और उसके बंधक आज भी गाजा में कहीं हैं। इजराइल को चार चीजों की जरूरत थी : 1. समय, क्योंकि आग के इस घेरे को रातोंरात नहीं बुझाया जा सकता था; 2. संसाधन, विशेष रूप से अमेरिका से; 3. अरब और यूरोपीय सहयोगी, क्योंकि इजराइल अकेले नहीं लड़ सकता था; और 4. अपनी कार्रवाइयों के लिए वैधता। बाइडेन की टीम ने इजराइल के सामने एक रोडमैप पेश किया था। इसमें अमेरिका के अरब सहयोगियों को नए, विश्वसनीय नेतृत्व के साथ वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी प्राधिकरण में सुधार के लिए राजी करना और फिर इजराइल को टू-स्टेट सॉल्यूशन के लिए फिलिस्तीनी प्राधिकरण के नेतृत्व से बातचीत शुरू करने के लिए सहमत करना शामिल था। इससे हमास अलग-थलग हो जाता और उस पर संघर्ष-विराम के लिए दबाव डालने का रास्ता खुल जाता, जिसके तहत सभी बंधकों के बदले में इजराइल गाजा से बाहर निकल जाता। इससे इजराइल पर हमला करने का हिजबुल्ला का बहाना खत्म हो जाता। सऊदी अरब के लिए इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने का रास्ता खुल जाता, जो ईरान के लिए एक बड़ा झटका होता। लेकिन इनमें से कुछ भी नहीं किया जा सका है। ईरान के अपने हितों के दृष्टिकोण से यह एक बेहतरीन रणनीति थी : कि इजराइल को नुकसान पहुंचाने के लिए चाहे जितने फिलिस्तीनियों और लेबनानी लोगों की कुर्बानी देनी पड़े, लेकिन एक भी ईरानी जिंदगी जोखिम में न आए।
Dakhal News
पं. विजयशंकर मेहता पैसा कमाना यदि एक कला है, तो उसे खर्च करना भी हुनर है। तीन तरह के लोग देखने में आते हैं- कंजूस, मितव्ययी और दोनों हाथों से लुटाकर खर्च करने वाले खर्चीले। बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं, जो दूसरों के मामले में कंजूस हैं, लेकिन अपने मामले में बड़े खर्चीले हो जाते हैं। तो प्रयोग करना चाहिए कि धन को यदि भोग-विलास में खर्च करना हो तो कंजूस हो जाएं। अपने ऊपर खर्च करना हो तो मितव्ययी हो जाएं। लेकिन अपने परिवार में खर्च करना हो, तो फिर खुले दिल से करिए। पैसे को एक शब्द से जोड़िए और उसका नाम है प्रेम। प्रेम से कमाइए, प्रेम से खर्च करिए। इसका मतलब यह है कि कमाते समय दूसरों का अहित नहीं करेंगे और खर्च करते समय दूसरों का हित देखेंगे। वैज्ञानिक भी कहते हैं कि प्रेम विज्ञान से परे और ऊपर है। इसलिए पैसे से प्रेम करना और प्रेम को सामने रखकर उसे खर्च करना, यह समझ पैदा करना चाहिए। क्योंकि धन आता जाता है तो जब ये आए तो दीवाने न हो जाएं और जब ये जाए तो बावले न बन जाएं।
Dakhal News
पवन के. वर्मा किसी शायर ने लिखा है : ‘हम उनकी याद में अक्सर उन्हीं को भूल गए!’ कभी-कभी मुझे लगता है कि यह हमारे लोकतंत्र के बारे में सच है। हम इसकी प्रशंसा करते हैं, लेकिन इसी के सिद्धांतों को भूल जाते हैं। इसका एक उदाहरण विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका है। यह किसी एक पार्टी का एकाधिकार नहीं रहा है। कांग्रेस सरकारों ने इसे खुलेआम किया और 2014 के बाद भाजपा भी इससे अलग नहीं रही है। यह दु:खद है, क्योंकि हम उम्मीद करते हैं कि जैसे-जैसे लोकतंत्र विकसित होगा, इसकी कई विकृतियां ठीक हो जाएंगी, आगे नहीं बढ़ेंगी। संविधान के अनुच्छेद 152 से 160 के तहत राज्यपालों की शक्तियों और भूमिका को परिभाषित किया गया है। इनके तहत राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, वह दलगत राजनीति से ऊपर होता है तथा संविधान और कानून के संरक्षण के लिए काम करता है। हालांकि, चूंकि राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करते हैं, इसलिए कई राज्यपाल सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा नियुक्त होने के नाते उसके प्रतिनिधि के रूप में व्यवहार करते हैं। राज्यपालों द्वारा अपनी शक्तियों के दुरुपयोग का एक उदाहरण विधानसभाओं द्वारा विधिवत पारित विधेयकों की मंजूरी में देरी करना है। तमिलनाडु, बंगाल, केरल, पंजाब, कर्नाटक, दिल्ली जैसे विपक्ष-शासित राज्यों में इस प्रवृत्ति ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। कांग्रेस-शासित कर्नाटक में, राज्यपाल थावरचंद गहलोत- जो अपनी नियुक्ति से पहले भाजपा-संघ के विश्वासपात्र सदस्य थे- ने राज्य की विधानसभा द्वारा पारित किए 11 विधेयकों को यह कहकर लौटा दिया है कि इन्हें और स्पष्ट किया जाए। द्रमुक की सरकार वाले तमिलनाडु में राज्यपाल आरएन रवि ने 31 अक्टूबर 2023 से 28 अप्रैल 2024 के बीच विधानसभा द्वारा पारित 12 विधेयकों को मंजूरी नहीं दी। केरल में, आरिफ मोहम्मद खान ने 7 विधेयकों को दो साल तक मंजूरी नहीं दी, और बाद में उन्हें राष्ट्रपति के पास भेज दिया। पश्चिम बंगाल में टीएमसी का दावा है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 8 विधेयकों को मंजूरी नहीं दी है। ‘आप’ शासित पंजाब में बनवारी लाल पुरोहित ने 4 विधेयक रोके हुए हैं। संविधान के अनुच्छेद 200 के अनुसार विधेयक के लिए राज्यपाल की स्वीकृति आवश्यक है। राज्यपाल उनमें संशोधन या पुनर्विचार का सुझाव दे सकते हैं, लेकिन उन्हें ऐसा ‘जितनी जल्दी हो सके’ करना चाहिए। हालांकि, अगर विधानसभा राज्यपाल के सुझावों को ध्यान में रखते हुए विधेयक को फिर से पारित करती है, या उसे उसके मूल रूप में कायम रखती है, तब भी राज्यपाल ‘उस पर स्वीकृति नहीं रोक सकते’। राज्यपाल विधेयक को राष्ट्रपति के विचारार्थ प्रेषित करने के लिए सुरक्षित रख सकते हैं, पर केवल तभी, जब प्रस्तावित कानून ‘उच्च न्यायालय की शक्तियों से वंचित’ होगा। नवंबर 2023 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया। तमिलनाडु और केरल के मामले में, कोर्ट ने तीखे शब्दों में पूछा कि राज्यपाल दो से तीन साल तक विधेयकों को रोककर क्यों बैठे रहते हैं? कोर्ट ने ‘गंभीर चिंता’ जताते हुए कहा राज्यपाल ‘बिना किसी कार्रवाई के किसी विधेयक को अनिश्चित काल तक रोक नहीं सकते।’ ऐसा करने पर ‘राज्य के अनिर्वाचित प्रमुख के रूप में राज्यपाल विधिवत रूप से निर्वाचित विधायिका के कामकाज को वीटो करने की स्थिति में आ जाएंगे।’ न ही राज्यपाल, एक बार सहमति रोक लेने के बाद, विधायिका द्वारा पुनः अधिनियमित विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई हमारी संघीय राजनीति को प्रभावित करती है, जो कि संविधान का एक बुनियादी ढांचा है। सच तो यह है कि कई राज्यों में राज्यपाल राज्य सरकार के अनिर्वाचित विरोधी बन गए हैं और अपनी विवेकाधीन शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह सार्वजनिक बहस अब अप्रिय हो गई है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘लेडी मैकबेथ’ कहा और उनके साथ सार्वजनिक मंच साझा करने से इनकार कर दिया दिल्ली के उपराज्यपाल ने चुनी गई सरकार की आलोचना करते हुए लेख लिखा। तमिलनाडु और केरल के राज्यपालों का अपनी सरकारों से सार्वजनिक विवाद चल रहा है। चेन्नई में राज्यपाल ने इस सप्ताह कहा कि ‘धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी अवधारणा है’ और ‘भारत को इसकी आवश्यकता नहीं’। उन्होंने उसी संविधान को अस्वीकार कर दिया, जिसके आधार पर उन्होंने शपथ ली थी। जबकि संविधान कोई निष्प्राण दस्तावेज नहीं, जिसकी गलत व्याख्या की जाए। हमें उसके इरादों और भावनाओं को भूलना नहीं चाहिए। कई राज्यों में राज्यपाल राज्य सरकार के अनिर्वाचित विरोधी बन गए हैं और अपनी विवेकाधीन शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। वे विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों की मंजूरी में देरी करते हैं। यह सार्वजनिक बहस अब अप्रिय हो गई है ।
Dakhal News
संजय कुमार हम एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर कितने गम्भीर हैं? यह सवाल इसलिए पूछा जाना चाहिए, क्योंकि इस बारे में नीति-निर्माताओं की कथनी-करनी में अंतर है। चार पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों और रामनाथ कोविंद समिति द्वारा परामर्श किए गए आठ में से सात राज्यों के चुनाव आयुक्तों ने एक राष्ट्र एक चुनाव के विचार को मंजूरी दी है, लेकिन जब चुनाव कराने की बात आती है तो चुनाव आयोग एक अलग पद्धति का पालन करता है। 2024 का लोकसभा चुनाव सात चरणों में हुआ था। कुछ साल पहले, न केवल दो राज्यों के चुनाव कुछ महीनों के अंतराल में एक के बाद एक हुए थे, बल्कि दोनों की तारीखों की घोषणा भी अलग-अलग की गई। महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव एक साथ नहीं बल्कि कुछ महीनों के अंतराल में एक के बाद एक होंगे। क्या हम वास्तव में एक साथ चुनाव कराने के बारे में गंभीर हैं? या इसमें आने वाली बाधाएं चुनाव आयोग के मन में हिचकिचाहट पैदा कर रही हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी समय से इस बात पर जोर देते आ रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी उन्होंने एक साथ चुनाव कराने की जरूरत का जिक्र किया था। एक राष्ट्र एक चुनाव के विचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए बिना समय गंवाए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई। समिति ने अपनी पहली बैठक से 361 दिनों के रिकॉर्ड समय में रिपोर्ट पेश की, जिसे अब कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है। समिति ने 47 राजनीतिक दलों से परामर्श किया, जिनमें से 32 ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि 15 ने विरोध किया। प्रस्ताव का विरोध करने वाले 15 दलों में से 5 विभिन्न राज्यों में सत्ता में हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी टीडीपी ने पहले तो कोई राय नहीं दी, लेकिन अब वह भी प्रस्ताव का समर्थन कर रही है। बसपा ने प्रस्ताव का विरोध करने का अपना रुख बदलते हुए अब प्रस्ताव का समर्थन कर दिया है। चुनाव आयोग इस मुद्दे पर एक भाषा में बात नहीं कर रहा है। वर्ष 2015 में कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति को सौंपे अपने निवेदन में आयोग ने इस विचार को लागू करने में आने वाली कई कठिनाइयों को बताया था। उसने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लिए ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की बड़े पैमाने पर खरीद की आवश्यकता होगी। इसमें 9,284.15 करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं। मशीनों को हर 15 साल में बदलने की भी आवश्यकता होगी, जिसके लिए फिर से खर्च करना होगा। इसके अलावा, मशीनों के स्टोरेज से वेयरहाउसिंग लागतें बढ़ जाएंगी। कोविंद समिति के समक्ष अपने प्रस्तुतीकरण में आयोग ने लॉजिस्टिक्स संबंधी कठिनाइयों का जिक्र किया। उसने कहा कि 2029 में एक साथ चुनाव कराने के लिए कुल 53.76 लाख बैलेट यूनिट और ईवीएम की 38.67 लाख कंट्रोल यूनिट और 41.65 लाख वीवीपैट की आवश्यकता होगी। लेकिन 10 मार्च 2022 को तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ने एक सार्वजनिक बयान में कहा था कि अगर सरकार चाहती है तो आयोग एक साथ चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा था, एक राष्ट्र एक चुनाव एक अच्छा सुझाव है, लेकिन इसके लिए संविधान में बदलाव की जरूरत है। जो विधानसभा 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी, उसे इस बारे में सोचना होगा या फिर देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संसद का कार्यकाल बढ़ाने की जरूरत है। यह संसद में तय होना है, लेकिन चुनाव आयोग सभी चुनावों को एक साथ कराने में सक्षम है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि जब वर्ष 2022 में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने थे, तब चुनाव आयोग इन दोनों के विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं करा सका। दोनों राज्यों के चुनावों की तिथियों की घोषणा भी अलग-अलग की गई- हिमाचल के लिए चुनाव की तिथि 12 अक्टूबर को घोषित की गई, जबकि चुनाव 12 नवंबर को होने थे, वहीं गुजरात में विधानसभा चुनाव की तिथि 3 नवंबर को घोषित की गई, जबकि मतदान 1 और 3 दिसंबर को होना था। दोनों ही राज्यों की मतगणना 8 दिसंबर को एक साथ होनी थी। हाल ही में चुनाव आयोग ने बिना किसी जायज वजह के दो राज्यों (महाराष्ट्र और हरियाणा) के लिए एक साथ होने वाले चुनावों को भी बाधित किया। क्या चुनाव आयोग वास्तव में एक साथ चुनाव कराने के लिए तैयार है या इसमें उसकी ओर से कोई कोर-कसर है?
Dakhal News
डेरेक ओ ब्रायन 16 जनवरी, 2012 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार पर दबावपूर्ण संघवाद की नीति अपनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वित्तीय आवंटन की शक्तियों पर एकाधिकार कायम करके राज्यों को मातहत की हालत में लाया जा रहा है और इससे राज्यों के संवैधानिक अधिकार घटे हैं। वहीं इस स्तम्भकार को यह भी याद है कि 2015 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद के अपने कमरे में लगभग आधा दर्जन साथी सांसदों को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया था। हमारे उदार मेजबान एक अच्छी खबर का जश्न मनाना चाहते थे : 14वें वित्त आयोग ने राज्यों को विभाज्य टैक्स-पूल का हस्तांतरण 32% से बढ़ाकर 42% करने की सिफारिश की थी। हम सभी ने इसे संघवाद की बड़ी जीत के रूप में देखा था। लेकिन जेटली के नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री के विचार कुछ और थे। संघवाद को क्षति पहुंचाने वाला : उपकर (सेस)। जैसा कि वाणिज्य में स्नातक करने वाला कोई भी व्यक्ति आपको बता सकता है, उपकर विभाज्य पूल का हिस्सा नहीं हैं; यानी उनके माध्यम से एकत्र किया गया धन राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं किया जाता है। उपकरों को केंद्र सरकार किसी खास उद्देश्य के लिए धन जुटाने के लिए लागू करती है। केंद्र सरकार वर्तमान में जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर लगाती है, साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा, सड़क और बुनियादी ढांचा, कृषि और विकास, स्वच्छ भारत, निर्यात और कच्चे तेल आदि पर उपकर हैं। 2012 में, उपकर केंद्र सरकार के कुल कर-राजस्व का 7% था। 2015 में, यह बढ़कर 9% हो गया। 2023 में, उपकरों ने कुल कर-राजस्व में 16% का योगदान दिया। 2019 से 23 के बीच, केंद्र सरकार ने उपकर के रूप में 13 लाख करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर शामिल नहीं है। पिछले पांच वर्षों में उसने कच्चे तेल पर उपकर के रूप में 84,000 करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। केंद्र सरकार के कुल कर-राजस्व में उपकरों का हिस्सा बढ़कर तिगुना हो गया है। 2011 में यह 6% था, 2021 में 18% हो गया। उपकर और अधिभार (सरचार्ज) में इस वृद्धि ने करों के विभाज्य पूल में कमी ला दी है। विभाज्य पूल 2011 में सकल कर-राजस्व के 89% थे, जो 2021 में घटकर 79% हो गए। यह स्थिति तब है, जब 14वें वित्त आयोग ने अनुशंसित राज्यों को कर-हस्तांतरण में 10% की वृद्धि कर दी थी। कैग की एक रिपोर्ट ने उजागर किया कि 2018-19 में केंद्र सरकार ने भारत की समेकित निधि (सीएफआई) में विभिन्न उपकरों के माध्यम से एकत्र 2.75 लाख करोड़ रुपयों में से 1 लाख करोड़ रुपए रोक लिए। वित्त-वर्ष के दौरान एकत्र किए गए सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर के 10,000 करोड़ रुपए न तो संबंधित रिजर्व फंड में स्थानांतरित किए गए और न ही उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए, जिसके लिए उपकर एकत्र किया गया था। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि पिछले एक दशक में कच्चे तेल पर उपकर के रूप में एकत्र किए गए 1.24 लाख करोड़ रुपए निर्दिष्ट रिजर्व फंड (तेल उद्योग विकास बोर्ड) में स्थानांतरित नहीं किए गए और सीएफआई में ही रखे गए। रिजर्व फंड्स के न बनने या उनका ठीक से उपयोग न होने से उपकरों और शुल्कों का उपयोग संसद द्वारा निर्धारित विशिष्ट उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है। उपकर बढ़ाने के बावजूद पिछले 10 वर्षों में राजस्व में मामूली वृद्धि ही हुई है- 2014 में यह जीडीपी की 8.8% थी तो 2024 में 9.6% हो गई यानी 1 प्रतिशत से भी कम। हाल ही में, कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने एनडीए और विपक्ष शासित राज्यों के आठ मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर चिंता जताई कि उच्च प्रति व्यक्ति जीएसडीपी वाले राज्यों को अनुपात से कम कर-आवंटन दिया जाकर उन्हें उनके अच्छे आर्थिक प्रदर्शन के लिए दंडित किया जा रहा है। 80 के दशक की शुरुआत में सरकरिया आयोग ने सिफारिश की थी कि उपकर और सरचार्ज एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए और सीमित समय के लिए लगाए जाने चाहिए। 2010 में पुंछी आयोग ने कहा था कि उपकर और सरचार्ज का विस्तार करना वित्त-आयोगों की सिफारिशों को कमजोर करने के बराबर है, क्योंकि इससे राज्य केंद्रीय कर-राजस्व में उनके उचित हिस्से से वंचित रह जाते हैं। लेकिन उपकरों की संख्या और मात्रा बढ़ती जा रही है। जो राज्य वैचारिक रूप से सत्तारूढ़ व्यवस्था का विरोध करते हैं, उन्हें अक्सर उनके उचित हिस्से से वंचित कर दिया जाता है। उपकरों के माध्यम से एकत्र धन राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं किया जाता है। उपकरों को केंद्र किसी खास उद्देश्य के लिए धन जुटाने के लिए लागू करता है। लेकिन इस धन का अपने प्रयोजन के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा है।
Dakhal News
एन. रघुरामन कल्पना करें, आप ऐसी जगह पर हैं, जो किसी भव्य रेस्तरां जैसी दिख रही है, जहां बराबर दूरी पर लगी टेबल पर सफाई से फूल व्यवस्थित लगाए गए हैं और आंख की बराबरी के लेवल पर फूलदान रखे हैं, जिससे आपको अहसास होता है कि किसी उत्सव में आए हैं। उस कमरे में महक का कारण प्राकृतिक फूलों की खुशबू थी। कुछ कोनों पर दीवार पर रंग-बिरंगे फूल भी लगे थे। उस बड़े-से कमरे में रोशनी भी एकदम सही थी- न बहुत भड़कीली और ना मद्धिम। बैकग्राउंड में हल्का सिंगल इंस्ट्रूमेंट म्यूजिक चल रहा था। वहां एक चिपर थी, जो आसपास भागती-दौड़ती हरेक का अभिवादन कर रही थी और पूछ रही थी कि उन्हें कुछ पीने के लिए तो नहीं चाहिए। चिपर मतलब हंसमुख, बहुत प्यारी और आत्मविश्वास से भरी हाजिरजवाब लड़की। अगर लोग ड्रिंक के लिए हां कहते, तो वह कुछ बहुत अच्छी मॉकटेल ऑफर करती क्योंकि वहां एल्कोहल की अनुमति नहीं है। हर टेबल पर एक फोल्ड किया कार्ड रखा है, जिसके साथ पेन भी है, ताकि किसी को पता नहीं चल सके कि किस में दिलचस्पी दिखाने के लिए आपने कौन-सा बॉक्स टिक किया है या दिलचस्पी नहीं होने के लिए क्रॉस किया है। इस मीटिंग में मोबाइल की अनुमति नहीं है। और अंततः जब घंटी बजती है, तो हर टेबल पर एक-एक महिला-पुरुष, आमने-सामने बैठते हैं और चिपर नियमों की घोषणा करती है। हर पांच मिनट में वह सुंदर चिपर घंटी बजा देती। और तब पुरुष प्रतिभागी खड़ा होता, उस फोल्ड किए कार्ड पर अपने निशान लगाता और दाईं तरफ की टेबल पर मुड़ जाता। उस हॉल में हर पुरुष तयशुदा समय में हर महिला से मिलता। पुुरुष के दूसरे टेबल पर जाने के दौरान उसी टेबल पर बैठी महिला भी अपने कार्ड पर निशान लगाती। दोनों की हां में सहमति का मतलब है िक दोनों को अगले 24 घंटों में उनके फोन नंबर के साथ एक ईमेल मिल जाएगा। और यह ‘स्पीड डेटिंग’ कहलाती है! साल 1998 में रब्बी याकोव देयो द्वारा लॉस एंजेलिस में यहूदी सिंगल लोगों के लिए निफ्टी मैचमेकिंग के तौर पर स्पीड डेटिंग की शुरुआत की गई थी, लेकिन अब यह वैश्विक परिघटना बन चुकी है। पिछले कुछ सालों में अकेलेपन नामक बीमारी के बढ़ने और डेटिंग एप में धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद विकसित देशों में युवाओं ने इस मैथड को लोकप्रिय बना दिया है। मैरिज ब्यूरो की तरह ही स्पीड डेटिंग भी एक संजीदा व्यवसाय है और बड़े शहरों में ऐसे कार्यक्रमों की मेजबानी करने वाली कंपनियों का 75% मैच रेट का दावा है। जोड़ी मिलान के अलावा यह लोगों में एक खूबसूरत रिश्तों को भी बढ़ावा दे रहा है। जिसका मतलब है कि यह एेसे लोगों को दोस्तों की तरह जोड़ रहा है, जिनकी समान अभिरुचियां हैं, जैसे लेखन, संगीत, बुक क्लब के सदस्य हैं, हाइकिंग आदि। भले ही शादी किसी और से हो, लेकिन वे लोग अच्छे दोस्त बनने के बाद ताउम्र दोस्त रहते हैं। अब डेटिंग एप गुजरे जमाने की बात हो चुकी है और इंसानी संपर्क के साथ इन नए एप ने उनकी जगह ले ली है। डेटिंग एप्स पर प्रोफाइल में जानकारी भरते हुए लोग जानबूझकर अच्छी तस्वीरें चुनते हैं और अपने बारे में अच्छे-अच्छे शब्द लिखते हैं, जिससे सोचने और दोबारा सोचने का भरपूर समय मिलता है। संक्षेप में, वे खुद को अच्छे दिखाने की कोशिश करते हैं। लेकिन मानव से मानव संपर्क में इंसान नैसर्गिक होता है। प्यार या जीवनसाथी चुनना स्वतः और बिना गुणा-भाग के ही होता है। इस तरह के पलों की योजना नहीं बना सकते या प्रोफाइल में नहीं समा सकते। कोई भी इसे अपने अंदर निर्मित नहीं कर सकता। तभी यह ‘प्यार में पड़ना’ कहलाता है। व्यक्तिगत रूप से मिलने की खोज की बढ़ती लोकप्रियता एक तरह से एनालॉग की ओर वापसी का हिस्सा है। इसलिए युवाओं द्वारा पुराने दौर को अपनाने की कई रिपोर्ट्स हैं। मिलेनियल्स और जेन ज़ी ने अब अपने स्मार्टफोन, एप और स्किनी जींस को एकतरफ रखकर जीवनसाथी चुनने के लिए पुराने तरीकों की ओर रुख किया है। फंडा यह है कि नौजवान समझ चुके हैं जो कभी ओल्ड फैशन था, लगता है कि वो नया बन गया हैै! यह हमारी जिम्मेदारी है कि पुराने तौर-तरीकों को नए माहौल में ढालें।
Dakhal News
शिवांगी सक्सेना केस-1 'मेरे ऑफिस में ग्रिलिंग का कल्चर था। आपको कम से कम 12 घंटे काम करना ही पड़ता है। ओवरवर्क की वजह से मैं बीमार पड़ने लगी। एक दिन मुझे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा।' - मेहर सूरी, बेंगलुरु केस-2 'मैं ऐड कंपनी में काम करता था। इसमें डेडलाइन की बहुत अहमियत होती है। मुझसे तीन लोगों का काम कराते थे। मैं घर भी काम लेकर जाता था। कई बार पूरे दिन खाना नहीं खाया। परेशान होकर मैंने नौकरी छोड़ दी।’ -सुकून, मुंबई मेहर और सुकून अलग-अलग शहरों में रहते हैं। अलग कंपनियों में काम करते हैं। दोनों के फील्ड अलग हैं, लेकिन परेशानी एक जैसी है। ऑफिस में इतना वर्कलोड है कि खाना-पीना, नींद, आराम सब छूट गया। मेहर और सुकून की तरह ही एना सेबेस्टियन पेरिइल थीं। 26 साल की एना चार्टर्ड अकाउंटेंट थीं। उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में इसी साल फरवरी में एक कंपनी में नौकरी शुरू की थी। 6 महीने बाद 20 जुलाई को एना को कार्डियक अरेस्ट आया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। एना की मां अनीता ऑगस्टीन ने सितंबर में कंपनी चेयरमैन राजीव मेमानी को लेटर लिखा। बताया कि कैसे ऑफिस के वर्कलोड की वजह से एना की जान गई। एना की मां ने लिखा- जरूरत से ज्यादा काम ने बेटी को मार डाला अनीता ऑगस्टीन ने बेटी की मौत के लिए जरूरत से ज्यादा काम के बोझ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने लेटर में लिखा कि शॉर्ट डेडलाइन और देर रात तक काम करने की वजह से एना की तबीयत बिगड़ी। चेस्ट पेन के बाद वो जुलाई में डॉक्टर के पास गई थी। डॉक्टर ने उसे वेंट्रिकुलर (सीने में सिकुड़न) के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पूरी नींद न लेने और देर से खाना खाने की वजह से ऐसी परेशानी आ रही है। अनीता ऑगस्टीन का लेटर वायरल हुआ, तो भारत में कॉरपोरेट सेक्टर के वर्क-कल्चर पर बहस शुरू हो गई है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में युवा सबसे ज्यादा ओवर वर्क करते हैं। देश की आधी वर्कफोर्स हफ्ते में 49 घंटे से ज्यादा काम करती है। भारत उस लिस्ट में 12वें नंबर पर है, जहां काम करने के घंटे सबसे ज्यादा हैं। पहली कहानी मेहर सूरी, 29 साल, बेंगलुरु सेक्टर: NGO रोज 12 घंटे काम करके बीमार पड़ी, ऑफिस नहीं जा पाईं तो सैलरी काट ली मेहर ने करियर की शुरुआत 2020 में की थी। वे रिसर्चर हैं। 2020 के आखिर में मेहर ने एक NGO के साथ काम करना शुरू किया। ये उनकी पहली नौकरी थी। मेहर बताती हैं, 'उस वक्त कोरोना था। तब काम करने के अलग चैलेंज थे। लोग बीमार पड़ रहे थे, आए दिन मौतें हो रही थीं।’ ‘इस बीच मेरे ऑफिस ने मुझे अकेले नॉर्थ-ईस्ट के एक गांव में भेज दिया। मैं चली भी गई। वहां जाकर पता चला कि यहां तो उग्रवादियों की एक्टिविटी रहती है। मुझे ये नहीं बताया गया कि यहां फायरिंग होती है। मैंने सीनियर से इस बारे में पूछा तो जवाब मिला कि अगर तुम्हें बता देते तो तुम डर जातीं। इसके बाद भी ऑफिस की तरफ से मेरी सेफ्टी के लिए कुछ नहीं किया गया।' मेहर आगे बताती हैं, 'ऑफिस में कम से कम 12 घंटे काम करना ही पड़ता था। वर्कलोड की वजह से मैं बीमार पड़ने लगी। एक दिन फील्ड पर साइकोसिस का अटैक आया। मुझे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा। मेरी परेशानी कोई समझ ही नहीं रहा था। हमारे यहां ऑर्गेनाइजेशंस में मेंटल हेल्थ का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है। किसी भी ऑफिस में मानसिक तनाव को आसानी से अनदेखा कर दिया जाता है।' मेहर कहती हैं, 'एक तरफ मेरा ट्रीटमेंट चल रहा था, दूसरी तरफ मैं पार्ट टाइम जॉब ढूंढ रही थी। मुझे दो महीने की सैलरी के बराबर पैसा ऑफिस में देना था। ये अमाउंट करीब 80 हजार रुपए था। मेरे मन में सुसाइड का ख्याल आने लगा। कोई मेरी तकलीफ नहीं समझ रहा था। आखिर मैंने नौकरी छोड़ दी।’ मेहर के अगले ऑफिस में भी कुछ नहीं बदला। वे कहती हैं, 'दूसरी नौकरी में भी वर्क प्रेशर बहुत ज्यादा था। मैं मेंटल ट्रामा से उबर ही रही थी कि ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग का पता चला। मेरी फैमिली मुझे अस्पताल ले गई। मम्मी-पापा ने पूरा ख्याल किया। ऑफिस से कोई सीनियर मुझे देखने तक नहीं आया। कंपनी ने उस महीने की सैलरी तक नहीं दी। कहा गया कि मैं पूरे महीने छुट्टी पर थी।' 'मुझे फैमिली का सपोर्ट मिला, इसलिए मैं इलाज करा सकी। हर किसी के पास इतना पैसा नहीं कि वो हॉस्पिटल का खर्च उठा सके।' दूसरी कहानी सुकून, 28 साल, मुंबई सेक्टर: एडवरटाइजिंग दिन-रात सिर्फ काम, न खाने का टाइम, न सोने का 28 साल के सुकून मुंबई में रहते हैं। उन्होंने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया है। 2022 में सुकून ने एक होटल में जॉब शुरू की। वे बताते हैं, 'मैं मराठी में बात करता था। ये बात मेरी सुपरवाइजर को पसंद नहीं थी। वो मुझसे चिढ़ने लगती थी। मुझे ये सब अच्छा नहीं लगा। मैंने नौकरी छोड़ी और ऐडवरटाइजिंग फर्म में काम करने लगा। वहां परेशानियां और ज्यादा थीं।' ऐडवरटाइजिंग कंपनी में अपने अनुभव के बारे में सुकून बताते हैं, 'ऐडवरटाइजिंग की दुनिया बहुत क्रिएटिव है। आइडिया आने का कोई वक्त नहीं होता। ये कहकर कर्मचारियों से पूरा दिन काम करवाया जाता है। मेरे बॉस हर वक्त मुझ पर नजर रखते थे। ऑफिस में किसी से बात करते देख लेते, तो कहते कि तुम्हारा ध्यान काम पर नहीं है।' सुकून आगे बताते हैं, 'मैं रोज सुबह 9 बजे ऑफिस पहुंच जाता था। रात को 8 बजे घर जाने के लिए उठता, तो पीछे से बॉस की आवाज आती- अभी से घर जा रहे हो। इस तरह के ताने बहुत आम थे।' सुकून बताते हैं... जब तक कोई आइडिया न मिल जाए, तब तक हम घर नहीं जा सकते थे। वीकेंड भी काम खत्म करने और क्लाएंट से बात करने में चला जाता था। एक दिन सुकून ने बॉस को अपने जेंडर के बारे में बताया। इसके बाद उन्हें काम मिलना बंद हो गया। वे बताते हैं, 'मैंने बहुत भरोसे के साथ बॉस को बताया कि मैं जेंडर-फ्लूइड हूं। मेरे प्रोनाउन He/They हैं। इसके बाद से बॉस का रवैया बदल गया।' 'मुझे सबसे हल्का काम मिलने लगा। ऐसा कोई प्रोजेक्ट नहीं मिलता, जहां मैं टैलेंट दिखा सकूं। हद तो तब हो गई जब मुझसे पूछे बिना, उन्होंने ऑफिस में मेरी आइडेंटिटी के बारे में बता दिया। इसका असर मेरे प्रमोशन और इन्क्रिमेंट पर भी दिखा। मैंने परेशान होकर नौकरी छोड़ दी। दो साल से मेरी थैरेपी चल रही है।' तीसरी कहानी प्रिया, 28 साल, नोएडा सेक्टर: मीडिया काम का वक्त तय नहीं, इलाज के लिए भी छुट्टी नहीं प्रिया (बदला हुआ नाम) नोएडा में एक मीडिया हाउस में काम करती हैं। उन्होंने भोपाल से जर्नलिज्म की पढ़ाई की है। भोपाल में ही साउथ इंडिया की एक वेबसाइट के लिए काम करने लगीं। जॉब करने के दौरान प्रिया को चेस्ट कंजेशन का पता चला। अगर वक्त पर डॉक्टर के पास न जातीं, तो टीबी हो सकता था। प्रिया बताती हैं, 'मैं 2018 में जर्नलिज्म के प्रोफेशन में आई। ये मेरी पहली जॉब थी। ये जिंदगी का सबसे बुरा फैसला साबित हुआ। मुझसे पूरा दिन काम करवाया जाता। सुबह मैं रिपोर्टिंग पर जाती और शाम को आने के बाद मुझसे डेस्क का काम करवाते। काम का कोई वक्त ही तय नहीं था।' 'इसी बीच मेरी तबीयत बिगड़ी और खांसी आनी शुरू हुई। मैंने शुरू में इसे नजरअंदाज कर दिया। डॉक्टर को दिखाने का सोचती, तो छुट्टी नहीं मिलती थी। बॉस कहते कि स्टाफ कम है, इसलिए छुट्टी नहीं दे सकते। एक दिन ऑफिस में बैठे-बैठे मेरी खांसी रुक ही नहीं रही थी। डॉक्टर को दिखाया तो पता चला मुझे चेस्ट इन्फेक्शन है।'
Dakhal News
रश्मि बंसल सितंबर का महीना खत्म होने को आया, अब त्योहार शुरू। नवरात्र, दशहरा, दिवाली, फिर कुछ दिनों बाद साल खत्म होने का इंतजार। समय भाग रहा है। एक और बर्थडे, दो-चार सफेद बाल, स्केल पर थोड़ा और वजन। इन्हीं चीजों से मापते हैं हम अपनी बढ़ती हुई उम्र। ये ठीक है पर एक और चीज का मैप जरूरी है। आप कंप्यूटर इस्तेमाल करते होंगे, कुछ दिन बाद मैसेज आता है- ‘डिस्क फुल’ यानी फाइल सेव करने की और जगह नहीं। पर दिमाग का क्या? इंसान का प्राकृतिक कंप्यूटर, समय के साथ उसकी डिस्क भी फुल हो जाती है। अब देखते हैं दिमाग के डिस्क में क्या-क्या भरा है। निरीक्षण करने पर पता चला- 80% कूड़ा है। कुछ तो इतना पुराना कि बदबू मार रहा है। जैसे बीस साल पहले, शादी के बाद सास ने कुछ कड़वे शब्द कहे थे। सास तो चली गईं, पर उनकी आवाज आज भी आपके अंदर गूंज रही है। अब भी वो निगेटिव इमोशन जिंदा हैं। छोड़िए, मैं तो दूसरी समस्याओं से जूझ रही हूं। पेट में काफी दर्द रहता है, किडनी स्टोन निकला है। अच्छा जी, लेकिन क्या आपको पता है कि इसका ताल्लुक भी आपकी सास से है। मतलब? शरीर की ज्यादातर बीमारियां उत्पन्न होती हैं हमारे उन जज्बातों से, जिन्हें हम अपने अंदर दबाकर रखते हैं। जब मैंने पहली बार इस थ्योरी के बारे में सुना, मैं हंसी। ऐसा हो सकता है क्या? मगर लुइस हे द्वारा लिखी ‘यू कैन हील यॉर लाइफ’ किताब पढ़ने के बाद मुझे लगा कि उनकी बातों में दम है। हर बीमारी का ‘रूट कॉज’ जो दर्शाया गया है - अपने अंदर झांककर देखिए, सच्चाई झलकेगी। जैसे किडनी स्टोन का मूल कारण- मन में क्रोध की गांठें। हाई बीपी हो या डायबिटीज, माइग्रेन या पीठ का दर्द, उसके पीछे है लंबे समय से चली आ रही भावनात्मक समस्या। खैर, जरूरी नहीं कि आप लुईस की थ्योरी को सच मानें। पर ये तो मानेंगे कि दिमाग की डिस्क में स्पेस बनाना जरूरी है। भगवान ने डिलीट बटन तो नहीं दिया पर कुछ आसान तरीके हैं, मन में भरी फालतू फाइल्स से मुक्ति पाने के लिए। खास कर किसी इंसान के प्रति गुस्से या कटुता की भावना जब हो। 1. लिख डालिए- कलम हाथ में लीजिए और कागज पर वो सब लिख डालिए जो आप कभी व्यक्त न कर सकीं। बिना रोक-टोक, बिना हिचकिचाहट। बस समय बांध लीजिए- 7 मिनट। उछलती हुई नदी की तरह अपनी भावनाओं को बहने दीजिए। 2. बोल डालिए - एक कुर्सी सामने रख कर मन में सोचिए कि वो इंसान उस पार बैठा है। अब जो भी आप कहना चाहती थीं, कभी कह न सकीं, बोल दीजिए। दिमाग की कढ़ाही में खीझ के पकौड़े जो तल रही थीं, वो बर्तन अब गैस से तो उतरा। अब नए पकवान बना सकेंगे। 3. मन ही मन - कुछ नहीं, आप सिर्फ उनका चेहरा मन के पर्दे पर लाकर उनके साथ कम्युनिकेट कीजिए कि मैं आपसे क्या चाहती थी? क्यों मुझे दुख हुआ? हो सकता है, उनकी तरफ से आपको जवाब भी सुनाई पड़े। ना मिले तो भी इस एक्सरसाइज के अंत में आप उनसे कहिए- ‘मैं तुम्हें माफ करती हूं’। ऐसा करने से मन का डिस्क क्लियर होगा, ऊर्जा मिलेगी। गिले-शिकवे के स्टेशन से गाड़ी हिलेगी। लंबा है सफर, बेहतर कटेगा। जब मन में जमा मैल हटेगा।
Dakhal News
विराग गुप्ता यूनिसेफ के अनुसार भारत में 43 करोड़ से ज्यादा बच्चे नाबालिग हैं। सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के अनुसार चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना, देखना, प्रसारित करना पॉक्सो कानून के तहत संगीन अपराध है। वीडियोज को इंटरनेट से लोग देखकर टेलीग्राम और वॉट्सएप के माध्यम से प्रसार करते हैं। फैसले से इंटरमीडियरी यानी इंटरनेट, सोशल मीडिया और एप्स आदि की पॉक्सो और आईटी कानून के तहत जवाबदेही सुनिश्चित की गई है। मर्ज की जड़ पर प्रहार के लिए इन 6 पहलुओं पर एक्शन हो तो बच्चों की साइबर सुरक्षा के साथ डिजिटल गवर्नेंस बढ़ेगी। 1. दिल्ली हाईकोर्ट में साल 2013-14 में मैंने गोविंदाचार्य मामले में बहस की थी। उसमें सरकार के हलफनामे के अनुसार 18 से कम उम्र के नाबालिग डिजिटल अनुबंध नहीं कर सकते। इसलिए ऑनलाइन गेमिंग, डिजिटल शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो कारोबार और पोर्नोग्राफी से जुड़े एप्स में नाबालिग बच्चों की डिजिटल गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कारवाई होनी चाहिए। एनडीपीएस की तरह इस कानून का दुरुपयोग नहीं हो, इसके लिए भी सतर्कता बरतनी होगी। 2. डिजी कवच के विज्ञापन में गूगल ने रोजाना 15 अरब स्पैम और फिशिंग मैसेज को ब्लॉक करने के साथ गूगल एंड्रायड एप्स में 200 अरब स्कैनिंग जैसे अनेक दावे किए हैं। पोर्नोग्राफी की हैवानियत गैर-कानूनी होने के साथ बच्चों और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध है। वेबसाइट्स पर सरकारी प्रतिबंध लगाने के साथ पोर्नोग्राफी से जुड़े ऐप्स पर आई टी इंटर मीडियरी नियमों के अनुसार गूगल और एप्पल प्ले स्टोर को कारवाई करना चाहिए। 3. दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका आई है। आईपीसी और नए बीएनएस कानून के अनुसार बच्चों-महिलाओं को ब्लैकमेल करना व पोर्नोग्राफी का कारोबार गम्भीर अपराध है। आईटी रूल्स 2011-2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्न सामग्री हटाना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आईटी कानून की धारा-79 के तहत इंटरमीडियरी कम्पनियों को दी गई सेफ हार्बर की कानूनी सुरक्षा खत्म हो सकती है। 4. गृह मंत्रालय की एजेंसी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन के साथ एमओयू का अनुमोदन किया है। उसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बच्चों की पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट को हटाने के लिए इंटरनेट कम्पनियों को पुलिस को सूचित करना जरूरी है। फैसले के बाद पोर्नोग्राफी का प्रसार करने वाले एप्स व डिजिटल कम्पनियों के खिलाफ पॉक्सो के तहत पुलिस को आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए। 5. फैसले में बाल-यौन उत्पीड़न और शोषणकारी शब्द के इस्तेमाल के लिए संसद से कानून में बदलाव की बात कही गई है। संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार साइबर और आईटी से जुड़े मामलों में केंद्र सरकार के पास कानूनी अधिकार हैं। जबकि कानून-व्यवस्था और पुलिस का विषय राज्यों के अधीन है। इसीलिए साइबर और पॉक्सो से जुड़े अपराधों की जांच राज्यों की पुलिस करती है। पॉक्सो कानून का उल्लंघन करने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ राज्यों में पुलिस प्रभावी कार्रवाई कर सके, इसके लिए आईटी एक्ट और दूसरे कानूनों में बदलाव की जरूरत है। 6. एकाधिकार, टैक्स चोरी, मुनाफा वसूली, डेटा चोरी जैसे मामलों में टेक कम्पनियों पर ईयू व अमेरिका में बड़ा जुर्माना लग रहा है। फेडरल ट्रेड कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक, गूगल, यू-ट्यूब, अमेजन, एक्स और स्नेपचैट जैसे 9 प्लेटफॉर्म यूजर्स की निजी जानकारी इकठ्ठा करके अन्य कम्पनियों से साझा कर रहे हैं। पोर्नोग्राफी कंटेंट और नाबालिग बच्चों की गतिविधियों के बारे में भी इन कंपनियों को पूरा ज्ञान है। गैर-कानूनी कंटेंट को ब्लॉक करने के बजाए ये कम्पनियां डिजिटल साक्षरता और सुरक्षा टूल्स का दिखावा कर रही हैं। मुनाफे के लिए बच्चों के मानसिक स्वास्थ, शिक्षा, भविष्य से खिलवाड़ मानवता के खिलाफ अपराध है। दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका सामने आई है। आईटी रूल्स 2011 और 2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्नोग्राफिक सामग्रियां हटाना जरूरी है।
Dakhal News
विराग गुप्ता यूनिसेफ के अनुसार भारत में 43 करोड़ से ज्यादा बच्चे नाबालिग हैं। सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के अनुसार चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना, देखना, प्रसारित करना पॉक्सो कानून के तहत संगीन अपराध है। वीडियोज को इंटरनेट से लोग देखकर टेलीग्राम और वॉट्सएप के माध्यम से प्रसार करते हैं। फैसले से इंटरमीडियरी यानी इंटरनेट, सोशल मीडिया और एप्स आदि की पॉक्सो और आईटी कानून के तहत जवाबदेही सुनिश्चित की गई है। मर्ज की जड़ पर प्रहार के लिए इन 6 पहलुओं पर एक्शन हो तो बच्चों की साइबर सुरक्षा के साथ डिजिटल गवर्नेंस बढ़ेगी। 1. दिल्ली हाईकोर्ट में साल 2013-14 में मैंने गोविंदाचार्य मामले में बहस की थी। उसमें सरकार के हलफनामे के अनुसार 18 से कम उम्र के नाबालिग डिजिटल अनुबंध नहीं कर सकते। इसलिए ऑनलाइन गेमिंग, डिजिटल शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो कारोबार और पोर्नोग्राफी से जुड़े एप्स में नाबालिग बच्चों की डिजिटल गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कारवाई होनी चाहिए। एनडीपीएस की तरह इस कानून का दुरुपयोग नहीं हो, इसके लिए भी सतर्कता बरतनी होगी। 2. डिजी कवच के विज्ञापन में गूगल ने रोजाना 15 अरब स्पैम और फिशिंग मैसेज को ब्लॉक करने के साथ गूगल एंड्रायड एप्स में 200 अरब स्कैनिंग जैसे अनेक दावे किए हैं। पोर्नोग्राफी की हैवानियत गैर-कानूनी होने के साथ बच्चों और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध है। वेबसाइट्स पर सरकारी प्रतिबंध लगाने के साथ पोर्नोग्राफी से जुड़े ऐप्स पर आई टी इंटर मीडियरी नियमों के अनुसार गूगल और एप्पल प्ले स्टोर को कारवाई करना चाहिए। 3. दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका आई है। आईपीसी और नए बीएनएस कानून के अनुसार बच्चों-महिलाओं को ब्लैकमेल करना व पोर्नोग्राफी का कारोबार गम्भीर अपराध है। आईटी रूल्स 2011-2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्न सामग्री हटाना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आईटी कानून की धारा-79 के तहत इंटरमीडियरी कम्पनियों को दी गई सेफ हार्बर की कानूनी सुरक्षा खत्म हो सकती है। 4. गृह मंत्रालय की एजेंसी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन के साथ एमओयू का अनुमोदन किया है। उसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बच्चों की पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट को हटाने के लिए इंटरनेट कम्पनियों को पुलिस को सूचित करना जरूरी है। फैसले के बाद पोर्नोग्राफी का प्रसार करने वाले एप्स व डिजिटल कम्पनियों के खिलाफ पॉक्सो के तहत पुलिस को आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए। 5. फैसले में बाल-यौन उत्पीड़न और शोषणकारी शब्द के इस्तेमाल के लिए संसद से कानून में बदलाव की बात कही गई है। संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार साइबर और आईटी से जुड़े मामलों में केंद्र सरकार के पास कानूनी अधिकार हैं। जबकि कानून-व्यवस्था और पुलिस का विषय राज्यों के अधीन है। इसीलिए साइबर और पॉक्सो से जुड़े अपराधों की जांच राज्यों की पुलिस करती है। पॉक्सो कानून का उल्लंघन करने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ राज्यों में पुलिस प्रभावी कार्रवाई कर सके, इसके लिए आईटी एक्ट और दूसरे कानूनों में बदलाव की जरूरत है। 6. एकाधिकार, टैक्स चोरी, मुनाफा वसूली, डेटा चोरी जैसे मामलों में टेक कम्पनियों पर ईयू व अमेरिका में बड़ा जुर्माना लग रहा है। फेडरल ट्रेड कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक, गूगल, यू-ट्यूब, अमेजन, एक्स और स्नेपचैट जैसे 9 प्लेटफॉर्म यूजर्स की निजी जानकारी इकठ्ठा करके अन्य कम्पनियों से साझा कर रहे हैं। पोर्नोग्राफी कंटेंट और नाबालिग बच्चों की गतिविधियों के बारे में भी इन कंपनियों को पूरा ज्ञान है। गैर-कानूनी कंटेंट को ब्लॉक करने के बजाए ये कम्पनियां डिजिटल साक्षरता और सुरक्षा टूल्स का दिखावा कर रही हैं। मुनाफे के लिए बच्चों के मानसिक स्वास्थ, शिक्षा, भविष्य से खिलवाड़ मानवता के खिलाफ अपराध है। दुष्कर्म के बढ़ते मामलों में ड्रग्स और पोर्नोग्राफी की बड़ी भूमिका सामने आई है। आईटी रूल्स 2011 और 2021 के नए नियमों के अनुसार इंटरनेट कम्पनियों को अपने प्लेटफॉर्म से पोर्नोग्राफिक सामग्रियां हटाना जरूरी है।
Dakhal News
आतिशी के बारे में जो राजनीतिक चर्चा चल रही थी, सही निकली। सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल सँभालते वक्त आतिशी ने केजरीवाल के नाम का सिंहासन ख़ाली छोड़ा और बग़ल में एक कुर्सी रखकर वहाँ बैठ गईं। होना तो यह चाहिए कि इन राजनेताओं को अपनी चालें चलने और नित नए समीकरण भिड़ाने के लिए कम से कम पौराणिक पात्रों के उदाहरण देना बंद कर देना चाहिए। क्योंकि खड़ाऊं रखकर राज ज़रूर चलाए जा रहे हैं, लेकिन आज की राजनीति में न तो जिसकी खड़ाऊं रखी जा रही है वो राम है और न ही जो खड़ाऊं रख रहा है, वो भरत। बात केवल आप पार्टी की ही नहीं है, और भी राजनीतिक दल हैं जहां कोई न कोई किसी न किसी की खड़ाऊं रखकर किसी न किसी प्रदेश का राज चला रहा है। हो सकता है ज्यादातर राज्य सरकारें रिमोट से चलाई जा रही होंगी, लेकिन आतिशी की तरह राम और भरत का उदाहरण देकर तो नहीं ही। इसके पहले भी कुछ राजनीतिक उदाहरण सामने आए थे जिनमें खड़ाऊं शासन की झलक मिली थी। जे जयललिता को जब जेल हो गई थी तो उन्होंने भी पन्नीरसेलवम को डमी मुख्यमंत्री बनाया था। तब पन्नीरसेल्वम भी आतिशी की तरह ही जयललिता का सिंहासन ख़ाली छोड़कर बग़ल की कुर्सी पर बैठकर सरकार चलाया करते थे। यदा-कदा जेल से फ़ोन आ जाया करता था तो केवल पन्नीरसेल्वम ही नहीं, पूरा मंत्रिमंडल कुर्सी से खड़ा होकर बात किया करता था। खैर, चार महीने के लिए ही सही, आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गईं हैं, लेकिन इतना तय है कि सरकार केजरीवाल ही चलाने वाले हैं। जैसे जेल में बैठकर जयललिता चलाया करती थीं। जैसे मनमोहन सिंह के वक्त सरकार दस, जनपथ से चलाई जाती रही। हो सकता है उनकी इसी स्वामिभक्ति के कारण उनका नेता पद पर चयन किया गया हो, लेकिन कुर्सी खाली छोड़ते वक्त जो तर्क आतिशी ने दिया वह और भी हैरत कर देने वाला है। आतिशी ने कहा- जिस तरह भगवान राम वनवास गए थे तब चौदह साल तक उनके छोटे भाई भरत ने राम की खड़ाऊं रखकर राज चलाया था, उसी तरह मैं भी दिल्ली का शासन चलाऊंगी। जब चुनाव में जीतकर केजरीवाल वापस आएँगे तो इसी कुर्सी पर बैठकर फिर से दिल्ली का शासन वे ही चलाएँगे।
Dakhal News
प्रो. चेतन सिंह सोलंकी पिछले कुछ दिनों में मैंने गहरी पीड़ा महसूस की, जब मैंने देखा कि गणेश जी की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं विसर्जित करने के दौरान खंडित हो रही हैं। कुछ लोग दूर से ही प्रतिमाओं का विसर्जन कर रहे थे और मुंबई की चौपाटी में समुद्र का पानी पीछे लौटने पर उन्हीं सुंदर प्रतिमाओं के अवशेष दिखने लगे। मैं सोच रहा था कि क्या गणेश जी को भी यह देखकर पीड़ा होती होगी? हम अपने प्रिय गणेश जी के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं? वही गणेश जिनकी हम कुछ दिन पहले तक पूजा कर रहे थे? हम विसर्जन की आवश्यक सुविधाओं या मूर्तियां बनाने में लगी सामग्रियों के पर्यावरणीय परिणामों पर विचार किए बिना बड़ी-बड़ी मूर्तियां स्थापित कर रहे हैं। इसका पर्यावरण पर गहरा प्रभाव हो रहा है, जो दिखता भी नहीं है। इन मूर्तियों को बनाने और सजाने में लगी लोहे की फ्रेम, रंगीन पेंट्स और प्लास्टिक आदि हमारे जल निकायों को प्रदूषित करते हैं। विसर्जित हुई ये सामग्रियां जल में विषैले रसायन छोड़ती हैं, जिससे जलीय जीवन प्रभावित होता है और पारिस्थितिक तंत्र बाधित होता है। ये क्रियाएं ना केवल जलीय-प्रजातियों को बल्कि हमें और हमारे बच्चों को भी नुकसान पहुंचाती हैं क्योंकि हम भी प्रकृति का अभिन्न हिस्सा हैं। हमारा देश त्योहारों से समृद्ध है, नवरात्र और फिर दीपावली आने वाली है। क्या जागरूक नागरिक आगे आकर समुदायों और मंडलों का मार्गदर्शन कर सकते हैं ताकि पिछली गलतियां न दोहराई जाएं? हमारे त्योहार, हमारी परंपराओं और पर्यावरण दोनों का सम्मान करें, इसके लिए हमें अपनी पारंपरिक प्रथाओं को पुनर्जीवित करना चाहिए। केवल भव्य प्रदर्शनों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, गायन, कीर्तन और सामुदायिक नाटकों जैसी गतिविधियों को अपनाएं। हम इन अवसरों का उपयोग सामूहिक रूप से अपने परिवेश को साफ और सुंदर बनाने के लिए कर सकते हैं? इस तरह की सामुदायिक रूप से की जाने वाली गतिविधियां न केवल लोगों को साथ लाती हैं, बल्कि हमारे उत्सवों को भी समृद्ध करती हैं, और हमें भक्ति की सच्ची भावना की याद दिलाती हैं। इसके अलावा, हम प्राकृतिक सामग्रियों से बनी छोटी, पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों का चयन कर सकते हैं। विसर्जन-स्थानों की अलग से योजना बनाई जाए ताकि नदियों-महासागरों के प्रदूषण को रोका जा सके। क्या हम पंडाल बनाने के लिए सिर्फ बायोडिग्रेडेबल मटेरियल का उपयोग कर सकते हैं? पंडालों को बांस, कपड़े, केले के पत्तों से बनाया जा सकता है। शिक्षित और सचेत नागरिकों को सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और स्थानीय मंडलों के साथ मिलकर इस तरह की प्रथाओं को बढ़ावा देना चाहिए। सामूहिक रूप से काम कर के हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि त्योहार न केवल आनंदमय हों बल्कि धरती का भी ध्यान रखें। आइए हम नवरात्र की अभी से तैयारी करें, ताकि इस पर्व को पूरी भव्यता के साथ मना सकें। परंतु संकल्प भी लें कि विसर्जन की समुचित व्यवस्था के साथ, मां की प्रतिमा का भी पूरा आदर करेंगे। और इस सबमें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी ख्याल रखेंगे।
Dakhal News
नवनीत गुर्जर हरियाणा औ जम्मू-कश्मीर में चुनाव-प्रचार चरम पर है। हरियाणा में भाजपा, कांग्रेस और इनेलो के लोकल नेताओं ने कमान संभाल रखी है। हालाँकि भाजपा और कांग्रेस के केंद्रीय नेता भी यहाँ जा रहे हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में भाजपा का प्रचार धुँआधार चल रहा है। गृह मंत्री अमित शाह वहाँ ताबड़तोड़ रैलियाँ कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से एक-दो दिन पहले पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ज़रूर कश्मीर गए थे, लेकिन पार्टी की ओर से वहाँ प्रचार अभियान धीमा ही नज़र आ हा है। नेशनल कान्फ्रेंस ने ज़रूर प्रचार में जान झोंक रखी है क्योंकि उसके लिए यह चुनाव जीवन-मरण का सवाल है। भाजपा और नेशनल कान्फ्रेंस दोनों जानते हैं कि उनके प्रभाव क्षेत्र अलग-अलग है। जम्मू क्षेत्र में भाजपा का ज़बर्दस्त प्रभाव है। जहां तक कश्मीर घाटी का सवाल है, वहाँ नेशनल कान्फ्रेंस का प्रभाव ज़्यादा है। हालांकि, वहाँ पीडीपी और कुछ क्षेत्रीय पार्टियां भी हैं। कुछ निर्दलीय भी हैं, जिनके बारे में कहा जा हा है कि वे भाजपा के प्रॉक्सी उम्मीदवार हैं। इधर, दिल्ली में आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद आप नेता अरविंद केजरीवाल ने प्रचार शुरू कर दिया है। हालाँकि यहाँ चुनाव महाराष्ट्र औ झारखंड के भी बाद अगले साल फ़रवरी में होना है लेकिन आप पार्टी ने दिल्ली जीतने की मुहिम अभी से शुरू कर दी है। दिल्ली में रविवार, 22 सितंबर को केजरीवाल जनता के बीच गए और कहा कि दिल्ली चुनाव मेरे लिए एक तरह की अग्निपरीक्षा है। अब फ़ैसला आपको करना है कि मैं ईमानदार हूँ या बेईमान। अगर आप मुझे ईमानदार समझें तो ही वोट देना वरना मत देना। मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बारे में केजरीवाल का कहना है कि भले ही मुझ पर लगाए गए आरोप झूठे हों, लेकिन लांछन लगने के बाद मैं किसी पद पर नहीं रहना चाहता। अब उनसे ये कौन पूछे कि इतने दिन तक जेल में रहने के बावजूद इस मुख्यमंत्री पद को क्यों ढोते रहे? अब केजरीवाल कह रहे हैं कि वे जनता की अदालत में न्याय माँगने आए हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या चुनावी जीत किसी के ईमानदार होने का प्रमाण हो सकती है? देश में ऐसे कई नेता हैं जो अनेक आरोप लगने का बाद भी चुनाव जीतकर लोकसभा या विधानसभा में पहुँचे हैं।
Dakhal News
एन. रघुरामन हालांकि उनका जन्मदिन मई के महीने में आता है, लेकिन उन्होंने इसे 15 सितंबर को मनाने तक इंतजार किया, ताकि अलग-अलग शहरों में रहने वाले परिवार के सभी लोग एक साथ आ सकें। आखिर, वे दोनों मां हैं और उन दोनों के कुल 13 बच्चे हैं और उन 13 के भी अपने बच्चे और पोते-पोतियां हैं। वे जुड़वां थीं और अपना 102वां जन्मदिन मना रही थीं, इसलिए यह खास था। 1922 में अमेरिका के जॉर्जिया में जन्मीं ये दोनों बहनें- मर्लिन राइट और मैडलिन कैस्पर अभी भी बहुत अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में हैं। 102 साल पूरे करना एक विशेष उपलब्धि है- लेकिन अपने जुड़वां के साथ ऐसा कर पाना तो और अनूठा है। इसने कुछ शोधकर्ताओं को यह पता लगाने के लिए प्रेरित किया कि एक-दूसरे की हमशक्ल ये जुड़वां बहनें सामान्य आबादी की तुलना में अधिक समय तक कैसे जीवित रहीं। उन्होंने पाया कि नजदीकी और मददगार संबंध बनाए रखने से लोगों को लंबे समय तक जीने में मदद मिलती है। जब मैं इस बर्थडे पार्टी के बारे में पढ़ रहा था, मेरे मोबाइल पर एक बुरी खबर आई। इसमें पुणे में एक 26 वर्ष के युवा की "काम के दबाव के चलते' मृत्यु की सूचना थी। इससे मुझे अपने दादाजी की याद आ गई, जिनका काम, करियर और जीवन का संतुलन बहुत बढ़िया था। उन्होंने हमारे गांव में 94 साल की उम्र तक अपने कपड़े खुद धोए, और उनके कपड़ों की सफेदी इतनी रहती थी कि आज के वॉशिंग पाउडर के विज्ञापन भी शरमा जाएं। अपनी चमचमाती धोती और कुर्ता पहनकर वे बगीचे में अपनी रोजाना की सैर को कभी नहीं भूलते थे। वे शाम 6 बजे खाना खाते थे, फिर बरामदे में बैठकर मुक्तकंठ से गाना गाते थे और रात 9 बजे से पहले सो जाते थे। सुबह 4 बजे वे दिन की शुरुआत करते थे और ब्रह्म मुहूर्त में खुद कुएं से ठंडा पानी भरकर नहाते थे। अपने करियर में वे तेजी से आगे बढ़े थे और तमिलनाडु के तंजावुर जिले में अपनी प्रतिभा के दम पर भूमि रजिस्ट्रार कार्यालय में नंबर 2 बन गए थे। वे अच्छी तरह जानते थे कि वे कभी नंबर 1 नहीं बन सकते, क्योंकि उस स्तर पर उन्हें कई समझौते करना होते, जो वे शायद न कर पाते। इसलिए उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा पर रोक लगाई और अपनी ऊर्जा को अपने आठ बच्चों के पालन-पोषण में लगाया। उन्होंने कड़ी मेहनत की और ईमानदार बने रहे। उन्होंने अपनी स्वीकृत छुटि्टयां लेकर परिवार की सभी जिम्मेदारियों को पूरा किया, और इसी दौरान उनके बॉस रजिस्ट्रार कार्यालय में अपने उच्च अधिकारियों को संतुष्ट करने के लिए वह सब कर सके, जो वे दादाजी की उपस्थिति में नहीं कर सकते थे, क्योंकि वे कागजात पर दूसरे हस्ताक्षरकर्ता हुआ करते थे। वे कभी भी घर में कोई उपहार नहीं लाए, न ही उन्होंने त्योहारों के दौरान भी किसी उपहार की उम्मीद की। कार्यालय बंद होने के ठीक 30 मिनट बाद वे घर में होते थे। उनके घर में हमेशा अलग-अलग उम्र के कुछ पोते-पोतियां हुआ करते थे। वे हमेशा यह सुनिश्चित करते थे कि घर में बच्चों की चहल-पहल बनी रहे। उनकी मृत्यु तभी हुई, जब उन्हें चेन्नई में उनके बेटे के घर ले जाया गया, जहां वे बाथरूम में गिर गए और काफी लंबे समय तक बीमार रहे। आज हम उनके आठ बच्चों से हुए दो दर्जन पोते-पोतियां उन्हें हमेशा एक ख्याल रखने वाले, प्यार करने वाले और सभी से उदारता से बातें करने वाले व्यक्ति के रूप में याद करते हैं, उनसे भी जिन्हें वे पसंद नहीं करते थे। हम सभी को उन चीजों के लिए समय निकालने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जो हमारे लिए मायने रखती हैं। हम सभी अपने दिन की शुरुआत अच्छे इरादों के साथ करते हैं, लेकिन जब व्यस्त ऑफिस मीटिंग, काम के दबाव और नियोक्ता, परिवार और दोस्तों के वॉट्सएप निर्देशों के साथ-साथ लगातार ईमेल में समय बर्बाद हो जाता है, तो हम समय पर नियंत्रण खो देते हैं। अगर पोते-पोतियों या नाती-नातिनों के साथ रहकर आपको खुशी मिलती है, तो रहिए या जोर से गाना आपको खुश करता है, तो गाएं और इस बात की परवाह न करें कि कौन सुन रहा है, और जंगल में दोस्तों के साथ घूमना आपको खुश करता है, तो आगे बढ़ें, दोस्त बनाएं और उनके साथ निकल पड़ें। फंडा यह है कि जीवन में जो मायने रखता है उसके लिए समय निकालना ही पड़ेगा, क्योंकि समय ही इकलौता ऐसा है, जो आपके जीवन को खुशनुमा बना सकता है।
Dakhal News
अभय कुमार दुबे हरियाणा चुनाव के सिलसिले में इस समय एक दिलचस्प बहस चल रही है। इसका एक पहलू यह सवाल है कि ‘आप’ और कांग्रेस के बीच समझौता टूट जाने के कारण क्या भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी बिखरकर कमजोर हो जाएगी? कुछ लोग इस सवाल का विस्तार भी कर रहे हैं। वे एंटी-इनकम्बेंसी के सम्भावित बिखराव में चौटाला परिवार की दो पार्टियों के दो दलित-आधारित पार्टियों से गठजोड़ को भी जोड़ कर दिखा रहे हैं कि ये सभी राजनीतिक ताकतें वोट काटेंगी, और इससे भाजपा को फायदा हो सकता है। इसका दूसरा पहलू है चुनावी लड़ाई में बड़े पैमाने पर बागी उम्मीदवारों की मौजूदगी। कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही 70-70 से ज्यादा बागी मैदान में हैं, और उनमें से कई स्थानीय स्तर पर शक्तिशाली भी माने जाते हैं। अंदेशा जताया जा रहा है कि इनके कारण लड़ाई सीधे-सीधे भाजपा और कांग्रेस के बीच न हो कर इतनी बहुकोणीय हो जाएगी कि एंटी-इनकम्बेंसी का फैक्टर उतना प्रभावी नहीं रह जाएगा। सब लोग मान रहे हैं कि भाजपा सरकार के खिलाफ अच्छी-खासी ‘एंटी-इनकम्बेंसी’ है। इसका एक मतलब यह भी है कि सरकार विरोधी भावनाएं मंद या नरम न होकर तीखी हैं। किसी भी समीक्षक को यह कहते नहीं सुना गया है कि यह दस साल के शासन में स्वाभाविक रूप से जमा हो जाने वाली नाराजगी से अधिक कुछ नहीं है। स्पष्ट है कि अगर नाराजगी सरकार बदलने की हद तक चली गई तो भाजपा को दिक्कत हो सकती है। अगर ऐसी स्थिति न होती तो साढ़े नौ साल से सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर को महज छह महीने पहले न हटाया जाता। आलाकमान खट्टर से नाराज नहीं था, वरना वह उन्हें केंद्र में मंत्री न बनाता। रणनीतिकारों ने खट्टर को हटाकर दोहरा दांव खेला। अलोकप्रिय चेहरा नजरों से ओझल हो गया, और उसकी जगह एक ओबीसी चेहरे को दी गई, ताकि हरियाणा को पहली बार पिछड़े वर्ग का सीएम देने का श्रेय लिया जा सके। जो भी हो, यह निर्विवाद है कि हरियाणा में भाजपा जबरदस्त एंटी-इनकम्बेंसी का सामना कर रही है। खराब शासन-प्रशासन की आम शिकायत के साथ-साथ ‘जवान-किसान-पहलवान’ की त्रिकोणात्मक समस्या ने इसे और मुश्किल बना दिया है। जवान यानी फौज की नौकरी को बेहद प्राथमिकता देने वाले इस राज्य में अग्निपथ योजना से पैदा हुई गहरी कुंठा है। किसान यानी खरीद मूल्यों को कानूनी जामा पहनाने की मांग न माने जाने के खिलाफ अरसे से चल रहे आंदोलन का असर है। और राज्य की ‘पहलवान-पट्टी’ (जिसमें 12 से ज्यादा सीटें हैं) में पहलवान बेटियों के जंतर-मंतर आंदोलन से पैदा हुई विक्षोभ की आग, जिसमें विनेश फोगाट के ओलिम्पिक-प्रकरण ने घी डाल दिया है। जब ऐसी राजनीतिक स्थिति बनती है तो आम मतदाता सरकार बदलने के लिए वोट डालने के बारे में सोचने लगता है। फिर वो यह नहीं देखता कि पार्टी कौन-सी है। वो ऐसा उम्मीदवार तलाश करता है, जो सत्तारूढ़ दल को हरा सके। हरियाणा कांग्रेस बनाम भाजपा की आमने-सामने की टक्कर के लिए जाना जाता है। इसलिए ऐसे उम्मीदवारों की 90 फीसदी संख्या कांग्रेस की तरफ से पेश किए जाने की सम्भावना है। परिणामस्वरूप, अगर कोई जोरदार एंटी-इनकम्बेंसी है, तो उससे प्रभावित वोट कांग्रेस के ध्रुव पर ही गोलबंद होंगे। कांग्रेस का कोई ताकतवर बागी, दलित प्रधान इलाकों में दोनों दलित-आधारित पार्टियों का स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय कोई उम्मीदवार या ‘आप’ का कोई ऐसा ही प्रत्याशी भी बाकी दस फीसदी सीटों में ही सरकार विरोधी भावनाओं से लाभान्वित हो सकता है। लेकिन, इसका लाभ भाजपा को मिलेगा, सम्भावना कम से कम है। भाजपा को तो यह आकलन करना होगा कि वोटरों के जिस हिस्से को वह अपना आधार मानती है, उसमें इस नाराजगी के कारण कहां क्षय हो रहा है। भले ही एंटी-इनकम्बेंसी परिस्थितिवश बिखराव का शिकार न बने, लेकिन प्रश्न यह है कि क्या उसे पलटा नहीं जा सकता? भाजपा ने पिछले दस साल में गैर-जाट वोटरों को साधने की कोशिश की है। क्या एक बार फिर वह कांग्रेस को जाटों की पार्टी करार देकर गैर-जाट वोटों के दम पर चुनाव में वापसी नहीं कर सकती? चुनाव में हो तो सब-कुछ सकता है। लेकिन, आज की तारीख में उसकी संभावना नहीं दिखती। उसके बागियों में अधिकतर वही नेता हैं, जिनके दम पर गैर-जाट जनाधार तैयार किया गया था। जिस तरह से टिकट बांटे गए हैं, उससे नहीं लगता कि भाजपा अब उस रणनीति का लाभ उठाने की स्थिति में है। भाजपा ने पिछले दस साल में गैर-जाट वोटरों को साधने की कोशिश की है। क्या एक बार फिर वह कांग्रेस को जाटों की पार्टी करार देकर गैर-जाट वोटों के दम पर चुनाव में वापसी नहीं कर सकती? इसकी संभावना तो नहीं दिखती।
Dakhal News
एन. रघुरामन एक टीनएजर के रूप में हम में से किसी को भी रोक-टोक पसंद नहीं थी। मेरी किशोरावस्था के दौरान मेरी रोजमर्रा की गतिविधियों के सबसे बड़े मुखबिर ‘टिन और स्टोव वाले अंकल’ हुआ करते थे, जिनका नागपुर के सीताबर्डी में भिड़े रोड पर मेरे घर से कोई पांच घर दूर टिन और स्टोव की मरम्मत का व्यवसाय था। जैसे ही मैं घर से निकलता, सबसे पहले वही मुझसे पूछते कि बेटा कहां जा रहे हो? मुझे उन्हें बताना पड़ता कि मैं किस काम से जा रहा हूं। मैं भले ही दिन में 20 बार उस गली से निकलता, लेकिन हर बार मुझे उन्हें बाहर जाने का कारण बताना पड़ता। मेरे और आस-पास के चार घरों के माता-पिता के लिए, वे ही उनके बच्चों के पहरेदार थे। उन्हें बताने के बाद अगर मैं सीताबर्डी की मुख्य सड़क पर जाता, तो शर्मा स्टोर वाले अंकल भी वही सवाल पूछते। जब तक मैं वैरायटी स्क्वेयर, यानी बस स्टैंड से पहले वाले मुख्य जंक्शन तक पहुंचता, मुझे कुछ और अंकलों का सामना करना पड़ता, जैसे कि साउथ इंडियन रेस्तरां विशांति गृह के मालिक मणि अय्यर। मेरे माता-पिता जिस समाज में रहते थे, उनके लिए वह भरोसेमंद था, जो हमेशा उनके टीनएज बच्चे पर नजर रखता था। मुझे 55 साल पुरानी यह बात तब याद आ गई, जब इंस्टाग्राम ने इस सप्ताह से पूरी दुनिया के टीनएजर्स को एक प्रोटेक्टिव-बबल में रखने का फैसला किया है। जी हां, बच्चों की सुरक्षा के बारे में वर्षों से आलोचना झेलने के बाद, मेटा के स्वामित्व वाला यह सोशल नेटवर्क जनवरी 2025 तक दुनिया से कम से कम 10 करोड़ किशोरों को गार्ड-रेल्ड अकाउंट में स्थानांतरित कर देगा। वहीं वह इसी सप्ताह से स्वचालित रूप से युवाओं के अकाउंट्स को प्राइवेट बनाना शुरू कर देगा। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में सबसे अधिक प्रतिबंधात्मक सेटिंग्स होंगी और अगले दो महीनों में पूरे यूरोप में और बाकी दुनिया में जनवरी 2025 तक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। टीनएजर्स अपनी सेटिंग्स बदलकर या नकली जन्म-तिथियों वाले वयस्क-खाते बनाकर इससे बच सकते हैं। टीनएजर्स पर लगाए रिस्ट्रिक्शंस में यह शामिल है कि वे केवल उन लोगों को सीधे संदेश भेज सकेंगे, जिन्हें वे फॉलो करते हैं या जिनसे पहले से जुड़े हैं। साथ ही उनके लिए वयस्क-कंटेंट में कमी, रात के समय ऑटोमैटिक म्यूटिंग जैसी दूसरी चीजें भी की जाएंगी। यह 18 वर्ष से कम उम्र वाले सभी खातों पर लागू होगा, हालांकि 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के टीनएजर्स माता-पिता की स्वीकृति से अपनी सेटिंग्स बदल सकेंगे। हर नए टीन-अकाउंट को इसी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा और उनके माता-पिता को इंस्टाग्राम के पैरेंटल सुपरविजन टूल का उपयोग करके उन सेटिंग्स को मैन्युअल रूप से बदलना नहीं पड़ेगा। नए अकाउंट्स के तहत, टीनएजर्स हिंसक या कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं, आत्महत्या और सेल्फ-हार्म जैसी संवेदनशील सामग्री के अलावा यौन-संकेत देने वाले कंटेंट भी नहीं देख पाएंगे। टीन-अकाउंट्स को एक घंटे उपयोग करने के बाद ऐप बंद करने के लिए सूचनाएं प्राप्त होंगी, जिन्हें वे चाहें तो अनदेखा कर सकते हैं। लेकिन स्लीप मोड स्वचालित रूप से सक्षम होगा और रात भर के लिए नोटिफिकेशंस को म्यूट कर देगा। यदि टीनएजर अपनी उम्र के बारे में झूठ बोलते हैं, तो उन्हें अपनी आईडी दिखाने या चेहरे के माध्यम से उम्र बताने वाले उपकरण की मदद के लिए एक सेल्फी वीडियो अपलोड करने का संकेत मिलेगा। इन बदलावों से टीनएजर्स के खुश होने की संभावना नहीं है। इंस्टाग्राम प्रमुख एडम मोसेरी कहते हैं, इंस्टाग्राम को टीनएजर्स के अकाउंट और साइट्स पर उनकी भागीदारी में कमी आने की अपेक्षा है। लेकिन उनका मानना है कि पैरेंट्स का भरोसा जीतने और उन्हें कुछ मानसिक शांति देने से उनके व्यवसाय को दीर्घकालीन रूप से मदद मिलेगी, हालांकि अल्पकालीन रूप से यह प्रभावित हो सकता है।
Dakhal News
शीला भट्ट केंद्र में नई सरकार को 100 दिन पूरे हो गए हैं। इन 100 दिनों में भाजपा और नरेंद्र मोदी ने यह दिखाने के लिए हरसम्भव प्रयास किया है कि सरकार स्थिर है। कैबिनेट मंत्रियों ने यह जताने में ऊर्जा लगाई है कि भाजपा के बहुमत खोने और यूपी में भारी नुकसान झेलने- जहां 29 सीटें गंवानी पड़ीं- के बावजूद सरकार उतनी ही मजबूत और स्थिर है, जितनी कि 2014 से अब तक थी। भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भी बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने सरकार को ‘पूर्ण समर्थन’ दिया है। सरकार ‘कुछ भी तो नहीं बदला’ का संदेश देने का प्रयास इतनी तीव्रता से कर रही है कि भले ही भाजपा सत्ता में रहने के लिए सहयोगियों पर निर्भर हो, लेकिन वो इस बात के संकेत भी दे रही है कि वह अपनी मूल विचारधारा पर कायम है और हिंदुत्व या धुर-राष्ट्रवाद के अपने राजनीतिक दृष्टिकोण को कमजोर करने का उसका कोई इरादा नहीं। इससे पहले कि राहुल गांधी अपना अगला बड़ा कदम उठाएं, भाजपा ने यह धारणा बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है कि नीतीश, नायडू या शिंदे पर उसकी निर्भरता उसके राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने में बाधा नहीं है। सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ाने के लिए प्रयास करके, सक्रिय विदेश-नीति अपनाकर और कई राज्यों में मेगा परियोजनाओं की घोषणा करके भाजपा उन आवाजों को बंद करने का प्रयास कर रही है, जो दावा कर रही थीं कि ‘सरकार छह महीने नहीं चलेगी!’ ये सच है कि राहुल गांधी को ‘मोहब्बत की दुकान’ वाली राजनीति पर एकाधिकार प्राप्त है, लेकिन वास्तविक राजनीति के धरातल पर वे या उनकी पार्टी के लोग कश्मीर घाटी में जाकर ये नहीं कह पा रहे हैं कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आता है तो अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करके जम्मू-कश्मीर को उसका विशेष दर्जा वापस दिलाया जाएगा। मोदी 3.0 के पहले 100 दिनों में हमने देखा कि भाजपा अपने राजनीतिक क्षेत्र में कांग्रेस को एक इंच भी जगह नहीं दे रही है। वक्फ संशोधन विधेयक को पेश करने और कैबिनेट द्वारा एक देश, एक चुनाव को मंजूरी देने की टाइमिंग यह संकेत देने के लिए है कि सरकार का तीसरा कार्यकाल पिछले दो कार्यकालों से अलग नहीं है। वक्फ विधेयक को संसदीय समिति को भेजकर भाजपा ने कुछ भी नहीं खोया। उलटे उसने एक पहल करके ब्रिटिश काल के सबसे संवेदनशील मुद्दों में से एक पर अपनी छाप छोड़ी है। भारत में अनेक किंवदंतियां ‘जमीन’ के बारे में रही हैं। वक्फ विधेयक के राजनीतिक निहितार्थ भी बहुत शक्तिशाली हैं, क्योंकि यह पूरी तरह से जमीन का मामला है। लगता है भाजपा अपनी नाकामियों का विश्लेषण करके इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि चुनावी-संकेत चाहे जो हों, वह अपनी हिंदुत्व की विचारधारा को न तो छोड़ सकती है, न ही कमजोर कर सकती और उसके राष्ट्रवादी तेवर भी ढीले̥ नहीं होंगे। कांग्रेस की सुधरती छवि या राहुल की बढ़ती स्वीकार्यता भाजपा की रणनीति में कोई बुनियादी बदलाव नहीं ला रही है। प्रधानमंत्री न तो अपना एजेंडा बदल रहे हैं और न ही शासन की नीतियों में बदलाव कर रहे हैं, वे चुपचाप डैमेज-कंट्रोल कर रहे हैं। संघ प्रमुख के बयानों को सावधानी से कम करके आंका जा रहा है और पार्टी के अंदरूनी संघर्षों को छिपाया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ को महाराष्ट्र चुनाव तक पूरी छूट दी गई है। यूपी की दस सीटों पर उपचुनाव की कमान भी उन्होंने संभाल रखी है। भाजपा प्रवक्ताओं ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि अगर 2004-2009 में कांग्रेस की 145 सीटों के साथ मनमोहन सरकार चल सकती है, तो भाजपा भी 240 सीटों के साथ स्थिर सरकार चला सकती है। भाजपा ने अपने विरोधियों को दिखाया है कि उनकी पार्टी की संरचना मजबूत है और उसमें गंभीर अंतर्कलह होने पर भी चीजें जल्दी नहीं बिगड़तीं। हालांकि, ‘ऑल इज वेल’ का संदेश फैलाने की भाजपा की कोशिशें जनता की धारणा को बदलने के लिए काफी नहीं होंगी। इसका निर्धारण जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों से होगा। भाजपा का धारणा-प्रबंधन ज्यादा दिनों तक काम नहीं करेगा। हवा बदलने के लिए महाराष्ट्र में जोरदार चुनावी जीत की दरकार होगी। यूपी में मिले झटके के बाद मोदी की सार्वजनिक छवि बदली है और आने वाले दिनों में महाराष्ट्र के नतीजे उन्हें अपने व्यक्तित्व पर फिर से काम करने में बड़ी मदद कर सकते हैं। अगर भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी भी नहीं बन पाती है तो यह मोदी को अपनी इच्छा के विरुद्ध कई समझौते करने पर मजबूर करेगा, जिसका उन्होंने पहले 100 दिनों में बड़े पैमाने पर विरोध किया है।
Dakhal News
डॉ. अरुणा शर्मा भारत में 2011 के बाद जनगणना तो नहीं हुई, लेकिन हमारे पास आईएलओ (अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन) और मानव विकास संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत भारत रोजगार रिपोर्ट (2024) जरूर है। भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, इसलिए इस रोजगार रिपोर्ट के मुताबिक उसकी कार्यशील आबादी भी बढ़कर 64% हो गई है। भारत के एक युवा-देश होने से हमें खुशी हो सकती है, लेकिन फिर हाई-जीडीपी वृद्धि बनाए रखने और स्थायी रोजगार पैदा करने की जिम्मेदारी भी हम पर आ जाती है। यह स्थिति वर्ष 2036 तक भारत की कार्यशील आबादी के 65% होने तक जारी रहेगी। सवाल यह है कि हमें जितनी नौकरियां पैदा करने की जरूरत है, क्या हम उतनी कर पा रहे हैं? और क्या हम इसकी दर को अगले दो दशकों तक बनाए रख सकेंगे। यह चिंता का विषय है कि भारत की कामकाजी आबादी में से केवल 50 प्रतिशत युवा ही आर्थिक गतिविधियों में शामिल हो पा रहे हैं और 2022 तक तो इनकी संख्या और गिरकर 37% तक आ गई थी। इस युवा-शक्ति को अपना एक महत्वपूर्ण ‘एसेट’ बनाना जरूरी है। सीएमआईई (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी) की जून 2024 की एक अन्य रिपोर्ट में बेरोजगारी दर 9.2% आंकी गई है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में पुरुष बेरोजगारी की दर 7.7% के आसपास मंडरा रही है, लेकिन इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि महिला बेरोजगारी की दर में लगभग 3% की वृद्धि हुई है, जो अब सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 18.5% है। गांवों में भी बेरोजगारी और बढ़ी है। पिछले 15 वर्षों में गांवों में बेरोजगारी दर 5.41% से बढ़कर 9.2% हो गई है। अप्रैल-जून 2024 तिमाही के लिए लेबर-फोर्स सर्वेक्षण के आंकड़ों में बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में तो मामूली गिरावट आई, लेकिन नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी पहले की तुलना में और कम हो गई है। यही कारण है कि 16 वर्ष से अधिक आयु के सभी युवाओं को बेहतर तरीके से टारगेट करने और उनको ध्यान में रखकर योजना बनाने के लिए सामान्य घरेलू डेटाबेस का उपयोग करना जरूरी है। युवाओं को रोजगार-योग्य बनाने के लिए सही कौशल भी प्रदान करना होगा। मैन्युफैक्चरिंग और सेवा- दोनों क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने के लिए असंगठित क्षेत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। लेकिन महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या हमारी नीतियां बेहतर निवेश, सस्ते कर्ज और नौकरी प्राप्त करना आसान बनाने के जरिए फूड प्रोसेसिंग, मैन्युफैक्चरिंग आदि को बढ़ावा देकर गांवों में नौकरियां पैदा करने पर फोकस कर रही हैं? जरूरत है कि कर्ज देने वाली एसआईडीबीआई (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) और अन्य बैंकिंग व गैर-बैंकिंग संस्थाएं गांवों में धन और रोजगार पैदा करने के लिए आगे आएं। हम बेरोजगारी की हालत के लिए दुनिया में चल रही हलचलों, नोटबंदी, महामारी आदि को दोष देते हैं, लेकिन समझदारी इसमें है कि उन चीजों पर ध्यान दें, जिन्हें हम आज कर सकते हैं। और ये हैं जीएसटी में सुधार करना और मुद्रास्फीति की लगाम कसना। ऐसा नहीं है कि महंगाई की नकेल कसने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी ओर से कोशिशें नहीं कीहैं, लेकिन वो नाकाफी साबित हुई हैं। तथ्य यह है कि मुद्रास्फीति आज भी 4% के लक्ष्य से कहीं अधिक बनी हुई है। ईंधन की लागत कम करने के लिए सरकार नीतिगत प्रयास करने जा रही थी। इसका खाने-पीने की चीजों की महंगाई सहित अन्य वस्तुओं पर व्यापक प्रभाव पड़ता, लेकिन वैसे प्रयास नजर नहीं आए हैं। जीएसटी कम करने की बात भी अभी चल ही रही है, जबकि यह केंद्र और राज्य सरकारों दोनों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुद्दा केवल निम्न स्तर के और कम कुशलता वाले कार्यों के माध्यम से जैसे-तैसे रोजगार देने का नहीं, ऐसे काम देने का है, जो नियमित आमदनी सहित मातृत्व अवकाश, ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि), स्वास्थ्य देखभाल जैसी सुविधाएं भी दे सके। देश में ऐसा माहौल बनाना भी बहुत जरूरी है, जिसमें महिलाएं काम के लिए सुरक्षित महसूस कर सकें। सच्चाई यह है कि हम केवल सेवा क्षेत्र के भरोसे विकास नहीं कर सकते हैं; हमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी आसान कर्ज देकर और नियम-कायदों का दबाव घटाकर बढ़ावा देने की जरूरत है। इसमें संदेह नहीं कि नौकरियां पैदा करना आज सरकार की सबसे पहली जवाबदेही है। अगर जल्द कुछ नहीं किया गया तो निराश युवाओं की फौज देश के लिए बड़ा ज्वलंत प्रश्न बन जाएगी। युवा आबादी की ताकत को अपने लिए एसेट में बदलना जरूरी है। नौकरियां पैदा करना सरकार की पहली जवाबदेही है।
Dakhal News
राजदीप सरदेसाई कश्मीर हमेशा चकित करता है और विधानसभा चुनाव भी इसका अपवाद नहीं हैं। अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती के चुनाव-अभियान का मुआयना करने जैसे ही हम पहुंचे, ट्रैफिक जाम में फंस गए। हमें तेज आवाजें सुनाई देने लगीं। हमें लगा कि शायद कोई विस्फोट या आतंकी हमला हुआ है, लेकिन हमारे ड्राइवर ने मुस्कराते हुए बताया : ‘चिंता मत कीजिए, ये लोग घरेलू टीम और श्रीनगर के बीच बिजबेहरा प्रीमियर लीग का फाइनल देखने दौड़े जा रहे हैं!’ क्रिकेट के दीवाने प्रशंसकों से भरा एक स्थानीय मैदान शायद ‘नए’ कश्मीर का सबसे शानदार दृश्य है। श्रीनगर के बीचों-बीच स्थित ऐतिहासिक लाल चौक पर उत्साहित दुकानदारों ने हमें बताया कि इलाके में बर्गर किंग और डोमिनोज की फ्रेंचाइजी खुलने वाली है। अतीत में लाल चौक की दुकानें अलगाववादी हुर्रियत के आह्वान पर बंद हो जाया करती थीं। लेकिन पिछले पांच सालों में, दुकानें सूर्यास्त के बाद तक खुली रहती हैं। श्रीनगर में हमारे होटल के मालिक ने हमें बताया कि 2023-24 उनके लिए अब तक का सबसे अच्छा कारोबारी साल रहा है। कोविड के दौरान, उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी बेचने का मन बना लिया था, लेकिन अब वे पर्यटकों की भारी आमद से खुश हैं। बेहतर हाईवे कनेक्टिविटी से लेकर अनवरत बिजली आपूर्ति तक, कश्मीर सही रास्ते पर चलता मालूम होता है। लेकिन तसल्ली के इस अहसास को खत्म होने में ज्यादा समय नहीं लगता। श्रीनगर स्थित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज खत्म हुई है। पहले यहां पत्थरबाजी आम बात थी, पर अब पुलिस की कड़ी निगरानी के बीच लोग मस्जिद से चुपचाप बाहर निकल रहे हैं। जब तक मैं कैमरा ऑन करके भीड़ से बातें करना शुरू नहीं करता, तब तक सब कुछ ठीक लगता है। लेकिन कुछ ही मिनटों में गुस्साई आवाजें मुझे परेशान करना शुरू कर देती हैं। एक बुजुर्ग व्यक्ति कहते हैं, अगर कश्मीर में सब ठीक है तो मीरवाइज फारूक को क्यों नजरबंद किया गया है? एक और गुस्साई आवाज कहती है, हम चुप हैं, इसका मतलब ये नहीं कि जो हो रहा है उसे कबूल लें। एक अन्य व्यक्ति ने कहा, हम डर में जी रहे हैं। इससे पहले कि हालात बेकाबू हो जाएं, एक पुलिस अधिकारी हमें बाहर ले जाते हैं। वे हमें याद दिलाते हैं कि अलगाववादी समूह हाशिए पर चले गए हैं, पर अलगाववादी मानसिकता कश्मीर में अभी जीवित है। इसी पृष्ठभूमि में कश्मीर में एक दशक बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। बुधवार को पहले चरण की वोटिंग हुई। तीनों चरणों में रिकॉर्ड मतदान हो सकता है। ऐसा लगता है जो लोग पत्थर और गोलियों को ही समाधान मानते थे, उन्हें एहसास हो गया है कि वोट की ताकत अधिक प्रभावी है। राजनीतिक दलों को भी समझ आ गया है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद बदले हुए परिदृश्य में कठोर रुख के लिए कम गुंजाइश रह गई है। शायद यही वजह है कि उमर अब्दुल्ला ने दो क्षेत्रों से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जबकि पहले उन्होंने कहा था वे चुनाव से दूर रहेंगे। एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भले ही चुनाव नहीं लड़ रही हों, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी इल्तिजा को मैदान में उतारा है। घाटी में भाजपा की मौजूदगी नाममात्र की है, लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी का ‘मोहब्बत की दुकान’ का संदेश मजबूती से गूंजेगा। लेकिन इस बार असली सुर्खियां बटोरने वाले छोटे दल और निर्दलीय हैं। मई में हुए लोकसभा चुनावों में इंजीनियर राशिद ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में बारामूला सीट पर दो लाख से अधिक वोटों से उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन को हराकर सबको चौंका दिया था। राशिद 2019 से तिहाड़ जेल में है, उस पर आतंकी फंडिंग मामले में यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं। राशिद को तीन सप्ताह की जमानत दी गई है और उसकी अवामी इत्तेहाद पार्टी 34 सीटों पर मैदान में है। उसने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के साथ एक ‘रणनीतिक’ गठबंधन भी किया है। क्या यह नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को चुनौती देने का प्रयास है? 1990 के दशक में जब पंडितों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा, तब ‘कश्मीरियत’ दफन हो गई थी। ‘इंसानियत’ तब मर गई, जब निर्दोष लोग आतंकियों की बंदूकों और राज्यसत्ता की ज्यादतियों के बीच फंस गए। और ‘जम्हूरियत’ सालों से आईसीयू में है। चुनावी उत्साह हकीकतों को नहीं बदल सकता! पुनश्च : बिजबेहरा में हमने लोगों से पूछा उनका प्रिय क्रिकेटर कौन है। कुछ ने विराट कोहली का नाम लिया, कुछ ने जसप्रीत बुमराह व रोहित शर्मा का, पर ज्यादातर ने कहा- बाबर आजम! कश्मीर में, सीमाएं अकसर एलओसी को लांघ जाती हैं! कश्मीर अब एक केंद्र-शासित प्रदेश बन गया है, जिसकी विधानसभा की शक्तियां नगरपालिका से भी कम हैं। परिसीमन ने घाटी की कीमत पर जम्मू का प्रतिनिधित्व बढ़ाया है। और प्रशासन की बागडोर एक अनिर्वाचित एलजी के हाथों में है।
Dakhal News
अभिजीत अय्यर मित्रा हिजबुल्ला पर हुई टारगेटेड-स्ट्राइक मौजूदा दौर का संभवतः सबसे महत्वपूर्ण खुफिया अभियान है। शुरू में लगा कि साइबर-युद्ध की सरहदों को लांघकर गैजेट्स की हैकिंग के जरिए यह हमला किया गया है, क्योंकि फोन, पॉवर बैंक, पेजर आदि को विस्फोटक-सामग्री के रूप में डिजाइन नहीं किया जाता है। लेकिन बाद में स्पष्ट हुआ मामला कुछ और था। 1972 में इजराइल ने अपने पहले फोन-हत्याकांड को अंजाम दिया था। महमूद हमशारी नामक एक शीर्ष पीएलओ कमांडर पेरिस में रहता था। मोसाद एजेंट गुप्त रूप से उसके अपार्टमेंट में घुसने में कामयाब रहे और उसके लैंडलाइन फोन के निचले माइक्रोफोन में विस्फोटक लगा दिया। कुछ घंटों बाद, जब हमशारी आया तो उसे एक कॉल किया गया और एक रिमोट-ट्रिगर से विस्फोट को अंजाम दे दिया गया। तब से मोसाद कई बार इस शैली का इस्तेमाल कर चुका है, पर लगता है इजराइल के दुश्मन गलतियों से सबक नहीं लेते। समस्या यह भी है कि आधुनिक दुनिया में संचार-उपकरणों के बिना आप कैसे रह सकते हैं? इजराइल जैसी हाई-टेक शक्ति का सामना करने के लिए आपको उतना ही तेजतर्रार और तकनीकी रूप से परिष्कृत होना चाहिए। दिक्कत यह है कि आप जितनी परिष्कृत तकनीक का उपयोग करेंगे, इजराइल द्वारा उसे हैक करने की संभावना उतनी अधिक होगी। नई तकनीक की काट है पुरानी तकनीक। मिसाल के तौर पर, आधुनिक अमेरिकी स्टेल्थ फाइटर या बॉम्बर को आधुनिक रडार नहीं लोकेट कर सकता, हालांकि वे 1950 के दशक के पुराने रडार पर बहुत अच्छी तरह से नजर आते हैं- क्योंकि वे परिष्कृत एल्गोरिदम के लिए बहुत पुराने हैं और उन्हें गच्चा नहीं दिया जा सकता। हिजबुल्ला वाले चाहे कोई भी एन्क्रिप्टेड आधुनिक फोन खरीदते, इजराइल उन्हें पकड़ लेता, इसलिए उन्होंने पेजर नामक 1949 की तकनीक से काम चलाने का फैसला किया। ऐसा इसलिए था क्योंकि पेजर कई स्रोतों से सिग्नल प्राप्त कर सकते हैं- कुछ मामलों में 50-60 किमी दूर से भी। इसके अलावा हिजबुल्ला की रणनीति यह थी कि एक बार पेज किए जाने के बाद वे बस अपने आस-पास के किसी नागरिक के मोबाइल का उपयोग करने का अनुरोध करेंगे और इजराइल को सभी सेलफोन कम्युनिकेशन की निगरानी करनी होगी। यह एक बेहतरीन आइडिया था। लेकिन हिजबुल्ला का दुर्भाग्य था कि इजराइल का अनेक इलेक्ट्रॉनिक निर्माता के साथ किसी न किसी तरह का संबंध है, क्योंकि वह आधुनिक दुनिया की इलेक्ट्रॉनिक महाशक्तियों में से एक है। इस वाले मामले में, माना जा रहा है कि इजराइली खुफिया तंत्र ने ताइवान की उस कंपनी के यूरोपीय निर्माता को चिह्नित करने में कामयाबी हासिल की, जिसने हिजबुल्ला के लिए पेजर बनाए थे। ऑर्डर देने के बाद, इजराइली एजेंटों ने हर डिवाइस की बैटरी में शक्तिशाली विस्फोटक लगा दिए। इस बात के कोई विवरण नहीं हैं कि यह कहां पर किया गया था- बैटरी निर्माताओं के प्लांट में? पेजर निर्माण प्लांट में? या ऑर्डर की शिपिंग के दौरान? लेकिन इस ऑपरेशन में आठ महीने से सवा साल के बीच का समय लगा है। इजराइल पहले यह सुनिश्चित करना चाहता था कि ऑर्डर किए गए सभी उपकरण सैन्य कमांडरों को वितरित किए गए हों। दूसरे, वो चाहता था कि हमला एक साथ हो। एक बीप के साथ सभी 5000 उपकरणों में एक साथ विस्फोट कर दिया गया। बीप होने पर सामान्य मानवीय प्रतिक्रिया यह होती है कि तुरंत जेब से पेजर निकाल लिया जाए। जिन्हें जल्दी नहीं होती, वे पेजर को जेब में ही रहने देते हैं। इन हमलों में विस्फोट से पेजर-धारकों की आंखों, हाथों और जांघों पर गम्भीर चोट पहुंची है। हिजबुल्ला के लगभग 500 शीर्ष लोगों ने आंखें खो दी हैं। ईरानी राजदूत भी चोटिल हुए हैं। 1866 में डायनामाइट के आविष्कार के बाद से कोई भी टारगेटेड-ऑपरेशन इतने सटीक तरीके से हजारों लोगों को निशाना बनाने में सफल नहीं रहा है। ड्रोन से किए प्रहार भी अपने लक्ष्य को मार देते हैं, लेकिन उसमें निर्दोष लोगों को भी बहुत नुकसान होता है। लेकिन इस मामले में हरेक पेजर-धारक एक हिजबुल्ला-कमांडर था। एक सामान्य व्यक्ति भला क्यों 1949 की तकनीक वाले पेजर का इस्तेमाल करेगा, खासकर जब एंड्रॉइड फोन बहुत कम कीमत पर खरीदे जा सकते हैं? विस्फोटक के बेहद छोटे आकार के कारण को-लैटरल डैमेज लगभग शून्य है। हिजबुल्ला एक छोटा संगठन है। कमांड-स्तर पर उसके पास सिर्फ पांच से सात हजार लोग थे। इसका मतलब यह है कि पेजर-हमले ने पूरी हाईकमान को तहस-नहस कर दिया है, जिसे फिर से बनाने में कई साल लग जाएंगे! 1866 में डायनामाइट के आविष्कार के बाद से कोई भी टारगेटेड-ऑपरेशन इतने सटीक तरीके से हजारों लोगों को निशाना बनाने में सफल नहीं रहा है। इस वाले मामले में हरेक पेजर-धारक एक हिजबुल्ला-कमांडर था!
Dakhal News
नवनीत गुर्जर राजनीति क्या है? वो हर परिस्थिति में निराश न होने वाली दिलेरी है! नफरत को मणि समझकर अपने मस्तिष्क में संभाले रखने वाली दिलेरी भी है!… और सपनों को ताश के पत्तों की भांति मिलाकर और बांटकर कोई खेल खेलने वाली दिलेरी भी! जिसमें कोई भी हार शाश्वत नहीं होती और कोई भी जीत स्थायी नहीं होती…क्योंकि पत्ते फिर से मिलाए या फेटे जा सकते हैं और जीत की आस फिर से बांधी जा सकती है! ‘आप’ वाले अरविंद केजरीवाल इस वक्त इनमें से किस दिलेरी को जी रहे हैं, ये तो वे ही जानें, लेकिन इतना सच है कि उनकी दुविधा विकट थी। पहाड़ जैसा संकट यही था कि कुछ महीनों के लिए ही सही, अपनी कुर्सी पर किसे बैठाएं? राजनीति के चक्रव्यूह और इसकी निष्ठाओं से तो वे भी भली-भांति परिचित हैं ही! दरअसल, दुविधा यह थी कि कब कोई जीतन राम मांझी बन जाए, कब कोई चंपई सोरेन हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। खैर, गहन मंथन के बाद आखिर वे अपनी विश्वस्त आतिशी को ‘डमी’ सीएम के रूप में चुनने में कामयाब हो गए। ‘डमी’ इसलिए कि कुर्सी पर चाहे जो बैठे, सिक्का तो केजरीवाल का ही चलता रहेगा, जैसा पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाने पर जेल में बैठी जयललिता का चलता था। पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री बनकर भी जयललिता की कुर्सी छोड़कर बगल वाली कुर्सी पर बैठा करते थे और छाती से चिपकी जेब में उनका फोटो हमेशा रखते थे। कभी फोन आ जाए तो कुर्सी से उठकर बात किया करते थे। इस तरह की प्रतिबद्धता नक्की करने के बाद ही केजरीवाल ने भी आतिशी को उत्तराधिकारी चुना होगा, यह तय है। अब सवाल यह उठता है कि यह पूरी कवायद आखिर क्यों? जब जेल में रहते हुए कुर्सी नहीं छूटी तो अब उसी प्यारी कुर्सी को बाहर (जमानत पर) आकर लतियाने का मतलब क्या? जवाब आसान है। अगली जनवरी-फरवरी में दिल्ली विधानसभा के चुनाव हैं। केजरीवाल इन चार-पांच महीनों को अग्निपरीक्षा का समय मान रहे हैं। वे इसमें से पवित्रता का वरदान चाह रहे हैं। कह रहे हैं कि अब जनता से पूछेंगे वह उन्हें ईमानदार मानती है या बेईमान? अगर ईमानदार मानती है तो जिताकर ईडी-सीबीआई सबको झूठा साबित कर दे। अगर वे जीत जाते हैं तो चार महीने के लिए कुर्सी छोड़कर जो अमरता वे चाह रहे थे, वह भी मिल जाएगी और चूंकि उनके नारे पर ही जीत मिलेगी, इसलिए पार्टी के भीतर किसी जीतन राम या किसी चंपई के उठ खड़े होने की संभावना भी पूरी तरह क्षीण हो जाएगी। आखिर केजरीवाल की राजनीतिक चेतना उस बालबुद्धि के समान तो नहीं ही है, जिसे हर वस्तु एक अचंभा लगती है या जिसे छोटी से छोटी वस्तु में बड़ी दिलचस्पी पैदा हो जाती है।... और जो पल में बिलख पड़ती है और पल में हर्षित हो जाती है। वे चतुर सुजान हैं और राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी भी। हालांकि चुनावी जीत किसी के ईमानदार होने की गारंटी नहीं हो सकती। इससे पहले भी जेल जाने या भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे होने के बाद भी जयललिता, करुणानिधि और ऐसे कई नेताओं ने प्रचंड जीत पाई है। फिर भी केजरीवाल की इस्तीफा-रणनीति है कमाल की! क्योंकि भले चार महीने के लिए हो या चार दिन के लिए, हिंदुस्तान में कुर्सी छोड़ना, रोटी छोड़ने से भी कठिन काम है। यही वजह है कि केजरीवाल अपने इस त्याग को छाती चीरकर दिखाएंगे। आगामी दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भी और मौजूदा हरियाणा चुनाव में भी। भाजपा हालांकि केजरीवाल के इस ‘त्याग’ को नौटंकी बताते नहीं थक रही है, लेकिन सच ये है कि केजरीवाल का प्रचार-अभियान हरियाणा में उसे (भाजपा को) नई ऊर्जा देने वाला है। ‘आप’ को जितने वोट मिलेंगे, भाजपा को उतना फायदा होगा। जहां तक दिल्ली के चुनाव का सवाल है, यहां तो सुषमा स्वराज, मदनलाल खुराना और डॉ. हर्षवर्धन के बाद भाजपा के पास कोई स्थायी, स्थानीय और चुनाव-जिताऊ चेहरा ही नहीं रहा! कुर्सी छोड़ना कठिन है... केजरीवाल की इस्तीफा-रणनीति है कमाल की! क्योंकि भले चार महीने के लिए हो या चार दिन के लिए, हिंदुस्तान में कुर्सी छोड़ना, रोटी छोड़ने से भी कठिन काम है। चुनावों में केजरीवाल अपने इस त्याग को छाती चीरकर दिखाएंगे।
Dakhal News
मेघना पंत मुंबई में पंत जैसे सरनेम के साथ मेरा जीवन आसान नहीं था। शाह, पटेल, देसाई, भंसाली, चोखानी, जिंदल, असरानी जैसे सरनेम वाली दुनिया में पहाड़ी सरनेम से मैं असहज स्थिति में पड़ जाती थी। कई बार उपहास के बाद मैं शादी तक का सोचने लगी थी, ताकि पंत सरनेम बदल सकूं, जो तब मुझे असहज कर देने वाला लगता था! लेकिन जब मेरी शादी हुई तो एक विचित्र चीज हुई। अब मैं अपना सरनेम नहीं बदलना चाहती थी। क्यों? इसके कई कारण थे। पर मूल में ये था कि यह न सिर्फ उस चीज को त्याग देना था, जिसने मुझे अलग बनाया, बल्कि यह अपनी पहचान को भी छोड़ना होता।हमारे देश में यह परंपरा रही है कि शादी के बाद महिलाएं अपना सरनेम बदल देती हैं। हालांकि अब समय बदल गया है। एक बड़ा बदलाव आया है, जहां कई भारतीय महिलाएं शादी से पहले का सरनेम रखे हुए हैं और खुशहाल शादीशुदा जीवन बिता रही हैं। पहला, यह कई व्यावहारिक कारणों से है, जिसकी कई परते हैं। आज महिलाएं हर पेशे में बराबरी से काम कर रही हैं। एक बार जब वे अपना नाम बना लेती हैं तो फिर बाद में नाम (उपनाम) बदलकर अपनी उपलब्धियां यूं ही क्यों ज़ाया होने देंगी? महिलाएं सबकुछ झेल रही हैं, यहां तक कि बच्चा पैदा करने और उसे पालने की चुनौती भी बखूबी निभा रही हैं, ऐसे में उनका पेशेवर स्टेटस उनकी वैवाहिक स्थिति पर निर्भर क्यों होना चाहिए? और फिर कागज-पत्री भी है। डिजिटलीकरण के बावजूद किसी के लिए सरनेम बदलना उतना ही कष्टदायी है। महिलाएं आज सिर्फ कमा ही नहीं रही हैं, वे जानती हैं कि खर्च कैसे करें, निवेश कहां करें और कैसे बचाएं। कल्पना करिए, एक महिला के लिए किस तरह का दुःस्वप्न होगा, जहां उसे निवेश के दस्तावेजों, संपत्ति रिकॉर्ड, पासपोर्ट, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन आदि में सरनेम बदलवाना पड़े। कौन-सी समझदार महिला सिर्फ पति के अहंकार की पूर्ति के लिए ऐसा करेगी, जबकि वह यह ऊर्जा अधिक पैसा कमाने और निवेश में लगा सकती है? यह प्रथा महिलाओं को वस्तु के रूप में मानती है जो केवल उनके पिता, फिर पति की है, जहां उसकी खुद की पहचान नहीं है। आपका नाम आपको परिभाषित करता है। कल्पना करें, आपके व्यक्तित्व, आपकी उपलब्धियों, सपनों, आपकी विरासत, आपकी स्वायत्तता के साथ-साथ इसे भी छोड़ दें। इसमें क्या तुक है? विवाह में एक-दूसरे के साथ प्रतिबद्धताओं का दायरा व्यापक होना चाहिए, जहां व्यक्तिगत पहचान कायम रहने के साथ पेशेवर निरंतरता भी बनी रहे, ना कि इसमें उथल-पुथल मच जाए। शादियां तब बेहतर चलेंगी, जब यह महिलाओं को उनकी आजादी और उनकी अहमियत का अहसास कराए और पुरुषों को महिलाओं की आजादी का सम्मान करने के लिए प्रेरित करे। विवाह महिलाओं के लिए जेल नहीं होना चाहिए, बल्कि बेहतर कल की दिशा में एक कदम होना चाहिए। जब कानून कहता है कि सरनेम बदलना व्यक्तिगत अधिकार है, ऐसे में क्या समाज को यह नहीं समझना चाहिए? एक महिला का शादी से पहले वाला सरनेम रखना उसकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपलब्धियों के लिए सम्मान का प्रतीक है, और यही उसे एक अच्छी पत्नी बनाता है। अगली बार जब आप किसी विवाह में जाएं तो याद रखें कि अगर कोई पति से उसका सरनेम बदलने के लिए नहीं कह रहा, तो पत्नी से भी ऐसा नहीं कहना चाहिए।
Dakhal News
प्रो. चेतन सिंह सोलंकी इंदौर ने कचरे की सफाई में पूरे देश में अपना नाम स्थापित किया है और लगातार सात वर्षों तक भारत के स्वच्छतम शहर होने का खिताब जीता है। लेकिन न केवल इंदौर बल्कि पूरी दुनिया के सामने एक और बड़ी चुनौती है : अदृश्य यानी न दिखाई देने वाले कचरे से निपटना। यह दिखने वाले कचरे से अधिक खतरनाक होता है। जब कोई समस्या स्पष्ट दिखती है तो उसका समाधान निकाला जा सकता है, जैसे कचरा अलग करना, एकत्र करना और प्रोसेस करना। लेकिन उस दुश्मन से कैसे निपटें, जिसे न देखा जा सकता है, न सूंघा जा सकता है, न महसूस किया जा सकता है? सभी लोग अपनी ऊर्जा सम्बंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रत्यक्ष रूप से बिजली, पेट्रोल और डीजल आदि का उपयोग करते हैं और अप्रत्यक्ष रूप से कपड़े, सीमेंट और फर्नीचर जैसे सामान का। दुर्भाग्यवश, अधिकांश ऊर्जा स्रोत कार्बन आधारित हैं और उनके उपयोग से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। आपको पता है ये अदृश्य और गंधहीन सीओ2 वायुमंडल में 300 साल तक रहती है और वैश्विक तापमान बढ़ाने व जलवायु परिवर्तन में योगदान देती है? इस खतरे से निपटना अधिक जरूरी है। इंदौर ने कचरा प्रबंधन, उसकी री-साइकलिंग और स्वच्छता में निरंतर प्रयासों के माध्यम से भारत का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में लगातार शीर्ष पर रहने के पीछे कचरा शून्य कॉलोनियों, खाद बनाने की पहल, निवासियों और प्रशासन के सामूहिक प्रयासों का बड़ा योगदान है। इसके लिए इंदौर नगर निगम के प्रयास सराहनीय हैं। लेकिन इन असाधारण उपलब्धियों के बावजूद, इस शहर और दुनिया को एक और बड़ी चुनौती का सामना करना है- वातावरण में उत्सर्जित कार्बन रूपी कचरे की सफाई। दिखाई देने वाले कचरे का प्रबंधन महत्वपूर्ण है फिर भी ग्रीनहाउस गैसों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड का अनियंत्रित उत्सर्जन कहीं अधिक विनाशकारी है। ये महसूस ना होने वाली और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जो दीर्घकालिक रूप से पर्यावरण के लिए खतरा है। भारत के स्वच्छतम शहर के रूप में, इंदौर को अब अगले स्तर पर जाकर एक जलवायु-सचेत शहर की भी भूमिका निभानी चाहिए। मेरा सुझाव है कि ‘इंदौर क्लाइमेट मिशन’ या ‘इंदौर क्लीन क्लाइमेट मिशन’ जैसी किसी पहल की शुरुआत की जाए। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अतिरिक्त समर्पण और सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता है- इन्हीं की वजह से इंदौर कचरा-प्रबंधन में अग्रणी बना। इस पहल के लिए जरूरी है, ऊर्जा की सही समझ और यह समझना कि कैसे ऊर्जा हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गई है। ऊर्जा साक्षरता के महत्त्व के विषय में चर्चा जरूरी है, न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि कॉर्पोरेट्स और पूरे समाज के लिए भी। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि सीमित संसाधनों वाली दुनिया में बर्बादी, अत्यधिक और बिना सोचे-समझे की गई खपत न केवल वर्तमान, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी प्रभावित करेगी। हम सबको न केवल जलवायु परिवर्तन के कारण को समझना चाहिए, बल्कि ऐसे मिशन में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए और जलवायु सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए। इंदौर नगर निगम और नगरवासी अपने इनोवेशन को जारी रख सकते हैं, लेकिन साथ ही कार्बन उत्सर्जन को करने, रिन्युएबल ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने और सस्टेनेबल जीवनशैली को बढ़ावा देने की भी जरूरत है। ऊर्जा खपत को कम करके, जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करके और पर्यावरण के लिए उचित कदम उठाकर इंदौर अन्य शहरों के लिए एक पथ-प्रदर्शक बन सकता है। कचरा प्रबंधन और जलवायु-सुधार कार्रवाई दोनों में शहर का नेतृत्व एक स्वच्छ, हरित भविष्य की ओर एक वैश्विक आंदोलन को प्रेरित कर सकता है।
Dakhal News
संजय कुमार पिछले एक दशक से हरियाणा में सत्ता पर काबिज भाजपा के सामने इस बार कड़ी चुनौती है, क्योंकि मतदाताओं में भाजपा के प्रति नाराजगी है। कांग्रेस को फायदा हो सकता है, हालांकि कई छोटे क्षेत्रीय दल अकेले या गठबंधन में मैदान में हैं। जननायक जनता पार्टी (हाल तक हरियाणा में भाजपा सरकार में सहयोगी) अब चंद्रशेखर आजाद की आजाद पार्टी के साथ गठबंधन में है और बसपा, इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) और आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में लगभग सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। लेकिन अधिकतर सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के पास हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतने का अच्छा मौका इसलिए है, क्योंकि उसे सत्ता विरोधी वोटों का सबसे बड़ा फायदा होगा, बल्कि इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस को इस समय हरियाणा के मतदाताओं के बीच अच्छा समर्थन प्राप्त है। 2024 के लोकसभा चुनावों में उसका प्रदर्शन इसका प्रमाण है। क्षेत्रीय दल भले ही महत्वपूर्ण संख्या में सीटें न जीत पाएं, लेकिन अगर भाजपा विरोधी वोट बंटते हैं तो वे कांग्रेस के लिए खेल जरूर बिगाड़ सकते हैं। हरियाणा में भाजपा केवल एंटी-इनकम्बेंसी के कारण ही अपने को मुश्किल स्थिति में नहीं पाती है, उसके लिए यह भी नुकसानदायक हो सकता है कि टिकट न मिलने से पार्टी के नेताओं में बड़े पैमाने पर नाराजगी है और वे दलबदल कर रहे हैं। चुनाव से पहले अभी तक तीन दर्जन से अधिक नेता पार्टी छोड़ चुके हैं, जिनमें से कुछ तो गैर-जाट समुदायों में भाजपा की रीढ़ रहे हैं। इस रणनीति को ही भाजपा ने पिछले एक दशक के दौरान सफलतापूर्वक अपनाया था। यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि पिछले पांच सालों में हरियाणा में भाजपा के जनाधार में गिरावट आई है। लोकसभा चुनावों में भाजपा 46.1% वोटों के साथ 10 में से 5 सीटें जीतने में सफल रही थी, जबकि कांग्रेस 43.7% वोटों के साथ शेष 5 सीटें भाजपा से छीनने में सफल रही। भाजपा के वोट-शेयर में 12% (2019 की तुलना में) की गिरावट आई, जबकि कांग्रेस ने 2019 के अपने वोट-शेयर में 15.3% वोट जोड़े। ये इस बात का संकेत है कि हरियाणा में हवा किस तरफ बह रही है। यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के कुछ महीने बाद जब 2019 में ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए थे, तो भाजपा ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया था। उसे 36.5% वोट और 40 सीटें मिली थीं। हरियाणा के मतदाताओं ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सभी 10 सीटों पर जीत दिलाई थी, लेकिन राज्य में अपनी सरकार चुनने के लिए अलग तरीके से मतदान करने का फैसला किया। जबकि तब तो पहलवान, किसान और जवान के मुद्दे भी मौजूद नहीं थे। तब जनता में राज्य सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रदर्शन को लेकर नाराजगी थी। अगर भाजपा लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बावजूद 2019 के विधानसभा चुनाव में अच्छी जीत हासिल नहीं कर सकी, तो अब अपने प्रदर्शन में सुधार कैसे करेगी? 2019 में जब भाजपा हरियाणा में अपनी सरकार का बचाव कर रही थी, तो उसे पांच साल की एंटी-इन्कम्बेंसी का सामना करना पड़ रहा था। अब तो 10 साल पुरानी एंटी-इन्कम्बेंसी है। 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाना एक तरह से भाजपा द्वारा लोगों की नाराजगी को स्वीकार करना था। चुनाव में भाजपा को कुछ हद तक सजा मिली। नतीजों के बाद भी वोटरों का मूड बदला हुआ नहीं दिख रहा है। हरियाणा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर भाजपा की निर्भरता की भी परख होने वाली है। लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वेक्षणों से पता चलता है कि नरेंद्र मोदी की अपने व्यक्तिगत करिश्मे के दम पर भाजपा के लिए वोट जुटाने की क्षमता विधानसभा चुनावों की तुलना में लोकसभा चुनावों में कहीं ज्यादा मजबूत होती है। दूसरी तरफ 2019 के मुकाबले अब हरियाणा में राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ रही है। कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन उसका राज्य-नेतृत्व (भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा) अलग-अलग समूहों में विभाजित होने के बावजूद मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी वाले भाजपा के राज्य नेतृत्व की तुलना में अधिक सशक्त दिखता है। इससे कांग्रेस बेहतर स्थिति में जरूर है, लेकिन कुछ सीटों पर उसके वे नाराज नेता जरूर खलल डाल सकते हैं, जो टिकट नहीं मिलने से क्षुब्ध हैं। कांग्रेस को इस पर नजर रखना होगी और पार्टी में भितरघात सहित छोटे क्षेत्रीय दलों को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बनानी होगी। पहलवान, किसान और जवान : ये तीन मुद्दे हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत की कुंजी साबित हो सकते हैं।
Dakhal News
पं. विजयशंकर मेहता सामान्य मनुष्य को उम्र की चार अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है- बचपन, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था। अब इसका भी विस्तार है। वृद्धावस्था के बाद एक जरावस्था भी आती है, जिसमें आदमी बिस्तर पकड़ लेता है। आज हम एक उम्र की बात करेंगे, ये प्रौढ़ावस्था है। समझने के लिए देखें, तो यह उम्र का वह दौर है, जिसमें हमारे माता-पिता जीवित होते हैं और हम माता-पिता बन चुके होते हैं। अब दो पीढ़ियों के बीच में ये प्रौढ़ावस्था की पीढ़ी है। इस समय पारिवारिक जीवन में सबसे ज्यादा चुनौती इसी उम्र के लोगों के सामने है। बीते की स्मृति है और जो भविष्य आ रहा है उसकी चुनौती है। बूढ़े आदमी का पहला बचपन वर्षों पहले चला गया और दूसरा बचपन अभी चल रहा है। इधर प्रौढ़ व्यक्ति के साथ होता यह है कि ‘आती जवानी, चलती जवानी और जाती जवानी’ तीनों एक साथ चल रही हैं। ऐसे स्थिति में स्वयं के भीतर त्याग की वृत्ति को खूब तैयार करें, बड़े-बूढ़ों के साथ समर्पण का भाव रखें और बच्चों के लिए धैर्य और समझ से काम करें तो ये उम्र भी आनंद देगी।
Dakhal News
एन. रघुरामन हाल ही में जब मैंने एक विदेशी पत्रिका में ‘रोमांटिसाइजिंग यॉर रेफ्रिजरेटर’ शीर्षक से एक आर्टिकल पढ़ा तो मुझे एक पुरानी तमिल कहावत याद आ गई कि “कपड़े ऐसे पहनें जो दूसरों को सुहाएं और खाना ऐसा खाएं जो आपके शरीर को सुहाए’। वो इसलिए क्योंकि यह आर्टिकल इस बारे में था कि कैसे लोग आजकल अपने फ्रिज को सजावटी सामान से जमा रहे हैं या सीख रहे हैं कि कैसे रेफ्रिजरेटर के दरवाजे पर मिल्क या जूस के कार्टन जमाएं, साथ ही इसमें ये कहा कि क्यों लोग इन दिनों ऐसे रेफ्रिजरेटर खरीदते हैं, जिनके दोनों तरफ दरवाजे खुलें, ताकि सामान तीन जगहों पर फैलाकर रख सकें- बाएं दरवाजा, दायां दरवाजा और खुद फ्रिज में! और यह “फ्रिजस्केपिंग’ कहलाता है, जो दो शब्दों का मेल है- ‘फ्रिज, कीपिंग।’ तब मुझे अहसास हुआ कि लोग सेहत या स्वाद के लिए नहीं बल्कि इंस्टाग्राम रील्स बनाने के लिए अपनी किचन डिजाइन कर रहे हैं और खाने-पीने का सामान ला रहे हैं, फिर भले ही वह सेहत के लिए ठीक हो या नहीं! वे यह दिखाना चाहते हैं कि वो कौन-सी महंगी खाने-पीने की चीज इस्तेमाल करते हैं, वो भी रोजमर्रा में। कई लोग, जो वीकेंड पर कहीं बाहर जाने, नए कपड़े, छुट्टियों की तस्वीरों आदि नहीं दिखा पाते, उनके लिए सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए ये कंज्यूमेबल्स सस्ता विकल्प है। ऐसा नहीं है कि हमारी मांओं ने कभी किचन नहीं जमाया। हॉरलिक्स की वो आधा किलो की कांच की बोतल मेरी मां की पसंदीदा थी। हॉरलिक्स खत्म होने के बाद वह बोतल खाने का दूसरा सामान रखने के काम आती थी। इसके अलावा घर में रीफिल करने वाला ऐसा कोई दूसरा आइटम नहीं होता था। वह नियमित तौर पर वो बोतल जमा करतीं और किचन का सारा सामान उनमें जमाकर रख देतीं। इन बोतलों को हर पंद्रह दिन में मां धोती थीं ताकि ये धुंधली न दिखें। मां यह सब इसलिए नहीं करती थी क्योंकि वह “शेल्फकेपिंग’ करना चाहती थीं या किसी को दिखाने के लिए तस्वीरें लेना चाहती थीं, बल्कि इसे सुविधाजनक बनाने के लिए करती थीं, ताकि बच्चों समेत घर का कोई भी सदस्य किचन में आकर उन पारदर्शी बोतल में रखा सामान देख सके। दिलचस्प बात थी कि हमारे घर अलग-अलग मसाले जैसे मिर्ची-धनिया पाउडर, जीरा, हल्दी आदि रखने के लिए कभी भी छह या नौ खाने वाला मसाले का डिब्बा नहीं रहा। हॉरलिक्स की बोतल शेल्फ में पीछे रखते थे, जबकि सामने किसान जैम की बॉटल्स रखते थे। उन दिनों खाली बोतलें और एक ही रंग के प्लास्टिक के ढक्कन अलग-अलग बेचना अच्छा बिजनेस था। मैं हमेशा से चाहता था कि हमारे बच्चे अपनी अलमारी से वैसी मोहब्बत रखें! वो इसलिए क्योंकि मैंने हमेशा अनुभव किया है कि अगर गलती से मैंने अपनी बेटी की अनुपस्थिति में उसकी अलमारी खोल दी, तो अलमारी मुझ पर चीख पड़ती। अगर इसे भाषा में ढाल पाते, तो इसमें से चंद टी-शर्ट निकालते ही जमीन पर गिरकर कहतीं, ‘अच्छा हो गया, आपने डोर खोला, दम घुट रहा था अंदर।’ जब मैंने बेटी को मारी-कॉन्डो के वीडियो दिखाए, जिनके लाखों फॉलोअर्स हैं, जहां वो अलमारी को बिना अस्त-व्यस्त किए साफ रखना बताती हैं, तो मेरे लिए उसकी अलमारी नहीं छूने का फरमान जारी हो गया। दिलचस्प है कि आज के बच्चे हमें सिखा रहे हैं कि कैसे ‘फ्रिजस्केपिंग’ करें! वे नहीं जानते कि हम उस जमाने के हैं, जहां हमें यकीन दिलाया गया कि अगर घर में सफाई रहती है, तभी लक्ष्मी निवास करती हैं। इसलिए हमने दवाओं का दराज, किताबों की अलमारी, किचन शेल्फ, दराज व सभी सदस्यों द्वारा इस्तेमाल एक अलमारी को गंदा या अस्त-व्यस्त नहीं रखा। यही कारण था कि उन दिनों हमारी अलमारियां अच्छे से सांस लेती थीं। फंडा यह है कि सोशल मीडिया की जगह हमारे घर के दराजों और दरवाजों से बाहर होनी चाहिए, नहीं तो आप अपनी निजता मोबाइल स्क्रॉल करते रहने वालों के हवाले कर देंगे, जो फिर हर पहलू पर आपके जीवन को आदेश देंगे। इसलिए सावधान रहें।
Dakhal News
एन. रघुरामन कार्नेगी हीरो फंड वर्ष 1904 से अब तक 9500 से ज्यादा लोगों को पुरस्कृत कर चुका है। यह पुरस्कार पाने वाले हर विजेता ने दूसरों की जान बचाने की कोशिश में असाधारण रूप से अपनी जान जोखिम में डाली। ज्यादातर मामलों में, जिन लोगों की जान बचाई गई, वे पूरी तरह अजनबी थे। मुझे यह पुरस्कार तब याद आया जब मैंने 24 वर्षीय आदिवासी महिला मंतोशी गजेंद्र चौधरी की कहानी सुनी। महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल जिले गढ़चिरौली के भामरागड तालुका के अरेवाड़ा गांव में इस रविवार 8 सितंबर को मंतोशी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। लेकिन भारी बारिश के चलते बाढ़ से उनके गांव समेत जिले के अधिकांश हिस्से का संपर्क टूट गया था और परिवहन व संचार मुश्किल हो गया था। राज्य आपदा राहत बल के सहयोग से परिवार वाले और पड़ोसी उसे कमर तक भरे पानी में किसी तरह गांव के अस्पताल लेकर आए, जहां 9 सितंबर सोमवार को उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। पर दुर्भाग्य से प्रसव के दौरान मंतोशी का ज्यादा खून बह गया, जिसके चलते उन्हें कम से एक थैली रक्त चढ़ाने की तत्काल जरूरत थी, ताकि प्रसव के बाद होश में लाया जा सके और स्वास्थ्य सुधार हो। लेकिन मामला उलझ गया क्योंकि मरीज का रक्त समूह दुर्लभ “बी-निगेटिव’ था और अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों में यह आसानी से उपलब्ध नहीं था। उस युवा मां को बचाने की जीवटता ने स्थानीय डॉक्टर्स को भामरागड और उसके आसपास पूछताछ करने के लिए मजबूर किया और आखिरकार फोन गढ़चिरौली जिला अस्पताल पहुंचा, जहां पता चला कि पूरे जिले में दुर्लभ बी-निगेटिव रक्त की केवल एक थैली उपलब्ध थी। लेकिन स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने 150 किलोमीटर दूर से खून की उस एक थैली को पहुंचाने के भरसक प्रयास किए, जबकि वह ये जानते थे यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य होने जा रहा है क्योंकि वहां तक पहुंचने वाली अधिकांश सड़कें बंद हैं और बारिश अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रही। भामरागड तक की अधिकांश सड़कें बंद थीं, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी किसी भी कीमत पर खून को पहुंचाने की कोशिशें कर रहे थे। एक एंबुलेंस से उस बहुमूल्य रक्त को पहुंचाने की कोशिश हुई। लेकिन भाग्य को अभी और परीक्षा लेना बाकी था। अहेरी, जहां मंतोशी जिंदगी और मौत से लड़ रही थीं, वहां से महज 50 किलोमीटर पहले एंबुलेंस फंस गई। उससे आगे की सड़क पूरी तरह बह गई थी और पर्लकोटा नदी तटबंध तोड़ते हुए पुल के ऊपर से बह रही थी। विकराल बाढ़ के चलते नाव से रक्त पहुंचाने का निर्णय भी टाल दिया गया। उस मां से ज्यादा अब उनके रिश्तेदार और स्वास्थ्य अधिकारी इस कार्य से इतना जुड़ गए थे कि किसी चमत्कार की प्रार्थना कर रहे थे। नसीब से बारिश थम गई और 11 सितंबर बुधवार को सुबह मौसम अचानक साफ हो गया, जिसके चलते अधिकारियों ने रक्त पहुंचाने का एक और प्रयास शुरू किया। एक ओर अस्पताल का दृश्य और दूसरी ओर वह जगह, जहां से उस रक्त को पहुंचाने का निर्णय लिया जा रहा था, वो किसी फिल्म के क्लाइमेक्स की तरह लग रहे थे। खुशकिस्मती से उनके पास एक हेलीकॉप्टर था, जो उस समय उड़ान के लिए फिट था और उन्होंने इसे उस मानवीय कार्य में लगाने के लिए तैनात कर दिया। अगले तीस मिनट में उस हेलीकॉप्टर ने खून की वो थैली वहां पैराड्रॉप कर दी दी और वापस अपने बेस कैंप आ गया। अस्पताल में चिकित्सकों ने सुकून से अपने काम को अंजाम दिया। इस तरह उस मां की हालत स्थिर हुई। 2.9 किलो वजन का उनका नवजात भी स्वस्थ है और अपने खुशहाल परिवार के साथ वह बच्चे की देखभाल करने की स्थिति में है।
Dakhal News
नीरज कौशल एआई तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म देती है। इसका प्रयोग करने वाले शीर्ष वैज्ञानिक कहते हैं कि यह मनुष्यों द्वारा निर्मित सबसे रोमांचक तकनीक है। वहीं एआई को लेकर आशान्वित लोगों का कहना है कि यह दुर्लभ बीमारियों के लिए इलाज प्रदान करेगी, संक्रामक रोगों के लिए टीके ईजाद करेगी, स्किल्स के अभाव को पूरा करेगी, दूर-दराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लाने का काम करेगी, कल्याणकारी सेवाओं की डिलीवरी को आसान बनाएगी और गरीबी को खत्म कर देगी। ये भविष्यवाणियां किसी सुदूर भविष्य के लिए नहीं, बल्कि यह सब बस कुछ ही दशकों में होने जा रहा है। आप इसे एआई का अमृत काल भी कह सकते हैं! दूसरी तरफ एआई के कटु-आलोचक हैं, जो चेतावनी देते हैं कि यह मनुष्यों का सबसे खतरनाक सृजन है। दार्शनिक-इतिहासकार युवाल नोआ हरारी ने अपनी नई किताब ‘नेक्सस’ में चेतावनी दी है कि एआई में पूरी सभ्यता को नष्ट करने की क्षमता है। उनका कहना है कि एक नया विश्व युद्ध असंभव नहीं लगता। लेकिन वह देशों के बीच नहीं बल्कि एआई- जिसे वे एलीयन इंटेलीजेंस कहते हैं- और मानव जाति के बीच होगा। हरारी कहते हैं एआई इतनी तेजी से विकसित हो रही है कि हमें नहीं पता हम अपने युवाओं को ऐसा क्या सिखाएं, जो 20 साल बाद भी प्रासंगिक हो। यदि एआई के पिछले 2-3 वर्षों के अनुभवों को देखें तो संकेत मिलता है कि भविष्य में दोनों ही बातें सही साबित हो सकती हैं। बहस के दोनों पक्षों में हमारे समय के कुछ सबसे उज्ज्वल, महत्वाकांक्षी और इनोवेटिव दिमाग शामिल हैं। बिल गेट्स कहते हैं, एआई लोगों के काम करने, सीखने, यात्रा करने, हेल्थकेयर प्राप्त करने और एक-दूसरे से संवाद करने के तरीके को बदल देगा। जिस गति से एआई विकसित हो रहा है, उसने वैज्ञानिकों को आश्चर्यचकित कर दिया है। हरारी का कहना है कि यह जैविक विकास की तुलना में दस लाख गुना तेजी से विकसित हो रहा है। यानी जैविक विकास में जिसे दस लाख साल लगे, उसे डिजिटल विकास एक साल में हासिल कर लेगा! डर इस बात का है कि क्या एआई बुद्धिमत्ता में अपने सृजनकर्ता मनुष्यों से भी आगे निकल जाएगी? और अगर ऐसा है, तो क्या यह अपने मालिक को गुलाम भी बना सकती है? मौजूदा साक्ष्यों से तो ऐसा लगता है कि पहले सवाल का जवाब हां है। हाल ही में अमेरिका में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की बैठक में, मॅक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर द साइंस ऑफ लाइट के भौतिक विज्ञानी मारियो क्रेन ने अपने सहकर्मियों के साथ प्रकाशित एक लेख के बारे में बताया कि इस पेपर के मुख्य लेखकों में से किसी ने भी इसमें वर्णित विचारों को नहीं सोचा था। उनके विचार मशीन से आए थे। हम केवल यह विश्लेषण कर रहे हैं कि मशीन ने क्या किया है। इंटरनेट पर ऐसे ही अन्य वैज्ञानिकों के किस्से भरे पड़े हैं, जो ए आई का उपयोग कर रहे हैं। कंप्यूटर वैज्ञानिक जेफ्री हिंटन- जिन्हें एआई का गॉडफादर भी कहा जाता है- कहते हैं, हमें गंभीरता से सोचना चाहिए कि इन चीजों को अपने पर नियंत्रण करने से कैसे रोकें। यह कौन तय करेगा कि एआई पर लगाम कैसे और कब लगाई जाए? एआई यकीनन हमारा भविष्य है, लेकिन हम इसे कैसे नियंत्रित करेंगे? इसके उपयोग के नियम कौन लिखेगा और उन्हें कौन लागू करेगा? क्या पूरी पृथ्वी के लिए एक ही नियम होगा, जिसे कोई सुपर-सरकारी संस्था लागू करेगी? या क्या प्रत्येक देश अपने स्वयं के नियम बनाएगा? एक ऐसे युग में हैं, जिसमें लोग वैकल्पिक तथ्यों पर विश्वास करते हैं और राष्ट्रों और समाजों के बीच परस्पर-भरोसा घट गया है। मानव जाति एआई के संचालन के नियम स्थापित करने में भले सक्षम हो जाए, लेकिन उन नियमों को सीखने और उनसे बचने के लिए क्या करना होगा? आई में बड़े कॉर्पोरेट्स ही सबसे ज्यादा पैसा लगा रहे हैं, जिनकी बुनियादी चिंता खेल में आगे रहना और अपने मुनाफे को बढ़ाते रहना है। उनका लक्ष्य अपने बाजार का आकार बढ़ाना, प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में तेजी से बढ़ना और इनोवेशन के लिए एल्गोरिदम का उपयोग करना है। सरकारें इस बात से चिंतित नहीं हैं कि एआई मानवता को कैसे प्रभावित करेगी, उनकी चिंता इस बात को लेकर है कि दूसरे देशों द्वारा एआई के उपयोग से उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा। सरकारें एआई को अपने दुश्मन या मानवता का उत्थान करने वाले एसेट के रूप में नहीं देखतीं। बहुत संभावना है कि वे दुनिया पर दबदबा स्थापित करने के लिए और अन्य देशों की सुरक्षा-प्रणालियों में सेंध लगाने के लिए एआई का उपयोग करना चाहती हों!
Dakhal News
नवनीत गुर्जर ये विवादों का देश है। फिलहाल देश में गणेश उत्सव चल रहा है और विवाद भी गणपति पूजा को लेकर ही शुरू हो गया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्रियन पोशाक पहनकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ( सीजेआई) चंद्रचूड़ के घर चले गए थे। वहाँ उन्होंने गणपति पूजा भी की। प्रधानमंत्री ने गणपति की आरती उतारी और गाई सीजेआई ने। विपक्ष ने इस पर हंगामा कर दिया। विपक्ष का कहना है कि राजनीति और न्यायिक व्यवस्था दोनों में एक मर्यादा होती है। एक लक्ष्मण रेखा होती है। इसका पालन होना ही चाहिए। अगर मुख्य न्यायाधीश ने प्रधानमंत्री को गणपति पूजा का आमंत्रण दिया भी था तो इसकी वीडियोग्राफ़ी करने की क्या ज़रूरत थी? या प्रचार की आवश्यकता क्यों पड़ी? जवाब में भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि कांग्रेस के सत्ताकाल में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इफ़्तार पार्टी दी थी और उसमें तब के मुख्य न्यायाधीश शामिल हुए थे तब कांग्रेस और बाक़ी पार्टियों ने ऐतराज क्यों नहीं किया? सवाल यह है कि इफ़्तार पार्टी हो या गणपति पूजा, कोई भी किसी के कार्यक्रम या उसके आमंत्रण पर कहीं भी जा सकता है। इसमें ऐतराज कैसा? आख़िर किसी सीजेआई या किसी प्रधानमंत्री की निजी और सामाजिक ज़िंदगी है या नहीं? फिर किसी प्रधानमंत्री के किसी सीजेआई के घर पूजा करने जाने से क्या सीजेआई के फ़ैसलों पर असर पड़ सकता है? नहीं। हमारी संवैधानिक संस्थाएँ इतनी भी कमजोर नहीं हैं कि किसी के किसी के घर जाने से प्रभावित हो जाएं! वे कश्मीर वाले फारुख अब्दुल्ला भी प्रधानमंत्री के सीजेआई के घर जाने की निंदा कर रहे हैं, जिन्होंने कश्मीर में अपना राज रहते हुए किसी कानून, किसी संवैधानिक संस्था की परवाह नहीं की। वे उद्धव ठाकरे जिनकी पार्टी सालों तक भाजपा के साथ रही, वे भी कह रहे हैं कि सीजेआई चंद्रचूड़ को हमसे जुड़े हुए न्यायिक मामलों से खुद को अलग कर लेना चाहिए! आख़िर ये कैसी बहस है? ये कैसा दौर है जहां मुख्य न्यायाधीश के फ़ैसलों, उनकी शिद्दत और ईमानदारी पर शक किया जा रहा है! सिर्फ़ इसलिए कि देश के प्रधानमंत्री ने उनके घर जाकर गणपति पूजा में हिस्सा ले लिया? सही है, राजनीति में और न्यायिक तंत्र में एक मर्यादा और एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए, लेकिन इसके लिए किसी सीजेआई या किसी प्रधानमंत्री की धार्मिक भावनाओं को हाशिए पर कैसे डाला जा सकता है?
Dakhal News
डेरेक ओ ब्रायन भारत की श्रम-शक्ति में महिलाओं की भागीदारी दर सिर्फ 28% है। भारत में हर तीन में से एक युवा शिक्षा, रोजगार या प्रशिक्षण संबंधी किसी गतिविधि में सम्मिलित नहीं है और इसमें भी 95% महिलाएं हैं। प्रबंधकीय पदों पर हर पांच पुरुषों पर एक महिला है। ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2023 में भारत 146 देशों में 127वें स्थान पर है। नीति आयोग के एक सर्वेक्षण के अनुसार 18 से 49 वर्ष की दस में से तीन महिलाओं ने अपने पति की हिंसा सही है। चुनावी घोषणा-पत्रों, संसदीय भाषणों या आंतरिक प्रस्तावों में, हर दल आपको बताएगा कि महिलाओं को ‘आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता है।’ कहना आसान है, करना मुश्किल। चुनौती यह है कि जब महिलाएं श्रम-शक्ति के दायरे से बाहर हैं, तो उन्हें आर्थिक आजादी कैसे देंगे? यहीं पर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का परिदृश्य में प्रवेश होता है। डीबीटी से मिलने वाली आय का अधिकांश हिस्सा महिला अपने विवेक से खर्च करती है। इन योजनाओं के माध्यम से कम आय वाले परिवारों को लक्षित करना विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि ये परिवार आय का बड़ा हिस्सा भोजन व ईंधन जैसी बुनियादी आवश्यकताओं पर खर्च करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे निचले स्तर पर मौजूद 20% परिवार अपनी आय का 53% भोजन पर खर्च करते हैं, जबकि इसी वर्ग के शहरी परिवार 49% खर्च करते हैं। उच्च-खपत के इन पैटर्न को देखते हुए, डीबीटी के माध्यम से दिया गया अधिकांश पैसा वापस अर्थव्यवस्था में चला जाता है। लेकिन अगर डीबीटी की राजनीति की बात करें तो यह इतनी स्पष्ट नहीं है। इस योजना से चुनाव जीतने की गारंटी नहीं मिलती। जनवरी 2020 में शुरू की गई वाईएसआरसीपी की जगन्नाना अम्मावोडी योजना इस साल के लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के लिए जादू नहीं कर पाई। लेकिन तेलंगाना में कहानी अलग थी। केसीआर की बीआरएस को इस बात का अफसोस हो रहा होगा कि उनके पास ऐसी कोई डीबीटी योजना नहीं थी। कांग्रेस की महालक्ष्मी योजना- जो उसके अपने कर्नाटक (गृह लक्ष्मी) मॉडल से प्रेरित थी- को 2023 में तेलंगाना विधानसभा में बड़ी जीत के बाद बहुत जोर-शोर से पेश किया गया था, और उसने 18वीं लोकसभा में भरपूर चुनावी लाभ दिया। महाराष्ट्र में सरकार ने इस साल जून में बजट के दौरान लड़की बहन योजना की घोषणा की। पहली किश्त अगस्त में महिलाओं के बैंक खातों में पहुंच गई। दूसरी किश्त अक्टूबर के मध्य में लाभार्थियों तक पहुंचने की संभावना है। क्या यही कारण है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के साथ महाराष्ट्र के चुनावों की घोषणा नहीं की गई? क्या लड़की बहन योजना एनडीए सरकार को बचाने के लिए काफी होगी? महाराष्ट्र के अलावा, असम और मध्य प्रदेश जैसे एनडीए-राज्य भी ऐसी ही योजनाएं चलाते हैं। वहीं इस तरह के विपक्षी राज्यों में तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब शामिल हैं। बंगाल में भी लक्ष्मी भंडार योजना है। अमर्त्य सेन के प्रतीची ट्रस्ट ने कहा है कि नकद प्रोत्साहनों ने महिलाओं की आर्थिक निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाया है और परिवार में उनकी स्थिति में सुधार किया है। अध्ययन में कहा गया है कि पांच में से चार महिलाएं अपनी इच्छा से पैसे खर्च करती हैं और दस में से एक पति से बातचीत करने के बाद पैसे खर्च करने का तरीका तय करती है। महिलाओं ने खुद बताया कि परिवार में उनकी स्थिति में सुधार हुआ है। ये सभी योजनाएं पूरी तरह से राज्यों द्वारा प्रायोजित हैं। फिर केंद्र सरकार के अधीन भी 53 मंत्रालय हैं, जो 315 डीबीटी योजनाएं चलाते हैं। इनमें से 13 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संबंधित हैं। लेकिन योजनाओं को लागू करने में मंत्रालय का रिकॉर्ड बहुत खराब है और डीबीटी प्रदर्शन रैंकिंग में वह 53 मंत्रालयों में से 31वें स्थान पर है। दिलचस्प बात यह है कि ऐसी कोई केंद्रीय योजना नहीं है, जो सभी महिलाओं को सीधे वित्तीय सहायता हस्तांतरित करती हो या विशेष रूप से कम आय वाली महिलाओं को लक्षित करती हो। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता देती है। इस साल की शुरुआत में अमित शाह ने कहा था, हम डीबीटी योजना (लक्ष्मी भंडार) को बंद नहीं करेंगे। उलटे सहायता राशि 100 रु. बढ़ा देंगे। आईएमएफ तक ने भारत की डीबीटी योजनाओं को लॉजिस्टिकल चमत्कार करार दिया है। तो क्या हमें राष्ट्रीय स्तर पर इसके लागू होने का इंतजार करना चाहिए! नकद प्रोत्साहनों ने महिलाओं की आर्थिक निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाया है और परिवार में उनकी स्थिति में सुधार किया है। अध्ययन में कहा गया है कि पांच में से चार महिलाएं अपनी इच्छा से पैसे खर्च करती हैं।
Dakhal News
डेरेक ओ ब्रायन भारत की श्रम-शक्ति में महिलाओं की भागीदारी दर सिर्फ 28% है। भारत में हर तीन में से एक युवा शिक्षा, रोजगार या प्रशिक्षण संबंधी किसी गतिविधि में सम्मिलित नहीं है और इसमें भी 95% महिलाएं हैं। प्रबंधकीय पदों पर हर पांच पुरुषों पर एक महिला है। ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2023 में भारत 146 देशों में 127वें स्थान पर है। नीति आयोग के एक सर्वेक्षण के अनुसार 18 से 49 वर्ष की दस में से तीन महिलाओं ने अपने पति की हिंसा सही है। चुनावी घोषणा-पत्रों, संसदीय भाषणों या आंतरिक प्रस्तावों में, हर दल आपको बताएगा कि महिलाओं को ‘आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता है।’ कहना आसान है, करना मुश्किल। चुनौती यह है कि जब महिलाएं श्रम-शक्ति के दायरे से बाहर हैं, तो उन्हें आर्थिक आजादी कैसे देंगे? यहीं पर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का परिदृश्य में प्रवेश होता है। डीबीटी से मिलने वाली आय का अधिकांश हिस्सा महिला अपने विवेक से खर्च करती है। इन योजनाओं के माध्यम से कम आय वाले परिवारों को लक्षित करना विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि ये परिवार आय का बड़ा हिस्सा भोजन व ईंधन जैसी बुनियादी आवश्यकताओं पर खर्च करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे निचले स्तर पर मौजूद 20% परिवार अपनी आय का 53% भोजन पर खर्च करते हैं, जबकि इसी वर्ग के शहरी परिवार 49% खर्च करते हैं। उच्च-खपत के इन पैटर्न को देखते हुए, डीबीटी के माध्यम से दिया गया अधिकांश पैसा वापस अर्थव्यवस्था में चला जाता है। लेकिन अगर डीबीटी की राजनीति की बात करें तो यह इतनी स्पष्ट नहीं है। इस योजना से चुनाव जीतने की गारंटी नहीं मिलती। जनवरी 2020 में शुरू की गई वाईएसआरसीपी की जगन्नाना अम्मावोडी योजना इस साल के लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के लिए जादू नहीं कर पाई। लेकिन तेलंगाना में कहानी अलग थी। केसीआर की बीआरएस को इस बात का अफसोस हो रहा होगा कि उनके पास ऐसी कोई डीबीटी योजना नहीं थी। कांग्रेस की महालक्ष्मी योजना- जो उसके अपने कर्नाटक (गृह लक्ष्मी) मॉडल से प्रेरित थी- को 2023 में तेलंगाना विधानसभा में बड़ी जीत के बाद बहुत जोर-शोर से पेश किया गया था, और उसने 18वीं लोकसभा में भरपूर चुनावी लाभ दिया। महाराष्ट्र में सरकार ने इस साल जून में बजट के दौरान लड़की बहन योजना की घोषणा की। पहली किश्त अगस्त में महिलाओं के बैंक खातों में पहुंच गई। दूसरी किश्त अक्टूबर के मध्य में लाभार्थियों तक पहुंचने की संभावना है। क्या यही कारण है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के साथ महाराष्ट्र के चुनावों की घोषणा नहीं की गई? क्या लड़की बहन योजना एनडीए सरकार को बचाने के लिए काफी होगी? महाराष्ट्र के अलावा, असम और मध्य प्रदेश जैसे एनडीए-राज्य भी ऐसी ही योजनाएं चलाते हैं। वहीं इस तरह के विपक्षी राज्यों में तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब शामिल हैं। बंगाल में भी लक्ष्मी भंडार योजना है। अमर्त्य सेन के प्रतीची ट्रस्ट ने कहा है कि नकद प्रोत्साहनों ने महिलाओं की आर्थिक निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाया है और परिवार में उनकी स्थिति में सुधार किया है। अध्ययन में कहा गया है कि पांच में से चार महिलाएं अपनी इच्छा से पैसे खर्च करती हैं और दस में से एक पति से बातचीत करने के बाद पैसे खर्च करने का तरीका तय करती है। महिलाओं ने खुद बताया कि परिवार में उनकी स्थिति में सुधार हुआ है। ये सभी योजनाएं पूरी तरह से राज्यों द्वारा प्रायोजित हैं। फिर केंद्र सरकार के अधीन भी 53 मंत्रालय हैं, जो 315 डीबीटी योजनाएं चलाते हैं। इनमें से 13 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संबंधित हैं। लेकिन योजनाओं को लागू करने में मंत्रालय का रिकॉर्ड बहुत खराब है और डीबीटी प्रदर्शन रैंकिंग में वह 53 मंत्रालयों में से 31वें स्थान पर है। दिलचस्प बात यह है कि ऐसी कोई केंद्रीय योजना नहीं है, जो सभी महिलाओं को सीधे वित्तीय सहायता हस्तांतरित करती हो या विशेष रूप से कम आय वाली महिलाओं को लक्षित करती हो। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता देती है। इस साल की शुरुआत में अमित शाह ने कहा था, हम डीबीटी योजना (लक्ष्मी भंडार) को बंद नहीं करेंगे। उलटे सहायता राशि 100 रु. बढ़ा देंगे। आईएमएफ तक ने भारत की डीबीटी योजनाओं को लॉजिस्टिकल चमत्कार करार दिया है। तो क्या हमें राष्ट्रीय स्तर पर इसके लागू होने का इंतजार करना चाहिए! नकद प्रोत्साहनों ने महिलाओं की आर्थिक निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाया है और परिवार में उनकी स्थिति में सुधार किया है। अध्ययन में कहा गया है कि पांच में से चार महिलाएं अपनी इच्छा से पैसे खर्च करती हैं।
Dakhal News
नवनीत गुर्जर जम्मू- कश्मीर और हरियाणा में चुनाव चल रहे हैं। इस वक्त चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। सभी राजनीतिक दल एक- दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगाने में उलझे हुए हैं। राजनीतिक नैतिकता कहती है कि कोई कितना भी बडा विरोधी हो, उस पर आरोप लगाते वक्त मर्यादा का ख़्याल ज़रूर रखना चाहिए। संयम भी ज़रूरी है। बात किसी एक दल या पार्टी की नहीं है, सभी दल या उनके नेता एक दूसरे पर मर्यादा छोड़कर आरोप लगा रहे हैं। कोई कह रहा है हरियाणा वाले भूपेन्द्र हुड्डा दरअसल, भाजपा की बी पार्टी हैं। वे खुद को बचाने के लिए भाजपा से मिल गए हैं। इस बीच कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बुधवार को कश्मीर में एक अलग ही स्तर पर चले गए। उन्होंने प्रधानमंत्री पर तो झूठ बोलने के आरोप लगाए ही, यह भी कह दिया कि लोकसभा चुनाव में अगर हमें बीस सीटें और मिल जाती तो ये भाजपा वाले आज जेल में होते! आख़िर इसका क्या मतलब समझा जाए? खरगे साहब कहना क्या चाहते हैं? क्या आप किसी पार्टी या उसके नेताओं से बदला लेने के लिए केंद्र की सत्ता में आना चाहते हैं? फिर बीस सीटें और मिल जातीं, इसका तात्पर्य क्या है? क्यों रह गए पीछे? बीस और सीटें जीतने से आपको या आपकी कांग्रेस को आख़िर किसने रोक रखा था? एक तरफ़ विदेश जाकर राहुल गांधी ने कोहराम मचाया हुआ है और दूसरी तरफ देश के भीतर खरगे साहब से अपने ग़ुस्से पर क़ाबू नहीं पाया जा रहा है। बेशक आप चुनाव जीतिए। सारे राज्यों में सरकार बना लीजिए। अगला लोकसभा चुनाव भी जीत लीजिए, लेकिन आरोप लगाते वक्त मर्यादा का तो ख़्याल रखिए! ताकि कल को जब आप पर या आपकी पार्टी पर कोई आरोप लगाया जाए तो आप कह सकें कि यह राजनीतिक नैतिकता या मर्यादा के खिलाफ है। कुल मिलाकर शब्दों की अपनी मर्यादा होती है और उसे बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। सामान्य जीवन में भी। परिवार और समाज में भी। सार्वजनिक जीवन से जुड़े हुए लोगों, राजनेताओें नेताओं के लिए तो ये सबसे ज़्यादा जरूरी है।
Dakhal News
बरखा दत्त इस सप्ताह ममता बनर्जी ने बताया कि कोलकाता पुलिस प्रमुख ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने त्यौहारों का मौसम होने के कारण इसे नहीं स्वीकारा। उन्होंने एक बार फिर राजनीतिक सूझबूझ की कमी को दर्शाया। ममता के व्यक्तित्व में हमेशा से ही एक तरह की उग्रता रही है और इसी ने उन्हें मजबूत जमीनी राजनेता बनाया, लेकिन कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में एक युवा डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के बाद से ही उन्होंने अपने व्यक्तित्व के इस गुण का हठपूर्वक दुरुपयोग किया है। टीएमसी सरकार की सबसे बड़ी गलती आरजी कर कॉलेज के बदनाम पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को तुरंत बर्खास्त न करना थी। अब तक इस बात के पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं कि घोष कॉलेज में भय का साम्राज्य चला रहा था। मैंने कॉलेज की दो छात्राओं से बात की है, जिन्होंने बताया कि एक समय तो उन्होंने घोष के उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या तक करने का मन बना लिया था। कॉलेज के एक पूर्व अधिकारी अख्तर अली ने बताया कि एक महिला डॉक्टर ने उन्हें बताया उसका भी यौन उत्पीड़न किया गया था। कॉलेज में मरीजों के मृत शरीरों और बायोमेडिकल कचरे के अंडरग्राउंड कारोबार के बारे में कई सबूत मिले हैं। यह भी स्पष्ट है कि घोष के खिलाफ शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद क्या-क्या हुआ? हम जानते हैं कि कॉलेज के अधिकारियों ने युवा डॉक्टर के माता-पिता से झूठ बोला और कहा कि उनकि बेटी ने आत्महत्या कर ली है। हम जानते हैं कि घोष के करीबी माने जाने वाले लोग उस सेमिनार हॉल के इर्द-गिर्द घूमते पाए गए, जो कि मौका-ए-वारदात है। हम जानते हैं कि मृत्यु की घोषणा में कम से कम तीन घंटे की देरी की गई और तुरंत ही हत्या व दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई। इस सबके बावजूद, घोष की नौकरी नहीं जाती। उसका दूसरे सरकारी मेडिकल कॉलेज में तबादला कर दिया जाता है। जब प्रदर्शनकारी छात्र उसे उसमें प्रवेश नहीं करने देते तो टीएमसी क्या करती है? वह अपने दो नेताओं- एक राज्य मंत्री और एक विधायक को भेजकर छात्रों को मनाने की कोशिश करती है कि वे घोष को स्वीकार लें। अंत में हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करके उसे बर्खास्त करना पड़ता है; लेकिन पहले यह पूछा जाता है कि घोष इतना शक्तिशाली क्यों है कि उसकी मदद के लिए सरकारी वकील नियुक्त किया गया है? अब टीएमसी के नेता कह रहे हैं कि घोष को जिन वित्तीय अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया गया है (जिनकी शिकायतों को अतीत में नजरअंदाज किया गया था), उनका डॉक्टर की हत्या से कोई संबंध नहीं है। लेकिन एक भी प्रदर्शनकारी डॉक्टर इससे सहमत नहीं है। पिछले महीने मैंने जितने भी डॉक्टरों से बात की, उनमें से हर एक का मानना है कि संजय रॉय- जिसे अपराध के लिए गिरफ्तार किया गया था- अकेले ऐसा नहीं कर सकता था। बंगाल के सबसे अच्छे कार्डियक सर्जनों में से एक डॉ. कुणाल सरकार का कहना कि बड़े पैमाने पर कवर अप हुआ है। और हर कोई जानता है कि घोष के बिना यह संभव नहीं था। घोष का बचाव करना ममता सरकार की पहली बड़ी गलती थी। दूसरी गलती थी कि पूरे देश, और विशेषकर कोलकाता में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों को भाजपा और सीपीएम का राजनीतिक प्रतिशोध करार देना। खुद टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने पार्टी छोड़ने के बाद मुझसे कहा कि बेशक ममता के राजनीतिक विरोधी इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे, लेकिन विरोध में हो रहे आंदोलन पार्टी की राजनीति से परे हैं। तीसरी बड़ी गलती पुलिस के खिलाफ कोई कार्रवाई न करना थी। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आरजी कर कॉलेज में आधी रात को हुई तोड़फोड़- जिसमें हजारों उपद्रवियों ने डॉक्टरों के विरोध-स्थल को तहस-नहस कर दिया- पुलिस की विफलता थी। पुलिस प्रमुख को अगले ही दिन छुट्टी पर जाने के लिए कहा जाना चाहिए था। इसके बजाय टीएमसी ने उनकी सुरक्षा पर दोगुना जोर दिया। उसी रात नर्सिंग स्टाफ का अंजाम ‘पीड़िता के जैसा’ करने की धमकी दी गई थी और पुलिस उपद्रवियों को रोकने में असमर्थ या अनिच्छुक थी। डॉक्टरों को काम पर लौटने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश सरकार को राहत नहीं दे सकता। अगर सरकार डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करती है तो डॉ. सरकार के मुताबिक 12,000 इस्तीफे तैयार हैं। एकमात्र तरीका यह है कि मुख्यमंत्री डॉक्टरों की ओर सुलह का हाथ बढ़ाएं। अगर सरकार की प्रतिक्रिया शुरू से ही आक्रामकता के बजाय विनम्रता की होती, तो शायद यह स्थिति ही नहीं पैदा होती। अस्पताल में बड़े पैमाने पर कवर अप हुआ है। और हर कोई जानता है प्रिंसिपल घोष के बिना यह संभव नहीं था। लेकिन ममता सरकार पूरे देश में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों को भाजपा और सीपीएम का राजनीतिक प्रतिशोध करार देने लगी।
Dakhal News
रश्मि बंसल मेरे घर पर एक प्यारी सी बेटी है- माया। वो नटखट है, सयानी भी। बेहद प्यार करती है, डांट भी लगाती है। उसकी बड़ी बहन अपने दोस्तों की दुनिया में मशगूल है मगर माया मुझसे अब भी चिपक कर रहना चाहती है। मैं कहती हूं- ‘माया, बस’! - पर मुस्कराते हुए। आप शायद समझ गए होंगे, माया मेरी डॉगी है। कुत्ता एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो मनुष्य के साथ मिलजुल कर रहता है। युधिष्ठिर के वफादार कुत्ते के बारे में आपने सुना ही होगा। लेकिन महाभारत की शुरुआत में भी एक प्राणी की कहानी है। जब जन्मेजय भाइयों के साथ नागयज्ञ कर रहे थे, एक मासूम पिल्ला वहां आया और उसकी जमकर पिटाई की गई। इस पर उसकी मां ने जन्मेजय को शाप दिया कि एक दिन तुम्हारा कुल बरबाद हो जाएगा। कहने का मतलब ये कि हर प्राणी को जीने का अधिकार है और न्याय का हक भी। आजकल सोशल मीडिया पर दर्दनाक वीडियो आते हैं- कोई डॉग की दुम पर पटाखा लगाकर फोड़ रहा है तो कोई उस पर पत्थर फेंक रहा है। मूक प्राणी की पीड़ा से जिसे किक मिलती है वो कोई अत्यंत गया-गुजरा होगा। वैसे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो स्ट्रीट डॉग से नफरत करते हैं। कोई उन्हें खाना खिलाता है, तो उस पर भी आपत्ति होती है। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत मूक प्राणियों के भी कुछ अधिकार हैं। उनका शोषण एक अपराध है मगर उससे भी बड़ी क्रूरता है- थोड़े दिन पालकर फिर छोड़ देना। जी हां, आजकल डॉग पालना एक फैशन है। बच्चे को आपने बर्थडे पर गिफ्ट कर दिया, फिर पता चला कि रखना इतना आसान नहीं। रोज उसे घुमाना पड़ता है, खिलाना पड़ता है, वैक्सीन लगवानी पड़ती है। क्यूट-सा पपी एक दिन बड़ा हो जाता है और अब इतना क्यूट नहीं। फिर एक दिन आप उसे गाड़ी में बैठाकर कहीं दूर छोड़ देते हैं। भाई, मजा ले लिया खिलौने का, अब नहीं लुभाता। बेचारा वहां घंटों आपके इंतजार में बैठा रहता है। भूखा, प्यासा, उसकी आंखें आपको ढूंढ रही हैं। जरूर कोई गलती हुई है, वो मुझे लेने आएंगे। राह में चलते हुए प्राणियों के किसी हमदर्द को दया आती है। वो एनजीओ को बताता है। एनजीओ के पास रोज पांच-सात फोन आते हैं इस तरह के। उनके पास जगह नहीं, उनकी जेब तकरीबन खाली, मगर दिल नहीं मानता। उस कुत्ते को आश्रय देते हैं, इस आशा से कि आगे चलकर कोई एडॉप्ट करेगा। ये डॉग ज्यादा ‘ऊंची नस्ल’ वाले होते हैं। जो देखने में सुंदर माने जाते हैं, और जिनसे आपका ‘स्टेटस’ बढ़ता है। जैसे लेब्राडोर, गोल्डन रिट्रीवर, ल्हासा एप्सो इत्यादि। चूंकि इनकी डिमांड है, इन नस्लों का प्रजनन धंधा बन गया है। पैदा होते ही पिल्ले को मां से अलग करके बेच दिया जाता है। खैर लोगों के लिए ये एक ‘ब्रांडेड’ डॉग है, जैसे ब्रांडेड बैग या जूता। स्टेटस दिखाने के और भी तरीके हैं। पेट्स पालना जिम्मेदारी है, पूरे परिवार की सहमति से ऐसा निर्णय लें। और हां, खरीदिए मत- एडॉप्ट कीजिए। आपके शहर में जरूर कोई एनजीओ होगा, जानवरों के हित में काम करने वाला। वहां प्यारे-प्यारे मूक प्राणी आपका इंतजार कर रहे हैं। अब यूं नहीं कि आप किसी भी देसी कुत्ते को सड़क से उठा लो। अगर अकेला हो, मां आसपास नहीं, तो बात अलग है। कुत्ते पालने के साथ समाज को कुछ नियमों का भी पालन करना जरूरी है। एक प्यारा-सा डॉग अपना लीजिए, एक सच्चा साथी पा लीजिए।
Dakhal News
चेतन भगत एक वरिष्ठ नेता ने एक बार मुझसे कहा था, भारत में राजनीति तीन बड़े फैक्टर्स- धर्म, जाति और अमीर-गरीब के इर्द-गिर्द ही चलती है। नीति निर्माण, सुशासन, विकास- ये सब अच्छी बातें हैं, लेकिन इन तीन चीजों से ही सब कुछ तय होता है। इसमें भी, अमीर-गरीब वाला फैक्टर एक सीमा के बाद मायने नहीं रखता, क्योंकि सभी दल दावा करते हैं कि वे गरीबों के पक्ष में हैं। अमीरों का पक्ष लेने में कोई फायदा नहीं है, जो वैसे भी अल्पसंख्यक हैं। इसीलिए सभी दलों में रेवड़ी-वितरण को लेकर होड़ रहती है। लेकिन राजनीति का असल खेल धर्म और जाति के नाम पर होता है। पिछला दशक धर्म के इर्द-गिर्द घूमता रहा। भाजपा स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हिंदू वोटों को एक साथ लाने में कामयाब रही। यह धर्म से जुड़े मुद्दों की पहचान करके किया गया, जिन पर इससे पहले ध्यान नहीं दिया गया था। हर भारतीय रामायण देखते-सुनते हुए बड़ा हुआ। यह कहानी अयोध्या में घटित होती है। ऐसे में यह सोचना कि अयोध्या में कोई बड़ा राम मंदिर नहीं है, हिंदुओं को हैरान करता था। यह भावनात्मक मुद्दा भाजपा ने अपने हाथ में ले लिया। दशकों लग गए, लेकिन आखिरकार अयोध्या में मंदिर बन गया। इस जैसे मुद्दों ने सत्ता के लिए वोट हासिल करने में भाजपा की मदद की। इस बीच, जाति का मुद्दा अपेक्षाकृत रूप से निष्क्रिय रहा। कुछ विशेषज्ञों ने यह भी तर्क दिया कि शायद जाति अब इतना बड़ा मुद्दा नहीं रह गया है। जातिगत भेदभाव शायद इस हद तक कम हो गया था कि यह अब मतदाताओं को आकर्षित नहीं करता। जाति आधारित आरक्षण भी सात दशकों से अधिक समय से लागू है। लेकिन ये धारणा गलत थी। हकीकत यह है कि जाति भारतीय राजनीति में एक मजबूत मुद्दा थी, है और रहेगी। वास्तव में, यह अगले दशक में सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर साबित हो सकती है। इसका कारण यह है कि संविधान में ही जाति-आधारित आरक्षण अंतर्निहित है। सरकारी नौकरियों और कॉलेज में दाखिले जैसे कुछ राज्यसत्ता के संसाधन वंचितों के लिए आरक्षित किए गए हैं। हालांकि यह उत्पीड़ित समुदायों की मदद के लिए किया गया था, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि जातिगत-विभाजन हमेशा बना रहेगा। धर्म के मामले में अगर कुछ धर्मस्थलों पर विवादों को छोड़ दें तो कोई कानूनी-विभाजन नहीं है। धार्मिक-विभाजन मुख्यतया अलग-अलग मान्यताओं, संस्कृति और मूल्यों का मामला है, लेकिन जाति के मामले में एक अंतर्निहित प्रतिस्पर्धा निर्मित हो गई है। नौकरियां और सीटें सीमित हैं, और उनका एक हिस्सा आरक्षित रखा जाता है। इसके पीछे चाहे जितनी अच्छी मंशा हो, यह व्यवस्था विभाजन की गुंजाइशें पैदा करती है। किसे आरक्षण मिलता है, किसे नहीं? नौकरियों और सीटों का कितना प्रतिशत आरक्षित होना चाहिए? और किन क्षेत्रों में? उच्च स्तर पर वंचित जातियों का प्रतिनिधित्व कितना है? क्या आरक्षण योग्यता और प्रतिभा की कीमत पर लागू हो रहा है? क्या उच्च जाति के बच्चे आरक्षण की कीमत चुका रहे हैं? ये तमाम सवाल न केवल जायज हैं, बल्कि हमारी व्यवस्था में स्थायी भी बन चुके हैं। और चूंकि जाति-व्यवस्था मुख्य रूप से हिंदुओं पर लागू होती है, इसका मतलब यह भी है कि इससे हिंदू समाज में एक स्थायी विभाजन बना रहता है। ऐसे में इस पर राजनीति क्यों कर ना होगी? 2024 के चुनावों से उत्साहित विपक्ष ने समझ लिया है कि अब भारतीय राजनीति में जाति को फिर से बुनियादी मुद्दा बनाने का समय आ गया है। लेकिन क्या यह देश के लिए अच्छा है? धर्म और जाति दोनों ही पहचान की राजनीति पर आधारित हैं और देश को बांटते हैं। इस फेर में इकोनॉमी, शिक्षा, बुनियादी ढांचा जैसे मुद्दे पृष्ठभूमि में चले जाते हैं। यही कारण है कि इतना सब होने के बावजूद हम चीन जैसी महाशक्ति नहीं बन पाते हैं। लेकिन इसका एक सकारात्मक पहलू भी है, इन विभेदों के चलते ही हमारा लोकतंत्र जीवंत बना हुआ है! विपक्ष ने समझ लिया है कि जाति को फिर से बुनियादी मुद्दा बनाने का समय आ गया है। लेकिन क्या यह देश के लिए अच्छा है? ऐसे मुद्दे देश को बांटते हैं। इस फेर में इकोनॉमी, शिक्षा, बुनियादी ढांचा जैसे मुद्दे पृष्ठभूमि में चले जाते हैं।
Dakhal News
एन. रघुरामन बेंगलुरु में इनकम टैक्स इंस्पेक्टर होने के बावजूद, लोग उन्हें कौतूहल से देखते और ताने देने के साथ उपहास करते। पर पानीपत के रहने वाले 4 फीट 4 इंच कद के 23 वर्षीय यह नौजवान हमेशा से ही सम्मान और गरिमा चाहते थे। क्योंकि वह ड्वारफिज्म (बौनेपन) से पीड़ित थे, जिसका मतलब था कि उनके हाथ, पैर, पेट और सिर की सामान्य वृद्धि नहीं हुई थी। इसलिए वो आलोचकों को गलत साबित करना चाहते थे। पैरालिंपिक खेलों के लिए 31 अगस्त को जब नवदीप सिंह पेरिस पहुंचे तो वे चाहते थे कि भारत में लोग उन्हें अलग तरीके से याद रखें- छोटी हाइट के तौर पर नहीं बल्कि एक चैंपियन और पैरा-एथलीट के तौर पर। लेकिन उनकी नियति 7 सितंबर को तय होनी थी। दो बार पैरालिंपिक में गोल्ड जीत जुके, राजस्थान-चुरु के रहने वाले 42 वर्षीय देवेंद्र झाझरिया, जो हाल में देश की पैरालिंपिक कमेटी के अध्यक्ष भी चुने गए, उन्होंने नवदीप को बिल्कुल अलग सलाह दी, जो उनके लिए काफी मददगार रही। देवेंद्र ने नवदीप को कहा कि कई लोगों को लगता है कि जैवलिन मुख्यतौर पर हाथों से फेंका जाता है, जबकि असली ताकत पैरों से मिलती है। उन्होंने उसे सलाह दी कि जमीन से पूरी ताकत पैदा करने के लिए वह दाएँं पैर का पूरी तरह इस्तेमाल करें। इस टेक्नीक से जमीन से फोर्स पैदा करने में मदद मिलती है, जो एकदम सटीकता और पूरी ताकत से भाला फेंकने में काम आती है। उनके पिता दलबीर सिंह, जो खुद राष्ट्रीय स्तर के कुश्ती खिलाड़ी रहे हैं, वह उसे प्रेरित करते रहते हैं और अपने बेटे से अपनी इच्छाएं पूरी करने की चाहत रखते हैं। और अंततः उनके बेटे ने ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि अपने पिता के लिए भी गोल्ड जीत लिया। वहीं नगालैंड के होकाटो होतोझे सिमा का संघर्ष भारतीय सेना में करिअर शुरू करने के तुरंत बाद ही शुरू हो गया था। उन्होंने 18 साल की उम्र में भारतीय सेना की 9-असम रेजिमेंट जॉइन की और जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में पोस्टिंग हुई। 14 अक्टूबर 2002 को अपने पहले ही असाइमेंट (चौकीबल में एक काउंटर घुसपैठ ऑपरेशन) में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में उन्हें घुटने से नीचे का अपना बायां पैर गंवाना पड़ा। अब 40 साल की उम्र में इन नायब सूबेदार ने शुक्रवार को धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ एक और लड़ाई जीती, उन्होंने पैरालिंपिक खेलों में पुरुषों के शॉट पुट खेल में कांस्य पदक जीता। रविवार रात जब मैं 2024 के पैरालिंपिक का शानदार समापन समारोह देख रहा था, तो मुझे अहसास हुआ कि समय आ गया है कि हम न सिर्फ इन दो खिलाड़ियों की बल्कि भिन्न रूप से सक्षम मेडल जीतने वाले हर एथलीट्स व फिनिशिंग लाइन तक पहुंचकर मेडल से चूकने वाले हर खिलाड़ी की सफलता का जश्न मनाएं। सात भारतीय, मेडल जीतने के करीब थे और चौथे रहे ः राकेश कुमार (व्यक्तिगत कंपाउंड तीरंदाजी), संदीप (जेवलिन थ्रो), शिवराजन सोलइमलाई, नित्य श्री (मिक्स्ड डबल्स एसएच-6 बैडमिंटन), सुकांत कदम (पुरुष एकल एसएल-4 बैडमिंटन), शैलेष कुमार (पुरुष ऊंची कूद), हरविंदर सिंह, पूजा (मिक्स टीम रिकर्व ओपन), सिमरन (वुमंस 100 मीटर)। 84 एथलीट्स वाले दल ने भारत के लिए न सिर्फ 29 मेडल जीते ( सात गोल्ड, नौ सिल्वर, 13 ब्रोन्ज) बल्कि भारत पैरालिंपिक में शामिल देशों में 18वें क्रम पर रहा, साथ ही उन्होंने ये भी साबित कर दिया है कि हमारा पैरा खेलों के इकोसिस्टम ने एक लंबा सफर तय किया है। अब आपको जब भी कोई भिन्न रूप से सक्षम व्यक्ति व्हील चेयर पर या मदद लेता नजर आए, तो उनका अभिवादन करें और ऐसे समाज का हिस्सा बनने के लिए उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प की सराहना करें, जो समाज उनको एक साधारण-सा रैंप तक उपलब्ध नहीं करा सकता या ऐसे बाथरूम नहीं बना सका, जहां व्हीलचेयर अंदर जा सके। फंडा यह है कि एक राष्ट्र के तौर पर हम मानवता की सीढ़ी पर ऊपर तभी चढ़ सकते हैं, जहां हम इन भिन्न रूप से सक्षम लोगों को देखकर उनका मखौल न उड़ाएं, बल्कि उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए अच्छे सलाहकार बनकर उभरें।
Dakhal News
शेखर गुप्ता कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट तो दे दिया है, पर यह तय नहीं है कि फिल्म कब रिलीज होगी। सेंसर बोर्ड ने 10 बदलावों की सूची भेजी और 3 विवादित दृश्य हटाने को कहा। मौजूदा दौर में नेहरू-गांधी परिवार की मलामत करने वाली फिल्में जिस रफ्तार से आई हैं, उसे देखते हुए आपने सोचा होगा कि यह भी फटाफट पास हो जाती। कंगना जबकि अब भाजपा की सांसद भी हैं, आप यही उम्मीद करेंगे कि उनकी फिल्म में इंदिरा को उस दौर में प्रस्तुत किया जाएगा, जब वे संविधान का उल्लंघन कर रही थीं। संविधान की इंदिरा द्वारा अवमानना को भाजपा ‘ब्रह्मास्त्र’ के रूप में इस्तेमाल करती रही है। इंदिरा के अधिनायकवादी अवतार को एक कुशल अभिनेत्री परदे पर प्रस्तुत करे, इससे बढ़िया ‘आइडिया’ क्या हो सकता था? फिर चूक कहां हुई? मैंने फिल्म का सिर्फ ट्रेलर देखा है, इसलिए मैं कह नहीं सकता कि फिल्म अच्छी है या खराब। मैं यह भी नहीं कह सकता कि फिल्म में जरनैल सिंह भिंडरांवाले के किरदार में जिस अभिनेता को जेल से बाहर निकलते और बाद में सिखों की भीड़ को संबोधित करते दिखाया गया है, उसे फिल्म में वास्तव में भिंडरावाले ही बताया गया है या नहीं। इस अभिनेता को कांग्रेस के नाम पंजाबी में यह संदेश भी देते दिखाया गया है कि ‘तुम्हारी पार्टी को वोट चाहिए, हमें खालिस्तान चाहिए’। इस दृश्य ने सिखों को नाराज कर दिया है और सम्मानित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) भी विरोध में उतर आई है। फिल्म इसलिए मुश्किल में नहीं फंसी थी कि यह इंदिरा गांधी को बुरी नेता के रूप में पेश करती है और उनके मुंह से ऐसी बातें कहलवाती है, जो उन्होंने कभी नहीं बोलीं। ट्रेलर में रनौत को ‘इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा’ बोलते दिखाया गया है। इंदिरा गांधी ने ऐसा कभी नहीं कहा था। यह जुमला तो 1976 में देवकांत बरुआ ने बोला था। 1980 के दशक के शुरुआती दिनों में मैं कभी-कभी नौगांव में उनके घर जाया करता था। अपनी उस एक ‘गफलत’ को लेकर वे काफी पछतावा जताया करते थे। वैसे कांग्रेस वाले कोई विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन फिल्म में भिंडरांवाले के संदर्भ को जोड़ना जरूरी था क्योंकि कथित जीवनगाथा में इस बात को रेखांकित करना था कि श्रीमती गांधी ने सिख अलगाववाद के मामले में गैर-जिम्मेदाराना रुख अपनाकर अपनी हत्या को बुलावा दिया। समकालीन इतिहास में ऐसे पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं, जो बताते हैं कि शुरुआती चरण में कांग्रेस, खासकर ज्ञानी जैल सिंह ने भिंडरांवाले को इस उम्मीद में संरक्षण दिया कि वह ‘एसजीपीसी’ के चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को मुश्किल में डालेगा, लेकिन यह दांव नाकाम रहा और भिंडरांवाला एक ताकत बनकर उभरा। 1983 की गर्मियों में सेना जब ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ करने पहुंची थी, उससे पहले मैं एक रिपोर्टर के नाते भिंडरांवाले से दर्जनों बार मिला था। उसे मैंने कभी खालिस्तान की मांग करते नहीं सुना। भिंडरांवाले के भाषणों के सैकड़ों घंटे के टेप उपलब्ध हैं। उसके संदेश का चाहे जो भी अंश हो, कोई भी इशारा या कोई भी एक्शन हो, उसने कभी खालिस्तान का नाम नहीं लिया। हम सभी रिपोर्टरों ने खालिस्तान पर उससे कभी-न-कभी सवाल जरूर पूछे, उसका हमेशा बना-बनाया जवाब यही होता था : ‘मैंने कभी खालिस्तान की मांग नहीं की, लेकिन ‘बीबी’ (इंदिरा गांधी) या ‘दिल्ली दरबार’ अगर मुझे यह दे दे तो मैं ना नहीं कहूंगा।’ सबक यह है कि आप इंदिरा गांधी के मुंह में तो कोई भी शब्द डाल करके बच सकते हैं, लेकिन भिंडरांवाले की मौत के 40 साल बाद भी आपने उसके साथ ऐसा कुछ किया तो मुश्किल में पड़ जाएंगे। ऐसी तमाम फिल्में या टीवी सीरियल इसलिए मुश्किल में फंसते हैं, क्योंकि वो इस फरेब की ओट लेने की कोशिश करते हैं कि ये सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं। इसलिए, आप तथ्यों में से मनमर्जी चुनाव कर सकते हैं और उन्हें कथा के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं, पर सुविधाजनक तथ्यों व पक्षपातपूर्ण कथा के मेल से विकृत ‘प्रोपगैंडा’ ही तैयार होता है। सोनी-लिव पर दो सीजन तक चले ‘रॉकेट बॉय्ज’ (2022-23) को ही लीजिए। इसने वास्तविक नायकों होमी भाभा और विक्रम साराभाई की जीवनगाथा को चुना, मगर हर एक एपिसोड के साथ उसे गल्प में तब्दील करता गया। दलित वैज्ञानिक मेघनाद साहा को भाभा से ईर्ष्या करने वाले मुसलमान के रूप में पेश किया गया। इसके अलावा, सीआईए और दूसरी बुरी ताकतों के साथ साजिश आदि के पहलू भी शामिल कर दिए गए और इस सबका बचाव रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर किया गया। हकीकत यह है कि हम अपने नेताओं पर बनी फिल्मों या जीवनियों में उन्हें देवता के सिवा और किसी रूप में देखना गवारा नहीं करते। आम्बेडकर, शिवाजी, करुणानिधि, बालासाहेब ठाकरे, झांसी की रानी, कांशीराम आदि किसी के भी जीवन पर एक ईमानदार, सच्ची फिल्म तो नामुमकिन है। यह बात इस पूरे उप-महादेश पर लागू होती है। यही वजह है कि हमारी सबसे महत्वपूर्ण हस्तियों पर प्रामाणिक जीवनियां विदेशियों ने लिखी हैं। ‘गांधी’ फिल्म भी एक विदेशी ने ही बनाई। रिचर्ड एटेनबरो ने 1963 में जब नेहरू से कहा था कि वे गांधी के जीवन पर फिल्म बनाना चाहते हैं, तब उन्हें सलाह दी गई थी कि उन्हें देवता मत बना दीजिएगा बल्कि वे जैसे थे, अपनी कमजोरियों के साथ, वैसा ही उन्हें प्रस्तुत कीजिएगा। आज क्या ऐसी सलाह दी जाएगी? हमारे यहां तो खिलाड़ियों की जीवनी तक छद्म नामों से लिखी जाती है, उनके जीवन पर बनी फिल्मों के सह-निर्माता खुद इसके स्टार ही होते हैं। हमारे सैन्य इतिहास, युद्धों पर बनीं फिल्में भी इसी रोग से ग्रस्त दिखाई देती हैं। अनुकूल तथ्यों का चयन... एक कहानी सुनाने और उसे विश्वसनीय बताने के लिए केवल अपने अनुकूल तथ्यों को चुनना रचनात्मक एवं बौद्धिक बेईमानी है। यह इतिहास को तोड़मरोड़कर पेश करना, किसी को बेवजह बदनाम करना और किसी का महिमामंडन करना है।
Dakhal News
नवनीत गुर्जर जम्मू- कश्मीर में चुनाव प्रचार ने ज़ोर पकड़ लिया है। नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस का चुनाव पूर्व गठबंधन हो चुका है। भाजपा यहाँ अकेले लड़ रही है। कुछ निर्दलीय उसके साथ हैं ऐसा दावा किया जा रहा है। भाजपा का जम्मू रीजन में बहुत अच्छा प्रभाव है। कश्मीर घाटी में भाजपा का असर कम है। ऐसा समझा जाता है कि कश्मीर घाटी में नेशनल कान्फ्रेंस का ज़ोर है। पहले भी था और अब भी। नेशनल कान्फ्रेंस ने कांग्रेस से समझौता इसलिए किया है ताकि जम्मू रीजन की कुछ सीटें कांग्रेस हासिल करने में कामयाब हो गई तो नेकां को सरकार बनाने में मदद मिल सकती है। जहां तक मुद्दों का सवाल है, यहाँ सबसे बड़ा मुद्दा अनुच्छेद 370 ही है। भाजपा चुनाव प्रचार के दौरान 370 हटाने का श्रेय ले रही है। उसका कहना है कि यह अनुच्छेद अब इतिहास हो चुका है। इसकी वापसी कभी नहीं हो सकती। उधर नेशनल कान्फ्रेंस कश्मीर घाटी के लोगों की भावनाओं को भुनाने के लिए कह रही है कि वह अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करवाएगी जबकि यह उसके बस की बात नहीं है। यह काम केंद्र सरकार ही कर सकती है। राज्य स्तर पर यह संभव नहीं है। जम्मू रीजन के लोगों को भाजपा के मुद्दे पसंद आ रहे हैं। वैसे भी नेशनल कान्फ्रेंस ने लम्बे समय तक कश्मीर पर राज किया है। इस परिवार की यह तीसरी पीढ़ी चल रही है। इसके पहले कश्मीर में कर्णसिंह के पिता महाराज हरिसिंह का राज था। महाराज हरिसिंह पर कई आरोप लगाकर शेख़ अब्दुल्ला ने यहाँ राज किया था। शेख़ अब्दुल्ला के लम्बे कार्यकाल के बाद उनके बेटे फ़ारुख अब्दुल्ला ने लम्बे समय तक सत्ता का नेतृत्व किया और बाद में उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी। उमर अब्दुल्ला इस वक्त अफ़ज़ल विवाद में घिर चुके हैं। उन्होंने कह दिया कि अफ़ज़ल को फाँसी देना गलत था। चूँकि अफ़ज़ल संसद पर हमले का ज़िम्मेदार था, इसलिए भाजपा ने इस मुद्दे पर साफ़ कहा है कि नेशनल कान्फ्रेंस आतंकवादियों से मिली हुई है या उनकी तरफ़दारी कर रही है और कांग्रेस उसकी साथी है। ऐसे में लोगों को तय करना चाहिए कि वे देश प्रेमियों के साथ हैं या देशद्रोहियों के साथ? बहरहाल, अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहाँ पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में पचास प्रतिशत से ऊपर मतदान हुआ था जो अच्छा संकेत है। वर्ना इससे पहले तो तीस प्रतिशत मतदान को भी अच्छा समझा जाता रहा।
Dakhal News
अनिरुद्ध बोस किसी जघन्य अपराध के बाद या समाज में अपराधों में वृद्धि होने पर अपराधी के लिए कठोर दंड की मांग भी बढ़ जाती है। ये सच है कि सरकारों को लोगों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। ऐसे में आंदोलनकारी जनमानस को संतुष्ट करने के लिए कठोरतम दंड की परिकल्पना की जाती है। देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के साथ अपराधों में वृद्धि से गंभीर यौन अपराधियों के लिए मृत्युदंड की मांग नए सिरे से तूल पकड़ चुकी है। इसी संदर्भ में, मृत्युदंड को बरकरार रखने के सवाल पर फिर से बहस शुरू होगी। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय रुझान तो मृत्युदंड को समाप्त करने की ओर प्रतीत होता है। 2023 तक, 112 देशों ने मृत्युदंड को समाप्त कर दिया था। पिछले साल 1100 से अधिक दोषियों को फांसी दी गई। इनमें चीन के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। चीन के अलावा, पिछले साल सबसे ज्यादा फांसी की सजाएं ईरान, सऊदी अरब, सोमालिया और अमेरिका में दी गई थीं। आधुनिक राष्ट्र-राज्य तीन आधारों पर दंडित करता है। पहला है अपराधी को सुधारना। दूसरा है दंडनीय कृत्य करने की सोच रहे अन्य लोगों को डराना। तीसरा आधार प्रतिशोधात्मक है- आंख के बदले आंख का सिद्धांत। हालांकि अपराधशास्त्री, सामाजिक सिद्धांतकार और धार्मिक प्रमुख भी दंड देने के लिए प्रतिशोध के कारण को खारिज करते हैं, लेकिन जघन्य अपराध के बाद भीड़ की प्रतिक्रिया प्रतिशोधात्मक न्याय के लिए ही होती है। अपराध को नियंत्रित करने और रोकने के लिए सामाजिक उपकरण के रूप में मृत्युदंड का उपयोग हर समाज द्वारा किया जाता रहा है। बेबीलोन की हम्मुराबी संहिता (18वीं शताब्दी ईसा पूर्व) में 25 अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान था। एथेंस और रोम के कानूनों में भी मृत्युदंड था और इसके निष्पादन के तरीकों में जिंदा जला देना, सूली पर चढ़ाना, डुबोकर मार देना आदि शामिल थे। मनुसंहिता में, उस शिकायतकर्ता के लिए भी मृत्युदंड प्रस्तावित है, जो गंभीर अपराध का आरोप लगाने के बाद अदालत के समक्ष गवाही नहीं देता है। 1801 में इंग्लैंड में एक 13 वर्षीय लड़के एंड्रयू ब्रेनिंग को एक घर में घुसकर चम्मच चुराने के जुर्म में फांसी पर लटका दिया गया था! सेंट्रल कलकत्ता में एक ‘फैंसी’ लेन है, जो ‘फांसी’ शब्द का अपभ्रंश है। फ्रांसीसी क्रांति के बाद 17000 लोगों को गिलोटिन मशीन से मार दिया गया था। लेकिन 19वीं सदी के अंत से 20वीं सदी की शुरुआत तक मृत्युदंड के बारे में सोच में बदलाव आना शुरू हुआ। लियो टॉल्स्टॉय, विक्टर ह्यूगो, महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला जैसे बुद्धिजीवियों ने मौत की सजा का विरोध किया। पोप फ्रांसिस भी इसके विरोधी हैं। यह सोच पूरी तरह से नैतिक-धार्मिक तर्क पर आधारित नहीं। किसी भी मानक अध्ययन में इस निवारक सिद्धांत का कोई औचित्य नहीं पाया गया है। महाराजा रणजीत सिंह ने अपने शासनकाल के दौरान मृत्युदंड को समाप्त कर दिया था। त्रावणकोर और कोचीन राज्य ने औपचारिक रूप से वर्ष 1944 में इसे समाप्त कर दिया था, केवल कोचीन में इसे कुछ अपराधों के लिए बरकरार रखा गया था।मृत्युदंड के विरुद्ध सबसे ताकतवर तर्क यह है कि इसे उलटा नहीं जा सकता। न्यायिक प्रक्रिया सौ प्रतिशत दोषरहित नहीं है और ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें राज्यसत्ता द्वारा एक निर्दोष को भूलपूर्वक मार दिया गया। 1950 में, टिमोथी इवांस नामक एक व्यक्ति को अपनी पत्नी और नवजात बेटी की हत्या के लिए दोषी ठहराकर मृत्युदंड दे दिया गया। बाद में पता चला कि वास्तव में जॉन क्रिस्टी नामक एक सीरियल किलर इसके लिए दोषी था। 2004 में मरणोपरांत उसे दोषमुक्त करार दिया गया। दूसरा तर्क यह है कि मृत्युदंड का प्रावधान अपने स्वभाव से ही भेदभावपूर्ण है। अधिक संपन्न लोगों की तुलना में गरीब अभियुक्तों को मृत्युदंड दिए जाने की अधिक संभावना है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में ही समान प्रकृति के अपराध के दोषी गोरों की तुलना में अश्वेतों को फांसी की सजा मिलने की अधिक संभावना होती है। भारत में हालांकि इस सजा को औपचारिक रूप से समाप्त नहीं किया गया है, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में फांसी की सजा की दर में गिरावट आई है। 2023 में सत्र न्यायालय द्वारा मृत्युदंड दिए जाने वाले मामलों की संख्या 120 थी, वहीं 561 कैदियों को मृत्युदंड दिया जाना है (राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली के प्रोजेक्ट 39ए द्वारा किए एक अध्ययन के अनुसार)। अंततः इस विवाद पर अंतिम निर्णय विधायिका को ही लेना है, जिसके आयाम वैश्विक हैं। मृत्युदंड के विरुद्ध सबसे ताकतवर तर्क यह है कि इसे उलटा नहीं जा सकता। न्यायिक प्रक्रिया सौ प्रतिशत दोषरहित नहीं होती है और अतीत में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें राज्यसत्ता द्वारा एक निर्दोष को भूलपूर्वक मार दिया गया था।
Dakhal News
पं. विजयशंकर मेहता इस समय हम जिस युग में जी रहे हैं, वह विरोधाभास, विडंबना और विपरीत का समय है। ऐसे में विवेक हमारी पूंजी होना चाहिए। आज जब हम गणेश जी के आह्वान के साथ उनका स्मरण करें तो एक स्थिति से गुजरें और एक आंकड़े को पकड़ें, डिजिटल मीडिया पर 70% लोग इंफ्लुएंसर्स के प्रभाव में हैं। ये लोग प्रभावित करते हैं कि आपको क्या खरीदना चाहिए और कैसे जीना है। आसे में अगर हमारा विवेक नहीं जागा तो आप भटक जाएंगे। सरस्वती बुद्धि की देवी हैं और गणेश जी विवेक के देवता हैं। तो जब भी गणेश जी के दर्शन करें, तो जल्दबाजी बिल्कुल न करें। थोड़ी देर रुकें और प्रभु के पूरे स्वरूप को आंख बंद करके अपनी भीतर उतारें। यदि बहुत देर तक प्रतिमा के सामने खड़े रहने का मौका न मिले तो नेत्र बंद करके उसी छवि को देखें। अव्यक्त परब्रह्म का सबसे प्रथम व्यक्त रूप ओंकार हैं तथा ओंकार का ही मूर्तिमंत रूप श्री गणेश हैं। गणेश स्थापना अपने भीतर भी की जाए। और पूरी तरह से विचार शून्य होकर विवेक जागृत करते हुए गणपति जी का प्रसाद लिया जाए।
Dakhal News
अनिरुद्ध बोस का कॉलम किसी जघन्य अपराध के बाद या समाज में अपराधों में वृद्धि होने पर अपराधी के लिए कठोर दंड की मांग भी बढ़ जाती है। ये सच है कि सरकारों को लोगों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। ऐसे में आंदोलनकारी जनमानस को संतुष्ट करने के लिए कठोरतम दंड की परिकल्पना की जाती है। देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के साथ अपराधों में वृद्धि से गंभीर यौन अपराधियों के लिए मृत्युदंड की मांग नए सिरे से तूल पकड़ चुकी है। इसी संदर्भ में, मृत्युदंड को बरकरार रखने के सवाल पर फिर से बहस शुरू होगी। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय रुझान तो मृत्युदंड को समाप्त करने की ओर प्रतीत होता है। 2023 तक, 112 देशों ने मृत्युदंड को समाप्त कर दिया था। पिछले साल 1100 से अधिक दोषियों को फांसी दी गई। इनमें चीन के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। चीन के अलावा, पिछले साल सबसे ज्यादा फांसी की सजाएं ईरान, सऊदी अरब, सोमालिया और अमेरिका में दी गई थीं। आधुनिक राष्ट्र-राज्य तीन आधारों पर दंडित करता है। पहला है अपराधी को सुधारना। दूसरा है दंडनीय कृत्य करने की सोच रहे अन्य लोगों को डराना। तीसरा आधार प्रतिशोधात्मक है- आंख के बदले आंख का सिद्धांत। हालांकि अपराधशास्त्री, सामाजिक सिद्धांतकार और धार्मिक प्रमुख भी दंड देने के लिए प्रतिशोध के कारण को खारिज करते हैं, लेकिन जघन्य अपराध के बाद भीड़ की प्रतिक्रिया प्रतिशोधात्मक न्याय के लिए ही होती है। अपराध को नियंत्रित करने और रोकने के लिए सामाजिक उपकरण के रूप में मृत्युदंड का उपयोग हर समाज द्वारा किया जाता रहा है। बेबीलोन की हम्मुराबी संहिता (18वीं शताब्दी ईसा पूर्व) में 25 अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान था। एथेंस और रोम के कानूनों में भी मृत्युदंड था और इसके निष्पादन के तरीकों में जिंदा जला देना, सूली पर चढ़ाना, डुबोकर मार देना आदि शामिल थे। मनुसंहिता में, उस शिकायतकर्ता के लिए भी मृत्युदंड प्रस्तावित है, जो गंभीर अपराध का आरोप लगाने के बाद अदालत के समक्ष गवाही नहीं देता है। 1801 में इंग्लैंड में एक 13 वर्षीय लड़के एंड्रयू ब्रेनिंग को एक घर में घुसकर चम्मच चुराने के जुर्म में फांसी पर लटका दिया गया था! सेंट्रल कलकत्ता में एक ‘फैंसी’ लेन है, जो ‘फांसी’ शब्द का अपभ्रंश है। फ्रांसीसी क्रांति के बाद 17000 लोगों को गिलोटिन मशीन से मार दिया गया था। लेकिन 19वीं सदी के अंत से 20वीं सदी की शुरुआत तक मृत्युदंड के बारे में सोच में बदलाव आना शुरू हुआ। लियो टॉल्स्टॉय, विक्टर ह्यूगो, महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला जैसे बुद्धिजीवियों ने मौत की सजा का विरोध किया। पोप फ्रांसिस भी इसके विरोधी हैं। यह सोच पूरी तरह से नैतिक-धार्मिक तर्क पर आधारित नहीं। किसी भी मानक अध्ययन में इस निवारक सिद्धांत का कोई औचित्य नहीं पाया गया है। महाराजा रणजीत सिंह ने अपने शासनकाल के दौरान मृत्युदंड को समाप्त कर दिया था। त्रावणकोर और कोचीन राज्य ने औपचारिक रूप से वर्ष 1944 में इसे समाप्त कर दिया था, केवल कोचीन में इसे कुछ अपराधों के लिए बरकरार रखा गया था।मृत्युदंड के विरुद्ध सबसे ताकतवर तर्क यह है कि इसे उलटा नहीं जा सकता। न्यायिक प्रक्रिया सौ प्रतिशत दोषरहित नहीं है और ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें राज्यसत्ता द्वारा एक निर्दोष को भूलपूर्वक मार दिया गया। 1950 में, टिमोथी इवांस नामक एक व्यक्ति को अपनी पत्नी और नवजात बेटी की हत्या के लिए दोषी ठहराकर मृत्युदंड दे दिया गया। बाद में पता चला कि वास्तव में जॉन क्रिस्टी नामक एक सीरियल किलर इसके लिए दोषी था। 2004 में मरणोपरांत उसे दोषमुक्त करार दिया गया। दूसरा तर्क यह है कि मृत्युदंड का प्रावधान अपने स्वभाव से ही भेदभावपूर्ण है। अधिक संपन्न लोगों की तुलना में गरीब अभियुक्तों को मृत्युदंड दिए जाने की अधिक संभावना है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में ही समान प्रकृति के अपराध के दोषी गोरों की तुलना में अश्वेतों को फांसी की सजा मिलने की अधिक संभावना होती है। भारत में हालांकि इस सजा को औपचारिक रूप से समाप्त नहीं किया गया है, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में फांसी की सजा की दर में गिरावट आई है। 2023 में सत्र न्यायालय द्वारा मृत्युदंड दिए जाने वाले मामलों की संख्या 120 थी, वहीं 561 कैदियों को मृत्युदंड दिया जाना है (राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली के प्रोजेक्ट 39ए द्वारा किए एक अध्ययन के अनुसार)। अंततः इस विवाद पर अंतिम निर्णय विधायिका को ही लेना है, जिसके आयाम वैश्विक हैं। मृत्युदंड के विरुद्ध सबसे ताकतवर तर्क यह है कि इसे उलटा नहीं जा सकता। न्यायिक प्रक्रिया सौ प्रतिशत दोषरहित नहीं होती है और अतीत में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें राज्यसत्ता द्वारा एक निर्दोष को भूलपूर्वक मार दिया गया था।
Dakhal News
पं. विजयशंकर मेहता मशीनी युग में मशीन का भी खूब विकास हुआ। पहले ऐसा होता था कि मशीन खराब हो जाती थी, तो कहते थे कि अगर कंपनी की मशीन है, तो स्पेयर पार्ट्स भी उसी के लगेंगे। आइए, अब इसी बात को शरीर से जोड़कर देखते हैं। हमारा शरीर लगभग मशीन है। तो चलिए, इसे कम से कम एक बहुत अच्छी कंपनी की मशीन तो मान लें। और उस कंपनी का नाम है ईश्वर। परमात्मा ने हमारा चयन किया है और हमको मनुष्य बनाया। वरना कुछ और बनने की भी संभावना थी। अब हमें अपने स्पेयर पार्ट्स पर बहुत सावधानी से काम करना होगा। मशीन से लंबे समय तक काम लेना हो, तो उसकी सर्विसिंग करानी पड़ती है। मौसम से उसकी रक्षा करना पड़ती है। बस यह शरीर ऐसा ही है। इसकी सर्विसिंग कराने के दो स्थान हैं। एक तो प्रतिदिन मंदिर जाया जाए और अवसर मिले तो सत्संग किया जाए। और ईश्वर की कंपनी की इस मशीन के सबसे अच्छे स्पेयर पार्ट्स होते हैं- गुरुजन और माता-पिता का आशीर्वाद।
Dakhal News
आरती जेरथ जाति-जनगणना की विपक्ष की मांग पर आरएसएस का हालिया बयान इस मुद्दे के तूल पकड़ने के साथ ही इसके प्रति निर्मित असहजता की स्थिति को भी दर्शाता है। हालांकि संघ ने जाति-जनगणना के विचार का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही आगाह भी किया है कि इस तरह के सर्वेक्षण का इस्तेमाल राजनीतिक या चुनावी उपकरण के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। केरल में संघ परिवार के शीर्ष नेताओं के तीन दिवसीय सम्मेलन के बाद प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने जोर देकर कहा कि जनगणना से प्राप्त डेटा का इस्तेमाल केवल कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए। लेकिन यह एक उलझा हुआ तर्क है, क्योंकि संघ भाजपा और उसके सहयोगियों के अलावा किसी अन्य पार्टी या संगठन से ऐसा आग्रह नहीं कर सकता। जाति-जनगणना की मांग 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष के नैरेटिव का हिस्सा थी और चुनावी सफलता का स्वाद चखने के बाद राहुल गांधी ने इसे अपना मुख्य हथियार बना लिया है। यह मुद्दा आने वाले महीनों में राजनीतिक लड़ाई की रूपरेखा तय कर सकता है और भाजपा की राजनीति के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। चुनाव के बाद के घटनाक्रमों ने भाजपा की चिंता को और बढ़ा दिया है। एनडीए के प्रमुख सहयोगी जदयू ने एक बयान जारी कर बिहार में नीतीश कुमार सरकार द्वारा किए जाति-सर्वेक्षण की तर्ज पर राष्ट्रव्यापी जाति-जनगणना कराने की मांग की है। बिहार में ही एक अन्य महत्वपूर्ण सहयोगी- केंद्रीय मंत्री और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि उनकी पार्टी चाहती है जाति-जनगणना जल्द हो। उनकी यह मांग इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन पोल के तुरंत बाद आई थी, जिसमें जाति-जनगणना के लिए लोकप्रिय समर्थन में भारी उछाल प्रदर्शित किया गया था। लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में यह 69% था, जो बढ़कर अगस्त में 74% हो गया। पिछले चार दशकों से जाति और हिंदुत्व के मुद्दों ने ही राजनीतिक प्रतिमानों को तैयार किया है, जिसमें भाजपा, मंडल दलों की पिछड़ी जाति की राजनीति का हिंदू बहुसंख्यकवाद से मुकाबला करती रही है, खासकर उत्तर भारत में। हालांकि ओबीसी के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने के वीपी सिंह के फैसले ने जाति की राजनीति को शुरुआती बढ़त दी थी, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं टिकी। ओबीसी आरक्षण के लाभ छिटपुट थे और वे बड़े ओबीसी समूह के भीतर चुनिंदा प्रमुख समुदायों के हितों की ही पूर्ति करते थे। मंडल पार्टियां जल्द ही अनेक टुकड़ों में टूट गईं, जिससे हिंदुत्व को उभार के लिए स्पेस मिला। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए जातियों के परे हिंदुओं को सफलतापूर्वक लामबंद करने से हिंदुत्व भारतीय राजनीति की धुरी के रूप में स्थापित हो गया। नरेंद्र मोदी के उदय के रूप में संघ परिवार को मंडल राजनीति का सही जवाब मिला था। वे हिंदू राष्ट्रवादी साख वाले ओबीसी नेता थे, जो इन दोनों प्रतिस्पर्धी ताकतों को एक सूत्र में पिरोते थे। इसी से 2014 और 2019 में एनडीए की बहुमत वाली सरकारें बनीं। लेकिन अब लगता है कि मंडल-कमंडल का पहिया अपना चक्र पूरा करके फिर से यथास्थिति में लौट आया है। बढ़ती आर्थिक चुनौतियां उन जातियों को भी प्रभावित कर रही हैं, जो हिंदुत्व के प्रभाव में मंडल राजनीति से दूर हो गई थीं। नोटबंदी, बेरोजगारी, महंगाई और गहराता कृषि संकट सामाजिक-आर्थिक सीढ़ी के निचले पायदान पर मौजूद लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है, जो मुख्य रूप से दलित, आदिवासी, ओबीसी हैं। यही वह पृष्ठभूमि है, जिसने विपक्ष की जाति-जनगणना की मांग के लिए हाशिए पर स्थित वर्गों का समर्थन पाया है। हालांकि न तो राहुल गांधी और न ही किसी अन्य विपक्षी नेता ने अभी तक स्पष्ट शब्दों में यह बताया है कि जनगणना से इन वर्गों को क्या लाभ होगा। लेकिन लाभार्थी-वितरणों की तुलना में कल्याणकारी लाभों के न्यायपूर्ण बंटवारे के वादे का अपना आकर्षण है। यह देखना अभी बाकी है कि जाति की राजनीति वापसी करती है या नहीं। फिलहाल तो ऐसा लग रहा है कि जाति-जनगणना के लिए विपक्ष के आक्रामक अभियान के कारण हिंदुत्व की राजनीति को अपने कदम पीछे खींचना पड़ रहे हैं। दूसरी तरफ राहुल गांधी और उनके इंडिया गठबंधन के सहयोगियों को भी यह समझना होगा कि वे भाजपा को हल्के में न लें और इस बात से संतुष्ट न हो जाएं कि जाति-जनगणना ही उनके तमाम सवालों का रामबाण उत्तर है। न तो राहुल और न ही किसी अन्य विपक्षी नेता ने यह बताया है कि जाति-जनगणना से पिछड़े वर्गों को क्या लाभ होगा। पर लाभार्थी-रेवड़ियों की तुलना में कल्याणकारी लाभों के न्यायपूर्ण बंटवारे के वादे का अपना आकर्षण है।
Dakhal News
आरती जेरथ जाति-जनगणना की विपक्ष की मांग पर आरएसएस का हालिया बयान इस मुद्दे के तूल पकड़ने के साथ ही इसके प्रति निर्मित असहजता की स्थिति को भी दर्शाता है। हालांकि संघ ने जाति-जनगणना के विचार का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही आगाह भी किया है कि इस तरह के सर्वेक्षण का इस्तेमाल राजनीतिक या चुनावी उपकरण के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। केरल में संघ परिवार के शीर्ष नेताओं के तीन दिवसीय सम्मेलन के बाद प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने जोर देकर कहा कि जनगणना से प्राप्त डेटा का इस्तेमाल केवल कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए। लेकिन यह एक उलझा हुआ तर्क है, क्योंकि संघ भाजपा और उसके सहयोगियों के अलावा किसी अन्य पार्टी या संगठन से ऐसा आग्रह नहीं कर सकता। जाति-जनगणना की मांग 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष के नैरेटिव का हिस्सा थी और चुनावी सफलता का स्वाद चखने के बाद राहुल गांधी ने इसे अपना मुख्य हथियार बना लिया है। यह मुद्दा आने वाले महीनों में राजनीतिक लड़ाई की रूपरेखा तय कर सकता है और भाजपा की राजनीति के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। चुनाव के बाद के घटनाक्रमों ने भाजपा की चिंता को और बढ़ा दिया है। एनडीए के प्रमुख सहयोगी जदयू ने एक बयान जारी कर बिहार में नीतीश कुमार सरकार द्वारा किए जाति-सर्वेक्षण की तर्ज पर राष्ट्रव्यापी जाति-जनगणना कराने की मांग की है। बिहार में ही एक अन्य महत्वपूर्ण सहयोगी- केंद्रीय मंत्री और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि उनकी पार्टी चाहती है जाति-जनगणना जल्द हो। उनकी यह मांग इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन पोल के तुरंत बाद आई थी, जिसमें जाति-जनगणना के लिए लोकप्रिय समर्थन में भारी उछाल प्रदर्शित किया गया था। लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में यह 69% था, जो बढ़कर अगस्त में 74% हो गया। पिछले चार दशकों से जाति और हिंदुत्व के मुद्दों ने ही राजनीतिक प्रतिमानों को तैयार किया है, जिसमें भाजपा, मंडल दलों की पिछड़ी जाति की राजनीति का हिंदू बहुसंख्यकवाद से मुकाबला करती रही है, खासकर उत्तर भारत में। हालांकि ओबीसी के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने के वीपी सिंह के फैसले ने जाति की राजनीति को शुरुआती बढ़त दी थी, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं टिकी। ओबीसी आरक्षण के लाभ छिटपुट थे और वे बड़े ओबीसी समूह के भीतर चुनिंदा प्रमुख समुदायों के हितों की ही पूर्ति करते थे। मंडल पार्टियां जल्द ही अनेक टुकड़ों में टूट गईं, जिससे हिंदुत्व को उभार के लिए स्पेस मिला। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए जातियों के परे हिंदुओं को सफलतापूर्वक लामबंद करने से हिंदुत्व भारतीय राजनीति की धुरी के रूप में स्थापित हो गया। नरेंद्र मोदी के उदय के रूप में संघ परिवार को मंडल राजनीति का सही जवाब मिला था। वे हिंदू राष्ट्रवादी साख वाले ओबीसी नेता थे, जो इन दोनों प्रतिस्पर्धी ताकतों को एक सूत्र में पिरोते थे। इसी से 2014 और 2019 में एनडीए की बहुमत वाली सरकारें बनीं। लेकिन अब लगता है कि मंडल-कमंडल का पहिया अपना चक्र पूरा करके फिर से यथास्थिति में लौट आया है। बढ़ती आर्थिक चुनौतियां उन जातियों को भी प्रभावित कर रही हैं, जो हिंदुत्व के प्रभाव में मंडल राजनीति से दूर हो गई थीं। नोटबंदी, बेरोजगारी, महंगाई और गहराता कृषि संकट सामाजिक-आर्थिक सीढ़ी के निचले पायदान पर मौजूद लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है, जो मुख्य रूप से दलित, आदिवासी, ओबीसी हैं। यही वह पृष्ठभूमि है, जिसने विपक्ष की जाति-जनगणना की मांग के लिए हाशिए पर स्थित वर्गों का समर्थन पाया है। हालांकि न तो राहुल गांधी और न ही किसी अन्य विपक्षी नेता ने अभी तक स्पष्ट शब्दों में यह बताया है कि जनगणना से इन वर्गों को क्या लाभ होगा। लेकिन लाभार्थी-वितरणों की तुलना में कल्याणकारी लाभों के न्यायपूर्ण बंटवारे के वादे का अपना आकर्षण है। यह देखना अभी बाकी है कि जाति की राजनीति वापसी करती है या नहीं। फिलहाल तो ऐसा लग रहा है कि जाति-जनगणना के लिए विपक्ष के आक्रामक अभियान के कारण हिंदुत्व की राजनीति को अपने कदम पीछे खींचना पड़ रहे हैं। दूसरी तरफ राहुल गांधी और उनके इंडिया गठबंधन के सहयोगियों को भी यह समझना होगा कि वे भाजपा को हल्के में न लें और इस बात से संतुष्ट न हो जाएं कि जाति-जनगणना ही उनके तमाम सवालों का रामबाण उत्तर है। न तो राहुल और न ही किसी अन्य विपक्षी नेता ने यह बताया है कि जाति-जनगणना से पिछड़े वर्गों को क्या लाभ होगा। पर लाभार्थी-रेवड़ियों की तुलना में कल्याणकारी लाभों के न्यायपूर्ण बंटवारे के वादे का अपना आकर्षण है।
Dakhal News
एन. रघुरामन मैं हाल ही में एक साधु से मिला, जिन्होंने खरगोश पाला हुआ था। उन्होंने कहा, “यह वही तुम्हारे बचपन में सुनी खरगोश-कछुए की कहानी वाला खरगोश है। बैठो और उसका इंटरव्यू करो।’ और तब खरगोश की ओर से साधु बोलने लगे, ‘हां, मैं वही खरगोश हूं, जो हार गया था। चूंकि किसी पत्रकार ने आकर मुझसे नहीं पूछा, इसलिए मैं खुद ही अपनी कहानी बताता हूं।’ “मैं आलसी नहीं था। मैं तेजी से कूदकर भागा और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो कछुआ मुझसे काफी पीछे था। रेस शुरू होने से पहले वो कछुआ बिना रुके सैकड़ों मील तक चलने की अपनी क्षमता की शेखी बघार रहा था, क्योंकि जीवन मैराथन है, कोई फर्राटा दौड़ नहीं। मैं उसे दिखाना चाहता था कि मैं दोनों कैटेगरी में दौड़ सकता हूं। उस पर अच्छी बढ़त बनाने के बाद मैंने हल्की झपकी लेने का तय किया, क्योंकि जीत की चिंता से मैं सारी रात जागा रहा। केले के पेड़ के नीचे, घास से भरी वह गोलाकार चट्टान किसी तकिए जैसी थी। जैसे ही मैंने उस पर अपना सिर रखा, मधुमक्खियां गीत गाने लगीं और सरसराहट भरी आवाज के साथ पत्तियां ऑर्केस्ट्रा बजाने लगीं। उन सबने मिलकर मुझे सुलाने का षड्यंत्र रचा और उन्हें सफल होने में देर नहीं लगी।’ मैं सपने में एक खूबसूरत जलधारा में लकड़ी के सहारे बह रहा था, जो मुझे एक किनारे ले आई, जहां ये साधु ध्यानमग्न थे। उन्होंने आंखें खोली, चिर-परिचित मुस्कान दी और पूछा, ‘तुम कौन हो?’ ‘मैं खरगोश हूं और एक रेस में दौड़ रहा हूंं।’ ‘क्यों?’ ‘जंगल में सारे जीव-जंतुओं को यह साबित करने के लिए कि मैं सबसे तेज हूं।’ “तुम क्यों साबित करना चाहते हो कि तुम सबसे तेज हो?’ “ताकि मुझे मेडल मिले, जिससे मुझे सामाजिक दर्जा, पैसा और खाना मिलेगा...।’ जंगल की ओर इशारा करते हुए उन साधु ने कहा, “खाना तो आसपास पहले से ही बहुत है। उन सभी पेड़ों को देखो जो फलों से लदे हैं, उन सभी पत्तेदार शाखाओं को देखो।’ मैंने कहा, “मुझे भी सम्मान चाहिए। मैं भी अभी तक के सबसे तेज धावक के रूप में याद रखा जाना चाहता हूं।’ “क्या तुम्हें सबसे तेज भागने वाले हिरण या सबसे बड़े हाथी या सबसे शक्तिशाली बाघ का नाम मालूम है, जो तुमसे हजारों सालों पहले रहते थे?’ “नहीं।’ “आज तुम्हें एक कछुए ने चुनौती दी है। कल को कोई घोंघा होगा। क्या तुम जिंदगीभर यह साबित करने के लिए दौड़ते रहोगे कि तुम सबसे तेज हो।’ “हम्म्म.. मैंने इसे बारे में नहीं सोचा। मैं अपनी पूरी जिंदगी दौड़ नहीं लगाना चाहता।’ “फिर क्या करना चाहते हो?’ “मैं घास से आच्छादित इस गोल चट्टान पर सोना चाहता हूं।’ “ये सब तुम अभी ही कर सकते हो। रेस के बारे में भूल जाओ। तुम आज यहां हो पर कल को तुम चले जाओगे।’ मैं अपनी नींद से जागा क्योंकि बत्तखों ने मुझे जगाया। उन्होंने एक सुर में पूछा, “आज तो तुम्हारी कछुए से रेस थी न?’ मैंने बत्तखों से कहा, “ये बेफिजूल है। व्यर्थ का अभ्यास। मैं बस यहीं होना चाहता हूं।’ इसलिए मैं रेस हार गया और वापस अपनी जिंदगी में लौट आया। मैं आज और बाकी बचे दिनों में भी जिंदगी को पूरी तरह जीना चाहता हूं। इसलिए मैंने रेस बंद कर दी। याद करिए, हम सब खरगोश-कछुए की वही कहानी जानते हैं, जो स्कूल के टीचर ने हमें सुनाई थी। ठीक इसी तरह, प्रबंधन सिखाने वाले संस्थानों के शिक्षक बताते हैं कि कैसे एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय, बिजनेस के जंगल में दो स्मार्ट एग्जीक्यूटिव (पढ़ें खरगोश और कछुआ) एक-दूसरे का सहयोग करते हैं और दूसरे खरगोश-कछुए (पढ़ें अन्य बिजनेस) के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं और एक नया मैनेजमेंट शब्द गढ़ते हैं- ‘कोऑपरेशन इन कॉम्पिटीशन’ यानी प्रतिस्पर्धा में सहयोग, जहां उस बिजनेस रेस को जीतने के लिए जमीन पर भागते हुए खरगोश कछुए को अपनी पीठ पर ले जाता है और तैरते हुए कछुआ खरगोश को अपनी पीठ पर ले जाता है। फंडा यह है कि इंसान को जीवन की अलग-अलग स्टेज और अपने खुद को मानकों के अनुसार जीवन जीना चाहिए, न कि दुनिया के लोगों के अनुसार।
Dakhal News
एन. रघुरामन मैं हाल ही में एक साधु से मिला, जिन्होंने खरगोश पाला हुआ था। उन्होंने कहा, “यह वही तुम्हारे बचपन में सुनी खरगोश-कछुए की कहानी वाला खरगोश है। बैठो और उसका इंटरव्यू करो।’ और तब खरगोश की ओर से साधु बोलने लगे, ‘हां, मैं वही खरगोश हूं, जो हार गया था। चूंकि किसी पत्रकार ने आकर मुझसे नहीं पूछा, इसलिए मैं खुद ही अपनी कहानी बताता हूं।’ “मैं आलसी नहीं था। मैं तेजी से कूदकर भागा और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो कछुआ मुझसे काफी पीछे था। रेस शुरू होने से पहले वो कछुआ बिना रुके सैकड़ों मील तक चलने की अपनी क्षमता की शेखी बघार रहा था, क्योंकि जीवन मैराथन है, कोई फर्राटा दौड़ नहीं। मैं उसे दिखाना चाहता था कि मैं दोनों कैटेगरी में दौड़ सकता हूं। उस पर अच्छी बढ़त बनाने के बाद मैंने हल्की झपकी लेने का तय किया, क्योंकि जीत की चिंता से मैं सारी रात जागा रहा। केले के पेड़ के नीचे, घास से भरी वह गोलाकार चट्टान किसी तकिए जैसी थी। जैसे ही मैंने उस पर अपना सिर रखा, मधुमक्खियां गीत गाने लगीं और सरसराहट भरी आवाज के साथ पत्तियां ऑर्केस्ट्रा बजाने लगीं। उन सबने मिलकर मुझे सुलाने का षड्यंत्र रचा और उन्हें सफल होने में देर नहीं लगी।’ मैं सपने में एक खूबसूरत जलधारा में लकड़ी के सहारे बह रहा था, जो मुझे एक किनारे ले आई, जहां ये साधु ध्यानमग्न थे। उन्होंने आंखें खोली, चिर-परिचित मुस्कान दी और पूछा, ‘तुम कौन हो?’ ‘मैं खरगोश हूं और एक रेस में दौड़ रहा हूंं।’ ‘क्यों?’ ‘जंगल में सारे जीव-जंतुओं को यह साबित करने के लिए कि मैं सबसे तेज हूं।’ “तुम क्यों साबित करना चाहते हो कि तुम सबसे तेज हो?’ “ताकि मुझे मेडल मिले, जिससे मुझे सामाजिक दर्जा, पैसा और खाना मिलेगा...।’ जंगल की ओर इशारा करते हुए उन साधु ने कहा, “खाना तो आसपास पहले से ही बहुत है। उन सभी पेड़ों को देखो जो फलों से लदे हैं, उन सभी पत्तेदार शाखाओं को देखो।’ मैंने कहा, “मुझे भी सम्मान चाहिए। मैं भी अभी तक के सबसे तेज धावक के रूप में याद रखा जाना चाहता हूं।’ “क्या तुम्हें सबसे तेज भागने वाले हिरण या सबसे बड़े हाथी या सबसे शक्तिशाली बाघ का नाम मालूम है, जो तुमसे हजारों सालों पहले रहते थे?’ “नहीं।’ “आज तुम्हें एक कछुए ने चुनौती दी है। कल को कोई घोंघा होगा। क्या तुम जिंदगीभर यह साबित करने के लिए दौड़ते रहोगे कि तुम सबसे तेज हो।’ “हम्म्म.. मैंने इसे बारे में नहीं सोचा। मैं अपनी पूरी जिंदगी दौड़ नहीं लगाना चाहता।’ “फिर क्या करना चाहते हो?’ “मैं घास से आच्छादित इस गोल चट्टान पर सोना चाहता हूं।’ “ये सब तुम अभी ही कर सकते हो। रेस के बारे में भूल जाओ। तुम आज यहां हो पर कल को तुम चले जाओगे।’ मैं अपनी नींद से जागा क्योंकि बत्तखों ने मुझे जगाया। उन्होंने एक सुर में पूछा, “आज तो तुम्हारी कछुए से रेस थी न?’ मैंने बत्तखों से कहा, “ये बेफिजूल है। व्यर्थ का अभ्यास। मैं बस यहीं होना चाहता हूं।’ इसलिए मैं रेस हार गया और वापस अपनी जिंदगी में लौट आया। मैं आज और बाकी बचे दिनों में भी जिंदगी को पूरी तरह जीना चाहता हूं। इसलिए मैंने रेस बंद कर दी। याद करिए, हम सब खरगोश-कछुए की वही कहानी जानते हैं, जो स्कूल के टीचर ने हमें सुनाई थी। ठीक इसी तरह, प्रबंधन सिखाने वाले संस्थानों के शिक्षक बताते हैं कि कैसे एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय, बिजनेस के जंगल में दो स्मार्ट एग्जीक्यूटिव (पढ़ें खरगोश और कछुआ) एक-दूसरे का सहयोग करते हैं और दूसरे खरगोश-कछुए (पढ़ें अन्य बिजनेस) के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं और एक नया मैनेजमेंट शब्द गढ़ते हैं- ‘कोऑपरेशन इन कॉम्पिटीशन’ यानी प्रतिस्पर्धा में सहयोग, जहां उस बिजनेस रेस को जीतने के लिए जमीन पर भागते हुए खरगोश कछुए को अपनी पीठ पर ले जाता है और तैरते हुए कछुआ खरगोश को अपनी पीठ पर ले जाता है। फंडा यह है कि इंसान को जीवन की अलग-अलग स्टेज और अपने खुद को मानकों के अनुसार जीवन जीना चाहिए, न कि दुनिया के लोगों के अनुसार।
Dakhal News
नवनीत गुर्जर किसी भी आरोपी के घर पर ताबड़तोड़ बुलडोजर चलाने का सरकारों का निर्णय सही है या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सरकार चाहे किसी भी दल की हो, एक ट्रेंड के बाद सभी ने बुलडोजर का इस्तेमाल किया है। कुछ कांग्रेस सरकारों ने भी। कुछ भाजपा सरकारों ने भी। राज्य सरकारों का तर्क है कि उन्होंने क़ानून को हाथ में लेकर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। बल्कि उन्हीं घरों- मकानों को गिराया गया है जो अवैध रूप से बने हुए थे। इन अवैध मकानों को भी नगरपालिका नियमों के तहत गिराया गया है। अब सवाल यह है कि इस तरह के अवैध मकान बनने क्यों दिए गए? किस अफ़सर ने, कितनी घूस खाकर वो मकान बनने दिया था। फिर अचानक ही सरकार को यह कैसे सूझ जाता है कि यह मकान अवैध रूप से बना है? बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने फ़िलहाल कोई निर्णय तो नहीं सुनाया है लेकिन यह ज़रूर कहा है कि कोई आरोपी भले ही दोषी हो तो भी उसका मकान नहीं गिराया जा सकता। संबंधित राजनीतिक दलों और उनकी सरकारों को नोटिस देकर कहा भी है कि वे अपने- अपने तर्क दें, ताकि इस बारे में एक गाइडलाइन जारी की जा सके। वैसे कुछ समूह इसे किसी वर्ग विशेष से जोड़कर भी देख रहे हैं लेकिन ऐसा स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता क्योंकि दूसरे वर्ग के लोगों के घरों पर भी बुलडोजर चलाए गए हैं। बुलडोजर कार्रवाई कितनी सही है और कितनी गलत? क़ानूनी तौर पर इसका कोई आधार भी है या नही, यह तो अब सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा, लेकिन कुछ पार्टियों या समूहों का यह तर्क है कि एक अपराध की दो सजा नहीं दी जा सकती। दो सजा से यहाँ मतलब है एक तो उसके ख़िलाफ़ पुलिस और कोर्ट क़ानून के हिसाब से कार्रवाई करती है और दूसरी मकान गिराकर सरकार सजा देती है। बहुत हद तक यह तर्क सही भी प्रतीत होता है। अगर कोर्ट कहे कि इस आरोपी का मकान अगर अवैध है तो उसे गिरा दिया जाए तब यह कार्रवाई सही कही जा सकती है। सरकारें खुद सजा देने लगेंगी, तो फिर कोर्ट क्या करेगा?
Dakhal News
मेघना पंत साल 2018 में भारत में हुए मीटू आंदोलन के बाद सुनने को मिल जाता है कि भारत में ये आंदोलन विफल रहा। पर बीते कुछ हफ्तों में सामने आए घटनाक्रमों ने एक बार फिर देश को विचलित किया है और सदियों से मौजूद स्त्रियों के प्रति घृणा, यौन उत्पीड़न और टॉक्सिक मर्दानगी पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया है। कोलकाता मामले के बाद अब हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की परतें खोलकर रख दी हैं। पर क्यों ये समय भारत के मीटू आंदोलन के लिए महत्वपूर्ण है। ये संकेत है कि मीटू आंदोलन सफल था। पर कैसे! पहली बात, यह न भूलें कि दुनियाभर में हुआ ‘मीटू’ एक उलझा मामला था। लेकिन इसने एक बात सर्वसम्मति से रख दी कि यौन उत्पीड़न या डराना-धमकाना सामान्य नहीं है, और किसी भी महिला को इसे सहन नहीं करना चाहिए। इसके परिणाम भुगतने होंगे और हम आज जो होता हुआ देख रहे हैं, वह महिलाओं को हुए नए अहसास के कारण है। महिलाएं आज कार्यक्षेत्र पर सुरक्षित और एक समान कामकाजी माहौल के लिए लड़ रही है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। सदियों से ऐसा होता आया है कि यौन उत्पीड़न झेलने वाली महिला बस यह सोचकर घुटती रहती थी कि जो हो रहा है, वो सही नहीं है। पहले पीड़िता के माता-पिता ही कहते थे कि ‘जाने दो’। दोस्त भी कहते थे कि ये कोई बड़ी बात नहीं है। आंतरिक शिकायत समिति कंपनी में ही नाम उजागर कर देती, जिससे काम मुश्किल हो जाता। पुलिस भी शर्मिंदा करती। समाज भी कहता, हमें तुम पर यकीं नहीं। अगर वे शिकायत करतीं तो लोग हंसते कि उन पर कोई भरोसा नहीं करेगा, नौकरी चली जाएगी। इसलिए महिलाओं को लगता था कि सबसे अच्छा तरीका खुद में मजबूत बने रहने में है और इसे बर्दाश्त करें क्योंकि सब ऐसे ही होता आया है। पर अब समय के साथ यह बदल गया है। ‘मीटू’ ने इसे बदल दिया है। अब ऐसे मामलों से निपटने में कहीं ज्यादा संवेदनशीलता दिखने लगी है। असल बात ये है कि महिलाएं अब ज्यादा सुरक्षित और विश्वास से भरा महसूस कर रही हैं। यह इससे पता चलता है कि कई महिलाएं अब बिना किसी शर्म के खुलकर ऐसे लोगों का नाम सामने रख रही हैं, जिन्होंने अरसे से उन्हें दबाकर रखा और इस प्रक्रिया में व्यवस्था में सड़न की हद का खुलासा हो रहा है। अब यौन शोषण की एक बिल्कुल सख्त परिभाषा स्पष्ट हुई है, जिससे अपराधियों का बच निकलना मुश्किल हो गया है। हेमा रिपोर्ट बताती है कि शोषण को लेकर हमारा विमर्श किस तरह बदला है। महिलाएं अब सबूत जुटा रही हैं, एकजुट हो रही हैं और कानूनी शक्ति का प्रदर्शन करके दिखा रही हैं कि वे अपराधियों के खिलाफ खड़े होने में कितनी दक्ष हो गई हैं। यौन उत्पीड़न और इसके परिणामों का असर देश में सिर्फ महिलाओं पर ही नहीं हुआ है। जहां महिलाएं पुरुषों के खिलाफ बोलना सीख रही हैं, पुरुष भी पुरुषों के खिलाफ बोलना सीख रहे हैं। दुनिया को ज्यादा न्यायसंगत बनाने के लिए महिला-पुरुष दोनों सच्चे सहयोगी के रूप में जुड़कर आंदोलन में साथ हो गए हैं। देखकर अच्छा लग रहा है कि इतिहास, जिसे हमेशा पुरुषों ने लिखा, उसे अब महिलाएं नए सिरे से लिख रही हैं, वो भी बहादुरी से।
Dakhal News
नवनीत गुर्जर जातीय जनगणना पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक संयमित और संतुलित बयान दिया है। संघ का कहना है कि समाज के कल्याण के लिए सरकार को आंकड़ों की जरूरत होती है और जातीय जनगणना इसका जरिया हो सकती है। लेकिन इसका चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। सीधा-सा मतलब है कि संघ की लीडरशिप, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जातीय जनगणना की मांग से तो सहमत है लेकिन राहुल के तरीके से असहमत। पिछले कुछ चुनावों में राहुल गांधी जातीय जनगणना का मुद्दा लगातार उठा रहे हैं। साफ है कि कांग्रेस यह मांग उठाकर जातियों, खासकर अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित जातियों को अपनी तरफ करना चाह रही है! उनके वोट एकजाई अपनी तरफ करने की फिराक में है, जो कि पिछले लोकसभा चुनाव में बहुत हद तक देखने को भी मिला। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस तरह की जनगणना हो चुकने के बाद जो जितने संख्याबल में होगा, उसे उतना हक दिया जा सकेगा? मान लीजिए कल को पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या पचास प्रतिशत से भी ज्यादा निकल आती है तो क्या उसे उतना आरक्षण या उतनी मात्रा में हक दिया जाना संभव होगा? फिलहाल तो कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए तो पचास प्रतिशत से ऊपर आरक्षण होते ही सुप्रीम कोर्ट या अन्य अदालतों की मनाही आने लगती है। अगर यह संख्या के हिसाब से सहूलियत देने का ही मंतव्य है तो उसका प्रैक्टिकल रूप से पहले खाका तैयार होना चाहिए। संभव हो तो ही उसका समाज-हित में उपयोग होना चाहिए, वरना जातियों और समूहों को जोड़ने और फिर उन्हें तोड़ने का प्रयोग आजादी के पहले भी खूब किया गया, जिसका हश्र आखिरकार ढाक के तीन पात से ज्यादा कुछ नहीं हुआ। आजादी के पहले जब सांप्रदायिक तौर पर निर्वाचक मंडल और प्रतिनिधित्व तय करने से अंग्रेजों का पेट नहीं भरा तो उन्होंने जातिवाद और ऊंच-नीच की भावना को खूब भड़काया। साम्राज्य की खातिर पहले उन्होंने अलग-अलग, असमान लोगों को ठोक-पीटकर एक किया और बाद में वे उन्हीं टुकड़ों को बांटने में लग गए। उन्होंने ध्येय बनाया कि केवल अंश, केवल टुकड़े ही वास्तविक हैं। समग्र, संपूर्ण तो महज गढ़ी हुई कल्पना भर है। टुकड़ों को उन्होंने आश्रय और सहारा दिया। टुकड़े यानी जातियां, छोटे- छोटे समूह और जो उनके गणित से मिशनरियों के लिए सर्वाधिक सुलभ थे- भोले आदिवासी और अछूत। तर्क यह दिया गया कि वे उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों की ताकत के रूप में पहचान देना चाहते हैं! उनका उस रूप में उत्थान करना चाहते हैं। राहुल गांधी की जातीय जनगणना की मांग हो सकता है कुछ अजीब लगे, लेकिन संघ ने जैसा कहा है कि इसका चुनाव-प्रचार के लिए उपयोग नहीं होना चाहिए, एक तरह से सही भी है। हालांकि संघ ऐसा कहकर भाजपा के मंतव्य को ही समर्थन दे रहा है। हो सकता है भाजपा भी जातीय जनगणना के लिए सहमत हो या सहमत होना चाहती हो लेकिन वह अपनी इस सहमति का फायदा कांग्रेस को उठाने देना नहीं चाहती। कुल मिलाकर जातीय जनगणना के लम्बे समय से चले आ रहे विवाद पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक तरह से पानी के छींटे मारे हैं। ये छींटे विवाद को ठंडा करेंगे या गरम तवे पर मारे हुए छींटों की तरह आंच को और भड़काएंगे, यह समय बताएगा। भाजपा सहित विभिन्न दलों की इस पर जो प्रतिक्रिया आने वाली है, इस पर भी बहुत कुछ निर्भर होगा। चुनाव के लिए उपयोग न हो राहुल की जातीय जनगणना की मांग हो सकता है अजीब लगे, पर संघ ने जैसा कहा कि इसका चुनाव-प्रचार के लिए उपयोग नहीं होना चाहिए, एक तरह से सही भी है। हालांकि संघ ऐसा कहकर भाजपा के मंतव्य को समर्थन दे रहा है।
Dakhal News
पवन के. वर्मा त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है। लेकिन त्योहारों को मनाते समय क्या हम उनमें निहित गहन दार्शनिक प्रतीकात्मकता के बारे में सोचते हैं? हाल ही में जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया। मुझे याद है बचपन में इस दिन हमारा पूरा समय झांकी तैयार करने में बीतता था, गोकुल के घर व वनों के परिवेश को फिर से रचा जाता था। आधी रात के आसपास कृष्ण का जन्म मनाया जाता था- और आज भी मनाया जाता है। कृष्ण-कथा के बारे में हरिवंश, विष्णु पुराण, भागवत पुराण और कृष्ण भक्ति काव्य में विस्तार से लिखा गया है। कृष्ण भक्ति काव्य की शुरुआत 9वीं शताब्दी में तमिल में अंताल और 12वीं शताब्दी में संस्कृत में जयदेव के गीत गोविंद से हुई। इन दोनों ने 14वीं से 16वीं शताब्दी के बीच कृष्ण भक्ति लेखन की एक लहर को जन्म दिया, जिसमें विद्यापति, बिहारी, चंडीदास, सूरदास, मीराबाई, चैतन्य और वल्लभाचार्य जैसे मूर्धन्य सम्मिलित थे, और इन सभी ने अपनी मातृभाषा में लिखा। कृष्ण, विष्णु के आठवें अवतार थे। वे बहुआयामी थे। कृष्ण पर आधारित मेरी पुस्तक में पांच अध्याय हैं : बालक, प्रेमी, योद्धा, उद्धारक और भगवान। कान्हा माखनचोर हैं और गोपियों के साथ रास करते हैं, किंतु वही कृष्ण कौरवों के विरुद्ध युद्ध में पांडवों के मार्गदर्शक और रणनीतिकार भी हैं। वे यमुना के तट पर बांसुरी बजाने वाले प्रियतम हैं, राधा के अटूट-संगी हैं तो भगवद्गीता में मानव जाति के उद्धारक के रूप में रणभूमि में निस्तेज अर्जुन को दिशा भी दिखाते हैं। हिंदू मानस ने भक्ति के उद्देश्य से विभिन्नताओं के इस समारोह के बजाय दिव्यता के किसी एकरूप चित्रण को क्यों नहीं चुना? इसका उत्तर हिंदू धर्म की उल्लेखनीय जटिलताओं और दिव्यता में निहित अनंतता की झलक प्रदान करने के उसके दुस्साहसिक संकल्प में निहित है। यदि परम-तत्त्व अपरिभाषेय है, तो इसे सरल और पूर्वानुमानित तरीके से चित्रित नहीं किया जा सकता है। इसके अनंत पहलुओं को नहीं पकड़ा जा सकता। लेकिन इसे असंख्य उपायों से रूपांकित करके अनंतता की एक झलक प्रदान की जा सकती है, जिनमें से प्रत्येक रूप पूर्ण का एक अंश हो। मर्यादा पुरुषोत्तम राम उस परम दिव्य की भव्यता का एक पहलू हैं; लीला पुरुषोत्तम कृष्ण उसी सर्वशक्तिमान ब्रह्मांडीय ऊर्जा का एक और आयाम। दोनों ही ईश्वर के निर्बाध वरदान और ब्रह्म की सर्वज्ञता के भिन्न आयामों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस विविधता के भीतर भी जटिलताएं हैं। क्या हमने कभी सोचा है कि कृष्ण एक बार वृंदावन छोड़ने के बाद वहां कभी लौटकर क्यों नहीं आते, जबकि वे समीप ही मथुरा में होते हैं? यह संयोग नहीं हो सकता। ऐसा करते हुए कृष्ण हिंदू विश्वदृष्टि के चार पुरुषार्थों को दोहरा रहे थे : धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। इस रूपरेखा के भीतर काम या ऐंद्रिकता की वैधता तो है, किंतु वह उसकी अनन्य प्राथमिकता नहीं है। वह दिव्यता का एक झरोखा भर हो सकता है। भौतिक आनंदमय है, किंतु अभौतिक भी आनंदघन है। जब गोपियां कृष्ण के अभौतिक रूप का ध्यान करती हैं, तो उनका विरह आनंद में बदल जाता है। कुरुक्षेत्र की समरभूमि में सारथी या परामर्शदाता के रूप में, कृष्ण अर्जुन को निष्काम कर्म का सिद्धांत सिखाते हैं। अर्जुन- जो हर साधारण मनुष्य का प्रतिनिधित्व करता है- क्षणभंगुर संसार में जीवन की निरर्थकता की सहसा हुई अनुभूति से त्रस्त है। कृष्ण के गीतोपदेश का उद्देश्य अर्जुन और उसके जैसे मनुष्यों के जीवन को प्रयोजन और संदर्भ देना है, और नश्वरजनों को जीवन में बार-बार आने वाले अस्तित्वगत संकट से उबरने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना है। किसी खिलते हुए पद्म-पुष्प की तरह, कृष्ण के भी कई भाव और रूप हैं। जन्माष्टमी और उसके जैसे कई अन्य पर्वों को हमें हिंदू धर्म में निहित विचारों की गहराई पर विचार करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।गीतोपदेश का उद्देश्य अर्जुन के जीवन को प्रयोजन और संदर्भ देना है, और जीवन में बार-बार आने वाले अस्तित्वगत संकट से उबरने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना है। किसी खिलते हुए पद्म-पुष्प की तरह, कृष्ण के भी कई भाव और रूप हैं।
Dakhal News
आशीष कुमार चौहान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2024 को भविष्य की ओर कदम बढ़ाया, जब आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों पर आधारित, 28,602 करोड़ रुपए की लागत से 10 राज्यों में 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों की स्थापना की घोषणा की। यह भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचे का कार्यक्रम है, और इसका उद्देश्य पूरे देश में विकास के बड़े इंजन बनाना है। साहसी और परिणाम-केंद्रित नेतृत्व ही विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ा सकता है। राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत संचालित की जाने वाली नई परियोजना इस लक्ष्य की ओर देश की यात्रा को गति देगी। सतत विकास के लिए एक और प्रोत्साहन की आवश्यकता है- स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के लिए बड़े पैमाने पर निवेश। सरकार यही करने का इरादा रखती है। उसकी योजना डिजिटल रूप से सम्पन्न, ‘प्लग-एंड-प्ले’ औद्योगिक और मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों में बड़े पैमाने पर निवेश की है। आज प्रधानमंत्री मोदी को एक व्यावहारिक नीति-निर्माता के रूप में देखा जाता है। उन्होंने जल्द ही यह महसूस कर लिया कि भारत जैसे विशाल देश को प्रगति की ओर ले जाने के लिए आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसी का उत्तर था मेगा-इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को शुरू करना- भविष्य के शहरों का निर्माण करना, विशाल समुद्री केंद्र स्थापित करना, देश भर में अत्याधुनिक सड़क और रेल कॉरिडोर बनाना और विश्वस्तरीय डिजिटल बुनियादी ढांचा स्थापित करना। इस अति-महत्वाकांक्षी परियोजना की रोजगार-क्षमता बहुत अधिक है : इससे 10 लाख प्रत्यक्ष और 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। इसमें 1.52 लाख करोड़ रुपए का निवेश भी होगा, जिसमें निवेशकों को आवंटन के लिए तैयार भूमि, पानी, बिजली, गैस, दूरसंचार, सड़क, रेल, हवाई अड्डे उपलब्ध होंगे। एकीकृत नगर-नियोजन और कर्मचारियों के लिए काम के समीप ही आवास की सुविधा के साथ पर्यावरण की चिंताओं का भी ध्यान रखा जाएगा। चूंकि ये औद्योगिक स्मार्ट शहर आर्थिक चुम्बक के रूप में कार्य करेंगे, इसलिए वे प्रमुख महानगरों पर दबाव को भी कम करेंगे। इससे योजनाबद्ध शहरीकरण होगा। यह नया भारत है। यह ऐसा विचार है जिसका समय आ गया है। महाराष्ट्र हमेशा से भारत की आर्थिक शक्ति रहा है। सतत विकास के दृष्टिकोण से भी यह सबसे अधिक लाभान्वित होगा और बुनियादी ढांचे व परिवहन में नए मानक स्थापित करेगा। इस वर्ष की शुरुआत में, मुंबई ने भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल- मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक को हरी झंडी दिखाई। कोस्टल रोड मुंबई एक अन्य मेगा-परियोजना है और वर्तमान में इसे चरणों में विकसित किया जा रहा है। महाराष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को बदलने के लिए तैयार अन्य परियोजनाएं दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर, नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल और मुंबई-पुणे हाइपरलूप हैं। महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में दो बेहद महत्वाकांक्षी परियोजनाएं पहले ही चल रही हैं। एक है रायगढ़ जिले के नौ गांवों में फैला दिघी पोर्ट औद्योगिक क्षेत्र परियोजना। यह दिघी बंदरगाह के विकास के साथ-साथ शुरू की जा रही है और इससे राज्य में उपभोक्ता-उपकरण, धातु, ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल और रसायन व्यवसाय जैसे उद्योगों में निवेश बढ़ने की उम्मीद है। दूसरी समुद्री परियोजना मुंबई से 130 किलोमीटर उत्तर में दहानू स्थित वधावन में भारत के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक का विकास है। वधावन मध्य-पूर्व के माध्यम से भारत को यूरोप से जोड़ने वाली समुद्री और रेल संपर्क स्थापित करने की रणनीतिक पहल का हिस्सा है। अफ्रीका के पूर्वी तट और फारस की खाड़ी के देशों से कंटेनर यातायात की पूर्ति के लिए अरब सागर में एक केंद्र के रूप में बंदरगाह को विकसित करने की योजना है। आज पूरी दुनिया में जीवन की गुणवत्ता में सुधार, शहरों को टिकाऊ बनाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए स्मार्ट शहरों का विकास किया जा रहा है। चीन ने 2012 में स्मार्ट शहरों को प्राथमिकता बनाया और 2020 तक देश भर में 900 से अधिक पायलट-प्रोजेक्ट स्थापित किए। इसने ग्वांगझोउ, शेनझेन और हांग्जो जैसे छोटे शहरों को वैश्विक मानचित्र पर ला दिया, क्योंकि वे शहरी-नियोजन और प्रबंधन के लिए अभिनव दृष्टिकोण प्रदर्शित करते हैं। 2000 के दशक की शुरुआत में स्मार्ट शहरों को अपनाने वाले पहले देश दक्षिण कोरिया में आज दुनिया का सबसे स्मार्ट शहर सोंगडो है, जो सियोल से बहुत दूर नहीं है। पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का विकास-रथ हमें दिखा रहा है कि जब आप दृढ़ संकल्प को स्पष्ट दृष्टि और निर्णायक कार्रवाई से जोड़ते हैं तो क्या किया जा सकता है।
Dakhal News
ज्यां द्रेज हम प्रतिस्पर्धा की दुनिया में रहते हैं। छोटी उम्र से ही बच्चे स्कूल में सबसे अच्छे अंक पाने के लिए प्रतिस्पर्धा करना सीखते हैं। लेकिन कुशाग्र बच्चों को पढ़ाई में वंचित बच्चों की मदद करना नहीं सिखाया जाता। उन्हें कक्षा में दूसरे या तीसरे नंबर पर आने के बजाय टॉपर बनना सिखाया जाता है। वयस्क जीवन में भी यही प्रतिस्पर्धा जारी रहती है। विद्वान दूसरे विद्वानों से, खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ियों से, कलाकार दूसरे कलाकारों से, राजनेता दूसरे राजनेताओं से प्रतिस्पर्धा करते रहते हैं। अर्थव्यवस्था भी आखिर प्रतिस्पर्धा पर ही आधारित है। मजदूर रोजगार के लिए, दुकानदार ग्राहकों के लिए, ठेकेदार ठेके के लिए और मीडिया आपके ध्यान के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। अर्थशास्त्री अक्सर हमें बताते हैं कि यह अच्छी बात है। कि प्रतिस्पर्धा अर्थव्यवस्था को गतिशीलता प्रदान करती है। यह हर किसी को कड़ी मेहनत करने के लिए मजबूर करती है। हालांकि, प्रतिस्पर्धा से समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। मसलन, अगर खनन कम्पनियां मुनाफे के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी तो क्या वे पर्यावरण का ख्याल रखेंगी? नहीं, वे खुले स्थानों पर कचरा फेंककर पैसे बचाएंगी। अगर डॉक्टर मरीजों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे, तो क्या वे किसी ऐसे व्यक्ति- जिसे साधारण सर्दी है- से कहेंगे कि उसे बस आराम और अच्छे भोजन की जरूरत है? नहीं, डॉक्टर एंटीबायोटिक या स्टेरॉयड लिखेंगे, ताकि मरीज तुरंत राहत महसूस करे। अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के नुकसान हमें चारों तरफ दिखते हैं। प्रतिस्पर्धा के दबाव के कारण लोग जीतने के लिए अनुचित साधनों का उपयोग करने लगते हैं। विद्वान आत्मप्रचार के लिए फर्जी पत्रिकाओं में शोध-पत्र छपवाते हैं। राजनेता वोट जीतने के लिए काले धन का उपयोग करते हैं। खिलाड़ी अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए ड्रग्स तक लेते हैं। संगीतकार अपनी रचनात्मकता को छोड़कर वह धुन बजाते हैं, जो बाजार में सबसे अधिक बिकती है। जबकि अगर सच कहें तो जीवन में कई बेहतरीन चीजें प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग से आती हैं। पारिवारिक जीवन से लेकर राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन तक, सहयोग ही काम आया है। और सोचिए, अगर माता-पिता और शिक्षक स्कूल को बेहतर बनाने में परस्पर-सहयोग करें तो बच्चों के जीवन में कितना बदलाव आ सकता है। इसी तरह, जब डॉक्टर और नर्स एक-दूसरे के साथ सहयोग करते हैं, तब स्वास्थ्य केंद्र और ढंग से काम करने लगता है। आर्थिक और सामाजिक जीवन में प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों का अपना स्थान है। लेकिन दुर्भाग्य से, प्रतिस्पर्धा की संस्थाएं जहां अच्छी तरह से विकसित हैं, वहीं सहयोग की संस्थाएं नहीं। प्रतिस्पर्धा और सहयोग एक-दूसरे के विरोधी नहीं हैं। जब युवा फुटबॉल मैच खेलते हैं, तो क्या वे प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं या सहयोग? दोनों! वे गोल करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, लेकिन खेल के नियमों का पालन करने के लिए सहयोग भी करते हैं। झारखंड में- जहां मैं रहता हूं- आदिवासियों में सहयोग की मजबूत संस्कृति है। वे रोजमर्रा की जिंदगी में आसानी से सहयोग करते हैं। आदिवासी समुदायों में आपसी सहयोग कई अलग-अलग उद्देश्यों के लिए किया जाता है जैसे कि धान की रोपाई, घर बनाना और शादी समारोह का आयोजन करना। सहयोग की यह संस्कृति उनको बहुत मदद करती है। सहयोग की संस्कृति से हमें बहुत कुछ सीखना है। मैं तो यह भी कहूंगा कि अगर हम वैश्विक स्तर पर सहयोग करना नहीं सीखेंगे, तो मानव प्रजाति शायद ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएगी। अभी हम सामूहिक आत्मघात की ओर बढ़ रहे हैं क्योंकि हम जलवायु-परिवर्तन और परमाणु युद्ध जैसे खतरों से बचने के लिए सहयोग करने में विफल रहे हैं। सहयोग का मुख्य दुश्मन असमानता है। सहयोग समान लोगों के बीच अच्छा काम करता है। यही कारण है कि आदिवासी समुदायों में सहयोग दिखता है, जहां जाति व्यवस्था नहीं है और अधिकांश लोगों के पास थोड़ी जमीन है। लेकिन धन, जाति या शक्ति के हिसाब से असमान लोगों के बीच सहयोग मुश्किल होता है। प्रतिस्पर्धा शासक-वर्गों और जातियों की विचारधारा है। प्रतिस्पर्धा से उन्हें लाभ होता है, क्योंकि इसमें वही विजयी होते हैं। इसलिए वे प्रतिस्पर्धा की प्रशंसा करते हैं और सहयोग का अवमूल्यन करते हैं। अगर हम सहयोग को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो हमें इस विचारधारा का मुकाबला करना होगा और समाज में अधिक समानता भी लानी होगी।
Dakhal News
नवनीत गुर्जर पीढ़ियाँ गुज़र जाती हैं लेकिन वो तारीख़ नहीं आती। आरोपी खुले घूमते रहते हैं और पीड़ित लोग डर में जीते रहते हैं, लेकिन वो तारीख़ नहीं आती। सरकारों, वकीलों और न्यायाधीशों ने इस बारे में हो सकता है सोचा होगा, लेकिन इस दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए। किए भी गए हो तो न तो वे आम आदमी को दिखाई दिए और न ही न्याय प्रक्रिया में उनकी झलक दिखाई दी। न्याय प्रक्रिया को इतना सरल और सहज बनाना चाहिए कि आम आदमी कोर्ट रूम में जाने से घबराए नहीं। ख़ासकर पीड़ित व्यक्ति की घबराहट तो दूर करनी ही चाहिए। आख़िर तारीख़ पे तारीख़, तारीख़ पे तारीख़ के नकारात्मक कल्चर को न्यायपालिका कब तक ढोती रहेगी? आरोपी तारीख़ें आगे बढ़वाते रहते हैं और वे बढ़ती भी रहती हैं। न्याय आम आदमी की पहुँच से दूर, बहुत दूर होता जाता है। अगर त्वरित न्याय होने लगे तो अपराधों पर बहुत हद तक अंकुश लग सकता है। कोलकाता, बदलापुर जैसी घटनाओं में निश्चित रूप से कमी ज़रूर आएगी। अभी न्याय या फैसलों में बहुत देर होने के कारण अपराधियों में ख़ौफ़ नहीं है। अपराध करने वाले के भीतर ख़ौफ़ पैदा करने का एक ही तरीक़ा है और वो है त्वरित न्याय। इसके सिवाय कोई चारा नहीं है। क्योंकि हम एक सभ्य और सहज राष्ट्र के रूप में जाने जाते हैं इसलिए अपराधियों को दण्ड देने का न्यायिक प्रक्रिया के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं हो सकता। हो सकता है कि जघन्य घटनाओं के तुरंत बाद कुछ लोगों को लगता हो कि चौराहे पर खड़ा करके ऐसे अपराधियों को दण्ड देना ही उचित है लेकिन यह नारकीय व्यवस्था साबित हो सकती है। सही मायने में कुछ लोगों में इस तरह की सोच विकसित होने का कारण भी न्याय में देरी ही है। न्याय प्रक्रिया में सुधार की बात ठान ली जाए तो पेंडिंग केस और नए मामलों में देरी की समस्या से निजात पाई जा सकती है। अगर यह करना है तो वकीलों, न्यायाधीशों और सरकारों को मिलकर इसके लिए तुरंत आगे बढ़ना होगा। न्याय में देरी आख़िर कितनी, क्यों और कब तक जारी रहेगी?
Dakhal News
रुचिर शर्मा ये 2000 के दशक की बात है, जब उभरती अर्थव्यवस्थाओं में एक व्यापक इकोनॉमिक-बूम उनके बाजारों में अरबों डॉलर की बाढ़ ला रहा था। तब उस ऐतिहासिक पल को ‘राईज़ ऑफ द रेस्ट’ यानी विकसित अर्थव्यवस्थाओं की सूची से शेष रह गई ‘अन्य’ विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का उदय बताया गया था। आज फिर उभरते बाजारों से वैसी ही प्रेरक कहानी सामने आ रही है, लेकिन कम ही विश्लेषकों का ध्यान इस तरफ गया है। विदेशी निवेशकों को तो भनक तक नहीं लगी है। पिछले दशक में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट आई थी, लेकिन अब वे पुनर्निमाण के दौर से गुजर रही हैं और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष ग्रोथ की बढ़त दर्ज करने में मशगूल हैं। अमेरिका तक को चुनौती दी जा रही है। ऐसा गत 15 वर्षों में नहीं देखा गया था। उभरती अर्थव्यवस्थाओं का अनुपात- जिसमें प्रति व्यक्ति जीडीपी अमेरिका से अधिक तेजी से बढ़ने की संभावना है- पिछले पांच वर्षों में 48 प्रतिशत से अगले पांच वर्षों में 88 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है। यह 2000 के दशक में उभरती दुनिया के पीक के अनुरूप होगा। यह उभरता हुआ उछाल पिछली बार के बूम से कई अहम मामलों में अलग है। 2000 के दशक में उभरती दुनिया को चीन के तेजी से बढ़ते कदमों, कमोडिटी की कीमतों में भारी उछाल और पश्चिमी केंद्रीय बैंकों द्वारा अपनाई गई आसान मुद्रा नीतियों के कारण उछाल मिला था। कई टिप्पणीकारों ने मान लिया था कि चीन के उदय के पीछे ‘अन्य’ अर्थव्यवस्थाएं भी बड़े पैमाने पर उछाल जारी रख सकती हैं, लेकिन वे बुरी तरह से निराश हुए। 2012 में ही मैंने चेतावनी दे दी थी कि अत्यधिक हाइप के चलते इन ‘अन्य’ अर्थव्यवस्थाओं का पतन हो सकता है। और यकीनन, अगला दशक उभरते बाजारों के लिए निराशाजनक था- वहीं वह अमेरिका के लिए शानदार रहा। लेकिन अब कई उभरते हुए देश अमेरिका की तुलना में कहीं ज्यादा मजबूत वित्तीय स्थिति में हैं। एक अति-उत्तेजित महाशक्ति के रूप में, और विकास को गति देने के लिए रिकॉर्ड घाटे पर निर्भर रहने के कारण अमेरिका अब एक अस्थिर रास्ते पर है। उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में बजट और चालू खाता घाटा बहुत कम है, जिससे उन्हें निवेश करने और भविष्य के विकास को आगे बढ़ाने की ज्यादा क्षमता मिलती है। यहां तक कि तुर्किये से लेकर अर्जेंटीना तक- जो देश अतीत में वित्तीय अपव्यय के लिए जाने जाते थे- वे भी पुराने चलन की आर्थिक नीतियों की ओर लौट आए हैं। उभरते देशों का भाग्य अब पूरी तरह से सबसे अमीर देश पर निर्भर नहीं करता। वर्तमान में हो रहा उभार चीन के अलावा अन्य देशों द्वारा संचालित है, जिनकी अपनी कठिनाइयां हैं, घटती आबादी से लेकर भारी कर्ज तक। बीजिंग के राष्ट्रवादी रुख और पश्चिम के साथ उसके बढ़ते तनावपूर्ण संबंधों ने वैश्विक निवेशकों को डरा दिया है। अब वे चीन से बाहर निकल रहे हैं और कहीं और कारखाने स्थापित कर रहे हैं। आने वाले दशक में ग्रीन टेक्नोलॉजी और उसके लिए आवश्यक कच्चे माल- जैसे कि तांबा और लिथियम- के लिए निर्यात विशेष रूप से मजबूत होने की संभावना है, जिनकी आपूर्ति मुख्य रूप से उभरते देशों द्वारा ही की जाती है। एआई बूम पहले से ही एआई-संबंधित चिप्स (कोरिया और ताइवान) और इलेक्ट्रॉनिक्स (मलेशिया और फिलीपींस) के आपूर्तिकर्ताओं से निर्यात को बढ़ावा दे रहा है। कई उभरते बाजारों में निवेश भी बढ़ रहा है, जो कई खूबियों से प्रभावित है- भारत का बड़ा घरेलू बाजार, डेटा सेंटर के लिए मलेशिया का उपजाऊ वातावरण और मेक्सिको की अमेरिका से निकटता। जैसे-जैसे आर्थिक विकास बढ़ता है, कॉर्पोरेट आय भी उसी के अनुरूप होती है। चीन को छोड़ दें तो वर्तमान में उभरते बाजारों में आय 16 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रही है, जबकि अमेरिका में यह 10 प्रतिशत ही है। इस वर्ष की दूसरी तिमाही में- 2009 के बाद पहली बार- उभरते बाजारों (चीन को छोड़कर) में कॉर्पोरेशंस ने अपने अमेरिकी समकक्षों की तुलना में आय के पूर्वानुमानों को व्यापक अंतर से पीछे छोड़ दिया है। भारत और सऊदी अरब के पास तो घरेलू निवेशकों का भी मजबूत और तेजी से बढ़ता आधार है। अमेरिका की छाया में लंबे समय तक रहने के बाद, उभरते बाजार तेजी से आकर्षक विकल्प बनते जा रहे हैं। हालांकि वे तेजी से आय वृद्धि दर्ज कर रहे हैं, लेकिन वे अमेरिका की तुलना में रिकॉर्ड कम मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं। 15 वर्षों तक, अमेरिका ने मुख्य रूप से बड़ी टेक कंपनियों द्वारा संचालित बेहतर आय वृद्धि प्रदान की थी, लेकिन यह भी बदल रहा है। अमेरिका की बड़ी टेक फर्मों की आय वृद्धि अब आने वाले वर्ष में आधे से अधिक गिरने की उम्मीद है। ये ठीक बात है कि सभी उभरते हुए देशों को एक पांत में नहीं रखा जा सकता। ऐसे में उन्हें औसतन एक दशक तक अच्छा करना होगा और वैश्विक व्यापार, डॉलर, आर्थिक सुधार, नए राजनीतिक नेतृत्व आदि के अनुकूल ट्रेंड्स से अपने लिए मजबूती प्राप्त करना होगी। याद करें कि अभी हाल ही तक अनेक टिप्पणीकार चेतावनी दे रहे थे कि महामारी के बाद उभरती हुई दुनिया और कमजोर हो जाएगी। उनसे कम ही उम्मीदें की जा रही थीं। उलटे इस बात का डर था कि उभरते बाजार वैश्विक निवेशकों की पसंद नहीं रह जाएंगे। लेकिन उन्होंने शानदार वापसी की है। टिप्पणीकारों को अब इसका संज्ञान लेना चाहिए। बदलते दौर की इकोनॉमी... एआई बूम चिप्स (कोरिया व ताइवान) और इलेक्ट्रॉनिक्स (मलेशिया व फिलीपींस) के आपूर्तिकर्ताओं से निर्यात को बढ़ावा दे रहा है। भारत का बाजार, डेटा सेंटर के लिए मलेशिया का सहयोगी माहौल और मेक्सिको की अमेरिका से निकटता निवेशकों को खींच रही है।
Dakhal News
नवनीत गुर्जर जब उसके बचपन के दिन थे। चांद में परियां रहती थीं। हवाएं किसी हाकिम की मुट्ठी या कैदखाने में बंद नहीं होती थीं। उसके हिसाब से आया-जाया करती थीं। आजकल उसी बचपन को, वही चांद हड्डी बनकर चुभ रहा है। हवाएं शरीर पर कोड़े मार रही हैं। कोलकाता में, बदलापुर में क्या हुआ? ये तो दो बड़े मामले हैं… और भी देश के कई शहरों, कस्बों में क्या हो रहा है? कुछ लोगों की लालसा ने अपने लफ्जों के हाथों तलवारें क्यों थमा दी हैं? आखिर इसे क्या नाम दिया जाए? पागलपन या हवसीपना? बच्चियों, महिलाओं का नभ, जो सुबह नीला, सुंदर होता है, उसे दोपहर और शाम और रात तक लोग स्याह, काला करने पर क्यों तुले हुए हैं? निश्चित ही समाज में ऐसे लोग कम ही होते हैं, लेकिन सवाल यह है कि वे उतने भी क्यों हैं? जिस कोख को वे तितर-बितर करने पर, तहस-नहस करने पर तुले हुए हैं, आखिर वही उनकी जन्मदात्री भी तो है! वही उनके अस्तित्व की वजह भी तो है! क्यों ऐसे लोगों के नाखून जमाने भर से तेज होते जा रहे हैं? कोई तो बताए कि ये और कितनी रातों तक कितनी रूहों को निगलते रहेंगे? जलाते-फूंकते रहेंगे? आखिर इनकी भूख इतनी शैतानी क्यों है? …और आखिर इस भूख के मिटने का कोई सिरा भी है या नहीं? इन क्रूर और पिशाची घटनाक्रमों के बाद आंखों के नीचे पानी के कुछ कतरे रख लेने भर से अब कुछ नहीं होने वाला! इस स्याह अध्याय का कोई तो समाधान खोजना ही होगा। चाहे वो कड़े कानून के तौर पर हो! चाहे कड़ी और त्वरित या तुरंत सजा के रूप में हो। आखिर इस अनाचार का कोई तो अंत होना ही चाहिए। ऐसी घटनाओं को देख-सुनकर करोड़ों मांएं, बच्चियां और लड़कियां आखिर कब तक खुद को लज्जित महसूस करती रहेंगी? आखिर एक महिला ने पुरुष के लिए क्या नहीं किया! उम्रभर, गलती रही! बहती रही! एक नदी की तरह! उसका यह योगदान बड़ा होता है। किसी आसमान से भी बड़ा। लेकिन इन चंद हैवानों ने उसे क्या दिया? सिवाय दु:ख के? निर्भया के बाद अभया और इन दोनों के बीच के समय में जाने कितनी निर्भया, कितनी ही अभया ने वो सब कुछ झेला, जो ज्यादती की हद के पार था। दबी-दबी सिसकियों को कोई क्यों नहीं सुनता? वे दर्दअंगेज चीखें! वे ख्वाबों के अचानक टूटने, तहस-नहस होने की आवाज इन दानवों को क्यों सुनाई नहीं देती? ऐसी घटनाओं से तो पेड़-पौधे तक बिलख उठते हैं। दरिया तक रो पड़ता है। ये तो आखिर हाड़-मांस के, जीते-जागते पुतले हैं। इन्हें कुछ क्यों महसूस नहीं होता? ये पिशाच क्या हमेशा से पिशाच ही थे? मनुष्य या मनुष्यत्व से उनका कभी कोई नाता रहा ही नहीं? अगर हां, तो ऐसा क्यों है? सरकारें केवल कानून बना सकती हैं। उनका पालन करवा सकती हैं, जो वे फिलहाल पूर्ण रूप से या सही तरीके से नहीं कर पा रही हैं। हर तरफ, हर मौके पर लीपापोती करना और करते रहना, सरकारों का स्वभाव बन गया है। यह ढर्रा बदलना चाहिए। यह रवैया सुधरना चाहिए। जहां तक आम आदमी का सवाल है उसे चेतना होगा। क्योंकि चेतना तो भीतर से ही आएगी। वो किसी सरकार के खीसे में नहीं पाई जाती। इसे जागृत करना होगा। मनुष्यत्व को अपना चैतन्य रूप दिखाना होगा। यह ढर्रा बदलना चाहिए... बच्चियों, महिलाओं का नभ, जो सुबह नीला, सुंदर होता है, उसे दोपहर और शाम और रात तक लोग स्याह, काला करने पर क्यों तुले हुए हैं? समाज में ऐसे लोग कम ही होते हैं, लेकिन सवाल यह है कि वे उतने भी क्यों हैं?
Dakhal News
कावेरी बामजेई उस समाज का क्या होता है, जहां प्रेम नहीं होता? तब वह सालों पीछे चला जाता है। महिलाओं से आजादी छीन ली जाती है, लड़कियों को किताबों और फोन से वंचित कर दिया जाता है, और पुरुष ही सड़कों पर बेखौफ घूम सकते हैं। यही ‘स्त्री-2’ का अंतर्निहित संदेश है। यह संदेश देने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था, जब हमारी सड़कें डर से भरी हैं और हमारे कार्यस्थल भी खतरों से अछूते नहीं रह गए हैं। अमर कौशिक द्वारे रचे गए फिल्मी-संसार में चंदेरी एक ऐसा शहर है, जहां महिलाएं आजाद घूमती हैं और पुरुष ‘भीगी बिल्ली’ की तरह घर पर बैठे हैं। ‘हमें वो वापस चाहिए,’ शहर की महिलाएं एक लेडीज टेलर के बारे में कहती हैं, जिससे उन्हें उम्मीद है कि वह शहर को ‘सरकटे’ से छुटकारा दिला सकता है। यह सरकटा प्रगतिशील विचारों वाली किसी भी युवा महिला को अपने साथ ले जाता है, चाहे वह ताइक्वांडो सीख रही हो, पढ़ाई में अव्वल हो, प्यार में हो या सोशल मीडिया पर सक्रिय हो। मुसीबत तब चरम पर पहुंच जाती है, जब ‘सरकटा’ एक नर्तकी को अपने अड्डे पर ले जाता है। लेकिन कस्बे को बचाने के लिए एक गांव की जरूरत होती है, जैसे देश को बचाने के लिए समाज की! इसलिए, हालांकि चंदेरी की महिलाएं लेडीज टेलर विकी से उन्हें बचाने का आग्रह करती हैं, और रहस्यमयी स्त्री उससे प्रेम की अपनी शक्ति को उजागर करने का आग्रह करने के लिए लौट आती है, लेकिन ‘अर्धनारीश्वर’ के रूप में स्त्री और विकी ही ‘सरकटे’ को हराने में सक्षम हैं। यहां ‘अर्धनारीश्वर’ के मिथक का चयन दिलचस्प है। क्योंकि हर पुरुष में स्त्रीत्व का तत्व होता है और इसका विपरीत भी सच है! कहानी का लब्बोलुआब यह है कि व्यवस्था बहाल करने के लिए पुरुषों और महिलाओं दोनों को कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा। अन्यथा महिलाओं को चौके-चूल्हे तक ही सीमित कर दिया जाएगा। एक ऐसे समय में- जब हमारी दुनिया में उथल-पुथल है- ‘स्त्री-2’ हमें उम्मीद देती है कि सच्चाई, सरलता और सच्चा प्यार हमें विनाश से बचा सकते हैं। जब स्त्री विकी से कहती है कि वह उसके साथ नहीं रह सकती क्योंकि वह सिर्फ एक छाया है, तो वह उससे कहता है कि वह उसके लिए ‘एडजस्ट’ करने को तैयार है। ‘स्त्री-2’ की दुनिया में दीवारें तक कहती हैं कि- ‘हे स्त्री रक्षा करना।’ यहां स्त्री शक्ति का प्रतीक है। ‘अर्धनारीश्वर’ के मिले-जुले प्रयासों के बावजूद ‘सरकटे’ को हराने के लिए अंततः स्त्री की मां को न्याय की स्थापना करनी पड़ती है। एक स्थिर दुनिया में, मनुष्य और जानवर समान हैं, और संतुलन के लिए दोनों की समान रूप से जरूरत है। तब पुरुष महिलाओं से प्रेम कर सकते हैं और महिलाएं आजादी का आनंद ले सकती हैं। जैसा कि फिल्म में एक गाना कहता भी है : ‘मेरे महबूब समझिए जरा मौके की नजाकत/के खरीदी नहीं जा सकती हसीनों की इजाजत।’ इससे पूर्व में आई ‘स्त्री’ की तुलना में ‘स्त्री-2’ अधिक विकसित कहानी है, जहां चंदेरी की सुरक्षा के लिए एक महिला की जरूरत है, जहां महिलाएं जो चाहें कर सकती हैं और जहां पुरुषों का जीवन संकट में है। जहां बदलाव का बोझ समान रूप से साझा किया जाता है। बदलाव लाना है तो पुरुषों को महिलाओं के साथ मिलकर काम करना होगा। हॉरर फिल्मों ने हमेशा समाज की चिंताओं को प्रदर्शित किया है, चाहे वह ‘किंग कांग’ द्वारा न्यूयॉर्क को ‘ग्रेट डिप्रेशन’ के रूपक के रूप में रौंदना हो या हाल में अमेरिका में नस्लवाद पर टिप्पणी करने वाली ‘गेट आउट’ हो। और कभी-कभी हमें रास्ता दिखाने के लिए एक हॉरर-कॉमेडी की भी जरूरत होती है। एक ऐसे देश में जहां हर दिन 86 दुष्कर्म होते हैं, जहां महिलाओं के साथ कार्यस्थलों, घरों और यहां तक कि ऑनलाइन भी दुर्व्यवहार किया जाता है, वहां बदलाव लाने के लिए सभी की साझा जरूरत होगी। समाज में मौजूद ‘सरकटे’ को हटाएं! हॉरर फिल्मों ने हमेशा ही अपने समय और समाज की चिंताओं को प्रदर्शित किया है, चाहे वह ‘किंग कांग’ हो या ‘गेट आउट’ हो। और कभी-कभी हमें रास्ता दिखाने के लिए ‘स्त्री-2’ जैसी एक हॉरर-कॉमेडी की भी जरूरत होती है।
Dakhal News
पं. विजयशंकर मेहता कहते हैं दुनिया में 75% से अधिक लोग ऐसे हैं, जो दिन भर में दो बार झूठ बोल जाते हैं। अनेक लोग ऐसे हैं जो झूठ बोलना नहीं चाहते पर मुंह से निकल जाता है। दरअसल झूठ को समझना हो, तो पहले सत्य को जानना पड़ेगा। अब सत्य की क्या परिभाषा है? एक का सत्य, दूसरे का असत्य हो सकता है। पिता का सत्य ये है कि बच्चे शाम को समय पर घर आएं। बच्चों का सत्य ये है कि यही तो उम्र है घूमने की। सत्य की सीधी-सी परिभाषा है कि जब हम मन, वचन, कर्म में एक हो जाते हैं, तब सत्य उतरता है, और इसका ठीक उल्टा झूठ है। श्री राम भरत को समझाते हुए, दुष्ट लोगों की व्याख्या कर रहे थे। और उसमें उन्होंने कहा, ‘झूठइ लेना झूठइ देना, झूठइ भोजन झूठ चबेना।’ उनका झूठा ही लेना और झूठा ही देना होता है। वो भोजन भी झूठ का करते हैं, और झूठइ चबेना, यानी झूठ की आड़ में बड़ी-बड़ी डींगें मारते हैं। श्रीराम झूठे लोगों को पसंद नहीं करते हैं। अब हमें तय करना है कि यदि हम श्रीराम के भक्त हैं, तो हमें जिन-जिन बातों से खुद को बचाना है, उसमें से एक झूठ भी है। कुछ झूठ तो हम ऐसे बोलते हैं, शायद कोई मशीन नहीं पकड़ पाए। लेकिन दो लोग तो हमारे झूठ को जानते हैं, एक हम और एक हमारा भगवान।
Dakhal News
भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं, मन का बैचेन होना उसका स्वभाव है। हमारे मन को लगता है कि अगर वह अलग-अलग बातों के बारे में सोचता रहेगा तो हमें आने वाली हर मुश्किल और मुसीबत से बचा लेगा। पर ऐसा होता नहीं है। हम अपने जीवन का काफी अधिक समय सोच-विचार करके परेशान होने में निकाल देते हैं। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मन का यह स्वभाव बदलना मुश्किल जरूर है, असंभव नहीं। अच्छा अब आप एक बात बताइए, क्या आप कौए को कह सकते हैं कि वो कांव-कांव की आवाज ना करे। या फिर क्या आप किसी मेंढक को कह सकते हैं कि वह पानी देखते ही ऊंची छलांग ना मारे? हमारे मन का भी कुछ ऐसा ही है। जीवन में कुछ भी होता है, अच्छा या बुरा, हमारा मन उस पर कांव-कांव-कांव करने लगता है। ‘कांव-कांव’ से मेरा मतलब है चिंता करना, व्याकुल होना। कोई बुरी बात होती भी नहीं है और मन परेशानी की ऊंची-ऊंची लपटें लेने लगता है। कभी-कभी तो मुझे ऐसा लगता है कि हममें से कई लोग सिर्फ परेशान होने के लिए जीते हैं। सारी परेशानी, पीड़ा, दुविधा अक्सर हमारी मन की बनाई हुई कहानियां होती हैं। भगवान श्रीकृष्ण हमें हमारे मन को शांत और स्थिर करने के लिए दो उपाय देते हैं- पहला, ध्यान लगाना या मेडिटेट करना। दूसरा, वैराग्य भाव सीखना। अब ध्यान या मेडिटेशन शब्द सुनते ही आप में से कई लोग कहेंगे कि आप आंख बंद कर सांसें अंदर-बाहर नहीं ले सकते। यहां हम सब गलती कर बैठते हैं। मेडिटेशन या ध्यान का मतलब सिर्फ आंख बंद कर बैठना नहीं होता। मेडिटेशन का मतलब होता है अपना पूरा ध्यान किसी चीज पर लगाना और उसे हटने नहीं देना। अगर आप रोटी बना रहे हैं तो सिर्फ उस बात पर ध्यान दीजिए। अगर आप पिक्चर देख रहे हैं तो अपना पूरा ध्यान पिक्चर पर लगाएं। यह मत सोचिए कि पिक्चर देखकर आप अपना कितना वक्त बर्बाद कर रहे हैं। जब आप जीवन के हर छोटे-बड़े काम को पूरे ध्यान से करते हैं तो आपका जीवन ही एक मेडिटेशन बन जाता है। ऐसे जीवन में शांति, स्थिरता, साहस और सफलता का होना अनिवार्य है। वैराग्य भाव दूसरा उपाय। वैराग्य का अर्थ यह नहीं कि आप सब कुछ छोड़ कर जंगल में जाकर बैठ जाएं। वैराग्य का सच्चा अर्थ है कि आप जो काम कर रहे हैं उसका क्या नतीजा या रिजल्ट निकलेगा उसकी चिंता ना करें। जैसे अगर आपने कोई इंटरव्यू दिया। आप यह कर सकते हैं कि पूरे मन से तैयारी करें और अपना बेस्ट दे कर आ जाएं। वह नौकरी मिलना या ना मिलना आपके हाथ में नहीं है। इस नतीजे के पीछे अलग-अलग चीजें हैं जो आपके बिल्कुल कंट्रोल में नहीं। तो जिस चीज के बारे में आप कुछ कर नहीं सकते, उसके बारे में चिंता भी ना करें। यही वैराग्य का सच्चा मतलब होता है। और यही है भगवान श्री कृष्ण का दूसरा उपाय मन को चिंता की लपटों से बचाने का। याद रखिए, आप पूरे के पूरे इंसान हैं। समझदारी संयम और कुशलता से भरे इंसान। आपका मन जब भी कौए की तरह अलग-अलग बातों पर आपको परेशान करने लगे, तब अपने मन को भी प्यार से समझाइए और शांत कर लीजिए। बस अपने ऊपर विश्वास रखिए कि आप कभी अपना बुरा नहीं होने देंगे
Dakhal News
एन. रघुरामन वे दिन याद हैं, जब बच्चे के साथ सफर कर रही मां उसकी उम्र को लेकर झूठ बोल देती थीं, ताकि उसका आधा टिकट भी न लेना पड़े? और जब कंडक्टर बच्चे से उम्र पूछता तो बच्चा गर्व से कहता, “मैं सात साल का हूं, मम्मी झूठ बोल रही हैं!’ और फिर मां को मजबूरन किराया चुकाना पड़ता और झूठ बोलने का वो अपराध भविष्य के किसी संदर्भ के लिए कभी दर्ज नहीं होता। डायरी में दर्ज करने के लिए कंडक्टर न तो मां का नाम पूछता और न ही बच्चे का। पर अब कंप्यूटरीकरण और दुनियाभर में बढ़ती क्लाउड सुविधा के कारण रिकॉर्ड नहीं रखने वाले दिन बीत गए। इन दिनों, बाल अपराध जैसे बिना टिकट बस या ट्रेन में चढ़ जाने और टीसी द्वारा पकड़े जाने या बिना अधिकार किसी की साइकिल लेकर दूर तक चले जाने और फिर साइकिल मालिक के स्कूल अधिकारियों को बताने और यहां तक कि कुछ मामलों में दुकानों से बच्चे जो सामान उठा लेते हैं, ये सब चीजें लोगों के करिअर पर असर डाल रही हैं, और नया नियोक्ता उनको नौकरी पर रखने से पहले उनका दशकों पुराना आपराधिक रिकॉर्ड चेक कर रहे हैं। कल्पना करें, कुछ दिनों पहले हुई पुणे पोर्शे वारदात में 17 साल के लड़के ने दो इंजीनियर्स को मार दिया था और बॉम्बे हाईकोर्ट में मामला पहुंचने के बाद राष्ट्रीय सुर्खियां बना था? या फिर बिहार का ताजा मामला, जहां छह साल का छात्र पिता की लाइसेंसी बंदूक स्कूल लाया और दुर्घटनावश 10 साल के साथी छात्र की कलाई पर गोली मार दी। आपको लगता है कि जब ये बच्चे 30 या 40 साल के होंगे, तो भविष्य के नियोक्ताओं को ये सब मामले पता नहीं चलेंगे? हाल के आंकड़ों के अनुसार, 4406 सर्वाधिक नाबालिग अपराध महाराष्ट्र में दर्ज हुए, फिर मप्र में 3,795 मामले और राजस्थान में 3,063 मामले दर्ज हुए। ऐसे अपराधों की दर दिल्ली में 42% बढ़ी है तो महाराष्ट्र में 12 और मप्र में 13%। मोटर अपराध, किशोर अपराधों से हुई क्षति और छोटे-मोटे प्रकरण भी विकसित देशों में ऐसे लाखों लोगों को डरा रहे हैं, जिनके बचपन का आपराधिक रिकॉर्ड संबंधित नियोक्ता से साझा किया जा रहा है। ये रिकॉर्ड साझा करना इतना सहज हो गया है कि ब्रिटेन जैसे देशों में तो एक अभियान चलाया जा रहा है, जहां लोग बचपन में किए गंभीर अपराधों को छोड़कर बाकी सारे अपराधों को क्लीन करने के लिए कह रहे हैं। याद रहे, भारतीय पुलिस के रिकॉर्ड भी कंप्यूटरीकृत हो रहे हैं, और बढ़ते सफेदपोश अपराधियों से निपटने एआई का बड़े पैमाने पर प्रयोग हो रहा है, जहां पांच दशक पुराने रिकॉर्ड भी चंद सेकंड्स में सामने आ जाएंगे। ब्रिटेन में कई अभियानकर्ताओं का कहना है, “जिनने युवावस्था में मामूली अपराध किए, उन्हें दशकों बाद इन्हें बताने के लिए मजबूर किया जाता है जब रिकॉर्ड की कोई प्रासंगिकता नहीं होती।’ सिर्फ ब्रिटेन में 1,63,345 लोगों के बाल अपराधों की सूचना नियोक्ताओं को मिली, जबकि उनमें से अधिकांश को तब अधिकारियों से सिर्फ चेतावनी मिली थी। इन शर्मनाक स्थितियों के बारे में बात करते हुए, एक संभावित कर्मचारी ने कहा, ‘मैंने जिस भी रोल के लिए आवेदन किया, वहां बात हमेशा या तो कुछ शर्मिंदगी से शुरू होती है या खत्म होती है, जब नियोक्ता इस संवेदनशील मुद्दे पर बात करते हैं। शानदार साक्षात्कार के बावजूद मुझे अंत में बताना होगा कि 14 साल की उम्र में सहपाठी के साथ दुर्व्यवहार करने का मेरा रिकॉर्ड है।’ वहीं यूके पुलिस का कहना है कि वे ‘लोगों की सुरक्षा का ख्याल’ रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आने वाले दिनों में परवरिश आसान नहीं रहने वाली, खासकर आपस में जुड़ी ऐसी दुनिया में जहां बच्चों की हर चीज (कानून इसे किशोर अपराध कह सकता है) रिकॉर्ड में दर्ज हो रही है और कैमरा चौबीसों घंटे उन पर नजर रखे हुए है। फंडा यह है कि बच्चे के जन्म से लेकर उसके 18 साल के होने तक माता-पिता को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि वे अनजाने में ऐसी गतिविधि में शामिल न हो जाएं, जो कानून की नजर में अपराध हो। उनकी जिंदगी को पुलिस रिकॉर्ड से मुक्त रखना भी हमारी जिम्मेदारी है।
Dakhal News
एन. रघुरामन भाग्य को अलग-अलग पेशों में अलग-अलग तरीके से परिभाषित कर सकते हैं। जैसे एक पेशेवर क्रिकेटर के लिए, बल्ले का ठीक उसी जगह प्रहार करना, जहां गेंद आती है, भाग्य नहीं माना जाएगा, लेकिन बल्लेबाज जहां प्रहार करता है, ठीक वहीं गेंद का आना भाग्य कहलाएगा। वहीं, आम लोगों के लिए भाग्य की परिभाषा पूरी तरह अलग हो सकती है। और झारखंड के रहने वाले 31 वर्षीय संजय यादव को यह बात सेकंड के दसवें हिस्से में समझ आ गई! आज वह सोशल मीडिया पर सनसनी हैं। आपको ताज्जुब हो रहा होगा कि कोई एक सेकंड से भी कम में यह कैसे सीख सकता है? यहां इसका जवाब है। संजय मुंबई में कैब ड्राइवर हैं और सुदूर उपनगरीय इलाके में चार अन्य दोस्तों के साथ 15x10 वर्ग फुट की चॉल में रहते हैं। संजय हमेशा से चाहते थे कि ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाएं और अपनी पत्नी और दो बच्चों को अपने साथ मुंबई में रखें। पिछले छह साल से वह बमुश्किल ही दो परिवारों की मूलभूत जरूरतें पूरी कर पा रहे हैं- एक झारखंड में तो दूसरा मुंबई में खुद के खर्चे। 16 अगस्त की दोपहर संजय 3-4 राइड पूरी कर चुके थे और एक कप चाय पीने के लिए बैठे ही थे कि उनके रूममेट, जो खुद भी कैब ड्राइवर हैं, उन्होंने एक महिला यात्री को पिकअप करने के लिए कहा, क्योंकि उसी पिकअप समय पर उनके पास भी एक राइड थी। संजय ने राइड ले ली। 57 वर्षीय वह महिला मुंबई में नए बने अटल सेतु जाना चाहती थीं कि ताकि भगवान की कुछ तस्वीरें विसर्जित कर सकें। जब संजय ने कहा कि अटल सेतु पर वाहन रोकने की इजाजत नहीं है, तो महिला ने जोर देकर कहा कि उसे पांच मिनट से ज्यादा नहीं लगेगा। संजय उसे अटल सेतु ले गए और उस दौरान हल्की-फुल्की बातचीत हुए, जिसमें सबकुछ सामान्य लगा। शाम को 7 बजे वे ब्रिज पर पहुंच गए, लेकिन उसे नहीं पता था कि उसे एक झटका लगने वाला है। उस महिला ने गाड़ी ऐसे कोण पर खड़ी करवाई ताकि किसी को दिखाई न दे कि वह क्या कर रही है। संजय टोल प्लाजा की निकासी के समीप रुके और उस महिला को जल्दी करने के लिए कहा। उसे लगा कि महिला के बैग में देवताओं की तस्वीरें व मूर्तियां हैं, जिन्हें वह पुल से नीचे विसर्जित कर देंगी, लेकिन जब वह महिला क्रैश बैरियर के ऊपर चढ़कर तस्वीरें एक के बाद एक नीचे फेंकने लगी, तो वह चौकन्ना हो गए। संजय घबराया क्योंकि नियम तोड़ने के लिए वो पकड़ा जा सकता था, इसलिए वह कार से बाहर निकला ताकि पूछ सके कि वह क्या कर रही हैं। संजय का ध्यान भटकाने के लिए महिला ने तस्वीरों पर छिड़कने के लिए पानी मांगा।चूंकि यात्री तरफ रखी पानी की बोतल खाली थी। जैसे ही वो ड्राइवर तरफ आ रहा था, तभी उसे सायरन चमकाती, तेजी से उसकी ओर आती ट्रैफिक पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी दिखी। 7.05 और 7.06 के बीच अंतिम सेकंड में उस महिला ने बैरियर के ऊपर से चढ़कर समुंदर की तरफ नीचे पैर लटकाए और लगभग कूदी। और संजय ने महज एक सेकंड से भी कम समय में उस महिला को बालों से पकड़ लिया। इस दौरान उस नुकीले बैरियर से उसका हाथ कट रहा था लेकिन उसने अगले 16 सेकंड तक महिला को बालों के सहारे थामे रखा, जब तक कि ट्रेफिक पुलिस वाले नहीं आ गए और रेलिंग पर चढ़कर महिला को बाईं कलाई से नहीं पकड़ लिया और तब संजय के चोटिल हाथ को थोड़ी राहत मिली और महिला को सुरक्षित बचाया जा सका। पुलिस स्टेशन पर परिवार वाले घंटों तक संजय का धन्यवाद में हाथ थामे रहे और उसे फरिश्ता कहते रहे, वहीं पुलिस वालों ने भी उसे धन्यवाद कहने के बाद अगली बार से ब्रिज पर नहीं रुकने की चेतावनी दी। लेकिन अगले चंद घंटों में संजय को सोशल मीडिया सनसनी बनने से कोई नहीं रोक सका। पिछले एक हफ्ते में कई यात्रियों ने उसे पहचान लिया और उदारमन से उसकी आर्थिक मदद भी की। फंडा यह है कि भाग्य दो चीजों का मीटिंग पॉइंट है- दिमाग की सतर्कता और अवसरों का आना।
Dakhal News
विराग गुप्ता बचपन में हमारे कक्का दो मूढ़ चेलों का किस्सा सुनाते थे, जिन्होंने सेवा के नाम पर गुरु के दोनों पैरों का बंटवारा कर लिया था। लेकिन एक छोटी-सी बात पर झगड़ा होने पर चेले जब गुरु के पैरों को कुल्हाड़ी से काटने लगे तो गुरु महाराज को भागकर जान बचानी पड़ी। कुछ ऐसे ही हालात अपने देश में हैं, जहां केंद्र और विपक्षी राज्यों के बीच बढ़ते विद्वेष की वजह से संवैधानिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न होने के साथ देशहित से जुड़े जरूरी मुद्दों की अनदेखी हो रही है। भारत में बढ़ती अशांति और सड़कों में उफनाते गुस्से की पृष्ठभूमि में 6 बड़े पहलुओं की पड़ताल जरूरी है। 1. पड़ोसी देशों का संकट : श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश के तख्ता-पलट में जनता की नाराजगी के तीन बड़े पहलू भारत में भी दिख रहे हैं। नई आर्थिक व्यवस्था में बढ़ती असमानता। सोशल मीडिया के माध्यम से बेरोजगार युवाओं में उग्रराष्ट्रवाद और धर्मांधता का प्रसार। मोबाइल और वॉट्सएप के दौर में त्वरित अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल सरकारों के खिलाफ सड़कों पर भीड़ का गुस्सा। 2. संविधान की डगमगाती इमारत : कोलकाता व महाराष्ट्र मामले में जजों की तीखी टिप्पणियों से साफ है कि राज्यों में पुलिस, प्रशासन, अस्पतालों का ढांचा चरमरा गया है। अन्याय को दूर करके गवर्नेंस को सुधारने के बजाय नेता दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों पर भी सियासत कर रहे हैं। दोषियों को दंडित करने के बजाय चर्चित मामलों में सीबीआई जांच और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और जिला अदालतों का संस्थागत ह्रास होने से संविधान की इमारत डगमगा रही है। 3. ई-कॉमर्स से अर्थव्यवस्था में तबाही : अमेजन और विदेशी ई-कॉमर्स कम्पनियों की गैर-कानूनी गतिविधियों के बारे में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बयान से साफ है कि एआई की नवक्रांति का नेतृत्व करने के बजाय हमारा देश पिछलग्गू बनकर उपनिवेशवाद की अंधी सुरंग में फंस-सा गया है। गैर-कानूनी लॉबीइंग, टैक्स चोरी और कानून के उल्लंघन के प्रमाणों के बावजूद, ई-कॉमर्स कम्पनियों के खिलाफ सरकार की सुस्ती से करोड़ों का दिवाला निकल रहा है। 4. गूगल का एकाधिकार : अमेरिका में कम्पनियों के एकाधिकार को रोकने के लिए 1890 और फिर 1914 में सख्त कानून बनाए गए थे। जिस गूगल को भारत में महागुरु का दर्जा दिया जाता है, उसकी गैर-कानूनी कारस्तानियों और आपराधिकता का अमेरिका में बड़ा खुलासा हुआ है। गूगल ने अपने सर्च इंजन, वेब-ब्राउजर, गूगल एड और एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्चस्व बढ़ाने के लिए एपल और सैमसंग जैसी कम्पनियों को खरबों डॉलर का भुगतान किया है। गौरतलब है कि ऐसे भुगतानों का भारत में कोई रिकॉर्ड नहीं होने से ये कंपनियां भारत में खरबों रुपए के जीएसटी और कॉर्पोरेट टैक्स की चोरी कर रही हैं। 5. भारत में देशी उद्योगों व स्टार्टअप का संकट : अमेरिका में अगले राष्ट्रपति पद की दावेदार कमला हैरिस की मां भारतीय मूल की हैं। अधिकांश टेक कंपनियों की कमान भी भारतीयों के हाथ में है। गूगल के खिलाफ फैसला देने वाले जज मेहता भी भारतीय मूल के हैं। इस फैसले के बाद गूगल को अमेरिकी न्याय विभाग और एफटीसी को पूरी जानकारियां देने के साथ भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा एकाधिकार को खत्म करने के लिए गूगल को कई हिस्सों में बांटा जा सकता है। मजे की बात यह है कि गूगल के अलावा मेटा, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और एपल जैसी कंपनियां भी भारत जैसे देशों में अनेक अनुचित उपाय अपना रही हैं। इनके एकाधिकार को रोकने में सरकार की विफलता से देशी उद्योगों और स्टार्टअप का विकास अवरुद्ध होने के साथ टैक्स चोरी से सरकारी खजाने को भारी चपत लग रही है। 6. सरकारों पर कब्जे की होड़ : अमेरिका में रजिस्टर्ड ये कम्पनियां अमेरिकी सरकारों से तालमेल रखती हैं। पिछले चुनावों में मेटा और दूसरी कंपनियों ने ट्रम्प के खिलाफ बाइडेन का साथ दिया था। इस बार ट्विटर यानी एक्स के एलॉन मस्क खुलकर ट्रम्प का साथ दे रहे हैं। भारत जैसे देशों में कानून के दायरे से बचने के लिए टेक कंपनियां सोशल मीडिया के माध्यम से विखंडनकारी ताकतों को बढ़ावा देती हैं। वे भारत में टैक्स चोरी, साइबर अपराध, डेटा चोरी के साथ चुनावी प्रक्रिया को भी हाईजैक कर रही हैं। इन अहम मुद्दों पर संसद और सुप्रीम कोर्ट में बहस नहीं होना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। ठोस कानून और प्रभावी रेगुलेटर से विदेशी टेक कंपनियों पर सख्त नियंत्रण नहीं हुआ तो अर्थव्यवस्था और बैंकिंग प्रणाली दोनों डगमगा सकते हैं। अहम मुद्दों पर संसद और सुप्रीम कोर्ट में बहस नहीं होना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। ठोस कानून और प्रभावी रेगुलेटर से विदेशी टेक कंपनियों पर सख्त नियंत्रण नहीं हुआ तो अर्थव्यवस्था और बैंकिंग प्रणाली दोनों डगमगा सकते हैं।
Dakhal News
सुनीता नारायण हाल ही में केरल के वायनाड में भूस्खलन की त्रासद-घटना के कारण 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। उसका सम्बंध जलवायु परिवर्तन से था भी और नहीं भी। उससे पहले केदारनाथ या हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं भी जलवायु परिवर्तन से जुड़ी थीं, और नहीं भी। हम जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन से भविष्य में चरम-मौसम की और भी अधिक घटनाएं होंगी। हमने देश भर में कई क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ तापमान देखा है। फिर बारिश से मुसीबतों का मौसम आया। अत्यधिक बारिश और जलवायु-परिवर्तन से उसके संबंध का भी एक स्पष्ट विज्ञान है। जैसे-जैसे समुद्र का तापमान बढ़ेगा, दुनिया में ज्यादा बारिश होगी, और वह अतिवृष्टि के रूप में होगी। इसलिए कम बारिश वाले दिनों में भी ज्यादा बारिश देखने को मिलेगी। अनुमान है कि भारत में एक साल के लगभग 8700 घंटों में से कुछ सौ घंटे बारिश होती है। लेकिन जुलाई 2024 में भारतीय मेट्रोलॉजी विभाग (आईएमडी) के अनुसार ‘बहुत भारी बारिश’ के रूप में वर्गीकृत की गई घटनाएं पिछले पांच सालों में दोगुनी से भी ज्यादा हो गई हैं। जुलाई में ऐसी घटनाएं 2020 में 90 थीं, जो 2024 में बढ़कर 193 हो गई हैं। यूपी के बरेली का डेटा लें। 8 जुलाई को इस जिले में 24 घंटे में 460 मिमी बारिश हुई। बरेली में हर साल औसतन 1100 से 1200 मिमी बारिश होती है। तो 24 घंटे में ही इसकी आधी बारिश हो गई। उत्तराखंड के चम्पावत जिले का भी यही हाल था। 8 जुलाई को ही 24 घंटे में 430 मिमी बारिश हुई। अगर आप 25 जुलाई को पुणे जिले को लें तो 24 घंटे में 560 मिलीमीटर बारिश हुई। यह इस जिले में साल भर में होने वाली बारिश की आधी से भी ज्यादा है। हिमालय को ही लीजिए। यह दुनिया की सबसे युवा पर्वतमाला है। यह भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं के लिए एक जोखिम भरा स्थल है और यह अत्यधिक भूकंपीय-क्षेत्र भी है। यह नाजुक है। फिर भी हम हिमालय में कुछ इस अंदाज में निर्माण करते हैं मानो दिल्ली के किसी भीड़भाड़ वाले इलाके में पार्किंग स्थल बना रहे हों। हमारे पास हिमालय की वादी में बसे कस्बों के लिए कोई मास्टर प्लान नहीं है। हम बाढ़ के मैदानों पर निर्माण कर रहे हैं। वास्तव में, हम नदियों के ऊपर भी निर्माण करने लगे हैं। हम पहाड़ों को नष्ट कर रहे हैं। और पेड़ों को तो ऐसे काट रहे हैं, मानो कल इसका अवसर न मिलेगा। ये सच है कि हमें हिमालय-क्षेत्र में विकास करना चाहिए, लेकिन बिना सोचे-समझे विकास-परियोजनाओं का कोई औचित्य नहीं। हिमालय में चलाई जा रही जलविद्युत परियोजनाएं इसकी बानगी हैं। हमें इन परियोजनाओं के खिलाफ नहीं होना चाहिए। आखिर, जलविद्युत एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत है। यह एक अक्षय और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत भी है। सवाल यह है कि हिमालय की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इन परियोजनाओं पर हमें कैसे काम करना चाहिए? 2013 में, मैं एक उच्चस्तरीय समिति की सदस्य थी, जिसे इन परियोजनाओं की जांच के लिए गठित किया गया था। इंजीनियरों ने बताया कि वे 9000 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए गंगा पर 70 पनबिजली-परियोजनाएं बनाने का प्रस्ताव रखते हैं। इस योजना के अनुसार शक्तिशाली गंगा नदी का 80 प्रतिशत हिस्सा ‘संशोधित’ किया जाता और नदी में लीन पीरियड में उसमें 10 प्रतिशत से भी कम पानी बचता। तब वह एक नाले से ज्यादा नहीं रह जाती। मैंने पूछा, इसे विकास कैसे कहा जा सकता है? मैंने इसका विकल्प सुझाया कि हमें नदी के प्रवाह के अनुरूप परियोजनाओं को फिर से डिजाइन करना चाहिए, ताकि जिस मौसम में नदी में अधिक पानी हो, तब उससे अधिक बिजली पैदा हो और जब पानी कम हो, तो कम। इसका मतलब यह था कि परियोजनाओं को इस तरह से तैयार किया जाना चाहिए कि नदी में हर समय 30 से 50 प्रतिशत प्रवाह बना रहे। तब आप परियोजनाओं में संशोधन कर रहे होंगे, नदी में नहीं। केरल का वेस्टर्न-घाट- जहां भूस्खलन हुआ- 2013 में के. कस्तूरीरंगन समिति द्वारा अनुशंसित पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र का हिस्सा है। समिति ने सिफारिश की थी कि इन क्षेत्रों में खनन और उत्खनन जैसी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। लेकिन केरल सरकार ने इसे नहीं माना और परिणामस्वरूप अत्यधिक बारिश में वहां की कुछ पहाड़ियां ढह गईं और बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि हुई। इसलिए ध्यान रहे, देश भर में हम आज जो भी प्राकृतिक आपदाएं देख रहे हैं, वे प्राकृतिक ही नहीं मानव निर्मित भी हैं। हम बाढ़ के मैदानों पर निर्माण कर रहे हैं। नदियों पर भी निर्माण करने लगे हैं। हम पहाड़ों को नष्ट कर रहे हैं। पेड़ों को तो ऐसे काट रहे हैं, मानो कल इसका अवसर न मिलेगा। जबकि हिमालय और वेस्टर्न घाट अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र हैं।
Dakhal News
पं. विजयशंकर मेहता पहले शरीर की बाहरी गतिविधियों पर विज्ञान का अधिकार हुआ और देखते-देखते भीतर प्रवेश कर गया। इसलिए आत्मा के महत्व को समझा जाए। अगर आप शांति की तलाश में हैं तो ये बात अच्छी तरह समझ लें कि हम शरीर, मन और आत्मा तीन तत्वों से बने हैं। शरीर और मन पर विज्ञान राज करेगा, लेकिन आत्मा स्वतंत्र है। अब विज्ञान की तैयारी बड़ी खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है। एक कंपनी है न्यूरालिंक। इसने बंदरों के दिमाग में चिप लगाने का प्रयोग सफलतापूर्वक कर लिया है। यह मनुष्य की खोपड़ी में भी चिप लगा सकती है। विज्ञान की इस गतिविधि का दावा है कि ऐसा करने से मनुष्य को कई बीमारियों से मुक्ति मिल जाएगी। अब विज्ञान की कुछ खोजों पर लिखना ही पड़ेगा कि इसका उपयोग हानिकारक है और लोग करते रहेंगे। इससे बचने का एक ही तरीका है अपनी आत्मा पर जीना सीख लें और आपको आत्मा तक की यात्रा कोई विज्ञान नहीं करा सकता। इसके लिए योग का ही माध्यम अपनाना पड़ेगा।
Dakhal News
प्रताप भानु मेहता यद्यपि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एससी-एसटी के लिए आरक्षण में क्रीमी लेयर की शुरुआत को लेकर अटकलों को दूर करने की कोशिश की है और घोषणा की है कि इस तरह की कोई योजना नहीं है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कार्यान्वयन पर सवाल बने हुए हैं, जिसमें राज्यों को अधिक पिछड़े लोगों के लिए अलग कोटा देने के उद्देश्य से उप-वर्गीकरण करने की अनुमति दी गई है। मंगलवार को इसके विरोध में भारत-बंद किया गया। एससी के उप-वर्गीकरण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बहसों को जन्म दिया है। राजनीतिक बहस इसलिए गरमाई, क्योंकि फैसले ने न केवल उप-वर्गीकरण की अनुमति दी, बल्कि कई न्यायाधीशों ने एससी आरक्षण से क्रीमी लेयर को बाहर करने पर राय भी व्यक्त की है। यहां दो मुद्दे दांव पर हैं- एक कानूनी और दूसरा राजनीतिक। फैसले के आलोचक सही कह रहे हैं कि एससी आरक्षण का आधार भेदभाव का ऐतिहासिक अनुभव है। दलितों के भीतर असमानताएं हैं, लेकिन यह बात अप्रासंगिक है। विशेषाधिकार-प्राप्त दलित होना भी किसी को भेदभाव से नहीं बचाता। लेकिन मंडल के तहत आरक्षण के विस्तार ने ऐसी स्थितियां पैदा की हैं, जहां दलितों और ओबीसी की स्थिति लगातार उलझी हुई है। दोनों के साथ वंचना की एक ही कहानी जुड़ी हुई है। लेकिन न केवल उनके इतिहास अलग हैं, बल्कि कभी-कभी वे एक-दूसरे से टकराते भी रहे हैं। जब दोनों एक हो गए तो दलितों के अनुभव की विशिष्टता- जो पिछड़ेपन में नहीं, बल्कि भेदभाव में निहित है- खो गई। अब आरक्षण को मुख्य रूप से पिछड़ेपन के ढांचे में ही समझा जाता है। लेकिन दूसरी ओर, भले ही आप इस बात से सहमत हों कि भेदभाव के मामले में दलित एक हैं, फिर भी क्या एससी के आरक्षण को सिर्फ कुछ जाति समुदायों को ही लाभ पहुंचाने की अनुमति दी जा सकती है? सीजेआई के फैसले में यह माना गया कि ऐसा नहीं हो सकता। यह तथ्य कि दलित एक ही वर्ग हैं, दलितों के भीतर मौजूद वितरण के सवालों को दूर नहीं कर सकता। इस फैसले के राजनीतिक नतीजे दो दावों पर आधारित हैं। पहला, क्या यह आरक्षण को कमजोर करने की चाल है? इस डर को सिर्फ यह कहकर दूर किया जा सकता है कि उप-वर्गीकरण नियमों के तहत जो भी पद खाली रह गए हैं, उन्हें वापस एससी कोटे में ही रखा जा सकता है। दूसरा यह कि यह दलित राजनीति को विभाजित करने की कोशिश है। लेकिन यह प्रतिनिधित्व के उस तर्क का अपरिहार्य परिणाम है, जिसे हम अपनाते आ रहे हैं। विपक्ष ने जो नारा दिया है कि ‘जितनी आबादी, उतनी हिस्सेदारी’, वह उप-विभाजन के तर्क पर ही आधारित है। दलित राजनीतिक चेतना पहले ही दलितों के बीच असमानता और दलित राजनीति करने वाले दलों के कमजोर होने से धीमी हो रही थी। इस दावे में कुछ अजीब बात है कि एक काल्पनिक दलित एकता की राजनीतिक परियोजना को न्याय के सिद्धांत पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए।यह उन कई दलित समूहों को सम्मान से वंचित करना भी है, जो उप-विभाजन के लिए आंदोलन कर रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने उचित ही रेखांकित किया है कि आरक्षण योग्यता के विरुद्ध नहीं है। वास्तव में आरक्षण उन समुदायों से योग्यता की पहचान करने का उपकरण है, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रखा गया है। लेकिन इसमें संदेह नहीं कि उप-वर्गीकरण को लागू करना गंभीर प्रशासनिक चुनौती होगी। कल्पना कीजिए कि एक नियुक्ति-रोस्टर बनाने की कोशिश की जाए, जिसमें बारी-बारी से उप-जातियों को ध्यान में रखा जाए! उस प्रशासनिक संस्कृति के बारे में सोचें, जहां हर नए पद के साथ एक उप-जाति जुड़ी होगी! दूसरी तरफ, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा डेटा की मांग जाति जनगणना के लिए अधिक दबाव बनाएगी। लेकिन आरक्षण नीति हमें अनिवार्य पहचान के लिए अभिशप्त भी बनाती है। हम जाति से परे नहीं जा पाते। सामाजिक न्याय व्यापक पैमाने पर होना चाहिए, लेकिन यह हमारी कल्पनाशीलता की कमी है कि हम विकल्प आजमाने के लिए तैयार नहीं हैं। दलित आरक्षण को यथावत रखते हुए अन्य समुदायों के लिए विकल्प आजमाना उचित है। दलितों या ओबीसी के वास्तविक सशक्तीकरण के लिए आय, आवास, शिक्षा, कौशल, स्वास्थ्य सेवा सहित नौकरियों के लिए जातिगत-डेटा की आवश्यकता होती है। असली त्रासदी यह है कि जो लोग सबसे जोर-शोर से सामाजिक न्याय की बात करते हैं, वो शायद ही कभी सशक्तीकरण के वास्तविक निर्धारकों की परवाह करते हैं। सामाजिक न्याय व्यापक पैमाने पर होना चाहिए, लेकिन यह कल्पनाशीलता की कमी है कि हम विकल्प आजमाने के लिए तैयार नहीं हैं। दलित आरक्षण को यथावत रखते हुए अन्य समुदायों के लिए विकल्प आजमाना उचित है।
Dakhal News
मनोज जोशी आज जब भारत अपने चारों ओर देखता होगा तो अपने आपको इस समूचे क्षेत्र में स्थिरता और आर्थिक विकास का इकलौता द्वीप पाता होगा। हमारे पड़ोस में हुए घटनाक्रमों ने क्षेत्रीय नीति में बड़ा शून्य उत्पन्न कर दिया है। अगर बांग्लादेश के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो आप निश्चिंत हो सकते हैं कि नई दिल्ली इस समूचे घटनाक्रम से हैरान थी और उसने इस नतीजे की कतई उम्मीद नहीं की थी। किसी को दूर-दूर तक भनक नहीं थी कि शेख हसीना को अपना राजपाट छोड़कर भागना पड़ेगा। यह इतना अप्रत्याशित था कि भारत ने हसीना की सरकार गिरने के काफी समय बाद तक कोई बयान जारी नहीं किया। हसीना के नई दिल्ली पहुंचने के एक दिन बाद लोकसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने उन्हें संयम बरतने की सलाह दी थी और आग्रह किया था कि बातचीत के जरिए स्थिति को शांत किया जाए, लेकिन प्रदर्शनकारियों के ढाका में एकत्र होने के बाद हसीना ने भारत आने की अनुमति मांगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को बधाई संदेश भी भेजा और उनसे हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया। शेख हसीना 2009 में महिलाओं और युवाओं के उत्साही समर्थन के साथ सत्ता में आई थीं। लेकिन अपनी राजनीतिक पूंजी को बर्बाद करने में उन्हें 15 साल लगे। उनके नेतृत्व में बांग्लादेश ने 11 साल तक वास्तविक प्रति व्यक्ति आय में 5% से अधिक की आर्थिक वृद्धि की थी। बांग्लादेश चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक बन गया था। लेकिन अब लग रहा है कि इसका एक बड़ा हिस्सा जॉबलेस-ग्रोथ का था। 2022 के आंकड़ों के अनुसार, बांग्लादेश के 15 से 24 वर्ष के 30 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। आर्थिक विकास पर सरकार के फोकस से सामाजिक विकास हुआ था, लेकिन इसके साथ ही देश में लोकतांत्रिक स्वतंत्रता भी धीरे-धीरे कम होती चली गई। जनवरी 2024 के चुनाव सबसे ज्यादा विवादास्पद थे और विपक्ष ने उनका बहिष्कार किया था। सिर्फ दो साल पहले ही, बांग्लादेश जैसी स्थिति के कारण शक्तिशाली राजपक्षे परिवार श्रीलंका से पलायन कर गया था। पड़ोसी म्यांमार में भी हालात स्थिर नहीं हैं और पाकिस्तान जैसे-तैसे अपना अस्तित्व कायम रखे हुए है। बांग्लादेश का घटनाक्रम भारत के लिए बहुत नकारात्मक साबित होगा। इसका एक कारण यह है कि नई दिल्ली ने अवामी लीग सरकार के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने का निर्णय लिया था, जबकि हमारे पश्चिमी मित्रों ने इसके विरुद्ध विनम्र चेतावनियां दी थीं। अमेरिका और ब्रिटेन ने साफ कहा था कि जनवरी में वहां पर हुए चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे। बांग्लादेश को अमेरिका द्वारा प्रायोजित लोकतंत्र शिखर सम्मेलन से भी बाहर रखा गया था। चिंता का सबब जमात-ए-इस्लामी भी है। इस संगठन पर लगा प्रतिबंध अब हटने के आसार हैं और यह पाकिस्तान की आईएसआई की मदद से भारत के खिलाफ अपने जहरीले अभियान को अंजाम देने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा। वहां के मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) का कहना है कि उसे भारत से कोई समस्या नहीं है। मीडिया से बात करते हुए संगठन के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि भारत बांग्लादेश के लिए महत्वपूर्ण है। वरिष्ठ बीएनपी नेता खांडेकर मुशर्रफ हुसैन ने पीटीआई को बताया कि बांग्लादेश को दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है। पार्टी के उपाध्यक्ष अब्दुल अवल मिंटू ने कहा कि बांग्लादेश भारत को एक दोस्त के रूप में देखता है। लेकिन अंतरिम सरकार द्वारा विदेश नीति की देखरेख के लिए पूर्व विदेश सचिव तौहीद हुसैन की नियुक्ति नई दिल्ली में खतरे की घंटी बजा सकती है। समस्या यह है कि बांग्लादेश के हिंसक और राजनीतिक उथल-पुथल से भरे इतिहास को देखते हुए अब वहां पर स्थिति को स्थिर करने के लिए असाधारण प्रयास करने होंगे। भारत को ऐसी परिस्थितियों से उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों के लिए तैयार रहना होगा, जिन्हें ढाका की सरकारों के लिए नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। बांग्लादेश भारत के पांच राज्यों की सीमा से लगा हुआ है और पहले भी वहां अलगाववादियों और आतंकवादियों को समर्थन मिलता रहा है। अगर नई दिल्ली ने शेख हसीना को भरपूर समर्थन दिया था तो इसका कारण यह भी था कि उन्होंने इन तत्वों को रोकने के लिए भारत को भरपूर समर्थन दिया था। भारत और उसके पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंध आज भी नेतृत्व करने वाले व्यक्ति पर अधिक निर्भर करते हैं। क्या हम अपने पड़ोसी देशों में बारम्बार होने वाले सत्ता-परिवर्तनों के बावजूद अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं?
Dakhal News
पवन के. वर्मा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलिम्पिक में हमारे एथलीटों के प्रदर्शन के लिए उन्हें बधाई दी। लेकिन मैं अचरज करता हूं कि क्या खेलों में संतुष्टि की हमारी सीमा अस्वीकार्य रूप से कम नहीं है? पेरिस ओलिम्पिक में, भारत ने एक रजत और पांच कांस्य पदक जीते, लेकिन एक भी स्वर्ण नहीं जीता। 140 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश के लिए यह एक निराशाजनक प्रदर्शन है। इसका मतलब है लगभग 25 करोड़ लोगों पर एक पदक! पदक तालिका में हम 84 प्रतिभागी देशों में से 71वें स्थान पर रहे। अमेरिका के पास 30 स्वर्ण सहित 126 पदकों की सबसे अधिक संख्या थी। चीन 96 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर था, लेकिन उसके पास भी उतने ही स्वर्ण थे। विकासशील देशों में, ब्राजील ने 20 पदक जीते और केन्या ने 11... 1900 से, यानी जब से आधुनिक ओलिम्पिक शुरू हुए हैं- भारत ने कुल 41 पदक ही जीते हैं। खेलों में हमारे लगातार खराब प्रदर्शन के क्या कारण हैं? सबसे पहली बात तो यह है कि मामूली सुधारों के बावजूद, हमारा खेल बुनियादी ढांचा पूरी तरह से अपर्याप्त है। 2008 तक, चीन में 3000 खेल संस्थान थे; जबकि 2024 में हमारे पास केवल 150 ही हैं। इनमें से भी केवल 26 सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वामित्व में हैं। ओलिम्पिक के स्तर तक खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए बच्चों को कम उम्र में ही उच्चतम गुणवत्ता के प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। हमारा पहला राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय 2018 में मणिपुर के इम्फाल में स्थापित किया गया था। राष्ट्रीय खेल विकास संहिता को 2017 में अपनाया गया, लेकिन अब भी सभी खेल महासंघों ने इसका अनुपालन नहीं किया है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता भी खराब है और नौकरशाही व लालफीताशाही से ग्रस्त है। यही कारण है कि अभिनव बिंद्रा जैसे साधन-सम्पन्न एथलीट घर पर ही प्रशिक्षण लेना पसंद करते हैं। खेल मंत्रालय को 2020 में पिछले ओलिम्पिक के बाद से 45 करोड़ रुपयों की मामूली वृद्धि मिली है। इसके विपरीत, चीन में 2023 तक देश भर में खेल स्थलों की कुल संख्या 45 लाख से अधिक हो गई थी। ये सच है कि हमारा खेलो इंडिया कार्यक्रम बढ़ा है, लेकिन इसके तहत खेल के बुनियादी ढांचे के लिए धन का आवंटन तर्क से परे है। उदाहरण के लिए, 8 करोड़ से कम आबादी वाले गुजरात को 426.13 करोड़ मिलते हैं, जबकि 13 करोड़ से अधिक लोगों वाले बिहार को मात्र 20.34 करोड़! राजनीति और खेल का गठजोड़ भी एक समस्या है। महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने और उन्हें डराने-धमकाने के आरोपी, भाजपा के बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ को अपनी निजी जागीर समझते थे और जब कुश्ती सुपरस्टार विनेश फोगाट ने उनका विरोध किया तो उनके साथ इतना बुरा व्यवहार किया गया कि इससे उनका मनोबल टूट गया होगा। कई अन्य खेल महासंघों के अध्यक्ष भी राजनेता हैं। एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल लगातार चार बार अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष रहे हैं। टेनिस महासंघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद अनिल जैन हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के बेटे अभय सिंह चौटाला लगातार तीन बार मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष रहे। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा बैडमिंटन महासंघ के अध्यक्ष हैं। भाजपा के पूर्व सांसद विजय कुमार मल्होत्रा ने तो चार दशकों तक तीरंदाजी महासंघ के अध्यक्ष रहते हुए सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए! इन राजनेताओं ने हमारे खेलों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए क्या किया है? क्रिकेट के प्रति हमारे जुनून ने भी अन्य खेलों की उपेक्षा की है। बीसीसीआई- जिसके महासचिव अमित शाह के बेटे जय शाह हैं- दुनिया भर में सबसे अमीर खेल लीगों में से एक है। 2023 में इसकी कमाई 18,700 करोड़ रुपए थी। इसके विपरीत, हॉकी महासंघ की 2023 में कमाई 86.7 करोड़ रुपए थी। क्रिकेट की छाया में अन्य खेलों का हमारा कौशल अवरुद्ध हो गया है। आश्चर्य नहीं कि पेरिस के 32 खेल आयोजनों में से हम केवल 16 में प्रतिस्पर्धा कर सके। जबकि चीन ने 30 में प्रतिस्पर्धा की थी। खेल-प्रतिभाओं की पहचान और पोषण के लिए हमारा कैचमेंट एरिया भी सीमित और ज्यादातर शहरी है। देश की आबादी में 2 प्रतिशत और कुल क्षेत्रफल में 1.6 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले हरियाणा ने हमारे 36 प्रतिशत पदक जीते हैं। हरियाणा को बधाई, लेकिन क्या हमने अन्य राज्यों में प्रतिभाओं को खोजने के लिए पर्याप्त काम किया है? अफसोसनाक तथ्य यह है कि खेलों में बहुत कम से ही हम बहुत अधिक खुश हो जाते हैं। इस मौके पर मुझे एक शे’र याद आता है : ‘कितने जनम से प्यासे होंगे यारो सोचो तो शबनम का कतरा भी जिनको दरिया लगता है!’
Dakhal News
एन. रघुरामन पड़ोसी देश में चल रही राजनीतिक उठापठक के बाद जब परेशान लोगों का हुजूम एक जगह जुटा, तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि फटे-पुराने कपड़े पहना एक व्यक्ति पेड़ के नीचे गीली मिट्टी पर छड़ी लेकर शांति से गणित की परेशानियां हल कर रहा होगा! 40 की उम्र के आसपास का ये व्यक्ति पिछले हफ्ते भारत-बांग्लादेश सीमा पर पेट्रापोल बाजार की तनावपूर्ण स्थिति में भी यही कर रहा था। उसके असामान्य शांत व्यवहार ने लोगों को पुलिस को सूचित करने के लिए मजबूर किया। जांच के दौरान उसकी पहचान यूपी में गोरखपुर के गणित शिक्षक अमित कुमार प्रसाद के रूप में हुई, जो एक दशक से अधिक समय से लापता थे। स्थानीय पुलिस ने हैम रेडियो के शौकीनों की मदद से प्रसाद को उसके पिता गामा प्रसाद और अन्य रिश्तेदारों से सोमवार को मिलाया, जो गोरखपुर के बार्गो से उसे पहचानने के लिए आए थे और इस तरह वर्षों की खोज खत्म हुई। लापता होने से पहले प्रसाद अपने गृह नगर के स्कूल में, साथ ही पड़ोस के पांच गांवों के 250 से ज्यादा गरीब बच्चों को मुफ्त गणित पढ़ाते थे। गणित के प्रति उनका लगाव बचपन से ही शुरू हो गया था। परिवार को उम्मीद नहीं थी कि वो वर्षों की खोज के बाद जीवित होंगे। इस वाकिए ने मुझे मुंबई में अप्रैल की एक घटना याद दिला दी, जहां एक ‘स्पेशल चाइल्ड’ लापता हो गया था, पर अपने लॉकेट में क्यूआर कोड की मदद से ठीक छह घंटे में वो परिवार को मिल गया। मालूम चला कि मानसिक रूप से दिव्यांग 12 साल का वो बच्चा खेलते हुए बस में चढ़कर घर से 15 किमी दूर चला गया था। जब उसे यहां-वहां अकेले भटकते देखा तो लोगों ने पुलिस को सूचना दी और बाद में उसके लॉकेट को स्कैन करने पर घरवालों का फोन नंबर मिला। ये लॉकेट जय वकील स्कूल में कुछ स्पेशल छात्रों को ‘projectchetna.in’ के हिस्से के रूप में बांटे गए थे, जहां वो पढ़ता है। ऐसी कई घटनाओं के बीच, हाल की ये दो घटनाएं मानवीय करुणा दिखाती हैं और ये उन लोगों के लिए जवाब है, जिन्हें लगता है कि दुनिया पहले से ज्यादा गर्त में जा रही है। उन्हें लगा कि नैतिकता में गिरावट आ रही है- और यह लोगों को लगातार, लालची और कम दयालु बना रही है। पर सच्चाई ये है कि यह धारणा सही नहीं है। एक व्यापक अध्ययन से मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा, दशकों चला ये अध्ययन 60 देशों में 5,75,000 लोगों पर हुआ, इसमें 1940 के कुछ शोध को भी शामिल किया गया, जहां उनकी हमदर्दी, करुणा, आदर और सहृदयता का आकलन किया गया। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और प्रायोगिक मनोवैज्ञानिक एडम मास्ट्रोयानी कहते हैं, “लोग सोचते हैं कि दुनिया बुरी हो गई है, लेकिन दुनिया वैसी ही है जैसी पहले थी।’ फिर हमें क्यों लगता है कि समाज पहले की तुलना में गिर गया है? इंसानों का यह यकीन कि आजकल लोग कम भले हैं, इसके पीछे का विज्ञान दरअसल हमारा दिमाग का ध्यान देने का तरीका है। हममें से अधिकांश लोगों के नकारात्मक पूर्वग्रह हैं। अच्छे की तुलना में हम बुरे अनुभवों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक सर्वाइव करने वाली वृत्ति है जो खतरों का पता लगाती है। जो चीज हमें सतर्क रखती है कि क्या कोई मुझे नुकसान पहुंचाने जा रहा है, इसलिए हममें से हरेक को चारों ओर खतरे दिखते हैं। इसमें स्मृति भी भूमिका निभाती है। अतीत को हम शौक से याद रखते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सकारात्मक अनुभव की भावनात्मक शक्ति नकारात्मक अनुभवों की भावनात्मक शक्ति से अधिक समय तक हमारे साथ रहती है। अध्ययन में कहा गया है कि उम्र बढ़ने से हमारी धारणाएं बदल सकती हैं। एक और अध्ययन कहता है कि जिम्मेदार की भूमिका में रहकर, लोग कदाचार के प्रति अति-उत्तरदायी बनाते हैं, और उसी वजह से हमें एहसास नहीं होता है कि दुनिया नहीं बदली है। फंडा यह है कि आइए इस स्वतंत्रता दिवस पर समाज को नैतिक पतन के तराजू में तौलकर उसे दोष देना बंद करें और फिर से उतने ही भले, करुणावान और ईमानदार बनने की कोशिश करें, जैसे हम कल हुआ करते थे
Dakhal News
पं. विजयशंकर मेहता सूर्योदय के साथ उठा जाए। यह बात ऋषि-मुनियों ने बहुत सोच- समझकर कही थी। इस समय नई पीढ़ी नींद के विकारों से परेशान है। हालांकि परेशान सिर्फ युवा ही नहीं हैं, बड़े-बूढ़े भी दिक्कत में आ गए हैं। नींद के साथ सात स्थितियां हैं- पहला जल्दी उठने वाले, दूसरा देर से जागने वाले, तीसरा जल्दी सोने वाले, चौथा देर तक जागने वाले, पांचवां, जो समय पर सोते हैं, पर रात को नींद खुल जाती है। छठवीं स्थिति में रात को नींद आती नहीं और उठने के समय नींद आती है। और सातवें, वो लोग हैं जो पूरी नींद लेते हैं। अध्ययन से तय हो चुका है कि जो लोग सूर्योदय के साथ उठते हैं, उनके स्वास्थ्य पर अनुकूल असर पड़ता है और धर्म इसमें मदद करता है। हमारे यहां इसे सूर्योदय से इसलिए जोड़ा है क्योंकि जब आप सूर्य से प्रकृति की शक्ति लेते हैं तो भीतर समर्पण भाव, कर्तव्य परायणता उतरेगी, इससे स्वभाव में संतोष आएगा। देर रात तक काम करने वाले रचनात्मक हो सकते हैं पर एक दिन शरीर इसकी कीमत वसूलेगा और मानसिक स्वास्थ्य के खतरे बढ़ेंगे।
Dakhal News
एन. रघुरामन का कॉलम पड़ोसी देश में चल रही राजनीतिक उठापठक के बाद जब परेशान लोगों का हुजूम एक जगह जुटा, तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि फटे-पुराने कपड़े पहना एक व्यक्ति पेड़ के नीचे गीली मिट्टी पर छड़ी लेकर शांति से गणित की परेशानियां हल कर रहा होगा! 40 की उम्र के आसपास का ये व्यक्ति पिछले हफ्ते भारत-बांग्लादेश सीमा पर पेट्रापोल बाजार की तनावपूर्ण स्थिति में भी यही कर रहा था। उसके असामान्य शांत व्यवहार ने लोगों को पुलिस को सूचित करने के लिए मजबूर किया। जांच के दौरान उसकी पहचान यूपी में गोरखपुर के गणित शिक्षक अमित कुमार प्रसाद के रूप में हुई, जो एक दशक से अधिक समय से लापता थे। स्थानीय पुलिस ने हैम रेडियो के शौकीनों की मदद से प्रसाद को उसके पिता गामा प्रसाद और अन्य रिश्तेदारों से सोमवार को मिलाया, जो गोरखपुर के बार्गो से उसे पहचानने के लिए आए थे और इस तरह वर्षों की खोज खत्म हुई। लापता होने से पहले प्रसाद अपने गृह नगर के स्कूल में, साथ ही पड़ोस के पांच गांवों के 250 से ज्यादा गरीब बच्चों को मुफ्त गणित पढ़ाते थे। गणित के प्रति उनका लगाव बचपन से ही शुरू हो गया था। परिवार को उम्मीद नहीं थी कि वो वर्षों की खोज के बाद जीवित होंगे। इस वाकिए ने मुझे मुंबई में अप्रैल की एक घटना याद दिला दी, जहां एक ‘स्पेशल चाइल्ड’ लापता हो गया था, पर अपने लॉकेट में क्यूआर कोड की मदद से ठीक छह घंटे में वो परिवार को मिल गया। मालूम चला कि मानसिक रूप से दिव्यांग 12 साल का वो बच्चा खेलते हुए बस में चढ़कर घर से 15 किमी दूर चला गया था। जब उसे यहां-वहां अकेले भटकते देखा तो लोगों ने पुलिस को सूचना दी और बाद में उसके लॉकेट को स्कैन करने पर घरवालों का फोन नंबर मिला। ये लॉकेट जय वकील स्कूल में कुछ स्पेशल छात्रों को ‘projectchetna.in’ के हिस्से के रूप में बांटे गए थे, जहां वो पढ़ता है। ऐसी कई घटनाओं के बीच, हाल की ये दो घटनाएं मानवीय करुणा दिखाती हैं और ये उन लोगों के लिए जवाब है, जिन्हें लगता है कि दुनिया पहले से ज्यादा गर्त में जा रही है। उन्हें लगा कि नैतिकता में गिरावट आ रही है- और यह लोगों को लगातार, लालची और कम दयालु बना रही है। पर सच्चाई ये है कि यह धारणा सही नहीं है। एक व्यापक अध्ययन से मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा, दशकों चला ये अध्ययन 60 देशों में 5,75,000 लोगों पर हुआ, इसमें 1940 के कुछ शोध को भी शामिल किया गया, जहां उनकी हमदर्दी, करुणा, आदर और सहृदयता का आकलन किया गया। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और प्रायोगिक मनोवैज्ञानिक एडम मास्ट्रोयानी कहते हैं, “लोग सोचते हैं कि दुनिया बुरी हो गई है, लेकिन दुनिया वैसी ही है जैसी पहले थी।’ फिर हमें क्यों लगता है कि समाज पहले की तुलना में गिर गया है? इंसानों का यह यकीन कि आजकल लोग कम भले हैं, इसके पीछे का विज्ञान दरअसल हमारा दिमाग का ध्यान देने का तरीका है। हममें से अधिकांश लोगों के नकारात्मक पूर्वग्रह हैं। अच्छे की तुलना में हम बुरे अनुभवों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक सर्वाइव करने वाली वृत्ति है जो खतरों का पता लगाती है। जो चीज हमें सतर्क रखती है कि क्या कोई मुझे नुकसान पहुंचाने जा रहा है, इसलिए हममें से हरेक को चारों ओर खतरे दिखते हैं। इसमें स्मृति भी भूमिका निभाती है। अतीत को हम शौक से याद रखते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सकारात्मक अनुभव की भावनात्मक शक्ति नकारात्मक अनुभवों की भावनात्मक शक्ति से अधिक समय तक हमारे साथ रहती है। अध्ययन में कहा गया है कि उम्र बढ़ने से हमारी धारणाएं बदल सकती हैं। एक और अध्ययन कहता है कि जिम्मेदार की भूमिका में रहकर, लोग कदाचार के प्रति अति-उत्तरदायी बनाते हैं, और उसी वजह से हमें एहसास नहीं होता है कि दुनिया नहीं बदली है। फंडा यह है कि आइए इस स्वतंत्रता दिवस पर समाज को नैतिक पतन के तराजू में तौलकर उसे दोष देना बंद करें और फिर से उतने ही भले, करुणावान और ईमानदार बनने की कोशिश करें, जैसे हम कल हुआ करते थे।
Dakhal News
रश्मि बंसल अरसा हो गया था हॉल में पिक्चर देखे हुए। कई बार मन करता था, फिर आलस आ जाता, ओटीटी पर आएगी तो घर पर देख लेंगे। एक दिन मॉल में घूमते हुए प्लान बन ही गया। बड़े पर्दे पर देखने का मजा ही कुछ और था। इसी तरह बहुत दिन बाद ट्रेन से सफर किया, अच्छा लगा। एक जमाना था जब हवाई जहाज में बैठना बड़ी बात थी। वैसे प्लेन का एक फायदा जरूर है। दो घंटे मोबाइल बंद हो जाता है। कुछ साल पहले हर किसी का सपना था कि मेरे हाथ में फोन हो। पता नहीं था कि दिन भर मक्खी की तरह रिंगटोन भिनभिनाएगी। तो ऐसा है, टेक्नोलॉजी की वजह से हमारी जिंदगी में काफी बदलाव आते रहते हैं। शुरू में विरोध होता है, क्योंकि हम नया तरीका अपनाने से डरते हैं। लेकिन कुछ समय बाद नई टेक्नोलॉजी के इतने दीवाने हो जाते हैं कि पुराने से मुंह ही मोड़ लेते हैं। पर जैसे दिन के बाद रात आती है, ठीक वैसे ही, मन में बात आती है कि ये जिंदगी जो इतनी तेज हो गई है, देसी से अंग्रेज हो गई, इसमें थोड़ी स्थिरता आए। कुछ देर खाली बैठा जाए। जहां कोई मोबाइल का घंटी न बजे। सिर्फ खामोशी ही रहे। कुछ लोग कहेंगे खाली बैठना ठीक नहीं, इसलिए आज बच्चों को भी खाली समय नहीं दिया जाता। स्कूल से घर आने के आधे घंटे बाद से ट्यूशन शुरू हो जाते हैं। या एक्स्ट्रा क्लास जैसे कराते, डांस इत्यादि। हमें डर लगता है बोरियत से। इसलिए हम किसी ना किसी तरह व्यस्त रहते हैं। मगर मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि बोर होना कोई बुरी बात नहीं। खासकर बचपन में। जिस बच्चे को बोर होने की इजाजत हो, वो खुद बोरियत से निकलने का तरीका ढूंढता है। बोरियत के मारे बच्चा अपने मन से मनोरंजन क्रिएट करेगा। जैसे चादरों का टेंट बना सकता है। या चिंदियों से ड्रेस बनाकर डॉल सजा सकता है। इससे उसमें एक तरह की स्वाधीनता और रचनात्मकता पनपने लगती है। ये सिद्धांत बड़ों पर भी लागू होता है। हैरी पॉटर की लेखिका जेके रोलिंग को ही देख लें। 1990 में वो मैनचेस्टर से लंदन का सफर कर रही थीं। खिड़की से बाहर देखते-देखते उनके मन के पर्दे पर एक दुबले-पतले चश्मीश लड़के का चित्र छा गया। और उसके जीवन की काल्पनिक कहानी बुनने लगीं। आज का दौर होता, तो वही रोलिंग मोबाइल पर रील्स देखकर टाइमपास करतीं। वो शून्यता नहीं बनती, जो एक रचनात्मक कार्य के लिए जरूरी है। तो दिमाग का इधर-उधर घूमना कोई बुरी बात नहीं। बशर्ते पूरे दिन नहीं, संयम से करें। मेरा एक दोस्त एक बड़ी कंपनी का सीईओ है। कोविड के दौरान उसने कभी बर्तन घिसे। बर्तन धोते-धोते एहसास हुआ, जैसे हाथ चल रहे हैं अपने आप। बिजनेस में जो समस्या चल रही थी, अचानक उसका समाधान मन में गूंज उठा। आप भी ऐसी फिजिकल एक्टिविटी करें, जैसे पैदल चलना, तैराकी, साइकिल चलाना, तो आपका मन शांत हो जाता है। और कुछ अलग तरह के ख्याल आते हैं। ये आपका अवचेतन (सब-कॉन्शियस) मन है, जो चेतना की सतह के नीचे है। मगर अत्यंत प्रभावशाली। दुनिया के सबसे बड़े लेखक और कलाकार इस शक्ति को जानते हैं। आप भी ये कर सकते हैं। आज़ादी का दिवस है कल। आपका दिल भी गा रहा है- मुझे आजादी दो।
Dakhal News
चेतन भगत पिछले दशक में भाजपा की बड़ी राजनीतिक उपलब्धियों में से एक हिंदू वोटों को एकजुट करने की उसकी क्षमता रही है। 2014 के बाद ऐसा लगा कि हिंदू आखिरकार एक साथ आ रहे हैं, जबकि यह आजादी के बाद से नहीं हुआ था। इससे निश्चित रूप से भाजपा को वोट-शेयर में बढ़त मिली और चुनाव-दर-चुनाव उनका प्रदर्शन दूसरी पार्टियों के लिए ईर्ष्या का विषय बन गया। यह शाश्वत सत्य है कि अगर भाजपा के लिए बहुसंख्यक हिंदू-वोट अटूट रहे, तो कांग्रेस और उसके सहयोगी सत्ता में आने की उम्मीद नहीं कर सकते। यही कारण है कि 2024 के चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद से ही कांग्रेस और उसके सहयोगी फिर से अपने पुराने फॉर्मूले को अमल में लाने के लिए कमर कस चुके हैं। जातिगत जनगणना के पक्ष और विपक्ष में बौद्धिक तर्क हो सकते हैं, लेकिन इसमें भला किसे संदेह होगा कि यह मूल रूप से राजनीतिक मुद्दा है। देश में जातिगत परिदृश्य को बेहतर ढंग से समझें तो न केवल यह पता लगाना जरूरी है कि किसी खास जाति के कितने लोग हैं, बल्कि उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में मालूम करना भी उतना ही आवश्यक है। उदाहरण के लिए, कितने लोगों के पास कारें हैं? कितनों के पास दोपहिया वाहन हैं? वे किस स्तर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं? वे कहां और कैसे घरों में रहते हैं? उनकी औसत आयु क्या है? ऐसे सवालों के जवाब बेहद मूल्यवान डेटा को सामने लाएंगे। यह डेटा आरक्षण सहित विभिन्न जाति-आधारित कल्याणकारी उपायों में प्रबंधन में मदद करेगा। भारत अभी भी सीमित संसाधनों वाला एक कम आय वर्ग का देश है। फिर भी, हम जो कुछ भी हमारे पास है, उसी के साथ संसाधनों को वंचित वर्गों में पुनर्वितरित करने और अपनी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने का प्रयास करते हैं। लेकिन अगर हमारे मौजूदा उपाय पुराने डेटा पर आधारित होंगे, तो बहुत सम्भव है कि हम अपने संसाधनों को बर्बाद कर रहे होंगे, क्योंकि तब हम वांछित समुदायों तक लाभ नहीं पहुंचा पाएंगे। हम ऐसे समय में रह रहे हैं, जहां डेटा का उपयोग हर चीज को अनुकूलित करने के लिए किया जाता है। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए भी सटीक डेटा होना बहुत जरूरी है। जातिगत जनगणना के कुछ नुकसान भी हैं। सबसे बड़ा नुकसान यह है कि ये तमाम कवायदें अंततः जाति-व्यवस्था को जीवित रखती हैं। एक समाज के रूप में हमारा अंतिम लक्ष्य क्या होना चाहिए? अधिकतम आरक्षण प्राप्त करना? या एक ऐसा समाज बनाना, जहां कोई जातियां नहीं होंगी? इन सवालों के जवाब आसान नहीं। लेकिन यह साफ है कि जब तक जाति-आधारित आरक्षण मौजूद है, तब तक जाति-आधारित सामाजिक-आर्थिक डेटा का होना भी जरूरी है। लेकिन ये सब तो तार्किक बातें हुईं। अंतिम निष्कर्ष में तो यह कवायद राजनीति के लिए ही है। जैसे राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के मुद्दों ने हिंदू वोटों को मजबूत करने में मदद की है, उसी तरह जातिगत जनगणना हिंदू वोटों में सेंध लगाने की जुगत है। जब जातिगत जनगणना के आंकड़े आखिरकार जारी किए जाएंगे, तो विभिन्न जातियों और समुदायों के बारे में पुख्ता जानकारियां सामने आएंगी। कुछ उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं (जो कि होना भी चाहिए, खासकर अगर आरक्षण कारगर रहा हो तो)। वहीं कुछ अन्य का प्रदर्शन खराब हो सकता है। डेटा हमेशा नीतिगत फेरबदल की ओर इशारा करेगा, जिसका मतलब है कुछ जातियों को फायदा होगा और कुछ को नुकसान। व्यापक स्तर पर, इसका मतलब यह हो सकता है कि हमारे पास और अधिक आरक्षण होगा, जो उच्च जातियों को परेशान करेगा। या हमें कुछ ऐसी निचली जातियों के बारे में भी पता चल सकता है, जो शायद कुछ उच्च जातियों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हों। यह सब चर्चाओं, बहसों, भ्रम को जन्म देगा। लेकिन इसका अंतिम निष्कर्ष हिंदू वोटों का विभाजन ही है और यही कारण है कि भाजपा इससे अचकचा रही है। जाति-जनगणना पर भाजपा एक चक्रव्यूह में फंस गई है, अब यह उस पर है कि इसे कैसे हैंडल करना है। कांग्रेस को भी बताना होगा कि कर्नाटक में जो जातिगत जनगणना हुई है, उसके डेटा पर उसकी सरकार क्या करने जा रही है।
Dakhal News
साधना शंकर ब्रेक डांस के बारे में सोचें और दिमाग में कई फिल्में आ जाएंगी। एक्रोबेट दिखाते हुए, तालमेल से भरे तेज डांस मूव और पीछे से तेज आवाज...। पेरिस ओलिम्पिक समाप्त हो चुके हैं। लेकिन इस बार एक ही नई खेल विधा का आधिकारिक रूप से पदार्पण हुआ, वो थी ‘ब्रेकिंग।’ नृत्य की ये विधा दुनियाभर में प्रतिस्पर्धी खेल बनकर इतिहास कायम कर रही है। टोक्यो ओलिंपिक में हमने तीन नए खेल देखे थे- बाइक मोटरक्रॉस या बीएमएक्स, 3v3 बास्केटबॉल और स्केटबोर्डिंग। बीते आठ सालों में ओलिंपिक में शामिल हुए चारों नए खेल शहरी हैं और युवा पीढ़ी से ताल्लुक है। ओलिम्पिक कमेटी विविधता लाने के लिए खेलों का विस्तार कर रही है ताकि युवाओं के साथ जुड़ सके और उन्हें आकर्षित कर सकें। ब्रेकिंग विधा 1970 के दशक में न्यूयॉर्क के ब्रोंक्स क्षेत्र में उभरी, जो मुख्य रूप से अफ्रीकी-अमेरिकी इलाका था। यह सामाजिक नृत्य पर आधारित एक सांस्कृतिक गतिविधि थी और सामुदायिक आयोजनों में इसकी शुरुआत हुई थी। इसमें सहजता मुख्य थी, और पृष्ठभूमि में हिप-हॉप ध्वनि, लुभावने जोरदार मूव के साथ हर नर्तक एक-दूसरे से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करता। ज्यों-ज्यों ये विधा आगे बढ़ी, इसने अलग-अलग समुदायों की विरासत के साथ अगल-अलग स्रोतों से डांस मूव और तालमेल को साथ जोड़ा, इसमें मार्शल आर्ट्स, जिमनास्टिक आदि थे। समूह एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने लगे और 1990 के दशक से ‘बैटल ऑफ द ईयर’ और ‘फ्रीस्टाइल सेशन’ जैसी अंतरराष्ट्रीय ब्रेकिंग स्पर्धा शुरू हो गईं। ‘ब्रेकिंग’ के लिए सिर्फ स्वस्थ शरीर और उपकरण के तौर पर संगीत चाहिए होता है। ओलिम्पिक खेल के तौर पर इसकी मान्यता से दुनियाभर में नए अवसर खुल चुके हैं। किसी पेशेवर उपकरण की जरूरत नहीं होने से यह सभी के लिए सुलभ और पहुंच में होगी और विभिन्न आर्थिक वर्ग के लोग इसकी तरफ आकर्षित होंगे। यह नृत्य खेल, खेलों की आमतौर पर छवि जैसे भागना, कूदना, तैरना या गुलाटियां मारने को भी बदलकर रख देगा। यह खेल के मैदान में संगीत, अलग-अलग तरह की टेक्नीक और नए-नए डांस मूव लेकर आएगा। ब्रेकिंग जहां एथलेटिक भी है, तो इसमें नया गढ़ने की गुंजाइश भी है, जिससे यह खेल देखने में रुचिकर और रोमांचक भी लगता है। पेरिस में ब्रेकिंग स्पर्धा में 16 देशों ने हिस्सा लिया था। इसे तकनीक, संगीतमयता, डांस मूव की रेंज और मौलिकता जैसे मानदंडों पर आंका गया। वहीं तुलनात्मक प्रणाली पर आंका गया, जहां हर खिलाड़ी की तुलना प्रत्येक दौर में उनके प्रतिद्वंद्वी से की गई। जिस ब्रेकर को जज के सबसे ज्यादा अंक मिले और जिसने ज्यादा राउंड जीते, उसे मेडल मिला। इस बार स्वर्ण पदक विजेता जापान की कलाकार एमी रहीं। अब बात भारत की। भारत के पास भी पेशेवर ब्रेकर्स हैं और भारतीय ब्रेकिंग स्पर्धाएं भी हैं। प्रसिद्ध रेड बुल बीसी वन 2024 साइफर इंडिया पिछले महीने ही आयोजित हुई थी। ओलंपिक में ब्रेकिंग की शुरुआत युवाओं के लिए आशा व आकांक्षा का विषय है। आशा करते हैं कि भारतीय बी-बॉयज और बी-गर्ल्स (ब्रेक डांसर्स) 2028 में लॉस एंजेलिस में होने वाले ओलिम्पिक में देश के लिए पदक लाएंगे।
Dakhal News
अभय कुमार दुबे टोक्यो ओलिम्पिक में हमारे खिलाड़ियों ने सात (एक स्वर्ण समेत) पदक जीते थे। पेरिस में एक पदक कम हुआ, और स्वर्ण घटकर रजत रह गया। देखा जाए तो यह कोई उल्लेखनीय गिरावट नहीं है। लेकिन इससे यह तो पता चलता ही है कि खेलों की दुनिया में हम आगे नहीं बढ़ रहे हैं और एक दीर्घकालीन जड़ता के शिकार हैं। इसका कारण हमारे खिलाड़ियों में प्रतिभा और लगन की कमी भी नहीं है। प्रतिभा का तो विस्तार हो रहा है। उसमें विविधता आ रही है। नीरज चोपड़ा का एथलेटिक्स के विश्व-मंच पर उदय इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। हरियाणा का खेलों के असाधारण केंद्र के रूप में उभरना यह भी बताता है कि अगर देश में ऐसे दो-तीन केंद्र और बन जाएं तो दुनिया में हमारा सितारा बुलंद होने के लिए आवश्यक आधार तैयार हो जाएगा। 1975 में अजितपाल सिंह के नेतृत्व में भारत ने कुआलालम्पुर में पाकिस्तान को हराकर हॉकी का विश्व कप जीता था। इसके आठ साल बाद लॉर्ड्स के मैदान में कपिल देव के नेतृत्व में भारत ने क्रिकेट का विश्व कप जीता। उसी समय हमारी प्राथमिकताएं स्पष्ट हो गई थीं। क्रिकेट का कप सुविधाओं, शाबासियों, ख्याति, धन-लाभ, भविष्य के अवसरों और सितारा बनने की संभावनाओं से लबालब निकला। हॉकी के कप और उसके विजेताओं का क्या हुआ? विश्व हॉकी संघ पर काबिज यूरोपीय ताकतों ने नियम बदल कर घास पर खेली जाने वाली पारम्परिक हॉकी का खात्मा कर दिया। एस्ट्रो टर्फ और सुपर टर्फ का युग आया। हम घास पर ही प्रैक्टिस करते रहे। मॉन्ट्रियल ओलिम्पिक में हमारी विश्व विजेता टीम हारी। इसके बाद हम हार के लिए अभिशप्त हो गए। आज भी हॉलैंड जैसे छोटे-से देश के पास हमसे कई गुना ज्यादा हॉकी के कृत्रिम मैदान हैं। सरकारी प्रयासों और निजी स्तर पर पूर्व खिलाड़ियों द्वारा की गई संस्थागत कोशिशों से इस दुर्गति में पिछले दिनों कुछ सुधार हुआ है। लेकिन खेलों का संस्थागत ढांचा पहले की ही तरह बुरी हालत में है। इनकी एसोसिएशनें पुराने जमाने की जमींदारियों से अलग नहीं हैं। नेताओं और उनके परिजनों का इन एसोसिएशन पर कब्जा है। इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम ओलिम्पिक में क्वालिफाई ही नहीं कर पाई। कारण था एसोसिएशन में सत्ता-परिवर्तन और कोच के साथ हुआ झगड़ा। धनराज पिल्लै की कप्तानी में जो हॉकी टीम विकसित हुई थी, उसे ‘गोल्डन जनरेशन’ का नाम दिया जाता है। लेकिन इसी टीम को फेडरेशन के अध्यक्ष ने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद निलम्बित कर दिया था। पिछले और इस ओलिम्पिक के बीच मुक्केबाजी संघ ने कोच को चार बार बदला। तीरंदाजी फेडरेशन पर पूरे 44 वर्ष तक एक ही व्यक्ति का कब्जा रह चुका है। कुश्ती फेडरेशन का तो जिक्र होते ही जंतर मंतर पर पदक विजेता पहलवानों का धरना-प्रदर्शन याद आ जाता है। इनमें विनेश फोगाट भी शामिल थीं। अगर भारत में खेलों का संस्थागत आधार दुरुस्त, चाक-चौबंद और सतर्क होता तो क्या होता? अगरहमारी बॉक्सिंग फेडरेशन प्रभावी होती तो निकहत जरीन को सीडेड खिलाड़ी के रूप में उतरने का मौका मिलता। आखिरकार वे अपने वर्ग में डबल वर्ल्ड चैम्पियन हैं। लेकिन अनसीडेड बॉक्सर के रूप में उन्हें दूसरे मैच में ही विश्व की नंबर एक बॉक्सर से लड़कर हारना पड़ा। अगर वे सीडेड होतीं तो इस खिलाड़ी से फाइनल में भिड़ना पड़ता, जहां रजत पदक सुनिश्चित होता। हॉकी टीम ने कांस्य जीता, लेकिन उसका प्रदर्शन इस नतीजे से कहीं अच्छा था। इसका कारण भी संस्थागत माना जाएगा। अतीत में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाले अभिनव बिंद्रा ने अपनी उपलब्धि का श्रेय शूटिंग महासंघ को देने से इंकार कर दिया था। अगर उनके पिता ने निजी संसाधनों का इस्तेमाल करके उनका प्रशिक्षण न करवाया होता तो अभिनव पदक न जीत पाते। नीरज चोपड़ा चोटिल होने के कारण लम्बे अरसे प्रभावी ट्रेनिंग नहीं कर पा रहे थे। क्या भारतीय एथलेटिक फेडरेशन भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी की इस स्थिति के लिए कुछ जिम्मेदारी महसूस करती है? भारत में खेलों का संस्थागत ढांचा पहले की ही तरह बुरी हालत में है। इनकी एसोसिएशनें पुराने जमाने की जमींदारियों से अलग नहीं हैं। विभिन्न दलों के राजनेताओं और उनके परिजनों का इन एसोसिएशनों पर कब्जा है।
Dakhal News
बरखा दत्त विनेश फोगाट की उदास मुस्कान पेरिस ओलिम्पिक में उनकी अपात्रता की खबर से कहीं ज्यादा मर्मस्पर्शी थी। अस्पताल के बिस्तर पर लेटीं विनेश की तस्वीर देखकर मुझे बहुत व्यथा हुई। पिछले कुछ दिनों में विनेश ने जो कुछ भी खोया है, उसके बाद भी वे चेहरे पर बहादुर मुस्कराहट बनाए रखने में कामयाब रहीं। तस्वीर में आप उनके कटे बाल देख सकते थे, जो 50 किलो-वर्ग के फाइनल में प्रतिस्पर्धा करने के लिए उनके और उनकी टीम द्वारा उठाए गए कई हताश उपायों में से एक का साक्षात् प्रमाण थे। उन्होंने रस्सियां कूदीं, ऊष्मा-कक्ष में बैठीं, पानी तक नहीं पिया, कपड़े छोटे कर लिए और खून तक निकाला! लेकिन अंत में उनका वजन मानक से 100 ग्राम अधिक पाया गया और उन्होंने अपना वह रजत पदक भी खो दिया, जिसकी वो सुपात्र थीं और जो उन्हें मिलना तय था विनेश की यात्रा से हम खुद को जोड़ पाते हैं। उनके द्वारा जिन परीक्षाओं का सामना किया गया, उनके कष्ट, अपेक्षाएं, त्रासदियां- इन सबमें हम- यानी हम भारत की महिलाएं- या तो अपने जीवन का प्रतिबिम्ब देखती हैं या उस साहस का अनुमोदन पाती हैं, जिसकी हमें अपने जीवन में भी कामना रहती है। ऐसे लोग, जिन्होंने कभी कुश्ती का मुकाबला नहीं देखा- मैं भी उनमें से एक हूं- या जो खेलों में वजन मापने के तकनीकी तर्कों से चकित हैं; वे भी विनेश के साथ जो कुछ हुआ, उससे प्रभावित हुए हैं। संसद में विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि विनेश के भाग्य में अचानक आया बदलाव किसी साजिश के चलते है। कहा गया कि पिछले साल भाजपा के कद्दावर नेता बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के खिलाफ उनके द्वारा जताए मुखर-विरोध को उनके अप्रत्याशित दुर्भाग्य से अलगाया नहीं जा सकता। कानाफूसी में कहा गया कि उन्हें जानबूझकर क्षति पहुंचाई गई। जबकि अधिक जानकार विशेषज्ञों ने तर्क दिया कि विनेश के मामले में जो हुआ, उसके लिए यकीनन जिम्मेदारों को दंडित किया जाना चाहिए, लेकिन इस मामले में किसी राजनीतिक साजिश की ओर संकेत करना तो अकल्पनीय और कपटपूर्ण है। मैं कुश्ती और उसकी विभिन्न भार-श्रेणियों की विशेषज्ञ नहीं। लेकिन इतना जरूर जानती हूं कि विनेश को जैसी सार्वभौमिक प्रशंसा मिली और उनके दुर्भाग्य पर जिस तरह से सामूहिक शोक जताया गया, उसका सरोकार दिल्ली की सड़कों पर लैंगिक भेदभाव से जूझते हुए उनके संघर्ष के साक्षी बनने और उसमें उनके अकेलेपन के साथ सहानुभूति रखने से था। हममें से कोई भी उस तस्वीर को भुला नहीं सकता, जिसमें उन्हें और साक्षी मलिक को पुलिस द्वारा ऐसे घसीटा जा रहा था, मानो वे जरायमपेशा अपराधी हों। हममें से कोई भी यह नहीं भूल सकता कि जिस व्यवस्था ने हमारी इन चैम्पियनों के साथ बल प्रयोग किया, उसने महिलाओं की पीड़ा का उपहास करने वाले बृजभूषण शरण सिंह की जमानत का अदालत में विरोध नहीं किया था। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि विनेश उस व्यक्ति का मुकाबला कर रही थीं, जो अपने एक इंटरव्यू में कैमरे के सामने बड़ी बेबाकी से हत्या के बारे में बात कर चुके हैं। उनके खिलाफ डकैती और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। एक समय ऐसा था, जब उन 38 आरोप लगे थे, लेकिन अभी तक एक भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ कल्पना कीजिए, विनेश और उनके साथियों को कितने जीवट की जरूरत पड़ी होगी। मुझे याद है उन विरोध-प्रदर्शनों के दौरान मैंने विनेश से बात की थी। उन्होंने मुझसे कहा था, ‘लाचारी महसूस होती है। अगर हमारे जैसी लड़की सुरक्षित नहीं है, तो किसका भविष्य सुरक्षित है?’ एक अन्य मर्तबा, पुलिस कार्रवाई का सामना करने पर मेरे साथ बातचीत में उन्होंने चुनौती के स्वर में कहा था, ‘अगर आप मेरे घर आओगे, तो आपको बस थोड़ा घी और भारत का झंडा मिलेगा। इस सबसे गुजरने के बाद यह देखना हताश कर गया कि उन्हें ओलिम्पिक के पोडियम पर तिरंगे में स्वयं को लपेटने का अवसर नहीं मिला। उनके रिटायरमेंट की खबर तो और अवसाद में झोंकने वाली थी। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री- सभी ने इस घटनाक्रम पर निराशा व्यक्त की। लेकिन अगर वे विनेश का भारत में स्वागत करना चाहते हैं, तो एक साधारण-सा कदम उनकी पीड़ा को कम कर सकता है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि विनेश को न्याय मिले और उनकी पीड़ाओं के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। स्वर्ण के समान बहुमूल्य विनेश को हमें यह महसूस कराना होगा कि पदक की लड़ाई वे भले ही हार गई हों, लेकिन नैतिक युद्ध में उनकी जीत हुई है। विनेश के कष्ट, अपेक्षाएं, त्रासदियां- इन सबमें हम- यानी हम भारत की महिलाएं- या तो अपने जीवन का प्रतिबिम्ब देखती हैं या उस साहस का अनुमोदन पाती हैं, जिसकी हमें अपने जीवन में भी कामना रहती है।
Dakhal News
नवनीत गुर्जर मोबाइल फ़ोन ने भले ही पूरी दुनिया को हथेली पर ला दिया हो। बहुत कुछ आसान कर दिया हो, लेकिन बहुत कुछ है जो छूट भी रहा है। बल्कि छूट चुका है। ख़तरे बढ़ रहे हैं। असावधानियाँ भी बढ़ रही हैं। इनके कारण हम ठगे जा रहे हैं। हमारे साथ तरह - तरह के फ़्रॉड हो रहे हैं। ख़ासकर उन युवाओं के साथ जिन्होंने हथेली में आए इस मोबाइल फ़ोन को ही अपनी दुनिया, अपना सब कुछ मान लिया है। ऐसा नहीं है कि टेक्नोलॉजी में नित नए एक्सपेरिमेंट्स ठीक नहीं है। उनका स्वागत है, लेकिन इनके साथ जो सावधानियाँ बरतनी चाहिए, उन पर ध्यान नहीं दिया तो जान का जोखिम दिनों दिन बढ़ता ही जाएगा। इन दिनों देश के कई राज्यों में मूसलधार बारिश हो रही है। कहीं- कहीं तो लगता है जैसे बादल ही फट पड़े हों। ख़ासकर राजस्थान जैसे उन इलाक़ों में भी, जहां लोग कभी बरसते पानी के दर्शन तक करने को मोहताज रहते थे। तेज बहती, बल खाती, भँवर बनाती नदियों में मोबाइल फ़ोन लेकर युवा कूद रहे हैं। सेल्फ़ी ले रहे हैं। बह रहे हैं। जान तक गँवा रहे हैं। आखिर दोस्तों, परिचितों या परिजनों को ऐसी सेल्फ़ी भेजने का क्या मतलब जिसमें जान का ख़तरा हो? दरअसल, गलती हमारी है। हम पेरेंट्स की। हम भी उसी मोबाइल फ़ोन में इतने व्यस्त हो चुके हैं कि बच्चों को इसकी सावधानियाँ बताने तक का वक्त हमारे पास नहीं है। कहते है - “समरथ को नहीं दोष गुसाई, रवि, पावक, सरिता की नाई।” सूर्य, आग और नदी को दोष नहीं दिया जा सकता। बिना सावधानी के इनसे खेलना निश्चित तौर पर ख़तरनाक है। दरअसल, हो यह रहा है कि इनके सामने हम खुद को समर्थ समझने लगते हैं। यही हमारी गलती है। इन ग़लतियों को सुधारने की ज़रूरत है। आए दिन खबरें आ रही हैं कि सेल्फ़ी लेते वक्त पाँच युवक नदी में डूब गए। चार बह गए…। इन डरावनी खबरों को सुन- देखकर कोई सचेत नहीं होना चाहता। देश का युव- धन बहता जा रहा है। इसे बचाना होगा। कुछ सावधानियाँ ही तो बरतनी हैं! इतनी - सी बात समझ लीजिए। कम से कम अपनी जान जोखिम में मत डालिए। जान से ज़्यादा क़ीमती और कुछ नही! कुछ भी नहीं!
Dakhal News
पं. विजयशंकर मेहता तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था यानी छह सिंगापुर, नौ हांगकांग, पंद्रह न्यूजीलैंड या कतर, 30 बहरीन या फिर एक भारत! नाराज प्रकृति ने बीते एक दशक में दुनिया में एक भारत बराबर अर्थव्यवस्था को नेस्तनाबूद कर दिया है। आर्थिक विनाश का यह अब तक का सबसे ताजा हिसाब है, जो कंपनियों की बैलेंस शीट में शामिल हो रहा है। सरकारों के बजट औंधे मुंह पड़े हैं। बैंकों को नए किस्म के डिफॉल्ट का खतरा है। बीमा कंपनियों को समझ नहीं आ रहा कि कैसा बीमा बनाएं। क्योंकि जिन इलाकों में कभी बाढ़ या सूखा नहीं आता था, वहां भी सब कुछ उलट-पुलट गया है। दूसरा विश्व युद्ध अगर नहीं हुआ होता तो नाराज प्रकृति से आर्थिक नुकसानों की गिनती 1930 में अमेरिका के डस्ट बाउल से शुरू होती, जब मिडवेस्ट से उठी हजारों टन धूल पश्चिमी हिस्से में फसल, जीविका और पर्यावरण को निगल गई थी। प्रकृति के इस कोप ने अमेरिका की खेती को हमेशा के लिए बदल दिया। नुकसानों का हिसाब : नाराज प्रकृति से हुए नुकसानों का आर्थिक हिसाब 2003 में यूरोप की भयानक गर्मी से शुरू होता है। 1972 में स्टॉकहोम में पर्यावरण की यूएन की पहली जुटान से लेकर 1985 में ओजोन की पर्त में छेद की तलाश तक बदलती कुदरत के आर्थिक असर समझे जाने लगे थे। 21वीं सदी में इस तरह का पहला संकट था कैटरीना चक्रवात। अगस्त 2005 में मेक्सिको की खाड़ी के तटीय इलाके में आया यह तूफान 125 अरब डॉलर के नुकसान की बलि लेकर गया। बदलती कुदरत बुनियादी ढांचे, बढ़ते शहरों, खेतों और उद्योगों के लिए नई सबसे भयानक चुनौती है। मौसमी आपदाएं हर साल नेपाल जैसी करीब पांच अर्थव्यवस्थाएं खत्म कर रही हैं यानी 100 अरब डॉलर का नुकसान। 2017 से 2021 तक बीमा कंपनियों ने करीब 300 अरब डॉलर के नुकसान का भुगतान किया। 2022 में यह नुकसान करीब तीन गुने हो गए। एसबीआई रिसर्च का आकलन है कि 2022-23 में भारत में बाढ़ से 10 से 15 हजार करोड़ का नुकसान हुआ। इनमें अधिकांश के लिए कोई बीमा नहीं था। खतरे की पैमाइश : बीते एक साल में प्रत्येक महाद्वीप में बाढ़, बादल फटने, जंगल जलने, भूस्खलन जैसी आपदाओं की झड़ी लगी है। वायनाड से लेकर हिमाचल तक भारत के ताजा दृश्य खौफनाक हैं। सरकारें कर्ज लेकर सड़कें, पुल, बिजलीघर, दूरसंचार नेटवर्क बनाती हैं, मगर मौसम की एक करवट से सब तबाह हो जाता है और क्षेत्रों का विकास कई साल पीछे खिसक जाता है। बुनियादी ढांचे पर सात तरफ से हमला है। समुद्र जल स्तर में बढ़ोतरी, बाढ़, समुद्री चक्रवात, स्थलीय तूफान, हीट वेव और जलते जंगल। मैकेंजी और मार्श एंड मैकमिलन कंपनीज ने दो भिन्न अध्ययनों में पाया कि चार सेवाओं पर कहर टूटा है। सबसे पहले है बिजली। कोयले के आयात के कारण कई हिस्सों में बिजलीघर समुद्र तटीय इलाकों में हैं, जल स्तर बढ़ने से यहां बड़ा खतरा है। कोयले पर आधारित संयंत्रों की औसत आयु करीब 60 साल होती है, जबकि पनबिजली परियोजनाओं की 100 साल। बाढ़ से इन दोनों पर भारी जोखिम है। दूसरा है परिवहन। अप्रत्याशित बारिश से अब कई ऐसे इलाके प्रभावित हो रहे हैं, जहां भारी बरसात का इतिहास नहीं रहा है। रेलवे और हाईवे नेटवर्क इस खतरे को संभाल नहीं पा रहा है। तापमान बढ़ने से विमान परिवहन भी बेजार है। इससे यात्री किराए बढ़ेंगे। इसके बाद हैं पेयजल आपूर्ति और दूरसंचार। बढ़ते तापमान से जल स्रोत सूख रहे हैं और बाढ़ के असर से पेयजल ढांचा ध्वस्त हो रहा है। शहरों के पेयजल ढांचे में बाढ़ के बाद आई गंदगी को संभालने की क्षमता नहीं है। 2015-16 में ब्रिटेन की बाढ़ में दूरसंचार नेटवर्क बह गया। जबकि तूफान इरमा और मारिया के असर से कैरेबियाई इलाकों में करीब 90 फीसदी मोबाइल टावर ध्वस्त हो गए। पुराना हो या नया, कहीं भी बुनियादी ढांचा पर्यावरणीय खतरों को ध्यान में रखकर नहीं बना है। मैकेंजी का आकलन है कि 60 से 80 फीसदी बुनियादी ढांचे को मौसमी बदलावों के हिसाब से ढलना और बदलना होगा। 2050 तक इसकी लागत 150 से 450 अरब डॉलर प्रति वर्ष होगी। बीमा कंपनियों को हर्जाने के लिए नए फंड्स की व्यवस्था करनी होगी। 1990 के बाद से प्राकृतिक आपदा प्रभावित देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। 2001 से 2022 के बीच भूस्खलन, तूफान, भूकंप, बाढ़ और सूखे के 361 हमले हुए हैं। यानी औसत तीन आपदाएं प्रति माह। 1900 से 2000 के बीच 100 साल में केवल 401 ऐसी आपदाएं आई थीं, यानी चार प्रति वर्ष!
Dakhal News
नीरज कौशल 5 अगस्त को पूरी दुनिया के शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। एक दिन बाद, जिसे ‘क्रैश’ समझा जा रहा था, उसे ‘मार्केट-करेक्शन’ बताया गया। लेकिन विश्लेषक पूछ रहे हैं कि क्या सबसे बुरा समय बीत चुका है या अभी आना बाकी है? इसका ईमानदार जवाब है : हम नहीं जानते। अगर हमें सच में ही पता होता तो हम शेयर बाजार के अपने ज्ञान का लाभ उठाकर अरबों डॉलर कमा रहे होते। लेकिन हकीकत यह है कि एक अस्थिर शेयर बाजार- या यहां तक कि एक शांत शेयर बाजार के बारे में भी कोई सटीक भविष्यवाणी करना या पूर्वानुमान लगाना दुष्कर है। अमेरिकी फेड रिजर्व के सुविख्यात चेयरमैन एलन ग्रीनस्पैन ने मार्च 2000 में डॉट-कॉम बबल के फटने से कई साल पहले 1995 से ही अमेरिकी शेयरों में तर्कहीन उत्साह के प्रति चेताना शुरू कर दिया था। इसलिए- इस लेख में- हम भविष्यवाणी करने से बचेंगे, लेकिन अतीत को समझाने की कोशिश जरूर करेंगे। यह कि सोमवार को जैसे बाजार टूटा, उसके पीछे क्या कारण था? इसकी शुरुआत जापान के बेंचमार्क टॉपिक्स इंडेक्स में सोमवार को 12% की गिरावट के साथ हुई। जिसके बाद अन्य एशियाई देशों और यूरोप के शेयरों में भी गिरावट आई। अमेरिका में कुछ कम नाटकीय लेकिन पर्याप्त गिरावट हुई। एसएंडपी 3% और नैस्डेक 3.43% टूटा। एनएसई निफ्टी में 2.7% की गिरावट आई और एक दिन बाद फिर से उछाल आया, जैसा कि वैश्विक स्तर पर अधिकांश बाजारों के शेयरों में हुआ। टॉपिक्स में गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीतियों से जुड़ी है। फेड ने पिछले दो वर्षों में अमेरिकी मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में लगातार वृद्धि की है, जबकि बैंक ऑफ जापान ने हाल ही में अपनी ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया था। इसने निवेशकों के लिए डॉलर या यूरो या- जिसे ‘कैरी ट्रेड’ कहा जाता है- में निवेश के लिए सस्ती दरों पर जापान की मुद्रा येन में उधार लेने का अवसर खोल दिया। इससे येन कमजोर हो गया। कमजोर येन ने निर्यात को बढ़ाया और जापानी निर्यातकों को अपनी कमाई डॉलर में रखने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे येन की मांग कम हो गई और येन और कमजोर हो गया। इस प्रवृत्ति को देखते हुए निवेशकों ने येन की टूटन पर दांव बढ़ा दिए, जिसका मतलब यह था कि येन का मूल्य और गिरेगा। उन्हें उम्मीद थी कि बैंक ऑफ जापान कोई कार्रवाई नहीं करेगा और फेड अपनी ब्याज दर में कटौती करेगा। लेकिन इसके बजाय 31 जुलाई को, बैंक ऑफ जापान ने अपनी बेंचमार्क दर 0.1% से बढ़ाकर 0.25% कर दी। येन के मूल्यों में और गिरावट पर दांव लगाने वाले निवेशक घबरा गए और अपने नुकसान को कवर करने के लिए दूसरी दिशा में दौड़ पड़े। नतीजा यह रहा कि येन की कीमत में वृद्धि हुई, जिससे जापानी शेयरों में गिरावट आ गई। लेकिन एक दिन बाद ही शेयरों में उछाल यह दर्शाती है कि निवेशक जापानी कंपनियों को बहुत अधिक संकट में नहीं मानते हैं। इस सप्ताह की गिरावट या सुधार के अलावा, वैश्विक टेक दिग्गजों के शेयरों में भी तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। जुलाई के मध्य से नैस्डेक 100 में 10% से अधिक की गिरावट आई है। इसे भी हाईप्ड-अप टेक स्टॉक्स में करेक्शन के रूप में देखा जाना चाहिए, जो टेक सेक्टर- विशेष रूप से एआई के बारे में बढ़ती उम्मीदों को दर्शाता है। अमेरिका में अस्थिरता सूचकांक- जो व्यापारियों द्वारा खुद को बचाने के लिए भुगतान की जाने वाली राशि को मापता है- इस सप्ताह भी तेजी से बढ़ा। यह दर्शाता है कि डर का माहौल जारी है। कई लोगों को डर है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है, हालांकि इसकी बुनियादी स्थितियों में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो इस तरह के अंदेशे को जन्म दे। ये सच है कि पिछले सप्ताह की जॉब मार्केट रिपोर्ट उम्मीद से कुछ कमजोर थी, लेकिन 4.3% की बेरोजगारी दर इस बात का संकेत है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है। लेकिन मौजूदा क्रैश और कनेक्शन के बावजूद अमेरिकन स्टॉक अतिमूल्यित बने हुए हैं। यही हालत भारतीय स्टॉक की भी है। इस सप्ताह हमने बाजार में जैसी उथलपुथल देखी, वह अगले सप्ताह भी जारी रह सकती है। जैसा कि बेट्टी डेविस ने 1950 के दशक की अपनी क्लासिक फिल्म ‘ऑल अबाउट ईव’ में कहा था, ‘अपनी कमरपेटियों को कसकर बांध लीजिए, आगे बहुत झटके लगने वाले हैं!’
Dakhal News
अभिजीत अय्यर मित्रा बांग्लादेश में हुए तख्तापलट ने दक्षिण-एशिया क्षेत्र में उथल-पुथल मचा दी है। प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है और उनका भविष्य अनिश्चित है। लेकिन इससे भी बड़ा सवाल यह है कि आखिर वहां पर ऐसा क्यों हुआ और अब भारत के पास क्या विकल्प हैं। बांग्लादेश में इसी साल चुनाव हुए थे, जिनमें विवादास्पद परिस्थितियों में शेख हसीना की अवामी लीग को भारी बहुमत मिला था। हालांकि चुनाव से पहले ही वहां पर विपक्ष का दमन शुरू हो गया था। शेख हसीना को लगता था कि फौज के हाथ मजबूत करके, उसे वह सब देकर जो वह चाहती है, फौजी अधिकारियों के स्पष्ट भ्रष्टाचार को नजरअंदाज करके वे उन्हें अपने पाले में कर लेंगी और वो उनके प्रति वफादार रहेंगे। आखिर 2009 में जब अर्धसैनिक बांग्लादेश राइफल्स ने तख्तापलट करने की कोशिश की थी, तो फौज ने हसीना का ही साथ दिया था। तो क्या अब फौज ने हसीना को दरकिनार कर दिया है? ऐसा पूरी तरह से सच नहीं है, क्योंकि शेख हसीना ने बांग्लादेशी वायुसेना के विमान से ही देश छोड़ा है। न ही वहां के सैन्य प्रमुख हसीना के आलोचक हैं। सवाल उठता है कि ऐसे हालात क्यों बने और इस बार सेना के हाथ-पैर क्यों फूल गए? कई सालों से यह तर्क दिया जा रहा था कि बांग्लादेश जैसी स्थिति में- जहां विपक्ष कमजोर है- फौज ही विपक्ष की भूमिका निभाएगी। लेकिन समस्या यह है कि अगर सेना ऐसा करती है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा, और बांग्लादेश इसका बिल्कुल भी सामना नहीं कर सकता। कुछ का निष्कर्ष है कि फौज दबाव से कुछ राहत चाहती थी, इसलिए वह अंतरिम नागरिक सरकार बना रही है, जिसके सफल होने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में हसीना की सत्ता में वापसी की गुंजाइश कायम रहेगी। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि अमेरिका ने बांग्लादेश के चुनावों में हुई धांधली की तो निंदा की थी, लेकिन पाकिस्तान के चुनावों को सराहा था। इसी की प्रतिक्रिया में अपनी हाल की वॉशिंगटन यात्रा के दौरान शेख हसीना ने अमेरिकी सरकार के अधिकारियों से बातचीत करने से इनकार कर दिया था और इसके बजाय अमेरिका-बांग्लादेश चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यालयों में बैठकें की थीं। दांव पर बांग्लादेश द्वारा खोजे गए विशालकाय ऑफशोर गैस भंडार हैं। चीन के साथ हसीना की सांठगांठ अमेरिका को रास नहीं आ रही थी। लेकिन वे बीजिंग के प्रति भी बेसब्र बनी हुई थीं। वे अपनी चीन यात्रा को बीच में ही छोड़कर गुस्से में घर लौट आई थीं। ऐसे में किसी को आश्चर्य नहीं हुआ था, जब पिछले महीने 1971 के योद्धाओं और उनके परिवारों के लिए कोटा के मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। ध्यान रहे कि उन विरोध-प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय ने अधिकांश कोटा को खत्म कर दिया था। फिर नए विरोध-प्रदर्शन किस बारे में हो रहे थे? इन आरोपों को लेकर कि शेख हसीना तानाशाह और गैर-लोकतांत्रिक हैं। वैसे भी बांग्लादेश में बार-बार किसी न किसी मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन होते रहते हैं, क्योंकि वहां एकमात्र बचा हुआ विपक्ष- जमात-ए-इस्लामी- नहीं जानता कि कब उनकी किस्मत चमक जाएगी। बांग्लादेश के हिंदू ऐतिहासिक रूप से अवामी लीग, शेख हसीना और उनके पिता मुजीबुर्रहमान के समर्थक रहे हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि वे हिंदू समुदाय के बहुत अच्छे दोस्त साबित हुए हों। उदाहरण के लिए शेख मुजीब विभाजन के दंगों में शामिल हुए थे, जिसके कारण 1947 में लाखों हिंदू मारे गए थे। हालांकि 1971 तक वे एक मुस्लिम होने से बढ़कर एक बांग्लादेशी के रूप में सोचते थे, जबकि पाकिस्तान ने स्पष्टतया मुस्लिम कार्ड खेला था। 1971 के बाद से और बांग्लादेश की मुक्ति में भारत की भूमिका के बाद से वहां की सभी अवामी सरकारें हिंदुओं के प्रति स्पष्ट रूप से मैत्रीपूर्ण रही हैं। ऐसे में विपक्ष ने अवामियों को एक ‘हिंदू पार्टी’ के रूप में चित्रित किया और बेरोकटोक तरीके से भारत पर निशाना साधा। वास्तव में, अवामी लीग भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति संवेदनशील होने के लिए असामान्य हद तक चली गई है। भारत के लिए यह एक बड़ा उलटफेर है। शेख हसीना ने भारत के विरुद्ध बेकार के दुष्प्रचार से इनकार कर दिया था। वे खालिदा जिया की तरह बांग्लादेश की तमाम समस्याओं के लिए भारत को दोष नहीं देने वाली थीं। इसके बजाय उन्होंने अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया और इसे प्रभावशाली ढंग से संभाला। बांग्लादेश को एक समय गरीबी के लिए काम करने वाले एनजीओ के लिए स्वर्ग के रूप में जाना जाता था। अब इन एनजीओ की कोई आवश्यकता नहीं रह गई थी और बांग्लादेश ने कुछ आर्थिक-संकेतकों पर भारत को भी पीछे छोड़ दिया था।शेख हसीना न केवल भारत के साथ मित्रता सुनिश्चित कर रही थीं, बल्कि भारत में बांग्लादेशियों के प्रवास की आवश्यकता को समाप्त करके सीमा-सुरक्षा का भी ख्याल रख रही थीं। लेकिन इसका यह मतलब भी था कि भारत उन लगभग 3 करोड़ अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को वापस नहीं भेज सकता था, जो यहां रह रहे हैं। अब जब बांग्लादेश में बनने जा रही नई हुकूमत यकीनन भारत के लिए बहुत मैत्रीपूर्ण नहीं होने जा रही है, ऐसे में भारत इन प्रवासियों को वापस भेजने की शुरुआत कर सकता है। यहां यह याद रखा जाना चाहिए कि श्रीलंका के विपरीत बांग्लादेश की बगावत आर्थिक तंगहाली के चलते नहीं हुई है और पाकिस्तान के विपरीत वहां पर फौज की मुखालफत में लोग नहीं उमड़े हैं। ऐसे में शेख हसीना के पास वहां पर सत्ता में वापसी की गुंजाइश अभी बाकी है। भारत अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का क्या करेगा... अभी तक भारत बांग्लादेशी प्रवासियों को वापस नहीं भेज सकता था, लेकिन अब जब बांग्लादेश में बनने जा रही नई हुकूमत भारत के लिए बहुत मैत्रीपूर्ण नहीं होने जा रही है, ऐसे में अवैध प्रवासियों को भेजने की शुरुआत की जा सकती है।
Dakhal News
पलकी शर्मा बांग्लादेश में अफरातफरी है। प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर भाग गई हैं। सड़कों पर अराजकता है। सैकड़ों लोग मारे गए हैं। बाकी दुनिया चुपचाप यह सब देख रही है, वहीं भारत इसके लिए खुद को तैयार कर रहा है, क्योंकि बांग्लादेश की घटनाओं का उस पर सीधा असर होगा। हसीना का जाना नई दिल्ली के लिए कई मायनों में झटका है। इसका यह मतलब भी है कि भारत ने पड़ोस में अपने इकलौते स्थिर साथी को अब खो दिया है। भारत के चारों ओर के नक्शे को देखें तो आप पाएंगे कि भूगोल ने हमें कितने बदहाल पड़ोसियों से नवाजा है। सबसे पहले तो हमारे पड़ोस में अफगानिस्तान है, जिस पर कट्टरपंथी तालिबान का राज है। भारत-विरोधी समूहों को समर्थन देने का उसका एक इतिहास रहा है। फिर, पाकिस्तान के क्या कहने, जो परमाणु हथियारों से लैस अफगानिस्तान जैसा ही है। यह मुल्क राजनीतिक अस्थिरता का पर्याय है। पाकिस्तान के एक भी वजीरे-आजम ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। हमेशा वहां की फौज ने उनके कार्यकाल में खलल डाला है। दक्षिण में श्रीलंका और मालदीव हैं। श्रीलंका 2022 में दिवालिया हो गया था। वहां से सामने आई तस्वीरें आज के बांग्लादेश से काफी मिलती-जुलती थीं। वहां भी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया था और शासक को भागना पड़ा था। मालदीव एक समय भारत का सहयोगी हुआ करता था। लेकिन उनके नए राष्ट्रपति के सुर बदले हुए हैं। वे इंडिया-आउट का नारा बुलंद किए हुए हैं। फिर नेपाल की बात करें। उनके प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली हैं। लेकिन मेरा सुझाव है कि आप इसे कुछ-कुछ समय में जांचते रहें, क्योंकि वहां पर प्रधानमंत्री नियमित बदलते रहते हैं। नेपाल में गत 16 वर्षों में 14 सरकारें बदल चुकी हैं। हालात इतने बदहाल हैं कि वहां पर कुछ लोग राजशाही को फिर से बहाल करना चाहते हैं। उत्तर दिशा में ही थोड़ा आगे चीन है, जो विस्तारवादी, अलोकतांत्रिक और अपने आस-पड़ोस के देशों के साथ धौंस-डपट करने वाला देश है। वह भारत के भूखंडों पर अपनी मिल्कियत जताता रहता है। भूटान में घरेलू राजनीति स्थिर है, लेकिन वह चीन के साथ सीमा-समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहता है, और यह भारत के लिए चिंता का बायस है। म्यांमार की भी बात कर लें, जहां सेना सत्ता में है। वहां के अधिकांश राजनेता सलाखों के पीछे हैं और वहां गृहयुद्ध चल रहा है। ले-देकर एक बांग्लादेश ही बचा था, जिस पर नई दिल्ली भरोसा कर सकती थी। लेकिन हसीना की विदाई के बाद अब आप ढाका से भी कोई उम्मीदें नहीं लगाइए। इस परिदृश्य पर विहंगम दृष्टि डालने पर आपको क्या मिलता है? एक बेहद अशांत पड़ोस, जो कट्टरपंथियों, सैन्य शासकों, दिवालिया अर्थव्यवस्थाओं और जलवायु-परिवर्तन के कारण डूबते देशों से भरा है। इन सबके बीच में भारत है, जो अंतिम व्यक्ति की तरह तनकर खड़ा है। यह भारत के भविष्य को कैसे प्रभावित करेगा? मोटे तौर पर, तीन तरीकों से। एक, नई दिल्ली को हर समय सतर्क रहना होगा। बांग्लादेश की सीमा को ही देखें। हिंसा की तमाम वारदातें बांग्लादेश के अंदर हो रही हैं, फिर भी भारतीय सीमा-बल सतर्क हैं। पाकिस्तान और चीन के साथ भी ऐसा ही है। भारत शांति कायम रखने के लिए इन देशों पर भरोसा नहीं कर सकता। जिसका मतलब है अधिक बलों की तैनाती, अधिक रक्षा खर्च और सरहद पर अधिक बुनियादी ढांचों का निर्माण। दूसरे, ये हालात चीन जैसे हमारे प्रतिद्वंद्वियों को आगे बढ़ने का मौका देते हैं। पैटर्न पर गौर करें। मालदीव की इंडिया-आउट नीति का किसने फायदा उठाया? चीन ने। श्रीलंका के दिवालियेपन से कौन फायदे में रहा? फिर से चीन। भूटान से सीमा विवाद सुलझाने के बारे में कौन बात कर रहा है? चीन। भारत अफगानिस्तान या म्यांमार जैसी अलोकतांत्रिक सरकारों के साथ काम नहीं करेगा, लेकिन बीजिंग को इससे ऐतराज नहीं है। नतीजा, चीन ने भारत के आस-पड़ोस में बढ़त हासिल कर ली है। हमारे इर्द-गिर्द मची यह उथलपुथल हमारे वैश्विक एजेंडे को भी बाधित करती है। हमने प्रधानमंत्री को इसके बारे में बात करते हुए सुना है। वे भारत को विश्व-बंधु, यानी दुनिया का मित्र बनाना चाहते हैं। लेकिन जैसा कि कहते हैं, अच्छी पहल हमेशा घर से शुरू होती है। जब आपका क्षेत्र ही आग की लपटों से घिरा हो तो आप दुनिया पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते। वैश्विक दृष्टिकोण के लिए आपको क्षेत्रीय स्थिरता की आवश्यकता होती है। हमारे पड़ोस में जो कुछ हो रहा है, वो सम्प्रभु राष्ट्रों की अंदरूनी समस्याएं हैं। क्या भारत फिर भी उनकी मदद कर सकता है? हां, कर सकता है। क्योंकि इस क्षेत्र में भारत का रसूख है। अगर आप चीन को अलग रख दें, तो हर दूसरे पड़ोसी के भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं। उनमें से कुछ तो भारत से टूटकर ही बने हैं। साथ ही, नई दिल्ली बदलाव लाने के लिए सबसे बेहतर जगह है। भारत की आबादी 1.4 अरब है। उसके पड़ोसियों की कुल आबादी 50 करोड़ है। अर्थव्यवस्था के साथ भी ऐसा ही है। भारत की जीडीपी तीन ट्रिलियन डॉलर है। बाकी सब मिलाकर लगभग एक ट्रिलियन हैं। ऐसे में भारत के सामने दो विकल्प हैं। या तो आस-पड़ोस की अराजकता को नजरअंदाज करे और अपनी विकास-यात्रा पर फोकस बनाए रखे। या, अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके चीजों को सही दिशा में लेकर जाए। पाकिस्तान के साथ इस तरह की मशक्कत बेकार है। लेकिन दूसरे देशों से फिर भी उम्मीद की जा सकती है। हम इस क्षेत्र में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सकते हैं... हमारे पड़ोस में जो कुछ हो रहा है, वो सम्प्रभु राष्ट्रों की अंदरूनी समस्याएं हैं। क्या भारत उनकी मदद कर सकता है? हां, कर सकता है। क्योंकि इस क्षेत्र में भारत का रसूख है। हर दूसरे पड़ोसी के भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं।
Dakhal News
अभय कुमार दुबे दलितों और आदिवासियों के वर्गीकरण के बारे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला समाज और राजनीति के संबंधों को भीतर से बाहर तक बदलने की तरफ ले जा सकता है। इसका असर एससी-एसटी तक ही सीमित नहीं रहेगा, ओबीसी पर भी इसका रूपांतरकारी असर पड़ेगा। अगले 10 से 15 साल के भीतर-भीतर देश की 60 से 70 प्रतिशत आबादी की राजनीतिक-सामाजिक पहचान पहले जैसी नहीं रह जाएगी। फैसले को गंभीर राजनीतिक-कानूनी रुकावटों का सामना भी करना पड़ सकता है। संविधान-निर्माताओं ने समाज की नक्शानवीसी करते हुए उसे दो (पिछड़े और अगड़े) हिस्सों में बांटा था। इसके बाद पिछड़े वर्ग की विशाल बहुसंख्यक श्रेणी का विभाजन तीन हिस्सों (एससी, एसटी, ओबीसी) में कर दिया गया। इसी मानचित्र के अनुसार हमारी चुनावी गोलबंदी की संरचना बनी। इसी के मुताबिक आरक्षण के जरिए यह तय होना शुरू हुआ कि राज्य के संसाधनों पर किसका कितना हक होगा। दूसरी तरफ इस संवैधानिक नक्शे में संशोधन की कोशिशें भी चलीं, पर इनमें से किसी को कानूनी दृष्टि से कामयाबी नहीं मिली। अब बिहार में कर्पूरी ठाकुर के जमाने वाले उस मुंगेरी लाल कमीशन की प्रासंगिकता नए सिरे से समझ में आ सकती है, जिसने ओबीसी में नए समतामूलक वर्गीकरण का प्रस्ताव किया था। इसी तरह से मंडल कमीशन की रपट के साथ नत्थी आरएल नाइक (कमीशन के एकमात्र दलित सदस्य) की उस असहमति पर निगाह डालने की जरूरत महसूस होगी, जिसमें ओबीसी को खेतिहर और कारीगर जातियों में बांटकर उसी के मुताबिक आरक्षण का प्रतिशत अलग-अलग तय करने का आग्रह किया गया था। मुंगेरी लाल और नाइक के प्रस्तावों के अलावा संभवत: हो सकता है कि यह फैसला काका कालेलकर कमीशन के सदस्य शिव दयाल सिंह चौरसिया द्वारा व्यक्त उस विस्तृत असहमति पर गौर करने की तरफ भी ले जाए, जिसमें आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के आग्रह की कड़ी आलोचना दर्ज है। यानी अब ईडब्ल्यूएस पर पुनर्विचार की गुंजाइश पैदा हो सकती है। सरकार द्वारा बनाए रोहिणी कमीशन के आंकड़े पहले ही ओबीसी के पुन: वर्गीकरण की जमीन तैयार करने का काम कर रहे हैं। ये नए संदर्भ में और प्रभावी लगेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की खास बात यह है कि उसने पंजाब समेत कुछ राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई उस प्रक्रिया पर कानूनी मुहर लगा दी है, जो एससी-एसटी श्रेणियों में वर्गीकरण की तरफ ले जाती है। अगर यह फैसला पहले आ गया होता तो बिहार में नीतीश कुमार द्वारा बनाई गई महादलित श्रेणी में पासवान, पासी, धोबी और रविदास जातियां (कुल दलित समाज का 69%) राजनीतिक दबाव डालकर न घुस पातीं। उस सूरत में बिहार का दलित आरक्षण दो हिस्सों में बंट गया होता। ज्यादा बड़ा हिस्सा उन 18 बिरादरियों को मिल रहा होता, जो संख्याबल में कमजोर और सामाजिक-शैक्षिक रूप से बहुत पीछे मानी जाती हैं। अगर यूपी सरकार चाहे तो बसपा के मुख्य जाटव जनाधार के आरक्षण पर दबदबे को घटाकर दूसरी लेकिन संख्याबल में कमजोर दलित जातियों को प्रमुखता दे सकती है। इस रोशनी में अदालती फैसले को लेकर चिराग पासवान और बसपा की बेचैनियों को आसानी से समझा जा सकता है। भाजपा के लिए इस फैसले ने कई तरह की अनिश्चितताएं पैदा कर दी हैं। एक तरफ वह अतिदलित और अतिपिछड़ा वर्ग को नए आश्वासन देकर एक बार फिर अपनी तरफ खींच सकती है, और दूसरी तरफ इसकी प्रतिक्रिया में ओबीसी श्रेणी की शक्तिशाली खेतिहर जातियां उसका साथ छोड़ सकती हैं। अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को दलित-आदिवासी और ओबीसी श्रेणियों में इस फैसले के मुताबिक उपश्रेणियां बनानी पड़ीं, तो उन्हें व्यवस्थित जातिगत जनगणना कराने की तरफ जाना ही होगा। एक तरह से सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला देकर जातिगत जनगणना की मांग पर अघोषित मुहर लगा दी है। संघ के सिद्धांतकारों के लिए यह पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है कि इस फैसले की रोशनी में हिंदू राजनीतिक एकता की नई परिभाषा क्या होगी। जातिगत जनगणना के सवाल पर भाजपा फूंक-फूंककर कदम उठा रही है। जहां मजबूरी होती है (जैसे बिहार), वहां वह इसका समर्थन करती है। उसे समाज को तोड़ने वाला भी करार देती है। लेकिन कांग्रेस खुलकर इसके पक्ष में है।
Dakhal News
दिक्षिता मेहता दोस्ती का पैमाना किसी एक ख़ास दोस्त पर ही नहीं टिका होता, आप अपने हालात, व्यवहार और इच्छाओं के हिसाब से अलग-अलग लोगों में भी दोस्ती की ख़ूबियां तलाश सकते हैं।दोस्त यानी आपकी अपनी कहानी का साझेदार, जो हर मायने में आपको समझता हो, निखारता हो। ऐसे एक दोस्त की खोज किसे नहीं होती। पर अपने मन की हर इच्छा, हर उम्मीद का बोझ किसी एक पर लादने से अच्छा है आप अपनी खोज का तरीक़ा बदलें। किसी एक व्यक्ति नहीं, दोस्ती की ख़ूबियों की खोज में निकलें। थोड़े आप-से, थोड़े इतर मित्र/सखी का चुनाव करते वक़्त अक्सर हम समानताओं की तलाश करते हैं। हां, सोच-समझ और मन का मिलाप ज़रूरी तो है, पर उसके साथ ही सामने वाले में थोड़ी भिन्नता भी हो, ताकि आप एक-दूसरे के जीवन के अधूरे हिस्सों काे पूरा करते हुए, बेहतरी के साथ आगे बढ़ सकें। कहा भी जाता है कि दो विपरीत स्वभाव के लोगों में अच्छी साझेदारी देखने को मिलती है। उदाहरण के लिए, यदि आप अंतर्मुखी हैं तो एक सामाजिक रूप से सक्रिय बातूनी और बहिर्मुखी व्यक्ति का साथ आपके जीवन के अनछुए पहलुओं को सामने लेकर आएगा। ऐसे ही एक सकारात्मक और एक आलोचनात्मक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति की जोड़ी भी बन सकती है। आपके प्रति सच्चा दोस्त सबसे ज़रूरी होकर भी बड़ी मुश्किलों के बाद मिलने वाला। एक ईमानदार और वफ़ादार दोस्त आपके जीवन की आधी समस्याएं यूं ही सुलझा देता है। इनके लिए आपकी भलाई से बढ़कर और कुछ भी नहीं, आपकी हां में हां मिलाना भी नहीं। ये आपके लिए आपसे लड़ने को भी तैयार हो जाते हैं। और कई मामलों में आपको आपसे भी बेहतर समझते हैं। फ़िक्रमंद और ज़िम्मेदार दोस्ती के नादान रिश्ते में ज़िम्मेदारी की थोड़ी-सी सूझ-बूझ और फ़िक्र आपकी व्यक्तिगत उन्नति में मदद करती है। अगर आपके पास एक ऐसा साथी है, जिसके साथ रहकर आप अपनी सभी चिंताओं से मुक्त रह सकते हैं तो उसे ज़रूर संभालकर रखें। ज़िंदगी से भरपूर काेई मेहनत का काम करना हो या शांति, सुकून के पल जीने हों- कुछ लोग हमेशा, हर बात को अपना सौ प्रतिशत देते हैं। ज़िंदगी को पूरी ज़िंदादिली के साथ जीने वाले ये साथी आपको छोटी-छोटी बातों में ख़ुश रहना सिखाते हैं। इनकी संगति से माहौल भी चहक उठता है। खुले विचारों वाला एक ऐसा दोस्त जिसकी सोच का दायरा आपकी सोच से अलग हो, खुला हो। केवल अच्छे-बुरे के तराज़ू में तोलने के बजाय जो आपको एक नए सिरे से हर बात समझने का मौक़ा दे। ऐसे व्यक्ति का साथ आपकी प्रगति में हमेशा सहायक रहेगा। जिससे ले सकें सलाह आपके क़रीबी दोस्त आपकी ख़ूबियों के साथ-साथ ख़ामियों से भी परिचित होते हैं। अक्सर वे आपके जीवन में निर्णायक या सलाहकार की भूमिका निभाते हैं। ऐसे दोस्त के रूप में एक अच्छा मार्गदर्शक मिलने से बड़ी बात और क्या हाे सकती है। एक हंसमुख दोस्त जिस तरह हर बात को मज़ाक़ में लेना ठीक नहीं, उसी तरह हर बात पर तनाव लेने और गंभीर होने की भी ज़रूरत नहीं होती। ऐसे में काम आते हैं कुछ चुलबुले, हंसमुख दोस्त। यदि आपको भी बात-बात में गंभीर होने की आदत है तो मज़ाकिया दोस्त खोज लीजिए। हर स्थिति में ख़ुश रहने वाले ऐसे लोगों के साथ मुश्किल वक़्त भी हंसते-हंसते कट जाता है। रोमांच से भरा साथी रोमांच के साथ जीने का अलग ही मज़ा है। यदि आप स्वभाव से संकोची क़िस्म के हैं तो आपके पास रोमांच से रूबरू कराने वाला एक साथी होना ही चाहिए। ये केवल एडवेंचर्स ही नहीं, आम जीवन में भी डर और सीमाओं का सामना करने में आपकी मदद करेगा। और आपको आपके कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकालकर मुश्किलों से हंसते-हंसाते पार लगा देगा।
Dakhal News
नोहा एल्हेन्नावी संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 230 मिलियन से अधिक महिलाओं और लड़कियों का जननांग विच्छेदन किया गया है, जिनमें से अधिकांश अफ्रीका में रहती हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जारी की गई रिपोर्ट में यूनिसेफ ने अनुमान लगाया है कि पिछले आठ वर्षों में लगभग 30 मिलियन लोग इस प्रक्रिया से गुजर चुके हैं, जिसमें बाह्य जननांग को आंशिक या पूर्ण रूप से हटा दिया जाता है। यूनिसेफ ने कहा कि महिला जननांग विकृति से पीड़ित महिलाओं और लड़कियों का प्रतिशत घट रहा है, लेकिन उसने चेतावनी दी कि इस प्रथा को समाप्त करने के प्रयास बहुत धीमे हैं, जिससे तेजी से बढ़ती आबादी के साथ तालमेल नहीं बिठाया जा सकता। रिपोर्ट में कहा गया है, "महिला जननांग विकृति की प्रथा में कमी आ रही है, लेकिन यह कमी पर्याप्त तेजी से नहीं हो रही है। यह प्रथा, जिसे गलत तरीके से महिलाओं की कामुकता को नियंत्रित करने के लिए माना जाता है, गंभीर रक्तस्राव और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकती है। लड़कियों को बचपन से लेकर किशोरावस्था तक की उम्र में इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। लंबे समय तक, यह मूत्र पथ के संक्रमण, मासिक धर्म की समस्याओं, दर्द, यौन संतुष्टि में कमी और प्रसव संबंधी जटिलताओं के साथ-साथ अवसाद, कम आत्मसम्मान और अभिघातजन्य तनाव विकार का कारण बन सकता है यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा, "हम यह चिंताजनक प्रवृत्ति भी देख रहे हैं कि अधिकाधिक लड़कियां कम उम्र में ही इस प्रथा का शिकार हो रही हैं, कई तो अपने पांचवें जन्मदिन से पहले ही। इससे हस्तक्षेप की गुंजाइश और कम हो जाती है।रिपोर्ट में कहा गया है कि अकेले अफ्रीका में ही करीब 144 मिलियन महिलाओं और लड़कियों का खतना किया गया है, इसके बाद एशिया और मध्य पूर्व में क्रमशः 80 मिलियन और 6 मिलियन हैं। सोमालिया उन देशों की सूची में सबसे ऊपर है जहाँ यह प्रथा, जिसे महिला खतना के रूप में भी जाना जाता है, प्रचलित है, जहाँ 15 से 49 वर्ष की आयु की 99% महिला आबादी का खतना किया गया है। बुर्किना फासो ने सबसे महत्वपूर्ण प्रगति की, जहां तीन दशकों में 15 से 49 वर्ष की आयु के बीच खतना कराने वाली महिलाओं का अनुपात 80% से घटकर 30% हो गया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रत्येक 10 में से 4 लोग उच्च जनसंख्या वृद्धि दर वाले संघर्षग्रस्त देशों में रहते हैं, तथा राजनीतिक अस्थिरता के कारण इस प्रथा को रोकने और पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के प्रयास बाधित होते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, "संघर्ष प्रभावित देशों में महिला जननांग विच्छेदन से गुजरने वाली लड़कियों और महिलाओं की सबसे बड़ी संख्या इथियोपिया, नाइजीरिया और सूडान में है।" यद्यपि रिपोर्ट में कुछ देशों में हुई प्रगति की सराहना की गई है, तथापि इसमें चेतावनी दी गई है कि 2030 तक वैश्विक स्तर पर इस प्रथा को समाप्त करने के संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विश्व में अपेक्षित प्रगति नहीं हो पा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है, "कुछ देशों में, 2030 तक लक्ष्य तक पहुंचने के लिए इतिहास में देखी गई सर्वोत्तम प्रगति से 10 गुना अधिक प्रगति की आवश्यकता होगी।" महिला जननांग विकृति के खिलाफ लड़ने वाली ब्रिटेन स्थित चैरिटी संस्था फाइव फाउंडेशन के सीईओ निमको अली ने कहा कि यूनिसेफ के अनुमान "चौंकाने वाले" और "विनाशकारी" हैं तथा इस प्रथा को समाप्त करने के लिए और अधिक धनराशि की तत्काल आवश्यकता है। सोमालिया में जन्मी कार्यकर्ता, लेखिका और महिला जननांग विकृति से बचे व्यक्ति ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "हमें इस दशक के अंतिम छह वर्षों का उपयोग लड़कियों के मानवाधिकारों के इस घृणित दुरुपयोग से निपटने और अगली पीढ़ी को एफजीएम की भयावहता से बचाने के लिए करना चाहिए।"
Dakhal News
अरुण कुमार दीक्षित शिक्षा हमें प्रकाशवान बनाती है। हमारे अंतस में प्रज्ञा लाती है। हम संस्कारवान शिक्षा से सामाजिक बनते हैं। प्रज्ञावान व्यक्ति सुंदर समाज का निर्माण करते हैं। शिक्षा सदाचारी व शीलवान बनाती है। शिक्षा हमें सत्य और सन्मार्ग पर ले जाती है। शिक्षा के ज्ञान से हम अनेक समाज और राष्ट्रों के विषय में अध्ययन कर पाते हैं । संस्कृतियों, सभ्यताओं को जानने-समझने का माध्यम शिक्षा ही है। हमारे अंतस में तरह-तरह की शक्तियों के प्रकट होने में शिक्षा ही हमारी सहायक होती है। शिक्षा हमें नैतिक और उच्च आदर्शों की ओर ले जाती है। भारत में शिक्षा के पूर्व विद्या शब्द है। विद्या को ज्ञान कहते हैं । ज्ञान को प्रकाश रूप में हम सब जानते हैं । पश्चिमी देश प्रकाश को लाइट कहते हैं। हम भारत में किसी ज्ञानवान व्यक्ति को विद्वान, प्रज्ञावान, विद्यावान कहते हैं। अब तक जो व्यक्त किया जा रहा है, जो व्यक्त हो चुका है, वह किसी अन्य के भीतर घटित हुआ है ,उसकी प्रतीति और अनुभव उसके हैं। दूसरा नहीं जान सकता है जो किसी ने जाना- समझा। जिसके अंतस में ऋषित्व घटित हुआ, वही उसका अधिकारी है । दृष्टा है। उसके अनुभव और जानकारी उसी की है। पढ़ने वाले ,विद्या ग्रहण करने वाले उपासक-आराधक की नहीं है। उसका बताया हुआ हम उसे दोहरा सकते हैं। समाज, व्यक्ति, राष्ट्र के लिए उसका उपयोग कर सकते हैं, पर जो किसी द्रष्टा ने जाना, वह उसके द्वारा उसके सूत्रों से ही प्रकट होता है। हम सब लगातार प्रयास करते हैं, कि विद्यावान बनें। समाज के लिए उपयोगी बनें, मगर दूसरे के अनुभव हमें प्राय: कठिनाई में डालते हैं । वह उधार के होते हैं। व्यक्ति किसी विशेष शिक्षा के अध्ययन के लिए जाता है, उसे स्मृति में लेकर लगातार प्रयास करता है। वह सफल या असफल होता है । वह किसी बड़ी-छोटी नौकरी में जाता है, मगर वह शिक्षित होकर भी सबके काम नहीं आता है। वह व्यक्तिगत ही रह जाता है। समाज राष्ट्र के निमित्त की बात नहीं करता, जबकि विद्यावान होने का मतलब सर्वजन हिताय होना चाहिए। प्राचीन यूनानी दार्शनिक प्लेटो को व्यापक रूप से पश्चिमी शिक्षा का जनक माना जाता है। अंग्रेजी में शिक्षा को एजुकेशन कहा जाता है। एजुकेशन शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के एजुकेटम शब्द से मानी जाती है, जिसका अर्थ बताया गया है कि आंतरिक को बाहर लाना। आखिर सनातन धर्म में कैसे खोजें कि भारत में प्रज्ञावान , मेधावान बनाने का आरंभ कब हुआ। भारत हमेशा से है। आदि-अनादि है। यहां विद्या का नाम धर्म भी है। अध्यापन भी है। जो विद्या धर्म के मार्ग पर नहीं ले जाती है, वह विद्या नहीं है। कुमार्ग है। शिक्षा का अर्थ है सीखना और जानना। जाने हुए को अन्य को बताना। अब विद्या और शिक्षा को एक समझना और भी लगता है कि द्वंद्व भरा है। हम देख रहे हैं कि लगातार व्यापार या नौकरी के लिए कई दशक से कौशल शब्द का प्रयोग किया जा रहा है। सरकारें कौशल मिशन पर जोर दे रही हैं। विद्यावान व्यक्ति को भारत में बगैर नौकरी चाकरी ही बड़ा माना जाता है। अनेक विद्यावान ऋतम्भरा वाले महापुरुषों की जन्म तिथि नहीं है। सर्टिफिकेट नहीं है। तो भी वे स्मरणीय हैं। उपासना के सुयोग्य हैं। भारत में सुबह हनुमान चालीसा पाठ अनेक परिवारों में किया जाता है । हनुमान चालीसा में हनुमान को विद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर वर्णित है। अब हनुमान जी अपने निजी काम से नहीं है। राम काज में हैं। लोक मंगल में हैं। इसका सीधा अर्थ है कि विद्या हम सबको भव्य और दिव्य बनाती रही है। वह राष्ट्रोन्मुखी है। विद्या दूसरे के जैसा नहीं। प्रत्येक को अपने जैसा निर्मित करती है। महाभारत युद्ध में जब अर्जुन विचलित होकर कहते हैं कि हम युद्ध नहीं करेंगे। हे, केशव आप हमें प्रकाशित करें । यहां पर प्रकाशित अर्थात हमें मार्ग बताएं । ज्ञान और सद्बुुद्धि से भर दें। विद्यावान बनाने की कार्रवाई करें। तब श्री कृष्ण विराट रूप का दर्शन अर्जुन को कराते हैं। सरस्वती विद्या और बुद्धि की देवी हैं। वे हंस पर विराजमान हैं। उन्हें भारतीय वाग्देवी, महाश्वेता, वीणापाणि ज्ञानदा नामों से जाना और आराधन किया जाता है । कवि साहित्यकार, पत्रकार, लेखक सरस्वती की उपासना वंदना अपने गद्य-पद्य की रचना के पूर्व करते हैं। वैदिक साहित्य में विद्या के दो रूप बताए गए हैं। पहली है अपरा विद्या जिसे निम्न श्रेणी में रखा गया है। दूसरी है पराविद्या इसी को आत्म विद्या या ब्रह्म विद्या भी कहा जाता है । दयानंद सरस्वती के अनुसार जिस पदार्थ के यथार्थ रूप का ज्ञान हो, उसे विद्या कहते हैं। शिक्षा की समस्या पुस्तक में पृष्ठ 57 में, महात्मा गांधी एक विद्यार्थी के प्रश्न के उत्तर में कहते हैं कि आज हम गुलाम हैं, जिन्होंने हमको पराधीन कर रखा है, उनके फायदे की दृष्टि से हमारी पढ़ाई का कार्यक्रम रखा गया है। हमारे शासकों ने आजकल की शिक्षा के सिलसिले में अनेक प्रलोभन पैदा कर रखे हैं। इसमें संदेह नहीं कि आज के सरकारी शिक्षण में भी कुछ अच्छाई है तो भी सब मिलकर हम चाहें या न चाहें ,उसका उपयोग अनिष्टकारी हो जाता है। धन और पद के लोभ में गुलामी प्यारी लगने लगती है। सा विद्या या विमुक्तये। विद्या वही है जो मुक्त करें । मुक्ति से मतलब इस जीवन में सब तरह की गुलामी से छुटकारा पाना । गांधी ने यह हरिजन सेवक में 1946 में लिखा है। गांधी भी विद्या को मुक्ति का मार्ग बता रहे हैं । आज की शिक्षा हमें मुक्त नहीं करती। वह नौकरी, धन, शासन करने की ओर ले जाती है। राधाकृष्णन ने शिक्षा का केंद्र विद्यार्थी को माना है। विद्यार्थी में नैतिक, बौद्धिक आध्यात्मिक, सामाजिक आर्थिक व्यावसायिक मूल्यों का संरक्षण करने का प्रयास करना चाहिए । वह कहते हैं प्रेम एवं मानवता का समन्वय होना चाहिए। उनका मानना था कि सही शिक्षा से समाज की अनेक बुराइयों को मिटाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के इतिहास को देखेंगे तो पाएंगे कि सभ्यता का निर्माण महान ऋषियों- वैज्ञानिकों के हाथों हुआ है । जो स्वयं विचार करने की सामर्थ्य रखते हैं।ज्ञान हमें शक्ति देता है। प्रेम पूर्णता देता है। वे कहते हैं शिक्षा में न केवल बुद्धि का प्रशिक्षण शामिल होना चाहिए बल्कि हृदय का परिष्कार और आत्मानुशासन भी होना चाहिए। वर्तमान में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने 29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति बनाई थी। भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्कूलों से लेकर कॉलेज तक भारतीय शिक्षा प्रणाली में आधुनिक सुधार लाने के उद्देश्यों के आलोक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की स्वीकृति दी थी। साथ ही सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम भी बदलकर शिक्षा मंत्रालय करने की मंजूरी दी थी। सरकार का कहना था कि पूर्व की शिक्षा नीति में कई खामियां थीं। नई शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। नई शिक्षा नीति यह मानती है कि बच्चे मूल भाषा को तेजी से समझते हैं। पूर्व में एक समान प्रणाली नहीं थी । उसे अब समाप्त किया गया है। सरकार का दावा है कि नई व्यवस्था में अधिक पारदर्शिता है और देश में शिक्षा प्रणाली की एक ही एजेंसी काम करेगी। इसरो के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में विशेषज्ञों के एक समूह ने भारतीय शिक्षा प्रणाली की कठिनाइयों को देखते हुए यह प्रस्ताव किया था। बाद में मंत्रालय ने मंजूरी दी थी। नई शिक्षा नीति में छात्रों के समग्र विकास के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के साथ उन्हें 21वी सदी के कौशल से लैस किया जाना है। आलोचनात्मक सोच पर जोर देना है। सरकार ने इस बात की चिंता की है कि पिछले कुछ वर्षों में बहुत कम छात्रों ने उच्च शिक्षा का विकल्प चुना। सरकार की नई शिक्षा नीति से शिक्षाविद् और प्रबुद्ध जन आशान्वित हैं कि इससे पूरी शिक्षा प्रणाली के दूरदर्शी परिणाम होंगे।
Dakhal News
डॉ. सत्यवान सौरभ भारत में असमानता, संपन्नता और निर्धनता के बीच के द्वंद्व से परे है, क्योंकि जाति आधारित असमानताएं देश के सामाजिक-आर्थिक ढांचे की परिभाषित विशेषताओं में से एक हैं। वर्ल्ड इनइक्वैलिटी लैब के एक हालिया वर्किंग पेपर ने अमीर और गरीब के बीच की खाई को चौड़ा किया है। जाति आधारित असमानताएं देश के सामाजिक आर्थिक ढांचे की परिभाषित विशेषताओं में से हैं। आर्थिक असमानता का आकलन करने के लिए गिनी गुणांक और प्रतिशत अनुपात महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करते हैं। यह लोरेंज कर्व से लिया गया है। इसका उपयोग किसी देश में आर्थिक विकास के संकेतक के रूप में किया जा सकता है। गिनी गुणांक किसी आबादी में आय समानता की डिग्री को मापता है। गिनी गुणांक 0 (पूर्ण समानता) से 1 (पूर्ण असमानता) तक भिन्न हो सकता है। शून्य का गिनी गुणांक का मतलब है कि सभी की आय समान है, जबकि 1 का गुणांक एक व्यक्ति को सभी आय प्राप्त करने का प्रतिनिधित्व करता है। समग्र रूप से और अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सामान्य श्रेणी जैसे सामाजिक समूहों के भीतर उपभोग असमानता में परिवर्तन। 2022-23 में, जबकि एसटी की आबादी 9 प्रतिशत थी, उनकी खपत हिस्सेदारी केवल 7 प्रतिशत थी। अनुसूचित जाति की आबादी 20 प्रतिशत थी और उनकी खपत में हिस्सेदारी 16 प्रतिशत थी। ओबीसी (आबादी का 43 प्रतिशत) की खपत में हिस्सेदारी 41 प्रतिशत थी। आबादी का 28 प्रतिशत हिस्सा होने के बावजूद, सामान्य वर्ग ने 36 प्रतिशत की उल्लेखनीय रूप से उच्च खपत हिस्सेदारी हासिल की। ये निष्कर्ष विभिन्न सामाजिक समूहों में खपत के वितरण में लगातार असमानताओं को रेखांकित करते हैं। एससी और एसटी लगातार सामान्य और ओबीसी श्रेणियों के लोगों से पीछे हैं। समग्र गिनी गुणांक 2017-18 में 0.359 से घटकर 2022-23 में 0.309 हो गया, जो इस अवधि के दौरान कुल आय असमानता में 050 की कमी दर्शाता है। एसटी श्रेणी में गिनी गुणांक 322 से घटकर 0.268 हो गया, जो 0.054 अंकों की गिरावट है। यह इस समुदाय के भीतर खपत के समान वितरण में सुधार का संकेत देता है। एससी श्रेणी में 312 से घटकर 0.273 हो गया। ओबीसी श्रेणी में गिनी गुणांक में 336 से 0.288 तक की गिरावट देखी गई, जो 0.048 अंकों की कमी है। सामान्य श्रेणी में सबसे अधिक कमी देखी गई, जो 379 से 0.306 तक थी, जो 0.073 अंकों की गिरावट के बराबर थी। यह कमी सामाजिक गतिशीलता और प्रभावी नीति हस्तक्षेपों सहित विभिन्न सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों का संकेत हो सकती है। यह भारत के सामाजिक समूहों के बीच अंतर्निहित आर्थिक असमानताओं को प्रकट करता है। एसटी और एससी समुदाय सबसे स्पष्ट विसंगतियों को सहन करते हैं। एसटी, एससी और ओबीसी समूहों के लिए, 2017-18 से 2022-23 तक उपभोग के स्तर में कमी आई है, जो निचले 20 प्रतिशत दशमलव के लिए मामूली है। सामान्य श्रेणी के लिए, उपभोग के स्तर में कमी अधिक स्पष्ट है जो सामान्य आबादी के सबसे गरीब तबके के बीच उपभोग में सापेक्ष गिरावट को दर्शाती है। शीर्ष 20 प्रतिशत दशमलव में सभी सामाजिक समूहों के लिए उपभोग में थोड़ी वृद्धि हुई है। सामान्य श्रेणी में विश्लेषण के तहत दो अवधि के बीच 10 प्रतिशत अंकों की महत्वपूर्ण वृद्धि का अनुभव होता है। सामान्य वर्ग के सबसे धनी वर्ग में यह असमान वृद्धि उच्च जातियों के बीच धन के संभावित संकेन्द्रण को दर्शाती है। सामान्य वर्ग और अन्य सामाजिक समूहों के बीच असमानता महत्वपूर्ण बनी हुई है, जो उपभोग पैटर्न में लगातार विसंगतियों को रेखांकित करती है। भारत ने बहुआयामी गरीबी से लाखों लोगों को बाहर निकालने में उल्लेखनीय प्रगति की है, फिर भी विभिन्न जाति समूहों के बीच असमानता बनी हुई है। संविधान द्वारा जाति भेदभाव को समाप्त करने और सकारात्मक कार्रवाई कार्यक्रमों की शुरूआत के बावजूद, जाति की छाया आर्थिक वास्तविकताओं को आकार देना जारी रखती है। केंद्र ने इन असमानताओं को कम करने के लिए आरक्षण, ग्रामीण विकास पहल और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सहित कई नीतियां बनाई हैं। विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के बीच उपभोग पैटर्न में असमानताएं आय, संसाधनों तक पहुंच या क्रय शक्ति में संभावित असमानताओं को दर्शाती हैं। प्रयासों को निचले तबके के लोगों, विशेष रूप से एसटी और एससी समुदायों के बीच आय सृजन और उपभोग क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। समाज में सामाजिक सद्भाव और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए यह आवश्यक है। अधिक आर्थिक समानता की दिशा में निरंतर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों द्वारा सामना की जाने वाली विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों को संबोधित करने वाले रुझानों और लक्षित हस्तक्षेपों की निरंतर निगरानी आवश्यक है। विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के बीच उपभोग पैटर्न में असमानताएं आय, संसाधनों तक पहुंच या क्रय शक्ति में संभावित असमानताओं को दर्शाती हैं। निम्न आय वर्ग, खास तौर पर अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति समुदायों के बीच आय सृजन और उपभोग क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। यह समाज में सामाजिक सद्भाव और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भी आवश्यक है। अधिक आर्थिक समानता की दिशा में सतत प्रगति सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों के सामने आने वाली विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रवृत्तियों की निरंतर निगरानी और लक्षित हस्तक्षेप आवश्यक है। (लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)
Dakhal News
राजदीप सरदेसाई पिछले कई सालों से मैं ‘इलेक्शन ऑन माय प्लेट’ नामक एक टीवी शो कर रहा हूं, जो दर्शकों को चुनाव-अभियान के बारे में बताता है और खाने-पीने की चीजें उनका अतिरिक्त आकर्षण होती हैं। दरअसल, इस शो का ‘स्टार’ खाना ही है, क्योंकि दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है, जो भारत की खाद्य-विविधता की बराबरी कर सके। ऐसे में यूपी और उत्तराखंड पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा के दौरान भोजन की ‘पुलिसिंग’ का सहारा लेना भारतीय होने के मूल अर्थ पर ही प्रहार करना था।आखिर भारत के अलावा और कहां ऐसा हो सकता है कि मदुरै के प्रतिष्ठित मीनाक्षीपुरम् मंदिर के पास अम्माज़ किचन नामक एक अद्भुत रेस्तरां आपको मिले, जो बेहतरीन चेट्टीनाड मांसाहारी भोजन परोसता हो? पुराने जयपुर में एक मुस्लिम परिवार द्वारा पीढ़ियों से चलाया जा रहा तीन मंजिला रेस्तरां आपको और कहां मिलेगा, जो स्वादिष्ट मुगलई भोजन परोसता हो और जो एक ‘शुद्ध’ शाकाहारी भोजनालय के ठीक बगल में स्थित हो? पुणे-सोलापुर राजमार्ग पर आपको जय तुलजा भवानी नामक एक ढाबा और कहां मिलेगा, जहां स्वादिष्ट मटन पकता हो? और भारत के अलावा आपको विजयवाड़ा के केंद्र में एक ऐसी फूड स्ट्रीट और कहां मिलेगी, जहां आधा दर्जन प्रकार की आंध्र बिरयानी इडली-डोसे के साथ ही बेची जाती हो? शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व हमेशा से इस देश की भोजन-कला का सूत्र रहा है। यहां किसी रेस्तरां का मूल्यांकन उसके मालिक के नाम नहीं बल्कि खाने की गुणवत्ता से होता है। ऐसे में यूपी सरकार द्वारा पुलिस को यह ‘निर्देश’ देना कि वह सुनिश्चित करे कि हर स्ट्रीट वेंडर या सड़क किनारे के रेस्तरां पर मालिक के नाम की तख्ती लगी हो, जानबूझकर समाज में विभाजन के बीज बोना था। सरकार का यह दावा अनुचित था कि यह आदेश केवल यह सुनिश्चित करने के लिए था कि यात्रा मार्ग पर कानून-व्यवस्था की कोई गड़बड़ी न हो। पिछले कुछ वर्षों में यात्रियों की खान-पान की आदतों को लेकर कांवड़ यात्रा में कोई विवाद होने का शायद ही कोई सबूत मिला हो। उलटे, सरकार की भेदभावपूर्ण फूड-राजनीति परेशानी का सबब बन सकती थी। नेम-प्लेट लगाने का आदेश वास्तव में सामाजिक अलगाव को दर्शाने वाला था, जो यात्रा मार्ग पर आने वाले लोगों को मुस्लिम स्वामित्व वाले प्रतिष्ठानों के साथ किसी भी तरह के संपर्क से बचने के लिए प्रोत्साहित करता था। भला ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को अपने यहां आकर्षित करने की इच्छा रखने वाला कौन-सा स्टॉल मालिक ऐसा होगा, जो कांवड़ यात्रियों को ऐसा खाना परोसेगा, जो उनकी धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ हो? यहां पर इस्लामी नियमों के अनुरूप बनाए गए ‘हलाल’ प्रमाणित उत्पादों का हवाला देना भी गलत है। क्योंकि कोई भी किसी को भोजनालय के बोर्ड पर ‘शुद्ध’ शाकाहारी लिखने से नहीं रोकता है। लेकिन किसी विशेष आहार के अनुरूप भोजन को प्रचारित करना धर्म के आधार पर दुकान-मालिक को अलग-थलग करने की कोशिशों से बहुत अलग है। मानो इतना ही काफी नहीं था तो मुस्लिम स्वामित्व वाली दुकानों को ‘अशुद्ध’ और ‘अस्वच्छ’ बताने वाला सोशल मीडिया अभियान भी चल पड़ा। यह एक सांप्रदायिक झूठ है। देश में स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड की खोज करते हुए स्वच्छता अक्सर ही चिंता का विषय रहती है, लेकिन यह कभी समुदाय-विशिष्ट नहीं होती। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खानपान की चीजों के गुणवत्ता-मानकों को बनाए रखा जाए; यह नहीं कि किसी खाने की जगह की स्वच्छता को उसके मालिक की धार्मिक पहचान से आंका जाए। कोरोना की पहली लहर के दौरान भी तबलीगी जमात के हवाले से यह दुष्प्रचार फैलाया गया था कि मुसलमान कोरोना फैलाते हैं। इसके परिणामस्वरूप कई मुस्लिम सब्जी-विक्रेताओं को बहिष्कार का सामना करना पड़ा था। मालूम होता है कांवड़ यात्रा की ‘पवित्रता’ की बात करके योगी सरकार ने कोर-वोटरों के बीच अपनी हिंदुत्ववादी साख को फिर से मजबूत करना चाहा था। लेकिन बहुसंख्यक पहचान की राजनीति अब चुनावी सफलता का गारंटीकृत नुस्खा नहीं रह गई है। 2024 के चुनावों में, भाजपा को यूपी में दलित-मुस्लिम-यादव-ओबीसी वोटों के एकीकरण का सामना करना पड़ा था, क्योंकि पार्टी जमीन पर समावेशी-एजेंडे को आगे बढ़ाने में विफल रही थी। जातिगत विभाजक-रेखाएं भी फिर से उभर रही हैं। अगर आज मुस्लिम दुकानदारों की आजीविका दांव पर है, तो कौन कह सकता है कि कल दलित या निम्न ओबीसी समुदाय निशाने पर नहीं होंगे? देश में स्ट्रीट फूड की खोज करते हुए स्वच्छता अक्सर ही चिंता का विषय रहती है, लेकिन यह कभी समुदाय-विशिष्ट नहीं होती। खाने की दुकान की स्वच्छता को उसके मालिक की धार्मिक पहचान से नहीं आंक सकते।
Dakhal News
देवदत्त पट्टनायक हम गुरु-शिष्य परंपरा को जानेंगे और समझेंगे कि विश्व की अन्य शिक्षण प्रणालियों से हमारी यह परंपरा कैसे अलग है। बौद्ध धर्म के उभरने के पश्चात प्रवचन व्यापक होने लगे। इनमें ऋषि बहुधा उद्यान में पेड़ के नीचे बैठकर हज़ारों छात्रों को अपना ज्ञान बांटते थे। उससे पहले, उपनिषदों के अनुसार ऋषि और राजा, पति-पत्नी तथा देवता और मनुष्य आपस में वार्तालाप करते थे। और उससे भी पहले ‘ब्राह्मण’ और ‘आरण्यक’ वैदिक ग्रंथों के अनुसार लोग क्रमशः अनुष्ठान करने में व्यस्त रहते थे या वन में एकांत में समय बिताते थे। यह करते हुए वे इन अनुष्ठानों में किए गए उच्चार और अर्पण पर चिंतन करते थे।इस बीच, रामायण और महाभारत के अनुसार छात्र गुरुकुलों में शिक्षा प्राप्त करने लगे। गुरुकुल की आधुनिक समझ यह है कि गुरु पेड़ के नीचे बैठकर अपने चारों ओर बैठे छात्रों को प्रवचन देते थे, मानो आज के क्लासरूम जैसे। और यही कारण है जो हम गुरु-शिष्य परंपरा को समझने में भूल कर देते हैं।आधुनिक शिक्षा प्रणाली और प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा में मुख्य अंतर ज्ञान के उद्देश्य को लेकर है। हालांकि सभी को जानकारी एक जैसी मिलती है, लेकिन हर कोई उसे अलग तरह से समझकर ज्ञान भी अलग प्राप्त करता है। समझने के लिए आवश्यक है कि हम दूसरों से मिली जानकारी का विश्लेषण कर उसे पहले से प्राप्त ज्ञान के संदर्भ में समझें। सीखना और ज्ञान प्राप्त करना अत्यधिक जटिल प्रक्रियाएं हैं। प्राचीन भारतीय इसके बारे में अवगत थे।यूरोपीय शिक्षण प्रणालियों की जड़ें तर्क-वितर्क की धारणाओं में थीं। ये धारणाएं यूनान और रोम से आईं। प्राचीन काल के दार्शनिक आपस में तर्क करते थे। फिर या तो एक दार्शनिक की जीत से या सर्वसम्मति से सच स्थापित होता था। यह सच छात्र कक्षाओं में बहुधा रटकर सीखते थे। हालाँकि वे सच को चुनौती दे सकते थे, लेकिन अंतत: उन्हें उसे स्वीकारना ही पड़ता था। आधुनिक शिक्षण प्रणाली भी कुछ इसी तरह की है। छात्रों की परीक्षा लेकर उनकी समझ और उनका विकास परखा जाता है।यूरोपीय शिक्षण का मॉडन मिशनरी स्कूलों तथा उपनिवेशवाद के कारण और पूर्वी-एशियाई शिक्षण का मॉडल ब्रूस ली और जैकी चैन की तथा अन्य चीनी फ़िल्मों के कारण प्रसिद्ध हुआ। इसलिए हम गुरु-शिष्य परंपरा का शिक्षण के यूरोपीय मॉडलों के साथ आंकने का और उसे कुछ हद तक पूर्वी-एशियाई शिक्षण प्रणालियों से भी जोड़ने का प्रयास करते हैं। और यही कारण है कि हम उसे अच्छे से समझ नहीं पाते हैं।भारतभर में मैकेनिक की दुकानों और ढाबों के मालिक युवकों को अपनी निगरानी के नीचे काम पर लगाते हैं। इस उस्ताद-चेला मॉडल को समझकर हम गुरु-शिष्य परंपरा को अच्छे से समझ सकते हैं। उस्ताद सिखाने का कोई सीधा प्रयास नहीं करता है। अपना काम करते-करते वह बातें करता है, टिप्पणी देता है और चेला उसे देख-सुनकर सीखता है।यहां चेले में सीखने की भूख होनी आवश्यक है। जब वह पर्याप्त रूप से सीख लेता है, तो वह बहुधा स्वयं का उद्यम शुरू करता है। उस्ताद-चेले का यह मॉडल अनौपचारिक और असंगठित रूप से चलता है। उसके उद्देश्य भी बहुधा अस्पष्ट होते हैं: क्या चेले को रोज़गार दिया जा रहा है? क्या वह कुछ सीख रहा है? या उसका शोषण हो रहा है? संभवतः कुछ लोगों को इस बात से विस्मय हो सकता है कि उन्नत गुरु-शिष्य परंपरा को सड़क के उस्ताद-चेला नातों से जोड़ा जा रहा है। लेकिन हमें ध्यान में रखना आवश्यक है कि अतीत कई गुरुओं का व्यवहार दमनकारी कहा जा सकता है। कहानियों में कुछ उदाहरण भी हैं। जैसे, ऋषि धौम्य के तीन छात्र थे। पहले छात्र आरुणि ने अपने गुरु के खेत की टूटी मेड़ से बहते पानी को रोकने के लिए अपने शरीर की ही ओट लगा दी थी। दूसरा शिष्य उपमन्यु था। वह अपने गुरु की गायें चराता था, लेकिन उसे उन गायों का दूध पीना मना था। इसलिए उसे विषैले पत्ते खाने पड़े और कुछ समय के लिए उसकी दृष्टि भी चली गई। गुरु ने अपने तीसरे शिष्य वेद से उसके बुढ़ापे तक अपनी सेवा करवाई।
Dakhal News
लेखक: अनुराग आनंद तारीख- 17 मई 1999। जगह- रावलपिंडी में ISI के ओझिरी कैंप का एक सीक्रेट मीटिंग रूम। बैठक में पाकिस्तान के उस वक्त के PM नवाज शरीफ, सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ समेत डिफेंस के टॉप ऑफिसर्स और विदेश मंत्री मौजूद थे।जनरल तौकीर जिया ने PM के सामने प्रेजेंटेशन देना शुरू किया। नक्शे में कुछ पॉइंट दिखाए गए और बताया कि पाकिस्तानी सेना ने भारत की इन चौकियों पर कब्जा कर लिया है। अब निशाने पर भारत का नेशनल हाईवे-1 है। ये प्रेजेंटेशन ऑपरेशन कोह-ए-पैमा का था, जिसे पाकिस्तानी सेना ने कारगिल घुसपैठ और कश्मीर को हथियाने के लिए बनाया था।जनरल मुशर्रफ ने PM को बताया कि ये ऑपरेशन 5 फेज का है। पहले फेज को पूरा कर लिया गया है और सेना कामयाबी के बेहद करीब है। अब वापसी संभव नहीं है। PM नवाज कुछ पूछते, इससे पहले ही चीफ ऑफ स्टाफ जनरल अजीज ने कहा- 'सर, अब कुछ मत सोचिए। बस आप इसकी इजाजत दीजिए। पाकिस्तान के इतिहास में आपका नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। आप 'कश्मीर के मुक्तिदाता' कहलाएंगे।'विदेश मंत्री सरताज अजीज ने आगाह करते हुए कहा कि यह भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी से किए वादे के खिलाफ होगा। नवाज बोले- हम कब तक कागजी कार्रवाई के जरिए कश्मीर को आजाद कराने की कोशिश करेंगे। अब मौका मिला है तो क्यों ना इसका फायदा उठाया जाए।इसके बाद PM नवाज ने ऑपरेशन कोह-ए-पैमा को हरी झंडी दे दी। पाकिस्तानी पत्रकार नसीम जेहरा अपनी किताब 'फ्राम कारगिल टु द कू' में इस पूरी घटना का जिक्र किया है। कारगिल विजय के 25 साल पूरे होने पर जानेंगे जंग का पाकिस्तानी साइड। पाक सेना के गैंग ऑफ फोर ने कैसे बनाया था कारगिल घुसपैठ का प्लान और ऑपरेशन विजय ने उसे कैसे नाकाम किया…1987 में लिखी गई स्क्रिप्ट: जब सियाचिन की चोटी पर चढ़ बैठी भारतीय सेना 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम नाथ हूण के नेतृत्व में कुमाऊं रेजिमेंट की एक पूरी बटालियन सियाचिन की चोटी पर चढ़ बैठी। इसे ऑपरेशन मेघदूत नाम दिया गया। पाकिस्तान में इस वक्त जनरल जियाउल हक की तानाशाही थी। सियाचिन पर भारतीय सेना की जीत से झल्लाए जनरल जियाउल हक ने पाकिस्तानी सेना को सियाचिन पर हमले के आदेश दिए।1986 में पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप ने सियाचिन के पश्चिम में एक चोटी पर कब्जा कर लिया। पाकिस्तानी सेना ने कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना के नाम पर इस पोस्ट का नाम रखा कायद। अगले ही साल भारतीय सेना ने कैप्टन बाना सिंह के नेतृत्व में इस पोस्ट पर कब्जा कर लिया और इसका नाम दिया बाना पोस्ट। सियाचिन और बाना टॉप पर हुई जंग के बाद भारत और पाकिस्तान में सियासी समझौते होते रहे, लेकिन पाकिस्तान के ब्रिगेडियर परवेज मुशर्रफ इस हार को पचा नहीं पाए।1987 में जियाउल हक ने परवेज को स्पेशल सर्विस ग्रुप का कमांडर बनाकर सियाचिन भेजा। वहां से लौटकर परवेज मुशर्रफ ने कारगिल और सियाचिन पर कब्जे के लिए जियाउल हक को एक डिटेल प्लान दिया। हालांकि, जियाउल हक तब इसके लिए तैयार नहीं हुए। 1998 में सेना प्रमुख बने जनरल मुशर्रफ: ISI ने कारगिल पर कब्जे के प्लान को स्ट्रैटिजिकली फेल बताया 1998 में पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ ने दो सीनियर आर्मी जनरल को पीछे छोड़ जनरल परवेज मुशर्रफ को आर्मी चीफ बनाने का फैसला किया। मुशर्रफ सियाचिन में मिली हार को भूले नहीं थे। मौका मिलते ही उन्होंने दोबारा सियाचिन पर कब्जे के पुराने प्लान पर काम करना शुरू कर दिया। नसीम जेहरा अपनी किताब ‘फ्रॉम कारगिल टु द कू: इवेंट्स दैट शूक पाकिस्तान’ के पेज 45 पर लिखती हैं कि मुशर्रफ के सेना प्रमुख बनने से पहले ही पाकिस्तानी सेना ने कारगिल पर कब्जे के इस प्लान को प्लानिंग डायरेक्टरेट के पास भेजा था। इसके बाद ये प्लान रिव्यू के लिए डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन और फिर ISI के पास भेजा गया। ISI ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि टैक्टिकली ये अच्छा प्लान है। इसके जरिए हम कारगिल पर कब्जा तो कर लेंगे, लेकिन स्ट्रैटिजिकली ये नाकाम प्लान है, क्योंकि इस कब्जे को लंबे समय तक बरकरार रखना मुमकिन नहीं होगा। ISI की यह रिपोर्ट उन्हीं के एक बड़े अधिकारी जनरल अजीज खान को पसंद नहीं आई। दरअसल, 1998 की शुरुआत में जनरल अजीज ने भारतीय सीमा में घुसकर 28 चोटियों पर कब्जा किया था। इसलिए उन्हें लगता था कि ठंड के मौसम में इस प्लान को आसानी से अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है। 1998 में अमेरिका में मिले भारत-पाकिस्तान के PM: पाकिस्तानी सेना कर रही थी घुसपैठ की तैयारी 11 सितंबर 1998 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक हो रही थी। भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ भी इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए यहां पहुंचे थे। यह पहला मौका था, जब भारत और पाकिस्तान के दो बड़े नेता एक टेबल पर खाना खा रहे थे। इस वक्त बातचीत में नवाज शरीफ ने बताया कि जब 1982 में भारत में एशियन गेम्स हुए थे, तो वे लाहौर से दिल्ली कार से गए थे। कार भी उन्होंने खुद चलाई थी। पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने अपनी किताब "इंडिया एट रिस्क' में लिखा है कि जब अटल जी और शरीफ के बीच बातचीत हो रही थी तो वह वहीं मौजूद थे। उस समय विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान मामलों के अधिकारी विवेक काटजू मेरे कान में फुसफुसाए कि अमृतसर से लाहौर बस यात्रा शुरू करने वाली बात करने का यह सबसे बेहतर समय है। इसके बाद ये सुझाव नवाज और अटल के सामने रखा गया। दोनों नेताओं ने इस सुझाव को खूब पसंद किया पाकिस्तान की पत्रकार नसीम जेहरा के मुताबिक अमेरिका में नवाज और अटल की मुलाकात के एक महीने बाद अक्टूबर में पाकिस्तानी सेना ने भारत पर हमले की तैयारी शुरू कर दी। अक्टूबर 1998 में ही जुबानी तौर पर परवेज मुशर्रफ ने कारगिल में घुसपैठ करने के लिए ऑपरेशन कोह-ए-पैमा को मंजूरी भी दे दी। भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल जेएस सोढी के मुताबिक कारगिल पर चढ़ाई के लिए ऑपरेशन कोह-ए-पैमा का नाम पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय ने दिया था। यह एक फारसी शब्द है, जिसका मतलब पहाड़ों की चोटी तक पहुंचने वाला है। जिस बैठक में ये नाम तय किया गया था, उसमें पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ, चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अजीज खान, ऑफिसर कमांडिंग (GOC) 10 कोर जनरल महमूद और कमांडर FCNA ब्रिगेडियर जावेद हसन शामिल थे। इस ऑपरेशन को लीड जनरल अजीज खान कर रहे थे, जबकि फ्रंट पर जनरल जावेद हसन मोर्चा संभाल रहे थे। 17 हजार फीट की ऊंचाई पर -20 डिग्री सेल्सियस तापमान में ऑपरेशन कोह-ए-पैमा को अंजाम देने की जिम्मेदारी नॉर्दर्न लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट यानी NLI को दी गई। जनरल जावेद हसन को NLI का प्रमुख बनाया गया। NLI पाकिस्तानी सेना, नहीं बल्कि पैरामिलिट्री फोर्स थी। इस रेजिमेंट में ज्यादातर जवानों की बहाली गिलगित और बाल्टिस्तान क्षेत्र से हुई थी। इन जवानों को बर्फ में जंग करने की ट्रेनिंग दी गई थी। साथ ही इन्हें पैदल चलकर हमला करने, पहाड़ों की लड़ाई करने के लिए ट्रेंड किया गया था। नवंबर 1998 में पाकिस्तान के स्कार्दू और गिलगित में तैनात फ्रंटियर डिवीजन के जवानों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गईं। 1999 में जंग से 3 महीने पहले: नवाज ने फोन कर अटल को पाकिस्तान बुलाया जनवरी 1999 में भारत की तरफ से तय हो गया था कि वाजपेयी अमृतसर से बस को हरी झंडी दिखाएंगे। जनवरी में ही एक दिन नवाज ने वाजपेयी को फोन किया और पूछा- सुना है आप ग्रीन सिग्नल देने अमृतसर आ रहे हैं। वाजपेयी के हां कहते ही तपाक से नवाज बोले- करीब आकर भी मेरे दरवाजे आए बिना आप कैसे लौट सकते हो।इसके बाद 20 फरवरी 1999 को अटल बिहारी वाजपेयी बस से लाहौर पहुंचे। लाहौर में पाकिस्तान के PM नवाज शरीफ ने अटल बिहारी वाजपेयी को गले लगाया। उनके स्वागत समारोह में 21 तोपों की सलामी दी गई। लाहौर के गवर्नर हाउस में अटल बिहारी वाजपेयी और शरीफ ने 'लाहौर घोषणा' पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान अपने भावुक भाषण में वाजपेयी ने कहा था कि पांच दशकों की शत्रुता को समाप्त करना और शांति कायम करना दोनों देशों की नियति है दोस्ती का हाथ बढ़ाकर पीठ में खंजर घोंपा: पाकिस्तानी सेना ने किया भारतीय चौकियों पर कब्जा जोजिला से लेह तक भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 300 किलोमीटर सीमा लगती है। 1999 तक यहां इंडियन आर्मी की सिर्फ एक ब्रिगेड तैनात होती थी। 2500 सैनिकों के लिए 300 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा करना बेहद मुश्किल काम था। 14 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर अक्टूबर से मई तक दोनों देशों की सेनाएं चोटियां खाली कर देती थीं। पाकिस्तान ने इसी समय का फायदा उठाया। मई में दोबारा भारतीय सेना पहाड़ों पर तैनात होती, इससे पहले ही जनवरी 1999 में मुश्कोह, द्रास, कारगिल और तुर्तुक सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ कर दी। पाकिस्तानी सेना LoC सीमा से 10 किलोमीटर तक अंदर भारतीय सीमा में घुस गई। अपनी किताब ‘लाइन ऑफ फायर’ में परवेश मुशर्रफ ने लिखा था कि 1998 की सर्दियों में कारगिल में बॉर्डर के इस पार पाकिस्तानी आर्मी ने करीब 100 पोस्ट बनाकर इन सभी पर 20 से 25 जवानों की तैनाती की थी। LoC के पार करीब 100 वर्ग किलोमीटर तक भारतीय सीमा में हजारों मुजाहिदीन घुस गए थे। जंग के बाद पाकिस्तानी सेना के जनरल अजीज ने कहा था कि भारतीय सीमा में सिर्फ मुजाहिदीन नहीं, बल्कि हमारी फौज भी घुसी हुई थी। LoC के बॉर्डर पर तैनात दोनों देशों के सैनिकों के लिए ये नियम है कि वो बॉर्डर पार करने से पहले अपनी सरकार से इजाजत लेंगे। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने नवाज सरकार से इसकी इजाजत नहीं ली थी। जनवरी 1999 तक बॉर्डर के इस पार की जाने वाली किसी कार्रवाई की जानकारी सरकार को देने की जरूरत नहीं थी। जब इसकी जरूरत हुई तो मई 1999 में सरकार को जानकारी दी गई थी।कोह-ए-पैमा ऑपरेशन को शुरू करने से पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने कारगिल वाले इलाके में भारतीय सेना की अस्थायी मूवमेंट होने की जानकारी दी। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने ब्रिगेडियर मसूद असलम को एक टुकड़ी के साथ कारगिल में ये जानने के लिए भेजा कि भारतीय सीमा में क्या चल रहा है।उन्होंने देखा कि भारतीय चौकियों पर बर्फ जमी है। वो थोड़ा और आगे गए, लेकिन किसी भारतीय जवान से मुठभेड़ नहीं हुई। इसकी जानकारी मिलते ही परवेज मुशर्रफ ने 16 जनवरी 1999 को पाकिस्तानी सेना मुख्यालय को ऑपरेशन के लिए हरी झंडी दे दी। मई 1999 में रूसी हेलिकॉप्टर की मदद से पहाड़ों पर बम-गोले जमा करने लगे पाकिस्तानी सैनिक भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी जनरल जेएस सोढ़ी के मुताबिक पाकिस्तान कारगिल की चोटियों पर अपनी सेना तैनात करके श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 1 पर कब्जा करना चाहता था। अगर ऐसा करने में पाकिस्तानी सेना कामयाब हो जाती तो सियाचिन और लद्दाख की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो जाती। हालांकि, इसके लिए पाकिस्तानी सेना के जवानों को मोर्चे पर भेजा जाने लगा था। सबसे मुश्किल काम पहाड़ की चोटियों तक असलहे और गोला-बारूद को भेजना था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के पब्लिक रिलेशन विभाग ISPR के डिप्टी डायरेक्टर रहे कर्नल अशफाक हुसैन ने अपनी किताब 'विटनेस टु ब्लंडर' में लिखा कि रूस से मंगवाए गए MI17 हेलिकॉप्टर के जरिए साजो-सामान पहाड़ों पर पहुंचाए गए थे। इसके जरिए सैनिकों के खाने का सामान और छोटे हथियार तो 17 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचाए जा सकते थे, लेकिन भारी तोप नहीं। पाकिस्तानी सेना के इंजीनियर ने तोपों के पुर्जे खोलकर उसे 8 हिस्सों में बांटकर पहाड़ों पर पहुंचाया। पाकिस्तानी सेना पहाड़ों पर लंबी दूरी तक भारतीय सैनिकों की तैनाती नहीं देखकर आगे बढ़ती चली गई। ऑपरेशन की शुरुआत में 10 से 12 पोस्ट बनाने का फैसला पाकिस्तानी सेना ने किया था, जो अब बढ़कर 130 के करीब हो गई थी। यहां से असली समस्या शुरू हुई। प्लानिंग से आगे बढ़ने की वजह से सप्लाई लाइन कमजोर पड़ गई। NLI की यूनिट 5 LoC से 26 किलोमीटर अंदर भारतीय सीमा में तैनात थी। जिसे कई दिनों तक भूखे पेट लड़ाई लड़नी पड़ी। NLI यूनिट 8 के लेफ्टिनेंट मोहम्मद माजूल्ला खान ने अपनी डायरी में लिखा था- 'मौसम खराब है। बर्फबारी हो रही है। 'मैं दिल से' और 'कुछ कुछ होता है' के गाने सुन रहा हूं। कई दिनों बाद पिछली रात पार्टी राशन लेकर आई। हमें सिगरेट, सूखे मेवे, मिल्क पाउडर मिले। अब सब ठीक है।' इससे समझ सकते हैं कि पाकिस्तानी सेना की हालत कितनी खराब हो गई थी। भारत की तरफ क्या चल रहा थाः चरवाहे या किसी और तरह से भारतीय सेना को पता चला नसीम जेहरा अपनी किताब फ्राम कारगिल टु द कूप में लिखती हैं कि जनवरी 1999 में पहली बार भारतीय सेना के कर्नल पुष्पिंदर ओबराय ने एक पत्र लिखकर अपनी 3 इन्फेंट्री के कमांडर बुधवर को कहा था कि टाइगर हिल एरिया में 6 किलोमीटर तक पाकिस्तानी घुसपैठ की संभावना है। इस क्षेत्र में हमारी तैयारी कमजोर है। हालांकि, ओबराय की ये बात मानने से कमांडर ने इनकार कर दिया। 3 मई 1999 को ताशी नामग्याल नाम के चरवाहे और उसके कुछ साथियों ने सबसे पहले पहाड़ी कपड़े पहने कुछ लोगों को बंकर बनाते देखा था। इसकी जानकारी मिलते ही 15 मई 1999 को लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया और पांच सैनिक काकसर सेक्टर की बजरंग पोस्ट में पेट्रोलिंग करने पहुंचे। पहले से तैयार बैठी पाकिस्तानी सेना ने सौरभ कालिया और उनके साथियों पर जोरदार हमला बोल दिया। घायल कालिया को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया। इस घटना के बाद भारतीय सेना को पाकिस्तानी सेना की इतनी बड़ी घुसपैठ और तैयारियों का अंदाजा लगा। 10 मई को पाकिस्तानी सेना से अपनी जमीन खाली कराने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय की शुरुआत की। 20 मई 1999 को नेशनल हाईवे-1 के सबसे करीब तोलोलिंग चोटी पर कब्जे के लिए भारतीय सेना ने 18 ग्रेनेडियर्स यूनिट को इस चोटी पर कब्जे का टास्क दिया। सेना को वहां सिर्फ 4 से 5 मिलिटेंट होने की जानकारी थी, लेकिन आगे बढ़ते ही दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी शुरू हो गई। करीब 23 दिनों तक चली इस लड़ाई के बाद 13 जून 1999 को भारतीय सेना तोलोलिंग पर कब्जा करने में कामयाब रही। इस लड़ाई में 18 ग्रेनेडियर यूनिट के 25 सैनिक शहीद हो गए। टाइगर हिल पर कब्जा: बोफोर्स और मिराज 2000 से सबसे ऊंची चोटी पर मिली फतह तोलोलिंग चोटी के बाद भारतीय सेना के लिए 17 हजार फीट की ऊंचाई पर टाइगर हिल और सेना चौकी पॉइंट 5287 और पॉइंट 4812 को वापस लेना जरूरी था। जून के पहले हफ्ते में भारतीय सेना ने कारगिल हिल पर कब्जा किए बैठे पाकिस्तानी सेना पर जबरदस्त पलटवार किया। इस हमले ने पाकिस्तानी सेना को पूरी तरह से हैरान कर दिया।30,000 से ज्यादा भारतीय सैनिकों की दो टुकड़ियों को पहाड़ियों पर कब्जा करने के लिए भेजा गया। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पहाड़ी चोटियों पर लेजर-गाइडेड बम गिराने शुरू कर दिए। इससे 'मुजाहिदीन' द्वारा बनाए गए पत्थर के बंकर टूट गए और पैदल सेना की टुकड़ियां खड़ी चट्टानों पर चढ़ गईं और खूनी हाथापाई में शामिल हो गईं। 3 जुलाई 1999 को इस चोटी पर कब्जा करने की जिम्मेदारी 18 ग्रेनेडियर्स को मिली। उनकी मदद के लिए 8 सिख रेजिमेंट को साथ भेजा गया। दोनों ओर से हो रही गोलीबारी के बीच इंडियन आर्मी जैसे ही ऊपर चढ़ने की कोशिश करती थी तो दुश्मन आसानी से निशाना लगा लेते थे।22 ग्रेनेडियर्स के मेजर अजीत और उनकी यूनिट को दोनों चोटियों के बीच फुटहोल्ड बनाने का टास्क मिला। राशन, गोला-बारूद की कमी के बावजूद भारतीय सैनिक पहाड़ों पर लगातार चार दिनों तक लड़ते रहे। एक वक्त ऐसा भी आया, जब भारतीय सैनिकों के लिए पहाड़ों से हो रही गोलीबारी का सामना करना मुश्किल हो गया। इस वक्त भारत ने फ्रांस से खरीदे मिराज 2000 एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल करने का फैसला किया। इस एयरक्राफ्ट के एक बम की कीमत 2 करोड़ रुपए थी, जिसे भारत टाइगर हिल पर खर्च नहीं करना चाहता था। इस एयरक्राफ्ट के साथ ही फ्रांस ने 60 लेजर गाइडेड पॉड्स भारत को दिए थे। इन गोलों को भारत पड़ोसी देश के अहम ठिकानों पर इस्तेमाल करना चाहता था।भारत ने इजराइल से 1997 में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टार्गेटिंग पॉड्स खरीदने की डील की थी। जंग शुरू होते ही इजराइल इसकी सप्लाई करने लगा। इन पॉड्स में इस्तेमाल होने वाला Paveway-2 LGB बम अमेरिका से आना था। अमेरिका और UK दोनों ने भारत को इस अहम मौके पर ये बम देने से इनकार कर दिया। इस मुसीबत की घड़ी में भारतीय सेना ने 1000 पाउंड के देसी बम बनाकर इस्तेमाल करने का फैसला किया। 24 जून की सुबह मिराज-2000 फाइटर जेट जुगाड़ बम के साथ टाइगर हिल की तरफ बढ़े। अटैक करते ही जुगाड़ बम बिल्कुल सटीक निशाने पर और पाकिस्तानी बेस पर जा गिरा। इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने में एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार और एयर चीफ मार्शल ए वाई टिपनिस का सबसे बड़ा योगदान था।पाकिस्तानी सेना ने अपने जवानों के शव लेने से इनकार कियाकरीब 2 महीने तक चली जंग के बाद 8 जुलाई 1999 को स्थिति सामान्य हुई। भारतीय सैनिकों के टाइगर हिल पर कब्जा करने के बाद उस पर तिरंगा लहराने लगा। जंग खत्म होने के बाद सेना के बंकरों और खाइयों में 200 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों के शव मिले। इनकी जेब और बैग में मौजूद दस्तावेजों से उनकी शिनाख्त हुई। पाकिस्तानी जवानों के पास से उनकी पे बुक, मेस की पर्ची, मूवमेंट ऑर्डर और सिग्नल कोड मिले। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना के 5 नॉर्दर्न लाइट इन्फेंट्री के माज उल्लाह खान सुंबल की डायरी से कुछ अहम सुराग हाथ लगे थे। 31 जनवरी 1999 को पाकिस्तानी सेना के इस अधिकारी को अपने प्लाटून के साथ कारगिल में तैनाती का ऑर्डर मिला था। डायरी में सेना के MI-17 हेलिकॉप्टर का भी जिक्र किया गया था। माज उल्लाह खान ने लिखा था कि भारतीय गोलीबारी में उनके बाएं हाथ की हड्डी टूट गई थी। जंग के बाद भारतीय सेना ने दावा किया कि पाकिस्तान ने अपने सैनिकों के शव लेने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान ने सिर्फ 5 शवों को स्वीकारा, जिसमें 12 नॉर्दर्न लाइट इन्फेंट्री के कैप्टन कर्नल शेर खान भी थे। शेर खान के शव की जेब में भारतीय सेना ने एक पर्चा लिख कर रख दिया था, जिसमें लिखा था कि ये बहुत बहादुरी से लड़े। उन्हें मरणोपरांत पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार निशान-ए-हैदर दिया गया। इसके अलावा पाकिस्तान ने अपने जवानों के शवों को सड़ी-गली अवस्था में होने की वजह से स्वीकार करने से इनकार कर दिया। भारत को लेकर गलत कैलकुलेशन का नतीजा थी कारगिल जंग पूर्व सेना अधिकारी जेएस सोढी कारगिल जंग को भारत को लेकर किए गए पाकिस्तान के गलत कैलकुलेशन का नतीजा बताते हैं। सोढी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के जनरल जब सरकार को इस ऑपरेशन की जानकारी दे रहे थे तो उन्होंने भारत पर जीत हासिल करने की 4 वजहें बताई थीं... 1. ऊंची चोटियों पर कब्जा: पाकिस्तानी सेना भारतीय सीमा के अंदर उन सभी ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लेगी जो रणनीतिक तौर पर अहम हैं। लेह-श्रीनगर हाईवे इन चौकियों की रेंज में होगा। भारतीय सेना के किसी एक्शन पर मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उनके लिए दोबारा इन चोटियों को वापस ले पाना मुश्किल होगा। 2. पहाड़ों की लड़ाई से बचना: पाकिस्तानी सेना के जनरलों को लग रहा था कि भारतीय सेना में जमीन से इतनी ऊंचाई पर हमला करने की इच्छाशक्ति नहीं है। हालांकि, हुआ इसके ठीक उलट। 3. अंतरराष्ट्रीय दबाव नहीं होगा: पाकिस्तानी सेना ने PM नवाज को समझाया कि अभी जंग शुरू होने पर कोई अंतरराष्ट्रीय संगठन या दूसरे देश जंग खत्म कराने को लेकर दबाव नहीं बना पाएंगे। 4. सरकार से पाकिस्तानी सेना अतिरिक्त बजट नहीं मांगेगी: सेना प्रमुख ने कहा कि देश के आर्थिक संकट को देखते हुए पाकिस्तानी सेना सरकार से कोई अतिरिक्त पैसा नहीं मांगेगी। हालांकि, पाकिस्तानी सेना के ये चारों ही अनुमान गलत साबित हुए। भारतीय सेना ने जब पलटवार किया तो पाकिस्तान के लिए उसे रोक पाना मुश्किल हो गया।
Dakhal News
दुर्भाग्यवश चुनिंदा राज्यों की तरह मध्यप्रदेश के लिए कोई विशेष बजट प्रावधान नहीं किए गये हैं न ही अमरावती की तरह राजधानी भोपाल पर कोई फ़ोकस हैं। सरकार को चाहिए कि पीछे रह गये राज्यों और पिछड़ गयी राजधानियों का पारदर्शी ऑडिट करे और उनके विकास के लिए अनुपातिक बजट प्रावधान हों। संपूर्ण राजनीतिक समर्थन देने वाले गुजरात जैसे राज्यों को सदैव प्राथमिकता मिलती रही है वहीं मध्यप्रदेश के साथ सदा पक्षपात होता रहा है। राज्य के नागरिक के रूप में यह निराशाजनक है। केंद्रीय बजट 2024 में जीडीपी वृद्धि 6.5-7% अनुमानित है, पूंजीगत व्यय ₹11.11 लाख करोड़ रखा गया है, और कर सुधारों के साथ सामाजिक कल्याण और शहरी विकास पर जोर दिया गया है। महिलाओं, युवाओं, और रियल एस्टेट के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। हालाँकि चुनावों के बाद के इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता से राहत मिलती नहीं दिखती। इस बजट का आलोचनात्मक विश्लेषण करने पर कुछ महत्वपूर्ण तथ्यात्मक मत सामने आते हैं : 1. वित्तीय अनुशासन और घाटा : - वित्तीय घाटे का लक्ष्य 5.1% जीडीपी रखा गया है, जो अभी भी ऊँचा है और इसे कम करने के लिए पर्याप्त ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। जबकि सरकार ने FY26 तक इसे 4.5% से नीचे लाने का लक्ष्य रखा है, कई विशेषज्ञ इसे पर्याप्त नहीं मानते। - बढ़ते सार्वजनिक कर्ज और उच्च बाजार उधारी पर भी चिंता व्यक्त की गई है, जो कि ₹14.13 लाख करोड़ पर अपरिवर्तित रखा गया है। 2. कर सुधारों की अपर्याप्तता : - प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं गया है, जिससे करदाताओं को कोई राहत नहीं मिली है। कर संरचना में स्थिरता को सकारात्मक माना जा सकता है, लेकिन यह भी दर्शाता है कि करदाताओं की वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है - अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर 20% और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 12.5% कर निर्धारित करना निवेशकों के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर छोटे निवेशकों के लिए । 3. महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाओं का प्रभाव : - 'लखपति दीदी' योजना और मुद्रा ऋण सीमा बढ़ाने के बावजूद, इन योजनाओं की कार्यान्वयन की क्षमता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इससे पहले भी कई योजनाएँ ठीक से लागू नहीं हो सकी हैं। 4. बुनियादी ढांचे और शहरी विकास में चुनौतियाँ : - बुनियादी ढांचे के लिए ₹11.1 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है, लेकिन इस क्षेत्र में पिछली योजनाओं की धीमी प्रगति को देखते हुए, इसपर शंका जताई जा रही है। - शहरी विकास के लिए की गई घोषणाओं में स्पष्टता की कमी है। विशेषकर, PM आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत 1 करोड़ घरों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ठोस योजनाओं का अभाव है। 5. सामाजिक कल्याण योजनाओं की प्रभावशीलता : - पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार और आयुष्मान भारत योजना का विस्तार सकारात्मक कदम हैं, लेकिन इन योजनाओं की के वास्तविक लाभार्थिता पर भी कई सवाल हैं। निष्कर्ष : बजट 2024 में सरकार ने आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण पर जोर दिया है, लेकिन कई क्षेत्रों में ठोस और प्रभावी कदमों की कमी है। वित्तीय घाटे को कम करने और कर सुधारों में अधिक पारदर्शिता और प्रभावशीलता की आवश्यकता है। योजनाओं के कार्यान्वयन और पारदर्शिता पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि घोषित लक्ष्य वास्तव में प्राप्त किए जा सकें। मनोज मीक लेखक शहरी विकास, डेटा साइंस और एआई के जानकार हैं
Dakhal News
लेखक-सत्येंद्र जैन भाजपा की मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट वर्ष 2024- 25 संसद के पटल पर प्रस्तुत किया गया है।यह बजट विकसित भारत के ऊषा काल का बजट है।वर्ष 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र हो जाएगा। वर्तमान में भारत विश्व में पांचवी आर्थिक शक्ति संपन्न देश है। भारत आगामी दो-तीन वर्ष में विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन के कुशल वित्तीय सुप्रबंधन का सुफल है कि यह सर्व समावेशी बजट है ।भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर,निवेश को बढ़ाने के साथ-साथ सभी के लिए लोक मंगलकारी बजट है।मोदी सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है। 48.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तुत किया है।जो पिछले दस सालों में लगभग चौगुना हो गया है। बजट में यह चमत्कारिक वृद्धि भाजपा की मोदी सरकार के उत्तरोत्तर विकास को दर्शाती है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भागीरथी परिश्रम,अर्थशास्त्रीय सुधारों के कारण दस वर्ष में ही भारत की जीडीपी ,सकल घरेलू उत्पाद भी लगभग तीन गुना बढ़ा है।अंतरिम बजट प्रस्तुति के समय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुयोग्य वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने चुनावी वर्ष होने के उपरांत भी पूंजीगत व्यय को पिछले वर्ष से बढ़कर 11.1111 लाख करोड़ रुपए से अधिक किया है।अधो सरंचना विकास में सरकार पिछले वर्ष की तुलना में 11.11 प्रतिशत अधिक राशि व्यय करने जा रही है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत है।यह मोदी सरकार का साहस है जो चुनावी वर्ष होते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर पर पहले अंतरिम बजट और अभी आम बजट में सर्वाधिक धनराशि व्यय कर रही है।यही कारण है कि देश की जनता ने मोदी सरकार को विजय श्री का आशीर्वाद दिया। एनडीए की सरकार तीसरी बार बनी है। अधिक पूंजीगत व्यय से ही भारत का वास्तविक, शाश्वत विकास संभव है।रोजगार के असंख्य अवसर उपलब्ध होते हैं।यह बजट गरीबों,युवाओं, किसानों, महिलाओं और मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित है।सर्व समावेशी बजट प्रस्तुत करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अभिनंदन है।यह आम बजट निश्चित ही विकसित भारत की संकल्पना को सिद्ध करेगा। इस बजट में राजस्व सहित कुल प्राप्तियों का अनुमान 32.07 लाख करोड़ रुपए है।सकल कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपए है। राजकोषीय घाटा जीडीपी के सापेक्ष 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सरकार का लक्ष्य अगले वित्तीय वर्ष में 4.5 प्रतिशत रखना है।अर्थव्यवस्था की आशा से अधिक विकास दर 8.2 प्रतिशत प्राप्त होने से संभव हुआ है। मुद्रा स्फीति 4.56 प्रतिशत रही है।अगले वित्त वर्ष में 4 प्रतिशत से कम लाने का लक्ष्य है।खाद्य और ईंधन को छोड़कर कोर मुद्रा स्फीति 3.1 प्रतिशत रही है।इस बजट में रोजगार कौशल एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान सरकार ने दिया है। विकसित भारत की 9 बजट प्राथमिकताएं हैं,स्तम्भ हैं, जो इस प्रकार हैं- 1 कृषि में उत्पादकता और अनुकूलता 2 रोजगार और कौशल प्रशिक्षण 3 समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय 4 विनिर्माण और सेवाएं 5 शहरी विकास 6 ऊर्जा सुरक्षा 7 अवसरंचना 8 नवाचार अनुसंधान और विकास 9 अगली पीढ़ी के सुधार प्राथमिकता 1- कृषि में उत्पादकता और अनुकूलता कृषि क्षेत्र एवं कृषक कल्याण के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अनंत ऊर्जा के साथ अखंड प्रचंड पुरुषार्थ कर रहे हैं ।कृषि और कृषि से संबंधित क्षेत्रों लिए 1.52 लाख करोड रुपए का आवंटन किया गया है। किसानों को खेती-बाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली जलवायु के अनुकूल किस्मों को जारी किया जाएगा। प्राकृतिक कृषि से जोड़ने के लिए किसानों को प्रमाण पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था की जाएगी। अगले 2 वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ से किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा। उनको प्रमाण पत्र दिया जाएगा।प्राकृतिक खेती के लिए 10000 आवश्यकता आधारित जैव आदान संसाधन केंद्र स्थापित भी किए जाएंगे।3 साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अधोसंरचना,डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को लागू किया जाएगा। प्राथमिकता 2- रोजगार और कौशल प्रशिक्षण रोजगार और कौशल पर मोदी की गारन्टी है। पांच योजनाओं के द्वारा 4.1 करोड़ युवाओं के लिए 5 साल में रोजगार कौशल और अन्य अवसरों के लिए पहल की गई है।2 लाख करोड रुपए से अधिक राशि सरकार व्यय करेगी। पहली योजना में ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को ₹15000 तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में युवाओं को दिया जाएगा।दूसरी योजना के अनुसार कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों को सीधे विनिर्दिष्ट स्केल पर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराना है ।नौकरी के पहले 4 साल में दोनों के ईपीएफओ के योगदान पर निर्भर है।तीसरी योजना के अनुसार सरकार नियोक्ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए 2 साल तक हर अतिरिक्त कर्मचारी पर 3000 रुपए प्रतिमाह भुगतान करेगी।चौथी योजना अनुसार कौशल के लिए नई केंद्र प्रायोजित योजना अगले 5 साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल बढ़ाया जाएगा।1000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा।पांचवी योजना अनुसार 5 साल में एक करोड़ युवाओं को 500 शीर्ष कंपनियों मे इंटर्नशिप दी जाएगी।7.5 लाख रुपए तक के ऋण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु मॉडल कौशल ऋण योजना और सरकार की योजना के तहत किसी भी योजना के लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान बजट में किया गया है। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए, औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास की स्थापना करना, महिला केंद्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना और महिला स्वयं सहायता समूह उद्यम उत्पादों को बाजार तक बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार ने बजट प्रावधान किया है। प्राथमिकता 3- समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय पूर्वोदय अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ गया में औद्योगिक केंद्र का विकास।बिहार के लिए 21400 करोड रुपए की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएगी 2400 मेगावाट का पिरपैंती में नया विद्युत संयंत्र भी सम्मिलित है। आंध्र प्रदेश के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 15000 करोड रुपए की विशेष वित्तीय सहायता मोदी सरकार दे रही है।विशाखापट्टनम-चेन्नई और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में औद्योगिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे।महिलाओं और कन्याओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड रुपए से अधिक का आवंटन किया गया है।प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान द्वारा जनजाति बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजाति परिवारों का सामाजिक आर्थिक विकास हेतु 63000 गांव में लागू किया जाएगा।5 करोड़ जनजाति जनसंख्या लाभान्वित होगी ।उत्तर पूर्वी क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं प्रारम्भ करने हेतु बजट में प्रावधान किया गया है। प्राथमिकता 4- विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को बढ़ाना गिरवी या तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक लोन की सुविधा देने के लिए ऋण गारंटी की योजना का प्रावधान किया गया है। संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता बैंक द्वारा जारी रखने के लिए नई व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। तरुण श्रेणी के मुद्रा लोन की सीमा को 10 से बढ़ाकर के 20 लाख रुपए कर दिया गया है।ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड रुपए से ढाई सौ करोड़ का प्रावधान है। लोन, ई-कॉमर्स ,शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि ,न्याय ,लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई सेवा प्रदाय और शहरी शासन के क्षेत्र में डिजिटल सार्वजनिक अधोसंरचना डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर अनुप्रयोगों का प्रावधान सरकार ने किया है। प्राथमिकता 5- शहरी विकास 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों में कार्यान्वयन और वित्त पोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुख विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत 2.2 लाख करोड रुपए की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड रुपए के निवेश से अगले 5 वर्ष में एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास आवश्यकताओं का समाधान किया जाएगा।अगले 5 वर्ष में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक हॉट या बाजार स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना का प्रावधान किया है। प्राथमिकता 6- ऊर्जा सुरक्षा रोजगार विकास और पर्यावरण की आवश्यकताओं के बीच संतुलन कायम करने के लिए समुचित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक नीतिगत दस्तावेज तैयार करना। पंप स्टोरेज पॉलिसी विद्युत भंडारण के लिए पंप स्टोरेज परियोजना को बढ़ावा देने की नीति प्रस्तावित है ।परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना हेतु नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी। उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी के प्रयोग से 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी और भेल के बीच एक संयुक्त उद्यम प्रस्तावित है। प्राथमिकता 7- अधोसंरचना विकास अधोसंरचना विकास हेतु निवेश के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पूंजीगत व्यय के लिए 1111111 करोड़ रुपए का प्रावधान मोदी की गारन्टी है। राज्यों को आधारभूत संरचना को बढ़ाने के लिए डेढ़ लाख करोड रुपए की ब्याज रहित लंबी अवधि के लोन का प्रावधान मोदी की गारंटी है।25000 गांव के लिए बारहमासी सड़क बनाने के लिए पीएमजीएसवाय का चौथा चरण आरंभ किया जाएगा। बिहार में कोसी मची अंतर राज्य लिंक और अन्य योजनाओं के लिए 11500 करोड रुपए की वित्तीय सहायता का प्रावधान है। सरकार असम हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी।बिहार के गया मे विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर में जैन पथ सर्किट,अन्य मंदिरों का व्यापक विकास करेगी। प्राथमिकता 8- नवाचार,अनुसंधान और विकास मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड का प्रावधान किया है।वाणिज्य के स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड रुपए के वित्तीय पूल की व्यवस्था का प्रावधान भी सरकार द्वारा किया गया है। 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को पांच गुना बढ़ाने पर जोर देते हुए 1000 करोड रुपए की उद्यम पूंजी का प्रावधान किया है। प्राथमिकता 9- अगली पीढ़ी के सुधार ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों हेतु सभी भूखंडों के लिए भूखंड पहचान संख्या अथवा भू आधार,मानचित्रो का डिजिटल करण, वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र प्रभावों का सर्वेक्षण, भू रजिस्ट्री और कृषक रजिस्ट्री से जोड़ने का प्रावधान है।शहरी क्षेत्र में भूमि अभिलेख को जीआईएस मैपिंग से अंकिकृत किया जाएगा।श्रमिकों के वन स्टॉप समाधान के लिए इ-श्रम पोर्टल को अन्य पोर्टल से जोड़ना, तेजी से बदलते श्रमिक बाजार कौशल संबंधी जरूरत उपलब्ध रोजगार की भूमिकाओं के लिए डेटाबेस तैयार करना, रोजगार इच्छुक लोगों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं के साथ जोड़ने की प्रणाली को विकसित करने का प्रावधान। जीएसटी की सफलता से उत्साहित होकर शेष क्षेत्रों तक विस्तार हेतु सरलीकृत एवं तर्कसंगत कर संरचना का प्रावधान किया गया है।कैंसर दवाइयां को सीमा शुल्क से हटाने का प्रावधान किया है। विनिर्माण हेतु मेडिकल एक्स-रे मशीनों में उपयोग में आने वाले फ्लैट पैनल डिटेक्टर पर सीमा शुल्क में कम किया है।मोबाइल फोन, मोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली और मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क को घटकर 15% का प्रावधान किया गया है। सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को घटाकर 6 प्रतिशत ,प्लैटिनम पर भी 6.4 प्रतिशत किया गया है। अन्य धातुओं जैसे लोहा,निकल,ब्लिस्टर तांबे पर सीमा शुल्क हटाया है। इलेक्ट्रॉनिक रेजिस्टरों के निर्माण हेतु ऑक्सीजन मुक्त तांबे पर कुछ शर्तों पर मूलभूत सीमा शुल्क हटा दिया गया है। रसायनों में अमोनियम नाइट्रेट पर सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत किया गया है। पीवीसी फ्लेक्स, प्लास्टिक बैनरों पर मूलभूत सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया है।विनिर्दिष्ट दूरसंचार उपकरणों के प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली पर बीसीडी को 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रावधान है।वारंटी वाली वस्तुओं की मरम्मत के लिए फिर से आयात करने की समय सीमा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का प्रावधान किया है। 25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है।दो खनिजों पर बीसीडी को कम करने का प्रावधान है।सोलर सेल और सोलर पैनलों के विनिर्माण में प्रयोग में आने वाली पूंजीगत वस्तुएं सीमा शुल्क के दायरे से बाहर करने का प्रावधान है। प्रत्यक्ष करों को सरल बनाने करदाता सेवाओं में सुधार करने और मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयास जारी रहेंगे।सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के वित्त पोषण के लिए राजस्व वृद्धि पर जोर दिया गया है। कॉरपोरेट टैक्स सरलीकृत व्यवस्था के द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में दो तिहाई से अधिक करदाताओं ने व्यवस्था का लाभ उठाया।स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्गों के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव है । क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए कर व्यवस्था को सरल करने का प्रावधान किया है।अपरिष्कृत हीरा बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सेफ हारबरों का प्रावधान किया है। विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट टैक्स की दर को 40 से घटाकर 35 प्रतिशत का प्रस्ताव है।एनपीएस में नियोजन करताओं द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारियों के वेतन के 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रावधान है।20 लाख रुपए तक की चल परिसंपत्तियों की सूचना न देने को गैर दाण्डिक बनाने का प्रस्ताव है।दो प्रतिशत की इक्विलाइजेशन लेवी को वापस करने का प्रावधान है ।वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50000 से बढ़कर 75000 रुपये करने का प्रावधान है। पेंशन भोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15000 से बढ़ाकर 25000 रूपए करने का प्रावधान है।आयकर की दरों को संशोधित करने का प्रावधान है ।300000 तक शून्य आयकर ,3 से 7 लाख रुपए पर 5 प्रतिशत, 7 से 10 लाख रुपए पर 10 प्रतिशत, 10 से 12 लाख रुपए पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपए पर 20 प्रतिशत, 15 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर प्रस्तावित है।नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी कर्मचारी को आयकर में 17500 रूपए तक की बचत होगी। इस बजट में भारत के विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का प्रतिबिंब स्पष्ट दिखाई देता है।भारत का यह आम बजट वर्ष 2047 में विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और विकसित भारत के निर्माण में सोपान सिद्ध होगा।विकसित भारत की संकल्पना है।
Dakhal News
शीतल पी सिंह- LTCG से मध्यम वर्ग की लूट। दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर की गणना में सूचकांक को हटाने से हर कोई कैसे प्रभावित होगा? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को 12.5% तक घटा दिया, लेकिन चतुराई से मुद्रास्फीति के लिए समायोजन के लिए बिक्री के समय संपत्ति की कीमत को समायोजित करने वाले सूचकांक को हटा दिया। इसका हम पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आइए इसे सरल गणित के साथ समझें। मान लें कि आपने जनवरी 2009 में ₹50 लाख में एक अपार्टमेंट खरीदा था। पंद्रह साल बाद, आपने इसे आज ₹1.5 करोड़ में बेच दिया। सूचकांक के साथ, 15 साल पहले आपके द्वारा भुगतान किए गए ₹50 लाख को आज ₹1.32 करोड़ माना जाता है। इसलिए, शुद्ध लाभ या पूंजीगत लाभ केवल ₹17.5 लाख है, और आप 20% की दर से केवल ₹3.5 लाख का पूंजीगत लाभ कर देंगे। लेकिन सूचकांक के बिना, आपका पूंजीगत लाभ अब ₹1 करोड़ है, और 12.5% पर, आप ₹12.5 लाख का कर देंगे। मूल रूप से, सरकार पुराने तरीके की तुलना में ₹9 लाख अधिक लेती है। 15 साल के लिए एक संपत्ति खरीदने और रखने के बाद आपका शुद्ध लाभ केवल ₹5,01,825 है। आपने सिर्फ ऋण ब्याज में इस प्रापर्टी के लिए बहुत अधिक भुगतान किया होगा? आप इस फैसले को चतुराई कहेंगे या कुटिलता?पिछले मामले में, आप कम से कम पूंजीगत लाभ का भुगतान करने के लिए लाभ कमाते थे। अब, एक ऐसे परिदृश्य पर विचार करें जहां आपने जनवरी 2018 में ₹80 लाख में एक अपार्टमेंट खरीदा था और इसे आज ₹95 लाख में बेच दिया था क्योंकि आपके सामने एक व्यक्तिगत आपातकालीन स्थिति आ गई थी। कई बार चीजें कठिन हो जाती हैं। यदि सूचकांक लागू होता, तो आप वास्तव में ₹11.76 लाख का नुकसान कर रहे थे और ‘शून्य’ एलटीसीजी कर का भुगतान करते लेकिन नए तरीके से, एन सीतारमण आपके घाव में नमक डालेंगी। वह आपसे ₹1.87 लाख का एलटीसीजी भी लेंगी। आपका शुद्ध नुकसान ₹13.63 लाख हो जाता है। फिर से, आपने अकेले ऋण ब्याज में बहुत अधिक खर्च किया होगा। सूचकांक को हटाने से एलटीसीजी का पूरा उद्देश्य समाप्त हो जाता है। यह हर किसी को प्रभावित करता है और लोगों को अपने लेन-देन को कम मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे काले धन का उपयोग बढ़ेगा। यह अचल संपत्ति निवेश को कम आकर्षक बनाता है और हमारे भवन निर्माण क्षेत्र को और भी बड़े संकट में धकेल सकता है उन लोगों के लिए जो कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (सीआईआई) से परिचित नहीं हैं, यह दर्शाता है कि 2001-02 में ₹100 का मूल्य अब ₹363 है।
Dakhal News
संजय कुमार सिंह आज बजट की खबर के शीर्षक से बजट के बारे में जो पता चलता है वह मेरे सात अखबारों के शीर्षक से यह विवरण बनाता है – नई हकीकतों का बही खाता, युवाओं पर करम मिडिल क्लास पर मरहम, चुनाव परिणाम वाला बजट (लेकिन) रेस चल रहा है वित्त मंत्री ने चुनावी स्थिति के लिए तैयारी की, रोजगार का बोझ फर्मों पर थोप दिया, गठजोड़ का (यह) अर्थमिश्रण कई प्लेट में थोड़ा-थोड़ा है। बजट के बारे में मैंने लिखा था, “जब बजट का मतलब हलवा हो गया है”। इसमें मैंने लिखा था, बजट और हलवा का संबध पुराना है पर वह बजट बनाने और पेश करने के बीच एक साधारण सा मामला होता था। नरेन्द्र मोदी राज में बजट की खबर और उस पर चर्चा हलवा खाते-खिलाते और उसकी फोटो के साथ होने लगी है। इसे एक प्रतीक के रूप में देखिये बजट और उसका हाल समझ में आ जायेगा। रेल बजट के बिना और बजट में रेलवे की चर्चा के बिना बजट ऐसा ही है। द हिन्दू ने आज इसे इसी रूप में प्रस्तुत किया है, शीर्षक हिन्दी में कुछ इस तरह होता – पत्तल ज्यादा हैं, थोड़ा-थोड़ा डाला है। जनसत्ता में एक बार ऐसा ही शीर्षक हमारे संपादक प्रभाष जोशी ने लगाया था, हर हाथ में एक बताशा। हेडलाइन मैनेजमेंट के दौर में आज के कुछ और शीर्षक हैं – 1) छोटे को बड़ी सहायता मिली (फाइनेंशियल एक्सप्रेस) 2) आर्थिक तौर पर फिट और रोजगार की तलाश में (दि इकनोमिक टाइम्स) 3) सीतारमन ने सभी बजटों का बाप पेश किया (यहां बाप यानी बीएपी या बिहार एंड आंध्र प्रदेश है) 4) ग्रोथ ऐट वर्क यानी काम पर विकास (मिन्ट) 5. केंद्रीय बजट : संपन्नता के लिए रोजगार, कौशल युक्त बनाने का रास्ता (द स्टेटसमैन) 6. रोजगार के लिए जोड़, कर राहत और गठजोड़ धर्म (द ट्रिब्यून) 7. राजनीतिक पर विवेकपूर्ण (बिजनेस स्टैंडर्ड) 8. बजट का फोकस नई नौकरियों, कौशल युक्त बनाने; मध्यम वर्ग, एमएसएमई के लिए टैक्स राहत (दि एशियन एज) 9. गुड जॉब (नवभारत टाइम्स) 9. बेरोजगारों, मध्य वर्ग पर मेहरबानी (हिन्दुस्तान) और 10. बजट में आंध्र, बिहार, रोजगार (जनसत्ता)। आज बजट का दिन है औऱ आज के अखबारों में बजट ही होना था। अमूमन बजट वाले दिन अखबारों में कोई और खबर होती नहीं है। कल मैं सोच रहा था कि आज छुट्टी मनाई जा सकती है। बाद में नीट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण लगा और मैंने तय किया कि उसकी प्रस्तुति पर लिखूंगा- लिखना चाहिये। बजट अब हलवा समारोह ही है। इसमें कुछ खास होता नहीं है। हेडलाइन मैनेजमेंट के दौर में इसे अच्छा ही कहा जाना है। बजट से मुझे कोई उम्मीद नहीं थी लेकिन अखबारों से लगता है कि कुर्सी बचाऊ बजट तो है ही। हेडलाइन मैनेजमेंट भी है ही। जहां तक नीट का मामला है, निजी तौर पर मैं नीट के फैसले से निराश हूं। निश्चित रूप से यह कानूनी मामला है और हजारों छात्रों के भविष्य तथा सहूलियत का भी ख्याल रखा जाना चाहिये। फैसला सब कुछ देखकर कानूनी आधार पर हुआ होगा। कानून मेरा विषय नहीं है इसलिए मैं उसपर टिप्पणी नहीं कर सकता लेकिन मोटे तौर पर वही हुआ दिख रहा है जो सरकार चाहती थी। अरविन्द केजरीवाल या हेमंत सोरेन के मामले में भी यही होता रहा है। इसलिए मुझे कुछ अलग की उम्मीद भी नहीं थी। मोटे तौर पर सरकार जो चाहती है वही होता है। आप कह सकते हैं कि वह कानूनन सही होता भले पीएमएलए के कारण हो। दूसरी तरफ, इसका संदेश यही है कि कोई अपना काम अच्छी तरह करे, सबूत न छोड़े (जांच एजेंसियां नालायकी करें या अपराधी अनुभवी हो) तो उसे सजा नहीं हो सकती है क्योंकि कानून को सबूत चाहिये। भ्रष्टाचार और रिश्वत खोरी की भूमिका यहां हो सकती है पर वह मुद्दा नहीं है। जब बिना मुख्यमंत्री काम चल सकता है तो मुद्दा क्या होगा यह भी मुद्दा है। लेकिन अभी नहीं। अरविन्द केजरीवाल अनुभवी चोर हैं, प्रधानमंत्री सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं। उनके बारे में सबूत नहीं है। पर उन्हें जमानत नहीं मिल रही है क्योंकि कानून (पीएमएलए) ऐसा ही है। पीएमएलए ऐसा क्यों और कैसे है, यह अभी यहां बताने की जरूरत नहीं है। मोटे तौर पर इसीलिए कि सरकार ऐसा चाहती है। सरकार ने चाहा तो संबंधित जज को ईनाम दिया। सरकार चाहती है इसलिए उसकी समीक्षा पर सुनवाई नहीं हो पाई, नहीं हो रही है। देश में सरकार और कानून की स्थिति यह है कि एक पूर्व तड़ी पार गृहमंत्री बन सकता है वह खुद से पहले वाले गृहमंत्री को जेल भेज सकता है, स्पष्ट दिखा कि हिसाब बराबर हो गया उसके बाद से मामले का कोई अता-पता नहीं है। यह सबके सामने है किसी को गलत या बुरा नहीं लग रहा है। ईवीएम और चुनाव आयोग की अपनी कहानी है। उसके बावजूद जनादेश मोदी सरकार के खिलाफ आया लेकिन नीतिश-नायडू के समर्थन से सरकार बन गई और सिर्फ सरकार बनती तो राजनीति होती उसे पूरी मजबूती दी गई और स्पीकर का चुनाव नहीं हो पाया सरकार जिसे चाहती थी उसे स्पीकर बना लिया। रमेश चंद्र विधूड़ी के मामले में कार्रवाई नहीं करने, मुहआ मोइत्रा की सदस्यता खत्म कर दिये जाने और उनके मामले में निर्णय करने वाले कई लोगों के हार जाने के बावजूद। उपाध्यक्ष नहीं बनाना है, अभी तक नहीं बना है। ऐसे में बजट कुर्सी बचाऊ ही होना था। है। किसी ने लिखा है, किसी ने नहीं पर सरकार का समर्थन तो है ही संभव है इसलिए हो कि प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि उनका गला घोंटा गया है। इस कार्यशैली का समर्थन सिर्फ लाभार्थी करते तो बात समझ में आती है पर बहुमत कर रहा है या बहुमत लाभार्थी है तो वह मिल-बांट कर खाना है। यह रिश्वत खोरी है लेकिन शिकायत राहुल गांधी की खटाखट योजना से थी। कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की थी। फैसला उनके पक्ष में नहीं हुआ पर ऐसा सोचने वाले लोग तो हैं। और इसलिए मिल-बांट कर खाने की यह व्यवस्था चल रही है, खटाखट। दूसरा कोई दल करे तो रिश्वतखोरी बताने की कोशिश होती है, मुकदमे होते हैं, मुफ्त की रेवड़ी होती है। प्रचार ऐसा है कि मुफ्त राशन पाने वाला उसे नमक समझता है वोट के रूप में उसकी कीमत अदा करता है। लेकिन वह कहानी भी अलग है। ऐसे में नीट की खबर आज हिन्दुस्तान टाइम्स में पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर लीड है, द हिन्दू में सिंगल कॉलम में है, इंडियन एक्सप्रेस में पहले पन्ने पर सिंगल कॉलम में है, अंदर होने की सूचना है, द टेलीग्राफ में सिंगल कॉलम में है जो अंदर जारी है। हिन्दी अखबारों में नवोदय टाइम्स में दो कॉलम में है और शीर्षक में ही बताया गया है कि चार लाख परीक्षार्थियों के चार अंक कम होंगे। इससे पहले कृपांक कम किये जा चुके हैं। कुल 720 अंक पाने वालों की संख्या कम हो चुकी है। लेकिन एनटीए से कोई शिकायत नहीं थी। उसकी अक्षमता और जांच या कार्रवाई से बचने की कोशिशें मुद्दा नहीं बनी। यह स्थिति तब है जब बजट को युवाओं पर करम मिडिल क्लास पर मरहम (नवोदय टाइम्स) कहा गया है। बजट की खास बात आज का द टेलीग्राफ का कोट भी है। पी चिदंबरम ने कहा है, मुझे यह जानकर खुशी है कि माननीय वित्त मंत्री ने कांग्रेस का घोषणा पत्र एलएस 2024 चुनाव नतीजों के बाद पढ़ा है। उनकी यह टिप्पणी बजट की तीन घोषणाओं के संबंध में है जो कांग्रेस के घोषणा पत्र से ली गई लगती हैं। अब बजट से संबंधित अन्य शीर्षक और खबर के बारे में। साथ ही पहले पन्ने की दूसरी खबर के बारे में बशर्ते कुछ हो। इंडियन एक्सप्रेस में एक खबर है, 28 सांसदों के लिए शुक्रिया : बिहार, आंध्र प्रदेश पर लुटाना। दूसरी खबर का शीर्षक है, स्टार्ट अप के लिए बड़ी राहत, सरकार ने एंजल टैक्स खत्म किया। द टेलीग्राफ की एक खबर का शीर्षक है, कोई अहम कर छूट नहीं, पुरानी व्यवस्था से निराशा। दूसरी खबर है, दो बड़े सहयोगियो पर सुविधाओं की बरसात। टाइम्स ऑफ इंडिया ने बजट की खबर को बैनर बनाया है। ऊपर फ्लैग शीर्षक की शुरुआत लाल स्याही से छपा सवाल है – नतीजों से संचालित? इसके बाद कहा गया है, भाजपा ने प्रमुख राज्यों के चुनाव से पहले अकले बहुमत खोने के बाद के पहले बजट में मोदी सरकार ने प्रमुख राजनीतिक क्षेत्रों – खासकर युवाओं और महिलाओं – के साथ-साथ गठजोड़ साझेदारों की चिन्ताओं को दूर करने की कोशिश की है। मुख्य खबर का इंट्रो है – फॉर्मूला वन : अब काम कराने पर फोकस। एक शीर्षक है, टैक्सेज (कर) कुछ खुशी लाने के लिए पटरी बदली गई जो दूसरों को महंगी पड़ेगी। एक बड़ा सा शीर्षक है, सहयोगियों को फायदा : आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए थैली खुली। द हिन्दू ने दो अलग खबरें छापी हैं। एक का शीर्षक है, आंध्र प्रदेश को राजधानी अमरावती के लिए 15,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। बिहार को 58,900 करोड़ मिले हैं तो नीतिश ने बजट की तारीफ की। हिन्दुस्तान टाइम्स में मिन्ट की खबर का शीर्षक है, करों में बदलाव से वित्तीय बाजार पर प्रभाव। दूसरी खबर का शीर्षक है, युवा भारत को काम पर लगाने के लिए पांच बड़ी योजनाएं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर का शीर्षक है, चार करोड़ को नौकरी देने, कौशल युक्त बनाने के लिए वित्त मंत्री ने दो लाख करोड़ रुपये रखे। 1500 प्वाइंट गिरने के बाद सेनसेक्स फिर से उछला। नवोदय टाइम्स की एक खबर का शीर्षक है, 17500 रुपये का लाभ वेतनभोगियों को। पत्रकार राजेश रपरिया की एक टिप्पणी है जिसका शीर्षक है, ‘जनादेश का संदेश’ का पूरा सम्मान। उमर उजाला की पहले पन्ने की खबरे हैं, मध्य वर्ग की ली सुध, 7.75 लाख तक आय पर शून्य कर। दूसरी खबर का शीर्षक है, निर्मला@7 : युवाओं के रोजगार के लिए पांच योजनाएं। पुल बहने के लिए हाल में खबरों में रहे बिहार को नरेन्द्र मोदी ने 26,000 करोड़ रुपए तीन नये एक्सप्रेसवे के लिए दिये हैं। विकास का पूर्वोदय के तहत अखबार ने बताया है कि बिहार का गया औद्योगिक केंद्र बनेगा। नरेन्द्र मोदी ने इसे समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट कहा है तो यह मानना पड़ेगा कि बहुमत नहीं मिला तो उन्हें समृद्धि का ध्यान आया। इससे पहले नोटबंदी और जीएसटी के समय कहते थे कि उन्होंने हिम्मत की और यह प्रचारित करते थे कि इससे काला धन कम होगा, भ्रष्टाचार कम होगा तो उम्मीद थी कि जनता का समर्थन मिलेगा। पर वह नहीं मिला तो जो किया वह कुर्सी बचाने वाला बजट ही है। राहुल गांधी ने यही कहा है और अमर उजाला ने छापा है तो मुझे जीएसटी के सख्त प्रावधान याद आते हैं जो गुजरात विधानसभा चुनाव के समय ठीक किये गये।
Dakhal News
नवनीत गुर्जर जहां सभी धर्म के लोग मिलजुल कर रहते हैं। जिसे हम गंगा- जामुनी तहज़ीब की धरती कहते और मानते हैं, वहाँ ये दुकान के आगे नाम लिखने, एक तरह से नाम लिखकर अपना धर्म बताने की ये कौन सी परम्परा चल पड़ी है? हैरत की बात यह है कि इस देश में ऐसे काम भी सरकारों के नाम पर किए जा रहे हैं। चाहे यह काम कोई प्रशासन या प्रशासनिक अफ़सर करे, कोई पुलिस अफ़सर करे या सरकार का कोई नुमाइंदा ही क्यों न करे, लेकिन सरकारें क्यों चुप बैठी रहती हैं? इन सरकारों में तो जनता के चुने हुए नुमाइंदे बैठे रहते हैं जिन्हें हर धर्म, हर जाति का व्यक्ति वोट देता है और ख़ुशी- ख़ुशी अपना प्रतिनिधि चुनता है। तभी तो वह जनप्रतिनिधि कहा जाता है। वह किसी जाति या धर्म का प्रतिनिधि नहीं होता। आख़िर क्यों सरकारें संविधान की अनदेखी करके देश के लिए अनचाहे फ़ैसले होने देती हैं? क्यों सरकारों के फ़ैसलों को दुरुस्त करने के लिए हमेशा कोर्ट, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ता है। क्यों इस तरह के फ़ैसले लेने या होने देने से पहले सरकारों को कोर्ट का, क़ानून का या संविधान का डर नहीं लगता? ख़ैर देर आए, दुरुस्त आए और सरकार या किसी अफ़सर के आदेश को आख़िरकार सुप्रीम कोर्ट ने ठीक कर दिया और एकदम सही फ़ैसला सुनाया। सही मायने में न्याय किया। जिस आदेश में कांवड़ियों की यात्रा के मद्देनज़र उस रास्ते में आने वाले हर दुकानदार को अपना नाम लिखने पर बाध्य किया जा रहा था, उस आदेश को रोकते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नाम ज़ाहिर करने की कोई ज़रूरत नहीं है। केवल यह ज़ाहिर करने की ज़रूरत है कि उस दुकान या होटल में जो भोजन या खाद्य सामग्री है, वह शाकाहारी है या मांसाहारी। आखिर न्याय हो गया। गंगा- जामुनी तहज़ीब बच गई। राज्य सरकारों को धर्म आधारित विवादों को इतना नहीं बढ़ाना चाहिए कि प्रशासन या पुलिस के आला अफ़सर प्रमोशन पाने, सरकार के हितैषी कहलाने या सरकार की नज़र में आने के लिए इस तरह के ऊल- जलूल आदेश देते फिरें जिससे देश में नए विवाद पैदा हों और गाँव, क़स्बों तथा शहरों की शांति भंग होने का ख़तरा पैदा हो जाए।
Dakhal News
सत्येंद्र पी एस- कई साथियों ने जानने की कोशिश की और कहा कि आप बुद्धिज्म के वज्रयान या तंत्रयान के बारे में बताएं। तंत्रयान के बारे में बताने के लिए मैं बहुत छोटा आदमी हूँ। उस फील्ड में मेरी कोई प्रैक्टिस नहीं है। इधर उधर से पाया ज्ञान ही दे सकता हूँ। शायद यह फायदेमंद भी हो, क्योंकि बुद्धिज्म के जानकार गुरु उसे इतनी गहराई से बताते हैं कि दिमाग मे घुसना तो दूर की बात है, वह कई फुट दूर से ही गुजर जाता है।बुद्धिज्म का तंत्रयान शुद्ध श्रमण परंपरा है। बुद्धिज्म के तंत्रयान या वज्रयान की कई पद्धतियां हैं। बुद्ध ने दुःखों से मुक्ति के 84000 उपाय बताए हैं। लेकिन सभी के पीछे एक ही परिणाम है। विजडम, माइण्डफुलनेस और एनलाइटनमेंट। तरीके अलग अलग हो सकते हैं, लक्ष्य एक है। बुद्धिज्म के महामाया तंत्र की गुणवती टीका में लिखा गया है… तन्त्रम त्रिविधम। हेतुतन्त्रम, फलतन्त्रम, उपायतन्त्रम च। यानी तंत्र 3 प्रकार के होते हैं। हेतुतन्त्र, फल तंत्र, उपाय तंत्र। चित्त यानी बोधिचित्त निरन्तर बना रहता है। इसका कभी नाश या क्षय नहीं होता है। शून्यता यानी emptiness और प्रभास्वर यानी Luminosity को मिलाकर बोधिचित्त बनता है। सरल शब्दो मे कहें तो प्रकाशमान मस्तिष्क की प्रकृति को पहचानना हेतु तंत्र है। यानी अपका प्रकाशमान मस्तिष्क कैसे काम करता है, वह किस तरह व्यवहार कर रहा है, उसको पहचान लीजिए।जब आप इसको पहचान लेते हैं तो उससे काम लेने की बारी आती है। इस प्रकाशमान मस्तिष्क को इस्तेमाल कैसे किया जाए, इसी को फल तंत्र कहते हैं। जब आप फलतन्त्र पर पहुँचते हैं तो इम्पावरमेंट आ जाता है। समथा और विपश्यना यानी उत्पत्ति क्रम और निष्पन्न क्रम की प्रैक्टिस करने से एनलाइटनमेन्ट आ जाती है। मतलब जब आप ल्यूमिनस माइंड या प्रकाशमान मस्तिष्क को पहचान लेते हैं, पहचान करने के साथ उसका इस्तेमाल कर लेते हैं तो अगला क्रम प्रकाशमान मस्तिष्क पर मेडिटेट करने का नम्बर आता है।जब आप ल्यूमिनस माइंड से मेडिटेट करते हैं तो लगातार प्रैक्टिस से एनलाइटनमेन्ट हासिल हो जाता है। इसमें अनात्मबोध और शून्यताबोध किया जाता है। यही बज्रयान की प्रैक्टिस है। इसमें न तो कोई आत्मा है, न कोई ईश्वर है। बड़ा सीधा सा मसला है। लेकिन अपने प्रकाशमान मस्तिष्क की चाल पकड़ पाना है बहुत कठिन काम। आपका मस्तिष्क कैसे बेहतर फैसला करे, किस परिस्थिति में कौन सा निर्णय फिट होगा, यह जानना कठिन खेल है। हिंदू तंत्रयान ईश्वरवादी है। इसमें आत्मबोध किया जाता है। इसमें पशुआचार, वीराचार और दिव्याचार किया जाता है। हिन्दू तंत्रयान के मुताबिक “तननात त्रायते इति तन्त्रम।” यानी जीवात्मा को तानकर यानी उसको व्यापक करके ईश्वर में मिला दिया जाता है। पशुआचार में किसी देवता की शरण में जाया जाता है, काली, तारा, शिव…जिस की प्रैक्टिस करें। इसमें खुद को समर्पित कर दिया जाता है ईश्वर के लिए। इसमें कहा जाता है, दासोहम, यानी मैं आपका दास हूँ। वीराचार में खुद को ईश्वर में शामिल कर दिया जाता है। उसमें प्रैक्टिशनर काली, त्रिपुरसुंदरी, तारा में खुद को डिजॉल्व कर लेता है।उसके बाद दिव्याचार में प्रैक्टिसनर अपने को गायब कर देता है कि मैं कुछ नहीं हूँ। मैं बचा ही नहीं। मैं ईश्वर में समाहित हो गया। प्रैक्टिशनर कहता है शिवोहम, यानी मैं आपमें डिजॉल्व हो गया, मैं ही शिव हूँ। हिंदू तंत्र से मिलती जुलती प्रैक्टिस इस्लाम और ईसाई धर्म में भी है। मंसूर ने पहले खुद को अल्ला का सेवक कहा और उसके बाद अनलहक का नारा दिया कि मैं अल्ला में समाहित हो गया। कुल मिलाकर बुद्धिज्म का तंत्रयान बिल्कुल ही अलग चीज है। उम्मीद है कि स्थिति थोड़ी साफ हुई होगी कि बुद्धिज्म में तंत्रयान क्या है। आगे कुछ और सरल समझ पाया तो और सहज लिखूँगा। आप बताएं कि मामला कुछ समझ में आया क्या?
Dakhal News
एस. पण्डित उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मीडिया जगत में एक नई क्रांति देखने को मिल रही है जहाँ डबल इंजन रूपी पत्रकारिता के दो संगठनो द्वारा मुस्लिम बेरोजगारों को पत्रकारिता क्षेत्र के ग्लैमर में नया रूप देकर ढाला जा रहा है, अंडे वाले, चाय वाले, मोटर मैकेनिक, ज़रदोज़ी चिकनकारी, कबाड़ी, जिम ट्रेनर, फोटोजीवी, रील मेकर,बर्तन बेचने वालों को एक ऐसा स्टार्टअप दिया गया है जिसमें ना सिर्फ ग्लैमर है बल्कि उनके दो पहिया वाहन पर शक्तिशाली और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का प्रेस जैसा निशान लग जाता है। जिस वर्दीधारी पुलिसकर्मी को देखकर अपना मुंह छुपाते थे अब उसी के साथ पुराने लखनऊ की गलियों से सेल्फी लेकर समाज में अपना मान सम्मान और रुतबा झाड़ते फिरते हैं, ऐसे ही डबल इंजन के संगठन द्वारा विकसित किया गया नमूना सुप्पा कब्रिस्तान पर अनाधिकृत रूप से कब्जा करके बनाई गई साइकिल, मोटरसाइकिल मरम्मत की दुकान से निकला, कल तक जिसका काम था गाड़ियों की मरम्मत करके अपना रोजगार चलाना और अपनी मिस्त्रिगिरी के चलते उसको अवैध रूप से दारुलशफा में कब्जा जमाए बुजुर्ग पत्रकार का साथ मिलते ही पत्रकार का मिल गया तमगा।डबल इंजन के संगठनो की आड़ में चल रही दुकान को मिस्त्री की गाड़ी का सहारा मिलते ही दुकान के पहिये लग गए और मिस्त्री का प्रमोशन पत्रकार के रूप में हो गया। संगठनो की दुकान में कार का सारथी बनते ही मिस्त्री ने रफ्तार पकड़ ली और गूगल टाइप से मिले ज्ञान ने मिस्त्री को स्वंयभू वरिष्ठ पत्रकार बना दिया और उम्र के आखिरी पड़ाव के नौजवानी को मात करते नेताजी ने जिन फर्ज़ी प्रपत्रों पर अपनी वरिष्ठ पत्रकार की मान्यता सूचना विभाग से कराई थी उसी पैतरेबाजी से अपने ही परिवार के अखबार से नियमविरुद्ध जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार का प्रमाण पत्र भी मिस्त्री को उपलब्ध करा दिया। सूत्रों की मानें तो इस मान्यता के लिए मिस्त्री को अवैध रूप से कब्जाई सुप्पा कब्रिस्तान की दुकान का सौदा करके 50000 की मिली धनराशि का नजराना भेंट स्वरूप डबल इंजन के संगठन को ईंधन के रूप में चढ़ाया गया और यह पहला मौका नहीं था जब डबल इंजन के संगठन के परिवार द्वारा संचालित समाचार पत्र से किसी को जिले की मान्यता दिला कर माल पकड़ा गया हो, इससे पूर्व भी एक महिला पत्रकार को अपने जाल में फंसा कर जिले की मान्यता देकर शोषण की कहानी सूचना विभाग से लेकर लखनऊ शहर के हर पत्रकार की जुबान पर है। डबल इंजन के संगठन के काम करने का तरीका भी ग्लैमर से भरा हुआ है, नामचीन समाजसेवी और प्रतिष्ठित होटल स्वामी के विरुद्ध आरटीआई एक्टिविस्ट से आरटीआई लगवाकर उनको डराने का काम किया जाता है और फिर अपने दोनों एक्टिविस्ट को रॉयल पकवान खिलवाकर समझौता करा दिया जाता है और प्रतिष्ठित होटल मालिक पर अपना प्रभुत्व जमाते हुए दुकान बढ़ाने के काम में लाया जाता है और फ्री का मॉल उड़ाते हुए अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर लहरा दिया जाता है। शासन-सत्ता मेरे हाथ की कठपुतली, मेरी मान्यता के लिए मेरे अपने नियम डबल इंजन के संगठन द्वारा दुकान बढ़ाने के लिए पुराने लखनऊ के कुछ ऐसे मुस्लिम नौजवानों को पकड़ा है जो किसी अन्य काम धंधे में लिप्त हैं और उनको पत्रकारिता का ग्लैमर दिखाकर जिले की मान्यता का लालच देकर सरकारी दारुलशफा का भौकाल दिखाया जाता है और जन्मदिन मरण दिन जैसे कार्यक्रमों में सेल्फी और रील बनाना सिखाया जाता है। फोटोजीवी डबल इंजन संगठन के कर्ताधर्ता मुस्लिम नौजवानों को चलने, हाथ हिलाने और रील रेल बनाने की ट्रेनिंग देकर सम्मान समारोह में ले जाकर सम्मानित करवाने के नाम पर शुल्क वसूलते है।
Dakhal News
हिमालय के पावनतम शिखरों में से एक केदारनाथ की तराई में ही ऋषि अग्निहोत्र का आश्रम था। वर्षों की अखंड समाधि के बाद ऋषिवर अभी-अभी शिवरात्रि की पुण्य वेला में हिमालय से उतरकर अपने आश्रम को लौटे थे। उनके धवल, उन्नत व सौष्ठव शरीर की कांति देखते ही बनती थी। ऐसा लगता था मानो भूतभावन भगवान भोलेनाथ स्वयं ऋषि रूप में अपने भक्तों पर, शिष्यों पर अपना अनुग्रह बरसाने आए हों। उनके रोम-रोम से एक अजस्त्र ज्योतिधारा बहे जा रही थी और उस धारा में बहे जा रहे थे वे सौभाग्यशाली ऋषि कुमार, शिष्य गण जो लंबी प्रतीक्षा के बाद अपने आराध्य के दर्शन कर रहे थे एवं उनका सान्निध्य पा रहे थे। उनके पद्मनाभ से पद्म की अलौकिक सुगंध पूरे आश्रम परिसर में फैल रही थी। उनके नेत्रों से मानो तप की अग्नि ज्योति बनकर बह रही थी और सभी ऋषि कुमारों को आनंदित, आह्लादित व पुलकित किए जा रही थी। योग शास्त्रों में वर्णित योगसिद्ध, स्थितप्रज्ञ के सारे लक्षण, भाव दशा, देह दशा आज उनमें अभिव्यक्त हो रहे थे। आज सचमुच श्वेताश्वतर उपनिषद् 2/12 के मंत्र ऋषिवर के व्यक्तित्व में दृश्यमान तथा दृष्टिगोचर हो रहे थे। न तस्य रोगो नजरा न मृत्युः । प्राप्तस्य योगाग्निमयं शरीरम् ॥ अर्थात— योगाभ्यास करने वाले योगी के शरीर में न तो रोग होता है, न बुढ़ापा आता है। वह योगरूपी अग्निमय शरीर को प्राप्त करता है। आज उनके अग्निमय शरीर की आभा से शिष्य ही नहीं, बल्कि सारा आश्रम परिसर आह्लादित हो रहा था। उस आभामंडल में मनुष्य की कौन कहे, हिंसक पशु-पक्षी भी अपना वैर-भाव त्यागे जा रहे थे, भूले जा रहे थे और वास्तव में महर्षि पतंजलि के योगसूत्र 2/35 का यह मंत्र चरितार्थ हो रहा था— अहिंसाप्रतिष्ठायां तत्सन्निधौ वैरत्यागः ॥ अर्थात— जब योगी का अहिंसा भाव पूर्णतया दृढ़स्थिर हो जाता है, तब उसके निकटवर्ती हिंसक जीव भी वैर-भाव से रहित हो जाते हैं। आज सचमुच गीता—2/54 में अर्जुन द्वारा भगवान श्रीकृष्ण से पूछे गए इस प्रश्न के उत्तर के जीवंत प्रतीक बनकर ऋषिवर प्रस्तुत थे— स्थितप्रज्ञस्य का भाषा समाधिस्थस्य केशव। स्थितधीः किं प्रभाषेत किमासीत व्रजेत किम् ॥ अर्थात— हे केशव! समाधि में स्थित परमात्मा को प्राप्त हुए स्थिरबुद्धि पुरुष का क्या लक्षण है? वह स्थिर बुद्धि पुरुष कैसे बोलता है, कैसे बैठता है और कैसे चलता है? आज हर शिष्य एवं ऋषिकुमार के समक्ष इन सभी प्रश्नों के उत्तर के रूप में ऋषिवर दृश्यमान हो रहे थे। जब व्यक्ति आत्मा से आत्मा में ही संतुष्ट हो जाता है, सभी कामनाओं का त्याग कर देता है, सर्वज्ञ स्नेहरहित हुआ शुभ या अशुभ वस्तु को पाकर भी न प्रसन्न होता है और न द्वेष करता है, तब मान लेना चाहिए कि उसकी बुद्धि स्थिर है। समाधि में परमात्मा का दर्शन होते ही उसकी आसक्ति समाप्त हो जाती है। यह ब्रह्म को प्राप्त हुए पुरुष की स्थिति है। इसको प्राप्त होकर वह योगी कभी मोहित नहीं होता और सदैव इसी ब्राह्मीभाव में स्थिर होकर ब्रह्मानंद की अनुभूति करता है। आज ऋषिवर की शांत, प्रशांत भावभंगिमा, चेहरे पर बुद्धपुरुषों-सा अपूर्व तेज देखकर हर कोई ब्रह्मपुरुष, बुद्धपुरुष के सान्निध्य की अनुभूति कर रहा था। आज वे अणिमा, लघिमा, महिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, वशित्व, ईशित्व आदि अष्टसिद्धियों के स्वामी बने बैठे थे, पर उनमें अहंकार का लेश मात्र भी न था; क्योंकि वे इन सिद्धियों के मोह से परे हो चुके थे, वे तो देह में रहते हुए भी विदेह हो चुके थे। ऋषिवर मौन थे। उनके अधरों पर स्वर्गीय मुस्कान अठखेलियाँ कर रही थी। आज वे मानो मौन रहकर ही अपने शिष्यों पर शक्तिपात कर रहे थे, स्नेह-संचार कर रहे थे। अपार आनंद में डूबे ऋषिकुमारों के मुख से भी आज कोई शब्द नहीं निकल रहे थे। वे चाहकर भी कुछ बोल नहीं पा रहे थे; क्योंकि उस प्रशांत आभामंडल की चिर शांति, प्रशांति ही इतनी प्रगाढ़ थी कि व्यक्त-अव्यक्त सब एक हो चले थे। इस प्रेमवर्षा में शिष्यों, समस्त ऋषिकुमारों के चित्त शुद्ध हुए जा रहे थे। वे गुरुवर के इस मौन रहस्य को खूब समझ रहे थे; क्योंकि वह प्रशांति अब उनके भीतर भी उतरकर उन्हें अपने आगोश में लिए जा रही थी। नेत्रों से आँसुओं की अविरल धारा बहे जा रही थी और उन आँसुओं में बहे जा रहे थे- उनके जन्म-जन्मांतरों के सभी चित्तविकार, संस्कार। चित्त निर्मल होते ही शिष्यों की आनंदानुभूति, ब्रह्मानुभूति गहरी और अधिक गहरी होती जा रही थी। गुरुवर के नेत्रों से निकल रही ब्रह्मज्योति अब शिष्यों के नाभिकमल में प्रवेश कर रही थी। उसके प्रवेश करने की अनुभूति, सिहरन, गुदगुदी एक अपूर्व थिरकन, पुलकन उनके स्थूलशरीर में हो रही थी। उनका नाभिकमल खिल चुका था। स्थूलशरीर के जागरण के साथ ही वह प्रकाशधारा, अग्निधारा, ब्रह्मधारा हृदय चक्र में प्रवेश पा रही थी। सूक्ष्मशरीर के समस्त क्लेशों, विकारों से उन्हें मुक्ति मिल रही थी। ब्रह्मकमल खिलते ही अब वह ब्रह्मधारा बरसने लगी और सहस्त्रदलकमल खिल उठे। कारणशरीर ब्रह्मज्योति से जगमगा उठा। चित्त की सदा-सर्वदा के लिए श्रद्धा में स्थिति हो गई, बोधत्व की प्राप्ति हो गई।
Dakhal News
डॉ. प्रभात ओझा यह सिर्फ संयोग हो सकता है कि हम बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था के हिंसक विरोध के बीच भारत के दो बड़े राज्यों में इससे सम्बंधित हालिया हलचल की बात करें। हम कर्नाटक और महाराष्ट्र में इससे सम्बंधित हलचल के पहले बांग्लादेश के मुद्दे को समझें। वहां अभी कोटा पद्धति के तहत सरकारी नौकरियों में 56 प्रतिशत आरक्षण है। इनमें से अकेले 30 प्रतिशत 1971 के स्वाधीनता आंदोलन में शामिल सेनानियों के वशंजों के लिए है। ज्ञातव्य है कि एक लंबे आंदोलन और खूनी संघर्ष के बाद पाकिस्तान से अलग बांग्लादेश का उदय हुआ था। बांग्लादेश मुक्ति आंदोलन में भारतीय सेनाओं की उल्लेखनीय मदद इतिहास की गौरव गाथा की तरह है। बहरहाल, वहां स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों के लिए आरक्षित 30 फीसदी सीटों के अलावा 10 प्रतिशत पिछले जिलों के निवासियों, इतना ही महिलाओं, 05 प्रतिशत अल्पसंख्यकों और 01 प्रतिशत विकलांग उम्मीदवारों के लिए है। इन दिनों 30 फीसद स्थान आजादी के लिए संघर्ष में शामिल लोगों के वंशजों के आरक्षण के खिलाफ इस देश में उबाल है। कई लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हैं। ये हालात भारत में वी.पी. सिंह सरकार के दौरान मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने के बाद हिंसक आंदोलनों की याद दिलाते हैं। फिलहाल तो दो बड़े राज्यों में शुरू आरक्षण सम्बंधी छोटी सी हलचल की चर्चा करते हैं। पिछले दिनों कर्नाटक और महाराष्ट्र में दो गतिविधि आरक्षण के मुद्दे पर सोचने की जरूरत बताती है। नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने की इजाजत संविधानसम्मत नहीं है। फिर भी कई राज्य सरकारों ने ऐसा किया है। अभी कर्नाटक में एक बिल आया, जिसके मुताबिक राज्य की प्राइवेट कंपनियों के लिए 50 से 100 फीसदी तक स्थानीय लोगों को ही नौकरियों में रखने की व्यवस्था है। बिल के कानून बनने से पहले ही प्राइवेट कंपनियों ने इस पर चिंता जताई। उनका तर्क था कि ऐसा करने से सेवाओं में सुयोग्य लोगों की कमी हो जाएगी। इसके लागू होने पर कुछ कंपनियों ने राज्य के बाहर जाने के भी संकेत दे डाले। कर्नाटक अन्य उद्योगों के साथ आईटी सेक्टर का ‘हब स्टेट’ माना जाता है। यहां देश से बाहर से भी लोग नौकरियों में हैं। कंपनियों के दबाव के बाद राज्य सरकार ने फिलहाल इस बिल को रोक लिया है। हालांकि अपने फैसले पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि उनकी सरकार कन्नड़ हितों के मुद्दे पर ही बनी है। उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार भी इसी तरह के बयान देते हैं। कर्नाटक के पहले भी कुछ सरकारों ने इस तरह के स्थानीय आरक्षण की पहल की है। इनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और मध्य प्रदेश शामिल हैं। इस तरह की कोशिश विवादों के बीच या तो रोक दी गईं अथवा न्यायालयों में विचाराधीन हैं। असल में हमारा संविधान जन्म अथवा निवास स्थान के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। कर्नाटक सरकार का नया बिल राज्य में पैदा हुए कन्नड़ लोगों अथवा निवास कर रहे कन्नड़भाषियों को आरक्षण देने वाला है। कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र में आरक्षण की नई सुगबुगाहट हुई है। अभी फरवरी में राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में एक विधेयक पारित हुआ है। इस विधेयक के तहत ‘विशेष मराठा समुदाय’ के लिए नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। महाराष्ट्र का मराठा समुदाय एक लड़ाका वर्ग रहा है और शासकों की श्रेणी में भी रहा। इस समुदाय के लोग आज कृषि से लेकर उद्योग-धंधों में भी हैं। शायद इसी को ध्यान में रखते हुए आरक्षण में क्रीमी लेयर का सिद्धांत रखा गया है। यानी इस समुदाय के जो लोग एक निश्चित आय से अधिक अर्जित करते हैं अथवा उनकी संपत्ति है, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। यह विधेयक रिटायर्ड जस्टिस सुनील बी. शुक्रे के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर बना। इसके पहले 2014 और 2018 में भी मराठा समुदाय को आरक्षण देने की कोशिश हुई किंतु यह कानूनी आधार पर खारिज हो गया। इस आरक्षण पर नया विवाद इसलिए है कि आरक्षित मराठे अपने को कुनबी जाति में शामिल करने की मांग करते रहे हैं। इन्हें कुनबी जाति के प्रमाण पत्र जारी करने के प्रयास का अन्य पिछड़ा वर्ग विरोध कर रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले भी यह मुद्दा छाया रहा और राज्य में भाजपा सहित विपक्षी गठबंधन को इसका नुकासान उठाना पड़ा है। अब विधानसभा चुनाव नजदीक है और मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल को दोनों खेमे अपने साथ रखने की कोशिश में हैं। विरोध ओबीसी कोटे के अंदर मराठाओं को आरक्षण देने की कोशिश पर है। सामाजिक-आर्थिक रूप से सक्षम समुदायों की आरक्षण की मांग नई नहीं है। मराठों के पहले हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय भी ऐसी मांग करता रहा है। वर्ष 2016 में तो उसके आंदोलन से हरियाणा में जनजीवन लगभग 10 दिनों तक ठप ही पड़ गया था। इस पूरे परिदृश्य में मुख्य बिंदु यह है कि नौकरी की उम्मीद पाले लोगों की जरूरतों के मुताबिक पब्लिक सेक्टर की सीमाएं और अधिक बढ़ती जा रही हैं। दूसरी ओर प्राइवेट सेक्टर अपने उत्पादन लक्ष्यों और लागत को ध्यान में रखते हुए किसी भी तरह के बाहरी दबाव को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं। इन दबावों में सरकारों के आरक्षण सम्बंधी नियम भी हैं। उन्हें लगता है कि अपने काम में दक्ष लोग ही उनके लिए आरक्षित वर्ग में हैं, चाहें वे किसी भी जातीय समुदाय से हों। दुख है कि नौकरियों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण भी विवाद में आ गया है। वहां इस तरह की मांग उठने लगी है कि जरूरतमंदों को आर्थिक संबल देकर शिक्षित बनाया जाए। आरक्षण का किसी भी तरह का नया विवाद एक आशंका को जन्म देता है। इस तरह की आशंकाओं को समूल खत्म करना प्रमुख विचारणीय मुद्दा होना चाहिए। स्वरोजगार और उसके लिए सरकारी सहायता को बहुत अधिक बढ़ाया जाना आवश्यक है। (लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
Dakhal News
विक्रम उपाध्याय उत्तर प्रदेश में दुकानदारों के लिए मालिक का नाम लिखने को अनिवार्य क्या बना दिया गया, सेकुलर जमातों के बदन में आग लग गई। तरह-तरह के अनर्गल प्रलाप किए जाने लगे हैं। कोई यह कह रहा है कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिन्दू-मुसलमान में विभेद पैदा करने की कोशिश है तो कोई यह कह रहा है कि योगी हिटलर के नाजीवाद की तरह हिन्दूवाद फैला रहे हैं। गोया यह कि पहली बार कोई देश में मुसलमानों को पहचान बताने के लिए कह रहा है। राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक। स्कूल से लेकर नौकरी तक हर जगह देश के नागरिक को अपना नाम और धर्म के बारे में लिखना अनिवार्य है। यह कानूनी बाध्यता भी है और सभी धर्मों में प्रचलन भी। जिस उत्तर प्रदेश की बात हो रही है उसी प्रदेश में मुसलमानों की बस्तियां और उनके संस्थानों के नाम भी मुस्लिम हैं। केवल प्रदेश के मुसलमान ही नहीं, पूरे भारत के मुसलमान अपनी पहचान को आगे रख कर तब हमेशा चलते हैं, जब उनको लाभ लेना होता है, जब उनको वोट देना होता है, जब उनको सरकार या समाज के खिलाफ आंदोलन या प्रदर्शन करना होता है। और छोड़िए, देश के किसी भी कोने में चले जाइए। सुबह हो शाम, मुहल्ले में हो बाजार में, अधिकतर मुसलमान अपनी पहचान जताने के लिए सिर पर गोल टोपी धारण किए हुए दिखते हैं। हां, कुछ सालों में कुछ मुसलमानों ने तब अपनी पहचान छुपाई, जब उनको कोई अपराध करना होता है। जब स्कूल-काॅलेज गोइंग लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फांसना होता है। कुछ मुसलमान तब अपना नाम बताने से गुरेज करते हैं जब उनको हिन्दू के मोहल्ले में जाकर सब्जियां, फल या कपड़े बेचने होते हैं। कुछ मुसलमान तब भी अपनी पहचान छिपाते हैं, जब उनको किसी हिन्दू लड़की से दूसरी या तीसरी शादी करनी होती है। ये कुछ उदाहरण नहीं हैं। बल्कि पिछले दिनों कई बार टेलीविजन स्क्रीन पर दिखाया जा चुका है कि किस तरह कोई मुसलिम रसोइया हिन्दू की शादियों या त्योहारों में खाना बनाने के बाद उसमें थूकते हैं। जावेद हबीब जैसे पढ़े-लिखे मशहूर लोग किसी के बाल संवारते वक्त उसके सिर में थूक की लेप लगाते हैं। ऐसा उत्तर प्रदेश में भी हुआ और देश के अन्य हिस्सों में। अब जो सेकुलर जमाती यह कह रहे हैं कि मुस्लिम दुकानदारों के नाम उजागर कर के उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा पाप कर दिया है, क्या वे लोग इससे इनकार कर सकते हैं कि दुनिया का कोई भी मुसलमान अपने मजहब या अपने पैगंबर के अलावा किसी और को दिल से नहीं मानता। उसके लिए पवित्रता या श्रद्धा सिर्फ उसके मजहब तक ही सीमित है किसी भी और धर्म या मजहब के लिए सेवा या श्रद्धा भाव ऊपरी मन या स्थानीय दबाव के अलावा कुछ नहीं होता। क्या कोई बड़ा सेकुलर वि़द्वान यह बता सकता है कि कब किसी मुसलमान ने मंदिर में आकर तिलक लगाया है, या कब किसी मुस्लिम ने किसी मंदिर में श्रद्धा के दीपक जलाए हैं। यह संभव ही नहीं है, क्योंकि इस्लाम उन्हें इस बात की इजाजत ही नहीं देता कि वह ऐसा कर सके। यदि इस सच्चाई के बाद कोई सरकार यह इंतजाम करती है कि कांवड़ तीर्थयात्रियों की भक्ति में विघ्न ना पड़े, उनके व्रत का खंडन न हो या फिर उनके प्रति कोई शैतानी न कर सके तो इसमें गलत क्या है। जिस मनोयोग से शिवभक्त उपासक कांवड़ लेकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर शिव मंदिर में जल चढ़ाने जाते हैं, सोचिए (सोचना ही होगा), यदि उन्हें यह पता चलता है कि उनकी भक्ति दूषित हो गई है, उन्हें उन्हीं बर्तनों में किसी ने खाना खिला दिया है, जिन बर्तनों में वे हमेशा मांस पकाते या परोसते रहे हैं, तो उन पर क्या बीतेगी। यदि यही बात उन्हें कांवड़ के समय पता चलती है तो फिर माहौल क्या होगा। कांवड़ के दौरान दंगे-फसाद इसी उत्तर प्रदेश ने खूब देखे हैं, जिसे मुसलमान यूपी कहकर पुकारते हैं। हाय-तौबा मचा रहे सेकुलर जमातियों से यह सवाल जरूर पूछा जाना चाहिए कि यदि दुकानदार अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखते हैं तो यह उनके व्यवसाय पर हमला कैसे हो गया? उनके साथ यह भेदभाव कैसे हो गया? जिन लोगों को उनके यहां खाना हो या जिनके यहां से फल या सब्जी लेना हो उनको कौन रोकेगा। स्थानीय मुस्लिम होटल या हिन्दू होटल के बारे में लोगों को आमतौर पर पहले ही पता होता है। ज्यादातर होटलों के अपने बंधे-बंधाए ग्राहक भी होते हैं। अरे, सेकुलरवादियो बताओ भी, फिर नाम लिखने से उनका धंधा कैसे चौपट हो जाएगा? यह सावधानी तो सिर्फ उनके लिए बरती जाएगी, जो स्थानीय नहीं है। वर्ष में एक या दो बार ये कांवड़ तीर्थयात्री उस क्षेत्र से होकर गुजरते हैं। हरिद्वार से कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु केवल यूपी के नहीं होते, हरियाणा और राजस्थान के भी होते हैं। जो ज्यादातर सात्विक भोजन करने वाले होते हैं। उनको यूपी में पतित करने वालों से बचाने में किसी छिपे एजेंडे का काम कैसे हो सकता है। भारत में मुसलमानों की संख्या किसी भी मुस्लिम देश की जनसंख्या से ज्यादा है। इंडोनेशिया को छोड़ दें तो भारत में सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं। इतनी बड़ी जनसंख्या को किसी हिन्दू त्यौहार से खतरा हो जाए यह संभव नहीं है। यह भी संभव नहीं है कि किसी के कहने से देश के हिन्दू मुसलमानों के साथ कारोबार करने से इनकार कर दे। उनके साथ व्यापारिक लेनदेन बंद कर दें। उत्तर प्रदेश का हर शहर मुसलमान व्यापारियों से पटा पड़ा है। अधिकतर कारीगर मुस्लिम हैं। ये खूब फल-फूल भी रहे हैं। किसी हिन्दू के यहां ना इनका आना जाना रुक सकता है और ना इनसे कोई सामान लेने से इनकार कर सकता है। फिर यह तर्क क्यों दिया जा रहा है कि मुसलमानों के रोजगार को टारगेट करने के लिए दुकानदारों के नाम लिखवाए जा रहे है। ऐसा हरगिज नहीं है। इसे इस तरह समझिए। जैसे मुसलमान साल के एक महीने पूरी तरह रोजा रखते हैं। उसमें किसी तरह की कोई कोताही या कोई चूक नहीं होने देना चाहते। वह इस पाक महीने में इस्लामिक नियमों का तसल्ली से पालन करते हैं। वे किसी और की दखल बर्दाश्त नहीं करते, उसी तरह हिन्दुओं के लिए भी सावन का एक ही महीना आता है जब वह सड़कों पर होते हैं। नये रूट से अपने मंदिरों की ओर जल भरकर लौटते हैं। उनको यह अधिकार है कि वह यह जानें कि वह जो भोजन कर रहे हैं, उनकी आस्था के अनुरूप है, जिनसे वह प्रसाद या पूजा की सामग्री खरीद रहे हैं, वह उन्हें उनकी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है और उसका आदर करता है। यह भाव कोई हिन्दू दीपावली या होली में उतना आग्रह से नहीं रखता। उसे मालूम हो या ना हो कि दीपावली का दिया बेचने वाला उसके धर्म का है कि नहीं, वह खरीदता ही है। मगर शिव साधना या गायत्री पूजन में यह लापरवाही नहीं करना चाहता। सेकुलर जमातों को यह समझ में आना चाहिए। (लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
Dakhal News
विक्रम उपाध्याय उत्तर प्रदेश में दुकानदारों के लिए मालिक का नाम लिखने को अनिवार्य क्या बना दिया गया, सेकुलर जमातों के बदन में आग लग गई। तरह-तरह के अनर्गल प्रलाप किए जाने लगे हैं। कोई यह कह रहा है कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिन्दू-मुसलमान में विभेद पैदा करने की कोशिश है तो कोई यह कह रहा है कि योगी हिटलर के नाजीवाद की तरह हिन्दूवाद फैला रहे हैं। गोया यह कि पहली बार कोई देश में मुसलमानों को पहचान बताने के लिए कह रहा है। राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक। स्कूल से लेकर नौकरी तक हर जगह देश के नागरिक को अपना नाम और धर्म के बारे में लिखना अनिवार्य है। यह कानूनी बाध्यता भी है और सभी धर्मों में प्रचलन भी। जिस उत्तर प्रदेश की बात हो रही है उसी प्रदेश में मुसलमानों की बस्तियां और उनके संस्थानों के नाम भी मुस्लिम हैं। केवल प्रदेश के मुसलमान ही नहीं, पूरे भारत के मुसलमान अपनी पहचान को आगे रख कर तब हमेशा चलते हैं, जब उनको लाभ लेना होता है, जब उनको वोट देना होता है, जब उनको सरकार या समाज के खिलाफ आंदोलन या प्रदर्शन करना होता है। और छोड़िए, देश के किसी भी कोने में चले जाइए। सुबह हो शाम, मुहल्ले में हो बाजार में, अधिकतर मुसलमान अपनी पहचान जताने के लिए सिर पर गोल टोपी धारण किए हुए दिखते हैं। हां, कुछ सालों में कुछ मुसलमानों ने तब अपनी पहचान छुपाई, जब उनको कोई अपराध करना होता है। जब स्कूल-काॅलेज गोइंग लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फांसना होता है। कुछ मुसलमान तब अपना नाम बताने से गुरेज करते हैं जब उनको हिन्दू के मोहल्ले में जाकर सब्जियां, फल या कपड़े बेचने होते हैं। कुछ मुसलमान तब भी अपनी पहचान छिपाते हैं, जब उनको किसी हिन्दू लड़की से दूसरी या तीसरी शादी करनी होती है। ये कुछ उदाहरण नहीं हैं। बल्कि पिछले दिनों कई बार टेलीविजन स्क्रीन पर दिखाया जा चुका है कि किस तरह कोई मुसलिम रसोइया हिन्दू की शादियों या त्योहारों में खाना बनाने के बाद उसमें थूकते हैं। जावेद हबीब जैसे पढ़े-लिखे मशहूर लोग किसी के बाल संवारते वक्त उसके सिर में थूक की लेप लगाते हैं। ऐसा उत्तर प्रदेश में भी हुआ और देश के अन्य हिस्सों में। अब जो सेकुलर जमाती यह कह रहे हैं कि मुस्लिम दुकानदारों के नाम उजागर कर के उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा पाप कर दिया है, क्या वे लोग इससे इनकार कर सकते हैं कि दुनिया का कोई भी मुसलमान अपने मजहब या अपने पैगंबर के अलावा किसी और को दिल से नहीं मानता। उसके लिए पवित्रता या श्रद्धा सिर्फ उसके मजहब तक ही सीमित है किसी भी और धर्म या मजहब के लिए सेवा या श्रद्धा भाव ऊपरी मन या स्थानीय दबाव के अलावा कुछ नहीं होता। क्या कोई बड़ा सेकुलर वि़द्वान यह बता सकता है कि कब किसी मुसलमान ने मंदिर में आकर तिलक लगाया है, या कब किसी मुस्लिम ने किसी मंदिर में श्रद्धा के दीपक जलाए हैं। यह संभव ही नहीं है, क्योंकि इस्लाम उन्हें इस बात की इजाजत ही नहीं देता कि वह ऐसा कर सके। यदि इस सच्चाई के बाद कोई सरकार यह इंतजाम करती है कि कांवड़ तीर्थयात्रियों की भक्ति में विघ्न ना पड़े, उनके व्रत का खंडन न हो या फिर उनके प्रति कोई शैतानी न कर सके तो इसमें गलत क्या है। जिस मनोयोग से शिवभक्त उपासक कांवड़ लेकर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर शिव मंदिर में जल चढ़ाने जाते हैं, सोचिए (सोचना ही होगा), यदि उन्हें यह पता चलता है कि उनकी भक्ति दूषित हो गई है, उन्हें उन्हीं बर्तनों में किसी ने खाना खिला दिया है, जिन बर्तनों में वे हमेशा मांस पकाते या परोसते रहे हैं, तो उन पर क्या बीतेगी। यदि यही बात उन्हें कांवड़ के समय पता चलती है तो फिर माहौल क्या होगा। कांवड़ के दौरान दंगे-फसाद इसी उत्तर प्रदेश ने खूब देखे हैं, जिसे मुसलमान यूपी कहकर पुकारते हैं। हाय-तौबा मचा रहे सेकुलर जमातियों से यह सवाल जरूर पूछा जाना चाहिए कि यदि दुकानदार अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखते हैं तो यह उनके व्यवसाय पर हमला कैसे हो गया? उनके साथ यह भेदभाव कैसे हो गया? जिन लोगों को उनके यहां खाना हो या जिनके यहां से फल या सब्जी लेना हो उनको कौन रोकेगा। स्थानीय मुस्लिम होटल या हिन्दू होटल के बारे में लोगों को आमतौर पर पहले ही पता होता है। ज्यादातर होटलों के अपने बंधे-बंधाए ग्राहक भी होते हैं। अरे, सेकुलरवादियो बताओ भी, फिर नाम लिखने से उनका धंधा कैसे चौपट हो जाएगा? यह सावधानी तो सिर्फ उनके लिए बरती जाएगी, जो स्थानीय नहीं है। वर्ष में एक या दो बार ये कांवड़ तीर्थयात्री उस क्षेत्र से होकर गुजरते हैं। हरिद्वार से कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु केवल यूपी के नहीं होते, हरियाणा और राजस्थान के भी होते हैं। जो ज्यादातर सात्विक भोजन करने वाले होते हैं। उनको यूपी में पतित करने वालों से बचाने में किसी छिपे एजेंडे का काम कैसे हो सकता है। भारत में मुसलमानों की संख्या किसी भी मुस्लिम देश की जनसंख्या से ज्यादा है। इंडोनेशिया को छोड़ दें तो भारत में सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं। इतनी बड़ी जनसंख्या को किसी हिन्दू त्यौहार से खतरा हो जाए यह संभव नहीं है। यह भी संभव नहीं है कि किसी के कहने से देश के हिन्दू मुसलमानों के साथ कारोबार करने से इनकार कर दे। उनके साथ व्यापारिक लेनदेन बंद कर दें। उत्तर प्रदेश का हर शहर मुसलमान व्यापारियों से पटा पड़ा है। अधिकतर कारीगर मुस्लिम हैं। ये खूब फल-फूल भी रहे हैं। किसी हिन्दू के यहां ना इनका आना जाना रुक सकता है और ना इनसे कोई सामान लेने से इनकार कर सकता है। फिर यह तर्क क्यों दिया जा रहा है कि मुसलमानों के रोजगार को टारगेट करने के लिए दुकानदारों के नाम लिखवाए जा रहे है। ऐसा हरगिज नहीं है। इसे इस तरह समझिए। जैसे मुसलमान साल के एक महीने पूरी तरह रोजा रखते हैं। उसमें किसी तरह की कोई कोताही या कोई चूक नहीं होने देना चाहते। वह इस पाक महीने में इस्लामिक नियमों का तसल्ली से पालन करते हैं। वे किसी और की दखल बर्दाश्त नहीं करते, उसी तरह हिन्दुओं के लिए भी सावन का एक ही महीना आता है जब वह सड़कों पर होते हैं। नये रूट से अपने मंदिरों की ओर जल भरकर लौटते हैं। उनको यह अधिकार है कि वह यह जानें कि वह जो भोजन कर रहे हैं, उनकी आस्था के अनुरूप है, जिनसे वह प्रसाद या पूजा की सामग्री खरीद रहे हैं, वह उन्हें उनकी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है और उसका आदर करता है। यह भाव कोई हिन्दू दीपावली या होली में उतना आग्रह से नहीं रखता। उसे मालूम हो या ना हो कि दीपावली का दिया बेचने वाला उसके धर्म का है कि नहीं, वह खरीदता ही है। मगर शिव साधना या गायत्री पूजन में यह लापरवाही नहीं करना चाहता। सेकुलर जमातों को यह समझ में आना चाहिए। (लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
Dakhal News
इनडोर और आउटडोर खेल का होगा आयोजन ग्वालियर पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार केन्द्रीय जेल बहोड़ापुर के समीप पुलिस लाइन में समर कैंप लगाया गया 30 दिन तक चलने वाले इस समर कैंप का उद्घाटन पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन अरविंद सक्सेना, डीआईजी ग्वालियर रेंज कृष्णावेणी देशावतु और ग्वालियर पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बच्चों की उपस्थिति में किया पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए आयोजित समर कैम्प 30 दिन तक चलेगा इसमें विभिन्न इनडोर और आउटडोर खेल का आयोजन किया जाएगा समर कैंप को आयोजित करने का उद्देश्य बच्चों को नई चीजें सिखाना, उनमें स्वतंत्रता की भावना विकसित करना और बच्चों में सामाजिक कौशल और आत्मविश्वास का विकास करना है
Dakhal News
मप्र नर्सिंग घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाले के मामले में दिल्ली सीबीआई की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है प्रदेश के 70 नर्सिंग कॉलेज उनकी रडार पर है सीबीआई को भ्रष्टाचार के कई इनपुट मिले है इसी कड़ी में दिल्ली सीबीआई की एक टीम ने भोपाल में सीबीआई के एक इंस्पेक्टर राहुल राज के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित घर पर छापा मारा और उन्हें रिश्वत लेते पकड़ा सीबीआई निरीक्षक को रिश्वत देने वाले भोपाल के मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के चेयरमैन अनिल भास्करन और एक मीडिएटर सचिन जैन को भी गिरफ्तार किया है राहुल राज सही सुइटबिलिटी रिपोर्ट देने के नाम पर रिश्वत ले रहे थे गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों को भोपाल में सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया जहां कोर्ट ने सभी आरोपियों को 29 मई तक पीआर पर भेज दिया है...वहीं इस मामले में एनएसयूआई ने बड़ा दावा किया है एनएसयूआई का कहना है कि उनकी शिकायत के बाद सीबीआई के इंस्पेक्टर राहुल राज की रिश्वत लेते गिरफ्तारी हुई है एनएसयूआई नेता रवि परमार का कहना है कि वे जल्द ही अन्य भ्रष्टाचारी निरीक्षकों और नर्सिंग फर्जीवाड़े में शामिल कॉलेज संचालकों और दलालों की जानकारी सीबीआई को देंगे
Dakhal News
तियरा में ग्रीष्म कालीन समर कैंप का आयोजन तियरा पंचायत में ग्रीष्मकालीन समर स्पोर्टस कैंप में सिंगरौली विधायक रामनिवास शाह विशेष रूप से मौजूद रहे सिंगरौली सिंघम स्पोर्ट्स के अध्यक्ष संजय शाह सहित का इस आयोहन में विशेष योगदान रहा इस समर कैंपमें बच्चों को तमाम खेल गतिविधियों को लेकर शिक्षा , स्वास्थ्य सहित, स्वच्छता को लेकर प्रशिक्षण दिया गया विधायक राम निवास शाह ने कैंप के लिए एक करोड़ 60 लाख रुपए दिए जहां युवा खेलकूद कल्याण विभाग के माध्यम से कई सामग्रिया उपलब्ध कराई गई विधायक रामनिवास शाह कैम्प में बच्चों के साथ योग व प्राणायाम किया इसके साथ ही उन्होंने बच्चों से कहा कि आपको किसी भी प्रकार की कमी नही आने देंगे। हम खेलकूद से लेकर पढ़ाई लिखाई तक सभी व्यवस्थाऐ करेंगे उन्होंने बच्चों को स्वच्छता की शपथ दिलाई और कहा खेल भी स्वच्छता के साथ होना चाहिए
Dakhal News
एसडीईआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया खदान में भरा पानी एक मासूम की मौत का सबब बन गया मामला अमरपाटन के रामनगर थाना अंतर्गत ग्राम खोमरहा का है यहां एक दस साल का बालक छुही की खदान में भरे पानी में नहाने गया था नहाने के दौरान वह डूब गया वापस घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की उसके कपड़े छुही खदान के पास पड़े मिले जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई सूचना के बाद एस डी ई आर एफ की टीम भी मौके पर पहुंची घंटों चली तलाश के बाद बालक का शव बाहर निकाला जा सका पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज कर तफ्तीश शुरू कर दी है
Dakhal News
आधे शहर की आबादी पेयजल टैंकरों के सहारा हल्दवानी में प्रचंड गर्मी और पानी कि कमी के चलते लोगों का जीना दूभर हो गया है आए दिन जल संस्थान में लोग पहुंच रहे हैं और पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन कर रह है ऐसे हालात में अब जल संस्थान के अधिकारी भी अब बगले झांकने लगे हैं बारिश न होने और गर्मी के बीच गौला नदी का जल स्तर काफी नीचे गिर गया है आलम यह है कि अब शहर की आधी आबादी को पेयजल टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है इधर नैनीताल जिलाधिकारी वंदना का कहना है कि पूरे जिले में 32 टैंकर दौड़ रहे हैं लोगों से अपील की जा रही है कि पानी की बरबादी न करें उन्होंने कहा कि नलकूप की मोटरें भी स्पेयर के तौर पर रखी गई हैं ताकि पानी की आपूर्ति बाधित न हो पाए वही जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्य भी जल्द पूर्ण कर लिए जाएंगे ताकि पानी कि किल्लत का संपूर्ण समाधान हो सके
Dakhal News
एक साल में पांच लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य बीआईसीसीआई संस्था ने आज राजधानी भोपाल में पिछड़ा वर्ग के सभी व्यवसायियों का एक सेमिनार आयोजित किया जिसमें सभी प्रबुद्धजनों ने प्रदेश में किस तरीके से युवाओं को रोजगार दिया जाए इस पर अपने विचार रखें इस दौरान प्रदेश में 2025 तक 5 फैक्ट्री लगाने की बात की गई जिसके माध्यम से प्रदेश के 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा
Dakhal News
आधा दर्जन दुकानों के काटे चालान लालकुंआ खाद्य विभाग के अधिकारी संजय कुमार सिंह और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी कैलाश चन्द्र के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम ने नगर की आधा दर्जन दुकानों में ताबड़तोड़ छापेमारी की इस दौरान कई दुकानों में एक्सपायरी डेट के सामान के साथ भारी गंदगी पाई गयी जिन्हें सख्त हिदायत दी गई कि भविष्य में वह अपने प्रतिष्ठानों में साफ सफाई रखेंगे खाद्य विभाग की छापेमारी अभियान के दौरान नगर के दुकानदारों में हड़कंप मचा रहा
Dakhal News
भोपाल की युवती दोस्त के साथ गई थी मनाली राजधानी भोपाल के शाहपुरा इलाके में रहने वाले वाली शीतल कौशल घर से बिना बताए अपने हरियाणा के दोस्त विनोद ठाकुर के साथ मनाली घूमने गई थी यहां दोनों ने होटल केडी विला का कमरा नंबर-302 बुक किया था बीती शाम के समय जब युवक विनोद अकेला ही होटल से जाने लगा तो उसने वॉल्वो बस स्टैंड जाने के लिए टैक्सी मंगवा ली ऐसे में वह एक भारी भरकम बैग को गाड़ी में डाल रहा था इस दौरान होटल के स्टाफ को भी शक हुआ और तुरंत मनाली पुलिस को सूचना दी इस बीच युवक मौके से फरार हो गया...पुलिस की टीम तुरंत मौके में पहुंची और टैक्सी में रखे गए बैग को जब बोला गया तो उसमें युवती का शव पाया गया पुलिस की टीम ने तुरंत नाकाबंदी शुरू कर आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया भोपाल जोन वन डीसीपी प्रियंका शुक्ला का कहना है कि इस मामले में मनाली पुलिस कार्रवाई कर रही है
Dakhal News
प्रदेश के 10 जिलों में बूंदाबांदी के आसार मौसम विभाग ने बताया कि पिछले कुछ दिन से वेस्टर्न डिस्टरबेंस, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन की वजह से बारिश, ओले और आंधी वाला मौसम बना हुआ है अभी भी इनकी एक्टिविटी है हालांकि, गुरुवार से असर कम होने लगेगा सिस्टम कमजोर होने से भिंड-दतिया में हीट वेव चलेगी कुछ जगहों पर बादल भी बने रहेंगे मौसम विभाग के अनुसार 17 मई को उत्तर भारत में एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है इसका असर 20 मई से प्रदेश के कुछ हिस्सों में देखने को मिल सकता है
Dakhal News
सिस्टमैटिक ऑटो इम्यून के लिए मिलेगा परामर्श अब सर्वोदय हॉस्पिटल में सिस्टमैटिक ऑटो इम्यून के लिए निशुल्क परामर्श मिलेगा डॉक्टर गौरव सेठ ने जानकारी देते हुए बताया कि सिस्टमैटिक ऑटो इम्यून बीमारियों के एक समूह जहां किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली इम्यून सिस्टम शरीर के जोड़ों पर हमला करती है उनका इलाज रूमेटोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है आमतौर पर यह शरीर के उन क्षेत्र में सूजन पैदा करता है जहां इसकी आवश्यकता नहीं होती है दर्द सूजन और शरीर के अन्य अंग खराब करने जैसी समस्याएं होती हैं यह रोग शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह बीमारी किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकती है इसका इलाज समय पर नहीं किया जाए तो गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं
Dakhal News
आठ वर्षीय मासूम से ज्ञान गंगा होस्टल में दुष्कर्म मिसरोद पुलिस ने ज्ञान गंगा स्कूल के संचालक मिनीराज मोदी को आठ वर्षीय मासूम से छात्रावास में दुष्कर्म के मामले में सोमवार देर रात गिरफ्तार किया इससे पहले पुलिस मामले को जांच के नाम पर 13 दिन तक लटकाए रही ऐसा लग रहा था मोदी को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किये गए ऐसा पहली बार देखने को मिला, जब मासूम बच्ची के मामले में पुलिस ने तीन बार मेडिक्ल कराया और शहर की जानी मानी चार स्त्री रोग विशेषज्ञों की सलाह ली गई इसके पीछे पुलिस की नीयत क्या थी, यह तो नहीं पता, लेकिन बाल कल्याण समिति के सामने मासूम के बयान में भी घटनाक्रम के दोहराने के बाद पुलिस को आखिरकार आरोपी स्कूल संचालक मिनिराज मोदी को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा
Dakhal News
रेत और कोयला तस्करों पर कसा शिकंजा रेत और कोयला तस्करी रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता स्वंय रात्रि में आकस्मिक भ्रमण पर निकल पड़ती हैं अवैध रुप से वाहनो का परिवहन ,ओवरलोड कोल परिवहन, रेत परिवहन व अन्य वाहनो में दस्तावेज पूर्ण व सही नही होने से वाहनो पर कार्यवाही करवाती हैं बीती रात कुल 50 वाहनो पर कार्यवाही की गई महिला एसपी के इस एक्शन से अवैध काम करने वालों में हड़कंप है
Dakhal News
नकुलनाथ ने की EVM की सुरक्षा बढ़ाने की मांग मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर पहले चरण में मतदान संपन्न हो चुके हैं मतदान के बाद पीजी कॉलेज के स्टांग रूम में सभी ईवीएम मशीन को रखा गया है लेकिन सोमवार दोपहर को अचानक यहां मौसम बिगड गया बारिश और आकाशीय बिजली गिरने के चलते स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी बंद हो गए हैं स्ट्रॉन्ग रूम की 3 विधान सभा की एलईडी स्क्रीन अचानक बंद हो गई छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के पांढुरना,जुन्नारदेव और छिंदवाड़ा विधान सभा की स्क्रीन करीब आधा घंटे बंद रही पार्टी प्रतिनिधियों द्वारा सूचना दिए जाने पर उपजिला निर्वाचन अधिकारी के.सी. बोपचे पहुंचे करीब 45 मिनट की मशक्कत के बाद सीसीटीवी दोबारा चालू हो पाए लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ की धड़कन बढ़ा दी नकुलनाथ ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर स्ट्रांग रूम की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है
Dakhal News
कंपनी मैनेजर को लेबरों से नहीं मिलने दे रहा प्रबंधन बीते गुरुवार को उरधन कोयला खदान में प्रबंधक और स्टार एक्स कंपनी के सुपरवाइजर और मैनेजर के साथ विवाद का मामला सामने आया था इस मामले में प्रबंधक और ठेकेदार के लोगों द्वारा शिवपुरी थाने में रिपोर्ट भी लिखाई गई अब इस मामले में स्टार एक्स कंपनी के प्रबंधक इंद्रपाल सिंह और अंकुर शर्मा ने खदान प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए है इनका कहना है कि उन्हें खदान के अंदर लेबरों तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा ना ही मजदूरों तक आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने दी जा रही हैं
Dakhal News
फरियादी से फोन पर की अभद्रता ""तेरी नेताओ की ऐसी की तैसी तू सुन ले अच्छे से और रिकॉर्ड भी कर ले "मुझे घंटा कोई फर्क पड़ता राजनीतिक दबाव का फालतू की बकवास न कर तेरे बाप ने तुझे एक जूता मारा था" मेरे सामने आएगा तो मैं दो जूते मारूंगी तुझे"यह शब्द है रीवा जिले के चाकघाट थाना की टीआई उषा सिंह सोमवंशी के टीआई उषा हमेशा अपने अभद्र आचरण के कारण चर्चा में रहती है इन दिनों उनका एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा हा है जिसमें वो फरियादी के साथ फोन पर अमर्यादित बातचीत करते हुए सुनाई दे रहीं है
Dakhal News
केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत दिल्ली के कथित शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं के लिए अक्षय तृतीया का दिन काफी शुभ रहा सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दे दी है केजरीवाल को जमानत मिलने पर मप्र आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने खुशी जताते हुए कहा कि यह सत्य की जीत है रानी अग्रवाल ने इसे लोकतंत्र और संविधान की जीत भी बताया उन्होंने कहा कि हमारे नेता अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत मिली है उससे तानाशाह मोदी सरकार की हार हुई है हम लोगों का हौसला बढ़ गया है अब इस सरकार के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा4 जून को जैसे ही मतगणना होगी उस मतगणना में इंडिया गठबंधन की बड़ी जीत होगी
Dakhal News
डरपोक लोग इंडी गठबंधन में है कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर के बयान पर सियासत गरमा गई है मणिशंकर अय्यर का कहना है कि कि भारत को पाकिस्तान को इज्जत देनी चाहिए हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उसके पास भी परमाणु बम है कोई सिरफिरा आया तो हम पर इसका इस्तेमाल कर सकता है मणिशंकर अय्यर के बयान पर पूर्व सीएम शिवराज ने निशाना साधा है उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के नेता बौद्धिक दिवालिया हो गए है शिवराज ने कहा कि यह यूपीए की ढीली ढाली सरकार नहीं है आज भारत के प्रधानमंत्री 56 इंच के सीने वाले है हम किसी को छेड़ेंगे नहीं और कोई छेड़ेगा तो छोड़ेंगे नहीं यह डरपोक लोग इंडी गठबंधन में है
Dakhal News
देशभर से आए बाल शोध लेखकों का सम्मान हुआ सम्मान भोपाल में बाल साहित्य शोध केंद्र ने 15 वा वार्षिक सम्मान समारोह आयोजित किया जहाँ देशभर से आए बाल साहित्यकारों का सम्मान किया गया समारोह में बच्चों के लिए साहित्य सृजन करने वाले साहित्यकारों ने कहा अच्छा साहित्य अच्छे भविष्य का निर्माण करता है पटना से ायों साहित्यकार कल्पना सिंह ने कहा कि इस तरीके के सम्मान होते रहना चाहिए ताकि हम लेखकों का उत्साह बना रहे और हम बच्चों के लिए और कुछ अच्छा लिख सकें वही दिल्ली से आई विमल रस्तोगी ने कहा कि मैंने कई कविताएं लिखी है और बच्चों के लिए कई पुस्तक लिखी है इस तरीके के सम्मान होते रहना चाहिए जिससे साहित्यकारों को प्रोत्साहन मिलता रहे बाल साहित्य शोध केंद्र के संचालक महेश सक्सेना ने बताया कि हम पिछले 15 वर्षों से यह कार्यक्रम करते आ रहे हैं कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि लेखक और बच्चों को प्रोत्साहन मिले
Dakhal News
वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप भोपाल में भाजपा जिला पंचायत सदस्य विनय मेहर ने नाबालिग बेटे से अपना वोट डलवाया उन्होंने मोबाइल से इसका वीडियो बनाया और उसे वायरल भी कर दिया मामला तूल पकड़ने के बाद उन्होंने इसे डिलीट कर दिया वहीं अब इस मामले में कांग्रेस हमलावर हो गई है कांग्रेस प्रदेश मीडिया प्रभारी मुकेश नायक का कहना है कि मामले में चुनाव आयोग मूठ बन बैठा हुआ है अगर कोई दिव्यांग या बीमार है तो उसकी तरफ से वोट करने वाला व्यक्ति की आयु 18 साल का होनी चाहिए18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को वोट डालने का अधिकार नहीं है जो वीडियो वायरल हो रहा है इस पर तत्काल निर्वाचन आयोग संज्ञान ले.... और उचित कार्रवाई करें कार्यवाही करें
Dakhal News
पेरू की युवती बनेगी खजुराहो की बहू छतरपुर जिले में प्यार का अनोखा मामला सामने आया है यहां विदेशी दुल्हन को देशी दुल्हा भा गया यह लव स्टोरी खजुराहो के युवक सचिन और पेरू की युवती ब्रियट एन सेलमा की है दोनों की पहले फेसबुक पर दोस्ती हुई इसके बाद वीडिया कॉल का दौर शुरू हुआ और फिर दोनों में प्यार हो गया अब अपने प्यार को अंजाम देने के लिए पेरू की युवती खजुराहो पहुंच गई है लड़के को अपना जीवनसाथी बनाने के लिए लड़की ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत छतरपुर कलेक्ट्रेट में आवेदन दिया है इनकी लव स्टोरी अब चर्चा का विषय बनी हुई है
Dakhal News
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने दुख जताया भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू के निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव गहरा दुख जताते परिजनाें के प्रति संवेदना व्यक्त की है मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि मालू भाजपा की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध, समर्पित कार्यकर्ता थे उन्होंने पार्टी की विभिन्न जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया उनका असमय निधन समाज व भाजपा परिवार के लिए बड़ी क्षति है
Dakhal News
वार्ड 15 के रहवासी पानी की समस्या से परेशान अमरपाटन नगर परिषद वार्ड 15 के रहवासियों का कहना है कि वह लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन विभाग कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है वार्ड पार्षद ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा वाॅल बंद करके वार्ड में पानी आने से रोका जा रहा है पार्षद और रहवासियों ने सीएमओ को ज्ञापन सौंपते हुए जल्द समस्या दूर करने की मांग रखी जिस पर नगर परिषद सीएमओ ने जल्द ही समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया
Dakhal News
गोपनीयता भंग करना भाजपा नेता को पड़ा भारी ग्वालियर में पूर्व पार्षद पति रिंकू परमार मतदान करने डीआरपी लाइन स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय पहुंचे थे वह अपने साथ मोबाइल अंदर ले गए मोबाइल अंदर ले जाने के बाद ईवीएम पर मतदान करते हुए वीडियो बना लिया वीडियो इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर दिया इसी तरह पोहरी के रहने वाले होकम वर्मा ने ईवीएम पर वोट डालते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया दोनों ही पोस्ट खूब वायरल हुई नेताओं से लेकर आम लोगों तक ने इस तरह गोपनीयता भंग करने पर आपत्ति की जिसके बाद प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लेकर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया
Dakhal News
भोपाल लोकसभा में दोपहर 3 बजे तक 50.16 % मतदान भोपाल लोकसभा सीट के लिए तीसरे चरण में वोटिंग चल रही है प्रदेश के मतदाता लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें रहे हैं मप्र की 9 सीटों पर दोपहर तीन बजे तक कुल 54.09 प्रतिशत मतदान हो चुका हैं सबसे अधिक राजगढ़ में 63.69 प्रतिशत तो वहीं सबसे कम भिंड लोकसभा सीट में 44.18 प्रतिशत वोटिंग हुई है वहीं बात राजधानी भोपाल की करें तो यहां दोपहर 3 बजे तक 50.16 प्रतिशत मतदान हो चुका है सबसे ज्यादा 61.38% मतदान सीहोर विधानसभा में हुआ भोपाल मध्य विधानसभा सीट पर सबसे कम 43.00 प्रतिशत मतदान हुआ है
Dakhal News
दस लाख के 51 मोबाइल मिले साईबर पुलिस को उस वक्त बडी कामयाबी हांसिल हुई जब उसने चोरी गये दस लाख के 51मोबाइल फोन बरामद चोरों से बरामद किये इन फोनो को खोजने में साईबर सेल की मदद ली गई एसपी अगम जैन ने बरामद मोबाइलों को उनके मालिकों को वापिस दिया गुम मोबाइल मिलने से लोग खुश नजर आये
Dakhal News
अब आपकी बारी सबसे पहले करें मतदान लोकसभा चुनाव में तीसरे चरण का मतदान मंगलवार को होना है भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में ईवीएम मशीन के वितरण का केंद्र बनाया गया है सुबह से ही ईवीएम मशीन मतदान दल के लिए वितरित की जा रही हैं मतदान केदो पर बैठने वाले बीएलओ का कहना है कि हमें पहले से ही ईवीएम मशीन को लेकर जानकारी और ट्रेनिंग दी गई है आज पर्ची के आधार पर हमें ईवीएम मशीन समेत पूरी सामग्री मुहैया कराई गई है कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह समेत सभी अधिकारियों ने इसका जायजा लिया और व्यवस्था पूरे तरीके से बहुत माना तीसरे चरण में मध्यप्रदेश के 9 लोकसभा क्षेत्र में मतदान किया जाएगा
Dakhal News
भिंड और मुरैना में वेब कास्टिंग की सुविधा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कल एमपी के 9 लोकसभा सीटो पर मतदान किया जाएगा इन 9 लोकसभा सीटो में 19 जिले शामिल है गर्मी को ध्यान में रखते हुए मिनि ICU पानी,टेंट,पंखे,कुर्सियों की व्यवस्था की गई है सुरक्षा के लिए 299 प्राइम स्क्वाड तैनात है 9 सीटो पर कुल 127 उम्मीदवार है जिनमें 9 महिलाए और 118 पुरुष है... सबसे ज्यादा प्रत्याशी भोपाल लोकसभा सीट पर कुल 22 प्रत्यासी है,सबसे कम भिंड लोकसभा सीट पर 7 प्रत्याशी है 9 सीटो पर 20 हजार 456 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं 2043 पिंक पोलिंग बूथ है चुनाव घोषणा के बाद से अब तक 280 करोड़ रूपए से अधिक की जप्ती की गई है पहले और दूसरे चरण में करीब 60 से 65% बूथों वेब कास्टिंग की गई थी तीसरे चरण में भिंड और मुरैना में वेब कास्टिंग की सुविधा दी गई है
Dakhal News
ग्रामीण बोले सीएम हेल्पलाइन को बंद करें मुख्यमंत्री तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि कैसे बरसों से जाम पड़ी हुई है नालियां और लोग गंदे पानी से निकलने के लिए मजबूर हो रहे हैं ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जब लाखों रुपए की राशि स्वच्छता के लिए दी जा रही है तो सरसई पंचयात में आखिर नालियां क्यों ब्लॉक पड़ी हुई है वही जब इस समस्या को लेकर ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने जमकर सरपंच और जिम्मेदार अधिकारियों पर जुबानी हमला बोला कुछ ग्रामीण ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला ग्रामीणों ने कहा मुख्यमंत्री मोहन यादव अपनी सीएम हेल्पलाइन बंद कर दें क्योंकि उस से कोई समाधान नहीं होता
Dakhal News
प्रत्येक बूथ पर हर 3 घंटे में तीन इनाम निकलेंगे चुनाव का तीसरा चरण सात मई को भरी गर्मी के बीच आ रहा है ऐसे में वोटर्स को घर से बाहर निकालने और वोट डालने के लिए चुनाव आयोग लुभावना आफर दे रहा है भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 7 तारीख को सभी को लोकतंत्र के महा अभियान में भागीदारी निभाई है मतदान बढ़ाने के लिए सरकारी तंत्र अपने स्तर पर जागरूकता फैलाएगा उन्होंने कहा कि जो सबसे पहले वोट करेगा उसे सम्मानित किया जाएगा प्रत्येक बूथ पर हर 3 घंटे पर तीन इनाम निकलेंगे ताकि अधिक से अधिक लोग वोट हों इसमें वोटर्स के नाम लकी ड्रॉ के ज़रिए निकाले जाएँगे
Dakhal News
निगम द्वारा निःशुल्क प्याऊ खोले जाऐंगे सिंगरौली निगम क्षेत्र के अंतर्गत 13 वाटर एटीएम लगे हुए है जिनकी देखरेख के लिए निगम आयुक्त डी के शर्मा ने निर्देश दिये इसके अलावा निगम के द्वारा अलग से निःशुल्क प्याऊ खोले जाऐंगे निगम आयुक्त ने बताया कि जल की सप्लाई हर वार्ड तक पहुंचे यह हमारी पहली प्राथमिकता रहेगी अतिक्रमण करने वालों पर लगातार निगम के द्वारा कार्यवाही जारी रहेगी उन्होंने वार्ड की जनता से स्वच्छता को बनाए रखने का आग्रह किया
Dakhal News
आधा दर्जन क्लीनिक हुए सीज, चालान कटा तहसीलदार मनीषा बिष्ट और एसीएमओ डॉ रजत भट्ट के संयुक्त नेतृत्व में टीम ने लालकुआँ और हल्दूचौड़ क्षेत्र में झोलाछाप निजी क्लिनिकों और मेडिकलों में छापेमारी अभियान चलाया हल्दूचौड़ स्थित डीके क्लीनिक में संचालक द्वारा मिनी मेडिकल स्टोर चलाया जा रहा था यहां भारी मात्रा में इंजेक्शन एवं दवाएं बेची जा रही थी टीम ने क्लीनिक को सीज करते हुए संचालक का 10 हजार का चालान किया इस दौरान टीम ने आधा दर्जन क्लीनिक सीज कर दिए वही सभी के चालान करते हुए उन्हें तीन दिन के भीतर सीएमओ कार्यालय प्रपत्रों के साथ पहुंचने के निर्देश दिए हैं
Dakhal News
कलेक्टर ने सभी से ड्रेस कोड का पालन करने की अपील अब दमोह जिले के सरकारी कार्यालयों में अधिकारी - कर्मचारी पेंट शर्ट पहने नजर आयेगे और ये शर्ट पेंट भी भड़कीले रंगों वाले नही होंगे दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिले भर के सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारी जींस टी शर्ट पहन कर नही आएंगे.. और जो आएगा उसे अनुशासन हीनता के दायरे में रखा जाएगा जिस पर प्रशासनिक कार्यवाही भी हो सकती है कलेक्टर कोचर के मुताबिक सरकारी ऑफिस सरकार के ऑफिस हैं और यहां काम करने वाले लोग सरकार के प्रतिनिधि है लिहाजा उनका रहन सहन वस्त्र भी सादगी पूर्ण होने चाहिए उन्होंने कहा कि सिविल सेवा के नियमों में भी इसका उल्लेख है शालीनता के साथ शालीन कपडे आम लोगों मे प्रशासन की छवि को और बेहतर बनाने में मदद करेगी इस आदेश के बाद जिले के हजारों सरकारी अधिकारी कर्मचारी प्रभावित होंगे वही जो लोग कपड़ो के शौकीन है खास तौर पर टिपटॉप रहते हुए जिन्हें जीन्स- टी शर्ट पसंद है उनके लिए जरूर मुसीबत बढ़ गई है
Dakhal News
कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रियंका गांधी के मध्य प्रदेश दौरे पर तंज कसा उन्हाेंने कहा कि प्रियंका गांधी अमेठी भी गई थी लेकिन क्या हुआ वहां कांग्रेस का चोपड़ा साफ हो गया मध्य प्रदेश आने से भी कुछ फर्कनहीं पड़ने वाला है कांग्रेस आज भी फूड डालो राज करो कि राजनीति करती है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गए है वे पाकिस्तान को खुश करने के लिए बयान देते है कांग्रेस हमेशा से ही तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है
Dakhal News
टेंडर महंगा होने से दुकानें हुई कम चैती मेले में दुकानों के महंगे किराये के कारण व्यवसायियों की कमर टूट गई है अधिक कीमत के कारण दुकानदारों के लिए किराया निकालना भी मुशिकल हो गया है इस बर्ष चैती मेले का टेंडर साढ़े तीन करोड़ रुपये से ऊपर का बताया जा रहा है जिसकी वजह से ठेकेदारों और दुकानदारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है व्यवसायियों का कहना है कि जब से चैती मेला सरकार के आधीन हुआ है तब से मेले की दशा खराब हो गई है आने वाले दिनों मे चैती मेले का अस्तित्व समाप्त होता नजर आ रहा है
Dakhal News
लड़की के परिजनों को किया गया तलब दखल न्यूज़ पर कॉलेज का रील काण्ड दिखाए जाने के बाद अमरपाटन शासकीय महाविद्यालय के अंदर बन रही इंस्टाग्राम रील के मामले में प्राचार्य ने कार्यवाही की हैं कॉलेज में चेतना कुशवाहा नामक युवती लगातार महाविद्यालय के अंदर से रील बना कर रही इंस्टाग्राम व फेसबुक पर पोस्ट कर वायरल कर रही थी , इस खबर को दखल न्यूज ने प्रमुखता से दिखाया तो खबर का बड़ा असर हुआ इसके बाद प्राचार्य एक्शन में आए और छात्रा को नोटिस जारी किया ,साथ ही उसके माता पिता को भी तलब किया हैं व अनुशासन समिति कोइस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है
Dakhal News
समस्याओं को लेकर CMO को सौंपा ज्ञापन पानी और सफाई जैसी मूलभूत समस्याओं को लेकर अमरपाटन में वार्ड क्रमांक पांच के रहवासी अब सड़क पर उतर आए है सोमवार को लोगों ने पानी और गंदगी की समस्या को लेकर नगर परिषद का घेराव किया इस दौरान वार्ड के पार्षद भी मौजूद रहे लोगों ने क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को से सीएमओ काे अवगत कराया और उसके समाधान के लिए ज्ञापन सौंपा नगर परिषद CMO ने जल्द ही सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया
Dakhal News
मंत्री सारंग ने की जीतू के इस्तीफे की मांग गुजरात की तरह मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस को एक झटका लगा है इंदौर लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है जिसके बाद जुबानी जंग तेज हो गई है कांग्रेस मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने कहा है कि ऐसी घटना अचानक नहीं होती इसकी सूचना अचानक मिलती है भारतीय जनता पार्टी षड्यंत्र रचती है धनबल का प्रयोग करती है और शासन का सहयोग लेती है...तब जाकर ऐसी घटनाएं होती है बीजेपी से हमारा संघर्ष है अभी ऐसी और भी घटनाएं हमें देखनी है वहीं कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र को फिर से एक बार शर्मशार करने का काम किया है भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी बहुत ही कमजोर प्रत्याशी के रूप में उभर के सामनेआए हैं जिससे घबरा कर भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी के ऊपर चार दिन बाद 307 का अपहरण अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया था लगातार कांग्रेस प्रत्याशी पर दबाव बनाया जा रहा था वहीं इस पूरे मामले पर प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि अक्षय क्रांति ने अपना फार्म वापस लिया है इस पर कांग्रेस बवाल मचा रही है सही मायने में तो कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी जिस शहर से आते हैं वहां के प्रत्याशी ने फॉर्म वापस लिया है सही मायने में तो जीतू पटवारी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए
Dakhal News
मर्यादाओं को भूलकर किया डांस मैहर जिले के रामनगर थाना में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक सुशील कुमार अहिरवार का एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है इस वीडियो में दरोगा साहब सारी मर्यादाओं को भूलकर महिला डांसर के साथ पुलिस व मिलिट्री मिक्स ड्रेस पहनकर डांस करते नजर आ रहे हैं दरोगा साहब ने जिस वक्त यह डांस किया गया था उस वक्त वे अपनी पिस्टल भी कमर में खोंसे हुए दिखाई दे रहे हैं अब उनका यह वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है
Dakhal News
438 विद्यार्थियों को प्रदान मिली उपाधि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के पी. एम. जी इंडिया के सी ई ओ येजदी नागपुरबाला के साथ प्रबंध संस्थान के चैयरमेंन संदीप शर्मा और डायरेक्टर प्रोफेसर कुलभूषण वालोनि ने बताया कि दिक्षांत समारोह में आई आई एम के एक्जिक्युटिव एम वी ए के पहले बैच के 438 विद्यार्थियों को उपाधि और पदक प्रदान किये गए
Dakhal News
फैशन शो के माध्यम से वोट डालने की अपील कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह की उपस्थिति में मतदाता जागरूकता का संदेश देने और सभी भोपाल वासियों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए राग भोपली में ट्रांसज़ेंडर्स फ़ैशन शो का आयोजन किया गया इस फैशन शो में बुजुर्ग, फर्स्ट टाइम वोटर और अन्य प्रतिभागी भी शामिल हुए इस दौरान सीईओ जिला पंचायत एवं स्वीप नोडल अधिकारी ऋतुराज सिंह सहित भारी संख्या में आम जन उपस्थित रहे
Dakhal News
चुनाव का रंग मतदाताओं के संग चुनावी राहगीरी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ग्वालियर जिलाधीश रुचिका चौहान थी यह कार्यक्रम जिला प्रशासन तथा नगर निगम के द्वारा आयोजित किया गया इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न संस्थाओं ,विद्यालयों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया इसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करना था इस अवसर पर ग्वालियर जिला कलेक्टर रूचिका चौहान ने कहा कि हमारा प्रयास है आगामी 7 मई को होने जा रहे लोकसभा चुनाव में मतदाता अपने मतदान का शत प्रतिशत प्रयोग करें और ग्वालियर जिला मतदान में प्रथम स्थान प्राप्त करे
Dakhal News
मप्र और उप्र के लोग हुए शामिल सामूहिक व्रतबंध कार्यक्रम में मध्य प्रदेश सहित उत्तर प्रदेश के भी लोग शामिल हुए आयोजन गुंजारी लाल तिवारी ने बताया कि 24 ब्राह्मण पुत्रों का व्रतबंध संपन्न कराया गया इस व्रतबंध में कई विद्वान पंडितों को बुलाया गया था व्रतबंध में आए हुए श्रद्धालुओं अतिथियों के लिए भव्य भंडारे का आयोजन किया गया था अब प्रत्येक वर्ष ब्राह्मण पुत्रों का व्रतबंध सामुहिक तौर पर कराया जाएगा
Dakhal News
डॉ राजेंद्र सिंह:इस चुनाव में उत्साह कम पूर्व मंत्री डॉ राजेंद्र कुमार सिंह ने मतदान के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि 2019 की अपेक्षा इस चुनाव में उत्साह कम नजर आ रहा है उन्होंने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है जिसको बचाने के लिए मैंने अपने मत का प्रयोग किया है उन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सीट बढ़ने का दावा किया है
Dakhal News
बघेल ने पूर्व सांसद स्वर्गीय देवव्रत की भावनाओं को ठेस पहुंचाई छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विवादों से पुराना नाता रहा है लगातार छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के चलते उन पर विभिन्न जांच एजेंसियां पहले ही सक्रिय है वर्तमान में वह राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार है इस बीच पूर्व सांसद स्वर्गीय देवव्रत सिंह की पत्नी विभा सिंह ने भूपेश बघेल पर राजा साहब के वजूद को मिटाने का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम बघेल तलाक शुदा पदमा सिंह को स्वर्गीय देवव्रत की पत्नी बताकर जनता को गुमराह कर रहे हैं और वोट बटोरने का प्रयास कर रहे हैं
Dakhal News
पहले शादी समारोह में घुसकर लहराया था तमंचा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई शालिग्राम गर्ग एक बार फिर विवादों में है शालिग्राम गर्ग पर टोल प्लाजा कर्मचारियों से मारपीट का आरोप लगा हैं पुलिस ने शिकायत मिलने पर शालिग्राम गर्ग सहित 10 लोगों पर मामला दर्ज किया है घटना के बाद से सभी आरोपी फरार है पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है बता दें कि इससे पहले भी शालिग्राम पर गंभीर आरोप लग चुके हैं शालिग्राम पर शादी समारोह में घुसकर तमंचा लहराने का आरोप लगा था उस वक्त उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था
Dakhal News
विजेताओं को मिलेगा नगद पुरस्कार प्राइम हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर विमल वोहरा ने बताया कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता मैराथन 28 अप्रेल को होगी रेस में सभी आयु वर्ग के प्रतिभागी भाग लें सकेंगे रेस के दौरान सभी जरुरी सुविधाएं प्राइम हॉस्पिटल की टीम के द्वारा की जायेगी मैराथन रेस में प्रथम विजेता को 51 सौ रुपये, द्वितीय विजेता को 31 सौ रुपये और तीसरे विजेता को 21 सौ रुपये का इनाम दिया जायेगा
Dakhal News
सेनेटरी पैड के लिए साइकल यात्रा सुरेंद्र बामने सेनेटरी पैड को फ्री करवाने को लेकर मध्य प्रदेश में साइकिल यात्रा पर हैं सुरेंद्र बामने इटारसी के नर्मदापुरम अमराई गांव से हैं ये 6 दिसंबर 2023 से साइकिल यात्रा निकालकर हर जिले में जाकर महिलाएं एवं बच्चियों को सैनिटरी पैड के बारे में जागरूक कर रहे हैं एवं जिले के कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम आवेदन देकर मुख्यमंत्री से सेनेटरी पैड को फ्री करने के लिए मांग कर रहे हैं सिंगरौली पहुंचे सुरेंद्र बामने ने बताया कि अब तक 111 दिनों में 6350 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर चुके हैं और महिलाओं एवं बच्चियों को जागरुक कर रहे हैं सुरेंद्र बामने ने बताया कि वह मुंबई में सीरियल पर काम करते थे राधा कृष्ण , चंद्रगुप्त जैसे सीरियलों में काम करके जब वह अपने घर इटारसी के अमराई जा रहे थे तभी उन्हें ट्रेन में खंडवा में एक नाबालिक बच्ची पीरियड से परेशान दिखाई दी उन्होंने उस बच्ची की मदद की और वहीं से ठान लिया और सेनेटरी पैड को फ्री करवाने को लेकर साइकिल यात्रा शुरू की सुरेंद्र बामने बताते हैं कि ग्रामीण अंचल में आज भी महिलाएं एवं बच्चिया गंदे कपड़े यूज़ करती हैं जिसकी वजह से उन्हें गंभीर बीमारियां हो रही है एवं सर्वाइकल कैंसर से लाखों महिलाओं की मौत हो चुकी है
Dakhal News
बस कंडेक्टर का बेटा है रौनक सिंह बघेल माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10 और12वी के परिणाम घोषित किये हैं मैहर के बस कंडेक्टर के बेटे रौनक सिंह बघेल ने प्रदेश में गणित संकाय से नौवा स्थान लाकर पूरे जिले को गौरान्वित किया है रौनक का रिजल्ट आने के बाद घर मे माता पिता ने मिठाई खिलाकर खुशिया मनाई रौनक मैहर जिले के रामपुर मुड़वाड़ के रहने वाले है जो 10 किलोमीटर दूर चलकर अमरपाटन स्थित सीएम राइज विद्यालय से पढ़ाई कर रहे थे रौनक के पिता राघवेंद्र सिंह पेशे से बस कंडक्टर हैं जो कम आमदनी होने के बाद भी बेटे की पढ़ाई में कोई कमी नही आने देते हैं रौनक घर मे रह कर 16-16 घंटे पढ़ाई करता था आज उसी के मेहनत का ही नतीजा हैं। .. जिससे न सिर्फ उनके माता पिता बल्कि पूरे जिले का नाम गौरान्वित हुआ है
Dakhal News
10वीं में 58.10% और 12वीं में 64.49 प्रतिशत स्टूडेंट्स हुए पास माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश ने 10वीं और बारहवीं बोर्ड का रिजल्ट जारी कर दिया है इस साल दसवीं में 58.10% स्टूडेंट्स पास हुए हैं यह पिछले साल से 5.19 प्रतिशत कम है वहीं बारहवीं में इस साल 64.49 प्रतिशत नियमित और 22.46 प्रतिशत प्राइवेट स्टूडेंट पास हुए हैं मालूम हो कि इस साल इन दोनों परीक्षाओं में 17 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने भाग लिया था
Dakhal News
वैशाख और ज्येष्ठ माह में होगा गलंतिका से अभिषेक श्री महाकालेश्वर मंदिर में परंपरानुसार भगवान महाकाल पर 11 मिट्टी के कलशों से सतत जलधारा हेतु गलंतिका बांधी गई है यह क्रम प्रतिदिन 22 जून तक चलेगा गलंतिका में उपयोग किये मिट्टी के कलशों पर प्रतीकात्मक रूप में नदियों के नाम गंगा, सिंधु, सरस्वती, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, शरयु, क्षिप्रा, गण्डकी आदि अंकित किए गए है बता दें कि वैशाख और ज्येष्ठ माह में गर्मी चरम पर होती है। ऐसे में महाकालेश्वर भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए मिट्टी के कलशों से सतत जलधारा प्रवाहित की जाती है
Dakhal News
5वीं का 90.97 और 8वीं में 87.71% पास मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने आज कक्षा 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए हैं इस साल 5वीं कक्षा के स्टूडेंट्स का पासिंग परसेंटेज 90.97% और 8वीं क्लास के स्टूडेंट्स का पासिंग परसेंटेज 87.71% रहा है इस वर्ष 12 लाख से अधिक बच्चों ने पांचवीं और 11 लाख से अधिक बच्चों ने आठवीं की परीक्षा दी थी दोनों परीक्षाओं में करीब 24 लाख बच्चे शामिल हुए हैं
Dakhal News
शराबी चालक ने बाइक डिवाइटर में टकराई शराब के नशे में धुत बाइक चालक की गलती ने एक महिला और उसकी एक वर्ष की मासूम की जिंदगी छिन ली मांडा थाना की गीर गांव निवासी पांच लोग एक ही बाइक पर सवार होकर खरीदारी करने के लिए बाजार आ रहे थे इस दौरान शराबी चालक से बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से जा टकराई हादसे में एक महिला और उसकी एक साल की मासूम बच्ची की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई जबकि मृतका की 4 साल की एक अन्य बच्ची और एक महिला गंभीर रूप से है घायल है घटना के बाद शराबी बाइक चालक फरार हो गया
Dakhal News
मूंगा रत्न से बना राम दरबार है विराजमान हनुमान जयंती का पर्व दतिया के प्राचीन एवं ऐतिहासिक राम जानकी मंदिर में धूमधाम से मनाया जा रहा है सुबह से ही मंदिर में पूजा का दौर शुरू हो गया वहीं मंदिर में भक्त अपने अराध्य के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे मंदिर में हनुमान जी का विशेष श्रृंगार किया गया बता दें कि इस प्राचीन राम जानकी मंदिर की विशेषता यह है कि यहां विराजमान श्री राम दरबार मूंगा रत्न से बना हुआ है
Dakhal News
खेत में पानी देते समय हुआ हादसा मध्य प्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है कई जिलों गरज-चमक के साथ बेमौसमबारिश हो रही है लगातार हो रही बरसात से आसपास ग्रामीण अंचलों में आकाशीय बिजली गिरने के मामले सामने आ रहे हैं ऐसे ही देवास जिले के पीपलकोटा गांव में आकाशीय बिजली गिरने से 35 वर्षीय मजदूर भगवान सिंह की मौत हो गई घटना के बाद परिजन व स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और उसे अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है
Dakhal News
मतदान के प्रति जागरुकता के लिए हुआ आयोजन नगरपालिका ने पहली बार वोट डालने वाले मतदाता और वरिष्ठ मतदाताओं के बीच मतदान जागरूक को लेकर विभिन्न तरह की प्रतियोगीता करवाई इसके बाद जीतने वाले को इनाम भी दिया गया बता दें कि एक तरह से पहला प्रयोग था जिसमें बढी संख्या में अधिकारियों के साथ आम मतदाता भी शामिल हुये प्रशासन का मानना है कि इस तरह के जागरूक कार्यक्रम से मतदान प्रतिशत बढेगा ही बल्कि लोगो मे मतदान को लेकर जागरूकता भी आयेगी
Dakhal News
आमजन से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील लोकसभा चुनाव 2024 को शांति पूर्वक संपन्न कराने और आदर्श आचार सहिंता का पालन के लिए फ्लैग मार्च निकाला गया जो कि शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए नगर परिषद के वार्डो में पहुँचा इस दौरान SDOP शिव कुमार सिंह, थाना प्रभारी के पी त्रिपाठी व अमरपाटन थाना पुलिस बल मौजूद रहा SDOP व थाना प्रभारी द्वारा आमजन से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई
Dakhal News
रोड शो में जनता से मांगे वोट लोकसभा प्रत्याशी गणेश सिंह ने रोड शो में जनता से भाजपा को वोट देने की अपील की इस दौरान सतना सांसद गणेश सिंह ने इस लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में सभी 29 सीटों पर भाजपा की जीत का दावा किया है और नरेंद्र मोदी की सरकार बनने की बात कही है
Dakhal News
इंटरव्यू निरस्त होने से अभ्यर्थी हुए नाराज जल संसाधन विभाग द्वारा आमंत्रित आवेदनों में दिव्यांगजनों को इंटरव्यू के लिए 22 और 23 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई थी लेकिन आचार संहिता के चलते इंटरव्यू निरस्त कर दिए गए जिससे नाराज होकर दिव्यांग अभ्यर्थी जन संसाधन विभाग के सामने धरने पर बैठ गए प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियाें का आरोप है कि अगर इंटरव्यू निरस्त किये गए तो हमें इसकी जानकारी देनी चाहिए थे, लेकिन जिम्मेदारों ने ऐसा नहीं किया वही दूसरी तरफ विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इंटरव्यू निरस्त होने की जानकारी अखबार के द्वारा दी गई थी
Dakhal News
रंगारंग कार्यक्रमों का हुआ आयोजन महावीर जयंती के अवसर पर आयोजित हुए कार्यक्रम में छोटे छोटे बच्चों ने नाटकीय तरीके से रंगा रंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए साथ ही संस्था के द्वारा सभी बच्चों और अतिथि गणों को सम्मानित किया गया है कार्यक्रम के उपरांत जैन समिति के द्वारा एक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई जो कटोरताल से मैन चौराहा होते हुए जैन मन्दिर पर सम्पन्न हुई
Dakhal News
पं. प्रदीप मिश्रा का अंगवस्त्र पहनाकर किया सम्मान दखल प्राइड अवार्ड की स्मारिका का विमोचन आज सीहोर में प्रख्यात कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने किया दखल प्राइड अवार्ड समारोह ने इस बार पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ही मख्य अतिथि थे दखल की स्मारिका के विमोचन अवसर पर दखल न्यूज के प्रधान संपादक अनुराग उपाध्याय और संपादक शैफाली ने पंडित श्री प्रदीप मिश्रा का अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया इस दौरान पंडित मिश्रा ने दखल न्यूज को प्रगति और सफलता के नये आयाम कायम करने का शुभ आशीष दिया स्मारिका विमोचन के मौके पर पत्रकार प्रदीप एस चौहान और समीर शुक्ला समेत दखल परिवार के सदस्य मौजूद रहे
Dakhal News
पैसों की बचत से बच्चे ले सकेंगे शिक्षा कार्यक्रम की जानकारी देते हुए गुंजारी लाल तिवारी ने कहा कि क्षेत्र में कई ऐसे परिवार हैं जो उपनयन संस्कार में राशि खर्च करने के बाद बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाते उनका मानना है कि जो उपनयन संस्कार में खर्च आता है अगर उसका बचत हो जाए तो उन पैसों से बच्चों को पढ़ाया जा सकता है
Dakhal News
जुआ प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्यवाहीजंगलपुर के जंगल में जुए के दांव लग रहे थे और जंगल में मंगल हो रहा था | इसकी जानकारी पुलिस को लगी तो उसने छापामार कार्यबाही करते हुए पांच जुआरियों को रेंज हाथों धार दबोचा | पुलिस की सायबर सेल को खबर लगी की जंगल पुर और रामपुर के बीच जुआरियों ने जुए का अड्डा बना रखा है |इसके बाद सायबर सेल के प्रभारी जितेन्द्र वर्मा एवं थाना प्रभारी लालबाग नंद किशोर गौतम ने थाना लालबाग एवं सायबर सेल की संयुक्त टीम ने ग्राम जंगलपुर और रामपुर के बीच छापा मार कर पांच जुआरियों को पकड़ा और जूआ प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही की इनके पास से ताश ,रुपये और बाइक जप्त की गई हैं |
Dakhal News
तेंदुए की मस्ती का वीडियो वायरल मुकुंदपुर व्हाइट टाईगर सफारी से तेंदुए के शावक का मस्ती करते का वीडियो सामने आया है |जिसमे बीमार शावक अब तंदरुस्त होने के बाद उछल कूद करता दिखाई पड़ रहा है | उमरिया जिले के ग्राम अमडी में दो दिन पहले तेंदुआ का यह शावक मिला था | इस शावक की उम्र करीब तीन माह है |उमरिया जिले से बीमार हालत में रेस्क्यू कर वन विभाग की टीम शावक को अमरपाटन के मुकुंदपुर स्थित महाराजा मार्तण्ड सिंह व्हाइट टाइगर सफारी लाइ थी |जहा पर टीम की देखरेख के बाद बीमार शावक अब चुस्त और तंदुरुस्त हो गया है | इस शावक के उछल कूद का वीडियो सामने आया है जो को सोशल मीडिया मे अब जमकर वायरल हो रहा है |
Dakhal News
अज्ञात चोर ले गया 2 लाख 70 हजार रुपएअमरपाटन में अज्ञात चोरो का आतंक है | अब इन अज्ञात चोरों ने एक कियोस्क संचालक की गाड़ी में रखे 2 लाख 70 हजार पर हाथ साफकर दिया है | मामला अमरपाटन रामनगर रोड का है | जहाँ अज्ञात चोरो ने चोरी के घटना को अंजाम दिया | मझगवा निवासी अनिल पटेल जो कियोस्क संचालक है |अनिल पटेल ने एसबीआई बैंक से 2 लाख 74 हजार रुपये निकाले जिसमे से उसने चार हजार रूपए अपने खर्च के लिए अपने जेब में डाल लिए और 2 लाख 70 हजार रुपए झोले में डालकर अपनी कार में ड्राइवर सीट के पीछे रख दिए और वह पाइप लेने के लिए चले गए | जब वह पाइप लेकर लौटे तो उन्होंने देखा पैसे का झोला गायब था |उन्होंने आनन फानन अमरपाटन थाने पहुँचकर शिकायत दर्ज करवाई |
Dakhal News
प्लास्टिक के विरुद्ध अभियान जारी काशीपुर में पूर्व पार्षद के भतीजे के घर छापेमारी की गयी |जहां से कुल 66 पेटिया प्रतिबंधित प्लास्टिक का सामन बरामद किया गया | फैक्ट्री संचालक पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया | काशीपुर के ढकिया गुलाबो नगर में पूर्व पार्षद राधे श्याम प्रजापति के भतीजे के घर पर नगर निगम, राजस्व विभाग एवम पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की संयुक्त टीम ने छापेमारी की जहां से कुल 66 पेटिया प्रतिबंधित प्लास्टिक बरामद की गयी | जिसमें से 51 पेटी डिस्पोजल ग्लास की और 15 पेटी चम्मच बरामद हुई | इस मामले मे फैक्ट्री संचालक पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया | सहायक नगर आयुक्त यशवीर राठी ने बताया कि लगातार प्रतिबंधित प्लास्टिक के विरुद्ध नगर प्रशासन द्वारा अभियान जारी है |
Dakhal News
अपने परिषद के ही एक कर्मचारी को दी धमकीअब मैहर जिले से एक महिला अधिकारी की अभद्रता का ऑडियो सामने आया है |इस ऑडियो में अधिकारी सुषमा मिश्रा अपने परिषद के एक कर्मचारी को धमकी देते हुए अभद्रता के साथ पेश आ रही हैं | मैहर जिले के अमरपाटन की मुख्य नगर परिषद अधिकारी सुषमा मिश्रा का एक अभद्रता ऑडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है | जिसमे महिला अधिकारी आपने परिषद के हीं एक कर्मचारी को धमकी देते हुए अभद्रता के साथ पेश आ रही हैं |पहले सुनिए ये ऑडियो की ये अधिकारी अपने अधीनस्थ से कैसा व्यवहार करती हैं |कर्मचारी विष्णु महात्मन के द्वारा बताया गया की यह ऑडियो उसी के द्वारा रिकॉर्ड किया गया है |पीड़ित ने बताया की वाह चालक के पद पर पदस्थ है इसके बावजूद उसके अधिकारी के द्वारा नाली सफाई कराने का दबाव बनाया जा रहा है और अभद्रता भी की जाती है |इसके साथ हीं उसे थप्पड़ मारने की धमकी दी गयी |
Dakhal News
दस साल की बच्ची को बनाया हवस का शिकारमध्यप्रदेश में दुष्कर्म की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं |अब एक दरिंदे ने दस साल की मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाया | मासूम बच्ची को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती करवाया गया है |छतरपुर जिले स्थित सटई थाना इलाके में एक दुष्कर्म का मामला सामने आया|जहाँ एक दरिंदे ने दस साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया |इस वारदात से नाबालिग की हालत गंभीर हो गई|बच्ची को आनन–फानन में जिला अस्पताल के बाल गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया गया हे |जहाँ विशेषज्ञ डॉक्टर बच्ची को जल्द ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं | बच्ची इस घटना के बाद से दसमे में है |घटना की जानकारी लगते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी जिला अस्पताल पहुच गए और व आरोपी की तलाश में पुलिस टीम को रवाना किया
Dakhal News
हाथ पर बने टैटू के आधार पर की जा रही है पहचान मैहर में अज्ञात युवक का शव मिलने से दहशत का माहौल उत्पन हो गया है। मृत युवक के हाथ पर बने टैटू से युवक की पहचान की जा रही है। मैहर के पुरानी कोर्ट तहसील परिसर में अज्ञात युवक का शव मिलने से दहशत का माहौल उत्पन हो गया है। लोग इस घटना के वजह डरे हुए है। देर शाम वहां से निकल रहे एक वकील की नजर डेड बॉडी पर पड़ी। जिसके बाद इसकी सूचना मैहर पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर शव को अपने कब्जे में लिया युवक के पास से कोई भी पहचान पत्र बरामद नहीं हुआ है। लेकिन युवक के हाथ पर बने टैटू के आधार पर पुलिस शव की पहचान के करने की कोशिश कर रही है।
Dakhal News
पानी पीने के बहाने घर में आया था आरोपी मधयपदेश में अब कक्षा सातवीं में पढ़ाई करने वाली बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। आरोपी ने घर का दरवाजा बंद कर बच्ची के साथ जबरजस्ती दुष्कर्म किया। घटना के बाद आरोपी ने बच्ची को डराया धमकाया। घटना नेमावर थाना नवलगांव का है। जहा एक नाबालिग बच्ची अपने नाना नानी के साथ रहकर सरकारी स्कूल में पढाई कर रही है। शनिवार को बच्ची के नाना नानी उसे घर पर अकेला छोड़कर नर्मदा स्नान करने गए थे। बच्ची घर पर अकेली थी जिसके बाद गांव का ही रहने वाला एक युवक साधु उर्फ जगदीश मीणा बच्ची को घर पर में अकेला देख उस से पानी मांगने के बहाने आया और घर में घुस अंदर से दरवाजा बंद कर बच्ची के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया। घटना के बाद आरोपी ने बच्ची को डराया धमकाया की वह किसी को कुछ न बताये। नहीं तो उसे जान से मर देगा। डरी सहमी बच्ची ने घटना की जानकारी मोबाइल से अपने नाना नानी को दी। घर आने पर मामा ने बच्ची के साथ इसकी शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने बच्ची का मेडिकल कराया। मेडिकल रिपोर्ट के बाद पुलिस ने आरोपी जगदीश मीणा के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
Dakhal News
प्रतिबंध के बावजूद बिक रहा है मकर संक्रांति के पर्व की तैयारी के बीच सरेआम जगह जगह प्रतिबंधित चीनी मांझा बेचा जा रहा है। इस मांझे के कारण कई दुर्घटनाएं होती है और लोगों की जान तक चली जाती है। छतरपुर मे मकर संक्रांति पर पतंगबाजी तेज होती जा रही ,पतंगबाजी के लिये इस्तेमाल मे आने वाला चीनी मांझा भी खूब बिकने लगा है। हालाँकि इस पर प्रतिबंध है। लेकिन प्रशासन सोया हुआ है। चायनीज मांझा की वजह से प्रदेश मे कई घटनाएं घटित हो चुकी है कुछ लोगों की तो मौत भी इस चायनीज मांझा की वजह से हुई थी ,अब इसी मांझा के खिलाफ छतरपुर पुलिस प्रशासन सख्त होने का दावा कर रहा है।
Dakhal News
10 हज़ार की रिश्वत लेते पकड़ा गया शहबाज सिगरौली में कॉल माइंस कम्पनी एनसीएल में करप्शन के बिना कोई काम नहीं होता। अब सीबीआई ने एनसीएल के भर्ती विभाग विभाग पर मारा और दस हजार की रिश्वत लेते हुए हुए एक अधिकारी को रंगें गाठों गिरफ्तार किया। सिंगरौली की कोल माइंस कंपनी एनसीएल में भ्रष्टाचार की जड़ किस कदर फैली चुकी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब आए दिन सीबीआई का छापा यहाँ के विभिन्न परियोजनाओं में आम हो गया है। कुछ माह पूर्व ही एनसीएल के गोरबी परियोजना के विस्तार के लिए मुहेर के लोगों को मुआवजे वितरण में रिश्वतखोरी के लिए एनसीएल के जीएम समेत अन्य अधिकारी भी सीबीआई के गिरफ्त में आये थे। अब फिर सीबीआई का छापा एनसीएल के मोरवा स्थित मुख्यालय में पड़ा। जहाँ सीबीआई टीम ने इस बार वर्ग 1 के मजदूर भर्ती के मामले में शहबाज आलम को रिश्वत लेते ट्रैप किया है। शाहबाज विगत 2 वर्षों से भर्ती विभाग में कार्यरत था।
Dakhal News
मानव वन्य जीव संघर्ष नहीं ले रहा है थमने का नाम उत्तराखंड में मानव वन्य जीव संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। खटीमा जिले में पत्ते लेने गए युवक को हाथी ने कुचला दिया। जिससे युवक की मौत हो गयी। खबर उत्तराखंड के खटीमा जिले से है। जहां मानव और वन्य जीव संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कभी महिला तो कभी पुरुष जंगली जानवरो के शिकार हो रहे हैं। ग्राम नौगांवा नाथ के निवासी मदन राम रोज की भाती जंगल में पते लेने गए थे। जिसे हाथी ने दर्दनाक तरीके से कुचलकर मार डाला। मामला प्रकाश में आते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। खटीमा के अंतर्गत किलपुर वन रेंज में हाथी के हमले लगातार बढ़ते ही जा रहे है। SDO संचिता वर्मा ने बताया किकिलपुरा वन रेंज के प्लाट संख्या तीन और चार में जंगल के 200 मीटर अंदर मदन राम का शव बरामद किया गया। वन विभाग द्वारा लोगों को एडवायजरी जारी की है कि इस समय जंगल में ना जाय। इस समय कोहरे के कारण वन्यजीव झाड़ियों में छिपे रहते हैं। जो दिखाई नहीं देते हैं।
Dakhal News
धान में रेत मिलाने का वीडियो वायरल अगर आप करते है कृषि सम्बंधित बिज़नेस। तो ये खबर आपके लिए है। हो जाइये सतर्क मैहर जिले से खरीदी केंद्र से धांधली का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। हम आपको इस खबर में दिखाएंगे भी और बताएंगे भी खरीदी केंद्र के करतूतों को लेकिन इसे पहले आपको ये बता दे की ऐसा पहली बार नहीं हुआ। रेत मिलाने के कई मामले सामने आये है। मगर प्रशासनिक कार्यवाही न होने के चलते केंद्र संचालक लगातर सरकार को बड़े पैमाने पर चपत लगाते चले आ रहे है। मैहर जिले से खरीदी केंद्र से धान में खुलेयाम रेत मिलाने का वीडियो सामने आया है। जो खरीदी केंद्र की पोल खोल रहा है। दरसल यह वायरल वीडियो मैहर जिले के अमरपाटन के ग्राम खरमसेड़ा की है। जहां खरीदी केंद्र के लोग धान मे रेत मिला रहे हैं। दुर्गा स्व सहायता समूह द्वारा खरीदी केंद्र में यह मिलावटी धान खापाई जा रही है। और शासन को बेचने का प्रयास किया जा रहा है। चौकाने वाली बात यह है की पहली बार ऐसी मिलावट की बात सामने आई हो ऐसा नहीं है। पहले भी रेत मिलाने के कई मामले सामने आये है। मगर प्रशासनिक कार्यवाही न होने के चलते। केंद्र संचालक लगातर सरकार को बड़े पैमाने मे चपत लगाते चले आ रहे है। इस मामले की शिकायत समूह की महिलाओ ने कलेक्टर की जनसुनवाई मे की है। और केंद्र को निरस्त करने की मांग की है। हलाकि जिला कलेक्टर ने इस मामले पर जाँच करके वैधानिक कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
Dakhal News
छोटे छोटे बच्चो ने किया जबरदस्त प्रदर्शन परासिया के हैप्पी किड्स स्कूल के वार्षिक उत्सव में बच्चों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया और रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये। जहा बच्चो को राष्ट्र व शिक्षा के प्रति भी जागरूक किया गया। परासिया के हैप्पी किड्स स्कूल ने अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ वार्षिकोत्सव मनाया। छोटे बच्चे ने जश्न के माहौल में कार्यक्रम प्रस्तुत किये और देश भक्ति के गीतों पर डांस किया। बच्चो के अभिभावकों ने भी बच्चों की हौसला अफजाई की। एनुवल फंक्शन के जरिये बच्चो को शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया। शिक्षा के प्रति बच्चो को जागरूक करने के लिए हर साल हैप्पी किड्स स्कूल ने ऐसा आयोजन करता है।
Dakhal News
21 लोगो पर आवारा कुत्ते का हमला भोपाल में हर साल लाखों रुपए कुत्तों की नसबंदी पर खर्च किए जाने के बाद भी नहीं थम रहा है आवारा कुत्तो का आतंक। राजधानी से चौकाने वाली खबर सामने आयी जहां एक आवारा कुत्ते ने 21 लोगों को काट लिया। अगर आपके आस पास भी घूमते है आवारा कुत्ते तो हो जाइए सावधान। ताजा मामला भोपाल से भोपाल में आवारा कुत्तो का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। आवारा कुत्ते लोगो के दुश्मन बन गए हैं। कुत्तो के नसबंदी पर हर साल लाखों रुपये खर्च किये जाते है। नगर निगम की कार्यवाई अलग होती है। इसके बावजूद भी आवारा कुत्तो का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। भोपाल के एमपी नगर में आवारा कुत्ते ने 21 लोगों को काटा। घटना मंगलवार रात की है एमपी नगर जॉन वन में कुत्ते ने 21 लोगों पर हमला कर दिया राजधानी में कुत्तो के आतंक के आगे जेपी अस्पताल में इंजेक्शन भी कम पड़ गए।
Dakhal News
3 मजदूर घायल, 2 की मौत कॉक्स डिस्लरी नौगांव में बड़ा हादसा हो गया। हादसे में 2 मजदूरों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई और तीन मजदूर घायल हुए हैं। घटना के असल कारणों का पता नहीं चल पाया है। खबर छतरपुर के नौगांव से हैं जहाँ कॉक्स डिस्लरी में हादसा हुआ जिस में संदिग्ध परिस्थितियों 2 मजदूरों की मौत हो गयी। साथ ही 3 मजदुर घायल हो गए। सभी घायलों को गंभीर स्थिति में नौगांव सामुदायिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुँच प्रशासन घटना की जांच में जुटा है।
Dakhal News
अशोक स्तंभ का किया गया अपमान अचानक सड़क पर बने अशोक स्तम्भ को हटाए जाने का विरोध शुरू हो गया है। प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ कई संगठनों ने प्रदर्शन किया और अशोक स्तम्भ का अपमान किये जाने का आरोप लगाया। मैहर में रीवा कटनी मार्ग पर स्थित चौराहे से अशोक स्तम्भ को हटाएं जाने पर स्थानीय लोगो ने विरोध प्रदर्शन किया। लोगों के साथ भीम आर्मी, बहुजन समाज पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और चन्द्रगुप्त सेना के आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। प्रशासनिक ने लोगों को बिना जानकारी दिए अचानक अशोक स्तम्भ को हटवा दिया। नगर पालिका के कर्मचारियों ने जेबीसी मशीन लगाकर इसे हटाया। अक्रोशित लोग सीएमओ लोगो का आरोप है की बिना किसी की सहमति और जानकारी के अशोक स्तंभ बड़े ही अपमान जानका तरीके से हटाया गया है। प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने एक हफ्ते के अंदर इसे पुनः स्थापित करने का आश्वासन दिया है।
Dakhal News
अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों से किया इंकार परासिया लायंस क्लब नेत्र चिकित्सालय पर एक समाजसेवी ने अनियमितताओं और फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की है। हालाँकि अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों से इंकार किया है। समाजसेवी ने इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की जाँच किये जाने की मांग की है। परासिया में लायंस आई हास्पिटल का संचालन लायंस सेवा समिति करती है। इसमें निशुल्क आपरेशन सरकार के साथ हुए अनुबंध के तहत किए जाते है। लेकिन अब एक समाजसेवी के द्वारा आरोप लगाया गया है की लायंस क्लब नेत्र चिकित्सालय में फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं की जांच होना चाहिए। लेकिन जांच का नाम सुनते ही अस्पताल प्रबंधन ने सारे आरोपों से इंकार करते हुए। जाँच से इंकार दिया। जिसको लेकर समाजसेवी ने कहा अगर जाँच नहीं हुई तो वे अनशन करेंगे।
Dakhal News
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से प्रसूता की मौत मध्य प्रदेश में स्वास्थ केंद्र को लेकर बड़े बड़े दावे किये जाते है। लेकिन छतरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से हैरान करने वाली तस्वीर सामने आयी है। जो स्वास्थ विभाग की और लापरवाह अधिकारी की पोल खोल रही है। इस अस्पताल में गलत इलाज के चलते एक गर्भवती स्त्री ने दम तोड़ दिया। नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ भगवान भरोसे प्रसूताओं का प्रसव होता है। रविवार ग्राम दोनी की 20 वर्षीय प्रसूता प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। जिसकी हालत क्रिटिकल थी। लेकिन वहां मौजूद नर्सिंग ऑफिसर ने ही अपने लापरवाही के कारण उसकी जान लेली। दरसल वहां मौजूद नर्सिंग ऑफिसर ने ही महिला की डिलीवरी कर दी और कुछ घंटे बाद ही महिला की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ महिला डॉक्टर प्रियंका चौहान अपने फोन से ही अस्पताल चलाती हैं और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से ही मरीज की मौत हुई है और नसोँ ने उनसे डिलीवरी कराने के नाम पर दो हजार रूपये भी ऐंठ लिये।
Dakhal News
जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने की हड़ताल छतरपुर जिला अस्पताल में एक्सीडेंट के केस में एक लाय गए एक व्यक्ति को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इससे नाराज उसके परिजनों ने डॉक्टर पर हमला कर उनके साथ मारपीट की इस घटना के बाद डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए। छतरपुर जिला अस्पताल में आपातकालीन ड्यूटी कर रहे डॉक्टर साजिद खान के साथ एक मृतक के परिजनों ने मारपीट की दरसल बमीठा में सड़क हादसे मे एक वयक्ति की मृत्यु हो गयी थी। जिसके बाद परिजन मृत को बेहोश समझकर जिला अस्पताल ले गए। डॉक्टर ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन उग्र होकर डॉक्टर के साथ मारपीट करने लगे। इस घटना से नाराज जिला अस्पताल के सभी डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया। कोतवाली पुलिस और एडिशनल एसपी मौक़े पर पहुंच ,सीसीटीवी वीडियो के आधार आरोपियों की पहचान कर मामला दर्ज कर डॉक्टरों को आश्वासन दिए की आरोपियों के खिलाफ कार्यवाई करने की जाएगी। जिसके बाद डॉक्टरों ने फिर से काम शुरू किया।
Dakhal News
तीस से ज्यादा बैटरी ले गए चोर अब तक चोर गाड़ियों से बैटरी चुराते थे लेकिन अब उन्होंने बैटरी दूकान पर ही हाथ साफ़ कर दिया। बैटरी चोरी की यह वारदात मैहर की है। मैहर में कटनी रोड पर दुकान के शटर का ताला तोड़ कर अज्ञात चोर बैट्रियां ले उड़े। इस वारदात की शिकायत मैहर थाने में लिखित रूप से कराई गई। बीती दरम्यानी रात में इस घटना को अंजाम दिया गया। दुकान के मालिक राकेश ताम्रकार ने बताया कि आज सुबह फोन आया कि आप की दुकान की शटर का ताला टूटा हुआ है। सूचना मिलते ही दुकान पहुचे जहाँ से चोर तक़रीबन 30 से 32 नग बैट्रियां चुरा ले गए हैं।
Dakhal News
अवैध रूप से सागौन के पेड़ काटे गए अवैध तरीके से सागौन के पेड़ काटे जाने का काम वन विभाग की मिली भगत से चल रहा है। एक फॉर्म हाउस पर बिना इजाजत सागौन के कई पेड़ काट दिए गए। इसके बाद उप जिलाधिकारी ने काटे गए पेड़ों को जप्त करवाया और फॉर्म गॉस मालिक पर कार्यवाही की बात कही। खटीमा क्षेत्र के पीलीभीत हाईवे से लगे हल्दी खेड़ा मझोला स्थित फर्म में अवैध रूप से सागौन के अस्सी पेड़ काटने का मामला सामने आया है। उप जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह बिष्ट,तहसीलदार हिमांशु जोशी के साथ राजस्व विभाग को लेकर मौके पर पहुंचे और काटे गए सागौन के पेड़ों को जप्त करवाया। उप जिलाधिकारी रविन्द्र बिष्ट ने बताया कि तीस पेड़ काटने की परमिशन की आड़ में सागौन के 80 पेड़ों को काट दिया गया है। अब फर्म के मालिक पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि यू पी बॉर्डर पर परमिशन की आड़ में अवैध रूप से सागौन के पेड़ बड़ी संख्या में काटे जा रहे हैं और जानबूझकर वन विभाग इस सब से अनजान बना हुआ है।
Dakhal News
सब को धमकाता है एसडीएम का ड्राइवर एक एसडीएम का ड्राइवर खुद को एसडीएम समझने लगा है। इसके आतंक की हर जगह चर्चा है। ये किसी को भी संदिग्ध व्यक्ति कहकर पकड़ लेता है और तहसील दफ्तर में ले आता है। हद तब हो गई जब इसने पत्रकारों और वकीलों को भी धमकाना शुरू कर दिया। इस ड्राइवर की शिकत पुलिस से भी की गई है। डोईवाला एसडीएम का ड्राईवर आजकल चर्चाओं में है। ये ड्राइवर अधिकारी के बिना ही सरकारी वाहन को लेकर घूमता रहता है और किसी भी व्यक्ति को संदिगध समझ उसका फोन छीन कर उसे तहसील ले आता है। कल भी ये ड्राइवर एक राह चलते युवक को संदिगध समझ के उसका फोन छीन कर तहसील ले गया। जिसकी सूचना मिलने पर मीडिया के लोग और वकीलों ने पीड़ित युवक से बात की। इसके बाद ये ड्राईवर बौखला गया और इसने पत्रकारों को मारने की धमकी के साथ ही अधिवक्ताओं का लाइसेंस रद्द कराने की धमकी दी। जिसको लेकर आज डोईवाला के जनप्रतिनिधि, पत्रकार व अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल उपजिलाधिकारी से मिला और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित करते हुवे उक्त ड्राईवर को निलंबित करने की मांग की। अधिवक्ताओं ने डोईवाला कोतवाली में भी तहरीर देते हुवे ड्राइवर के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की है।
Dakhal News
मुस्लिम युवक ने किया रेप और शोषण छतरपुर मे महिला को शादी का झांसा देकर उसका शरीरिक शोषण करने वाले मुस्लिम युवक नौशाद खान को गिरफ्तार किया है। पीड़ित महिला ने इससे परेशान हो कर जहर खा लिया था। शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण के आरोप मे पुलिस ने नौशाद खान को गिरफ्तार किया है। ये घटना कोतवाली थाना क्षेत्र की है जहां एक महिला को उसके पडोस मे रहने वाले मुस्लिम युवक ने प्रेम जाल मे फंसाकर उसका डेढ़ साल तक शरीरिक शोषण किया। जब महिला ने शादी का दबाव बनाया तो उसने शादी से इंकार कर दिया। जिस पर महिला ने उसके घर के बाहर जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की। गंभीर हालत मे महिला को जिला अस्पताल मे भतीँ कराया गया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी नौशाद खान पर रेप और प्रताडना का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
Dakhal News
ATM वाला शातिर चोर पकड़ा गया एसबीआई के एटीएम को चुराने वाली गैंग के आखिरी शातिर चोर को भी पुलिस ने धरदबोचा है। इस चोर को काशीपुर से ही गिरफ्तार किया गया। काशीपुर के रामनगर रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक के ए टी एम चोरी के मामले मे चार मे से तीन अभियुक्तो को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। इसी मामले मे चौथा अभियुक्त गिरफ्तारी से बचने के लिए स्थान बदल कर रह रहा था। जिसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह और वंदना वर्मा के निर्देशन मे कार्यवाही करते हुए थाना प्रभारी मनोज रतूड़ी ने पुराने ढेला पुल से इस शातिर चोर को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने बताया कि गिरफ्त मे आया चौथा अभियुक्त इंतजार है जो काशीपुर मे किसी घटना को अंजाम देने आया था। उसके पास से एक बारह बोर का तमंचा व जिंदा कारतूस मिला है।
Dakhal News
सेल्फी लेने के चक्कर में पैर फिसला युवाओं को सेल्फी लेने का ऐसा चस्का लगा है कि वे सेल्फी के चक्कर में अपनी जान के साथ तक खिलवाड़ कर रहे हैं। एक युवक नदी के पास सेल्फी ले रहा था कि उसका पैर फिसल गया और उसकी जान चली गई। खटीमा क्षेत्र की झनकईया नदी में सेल्फी और इंस्टाग्राम रील बनाने के चक्कर में युवक की जान चली गई। प्रियांशु मिश्रा कैंची धाम नैनीताल से घूम कर आ रहा था। इस दौरान झनकईया नदी में उतरकर सेल्फी लेते समय अचानक उसका पैर फिसल जाने के कारण वह नदी में डूब गया। पुलिस तथा ग्रामीणों द्वारा युवक की खोज की जा रही है। खटीमा सीओ वीर सिंह ने बताया की हमारे द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं एनडीआरएफ की टीम तथा जल पुलिस के जवानों के द्वारा लगातार युवक को ढूंढा जा रहा है।
Dakhal News
नए कानून पर सरकार के खिलाफ नाराजगी रोडवेज कर्मचारी संघ ने केंद्र सरकार के नए कानून के खिलाफ हड़ताल की और इस कानून को वापस लेने की मांग की। इस मसले पर रोडवेज कर्मचारी संघ तीन दिन की हड़ताल पर है। जनहित में बनाये गए हिट एण्ड रन के नए कानून के खिलाफ ड्राइवर हड़ताल पर हैं। इससे लगता है ये हड़ताली लोगों को जनता की जान की परवाह नहीं है। लोग जहाँ नए कानून के पक्ष में हैं। वहीँ आदेश को वापस लिए जाने को लेकर रोडवेज कर्मचारी संघ उत्तराखंड में हड़ताल पर है। कर्मचारी संघ के मंडलीय संगठन मंत्री अनवर कमाल ने कहा कि सरकार के ने ड्राइवर से होने वाली दुर्घटना के संबंध मे नया कानून बनाया है। इसके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा।
Dakhal News
तेज़ रफ्तार डंपर ने मारी जोरदार टक्कर एक तेज रफ़्तार डम्पर ने कार को टक्कर को इतनी जोरदार टक्कर मरी की कार के परखच्चे उड़ गए। इस दुर्घटना में कार सवार व्यक्ति की मौत हो गई जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। डम्पर चालकों की तेज रफ़्तार लोगों के लिए मौत का सबब बन रही है। इसके बावजूद प्रशासन इन डम्परों की तेज रफ़्तार को नहीं रोक पा रहा है। चंद्रा पेट्रोल पंप के मालिक ब्रह्मोश गुप्ता अपनी पत्नी मीना गुप्ता के साथ अजीतपुर अपने घर जा रहे थे। उसी दौरान गुरुकुल स्कूल के पास तेज रफ़्तार डंपर ने उनकी कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। इस दुर्घटना में कार में बैठे ब्रह्मोश गुप्ता की मौत हो गई। जबकि उनकी पत्नी मीना गुप्ता गंभीर रूप से घायल हो गईं। वहीँ दूसरी और मोहल्ला अल्लीखा में अज्ञात कारणों चलते महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृत महिला का नाम आरिफा है। आरिफा की शादी 6 साल पहले आलम के साथ हुई थी।
Dakhal News
रेप के साथ आरोपियों ने क्या था डबल मर्डर बलात्कार और बदल मर्डर के आरोपियों को अदालत ने दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन अपराधियों ने एक लड़की से दुष्कर्म करने के बाद उसकी और उसके साथी की ह्त्या कर दी थी। अदालत ने एक मामले में ऐसी सजा सुनाई की लोगों का भरोसा अदालतों पर और ज्यादा बढ़ जाएगा। अदालत ने रेप और डबल मर्डर के मामले में दो आरोपियों को दोहरे आजीवन की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है। आरोपी देवेंद्र राय,राकेश गोस्वामी को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश राजेश देवलिया ने सजा सुनाई। ओरछा रोड थाने के झनझन देवी मंदिर पहाड़ी पर 2017 में युवक और युवती की हत्या आरोपियों द्वारा की गई थी। इस मामले की शासन की ओर से डीपीओ प्रवेश अहिरवार ने पैरवी की और पीड़ित पक्ष को इन्साफ दिलवाया।
Dakhal News
खड़ी कार से बस टकरा जाने से एक युवक की मौत मैहर में कोहरे का कहर जारी है। बढ़ते कोहरे के वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं। रैगांवा के पास खड़ी कार से कोहरे के वजह से बस टकरा गई इस हादसे में एक युवक की मौत हो गई। लगातार तापमान में गिरावट आ रही है। जिसके चलते कोहरा बढ़ता जा रहा है। इस कोहरे के कहर से हादसे हो रहे हैं। मैहर के अमदरा थाना क्षेत्र के रैगांवा के पास खड़ी कार से घने कोहरे के करण बस टकरा गयी। बस टकराने से एक युवक की मौत हो गई। बस नागपुर से रीवा जा रही थी। इसी दौरान यह हादसा हुआ। मृतक युवक प्रीतम तिवारी नागपुर से रीवा अपने घर जा रहा था। बस में बैठे कुछ यात्रियों को मामूली चोट आई है। घटना शनिवार तड़के की बताई जा रही है। घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
Dakhal News
छत का प्लास्टर गिरने से टीचर और छात्र हुए घायल मध्यप्रदेश में विकास के दावों की पोल भोपाल के स्कूल ने खोल दी है। जब बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे तभी छत का एक हिस्सा भरभरा के गिर गया। इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि जब राजधानी के हालात ऐसे हैं तो दूर दराज के स्कूलों का हाल क्या होगा। इस हादसे में टीचर सहित कुछ छात्रों को चोट लगी है। मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और सरकारी स्कूल भगवान् भरोसे ही चल रहे हैं। भोपाल के शाहजहांनाबाद स्थित शासकीय माध्यमिक स्कूल के में पढ़ाई के दौरान छत गिर गई और इस छत ने विकास के दावों की पोल खोलने के साथ कमीशनखोरी की दास्तान को भी उजागर कर दिया। छत गिरने के मामले में अब शिक्षा विभाग स्कूल की जांच के बाद उसे शिफ्ट करने के मूड में है। क्योंकि यहां मौजूद हर एक कक्षा की छत से पानी बैठ रहा है वहीं दीवारों पर लंबे समय से सीलन है। बता दें कि स्कूल की छत का प्लास्टर उखड़कर गिरने के बाद यहां 2 बच्चे और 1 टीचर घायल हुई हैं। वहीं, क्लास में पढ़ रहे अन्य बच्चों को भी मामूली चोटें आई हैं। फिलहाल यहाँ बड़ा हादसा होते होते टल गया है। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस दौरान कमरे में दो महिला टीचर और तकरीबन 20 बच्चे मौजूद थे। टीचर बच्चों को पढ़ा रही थी। इसी दौरान अचानक छत का एक हिस्सा गिर गया।
Dakhal News
उपचार के दौरान एक हाथी की हुई मृत्यु उत्तराखंड में हथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। खटीमा के तराई इलाके में एक बीमार हाथी मिला। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। खटीमा तराई पूर्वी उपवन प्रभाग के पश्चिमी किलपुरा बीट में प्लॉट न.21 पर एक हाथी बीमार हालत में पाया गया। वन अधिकारियों ने बीमार हाथी के उपचार के लिए पशु चिकित्सक को बुलाया। लेकिन उपचार के दौरान बीते रोज सुबह हाथी की मृत्यु हो गई। एसडीओ संचिता वर्मा ने बताया कि बीमार हाथी की सुरक्षा के लिए शेड लगाया गया। साथ ही वन कर्मियों द्वारा हाथी के भोजन की व्यवस्था भी गई थी। कार्बेट के विभागीय अधिकारियों द्वारा मिल कर सामूहिक उपचार के दौरान हाथी की मृत्यु हो गई। पोस्मार्टम के माध्यम से यह पता चला कि हाथी काफी समय से बीमार था इस कारण उसकी मृत्यु हुई है।
Dakhal News
टैक्टर से हो रही है रोज टनों कोयला तस्करी परासिया में बंद पड़ी कोयला खदानों से कोयले की चोरी का धंधा बदस्तूर जारी है। काले पत्थर के तस्कर रोज ट्रैक्टरों के जरिये खदानों से कोयले की तस्करी कर रहे हैं। पुलिस ने दबिश देकर कोयला तस्करी कर रहे ट्रैक्टर को जप्त किया है। परासिया वेकोलि पेंच क्षेत्र की बंद कोयला खदानों से हो रही कोयला तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। बड़कुही पुलिस ने इकलेहरा में बंद ओपनकास्ट खदान से हो रही कोयला चोरी के मामले को उजागर करते हुए एक कोयले से भरे टैक्टर को पकड़कर जप्त किया है। पुलिस को मुखविर से सूचना मिली थी कि है इकलेहरा की बंद खदान से टैक्टर के माध्यम से कोयला तस्करी की जा रही है। मौके पर टीम के साथ दबिश देने पर टैक्ट कोयले का परिवहन करते हुए पाया गया। चालक से कोयले के सबंध में दस्तावेज मांगे जाने पर वह कोई कागजात नहीं दिखा पाया। पुलिस ने बताया कि टैक्टर मालिक कोयला तस्कर की तलाश की जा रही है। वेकोलि पेंच प्रबंधन द्वारा बीते साल इकलेहरा बडकुही ओसी माइंस को बंद कर दिया गया था, जिसके बाद खदान में कोलमाफिया का कब्जा हो गया है।
Dakhal News
आदतन अपराधी हैं कल्लू और चुन्नी दादा बुंदेलखंड इलाके के कुख्यात बदमाश कल्लू दादा और चुन्नी दादा के अवैध निर्माण पर सरकार का बुलडोजर चला और इन बदमाशों की हेंकड़ी को जमीदोज कर दिया। इन दोनों गुंडों का इलाके में जबरदस्त आतंक है। कुख्यात गुंडे कल्लू और चुन्नी को प्रशासन ने सबक सिखाने का मन बनाया और इनके अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया। छतरपुर के बिजावर में हुई हत्या के बाद पुलिस प्रशासन इनका अवैध बना मकान गिराने पहुंचा। हत्या करने वाले आरोपी शहीद खान उर्फ कल्लू दादा का मकान गिराने पहुंची प्रशासन की के बाद कल्लू के खानदान की साड़ी बदमाशी धरी की धरी रह गई। इसके खिलाफ पच्चीस से ज्यादा मामले दर्ज हैं। कल्लू के बाद प्रशासन का बुलडोजर इसके साथी चुन्नी के घर पर भी चला।
Dakhal News
पुलिस ने पूरे शातिर गैंग को ही धार दबोचा काशीपुर पुलिस को उस समय बड़ी कामयाबी मिली जब उसने एक शातिर डकैतों की गैंग को धार दबोचा। यह गैंग डकैती के साथ लूट और चोरी की वारदात को भी अंजाम देता था। काशीपुर मे विगत दिनीन घर में घुस के डकैती डालने वाली गैंग पुलिस के हाथ लग गई है। इसने एक घर के लोगों को बंधक बना के डकैती की वारदात को अंजाम दिया था और सोने चांदी के जेवरात और कैश अपने साथ ले गए थे। इनकी खोज के लिए पुलिस की चार टीमें काम रही थीं। पुलिस को पता चला ये गैंग डकैती के साथ लूट और चोरी की घटनाओं को भी अंजाम देती है। पुलिस टीम ने इस गैंग के सात लोगों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजू नाथ टी सी ने बताया कुछ बाहर के लोग चोरी की घटना को अंजाम दे रहें थे। जिनकी गातिविधियां संदिग्ध प्रतीत हो रही थी। इसी को लेकर पुलिस ने कार्यवाही की तो इन अपराधियों का खुलासा हुआ। इन्हें डकैती की योजना बनाते हुये गिरफतार किया गया
Dakhal News
घटना का वजह बताया जा रहा है कोहरा सिंगरोली में घने कोहरे की वजह से गुरुवार सुबह दो हाइवा वाहनों में जबरदस्त भिड़ंत हो गयी। दुर्घटना में दोनो वाहनों के चालक गंभीर रूप से घायल हो गए। कोहरे की वजह से इस इलाके में रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं। सिंगरौली जिले में कोहरे ने अपना कहर मचाया हुआ है। जिस की वजह से आये दिन दुर्घटना हो रही हैं। कोहरे को देखते हुए प्रशासन भी लगातार लोगो को सावधान कर रहा है। आज घने कोहरे के कारण सिंगरौली जिले के देवसर तहसील से होकर गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग-39 पर गुरुवार की सुबह भलुगढ़ में दो हाइवा वाहनों में भिड़ंत हो गई। दुर्घटना में दोनो वाहनों के चालक गंभीर रूप से घायल हो गए।
Dakhal News
घटना के जिम्मेदारों को बक्शा नहीं जायेगा मध्य प्रदेश के गुना जिले में हुए दिल दहला देने वाले हादसे में 13 लोगो की मौत हो चुकी है। जो लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे है वो बुरी तरह झुलस गए है। करीब 15 से अधिक घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। वही आज घायलों और मृतकों के परिवार से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मुलाक़ात की और उन्हें हर सम्भव मदद देने के साथ दोषियों पर कड़ी कार्यवाही किये जाने की बात कही। कल रात को मध्य प्रदेश के गुना जिले में हुए बस हादसे में जलने से 1 3 लोगों की मृत्यु हो गई है और 16 से अधिक लोग बुरी तरह झुलस गए। दिल दहला देने वाले गुना बस हादसे में झुलसे घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। हादसे के बाद मुख्यम्नत्री मोहना यादव ने घायलों और पीड़ितों के परिवार से मुलाक़ात की मुख्यमंत्री ने कहा की इस मामले में जांच के आदेश किए जा चुके है। इस घटना के जिम्मेदारों बक्शा नहीं जायेगा इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो इसके लिए प्रबंध करेंग। मोहन यादव ने कहा की दुःख की इस घड़ी में पीड़ितों के साथ प्रदेश सरकार खड़ी है। प्रशासन इस तरह की घटनाओं को सख्ती से रोके। इसके लिए आवश्यक प्रबंध करेंगे। गुना में हुई बस दुर्घटना को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने कहा कि गुना की घटना हृदयविदार्क है। घटना में मृतक भाई बहनों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं किन कारणों से ऐसी घटना हुई। उसका पता लगाया जा रहा है मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं।
Dakhal News
पेटिकोट के नाड़े से लगी फाँसी एक बच्चा नहाने के बाद पेटीकोट से बदन साफ़ कर रहा था कि अचानक पेटीकोट के नाड़े से उसे फांसी लग गई। गंभीर हालात में इस बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल पहुँचाया गया। अमरपाटन के ग्राम धौरहरा में घर में भी नहाने के बाद खेलते समय खेल खेल में 8 वर्षीय बच्चें को पेटिकोट के नाड़े से फाँसी लग गई। यह हादसा तब हुआ जबबच्चा नहाने के बाद पेटिकोट से अपना शरीर साफ कर रहा था। मासूम बच्चे की हालत गंभीर ईलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। प्रथमिक उपचार के बाद बच्चे को जिला अस्पताल रेफर किया गया। घायल बच्चे का नाम ऋतिक रजक है।
Dakhal News
फायरिंग करने वलों का खुलासा काशीपुर पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कस दिया है और एटीएम चुरा कर ले जाने वाले अंरराज्जीय चोर गिरोह को पकड़ लिया है। खनन माफिया के खिलाफ धरना दे रहे लोगों पर फायरिंग करने वाले अपराधी भी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। काशीपुर मे विगत 24 दिसंबर को ग्राम अजीतपुर मे खनन माफिया के खिलाफ धरना दे रहे लोगों पर फायरिंग की गई। इसके बाद ग्रामीणों पर जानलेवा हमले के मामले मे जितेंद्र सिंह ने थाना आईटीआई पुलिस को दो दर्जन से अधिक लोगो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजु नाथ टी सी बताया कि धरने पर बैठे लोगो की हत्या करने की नीयत से नईम , यासीन, मुस्तकीम सहित 50-60 अन्य लोग धरने पर बैठे लोगों पर गोलियां चला दी थी। जिनमे चार लोग घायल हुए थे। इस मामले चार अभियुक्तों को दबिश डालकर गिरफ्तार कर लिया गया है। काशीपुर के रामनगर रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक का ए टी एम चोरी किये के मामले में पुलिस ने तीन अभियुक्तो को गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजू नाथ टी सी ने बताया कि गिरफ्त मे आये तीनो शातिर चोर अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के हैं। जो अलग अलग राज्यों मे ए टी एम मशीन चोरी किया करते हैं। गिरफ्तार चोरों के नाम नाज़िम, तासिम और समशुद्दीन उर्फ शमशु बताये गए हैं। इनके पास से तीन लाख बीस हजार रुपये एक स्कार्पियो ,एक तमंचा 315 व बारह वोर जिंदा कारतूस के साथ कटा हुआ ए टी एम एवं काटने के औजार बरामद किये गये हैं।
Dakhal News
तीन ट्रैक्टर ट्रॉलियों को किया गया सीज अवैध तरीके से मिट्टी का खनन करने वाले माफ़िय के खिलाफ प्रशासन एक्शन में हैं। मिट्टी माफिया पर शिकंजा कसते हुए। तीन ट्रैक्टर ट्रॉलियों को जप्त किया गया। अवैध मिट्टी खनन माफिया पर शिकंजा कसते हुए झनकईया थाना पुलिस ने छापामार कार्यवाही करते हुए अल्केमिस्ट रोड पर अवैध खनन में लिप्त तीन ट्रैक्टर ट्रालियों को पकड़ कर झनकईया थाने में सीज कर खड़ा कर दिया। पुलिस क्षेत्राधिकारी वीर सिंह ने बताया कि सूचना के आधार पर तीन ट्रैक्टर ट्रालियों को पकड़ कर सीज कर दिया गया है। जो कि मिट्टी खनन के अवैध कारोबार में लगी हुई थी। मिट्टी खनन माफिया के खिलाफ पुलिस की यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। बीते दिनों खटीमा दौरे के अवसर पर जिलाधिकारी उदय राज सिंह ने क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए स्थानीय पुलिस को निर्देशित किया था।
Dakhal News
विवाद के चलते दोस्तो ने दोस्त की ली जान छतरपुर में आपराधिक घटनाये तेजी से रफ़्तार पकड़ रही हैं। इस बार एक दोस्त ने दूसरे दोस्त के साथ दगाबाजी की है। पुराने विवादों के वजह से दो युवको ने अपने दोस्त की ही जान ले ली। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है। छतरपुर में आपराधिक मामले रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पुराने विवाद के वजह से दो युवकों ने साजिश कर अपने दोस्त को मौत के घाट उतार दिया। दो युवक अपने दोस्त से पुराने विवाद का बदला लेने के लिए बड़े ही प्यार से अपने दोस्त अनीस को उसके घर से अपने साथ ले गए। इसके बाद युवको ने अनीश के साथ मारपीट की और लहुलुहान अनीस को पठार गांव के तालाब के पास पटक दिया। उसके बाद खुद अपने जुर्म को छुपाने के लिए उसके दोनों बदमाश दोस्त उसके घर आकर अनीस के परिजनों को बताते है कि अनीस का एक्सीडेंट हो गया है। वह पठार गांव के तालाब के पास पडा है। अनीस के परिजन मौके पर पहुंचते और अनीस को बिजावर अस्पताल ले गए। जहां गंभीर हालत मे उसे झांसी मेडिकल काँलेज ले जाते समय रास्ते मे उसकी मौत हो गई। बिजावर पुलिस ने दोनो आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उनकी तलाश कर रही है।
Dakhal News
दूकानदार को लगा 12 हजार रुपये जा झटका एक दुकानदार को एमआरपी से पांच रुपये ज्यादा वसूलना महँगा पड़ गया। इस दुकानदार की ग्राहक ने शिकायत की उसके बाद उपभोक्ता आयोग ने इस पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया। छतरपुर मे एक दुकानदार को ग्राहक से पांच रूपये एम आर पी से अधिक लेना महंगा पड़ गया। उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने दुकानदार पर दस हजार रूपये का जुर्माना और दो हजार रूपये वकालत खर्च सहित बारह हजार का जुर्माना लगाया है। पीडित ग्राहक ने उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग मे शिकायत दर्ज करवाई थी,कि उसने बालाजी मंदिर के पास एक जनरल स्टोर से पचास रूपये की फेस क्रीम ली थी। लेकिन दुकानदार ने पचास रूपये की क्रीम 55 रूपये मे दी जिसकी शिकायत ग्राहक ने उपभोक्ता आयोग मे कर दी थी। इस शिकायत पर आयोग ने फैसला सुनाते हुये दुकानदार पर ग्राहक से 5 रूपये अधिक लेने पर दस हजार जुर्माना और पीडित के वकील का खर्च पर दो हजार रूपये सहित बारह हजार का जुर्माना लगाया।
Dakhal News
अपहरणकर्ताओं ने मांगी एक करोड़ की फिरौती नए मुख्यमंत्री मोहन यादव भले ही अपराधियों पर सख्ती की बात करें लेकिन उनके राज में सरेआम एक 65 वर्षीय वृद्ध गल्ला व्यापारी का अपहरण कर अपहरणकर्ताओं ने एक करोड़ की मांग थी। 24 घंटे बाद अपहरणकर्ताओं ने गल्ला व्यापारी को छोड़ दिया। पुलिस का कहना है ये सब उसके दबाव का नतीजा है। पुलिस ने पांच में से इस कांड में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मैहर के भैसासुर गांव से 65 वर्षीय वृद्ध गल्ला व्यापारी दद्दू गुप्ता का उनके घर से कार सवार 5 अपहरणकर्ताओं ने अपहरण कर लिया था और फिरौती बतौर एक करोड़ की मांग की थी। घटना के तत्काल बाद पुलिस ने घोराबंदी की लेकिन अपहृत वुपरी और आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला। घटना के 24 घंटे बाद देर रात अपहृत व्यपारी को को देवी जी रोड पर छोड़ फरार हो गए। इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली और तफ्तीश जारी रखी और इस अपहरण कांड के सरगनाओं तक पुलिस पहुंच गई। इस घटना में पांच आरोपी शामिल है। जिसमे से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पूरनलाल पटेल मुकेश पटेल कुसेड़ी और मुकेश पटेल लुढ़ौती को गिरफ्तार किया है। जबकि रजनीश पटेल और जितेंद्र पटेल अभी भी फरार है।
Dakhal News
बरामद कस्तूरी की कीमत पचास लाख कस्तूर मृग के बारे में तो आपने सुना ही होगा। कस्तूरी मृग मारकर उसकी कस्तूरी की तस्करी करने का काला कारोबार अब भी जारी है। कस्तूरी तस्करों ने नेपाल में दो कस्तूरी मृगों का शिकार किया और उसकी कस्तूरी को बेचने हरियाणा ले जा रहे थे। तभी वन विभाग जी टीम ने एक अंतरास्ट्रीय कस्तूरी तस्कर को गिरफ्तार कर उससे कस्तूरी बरामद की। कस्तूरी का काला कारोबार अब भी जारी है। इसका खुलासा कस्तूरी के अनतरास्ट्रीय तस्कर ने खुद किया है। उत्तराखंड एसटीएफ एवं डब्ल्यूसीसीबी की संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना के आधार पर खटीमा की पीलीभीत रोड से एक अंतरराष्ट्रीय वन तस्कर को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से दो मृग कस्तूरी बरामद की है। आरोपी तस्कर पूर्ण विश्वकर्मा उर्फ हरिओम ग्राम चायकोट नेपाल का रहने वाला है। जिसने अपने एक साथी के साथ मिलकर नेपाल में दो कस्तूरी हिरण का शिकार किया और उससे कस्तूरी निकली। तस्कर पूर्ण विश्वकर्मा कस्तूरी बेचने के लिए हरियाणा ले जा रहा था। जिसे खटीमा में ही छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया गया। इससे बरामद कस्तूरी की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 50 लाख रुपए बताई जा रही है। तराई पूर्वी खटीमा उपवन प्रभाग की एसडीओ संचिता वर्मा ने बताया अंतरराष्ट्रीय वन तस्कर को गिरफ्तार किया गया है।
Dakhal News
पांच आरोपियों ने विवाद के बाद की मारपीट अपरधियों के हौंसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्हें बाइक धीरे चलाने का क्या बोल दिया तो उनका पारा सातवें आसमान पर पहुँच गया। जिस युवक ने उनसे बुलेट मोटरसाइकिल धीरे चलाने को कहा, बदमाश उस पर भड़क गए और युवक के साथ लाठी डंडे से मारपीट करने लगे। अपराधियों ने युवक को इस कदर पीटा की इलाज के दौरान युवक की मौत हो गयी। छतरपुर में एक युवक के साथ अपराधियों ने लाठी डंडो से मारपीट की। जिसके बाद युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज के दौरान युवक की मौत हो गयी मृतक ने आरोपियों से बुलेट धीरे चलाने को कहा तो अपराधियों ने विवाद शुरू कर दिया। पांच आरोपियों ने विवाद के बाद मारपीट शुरू कर दी। फिर इन बदमाशों ने उस युवक की लाठियों से पिटाई की पुलिस ने मामला दर्ज कर पांचो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना महाराजपुर थाने के ढिंगपुरा की है।
Dakhal News
नानामता विधानसभा क्षेत्र नई बस्ती का मामला विधायक निधि से चल रहे निर्माण कार्य ही जब गुणवत्ता विहीन होंगे तो लोगों की नाराजगी वाजिब है। ऐसे ही गुणवत्ता विहीन पेवर ब्लॉक लगाए जाने के काम का लोगों ने विरोध किया और इसकी प्रशासन शिकायत की है। नानामता विधानसभा क्षेत्र के इस्लामनगर की नई बस्ती में संपर्क मार्ग परे पेवर ब्लॉक लगाए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने शिकायत की है की निर्माण कार्य में हुन्वात्ता का ध्यान नहीं है। विधायक गोपाल सिंह राणा की विधायक निधि से यह काम किया जा रहा है। निर्माण कार्य कर रही एजेंसी का कहना है पेवर ब्लॉक लगाए जाने का काम ठीक तरीके से हो रहा है। फिर भी कोई शिकायत है तो मामले की जांच करवा लेंगे।
Dakhal News
फिर तेज रफ़्तार बस का कहर एक बार फिर तेज रफ़्तार बस का कहर देखने को मिला। जब एक यात्री बस ने पानी पी रहे माँ बेटे को टक्कर मार दी ये टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मौके पर ही माँ बेटे की मौत हो गई। एक तेज रफ़्तार बस ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। जिससे माँ बेटे की मौके पर ही मौत मौत हो गयी। घटना नादन देहात के ग्राम कनियारी मोड़ की हैं। जहां ,सड़क किनारे मोटरसाइकिल खड़ी कर माँ बेटे पानी पी रहे थे। तब तेज रफ्तार बस ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। वहीं टक्कर मारने के बाद बस सड़क किनारे खाई में जाकर घुस गई। यह हादसा तब हुआ जब बस सतना से अमरपाटन की ओर आ रही थी। घटना की जानकारी लगते ही अमरपाटन थाना पुलिस मौके पर पहुंची। मामले की जांच नादान थाना पुलिस कर रही है।
Dakhal News
वैन पूरी तरह जलकर हुई राख खबर छतरपुर छतरपुर से है जहाँ मारुती वैन में आग लगने के वजह से मारुती वैन पूरी तरह जलकर राख हो गयी। जलने के बाद वैन में जबरदस्त धमाका हुआ। जिससे आस पास के रहने वाले लोग भी दहल गए। इसके बावजूद गनीमत यह रहा की किसी को कुछ नहीं हुआ। छतरपुर में मारुति वैन में अचानक आग लग गई। आग लगने के बाद जबरदस्त धमाका हुआ। जिसकी वजसे से आस पास के रहने वाले लोगो में सनसनी फ़ैल गयी। घटना के बाद सभी को ऐसा लगा था की कोई न कोई बड़ा नुकसान जरूर हुआ होगा। लेकिन गनीमत यह रही की जबरदस्त धमाका होने के बाद भी कोई हताहत नहीं हुआ। घटना बिजावर के लक्ष्मीनारायण मन्दिर के पास की है। पूरी तरह जलकर पूरी खाख हुई मारुती वैन नारायण विश्वारी की बताई जा रही है।
Dakhal News
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल छतरपुर में अपराधों का सिलसिला जारी है। आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। बेख़ौफ़ होकर अपराधी आपराधिक घटना को अंजाम दे रहे है आए दिन ऐसी घटना को देखते हुए लगता है छतरपुर में प्रशासन की नहीं अपराधियों की चलती है। अपराधियों के टारगेट पर कोई और नहीं सिर्फ सराफा व्यापारी हैं। ताजा मामले में छतरपुर में सराफा व्यापारी पर अपराधियों ने जानलेवा हमला कर 15 लाख के जेवरात लूट लिए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी वायरल हो रहा है। इसके बाद भी पुलिस ऐसे अपराधियों का सुराग नहीं लगा पा रही है। छतरपुर में सराफा व्यापारी पर जानलेवा हमला कर अपराधियों ने 15 लाख के जेवरात लूट लिए। घटना सीसीटीवी में कैद हो गयी जिसका वीडियो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ,वीडियो में साफ नज़र आ रहा की कुछ अपराधी व्यापारी पर डंडे से हमला करते दिख रहे है और लूटपाट कर रहे है। लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस कोई एक्शन नही ले पाई है। बदमाशों का सुराग नहीं लगने से यही पता चलता है छतरपुर में पुलिस की चाल ढीली हो गयी है। जिसके वजह से अपराधी सक्रीय हो गए है और बेखौफ हो आपराधिक मामले को अंजाम दे रहे है। पिछले कई दिनों से अपराधियों के निशाने पर सराफा व्यापारी हैं।व्यपारी पर जानलेवा हमले का ये मामला सिविल लाईन थाना के शांतिनगर कालोनी का है।
Dakhal News
पुलिस अभी तक नहीं लगा पायी पता बीते आठ दिनों से एक आदिवासी बालिका के गायब होने से आदिवासी समाज गुस्से में है। नाराज लोगों ने देवास के सतवास पुलिस स्टेशन पर प्रदर्शन कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की आदिवासी समाज बालिका को ढूंढने के लिए पुलिस को 24 घंटे का समय दिया है और कहा है इसके बाद हर प्रदर्शन किया जाएगा। देवास जिले के सतवास थाना अंतर्गत पीपलकोटा से एक आदिवासी बालिका के गुम हो जाने को लेकर आदिवासी समाज के लोगो ने सतवास थाने के सामने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर सतवास थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में कहा गया की ग्राम पीपलकोटा की बालिका पिछले एक सप्ताह से घर नही पहुंची है। बालिका 14 दिसंबर को सतवास के शासकीय महाविद्यालय में अध्ययन करने के लिए आई थी। किंतु शाम को वापस घर नही पहुंची। पुलीस थाने में बालिका के पिता द्वारा आवेदन देकर सुचना भी दी गई। किंतु पुलीस आज तक उक्त बालिका की अभी तक जानकारी नहीं जुटा पाई है। 24 घण्टे के अंदर पुलिस बालिका की जानकारी नही जुटा पाती है तो समाज के लोगो द्वारा नगर बंद कर उग्र आंदोलन किया जायेगा। जिसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की रहेगी।
Dakhal News
पिता ने 50 हजार में लड़की बेची एक 13 वर्षीय नाबालिग की खरीद फ़रोख़्त का मामला सामने आया है। लड़की को उसके पिता ने ही पचास हजार रुपये में एक शख्श कप बेच दिया।महिला एवं बाल विकास विभाग ने पुलिस की मदद से लड़की को छुड़वाया। पीड़िता ने वीडियो बनाकर इस मामले की शिकायत की। उसके बाद उसे छुड़वाया गया। देवास जिले के सोनकच्छ का मामला। देवास जिले के सोनकच्छ में एक नाबालिग को उसके पिता ने 50 हजार रुपए में बेच दिया। वहीं जिन्होंने लड़की को खरीदा उनका कहना था हम नाबालिग की सगाई कर उसे लाये है। महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को जब इस घटना का पता चला तो उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए नाबालिग छुड़वाया। नाबालिग ने टीम को बताया कि उसे उसके पिता ने चंद रुपयों के लिए बेच दिया। वहीं जो व्यक्ति उसे खरीद कर लाया वो नाबालिग के साथ मारपीट कर मजदूरी करवाता है। महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रवीण जैन ने बताया कि हमें एक नाबालिग 13 वर्षीय लड़की ने सोशल मीडिया पर शिकायती विडियो बनाकर भेजा था। जिसमें नाबालिग ने बताया कि उसको उसके पिता ने गांव के ही एक व्यक्ति को 50 हजार रुपए में बेच दिया है। मुझे यहां नही रहना है। ये परिवार मेरे साथ मारपीट करता हैं, मुझसे मजदूरी करवा रहे और मुझे खानें को भी नहीं देते हैं। इसी आधार पर पीलिया खाद ईंट भट्ठे से नाबालिग को बरामद किया गया। उसे खरीदने वाला व्यक्ति सोहनलाल उसकी पत्नी और उसके नाबालिग बेटा है। जिनके ख़िलाफ़ कार्यवाही हेतु सोनकच्छ पुलिस को आवेदन दिया है।
Dakhal News
बीयर की बोतलों को बुलडोजर से किया गया नष्ट शराबी इस खबर से दूरी बना के रखें।यह खबर पिने वालों को परेशान कर सकती है कि करोड़ों की बीयर पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया। वीयर के केन और बोतलों पर तब तक बुलडोजर चालता रहा जब तक सबकुछ माटिया मेट न हो गया। इस बुलडोजर को गौर से देखिये। ये जिस ढेर पर चढ़ाई कर रहा है ये ढेर भरी हुई केन है। ये बुलडोजर तक तक इन्हें कुचलता रहेगा। जब तक इनका पापड़ नहीं बन जाएगा। एमपी के छतरपुर मे छह करोड साठ लाख रूपये की बीयर पर बुल्डोजर चलाने की कारवाई की गई, नौगांव में आबकारी विभाग द्वारा विदेशी मदिरा के नस्टिकरण की कार्यवाही की गई है। जिसमें 37,166 पेटी वह बीयर थी जो एक्सपायर हो चुकी है। जिसके नष्टिकरण की कार्यवाही आबकारी अधिकारी की मौजूदगी में बुलडोजर चलाकर की गई। आबकारी अधिकारी ने बताया कि नष्ट की गई बियर की कीमत लगभग 6 करोड़ 60 लाख रुपए है।
Dakhal News
हाथी का शव मिलने से मचा हड़कंप एक बड़े हाथी का शव संदिग्ध स्थिति में मिलने से हड़कंप मच गया। विशाल हाथी की मौत कैसे हुई इस पर वन विभाग के अफसर कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं। बड़कोट वन रेंज के माजरी ग्रांट के रेशम माजरी क्षेत्र में एक हाथी की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। बृहस्पतिवार की सुबह वन वन विभाग के गश्ती दल ने मृत अवस्था में हाथी को देखा और इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी। मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने शव को कब्जे में ले लिया है। बताया गया है कि हाथी करीब 15 साल का है और उसके सभी अंग सुरक्षित हैं। वन विभाग ने हाथी का पोस्टमार्टम भो करवाया है। ताकि उसकी मौत के कारणों का पता चाल सके। हाथी का शव मिलने की खबर से बड़ी तादात में ग्रामीण इकठ्ठा हो गए। हाथी की मौत ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। दो दिन पहले भी थानो वन रेंज में एक हाथी की मौत इसी तरह हो चुकी है। क्षेत्रवासियों ने बताया कि वे कई साल से वह वन विभाग को हाथी आने की शिकायत करते आ रहे हैं। लेकिन वन विभाग ने इसको संज्ञान में नहीं लिया। अब अचानक इस तरह हाथियों की मौत के पीछे वन विभाग की भी बड़ी लापरवाही बताई है। वन रेंज अधिकारी धीरज रावत ने कहा कि 3 महीने पहले हाथी की रोकथाम के लिए प्रस्ताव उन्होंने भेजा था। लेकिन अभी तक उस पर अमल नहीं किया गया है। वन विभाग हाथियों की मौत के मामले में अपना पल्ला झाड़ता नजर आ रहा है।
Dakhal News
उधार ना देने पर दुकानदार की हत्या छतरपुर में अपराधियों के मन से पुलिस का डर खत्म हो चूका है। एक बुजुर्ग अपनी जिविका के लिए सड़क के किनारे गुमटी में किराने की दुकान चलाता था। गांव की कुछ लोग दुकान पर उधार मांगने गए। लेकिन दुकानदार ने उधर देने से माना कर दिया। बुजुर्ग दुकानदार के माना करने का बाद बदमाशों ने दुकानदार के साथ बेरहमी से मारपीट की। दुकानदार गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी। ईशानगर थाने के पनोठा गांव 70रूपये का सामान उधार न देने पर बदमाशों ने बुजुर्ग दुकानदार के साथ मारपीट की। इलाज के दौरान बुजुर्ग तुलसी कुशवाहा की जिला अस्पताल मे मौत हो गई। बुजुर्ग गांव मे गुमटी में .किराने की दुकान चलाता था। मृतक के परिजनो ने गांव के तीन लोगो पर लगाया मारपीट का आरोप लगाया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
Dakhal News
भूख और प्यास से मर गया एक घोड़ा खनन माफिया अवैध खनन में घोड़ों का उपयोग करता है और इन घोड़ों को खाना पानी तक समय पर नसीब नहीं हो पाता है। ऐसे अवैध खनन में लगे एक घोड़े की मौत हो गई। बुल्लावाला सुसवा नदी में खनन माफिया दिनदहाड़े घोड़ों के जरिये अवैध खनन कर रहा है। जिस कारण एक घोड़ा भूख और प्यास के चलते तड़प तड़प कर मर गया। घोड़े के मालिक घोड़े को भूखा प्यासा रखकर उसे लगातार अवैध खनन के काम में लगाए रखते हैं। जब भूखा घोड़ा मर गया तो उसको सुसवा नदी में खुले मैं फेक दिया गया। इलाके के लोगों ने घोड़ों पर हो रही बेरहमी को रोकने की मांग की है। लेकिन प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता है। दिर भी स्थानीय लोगों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि बुल्लावाला में चल रहे घोड़े द्वारा अवैध खनन का कार्य की जांच कर उचित कर्रवाई कि जाए।
Dakhal News
जंगल में मंगल करते नजर आये विजय शाह भाजपा सरकार के पूर्व वन मंत्री विजय शाह अपने नित नये नये कारनामों के कारण चर्चाओं में रहते है। अब भाजपा के विधायक पूर्व वन मंत्री विजय शाह ने घने जंगल में वन विभाग के अधिकारियों को पार्टी करने का हुक्म दे डाला और जंगल में पार्टी हो गई। पार्टी के वीडियो में खुद विजय शाह आपने दोस्त के साथ सतपुड़ा के जंगलों में मनगल करते नजर आये। ये वीडियो खुद विजय शाह ने बनाया है। विजय शाह ने सतपुड़ा की सबसे ऊँचे पहाड़ों पर पार्टी आयोजित की अधिकारियों ने बताया पूर्व वन मंत्री को जिस स्थान पर पार्टी की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। उस स्थान पर आग जलाना पूर्णत:प्रतिबंधित है आग फैलने के खतरे के साथ जंगली जानवर भी डर के कारण दूसरे वन क्षेत्रों में पलायन कर सकते हैं। उपरोक्त स्थान पर आग जलाना वन नियमों के विरुद्ध है। भाजपा विधायक शाह के कारन कंगाल में मंगल हो गया और नियम कोने में पड़े रह गए अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमे विजय शाह एक पत्रकार की तरह सतपुड़ा की वादियों का हाल बता रहे हैं।
Dakhal News
किसने खेला गोली का जानलेवा खेल एक सरपंच अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था। इस पार्टी में सरपंच का कोई दोस्त दुशमन बन के बैठा था। उसने मौका मिलते ही सरपंच को गोली मार दी। पुलिस अब गोली मरने वाले की तलाश कर रही है। छतरपुर में एक पूर्व सरपंच की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। जब वह अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था। पूर्व सरपंच की फोर लाइन पर दोस्तों के साथ चल रही थी। तभी उसे गोली लगी। तत्काल पूर्व सरपंच कैलाश यादव को अस्पताल ले जाया गया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई गोली मारने वाले आरोपी का कुछ पता नहीं चला है। सिटी कोतवाली पुलिस और ओरछा रोड थाना पुलिस ने अस्पताल में म्रतक के परिजनों से घटना की जानकारी ली।
Dakhal News
हाइवे पर लूट और एक्सीडेंट अमरपाटन में एक जेठ जेठानी ने पारिवारिक विवाद में अपनी बहू पर उबलता पानी डाल दिया। वहीँ कुछ बदमाशों ने एक युवक के साथ लूट कर ली। और हाइवे पर ट्रेक्टर और कंटेनर की टक्कर में सात लोग घायल हो गए। हाईवे पर मोटरसाइकिल सवार यूवक का रास्ता रोक बदमाशों ने उसके साथ मारपीट की और चाकू की नोक पर पैसे लूट लिए। पर्सवाहि नर्सरी के सामने एक युवक ने मोटरसाइकिल सवार युवक बलवीर सिंह का रास्ता रोका और अन्य साथियों को बुलाकर चाकू की नोक पर उसके साथ मारपीट करते हुए उसके पैसे लूट लिए। जिसकी शिकायत पीड़ित ने अमरपाटन थाने में की पुलिस मामले की जांच में जुटी हैं। अमरपाटन थाना के ग्राम चौराहटा में एक महिला घर के आंगन में नहा रही थी इसी दौरान जेठ जेठानी ने चूल्हे पर खोल रहे गर्म पानी को इस महिला के ऊपर डाल दिया। जिससे महिला बुरी तरह झुलस गई। गंभीर हालत में परिजन इस महिला को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। ईलाज के बाद हालत गंभीर देखते हुए महिला को जिला अस्पताल सतना के लिए रेफर कर दिया हैं। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर जेठ श्याम लाल जेठानी राधा पर मामला दर्ज किया हैं। नेशनल हाइवे पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। जहाँ ट्रेक्टर और कन्टेनर मे भिड़ंत हो गई। हादसे में ट्रेक्टर सवार सात लोग घायल हुए हैं। इनमे 2 लोगो की हालात गंभीर है।
Dakhal News
अवैध रूप से मिट्टी का खनन उत्तराखंड के कई इलाकों में मिटटी माफिया सक्रिय है और मिट्टी खनन के लिए खेतों और जमीन को बर्बाद कर रहा है। मिट्टी माफिया बिना इजाजत मिटटी का खनन कर सरकार को राजस्व का चूना लगा रहा है। खटीमा विकासखंड में इन दिनों अवैध मिट्टी खनन माफिया का स्वर्ण काल चल रहा है। मिट्टी माफिया बिना परमिशन के खेतों की उपजाऊ मिट्टी का अवैध रूप से खनन कर उसका परिवहन भी कर रहा है। इस मामले में शिकंजा कसने के लिए राजस्व विभाग की टीम के द्वारा उप जिलाधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट के नेतृत्व में सितारगंज रोड पैनिया टोल नाके के पास अवैध मिट्टी खनन में लिप्त तीन ट्रैक्टर ट्रालियों को ओवरलोडिंग एवं अवैध रूप से मिट्टी का परिवहन करने के अपराध में सीज किया गया। उप जिलाधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि इस मामले में आवश्यक कार्यवाही कर के मिट्टी खनन माफिया के खिलाफ शिकंजा कसा जा रहा है।
Dakhal News
न्यायाधीश की कार छीनने का आरोप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के दो पधाधिकारियों को न्यायधीश की कार छीनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। परिषद की राष्ट्रीय मंत्री शालिनी शर्मा ने बताया कि ग्वालियर रेलवे स्टेशन के बाहर चालक से उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की कार छीनने के आरोप में एबीवीपी के दो पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। जबकि वे लोग पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल ले गए थे। ऐसे में इनकी रिहाई के लिए विद्यार्थी परिषद् ने सरकार और अदालत से अनुरोध किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय मंत्री शालिनी शर्मा ने बताया कि ग्वालियर रेलवे स्टेशन के बाहर चालक से उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की कार छीनने के आरोप में एबीवीपी के दो पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। छात्रों ने मानवता के कारण न्यायाधीश की कार को लेकर बीमार व्यक्ति की मदद की है। जबकि पुलिस ने डकैती का केस लगाया है। इसके संदर्भ में पूरे प्रदेश भर में एबीवी पी के छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारी प्रशासन से मांग है कि दोनों छात्रों को छोड़ा जाए। एबीवीपी के प्रांतीय मंत्री संदीप वैष्णव के मुताबिक ट्रेन में सवार संगठन के लोगों ने इसकी जानकारी ग्वालियर स्टेशन पर एबीवीपी के अन्य पदाधिकारियों को दी थी। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं ने बीमार व्यक्ति को ग्वालियर स्टेशन पर उतार दिया, लेकिन करीब 25 मिनट तक उसकी मदद के लिए कोई एम्बुलेंस नहीं पहुंची। वैष्णव ने कहा, चूंकि उस व्यक्ति की हालत बिगड़ रही थी तब एबीवीपी कार्यकर्ता उसे स्टेशन के बाहर खड़ी कार में अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई और पुलिस ने दो विद्यार्थिओं पर डकैती का केस लगा दिया।
Dakhal News
आग लगने का कारन अज्ञात सिंगरौली के बैढन में अचानक एक दुकान में आग लाफ गई और दूकान जल के ख़ाक हो गई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। बैढ़न टाकीज चौराहे के पास महाराणा प्रताप शॉपिंग कांप्लेक्स के पास दुकान मे आग लग गई जिसकी जड़ में कई दुकानें आ गईं। बैंड बाजा मार्केट के पास की यह दुकान जल कर खाक हो गई। इसके पास की दुकान भारूका पेंट्स को भी आगजनी से बड़ा नुक्सान हुआ है। मौके पर पहुंची नगर निगम की दमकल ने बड़ी मशक्कत से आग को काबू किया।
Dakhal News
रेत माफियाओं के घर पर चल बुलडोजर नर्मदापुरम में प्रशासन की टीम पर पथराव करने वाले रेत माफियाओं के घर पर बुलडोजर चला। पांजराकला में दो दिन पूर्व अवैध रेत परिवहन करने वाले वालों ने प्रशासन की टीम पर पथराव किया था। आज सुबह नर्मदापुरम एसडीएम पुलिस बल के साथ मेहराघाट पहुँचे और दोनों आरोपियों के अवैध पक्के निर्माण को जेसीबी से तोड़ दिया। नर्मदापुरम के मेहराघाट में आज सुबह राजस्व की टीम जेसीबी लेकर पहुँची। जहाँ मेहराघाट निवासी मयंक निमोद एवं सोनू निमोद का शासकीय जमीन पर बने अवैध पक्के निर्माण को तोड़ने की कार्यवाही की इन दोनों रेत मफियाओं ने दो दिन पूर्व नायब तहसीलदार कीर्ति प्रधान एवं खनिज टीम पर पथराव किया था। नायब तहसीलदार की शिकायत पर दोनों आरोपियों के खिलाफ देहात पुलिस ने मामला दर्ज किया। जिसके बाद आज एसडीएम आशीष पांडे द्वारा आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुये उनके अवैध पक्के निर्माण को जेसीबी से तोड़ा गया। इस सबंध में एसडीएम ने बताया कि दो दिन पूर्व पांजराकला में प्रशासन की टीम पहुँची थी। उसी टीम पर सोनू और मयंक ने पथराव किया था। थाने में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। आज शासकीय जमीन पर बने उनके पक्के निर्माण को जेसीबी से तोड़ने की कार्यवाही की गई।
Dakhal News
गुमास्ता कानून लागू करने की मांग भाजपा नेता पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने भोपाल में गुमाश्ता क़ानून लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा एक भोपाल में दो कानून कैसे चल रहे हैं एक विशेष समुदाय के लोग रात भर दुकानें खोलते हैं। वहां कई गलत काम हो रहे हैं जिससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। राजधानी भोपाल में गुमास्ता कानून लागू करने की मांग को लेकर पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर आलोक शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि पुराने शहर में रात भर दुकान खुली रहती हैं जिससे क्षेत्र का माहौल बिगड़ रहा है बच्चे जुआ खेल रहे हैं, चरस गांजा पी रहे हैं। जिससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। आलोक शर्मा ने भोपाल कलेक्टर से मांग की नए भोपाल की तरह पुराने भोपाल के भी सभी बाजार रात में 11:00 बजे बंद हों। भोपाल की उत्तर विधानसभा से सभी भाजपा पार्षद और भाजपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर ने कहा कि नियम अनुसार इन दुकानों को बंद करवाया जाए।
Dakhal News
पुलिस हर ऐंगल से कर रही है जांच फसल की रखवाली कर रहे किसान का शव कुए में मिला। किसान के परिजन इसे ह्त्या का मामला बता रहे हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। खेत में फसल की रखवाली करने के लिए गए किसान का शव कुएं में मिला। शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। ये घटना गढी मलेहरा थाना के उर्दमऊ क्षेत्र की है। जहाँ चालीस वरहिय किसान किसान दिनेश कुशवाहा अपने खेत पर फसल की रखवाली कर रहा था। उसके परिजन खेत पर पहुंचे तो देखा उसका शव कुए में पड़ा है। मृतक किसान के परिजनों ने उसकी हत्या की आशंका जताई है। मौके पर पहुँचे नोगाव एसडीओपी इस मामले को देख रहे हैं। एफएसएल एवं फिंगरप्रिंट टीम गंभीरता से केस की जांच कर रही है।
Dakhal News
जंगल में एक्टिव है लकड़ी माफिया उत्तराखंड में लकड़ी माफिया एक्टिव है और जंगल काट रहा है वन विभाग की टीम ने एक लकड़ी तस्कर को वाहन में अवैध रूप से लकड़ी की तस्करी करते हुए पकड़ा खटीमा रेंज के वन कर्मियों के हाथ उस समय बड़ी सफलता लगी जब उन्होंने अवैध शीशम की लकड़ी परिवहन कर रहे पिकअप वाहन को चालक सहित पकड़ा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी महेश जोशी ने बताया कि सूचना के आधार पर टनकपुर रोड जगपुरा पुल के पास उक्त वाहन को तलाशी के लिए रोका गया जिस पर वाहन चालक ने भागने की कोशिश की परंतु वन कर्मियों द्वारा वाहन चालक को वाहन सहित अपने कब्जे में ले लिया तलाशी करने पर पाया गया कि वाहन में शीशम की तस्करी की जा रही है पूछताछ से पता चला है कि वाहन चालक महेंद्र सिंह टनकपुर का रहनवाला है साथ ही वाहन स्वामी भी टनकपुर का ही निवासी है . आरोपी चालक के खिलाफ वन अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है
Dakhal News
हाथी का बच्चा हुआ घायल जंगल में ट्रेन के इंजन की चपेट में आने से एक नर हाथी की दर्दनाक मौत हो गई जबकि एक हाथी का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया जिसका उपचार किया जा रहा है टांडा रेंज के जंगल से निकल कर रेल पटरी क्रॉस करते हुए नर हाथी की ट्रेन के इंजन से टकराने से दर्दनाक मौत हो गई जबकि उसके साथ चल रहा करीब 9 महीने का मादा हाथी इस घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुँचे गौला रेंज के वन क्षेत्राधिकारी चन्दन सिंह अधिकारी ने घायल हाथी के बच्चे का रेस्क्यू कर उसे उपचार के लिए ले गए वन विभाग के एसडीओ अनिल कुमार जोशी के देखरेख में डॉक्टरों की टीम हाथी के बच्चे के उपचार में जुटी है
Dakhal News
नाड़ी परीक्षण शिविर का आयोजन एनटीपीसी विंध्याचल वीवा क्लब में नाड़ी परिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जहाँ विशेषज्ञों ने लोगों की नाड़ी देखकर उनके रोग बताये और जड़ी -बूटियों से उनका उपचार करने की सलाह दी एनटीपीसी विंध्याचल वीवा क्लब में श्री श्री तत्व नाड़ी परीक्षण कैंप का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता सिंगरौली के पार्षद रविंद्र सिंह ने की इस कैंप में लोगों ने अपनी नाड़ी का परीक्षण कराया प्रख्यात नाड़ी प्रशीक्षक डॉक्टर प्रशांत शर्मा ने बताया की प्राचीन आयुर्वेदिक तकनीकी नाड़ी परीक्षण के द्वारा आपके शरीर की प्राकृति को समझ कर असाध्य रोगों की जड़ तक पहुंचा जा सकता है फिर आहार विहार व जड़ी बूटियां द्वारा चिकित्सा की जाती है सर्दी जुकाम सिरदर्द , जोड़ों के दर्द , पाचन संबंधित व्याधियां सभी प्रकार के एलर्जी स्ट्रेस , रक्तचाप एवं अनिद्रा त्वचा एवं बाल संबंधित समस्या अधिक व कम वजन मधुमेह, हृदय संबंधित अन्य रोगों का नाड़ी परीक्षण करके जड़ी बूटियां द्वारा ठीक किया जाता है .शिविर में आए अरविंद सिंह ने अपने अनुभव साझा किए
Dakhal News
लगातार चोरी की वारदातो से लोग परेशान पुलिस प्रशासन पर उठ रहे हैं सवाल,छतरपुर में चोरो ने फिर चोरी की घटना को अंजाम दिया पुलिस की नाक के नीचे चोर ऐसे घटना को अंजाम दे रहे हैं लगातार चोरी की वारदातो से ज्वैलर्स मे दहशत का माहौल है बमीठा में चोरो ने ज्वैलर्स की दुकान पर चोरी की वारदात को अंजाम दिया और सोने -चांदी के जेवरात के साथ नगदी पर भी हाथ साफ किया चोर तक़रीबन डेढ़ करोड़ की चोरी कर ले गए दुकानदार का परिवार काम से गया था तभी चोरो ने मौका देकर की चोरी ,लगातार चोरी की वारदातो से ज्वैलर्स दहशत में हैं और पुलिस जांच मे लगी है।
Dakhal News
एक गांजा तस्कर युवक हुआ गिरफ्तार उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने के लिए पुलिस ने अभियान चला रखा है पुलिस ने एक गांजा तस्कर को गिरफ्तार कर उसके पास से दो किलो गांजा बरामद किया है। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा अवैध नशे के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत महेशपुरा मजरा कालोनी निवासी शाहरूख को दो किलो अवैध गांजा व परिवहन में प्रयुक्त बाइक के साथ पुराना ढेला पुल के पास मण्डी चौकी से गिरफ्तार किया जिसके विरूद्व थाना कुण्डा पुलिस ने एन डी पी एस के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया है।
Dakhal News
व्यापारी से डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी बैंक में सैटलमेंट के नाम पर धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है एक व्यापारी को सेटलमेंट के नाम पर झांसे में लेकर दो लोगों ने उसके साथ डेढ़ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर ली अब पुलिस मामले की जांच कर रही है काशीपुर कोतवाली मे पंजाब नेशनल बैंक का लोन सेटलमेंट कराने के नाम पर ढेड़ करोड़ रुपये ठगने के मामले में संजीव पाल अरोरा ने दिल्ली के राकेश थापर और अनुकम्पा भट्ट के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्जकरवाया है इस मामले की जांच के बाद पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने बताया कि संजीव पाल अरोरा जो की एक वायवसायी है उनके द्वारा धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है व्यापार के चलते उन्होंने बैंक से लोन लिया था जिसका ब्याज मिला कर नो करोड़ अठ्ठासी लाख रुपये के आसपास हो गया था जिसके सेटलमेंट के लिए वे प्रयास कर रहे थे वही मुलाकात के दोरान राकेश व अनुकंपा भट्ट द्वारा बैंक सेटलमेंट की बात करते हुए बताया कि दिल्ली मे हमारी फर्म ए टू जेड वित्तीय मतभेदों को देखती है और दोनो ने अपने विश्वास मे लेकर सेटलमेंट के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक के ड्राफ्ट और नगद के माध्यम से एक करोड़ पचास साल की रकम धोखाधड़ी से ले ली बाद में व्यापारी अरोरा ने जब बैंक से जानकारी ली तो पता चला कि इस तरह का कोई सेटलमेंट हमारे बैक से नही हुआ
Dakhal News
आपातकालीन उपकरणों की बारीकियां परखीं गई रेलवे के अधिकारी विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए रेल ट्रैक और आपातकालीन उपकरणों की बारीकियां को परखी कर उसका मुआयना कर रहे हैं इस दौरान अधिकारीयों ने अपने स्टाफ को उचित दिशा निर्देश भी दिए उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रधान मुख्य संरक्षा अधिकारी आर. एस. रनोट ने काठगोदाम से लालकुऑं तक रेलखंड का निरीक्षण किया जिसमें स्टेशन, स्टेशन यार्ड, कोचिंग डिपो, क्रू लाॅबी, रनिंग रूम रेलवे समपार, सिग्नल रूम, रेलवे यार्ड सहित दुर्घटना यान से सम्बंधित सुरक्षा उपायों का गहन निरीक्षण किया इसके साथ ही रेलवे दुर्घटना यान में मौजूद ड्रील मशीन, बेल्डिंग कटर, आपातकालीन स्थिति में प्रयोग होने वाले सुरक्षा उपकरणों की बारीकियां को देखा इस दौरान प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी ने इज्जतनगर मंडल ने सुरक्षा मानको को सुदृढ़ करने की दिशा में इज्जतनगर मंडल द्वारा अपनाये जा रहे प्रयासो पर संतुष्टि व्यक्त की।
Dakhal News
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल एक लड़के का शव मिलने से सनसनी फैल गई पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला मामला प्रेम प्रसंग में खुदकशी का है वहीँ लड़के के परिवार का आरोप है उसकी हत्या की गई है सिंगरौली जिले के बनौली गांव में सुनसान जगह पर सिंचाई करने वाले कुएं में लोगों ने एक लड़के का मृत शरीर देखा जिस देख कर लोगों ने पुलिस को सूचना दी इसके बाद पुलिस ने शव को बाहर निकाला इस शव की पहचान विवेक सोनी के रूप में हुई लड़के के परिजनों नेआरोप लगाते हुए कहा की किसी ने हमारे लड़के को जान से मार कर कुएं में फेंक दिया है वही कुछ लोगों का कहना है कि यह मामला प्रेम प्रसंग का है प्रेम प्रसंग की वजह से युवक ने आत्महत्या की पुलिस दोनों ऐंगल से मामले की जाँच कर रही है।
Dakhal News
एसएसपी ने खुद सड़कों पर सम्हाला मोर्चा बिगड़ी ट्रैफिक वयवस्था को सुधारने के लिए एसएसपी को खुस सड़कों पर उतरना पड़ा एसएसपी ने ट्रेफिक में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं राजधानी देहरादून में दो दिनों के इन्वेस्टर समिट के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था में काफी बदलाव नजर आया था इस दौरान ट्रैफिक काफी सुचारू रहा लेकिन इन्वेस्टर समिट खत्म होने के बाद अब फिर से वही पुरानी स्थिति दिखने लगी है लिहाजा एसएसपी अजय सिंह खुद देहरादून की सड़कों पर उतरे उन्होंने सभी थाने चौकियों को निर्देशित किया की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश अनुसार जिस प्रकार की व्यवस्था इन्वेस्टर समिट के दौरान थी उसी प्रकार की व्यवस्था लगातार बनी रहे उनके क्षेत्र में जो भी अतिक्रमण करता हुआ दिखाई दे उसे पर तुरंत कार्रवाई करें और किसी भी प्रकार से ट्रैफिक में अवरोध पैदा ना हो एसएसपी अजय सिंह ने बताया शनिवार और रविवार को ओड इवन की भी व्यवस्था लागू कर दी जाएगी जिसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
Dakhal News
मानव अधिकारपर मिलकर काम करें सर्वेहित सेवा संस्थान और विधिक सेवा प्राधिकरण ने सिंगरौली में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया जहाँ मानव अधिकारों को लेकर जागरिकता लाने की बात कही गई विंध्यनगर एनटीपीसी मैत्री सभागार में मानव के विकास में मानवाधिकार की भूमिका विषय पर कार्यशाला एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि अपर सत्र एवं जिला न्यायाधीश सुशील कुमार चौहान संस्था के संरक्षक सदस्य राम अशोक शर्मा ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की राम अशोक शर्मा ने कहा कि सन 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकार को अपनाया गया और इसे लागू किया गया . सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मानवाधिकार पर कार्य किया जिसमें मुख्य रूप से महिलाओं वंचित वर्गों और सभी के लिए समान अधिकार हैं मुख्य अतिथि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार चौहान ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज मानव के विकास के लिए मुख्य जो बातें हैं उन्हें प्रत्येक व्यक्ति को सोचना चाहिए कि उसने कितना परोपकार किया कितनी सजगता से अपने कार्य में लग्नशील है और उसके अंदर ईर्ष्या की भावना तो नहीं है अगर प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन इन भावनाओं को समझता है तो निश्चित ही वह मानव के विकास के लिए कार्य कर रहा है।
Dakhal News
लुटेरे ने पुलिस को चकमा देकर कर दिया फायर देहरादून में रिलाइंस ज्वैलरी लूट के मामले में पुलिस ने आठवे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है इस आरोपी ने पुलिस को चकमा देकर पुलिस पर फायरिंग भी की एसटीएफ और देहरादून पुलिस के संयुक्त प्रयास से रिलाइंस ज्वेलरी लूट मामले में 8 वें आरोपी को गिरफ्तार किया गया है विक्रम कुशवाह नाम का यह आरोपी लूट की घटना के दौरान शोरूम के बाहर पिस्टल के साथ गाड़ी में मौजूद था पुलिस ने इस आरोपी को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से गिरफ्तार किया इस का काम लूट के दौरान यदि मामला बिगड़ता हुआ दिखे तो बाकी लुटेरों को सचेत और रेस्क्यू करना था जब पुलिस ने इस आरोपी से पूछताछ की तो पता चला कि उसके पास मौजूद पिस्टल को उसने प्रेमनगर के जंगल में छुपाया है हथियार को बरामद करने के लिए जब पुलिस आरोपी के साथ जंगल में पहुंची तो छुपाई गयी लोडड पिस्तौल को झाड़ियों से निकाल कर आरोपी ने पुलिस पर फायर कर दिया बदले में पुलिस ने भी सेल्फ डिफेन्स में आरोपी पर फायर कर उसके पैर में गोली मारी फिलहाल आरोपी का इलाज प्रेमनगर के अस्पताल में किया जा रहा है देहरादून ssp अजय सिंह के अनुसार आरोपी से पूछताछ कर बाकि बचे लुटेरों को भी दून पुलिस जल्द पकड़ने का काम करेगी।
Dakhal News
यातायात ठीक करने की शुरू हुई कवायद चरमराई यातायात व्यवस्था को देखते हुए काशीपुर के एसपी ने इसे ठीक करने के लिए चेकिंग अभियान शुरू करवाया और यातायात के नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। काशीपुर मे ट्रैफ़िक जाम की समस्या के साथ साथ गलत तरीके से चलने वाले वाहनो के खिलाफ पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने चैकिंग अभियान शुरू करवाया टांडा तिराहे पर ओवर लोड वाहनो, सवारी ई रिक्शाओं पर चालानी कर्यवाही की गई इस इलाके में कई वाहनो को सीज भी किया गया पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने बताया कि जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के माध्यम से यातायात सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अभियान चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत ओवर लोडिंग वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा रही है साथ ही ई रिक्शाओ में सवारी की जगह सामान भर कर ले जाया जा रहा है जो दुर्घाटनाओ का कारन बनता है ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है।
Dakhal News
फायरिंग कर बदमाश फैला रहे थे खौफ फायरिंग कर दहशत फैलाने वाले बदमाशों को पुलिस ने पकड़कर उनका उसी इलाके में जुलूस निकाला जहाँ वो अपना खौफ पैदा करना चाहते थे इन बदमाशों को लेकर लोगों ने पुलिस से शिकायत की थी। दहशत फैलाने की नियत से हवाई फायरिंग करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनका जुलूस निकाला इन बदमाशों का 2 दिन पूर्व छतरपुर के टोरिया मोहल्ले में हवाई फायरिंग करने का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था इलाके के लोगों की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में किया पेश सिटी कोतवाली पुलिस ने इन्हें बाईपास से गिरफ्तार किया।
Dakhal News
स्कूटी और मोटरसाइकिल में टक्कर जरा सी असावधानी के चलते एक स्कूटी और बाइक की भिड़ंत हो गई और दो लोग जख्मी हो गए वहीँ सीढ़ियों से उतर रहे मासूम के गिर जाने से उसकी हालत गंभीर हो गई इन सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है अमरपाटन के ग्राम बर्रेह में ढाई साल का मासूम घर की छत से नीचे उतर रहा था , इसी दौरान उसका पैर फिसला और वह जमीन पर आ गिरा जिसे गंभीर हालत में ईलाज के लिए CHC अमरपाटन लाया गया जहाँ से उसे गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज रीवा रेफर कर दिया हैं , घटना में ऊंचाई से गिरने से मासूम के सर पर गंभीर चोट आई हैं। वही ग्राम नोसा पास में तेज रफ्तार मोटरसाइकिल व स्कूटी की आमने सामने भिड़ंत हो गई जिसमें स्कूटी सवार युवती व वृद्ध महिला घायल हुई हैं इन घायल दादी और नातिन को लेकर पुलिस स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन पहुँची इन दोनों को भी जिला अस्पताल सतना रेफर किया गया हैं।
Dakhal News
अम्बेडकर के पद चिन्हों पर चलने का आह्वान संविधान निर्माता "भारत रत्न" डॉ भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए और उनके बताये मार्ग पर चलने का आह्वान किया गया अम्बेडकर पार्क में अम्बेडकर युवा जन सेवा समिति द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया गया जहाँ डॉ भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया गया इस दौरान कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष समीर आर्य ने कहा कि शिक्षित बनो संघर्ष करो का नारा देने वाले बाबा डॉ भीमराव अम्बेडकर के पद चिन्हों पर चलने का यह सही समय है उन्होंने कहा कि संविधान का निर्माण करते हुए डॉ भीमराव अम्बेडकर ने सभी वर्गों का सम्मान करते हुए कानून बनाया न कि किसी जाति धर्म को लेकर।
Dakhal News
बुरी तरह जख्मी ही गया गए तेंदुआ एक खेत पर लगे फंदे में तेंदुआ फंस गया फंदे से निकलने के चक्कर में तेंदुआ बुरी तरह जख्मी हो गया वन विभाग की टीम ने इस तेंदुए का रेस्क्यू किया एक खेत में फंदे में फसे तेंदुएं को वन विभाग ने निकाला पन्ना टाईगर रिजर्व टीम ने इस तेंदुए का रेस्कयू किया बिजावर वन परिक्षेत्र के ग्राम मैंदनीपुरा में एक खेत पर लगे फंदे में तेंदुआ फस गया बिजावर रेंजर के नेतृत्व मे पन्ना टाईगर रिजर्व टीम ने मौके पर पहुँच कर तेंदुए का सुरक्षित रेस्क्यू कर अपने कब्जे में लिया फंदे में फसने के कारण तेंदुआ बुरी तरह से घायल हो गया था पन्ना टाईगर रिजर्व टीम में मौजूद डॉक्टर की टीम ने तेंदुए का प्राथमिक उपचार किया और उसे अपने साथ ले गये।
Dakhal News
बाघ के हमले में युवक की मौत एक बाघ खतरनाक हो गया है उसने एक युवक पर हमला कर उसकी जान ले ली है वन विभाग ने जंगल में गश्त बढ़ाने के बाद लोगों से कहा है इस बाघ से सावधान रहें सीमांत खटीमा वन क्षेत्र की यूपी और नेपाल सीमा से लगी हुई सुरई रेंज एवं यूपी पीलीभीत की महोब रेंज के सीमा क्षेत्र के अंतर्गत बग्गा के रहने वाले युवक तारा सिंह को बाघ ने हमला करके मौत के घाट उतार दिया युवक देर रात मझोला से बग्गा अपने घर जा रहा था उस समय युवक तारा सिंह बाघ के हमले का शिकार बन गया सुबह घटना की सूचना मिलने पर उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश वन विभाग के कर्मचारियों एवं स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा तारा सिंह के शव को जंगल से बरामद किया गया चूंकि यह हादसा यूपी की महोब रेंज के वन क्षेत्र में हुआ है तो मामले में अग्रिम कानूनी कार्यवाही महोबा रेंज के अधिकारियों के द्वारा की गई वहीं खटीमा उप वनप्रभाग की प्रभागीय अधिकारी संचिता वर्मा ने बताया कि उत्तराखंड के बाघ की सक्रियता को देखते हुए हमने वन क्षेत्र से लगे ग्रामीण इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है साथ ही वन कर्मियों के द्वारा भी क्षेत्र की निगरानी बढ़ा दी गई है
Dakhal News
वन विभाग भी अलर्ट मोड पर खटीमा में गुलदार देखे जाने के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है.सूचना मिलने के बाद वन विभाग अलर्ट मोड मोड पर आ गया है और ग्रामीणों को भी सचेत कर दिया गया है खटीमा के भगचुरी गाँव में मादा गुलदार अपने दो बच्चों के साथ भ्रमण कर रही है आबादी वाले क्षेत्र में गुलदार नजर आने के बाद क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है सूचना मिलने के बाद वन विभाग अलर्ट मोड पर है और वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर मादा गुलदार और उसके दोनों बच्चों पर नजर बना कर रख रही एसडीओ संचिता वर्मा ने बताया कि वन विभाग की टीम ने मीटिंग कर गाँव वालो को सचेत कर दिया है
Dakhal News
विकलांग प्रमाण पत्र पाना हुआ मुश्किल सरकार दिव्यांगों की सुविधाओं के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसके बावजूद विकलांग दर दर की ठोकर खाने को मजबूर है। विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दिव्यांग दर दर भटकने को मजबूर हो रहे है। लालकुऑं विधानसभा क्षेत्र के बिन्दुखत्ता में दिव्यांगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। सरकारी योजनाओं का लाभ भी यहाँ दिव्यांगों को सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है। मदन सिंह बिष्ट का दो साल पहले एक्सीडेंट हुआ था। कई हड्डियां उनकी टूट गई। कई ऑपरेशन हुए। वो चल भी नहीं पाते। पर अब तक उनका विकलांग सर्टिफिकेट नहीं बन पाया है। अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। दिव्यांग कल्याण आयोग उत्तराखंड के पूर्व सदस्य संतोष कश्यप की सरकार से मांग है कि यूडीआईडी कार्ड के जरिये विकलांगों को सभी बस में रियायत मिलना चाहिए। UDID कार्ड से रेल किराए पर भी रियायत मिलना चाहिए। संतोष कश्यप का कहना है। महंगाई बढ़ रही है। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।
Dakhal News
न्याय के लिए भटकते गैस पीड़ित पिछले 39 सालों से भोपाल के गैस पीड़ित न्याय के लिए भटक रहे हैं लेकिन अब तक उनके साथ पूरी तरह इन्साफ नहीं हुआ है तमाम अपनों को इस त्रासदी में खो चुके लोगों के चेहरे पर इस आस में झुर्रियां पड़ गईं की कभी तो उन्हें न्याय मिलेगा। भोपाल गैस त्रासदी में अपने बेटे और पति को खोने वाली महिला की अब सभी उम्मीदें टूट चुकी हैं पिछले 39 सालों में उसके हिस्स्से में सिर्फ आंसू आये हैं वह कहती हैं मैं इंसाफ के लिए आज भी भटक रही हूं लेकिन कोई भी सरकार मुझे इंसाफ नहीं दिला पा रही है 39 सालों से गैस पीड़ित और उनके संगठन धरने प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से इंसाफ मांग रहे हैं लेकिन कोई भी सरकार इंसाफ नहीं दिला पा रही है 2 और 3 दिसंबर की रात एक ऐसा मंजर भोपाल के लोगों ने देखा जहां एक साथ लाखों लोग काल के गाल में समा गए गैस पीड़ित संगठनों का कहना है कि यहां से यह गैस निकली थी वहां पर पानी दूषित हो चुका है जिसे पीने से लोग बीमार हो रहे हैं और तिल तिल कर जीना और ऐसे ही मरना उनकी मज़बूरी है।
Dakhal News
हत्या कांड का मास्टर माइंड है प्रकाश गोलछा थम्सअप में जहर पिलाकर सुरेश जोशी की हत्या करने वाली घटना का प्रमुख आरोपी इस घटना के मास्टर माइंड प्रकाश गोलछा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सुरेश जोशी हत्या काण्ड का मास्टर माइंड फरार आरोपी प्रकाश गोलछा को थाना कोतवाली पुलिस, सायबर सेल एवं रेलवे सुरक्षा बल की संयुक्त टीम ने घेराबंदी कर गोंदिया महाराष्ट्र से पकड़ लिया है प्रकाश ने षडयंत्रपूर्वक योजना बनाकर एक व्यापारी को ब्लैकमेल करने के नियत से नौकर की हत्या की थी आरोपी प्रकाश गोलछा को हत्या मे सहयोग करने वाले 04 आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चूका है आरोपी प्रकाश गोलछा से घटना में प्रयुक्त स्वीफ्ट कार मोबाईल एवं मृतक का मोबाईल जप्त किया गया है आरोपियो ने सुरेश जोशी को थम्सअप में जहर मिलाकर पिलाया था।
Dakhal News
अवैध शराब तस्कर गिरफ्तार कुंडा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन अवैध शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर ये कार्रवाई की। वहीँ एक आरोपी मौके से भागने में सफल रहा। मुखबिर की सूचना के आधार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कुंडा पुलिस ने तीन अवैध शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी टैंक से शराब चोरी कर रहे थे। वही इस कार्रवाई के दौरान एक आरोपी मौके से भागने में सफल रहा। पुलिस ने मौके से 6 गैलन बरामद किये हैं जिनमें 275 लीटर अवैध शराब पाई गई है साथ ही 13,700 रुपये नगद , मोबाइल फोन, टैंकर से शराब निकालने के उपकरण भी पुलिस ने जब्त कर लिए हैं।
Dakhal News
गरीबों को घर बनाने के लिए मिल रहा है पैसा काशीपुर नगर निगम ने आवास योजना के लाभार्थियो को दूसरी किस्त की धनराशि दी गरीबों को यह धनराशि सिंर्फ मकान निर्माण के लिए दी जा रही है नगर निगम ने आवास योजना के लाभार्थियो को दूसरी किश्त दी मेयर उषा चौधरी ने बताया कि देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गरीब लोग जिनके पास जमीन तो है परंतु मकान बनाने के लिए पैसा नही है ऐसे लोगो के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर आवास योजना के तहत ढेड़ से दो लाख रुपये बिना ब्याज के दे रहे हैं इस राशि को इन्हें वापस भी नहीं लौटाना है
Dakhal News
किस कारण होता है एच आई वी लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व एड्स दिवस के मौके पर कॉलेज के बच्चों ने रैली निकली और एचआईवी से बचाव के तरीकों पर प्रकाश डाला विश्व एड्स दिवस के मौके पर रविंद्र भवन में एक संवाद कार्यक्रम रखा गया जिसमें यह बताया गया कि एचआईवी किस कारण से होता है और इससे बचाव क्या है एड्स नियंत्रण समिति की संयुक्त संचालक कविता ठाकुर ने बताया कि पूरे प्रदेश में एड्स पखवाड़ा चलाया जा रहा है अलग-अलग कार्यक्रम हो रहे हैं कहीं पर मानव श्रृंखला, जागरूकता रैली, मैराथन दौड़ बाइक रैली का कार्यक्रम किया जा रहा है रविंद्र भवन में एक संवाद का कार्यक्रम रखा गया है जिसके द्वारा यह बताया जा रहा है कि एचआईवी से किस प्रकार बचा जा सकता है और इसकी रोकथाम के क्या-क्या उपाय हैं
Dakhal News
दो लोगों की मौके पर ही मौत हुई कहते हैं सावधानी हटी और दुर्घटना घटी ऐसा ही कुछ भोपाल में देखने को मिला जब नशा करके कुछ युवा कार दौड़ा रहे थे तेज रफ़्तार कार से चालक का नियंत्रण हट हैट गया और कार फुटपाथ पर चढ़ गई इस हादसे में दो युवकों की मौत हो गई कार से शराब की बोतलें तक बाहर आ गिरीं ड्रिंक ऐंड ड्राइव के चलते राजधानी भोपाल में शिवाजी नगर चौराहे पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया जब एक तेज रफ़्तार कार दुर्घटना का शिकार हो गई इस हादसे में दो लोगों ने दम तोड़ दिया उनके नाम रिदम गुप्ता और अभिराज सिंह बताये गए हैं इस हादसे में दो अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है हादसे के बाद लोगों की भीड़ जमा हो गई और कार सवारों को अस्पताल पहुँचाया गया सूचना मिलते ही एंबुलेंस और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची कार से बीयर की बोलतें बरामद हुई है बताया जा रहा है ये मामला ड्रिंक एण्ड ड्राइव का है पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है बताते हैं हादसे में जान गंवाने वाला बैंककर्मी अपनी मां का जन्मदिन मनाने इंदौर से रेहटी आया था रात को लौटते समय ये हादसा हुआ।
Dakhal News
महिला की ह्त्या कर उसका शव कुएं में फैंका महिलाओं के साथ होने वाले अपराध कम नहीं हो रहे हैं। छतरपुर में एक महिला की ह्त्या कर उसका शव कुए में फैंक दिया गया। वहीँ एक नाबालिग लड़की का अपहरण करने वाला बदमाश पुलिस कस्टडी से भाग गया। पुलिस दोनों मामलों में जांच कर रही है। नाबालिग लड़की के अपहरण का आरोपी गढीमलेहरा पुलिस स्टेशन से ही फरार हो गया है। पुलिस बीती रात ही उसे पकडकर लाई थी। इस मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है। आरोपी के फरार होने पर एसपी ने दिये जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर कारवाई की जाएगी। अलीपुरा थाना क्षेत्र में एक पैतालीस वर्षीय महिला की हत्या से सनसनी फैल गई। महिला की हत्या कर उसके शव को कुये मे फेंक दिया गया था। जानकारी लगते ही एसपी ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। एसपी ने कहा हत्या के कारणों का जल्द खुलासा किया जाएगा।
Dakhal News
शार्ट सर्किट के कारण लगी आग हुंडई कार एजेंसी में अचानक आग लग गई। इस आग से बड़ा नुक्सान हुआ है। बताया जा रहा है शार्ट सर्किट होने की वजह से ये आग लगी। सिंगरौली के नौगढ़ मे स्थित हुंडई कार एजेंसी में भीषण आग लग गई। पुलिस व दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर आग बुझाने का प्रयास किया और बमुश्किल आग पर काबू पाया जा सका। इस आगजनी में लाखों का नुकसान होने की आशंका है। इस मामले की प्रारम्भिक जांच में पता चला है कि ये अग्नि काण्ड शार्ट सर्किट होने की वजह से हुआ। इसके बाद अचानक आग भड़क गई।
Dakhal News
तीन चोरों से मिलीं छह मोटरसाइकिल ऐश आराम की जिंदगी जीने और अपने खर्चे पूरे करनेके लिए लोग चोर बन रहे हैं। ऐसे ही तीन चोरों को पुलिस ने छह चोरी की मोटरसाइकिलों के साथ पकड़ा है। कोतवाली काशीपुर मे बिगत दिनों मोटरसाइकिल चोरी होने के संबंध मे अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे CCTV कैमरों की मदद से तीन अभियुक्तों को चोरी की 6 मोटरसाइकिलों के साथ गिरफ्तार किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाक्टर मंजूनाथ टी सी ने बताया की मो. आकिव, मो. नावेद और फैजान तीनो अभियुक्त नशे के आदि व दोस्त है जो अपने खर्चे को पूरा करने के लिए साप्ताहिक बाजारों, बैंक्विट हाल के बाहर के पार्किंग व अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों से मोटरसाइकिल चोरी कर लेते थे।
Dakhal News
सरपंच पर है अवैध खनन करने का आरोप शहडोल जिले में पटवारी को कुचल कर मारने के बाद मध्यप्रदेश में रेत माफिया के हौंसले बुलंद हैं। मैहर में भी अवैध रेत का काला कारोबार जारी है। यहाँ एक सरपंच पर अवैध रूप से रेत का अवैध उत्खनन करने का आरोप है। शहडोल जिले में पटवारी को कुचल कर मारने की घटना के बाद भी अवैध रूप से रेत उत्खनन का काला कारोबार बदस्तूर जारी है। मैहर में इन दिनों लगातार अवैध उत्खनन हो रहा है। ताजा मामला मैहर के इटमा गांव में सरपंच द्वारा शासकीय तालाब पर अवैध उत्खनन जेसीबी और ट्रक लगाकर किया जा रहा था। इसके बाद जैसे ही इस मामले की जानकारी लगी तो इस पूरे मामले पर जनपद पंचायत सीईओ प्रतिपाल बागरी के द्वारा जांच टीम गठित की गई है। जनपद पंचायत सीईओ प्रतिपाल बागरी ने बताया की तालाब पुष्कर धरोहर योजना के अंतर्गत आता है। जिस पर 4 महीने से कोई मस्टर रोल नही आया। इस मामले में कलेक्टर को भी जनपद पंचायत सीईओ द्वारा अवगत करा दिया गया है।
Dakhal News
जनसेवा संगठन का पुलिस पर आरोप जन सेवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय गुप्ता में पुलिस पर बड़ा आरोप लगया और कहा पुलिस के संरक्षण में गायों की तस्करी के काम को अंजाम दिया जा रहा है पुलिस कभी भी गायों को बूचड़खाने ले जा रहे लोगों पर कार्यवाही नहीं करती है। जन सेवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय गुप्ता ने बताया कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जो की राजनांदगांव की सीमा से लगा हुआ जिला है वहां हजारों की संख्या में गायों को एकत्रित कर उन्हें बूचड़खाना भेजा जा रहा है जब उन्हें इसकी जानकारी मिली तब वह अपने साथियों के साथ गायों को छुड़ाने के लिए पहुंचे इसकी सूचना बाकायदा वहां के कोरचे थाना प्रभारी को दी गई परंतु उन्होंने गाय तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जब कार्रवाई नहीं हुई तब इसकी शिकायत करने के लिए हम लोग नागपुर पहुंचे तब कोरचे पुलिस को इसकी भनक लग गई और वह नागपुर पहुंच गई एवं हमें प्रताड़ित कर मारपीट कर झूठे मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया कोरचे और कोटगुलम क्षेत्र में गायो की लगातार तस्करी की जा रही है।
Dakhal News
मेरे भाइयों की गाड़ी में रखे गए थे अवैध हथियार रेहली विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटेल ने गोपाल भार्गव पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि मतदान के दौरान उन पर जानलेवा हमला किया गया है साथ ही उनके भाइयों की गाड़ी में अवैध हथियार रखे गए सरकार के दबाव में पुलिस ने उनकी एफआईआर तक दर्ज नहीं की। रेहली विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटेल ने बताया कि 17 तारीख को उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया जिसमें उनकी गाड़ी में भी टूट फूट हुई है ज्योति पटेल ने बताया कि इसके साथ ही उनके भाइयों की गाड़ी में अवैध हथियार भी रखे गए इस सारी घटना के लिए ज्योति पटेल ने गोपाल भार्गव और उनके भाई को दोषी ठहराया उन्होंने कहा है कि हम जब पुलिस थाने पहुंचे तो हमारी fir दर्ज नहीं की गई उल्टा हम पर ही केस दर्ज किया गया उन्होंने कहा मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनती है तो ऐसे अधिकारी और कर्मचारी जो भाजपा का बिल्ला लिए घूम रहे हैं उन पर कार्यवाही की जाएगी।
Dakhal News
पिल्ले के रेस्क्यू को देखती रही कुतिया इंसानों की तरह जानवर भी अपने बच्चों से खूब प्यार करते हैं। एक कुत्ते का पिल्ला सूखे कुए में गिर गया तो उसकी माँ परेशान हो गई और जब तक पिल्ले को रेस्क्यू कर बाहर नहीं निकाला गया। पिल्ले की माँ कुए की मैड़ पर ही बैठी रही। एक कुतिया और उसके पिल्ले का वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। छतरपुर का ये वीडियो मां की ममता की अनूठी मिसाल का सबूत है। महोबा रोड पर एक सूखे कुये मे कुत्ते का पिल्ला गिर गया। पिल्ले को कुये मे गिरा देख उसकी कुत्तिया कुये की मेढ़ पर बैठकर रोने लगी। कुतिया के रोने की आवाज सुनकर एक सब्जी बेचने वाले ने देखा कि कुये मे कुत्तियां का बच्चा गिरा है। तब उसने लोगों की मदद से पिल्ले को कुए से निकलने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन किया। कुतिया कुए की मेड़ पर बैठा कर धैर्य से पूरा रेस्क्यू देखती रही। जैसे ही पपी बाहर आया तो मां उसे देखती रही और उसके बाद उसने पिल्ले को खूब लाड किया।
Dakhal News
पुलिस मामले की जांच में जुटी मैहर में राजेश शर्मा खट महाराज नाम के व्यक्ति ने फ़ासी लगाकर आत्महत्या कर ली। खुदकुशी करने की पीछे की वजह अभी सामने नहीं आई है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। मैहर के वार्ड क्रमांक 12 चौरसिया मोहल्ला में रहने वाले राजेश शर्मा खट महाराज नाम के व्यक्ति ने फ़ासी लगाकर अपनी जान दे दी। आत्महत्या के पीछे का कारण अभी सामने नहीं आया है। सुबह सुबह परिजन जब मृतक के कमरे में गए तो पाया की उसे फंदे में लटका हुआ पाया। इस घटना के बाद से परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया। वहीं इस पूरे मामले में पुलिस आगे की जांच कर रही है।
Dakhal News
नो एन्ट्री में घुस रहे हैं भारी वाहन प्रशासन और पुलिस सोते रहते हैं और नो एंट्री में भारी वाहन बेरोकटोक घुस कर लोगों को कुचल रहे हैं। ऐसे ही एक हादसे में दो भाइयों की जान चली गई |ये मामला सिंगरौली जिले के बरगवां थाने का है जहां पर ओवरलोड वाहनों से आए दिन दुर्घटना होती रहती हैं। नो एन्ट्री में भी भारी वाहन बेरोकटोक आ जा रहे हैं। यहाँ बाइक और हाइवा की सीधी भिडंत हुई है। इस दुर्घटना में दो सगे भाइयों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिंगरौली में यह कोई नई घटना नही है हर पंद्रह दिन में किसी न किसी व्यक्ती की ऐसे ही दुर्घटना से जान जाती है। इस घटना के बाद मृतक परिजनों ने मौका ए वारदात पर चक्काजाम किया और जानलेवा भारी वाहनों पर अंकुश लगाए जाने की मांग की।
Dakhal News
कई जगह ओले गिरने की संभावना मध्य प्रदेश के मौसम में एक बार फिर करवट बदली है प्रदेश के कई हिस्सों में अच्छी बरसात दर्ज की गई मौसम विभाग का कहना है कि मध्य प्रदेश के ऊपर से एक पश्चिम विक्क्षोत गुजर रहा है जिसके कारण प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और ओले गिरने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार एक शक्तिशाली द्रोणिका बनी हुई है गुजरात के आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है पाकिस्तान के मध्य में एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है इस अतिरिक्त उत्तरी मध्यप्रदेश के मध्य में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है मौसम विज्ञानी अशफाक हुसैन ने बताया कि प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में गरज-चमक के साथ वर्षा हो रही है जबलपुर,भोपाल , रीवा शहडोल सतना सागर एवं नर्मदापुरम संभाग के जिलों में वर्षा होने के आसार हैं इस दौरान कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।
Dakhal News
सभी प्रत्याशियों को मतगणना की ट्रेनिंग मतगणना से पहले कांग्रेस ने अपनी कमर कस ली है कांग्रेस पार्टी अपने सभी 230 प्रत्याशियों को मतगणना की ट्रेनिंग दे रही है ताकि 3 दिस्मबर को नतीजे के दौरान कोई गलती या हेरफेर न हो सके ट्रेनिंग के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस मध्यप्रदेश में 150 से ज्यादा सीट जीत रही है मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे तेन दिसंबर को सामने आएंगे इससे पहले कांग्रेस अपने सभी प्रत्याशियों और पोलिंग एजेंट को जरूरी दिशा निर्देश और ट्रेनिंग दे रही है ताकि मतगणना वाले दिन कोई गड़बड़ी और हेरफेर न हो सके इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया ने कहा कि बीजेपी को हम बेईमानी करने का कोई मौका नहीं देंगे भाजपा ने चोरी की सरकार बनाई थी अब बीजेपी के साथ हिसाब होगा। कांग्रेस 150 से ज्यादा सीट मध्यप्रदेश में जीतेगी।
Dakhal News
मास्टरमाइंड पुलिस की हिरासत में राजनांदगांव में मिले अज्ञात व्यक्ति के शव की मौत की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है ये पूरा मामला खुदकुशी का नहीं बल्कि हत्या का निकला पुलिस ने हत्या की साजिश के मास्टरमाइंड समेत चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया है वहीं एक आरोपी अब भी फरार चल रहा है राजनांदगांव में सुरेश राईस मिल के पास एक अज्ञात युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया था अब पुलिस ने इस पूरे मामले की गुत्थी को सुलझाते हुए बड़ा खुलासा किया है पुलिस ने बताया कि मृतक का नाम सुरेश कुमार जोशी है पांच लोगों ने मिलकर हत्या की साजिश रची और उसे थम्सअप में जहर मिलाकर पिला दिया...हत्या करने बाद आरोपियों ने मृतक के शव के पास झूठा सुसाइड नोट छोड़ दिया और इस पूरे मामले में ज्ञानचंद बाफना नामक व्यक्ति को झूठा फ़साने की कोशिश की पुलिस ने हत्या का मास्टरमाइंड समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है..वहीं एक आरोपी अब भी फरार है जिसकी तलाश में पुलिस जुटी है।
Dakhal News
जिम्मेदार सो रहे हैं गहरी नींद में भमौरा के आंगवाड़ी केंद्र से आने वाली तस्वीरें विकास के दावों की पोल खोल रही है भमौरा में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है आंगनवाड़ी का भवन जर्जर हालत में है और मासूम बच्चे इसी भवन में पढ़ने को मजबूर हैं कितनी ही बात कर ली जाये कि विकास की रफ़्तार दोगुनी हो गई है या इश्तहारों में कितने ही रंगीन विज्ञापन सजाकर विकास की तस्वीरें दिखाई जाए पर जमीनी स्तर पर हकीकत तो कुछ और ही है सिंगरौली के भमौरा में आंगनवाड़ी के भवन की हालत जर्जर है दीवारे खंडहर में तब्दील हो गई है बिजली के तार निकल आये हैं और मासूम बच्चों का भविष्य खतरे में बना हुआ .न जाने कब कोई बड़ा हादसा हो जाये पर अधिकारीयों की निगाह इस तरफ जाती ही नहीं ये तो पता नहीं कब जिम्मेदार लोगों को होश आएगा कब सरकार नींद से जागेगी और आंगनवाड़ी की हालत को सुधारेगी पर जब तक ऐसा नहीं होता कम से कम सरकार को विकास का झूठा बीन बजाना बंद करना चाहिए।
Dakhal News
ABVP के मुकेश गुप्ता ने लगाईं फांसी छतरपुर मे अखिल भारती विधाथीँ परिषद के नगर अध्यक्ष मुकेश गुप्ता ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली गुप्ता ने अपने सोसाइड नॉट में लिखा है कि वे बलैकमेलिंग से परेशान हो कर ये कदम उठा रहे हैं चंदला के वार्ड क्र. 15 में रहने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के नगर अध्यक्ष मुकेश गुप्ता ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली घटनाक्रम की सूचना गुप्तया के परिजनों ने पुलिस को दी पुलिस को मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट पुलिस मिला है जिसमें मृतक ने चंदला के ही रहने वाले गुल्लू अंसारी और मानसी गुप्ता के द्वारा उसे ब्लैकमेल कर जबरन परेशान किये जाने के बारे में लिखा है इन दोनों के कारण ही डिप्रेशन में आकर नुकेष ने आत्महत्या कर ली अब मुकेश के परिजन और एबीबीपी के कार्यकर्ता उन्हें न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
Dakhal News
प्रेगनेंसी दे दौरान किया गया कठिन ऑपरेशन राजनांदगाव में डॉक्टर अभिलाषा पाणिग्रही के नेतृत्व में एक महिला का जटिल ऑपरेशन हुआ डॉक्टर्स ने वेरियन एक्स टाफी प्रेगनेंसी का का यह कठिन ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई गई। कहते हैं डॉक्टर भगवान होते हैं और यह बात सच भी साबित होता है ऐसा ही एक मामला राजनांदगांव से सामने आया वनांचल क्षेत्र से एक महिला काफी गंभीर परिस्थितियों में अस्पताल लाई गई तब वहां पर उपस्थित डॉक्टर अभिलाषा पाणिग्रही के सतत निगरानी में उक्त महिला पेशेंट का चेकअप कराया गया उस समय महिला की स्थिति काफी बिगड़ी हुई थी पल्स रेट भी ना के बराबर था काफी ब्लीडिंग हो चुकी थी जब डॉक्टरों की टीम ने प्रेगनेंसी टेस्ट किया तो पता चला महिला का गर्भ बच्चेदानी में न होकर अनडेदानी में फंसा हुआ था जिसे वेरियन एक्स टाफी प्रेगनेंसी कहते हैं। ऐसे केस बहुत कम आते हैं इसके बाद ततकाल मरीज का जटिल ऑपरेशन के उसे बचाया गया उक्त सफल ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉक्टर अभिलाषा पाणिग्रही डॉक्टर प्रियंक ठाकुर डॉक्टर सिद्धार्थ बनर्जी शामिल थे।
Dakhal News
गिरेगा प्रदेश का तापमान जल्द ही प्रदेश का मौसम करवट लेने वाला है दिसम्बर की शुरुआत में तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है वहीँ मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर-उज्जैन, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन समेत कई शहरों में रविवार को हल्की बारिश होने के आसार जताए हैं दिसंबर में प्रदेश की सरकार बदले या ना बदले पर मौसम जरूर करवट लेने वाला है मौसम विभाग की मानें तो दिसम्बर की शुरुआत में तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है वहीँ भोपाल, इंदौर-उज्जैन, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन समेत कई शहरों में रविवार को हल्की बारिश होने के आसार भी हैं कुछ जगह ओले गिरने की भी संभावना है।
Dakhal News
परिजनों ने जताई हत्या की आशंका महाराजपुर में पिता पुत्र का शव मिलने से हड़कंप मच गया। बाप और बेटा दोनों खेत में पानी देने गए थे। जब परिजन सुबह खेत पहुंचे तो दोनों के शव कुंए में मिले। परिवार के लोगों ने हत्या की आशंका जताई है। वहीँ पुलिस इस पूरे मामले में जांच की बात कह रही है। ये पूरी घटना महाराजपुर थाने के हरपाई हार की है। जहाँ बाप बेटे का शव मिलने से हड़कंप मच गया। पिता पुत्र रात में खेत में पानी देने गए हुए थे। जब सुबह परिजन खेत पहुंचे तब दोनों के शव कुंए में मिले। पिता का शव तार मे और पुत्र का शव तौलिया मे बंधा हुआ था। पुलिस की मौजूदगी में शव को कुंए से बाहर निकाला गया। परिजनों ने पिता पुत्र की हत्या की आशंका जताई है।
Dakhal News
कुकर फटने से महिला हुई घायल खाना बनाते वक्त अचानक एक प्रेशर कुकर फट गया जिससे एक महिला बुरी तरह जख्मी हो गई इसलिए जरुरी है प्रेशर कुकर का इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतें। ग्राम पंचायत बड़खुरा में घर पर खाना बनाते समय प्रेशर कुकर फट गया इस हादसे में एक महिला झुलसने से गंभीर रूप से घायल हो गई कुकर फटने से उस में रखा सामान किचिन में फैल गया गर्म पदर्थ महिला के ऊपर भी गिरा जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई महिला का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
Dakhal News
तेज़ रफ़्तार वाहन ने व्यक्ति को कुचला अमरपाटन में एक युवक को अज्ञात वाहन ने कुचल दिया। वाहन इतना तेज़ी में था की व्यक्ति के पीछे होने से पहले ही वाहन उसको कुचल कर आगे निकल गया और व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। ये घटना नेशनल हाईवे के ककरा गांव की है जहां। तड़के रामकरण साकेत नाम के व्यक्ति को तेज रफ़्तार अज्ञात वहान ने टक्कर मार दी। गांव की रोड क्रॉस करते समय वाहन ने उसे कुचल दिया और व्यक्ति की मोके पर मौत होगई और वाहन तेज़ रफ़्तार में आगे निकल गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्ज़े में लेकर शव का पोस्ट मार्टम कराया और फिर शव को परिजनों को सौंप दिया जिसके बाद अमरपाटन पुलिस घटना की जांच में जुटी हुई है।
Dakhal News
लाखों के फ़ोन और मोटरसाइकिल जब्त सिंगरौली में लगातार हो रही लूट और चोरी की घटनाओं से लोग परेशान थे और अपराधियों के हौसले बुलंद ऐसे में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की और चोरो को अपनी हिरासत में ले लिया है आरोपियों के पास से कई मोबाइल फ़ोन और मोटरसाइकिल जब्त की गई है। सिंगरौली में लगातार लूट और चोरी की वारदात ने इलाके में दहशत का माहौल बना दिया था आये दिन अपराधी किसी का फ़ोन लूट रहे तो किसी की मोटरसाइकिल ही चोरी हो जाती है लोगों को आस थी कि पुलिस चोरो को पकड़े बैढन पुलिस ने सूरज, साकेत, संजय नाम के तीन युवक को हिरासत में लिया है इन तीनो के पास से लूट के चार मोबाइल फ़ोन और एक मोटरसाइकिल भी जब्त की गई इसके साथ पुलिस ने एक बदमाश को तमंचा और चोरी की दो मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार कर लिया है इन सभी आरोपियों का अपराध की दुनिया में बड़ा रिकॉर्ड रहा है इलाके के लगभग हर थाने में इनके खिलाफ शिकायत दर्ज है।
Dakhal News
चरस के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया एसटीएफ कुमाऊं ने नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक शख्स को अवैध चरस के साथ दबोचा है आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है एसटीएफ कुमाऊं के द्वारा नशे के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है बड़ी कार्रवाई करते हुए एसटीएफ कुमाऊं ने पाटी थाना क्षेत्र के देवीधुरा में डिग्री कॉलेज तिराहे के पास से चरस तस्कर राजेंद्र सिंह बोहरा उर्फ राजू को 2 किलो 479 ग्राम अवैध चरस के साथ दबोचा है पाटी थाने के एसओ देवनाथ गोस्वामी ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट तहत कार्रवाई की जा रही है एसटीएफ टीम का नेतृत्व एसआई विपिन जोशी ने किया, साथ में एएसआई जगबीर शरण, कांस्टेबल इसरार अहमद, कांस्टेबल वीरेंद्र चंद्र शामिल रहे।
Dakhal News
गाँव के लोगों ने बच्ची को बचाया सिंगरौली में एक कलयुगी माँ ने अपनी नवजात बच्ची को खेत में फेंक दिया। बच्ची की रोने की आवाज सुन लोग वहां पहुंचे और नवजात बच्ची को अपने साथ ले लिया। नवजात शिशु की हालत स्थिर है। सिंगरौली जिले के बरगवां थाना अंतर्गत मझौली गांव में एक कलयुगी माँ ने अपने नवजात शिशु को गणेश वैश्य के घर के पास अरहर के खेत में फेंक दिया। नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुन लोग खेत में पहुंचे। वहाँ नवजात शिशु को देख लोग हैरान रह गए। गाँव की महिलाओं ने ही नवजात शिशु को दूध पिलाया। नवजात बच्ची की हालत स्थिर है।
Dakhal News
धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी राजधानी भोपाल में अज्ञात वाहन ने नगर निगम की महिला कर्मचारी को टक्कर मार दी। जिससे महिला की मौत हो गई। घटना के बाद मृतक महिला के परिजन और निगम कर्मचारी जेपी अस्पताल में धरना पर बैठ गए और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मृतक महिला के परिजनों की मांग है की उन्हें पांच लाख रुपए मुआवजा मिले और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाये।भोपाल के शाहपुरा इलाके में एक अज्ञात वाहन ने नगर निगम की महिला सफाई कर्मचारी को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद आनन फानन में नगर निगम कर्मचारी महिला को जेपी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहाँ डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया। इसके मृतक महिला के परिजन और सफाई कर्मचारी अस्पताल में धरना पर बैठ गए और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरना पर बैठे लोगों का कहना है कि इस घटना के बाद नगर निगम अधिकारी, महापौर ,और ना ही नगर निगम अध्यक्ष ने आकर हमारी सुध ली है। अब तक टक्कर मारने वाले वाहन को भी जब्त नहीं किया गया और न ही कोई कार्रवाई हुई है। परिवारजन का कहना है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और महिला की मौत काम करने के दौरान हुई है इसलिए हमें मुआवजा दिया जाये और इसका आश्वासन हमें लिखित में मिलना चाहिए। सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल श्रवण ने कहा कि नगर निगम भोपाल पिछले तीन महीने से सफाई कर्मचारियों को सुबह पांच बजे से काम पर बुला रहा है। पहले ही इस बात की शिकायत की जा चुकी थी कि किसी भी समय हमारे कर्मचारियों के साथ कोई घटना घट सकती है। पर नगर निगम ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया। इसी लापरवाही के चलते आज सड़क पर काम करने के दौरान हमारी बहन माया की मौत हो गई है। आज नगर निगम का कोई अधिकारी हमारी सुध लेने नहीं आया। हमारी मांग है कि मृतक महिला के परिवार को पांच लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाये। नगर निगम आयुक्त आकर जब यहाँ हमारी बात सुनेंगे तब ही हम महिला का शव लेकर यहाँ से हटेंगे।
Dakhal News
धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी राजधानी भोपाल में अज्ञात वाहन ने नगर निगम की महिला कर्मचारी को टक्कर मार दी। जिससे महिला की मौत हो गई। घटना के बाद मृतक महिला के परिजन और निगम कर्मचारी जेपी अस्पताल में धरना पर बैठ गए और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मृतक महिला के परिजनों की मांग है की उन्हें पांच लाख रुपए मुआवजा मिले और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाये।भोपाल के शाहपुरा इलाके में एक अज्ञात वाहन ने नगर निगम की महिला सफाई कर्मचारी को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद आनन फानन में नगर निगम कर्मचारी महिला को जेपी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहाँ डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया। इसके मृतक महिला के परिजन और सफाई कर्मचारी अस्पताल में धरना पर बैठ गए और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरना पर बैठे लोगों का कहना है कि इस घटना के बाद नगर निगम अधिकारी, महापौर ,और ना ही नगर निगम अध्यक्ष ने आकर हमारी सुध ली है। अब तक टक्कर मारने वाले वाहन को भी जब्त नहीं किया गया और न ही कोई कार्रवाई हुई है। परिवारजन का कहना है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और महिला की मौत काम करने के दौरान हुई है इसलिए हमें मुआवजा दिया जाये और इसका आश्वासन हमें लिखित में मिलना चाहिए। सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल श्रवण ने कहा कि नगर निगम भोपाल पिछले तीन महीने से सफाई कर्मचारियों को सुबह पांच बजे से काम पर बुला रहा है। पहले ही इस बात की शिकायत की जा चुकी थी कि किसी भी समय हमारे कर्मचारियों के साथ कोई घटना घट सकती है। पर नगर निगम ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया। इसी लापरवाही के चलते आज सड़क पर काम करने के दौरान हमारी बहन माया की मौत हो गई है। आज नगर निगम का कोई अधिकारी हमारी सुध लेने नहीं आया। हमारी मांग है कि मृतक महिला के परिवार को पांच लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाये। नगर निगम आयुक्त आकर जब यहाँ हमारी बात सुनेंगे तब ही हम महिला का शव लेकर यहाँ से हटेंगे।
Dakhal News
परिजनों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार उत्तरकाशी की सिलक्यारा चारधाम सड़क परियोजना की क्षतिग्रस्त हुई टनल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र का पुष्कर सिंह फंसा हुआ है। पुष्कर के परिजन ने उसे बचाने के लिए मुख्यमंत्री धामी से गुहार लगाईं है। चंपावत के टनकपुर के छीनीगोठ गांव का 22 वर्षीय युवक पुष्कर सिंह ऐरी फंसा हुआ है। दुर्घटना के 6 दिन बाद भी युवक समेत अन्य 40 मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं। बीते बुधवार को परियोजना मैनेजर के द्वारा फोन पर पुष्कर के परिवार को उनके बेटे के संबंध में जानकारी दी गई। बेटे के क्षतिग्रस्त सुरंग में फंसने की जानकारी मिलने के बाद परिजनों में अफरा तफरी मच गई। पुष्कर के बुजुर्ग माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना की सूचना मिलने के बाद से ही पुष्कर की मां गंगा देवी ने खाना पीना त्याग दिया है। युवक के परिजनों की उससे आखिरी बार बात दिवाली से एक दिन पहले हुई थी। पुष्कर के माता-पिता रो-रोकर प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि चाहे तो उनका घर मकान जमीन सब ले लो परंतु उनके बच्चे को सही सलामत उनके सामने पहुंचा दो पुष्कर के अन्य परिजन एवं ग्राम वासी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रेस्क्यू कर उनके बेटे पुष्कर सहित सभी 40 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की गुहार लगा रहे हैं।
Dakhal News
सिंगरौली में भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रचार प्रसार का आज आखिरी दिन है। इसी बीच सिंगरौली से भाजपा प्रत्याशी रामनिवास शाह ने जनसंपर्क कर लोगों से भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष राम सुमिरन गुप्ता ने फिर भाजपा सरकार बनने पर संकल्प पत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करने की बात कही सिंगरौली विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी रामनिवास शाह ने जनसम्पर्क कर लोगों से भाजपा के पक्ष में ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की अपील की इस दौरान रामनिवास शाह ने कहा कि हमारा कैंपेन अच्छा चल रहा है। भाजपा कार्यकर्ता खूब मेहनत कर रहे हैं। भाजपा सरकार की योजनाओं को हम लोगों तक पहुंचा रहे हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में महज कुछ घंटे ही बाकी हैं। आज शाम को चुनाव प्रचार का शोर भी थम जाएगा। इसी बीच भाजपा जिला अध्यक्ष राम सुमिरन गुप्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर संकल्प पत्र में किए गए सभी वादों को पूरा किया जाएगा।
Dakhal News
कांग्रेस नेताओं के नाम पर खरीदी गई शराब पेटी चुनाव से ठीक पहले छतरपुर में एडीएम ने शराब दुकान में छापामार कार्रवाई की है। शराब दुकान से कांग्रेस नेताओं के नाम पर शराब की कई बेटियां खरीदी गई है। इस पूरे मामले में आबकारी अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशन पर एडीएम ने छतरपुर में शहर के चौबे तिराहा पर स्थित शराब दुकान क्रमांक 2 पर छापामार कार्रवाई की कार्रवाई में पाया गया कि शराब दुकान से कांग्रेस नेता पप्पू चौरसिया और मनोज त्रिवेदी के नाम से कई शराब की पेटियां खरीदी गई है। इस पूरे मामले में शराब दुकान का रिकॉर्ड जब्त कर आबकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है।
Dakhal News
आग बुझाने की हो रही लगातार कोशिश माधवनगर में कुरकुरे फैक्ट्री में भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया कुरकुरे फ़ैक्ट्री के पास कई पटाखे भी दुकाने की मौजूद है फायर ब्रिगेड के वाहन से आग बुझाने की लगातार कोशिश की जा रही है कटनी के माधवनगर में इमलिया रोड पर स्थित नितिन ट्रेडर्स नामक कुरकुरे बनाने की फैक्ट्री में अचानक लगी आग लग गई देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया कुरकुरे फैक्ट्री के आस पास पटाखे की कई दुकानें भी मौजूद है ऐसे में मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने SDM,तहसीलदार,नगर निगम कमिश्नर को तुरंत घटना स्थल पर भेजा फायर ब्रिगेड के वाहन से आग बुझाने की कोशिश लगातार की जा रही है।
Dakhal News
35 इंच चौड़े स्टील पाइप से निकलेंगे मजदूर उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह 4 बजे एक निर्माणाधीन टनल धंस गई। पिछले 55 घंटे से 40 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं। चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। उत्तरकाशी टनल हादसे में 55 घंटे से 40 मजदूर टनल में फंसे हुए हैं। बमुश्किल रेस्क्यू का काम चल रहा है। रेस्क्यू के दौरान भी टनल धंस रही है। रेस्क्यू टीम अब 35 इंच चौड़े स्टील पाइप से मजदूरों को निकालने के काम को अंजाम दे रही है। उत्तरकाशी में 12 नवंबर को सुबह 4 बजे सिल्क्यारा टनल का एक हिस्सा धंस गया और इसमें 40 मजदूर फंस गए। टनल का शुरुआती हिस्सा अभी ठीक है लेकिन यहां से 200 मीटर अंदर टनल का 50 मीटर का हिस्सा धंस गया है। NHIDCL, NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे के 200 से ज्यादा लोग यहाँ 24 घंटे काम कर रहे हैं। टनल से मलबा हटाने के दौरान ऊपर से लगातार मिट्टी धंस रही है। इससे रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है। मजदूरों को निकालने के लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन की मदद से 35 इंच का स्टील पाइप टनल में डाला जा रहा है। फंसे हुए मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। NHIDCL के डायरेक्टर टेक्निकल अतुल कुमार ने बताया कि टनल से मलबा हटाने के दौरान ऊपर से लगातार मिट्टी धंस रही है। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के सेक्रेटरी रंजीत सिन्हा ने बताया कि संभवत: मंगलवार शाम या बुधवार सुबह तक मजदूरों को टनल से बाहर निकाल लिया जाएगा। उन्हें पाइप के जरिए ऑक्सीजन और छोटे पैकेट्स में खाना-पानी पहुंचाया जा रहा है। सभी मजदूर सुरक्षित हैं। उत्तराखंड सरकार ने घटना की जांच के लिए छह सदस्यीय कमेटी बनाई है। बताते हैं इस साढ़े 4 किलोमीटर लंबी और 14 मीटर चौड़ी टनल के स्टार्टिंग पॉइंट से 200 मीटर तक प्लास्टर किया गया था। उससे आगे कोई प्लास्टर नहीं था, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ। यह टनल चार धाम रोड प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है।
Dakhal News
नेता लोग चुनाव में बांटने ले जा रहे थे शराब चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए कई राजनैतिक दल चोरी छुपे शराब बांटते हैं। इस बार भी शराब बांटने ले जा रहे नेताओ का सामना पुलिस से हो गया और नेता लोग शाराब छोड़कर भाग गए। सिंगरौली से एक अजब गजब मामला सामने आया है जहाँ अज्ञात नेता लोगों ने पुलिस को देखकर दौड़ लगा दी और गायब हो गए। कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत बीजपुर गनियारी रोड पर नेता लोग मतदाताओं को शराब बांटने जा रहे थे। पुलिस को इसकी भनक लग गई और कोतवाली पुलिस वहां पहुँच गई |पुलिस को देखते ही ये नेता शराब छोड़कर भागते नजर आये। पुलिस ने 17 पेटी शराब जप्त की है। जिस अज्ञात वाहन सफेद स्कॉर्पियो से ये नेता भागे उसकी तलाश की जा रही है।
Dakhal News
फर्नीचर की दुकान में लगी आग दीपावली के शुभ पर्व पर मोरवा की एक तीन मंजिला दुकान में भीषण आग लग गई। आग लगने के कारण लाखो का सामान जल कर ख़ाक होगया बताया जा रहा है की आग करीब रात के 2 बजे लगी थी। जिसके बाद 5 फायर ब्रिगेड की टीम को मौके पर बुलाया गया। घटना मोरवा शहर के पुराने बाजार में स्थित एक फर्नीचर की दुकान बताई जा रही है। जिसके मालिक विनोद जैसवाल ने बताया की यह घटना रात के 2 बजे घटित हुई। विनोद ने बताया की शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी थी। जब तक उनको आग लगने की सूचना मिली तब तक दूकान का आधा सामान जल कर ख़ाक होगया था। जिसके बाद फ़ौरन फायर ब्रिगेड कि टीम को बुलाया गया और आग पर जैसे तैसे काबू पाया गया।
Dakhal News
प्रशासन सुस्त,खनन माफिया चुस्त खनन माफिया हर जगह सक्रीय हो कर सरकार को राजस्व का चूना लगा रहा है। खटीमा में भी प्रशासन की सुस्ती और मिली भगत से खनन माफिया मिटटी का अवैध रूप से खनन कर रहा है। खटीमा के टेडाघाट में धडल्ले से अवैध रूप से मिट्टी खनन का काम हो रहा है। मिट्टी खनन में लोडर और जेसीबी से ट्राली में भरकर जगह-जगह मिट्टी पहुंचाई जा रही है। इस संबंध में खटीमा प्रशासन को सूचित करने के बावजूद लगातार देर रात तक टेडाघाट क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन का कार्य चलता रहा इससे यह जाहिर होता है कि इसमें प्रशासन की मिली भगत है। मौके पर खटीमा का एक पटवारी भी गया था लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन अनजान बना हुआ है। खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं जो बेखौफ होकर मिट्टी खनन कर सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। वहीं उप जिला अधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि मात्र एक जगह से मिटटी खनन की परमिशन है। बाकी सब अवैध मिट्टी खनन का कार्य हो रहा है।
Dakhal News
आग से जलाकर ख़ाक हुई दुकान मैहर के चंडी देवी स्थित एक ज्वेलरी की दुकान में शॉर्ट शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। इस घटना में जेवरात की दुकान पूरी तरह जलाकर ख़ाक में तब्दील हो गई। धनतेरस पर मैहर में एक बड़ा हादसा हो गया। मैहर के चंडी देवी मंदिर के पास उसे समय हड़कंप मच गया जब रात को गंगा ज्वेलरी शॉप पर आग लग गई। देखते ही देखते आग इतनी बढ़ गई की दुकान में रखी हुई ज्वेलरी सहित दुकान जलकर खाक हो गई। जिसके चलते ज्वेलरी की दुकान का करोड़ों का नुकसान हो गया। आग की लपटें इतनी तेज थी कि उन्होंने अगल-बगल की दुकानों को भी चपेट में ले लिया। आग इतनी तेज थी की तीन दमकल गाड़ियों की मदद से भारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। लेकिन तब तक दुकान पूरी तरह जलकर खाक हो गई।
Dakhal News
शिवसेना प्रत्याशी ने किया जनसंपर्क भोपाल मध्य विधानसभा से शिवसेना के राम नरवरे भी चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं अपने प्रचार अभियान में नरवरे लोगों से उन्हें मूलभूत सुविधाएं दिलवाने का वादा कर रहे हैं। भोपाल मध्य से शिवसेना प्रत्याशी राम नरवरे ने लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। उन का कहना है कि इस विधानसभा में कोई विकास नहीं हुआ है अगर राजधानी भोपाल के 10 नंबर पर जाएंगे तो वहां ना तो पानी है ना सड़के हैं। अगर जनता मुझे आशीर्वाद देती है तो सड़क , नाली और पानी की व्यवस्था करूंगा। गायत्री मंदिर एमपी नगर से एक बड़ी रैली के रूप में राम नरवर ने अपना जनसंपर्क शुरू किया।
Dakhal News
अदालत ने चुनाव शून्य घोषित किया अमरपाटन न्यायालय का बड़ा फैसला सामने आया। जहां गलत जानकारी देने पर भाजपा से जुड़े रामनगर परिषद अध्यक्ष सुनीता पटेल और उनके पार्षद पति राम सुशील पटेल का चुनाव शून्य घोषित किया गया। ये मामला नगर परिषद रामनगर का है। जहां पर 2022 नगर परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता व उनके पति राम सुशील पटेल ने नामांकन जमा करते समय शपथ पत्र में गलत जानकारी प्रदर्शित की थी। जिसको लेकर न्यायालय में एक याचिका रामभुवन पटेल ने न्यायालय अमरपाटन में लगाई जहां। आज प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश दीपक शर्मा की अदालत ने फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष सुनीता व उनके पति पार्षद राम सुशील पटेल का चुनाव शून्य कर दिया है जहां। उनका पार्षद पद के साथ-साथ अध्यक्ष पद भी अब निरस्त हो चुका हैं।
Dakhal News
पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लिया बाराकोट में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। चंपावत जिले के बाराकोट में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। आरोप है कि हरीश सिंह रावल ने शादी का झांसा देकर नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया। जिसकी शिकायत पीड़िता के पिता ने लोहाघाट थाने में दी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है।
Dakhal News
अध्यक्ष पद पर रोहित गंगवार ने जमाया कब्जा खटीमा में एनएसयूआई ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् को शिकस्त दी और अध्यक्ष पद पर कब्ज़ा किया एनएसयूआई के रोहित गंगवार ने अध्यक्ष का चुनाव जीता है। जनपद ऊधम सिंह नगर के खटीमा महाविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई ने एबीवीपी छात्र संगठन को मात दे अध्यक्ष पद पर अपना कब्जा जमाया रोहित गंगवार ने एबीवीपी के अशर्फी लाल को 389 मतों के अंतर से मात देकर अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की जबकि उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के शुभम पटवा ने कब्जा किया वहीं सचिव पद पर निर्दलीय प्रत्याशी अर्पित कालौनी ,कोषाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के परवेज अख्तर विजयी हुए।
Dakhal News
अध्यक्ष पद पर अमन शर्मा की जीत राधे हरि राजकीय महाविद्यालय में एबीवीपी ने जीत का परचम लहराया है। छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के अमन शर्मा ने जीत हासिल की है। इस जीत के बाद के एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने खूब जश्न मनाया। इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन सुखिजा ने कहा कि यह जीत विद्यार्थी परिषद के प्रत्येक कार्यकर्ता की जीत है। छात्र संघ चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। काशीपुर के राधे हरि राजकीय महाविद्यालय में एबीवीपी ने शानदार जीत हासिल की है। अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के अमन शर्मा को चुना गया है इस। शानदार जीत के बाद भाजपा के जिला अध्यक्ष गुंजन सुखीजा ने कहा कि यह जीत विद्यार्थी परिषद के प्रत्येक कार्यकर्ता की जीत है। यह पल हम सब के लिए गौरव का पल है। यह जीत हर उस विद्यार्थी की जीत है जो विश्वविद्यालय की दशा और दिशा को सुधारना चाहता है। छात्रसंघ चुनाव संपन्न होने के बाद चुनाव प्रभारी डॉक्टर महिपाल सिंह ने कहा कि चुनाव पूर्णता निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रहा उन्हों।ने बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल का भी आभार व्यक्त किया।
Dakhal News
स्कूली बच्चो ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुति एनटीपीसी सिंगरौली द्वारा आयोजित सतर्कता सप्ताह के समापन कार्यक्रम में परियोजना प्रमुख राजीव कोटकर ने सभी कर्मचारियों को कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी के साथ कामकाज करने के लिए प्रेरित किया इस अवसर पर स्कूली छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी एनटीपीसी सिंगरौली द्वारा सतर्कता सप्ताह का आयोजन "भ्रष्टाचार का विरोध करें राष्ट्र के प्रति समर्पित रहे" थीम पर किया गया सतर्कता सप्ताह के समापन समारोह में स्कूली छात्र-छात्राओं ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति से सभी लोगों का दिल जीत लिया स अवसर पर स्कूली बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया समापन समारोह में परियोजना प्रमुख राजीव अकोटकर ने कहा कि अलग-अलग प्रतियोगिताओं के जरिए बच्चों के अंदर करप्शन के खिलाफ जागरूकता फैलाई गई राजीव अकोटकर ने कहा कि सभी कर्मचारियों को अपना काम ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से करना चाहिए।
Dakhal News
50 ठिकानों पर पडी आईटी की छापेमारी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले शराब व्यवसायी जगदीश अरोरा के शराब बनाने वाले सोम ग्रुप से जुड़े कई ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा छापे की यह कार्यवाही देशभर में 50 से ज्यादा ठिकानों पर चल रही है एमपी में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से 10 दिन पहले आयकर विभाग ने शराब निर्माता कंपनी सोम ग्रुप से जुड़े 50 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की आय से अधिक संपत्ति और अन्य तरह की गड़बड़ियों के संदेह में यह कार्रवाई की गई है मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, कटक और बेंगलुरु में भी समूह से जुड़े स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है आयकर विभाग की टीम ने भोपाल में कंपनी के मालिक जगदीश अरोड़ा के निवास के अलावा कंपनी के एमपी नगर और त्रिलंगा स्थित कार्यालय में भी छापेमारी कर जरूरी दस्तावेज जब्त किए हैं सभी जगह विभाग की कार्रवाई मंगलवार सुबह छह बजे शुरू हुई मुंबई, दिल्ली, रायपुर और बेंगलुरु की टीमों ने मिलकर सभी स्थानों पर छापा डाला है भोपाल के अलावा जबलपुर, इंदौर और रायसेन में भी कंपनी के कारखाने, कार्यालय पर जांच की जा रही है सोम ग्रुप का अल्कोहल इंडस्ट्री में बड़ा नाम है यह मध्य भारत की सबसे बड़ी शराब निर्माता कंपनी है इसके उत्पाद बीयर, व्हिस्की आदि विभिन्न राज्यों के अलावा न्यूजीलैंड, अमेरिका सहित कई देशों में भी अलग-अलग ब्रांड नाम से बिक रहे हैं।
Dakhal News
ट्रैक्टर और बाइक टकराने से हादसा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में भाग लेने गए दो भाजपा कार्यकर्ताओं की सड़क हादसे में मौत हो गई। यह हादसा बाइक और ट्रैक्टर की टक्कर के कारण हुआ। माड़ा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चुनावी सभा के दौरान दो व्यक्तियों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री देवसर विधान सभा प्रत्याशी राजेन्द्र मेश्राम के लिए चुनावी सभा में पहुंचे थे। तभी दौरान ट्रैक्टर और बाइक की भिड़ंत में दो युवको की गई जान चली गई। दोनों भाजपा कार्यकर्ता बताऐ जा रहे हैं। माड़ा पुलिस मामले की जाँच में जुटी है। इस घटना की जानकारी जैसे ही बीजेपी प्रत्याशी राजेंद्र मेश्राम व भाजपा जिला अध्यक्ष को मिली वह तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे व मृत व्यक्तियों के परिजनों को ढाढस बंधाया और उन्हें उचित मुवावजा दिलाने का भरोसा दिया।
Dakhal News
कालीचरण कुशवाह की नाराजगी खत्म विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के लिए राहत भरी खबर सामने आयी है बीजेपी से नाराज चल रहे कालीचरण कुशवाह को आखिरकार गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मना लिया है कालीचरण कुशवाह ने कहा कि हमारा समाज बिकाऊ नहीं है हमारा समाज नरोत्तम मिश्रा को मन से चाहता है कालीचरण कुशवाह ने दावा किया कि अमित शाह ने मुझे विधायक से बड़ा पद देने का आश्वासन दिया दतिया जिले के विधानसभा सेवड़ा से भारतीय जनता पार्टी से टिकिट के दावेदार रहे कालीचरण कुशवाह टिकिट न मिलने से नाराज चल रहे थे चुनाव में कालीचरण कुशवाह भाजपा को काफी नुक्सान भी पहुंचा सकते थे पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मनाने पर कालीचरण कुशवाह मान गए और चुनाव में पूरी लगन से भाजपा का साथ देने की बात कही.. कालीचरण कुशवाह ने कहा कि हमारा समाज बिकाऊ नहीं है हमारा समाज नरोत्तम मिश्रा को मन से चाहता है अमित शाह ने मुझे विधायक से बड़ा पद देने का आश्वासन दिया है आपको बता दे कि कालीचरण कुशवाह जिले में कुशवाह समाज का कद्दावर नाम है कालीचरण कुशवाह की नाराजगी से कुशवाह समाज का वोट भाजपा से दूर जा सकता था।
Dakhal News
लोगो से शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की छात्र संघ चुनाव से पहले सीआरपीएफ और आरएएफ के जवानों ने फ्लैग मार्च निकालकर शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की.. इंस्पेक्टर डीआर वर्मा ने कहा कि छात्र संघ चुनाव में अराजकता फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी लाल बहादुर शास्त्री राजकीय महाविधालय हल्दूचौड़ में छात्रसंघ चुनाव से पहले सीआरपीएफ और आरएएफ के जवानो ने फ्लैग मार्च निकालकर शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की सीआरपीएफ और आरएएफ बटालियन की दो टुकड़ियों ने लालकुऑं शहर के मुख्य मार्गो और हल्दूचौड़ के ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लैग मार्च करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव प्रचार किये जाने की हिदायत भी दी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक डीआर वर्मा ने कहा कि फ्लैग मार्च का उद्देश्य संवेदनशील क्षेत्रों में शांति व्यवस्था कायम रखना है चुनाव में अराजकता फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Dakhal News
बोले कांग्रेस भी फ़ैल उसकी गारंटी भी फ़ैल केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लेते हुए जमकर हमला बोला है अनुराग ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी बड़ी बड़ी गारंटी दे रही है जबकि इन गारंटी देने वालों की खुद अपनी गारंटी नहीं है अनुराग ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेश में लाडली बहना कांग्रेस के राज में लूट गई बहना मध्यप्रदेश में महिलाओं को अधिकार तो राजस्थान में महिलाओं से अत्याचार केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में लाडली बहना कांग्रेस के राज में लुट गई बहना कांग्रेस कहती है कि हमारे पर दर्जनों गारंटी है पर गारंटी देने वाले की क्या गारंटी है अनुराग ठाकुर ने कहा कि बीजेपी ने जो काम किया है वो बहुत अलग है सीखो कमाओ योजना अपने आप में युवाओं को अपने पांव पर खड़ा करने की योजना है जहां पर युवा हाथ फैलाकर जॉब लेने वाले नहीं जॉब देने वाले बनते हैं महिलाओं के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेश में महिलाओं को अधिकार तो राजस्थान में अत्याचार महिला अत्याचार में कांग्रेस शासित राजस्थान नंबर एक पर है कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस गारंटी देकर फ़ैल होती है और कांग्रेस की गारंटी भी फ़ैल होती है। कांग्रेस साठ सालों से गरीबी हटाओ की बात कह रही थी पंडित नेहरू , इंदिरा गांधी , राजीव गांधी , सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सबने केवल गरीबी हटाओ का नारा दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को गरीबी से बाहर निकला।
Dakhal News
सातना में बनेगा टमस विकास प्राधिकरण पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र सिंह ने व्यापारियों की समस्यायों के निदान की बात करते हुए सतना में नर्मदा विकास प्रधिकरण की तर्ज पर टमस विकास प्रधिकरण बनाने की बात कही। सर्व व्यापारी सम्मेलन का आयोजन कांग्रेस ने अमरपाटन में किया जहाँ पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष व कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह ने व्यापारी लोगों से समर्थन मांगा जहाँ अमरपाटन से जुड़े मौहारी कटरा सर्कल हटने से 59 गाँव अमरपाटन विधानसभा से दूसरी विधानसभा मैं चले गए थे जिससे व्यापारियों को व्यापार में हानि हो रही थी जिसे कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा दोबारा अमरपाटन में जुड़वाने की बात कही गई राजेंद्र सिंह ने कहा कांग्रेस की सरकार आने पर नर्मदा विकास प्राधिकरण जैसे सतना जिले के लिये टमस विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा।
Dakhal News
लोगो से मतदान करने की अपील मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है सिंगरौली में जिला प्रशासन ने लोकतंत्र की दौड़ का आयोजन किया मेराथन दौड़ में बड़ी संख्या में लोगो ने भाग लिया और मतदाताओं से सबसे पहले मतदान करने की अपील की प्रशासन लगातार मतदाता जागरूकता अभियान चला रहा है सिंगरौली में जिला प्रशासन ने लोकतंत्र की दौड़ का आयोजन किया जिसमे बड़ी संख्या में युवा इस मेराथन रेस का हिस्सा बने मैराथन रेस के माध्यम से लोगो से वोट करने की अपील की गई सिंगरौली के राजमाता चुन कुमारी स्टेडियम में जिला प्रशासन की दौड़ शुरू हुई कलेक्टर अरुण कुमार परमार पुलिस अधीक्षक युसूफ कुरैशी इस दौड़ में शामिल हुए कलेक्टर अरुण कुमार परमार ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए संदेश दिया कि आप सभी स्वतंत्रता पूर्वक निर्भय होकर शत प्रतिशत मतदान करें।
Dakhal News
वारदात करने से पहले पुलिस ने किया गिरफ्तार वारदात को अंजाम देने से पहले ही पुलिस ने कुछ बदमाशों को धर दबोचा हैं इन बदमाशों के पास से तमांचा और चाकू बरमाद किये गए हैं। काशीपुर की थाना कुंडा पुलिस ने कुछ अपराधियों को वरदात करने से पहले ही पकड़ कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है अभियुक्त गुरचरण सिंह उर्फ चन्नी के कब्जे से पुलिस ने एक 315 बोर का तमंचा तथा दो कारतूस बरामद कर गिरफ़्तार किया अभियुक्त आबकारी अधिनियम वआईपीसी और 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट में भी वांछित था इसके पुलिस द्वारा अभियुक्त नाजिम तथा रिजवान के कब्जे से एक-एक चाकू बरामद किया। तीनो अभियुक्तगणों के विरुद्ध आयुध अधिनियम के तहत मुकादमा दर्ज किया गया है।
Dakhal News
नाबालिग लड़के की लाश मिलने से मचा हड़कंप मैहर के सरकारी स्कूल में नाबालिग लड़के की लाश मिलने से सनसनी फ़ैल गई स्कूल की ईमारत के पीछे सत्रह साल का नाबालिग लड़का फांसी के फंदे में लटका हुआ मिला मृतक के परिजनों ने नाबालिग की हत्या का शक जताया है पुलिस मामले की जांच कर रही है मैहर के कटिया सरकारी स्कूल की पुरानी बिल्डिंग के पीछे फांसी के फंदे में लटकती नाबालिग लड़के की लाश मिलने से सनसनी फ़ैल गई मृतक की उम्र सतरह साल है स्कूल के शिक्षक अशोक तिवारी ने बताया की स्कूल की पुरानी इमारत जो की खंडहर हो चुकी है उसके पीछे नाबलिग की लाश मिली है वही पवन दुबे ने बताया कि पुलिस को मामले की सूचना दे दी गई थी इसके बावजूद पुलिस मौके पर समय से नहीं पहुंची मृतक के परिजनों को शक है कि नाबालिग लड़के की हत्या कर उसे फांसी के फंदे में लटकाया गया है पुलिस मामले की जांच कर रही है।
Dakhal News
आरोपियों के कब्जे से मिली इनोवा और लूट की रकम अपहरण और लूट की वारदात को अंजाम देने वाले पांच बदमाशों को पुलिस ने पकड़ने में कामयाबी हांसिल की है इसके कब्जे से एक इनोवा और लूट की रकम भी बरामद कर ली गई है मामला NH-30 ग्राम मौहारी कटरा पास का हैं जहाँ बस से उतर घर की तरफ जा रहे बस कंडक्टर देवेंद्र शुक्ला का इनोवा सवार 5 लोगों ने अपहरण कर कार में बैठा लिया और उसकी जेब में रखे 12 हजार रुपये और मोबाइल लूट लिया इन बदमाशों ने फोन पे के माध्यम से 2 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिया जिसके बाद उसके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी देते हुए ग्राम खुटहा मोड़ छोड़ कर भाग गए जिसके बाद पीड़ित ने सारा मामला पुलिस को बताया इधर बदमाश दूसरी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे इसी दौरान अमरपाटन थाना प्रभारी आदित्य सेन व स्टॉफ ने पीछा कर आरोपियों को गिरफ्तार किया इनके पास से वारदात को अंजाम देने के मैं प्रयोग की गई इनोवा कार व लूट की नगदी व मोबाइल बरामद किए हैं।
Dakhal News
तीन से पच्चीस किलो गांजा किया जब्त विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कटनी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध कंटेनर से तीन सौ पच्चीस किलो गांजा जब्त किया है। जब्त किये गए माल की कुल कीमत एक करोड़ से ज्यादा है। पुलिस ने वाहन चालक और कंडक्टर को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कटनी पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। कटनी पुलिस ने तीन सौ पच्चीस किलो गांजा जब्त कर दो लोगो को हिरासत में लिया है। मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन ने बताया कि कटनी जिले के एनकेजे थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जुहली मोड़ के समीप सुनसान जगह पर एक कंटेनर संदिग्ध अवस्था पर खड़ा था। जब पुलिस ने कंटेनर की तलाशी ली तो उसमे सवा तीन क्विंटल गांजा पकड़ा गया ट्रक के अंदर एक विशेष चैम्बर बनाया गया था। उस चैम्बर में ही तेरह बोरियों में गांजा रखा गया था। पुलिस द्वारा जब्त किये गए माल की कुल कीमत एक करोड़ तीन लाख रुपए है। पुलिस ने गांजा जब्त कर वाहन चालक आरोपी राजेश जायसवाल और कंडक्टर दीपू उर्फ संदीप यादव को गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
Dakhal News
कोंग्रेसियों को अगर सत्ता दी तो लूट मचा देंगे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को मंच से जय वीरू की जोड़ी बताते हुये इशारों इशारों में जनता से चोर कहलवा दिया और फिर शातिराना अंदाज़ में कहा कि हमने नही कहा ये पब्लिक है ये सब जानती है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मैहर मां शारदा दर्शन करने के बाद विधानसभा चुनाव 2023 अभियान की शुरुआत की मैहर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में सभा को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को मंच से जय वीरू की जोड़ी बताते हुये इशारों इशारों में उन्हें जनता से चोर कहलवा दिया, फिर शातिराना अंदाज़ में कहा कि हमने नही कहा। सिंधिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के पहले ही टिकट के दावेदारों को कमलनाथ दिग्विजय सिंहका कपड़ा फाड़ने की बात कह रहे हैं। माँ शारदा न करे विपक्ष में रहते हुए यह हाल है अगर सत्ता पर आ गए तो प्रदेश का क्या हाल करेंगे आप समझ सकते हैं, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सत्ता की कुर्सी देखते हैं तो उनकी आंखों में चमक आ जाती है और कुर्सी से कहते हैं आ..जा आ...जा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैहर को जिला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बनाया है। केवल घोषणा करने से कुछ नहीं होता, सीएम ने कलेक्टर और एसपी को पदस्थ कर दिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने चित परिचित अंदाज में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पब्लिक है सब जानती है। उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी जन-जन के दिलों में बसाना चाहती है, हम न नेता बनना चाहते हैं ना ही अभिनेता और न ही किसी अभिनेत्री के बगल में खड़े होना चाहते हैं। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन रही है।
Dakhal News
कैलाश विजयवर्गीय पर कांग्रेस का हमला कांग्रेस ने भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा उन्होंने अपने शपथ पत्र मे गलत व अपूर्ण जानकारी दी। इसके बावजूद जिला निर्वाचन अधिकारी ने विजयवर्गीय को क्लीन चिट दे दी। अब कांग्रेस इस मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से कर रही है। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने कहा भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय के अपने नामांकन में अधूरी जानकारी दी है। विजयवर्गीय के द्वारा शपथ पत्र मे उनके खिलाफ दर्ज हुए सामूहिक बलात्कार के मामले को छुपाया गया है। इस मामले की कोई जानकारी इस शपथ पत्र मे नही दी गई। इस मामले मे जब कांग्रेस के द्वारा आपत्ति ली गई तो राजनैतिक दबाव और प्रभाव के चलते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी के द्वारा नियम के विपरीत आचरण कर कांग्रेस की आपत्ति को खारिज कर दिया गया। कांग्रेस इस मामले मे अब जिला निर्वाचन अधिकारी के कृत्य की शिकायत चुनाव आयोग से कर रही है।
Dakhal News
भगवानदास ने भाजपा का साथ छोड़ा मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन बाकी है। ऐसे में भाजपा के अंदर मची भगदङ ने बड़े नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। अब बीजेपी को एक और बड़ा झटका लगा है। भाजपा के पुराने नेता भगवानदास बंसल ने बीजेपी को अलविदा कह कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पूर्व वित्त मंत्री रामहित गुप्ता के करीबी रहे और भाजपा के पुराने नेता भगवान दास बंसल ने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। भगवानदास बंसल ने पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ राजेन्द्र कुमार सिंह के हाँथो कांग्रेस की सदस्यता ली। भगवान दास बंसल नगर परिषद अमरपाटन के वार्ड नंबर पांच 5 से पार्षद रह चुके हैं।
Dakhal News
भाजपा कार्यकर्ताओं के सामने अजय टंडन ने ठोकी ताल दमोह से कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने चुनावी ताल ठोक दी है अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ प्रचार प्रसार करने निकले अजय टंडन का सामना भाजपा कार्यकर्ताओं से हो गया कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता अपने अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी करने लगे मौका देख कर कांग्रेस प्रत्याशी ने ऐसी ताल ठोकी मानो कोई दंगल या कबड्डी का खेल जीत लिया हो नेता जी का यह अंदाज देख लोग कह रहे है विधानसभा चुनाव भी किसी दंगल से कम तो नहीं है चुनाव प्रचार के दौरान दमोह से कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन का सामना भाजपा कार्यकर्ताओं से हुआ तो भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने अजय टंडन ने ताल ठोक दी अजय टंडन ने कुछ ऐसा इशारा किया मानो वो भाजपा से कह रहे हो की तुम्हे हराना तो मेरा बाए हाथ का खेल है दमोह से जीत मेरी ही होगी अजय टंडन का यह अंदाज देख कांग्रेस कार्यकर्ता भी झूम उठे और अजय टंडन के पक्ष में जमकर नारेबाजी की।
Dakhal News
आतिफ अकील और आमिर अकील आमने-सामने भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर घमासान मचा हुआ है अभी यहाँ से कांग्रेस के आरिफ अकील विधायक हैं अब यहाँ से उनके बेटे आतिफ अकील कांग्रेस प्रत्याशी हैं इसके बावजूद उनके भाई आमिर अकील भी निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं चचा भीतेजे के बीच मुकाबले से भाजपा के आलोक शर्मा को फायदा मिल सकता है।राजधानी भोपाल की उत्तर विधानसभा से एक ही परिवार से चाचा और भतीजे ने नामांकन दाखिल किया है आपको बता दें कि उत्तर विधानसभा सालों से कांग्रेस का गढ़ रही है और यहाँ से कांग्रेस के आरिफ अकील चुनाव जीतते रहे हैं इस बार कांग्रेस ने आरिफ अकील के पुत्र आतिफ अकील को टिकिट दिया है वहीँ इस से खफा हो कर आरिफ अक्किल के भाई आमिर अकील का कहना है कि कांग्रेस ने मेरे साथ छल किया है क्योंकि मेरा लिस्ट में नाम था आखिरी तक कमलनाथ यही कह रहे थे कि आपका मेरी लिस्ट में नाम है बाद में मुझे ना देकर टिकट मेरे भतीजे को दे दिया गया मैं निर्दलीय फॉर्म भर रहा हूं मुझे क्षेत्र की जनता पर भरोसा है कि मैं चुनाव जीतूंगा वहीं दूसरी और आतिफ अकील का कहना है कि वह मेरे चाचा है और मेरे चाचा मेरे पिता का कहना मानते हैं वह हमसे अलग नहीं है मेरे पिता ने क्षेत्र की जनता के लिए सालों से कार्य किया है और हम आगे भी विकास करेंगे।
Dakhal News
बोले जनता मेरे साथ, सामने कोई चुनौती नहीं सिंगरौली से बसपा के प्रत्याशी चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया इस मौके पर चंद्र प्रताप विश्वकर्मा ने कहा कि बेरोजगारी, नशाखोरी चुनाव में बड़ा मुद्दा है मेरे सामने कोई चुनौती नहीं क्षेत्र की सारी जनता मेरे साथ है सिंगरौली से बसपा के प्रत्याशी चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ पद यात्रा करते हुए नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे नामांकन जमा करने के बाद चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा ने कहा चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है मैंने क्षेत्र में बहुत मेहनत की है इसलिए जनता मेरे साथ है मेरे सामने कोई चुनौती नहीं बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन अटूट है और यही गठबंधन चुनाव में कारगर साबित होगा।
Dakhal News
बोले भाजपा शासन में जनता महंगाई से त्रस्त पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए तगड़ा हमला बोला है कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के शासन में जनता महंगाई से त्रस्त है वहीं भाजपा नेताओं के कांग्रेस के शामिल होने पर कमलनाथ बोले इन लोगों ने सच्चाई का साथ दिया है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में सिर्फ प्याज नहीं हर चीज महंगी है भाजपा के शासन में जनता महंगाई से त्रस्त है भाजपा नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने पर कमलनाथ ने कहा कि इन नेताओं ने सच्चाई का साथ दिया है यह भांप चुके है कि जनता के मन में कांग्रेस है इसलिए भाजपा को छोड़कर नेता कांग्रेस में आ रहे है आपको बता दे कि सीहोर से जसपाल सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है रीवा जिले के मनगवा विधानसभा से विकास तिवारी ने अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है।
Dakhal News
अवैध शराब और गांजा जब्त विधानसभा चुनाव से पहले चितरंगी पुलिस ने नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है पुलिस ने बड़ी मात्रा में अवैध शराब और गांजा जब्त किया है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन नशे के खिलाफ बेहद सख्त नजर आ रहा है चुनाव में कोई किसी को भी शराब या नशीली चीज़ का प्रलोभन न दे सके इस बात का प्रशासन पूरा ध्यान रख रहा है चितरंगी पुलिस की टीम ने नशे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई जगह छापामार कार्रवाई करते हुए सैकड़ो लीटर अवैध शराब और सैकड़ो किलो गांजा जब्त किया है।
Dakhal News
अनूप अग्रवाल के खिलाफ दर्ज कराइ है रिपोर्ट एक व्यापारी ने दूसरे व्यापारी अनूप अग्रवाल पर ब्लैक मेल करने का आरोप लगा कर उसे और उसके परिजनों की गिरफ्तारी की मांग की हे यह मामला उत्तराखंड के काशीपुर का है। काशीपुर के बहुचर्चित व्यापारी की हत्या के प्रयासों के मामले में पीडित प्रतीक अग्रवाल ने अनूप अग्रवाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी पीड़ित ने सोशल मीडिया के जरिये उसे बदनाम करने और ब्लैक मेल करने के मामले में आरोपी अनूप अग्रवाल और उसके परिजनों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है प्रतीक अग्रवाल ने बताया गया है कि अनूप अग्रवाल ने एक माह पूर्व बीस लाख रुपये उधार मांगे थे जब मैने उसे उधार पैसा नहीं दिया तो अनूप ने मुझे प्रताडित करना शुरू कर दिया अनूप अग्रवाल ओर उसके बेटे अमोल अग्रवाल ने अपने साथिओ के साथ घेर कर गन्दी गन्दी गालिया देते हुए जान से मारने की नियत से गोली चलाई पीड़ित ने कहा उसे अनूप और उसके परिजनों से जान का खतरा बना हुआ है।
Dakhal News
व्यापारियों में मचा हड़कंप जीएसटी की टीम ने किराना व्यापारी की दुकान पर छापा मार कार्रवाई की कार्रवाई की सूचना मिलते ही ही बाकी व्यापारियों में भी हड़कंप मच गया और कई व्यापारी अपनी दुकाने बंद करके ही भाग गए। कस्बा भांडेर में लहार रोड पर स्थित गुप्ता ट्रेडर्स नामक दुकान पर जीएसटी की टीम ने छापामार कार्रवाई की गुप्ता ट्रेडर्स के बैलेंस में मिसमैच पाया गया है ऐसे में GST की टीम ने छापा मारकर छानबीन की कार्रवाई की सूचना जैसे ही इलाके में फैली तो व्यापारियों में हड़कंप मच गया कई व्यापारी तो अपनी दुकाने बंद करके ही भाग गए जीएसटी अधिकारी विजय सिंह ने बताया कि गुप्ता ट्रेडर्स की जांच की जा रही जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Dakhal News
भाजपा फैला रही भ्रामक खबरे कांग्रेस में कलह नहीं, सब एकजुट है,कांग्रेस के अंदर से आ रही अंतर्कलह की खबरों पर दिग्विजय सिंह के नए बयान ने विराम लगा दिया है दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस में सभी एकजुट है जनता मध्यप्रदेश में बदलाव चाहती है। कांग्रेस के अंदर बड़े नेताओं के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है इस तरह की खबरे पिछले कई दिनों से आम हो रही थी पर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अपने बयान से साफ किया है कांग्रेस के अंदर सब कुछ ठीक है दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अंदर सभी लोग एकजुट है भाजपा धनबल का प्रयोग कर झूटी खबरे फैलाती है जनता इस बार मध्यप्रदेश में बदलाव चाहती है दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो दतिया जायेंगे और नामांकन पत्र जमा करने के दौरान कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र भारती के साथ मौजूद रहेंगे दतिया में नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ जनता का रोष है।
Dakhal News
नियुक्ति नहीं होने से परेशान हैं योग प्रशिक्षक योग प्रशिक्षित बेरोजगारों ने नियुक्ति नहीं होने से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने उत्तराखंड सरकार और बाबा रामदेव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। योग शिक्षकों ने नियुक्ति की मांग को लेकर योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ के बैनर तले देहरादून में सचिवालय कूच किया। लेकिन पहले से ही मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले ही बैरिकेटिंग लगाकर रोक दिया। इससे नाराज योग शिक्षकों ने सरकार और बाबा रामदेव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बेरोजगार महासंघ के प्रदेश महासचिव कुमार मंगलम सेमवाल का कहना है कि 31 दिसंबर 2021 को मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रदेश में 119 राजकीय महाविद्यालय और प्रत्येक जिलों में एक-एक राज्य इंटर कॉलेज में योग प्रशिक्षित शिक्षक की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया था। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आयुष और एलोपैथी अस्पतालों में योग प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने योग शिक्षकों को जल्दनियुक्ति नहीं दी तो उन्हें अपने आंदोलन को और तेज करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
Dakhal News
विजिलेंस टीम ने किया गिरफ्तार एक घूसखोर पटवारी को विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। यह पटवारी एक पीड़ित पक्ष का काम करने के एवज में आठ हजार की घूस ले रहा था। उत्तराखण्ड विजिलेंस ने एक शिकायत पर नानकमत्ता के पटवारी को आठ हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। नानकमत्ता निवासी ग्रामीण ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई थी की उसके खेत पर लगी धान को काटने पर उसका गुरदीप कौर व उसके परिवार से विवाद है। इस मसले पर पीड़ित के पक्ष ने उपजिलाधिकारी और तहसील सितारगंज को प्रार्थना-पत्र दिया। जिस पर पटवारी त्रिलोचन सुयाल द्वारा पहले भूमि पर विवाद होने की रिपोर्ट लगायी गयी और शिकायतकर्ता के पक्ष में रिपोर्ट लगाने के एवज में 8000 रूपये की मांग की गई। इसके बाद विजिलेंस टीम ने नानकमत्ता के पटवारी त्रिलोचन सुयाल को 8,000 रूपये की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
Dakhal News
बच्ची को आरोपी बहला फुसलाकर ले गया था एक नाबालिग किशोर ने छ बच्ची के साथ बलात्कार किया आरोपी बच्ची को बहला फुसलाकर अपने घर ले गया और इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। अमरपाटन के रामनगर थाना अंतर्गत एक बार फिर 6 साल की नाबालिक बच्ची से दुष्कर्म किए जाने की शर्मनाक घटना सामने आई। यहां 15 वर्ष के नाबालिक आरोपी ने मासूम के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने बताया कि नाबालिक बच्ची घर के बाहर खेल रही थी, तभी आरोपी किशोर उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया और घर के अंदर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। आरोपी द्वारा मनमानी किए जाने से बच्ची ने शोर मचाया। जिसके बाद पीड़िता के परिजन पहुंच गए। जिन्हे देखते ही आरोपी भाग गया। पुलिस आरोपी की तलाश में छापेमारी कर रही है।
Dakhal News
राममंदिर भाजपा का नहीं सब का है कांग्रेस भी इस चुनाव में हिंदुत्व की राह पर चल पडी है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला और कहा 'राम मंदिर पूरे देश का है, सनातनियों का है। लेकिन भाजपा राम मंदिर को अपना मंदिर बतानें में जुटी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भाजपा को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं। कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा 'राम मंदिर क्या भाजपा का मंदिर है',जी नहीं 'राम मंदिर पूरे देश का है, सनातनियों का है। आखिर 'राम मंदिर को अपना मंदिर बतानें में क्यों जुटी है भाजपा' इसी के साथ कामनाथ ने कहा की मूझे छिंदवाड़ा में कितनी भी घेरने की कोशिश कर ली जाए लेकिन मेरे मददाताओ का विश्वास मेरे साथ है।
Dakhal News
भाजपा को बताया भ्रष्टाचार की सरकार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत का परचम लहराने के लिए आम आदमी पूरा जोर लगा रही है। छतरपुर में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पिछले 18 सालों से मध्यप्रदेश की जनता भ्रष्टाचार की चक्की में पिस रही है। दिल्ली और पंजाब में सफलता के बाद आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में भी एक नया करिश्मा करने का सपना देख रही है। आप नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान छतरपुर पहुंचे। महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र के नौगांव में रोड शो करते हुए भगवंत मान ने जनता से आशीर्वाद माँगा। रोड शो में भगवंत मान के साथ बड़ी संख्या में आप कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे। इस दौरान भगवंत मान ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता पिछले 18 सालो से भ्रस्टाचार की चक्की में पीस रही है। भाजपा लोकतंत्र की हत्या करती है। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी को लेकर सराहनीय काम कर रही है और वो ही काम हम मध्यप्रदेश में भी करेंगे। आम आदमी पार्टी सर्वे में नहीं आती सीधे सरकार में आती है।
Dakhal News
कांग्रेस ने नवरात्रि में नारी शक्ति से बोले 9 झूठ केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कांग्रेस पार्टी में कभी महिलाओं का सम्मान नहीं रहा। प्रियंका गांधी कहती हैं कि लड़की हूं, लड़ सकती हूं, लेकिन वो किस से लड़ रही हैं? कांग्रेस पार्टी के ही लोग महिलाओं को टंचमाल और आइटम कहते हैं, उनका उत्पीड़न करते हैं। ऐसे लोगों का विरोध करने की बजाय कांग्रेस में इन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव में टिकट दिए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कांग्रेस पार्टी एक बार फिर मध्य प्रदेश की महिलाओं से झूठ बोल रही है, उन्हें छलने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की डबल इंजन सरकार ने जिस तरह से महिलाओं का भरोसा जीता है, उसके सामने कांग्रेस का हर झूठ, महिलाओं को भ्रमित करने की हर साजिश नाकाम होगी। भाजपा महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को फांसी पर लटकाने का फैसला लेती हैं, तो दूसरी तरफ कन्या पूजन को नौटंकी बताने वाली कुकर्मी कांग्रेस है, जो महिला उत्पीड़न करने वालें को टिकट देती है, उन्हें पुरस्कृत करती है। श्रीमती लेखी ने कहा कि छिंदवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी कमलनाथ जी महिला को ’आइटम’ कहते हैं। बड़नगर के कांग्रेसी विधायक मुरली वोरवाल के बेटे पर महिला उत्पीड़न का मामला दर्ज है। सोनकच्छ से कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा महिलाओं को ’बच्चे पैदा करने की मशीन कहते हैं। मुल्ताई के सुखदेव पांसे महिला को नाचने-गाने वाली’ कहते हैं। जबलपुर पश्चिम से प्रत्याशी और पूर्व मंत्री तरुण भनोट महिलाओं को ’बेवकूफ’ कहते हैं। गंधवानी से प्रत्याशी उमंग सिंघार महिला उत्पीड़न करते हैं। अटेर के प्रत्याशी हेमंत कटारे पर रेप का आरोप लगाने वाली युवती आत्महत्या कर लेती है। कोतमा से कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सराफ और सतना से कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा ट्रेन में महिला से छेड़खानी करते हैं। श्योपुर से प्रत्याशी बाबू जंडेल एक महिला पुलिस अधिकारी से फोन पर गाली-गलौच करते हैं तो परासिया से प्रत्याशी सोहन वाल्मिकी के बेटे आदित्य वाल्मिकी लड़की की अश्लील तस्वीरें वायरल करते हैं।
Dakhal News
भिखारी को मुस्लमान बना के वीडियो बनाया हिन्दू तीर्थ स्थलों को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला हरिद्वार से सामने आया जहाँ एक हिन्दू को मुसलमान बना के वैमनस्य फैलाने की कोशिश की गई। इस मामले में अब आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की जा रही है। सोशल मीडिया का सहारा लेकर हिंदू तीर्थ स्थलों को बदनाम करने की मंशा से कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने दिलीप बघेल नाम के भिखारी को शराब पिलाकर उसको पैसों का लालच देकर जावेद हुसैन नाम से एक वीडियो बनाया। जिसमें वह भिखारी हिंदुओं एवं ब्राह्मणों को अपशब्द कहते हुए उकसाने का कार्य कर रहा है। यह प्रकरण सोशल मीडिया में वायरल होने पर जब इसकी शिकायत पुलिस से की गई तो पुलिस ने उक्त व्यक्ति को ढूंढ निकाला तो पता लगा कि वह कोई मुस्लिम व्यक्ति नहीं वह आगरा का रहने वाला दिलीप बघेल नामक हिंदू व्यक्ति है। जिसे कुछ लोगों ने शराब और पैसे का लालच देखकर ऐसा करने के लिए कहा, अब श्रीगंगा सभा ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर इस वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को चिन्हित कर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
Dakhal News
महिला जंगल में घास काटने गई थी जंगल में घास काटने गई महिला पर बाघ ने हमला कर दिया। बाघ के हमले में महिला की मौत हो गई। वन विभाग की टीम ने महिला का शव बरामद कर लिया है। खटीमा सुरई वन क्षेत्र के जंगल में घास काटने गई बुजुर्ग महिला भागुली देवी पर बाघ ने हमला कर दिया। इस हमले में महिला की मौके पर ही मौत हो गई घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर वन क्षेत्र से महिला के शव की तलाश शुरू कर दी। बाघ के पद चिन्हों के सहारे खोज करते हुए वन विभाग की टीम ने महिला के शव को बरामद कर लिया। विभाग की फोरेंसिक टीम के द्वारा मौके पर ही शव का निरीक्षण कर फॉरेंसिक साक्ष एकत्र किए गए। अब बाघ के हमले के खतरे को देखते हुए प्रभावित क्षेत्र में वन अमले की गश्त बढ़ाई जाएगी। वन विभाग ने स्थानीय लोगों से निवेदन किया है कि बेवजह जंगल में जाने से बचें।
Dakhal News
परिजनों ने जताई युवक की हत्या की आशंका यात्री बस के अंदर एक युवक का शव फंदे पर लटका हुआ मिला। परिजनों ने जताई युवक की हत्या की आशंका। कार्यवाही के लिए सड़क को किया जाम। मैहर थाना क्षेत्र के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में स्थित बस स्टैंड पर खड़ी बस के अंदर युवक का शव लटकता हुआ मिला। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची व पंचनामा बनाकर चली गई। घटना की सूचना पर मृतक युवक के परिजनों को दी गई युवक की पहचान गुड्डू साकेत के रूप में हुई। मृतक युवक बस में ही खलासी का काम करता था। पुलिस की कार्यवाही से नाखुश मृतक के परिजन ने मां शारदा देवी मंदिर के जाने वाले मार्ग को जाम कर बंद कर दिया गया मौके पर थाना प्रभारी घटनास्थल पहुंचे और परिजनों को समझाइश देकर जाम खुलवाया। मृतक युवक के पिता का आरोप है कि बस के मालिक द्वारा हत्या कर डेड बॉडी लटकाई गई है। मृतक युवक की पत्नी ने बताया की रात में पति से बात हुई पति बोले मैं घर वापस आ रहा हूं फिर कुछ देर बाद पति का फोन आया की बस मालिक उसे लेकर वापस मैहर जा रहे हैं। इसके बाद कुछ देर बाद सूचना मिलती है कि उनकी डेड बॉडी मिली है। हमें यकीन का है कि उन्हें मार कर टांगा गया है घटना के बारे में जानकारी देते हुए एसडीओपी राजीव पाठक में बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है।
Dakhal News
सबसे ज्यादा जले 51 फ़ीट वाले रावण भोपाल में विजयादशमी पर सौ से जयादा जगह रावण के पतले जलाये गए राजधानी में 30 स्थानों पर अति विशाल रावण ,मेघनाद और कुम्भकरण के पुतलों का दहन किया गया इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी की गई। राजधानी भोपाल के टी टी नगर में आतिशबाजी शुरू हुई और उसके बाद रावण दहन हुआ दशहरा उत्सव समिति के वात्सल्य जैन ने बताया कि रावण का पुतला 51 फीट का बनाया था मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले की ऊंचाई 45-45 फीट थी जिनका दहन किया गया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छोले मैदान पर रावण दहन के मौके पर पहुंचे तो वहीं दूसरी और टी टी नगर में रावण दहन के मौके पर दिग्विजय सिंह मौजूद रहे।
Dakhal News
दशहरे पर पुलिस करती है शस्त्र पूजा सिंगरौली जिले के पुलिस लाइन में कलेक्टर अरुण कुमार परमार ,पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैशी ने विधि विधान से शस्त्र पूजन किया पुलिस शस्त्र पूजन के साथ संकल्प लेती है कि वे सदैव पीड़ितों की रक्षार्थ और बदमाशों के खात्मे के लिए शस्त्र उठाएंगे। कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने जिले वासियों को दशहरे की शुभकामनाएं दी सभी पुलिस वालों ने हथियारों की साफ़ सफाई की और वर्षों से चली आ रही परम्परा के मुताबिक विजयदशमी पर्व पर शस्त्रों की पूजा की इसी परंपरा को निभाते हुए विजयदशमी पर जिले के सभी थाना प्रभारियों ने विधि विधान सेशत्रों की पूजा कर सभी के भले की मनोकामना की पुलिस बल द्वारा उपयोग हेतु शस्त्र एके 47, इंसास राइफल, रिवाल्वर आदि पर पुष्प और कंकु लगाकर पूजा संपन्न कराई गई शस्त्र पूजन के बाद पुलिस बल द्वारा निर्दोष व्यक्तियों पर शस्त्र का उपयोग न करने का संकल्प लेकर अपने अपने क्षेत्र की जनता की रक्षा की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
Dakhal News
नवरात्र के बाद सिंदूर लगाकर विदा हुई माँ शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन जब मां दुर्गा जब वापस जाती हैं, तो उनकी विदाई के सम्मान में सिंदूर लगा कर विदाई की जाती है बंगाली समाज सिंदूर खेला के जरिये माँ को विदा करता है। भोपाल की कालीबाड़ी में बंगाली समुदाय की महिलाएं देवी मां को सिंदूर लगाते हुए ढोल-नगाड़ों के साथ में पारंपरिक डांस कर सिंदूर की होली खेली... दरअसल, विजया दशमी के दिन सिंदूरी खेला का आयोजन होता है ,जिसमें महिलाएं सिंदूर की होली खेलती हैं बंगाल की पारंपरिक लाल बॉर्डर वाली सफेद रंग की साड़ी में सजी-धज्जी महिलाओं ने पहले मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित किया, फिर एक दूसरे को सिंदूर लगाकर 'सिंदूर खेला' की रस्म निभाई. रस्म के दौरान महिलाओं ने एक-एक कर मां दुर्गा की आरती की और सुख समृद्धि की कामना की।
Dakhal News
प्रत्याशी के फोटो पर लगाया क्रॉस का निशान छतरपुर की बिजावर सीट से काग्रेंस प्रत्याशी चरण सिंह यादव के खिलाफ विरोध के स्वर खत्म होने का नाम नही ले रहे हैं हर जगह कोंग्रस नेता और कार्यकर्ता अपने ही प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं। काग्रेंस कार्यकर्ताओं ने बाहरी प्रत्याशी चरण स़िह यादव का विरोध करते हुये काग्रेंस कार्यालय में प्रत्याशी का पोस्टर लगा कर विरोध प्रदर्शन किया इस पोस्टर पर काग्रेंस कार्यकर्ताओं ने काली स्याही से कट का निशान लगाकर विरोध किया काग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिजावर सीट पर स्थानीय प्रत्याशी होना चाहिए न कि बाहरी दरअसल काग्रेस प्रत्याशी चरण सिंह यादव उत्तरप्रदेश के झांसी के रहने वाले है इसलिए कांग्रेस नेता क्षेत्रीय प्रत्याशी की मांग कर रहे हैं कांग्रेस नेताओं ने इस मामले में प्रियंका गांधी से हस्तक्षेप की मांग की है।
Dakhal News
कन्याओ को भोजन करा कर खोला उपवास उत्तराखंड में भी नवरात्रि का पर्व जबरदस्त उत्साह के साथ मनाया गया कहीं रतजगे हुए तो कहीं भजन हर तरफ माहौल पूरी तरह धार्मिक बना रहा काशीपुर मे नवरात्री और विजय दशमी के चलते हर जगह रोनक नजर आयी माँ दुर्गा पूजा के उपरांत व्रत पूरे करके जगह जगह कन्या भोज के आयोजन हुए कन्याओ को भोजन करा कर व्रत खोले गये ओर लोगो ने माँ दुर्गा से सभी की खुशहाली के लिये अराधना की मोहल्ला कवि नगर रायल इनक्लेव मे नवरात्रो के दौरान माँ दुर्गा पूजा के चलते रायल इनक्लेव परिवार ने सात दिनो तक डान्डिया का आयोजिन किया माता देवी की चोकी के साथ भजन किर्तन किये गये।
Dakhal News
वयोवृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं के आवेदन की तिथि बढ़ाएं मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि वयोवृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं के आवेदन की तिथि को बढ़ाया जाए। निर्वाचन आयोग ने 80 वर्ष से अधिक उम्र के एवं दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान करने की सुविधा प्रदान की है। प्रदेश में 21 अक्टूबर से निर्वाचन प्रक्रिया की अधिसूचना लागू हो गई है और ऐसे मतदाताओं के लिए फार्म 12 डी जमा करने की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर निर्धारित की गई है। समय कम होने के कारण अनेक दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता निर्वाचन आयोग की इस पहल का लाभ नहीं ले सकेंगे और उन्हें मतदान से वंचित होना पड़ेगा ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि फॉर्म 12 डी जमा करने की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर को आगे बढ़ाया जाए। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा और केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा।
Dakhal News
मेवरा को बगुलामुखी की कृपा से मिला टिकिट भाजपा नेता बाबूलाल मेवरा पिछले कई दिनों से पीताम्बरा पीठ में माँ बगुलामुखी की साधना कर रहे हैं। इसी बीच उन्हें भाजपा ने विजयपुर से प्रत्याशी घोषित किया है। बाबूलाल मेवरा इसे माई का चमत्कार बता रहे है। पूर्व विधायक बाबूलाल मेवरा 15 अक्टूबर से दतिया के पीताम्बरा पीठ में माँ की साधना में व्यस्त हैं। मेवरा का कहना है कोई भी तपस्या बेकार नही जाती। इधर भाजपा ने इन्हें विजयपुर विधानसभा से टिकिट दे दिया है। उनको यह टिकिट भाजपा ने लंबी तपस्या के बाद ही दिया है। मेवरा इस सीट से 20 साल पहले विधायक रह चुके हैं। उनका कहना है भारतीय जनता पार्टी जमीनी कार्यकर्ता का विशेष ख्याल रखती है। उनका कहना है मध्यप्रदश में फिर भाजपा की सरकार बन रही है।
Dakhal News
विधायक राम लल्लू वैश्य का टिकिट कटा सिंगरौली से विधायक रामलल्लू वैश्य का टिकिट काटकर भाजपा ने राम निवास शाह को प्रत्याशी बनाया है शाह ने दावा किया है कि भाजपा 150 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बना रही है। सिंगरौली विधान सभा से भारतीय जनता पार्टी ने रामनिवास शाह को टिकट दिया है रामनिवास शाह ने कहा कि हम सभी वरिष्ठ लोगों से मेल मुलाकात करेंगे उन्होंने कहा कि हमें साहू समाज के नाम पर टिकट नहीं मिला है हमने भारतीय जनता पार्टी में बरसों से काम किया है इसलिए हमें टिकट मिला है सिंगरौली विधायक राम लल्लू वैश्य व पूर्व नगर निगम अध्यक्ष चंद्र प्रताप विश्वकर्मा के विरोध के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम दोनों से मुलाकात करेंगे रामनिवास शाह ने कहा प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार बना रही है हमारे पार्टी के 150 से ज्यादा प्रत्याशी जीतकर विधानसभा में पहुंचेंगे।
Dakhal News
टैंकर में बाइक सवार पिता -पुत्र को कुचला एक तेज रफ़्तार तेल टैंकर अनियंत्रित हो गया और उसने एक बाइक को टक्कर मार दी। ये हादसा इतना खतरनाक था कि बाइक सवार पिता पुत्र की जान ले ली है। सितारगंज से खटीमा की तरफ आ रहे एक तेज रफ्तार तेल टैंकर ने अनंत्रित होकर बाइक सवार पिता पुत्र को टक्कर मार दी। टैंकर तेज रफ़्तार के कारण अनियंत्रित हुआ था। लेकिन कहा जा रहा है टैंकर चालक को नींद की झपकी लग जाने के कारण यह दुर्घटना घटी। जिसमें खटीमा से उमरिया जा रहे बाइक सवार पिता पुत्र दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना में जान गंवाने ज़ाहिर और उनके पुत्र अमन हैं। इस घटना की सूचना मिलने पर मृतक के परिवारजनों में कोहराम मच गया। वही टैंकर चालक को नानकमत्ता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
Dakhal News
गंभीर रूप से घायल किसान अस्पताल में खेत में काम कर रहे किसान पर अचानक मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। इस हमले में गंभीर रूप से घायल किसान को अस्पताल में भर्ती किया गया है। अमरपाटन के ग्राम पंचायत खरमसेड़ा के वृद्ध किसान बृजमोहन मिश्रा अपने खेत में घास काट रहे थे तभी पास के आम के पेड़ से मधुमक्खी के झुंड ने उन पर हमला कर दिया, मधुमक्खी के झुंड के काटने से वृद्ध किसान गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें ईलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन लाया गया। ईलाज बाद गंभीर हालत में किसान को जिला अस्पताल रेफर किया। ग्राम कंचनपुर मोड़ पास तेज रफ्तार पीकअप और मोटरसाइकिल की भिड़ंत हो गई। इस हादसे में 4 लोग हुए घायल हो गए। जिनमें से दो लोगों की हालत गंभीर है।
Dakhal News
तस्करों के पास मिली 60 लाख की स्मैक पुलिस ने एक बड़े स्मैक तस्कर गिरोह का खुलासा किया है। ये गैंग स्कॉर्पियो के जरिये स्मैक की तस्करी करती थी। इस गैंग के पास से साथ लाख रुपये की स्मैक बरामद की गई है। पुलिस को मुखबिर से एक स्मैक तस्कर गिरोह की जानकारी मिली। पुलिस ने इस गैंग को पकड़ने के लिए तैयारी की पुलिस को खबर मिली गैंग के चचार लोग सफेद रंग की नई स्कार्पियो से प्रयागराज से चल कर बीजापुर के सुनसान रास्ते से बैढ़न की ओर आ रहे हैं। पुलिस ने स्कार्पियो को ओरगाई रेण नदी पर बड़े पुल के पास रोका तो वाहन चालक वाहन को बंद कर अपने साथियों के साथ अँधेरे में भागा। पुलिस ने मुस्तैदी से तीन तस्करों को पकड़ लिया लेकिन ड्राइवर भागने में सफल हो गया। पकडे गए तस्करों के नाम आदित्य रंजन संदीप शर्मा और दिलीप पाण्डेय हैं। इनका चौथा साथी वाजिद खान उर्फ़ नवाब खान उर्फ़ राजवीर पाण्डेय है। इन तस्करों के पास से 60 लाख कीमत की पांच सौ ग्राम स्मैक बरामद की गई हैं।
Dakhal News
पुलिस लाइन में हुआ गरबा नृत्य का आयोजन शक्ति के उपासक पुलिस परिवार ने भी गरबा खेला। छतरपुर की पुलिस लाइन में माँ आदि शक्ति की उपासना के बाद सामने गरबा का आनंद लिया। पुलिस लाईन मे पुलिस परिवार के बीच गरबा का आयोजन किया गया। इस गरबे मे पुलिस परिवार की महिलाओं और बच्चो ने भाग लिया ,पांच दिन तक चले इस गरबे मे पुलिस परिवार की महिलाओं और बच्चो ने जमकर माँ शक्ति प्रतिमा के सामने गरबा करके अराधना की ,इसके बाद एसपी और कलेक्टर ने सभी गरबा खेलने वाली महिलाओं और बच्चो को प्रमाण पत्र बांटे।
Dakhal News
दो ट्रक चोर लगे पुलिस टीम के हाथ पुलिस ने एक ट्रक चोरी के मामले में तत्परता से कार्यवाही की और सिर्फ पंद्रह घंटे में ट्रक चोरी की वारदात का खुलासा कर दिया और दो चोरों को गिरफ्तार भी कर लिया। ऑपरेशन प्रहार के अंतर्गत सितारगंज कोतवाली पुलिस ने 15 घंटे में ट्रक चोरी का खुलासा करते हुए चोरी का ट्रक व दो चोरों को गिरफ्तार किया हैं। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 7 अक्टूबर को जाहाबाद ने मेहंदी हसन उर्फ सुहेल के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी ट्रक ड्राइवर किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ मिलकर ट्रक को चोरी कर ले गया है। सितारगंज पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुऐ ट्रक चोरी के खुलासे के लिए टीमें गठित की पुलिस टीमों ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से हमीरपुर गांव के किनारे से नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार किया। उसके साथ दूसरे अभियुक्त राशिद अली को मिलक भोजीपुरा से चोरी के ट्रक के साथ गिरफ्तार किया।
Dakhal News
पुलिस कर्मियों ने मिलकर एक व्यक्ति को पीटा एक पीड़ित व्यक्ति ने जब सीएम हेल्प लाइन में की शिकायत वापस नहीं ली तो पुलिस वालों ने उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद पीड़ित की शिकायत पर गुंडागर्दी करने वाले पुलिस वालों को भी पुलिस बचाने का काम कर रही है। मामला मैहर जिले के ताला थाना अंतर्गत ग्राम कोतर का हैं जहाँ किसी समस्या को लेकर विनोद सिंह ने ताला थाने में शिकायत की थी। जब समस्या का समाधान नही हुआ तो उसने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करवाई। इससे नाराज पुलिस वालों ने पीड़ित की पीकअप वाहन ताला थाने में खड़ी करवा ली और विनोद को ताला थाने बुलाया और उसकी पिटाई कर दी पीड़ित ने मारपीट की शिकायत ताले थाने में की लेकिन पुलिस ने आवेदन भी नही लिया।
Dakhal News
मरीज को जमीन में लिटाकर पीटा दुर्ग से अमानवीय कृत्य की बेहद शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। जिला अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा गार्ड ने मिलकर अस्पताल में भर्ती मरीज के हाथ पैर बाँध दिए और उसके साथ जमकर मारपीट की। दुर्ग के जिला अस्पताल में तैनात सुरक्षा गार्ड का काम तो अस्पताल की सुरक्षा करना था पर ये गार्ड खुद गुंडई बदमाशी दिखाने पर उतर आये। सुरक्षा गार्ड के द्वारा अंजाम दी गई शर्मनाक घटना को सुन कर आप भी गुस्से में आ जायेंगे। अस्पताल में भर्ती एक मरीज के हाथ पैर बांधकर सुरक्षा गार्ड ने उसे जमीन पर लिटाया और फिर मरीज के साथ जमकर मारपीट की जब पीड़ित मरीज के परिजनों ने इसका विरोध किया तो सुरक्षा गार्ड्स ने मरीज की बहन और परिजनों के साथ भी मारपीट की ऐसे में सवाल उठता है कि जिला अस्पताल में सुरक्षा गार्ड की भर्ती हुई है या गुंडे बदमाशों को सुरक्षा गार्ड बना दिया गया है। मामले की शिकायत थाने में हो चुकी। ऐसे में देखना होगा की पुलिस प्रशासन सुरक्षा गार्ड का चोला ओढ़े गुंडे बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता है या नहीं
Dakhal News
चोर के पास मिली चोरी की बाइक बाइक चोरी की घटनाओं से परेशान पुलिस ने अब घटना के तत्काल बाद एक्शन लिया और बाइक चोर को पकड़ लिया। चोर के पास से चोरी की बाइक भी बरामद की गई है। चम्पावत के थाना बनबसा क्षेत्र में मोहन चन्द की बाइक चोरी हो गई थी। इस घटना के बाद तत्काल पुलिस एक्टिव हुई और चोर की तलाश शुरू की पुलिस टीम द्वारा सूचना मिलते ही सीसीटीवी कैमरो की मदद से चोर तक पहुंचने का प्रयास किया। इसमें पुलिस को सफलता मिली और बाइक चोर अमित श्रीवास्तव को मय चोरी के वाहन के साथ गिरफ्तार किया।
Dakhal News
बिजली गिरने से महिला की मौत अचानक मौसम के बदलने से बारिश के बीच एक महिला के ऊपर बिजली गिर गई। बिजली गिरने से महिला की मौके पर ही मौत हो गई है। ग्राम धोरहरा में बकरी चराते समय बारिश से बचने पेड़ के नीचे खड़ी महिला के ऊपर आकाशीय बिजलीं गिरी। आकाशीय बिजलीं गिरने से एक महिला की मौके पर मौत हो गई। इस हादसे में एक महिला अन्य महिला घायल हो गई। जिसे ईलाज के लिए अस्पताल पहुँचाया गया। इस घटना में तीन बकरियों की भी मौत हुई है।
Dakhal News
हादसे में एक शख्स की मौत एक तेज रफ्तार ट्रक ने पिकअप और मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इस हादसे में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये जिनमें से एक की मौत हो गई है। ग्राम पड़हा के पास पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने पहले पिकअप को टक्कर मार दी और इसके बाद मोटरसाइकिल को टक्कर मारते हुए मौके से फरार हो गया। इस दुर्घटना में मोटरसाइकिल सवार एक 75 वर्षीय वृद्ध व पिकअप सवार एक युवक गंभीर रूप से घायल हुआ। जिसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन लाया गया। प्राथमिक चिकित्सा के बाद गंभीर हालत में दोनों को संजय गांधी मेडिकल कॉलेज रीवा के लिए रेफर कर दिया गया। जहाँ व्रद्ध ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
Dakhal News
एक शख्स की मौके पर मौत अमरपाटन में दो बाइक की आपस में टक्कर हो गई। भिड़त इतनी जोरदार थी कि हादसे में एक बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई। बाकि दो लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अमरपाटन में मैहर रोड सरदार पैट्रोल पंप के पास भीषण सड़क हादसा हुआ है। दो बाइक की जबरदस्त टक्कर में एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई वही दो लोगों को गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन भर्ती कराया गया। जिसमे से एक व्यक्ति को इलाज के लिए संजय गांधी मेडिकल कॉलेज रीवा रेफर किया गया है।
Dakhal News
महिलाओं के साथ हो रही है छेड़खानी मध्यप्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार को अपनी एक नजर खंडवा की तरफ भी कर लेना चाहिए। जहाँ हाट बाजार के बीच में शराब की दुकान है। शराबी शराब पीकर नशे में धुत हो जाते है और फिर नशे की हालत में महिलाओं के साथ छेड़खानी और अभद्र व्यवहार करते है। सवाल उठता है कि क्या महिलाएं अब बाजार में खरीदी करना ही बंद कर दें। शराबियों के डर से घर में बैठ जाये। शासन खुद ही बताये की महिलाएं क्या करे पूर्ण शराब बंदी करना तो सरकार के लिए दूर की कौड़ी ही नजर आता है। पर कम से कम ऐसे शराब ठेको का तो लाइसेंस निरस्त किया जाये जो बाजार,स्कूल और धार्मिक स्थल के करीब है और नियम भी यही कहता है। पर शासन अपने ही नियमों को धता बताते हुए दिखाई दे रहा है। यह पूरा मामला खंडवा जिले के तहसील मुख्यालय खालवा का है। हाट बाजार के मध्य स्कूल और मंदिर के पास में यहाँ शारब दुकान धड़ल्ले से चल रही है। नशे में धुत शराबी आये दिन महिलाओं के साथ छेड़खानी करते है। इसी क्षेत्र में स्कूल भी है। स्कूली बच्चो को शराब दूकान के करीब से ही स्कूल आना जाना पड़ता है। अब आप खुद सोच कर देखिये कि इसका प्रभाव बच्चो पर क्या पड़ता होगा। आये दिन शराबी मारपीट और अभद्रता करते है। पर लगता है जैसे प्रशासन या तो अपनी आँखें बंद किये हुए है या गहरी नींद में सोया हुआ है। जो उसका इस और कोई ध्यान ही नहीं है। रहवासी लगातार शराब दुकान को कहीं और शिफ्ट करने की मांग कर रहे है। पर उनकी सुनता कोई नहीं। ऐसे में रहवासियों का गुस्सा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
Dakhal News
ग्राम वासियों में बढ़ चढ़ कर लिया हिस्सा कंपनियों की मनमानी का किया विरोध ,सिंगरौली में कम्पनियों द्वारा किये जा रहे लोगों के शोषण के खिलाफ पुनर्समीक्षा बैठक में हुंकार भरी गई बैठक में कहा गया एनटीपीसी एनसीएल विस्थापितों का शोषण कर रहा है। शक्तिनगर चिल्काडाड बस्ती में नागरिक मंच की पुनरसमीक्षा बैठक हुई जिसमें विस्थापित ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया नागरिक मंच की समीक्षा के बाद नए पदाधिकारीयो की सूची जारी की गई नर्मदा प्रसाद कुशवाहा को इसका संयोजक नियुक्त किया गया नागरिक मंच अध्यक्ष पन्नालाल ने एनटीपीसी और एनसीएल आदि कंपनियों पर सवाल उठाऐ उन्होंने कहा हम विस्थापितों का एनटीपीसी एनसीएल शोषण कर रहा है और किए हुए वादों से मुकर रहा है धूल प्रदूषण से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है और तरह तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
Dakhal News
चुनाव से पहले पुलिस एक्शन में छतरपुर पुलिस ने बडी कारवाई करते हुये एक देसी कट्टा बनाने की फैक्ट्री का खुलासा किया है पुलिस को इस कट्टा फैक्ट्री से भारी मात्रा मे अवैध कट्टे सहित कट्टा बनाने का सामान मिला है। एमपी मे विधानसभा चुनाव के चलते इन कट्टो का इस्तेमाल हो सकता था क्योंकि जहाँ अवैध हथियार बनाये जा रहे थे यह थाना यूपी की सीमा से लगा है जुझारनगर थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कस्बा बारीगढ़ के वार्ड नंबर 7 में एक व्यक्ति अपने घर के अंदर अवैध रूप से कट्टा निर्माण कर कट्टा फैक्ट्री संचालित कर रहा है सूचना पर पुलिस ने दविश देकर आरोपी के कब्जे से 315 बोर के 2 देसी कट्टे। .. 315 बोर के अधबने कट्टे और जिंदा कारतूस के साथ बड़ी मात्रा में अवैध हथियार बनाने का सामान मिला है पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को फिरफ्तार किया है।
Dakhal News
बदमाश से तमंचा और स्कॉर्पियो बरामद पुलिस ने पच्चीस हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार किया है। ये बदमाश गोलीबारी करने के बाद से फरार था। पुलिस ने इससे एक तमंचा भी बरामद किया है। पंजाबी ढाबे पर हुई फायरिंग के मामले में वांछित चल रहे पच्चीस हजार के इनामी अभियुक्त चंचल सिंह उर्फ सोनू गंजा को सितारगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर उस के कब्जे से घटना के वक्त प्रयुक्त किया गया 315 बोर का तमंचा व स्कॉर्पियो कार को बरामद किया है। पीड़ित सतेंद्र सिंह ने सितारगंज कोतवाली में तहरीर देकर इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी।
Dakhal News
नाराज बहन ने काटी हाथ की नस अमरपाटन से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां दो बहनों के बीच खूनी खेल हो गया। बताया जा रहा है कि किसी बात को लेकर दोनों बहनों के बीच विवाद हुआ। जिसके बाद नाराज बड़ी बहन ने चाकू से अपने हाथ की नस काट ली। अमरपाटन के ग्राम मगराज में दो नाबालिग बहनो के बीच हुआ झगड़ा खूनी खेल में बदल गया। झगड़ा इतना बढ़ा कि गुस्से में आकर बड़ी बहन श्रेया कुशवाहा ने चाकू उठाकर अपने हाथ की नस काट ली। आनन फानन में परिजन लड़की को इलाज के लिए सीएचसी अमरपाटन लेकर पहुंचे। इलाज के बाद नाबालिग लड़की को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। मामले में डॉ सुशील गुप्ता का कहना है कि चोट ज्यादा गहरी नहीं थी। लड़की की हालत स्थिर है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
Dakhal News
कार से मिले पांच लाख रुपये चुनाव से पहले पुलिस ने तलाशी अभियान चला रखा है। इस दौरान एक कार से पांच लाख रुपये नगद मिले हैं। पुलिस ने इस राशि को जप्त कर लिया है |छतरपुर पुलिस ने एक कार से पांच लाख से अधिक नगद रूपये बरामद किये है। अलीपुरा थाना पुलिस ने यूपी एमपी बार्डर पर चैकिंग के दौरान यूपी नंबर पास कार को चैक किया तो उसमे पांच लाख 14 हजार रूपये नगद मिले। पुलिस ने कार सवार से जब इतनी बड़ी रकम की डिटेल मांगी तो वह इस भारी रकम का स्तोत्र नही बता पाये तब पुलिस ने पूरी रकम जप्त कर ली है।
Dakhal News
ट्रेक्टर के रुपयों को लेकर था विवाद दो दोस्तों ने साथ में बैठकर पहले जमकर दारू पार्टी की उसके बाद नशे की हालत में दोनों के बीच विवाद हो गया झगड़ा इतना बढ़ा कि दोस्त ने अपने ही दोस्त की हत्या कर दी। पहले तो दोनों दोस्तों ने साथ में बैठकर दारू पी दारु पीने के बाद दोनों दोस्त नशे की हालत में थे इतने में ट्रैक्टर के रुपए को लेकर दोनों में विवाद शुरू हुआ और विवाद मारपीट में बदल गया गुस्साए दोस्त ने सब्बल उठाकर अपने दोस्त को दे मारा जिससे युवक के सिर पर गंभीर चोट लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई ये पूरा मामला गौरिहार थाना क्षेत्र का है मृतक के परिजन शिकायत लेकर जब थाने में पहुंचे तो पुलिस की टीम मौके पर पहुंची जहां मृतक की लाश पड़ी हुई थी पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर आगे की करवाई शुरू कर दी है।
Dakhal News
शराब के नशे में व्यक्ति पर पत्थर से हमला युवकों को गाली गलौज करने से रोकना एक व्यक्ति को महंगा पड़ गया शराबी युवकों ने पत्थर से हमला कर व्यक्ति को घायल कर दिया मामला पुलिस के पास पहुँच गया है। अमरपाटन थाना के किशनगढ़ में एक मोटरसाइकिल दुर्घटनाग्रस्त हुई और झाड़ियां में जा गिरी इसके बाद मोटरसाइकिल सवार दोनों युवक गालियां देने लगे वहां पर कुछ महिलाएं खड़ी थी जिसको देख राजेंद्र यादव नामक व्यक्ति ने युवकों से गाली-गलौज करने से मना किया जिससे नाराज युवकों ने शराब के नशे में उस व्यक्ति पर पत्थर से हमला कर घायल कर दिया जिससे उसके सर और पेट में गंभीर चोटें आई जिसकी शिकायत पीड़ित द्वारा अमरपाटन थाने में की गई पीड़ित को गंभीर हालत में सतना जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया वहीं पत्थर से हमला कर घायल करने वाले एक युवक को ग्रामीणों ने पकड़कर पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया।
Dakhal News
एक लाख दस हजार की शराब जप्त बुंदेलखंड इलाके में शराब तस्करी रुक नहीं रही है पुलिस ने एक शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है उसके पास से एक लाख से ज्यादा की अवैध शराब जप्त की गई है। छतरपुर पुलिस द्वारा अवैध शराब बेचने वालो पर लगातार कार्यवाही जारी है कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कार्यवाही करते हुये एक लाख दस हजार की शराब जप्त की है इस शराब तस्करी मे पुलिस ने एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है पुलिस ने आरोपी पर आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
Dakhal News
पंखा चालु करते वक़्त हुआ हादसा पंखा चालू करते वक्त 12 साल के लड़के को करंट लग गया करंट लगते ही लड़का झटका खाकर जमीन पर गिर पड़ा गंभीर हालत में नाबालिग लड़के को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। नंदन गांव में अजय बुनकर उम्र 12 साल है अपने घर में बिजली से चलने वाले पंखे को चालू कर रहा था इसी दौरान उसे करंट लगा और वह झटका खाकर जमीन पर गिर पड़ा आनन फानन में परिजन लड़के को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन लेकर पहुंचे. जहा लड़के की गंभीर हालत देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
Dakhal News
पुलिस ने युवक को किया गिरफ्तार जमीन के मामले में धोखाधड़ी करने वाले एक जालसाज को पुलिस ने गिरफ्तार किया है ये जालसाज पहले से बेची जा चुकी जमीन के फर्जी कागज बनाकर सस्ते में बेचने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करता था काशीपुर थाने मे फ़र्जी कागज तैयार करके जमीन बैचने के मामले में हरचरन सिंह की शिकायत पर सुमेर कौशिक के खिलाफ धोखाधड़ी कर एक करोड चोदह लाख तीन सो सतानवे रुपये हडपने ओर गाली गलोच व जान से मारने की धमकी देने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी पुलिस ने इस मामले की गम्भीरता से जांच की और साक्ष्यो के आधार पर कार्यवाही करते हुए अभियुक्त सुमेर कोशिक को गिरफ्तार कर लिया गिरफ़्त मे आये अभियुक्त ने बताया की वह पांच छै: वर्षो से जमीन खरिदने बैचने का कार्य करता है ओर एक जमीन को कई लोगो को दिखा कर एग्रीमेन्ट कर रुपये हडप लिया करता है।
Dakhal News
अस्पताल में मरीजों का जाना हाल एल डी भट्ट अस्पताल पहुंच कर अपर सचिव नमामि बंसल औचक निरीक्षण किया इस दौरान उन्होंने मरीजों का हाल चल जाना और अस्पताल की सुविधाओं को भी देखा। काशीपुर में राजकीय चिकित्सालय एल डी भट्ट अस्पताल पहुंच कर अपर सचिव नमामि बंसल ने औचक निरीक्षण किया अपर सचिव नमामि बंसल ने अस्पताल में मरीजों से बातचीत कर उनकी परेशानियों को जाना और अस्पताल की सुविधाओं को भी देखा नमामि बंसल ने मरीजों से बातचीत कर यह भी पूछा कि अस्पताल में और क्या बेहतर किया जा सकता है औचक निरीक्षण के बाद नमामि बंसल ने कहा कि जो फीडबैक मिला है उसके आधार पर ही आगे कार्य होगा अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टर की जो कमी है उसको जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
Dakhal News
रिहायशी इलाके में रखे थे पटाखे छतरपुर मे प्रशासन ने पटाखा गोदाम पर बडी कार्यवाही करते हुये बीस लाख के पटाखे जप्त किये है पटाखा व्यापारी ने बिना अनुमति के अवैध तरीके से रिहायशी इलाके में पटाखा गोदाम बना रखा था। प्रशासन को सूचना लगी थी कि आगामी त्यौहार दशहरा, दीपावली को देखते हुये पटाखा व्यापारी ने बिजावर रोड़ के रिहायशी इलाके मे पटाखों का स्टोक करके अवैध रूप से रखा है इसी सूचना के आधार पर एसडीएम की अगुवाई मे रात मे छापा मारा गया जहां भारी मात्रा मे पटाखे जप्त कियेगए प्रशासन ने जब व्यापारी से पटाखे रखने के लाईसेंस मांगा तो उन्होने पटाखा का लाईसेंस नही दिखाया तब प्रशासन ने विस्फोटक अधिनियम के तहत पटाखे जप्त कर लिये हैं और जिस मकान को किराये पर लेकर उसमे पटाखे रखे थे उस मकान मालिक पर भी कारवाई की जा रही है।
Dakhal News
हादसे में दो की मौत,एक घायल दो मोटर साइकिलों के बीच जबरदस्त भिड़ंत हो गई यह भिड़ंत इतनी खतरनाक थी कि हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और एक युवक घायल हो गया। सितारगंज में पीलीभीत रोड पर चीनी मिल के पास दो मोटरसाइक्लो की आमने-सामने टक्कर हो गई हादसे में दो युवकों की मौके पर मौत हो गई जबकि बाइक पर सवार तीसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद घायल की हालत नाजुक देख उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया सुखदेव सिंह सितारगंज क्षेत्र से अपना काम कर शाम को अपनी मोटरसाइकिल से घर वापस जा रहे थे तभी पीलीभीत रोड पर सामने से मोटरसाइकिल से टक्कर हो गई टक्कर इतनी भयानक थी कि 28 वर्षीय सुखदेव सिंह और 30 वर्षीय भगवान दास की मौके पर ही मृत्यु हो गई वहीं एक मोटरसाइकिल सवार रिंकू गंभीर रूप से घायल हो गया मामले की जांच में जुट गई है।
Dakhal News
कई पुलिस कर्मियों का भी हुआ सम्मान सड़क दुर्घटना का शिकार हुए लोगों की तत्काल मदद कर उन्हें इलाज दिलवाने वाले सिपाही धीरज चौधरी का सामाजिक संस्थाओं ने सम्मान किया। सामान्य तौर पर ऐसे में लोग पीड़ित की मदद करने की बजाये उसके वीडियो बनाने में लग जाते हैं। राष्ट्रीय जाट एकता मंच व सर्व समाज एकता मंच के सदस्यों द्वारा धीरज सिपाही चौधरी को फूल माला व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। साथ ही डोईवाला कोतवाली में मौजूद सभी पुलिस कर्मियों को भी सम्मानित किया। सम्मानित करने पहुंचे राष्ट्रीय जाट एकता मंच व सर्व समाज एकता मंच के सदस्य हरेंद्र बालियान ने सिपाही धीरज चौधरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि जो सराहनीय कार्य धीरज चौधरी द्वारा किया गया आजकल ऐसा कार्य लोगों द्वारा बहुत कम ही किया जाता है। दरअसल डोईवाला सॉन्ग नदी पुल पर दो दिन पहले दो बाइक सवार युवकों का एक्सीडेंट हुआ था, उसी दौरान सिपाही धीरज चौधरी ने घायल को देखा तो तत्काल किसी का इंतजार किए बिना उन्हें इलाज के लिए अस्पताल अपने वाहन में ले कर गए।
Dakhal News
कब्जाधारियों से खाली कराने के लिए भटक रही , रो रो कर शासन प्रशासन से लगा रही हैं गुहार एक 75 वर्ष दिव्यांग महिलाअपना घर खाली कराने के लिए रो रो कर प्रशासन से गुहार लगा रही हैं। महिला के घर पर एक व्यक्ति ने जबरन कब्ज़ा कर लिया हैं। अपना घर खली करने के लिए ये महिला शासन - प्रसाशन के चक्कर लगा कर थक चुकी हैं। परासिया थाने की रहवासी एक 75 वर्ष दिव्यांग महिला अपना घर खाली कराने के लिए रो रो कर प्रशासन से गुहार लगा रही हैं। 1 माहने पहले भी शिकायत करने पहुंची थी। जहाँ आश्वासन मिला मगर उस बुजुर्ग महिला को न्याय नही मिला। फिर न्याय की आस में यह महिला परासिया अनुविभागीय अधिकारी जितेंद जाट से शिकायत करने अपने छोटे बेटे के साथ पहुंची जहाँ फिर इन्हे आश्वासन मिला 1 माह ने के अंदर कब्जाधारी व्यक्ति को निकाल दिया जाएगा। अब देखना ये हैं की दिव्यांग महिला को न्याय मिलेगा या यूँ ही दर दर भटकना पड़ेगा।
Dakhal News
पुलिस के अभियान में हत्थे चढ़े जुआरी उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा चलाये जा रहे अपराधिओ व अबैध गति विधियां के विरुद्ध आपरेशन के तहत मुखबिर की सुचना पर एक घर में जुआ खेलते हुए लगभग सत्रह जुआरियों को पुलिस ने हिरासत में लिए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर तीन थानों की संयुक्त कार्यवाही के बारे में पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस की संयुक्त टीम को जुआ खेल रहे सतरा जुआरिओ को गिरफ्तार करने मे बडी कामयावी मिली है। जुआरियों के पास से सात लाख वाबन हजार रुपये, ताश के पत्ते, पंद्रह मोबाइल, ओर ग्यारह मोटर साइकिल बरामद की गई है। सभी अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए न्यायालय में पेश किया गया। गिरफ़्तारी के दोरान पुलिस टीम मे एस एस आई प्रदीप मिश्रा, अनिल जोशी, एस आई नवीन बुध्धानी, कोशल भाकुनी, मनोहर चंद, होशियार सिंह, संतोष देवरानी, मनोज जोशी, कंचन पडलिया, कपिल कम्बोज, सुनील सुतेडी के साथ पुलिस बल मोके पर मोजूद रहा।
Dakhal News
पानी में तैरता हुआ मिला शव एक लापता युवक की लाश नदी में तैरती हुई मिली है। माना जा रहा है कि मछली पकड़ने के दौरान युवक फिसल कर पानी में गिर गया और डूबने से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। कोनिया कोठार के 20 वर्षीय लापता युवक की लाश नदी में तैरती मिली मृतक मनीष रावत मछली पकड़ने गया था। जब वो वापस घर नहीं पहुंचा। तो परिजनों व् ग्रामीणों ने उसे ढूंढ़ना शुरू कर दिया। ग्रामीणों और परिजनों जब नदी के पास पहुंचे तो मनीष रावत की लाश पानी में तैरती नजर आई। जिसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को पानी से बाहर निकलवाया व पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों का सौंप दिया पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिजनों का मानना हैं कि मनीष मछली पकड़ने के लिए गया हुआ था इसी दौरान उसका पैर फिसल गया होगा और नदी में डूबने से उसकी मौत हो गई।
Dakhal News
पंजाबी ढाबे पर बदमाशों ने चलाई थी गोलियां पंजाबी ढाबे में घुसकर देर रात अंधाधुन्द गोलिया बरसाने वाले अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। आपको बतादे की सितारगंज में देर रात 11:30 बजे SH हॉस्पिटल के पास पंजाबी ढाबे पर एक काली स्कॉर्पियो में आए तीन से चार लोगों ने फायरिंग कर दी। फायरिंग होने के से चार लोगो झर्रे लगने से घायल हो गए थे। पुलिस ने मामला गंभीरता से लिया बदमाशों की धरपकड़ शुरू कर दी। मामला 30 सितंबर की रात एन एच 74 पर पंजाबी ढाबे का हैं। जहाँ पर तीन से चार बदमाशों ने फायरिंग की थी। मामला दर्ज होने के बाद सितारगंज पुलिस ने फायरिंग करने वालों पर कार्यवाही करते हुए एक आरोपी को चीकाघाट पुल के पास से गिरफ्तार किया। बदमाश के बाकि साथियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई हैं। एन एच 74 पंजाबी ढाबे पर 3 से 4 लोगों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। जिसमें लगभग चार लोग फायर के छर्रो की चपेट में आकर घायल हो गए थे। सितारगंज पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और टीम गठित की आरोपी के गिरफ्त में आने के बाद एस पी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि आरोपी सर्वजीत सिंह को चिकाघाट पुल के पास से गिरफ्तार किया गया है। अन्य साथियों की तलाश भी पुलिस कर रही है। जल्द ही उनको भी गिरफ्तार कर लिया जायेगा। घटना में इस्तेमाल 12 बोर का एक तमंचा बरामद किया गया है।
Dakhal News
हत्या या आत्महत्या, पुलिस जाँच में जुटी छतरपुर में प्रेमी जोड़े का कंकाल मिलने से सनसनी फ़ैल गई। चरवाहों ने जब प्रेमी जोड़े का कंकाल पेड़ पर लटका देखा तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। अब यह हत्या है या आत्महत्या पुलिस इसकी जांच कर रही है। छतरपुर के बाजना थाना क्षेत्र के नयाखेरा के अदल याऊ हार में पेड़ से लटका दो लोगों का शव मिलने से इलाके में सनसनी फ़ैल गई। बकरी चराने गए चरवाहों ने जब पेड़ पर लटके कंकाल को देखा तो तुरंत गाँव वालो की मदद से पुलिस को सूचना दी गई। मृतकों की शिनाख्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जुग्गु बाई रैकवार और उन्नीस वर्षीय मनीष रैकवार के रूप में हुई है। दोनों का आपस में प्रेम प्रसंग चल रहा था। वहीँ दोनों पिछले एक महीना से लापता थे। मृतक प्रेमिका तीन बच्चो की माँ है। जिसका पति गणेश रैकवार जंगली जानवर के शिकार के मामले में जेल में है। अब इस प्रेमी जोड़े की हत्या हुई है इन्होने आत्महत्या की है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
Dakhal News
परिजनों को दी जान से मारने की धमकी दतिया से सामने आई घटना बच्चों को डरा रही हैं। परेशान कर रही है और और अभिभावकों को गुस्सा भी दिला रही है। ड्रीम एक्सीलेंस पब्लिक स्कूल में पढ़ाने वाले एक शिक्षक ने पांचवी क्लास में पढ़ने वाली छात्रा को इतनी बेरहमी से पीटा है कि छात्रा के शरीर में कई जगह चोट के निशान बन गए हैं और टीचर की गुंडई इस हद पहुँच गई कि जब बच्ची के परिजनों ने इस पिटाई का कारण पूछा तो टीचर ने जवाब में उन्हें जान से मारने की धमकी दे दी। मध्य प्रदेश के दतिया जिले के कस्बा इंदरगढ़ में एक स्कूल है। जिसका नाम ड्रीम एक्सीलेंस पब्लिक स्कूल दस साल की खुशबु कुशवाहा इसी स्कूल में कक्षा पांचवी की छात्रा है। और इसी स्कूल में मुकेश कुशवाह नाम का एक शिक्षक है। स्कूल में खेलते समय खुशबु और इसी स्कूल में ही पढ़ने वाली भूमि का झगड़ा हो गया। जिस भूमि नाम की लड़की से खुशबु का झगड़ा हुआ। वो टीचर मुकेश कुशवाहा के चाचा की लड़की है। जैसे ही झगडे की बात टीचर मुकेश कुशवाहा को पता चली तो वो झल्ला गया और छड़ी उठाकर बहुत ही बेहरहमी के साथ खुशबू को पीटने लगा। पिटाई से खुशबु को कई जगह चोट आई है। जब बच्चो के परिजनों को इस बात का पता लगा तो उन्होंने स्कूल पहुंचकर बच्ची को मारने का कारण पूछा जिसके बाद मुकेश कुशवाहा ने बच्ची के परिजनों को जान से मारने की धमकी दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
Dakhal News
लोकेश सैनी को 202 वोट से हराया भगवानपुर के हाल्लूमजरा में हुए उपचुनाव में शाइस्ता ने जीत हासिल कर ली है। प्रधान पद के लिए हुए उपचुनाव में शाइस्ता ने अपनी प्रतिद्वंदी लोकेश सैनी को 202 वोटो से मात दी है.जिसके बाद से समर्थकों में जश्न का माहौल है। भगवानपुर के हाल्लूमजरा ग्राम में प्रधान पद के लिए हुए उपचुनाव में शाइस्ता पत्नी नसीम ने जीत हासिल कर ली है। उपचुनाव में शाइस्ता ने लोकेश सैनी पत्नी राजेश सैनी को 202 वोट से शिकस्त दे दी। जीत के बाद शाइस्ता ने सभी मतदाता और अपने समर्थकों का आभार जताया और गाँव का विकास करने वादा किया। इसके साथ ही समर्थकों ने खूब जश्न भी मनाया। इस मौके पर मोहम्मद हसीन ने कहा कि यह जीत सच की जीत है। लोगो ने सच्चाई का साथ दिया है। वहीँ राशिद अली एडवोकेट ने कहा कि अब गाँव में ऐसा विकास होगा जो पहले कभी नहीं हुआ।
Dakhal News
धान खरीदी शुरू करने की मांग अभी तक धान की खरीदी शुरू नहीं हुई है। जिससे किसान काफी आक्रोश में नजर आ रहे हैं। नाराज किसानों ने तहसील का घेराव कर दिया और जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष गुरुसेवक सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार हमें धरना पर बैठने के लिए मजबूर ना करें वरना तहसील घेरेंगे और हाईवे भी जाम कर देंगे। धान की खरीदी अब तक शुरू नहीं हो पाई है। जिससे किसानों का गुस्सा लगातार बढ़ते जा रहा है। उधम सिंह नगर के खटीमा में नाराज किसानों ने तहसील का घेराव कर दिया और धान खरीद शुरू करने के लिए जमकर नारेबाजी की किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरसेवक सिंह ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से नाकाम हो गई है। सरकार और राइस मिलर आपस में मिले हुए हैं। आज किसानों के साथ शोषण हो रहा है अत्याचार हो रहा है। सरकार को चेतावनी देते हुए गुरसेवक सिंह ने कहा कि हमें धरने पर बैठने के लिए मजबूर ना किया जाये वरना किसान तहसील का घेराव करेंगे और हाईवे भी जाम कर देंगे। वही इस मामले में खटीमा के तहसीलदार हिमांशु जोशी का कहना है कि किसानों की मांगे सुनी गई है। कई सेंटर पर जांच कर पता चला है कि टेक्निकल इश्यू की वजह से सेंटर शुरू नहीं हो पाए है है जल्द से जल्द इन सेंटर को शुरू कर दिया जाएगा। वहीं एस एम आई अधिकारी जगदीश कॉलोनी ने कहा कि आवेदन मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
Dakhal News
गाँव में लगा बधाई देने वालो का ताँता ख्वाहिश है जो उड़ने की तो पैरों की क्या जरूरत माद्दा है तो आसमां में हौसलों से पहुंच जाना इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है छतरपुर जिले के छोटे से गांव से आने वाली क्रांति गोड़ ने मध्य प्रदेश की अंडर -19 रणजी ट्रॉफी महिला क्रिकेट टीम में क्रांति गोड़ का सिलेक्शन हुआ है इसके बाद उनके घर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है। छतरपुर के छोटे से गांव भगंवा थाना के घुवारा की रहने वाली क्रांति गोड़ देश की उन सभी बेटियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उभरी है जो दिन रात मेहनत कर अपने सपने को पूरा करना चाहती हैं मध्य प्रदेश की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम में क्रांति गोड़ का चयन हुआ इस उपलब्धि को हासिल कर उन्होंने न सिर्फ अपना और अपने परिवार का बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है क्रांति गोड़ ने जिला क्रिकेट अकैडमी छतरपुर, अपने माता-पिता और दोस्तों को अपनी सफलता का श्रेय दिया है क्रांति गौड़ ने अपनी क्रिकेट की यात्रा को याद करते हुए बताया कि उन्होंने अपना पहला मैच सागर टीम से खेला था।
Dakhal News
पुलिस ने मौके पर पहुंच के चोरो को धर दबोचा पुलिस तत्परता से काम किया और तीन शातिर चोरों को धरदबोचा पुलिस ने उनके पास से चोरी हुए मोबाइल वा चांदी के आभूषण सहित अन्य सामान भी बरामद किया गया है। घटना काशीपुर में स्थित एक मकान की बताई जा रही हैं... जहां रहने वाले मोहसिन ने पुलिस को बताया की जब उन्होंने सुबह देखा तो उनका गेट खुला हुआ था.. और साथ ही घर से सामान भी गायब था... जिसके बाद चौकी प्रभारी सुनील सुतेडी के नेतृत्व में कार्रवाई शुरू की गयी और शातिर चोरों को कब्रिस्तान के पास चोरी की योजना बनाते हुए गिरफ्तार किया गया और उनके पास से एक 315 बोर की बंदूक मय कारतूस, दो चाकू सहित चांदी के आभूषण और मोबाईल फोन भी बरामद किये हैं।
Dakhal News
लाखों का नशीला पदार्थ किया जब्त आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन नशीले पदार्थ की तस्करी को लेकर बेहद सख्त नजर आ रहा है सिंगरौली में पुलिस ने दो शख्स के पास से लाखों रुपए का नशीला पदार्थ जब्त किया है मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है ऐसे में प्रशासन किसी भी तरह के नशीले पदार्थ की तस्करी को रोकने का पूरा प्रयास कर रहा है सिंगरौली जिले के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैशी ने जिले के सभी राजपत्रित अधिकारियों और थाना प्रभारी को नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है इसी आदेश का पालन करते हुए मांड़ा पुलिस की बधौरा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुखबिर की सूचना पर नशीले पदार्थ की तस्करी करते दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है आरोपी के पास से 53 किलो 800 ग्राम गांजा किया है जिसकी कुल कीमत 10 लाख 76 हजार रुपये है गांजा छत्तीसगढ़ के सूरजपुर से लाया गया था इसके साथ ही आरोपियों के पास से नकद रुपए और वाहन भी जब्त किये गए है पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है।
Dakhal News
बुजुर्ग और दिव्यांग करेंगे घर से वोट मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं ऐसे में चुनाव आयोग और प्रशासन भी अपनी तैयारियां पुख्ता कर चुका है चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची भी जारी कर दी है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी है परासिया में SDM पुष्पेंद्र निगम ने विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए बताया कि सभी 245 मतदान केंद्रों में मतदान सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है परासिया तहसील में कुल मतदाता की संख्या लगभग दो लाख उन्नीस हजार है पुष्पेंद्र निगम ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार विधानसभा चुनाव में दिव्यांग मतदाता और 80 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्ग मतदाताओं को घर से वोट करने सुविधा मिलेगी पुलिस अनुविभागीय अधिकारी जितेंद्र जाट ने असामाजिक तत्वों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि व्हाट्सप्प या अन्य किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म में भ्रामक या फेक खबर फ़ैलाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी फेक खबर फ़ैलाने वाले शख्स और ग्रुप एडमिन दोनों को पुलिस अच्छा सबक सिखाएगी।
Dakhal News
जाँच के लिए मरीजों अब देना पड़ेंगे ज्यादा पैसे कुमाऊँ के बड़े अस्पताल एसटीएच की केन्द्रीय लैब के निजी हाथों में जाने की तैयारी है लैब के निजी हाथों में जाने का सीधा असर मरीज की जेब पर पड़ेगा एसटीएच की केन्द्रीय लैब को निजी हाथों में दिया जा रहा है हल्द्वानी में चल रही निजी लैबों की जांच दरों से तुलना करें तो जांच के लिए एसटीएच में जो पैसे दिए जा रहे हैं अब उससे 5 से 6 गुना तक अधिक देने पड़ सकते हैं इसका सबसे बड़ा नुकसान आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को होगा सुशीला तिवारी अस्पताल में केन्द्रीय लैब के तीन अंग हैं माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी व बायोकेमिस्ट्री तीनों में एसटीएच की ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी में आने वाले करीब 700 से ज्यादा मरीजों की जांचें होती हैं सरकारी छूट के चलते वर्तमान में यहां जांचें बाजार की तुलना में बेहद सस्ती हैं।
Dakhal News
दोनो पक्षों ने दर्ज कराई पुलिस रिर्पोट एक दरवाजे ने दो परिवारों के बीच में जमकर विवाद करवा दिया ये विवाद इतना बढ़ा की मामला पुलिस तक पहुँच गया है फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों को झगड़ा न करने की नसीहत दी है। देहरादून के विजय कालोनी में दो परिवारों में दरवाजा निकालने को लेकर झगड़ा हो गया दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ कब्जा करने के आरोप लगाए हैं दूध का कारोबार करने वाले यादव परिवार पर दूसरे पक्ष ने गैरकानूनी तरीके से दीवार तोड़ कर दरवाजा निकालने का आरोप लगाया तो दूसरे पक्ष कोठारी परिवार ने सार्वजनिक मार्ग को बन्द कर आने जाने पर रोक लगाने का आरोप लगाया है इसको लेकर इनके बीच कई बार मारपीट होने पर मामला पुलिस तक भी पहुँच गया है रूपाली यादव ने आरोप लगाया कि उसके और उसके परिवार के साथ कई बार मारपीट की गई और आने जाने वाले रास्तों पर गाली गलौज की जाती है दूसरी तरफ कोठारी परिवार का कहना है कि यादव परिवार अपनी बेटी को आगे करके महिला होने का फायदा उठाकर कर सचिन कोठारी पर छेड़खानी आरोप लगाया और पुलिस मे रिपोर्ट दर्ज करवा दी है।
Dakhal News
दूसरे समुदाय की लड़की को भगा ले गया दूसरे समुदाय की नाबालिग लड़की को शादी का झांसा देकर भगा ले जाने के आरोप में पुलिस ने एक मुस्लिम युवक को गिरफ्तार किया है। कुछ दिन पहले ही नाबालिग लड़की के परिवार ने लड़की के गुमशुदा होने की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई थी। काशीपुर के थाना कून्डा में श्याम नगर निवासी मुरारी लाल सैनी ने अपनी नाबालिग बेटी के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। परिवार जन ने नईम खान नाम नाम के शख्स पर लड़की को भगा ले जाने का शक जताया था। मामले को लेकर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जांच शुरू की तो पुलिस को जानकारी मिली की नईम खान जो कि ग्राम सन्यासीबाला थाना जसपुर का निवासी है नाबालिग लड़की को भागकर हैदराबाद ले गया है। कून्डा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए युवक को गिरफ्तार कर उस पर मुक़दमा दर्ज कर लिया है और नाबालिग लड़की को भी बरामद कर लिया है।
Dakhal News
मलबे में फसे दो लोग सतना में भीषण हादसा हुआ है। तीन मंजिला इमारत गिर जाने से इलाके में अफरा तफरी मच गई हे। मलबे में दो लोग फंस गए। जिन्हे सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। सतना में उस वक्त अफरा तफरी और हाहाकार मच गया जब शहर के बिहारी चौक में एक तीन मंजिला इमारत गिर गई। मलबे में दो लोग फंस गए। जिन्हे सुरक्षित मलबे से बाहर निकालने के लिए बचाव दल ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची वही विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, महापौर योगेश ताम्रकार और पूर्व विधायक शंकर लाल तिवारी ने भी घटनास्थल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। इमारत के मालिक का नाम छत्तूमल सबनानी है। ईमारत में कपड़ो के शोरूम थे वहीँ ईमारत की ऊपरी मंजिल पर रिनोवेशन का काम चल रहा था।
Dakhal News
वन विभाग के हाथ अब तक खाली चम्पावत में गुलदार के हमले लगातार बढ़ते जा रहे है वही वन विभाग की टीम गुलदार को अब तक नहीं पकड़ पाई है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ते जा रहा है। चंपावत जनपद के टनकपुर चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर सूखीढांग क्षेत्र में गुलदार के बढ़ते हमले से ग्रामीणवासी परेशां है पिछले कुछ दिनों में गुलदार कई लोगों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर चुका है तो वहीं एक ग्रामीण महिला की मौत भी हो गई है वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है गुलदार को पकड़ने के लिए जगह-जगह पिंजरे लगा दिए गए है वही क्षेत्र में ट्रेंकुलाइजर टीम भी तैनात कर दी गई हैं वन विभाग की टीम अब तक गुलदार नहीं पकड़ पाई है जिससे ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ते जा रहा है ग्रामीणों को अपने बच्चो की शिक्षा और जीवन की चिंता सता रही है।
Dakhal News
झाड़ फूँक कराना भारी पड़ा सांप काटने के बाद झाड़ फूँक कराना मासूम बच्ची और उसके परिजनों पर भारी पड़ गया झाड़ फूँक के बाद चार साल की मासूम बच्ची की हालत और बिगड़ गई जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई पर रास्ते में ही मासूम बच्ची ने अपना दम तोड़ दिया। अमरपाटन थाना के ग्राम धमना में चार वर्षीय मासूम बच्ची दीपांजलि कोल को जहरीले सांप ने काट लिया जिससे उसकी मौत हो गई घटना सुबह चार बजे की है जब बच्ची अपने घर में सो रही थी तभी सांप ने बच्ची को काट लिया जिसके बाद परिजन बच्ची को अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़ फूँक करवाने ले गए जहाँ बच्ची की हालत और बिगड़ गई जिसके बाद बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन लाया गया जहाँ बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसे जिला अस्पताल सतना रेफर कर दिया गया जिला अस्पताल पहुँचने से पहले ही बच्ची ने रास्ते में अपना दम तोड़ दिया शव का पोस्टमार्टम कर पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया है।
Dakhal News
सोते समय कुल्हाड़ी से किया वार छतरपुर में एक मां ने अपनी बारह साल की बेटी की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी मामला सामना आने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फ़ैल गई है पुलिस ने आरोपी माँ को गिरफ्तार कर लिया है। छतरपुर के भगंवा थाना के पुतरीखेरा गांव में एक मां ने कुल्हाड़ी से वार करके अपनी बारह साल की बेटी को मौत के घात उतार दिया जिस वक़्त आरोपी महिला ने इस घटना को अंजाम दिया उस समय उसका पति काम के सिलसिले में घर से दूर था वहीं उसकी बेटी और 9 साल का बेटा घर में ही सो रहे थे तभी आरोपी महिला ने कुल्हाड़ी से पांच बार अपनी बेटी की गर्दन पर वार किया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई घटना देख बेटा घर से बहार भागा और मोहल्ले वालों को घटना के बारे में बताया मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके में सनसनी मच गई पुलिस ने आरोपी माँ को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है आरोपी मां की मानसिक हालत कमजोर है जिसका लम्बे समय से इलाज चल रहा है।
Dakhal News
भारी मात्रा में अवैध गुटखा बरामद छतरपुर में प्रशासन ने अवैध गुटखा फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की है कार्रवाई में भाजपा नेता की फैक्ट्री से भी गुटखा बनाने का कच्चा माल बरामद हुआ है। छतरपुर में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध गुटखा फैक्ट्री में छापा मारा जिसमे भाजपा नेता हरिश्चंद्र द्विवेदी की फैक्ट्री भी शामिल है छापामार कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने फैक्ट्री से सात मसीने तीस बोरी इललीगल गुटखा और कच्चा माल बरामद किया है कार्रवाई के बाद नौगांव एसडीएम गीता माधवानी ने कहा की पिछले कई दिनों से मिल रही शिकायत के आधार पर यह करवाई की गई है और भी जगह की सूचना प्राप्त होने पर इसी तरह छापामार कार्रवाई की जाएगी।
Dakhal News
महिला के सिर पर गिरी ईंट निर्माणाधीन भवन में लापरवाही के चलते ऊपर ऐ एक ईंट महिला के सिर पर गिर गई जिस कारण महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन की नवनिर्मित बिल्डिंग से ईंट गिरने से महिला घायल हो गई दरअसल रामकली गुप्ता नाम की महिला वाटरकूलर से पानी भर रही थी इसी दौरान बिल्डिंग निर्माण कार्य के दौरान महिला के ऊपर ईंट गिरी जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हुए ईंट गिरने से महिला के सर पर गंभीर चोट आई हैं महिला को ईलाज के लिये CHC लाया गया जहाँ ईलाज बाद गंभीर हालत में उसे मेडिकल कॉलेज रीवा रेफर किया गया घटना के बाद परिजन अमरपाटन थाने पहुंचे और एफआईआर दर्ज करवाई हैं।
Dakhal News
पुलिस और वन विभाग की कार्रवाई हाथी दांत की तस्करी कर रहे तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है बरामद हाथी दांत की कीमत करीब बारह लाख रुपए है पुलिस तस्करों से गहन पूछताछ कर रही है। काशीपुर के आईटीआई थाना क्षेत्र में पुलिस और वन विभाग की टीम ने हाथी दांत की तस्करी करते तीन लोगो को धर दबोचा है पुलिस ने तस्करों के पास से 2 फीट 8 इंच लम्बाई का हाथी दांत बरामद किया है जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत बारह लाख रुपए है काशीपुर के पास बन्ना खेड़ा स्थित फ्लाईओवर पुल के नीचे एक महिला और दो युवक हाथी दांत की डील कर रहे थे तभी पुलिस ने हल्द्वानी निवासी आरोपी देवेंद्र सिंह और मनोज वोरा सहित सुखमणि देवी रावत जो की चंपावत की बताई जा रही है को गिरफ्तार किया और थैले से हाथी दांत बरामद किया तीनो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
Dakhal News
अचानक खेत में ही उतारना पड़ा हेलीकॉप्टर हवा में उड़ते सेना के एक हेलीकॉप्टर में अचानक तकनीकी खराबी आ गई ऐसे में पायलट ने सूझबूझ से काम लिया और हेलीकॉप्टर की एक खेत में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई। आसमान की ऊंचाइयां नापते सेना के हेलीकॉप्टर को अचानक क्या हुआ कि वो भोपाल की बैरसिया तहसील के डूंगरिया गाँव के ऊपर उड़ने लगा हेलीकॉप्टर अचानक नीचे आना शुरू हुआ और एक खेत में उतर गया ये सेना के इस हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग थी ये लैंडिंग डूंगरिया गांव के डेम के पास एक खेत में हुई हेलीकॉप्टर में सेना के 6 जवान है सवार थे जो सभी सुरक्षित हैं कुछ तकनीकी खराबी आने के कारण इसे इमरजेंसी लैंडिंग करना पडी ग्रामीणों के अनुसार हेलीकॉप्टर गांव और डैम के आसपास चक्कर लगा रहा था और फिर खेत में उतरा इस बारे में पुलिस ने बताया हेलीकॉप्टर के टेल रोटर में वाइब्रेशन होने लगा था जिसकी वजह से इमरजेंसी लैंडिंग की गई टेल रोटर हेलीकॉप्टर के पिछले सिरे पर पाया जाता है और इसका प्राथमिक कार्य मुख्य रोटर द्वारा टॉर्क प्रभाव का प्रतिकार करना है यदि टेल रोटर नहीं होता, तो हेलीकॉप्टर मुख्य रोटर की विपरीत दिशा में घूमता है।
Dakhal News
शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा अमरपाटन में बिजली का करंट लगने से एक महिला की मौत हो गई महिला को घर में काम करते समय करंट लगा। घटना अमरपाटन के लालपुर की है जहाँ एक महिला अपने घर के पीछे ही काम कर रही थी इसी दौरान उसे बिजली का करंट लगा जैसे ही परिजनों को इस घटना का पता लगा आनन फानन में परिजन महिला को सीएचसी अमरपाटन लेकर पहुंचे जहाँ डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया शव का पोस्टमार्टम परिजनों को सौंप दिया गया है।
Dakhal News
मामले की जांच में जुटी पुलिस अमरपाटन में चौबीस वर्षीय नवविवाहिता युवती ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। आत्महत्या के पीछे का कारण अब तक पता नहीं चला है। पुलिस मामले की जाँच में जुटी है। अमरपाटन के सुभाष काम्प्लेक्स के पास रहने अग्रवाल परिवार में 24 वर्षीय नवविवाहिता युवती ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना की जानकारी लगते ही थाना प्रभारी आदित्य सेन पुलिस बल व तहसीलदार मौके पर पहुँचे थे। हालांकि आत्महत्या के पीछे की वजह का खुलासा अब तक नहीं हो सका है। शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
Dakhal News
होटल,रिसोर्ट संचालकों के विरुद्ध हुई कार्यवाही अवैध रूप से शराब पिलाने वाले कैंपो होटल और रिसोर्ट संचालकों के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्यवाही शुरू की है। मुनि की रेती के शिवपुरी क्षेत्र में अवैध रूप से शराब पिलाने वाले 25 स्थानों पर छापेमारी की गई और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। मुनि की रेती पुलिस द्वारा एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर के निर्देश पर अवैध रूप से शराब पिलाने और परोसने वाले के यहाँ छापे मारे और तफ्तीश की। थाना मुनि की रेती पुलिस ने शिवपुरी क्षेत्र में रॉयल ग्रीन, मूनलाइट, ब्लू हेवन रिजॉर्ट, ब्लू मून, स्टेइंग कैम्प,पाम रिसोर्ट यूनिकॉर्न आदि 25 कैम्पों व रिसोर्ट को चेक किया गया। पुलिस टीम द्वारा ब्लू हेवन कैंप को चेक किया गया तो वहां कैम्प संचालक दीपक चौधरी कैंप में अवैध रूप से शराब पिलवा रहा था। एक अन्य कैंप रॉयल ग्रीन को चेक करने पर कैंप संचालक देवेंद्र सिंह द्वारा अवैध रूप से शराब परोसी जा रही थी। इनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
Dakhal News
श्रद्धालु खुले में शौच पर जाने को मजबूर दुनिया भर से श्रद्धालु यमुनोत्री धाम माँ यमुना के दर्शन करने आते हैं लेकिन जानकी चट्टी से यमुनोत्री धाम तक में शौचालय नहीं है जिससे श्रद्धालुओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। माँ नर्मदा के दर्शन करने देश विदेश से लाखों श्रद्धालु यमुनोत्री धाम आते है पर जानकी चट्टी से यमुनौत्री धाम तक के रास्ते पर श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि लोगों की संख्या को ध्यान में रखते हुए शौचालय नहीं है जो थोड़े बहुत शौचालय है उनमे बहुत ज्यादा गंदगी है और उन शौचालय में पानी की व्यवस्था भी नहीं है ऐसे में लोग खुले में शौच पर जाने को मजबूर है स्वच्छ भारत मिशन के बीच यह तस्वीर जमीनी हकीकत बयां करती है।
Dakhal News
जाँच के लिए भेजा गया सैंपल खटीमा में शिवसैनिक और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मिलकर अवैध मांस से भरा छोटा हाथी पकड़ा. वाहन चालक और उसके सहयोगी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है. आगे की जांच के लिए मास का परीक्षण कराया जा रहा है। खटीमा के शिवसेना नगर अध्यक्ष विजय कुमार के नेतृत्व में शिवसेना और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नगर के मुख्य चौक पर अवैध मास से भरा छोटा हाथी पकड़ा शिवसेना नगर अध्यक्ष का दावा है कि यह गौमांस है. वही क्षेत्रीय पशु चिकित्सक संजीव शर्मा ने बताया कि प्रथम दृष्टि से यह भैंस का मांस प्रतीत हो रहा है पुख्ता पहचान के लिए मास का सैंपल ऋषिकेश लैब भेजा जा चुका है छोटा हाथी वाहन के चालक और उसके सहयोगी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। वही इस पूरे मामले में खटीमा कोतवाली के उपनिरीक्षक अशोक कुमार का कहना है मास का सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया है रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
Dakhal News
घटना के बाद आरोपी पति हुआ फरार छतरपुर से दिल को दहला देने वाली घटना सामने आई है जहाँ पति ने डंडा मारकर अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया मामला सामने आने के बाद इलाके में सनसनी फ़ैल गई मृतक की मां का रो रो कर बुरा हाल है। छतरपुर में नौगांव थाने के वार्ड नंबर 18 में एक युवक ने अपनी पत्नी को डंडा से मारकर मौत के घात उतार दिया घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी पति बच्चे को लेकर फरार हो गया मृतक के परिजनों का आरोप है कि युवक अक्सर शराब के नशे में पत्नी से मारपीट कर उसे प्रताड़ित करता था घटना के बाद मृतक की माँ का रो रो कर बुरा हाल है और वो प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रही है फॉरेंसिक और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है।
Dakhal News
आदिवासियों के साथ किया भोजन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए तैयार है सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव छतरपुर पहुंचे इस दौरान उन्होंने आदिवासियों के साथ बैठकर भोजन किया और भाजपा पर तगड़ा निशाना साधा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जब छतरपुर की राजनगर विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी ग्राम सिगरों पहुँचे तो सपा कार्यकर्ताओं और आदिवासियों ने फूल मालाओं से अखिलेश यादव का स्वागत किया आदिवासियों ने अखिलेश के स्वागत में लोकनृत्य किया सपा अध्यक्ष ने आदिवासियों के साथ बैठकर भोजन किया इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा की जब तक पिछडो, दलितों और आदिवासियों को शिक्षा नहीं दी जायगी तब तक देश प्रदेश खुशहाली के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ सकता भाजपा लोगो को लालच देकर वोट लेना चाहती है।
Dakhal News
कौमी एकता की दिखी मिसाल इस्लाम धर्म के आखिरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन पूरे देश में जश्न और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस मौके पर कौमी एकता की खूबसूरत तस्वीर मैहर में देखने मिली जहा हिन्दू समुदाय के लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए शरबत का इंतजाम किया इस्लान धर्म के आखरी नबी मोहब्बद साहब का जन्मदिन ईद मिलाद उन नबी के रूप में मनाया गया मसूरी में सैकड़ो मुस्लिम समुदाय लोगों ने मिलकर जुलूस निकाला नात शरीफ पढ़ी और केक काटकर खुशियां मनाई इस मौके पर लोगों ने अपने घरों को सजाया और जगह जगह फल और मिठाईया बाटी वही कौमी एकता का सन्देश देते हुए हिन्दू समुदाय के लोगों ने जुलूस में शामिल लोगो के लिए शरबत का इंतज़ाम किया।
Dakhal News
लोगो को दिया स्वच्छता का संदेश विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर नगर पालिका परिषद मसूरी ने स्वच्छता अभियान चलाया इस मौके पर गांधी चौक से कैमल बैक तक रैली निकालकर लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया गया....वहीं नगर पालिका के अधिकारियों ने निर्माणाधीन एमआरएफ सेंटर और बायोमेथेन प्लांट का भी निरीक्षण किया। विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर देश भर मे अनेकों कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस मौके पर नगर पालिका परिषद मसूरी ने गाँधी चौक से कैमल बैक तक स्वच्छता अभियान चलाया और रैली निकालकर साफ़ सफाई का महत्व लोगो को बताया वहीँ नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता और पालिका अधिकारियों ने आईडीएच बिल्डिंग के निकट बन रहे एमआरएफ सेंटर और बायोमेथेन प्लांट का निरिक्षण किया अनुज गुप्ता ने कहा कि बहुत जल्द एमआरएफ सेंटर और बायोमेथेन प्लांट बनकर तैयार हो जायेंगे और यहाँ के निवासियों को इसका लाभ मिलेगा।
Dakhal News
सतपाल महाराज ने किया उद्घाटन विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने हेलीपैड और देश के पहले कार्टोग्राफिक म्यूजियम का उद्घाटन किया इस मौके पर सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर मसूरी पहुंचे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जॉर्ज एवरेस्ट में हेलीपैड और फोटोग्राफी म्यूजियम का उद्घाटन किया इस मौके पर उन्होंने कहा कि यहाँ हेलीपैड बनने से हवाई सेवा संचालित होगी साथ ही पर्यटन को भी अधिक बढ़ावा मिलेगा यह हेलीपैड देश के महान गणितज्ञ राधानाथ श्रीधर को समर्पित है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टूरिस्म को बढ़ावा देने की बात हमेशा करते है पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पिथौरागढ़ स्थित सरमोली गांव को बेस्ट टूरिज्म विलेज का खिताब मिलना बहुत ही गर्व की बात है यहाँ देश के पहले कार्टोग्राफिक म्यूजियम का उद्घाटन हुआ है जो आने वाली नई पीढ़ी को बताएगा कि कैसे पैदल चलकर जंजीरो के जरिये ऐवरेस्ट की उचाई को नापा गया था।
Dakhal News
अश्वनी मित्तल को पुलिस ने किया गिरफ्तार तक़रीबन 205 करोड़ डकारने वाले बड़े काण्ड के आरोपी दीपक मित्तल के पिता अश्वनी मित्तल को भी गैंगेस्टर एक्ट में पुलिस ने गिरफ़्तार किया है इस मामले की जांच में अभी कई और खुलासे होना हैं निवेशकों के करोड़ों रुपए पचा जाने वाले बहुचर्चित काण्ड के आरोपी गैंगेस्टर दीपक मित्तल के पिता अश्विनी मित्तल को भी इस मामले में सह अभियुक्त बनाया गया है देहरादून पुलिस ने अश्विनी नित्तल को गैंगेस्टर एक्ट में गिरफ्तार किया है व्हाइट कलर क्राइम में लिप्त अपराधियों पर अभियान चलाकर दून पुलिस सख्त कार्यवाही कर रही है आर्थिक अपराधों में शामिल सभी अपराधियों को किसी भी दशा में अब बक्शा नहीं जायेगा और इनकी सम्पत्तियों को जब्त करने के प्रक्रिया भी तेजी से आरम्भ की जाएगी एसआईटी द्वारा उक्त प्रकरण में कार्यवाही करते हुऐ पुष्पांजलि डेवलपर्स व उसके अन्य सहयोगियों के कुल 41 अलग-अलग बैंक खातों, जिनमें वर्ष 2016 से वर्ष 2023 तक लगभग 205 करोड का लेन-देन होना प्रकाश में आया है, को फ्रीज करवाया गया है खातों की जांच में कई सफेदपोश बिल्डर व कम्पनियों के मालिक पुलिस जांच के रडार पर हैं।
Dakhal News
आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस हरदा के झालवा गाँव मे वन अमले ने अवैध सागौन से लदे एक वाहन को पकड़ा हे जिसकी कीमत लगभग 2 लाख से ऊपर हे हरदा में ऐसा पहली बार नही हो रहा हे पहले भी कई बार अवैध सागौन बरामद की गई है हरदा जिले में वन माफिया लम्बे आरसे से सक्रिय है। मामला हरदा जिले के झालवा गांव का हे जहा हंडिया वन अमले ने अवैध सागौन से लदे एक वाहन को पकडा हे हंडिया रेंजर सुरेश कुमार ने बताया की 32 लट्ठ से भरी पिकअप वैन जब्त की गई हे जिसकी कीमत लगभग सवा दो लाख रुपये है यह कार्यवाही उप वनमंडल अधिकारी संजय जैन एवं ओमप्रकाश बिडारे के मार्गदर्शन में की गई इसके सभी आरोपी अज्ञात हैं वन अपराध दर्ज कर प्रकरण की विवेचना कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
Dakhal News
दोनों को सुरक्षित बचाया गया एक युवक और युवती ने गंगा नहर में छलांग लगाकर खुदकुशी की कोशिश की हालांकि मोनू जलवीर और जल पुलिस ने अपनी जान पर खेलकर दोनों को बचा लिया। रुड़की में एक युवक और युवती ने एक साथ अपनी जान देने की कोशिश की दोपहर के समय दोनों सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र में सोलानी पार्क के पास पहुंचे और गंगनहर में छलांग लगा दी जैसे ही यह घटना हुई आसपास लोगो की भीड़ जमा हो गई हालांकि जल पुलिस और मोनू जलवीर ने हिम्मत दिखते हुए अपनी जान भी जोखिम में डालकर युवक युवती को सुरक्षित बचा लिया जिसके बाद युवक और युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
Dakhal News
फ़रीद,मेहबूब,इब्राहिम और आरिफ़ हुए गिरफ्तार गौ मांस की तस्करी करने वाले चार बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है इन अपराधियों के तार गौ तस्करी की घटनाओं से भी जुड़े हुए हैं काशीपुर में गश्त के दौरान बान्सफ़ोडान चोकी इंचार्ज सुनील सुतेडी ने चालिस किलो गौ मास के साथ अल्ली खाँ निवासी फ़रीद, मेहबूब, इब्राहिम ओर आरिफ़ को गिरफ्तार किया ये अलग अलग प्लास्टिक की थेली मे दस दस किलो गौ मास को ऊँचे दाम में बेच रहे थे पुलिस ने बताया चारो अभियुक्त काफ़ी लम्बे समय से गो तस्करी का कारोबार कर रहे थे जिनको मुखबिर की सुचना पर पुलिस टीम मे पकड़ा।
Dakhal News
पोस्ट डालने वाला पहुंच गया सीखचों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर तमंचे के साथ पोस्ट डालना एक युवक को भारी पड़ गया पुलिस ने इस युवक को पकड़ कर सीखचों के पीछे पहुंचा दिया है। हल्दी ग्राम के निवासी गुरप्रीत सिंह ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर एक वीडियो शेयर किया गया जिसमें वो अवैध तमंचे एवं कारतूसों का प्रदर्शन कर रहा है जिसका संज्ञान लेते हुए खटीमा कोतवाली पुलिस के द्वारा आरोपी गुरप्रीत सिंह को हिरासत में ले लिया गया है आरोपी के पास से पांच जिंदा 32 बोर के अवैध कारतूस भी बरामद किए गए वही वीडियो में दिखाया गया तमंचा आरोपी ने पुलिस के डर से जंगल में फेंक दिया है जिसे आरोपी की निशान देही के आधार पर तलाशने की कोशिश की जा रही है वहीं आरोपी के विरुद्ध खटीमा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
Dakhal News
एटीएम काट रहे थे ,पुलिस ने पकड़ा पुलिस की मुस्तैदी से बैंक में चोरी की बड़ी वारदात टल गई। चोर कटर से एटीएम काट रहे थे उसी समय पुलिस ने चोरों को धार दबोचा। मामला रामनगर थाना क्षेत्र के इंडियन बैंक का हैं। जहाँ रामनगर थाना से महज 50 मीटर की दूरी पर बैंक चोरी व एटीएम चोरी के असफल प्रयास के आरोपी को रामनगर थाना प्रभारी ने पुलिस बल के साथ रंगे हाथ पकड़ा है। बैंक में कटर के साथ तीन दिन तक रेकी करने वाले बदमाश को एटीएम काटने के दौरान ही पुलिस ने धर दबोचा। बदमाश धीरज पटेल बैंक बन्द होते ही खिड़की की ग्रिल काटकर घुस जाता है और पूरे बैंक की रेकी करता है। अगले दिन रात को बैंक में घुसकर बैंक चेस्ट को काटने की कोशिश करता है और अलार्म सिस्टम बन्द कर देता है। चूंकि बैंक चेस्ट जिसमे पूरा कैश रखा रहता है उसे वह काट नही पाता तब एटीएम को काटने की प्लानिंग करता है। इसी दौरान मुस्तैद पुलिस उसे एटीएम काटते हुए पकड़ लेती है। ये सारी वारदात सीसीटीवी में भी कैद हुई हैं।
Dakhal News
लाखों का माल ले गए चोर चोरों ने एक बार फिर सूने घरों को निशाना बनाया और लाखों का माल लेकर चम्पत हो गए पुलिस मामले की तफ्तीश कर चोरों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। मैहर के आमडा नाला के ग्राम डाढ़ी स्थित ग्रीन सिटी हाउसिंग कॉलोनी के ए बी सी ब्लॉक के तीन सूने घरों से चोरों ने लाखों रुपए के माल पर हाथ साफ कर दिया जब मामले की जानकारी लोगों को लगी तो देवी जी धाम अरकंडी चौकी पुलिस थाने में मामले की जानकारी दी गई चोरों ने ग्रीन सिटी हाउसिंग कॉलोनी के ए ब्लॉक के मकान नंबर 7 पंडित अजीत पांडे वहीँ दूसरे मकान सी ब्लॉक के माकन नंबर 2 पंकज कनौजिया और बी ब्लॉक के 9 नंबर मकान आदित्य तिवारी के यहाँ की की है यह सभी लोग बाहर गए हुए थे तीनों घरों को सूना पाकर चोरों ने गेट का ताला काट कर लाखों रुपए के गहने और नगदी पार कर दी पुलिस इस घटना की जांच कर रही है।
Dakhal News
पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार डिंडोरी के जंगलों में शिकारी सक्रीय हैं पुलिस ने तेन्दुए की खाल की तस्करी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से तेंदुए की खाल बरामद की है पुलिस ने जांच के दौरान वन्य प्राणियों की खाल की तस्करी करने वाले बड़े रैकेट का खुलासा होने की भी सम्भावना जताई है मामला डिंडोरी जिले के गाड़ासरई का बताया जा रहा है जहा पुलिस ने तेन्दुए की खाल की तस्करी करते हुए तीन आरोपीयो को गिरफ्तार कर उनके पास से तेंदुए की दो खाल और बाइक बरामद की है अनूपपुर जिले से तीन लोग तेन्दुए की खाल बेचने के लिए डिंडोरी के रास्ते से होते हुए जबलपुर की ओर जा रहे थे पुलिस ने मुखबिर से सूचना मिलते ही सुरसाटोला गांव के पास घेरा बन्दी कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
Dakhal News
सड़कों पर चलने को मजबूर ग्रामीणो ने सरकारी विकास के दावों की पोल आदिवासी इलाकों में जाते ही खुल जाती है आजादी के बरसों बीत जाने के बाद भी बैगा जनजाति वाले इलाकों में लोग बदहाल किचड़ भरी सड़कों पर चलने को मजबूर हैं इन ग्रामीणो ने प्रशासन से पक्की सड़क बनवाने की मांग की है। डिंडोरी जिले के बजाग जंनपद पंचायत के ग्राम चिखला टोला गांव में बैगा जनजाति के लोग निवास करते हैं लेकिन आज़ादी के सालों बीतने के बाद भी स्वस्थ सुविधा और पक्की सड़क जैसी मुलभुत सुविधाएं के लिए बैगा जनजाति के लोग तरस रहे हैं मुख्य मार्ग से चिखला टोला गांव की दूरी लगभग पांच किलोमीटर दूर है लेकिन पक्की सड़क ना होने से इस गांव में किसी भीबीमार व्यक्ति या फिर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक ले जायें जाने तक एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती जिससे बीमार व्यक्तिओ को खाट के सहारे मुख्य मार्ग तक लाया जाता है तब कहीं जाकर एंबुलेंस की सहायता मिल पाती है ग्रामीणों ने बताया कि चार महीने बदहाल कीचड़ भरे रास्तेव पर चलना उनकी मज़बूरी है ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से गांव तक पक्की सड़क निर्माण कार्य कराये जाने मांग की है।
Dakhal News
ऑटो पलटा ,पांच लोग घायल अमरपाटन में एक तेज रफ्तार ऑटो अनियंत्रित होकर पलट गया इस हादसे में ड्राइवर सहित 5 लोग घायल हो गए इनमें से कुछ की हालत गंभीर है। अमरपाटन के ग्राम पाल कटरा के पास तेज रफ़्तार ऑटो गाय बचाने के चलते अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गया जिसमें ऑटो सवार पांच लोग घायल हो गए जिन्हें 100 डॉयल की मदद से इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अमरपाटन लाया गया तीन लोगों की हालत गंभीर देखते हुए इन्हें सतना जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया वही दो लोगों का इलाज सीएचसी अमरपाटन में जारी है।
Dakhal News
आतिन जफर को पुलिस ने प्रयागराज से किया गिरफ्तार केंद्रीय कारागार बरेली में बंद रहने के दौरान माफिया अतीक के भाई माफिया अशरफ से अवैध मुलाकात कराने के आरोपी आतिन जफर को पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ के लिए उसे प्रयागराज से बरेली लाइ है। मार्च में बिथरी चैनपुर में अतीक के भाई माफिया अशरफ के साले सद्दाम और उसके करीबी लल्ला गद्दी,आतिन जफर समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इन परआरोप था कि वह जेल में माफिया अशरफ को वीआईपी ट्रीटमेंट दिलवाते थे। इसके बाद से ही जफर फरार चल रहा था, जबकि लल्ला गद्दी और अन्य आरोपी जेल में है। इस मामले में कोर्ट ने आतिन जफर और गुड्डू बमबाज का गैर जमानती वारंट जारी किया।आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए एसएसपी बरेली ने दो टीमें भेजी। इसके बाद जफर बेखौफ होकर बाहर निकला तो उसे प्रयागराज पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है 24 फरवरी 2023 की रात 9 बजे लखनऊ में असद के एटीएम से रुपये निकालने में आतिन जफर की फोटो कैद हुई थी। प्रयागराज में 24 फरवरी को ही उमेश पाल की दोपहर में हत्या की गई थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए असद ने अपना मोबाइल और एटीएम लखनऊ में छोड़ा था, जिससे पुलिस उसकी लोकेशन ना ट्रेस कर सके और उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक के बेटे असद को बचाया जा सके।
Dakhal News
पुलिस से मिल कर हो रही थी स्मैक की तस्करी एक पुलिस वाला स्मैक तस्करी करते पकड़ा गया है। इसके दो अन्य साथी तस्करों को भी पुलिस ने पकड़ा हैं। इनके पास से एक किलो 75 जाम स्मैक बरामद की गई है। लालकुऑं पुलिस और एसओजी की टीम को बड़ी सफलता मिली। पुलिस टीम ने अब तक नशे के इतिहास में सबसे बड़ी खेप बरामद की है। पुलिस ने तीन बड़े तस्करों से एक किलो 75 ग्राम स्मैक बरामद की है। पकड़े गए आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इन तीनों तस्करों मोरपाल,अर्जुन पांडे और रविंद्र सिंह को पुलिस ने मोटरसाइकिल सहित पकड़ा। पुलिस ने इनकी तलाशी ली तो तीनों के पास से स्मैक बरामद की गई। जिसकी अंतराष्ट्रीय बाजार की कीमत 1 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है। एसएसपी ने बताया कि पकड़ा गया एक आरोपी उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर बरेली में तैनात है।
Dakhal News
बिजली वाला बेचता था स्मैक बिजली सुधरने का काम करने वाले एक शख्स को ज्यादा पैसा कमाने का लालचा आया और वो स्मैक की तस्करी करने लगा। अब ये स्मैक तस्कर पुलिस के हाथ लग गया है। काशीपुर पुलिस टीम को स्मैक तस्करी के मामले में बड़ी सफ़लता हासिल हुई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाक्टर मंजु नाथ टी सी ने बताया गया थाना प्रभारी मनोज रातूडी के नेतृत्व में की जा रही चैकिंग के दोरान ढेला पुल के पास से सुल्तान खाँ को पकडने पर उसके पास से एक किलो 24 ग्राम स्मैक बरामद की गई है। जिसने पूछताछ मे बताया कि वह बिजली मिस्त्री है जो ज्यादा पैसे कमाने के लालच में स्मैक तस्कर रेशमा के सम्पर्क में आ गया ओर इसी लालच में बरेली से स्मैक लाकर काशीपुर मे अलग अलग लोगो को बेचने लगा। पकडी गई स्मैक को रेशमा की दूसरी पैडलर शमीम जहाँ व उसके बेटे अनस के द्वारा ली गई थी जो जिसको रेशमा केद्वारा बताये गई जगह ले जा रहा था। लेकिन चैकिंग के दौरान पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
Dakhal News
इलाज के दौरान अस्पताल में हुई मौत एक युवक के हत्यारों को पकड़ने में पुलिस ने कामयाबी हांसिल की है। सोनू साइमन की हत्या में शामिल आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने धारदार हथियारों को भी जब्त किया। यह मामला राजनांदगांव जिले के बसंतपुर थाना क्षेत्र का हे। जहाँ 19 सितंबर की देर रात को बसंतपुर थाना क्षेत्र के नंदई चौक में कुछ आरोपियों ने धारदार हथियार से सोनू साइमन पर हमला किया था। ईलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। इसके बाद युवक की मां ने घटना की पूरी जानकारी पुलिस को दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए राजनांदगांव एसपी के दिशा निर्देश में बसंतपुर पुलिस द्वारा आरोपियों की तलाश की जा रही थी। जिस में बसंतपुर पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने हत्या के आरोप में चार युवकों सहित एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया हे। वही पुलिस ने आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त धारदार हथियार भी जब्त किए। पूरे मामले में अब पुलिस आगे की कार्यवाही कर रही है।
Dakhal News
घर में घुसकर महिलाओ से मारपीट उत्तराखंड में खनन माफिया खुद को नियम कानून से ऊपर मानते हैं। खनन मफियाओं के अवैध खनन करने पर जब एक किसान ने आपत्ति की तो खनन माफिया गुंडागर्दी पर उतर आये और किसान के घर में घुसकर महिलाओं तक से मारपीट की। भगवानपुर क्षेत्र के ग्राम मानूबास क्षेत्र में खनन माफियाओं की गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। जहाँ खनन माफियाओं के द्वारा लगातार नदियों का सीना चीरकर अवैध खनन दिन रात किया जा रहा है। जब मानूबास में किसान के द्वारा खेत में खनन का ट्रैक्टर ले जाने व रास्ता खराब किए जाने का विरोध किया गया तो किसान के घर मे घुसकर महिलाओं से भी मारपीट व अभद्रता की गई। मौके पर पहुँची पुलिस ने खनन माफियाओं पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। वही अगले दिन सुबह एक बार फिर खेत में खनन माफियाओं के द्वारा फसल खराब की गयी। जिसका वीडियो बनाकर पुलिस को दिया गया है। किसान का आरोप है कि वीडियो बनाने के कुछ ही समय बाद 10 से 15 खनन माफिया उनके घर पर धावा बोल दिया और जान से मारने की धमकी देते हुए महिलाओ के साथ मारपीट की उच्चाधिकारियों को भी इस मामले से अवगत कराया गया है पर कोई कार्रवाई नही हो रही है। घटना की तहरीर दिए जाने के बाद गाँव मे पुलिस भी पहुँची और घटना की जानकारी ली। लेकिन खनन माफियाओं पर अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ है।
Dakhal News
परीक्षण व विच्छेदन के बाद जलाया गया शव रेंज खातेगांव की बिट सुखेड़ी के कक्ष क्रमांक 296 में चौकी के सामने मृत तेंदुआ पड़ा हुआ पाया गया मामले की सूचना तत्काल बीट गार्ड को दी गई |जिसके बाद परिक्षेत्र अधिकारी व सहायक परिक्षेत्र अधिकारी मौके पर पहुचे वही डॉक्टर के परीक्षण एवं विच्छेदन के बाद डीएफओ के सामने शव को जलाया गया। रेंज खातेगांव की बिट सुखेड़ी के कक्ष क्रमांक 296 में चौकी के सामने मृत तेंदुआ पड़ा हुआ पाया गया जिसकी आज सुबह 7 बजे के करीब रामदीन चौकीदार ने बिट गार्ड सुखेड़ी को सूचना दी सूचना मिलने पर तत्काल परिक्षेत्र अधिकारी वंदना ठाकुर एवं सहायक परिक्षेत्र अधिकारी मानसिंह गोड़ एवं बीट गार्ड मौके पर पहुंचे इसके बाद घटना की सूचना तुरंत डीएफओ एवं पशु चिकित्सा अधिकारी खातेगांव को दी पशु चिकित्सा डॉक्टर ऋतु कोठे एवं डॉक्टर लोकेश लोवंशी ने मौके पर आकर शव का परीक्षण उन्हो ने बताया की दुसरे तेंदुए के साथ झगडे के कारण सिर पर ,दाहिने कान के नीचे,गर्दन व बाया कंधे पर घाव आये हे साथ ही फेफड़े में भी संक्रमण पाया गया परीक्षण एवं शव विच्छेदन के बाद डीएफओ की उपस्थिति में शव जलाया गया वही स्थानीय निवासी सुनील जाट ने बताया की वह रात्रि 8,9 बजे के लगभग खातेगांव से दूध देकर लौट रहा था तब उसने तेंदुए को सड़क के दाई ओर खड़ा देखा था वह घबरा कर चिल्लाया तो तेंदुआ धीरे धीरे जंगल की ओर चला गया।
Dakhal News
प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन सुलियरी कोयला खदान को चालू रखने के लिए लोग सड़क पर उतर आए हे उनके प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है ओर वही आज लोेग हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर मांग करते नजर आए। सिंगरौली जिले के आंध्र प्रदेश मिनरल्स कॉर्पोरेशन (एपीएमडीसी) की सुलियरी कोयला खदान को चालू रखने के लिए सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग रोड पर उतर आये वही उन्के प्रतिनिधि मंडल ने सुलियरी खदान को बे रोक टोक चलवाने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है आपको बता दे की सुलियारी कोल् ब्लॉक के आसपास रहने वाले स्थानीय लोग कुछ गैर-जिम्मेदार तत्वों से परेशान हैं .जो की कोयला खदान के संचालन में दिक्कत कर रहे हे सुलियारी खदान ने स्थानीय लोगों के लिए 5000 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए हे कोयला खदान बंद होने से लोगो को आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का डर है वही आज अपने हाथों में सुलियरी कोल ब्लॉक के समर्थन में बैनर और तख्तियां लेकर स्थानीय लोग मांग करते नजर आए।
Dakhal News
गोपालपुर गांव बन रहा है टापू सितंबर माह में ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है लगातार हो रही बारिश के कारन सोन तीरथ नदी में पानी ज्यादा हो गया है जिसकी वजह से गोरखपुर मार्ग बंद हो गया है लगभग 12 घंटे से पुल के ऊपर पानी बहने की वजह से आवागमन भी पूरी तरह बाधित होगया है। गोपालपुर गांव में लगातार हो रही बारिश के चलते बुधवार की रात लगभग 12 बजे से सोन तीरथ नदी में पानी ज्यादा हो जाने की वजह से गोपालपुर मार्ग बंद हो गया है पुल के ऊपर से लगभग 5 फिट पानी बह रहा है। नदी किनारे बसे घरों और मंदिर में भी पानी घुस गया है इसी के साथ खेतों में भी लगभग पानी भर चूका है लोग सुरक्षा की दृष्टि से घर छोड़कर गांव में आ गए है और साथ ही गोरखपुर, करंजिया की तरफ जाने वाले वाहन भी जाम के चक्कर में फंसे हुए है और बाढ़ के उतरने का इंतजार कर रहे है।
Dakhal News
नर्सिंग अफसर से की मारपीट छिंदवाड़ा में एक मुस्लिम युवक और उसके परिवार ने नर्सिंग अफसर के साथ मारपीट कर दी साथ ही नर्सिंग अफसर का मंगलसूत्र छीनने की भी कोशिश की घटना में बाद आक्रोशित नर्स और स्टाफ के लोग हड़ताल पर बैठ गए। छिंदवाड़ा के परासिया जनपद के भाजीपानी प्राथमिक स्वस्थ केंद्र मे अन्नू खान और उसके परिवार ने गुंडागर्दी दिखाते हुए हुए भाजीपानी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नर्सिंग ऑफिसर कौशल्या मंसूरी के साथ जम कर मारपीट की असल में पूरा विवाद नवजात शिशु की मौत के बाद शुरू हुआ अन्नू खान ने ना सिर्फ कौशल्या मंसूरी को पीटा बल्कि उसका मंगलसूत्र भी छीन लिया इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में अन्नू खान के खिलाफ आक्रोश है सरकारी अस्पताल की नर्सो व स्टॉफ ने हड़ताल कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और अन्नू खान और उसके परिवार को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
Dakhal News
शख्स को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया अब बात अपहरण की उस घटना की जिसे सुनकर आप चौंक जायेंगे हैरान रह जायेंगे सोने के बिस्किट को लेकर किडनैपिंग का मामला सामने आया हालाकिं पुलिस ने तुरंत एक्शन लेकर अपहृत शख्स को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया है। सीधी जिले के रहने वाले कुछ लोगो ने कोतवाली बैढन में अपने साथी दीपक सोनी के बरदघटा जंगल से अपहरण होने की रिपोर्ट दर्ज कराई और अपहरण करने वालो की 2 लाख की फिरौती मांगने की बात बताई तो सिंगरौली पुलिस ने तत्काल एक्शन लिया और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में इन्स्पेक्टर सुधेश तिवारी के नेतृत्व में पुलिस टीम को तत्काल भेजा इन्स्पेक्टर तिवारी ने रसगंधा के घने जंगलो की सर्चिंग चालू की तब पुलिस को सफलता मिली और अपहृत दीपक सोनी को अपहरण कर्ताओं से मुक्त कराया लेकिन आरोपी जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए पुलिस को अपहरण करने वालों की तीन बाइकें जप्त कर कई साक्ष्य इकठ्ठे किये हैं पुलिस की जाँच में सामने आया है कि सीधी के 7 लोग अपनी अल्टो कार से खुदाई में मिले सोने की बिस्किट खरीदने छत्तीसगढ़ जा रहे थे जहाँ जंगल मे उनके एक साथी तेजबली अगरिया की मदद से कुछ लोगो ने उन्हें 4 सोने की बिस्किट दिखाए और तुरंत पैसे की मांग करने लगें लेकिन उन्होंने पैसे नही दिए तब उन आरोपियों ने तेजबली और दीपक सोनी को अपहृत कर लिया और तेजबली के फोन पर 2 लाख की फिरौती मांगी।
Dakhal News
देश भर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न लोकसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन अधिनियम लोकसभा में पास हो गया इस मौके पर देश भर की महिलाओं और भाजपा कार्यकर्ताओ ने खुशिया मनाई और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लोकसभा में अभूतपूर्व समर्थन मिला बिल के समर्थन में 454 वोट पड़े लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पारित होने के बाद देश भर में महिलाओं और भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशियां मनाई काशीपुर के महाराणा प्रताप चौक में भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को मिठाइयां बाटी।
Dakhal News
पुलिस ने किया आरोपियों को गिरफ्तार काशीपुर में लगातार ई रिक्शा ओर मोटर साइकिल चोरी होने के मामले बढ़ते जा रहे है जिसके बाद काशीपुर पुलिस ने दबिश देकर चोरो को गिरफ्तार किया है। वो काशीपुर की पुष्प् विहार कालोनी में रहने वाले राजेन्द्र सिंह एक ई रिक्शा चालक है वो अपना और अपने परिवार का भरण पोषण रिक्शा चलाकर ही करते है 16 सितम्बर की रात किसी अज्ञात चोर ने उनके घर के बाहर से ई रिक्शा को चोरी कर लिया तो वही दूसरी और कृष्णा अस्पाताल की पार्किंग से बाइक चोरी का मामला सामने आया शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दोनों ही मामलो के केस दर्ज कर लिया था जिसके बाद थाना प्रभारी मनोज रातूडी ने कई लोगों से पूछताछ की और नाजिम उर्फ़ मूसा को पकड़ा पूछताछ के बाद उसने अपना जुर्म कबूला और पुलिस ने उसके पास से तीन बाइक बरामद की।
Dakhal News
पेड़ के नीचे भी बिजली ने धर दबोचा तेज बारिश के दौरान बिजली कड़कने पर एक बुजुर्ग ने पेड़ के नीचे छुपने में ही भलाई समझी लेकिन बिजली उसी पेड़ पर गिरी जिसकी पनाह में बुजुर्ग ने शरण ली थी बुजुर्ग के लिए बिजली जानलेवा साबित हुई। अमरपाटन के ग्राम मझगांव में आकाशीय बिजली गिरने से 70 वर्षीय वृद्ध की मौत हो गई दरअसल 70 वर्षीय वंशधारी लोनी खेत में भैस चराने गए थे इसी दौरान बरसात हुई और बारिश से बचने वृद्ध पेड़ के नीचे जाकर खड़े हो गए इसी दौरान आकाशीय बिजली उनके ऊपर गिरी और मौके पर ही वंशधारी लोनी की मौत हो गई सूचना मिलते ही परिजन खेत में पहुंचे और पुलिस को सूचना दी अमरपाटन थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।
Dakhal News
ललिता :जनता के हाथ में है शासक चुनें या सेवक जन आशीर्वाद यात्रा में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा है कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने गरीबों के लिए जन्म से लेकर पढ़ाई, स्वास्थ्य, विवाह, रोजगार और मृत्यु तक 380 योजनाएं शुरू की जबकि बीच में आई कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए दी जाने वाली 5 हजार की राशि तक बंद कर दी थी। छतरपुर में जनआशीर्वाद यात्रा में भाजपा उम्मीदवार ललिता यादव के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात झा ने वोट मांगे उन्होंने कहा फर्क इतना है कि शिवराज गांव के किसान के बेटे हैं वहीँ कमलनाथ तो मुंह में चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए और दिग्विजय सिंह तो राजा हैं वे गरीबों का दर्द क्या समझेंगे झा ने कहा कि आज के ज़माने में सगे भाई तक उधार नहीं देते लेकिन किसान के बेटे शिवराज ने किसानों को बिना ब्याज के कर्ज, बहनों को 450 में गैस सिलेंडर, लाड़ली लक्ष्मियों और लाड़ली बहनों के हितों की चिंता कर उन्हें सशक्त बनाया। झा ने प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के दो तिहाई बहुमत से जीतने का दावा करते हुए कहा कि चित्र नहीं कमल का चिन्ह देखिए अभी बहुत काम करना है इसलिए ललिता बहन का जीतना जरूरी है इसीलिए यह आपसे आशीर्वाद मांगने आई है। छतरपुर से विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी ललिता यादव ने बताया कि उन्होंने गांव-गांव में अस्पताल, जिला अस्पताल का 300 बेड का भवन, विश्वविद्यालय, मेडिकल कालेज की सौगात दी 2018 में कमलनाथ सरकार आई तो मेडिकल का पता नहीं था मेडिकल कालेज में कांग्रेसियों ने अदालती अडंगा डाला उन्होंने कहा विकास और सेवा भाजपा ही कर सकती है कांग्रेस से आप शासक चुनेंगे और भाजपा से ललिता यादव को सेवक के रूप में चुनेंगे।
Dakhal News
नियम विरुद्ध चल रहा था काम सिंगरौली जिले में स्टोन खदानों पर प्रसाशन की ताबड़तोड़ कार्यवाही चल रही है प्रसाशन के मुताबीक स्टोन खदानें नियमानिसार काम नहीं कर रही हे जिससे ग्रामीणों को काफी तकलीफ हो रही है अभी तक 11 खदानों को किया गया सीज किया गया है। सिंगरौली जिले में 100 से अधिक स्टोन खदानें चल रही हैं जहाँ नियम ओर कानूनों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं खदानों में बाउंड्री वाल ऊंची हाइट की नहीं है वहीं प्लांटेशन न करने से आसपास के इलाकों में एयर और वाटर भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है साथ ही आस पास के ग्रामीणों को घरों में रहना मुश्किल हो गया है हैवी ब्लास्टिंग के चलते गांव में कई जगह पत्थर गिर रहे हैं वहीं धूल के गुबार से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है NGT के आदेश पर कलेक्ट अरुण कुमार परमार ने खनिज विभाग के साथ पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की जॉइंट टीम गठित की और जांच के निर्देश दिए जांच टीम ने एक्शन लेते हुए तत्काल 11 स्टोन क्रेशरों को नियमों का पालन नहीं करने पर सीज कर दिया जिससे जिले में हड़कंप मच गया वहीं कुछ और स्टोन खदानों के बन्द करने की कार्यवाही जारी।
Dakhal News
वन विभाग को अजगर की तलाश छतरपुर के ग्राम भेलदा में अजगर के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है अजगर ने नीलगाय के बच्चे को निगल लिया जिसे एक फसल काटते किसान ने देखा अब वन विभाग की टीम अजगर की तलाश कर रही हे। छतरपुर के ग्राम भेलदा के एक खेत मे अजगर द्वारा एक नीलगाय के बछड़े को निगलने का मामला सामने आया है जिस के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है अजगर करीबन 20 फुट का बताया जा रहा है जिसे एक किसान ने फसल काटते हुए नीलगाय के बच्चे को निगलते हुए देखा था जिसे देख कर किसान घबरा गया और अजगर की सूचना वन परिक्षेत्र अधिकारी बड़ामलहरा को दी गई सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया फिलहाल वन विभाग की टीम ने सर्चिंग चालू कर अजगर को तलाश रही है।
Dakhal News
एक की मौत पांच घायल तेजरफ्तार कार से परिजनों से मिलने जा रहे। परिवार के साथ सड़क हादसा हो गया। जिस में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई। वही पाँच लोग बुरी तरह घायल हो गए। यह मामला सतना के अमरपाटन थाना क्षेत्र का है। जहाँ हाईवे NH 30 के सुआ मोड के पास एक कार अनियंत्रित होकर 10 फीट नीचे खेत में जा गिरी। कार में 5 लोग सवार थे। दुर्घटना में 1 महिला की मौके पर ही मौत हो गई। वही 5 लोग बुरी तरह घायल हो गए। फिलहाल घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद कटनी के जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार सिंधी परिवार कटनी से रीवा अपने परिजनों से मिलने जा रहा था। तभी यह दुर्घटना घटी। हादसे में कार भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।
Dakhal News
मांगे पूरी न होने को लेकर नाराज आरटीओ सरकार के आश्वासन के बाद जब परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की एक भी मांग पूरी नहीं हुई तो अपनी मांगो को लेकर अब आरटीओ कर्मचारी अपने कार्य का बहिष्कार कर सामूहिक अवकाश पर चले गए प्रदेश भर के आरटीओ कार्यलयों में काम काज ठप रहा। सिंगरौली में मध्य प्रदेश परिवहन अधिकारी संगठन के तत्वावधान और संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह रघुवंशी के आव्हान पर सिंगरौली सहित पूरे प्रदेश के परिवहन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी हड़ताल पर रहे इस संबंध मे सिंगरौली परिवहन अधिकारी विक्रम सिंह राठौर ने बताया कि क्षेत्रीय अधिकारियों के ग्रेड पे मे वृद्धि करने क्रमोन्नत व्यवस्था लागू करने दूसरे विभाग से प्रतिनियुक्ति बंद करने व परिवहन उप निरीक्षक के लिए विभागीय परीक्षा का आयोजन किये जाने का ज्ञापन गत 3 जून को प्रदेश सरकार को सौंपा गया था लेकिन मांगे पूर्ण होने का केवल आश्वासन मिला इसलिए परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपनी उक्त मांगो के पूर्ण न होने के विरोध में कार्य का बहिष्कार कर सामूहिक अवकाश पर हैं।
Dakhal News
एक शख्स की मौत से हुआ बवाल पुलिस ने जुए के अड्डे पर छापा मारा और कई जुआरियों को धरदबोचा इसी बीच संदिग्ध अवस्था में एक व्यक्ति की मौत हो गई मृतक के परिजनों ने इसके लिए पुलिस को आरोपी ठहराया है वहीँ एसपी ने पूरे घटनाक्रम की जांच की बात कही है। छतरपुर जिले के बिजावर में आदिवासी मोहल्ले में चल रहे जुए की एक फड़ पर पुलिस ने छापामार कार्यवाही कोई यहां भगदड़ में 45 वर्षीय व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई मृतक के परिजनों ने इस मौत के लिए टीआई सुनील शर्मा और उनके एक सिपाही को हत्या का जिम्मेदार ठहराते हुए डाकखाने चौराहे पर जाम लगा दिया टीआई सुनील शर्मा के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने छापा मारा तो पुलिस को 8 जुआरी मिले पुलिस के मुताबिक उसने इस कार्यवाही के दौरान दो बुजुर्गों और एक शराबी को छोड़कर 5 आरोपियों को ही हिरासत में लिया और उन पर मुकदमा कायम कर दिया पुलिस का कहना है कि मौके पर मृतक हाकिम खान उर्फ छिद्दू मौजूद नहीं था उधर हाकिम के परिजनों ने कहा कि पुलिस ने छापामार कार्यवाही कर हाकिम को जुए के फड़ से पकड़ा और उसकी छाती में कई लातें मारी जिससे उसकी मौत हो गई उसकी लाश घटना स्थल पर ही लगभग तीन घंटे तक पड़ी रही। छतरपुर एसपी अमित सांघी ने कहा कि इस मामले में पूरे घटनाक्रम की जांच कराई जा रही है जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही होगी।
Dakhal News
सरकार सो रही है और भूमाफियाओं के ऐश उत्तराखंड में भी भूमाफिया सक्रिय है और कई जगह एसआरडीए की कार्यवाही के बाद भी अवैध कॉलोनियों को बनाने के साथ अवैध निर्माण जारी हैं लकिन इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। एचआरडीए शहर और देहात क्षेत्रों में कार्यवाही कर रहा है लेकिन भूमाफिया और बिल्डर अपनी हरकतों से बाज नही आ रहे है पिछले दिनों एचआरडीए ने भगवानपुर,नारसन और मंगलौर में अवैध कॉलोनी और भवनों को सील किया इसके बावजूद रुड़की भगवानपुर मंगलौर और लंढोरा क्षेत्रो में अभी भी लगातार अवैध निर्माण जारी है यहाँ अवैध रूप से काटी जाने वाली कालोनियों की भरमार है बहुत सी कॉलोनी तो हाई टेंशन तारों के नीचे ही काट दी गई है और उनके ध्वस्तीकरण के ऑर्डर भी फाइलों में दबे पड़े है पर विभाग की तरफ से कार्यवाही शून्य ही नज़र आती है।
Dakhal News
भाजपा कार्यकर्ताओं ने काटा केक देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया खटीमा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर केक काटा और अस्पताल में मरीज़ों को फल भी बाटे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज 73वा जन्मदिन है देश भर में प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर खटीमा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नगर में कई सारे आयोजन किये भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने मंडी समिति अध्यक्ष नंदन सिंह खड़ायत के साथ केक काटकर प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाया तो वही भाजपा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों को फल बांटे इस अवसर पर भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष विमला मंडेला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विश्वगुरु हैं वो विश्व के नायक है दुनिया की बड़ी बड़ी हस्तिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर मंडी समिति अध्यक्ष नंदन सिंह खड़ायत ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश विकास के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है 2024 में फिर से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
Dakhal News
स्कूलों की छुट्टी नहीं मध्य प्रदेश में लगातार तेज बारिश हो रही है नदियां उफान पर है आवागमन के साधन मिल नहीं रहे इसके बावजूद देवास में स्कूली बच्चे अपनी जान मुश्किल में डालकर स्कूल जाने को मजबूर है पर शासन अवकाश देने के लिए तैयार नहीं है। वाह रे शासन तेरा भी क्या ही कहना भले ही छात्र छात्राएं बारिश के पानी में भीगे भीग कर बीमार पड़ जाएँ आवाजाही के साधन बंद हो तो तब भी स्कूल आओ नदियां उफान में है तब भी क्या तैर कर स्कूल आओ बच्चो की जान पर बन आयी है तब भी देवास जिले में स्कूली बच्चों को छुट्टी नहीं मिली जबकि आस पास के सभी जिलों में भारी बारिश के चलते स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया देवास जिले में स्कूलों में अवकाश न मिलने से बच्चे नाराज है और अपनी व्यथा सुना रहे हैं। अनेक स्थानों में नदी नाले उफान पर आ जाने से आवागमन बंद हो गया ऐसे में स्कूली बच्चे अपने घर बापस जाने के लिए घंटों इंतज़ार में खड़े रहे ऐसे में बच्चो के साथ ही उनके अभिभावक भी काफी आक्रोश में है।
Dakhal News
मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार शाहरुख नाम के बदमाश ने एक आदिवासी युवती को जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया पुलिस ने इस मामले में तत्काल एक्शन लेते हुए आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया हे। सतवास के कांटाफोड थाना क्षेत्र में शाहरुख नाम का बदमाश ने एक आदिवासी युवती को जान से मारने की धमकी दी और उसे हरसूद के जंगलों में ले गया जहाँ शाहरुख़ ने जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया इसके बाद पीड़िता ने अपने परिवार के लोगों को जानकारी दी और वह उसे लेने पहुंचे पीड़िता ने बताया कि शाहरुख ने उसे शादी का झासा देकर पहले भी कई बार उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए इस घटना का पता चलते ही आक्रोशित होकर हिंदू संगठन के युवा कार्यकर्ता थाने पहुंचे एवं लड़की को न्याय दिलाने की बात कही कांटा फोड़ थाना प्रभारी हिना डाबर ने बताया आरोपी शाहरुख के खिलाफ पीड़िता के बयान के आधार पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया गया है।
Dakhal News
युवती जिला अस्पताल में भर्ती 25 वर्षीय युवती के रेल से पैर कट गए युवती को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया हे। छतरपुर में रेल से युवती के पैर कट गए खबर मिलते ही जीआरपी टीम मौके पर पहुची ओर युवती को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया युवती का नाम रोहित विश्वकर्मा है और उम्र 25 वर्ष बताई जा रही है युवती प्राइवेट फाइनेंस कंपनी में कनेक्शन का काम करती थी साथ ही युवती की स्कूटी घटना स्थल से काफी दूर मिली है।
Dakhal News
डीएम ने एसडीएम को तहसील से हटाया शमशान के मसले पर शिकायत करना एसडीएम को इतना नागवार गुजरा की उन्होंने पीड़ित को अपने चेंबर में मुर्गा बना दिया इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद डीएम ने एसडीएम की तहसील से हटाकर मुख्यालय अटैच कर दिया है बरेली के मीरगंज क्षेत्र के एसडीम ऑफिस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें दिखाई दे रहा है कि बरेली की मीरगंज तहसील के एसडीएम ऑफिस में एक पीड़ित मुर्गा बना हुआ है और अपनी बात कह रहा है वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि एसडीएम मीरगंज उदित पवार के पीछे बोर्ड पर उप जिलाअधिकारी का पद भी अंकित है बताया जा रहा है कि गांव के ही कुछ लोग शमशाम भूमि संबंधित मांग को लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे लेकिन एसडीएम ने गांव के व्यक्ति को मुर्गा बना दिया और प्रार्थना पत्र फेक दिया। इस मामले में एसडीएम उदित पवार ने बताया जब मैं अपने चैम्बर में था तभी पांच छ लोग आये जिसमे से एक आदमी आते ही मेरे सामने मुर्गा बन गया और मैने उससे बोला कि मुर्गा क्यों बने हुए हो जो बाकी लोग आये हुए थे उनको बोला इसको उठाईये इतने में ही एक आदमी ने वीडियो बना लिया इस मामले को डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने गंभीरता से लिया और एसडीएम की गलती मानते हुए उन्हें तहसील से हटाकर मुख्यालय अटैच कर दिया है।
Dakhal News
लाखों के उपकरण जल कर हुए खाक अचानक एक इलेक्ट्रिक शॉप में आग लग गई फायर बिग्रेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया लेकिन तक तक आफ सब कुछ अपनी चपेट में ले चुकी थी गाडासरई थाना क्षेत्र के सौरभ इलेक्ट्रॉनिक की दुकान में अज्ञात कारणों के चलते दुकान में अचानक भीषण आग लगी आग लगने से लाखों रुपए के उपकरण जल कर खाक हो गए बीती रात सौरभ इलेक्ट्रॉनिक की दुकान में अचानक भीषण आग लगने की जानकारी ग्रामीणों ने दी फायर ब्रिगेड को दी फायर ब्रिगेड के पहुंचने के बाद आग पर काबू पाया जा सका लेकिन तब तक लाखों रुपए के उपकरण जल कर हुए खाक हो गए गाडासरई पुलिस पुरे मामले की जांच करने में जुटी है।
Dakhal News
चार घंटे में उत्तरप्रदेश से बरामद हुए एनटीपीसी से ऐश पाइप चोरी होने के बाद पुलिस ने इतनी तेजी से काम किया कि मध्यप्रदेश से चोरी हुए ऐश पाइप्स को मात्र चार घंटे में उत्तरप्रदेश से बरामद कर इस चोरी की वारदात का खुलासा कर दिया। सिंगरौली जिले के विंध्याचल एनटीपीसी परियोजना से चोरी हुए दो लाख कीमत की ऐश पाईप की चोरी के चार घंटे के भीतर ही पुलिस ने उत्तर प्रदेश के खड़िया से बरामद करने में बड़ी सफलता प्राप्त की विंध्य नगर थाना प्रभारी अनिल बाजपेई ने बताया कि फरियादी बालमुकुन्द मिश्रा द्वारा इस आशय की सूचना दी गई कि एनटीपीसी की ऐश पाईप अज्ञात बदमाशों द्वारा कटर से काटकर चोरी किये गए हैं। जिनकी कीमत लगभग 2 लाख रुपये है। मुखबिर द्वारा जानकारी मिली कि एक पिकअप गांव के रास्ते शक्तिनगर की तरफ गई है। पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए खड़िया उत्तर प्रदेश से पिकअप एवं उसमें लोड पाईप बरामद कर वाहन स्वामी राम भरोष साहू जो स्वयं वाहन को चला रहा था के पकड़ा। इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
Dakhal News
मछली पकड़ने में फिसलकर गिरा मछली पकड़ने के चक्कर में एक युवक पानी में बह गया। युवक की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है लेकिन उसका कोई पता नहीं चला है। ये मामला छतरपुर का है। भगवा थाना के खरदोती गांव में एक युवक मछली पकड़ने की कोशिश में स्टाप डैम में बह गया। लक्ष्मण अहिरवार स्टाप डैम के किनारे मछली पकड़ने गया। लेकिन इस दौरान वह समझ नहीं सका कि नदी के पानी का बहाव कितना तेज है और वह पानी के बहाव में बह गया। जब युवक घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसे ढूंढना शुरू किया। मामले की जानकारी लगने पर भगवा थाना की टीम मौके पर पहुंची और युवक की तलाश शुरू की इस समय नदी में पानी के तेज बहाव के चलते स्टॉपडेम लबालब है। मौके पर बड़ामलहरा नायब तहसीलदार सहित पुलिस और एन आर डी ऍफ़ टीम से रेस्क्यू अभियान चला रखा है।
Dakhal News
दो मोटर साइकिल चोर गिरफ्तार पुलिस के हाथ उस समय बड़ी सफलता लगी जब उसने दो शातिर बाइक चोरों को पकड़ा। अब तक पुलिस ने इनके पास से चोरी की छह बाइक बरामद की हैं | पुलिस को उम्मीद हैं इनसे और भी चोरी की घटनाओं के सुराग मिल सकते हैं। चंपावत जनपद की टनकपुर कोतवाली पुलिस ने शारदा बैराज रोड पर चेकिंग के दौरान टनकपुर निवासी दो चोरों मोहम्मद आसिफ अंसारी और अमन कुमार को चोरी की दो मोटरसाइकिल सहित गिरफ्तार किया। दोनों मोटरसाइकिल पर लगाई गई रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट को चेक करने पर चोरी का खुलासा हुआ। दोनों अभियुक्तों से गहन पूछताछ के बाद पुलिस टीम ने आरोपियों द्वारा जंगल में सुनसान पड़े खंडहर में छुपा कर रखी गई चार अन्य मोटरसाइकिल भी बरामद की जिनमें से दो मोटरसाइकिलों की चोरी का मामला खटीमा कोतवाली में पंजीकृत होना पाया गया। अन्य दो मोटरसाइकिल की छानबीन की जा रही है। पूछताछ में दोनों अभियुक्तों ने बताया ये खटीमा से बाइक चोरी कर नेपाल ले जाकर ऊंचे दामों पर बेचने की फिराक में थे।
Dakhal News
पुलिस ने बदमाश दीपक कुशवाह को पकड़ा सिंगरौली का शातिर बदमाश दीपक कुशवाह वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ा गया यह बदमाश यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाता घूम रहा था इस पर पहले से भी कई मामले दर्ज हैं।कोतवाली पुलिस के सघन वाहन चेकिंग के दौरान थाना नवानगर का शातिर बदमाश दीपक कुशवाहा बुलेट के साथ पकड़ा गया कोतवाली प्रभारी सुधेश तिवारी ने बताया कि आरोपी पर शराब पीकर वाहन चलाने मौके पर वाहन के वैध दस्तावेज ना दिखाना, नंबर प्लेट मानकों के अनुरूप ना पाया जाना, अत्यधिक गति से वाहन चलाकर आम जनता के जीवन को संकट उत्पन्न करना, वाहन के साइलेंसर से अत्यधिक आवाज करके वाहन के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ करना सहित अन्य धाराओ में मामला दर्जकर वाहन जप्त किया गया है आरोपी पर थाना नवानगर में करीब एक दर्जन से अधिक प्रकरण दर्ज हैं आरोपी बदमाश ने इसी बुलेट से 22 जनवरी 2023 को एक दुर्घटना कोअंजाम दिया था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
Dakhal News
अचानक निकलने लगा तेज धुआ जान बचा कर भागे यात्री.अचानक बस में से धुआं निकलने के कारण बस में अफरा तफरी मच गई अपनी जान बचाने के लिए यात्री भाग कर बस से नीचे उतरे इंजन में खराबी के चलते बस से धुंआ निकलने लगा। बस में अचानक तेज धुआ निकलने से बस में बैठे यात्रियों में अफरातफरी मच गई अपनी जान बचाने के लिए यात्री भाग कर बस से नीचे उतरे आपको बता दे की बस छतरपुर से गौरिहार जा रही थी इसी दौरान महाराजपुर पहुंचते ही बस से धुआ निकलने लगा धुआं निकलने का कारण इंजन में खराबी बताई जा रही हे समय पर बस के रुक जाने से बड़ा हादसा टल गया।
Dakhal News
एम डी ड्रग्स के साथ 3 तस्कर गिरफ्तार नशे के सौदागर हरदा को अब उड़ता हरदा बनाना चाहते हैं छोटे मोटे नशे के अलावा हरदा में नशीले ड्रग्स का धंधा भी जोरों पर है पुलिस ने तीन नशा तस्करों को पकड़ कर उनके पास से 40 लाख की एमडी ड्रग्स बरामद की है। नशा तस्करो ने हरदा में भी अपना नेटवर्क बना रखा है हरदा में भी ये तस्कर हर किस्म का नशा युवाओं को मुहैया करवा रहे हैं ऐसे में हरदा सिटी कोतवाली पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए तीन नशे के सौदागरों को धार दबोचा इनके पास से 204 ग्राम एम डी ड्रग्स बरामद किया गया है जिसकी कीमत 40 लाख 80 हजार रुपये बताई जा रही है पुलिस ने इंदौर रोड अतरसमा के पास एक बलेनो कार को रोका जिसमें 3 नशा तस्कर सवार थे जिनके नाम शिवम सिरोही अमन जाट और आनंद सिरोही हैं जिनके कब्जे से 204 ग्राम एम डी ड्रग्स पुलिस ने बरामद की तस्करी में प्रयुक्त बलेनो कार को भी जप्त किया गया है।
Dakhal News
छापों से व्यापारियों में मचा हड़कंप छतरपुर में तीन प्रतिष्ठानों पर जीएसटी की टीम ने छापा मार कारवाई की छापे की कारवाई से व्यापारियों मे हडकंप की स्थिति बन गई जीएसटी के अधिकारीयों ने इसे एक रूटीन कार्यवाही बताया। गायत्री मंदिर के पास स्थित भगत जी ट्रेडर्स, लक्ष्मी इंटरप्राइजेज और गुप्ता इंटरप्राइजेज के नाम से एक साथ तीन फर्मो पर जीएसटी ने छापामार कार्रवाई की जीएसटी टीम के 17 सदस्यों द्वारा एकसाथ मारे गए इस छापे से बाजार के व्यापारियों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई और कई दुकानदार अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करके घर लौट गए पता चला है कि गुप्त सूचना और शिकायतों के आधार पर सतना की टीम ने यह बड़ी छापामार कार्रवाई की है।
Dakhal News
डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज डिंडोरी में बीएमओ डॉक्टर ने एक महिला के साथ छेड़छाड़ कर दी महिला का आरोप है कि डॉक्टर छेड़छाड़ करने के बाद जान से मारने की धमकी भी दे रहा है डॉक्टर के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पीड़ित महिला का आरोप है कि डिण्डौरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शहपुरा के बीएमओ डॉक्टर सत्येंद्र परस्ते ने कई बार उसके साथ छेड़खानी की घटना को अंजाम दिया महिला की शिकायत के बाद शहपुरा पुलिस ने आरोपी डाॅक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है एफआईआर दर्ज होने के बाद डॉक्टर सतेन्द्र परस्ते महिला के ऊपर समझौता करने का दबाव बना रहा है साथ ही पीड़ित महिला को लगातार जान से मारने की धमकिया भी मिल रही हैं वहीं डिंडौरी की महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोषी साहू ने इस घटना की निंदा की और डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
Dakhal News
कई सालों से टूटी रोड का निर्माण नहीं हुआ रुड़की के मोहनपुरा क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने पिछले कई सालों से सड़क निर्माण न होने की शिकायत करते हुए जलभराव के कारण हो रही बड़ी समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों से उनके क्षेत्र में जनप्रतिनिधि के द्वारा सड़क निर्माण नहीं कराया गया जिसके चलते सड़क पर हर समय जलभराव की स्थिति बनी रहती है। हाल फिलहाल जलभराव के कारण क्षेत्र में बीमारी भी फैली हुई है मच्छरों के कारण डेंगू भी क्षेत्र में फैला हुआ है और इंफेक्शन की बीमारी भी फैल रही है लोगों का आरोप है कि कई बार जनप्रतिनिधियों से इस संबंध में गुहार लगाई गई लेकिन सिवाय आश्वासन के आज तक कोई समाधान नहीं हो पाया वहीं स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि यशवंत नगर निगम में आता है लेकिन नगर निगम के द्वारा बीमारी फैलने पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया और कूड़ा उठाने के लिए भी नगर निगम के कर्मचारी यहां नहीं आते वहीं स्थानीय लोगों के द्वारा नारेबाजी कर अपना विरोध भी जताया गया और समाधान न होने पर आने वाले चुनाव में बहिष्कार की चेतावनी भी दी गई है।
Dakhal News
हरदा से सीहोर जा रही थी वर्मा बस इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे पर ग्राम अब गांव कला के पास एक यात्री बस पलट गई जिसमें सवार करीब बीस यात्रियों को हल्की चोट आई जिनमें से दो यात्रियों को उपचार के लिए हंडिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। वर्मा ट्रेवल्स की बस हरदा से खातेगांव की ओर जा रही थी इस दौरान अब गांव कला के पास निर्माणाधीन हाईवे पर से निकल रही तेज रफ्तार बस अनियंत्रित होकर पलट गई जिसमें से रेखा और आशीष नामक दो यात्रियों को चोट लगने के चलते हंडिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है घटना के बाद बस के कंडक्टर और ड्राइवर मौके से फरार हो गए घटना की जानकारी लगते ही हंडिया थाना प्रभारी अनिल गुर्जर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और घायलों को हंडिया व हरदा जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
Dakhal News
फर्जी जॉब कार्ड लगाकर रुपये लूटे डिंडोरी से फर्जी वाड़े का बड़ा मामला सामने आया है जिसमें पंचायत कर्मी के छत्तीसगढ़ में रहने वाले रिश्तेदार के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनाया गया था और उस कार्ड से लगातार हाजिरी दी जा रही थी। यह पूरा मामला डिंडोरी के भानपुर का है जहां छत्तीसग़़ढ राज्य के रहने वाले मनराखन दास और उसकी पत्नी रेखा के नाम पर फर्जी जॉबकार्ड बनाया गया यह लोग पंचायत कर्मी के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं और ये मध्य प्रदेश के नही बल्कि छत्तीसग़़ढ राज्य के सिंदूरखार गांव के रहने वाले हैं इनके नाम से लगातार ग्राम पंचायत भानपुर के जिम्मेदारों ने मास्टरोल निकाल कर हाज़िरी दी और निमार्ण कार्यो में फर्जी हाजिरी लगाकर शासन के रुपयों का बंदरबाट किया इस मामले को लेकर ग्राम पंचायत के पंचो ने सरपंच सचिव पर आरोप लगाते हुए मामले की जांच कर उचित कार्यवाही करने की मांग की पंच सचिन सोनवानी ने कहा की हमें बहुत सारी अनियमितताओं की जानकरी मिली है हम लोग इसकी जाँच करवाएंगे उपसरपंच सुरंजना बघेल ने कहा की यह तो सरासर गतल है फर्जी जॉब कार्ड बनाने वाले के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाए वही इस मामले को लेकर , मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा की मामले की जाँच की जाएगी।
Dakhal News
आरोपियों के पास से लाखों के नकली नोट जब्त बिहार से नकली नोटों की खेप लेकर जबलपुर जा रहे कार सवार 3 बदमाशों को मैहर पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ लिया। मगर 2 आरोपी चकमा देकर भाग निकले पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से 1 लाख 92 हज़ार रुपये के नकली नोट और एक स्विफ्ट कार भी जब्त की। मैहर पुलिस को सूचना मिली थी की. नेशनल हाइवे से स्विफ्ट कार में सवार होकर 5 आरोपी सौ और दो सौ रुपये के नकली नोट लेकर जबलपुर की ओर जा रहे हैं। पुलिस टीम ने घेराबंदी करके कार रुकवाई। जब कार की चेकिंग की गई तो उसमें लाखों के नकली नोट बरामद हुए। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि दो आरोपी पुलिस को चकमा देकर भाग गए। आरोपियों के पास से जो नोट बरामद हुए हैं उसमें सौ और दो सौ रुपये के नकली नोट हैं। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
Dakhal News
युवक के पास से जब्त हुई 8 मोटरसाइकिल कटनी पुलिस ने बाइक चोरी करने वाले एक शातिर चोर को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के पास से चोरी की 8 मोटरसाइकिल जब्त कर ली। जगह-जगह पर चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले चोर का नाम विक्रम है। और यह चोरी की बाइक को बेचने की फिराक में था। नगर पुलिस अधीक्षक ख्याति मिश्रा ने बताया की मुख़िबरों के द्वारा हमें सूचना मिली थी। शातिर चोर विक्रम मोटरसाइकिल बेचने की फ़िराक में है। पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया और उसके पास से चोरी की बाइक भी जब्त कर ली। पूछताछ में आरोपी ने बताया की वह शहर के अलग-अलग इलाकों से मोटर सायकल चोरी कर उसे अलग-अलग जगहों में छिपाकर रखता था और मौक़ा मिलते ही उसे 5 से 6 हजार रुपए में बेच देता था। इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
Dakhal News
कोने-कोने से भक्त कथा का श्रवण करने पहुंचे बाबा बागेश्वर धाम महाराज पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की कथा बड़ा मलहरा में चल रही है देश के कोने-कोने से भक्त उनकी कथा का श्रवण करने पहुंचे हैं। हनुमंत कथा के पहले दिन कथा व्यास बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर महाराज ने हनुमान चालीसा की चौपाई रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई से शुरुआत की महाराज ने भक्तों के अपार समूह को हनुमान जी की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि जिस तरह से भरत जी ने अपने भाई श्री राम के लिए मां का त्याग कर दिया था इसी तरह हनुमान जी ने राम जी के लिए त्याग किया है राम जी के कार्यों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ही हनुमान जी पृथ्वी में अवतरित हुए थे इस कथा में न केवल आसपास के बल्कि देश के कोने-कोने से लोग कथा रसपान करने आए हैं।
Dakhal News
पचास हजार की फिरौती मिलने पर छोड़ा, आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया राजनांदगांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहाँ दो दोस्तों ने मिलकर अपने ही दोस्त का अपहरण कर उसे बंधक बना लिया। फिर उसके घरवालों से पचास हज़ार रुपए की फिरौती मांग ली। वो कहते है ना ऐसी दोस्ती से तो दुश्मनी अच्छी। राजनांदगांव के लालबाग थाना क्षेत्र के रेवाडीह इंदामरा से ऐसा ही मामला सामने आया है। जहाँ गनवीर उर्फ रोहन और विवेक मसीह ने अपने पंद्रह वर्षीय दोस्त को पहले तो घर से बाहर बुलाया फिर अगवा करके उसे बंधक बना लिया। फिर उसकी मां को फ़ोन लगाकर पचास हज़ार रुपए की फिरौती मांगी। फिरौती मिलने के बाद अपहरणकर्ताओं ने किशोर को छोड़ दिया। मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की और 12 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
Dakhal News
अभिभावकों ने किया स्कूल पहुंचकर जमकर हंगामा खटीमा के एक स्कूल में छात्राओं की ड्रेस की नाप लेने के बहाने टेलरों ने उनसे छेड़छाड़ की जिसका छात्राओं ने विरोध किया। इस दौरान विद्यालय प्रशासन का स्टाफ भी वहां मौजूद था। लेकिन उन्होंने छात्राओं की बात को अनसुना कर दिया। छात्राओं ने इस मामले की जानकारी अपने माता-पिता को दी। जिसके बाद अभिभावकों ने आकर स्कूल में हंगामा किया। यह पूरा मामला एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का है। जहाँ छात्राओं की ड्रेस बनाई जानी थी। जिसके लिए खटीमा नगर के सिद्धार्थ गारमेंट्स से एक सहायक प्रतीक तिवारी के साथ दो दर्जी मोहम्मद कुमार एवं मोहम्मद शकील विद्यालय में बुलाए गए। जिनके द्वारा ड्रेस की नाप लेने के नाम पर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की गई। इस दौरान विद्यालय के तीन स्टाफ कर्मचारी अशोक आर्य, ममता खोलिया और चंद्रशेखर भी मौके पर मौजूद थे। जिन्होंने छात्राओं के विरोध के बावजूद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। घटना की जानकारी होने पर आक्रोशित अभिभावकों ने विद्यालय पहुंचकर विद्यालय प्रशासन का घेराव कर दिया और जमकर नारेबाजी करी अभिभावक संघ के अध्यक्ष राजवीर सिंह राणा ने कहा की जिन टेलरों ने छात्राओं के साथ अभद्रता की है। उनपर कड़ी करवाई की जाए। छात्राओं के अभिभावकों के द्वारा विद्यालय में हंगामा करे जाने की सूचना पर उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट तुरंत मौके पर पहुंचे और अभिभावकों को समझा बुझा कर शांत किया उप अधिकारी रविंद्र बिष्ट ने कहा की हमने सभी छात्राओं और उनके अभिभावकों के बयान दर्ज कर लिए। जो भी आरोपी शिक्षक है। उनको सस्पेंड कर दिया गया है। विद्यालय प्रशासन ने विद्यालय स्टाफ के तीन सदस्यों को मामले में संलिप्त होने एवं काम में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया। वही इस मामले में खटीमा कोतवाली में तैनात एसएसआई अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की छात्राओं से हुई छेड़छाड़ एवं अभद्रता के मामले में तहरीर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। घटना के लिए जो भी लोग जिम्मेदार होंगे जांच उपरांत उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। वही इस पूरे मामले में सिद्धार्थ गारमेंट के स्वामी संजय सिद्धार्थ ने कहा कि नाप जोक की पूरी कार्यवाही सीसीटीवी कैमरे के सामने हुई है। जो भी सत्य होगा वह जांच में आ जाएगा। हमारे कर्मचारी अगर दोषी पाए जाते हैं तो कानून अपना काम करेगा
Dakhal News
इलाज के दौरान किसान की मौत, मृतक किसान के परिजनों ने किया प्रदर्शन दो लोगो ने मिलकर किसान को इतना पीटा कि इलाज के दौरान अस्पताल में किसान की मौत हो गई। जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने किसान का शव रखकर प्रदर्शन किया और कानून से न्याय की गुहार लगाई। मामला छतरपुर के बमनौरा का है जहां जमीन विवाद में दो लोगो ने किसान नत्थू कुशवाहा को रास्ते से अगवा कर उसके साथ जमकर मारपीट की जिसके बाद पीड़ित किसान थाने में घटना की शिकायत करने पहुंचा। जहाँ उसकी हालत बिगड़ गई। फ़ौरन किसान को जिला अस्पताल मे भतीँ कराया गया जहाँ इलाज के दौरान किसान की मौत हो गई। पुलिस ने मारपीट करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया। पर मृतक किसान के परिजनों की मांग है कि आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाये। इसी मांग को लेकर परिजनों ने किसान के शव के साथ प्रदर्शन किया और टीकमपुर स्टेट हाइवे जाम कर दिया जाम की सूचना मिलने पर पुलिस और राजस्व अमला मौके पर पहुंचा और जाम लोगो को समझाइश देकर जाम खुलवाया।
Dakhal News
मनचले को घसीटते हुए थाने ले गई, मनचला कर रहा था युवती को परेशान डिंडोरी के राज्यपरिवाहन बस स्टेंड में लोग उस समय हक्का बक्का हो गए। जब एक युवती एक मनचले युवक का कॉलर पकड़ उसे घसीटते हुए डिंडोरी कोतवाली ले जाने लगी। आइये जानते क्या है पूरा मामला। जिस युवक को यह युवती घसीटते हुए कोतवाली ले जा रही है। उसका नाम दुख्खू मरावी है। जो ग्राम बेदरा का रहने वाला है और तो और वह डिंडोरी जिले में भारतीय जनता पार्टी में बड़ा कद रखने वाले एक नेता का भतीजा बताया जा रहा है। दुख्खू इस युवती को विगत एक वर्ष से परेशान कर रहा है। इससे तंग आकर इस युवती ने सबक सिखाने के लिए यह साहसिक कदम उठाया। एकतरफा प्यार में पागल इस युवक ने न सिर्फ युवती को परेशान किया। बल्कि एटीएम से उसके रूपए भी निकाल लिए। फिर क्या था बीच राह में युवती ने युवक का कॉलर पकड़ा और घसीटते हुए कोतवाली की ले जाने लगी इस बीच युवक को मौका मिला और वह अपनी जान बचाकर भाग निकला। दरअसल युवती की मां ने इस युवक को अपनी लड़की की शादी के लिए देखा था। लेकिन युवक युवती को परेशान करने लगा और लडकी के एटीएम से रुपए भी निकाल लिए युवती ने बताया की उसने इस मामले की शिकायत पूर्व में डिंडोरी के महिला थाना सहित डिंडोरी कोतवाली में की है। लेकिन पुलिस ने अब तक इस युवक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जिसकी वजह से युवक का हौसला बढ़ते जा रहा है और वह युवती को लगातार परेशान कर रहा है। युवती ने बताया वह अब इस मामले की शिकायत डिंडोरी पुलिस अधीक्षक से करते हुए उचित कार्यवाही की मांग करेगी।
Dakhal News
व्यक्ति के परिवार में मातम पसरा तालाब में नहाने गए एक व्यक्ति की नहाते समय डूबने से मौत हो गई। व्यक्ति की मौत से परिवार में मातम का माहौल है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। यह मामला मैहर के भदनपुर गांव का है। जहां गांव का ही ध्रुव कुमार तिवारी तालाब में नहाने गया था और नहाते समय वह गहरे पानी में डूब गया। जैसे ही गांव वालों को इस मामले की जानकारी लगी। उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर ध्रुव को बाहर निकाला और उसे अस्पताल ले गए। जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गांव के सरपंच राहुल गुप्ता ने बताया की शासन-प्रशासन से कई बार गुजारिश करने के बाद भी तालाब की सफाई नहीं कराई गई। तालाब में सिंघाड़े के जाल में बिछे हुए हैं। जिसकी चपेट में ध्रुव आ गया और वह डूब गया। जिस कारण उसकी मौत हो गई। वही पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।
Dakhal News
पुलिस ने किया इन नाबालिकों को गिरफ्तार आधा दर्जन से ज्यादा दुकानों में चोरी करने वाले नाबालिगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी का सारा सामान बरामद कर लिया। दुकानों से चोरी का यह मामला छतरपुर का है। जहाँ पुलिस ने दो नाबालिगों को गिरफ्तार किया। टीआई कमलेश साहू ने बताया की हमें आधा दर्जन से ज्यादा दुकानों में चोरी होने की शिकायत मिली थी। जिसमें से ब्यूटी पार्लर की दुकान से मेकअप का सामान जूते चप्पल की दुकानों से जूते-चप्पल तथा कुछ पैसे भी चोरी हुए थे। पुलिस ने इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए सीसीटीवी कैमरे चेक किये तो इन नाबालिगों के बारे में पता चला। नाबालिकों को गिरफ्तार करके बाल सुधारालय में भेज दिया गया। वही चोरी का सारा सामान जब्त कर लिया गया है।
Dakhal News
डॉग के भौंकने पर मारी शराबी ने गोली छतरपुर में एक शराबी ने फ़ीमेल डॉग को गोली मार दी। गोली डॉग के पिछले हिस्से में लगी। जिससे वह घायल हो गई। डॉग मालिक ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। बेजुबानों पर अपराध के कई मामले सामने आते हैं। लेकिन फिर भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती है। फ़ीमेल डॉग मालिक शिवम सिंह ने बताया कि गांव के ही आरोपी गुबंदी रजक ने मेरी जर्मन सेफ़र्ड प्रजाति की डेजी नाम की फ़ीमेल डॉग को उस समय गोली मार दी। जब शाम को वह घर के बाहर थी और गुबंदी रजक दारू पीकर मेरे दरवाजे से निकला, तो उसने भौंक दिया। जिससे गुस्साए गुबंदी ने एयर गन से उसे गोली मार दी। जो कि उसके कमर में जाकर लगी और वह चिल्लाने लगी उसके शरीर से काफी खून भी बह गया। वहीं पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। टीआई कमलेश साहू ने बताया की यह पुरानी रंजिश का मामला है। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
Dakhal News
तस्कर के पास से 60 लीटर शराब जब्त आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कटनी पुलिस इन दिनों एक्शन मोड में नजर आ रही है। जिले मे अवैध नशे के कारोबार करने वालों के खिलाफ पुलिस ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने शराब की तस्करी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के पास से 60 लीटर अवैध शराब भी जब्त की। पुलिस ने जिस आरोपी को गिरफ्तार किया उसका नाम अरविन्द है। यह महुआ की कच्ची शराब बनाकर उसे बेचता था। बड़वारा थाना प्रभारी अनिल यादव ने बताया की हमें सूचना मिली थी की विलायत कला में कच्ची शराब बनाकर बेची जाती है। सूचना के आधार पर हमने दबिश देकर अरविन्द सिंह को गिरफ्तार किया। अरविन्द के कब्जे से हमें 60 लीटर अवैध महुआ शराब चार प्लास्टिक के डिब्बो में बरामद हुई। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
Dakhal News
महिला कर्मचारी ने छेड़खानी का गंभीर आरोप लगाया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शहपुरा के बीएमओ डॉक्टर सत्येंद्र परस्ते के खिलाफ अस्पताल में पदस्थ एक महिला कर्मचारी ने छेड़खानी का गंभीर आरोप लगाया और थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पीड़ित महिला ने बताया की वह अस्पताल में प्राइवेट तौर पर आया का काम करती है। बीएमओ द्वारा उसे नौकरी से निकाल देने की धमकी देकर छेड़छाड़ करते हुए दुष्कर्म करने का भी दबाव बनाया गया। पीड़ित महिला ने बताया कि उसने इस बारें में अपने भाई और मां को बताया और परिवार वालों की सलाह पर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। महिला की शिकायत पर पुलिस ने डॉक्टर सत्येंद्र परस्ते के विरुद्ध मामला पंजीबध्द कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
Dakhal News
डिप्टी रेंजर व वनरक्षक ने की आदिवासी युवक से मारपीट, नाराज आदिवासियों ने डीएफओ कार्यालय का किया घेराव हरदा में एक आदिवासी युवक की डिप्टी रेंजर व वनरक्षक ने बेरहमी से मारपीट कर दी। इस घटना के बाद से आदिवासी समाज में काफी आक्रोश है। आदिवासी समाज ने इस मामले पर कड़ी करवाई की मांग की। डिप्टी रेंजर जीवनदास रघुवंशी और वनरक्षक अंकुश द्विवेदी ने जिस युवक की पिटाई की उसका नाम शंकर है और वह वोवदा गांव का रहने वाला है। शंकर ने बताया की वह मीटिंग के समय अपनी बात रखने गया था। लेकिन वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ने उसकी कोई बात नहीं सुनी और कहने लगे की तुझे ज्यादा पता है। फिर उसके बाद उन्होंने अपशब्द कहे और मारपीट की वही इस घटना के बाद से नाराज आदिवासी समाज ने टिमरनी विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अभिजीत शाह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में वन मंडल कार्यालय का घेराव किया और डिप्टी रेंजर व वनरक्षक के खिलाफ एक ज्ञापन सामान्य वन मंडल अधिकारी को देकर कार्यवाही की मांग की अभिजीत शाह ने कहा की हमारी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है। यदि तीन दिन के अंदर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम लोग आंदोलन करेंगे। वही इस मामले को लेकर एसडीओ ओमप्रकाश ने कहा की मामले की जाँच की जाएगी और दोषियों को सजा दी जाएगी।
Dakhal News
सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर एक युवक ने भगवान् श्री कृष्ण पर आपत्तिजनक पोस्ट किया। जिसके बाद लोगों पुलिस स्टेशन पहुंचकर पोस्ट करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। छतरपुर मे सोशल मीडिया पर भगवान कृष्ण पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने के खिलाफ आम लोगों और हिंदूवादी संगठनो ने प्रदर्शन कर थाने मे शिकायत दर्ज करवाई। सिविल लाईन थाना पुलिस ने आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। कृष्ण जन्माष्टमी पर कदारी गांव के एक युवक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भगवान कृष्ण के बारे मे आपत्तिजनक टिप्पणी जिस से लोग काफी नाराज थे।
Dakhal News
दोस्त के साथ मिलकर छेड़छाड़ करने वाले को मारा बरेली में एक युवक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक युवक की हत्या इसलिए कर दी। क्योंकि उस युवक ने 1 साल पहले उसकी बहन के साथ छेड़खानी की थी। बीते 1 वर्ष से वह आरोपी युवक की हत्या की प्लानिंग कर रहा था। मौका मिलते ही उसने उस युवक की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी युवक और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी युवक का नाम चंचल राजपूत है और मृतक युवक का नाम प्रदीप है। आरोपी चंचल ने पुलिस पूछताछ में बताया की प्रदीप ने उसकी बहन के साथ लगभग 1 साल पहले छेड़खानी की थी। उसने तभी से ठान लिया था कि इसको सबक सिखाना है। लेकिन मौका नहीं मिल रहा था। फिर उसने अपने दोस्त पप्पू के साथ इस पूरी हत्या की प्लानिंग की फिर बीते 7 सितंबर को उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। किसी को इस घटना की जानकारी ना मिल सके। इसलिए वह गांव से फरार हो गए थे। सिटी एसपी राहुल भाटी ने बताया की इस मामले में चंचल राजपूत और उसके दोस्त पप्पू को गिरफ्तार किया गया है। एसपी राहुल भाटी ने बताया की ये आरोपी प्रदीप को शराब पिलाने के बहाने जंगल ले गए और जंगल में उसे खूब शराब पिलाई। फिर नशे की हालत में ही उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। इन दोनों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है।
Dakhal News
डॉक्टरों की टीम ने किया लोगों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन में आयुष्मान स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया जिसमें राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए इस मेले में लोगों का निशुल्क इलाज किया गया। सिविल अस्पताल की नवनिर्मित बिल्डिंग 9 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई जिसका राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल ने फीता काटकर शुभारंभ किया इसी शुभारंभ अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरपाटन में आयुष्मान स्वास्थ्य मेले का भी आयोजन किया गया था जहां मेडिकल कॉलेज से आए डॉक्टरों की टीम ने मरीज का स्वास्थ्य परीक्षण किया है डॉक्टरों द्वारा सभी मरीजों का परीक्षण कर उन्हें उचित इलाज भी ऑन द स्पॉट प्रदान किया गया रामखेलावन पटेल ने कहा है कि भाजपा सरकार ने राष्ट्र स्तर पर से लेकर जिला स्तर तक आयुष्मान स्वास्थ्य योजना का शुभारम्भ किया है जिससे हर माध्यम वर्ग के व्यक्ति का भला हो रहा है यहाँ पर लोगों का इलाज हो रहा है और यदि किसी को आगे भी इलाज की जरुरत पड़ी तो उनका इलाज मेडिकल कॉलेज और अन्य जगह पर कराया जायेगा बीएमओ सूरज ठकुरिया ने कहा की मेडिकल कॉलेज से 11 डॉक्टरों की टीम यहाँ पर आई हुई है जिन्होंने जनता का इलाज किया है।
Dakhal News
पुलिस ने किया शातिर चोरों को गिरफ्तार चोरों के पास से चोरी के पैसे भी बरामद,डाकघर में रुपये जमा कराने के लिए कतार में खड़ी विभागीय कमीशन एजेंट के थैले से ढाई लाख रुपये चोरी करने के मामले में पुलिस ने दो शातिर चोरों को गिरफ्तार किया पुलिस ने चोरों के पास से चोरी के ढाई लाख रुपए भी बरामद कर लिए साथ ही चोरी करने में उपयोग में लाई गई बाइक भी जब्त कर ली। यह घटना 29 अगस्त की है मोहल्ला गंज निवासी रजनी सिंगल जो की स्थानीय डाकघर में कमीशन एजेंट है वह रुपए जमा करने के लिए जब डाकघर में पहुंची तो जमा काउंटर की कतार में उनका ढाई लाख रुपए से भरा थैला से किसी ने गायब कर दिया रजनी ने इस मामले में थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी पुलिस ने इस मामले में जांच करते हुए घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जिसमें दो संदिग्ध जाते हुए दिखाई दिए जिस पर पुलिस ने बाइक का नंबर ट्रेस कर दोनों संदिग्धों को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया सख्ती से पूछताछ करने पर दोनों ने अपना जुर्म कबूल लिया एसपी अभय प्रताप सिंह ने बताया की दोनों आरोपियों ने अपना नाम फरियाद हुसैन व जशमेद बताया दोनों नशे व जुआ खेलने के आदि है अपनी नशे व जुए की लत को पूरा करने के लिए चोरी करते थे पुलिस ने दोनों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुक़दमा दर्ज कर लिया है।
Dakhal News
पुलिस कर रही गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश काशीपुर पुलिस ने वाहन चोर गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया .जबकि इस गिरोह के अन्य सदस्य भागने में कामयाब हो गए जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। माता मंदिर रोड पर एक व्यक्तिकी कार चोरी हो गई थी पुलिस कार की तलाश कर ही रही थी की दूसरी कार चोरी की शिकायत पुलिस को मिली पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरो को खंगाला लेकिन कुछ पता नहीं चला कंट्रोल रूम के सीसीटीवी कैमरो के माध्यम से पता चला कि उक्त चोरी की कार घटनास्थल से स्टेडियम तिराहा, चीमा चौक, टांडा तिराहा, ढेला पुल पार करते हुए मुरादाबाद रोड पर जाती दिखाई दी पुलिस ने जब कार की घेराबंदी कर चोरों को पकड़ने का प्रयास किया तो कार में सवार चार लोगों में से तीन भागने में सफल रहे जबकि एक युवक को पुलिस ने कार समेत दबोच लिया पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि हम चार लोग इसी कार से और कारो को चोरी करने जा रहे थे आरोपी के कब्जे से दो नंबर प्लेट भी बरामद कर ली गई फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
Dakhal News
जिससे हजारों का नुकसान हुआ एक व्यक्ति को बचाने के चक्कर में बोलेरो चालक ने गाड़ी को घर में घुसा दिया। जिससे काफी ज्यादा नुकसान हुआ। गनीमत रही की इस हादसे में किसी को चोट नहीं आई। यह मामला सिंगरौली का है। इस हादसे से काफी नुकसान हुआ है। जिस महिला के घर में बोलेरो घुसी उसने बताया की उसका हजारों रुपए का नुकसान हुआ है। घर की दीवार धराशायी हो गई है और घर में रखी मोटर साइकिल भी टूट गई है। वही इस हादसे में बोलेरो भी क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की।
Dakhal News
तस्कर के पास से 3 किलो गांजा जब्त राजनांदगांव में पुलिस प्रशासन ने अपराधियों पर सख्त रवैया अपनाया हुआ है। पुलिस जगह-जगह पर नशे की अवैध तस्करी करने वालों पर एक्शन ले रही है। इसी कड़ी में प्रशासन ने गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया और उसके पास से 3 किलो गांजा जब्त किया। नगर पुलिस अधीक्षक अमित पटेल ने बताया की हमें सूचना मिली थी की पुराना बस स्टैण्ड खालसा होटल के पास एक व्यक्ति ने अवैध रूप से गांजा रखा है और बिक्री करने के लिए ग्राहक तलाश रहा है। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर आरोपी कृष्णा कुमार सिंह को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के पास से 3 किलो गांजा जब्त किया जिसकी कीमत 18 हजार रुपए है। आरोपी के खिलाफ नारकोटिक्स एक्ट में मामला दर्ज कर लिया गया।
Dakhal News
फांसी लगाने का कारण स्पष्ट नहीं हुआ छतरपुर में नर्सिंग की छात्रा ने ख़ुदकुशी कर ली। छात्रा ने ख़ुदकुशी क्यों की, अभी तक इसका पता नहीं चल पाया। पुलिस ने छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। यह घटना छतरपुर की चौबे कालोनी की है। जहां फांसी लगाने वाली छात्रा का नाम क्रांति अहिरवार है और वह नर्सिंग कॉलेज में पढ़ती है। क्रांति के माता-पिता जम्मू में मजदूरी करते हैं। टीआई कमलेश साहू ने बताया की पुलिस को छात्रा के फांसी लगाने की सूचना मिली। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छात्रा के परिजनों को सूचना दी और शव का पोस्टमार्टम कराया। छात्रा के फांसी लगाने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। मामले की जांच की जा रही है।
Dakhal News
वेयरहाउस संचालक ने की एसडीएम से शिकायत डिंडौरी में किसानों से समर्थन मूल्य में की गई। धान खरीदी में फर्जीवाड़ा किये जाने का मामला सामने आया है। वेयरहाउस संचालक ने घोटालेबाज अफसरों की पोल खोलते हुए मामले की शिकायत एसडीएम से की। आठ महीने पहले नागरिक आपूर्ति निगम विभाग के द्वारा शहपुरा तहसील मुख्यालय स्थित गुप्ता वेयरहाउस में सोलह हजार सात सौ नौ बोरी धान का भंडारण कराया गया था। जिसका वजन कुल छ हजार छ सौ त्रियसी क्विंटल होता है। समर्थन मूल्य में किसानों से जब धान खरीदा जाता है। तो एक बोरी में 40 किलोग्राम धान लिया जाता है और किसानों को प्रति बोरी 40 किलोग्राम के हिसाब से ही भुगतान किया जाता है। लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारीयों ने ऑनलाइन पोर्टल में गुप्ता वेयरहाउस में भंडारित धान का वजन 418 क्विंटल बढाकर दर्ज़ कर दिया। नागरिक आपूर्ति निगम विभाग के मुताबिक धान की प्रत्येक बोरी का वजन 42 से लेकर 43 किलोग्राम है ऑनलाइन पोर्टल में धान के अधिक वजन को देखते हुए वेयर हाउस संचालक ने भंडारित धान का भौतिक सत्यापन कराने हेतू एसडीएम से शिकायत की वेयर हाउस संचालक कपिल गुप्ता ने बताया की मेरी गोदाम में धान खरीद कर रखी गई हैजो की 40 की एवरेज से खरीदी गई है। लेकिन उनको 42 की एवरेज का दर्शाया गया है। इस मामले की शिकायत मैंने एसडीएम से भी की लेकिन अभी तक मुझे कोई जवाब नहीं मिला है। नियम के अनुसार 40 की एवरेज से खरीदी की जाती है। फिर गोदाम में 42 की एवरेज का माल क्यों रखा गया है। यह शासन के नियम के विरुद्ध है। जिला किसान संघ अध्यक्ष रेवाप्रसाद झारिया ने कहा की जब धान तुलवाते हैं। तो काटें में गड़बड़ी होती है। जिसकी वजह से गरीब किसानों को नुकसान होता है। जब इस मामले को लेकर जब नागरिक आपूर्ति निगम विभाग के डीएम अरुण मौर्या से बात करने की कोशिश की गई। तो वे कैमरा देखते ही हाथ जोड़कर भागते नजर आए। वही एक किसान ने यह आरोप लगाया की अधिकारी धान तोलने के लिए भी घूस लेते हैं। नहीं देते तो धान नहीं तोलते है। वही एसडीएम निशा नापित ने पूरे मामले की जांच नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को सौंपी है।
Dakhal News
कर्मचारियों ने मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की माँ नर्मदा से सरकार को सद्बुद्धि देने को कहा,अपनी मांगों को लेकर सेवा सहकारी संस्था के कर्मचारी हड़ताल पर है कर्मचारियों का कहना है की जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी वह हड़ताल करते रहेंगे संयुक्त मोर्चा महासंघ के आह्वान पर पिछले 20 दिनों से सेवा सहकारी संस्थाओं के कर्मचारी हड़ताल पर है इसी के तहत देवास सहकारी संस्था कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जवाल सिंह ठाकुर के नेतृत्व में कर्मचारियों ने नर्मदा तट पहुंचकर मां नर्मदा की पूजा अर्चना की और मां नर्मदा को चुनरी अर्पण की साथ ही उन्होंने मां नर्मदा से प्रार्थना की की वह सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करें जवाल सिंह ठाकुर ने कहा की हमारी मुख्य मांग है की वेतनमान लागू हो वेतनमान के अंतर्गत कर्मचारियों को वेतन मिले जवाल सिंह ठाकुर ने कहा की....सरकार उनकी सभी मांगे जल्द से जल्द पूरी करें यदि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हड़ताल जारी रहेगी और कर्मचारी काम पर नहीं लौटेंगे।
Dakhal News
खामियां मिलने पर डीआरएम यादव ने लगाई फटकार पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल की डीआरएम रेखा यादव ने निरीक्षण यान ट्रेन से अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल लालकुआँ रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर सभी कक्षों का बारीकी से निरीक्षण किया तथा खामियां मिलने पर अधिकारियों को फटकार लगाई। डीआरएम रेखा यादव ने सभी कक्षों का बारीकी से निरीक्षण किया इस दौरान उन्होंने नगीना कॉलोनी क्षेत्र में होने वाले कार्यो की प्रोजेक्ट रिपोर्ट देखी वही रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाओं के लिये बनने वाली हाईटैक पार्किंग आरपीएफ बैरक, अनाउंसमेंट कार्यालय आदि का बारीकी से निरीक्षण करते हुए खामियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए रेखा यादव ने रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर लगी प्रचार सामग्री पर अधिकारियों को फटकार लगाई इसके साथ ही पैदल पुल पर निर्माण कार्य को देखकर आईओडब्ल्यू को जमकर लताड़ लगाते हुए खामियों को दुरूस्त करने के निर्देश दिये।
Dakhal News
घायलों का इलाज चल रहा मध्य प्रदेश में लम्बे समय के इंतजार के बाद बारिश का दौर शुरू हुआ जहाँ एक ओर बारिश किसानों के लिए खुशहाली ला रही है तो वही दूसरी ओर बारिश का कहर भी देखने को मिल रहा है लगातार बारिश की वजह से अमरपाटन में बिजली गिरी जिसकी चपेट में पांच लोग आ गए। यह सभी लोग अमरपाटन के रहने वाले हैं जिन्हे अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया वही दूसरी और लगातार बारिश के चलते रैकवार बड़ा टोला गाँव में कच्चा मकान गिर गया उस घर में मौजूद महिला भी मलबे में दब गई समय रहते ही मलबे से महिला को निकाला गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
Dakhal News
बुजुर्ग का चल रहा है अस्पताल में इलाज पन्ना टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले जंगलों में आए दिन जंगली भालुओं द्वारा. ग्रामीणों पर हमला किए जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं बावजूद इसके वन विभाग द्वारा ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए इंतजाम नहीं किए जा रहे है ताजा मामला किशनगढ़ क्षेत्र के ग्राम कुपी से सामने आया है जहां एक अधेड़ पर जंगली भालू ने हमला कर उसे जख्मी कर दिया। बुजुर्ग व्यक्ति का नाम हरदयाल है हरदयाल के भतीजे दीपक यादव ने बताया की उसके चाचा किसी काम से जंगल गए हुए थे इसी दौरान एक मादा भालू और उसके बच्चों ने उनपर पर हमला कर दिया भालू के हमले से वह बुरी तरह जख्मी हो गए इस घटना की सूचना मिलते ही हम मौके पर पहुंचे और घायल अवस्था में ही चाचा को अस्पताल लेकर आये जहाँ उनका इलाज चल रहा है।
Dakhal News
पुलिस ने हर्ष फायरिंग करने वाले युवक को गिरफ्तार सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक युवक बर्थ डे पार्टी में हर्ष फायरिंग करते हुए नजर आ रहा है पुलिस ने इस फायरिंग करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया। यह वायरल वीडियो अमरपाटन का है जिसमें हर्ष फायरिंग करने वाले युवक का नाम श्रीकांत पाण्डेय है श्रीकांत ने पहले घर के बाहर फायरिंग की उसके बाद उसका वीडियो बनवाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया फ़िलहाल पुलिस ने आरोपी श्रीकांत पाण्डेय को गिरफ्तार कर लिया।
Dakhal News
युवक ने परिवार वालों पर लगाया आरोप पुलिस कॉन्स्टेबल पर भी प्रताड़ना का आरोप,देहरादून में एक युवक ने नहर में कूदकर अपनी जान दे दी मृतक ने अपने ही घरवालों और पुलिस कांस्टेबल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया पुलिस ने मृतक का शव बरामद कर लिया। पहले सोशल मीडिया में वीडियो पोस्ट करके अपनी आपबीती सुनाई फिर अपने जीवन को खत्म कर लिया यह मामला देहरादून के गुडरीच का है मृतक युवक का नाम अजीत है अजीत सब्जी लेने का बहाना बनाकर शक्ति नहर के पास पहुंचा और वहां उसने अपना वीडियो बनाया और सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया वीडियो में मृतक अपने ही परिवार के लोगों पर और थाना विकासनगर में नियुक्त कांस्टेबल विकास त्यागी पर प्रताड़ना का आरोप लगाते नज़र आ रहा है पुलिस ने मृतक का शव बरामद कर लिया है और आरोपी कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है।
Dakhal News
घरों में तोड़फोड़ कर फसल बर्बाद की डिंडोरी ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों ने आतंक मचा दिया है हाथियों ने ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ की व खेत में लगी फसल को बर्बाद कर दिया। हाथी मेरा साथी ये बात हर जगह फिट नहीं बैठती है कभी-कभी हाथियों की वजह से लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है ऐसा ही मामला सामने आया है डिंडोरी के कपोटी गावं में जहाँ जंगली हाथियों ने आतंक मचा दिया है हाथियों ने ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ की साथ ही उनकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को जंगल में न जाने की सलाह दी।
Dakhal News
चुनावी रंजिश के चलते झगड़ा हुआ था सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ दबंग एक व्यक्ति की जमकर पिटाई कर रहे हैं आइये जानते हैं कहाँ का है वीडियो और कौन है पीड़ित व्यक्ति यह वायरल वीडियो छतरपुर के आतनिया का है और जिस व्यक्ति की पिटाई यह दबंग कर रहे हैं वह आदिवासी सरपंच का पति बताया जा रहा है और इस मारपीट की वजह चुनावी रंजिश है जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वैसे ही हड़कंप मच गया दोनों पक्षों द्वारा थाने में एफआईआर करवा दी गई है पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है।
Dakhal News
पुलिस ने युवक-युवतियों को हिरासत में लिया कटनी में स्पा सेंटर की आड़ में देह व्यापार का धंधा चल रहा था पुलिस ने छापा मारकर स्पा सेंटर से 2 युवक सहित 4 युवतियों को हिरासत में लिया हिरासत में लिए गए युवक-युवतियों से पूछताछ की जा रही है। महिला थाना को खबर मिली थी कि स्पा सेंटर की आड़ में देह व्यापार का कारोबार किया जा रहा है प्रभारी मधु पटेल के निर्देशन पर गोल्डन स्पा सेंटर पर छापामार कार्यवाही की गई महिला थाना प्रभारी मधु पटेल ने बताया की लगातार हमें सूचना मिल रही थी की स्पा सेंटरों में देह व्यापार का धंधा चल रहा है सूचना के आधार पर हमने गोल्डन स्पा सेंटर में कार्यवाही की और वहां से 2 लोगों को आपत्तिजनक स्तिथि में पकड़ा इसके साथ ही अन्य महिला पुरुषों को भी हिरासत में लिया गया पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
Dakhal News
हितग्राहियों ने सेल्समैन पर लगाए आरोप डिंडोरी से राशन के बदले पैसे बांटने का मामला सामने आया है हितग्राहियों का आरोप है कि सेल्समैन राशन की जगह पैसे दे रहा है खाद्य अधिकारी ने मामले की जांच का भरोसा दिया है मामला डिंडोरी के कलगी टोला का है जहाँ शासकीय उचित मूल्य की दुकान में हितग्राहियों को पिछले कई महीनों से राशन नहीं दिया गया है जिसकी शिकायत पहले ही हो चुकी है शिकायत होने के बाद आनन फानन में सेल्समैन अजय सिंह धुर्वे ने हितग्राहियों को पैसे बांटना शुरू कर दिया मामला सामने आने के बाद खाद्य अधिकारी जयंत असाठी का कहना है कि यह नियमों की अनदेखी है मामले की जांच कराई जाएगी इस मामले में सेल्समैन अजय सिंह धुर्वे का कहना है कि कुछ हितग्राही राशन तो लेकर चले गए पर उनका रिकॉर्ड दर्ज नहीं हो पाया है।
Dakhal News
पंजे के वार से व्यक्ति लहूलुहान उमरिया में बाघ ने एक शख्स के ऊपर हमला कर दिया। हमला इतना ज़ोरदार था कि, बाघ के पंजे के वार से व्यक्ति लहूलुहान हो गया और किसी तरह अपनी जान बचा कर भागा। नाम उत्तम सिंह उम्र साठ वर्ष गए थे गजेहरा गाँव रिश्तेदारी निभाने पर वहा कुछ ऐसा हुआ कि अब उत्तम सिंह को अस्पताल में अपना समय बिताना पड़ रहा है। असल में उत्तम सिंह पर बाघ ने हमला कर दिया है। बाघ के पंजे के वार से उत्तम सिंह खूना खून हो गया। वो तो भला हो उसकी बहादुरी का कि किसी तरह उसने बाघ से अपनी जान बचा ली।
Dakhal News
अधेड़ व्यक्ति का हुआ अपहरण प्रदेश में बदमाशों के हौसलें बुलंद होते जा रहे है। रामनगर में कार सवार बदमाशों ने अधेड़ उम्र के व्यक्ति का अपहरण कर लिया। फिर पच्चीस हज़ार की फिरौती मिलने के बाद व्यक्ति को रिहा किया। ऐसा लग रहा है मानो बदमाशों को कानून का डर ही नहीं है। दुर्गा प्रसाद पटेल गाँव में कजलिया का त्यौहार मना रहा था। दुर्गा प्रसाद को क्या खबर थी कि कुछ ही समय में उसका अपहरण हो जाएगा। त्यौहार की शाम को अन्नू द्विवेदी, अमित द्विवेदी और सोनू मुसलमान ने दुर्गा को किडनेप कर लिया। फिर उसके बेटे रिषु कुमार पटेल को फ़ोन कर पच्चीस हज़ार रुपए की रकम मांगी। देर रात रिषु अपने चचेरे भाई के साथ जब फिरौती देने बताई गई लोकेशन पर पहुंचा तो आरोपियों ने रकम तो ले ली पर दुर्गा प्रसाद को नहीं छोड़ा। जिसके बाद रिषु ने मामले की शिकायत पुलिस से की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अपहरणकर्ताओं की गाड़ी का पीछा किया। तब आरोपियों ने दुर्गाप्रसाद के साथ मार पीट की और उसे सुनसान क्षेत्र मे छोड़ कर भाग निकले। पुलिस केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
Dakhal News
1 किलो 600 ग्राम गांजा जब्त सिंगरौली पुलिस ने एक शातिर गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया है। गांजा तस्कर ने पुलिस से बचने की खूब कोशिश की पर आख़िरकार पुलिस ने उसे धर दबोचा। जयनगर गांव में सत्यभान सिंह अपने घर से ही गांजा की बिक्री करता था। पुलिस को इस मामले की भनक तो पहले ही लग चुकी थी। पर शातिर आरोपी अक्सर पुलिस को चकमा देकर गाँव से भाग जाता था। सत्यभान सिंह को लगने था कि वो ऐसे ही गांजा तस्करी करता रहेगा और क़ानून भी उसका कुछ नहीं बिगड़ पायेगा। पर कहते हैं ना कानून के हाथ लम्बे होते है। पुलिस को एक बार फिर सूचना मिली कि सत्यभान अपने घर से गांजा बेच रहा है। इस बार पुलिस ने तुरंत करवाई की और गांजा तस्कर को उसी के घर में धर दबोचा। पुलिस ने सत्यभान सिंह के पास से 1 किलो 600 ग्राम गांजा जब्त किया है और कानूनी कार्यवाही करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है।
Dakhal News
चल रहा है अवैध हथियारिन का करबार छतरपुर में चोरी छुपे अवैध हथियारों का कारोबार चल रहा है। पुलिस ने जब दविश दे कर दो बदमाशों को पकड़ा तो उनके पास से अवैध हथियार भी मिले। पुलिस ने इन अपराधियों को जेल पहुंचा दिया है। थाना सिविल लाईन पुलिस ने दो अलग अलग स्थानो पर दबिश देकर दो आरोपियो को अवैध कट्टे और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने अवैध हथियार रखने व दहशत फैलाने वाले इन आरोपियो को जेल भेज दिया है। पुलिस को मुखविर से सूचना प्राप्त हुई कि सागर रोड पर न्यू झिलमिल ढाबा के सामने एक व्यक्ति अपराध करने की नियत से अवैध कट्टा लिये खडा है।इसके बाद पुलिस ने इसे धर दबोचा। हरिबाटिका मैरिज गार्डन के पास देरी रोड पर एक व्यक्ति अपराध करने की नियत से अवैध कट्टा लिये घूम रहा था इसे भी पुलिस ने अपराध करने से पहले ही पकड़ लिया।
Dakhal News
पुलिस कर रही है मामले की जांच भगवानपुर में पैंतालीस साल के एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर जान दे दी। बताया जा रहा ही पिछले कई महीनों से मृतक की मानसिक हालत ठीक नहीं थी। पैंतालीस साल का यह व्यक्ति अपने पूरे परिवार के साथ भगवानपुर के चौल्ली शहाबुद्दीनपुर गांव में किराये के मकान पर रहता था। पिछले करीब सात महीने से व्यक्ति का दिमागी संतुलन ठीक नहीं था। जिसका लगातार इलाज भी चल रहा था। व्यक्ति के फांसी लगा कर जान देने की खबर सुनने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। अब भगवानपुर पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
Dakhal News
पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी काशीपुर में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने ऐसे चोरों को पकड़ा है। जो मोबाइल फ़ोन चोरी की घटना को अंजाम दे रहे थे। आरोपियों के पास से मोबाइल के साथ चाकू भी बरामद किया गया है। आये दिन फ़ोन चोरी की ख़बरें सुर्खिया बन रही है। पर चोर कितना ही शातिर क्यों न हो। काशीपुर थाना पुलिस से नहीं बच सकता। पिछले दिनों थाने में फ़ोन चोरी की शिकायत दर्ज हुई थी। पुलिस प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया और सीसीटीवी की मदद से चोरों को ढूंढ निकाला। काशीपूर में ही एक ब्यूटी पार्लर से चोर एसी का आउटडोर ले उड़े। फिर क्या था। काशीपुर के थाना प्रभारी मनोज रातूडी के नेतृत्व में पुलिस टीम चोरों की तलाश में जुट गई और 12 घंटे के अंदर चोरों को दबोच लिया। अब लोग काशीपुर पुलिस प्रशासन की तारीफ कर रहे है।
Dakhal News
धाबड़ा के पेड से टपक रहा है पानी देवास से एक अजीबोगरीब घटना सामने आयी है। जहां धाबड़ा के पेड से पानी की बूंदे टपक रही हैं। लोगों ने उस पेड़ की पूजा अर्चना भी शुरू कर दी है और नारियल चढ़ा कर मन्नते मांगी जा रही है। आस्था और अंधविश्वास के बीच एक महीन सी लकीर होती है। सतवास तहसील के ग्राम इकलेरा से आ रही तस्वीर इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। इकलेरा के समीप जंगल में धाबड़ा के पेड से पानी की बूंदे टपक रही है। ग्रामीणों का दवा है कि यह एक चमत्कार है। दावा तो ये भी किया जा रहा है की इस पेड़ की परिक्रमा करने से लोगों की बीमारिया ठीक हो रही है। बड़ी संख्या में लोग पेड़ की पूजा अर्चना करने मन्नत मांगने की लिए पहुँच रहे है। एसडीओ फॉरेस्ट एस एल यादव का कहना है कि, ये कोई चमत्कार नहीं है बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। जबलपुर शोध केंद्र को इस मामले की सूचना दे दी गई है |शोध के बाद ही तय होगा की पेड़ से पानी क्यों टपक रहा है।
Dakhal News
मुँह में बिजली का तार लेने से गई जान एक युवक की छोटी सी लापरवाही उसकी जान पर भारी पड गई। युवक ने बिजली का तार छीलने के लिए मुँह में लिया था कि करंट ने उसकी जान ले ली। ये मामला छतरपुर के पीरा गाँव का है। जहाँ 22 वर्षीय युवक गोविंद्र पाल बिजली के पंखे का तार मुँह से छील रहा था। बिजली का एक तार बोर्ड में लगा था तभी अचानक बिजली के तार में करंट आ गया। जिससे युवक के मुंह में करंट लगने से वो जमीन पर गिर गया। युवक को उसके परिजन इलाज के लिए अस्पताल ले गए। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
Dakhal News
सैकड़ों ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे को किया जाम एक बस संचालक ने बेवजह एक ऑटो चालक के साथ मारपीट कर दी। इसके बाद कई लोग ऑटोचालक के पक्ष में सामने आये और बस वाले गुंडागर्दी के खिलाफ चक्का जाम कर दिया। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष ने कलेक्टर को भाजपा का एजेंट बताया। डिंडोरी जिले भुर्सी गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे शहडोल पंडरिया मार्ग पर जाम लगाकर हंगामा किया। जिसकी वजह से वाहनों की लंबी कतार हाइवे के दोनों ओर लग गई। दरअसल एक बस संचालक ने आटो चालक के साथ मारपीट कर दी थी। जब इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे पर चक्काजाम कर दिया और कार्यवाही की मांग करने लगे। मौके पर पुलिस बल तैनात रहा। जहां कलेक्टर विकास मिश्रा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश देते नजर आए लेकिन ग्रामीण कार्यवाही की मांग को लेकर अडे रहे। वही चक्का जाम कर हंगामा कर रहे ग्रामीणों के बीच पहुंचे डिंडोरी जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रेष परस्ते ने डिंडोरी कलेक्टर को भारतीय जनता पार्टी का एजेंट बता दिया। प्रशासन के अनुरोध ग्रामीणों बमुश्किल चक्का जाम ख़त्म किया।
Dakhal News
युवक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल नर्मदा में डूबने से एक 15 वर्षीय युवक की मौत हो गई। युवक की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। मृतक युवक का नाम राज था और वह भील खेड़ी का रहने वाला था। राज नर्मदा नदी में स्नान करने के लिए गया था। तभी अचानक वह गहरे पानी में चला गया। और डूब गया। घटना की जानकारी मिलते ही 108 पर तैनात पायलट नितिन सावले ईएमटी प्रवीण शर्मा ने मौके पर पहुंचकर राज को गंभीर अवस्था में शासकीय अस्पताल खातेगांव पहुंचाया। जहां मौजूद डॉक्टरों ने राज का स्वास्थ्य परीक्षण कर उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया।
Dakhal News
पुलिस ने इन आरोपियों को किया गिरफ्तार सतना में कुछ दरिंदों ने हैवानियत की हदें पार करते हुए एक 6 साल की बच्ची को हवस का शिकार बना डाला पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यह मामला अमरपाटन के ककलपुर गांव का है जहां आरोपी विकास पटेल बच्ची को बहला-फुसलाकर रीवा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया विकास के साथियों ने भी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया घटना के बाद जब मासूम अपने घर ग्राम ककलपुर पहुंची तो उसने परिजनों को जानकारी दी इसके बाद परिजनों ने थाना में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने मुख्य आरोपी विकास पटेल को तो पहले ही गिरफ्तार कर लिया थी अन्य आरोपियों की भी गिरफ़्तारी हो चुकी है।
Dakhal News
महिला एजेंट ने एक युवक पर जताया शक काशीपुर डाकखाने में कलेक्शन के ढाई लाख रुपये जमा कराने कैश काउंटर पर पहुंची महिला एजेंट के रुपये गायब हो गए महिला ने एक युवक पर रुपये गायब करने का शक जताया और पुलिस से शिकायती की। काशीपुर निवासी रजनी सिंघल डाकखाने में एजेंट के रूप में कार्य करती हैं जब वह एक थैले में कलेक्शन किये हुए करीब ढाई लाख रूपये डाकखाने में जमा कराने गई थी इस दौरान उन्होंने रुपयों से भरा थैला डाकखाने के कैश काउंटर पर रख दिया और किसी काम में व्यस्त हो गई इस बीच एक टप्पेबाज ने उनका रुपयों से भरा थैला चुरा लिया रजनी ने पुलिस से इस मामले की शिकायत की रजनी सिंघल ने बताया की मैं डाकखाना ढाई लाख रुपये जमा करने गई थी लेकिन वहां पर मेरे पैसे चोरी हो गए वही इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है बता दें डाकखाने में कोई भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है जबकि डाकखाने में सैकड़ों लोग रोजाना किसी न किसी कार्य से आते है डाकखाना प्रभारी रमेश तिवारी ने बताया कि डाकखाने में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कई बार उच्च स्तर पर लिखित तौर पर मांग की गई लेकिन अभी तक कैमरे को स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है।
Dakhal News
पुलिस ने किया गांजा तस्करों को गिरफ्तार कटनी पुलिस ने गांजे की अवैध तस्करी करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया पुलिस ने आरोपियों के पास से ढाई लाख रुपए का गांजा भी बरामद किया साथ ही पुलिस ने आरोपियों के पास से गांजा तस्करी के उपयोग में लाई गई कार तेरह सौ बीस रूपए नगद व चार मोबाइल फोन भी जब्त किए। एनकेजे थाना प्रभारी नीरज दुबे ने बताया कि हमें सूचना मिली थी की कुछ लोग कार में गांजा रखकर कटनी की ओर आ रहे हैं इलाके की घेराबंदी करके हमने कार की तलाशी ली. तलाशी में कार की डिक्की में 23 किलो चार सौ पचास ग्राम गांजा रखा मिला जिसकी कीमत ढाई लाख रुपए बताई जा रही है नीरज दुबे ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने रमेश उर्फ राहुल पचारिया,गोविन्द पचारिया,महेन्द्र श्रीवास,अमरीश सिंह और हरिशंकर गुप्ता को गिरफ्तार किया नीरज दुबे ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से स्वीफ्ट डिजायर कार, नगदी व चार मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं।
Dakhal News
जब तक मांग पूरी नहीं होगी हड़ताल जारी रहेगी पटवारी संघ अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहा है पटवारी संघ का कहना है की सरकार उनकी बार-बार अनदेखी कर रही है जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तब तक वह हड़ताल करेंगे। पटवारियों ने अपनी वेतन वृद्धि की सहित अन्य मांगों को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा था तिरंगा यात्रा भी निकाली थी लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी है इस वजह से पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं अमरपाटन पटवारी संघ अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिपाठी ने कहा की जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक हमारी यह हड़ताल चलेगी हमने कलमबद्ध हड़ताल शुरू कर दी है साथ ही अमरपाटन तहसील के सभी हल्का पटवारी ने अपने बस्तों को तहसील कार्यालय में जमा कर दिए हैं और सभी राजस्व कार्यो को बंद करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
Dakhal News
सड़कों से सामान हटवाकर चालान भी काटे हाई कोर्ट के आदेश के बाद जहां एक ओर प्रशासन जगह-जगह से अतिक्रमण हटा रहा है तो वही दूसरी ओर त्योहारों का सीजन आते ही व्यापारियों ने सड़कों तक अपनी दुकानें सजा ली है जिससे आने-जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लोगों की शिकायत के बाद प्रशासन ने सड़क से उनकी दुकानें हटवाई और उनका चालान काटा। चौकी प्रभारी संदीप पिलख्वाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने नगर की पुरानी तहसील रोड एवं सब्जी मंडी मार्केट में अवैध रूप से सड़क के बीच लगाए गए ठेलों एवं दुकानों को हटवाया साथ ही सड़क किनारे की नालियों पर दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को भी हटवाया गया इस दौरान नगर की सड़कों पर अवैध अतिक्रमण करने वाले लगभग 30 से 40 अतिक्रमणकारियों के खिलाफ चालान की कार्यवाही भी की गई चौकी प्रभारी संदीप पिलख्वाल ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा अतिक्रमण ना बर्दाश्त किए जाने के निर्देशों एवं खटीमा के उप जिलाधिकारी रविंद्र विष्ट के द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करते हुए नगर की सड़कों से अतिक्रमण हटाने एवं अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ चालान की कार्यवाही करी गई है यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।
Dakhal News
बाघ ने एक व्यक्ति पर हमला किया बाघ के हमले से हुई व्यक्ति की मौत,खटीमा के सुरई वन रेंज संख्या 47 बी में बाघ ने एक व्यक्ति को अपना निवाला बना लिया व्यक्ति की मौत के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वहीं इस घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। मृतक की पहचान हरनंदन के रूप में हुई है हरनंदन और उसकी पत्नी नानी देवी घास लेने के लिए जंगल में गए हुए थे इस दौरान बाघ ने हरनंदन पर हमला कर दिया और उसे खींचते हुए झाड़ियों की तरफ ले गया नानी देवी के शोर मचाने पर स्थानीय लोग एकत्रित हुए और घटना की सूचना वन विभाग की टीम को दी घटना की सूचना मिलते ही.. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने लगभग 25 राउंड हवा में फायर कर बाघ के कब्जे से व्यक्ति को छुड़वाया लेकिन तब तक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी वन विभाग की टीम ने शव को कब्जे में लेकर पुलिस के साथ मिलकर पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया एसडीओ संतोष पंत ने कहा की हमारे द्वारा लगातार उस क्षेत्र में जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि जंगल में अकेले न जाएं।
Dakhal News
कलयुगी पुत्र ने माँ के साथ पैसे को लेकर मारपीट की त्रेतायुग में एक बेटा था श्रवण कुमार जिसने अपने अंधे माता-पिता की सेवा की और वही कलियुग में एक बेटा है जिसने अपनी माँ को इतना मारा की अस्पताल में उसकी मौत हो गई और इस कलयुगी कुपुत्र ने माँ को सिर्फ इसलिए मारा क्योंकि उस बुजुर्ग माँ ने उसे वृद्धावस्था पेंशन का पैसा देने से इनकार कर दिया था। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला। दिल दहला देने वाला यह मामला अमरपाटन के सोनौरा गांव का है और इस मृत महिला का नाम छोटी बाई कोल है और उसके इस बेटे का नाम बेटे का नाम गोपाली कोल है। बताया जा रहा है की छोटी बैंक से वृद्धावस्था पेंशन का पैसा लाई थी। जब उसके बेटे गोपाली कोल को इस बारे में पता चला तो उसने माँ से पैसे मांगे। माँ ने मना किया तो गोपाली ने उनके साथ मारपीट की और उसे घसीट-घसीट कर इतना मारा की अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक छोटी बाई की बेटी बेबी ने बताया की उसके भाई गोपाली ने पेंशन के रुपए को लेकर मां के साथ मारपीट की थी। पैसे नहीं देने पर उसने मां की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
Dakhal News
वीडियो में स्कूली छात्र एक-दूसरे से लड़ाई कर रहे छतरपुर से स्कूली छात्रों की लड़ाई का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसके बाद लोग यह सवाल उठा रहे हैं की शिक्षा मंदिर में सरेआम ऐसी घटनाएं हो रही है तो स्कूल प्रबंधन क्या कर रहा है। यह दोनों वीडियो शासकीय स्कूल हटवारा के हैं वीडियो में साफ़ दिख रहा है की कैसे यह छात्र एक-दूसरे की जान के दुश्मन बन बैठे हैं और कैसे यह स्कूल प्रबंधन की नाक के नीचे स्कूल को जंग का मैदान बना रहे हैं।
Dakhal News
जंगली हाथी पहुंचा रहे फसलों को भारी नुकसान राजाजी नेशनल पार्क व लच्छीवाला रेंज से सटे बुल्लावाला गांव में किसान परेशान हैं और उनकी परेशानी की वजह है जंगली हाथियों का झुण्ड जिन्होंने किसानों की सारी फसलों को रोंद दिया है। किसान बरसात अली ने कहा की हमारी फसलों का नुकसान लगातार हो रहा है लेकिन वन विभाग के अधिकारी बार-बार शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं कर रहे हैं 7-8 हाथी डेली आते हैं गन्ने और धान की फसल को नुकसान पहुंचा कर चले जाते हैं देर रात भी हाथियों के झुंड ने गन्ने व धान की लगभग 25 बीघा खेती को पूरी तरह रौंद दिया और किसानों की आजीविका के मुख्य स्त्रोत खेती को बर्बाद कर दिया यहां के किसान केसीसी कार्ड पर बैंकों से लोन लेकर फसलों को उगाते हैं ऐसे में अब इन किसानों के सामने यह कर्ज़ चुकाना भी मील का पत्थर साबित होगा पहले भी वन विभाग को शिकायत की गई है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई वही किसान हाजी नासिर अली ने कहा की सभी किसानों की फसलों को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है वन विभाग आंख मूंदकर सोया है सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
Dakhal News
एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री शिवराज का पुतला फूंका सिंगरौली जिले के सरई में कांग्रेस का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिला अध्यक्ष ज्ञानेंद्र द्विवेदी की अध्यक्षता में मण्डलम् सेक्टर, पदाधिकारियों को ट्रेनर राम शंकर मिश्रा के ने प्रशिक्षण दिया। जिसके बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला फूंका। मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रही कांग्रेस पार्टी अब अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करवा रही है। सरई में ट्रेनर राम शंकर मिश्रा ने कांग्रेस पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया। जिसके बाद कांग्रेस के कार्यकर्त्ता पूरे जोश में नज़र आए एन एस यू आई ने तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला फूँक दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि एन एस यू आई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के साथ जो बर्बरता हुई है। उसके खिलाफ पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज का पुतला फूंका जा रहा है। अपने खिलाफ विरोध के स्वर को दबाने के लिए शिवराज सरकार आंदोलनकारियों का दमन कर रही है
Dakhal News
जंगली हाथी पहुंचा रहे फसलों को भारी नुकसान राजाजी नेशनल पार्क व लच्छीवाला रेंज से सटे बुल्लावाला गांव में किसान परेशान हैं और उनकी परेशानी की वजह है। जंगली हाथियों का झुण्ड जिन्होंने किसानों की सारी फसलों को रोंद दिया है। किसान बरसात अली ने कहा की हमारी फसलों का नुकसान लगातार हो रहा है। लेकिन वन विभाग के अधिकारी बार-बार शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं कर रहे हैं। 7-8 हाथी डेली आते हैं। गन्ने और धान की फसल को नुकसान पहुंचा कर चले जाते हैं। देर रात भी हाथियों के झुंड ने गन्ने व धान की लगभग 25 बीघा खेती को पूरी तरह रौंद दिया और किसानों की आजीविका के मुख्य स्त्रोत खेती को बर्बाद कर दिया। यहां के किसान केसीसी कार्ड पर बैंकों से लोन लेकर फसलों को उगाते हैं। ऐसे में अब इन किसानों के सामने यह कर्ज़ चुकाना भी मील का पत्थर साबित होगा। पहले भी वन विभाग को शिकायत की गई है। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। वही किसान हाजी नासिर अली ने कहा की, सभी किसानों की फसलों को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है। वन विभाग आंख मूंदकर सोया है। सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
Dakhal News
शराब बिक्री के खिलाफ युवाओं का प्रदर्शन डिंडोरी में नर्मदा के आस-पास हो रही अवैध शराब बिक्री के खिलाफ युवाओं ने अपना मोर्चा खोल दिया है शहर के कई युवाओं ने एडिशनल एस पी को ज्ञापन सौंपकर इसपर रोक लगाने की मांग की है। मधुर जैन ने बताया कि वर्ष 2017 में नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा नदी किनारे से पाँच किलोमीटर दूर तक शराब दुकान खोलने पर प्रतिबंध लगाया है इसके बाद भी नगर में बेख़ौफ़ शराब माफिया अवैध शराब का कारोबार कर रहे हैं नर्मदा नदी के पास मुख्य बस स्टैंड में मीट मार्केट संचालित हो रहा है जिसकी गंदगी से नर्मदा प्रदूषित हो रही है पुलिस कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है अगर शीघ्र ही अवैध शराब कारोबार पर लगाम नही लगती है तो फिर युवा संगठन नगर बंद करवाएगा ज्ञापन सौपने के दौरान राजेन्द्र सिंह,राकेश परस्ते,महेंद्र सिंह,नरेंद्र,सागर,सूरज प्रसाद सहित युवा मौजूद रहे।
Dakhal News
स्कूटी पाकर टॉपर छात्र के चेहरे पर ख़ुशी मुख्यमंत्री स्कूटी योजना के तहत मध्यप्रदेश सरकार कक्षा बारहवीं में टॉप करने वाले बच्चों को स्कूटी प्रदान कर रही है शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिद्दीक़ गंज के टॉपर छात्र को भी स्कूटी दी गई इस दौरान विधायक रघुनाथ सिंह भी मौजूद रहे। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिद्दीकगंज में बारहवीं में टॉप करने वाले छात्र के चेहरे पर उच्चतम अंक लाने का गौरव है तो साथ में स्कूटी पाने की ख़ुशी भी साफ़ झलक रही है मुख्यमंत्री स्कूटी योजना के तहत जब विद्यार्थी को सम्मानित किया गया तो साथ में क्षेत्र के विधायक रघुनाथ सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर,स्कूल प्राचार्य शिवलाल खारतीय,सरपंच महेंद्र काजले और समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
Dakhal News
खेती योग्य भूमि का भारी मात्रा में हुआ कटाव अत्यधिक बारिश के कारण भगवानपुर की सोलानी नदी में बाढ़ आ गई थी और बाढ़ का पानी किसानों के खेतों तक पहुंच गया था जिसकी वजह से खेती योग्य भूमि का भारी मात्रा में कटाव हो चुका है और यदि ऐसे ही नदी का पानी खेतों में आता रहा तो .खेती योग्य जमीन बचेगी ही नहीं इन्ही सब समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने भगवानपुर एसडीएम को ज्ञापन दिया और तटबंध के निर्माण की मांग की। ग्रामीण रविंद्र सैनी बताया कि इस बार भारी बारिश से सोलानी नदी के तेज बहाव में खेती की भूमि का भारी मात्रा में कटाव हो चुका है जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है रविंद्र सैनी ने कहा कि यदि जल्द ही तटबंध नहीं बना तो आने वाले समय में भारी मात्रा में सोलानी नदी के पानी से भूमि कटाव हो जायेगा जिससे खेती की भूमि पूर्ण रूप से खत्म हो जाएगी ग्राम प्रधान सुशील कुमार ने बताया कि पानी के तेज बहाव से अभी तो ग्रामीणों की फसलों का नुकसान हुआ है यदि गांव की तरफ तटबंध का निर्माण नहीं हुआ तो गांव वालों को भी खतरा हो सकता है। वही भगवानपुर एसडीएम जितेंद्र कुमार ने कहा की सिसौना के ग्रामीणों ने ज्ञापन दिया है जिसमे तटबंध की मांग की गई है ज्ञापन को संबंधित अधिकारियों को भेज दिया जायेगा।
Dakhal News
बदमाश के पास से चाकू व मोटरसाइकिल जब्त की सरेआम चाकू लहराना एक बदमाश को भारी पड़ गया पुलिस ने बदमाश के गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया एनकेजे थाना प्रभारी नीरज दुबे ने बताया की हमें सूचना मिली थी की एक व्यक्ति सुरकी टैंक के पास चाकू लहरा रहा है सूचना के आधार पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची पुलिस को देखते ही युवक ने भागने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया पुलिस ने घेराबंदी कर युवक को गिरफ्तार किया है युवक के पास से एक धारदार चाकू व एक मोटरसाइकिल बरामद की गई थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी के विरुद्ध कटनी के अन्य थानों में भी कई मामले दर्ज है।
Dakhal News
माँ शारदा की नगरी में कवियों ने काव्य पाठ से जीता दिल मैहर के सारना पैलेस में भारत विकास परिषद के तत्वाधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन में देश के कई नामचीन कवियों ने अपनी प्रस्तुति दी और अपने काव्य पाठ से श्रोताओं का दिल जीत लिया। मौका था अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का मैहर का सारना पैलेस दर्शकों से खचाखच भरा रहा। अशोक भाटी, मुन्ना बैटरी, एकता भारती, कमाल अग्नि, प्राची मिश्रा ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को खूब लुभाया और लोगों की तालियां बटोरी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद गणेश सिंह मौजूद रहे।
Dakhal News
रहवासियों ने थाने के सामने धरना देकर किया प्रदर्शन नेमावर में खुलेआम बिक रही शराब के खिलाफ रहवासियों ने अपना मोर्चा खोल दिया है बड़ी संख्या में रहवासी थाने पहुंचे और थाने के सामने नारेबाजी करते शराब की दुकानों को बंद करने की मांग की रहवासियों ने थाना प्रभारी सुरेखा निमोदा से मिलकर अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग की और उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि नेमावर में जगह-जगह पर शराब की ब्रिकी हो रही है जिस पर तत्काल रोक लगाई जाए पूर्व आदिवासी महिला सरपंच केशरबाई ने बताया की शराब की दुकान बंद करने के मामले में आबकारी विभाग द्वारा दिखावे की कार्यवाही की जाती है शराब माफिया कार्यवाही होने के तुरंत बाद वापस शराब विक्रय करना शुरू कर देते है उन्हें कानून का भय है ही नही है जब मुख्यमंत्री ने नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान नर्मदा नदी के दोनों किनारों से 5 किलोमीटर की दूरी पर शराब बिक्री पर रोक लगाई फिर 5 किलोमीटर के दायरे में गली गली में अवैध कच्ची पक्की शराब खुलेआम कैसी ओर किसके इशारे पर बिक रही है ग्रामीणों ने कहा की शराब की वजह से हर घर लड़ाई हो रही है यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो हम आंदोलन करेंगे।
Dakhal News
अस्पताल में इलाज के दौरान मौत परिजनों ने लगाया पुलिस पर आरोप करवाई की होती तो यह नहीं होता,बीजेपी कार्यकर्ता से परेशान होकर आत्मदाह करने पर बुजुर्ग की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई मृतक के परिजनों ने इस घटना के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया परिजनों ने कहा की यदि पुलिस सही समय पर इस मामले में कार्यवाही कर लेती तो आज यह हादसा नहीं होता। यह मामला छतरपुर का है मृतक हरेश चौरसिया महाराजपुर में फल का ठेला लगाता था उसी की दुकान के पास ही लेखराम सेन भी ठेला लगाता था. कुछ समय पहले लेखराम ने हरेश से कुछ फल खरीदे थे लेकिन वो इसके पैसे नहीं दे रहा था बार-बार पैसे मांगने पर भी लेखराम कोई न कोई बहाना बनाकर हरेश के पैसे नहीं दे रहा था इसी को लेकर इनका आपस में विवाद बढ़ गया मरने से पहले घायल हरेश ने बताया था कि लेखराम सेन, कपिल सेन और रिंकू सेन ने इसे काफी प्रताड़ित किया इस मामले की शिकायत उसने पुलिस में भी करनी चाही लेकिन लेखराम बीजेपी कार्यकर्ता है इसलिए पुलिस ने उसकी नहीं सुनी जिससे तंग आकर इसने आग लगा ली। वही अब मृतक के परिजनों का आरोप है की यदि पुलिस ने सही कार्रवाई की होती तो शायद हरेश चौरसिया आत्मदाह नही करते और आज वह हमारे बीच होते वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृतक के परिजनों की शिकायत के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
Dakhal News
चंद्रयान को लेकर उत्साहित थे बच्चे चंद्रयान की चन्द्रमा पर लैंडिंग के नज़ारे को बच्चों ने अपने स्कूल में देखा जैसे ही चंद्रयान चन्द्र्मा पर पहुंचा उस दौरान स्कूल में उत्सव सा माहौल देखने को मिला चंद्रयान 3 की लेंडिंग का सीधा प्रसारण अमरपाटन के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सीएम राईज स्कूल में देखा गया जहां पर स्कूली छात्र छात्राओं सहित शिक्षक मौजूद रहे चंद्रयान की इस सफल लैंडिंग के बाद सभी लोग उत्साहित नजर आये चंद्रयान की सफल लेंडिंग के साथ ही भारत माता की जय से स्कूल गूंज उठा।
Dakhal News
कहीं पटाखे चले,कहीं मिठाइयां बंटी जैसे ही चंद्रयान चन्द्रमा पर उतरा मैहर के घंटाघर पर भाजपा ने जमकर जश्न मनाया ढोल नगाड़े बजाये गाये तो पटाखे भी चलाये गए उसके बाद सभी को मिठाइयां खिलाई गईं चंद्रयान के चांद पर पहुँचते ही मैहर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पटाखे चलाये और एक दूसरों को मिठाई खिलाकर इस ऐतिहासिक दिन का जश्न मनाया इस मौके पर उत्तर प्रदेश उन्नाव जिले के बागरमऊ विधानसभा के विधायक श्रीकांत कटियार भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य श्रीकांत चतुर्वेदी ने भी इस ऐतिहासिक पल का आनंद लिया।
Dakhal News
भाजपा नेताओं ने आतिशबाजी कर मिठाई बांटी चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है चंद्रयान-3 की इस सफलता का जश्न पूरे देश ने मनाया। देहरादून में भी भाजपा नेताओं ने चंद्रयान-3 की सफलता का धूमधाम से जश्न मनाया भाजपा नेताओं ने आतिशबाजी कर मिठाई वितरित की और एक-दूसरे को इस ऐतिहासिक जीत की शुभकामनाएं दी साथ ही उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों का भी धन्यवाद किया इस अवसर पर प्रदेश संगठन मंत्री अजय कुमार, देहरादून महापौर सुनील उनियाल गामा सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
Dakhal News
मूलभूत सुविधाएं और छात्रवृत्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन छात्र संगठन एनएसयूआई ने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं की मुख्य मांगों को लेकर महाविद्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया एनएसयूआई ने आरोप लगाया की हाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है साथ ही छात्र-छात्राओं की 2 साल की छात्रवृत्ति भी रुकी हुई है एनएसयूआई ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा एसडीएम की समझाइश के बाद यह प्रदर्शन रुका। एनएसयूआई अध्यक्ष कौशलेंद्र सिंह ने कहा की शासकीय महाविद्यालय अमरपाटन में विद्यार्थियों के लिए मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है 2 साल से छात्रों को छात्रवृत्ति तक नहीं मिल रही है यहाँ न पीने के पानी की व्यवस्था है न ही बाथरूम है और न ही शौचालय है कौशलेंद्र सिंह ने कहा की यहाँ पर कई ऐसे निजी कॉलेज हैं जो छात्रों को फर्जी डिग्री दे रहे हैं उनकी डिग्री कोई काम नहीं आ रही है महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष और महा विद्यालय प्राचार्य दोनों मिलकर महाविद्यालय को बदनाम कर रहे हैं यहाँ पर कई घोटाले हुए हैं एनएसयूआई ने एसडीएम आरती यादव को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
Dakhal News
पिता ने लगाया युवक के दोस्तों पर हत्या का आरोप अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गए युवक की पानी में तैरती हुई लाश मिली परिजनों ने युवक के शव को लेने से मना करते हुए युवक के दोस्तों पर हत्या का आरोप लगाया युवक के पिता ने कहा की उनके बेटे के मुँह से खून निकला था और उसका पूरा शरीर नीला पड़ा था जबकि उसे कोई चोट नहीं लगी थी पिता ने कहा की उनके बेटे को जहर देकर मारा गया है जब तक मामले की जांच नहीं होगी वह शव नहीं लेंगे। यह पूरा मामला मैहर का है जहाँ पटेहरा निवासी 19 वर्षीय युवक कपिल दहिया अपने दोस्तों के साथ बर्थडे मनाने गया था जब वह घर वापस नहीं लौटा तो उसके परिजनों ने उसके दोस्तों से पूछताछ की उसके दोस्तों ने भी कोई सटीक जवाब नहीं दिया जिसके बाद कपिल के परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई पुलिस ने जब सख्ती से कपिल के दोस्तों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया की हम पिकनिक मनाने गए थे पुलिस ने पिकनिक स्पॉट में काफी खोजबीन की लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी लेकिन जब एनडीआरएफ टीम पानी में गई तो उन्हें तैरती हुई युवक की लाश मिली कपिल के पिता ने कहा की कपिल के दोस्तों ने हमें गुमराह किया था वह पूरी रात हमें इधर-उधर की बातों में उलझाते रहे जब हमने पुलिस में शिकायत की तब उन्होंने कुछ जानकारियां दी पुलिस ने भी खोजबीन की कुछ नहीं मिला तो फिर पानी में एनडीआरएफ की टीम को उतारा गया जिसके बाद कपिल की बॉडी मिली...इन आरोपियों की तरफ से हमें धमकी दी जा रही है जब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं होती है तब तक हम डेड बॉडी नहीं लेंगे।
Dakhal News
हिमांशु जोशी ने कहा प्रशासन लोगों की मदद करेगा पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर है। कई जगहों पर बाढ़ आ गई है। जिसकी वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। शासन-प्रशासन की तरफ से रहवासियों की हर संभव मदद की जा रही है। खटीमा तहसीलदार ने बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि वितरित की। खटीमा तहसीलदार हिमांशु जोशी ने बताया की बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि दी गई है और जिस परिवार का मकान आपदा के कारण ग्रसित हो गया था। उस परिवार को एक लाख 20 हजार की मकान की सहायता राशि प्रदान की गई। प्रशासन आपदा पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तैयार है
Dakhal News
भाजपा नेता नंदन सिंह ने बाटें पौधे उत्तराखंड में जीवन ज्योति ट्रस्ट ग्रामीण इलाकों में फलदार पौधे बांट कर पौधा रोपण का काम कर रहा है भाजपा नेता नंदन सिंह खड़ायत के मुख्य आतिथ्य में ऐसा ही आयोजन किया गया जहाँ खड़ायत ने कहा फलदार वृक्षों से पर्यावरण स्वच्छ रहेगा बल्कि इससे किसानों को भी लाभ मिलेगा। खटीमा के ग्राम बरी अंजनिया में उत्तरांचल जीवन ज्योति ट्रस्ट ने पौधरोपण किया इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपा नेता नंदन सिंह खड़ायत मौजूद रहे .खड़ायत ने कहा कि सरकार के वृक्षारोपण कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए संस्था का यह शानदार कदम है अब तक मंडी समिति की तरफ से आठ सौ से ज्यादा वृक्ष दिए जा चुके हैं जिसमे नींबू, आम, अमरूद, कटहल जैसे फलदार वृक्ष शामिल है खड़ायत ने कहा फलदार वृक्षों से पर्यावरण स्वच्छ रहेगा और इससे किसानों को भी लाभ मिलेगा संस्था के अध्यक्ष ईश्वर सिंह ने बताया कि उत्तरांचल जीवन ज्योति ट्रस्ट का उद्देश्य नागरिको को पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना है।
Dakhal News
किसानों ने मुआवजे की मांग की अतिवृष्ट से प्रभावित हुई फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए किसानों ने मुआवजे की मांग की किसानों ने मुख्यमंत्री से गुजरात की तर्ज पर एमएसपी कानून लागू किए जाने के साथ किसानों को राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली अनुदान राशि की सीमा दस हजार रुपए प्रति बीघा किए जाने की मांग को दोहराया हरिद्वार में लगातार बरसात होने के कारण अतिवृष्टि से प्रभावित हुए किसानों ने फसलों के नुकसान की भरपाई की मांग की है किसानों ने उत्तराखंड राज्य में एमएसपी कानून शीघ्र लागू किए जाने की मांग को लेकर नुक्कड़ बैठक आयोजित की भारतीय किसान यूनियन वेलफेयर फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा राष्ट्रीय महामंत्री पूर्व मंडी अध्यक्ष संजय चोपड़ा और राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण शर्मा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से ऑनलाइन ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर .. गुजरात की तर्ज पर एमएसपी कानून लागू किए जाने की मांग की।
Dakhal News
पटवारियों ने अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग के लिए काम करने वाले 19 हजार पटवारियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया इसी कड़ी में अमरपाटन में पटवारी संघ ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा 26 अगस्त को पटवारी भोपाल आएंगे अटल पथ से मुख्यमंत्री निवास तक रैली निकालेंगे। अमरपाटन पटवारी संघ अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिपाठी ने बताया की पटवारी संघ के आव्हान पर 22 अगस्त को सभी पटवारी शासकीय व्हाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट करेंगे यानी शासन का आदेश मानने से इनकार करेंगे और 23 अगस्त से हड़ताल पर चले जाएंगे राजेन्द्र त्रिपाठी ने बताया की हम लोगों को बहुत बार सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया की हमारी मांगे मानी जाएगी लेकिन इसके बावजूद भी हमारी कोई भी मांगे नहीं मानी गई हम लोगों से 51 विभागों की सेवा ली जाती है लेकिन हमें वेतन बहुत कम दिया जाता है यदि अब हमारी मांगे नहीं मानी गई तो हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।
Dakhal News
पटवारियों ने अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग के लिए काम करने वाले 19 हजार पटवारियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया इसी कड़ी में अमरपाटन में पटवारी संघ ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा 26 अगस्त को पटवारी भोपाल आएंगे अटल पथ से मुख्यमंत्री निवास तक रैली निकालेंगे। अमरपाटन पटवारी संघ अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिपाठी ने बताया की पटवारी संघ के आव्हान पर 22 अगस्त को सभी पटवारी शासकीय व्हाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट करेंगे यानी शासन का आदेश मानने से इनकार करेंगे और 23 अगस्त से हड़ताल पर चले जाएंगे राजेन्द्र त्रिपाठी ने बताया की हम लोगों को बहुत बार सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया की हमारी मांगे मानी जाएगी लेकिन इसके बावजूद भी हमारी कोई भी मांगे नहीं मानी गई हम लोगों से 51 विभागों की सेवा ली जाती है लेकिन हमें वेतन बहुत कम दिया जाता है यदि अब हमारी मांगे नहीं मानी गई... तो हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।
Dakhal News
सकरे मार्ग पर अनियंत्रित होने से गिरी थी बस गंगोत्री धाम से गुजरात के श्रद्धालुओं को लेकर लौट रही बस के खाई में गिरने से हुए हादसे के कारणों के बारे में पुलिस ने बताया है पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि तेज गति के कारण बस के अनियंत्रित होने से ये हादसा हुआ था इसी के तहत बस चालक के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम से गुजरात के श्रद्धालुओं को लेकर लौट रही बस के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण उसकी तेज गति थी जिसके लिए चालक के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी के पास बस अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई थी जिसमें सवार गुजरात के सात तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गयी थी जबकि 28 अन्य घायल हो गए थे घायलों में बस का चालक और परिचालक दोनों शामिल हैं उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि प्रथम दृष्टया चालक तेज गति से गाड़ी चला रहा था और इसी कारण यह हादसा हुआ यदुवंशी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि तेज रफ्तार बस को गंगनानी के संकरे मार्ग पर मोड़ने का चालक को बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाया और वह सीधे गहरी खाई में गिर गई।
Dakhal News
मां ने पुलिस पर लगाए पैसे मांगने के आरोप नाबालिग लड़की के 15 अगस्त से लापता होने के बाद से उसके बारे में किसी भी तरह की सूचना न मिलने पर थाने पहुंची मां और पुलिसकर्मियों के बीच विवाद हो गया मां ने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि बच्ची की तलाश के लिए पुलिसकर्मी पैसे की डिमांड कर रहे हैं। उधमसिंह नगर के दिनेशपुर थाना परिसर में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब ग्रामीण महिला अपनी नाबालिग बच्ची की तलाश कराने के लिए पुलिस के पास थाने पहुंची इस बीच थाना परिसर में किसी बात को लेकर पुलिसकर्मियों और ग्रामीण महिलाओं के बीच कहासुनी हो गई देखते ही देखते पुलिसकर्मियों एवं ग्रामीण महिलाओं के बीच धक्का मुक्की होने लगी बड़ी मुश्किल से थाना अध्यक्ष अनिल उपाध्याय ने मामले को शांत कराया इस दौरान ग्रामीण महिलाओं ने पुलिस के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी नाबालिक लड़की 15 अगस्त से गायब है लेकिन पुलिस ढूंढने का प्रयास नहीं कर रही है लड़की ढूंढने के नाम पर पुलिस पैसे की डिमांड कर रही है इस मामले पर थानाध्यक्ष अनिल उपाध्याय ने कहा कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है | पुलिस की टीमें गठित कर दी गई है जल्द ही लड़की को बरामद कर लिया जाएगा।
Dakhal News
बीमार गाय के दूध से बना था प्रसाद गाय की मौत होने पर लोगों में मचा हड़कंप,कुछ महीने पहले गाय को एक कुत्ते ने काट लिया था कुत्ते के काटे जाने से गाय बीमार रहती थी.. इस बीच बीमार गाय की दूध का इस्तेमाल आस पास के घरों में हुई पूजा के दौरान किया गया था पशु चिकित्सक से गाय की जांच कराने के बाद चला कि गाय को रेबीज हुआ है रेबीज होने से उसकी मौत हो गई है जिसकी जानकारी मिलने पर गांव हड़कंप मच गया इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने सभी लोगों से एहतियात के तौर पर रेबीज का इंजेक्शन लगवाने की अपील की है। उधम सिंह नगर के अरविंद नगर में गाय को लगभग दो से ढाई महीने पहले एक कुत्ते ने काट लिया था कुत्ते के काटे जाने के कुछ समय बाद से ही गाय बीमार रहने लगी थी जब गाय की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो पशु चिकित्सक को बुलाया गया गाय के लक्षण देखकर पशु चिकित्सक ने गाय को रेबीज होने की आशंका जताई इस बीच गांव के दो घरों में पूजा संपन्न हुई थी जिसमें इसी गाय के दूध से प्रसाद बनाया गया था उस प्रसाद को सैकड़ों लोगों ने ग्रहण भी किया था इस दौरान गाय की मृत्यु हो जाने के बाद प्रसाद खाने वाले लोगों में हड़कंप मच गया तत्काल ग्राम प्रधान पति पंकज बसु ने इसकी सूचना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक को दी चिकित्सक ने प्रसाद खाने वाले सभी लोगों को रेबीज के इंजेक्शन लगाए जाने की सलाह दी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अभिलाषा सिंह ने कहा कि 124 लोगों को रेबीज के इंजेक्शन लगाए गए वहीं एहतियातन जिन लोगों ने भी गाय के दूध से बने प्रसाद को ग्रहण किया है उनसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर रेबीज के इंजेक्शन लगाए जाने के लिए अपील की जा रही है।
Dakhal News
पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है छतरपुर में भाजपा नेता पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह गुड्डू के नेतृत्व में कावड़ यात्रा छतरपुर से जटाशंकर धाम के लिए निकली थी तभी रास्ते में कावड़ यात्रा में शामिल एक बुजुर्ग की संदिग्ध परिस्तिथियों में मौत हो गई बुजुर्ग के परिजनों ने एक्सीडेंट से मौत होने का शक जाहिर किया है। भाजपा नेता पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह गुड्डू की कावड़ यात्रा में शामिल बुजुर्ग का नाम घासीराम अहिरवार था जिसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई घासीराम के परिजनों ने आरोप लगाया की उनकी मौत किसी एक्सीडेंट की वजह से होने की आशंका है वही पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
Dakhal News
यातायात नियमों को तोड़ने पर कटे चालान यातायात सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यातायात पुलिस ने अभियान चलाया इस दौरान बिना हेलमेट पहने शराब पीकर और बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां चलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। काशीपुर में यातायात व्यवस्था को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजु नाथ टी सी के आदेश पर चेकिंग अभियान चलाया गया अभियान के दौरान यातायात प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र सिंह मेहरा ने यातायात पुलिस के साथ मिलकर बिना नम्बर प्लेट की 74 गाड़ियों का चालान, तीन चालान शराब का सेवन करते हुए गाड़ी चलाने पर 41 चालान बिना हेलमेट के कारण काटे गए चेकिंग अभियान के बारे में जानकारी देते हुए प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र सिंह मेहरा ने बताया कि समय समय पर उच्च अधिकारी के आदेश पर यातायात सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कार्यवाही की जाती रहती है शहर में फ़्लाई ओवर के काम चलने के कारण आये दिन जाम लगने की समस्या बनी रहती है जिससे आए दिन दुर्घटनाएं भी होती है इसलिए चेकिंग अभियान चलाकर चोरी हुए वाहन भी पकड़ मे आ रहे हैं और आगे भी इसी तरह की कार्यवाही को अमल में लाया जाता रहेगा।
Dakhal News
पुलिस ने ड्रग्स तस्कर को किया गिरफ्तार तस्कर के पास से करोड़ों की ड्रग्स जब्त,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ड्रग फ्री देवभूमि अभियान का सपना पूरा करने में प्रशासन कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा है इस अभियान के तहत नशे की अवैध तस्करी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है इसी कड़ी में पुलिस एवं एसओजी की टीम ने नेपाल सीमा के पास एक स्मैक तस्कर को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया की शाहजहांपुर निवासी जागेश्वर दयाल को छह सौ पचास ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया है सख्ती से पूछताछ करने पर जागेश्वर ने बताया की वह अपने भाई के साथ हरदोई में स्मैक खुद घर में मैन्युफैक्चर करता था फिर उसे बेचने का कारोबार करता था पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा ने बताया की पकड़ी गई स्मैक को बेचने के लिए यह नेपाल ले जा रहा था उसी दौरान इसे गिरफ्तार किया गया है अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्मैक की कीमत बहुत ज्यादा है और जो स्मैक पकड़ी गई है उसकी कीमत एक करोड़ से ज्यादा है पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा ने कहा की इस सराहनीय कार्य के लिए पुलिस एवं एसओजी की संयुक्त टीम के लिए इनाम की घोषणा की गई है।
Dakhal News
3 मवेशी जिंदा जले और 2 मवेशी घायल हुए एक गौशाला में आग लगने की वजह से दर्दनाक हादसा हो गया आग की चपेट में 5 मवेशी आ गए जिनमें से 3 मवेशियों की मौत हो गई व 2 मवेशी घायल है जिनका इलाज चल रहा है। यह मामला बड़कोट का है जहाँ डख्याट गांव के निकट स्थित गौशाला में अचानक आग लग गई इस आग की चपेट में एक बैल और दो गाय आ गई जिनकी मौके पर ही मौत हो गई वही आग की वजह से एक भैंस और एक बेल भी घायल हो गए .ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
Dakhal News
बोलेरो कार दुर्घटना का शिकार हो गई मसूरी से देहरादून जा रही एक बोलेरो कार दुर्घटना का शिकार हो गई बोलेरो कार के अंदर ड्राइवर रातभर फंसा रहा सुबह सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने चालक को बाहर निकाला। यह हादसा गलोगी धार के पास हुआ हादसे की सूचना वहां रह रहे मजदूरों ने स्थानीय निवासी गौरव रावत को दी जिसके बाद गौरव ने अन्य ग्रामीणों के साथ आकर बोलेरो में फंसे ड्राइवर को बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने घायल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गौरव रावत ने बताया की मुझे मजदूरों द्वारा फोन पर सूचित किया गया था कि एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके बाद मैंने अन्य लोगों के साथ आकर ड्राइवर को बाहर निकाला।
Dakhal News
भूवैज्ञानिक की टीम ने क्षेत्र का लिया जायजा पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से अचानक हो रहे भूस्खलन के चलते क्षेत्र का जायजा लेने के लिए भू वैज्ञानिक की टीम मौके पर पहुंची टीम के साथ जिलाधिकारी नवनीत पांडे भी मौजूद रहे उन्होने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उत्तराखंड के चंपावत में भारी बारिश के चलते पूर्णागिरि धाम को टनकपुर क्षेत्र से जोड़ने वाले मार्ग पर भूस्खलन हो गया है..भूस्खलन का जायजा लेने के लिए भू वैज्ञानिकों की टीम के साथ जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने क्षेत्र का दौरा किया इस दौरान जिलाधिकारी ने माता पूर्णागिरी के दर्शन कर प्रदेश वासियों के लिए मंगल कामना की जिलाधिकारी ने मंदिर समिति के सदस्यों के साथ पैदल निरीक्षण कर क्षेत्र की समस्याओं को जाना मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी ने जिलाधिकारी का स्वागत कर उन्हें क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया और क्षेत्र में होने वाली पेयजल समस्या एवं स्वास्थ्य समस्याओं के निदान की मांग की इस दौरान जिलाधिकारी ने समस्याओं के निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए।
Dakhal News
आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हुआ काशीपुर के सर्जिकल गोदाम में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई यह आग देखते ही देखते गोदाम में फ़ैल गई जिससे गोदाम में रखा लाखों का माल भी आग की चपेट में आ गया और पूरी तरह से जलकर खाक हो गया अचनक सर्जिकल गोदाम में आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है गोदाम मालिक जितेन्द्र गोयल को इस बारें में तब पता चला जब वह दुकान से सामान निकालने गए थे मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया आग से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है तहसीलदार यूसुफ अली ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना किया उसके बाद उन्होंने रिपोर्ट बनाकर उप जिलाधिकारी को भेज दी।
Dakhal News
दूल्हे की तरह बग्गी मे बैठाकर उन्हें विदाई दी गई छतरपुर में एक टीआई को दूल्हे की तरह सजाकर और बग्गी मे बैठाकर इस तरह से विदाई दी गई की लोग देखते ही रह गए। चलिए आपको बताते हैं। दूल्हे की तरह सजने वाले टीआई के बारे में। दूल्हे की तरह सजने वाले यह टीआई के के खनेजा हैं। जो कि बड़ा मलहरा थाने में पदस्थ थे। अब उनका ट्रांसफर टीकमगढ़ जिला में हो गया है। उनके साथियों ने उन्हें इस तरह से विदाई दी की जिसकी चर्चा चारों ओर हो रही है। टीआई केके खनेजा को पहले दूल्हे की तरह सजाया गया। फिर उनका फूल माला से स्वागत किया गया और फिर डीजे पर देश भक्ति के गानो पर विदा हो रहे टीआई ने थाने के स्टाफ के साथ जमकर डांस किया। आपको बता दें केके खनेजा सिर्फ 11 महीने ही बड़ा मलहरा थाने में पदस्थ रहे। लेकिन उन्होंने अपने काम के जरिये सभी का दिल जीत लिया। विधानसभा चुनाव की वजह से उनका ट्रांसफर टीकमगढ़ में किया गया है।
Dakhal News
पुलिस कर रही है इस मामले की जाँच-पड़ताल नदी किनारे पुल के नीचे अज्ञात शव मिलने से इलाके में सनसनी फ़ैल गई पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर दफ़न कर दिया। यह मामला छतरपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र का है जहाँ उमरिया गांव में उमि॔ल नदी के किनारे पुल के नीचे एक अज्ञात मिलने से सनसनी फ़ैल गई पुलिस को इस मामले की सूचना दी गई मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव के संबंध में जांच पड़ताल की परंतु कोई जानकारी नाम पता नहीं मिलने पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर दफन कर दिया है टीआई संदीप दीक्षित ने कहा की इस मामले की जांच की जा रही है।
Dakhal News
गोदाम मालिक ने मामले की शिकायत दर्ज कराई अज्ञात चोरों ने पाइप और टैंक की गोदाम से लाखों रुपयों की चोरी की घटना को अंजाम दिया चोरों ने पहले गोदाम में लगे सीसीटीवी कैमरे से छेड़छाड़ की उसके बाद ऑफिस का शीशा तोड़कर अलमारी से तकरीबन साढ़े चौबीस लाख रुपये चुरा लिए गोदाम मालिक ने इस मामले की शिकायत पुलिस में की। यह मामला रुड़की का है. जहाँ आजादनगर चौक के पास उपकारागार के सामने नवीन गोयल का पाइप और टैंक का बड़ा गोदाम है गोदाम मालिक नवीन गोयल ने बताया की अज्ञात चोरों ने उनके गोदाम के अंदर घुसकर ऑफिस का शीशा तोड़कर अलमारी से तकरीबन साढ़े चौबीस लाख की नकदी चुरा ली नवीन ने बताया की चोरों ने सीसीटीवी कैमरे के साथ भी छेड़छाड़ की जिससे उनकी पहचान न हो सके नवीन ने बताया की उन्होंने समय रहते ही इस मामले की शिकायत पुलिस में की वही नवीन के साथी सतेंद्र कुमार ने कहा कि यह पूरा पॉश इलाका है और गोदाम के सामने ही उप कारागार भी है चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे रहे हैं सतेंद्र ने कहा क सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर पुलिस को दे दी गयी है और पुलिस से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द घटना का खुलासा किया जाए।
Dakhal News
कांग्रेस की सरकार बनेगी कमलनाथ ही बनेंगे मुख्यमंत्री भांडेर में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश महामंत्री एवं अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश संयोजक भानु ठाकुर के नेतृत्व में जन आशीर्वाद यात्रा निकाली गई इस यात्रा को लेकर भानु ठाकुर ने कहा की यात्रा के माध्यम से हमारा मुख्य उद्देश्य है कि हम पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाये भानु ठाकुर ने कहा की प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कमलनाथ ही मुख्यमंत्री बनेंगे। जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता भानु ठाकुर ने कहा कि जन आशीर्वाद यात्रा का मुख्य उद्देश्य है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना है भानु ठाकुर ने कहा कि भांडेर विधानसभा में 103 पंचायतें हैं और 228 पोलिंग बूथ हैं यह यात्रा सभी पोलिंग बूथों और सभी पंचायतों में पहुंचेगी भानू ठाकुर ने कहा की यह यात्रा पूरी 580 किलोमीटर की है और यह 2 महीने तक चलेगी इस यात्रा के माध्यम से हम घर-घर जाएंगे और लोगों को कमलनाथ सरकार की योजनाओं के बारे में बताएंगे।
Dakhal News
इस हमले में युवक को गंभीर चोटें आई छिंदवाड़ा के परतापुर स्थित आदिवासी आश्रम में एक नाबालिग छात्र पर अज्ञात नकाबपोश ने हमला कर दिया जिससे वह घायल हो गया घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस नाबालिग छात्र का नाम सोनू ढ़करिया है और यह परतापुर स्थित आदिवासी आश्रम में रहता है जब यह आश्रम के पीछे बने टायलेट से शौच करके लौट रहा था तभी अचानक पीछे से आए एक युवक ने इस पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गनीमत रही की सोनू को समय रहते अस्पताल पहुंचाया गया जिससे उसकी जान बच गई सोनू की माने तो जिस युवक ने उसपर हमला किया वह मुंह पर रुमाल टक्कर आया था ऐसे में उसकी पहचान नहीं हो पाई वहीं पुलिस भी तरह-तरह के तथ्य निकाल कर मामले की जांच कर रही है।
Dakhal News
आरोपियों ने अलग-अलग जगहों से चुराई थी बाइक पुलिस ने शहर की अलग-अलग जगहों से बाइक चोरी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने बताया की आरोपी के साथ अन्य सात लोग भी थे जिन्होंने बाइक चोरी करने और बेचने में उसका साथ दिया साथ ही पुलिस ने चोरी की हुई 10 मोटरसाइकिलों को भी जब्त कर लिया। यह मामला सिंगरौली का है पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैशी ने बताया कि रोहित पांडेय नामक युवक ने शिकायत की थी उसकी मोटरसाइकिल चोरी हो गई है पुलिस को पहले भी ऐसी ही कई घटनाओं के बारे जानकारी मिली थी पुलिस ने टीम गठित कर आरोपी अमरजीत सिंह को गिरफ्तार किया पूछताछ में आरोपी अमरजीत सिंह ने बताया की उसने महंगी बाइक ली थी जिसकी क़िस्त भरने के लिए उसने बाइक चोरी की साथ ही उसे गाना गाने का शौक है उसे गाना रिकॉर्ड करने के लिए पैसे की जरूरत थी इसलिए उसने चोरी की पुलिस अधीक्षक युसूफ कुरैशी ने बताया की इस मामले में सात लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है उन लोगों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है जिसने आरोपी अमरजीत सिंह का साथ बाइक चोरी करने और बेचने में दिया।
Dakhal News
बेहतरीन पुलिसकर्मी हुए सम्मानित स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कलेक्टर अरुण कुमार परमार ने झंडा फहराकर परेड की सलामी ली इसके बाद कार्यक्रम में बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी इस अवसर पर अपने क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को सम्मानित भी किया गया। सिंगरौली जिले के सभी विभागीय मुख्यालयों के साथ ही निजी संस्थान मायाराम महाविद्यालय अमृत विद्यापीठ, विंध्यनगर ब्राइट एकेडमी, बरगवा इंडियन चिल्ड्रन एकेडमी, गनियारी बैढन में बड़े धूमधाम से झंडारोहण किया गया जिला मुख्यालय बैढ़न के राज माता चुन कुमारी स्टेडियम में कलेक्टर अरुण कुमार परमार ने झंडा फहराकर परेड की सलामी ली कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक मोहम्मद यूसुफ कुरैशी ने भी हिस्सा लिया परेड की कमान का नेतृत्व कमांडेंट आशीष तिवारी ने किया इसके बाद कई सांस्कृतिक प्रोग्राम प्रस्तुत किये गए परेड की सलामी लेने के बाद कलेक्टर ने जिले में बेहतरीन कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों , अफसरों को सम्मानित किया।
Dakhal News
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने ध्वजारोहण किया देवास में स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास एवं गरिमा के साथ मनाया गया पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण कर सलामी ली मंत्री ठाकुर ने सुसज्जित सफेद जिप्सी पर सवार होकर परेड का निरीक्षण किया। परेड निरीक्षण के उपरांत मंत्री उषा ठाकुर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन किया इसके बाद सशस्त्र बलों द्वारा तीन बार हर्ष फायर किए गए और फिर मार्च पास्ट किया गया सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान स्कूली बच्चों ने अपनी अनुपम प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया मंत्री उषा ठाकुर ने कहा की 77 वें स्वतंत्रता दिवस की देश व प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं हम सभी अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का पालन भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करेंगे तभी असल मायनों में स्वतंत्रता दिवस मनाया जायेगा मंत्री उषा ठाकुर ने कहा की परिवारवाद और भ्रष्टाचार की वजह से असल प्रतिभाएं रुक जाती है इनका डटकर सामना करना पड़ेगा।
Dakhal News
एसडीएम अखिलेश सिंह के साथ तहसीलदार भी मौजूद थे दोनों अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला है जहां तेज रफ्तार एसडीएम की गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई हादसे के वक्त गाड़ी में एसडीएम के साथ तहसीलदार भी मौजूद थे फ़िलहाल दोनों अधिकारी सुरक्षित हैं यह घटना जियावन थाना क्षेत्र की है यह गाड़ी देवसर एसडीएम अखिलेश सिंह की बताई जा रही है जब यह हादसा हुआ तब गाड़ी में एसडीएम अखिलेश सिंह के साथ बरगवां तहसीलदार प्रदीप कुमार सिंह भी मौजूद थे हादसे में गाड़ी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।
Dakhal News
प्रशासन ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया उत्तराखंड में मानसून की बारिश कहर बरपा रही है बारिश के चलते पर्वतीय क्षेत्र में भूस्खलन से जनजीवन बेहाल है प्रशासन ने भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया है मौसम विभाग की चेतावनी के बाद उत्तराखंड के सभी स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई है बारिश के चलते सोलानी नदी का जल स्तर बढ़ गया है आसपास के लोगों को बाढ़ का खतरा सता रहा है ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह ने कहा कि सोनाली नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद क्षेत्रवासियों को सूचित किया गया है कि अगर पानी ज्यादा बढ़ता है तो वह सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं उन्होंने कहा कि अगर किसी को किसी भी तरह की परेशानी है तो हमें सूचित करें प्रशासन उनकी हर संभव मदद करेगा।
Dakhal News
पुलिस ने किया दोनों आरोपियों को गिरफ्तार 15 साल की नाबालिग बच्ची के साथ दो दरिंदों ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। यह मामला डिंडोरी के बजाग थाना क्षेत्र का है। बजाग थाना प्रभारी रंजीत सैयाम ने बताया की बच्ची बर्थडे पार्टी में गई थी। जब वह अपने घर वापस लौट रहीं थी। इसी दौरान गांव के ही दो युवकों ने बच्ची को रोककर इस घटना को अंजाम दिया और वहां से भाग गए। बच्ची ने अपने साथ हुई घटना के बारे में घर वालों को बताया। उसके बाद बच्ची के परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
Dakhal News
किसानों ने निकाली सड़को पर ट्रैक्टर रैली भले ही सरकार ने डोईवाला में एरोसिटी व इंटीग्रेटेड टाउनशिप बनाने से साफ मना कर दिया हो। लेकिन जनता सरकार के इस दावे को झूठा बता रही है। एरोसिटी व इंटीग्रेटेड टाउनशिप निर्माण के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सड़क पर ट्रेक्टर के माध्यम से तिरंगा रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे किसान अब अपने-अपने ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतरे एक ओर जहाँ उन्होंने ट्रेक्टर के माध्यम तिरंगा रैली निकालकर स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। तो वही दूसरी ओर उन्होंने सरकार को चेताने का काम भी किया। इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि सरकार डोईवाला के किसानों की जमीन लेना चाहती है। किसान .सरकार के मंसूबों को पूरी तरह नाकाम करेंगे। किसान नेता ताजेंद्र सिंह ने कहा की इस ट्रेक्टर रैली में सभी किसान मौजूद है। हमें सरकार की बात पर भरोसा नहीं है। किसान नेता सुरेंद्र सिंह खालसा ने कहा की डोईवाला में बनने वाली एरोसिटी व इंटीग्रेटेड टाउनशिप के विरोध में हमने ट्रेक्टर रैली निकाली। सरकार हमें बार-बार गुमराह कर रही है। लेकिन किसान इनके बहकावे में नहीं आने वाले है।
Dakhal News
पुलिसकर्मियों ने पंचप्रण की शपथ के साथ वृक्षारोपण किया पूरे देश में मेरी माटी मेरा देश अभियान व्यापक स्तर पर चल रहा है दिनेशपुर थाना परिसर में भी पुलिसकर्मियों ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया मेरी माटी मेरा देश अभियान का उद्देश्य उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानी और वीरों का सम्मान करना है जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया थानाध्यक्ष अनिल उपाध्याय के नेतृत्व में थाना परिसर में यह अभियान मनाया गया इस दौरान पुलिसकर्मियों ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने, भारत की एकता एवं अखंडता को सुरक्षित रखने व भारतीय नागरिक का कर्तव्य पूर्णत: पालन करने की पंचप्रण की शपथ ली साथ ही उन्होंने थाना परिसर में वृक्षारोपण भी किया।
Dakhal News
मतदाता सूची को अपग्रेड किया जा रहा है विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही महीने बचे हैं .इसी को देखते हुए मतदाता सूची में नाम शामिल करने, हटाने या संशोधित करने हेतु विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है छतरपुर में भी मतदान केंद्रों पर शिविर का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी विकास मिश्रा के निर्देश पर सभी मतदान केंद्रों पर शिविर का आयोजन किया गया कलेक्टर विकास मिश्रा ने जनपद पंचायत अमरपुर और समनापुर के मतदान केंद्र सहित अन्य मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया इसी दौरान उन्होंने सेक्टर अधिकारियों को मतदाता सूची के संक्षिप्त पुन:निरीक्षण संबंधी निर्देश दिए मतदाता भी प्रशासन के इस अभियान से खुश हैं तहसीलदार ने कहा की कलेक्टर के निर्देश पर घर-घर जाकर मतदाता सूची में जो नाम है उनका सत्यापन किया गया वही कलेक्टर विकास मिश्रा ने कहा की. मतदाता सूची में नाम शामिल करने,हटाने संशोधित करने का काम किया जा रहा है।
Dakhal News
लोगों की समस्याओं का किया निराकरण सीएम पुष्कर सिंह धामी के नोडल अधिकारी दिनेश यादव ने लोगों की समस्याएं सुनी इस दौरान नोडल अधिकारी ने समस्याओं के निराकरण के लिए सम्बधित अधिकारियों को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नोडल अधिकारी दिनेश यादव ने लोक निर्माण विभाग खटीमा के अतिथि गृह में स्थानीय लोगों की आम समस्याओं को सुना इस दौरान नोडल अधिकारी ने समस्याओं का त्वरित निवारण करने के लिए शिकायत से संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया नोडल अधिकारी दिनेश यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से देवरी क्षेत्र के दरिया नाथ मंदिर में सुंदरीकरण के लिए घोषणा की गई है घोषणा के अनुरूप मंदिर के सौंदर्यीकरण एवं चारदीवारी के लिए चौरासी लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है जिसमें से 50 लाखों रुपए की धनराशि आ चुकी है शीघ्र ही खटीमा क्षेत्र की कई सड़कों का निर्माण एवं पुनर्निर्माण किया जाएगा।
Dakhal News
प्रसूता महिला को भर्ती करने से किया मना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही इतनी संवेदनहीन कैसे हो सकती है कि एक प्रसव पीड़िता महिला को बच्चे को जन्म देने के लिए टॉयलेट में पर्दे की आड़ में जन्म देना पड़ा इस दौरान यदि महिला को कुछ हो जाता तो क्या स्वास्थ्य विभाग अपनी जिम्मेदारी लेता आखिर किसकी जवाबदेही होती ये बड़ा सवाल है जिसका जवाब किसी के पास नहीं है। छतरपुर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां प्रसूता को जिला अस्पताल मे भर्ती करने की जगह उसे अस्पताल से भगा दिया बस स्टैंड पर गांव जाते समय उसकी प्रसव पीड़ा बढ़ी तो उसने टॉयलेट मे पर्दे की आड़ मे बच्चे को जन्म देना पड़ा प्रसूता के पति का आरोप है कि उसे बड़ामलेहरा अस्पताल से एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन अस्पताल मे पीएम मोदी के आगमन के पहले मॉक ड्रिल चल रही थी इस वजह से उसे अस्पताल से भगा दिया गया। प्रसूता को अस्पताल में भर्ती न करने के मामले में सीएमएचओ का कहना है कि वह इस मामले की जांच कराएंगे यदि किसी की गलती पाई जाती है तो उस पर कार्रवाई की जायेगी।
Dakhal News
परिजनों का आत्महत्या से इन्कार सिख स्टूडेंट मनजोत सिंह छाबड़ा की कोटा में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में परिजनों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है.. परिजनों का कहना है कि मनजोत सिंह छाबड़ा हत्या की सीबीआई जांच कराने को लेकर खालसा फ़ाउन्डेशन ने उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा खालसा फ़ाउन्डेशन के सदस्यों ने सौंपे गए ज्ञापन मे कहा कि मनजोत सिंह छाबड़ा जो अपनी 12वीं की परीक्षा पास करके डॉक्टर की पढ़ाई करने राजस्थान के कोटा गया था तीन अगस्त को परिजनो को हास्टल से फ़ोन पर बताया गया कि मनजोत सिंह ने आत्महत्या कर ली है मौके पर पहुंचे परिजनों को मैनेजर मुकेश शर्मा ने बताया कि मनजोत सिंह ने रात में खाना खाने के बाद दरवाजा नहीं खोला दरवाजा तोड़ने पर वह मृत पाया गया मौके पर पहुंचे परिजनों का कहना है कि मृतक मनजोत सिंह के पीछे से हाथ बंधे हुए थे और मुंह पर पट्टी बंधी थी लेकिन हॉस्टल मैनेजमेंट ने पूरी घटना को आत्महत्या बता कर रिपोर्ट दर्ज करा दी परिजनों ने मामले की जानकारी कोटा पुलिस को देते हुए हास्टल के मेनेजर और मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कराया परन्तु इतनी गंभीर घटना को राजस्थान की सरकार व पुलिस प्रशासन गंभीरता से नही ले रहा है।
Dakhal News
मृतक के परिजनों ने पुलिस पर लगाया गंभीर पुलिस ने की थी युवक के साथ जेल में मारपीट,लूट के मामले में जेल में बंद आरोपी युवक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई युवक की मौत गुस्साए परिजनों ने रोड जाम कर लिया मृतक के परिजनों का आरोप है की पुलिस कस्टडी में युवक के साथ मारपीट की गई थी जिसकी वजह से अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हुई साथ परिजनों ने एसडीओपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा की युवक को फर्जी मामले में गिरफ्तार कर एसडीओपी ने उनसे 2 लाख रुपये की मांग की थी पैसे नहीं देने पर उन्होंने युवक को बहुत मारा। यह मामला बमीठा थाना क्षेत्र का है जहाँ राजबहादुर सिंह को पुलिस ने लूट के आरोप में गिरफ्तार किया था राजबहादुर के परिजनों का आरोप है की उसके साथ पुलिस ने मारपीट की थी जिसकी वजह से जेल में उसकी तबियत बिगड़ी और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई राजबहादुर के भाई लक्की सिंह ने बताया की फर्जी लूट के मामले में फंसा कर राजबहादुर के साथ पुलिस वालों ने जमकर मारपीट की लक्की ने खजुराहो एसडीओपी पर आरोप लगाते हुए कहा की एसडीओपी ने उनसे राजबहादुर को छोड़ने के लिए 2 लाख रुपये मांगें थे राजबहादुर के एक और भाई दीपेंद्र सिंह ने बताया की राजबहादुर को ले गए और उसके साथ मारपीट की जिस वजह से उसकी मौत हो गई। वही इस पुरे मामले को लेकर जेलर कृष्ण कुमार कुलश्रेष्ठ ने कहा की राजबहादुर को जेल में सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिस वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उसकी ज्यादा तबियत बिगड़ने के कारण उसे ग्वालियर अस्पताल में भर्ती किया गया जहाँ उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई... जेल में उसके साथ कोई भी मारपीट नहीं हुई है मामले की जाँच की जयेगी।
Dakhal News
प्रशासन लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहा पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश की वजह से नदी-लाने उफान पर हैं प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी करते हुए राहत और बचाव का कार्य शुरू कर दिया है साथ ही धिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव मदद पहुंचा रहे हैं। खटीमा उपजिलाधिकारी रविंद्र सिंह बिष्ट तथा तहसीलदार हिमांशु जोशी के नेतृत्व में लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत एवं बचाव का कार्य किया जा रहा है तहसीलदार हिमांशु जोशी ने कहा की दाह ढाकी गाँव में 16 परिवारों को रेस्क्यू कर अन्य सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है बाढ़ की वजह से कुछ लोगों के मकान भी ध्वस्त हो गए थे उन लोगों को राहत सामग्री किट के साथ 5 हजार की राहत राशि दी गई हिमांशु जोशी ने कहा की बाढ़ पीड़ितों की प्रशासन हर संभव मदद कर रहा है .उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है तथा उनके रहने खाने की उचित व्यवस्था की जा रही है।
Dakhal News
शिकायत बंद करने का बनाते हैं दबाव बेबस, लाचार, गरीब,मजबूर लोगों की समस्या के समाधान के लिए बनाई गई। सीएम शिवराज सिंह चौहान की हेल्पलाइन के कर्मचारी शिकायतकर्ता को ही धमकी दे रहे हैं। लोगों की शिकायतों का निदान किए बगैर उन पर शिकायत को जबरन बंद कराने का दबाव बनाया जाता है। ऐसे में कर्मचारियों की ओर से फोन पर की जा रही धमकी पर सरकार कब कार्रवाई करेगी। सिंगरौली जिले के शिकायतकर्ता ने शिकायत के निदान के लिए सीएम हेल्पलाइन पर फोन किया। लेकिन फोन पर समस्या के निदान के बजाए भद्दी, भद्दी गालियां दी जाती हैं। शिकायत बंद करने का दबाव बनाया जाता है। एक ऐसा ही आडियो शिकायतकर्ता की ओर से बताया जा रहा है कि ये ऑडियो पीसीओ शंकर दीपांकर का है। जिसमे आवाज स्पष्ट सुनी जा सकती है। जबकि रिपोर्टर इस आवाज की पुष्टि नहीं कर सकता। लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की सीएम हेल्पलाइन 181 किसी भी समस्या के समाधान के लिए संचालित की गई है। लेकिन बड़े अधिकारियों के सह पर कर्मचारी बिना निराकरण किए। शिकायत को जबरन बंद कराने का दबाव बनाते हैं। आखिर क्यों ? ऐसे में शिकायतकर्ता तो बेबस और मजबूर रहते हैं। उनके समस्या का कोई समाधान नहीं हो पता है। ऐसे में सीएम हेल्पलाइन की धज्जियां उड़ाने वाले लोकतंत्र के अधिकारों को ठेंगा दिखाने वाले कर्मचारियों पर कब कार्रवाई की जाती है। या फिर मजबूर लाचार लोगों के समस्याओं को दबा दिया जाएगा।
Dakhal News
आरोपी ने अपनी ही बेटी के साथ किया दुष्कर्म, आरोपी ने दुष्कर्म के बाद बेटी की हत्या कर दी, पुलिस ने इस आरोपी बाप को किया गिरफ्तार बाप-बेटी के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया। जिसमें एक कलयुगी बाप ने अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद उसकी हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया। पुलिस ने इस दुराचारी बाप को गिरफ्तार कर लिया। रिश्तों को शर्मसार करने वाला यह मामला डिंडोरी की अमरपुर पुलिस चौकी का है। चौकी प्रभारी अतुल हरदहा ने बताया की पुलिस को सूचना मिली थी की हथकटा गांव के पास जंगल में 11 साल की नाबालिग बच्ची का शव संदिग्ध परिस्तिथियों में पड़ा है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची का शव बरामद किया। जब इस मामले की जांच की गई। तो पता चला की यह शव घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर बसे एक गांव की बच्ची का है, जो अपने पिता के साथ रहती थी। जब इस मामले की गहराई से जांच की गई तो पता चला की इस 11 साल की बच्ची का हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसका पिता ही है। आरोपी पोचा सिंह ने पहले बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। जब बच्ची ने उसकी इस हरकत का विरोध किया तो पोचा सिंह ने उसके सिर में पत्थर की चकिया पटक दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके बाद आरोपी ने बच्ची के शव को गाँव के पास जंगल में ही फेंक दिया। वही पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
Dakhal News
ससुर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी कहते हैं ससुर और दामाद का रिश्ता आपसी प्यार, समझ और जिम्मेदारी वाला होता है...लेकिन इन सब बातों से आपका भरोसा उठ जायेगा जब आपको पता चलेगा की एक कलयुगी दामाद ने अपने ही ससुर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। यह मामला छतरपुर के ग्राम गढ़ी सेमरा का है जहाँ पहलवान महाराज लोधी अपनी बेटी के ससुराल आये थे इसी दौरान उनके दामाद अखलेश लोधी ने पारिवारिक विवाद के चलते अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उन पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी पहलवान लोधी किसी तरह से घर से बाहर आये तो गांव वालों ने आग बुझाई और पुलिस को सूचित किया उसके बाद उन्हें ईलाज के लिए भर्ती कराया गया वही इस मामले में छतरपुर पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
Dakhal News
घटना में सभी यात्रियों की जान सुरक्षित अमरकंटक से रामेश्वरम जा रही श्रद्धालुओं से भरी बस अनियंत्रित होकर अचानक पलट गई हादसे में कुछ श्रद्धालुओं को मामूली चोटें आई है.. जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है डिंडोरी के किकरझर घाट में श्रद्धालुओं से भरी बस अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई हालांकि बड़ा हादसा होने से टल गया बस में करीब पचपन श्रद्धालु सवार थे जिनमें कुछ लोगों को मामूली चोट आई हैं लेकिन एक बुजुर्ग महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है। देर रात घटना स्थल पर पहुंचे एसडीएम राम बाबू देवांगन ने बताया कि सभी श्रद्धालु सागर व रायसेन जिले के रहने वाले हैं जो कि अमरकंटक से दर्शन करके रामेश्वरम के लिए जा रहे थे तभी अचानक ये हादसा हो गया घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को जिला अस्पताल रेफर किया गया है जहां घायलों का इलाज चल रहा है।
Dakhal News
बैरिकेड लगाकर ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया यदि आप नेशनल हाईवे हरिद्वार और रुद्रपुर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर की ढेला नदी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है स्थानीय प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए मौका मुआयना किया और बैरिकेड लगाकर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया। उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश आफत बनकर टूट पड़ी है पर्वतीय क्षेत्रों में जहां भारी बारिश से भूस्खलन हो रहा है तो वहीं तेज बहाव के चलते कई पुल भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं उधम सिंह नगर के काशीपुर में एनएच-74 पर ढेला नदी में तेज बहाव आने से पुल का हिस्सा बह गया प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर स्थिति नियंत्रण में की और बैरिकेड लगाकर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया प्रशासन ने लोगों से अपील की है की वह घरों से बाहर न निकले वही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजुनाथ टीसी ने भी घटनास्थल का मुआयना किया साथ ही पुलिस अधीक्षक ने अधिकारियों को निर्देश भी दिए की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करें।
Dakhal News
प्रशासन कर रहा है आपदा पीड़ितों की मदद पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते बैगुल नदी का जलस्तर बढ़ गया है जिसकी वजह से आसपास के गांवों के घरों में पानी घुस गया है जिला प्रशासन व एनडीआरएफ टीम ने मौके पर पहुंचकर लोगों को घरों से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया वहीं जिला प्रशासन ने लोगों के खाने-पीने रहने आदि की व्यवस्था की अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह ने कहा की जिला प्रशासन पूरी तरह से लोगों की मदद के लिए लगा हुआ है डॉक्टरों की टीम भी तैनात कर दी गई है प्रशासन सभी के खाने पीने की व्यवस्था कर रहा है बाढ़ से बचाव का यह अभियान अभी जारी रहेगा वही आपको बता दें सितारगंज से शक्ति फार्म को जोड़ने वाली सूखी नदी में पानी आ जाने से आसपास के घरों व रास्तों को काफी नुकसान पहुंचा है प्रशासन द्वारा मशीनें लगाकर मरम्मत का काम किया जा रहा है उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट ने कहा की पानी काफी बढ़ गया था लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। a
Dakhal News
फसल को पहुंचे नुकसान का मिले मुआवजा हाथियों से परेशान किसानों ने वन चौकी जाकर प्रदर्शन किया किसानों की फसल को जंगली हाथियों ने बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचाया है जिससे पीड़ित किसानों ने वन रेंज अधिकारी से समस्या के समाधान की मांग की है। उत्तराखंड के लच्छीवाला और रामगढ़ क्षेत्र में हाथियों की घुसपैठ किसानों पर भारी पड़ रही है क्षेत्र में हाथी लगातार किसानों की फसलों को रौंद कर बर्बाद कर रहे हैं जानकारी के मुताबिक देर रात भी 20 से 25 हाथियों के झुंड ने बुल्लावाला गांव में किसानों की धान व गन्ने की फसल को पूरी तरह तबाह कर दिया जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने वन चौकी पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए समस्या के समाधान की मांग की मौके पर पहुंचे वन रेंज अधिकारी जयपाल सिंह रावत ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि शीघ्र ही जंगल किनारे खाई खोदने का कार्य शुरू किया जाएगा जिससे कि हाथियों की आवाजाही आबादी क्षेत्र में बंद हो सकेगी बीडीसी राजेंद्र तड़ियाल ने कहा कि किसानों ने इतना महंगा धान लगाया है कर्ज लेकर किसानों ने खेती है कि.. किसानों के नुकसान का मुआवजा मिलना चाहिए।
Dakhal News
प्रभु नेत्र चिकित्सालय की तरफ से यह शिविर आयोजित हुआ सरकार के सेवा सुशासन और गरीब कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रभु नेत्र चिकित्सालय रुद्रपुर की ओर से महुआखेड़ागंज के अम्बेडकर पार्क में निःशुल्क चिकित्सा एवं बहुउद्देशीय शिविर का आयोजन किया गया जिसमें अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मज़हर नईम नवाब ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। बहुउद्देश्यीय शिविर में एक दिव्यांग को ट्राई साइकिल दी गई और प्रभु नेत्र चिकित्सालय की ओर आंखों की जांच की गई जिसमें लगभग 365 लोगों के रजिस्ट्रेशन किए गए इनमें से 60 लोग मोतियाबिंद के रोगी पाए गए तथा कुछ लोगों को चश्मो के लिए फार्म भरवाए गए वही इस शिविर में अल्पसंख्यक आयोग उपाध्यक्ष मज़हर नईम नवाब ने जनता की शिकायतें सुनी और अधिकांश समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया अल्पसंख्यक आयोग उपाध्यक्ष ने जनता को सरकार की योजनाएं बताई व उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि सरकार पूरी ईमानदारी के साथ बिना भेदभाव के काम कर रही है और जनता की समस्याओं का शीघ्र निपटारा किया जा रहा है।
Dakhal News
पत्थर गिरने से महिला की हुई मौत पहाड़ से पत्थरों के अचानक टूटने से एक बड़ा हादसा हो गया हादसे में यमुनोत्री से दर्शन करके आ रही महिला के ऊपर पत्थर गिरने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक युवक घायल हो गया जिसे देहरादून रेफर कर दिया गया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित बड़कोट नगर में अचानक पत्थरों के गिरने से बड़ा हादसा हो गया तीन सप्ताह पहले उत्तराखंड पुलिस का एक जवान पत्थर की चपेट में आ गया था जिससे उसकी मौत हो गयी थी एक बार फिर यमुनोत्री से दर्शन करके लौट रही बस जिसमे 17 श्रद्धालु सवार थे अचानक ऊपर से पत्थर गिरने से हैदराबाद की रहने वाली महिला की मौत हो गयी जबकि मुंबई का युवक घायल हो गया जिसे देहरादून रेफर किया गया।
Dakhal News
विधायक राम लल्लू वैश्य ने खिलाड़ियों का बढ़ाया मनोबल खिलाड़ियों के खेल को निखारने के लिए विधायक कप 2023 का आयोजन किया गया आयोजन में विधायक राम लल्लू वैश्य ने हिस्सा लेते हुए खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया सिंगरौली जिले के बैढ़न राजमाता चुन कुमारी स्टेडियम में खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने विधायक कप-2023 के तहत बालक वर्ग फुटबॉल एवं बालिका वर्ग कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सिंगरौली विधायक राम लल्लू वैश्य ने खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ किया.. खिलाड़ियों को खेल के संबंध में विस्तार से संबोधित किए कार्यक्रम में नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडेय,वॉर्ड पार्षद सीमा जायसवाल पार्षद कमलेश वर्मा सहित कई लोग मौजूद थे खेल का समापन 9 अगस्त को होगा।
Dakhal News
लगभग 2 किलोमीटर की सड़क का होगा निर्माण विधायक सुभाष रामचरित्र ने सड़क निर्माण के लिए शिलान्यास किया। विकास पर्व के अवसर पर विधायक ने ग्रामीणों को ये सौगात दी। इस दौरान कार्यक्रम में सभी वरिष्ठ जन एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे। सिंगरौली जिले के देवसर विधानसभा क्षेत्र में रजमिलान मेन रोड से हायर सेकेंडरी स्कूल तक दो करोड़ पचास लाख रुपए की लागत से लगभग दो किलोमीटर की सड़क का निर्माण होने जा रहा है। सड़क निर्माण के लिए देवसर के विधायक सुभाष रामचरित्र ने शिलान्यास किया। इस दौरान कार्यक्रम में सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
Dakhal News
बच्चों के जन्म से परिजनों में खुशी का माहौल अस्पताल में एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है बच्चों की डिलीवरी होते ही स्वास्थ्यकर्मी जहां हैरत में पड़ गए वहीं परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा डाक्टर ने सात माह में हुई डिलीवरी की वजह से तीनों बच्चों को मशीन में रखा है उत्तराखंड के रुड़की स्थित निजी अस्पताल में एक महिला ने तीन बच्चों को एक साथ जन्म दिया है जिसको लेकर परिजनों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है वहीं अस्पताल में लोगों को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया गया आपको बता दें कि रुड़की के आजाद नगर चौक स्थित मेडविन अस्पताल में डॉक्टर रुबीना ने एक गर्भवती महिला की नॉर्मल डिलीवरी कर एक साथ तीन बच्चों को सकुशल पैदा कराया है। जिनमे दो लड़के और एक लड़की है। डॉक्टर ने सात माह में हुई डिलीवरी की वजह से तीनों बच्चों को मशीन मे रखा है वहीं बताया जा रहा है कि एक बच्चा वेंटिलेटर पर है। बाकी दोनों बच्चों का भी इलाज किया जा रहा है। बच्चों के माता पिता मंगलौर क्षेत्र के रहने वाले है और एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते है अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर अरशद राजपूत ने बताया कि उनके अस्पताल में ज्यादातर नॉर्मल डिलीवरी की जाती है। वहीं गरीब असहाय लोगों के लिए उनके अस्पताल में फ्री इलाज भी किया जाता है।
Dakhal News
पानी भरे होने से 4 मंजिला गोदाम मलबे में तब्दील हुआ पिरान कलियर के बेडपुर में गन्ने के खेत मे कई दिनों से पानी भरे होने के चलते 4 मंजिला गोदाम नेस्तनाबूत हो गया जिससे करोड़ो रूपये का नुकसान हो गया मौके पर पहुंचे पटवारी और तहसीलदार ने घटनास्थल का मुआयना किया। गन्ने के खेत में पानी भरा होने के कारण उसके पास बना चार मंजिला गोदाम भरभरा कर जमीदोज हो गया गोदाम गिरने से उसके मालिक मोहम्मद इंतजार अली हताश हो गए हैं गोदाम मालिक ने कहा की जैसे ही में यहाँ पर आया तो मैंने देखा की गोदाम मलबे में तब्दील हो गया है और इस वजह से हमारा करोड़ो का नुकसान हो गया इसके लिए जिम्मेदार शासन-प्रशासन सभी है क्योंकी बार-बार बोलने के बाद भी उन्होंने पानी की निकासी नहीं करवाई इंतजार अली ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है की उनको मुआवजा दिया जाए।
Dakhal News
बेहोशी की हालत में मिली युवती काम दिलाने के बहाने मुस्लिम युवक शाकिब महिला को गाजियाबाद से रुड़की ले गया। जहां मुस्लिम युवक शाकिब और नदीम ने महिला के साथ दुष्कर्म किया और सड़क पर छोड़ दिया। दुष्कर्म के बाद सड़क पर महिला के बेहोशी की हालत में मिलने पर पुलिस ने महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां महिला ने होश में आने पर घटना के बारे में जानकारी दी। पुलिस ने मामले की जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उत्तराखंड के रुड़की में एक महिला के बेहोशी की हालत में मिलने पर पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। महिला के होश में आने पर पूछताछ में वह कुछ भी स्पष्ट जवाब नहीं दे सकी। इस दौरान महिला ने अपना निवास स्थान गाजियाबाद बताया जहां से पुलिस की टीम ने उसके परिवार और पति को जानकारी देकर रुड़की बुलाया। रुड़की पहुंचने पर पति ने पत्नी से बात की तो पता चला कि गाजियाबाद में शाकिब ने महिला के साथ उसका शारीरिक शोषण किया। इस दौरान शाकिब की पत्नी ने भी इसमें सहयोग किया। महिला ने परिवार में काम के सिलसिले में बताकर लड़की आई थी। तभी रुड़की में नदीम और शाकिब ने मिलकर महिला के साथ शारीरिक शोषण किया। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग का केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
Dakhal News
मेरे बेटे के साथ पुलिस जो करना चाहे कर सकती है विधायक पुत्र द्वारा आदिवासी युवक को गोली मारने से गरमाई सिंगरौली की सियासत के बीच विधायक रामलल्लू वैश्य ने अपनी चुप्पी तोड़ी विधायक वैश्य ने कहा की पुलिस को पूरी छूट है। विवेकानंद वैश्य के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया है और पुलिस गिरफ्तारी के लिए तलाश कर रही है। विधायक राम लल्लू वैश्य ने मोरवा गोलीकांड पर कांग्रेस के विरोध करने पर कहा की कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं। शायद वो भूल गए हैं कि उन्होंने स्वर्गीय विधायक रामचरित्र वर्मा जो की हरिजन थे। उनको अपने गांव में थप्पड़ मारा था। जिसे लेकर वह पचौर सहित पडरा जेल भी जा चुके हैं। इनका हरिजन आदिवासियों के साथ दुर्व्यवहार करना यह पुरानी परंपरा है। साथ ही डीजल चोरी के मामले में कांग्रेसी नेता के भाई अभी भी फरार हैं। ऐसे लोगों का विरोध करना कहां तक ठीक है। राम लल्लू वैश्य ने कहा की विवेकानंद वैश्य मेरा बेटा है लेकिन जहां हम रहते हैं। वह वहां करीब 5 वर्ष से नहीं रहता है और जब यह घटना हुई तब हम सिंगरौली के विस्थापन की समस्या को लेकर दिल्ली में थे। विधायक ने कहां की इस गोली कांड के मामले से में दुखी हूँ।
Dakhal News
बीजेपी पार्षदों पर कार्रवाई की मांग अंसल ग्नीन वैली में पीड़ित परिवारों के साथ हुई मारपीट के मामले को पांच महीने बीत चुके हैं। पीड़ित परिवार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रशासन को कई बार ज्ञापन भी दे चुका है। लेकिन आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। देहरादून के अंसल ग्रीन वैली में पीड़ित परिवार ने यूकेडी के शिव प्रसाद सेमवाल के साथ रैली निकाल कर चौकी इंचार्ज को दोषी पार्षदों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए ज्ञापन सौंपा। पीड़ित विगत 5 महीने से दोषी पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहें हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। आपको बता दे कि अंसल ग्रीन वैली में सोसायटी के सचिव प्रवीण भारद्वाज के घर में घुसकर मारपीट हुई थी। मारपीट का आरोप बीजेपी के पार्षदों पर है। सोसायटी सचिव ने कहा कि अगर दोषी पार्षदों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।
Dakhal News
मुंह से आग निकालने वाला स्टंट दिखा रहा था छतरपुर में भाजपा नेता की सभा में करतब दिखाने वाले एक स्टंटमैन की मौत हो गई स्टंटमैन मुंह से आग निकालने का करतब दिखा रहा था उसके साथियों का कहना है कि उसपर भाजपा नेता मानिक चौरासिया ने आग वाले स्टंट करने का दबाव बनाया था जिस वजह से उसने डीजल पिया और उसकी मौत हो गई कलाकारों की मांग है कि मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। छतरपुर जिले के नौगांव में 5 अगस्त की शाम को सीएम शिवराज की सभा और रोड शो था भाजपाइयों ने भीड़ जुटाने के लिए अपने-अपने स्टेज बनवाए और कार्यक्रम करवाने के इंतजाम किए थे यूपी के कलाकारों ने बताया कि भाजपा नेता मानिक चौरासिया भी टिकट की दावेदारी कर रहें है उन्होंने हमारी टीम को करतब दिखाने के लिए यहाँ बुलाया था उन्होंने धौंस देकर कहा था कि मुंह से आग निकालने वाला स्टंट करो वरना एक रुपया भी नहीं मिलेगा कलाकारों का आरोप है कि मंच पर मुंह से आग निकालने वाला स्टंट दिखाने के लिए कबीर सिंह ने डीजल पिया. तभी अचानक वह गश्त खाकर गिर गया उसकी तबीयत बिगड़ने लगी जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया डॉक्टर ने बताया कि उसके लंग्स में डीजल चला गया जिससे उसकी मौत हो गई मृतक की मौसी ने कहा की हमें न तो प्रशासन मदद दें रहा हैं न तो सरकार मदद दे रही है हमें करें तो क्या करें।
Dakhal News
प्रशासन ने की गांव वालों के लिए व्यवस्था लोगों के आने-जाने के लिए 2 नाव लगी,कटनी में बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है लगातार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर है ग्राम पंचायत अमरगढ़ के अंतर्गत आने वाला गाढ़ा पुल व पड़रिया मार्ग का रपटा डूब गया है जिस वजह से लोगों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गाढ़ा पुल व पड़रिया मार्ग का रपटा डूब जाने से पकरिया गांव के लोग घरों में कैद हो गए हैं घरों में कैद ग्रामीणों को गंतव्य तक भेजने के लिए ग्राम पंचायत की तरफ से दो नाव लगाई गई वही पुल डूबने की जानकारी लगते ही एसडीएम प्रदीप मिश्रा व तहसीलदार गौरव पांडेय मौके पर पहुंचे एसडीएम ने पुलों के दोनों ओर बेरिकेड्स लगवाए साथ ही जब तक नदी का जल स्तर पुल के नीचे नहीं आ जाता तब तक के लिए पुलिस एवं राजस्व विभाग के अमले को तैनात किया एसडीएम ने जो राहगीर नाव के सहारे अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंच रहे हैं उन पर निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए ताकि कोई भी अप्रिय घटना घटित न हो।
Dakhal News
दो दिनों से धरने पर बैठे थे पीड़िता के परिजन एक साल तक लगातार दुष्कर्म के आरोपी वाहिद की धमकियों से डरती रही। पीड़िता ने चुप्पी तोड़ी तो परिजनों ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया। मामला दर्ज होने के बाद परिजन कड़ी कार्रवाई के लिए धरना पर बैठे थे। पुलिस प्रशासन ने आश्वासन के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए 24 घंटे के भीतर आरोपी के घर बुलडोजर की कार्रवाई की है। मध्यप्रदेश के हरदा जिले में आरोपी वाहिद ने कॉलेज की छात्रा को इंदौर रोड स्थित होटल आश्रम में ले जाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। आरोपी के डर से छात्रा एक साल तक चुप रही। लेकिन आरोपी एक साल तक लगातार छात्रा को प्रताड़ित करता रहा और पीटता रहा। छात्रा ने एक साल बाद घटना पर चुप्पी तोड़ी। तो पीड़िता के परिजनों ने मामला दर्ज कराकर आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए धरने पर बैठ गए। दो दिनों से धरने पर बैठे परिजनों को प्रशासन ने 24 घंटे का आश्वासन देते हुए आरोपी के अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर की करवाई की है।
Dakhal News
पुलिस ने 14 बाइक बरामद की आस पास के क्षेत्रों में लगने वाली साप्ताहिक हाट बाजार में बाइक चोरी की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा है। आरोपी बाजार में रेकी करने के बाद घटना को अंजाम देते थे। रात में मौका पाकर क्षेत्र से बाहर बेच देते थे। उत्तराखंड शहर के काशीपुर में लगातार हो रही दोपहिया वाहन चोरियों को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली पुलिस ने दो बाइक चोरों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से पुलिस ने चोरी की 14 बाइक बरामद की है। आरोपी यूपी और उत्तराखंड में लगने वाली हाट बाजार से बाइक चोरी किया करते थे। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि मानव बिहार के पास गश्त के दौरान दो संदिग्ध बाइक सवार नजर आए थे। उनकी गतिविधियों पर शक होने पर पुलिस ने उनका पीछा करते हुए उन्हें दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों ने झाड़ियों में चोरी करके छिपाई गई बाइक के बारे में बताया। जहां चोरी की 14 बाइक बरामद हुई। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ये आरोपी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के आसपास के क्षेत्रों की साप्ताहिक बाजार से बाइक चुराते थे। इसके लिए आरोपी पहले रेकी करने के बाद बाइक चोरी की घटना को अंजाम देते थे। गाड़ियों की पहचान छिपाने के लिए आरोपी उसकी नंबर प्लेट हटा देते थे और रात में बाहर बेच देते थे।
Dakhal News
गेट खुलने से जलमग्न हुए नर्मदा घाट बारिश के चलते लबालब भरे शहर के बरगी बांध के 15 गेटों खोल दिया गया है 21 गेटों में से 15 को खोलने के बाद से नर्मदा के निचले क्षेत्रो में बाढ़ की स्तिथि बन गई है जबलपुर के ग्वारीघाट, भेड़ाघाट और पंचवटी में पानी का विकराल रूप देखने को मिल रहा है बरगी बांध के जलस्तर को कंट्रोल करने के लिए इन गेटों को औसतन 1.76 मीटर ऊंचाई तक खोला गया है। नर्मदा के सभी घाट डूब गए है जबलपुर में गौरी घाट पर सड़क और दुकानों तक पानी पहुंच गया है प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि नर्मदा तट के पास ना जाएं जिससे कोई भी अप्रिय घटना न घटे जिला प्रशासन ने बाढ़ वाले इलाको में फंसे लोगों को निकालने के लिए होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीम को मौके पर लगा दिया है ये दोनों ही टीमें बाढ़ में फसे ग्रामीणों को नाव के जरिये रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य कर रही है।
Dakhal News
तेज बारिश की भेंट चढ़ा पुल बारिश के कारण मध्य प्रदेश के अधिकतर नदी नाले उफान पर है बारिश इतनी अधिक हो चुकी है कि अब लोगों के लिए मुसीबत साबित हो रही है बारिश के कारण कई शहरों और गांवों को जोड़ने वाला पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है लेकिन फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। यह टूटा हुआ पुल कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील के गांव सगमा और लालपुर के बीच दतला नदी में बना हुआ था लेकिन पुल तेज बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है फिर भी लोग क्षतिग्रस्त पुल से जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं वहीं पुल के टूटने से ग्रामीणों को मुख्यालय पहुंचने के लिए अब 15 से 20 किलोमीटर का चक्कर अधिक लगाना होगा।
Dakhal News
करंट लगने की वजह से इनकी मौत हुई छतरपुर के कसार गांव में उस वक्त सनसनी फैल गई जब खेत में काम करते-करते अचानक एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई इन लोगों की मौत करंट की वजह से हुई वही इस घटना के बाद से गांव में मातम का माहौल है। बता दें हल्कू रैकवार और उसकी पत्नी फूला बाई व उसकी बेटी काजल खेत में काम कर रहे थे इसी दौरान बारिश की वजह से करंट पूरे खेत में फैल गया जिससे करंट की चपेट में आने से तीनों की मौत हो गई पुलिस ने शवों पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है वही मामले की जांच की जा रही है।
Dakhal News
युवती ने एक साल बाद तोड़ी रेप पर चुप्पी एक साल पहले कॉलेज पेपर देने गई युवती के साथ आरोपी वाहिद ने जबरदस्ती होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया और दुष्कर्म की बात किसी से बताने पर बदनाम करने की धमकी दी जिससे युवती एक साल तक चुप रही लेकिन फिर भी बदनामी का डर दिखाकर आरोपी युवती से पैसे वसूलता रहा और सड़क पर सरे राह मारता पीटता रहा युवती ने एक साल बाद मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए परिजनों के साथ मिलकर अब आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। मध्यप्रदेश के हरदा जिले में युवती से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है युवती ने महिला थाने आकर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और मारपीट करने का मामला दर्ज करवाया था युवती ने पुलिस को बताया की 20 जुलाई 2022 को युवती हरदा पेपर देने आई थी तभी आरोपी वाहिद युवती को कॉलेज के बाहर से इंदौर शहर में स्थित होटल आश्रम में ले गया जहां आरोपी ने युवती के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और दुष्कर्म की बात किसी को बताने पर बदनाम करने की धमकी दी पीड़िता ने बताया कि बदनामी के डर से वह एक साल तक चुप रही लेकिन आरोपी फिर भी नहीं माना बदनाम करने की धमकी देकर हजारों रूपये भी लें लिए इसके बाद ज़ब युवती बाजार गई तब आरोपी वाहिद ने पीछा करते हुए छाते से उसे मारने लगा उसके बाद किसी तरह युवती ने हिम्मत करके एक साल बाद परिजनों को मामले से अवगत कराया और आरोपी वहिद के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया पीड़िता की शिकायत पर महिला थाने मे आरोपी वाहिद के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है वहीं परिजनों की मांग है कि आरोपी के खिलाफ लव जिहाद करने और बुलडोजर की कार्रवाई की जाए।
Dakhal News
पुलिस ने आरोपी युवक को किया गिरफ्तार पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद इतना बढ़ा की एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति की फावड़ा मारकर हत्या कर दी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया साथ ही उसके पास से हत्या में प्रयुक्त फावड़ा भी जब्त कर लिया। यह मामला सितारगंज का है पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने बताया की शक्तिफार्म बैकुंठपुर निवासी फटिक बाला ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी की मेरा भाई अखिल बाला उर्फ भोला देर रात अपने दोस्तों के साथ बैठा था तभी गांव का नंदू सरकार आया और उसके साथ गाली-गलौच करने लगा जब भोला ने इसका विरोध किया तो नंदू ने फावड़ा से उसके गले पर तीन-चार बार वार किया जिससे उसकी मौत हो गई मृतक की बहन की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया व उसके पास से हत्या में प्रयुक्त फावड़ा भी जब्त कर लिया पुलिस अधीक्षक ने बताया की आरोपी से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया की वह नशा करता है और मृतक के घर के पास ही रहता है नंदू ने पुलिस को बताया की उससे अखिल घर के छोटे-मोटे काम कराता रहता था और पैसे नहीं देता था जब भी वह अखिल से पैसा मांगता था वह पैसा देने में आनाकानी करता था और साथ ही गाली-गलौच करता था.. इसी वजह से उसने अखिल की हत्या की आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है।
Dakhal News
पुलिस ने किया युवक को गिरफ्तार लगता है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नशामुक्त और अपराध मुक्त देवभूमि का सपना अधूरा ही रह जायेगा क्योंकि पुलिस की कार्यवाही करने के बावजूद भी अवैध हथियार और नशे की अवैध तस्करी करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं वह खुलेआम अपने काले-कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। देवभूमि उत्तराखंड में नशे और हथियारों की अवैध तस्करी करने वालों के खिलाफ लगातार कार्यवाही हो रही है फिर भी ये लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं ऐसे ही एक मामले में कुंडा पुलिस ने नफ़ीस अहमद नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया साथ ही उसके पास से चाकू भी जब्त किया यह व्यक्ति इलाके में चाकू दिखाकर दहशत का माहौल बना रहा था पुलिस ने इसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
Dakhal News
बारिश की वजह से लोग हो रहे परेशान कटनी में हो रही लगातार बारिश की वजह से नदी-नाले उफान पर हैं लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बार बारिश की वजह से लोगों का हाल-बेहाल हो गया है नदी-नाले उफान पर होने की वजह से लोगों को आने-जाने में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है कई जगह बाढ़ की स्तिथि निर्मित हो गई है।
Dakhal News
स्कूल को बम से उड़ाने की दी धमकी प्रेसीडेंसी इंटरनेशनल स्कूल की ईमेल आईडी पर आए एक मैसेज से पूरे स्कूल में हड़कंप मच गया ये मैसेज कोई आम मैसेज नहीं था बल्कि मैसेज में स्कूल को बम उड़ाने की धमकी दी गई मामले की सूचना मिलने पर बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वायड की मदद से पूरे स्कूल की छानबीन की गई लेकिन कोई गतिविधि सामने नहीं आई पुलिस अज्ञात के विरूद्ध मामला दर्ज कर मैसेज भेजने वाले आरोपियों की तलाश कर रही है। उत्तराखंड के डोईवाला में स्थित प्रेसीडेंसी इंटरनेशनल स्कूल को ई मेल पर बम से उड़ाने की धमकियां मिलने के बाद स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर मनिंदर सिंह जुनेजा की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई एमडी ने बताया कि उनके स्कूल की ईमेल आईडी पर दो अलग-अलग मेल आई आया था मेल में कहा गया था कि आज से 15 नवंबर के बीच किसी भी दिन स्कूल परिसर में लगाया गया बम फट जाएगा स्कूल की ईमेल आईडी पर प्राप्त हुए मेल से स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मचा गया सूचना के बाद बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वायड की मदद से पूरे स्कूल की छानबीन की गई लेकिन ऐसी कोई भी गतिविधि सामने नहीं आई स्कूल के एमडी की ओर से मिली तहरीर के आधार पर अज्ञात के विरुद्ध जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
Dakhal News
लोगों ने जमकर की उसकी पिटाई एक मनचले की सरेआम पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लोग मनचले युवक को लात-घूसों से पीट रहे हैं पुलिस इस मामले की जांच कर रही है यह वीडियो छतरपुर का है एसपी अमित सांघी ने बताया की युवक लड़की को छेड़ रहा था जिससे नाराज होकर लड़की के परिजनों और आसपास के लोगों ने उसकी पिटाई कर दी मामले की जांच की जा रही है।
Dakhal News
आरोपियों ने पुलिस टीम पर पथराव किया मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पुलिस पर पथराव किए जाने की खबर सामने आ रही है इस घटना में 2 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जानकारी के मुताबिक पुलिस एक अपहृत युवक को छुड़ाने के लिए गई थी तभी पथराव की इस घटना को अंजाम दिया गया। दरअसल यह मामला छतरपुर के टिकरा गांव का है जहाँ गाँव की ही बुधिया बाई कुशवाहा ने थाने में शिकायत की थी कि सिंहपुर निवासी दीपू अपने चार अन्य साथियों के साथ उसके पति किशोरी कुशवाहा का अपहरण करके ले गया है और उसे बंधक बना लिया है बुधिया बाई की शिकायत पर पुलिस किशोरी कुशवाहा को छुड़ाने के लिए गई जब पुलिस आरोपियों के चंगुल से छुड़ाकर किशोरी को ले जाने लगी तो आरोपी दीपक राजपूत, मुल्ली राजपूत डेढ़ दर्जन से ज्यादा महिला-पुरुषों ने पुलिस को रोकने का प्रयास किया और उन पर पथराव किया पथराव के दौरान 2 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है वहीं इस मामले में दीपू और उसके 10 साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है बाकि अन्य लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है।
Dakhal News
पति ने गला घोटकर की पत्नी की हत्या चरित्र शक में इंसान इतना पागल हो जाता है कि उसे सात वचन सात फेरों से बंधे रिश्तों पर तक विश्वास नहीं होता जी हां हम बात कर रहें हैं महिला के साथ घटी एक ऐसी वारदात के बारे में जिसका शव खेत से बरामद हुआ था मामले की जांच करने पर पता चला कि महिला का पति ही हत्या के पीछे का मुख्य आरोपी है जिसने खेत में पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। उत्तराखंड के सितारगंज क्षेत्र में मिले एक महिला के शव का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि दोनो पति पत्नी खेत में लगे ट्यूबवेल में नहाने के लिए घर से निकले थे लेकिन बाद में महिला का पति परमजीत अकेला ही घर पहुंचा काफी देर तक जसबीर कौर के घर वापस न आने पर बच्चों ने मां की खोजबीन शुरू की इस दौरान जसवीर कौर का शव खेत मे देख बच्चे बिलखने लगे जसवीर के गले पर निशान भी दिखाई दिया..लेकिन महिला के पति परमजीत ने पत्नी की हत्या कैसे हुई इस बारे में भी जानने की कोशिश नहीं की क्योंकि परमजीत ने ही पत्नी की हत्या की थी मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने परमजीत को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पता चला कि दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था पत्नी पर चरित्र शक होने के कारण शाम को नहाने के लिये खेत में पहुंचने पर एक बार फिर झगड़ा हुआ जहां आरोपी पति ने मौका पाकर कपड़े से गला घोटकर जसवीर कौर की हत्या कर दी
Dakhal News
दामाद ने दोस्तों के साथ मिलकर की हत्या दो दिन पहले बस बुकिंग एजेंट की धारदार हथियार से हुई हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है एसपी अमित सांघी ने बताया कि पत्नी और बेटी के गायब होने के पीछे ससुर का हाथ होने के शक में मृतक के दामाद ने ही अपने दोस्तों के साथ मिलकर हत्या की घटना को अंजाम दिया। छतरपुर में दो दिन पहले बस बुकिंग एजेंट की धारदार हथियार से हुई हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है हत्या में शामिल मृतक के दामाद और उसके दोस्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है एसपी अमित सांघी ने बताया कि मृतक की बेटी ने चार साल पहले लव मैरिज की थी लेकिन कुछ दिन पहले मृतक के दामाद की पत्नी और बेटी के गायब हो गई थी जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जिस पर मृतक के दामाद को शक था कि उसकी पत्नी और बेटी को उसके ससुर ने गायब किया है इस शक के आधार पर वह अपने ससुर के पास गया और विवाद करने लगा इस दौरान विवाद बढ़ने पर आरोपी दामाद ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर ससुर की धारदार हथियार से हत्या कर दी और फरार हो गया एसपी ने कहा कि हत्या के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है..दो आरोपियों की अभी तलाश जारी है।
Dakhal News
18 सूत्री मांगो को लेकर कर रहे हैं हड़ताल नगर निगम के सफाई कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने से शहर में साफ-सफाई की स्थिति बद से बदतर हो गई है जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है.. और बारिश की वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर सरकार की नीतियों का विरोध किया साथ ही वे सरकार से मांग कर रहे हैं उन्हें नियमित किया जाए उनके वेतनों में वृद्धि की जाए साथ ही सफाई कार्य में ठेका प्रथा समाप्त करने समेत नगर निगम क्षेत्र में कार्यरत प्राइवेट संविदा कर्मियों जैसे सफाई मित्र, वाहन चालकों को नियमित किए जाने की मांग की सफाई कर्मचारियों ने बताया की प्रदेश संगठन द्वारा मई एवं जून माह में किए गए पत्राचार पर कोई कार्यवाही नहीं होने से खंडवा निवासी वाल्मीकि समाज की बहन रंजीता चौहान वाल्मीकि बीते 10 जुलाई से आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं मगर प्रदेश सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है जिस कारण प्रदेश संगठन संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश के सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए वही कर्मचारियों की हड़ताल से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है सफाई कर्मियों के कारण मोरवा, बैढन शहर में जगह-जगह कचरे का ढेर दिखने लगा है इसके साथ ही घरों से कचरा संग्रहण का कार्य ठप हो गया यह हड़ताल कितने दिन चलेगी इस पर संशय बना हुआ है।
Dakhal News
आरोपी का घर बुल्डोजर से जमींदोज किया गया डिंडोरी में माँ शारदा की टेकरी मंदिर के गेट में स्थित हनुमान प्रतिमा के अपमान का मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठनों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है हिन्दू संगठनों ने कलेक्टर से मांग की थी की आरोपियों के घर जमींदोज कर दिए जाए जिसके बाद इस मामले में शामिल एक आरोपी पर एनएसए के तहत कार्यवाही कर उसके घर को जमींदोज कर दिया गया है। मां शारदा टेकरी मंदिर के गेट में स्थित हनुमान प्रतिमा के अपमान का मामला सामने आने के बाद लगातार हिंदू संगठनों के द्वारा आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए एनएसए लगाने सहित आरोपियों के मकान को जमींदोज करने की मांग जिला प्रशासन से की जा रही थी जिसके लिए हिंदू संगठनों ने लगातार चरणबद्ध आंदोलन किया इसी कड़ी में हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता कलेक्टर विकास मिश्रा से चर्चा करने के लिए पहुंचें थे लेकिन कलेक्टर के मौजूद न होने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने कलेक्ट्रेट के दोनों गेट पर ताला लगाते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद लोगों को बंधक बनाकर प्रदर्शन किया और साथ ही हिंदूवादी संगठनों ने आसपास की दुकानों को बंद कराकर नेशनल हाइवे जाम करते हुए कलेक्टर को बुलाने की मांग की कलेक्टर विकास मिश्रा के आने के बाद ही यह मामला शांत हुआ कार्यकर्ताओं ने बताया की कलेक्टर विकास मिश्रा के साथ बैठक के बाद यह निर्णय हुआ है कि आरोपीयों के मकान को जमींदोज किया जाएगा वही अब इस मामले में शामिल एक आरोपी पर एनएसए के तहत कार्यवाही कर उसके घर को जमींदोज कर दिया गया है। वही आरोपियों पर एनएसए लगाने की मांग पर चर्चा के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं से भाजपा जिला अध्यक्ष अवध राज बिलैया पर अभद्रता करते हुए उन पर लाठीचार्ज करवाने की बात कहने के आरोप लगे हैं इसके साथ ही जिला महामंत्री व शहपुरा मंडल अध्यक्ष पर हिंदू धर्म विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने लगाया है भाजपा के तीनों नेताओं से नाराज हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाईवे जाम कर प्रदर्शन के दौरान इन तीनों नेताओं का पुतला फूंका और तत्काल पार्टी से निष्कासित करने की मांग की वही इन आरोपों को लेकर बीजेपी जिला अध्यक्ष अवध राज बिलैया ने कहा की हिन्दू संगठनों का यह आरोप बिल्कुल भी बेबुनियाद है यदि किसी के पास सबूत है तो लाये नहीं है तो ऐसे बेबुनि